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झारखंड सरकार पर जबरन भूमि अधिग्रहण का आरोप

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रांची, 30 जुलाई, झारखंड के प्रमुख विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर भूमि अधिग्रहण कानून की अनदेखी कर जबरन जमीन अधिग्रहण का आरोप लगाया है और इसके खिलाफ चार अगस्त को हजारीबाग के बड़कागांव में सैकड़ों भू.रैयतों के साथ गिरफ्तारी देने की घोषणा की है। झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष गौतम सागर राणा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के के डी सिंह और जदयू के पवन पांडेय ने आज झाविमो कार्यालय में आयोजित संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में सामूहिक आंदोलन चलाये जाने की घोषणा की। श्री मरांडी ने कहा कि हजारीबाग के बड़कागांव में एनटीपीसी द्वारा ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया जाना है, इसके लिए जबरन भूमि अधिग्रहण की कोशिश के खिलाफ वर्ष 2004 से अब तक क्षेत्र के भू.रैयत संघर्षरत है। उन्होंने कहा कि विस्थापितों के आंदोलन को कुचलने के लिए कई बार एनटीपीसी ने पुलिस, प्रशासन एवं आसामाजिक तत्वों की मदद से ग्रामीणों पर लाठीचार्ज कराया। पिछले दिनों विरोध प्रदर्शन कर रहे विस्थापितों की जमकर पिटाई की गयी यहां तक कि महिलाओं को भी निर्मम तरीके से पीटा गया। उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों का हाल जानने के लिए 24 जुलाई को वह पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, राजद के प्रदेश अध्यक्ष गौतम सागर राणा और कुछ अन्य नेताओं के साथ बड़कागांव पहुंचे जहां एनटीपीसी ने उन सभी के अलावा 450-500 अज्ञात ग्रामीणों के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया। 


श्री मरांडी ने कहा कि जब मामला दर्ज करा दिया गया है, तो वह सभी ग्रामीणों के साथ चार अगस्त को बड़कागांव थाना पहुंचेंगे और पुलिस-प्रशासन को अपनी कार्रवाई करने का आग्रह करेंगे। झाविमो प्रमुख ने कहा कि भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र और राज्य सरकार बात गरीबों की करती है, लेकिन काम पूंजीपतियों के लिए करती है। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस-प्रशासन द्वारा उन्हें गिरफ्तार किया जाता है तो वे सभी जमानत नहीं लेंगे। राजद के प्रदेश अध्यक्ष श्री राणा ने आरोप लगाया कि राज्य में अघोषित आपातकाल लागू है और पुलिस-प्रशासन की मदद से दहशत फैलाने की कोशिश हो रही है, भू.रैयतों की आवाज को दबाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि बड़कागांव के लखीन्द्र ठाकुर समेत अन्य के नेतृत्व में आंदोलन चलाया जा रहा है। उन्हीं के बुलावे पर वे सभी 24 जुलाई को बड़कागांव में ग्रामीणों से मिलने पहुंचे थे लेकिन एनटीपीसी प्रबंधन द्वारा प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी इसलिए अब चार अगस्त को वे सभी गांधीवादी तरीके से बड़कागांव थाने जाएंगे। उन्होंने बताया कि किसानों एवं भू रैयतों के संघर्ष में वे सभी जेल जाने को तैयार है। पूर्व मंत्री केंद्रीय श्री सहाय ने कहा कि 2004 से 2016 के बीच भूमि अधिग्रहण के लिए एक बार भी ग्राम सभा की बैठक नहीं बुलायी गयी, एक बार उपायुक्त के चेंबर में बैठक बुलायी गयी, जिसका पूर्व मंत्री योगेंद्र साव ने विरोध किया तो उनकी पिटाई की गयी और विरोध प्रदर्शन के कारण ही उनकी पत्नी एवं विधायक निर्मला देवी समेत अन्य पर कई केस दर्ज कर दिये गये है जबकि योगेंद्र साव पर सीसीए लगाने के बाद उन्हें जिलाबदर कर दिया गया। उन्होंने कहा कि जबरन भूमि अधिग्रहण के कारण बड़कागांव ही नहीं बल्कि चांडिल एवं संथाल परगना के कई इलाके में भी ग्रामीण संषर्घरत है। कांग्रेस विधायक दल के नेता श्री आलम ने कहा कि पार्टी विस्थापितों के संघर्ष के साथ है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में ही वर्ष 2013 में नया भूमि अधिग्रहण कानून केंद्र में आया लेकिन राज्य सरकार इसका भी पालन नहीं कर रही है। 


जितेन्द्र श्रीवास्तव प्रेस क्लब के अध्यक्ष निर्वाचित

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  • श्रीवास्तव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को 6 मतों से हराया, शहर के पत्रकारों ने दी बधाई 
  • पत्रकार हित में हर कुर्बानी दूंगा: श्रीवास्तव 

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वाराणसी। काशी पत्रकार संघ के प्रेस क्लब के चुनाव में अध्यक्ष पद पर जितेन्द्र श्रीवास्तव 70 मत पाकर निर्वाचित घोषित किए गए। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी चंदन रूपानी को 6 मतों से हाराया। चुनाव अधिकारी के मुताबिक कुल 134 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जितेन्द्र श्रीवास्तव को 70 मत मिले, जबकि चन्दन रूपानी को कुल 64 मत मिला। जितेन्द्र श्रीवास्तव के अध्यक्ष चुने जाने पर क्लाउन टरइम्स के संपादक अशोक मिश्रा, प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष विकास पाठक, प्रमिला तिवारी, डॉ. दयानंद, एके लारी, राधेष्याम कमल, हरेन्द्र शुक्ला, बीडी मिश्रा, राजेश मिश्रा आदि ने बधाई दी है। निर्वाचित होने पर श्री श्रीवास्तव ने कहा पत्रकारों के हित की लड़ाई के लिए वह संघर्ष करेंगे। पत्रकारों का उत्पीड़न किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। 


गुजरात में राज्य मशीनरी और पुलिस के संरक्षण में अपराधी गौरक्षा समितियों ने दलितों पर किया हमला.

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  • बिहार विधानसभा से गुजरात दलित उत्पीड़न के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने की माले करेगा मांग.
  • टाॅपर घोटाला के राजनीतिक संरक्षण की न्यायिक जांच और अन्य मुद्दों पर 1 अगस्त को विधानसभा के समक्ष धरना.

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पटना 31 जुलाई 2016, ऊना की घटना देश के विभिन्न हिस्सों में चल रही घटनाओं का ही एक दोहराव है. पूरी घटना में साफ तौर पर दिखता है कि किस तरह राज्य प्रशासन, पुलिस और हिंदू हितों की रक्षा के नाम पर समाज में मौजूद विभिन्न लंपट - गुंडा तत्वों का संगठित गठजोड़ आरएसएस - भाजपा के ऐजेंडे को लागू कर रहा है. ऊना के आसपास के गांवों में भी लंपट - अपराधी तत्वों ने अपने आप को गौ रक्षक बताते हुए गौ रक्षा दल बनाऐ हैं.  इस घटना के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों/कर्मियों को तत्काल निलंबित कर उनके ऊपर दलित एक्ट के मुताबिक कार्यवाही की जानी चाहिए. इस पूरे मामले में राज्य की भाजपा सरकार और उसके इशारे पर पुलिस - प्रशासन ने लगातार अपराधियों को बचाने का काम किया है. यह इस बर्बर घटना पर उसके द्वारा की गई कार्यवाही से स्पष्ट हो जाता है. हम जब इस घटना के 15 दिन बीत जाने के बाद इस इस गांव में पहुंचे तो तब तक पूरी घटना में शामिल 40 से ज्यादा लोगों में से सिर्फ 17 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. ग्रामीण इस बात का जिक्र स्पष्ट तौर पर करते हैं कि पूरी घटना पुलिस की शह पर हुई लेकिन मात्र तीन पुलिस वालों को निलंबित किया गया है. दिनांक 11.07.16 को धारा 307, 395, 324, 323, 504 और ‘गुजरात पुलिस एक्ट’ 135 आई.पी.सी. व ।बजतवबपजपे ंबज बवसनउपद ेमबण्3 ;2द्ध ;5द्ध के तहत मात्र 6 लोगों को ही नामजद किया गया.


इस दौरे के बाद स्थानीय जनता - ग्रामीणों और प्रभावितों से बातचीत करने के बाद हमने महसूस किया है कि केन्द्र में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने पूरे देश में अल्पसंख्यकों - दलितों - लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास रखने वाले संगठनों व्यक्तियों पर हमला लगातार तेज हुआ है. गुजरात प्रकरण ने इसे और भी वीभत्स तरीके से सामने ला दिया है. दलितों को बुरी तरह अपमानित और पीटे जाने वाले इस प्रकरण के लिए राज्य सरकार और मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल ने जिस तरह उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाकर अपराधियों को परोक्ष रूप से शह दी उसके लिए जांच टीम मांग करती है कि मुख्यमंत्री को दलितों से माफी मांगते हुए अपने पद से इस्तीफ देना चाहिए. ऊना में  तथाकथित गौ रक्षकों द्वारा हमले में बुरी तरह मारे और अपमानित किए गए दलित नौजवानों के परिवारों से मुलाकात की. ऊना कस्बे के पास स्थित मोटा समधिया गांव की आबादी 3000 है, इसमें 26 -27 दलित परिवार रहते हैं. सभी दलित परिवारों के लोग खेत मजदूर हैं, नौजवानों का एक छोटा हिस्सा पढ़ा लिखा बेरोजगार है. इन दलित परिवारों में सिर्फ एक परिवार (बालू भाई वीरा भाई समदिया) मरे हुए घरेलू जानवरों का चमड़ा उतरने का काम करता है. यह हमला इसी परिवार के नौजवानों पर किया गया 

अपने दौरे में जांच दल अहमदाबाद के चांदखेड़ा में इस घटना के विरोध में विभिन्न दलित संगठनों द्वारा चलाए जा रहे धरने में भी शामिल हुआ और उनकी मांगों और आंदोलन के प्रति अपनी एकजुटता जाहिर की. गंभीर रूप से घायल सभी दलितों को अविलंब 5 - 5 लाख रूपए का मुआवजा दिया जाय साथ ही उन्हें सम्मानजनक ढंग से जिंदगी बसर करने के लिए रोजगार की गारंटी सरकार करे. गुजरात के इस बर्बर प्रकरण में जांच दल मांग करता है कि जगह जगह गठित गौ - रक्षा दलों (जिनमें कि आरएसएस और शिवसेना के लोग ही हैं) पर तत्काल गुजरात में प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. जांच टीम में भाकपा माले के पोलित ब्यूरो सदस्य काॅ प्रभात कुमार, अखिल भारतीय खेत मजदूर सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद रामेश्वर प्रसाद सिंह, आॅल इंडिया पीपुल्स फोरम के तुषार परमार, इंकलाबी नौजवान सभा के राष्ट्रीय सचिव अमित पटनवाडिया और ब्लैक पैंथर के अभिषेक परमार शामिल थे. भाकपा-माले बिहार विधानसभा के सत्र चालू सत्र में गुजरात में दलितों के बर्बर दमन के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने की मांग करेगी. इधर बिहार में मुजफ्फरपुंर, दरभंगा आदि जगहों पर दलितों-गरीबों पर बढ़ते सामंती-सांप्रदायिक पर रोक लगाने, टाॅपर घोटाले के राजनीतिक संरक्षण की उच्चस्तरीय जांच कराने, अनाज के बदले पैसा योजना वापस लेने, मध्यान्ह भोजन योजना को एनजीओ के हवाले किए जाने के खिलाफ 1 अगस्त को विधानसभा के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया जाएगा.

भाकपा प्रतिरोध दिवस मानयेगी : अमरजीत कौर

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पटना,  31 जुलाई। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अमरजीत कौर ने जनषक्ति भवन, पटना में आयोजित प्रेस सम्मेलन में बोलते हुए कही कि महंगाई, बेरोजगारी, राषन की नियमित आपूत्र्ति, भ्रष्टाचार कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति, केन्द्र और राज्य सरकार की जनविरोधी नीतियांे को लेकर 1 अगस्त से 8 अगस्त तक जन जागरण अभियान एवं 9 अगस्त को बिहार के सभी जिला समाहरणालयों पर धरना, प्रदर्षन का आयोजन करेगी। आंदोलन के अगले चरण में जनता के ज्वलंत सवालों को लेकर 17 अगस्त को बिहार के सभी जिला मुख्यालयों पर कलक्टर के समक्ष धरना, प्रदर्षन, सत्याग्रह का आयोजन कर प्रतिरोध दिवस मानयेगी।राष्ट्रीय सचिव अमरजीत कौर ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार श्रमिकों एवं श्रम कानूनों पर हमला कर रही है। एफ.डी.आई. को कई क्षेत्रों में आमंत्रित कर रही है। 12 सूत्रों मांगों को लेकर देष के तमाम सेन्ट्रल ट्रेड यूनियन, 2 सितम्बर को राष्ट्रव्यापी आंदोलन करने जा रही हैं जिसका भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी पुरजोर समर्थन कर रही है।उन्होंने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार विष्वविद्यालयों, छात्रों, षिक्षकों समेत जनवादी संस्थाओं व शक्तियों पर हमले कर रही है और इसके प्रतिरोध में उठने वाली हर आवाज को कुचलने का प्रयास कर रही है। इसके खिलाफ सी.पी.आई. लगातार आंदोलन चला रही है। 


भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की  राष्ट्रीय परिषद की बैठक 15 से 17 जुलाई तक नई दिल्ली में हुई जिसमें 5 राज्यों में हुए चुनावों तथा 6 राज्यों में होने वाले चुनावों पर विचार किया गया। जनसंगठनों के महत्व को रेखांकित करते हुए उनकी सक्रियता को और बढ़ाने का निर्णय लिया गया। श्रीमति कौर ने बताया कि राष्ट्रीय परिषद की बैठक में हुए निर्णयों के आलोक में बिहार राज्य परिषद की बैठक चल रही हैं। बिहार राज्य परिषद ने निर्णय लिया है कि ट्रेड यूनियन द्वारा 2 सितम्बर को राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल को राज्य में पूरी मजबूती से अपना समर्थन देगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जनता के हित में जो कदम उठायेगी उसका हम समर्थन करेंगे। राज्य सरकार ने महिलाओं को रोजगार देने, शराब बंदी जैसे कदम उठायी है, यह तो अच्छा है किन्तु सूबे में महिलाओं, दलितों पर हमले बढ़े है, कानून व्यवस्था की हालत अच्छी नहीं है। यह समस्या है और हमारे राज्य परिषद की बैठक में भी इस पर विचार हुआ है। इन्हीं सब मुद्दों को लेकर आंदोलन शुरू हो रहे हैं। श्रीमति कौर ने कहा कि हम शराब बंदी समेत अन्य कानूनों में की जानेवाली ज्यादती का विरोध करते हैं। शराब बंदी अच्छी है। इससे महिला हिंसा थमेगी लेकिन ज्यादती अच्छी नहीं है। 

बिहार की नौकरियों में 80 फीसदी आरक्षण की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सी.पी.आई. की बिहार राज्य परिषद ने भी इसका समर्थन किया है। लेकिन यह राजनीतिक मुद्दा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में 2 लाख से ज्यादा पद रिक्त हैं, बिहार सरकार उन्हें भरना शुरू कर घोषणा को लागू करें। श्रीमति कौर ने मजबूती से मांग की कि बिहार सरकार युवाओं को प्रतिमाह एक हजार रुपया बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा की थी उसे शीघ्र पूरा करें। राष्ट्रीय सचिव अमरजीत कौर ने कहा कि 6 राज्यों में चुनाव होने जा रहा है जिसमें अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग गठबंधन बनाना होगा। जहां संभव होगा गठबंधन होगा। यूपी में वामदलों का संयुक्त आंदोलन चल रहा है। 3 क्षेत्रीय कन्वेंषन हो चुके हैं। भाकपा राज्य सचिव का॰ सत्य नारायण सिंह ने कहा कि राज्य परिषद की बैठक में बाढ़ पीड़ितों के मुद्दों पर विचार हुआ है। हम बाढ़ पीड़ितों को लेकर आंदोलन चलायेंगे। उन्होंने कहा कि चावल और गेहूँ की आपूत्र्ति करने के बजाय पैसा देने की बात की जा रही है। सामाजिक सुरक्षा पेंषन का बैंक से भुगतान किया जा रहा है। हम इसका विरोध करते हैं और मांग करते है कि चावल-गेहूँ की पूर्व की भांति आपूत्र्ति करें। साथ ही सामाजिक सुरक्षा पेंषन का सीधे नगद भुगतान करें।

‘मातृ एवं शिशु मृत्यु दर, एनीमिया और किशोर-किशोरियों संबंधी समस्याओं पर अपनी चिंता व्यक्त की’

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पटना । महावीर मंदिर, पटना द्वारा संचालित महावीर वात्सल्य अस्पताल, पटना में शुक्रवार को एकदिवसीय ‘‘निःशुल्क स्वास्थ्य मेला’’ का उद्घाटन बिहार के राज्यपाल महामहिम राम नाथ कोविन्द के कर कमलों द्वारा किया गया । इस स्वास्थ्य मेला के दौरान कुल 567 व्यक्तियों का महावीर हार्ट इंस्टीच्यूट और महावीर वात्सल्य अस्पताल के विभन्न विशेषज्ञों द्वारा परीक्षण किया गया जिसमें से 437 व्यक्तियों का निःशुल्क पैथोलॉजिकल जाँच भी की गयी । इस अवसर पर बिहार की प्रथम महिला श्रीमती सविता कोविन्द और बिहार के लोकायुक्त न्यायमूर्ति मिहिर कुमार झा भी उपस्थित थे । उद्घाटन के बाद उन्होंने महावीर हार्ट इंस्टीच्यूट और महावीर वात्सल्य अस्पताल का परिदर्शन किया । महामहिम ने महावीर हार्ट इंस्टीच्यूट में संस्थापित कैथलेब मशीन और संस्थान द्वारा न्यूनतम दर पर उपलब्ध करायी जा रही हृदय संबंधी स्वास्थ्य सुविधाओं की प्रशंसा की । महामहिम और श्रीमती कोविन्द ने विशेष तौर पर नवजात शिशु गहन चिकित्सा में भर्ती सारे बच्चों हेतु शुभकामना भी दी ।

बिहार के राज्यपाल महामहिम राम नाथ कोविन्द ने इस अवसर पर कहा कि श्री महावीर मंदिर न्यास समिति एवं इसके द्वारा संचालित विभिन्न अस्पताल समाज के सभी वर्गों खासकर गरीबों के जनहित हेतु प्रशंसनीय कार्य कर रहें हैं । उन्होंने कहा कि महावीर वात्सल्य अस्पताल द्वारा नवजात शिशुओं, बच्चों, उनकी माताओं, वयस्कों एवं बुजुर्गों को जो स्वास्थ्य सुविधाएँ न्यूनतम शुल्क पर उपलब्ध करायी जा रही हैं उसके लिए महावीर मंदिर न्यास समिति विशेषकर श्री किशोर कुणाल बधाई के पात्र हैं । महामहिम ने बिहार की वर्तमान मातृ एवं शिशु मृत्यु दर, एनीमिया और किशोर-किशोरियों संबंधी समस्याओं पर अपनी चिंता व्यक्त की और उन्होंने समय रहते इन समस्याओं को नियंत्रित किये जाने पर बल दिया ।


सभा की अध्यक्षता करते न्यायाधीश उदय सिन्हा ने कहा कि आम जरूरतमंदों विशेषकर समाज के पिछड़े वर्गों के पीड़ितों को महावीर मंदिर द्वारा संचालित विभिन्न अस्पतालों द्वारा न्यूनतम शुल्क पर उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध करायी जा रही हैं जिसके लिए श्री महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव श्री किशोर कुणाल बधाई के पात्र हैं क्योंकि उन्हीं के मार्गदर्शन एवं कुशल प्रबंधन से ऐसा संभव हो सका है जिससे समाज के सभी वर्गों के लोग लाभान्वित हो रहे हैं । बिहार के लोकायुक्त न्यायाधीश मिहिर कुमार झा ने कहा कि महावीर आरोग्य संस्थान एवं महावीर कैंसर संस्थान की स्थापना के बाद महावीर मंदिर न्यास ने महावीर वात्सल्य की स्थापना की जिसका उद्घाटन 30 अप्रैल, 2006 को हुआ । इस अस्पताल को बच्चों की बीमारी के सुपरस्पेशल्टी केन्द्र के रूप में विकसित किया गया है । इसमें नवजात बच्चों के उपचार के लिए हर तरह की सुविधा सुलभ करायी गयी है । इस अस्पताल ने हजारों बच्चों की जानें बचायी है । बिहार में एक छत के नीचे इतनी सुविधा कहीं नहीं है और यहाँ के सभी डॉक्टर बहुत योग्य और निष्ठावान हैं ।

ए. एन. एम. नर्सेज ट्रेनिंग इंस्टीच्यूट और महावीर पारामेडिकल ट्रेनिंग एवं रिसर्च इंस्टीच्यूट के निदेशक डॉ. एस. पी. श्रीवास्तव ने अतिथियों का स्वागत किया और अस्पताल के 10 वर्षों की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला । डॉ. श्रीवास्तव ने स्वास्थ्य मेला की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस तरह के मेला का आयोजन समय-समय पर किया जाना चाहिए जिससे कि एक ही स्थान पर मेला में आये रोगियों की सम्पूर्ण स्वास्थ्य परीक्षण कम समय में आसानी से संभव हो पाता है क्योंकि मेला के दौरान स्वास्थ्य परीक्षण से संबंधित भिन्न-भिन्न तरह के विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध रहते हैं । उन्होंने सेव द चिल्ड्रेन द्वारा शिशु मृत्यु दर को कम करने हेतु शिशुओं के समग्र चिकित्सा हेतु 1000 दिनों का लक्ष्य निर्धारित करने एवं अलाईव एण्ड थ्राईव द्वारा बिना खून का सैम्पल लिये एनीमिया की जाँच की तकनीक विकसित करने के प्रयासों की प्रशंसा की । डॉ. श्रीवास्तव ने स्वास्थ्य मेला के आयोजन में सहयोग करने हेतु स्वंयसेवी संगठनों यूनिसेफ, सेव द चिल्ड्रेन, केयर और अलाईव एण्ड थ्राईव के प्रतिनिधियों एवं उनके सहयोगियों की काफी प्रशंसा की ।


महावीर वात्सल्य अस्पताल के निदेशक डॉ. एस. एस. झा ने इस अवसर पर कहा कि महावीर हार्ट इंस्टीच्यूट द्वारा न्यूनतम शुल्क पर उपलब्ध कराये जा रहे हृदय संबंधी स्वास्थ्य सुविधाओं हेतु संस्थान के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अशोक कुमार की प्रशंसा की । डॉ. झा ने नवजात शिशुओं के लिए बिहार राज्य के सबसे उत्कृष्ठ केन्द्र के रूप में ख्याति प्राप्त अस्पताल होने के लिए शिशु रोग विभाग के चिकित्सकों को बधाई दिया । नवजात शिशुओं की देखरेख के साथ High risk pregnancy cases की संख्या में हो रही उतरोत्तर वृद्धि के लिए स्त्री रोग विभाग के चिकित्सकों द्वारा किये जा रहे सतत प्रयासों की सराहना की एवं अत्याधुनिक प्रसूति कक्ष (Labor room ) एवं शल्य कक्ष (O. T.) की उपलब्धता की जानकारी दी । हड्डी रोग विभाग में किये जा रहे वात रोग (Osteoarthritis) एवं गठिया रोग (Rheumatoid Arthritis) के घुटनों एवं कुल्हों के जोड़ का अत्याधुनिक प्रत्यारोपण केन्द्र जहाँ कम्प्यूटर की मदद से इसके सर्जरी की सुविधा इस अस्पताल में उपलब्धता के बारे में सूचित किया । पैथोलॉजी विभाग में उत्कृष्ठतम मशीनों द्वारा अत्याधुनिक तरीकों से की जा रही जाँच पर विभाग के निष्ठावान कर्मचारियों एवं विभागाध्यक्ष के सतत प्रयास की सराहना की । अंत में ए. एन. एम. नर्सेज ट्रेनिंग इंस्टीच्यूट और महावीर पारामेडिकल ट्रेनिंग एवं रिसर्च इंस्टीच्यूट के प्राचार्या डेजी रानी ने महामहिम श्री राम नाथ कोविन्द, बिहार की प्रथम महिला श्रीमती सविता कोविन्द, बिहार के लोकायुक्त न्यायमूर्ति मिहिर कुमार झा, न्यायमूर्ति उदय सिन्हा, न्यायमूति पी. के. सिन्हा, न्यायमूर्ति राजेन्द्र प्रसाद, यूनिसेफ प्रमुख डॉ. यामीन मजूमदार, महावीर कैंसर संस्थान के निदेशक डॉ. विजय कुमार गहलोत, डॉ. एल. एन. राम, डॉ. रानी इन्दिरा सिंह सहित समारोह में उपस्थित सभी अतिथियों, स्वंयसेवी संगठनों एवं प्रेस मीडिया से आये प्रतिनिधियों के प्रति आभार प्रकट किया ।

बिहार में बाढ़ का कहर !!

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पटना। वर्तमान में नेपाल के तराई क्षेत्रों में भारी वर्षा जारी है। इसका अधिक प्रभाव उत्तर बिहार में देखा जा रहा है। महानन्दा, बखरा, कंकई, परमार, कोसी एवं अन्य नदी में उफान आ गया है।इसके कारण राज्य के पूर्णियां, किशनगंज, अररिया, दरभंगा, मधेपुरा, भागलपुर, कटिहार, सहरसा, सुपौल, गोपालगंज जिला बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। 

आपदा प्रबंधन विभागः जारी प्रेस नोट में बताया गया है कि कुल 10 प्रभावित जिले हैं। कुल 49 प्रखंड के 254 पंचायत आंशिक और 232 पूर्ण रूप से प्रभावित है। प्रभावित गांवों की संख्या 1789 है। 21.99 लाख जनसंख्या बाढ़ आपदा से परेशान हैं। बाढ़ से घिरे क्षेत्रफल है 1.83 लाख हेक्टयर। 0.90 लाख हेक्टेयर प्रभावित फसलों का रकवा है। अबतक 26 व्यक्तियों की मौत बाढ़ से हो गयी है। इसमें सर्वाधिक मौत 8 सुपौल जिले में, 7 पूर्णिया में, 5 किशनगंज,कटिहार और मधेपुरा में 2-2। 1 अररिया में मौत हुई है। वहीं 2 पशुओं की भी मौत हुई है।

तिनका-तिनका जोड़कर निर्मित 4639 झोपड़ियां बही:गरीब लोगों ने तिनका-तिनका जोड़कर झोपड़ी बनाये थे। वह बाढ़ की विनास लीला का शिकार बन गयी। विवरण विस्तार से है। गृह क्षति -(प) पक्का (क) आंशिक -312(ख) पूर्ण -72, (पप) कच्चा (क)  आंशिक -2818 (ख) पूर्ण -1885 और (पपप) झोपड़ी 4639 है। क्षतिग्रस्त गृहों का अनुमानित मूल्य -67.91 लाख है। क्षतिग्रस्त सार्वजनिक सम्पत्ति का अनुमानित मूल्य - आकलन किया जा रहा है। 


अब तक 3 लाख 88 हजार 9 सौ 51 जनंसख्या ही निष्क्रमित: सूबे के 10 जिले में बाढ़ से घिरे लोगों को निकालने का प्रयास जारी है। परिचालित नावों की संख्या है। (क) सरकारी देशी नाव - 487 और निजी नाव - 363 है। इनके बल पर 388951 जनसंख्या को निष्क्रमित की गयी। चलाए जा रहे राहत कैम्पों की संख्या -369,शिविरों में रह रहे लोगों की संख्या -205729, चिकित्सा दलों की संख्या - 102पशु शिविरों की संख्या - 39।

सूखा राहत वितरण का विवरण-चूड़ा-1753 क्वीं0, गूड़-360 क्वीं0, दीया-सलाई -79300 पैकेट, मोमवत्ती-3540 पैकेट, किरासन तेल-97955 ली0 पाॅलिथिन शीट्स-17342 शीट्स एवं फूड पैकेट-520।

1. बाढ़ के मद्देनजर सुपौल, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, दरभंगा एवं दीदारगंज, पटना में एन0डी0आर0एफ0 की एक-एक टीमें पदस्थापित की गई थी, जबकि खगड़िया, सीतामढ़ी, पूर्णियां, भागलपुर, मधुबनी, मधेपुरा में एस0डी0आर0एफ की एक-एक टीम पदस्थापित की गई थी। एन0डी0आर0एफ0 एवं एस0डी0आर0एफ0 की दो-दो टीमें बिहटा, पटना में सुरक्षित रखी गई थी।
2. बाढ़ग्रस्त अररिया जिले में राहत कार्य हेतु सुपौल जिला से 20 एन0डी0आर0एफ0 जवानों को भेजा गया है। इसके अतिरिक्त बिहटा, पटना से एन0डी0आर0एफ0 की एक स्पेशल टीम (40 जवान) भेजी गई है। साथ ही मधेपुरा से भी एस0डी0आर0एफ0 की एक टीम (20 जवान) अररिया भेजी गई है। साथ ही भोजपुर एवं बक्सर से 25-25 सरकारी देशी नाव भी अररिया भेजा गये हैं।
3. पूर्णियां जिला में एस0डी0आर0एफ0 की एक टीम पूर्व से प्रतिनियुक्त है। दरभंगा जिले से पदस्थापित एन0डी0आर0एफ0 की एक टीम (45 जवान) पूर्णियां जिला में राहत एवं बचाव कार्य हेतु भेजा गया है। इसके अतिरिक्त एस0डी0आर0एफ0 की एक विशेष टीम (65 जवान) बिहटा, पटना से पूर्णियाँ जिला में राहत एवं बचाव कार्य के लिए भेजी गई है। साथ ही खगड़िया एवं मुजफ्फरपुर जिला से 25-25 सरकारी देशी नाव पूर्णियाँ जिला को भेजा गया है। 
4. बाढ़ग्रस्त किशनगंज जिले में बचाव एवं राहत कार्य हेतु पूर्णियां जिला से दो इन्फलेटेबल मोटरबोट के साथ एस0डी0आर0एफ0 के 10 जवानों को एवं खगड़िया जिला से 4 इन्फलेटेबल मोटरबोट के साथ 20 एस0डी0आर0एफ0 जबानों को भेजा गया है। इसके अतिरिक्त दरभंगा जिला से एन0डी0आर0एफ0 के 20 जवानों को किशनगंज जिला भेजा गया है। साथ ही दरभंगा एवं लखीसराय जिले से 50 सरकारी देशी नाव भी भेजा गया है।
5. एस0डी0आर0एफ0 की एक टीम (20 जवान) मधुबनी से कटिहार भेजी गयी है। 
6. सीतामढ़ी जिला से पदस्थापित एसडीआरएफ की टीम में से आधी टीम (20 जवान) पूर्वी चम्पारण (मोतिहारी) भेजी गई है।
7. मुजफ्फरपुर से एन0डी0आर0एफ0 की एक टीम (12 जवान) प0 चम्पारण (बेतिया) जिला में भेजा गया है। बिहटा (पटना) एवं दीदारगंज (पटना) से एन0डी0आर0एफ0 की 1 - 1 टीम गोपालगंज भेजी गई है।
8. 15000 -15000 तैयार ड्राई फुड पैकेट मुजफ्फरपुर, मधुबनी, सहरसा, मधेपुरा जिला से पूर्णियां भेजा जा रहा है। ड्राई फुड पैकेट में 500 ग्राम सत्तु, 2 क्रि0ग्रा0 चूड़ा, 250 ग्राम चीनी, छोटा पैकेट नमक, मोमगबत्ती, माचिस, एक टाॅर्च, एवं पाउडर दूध को पैकेट रखे जाने का निदेश दिया गया है।
9. पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी एवं शिवहर से क्रमशः 5000, 3000, 4000, 3000 एवं 5000 कुल - 20000 पाॅलीथीन शीट्स पूर्णियाँ जिला को भेजा जा रहा है।

बेगूसराय (बिहार) की खबर (31 जुलाई)

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अपनी कुव्यवस्था पर आंसू बहाता विद्यालय

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अरुण कुमार,मटिहानी,बेगुसराय। पुरे देशभर में चल रही सफाई अभियान जो की स्वयं देश के प्रधानमन्त्री श्री मोदी जी के द्वारा चलाया गया है,उसकी धज्जियाँ उड़ा के रख दिए हैं हरदिया के एक ग्रामीण ने।अतिक्रमण के कारण वहाँ इतनी गन्दगी फैली हुई है की लोगों का वहाँ खड़ा रहना मुश्किल है और उक्त स्कुल के शिक्षक वहाँ बच्चों को कैसे पढ़ाते हैं यह सोचनीय विषय है।इस स्कुल में इस तरह की गंदगियों पर शिक्षक का कोई ध्यान ही नहीं तो फिर और किसका ध्यान होगा,कोई भी पदाधिकारी ब्लॉक के भी कभी देखने नहीं आते हैं शायद यदि आते तो स्कुल की ऐसी दुर्दशा नहीं होती।स्कुल के शिक्षक शायद अतिक्रमणकारियों से डरते हों अथवा मिले हुए हों ऐसा ही कुछ होगा परन्तु अधिकारी यदि स्कुल निरिक्षण में आते तो शायद उक्त स्थानों में गन्दगी के जगह फूल पत्तियाँ (फुलवारी)लगा हुआ मिलता जो देखने में कितना प्रिय लगता।व्यवस्था की बात आई तो ये भी बता दूँ कि 2015 में नियोजित शिक्षिका नम्रता कुमारी आईं जिनका तनख्वाह मात्र 2 या 3 महीनो का ही मिला है बाकी बकाये का जो 7/8 महीनो का है वो कब मिलेगा या नहीं मिलेगा ये तो वक्त ही बताएगा।ऐसी है बिहार सरकार की लचर पचर व्यवस्था।इस स्कुल में कुल तीन शिक्षक और एक शिक्षिका हैं।यहाँ के प्रधानाध्यापक शशिभूषण पासवान जब से स्कुल में पढ़ाई का श्री गणेश हुआ यानि 2006 से 2016 यानि अभी तक एक ही जगह कुण्डली लगाए पड़े हुए हैं इनका कभी भी कही अन्यत्र इन 11 वर्षों में तवादला ही नहीं हुआ है शायद शिक्षा विभाग ही इन्हें यही रखना चाहते होंगे।दूसरे शिक्षक गौरव कुमार हैं वो नहीं हैं जनाव दो वर्षीय प्रशिक्षण में गए हैं सरकारी कोटा से जिसका लेटर भी स्कुल में प्रमाण के लिए रख छोड़े हैं ।तीसरे शिक्षक हैं मो• शकिल अहमद जो की उर्दु के शिक्षक हैं और इस स्कुल में उर्दू पढ़नेवाला एक भी विद्यार्थी नहीं है तो ये सारा दोष तो व्यवस्था का ही माना जाएगा।चौथी शिक्षिका हैं नम्रता कुमारी जिनका दू:ख दर्द ऊपर ही बयान कर चुका हूँ।आगे आपको ये भी बता दूँ की इस स्कुल में पढ़ने वाले छात्र एवं छात्राओं के लिए ना तो पानी की व्यवस्था है और ना ही शौचालय आदि की ही कोई व्यवस्था है मगर सरकार घर घर शौचालय बनवाने की बात करती है।जब सरकारी व्यवस्था की ऐसी हालत है तो सरकार के द्वरा शौचालय के लिए प्रोत्साहित करना बेमानी साबित हो रहा है।ऐसी स्कूली व्यवस्था पर शिक्षा विभाग की निष्क्रियता पर कई सवाल खड़े होते हैं।


गाड़ी चेकिंग से अपराध पर लगेगा अंकुश

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अरुण कुमार,मटिहानी,बेगुसराय। आज मुफसिल थाना के धर्मेन्द्र पाल मंझौल रोड में कोरीया और मोहनपुर के बीच अपने दल बल के साथ बाइक चेकिंग अभियान में,हेलमेट,गाडी के पेपरों के तहत रजिस्ट्रेशन पेपर,इनश्योरेंश,ट्रिपल लोडिंग,ड्राइविंग लाएसेंस और नशा पर तो पूरा ध्यान देकर बड़े ही शख्ती से चेक किया जा रहा था। ड्रायविंग लाइसेंस का फाइन 500/= इंश्योरेंश का 1000/=रजिस्टेशन फेल का 1000/=नशा का 2000/=ट्रिपल लोडिंग में 500/=प्रदुषण का 200/= और हेलमेट नहीं रहने पर 1000/= रुपये का फाइन किया जा रहा था।इस तरह के त्रुटियों में चलान किया गया कुल मिलाकर 4350 रुपये की वसूली कर सरकारी राजस्व में भी इजाफा हो रहा है।धर्मेन्द्र पाल के साथ थे नवनीत कुमार और तीन सिपाही इस कार्य को अंजाम दे  रहे थे।आजकल जिस तरह से हर क्षेत्र में छापेमारी अभियान,सड़कों पर बाईक  चेकिंग अभियान जिस सूझ बुझ के साथ चलाया जा रहा है इससे अपराध एवं अपराधियो पर निश्चित ही अंकुश लगेगा।

पेट्रोल-डीजल हुआ सस्ता

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नयी दिल्ली 31 जुलाई, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आयी गिरावट के कारण देश में पेट्राेल 1.42 रुपये प्रति लीटर तथा डीजल 2.01 रुपये प्रति लीटर सस्ता हो गया है। इनकी संशोधित कीमतें आज मध्यरात्रि से प्रभावी होंगी। देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कारपोरेशन लिमिटेड ने आज यहाँ कहा कि इस कटौती के बाद राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 61.09 रुपये प्रति लीटर और डीजल 52.27 रुपये प्रति लीटर हो जाएगा। उसने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आने के साथ ही डॉलर की तुलना में भारतीय मुद्रा के मजबूत होने की बजह से ईंधन की कीमतों में कटौती की गयी है आैर इसका लाभ उपभोक्ताओं को दिया गया है। कंपनी ने कहा कि कच्चा तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों तथा रुपया-डॉलर विनिमय दर पर आगे भी नजर रखी जाएगी और उसी हिसाब से भविष्य में पेट्रोल-डीजल की कीमतों का निर्धारण होगा।


कश्मीर हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 53 हुई

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श्रीनगर. 31 जुलाई, कश्मीर में गत नौ जुलाई से भड़की हिंसा के दौरान सुरक्षा बलों की कथित पिटाई से घायल एक और युवक की मौत हो जाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 53 हो गई है। हिंसा की घटनाओं में दो पुलिसकर्मी भी शहीद हुए हैं जबकि पांच हजार से अधिक घायल हुए हैं जिनमें आधे सुरक्षाकर्मी शामिल हैं। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सोपोर में गत 23 जुलाई को सुरक्षा बलों की कथित पिटाई से गंभीर रूप से घायल इश्फाक अहमद डार की एस.आयुर्विज्ञान संस्थान में मौत हो गई। इश्फाक की मौत की खबर उसके पैतृक शहर में पहुंचते ही वहां व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारी घटना के लिए जिम्मेदार सुरक्षा बल के जवानों की अविलम्ब गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सुरक्षा बल के जवानों ने लाठियों और रायफल से इश्फाक को पीटकर बुरी तरह जख्मी कर दिया था। गौरतलब है कि दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकरनाग में गत आठ जुलाई को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी समेत तीन आतंकवादियों के मारे जाने के अगले दिन से कश्मीर घाटी में व्यापक विरोध शुरू हो गया था और हिंसा भड़क गयी थी। इश्फाक की मौत के साथ हिंसा में मारे गये लोगों की संख्या बढ़कर 53 हो गई है। हालांकि स्थानीय मीडिया के मुताबिक मरने वालों की कुल संख्या 54 है।

मोदी ने दुआओं के साथ दिखाई ‘रन फोर रियो’ को हरी झंडी

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नयी दिल्ली, 31 जुलाई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को यहां मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम से रियो ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने जा रहे एथलीटों को ‘खेलो और सफल होने’ की शुभकामनाओं के साथ ‘रन फोर रियो’ को हरी झंडी दिखाई। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि खिलाड़ी ब्राजील के रियो डी जेनेरो में होने वाले ओलंपिक खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे। श्री मोदी ने कहा“ हर खिलाड़ी ने यहां तक पहुंचने के लिये अपनी ओर से बहुत मेहनत की है और हमें उम्मीद है कि वे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे।” श्री मोदी ने पांच से 21 अगस्त तक चलने वाले ओलंपिक खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करने जा रहे एथलीटों के लिये आयोजित कार्यक्रम ‘रन फोर रियो’ के माैके पर कहा“ पहले खिलाड़ियों को तैयारी करने का बहुत कम समय मिलता था लेकिन अब खिलाड़ियों को कम से कम 15 दिन का समय मिलता है जब वे उस जगह की परिस्थितियों के अनुकूल खुद को ढाल पाते हैं।” इस कार्यक्रम के अवसर पर खेल मंत्री विजय गोयल भी मौजूद थे। यहां रियो ओलंपिक की टीशर्ट पहने करीब 20 हजार स्कूली छात्र मौजूद थे जिन्होंने तिरंगा फहराकर रियो एथलीटों की हौसला अफजाई की। कार्यक्रम के आयोजन स्थल मेजर ध्यानचंद स्टेडियम से जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम तक लोगों की भीड़ इस कार्यक्रम के लिये उमड़ी थी। उल्लेखनीय है कि इस बार भारत ने ओलंपिक में 119 सदस्यीय दल उतारा है जो उसका इन खेलों में अब तक का सबसे बड़ा दल है। प्रधानमंत्री ने ध्यानचंद स्टेडियम से अपने संबोधन में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि एथलीट देश का गौरव बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा“ मुझे यकीन है कि हमारे एथलीट दुनिया का दिल जीतेंगे और दुनिया को दिखाएंगे कि भारत क्या है। मुझे यकीन है।” उन्होंने साथ ही बताया कि सरकार ने एक टीम गठित की है जो एथलीटों को विदेशी जमीन पर भी भारतीय खाना उपलब्ध कराएगी और उन्हें अब विदेशी खाना खाने की अादत नहीं डालनी होगी।


प्रधानमंत्री मोदी सुबह आठ बजे ध्यानचंद स्टेडियम पहुंचे जहां केंद्रीय खेल मंत्री गोयल ने उनका अभिवादन किया। इसके बाद श्री मोदी ने यहां मौजूद युवाओं को संबोधित किया और सबसे पहले युवाअाें और छात्रों से रियो जाने वाले 119 सदस्यीय भारतीय दल की हौसला अफजाई करने के लिये भारत माता के नारे लगवाये। इस उत्साह से भरे माहौल में उन्होंने सभी भारतीय खिलाड़ियों की प्रशंसा करते हुये कहा कि वे सभी बहुत मेहनत करके, वहां पर पहुंचे हैं और उनकी कामयाबी उनकी व्यक्तिगत नहीं बल्कि हिन्‍दुस्‍तान के सवा सौ करोड़ देशवासियों की होगी। सफेद कुर्ता पजामा पहने श्री मोदी भी इस दौरान ओलंपिक के रंग में नजर आये। उन्होंने कहा“ देश को रियो में खिलाड़ियो से बड़ी आस है। भारत एक शताब्‍दी से ज्‍यादा समय से ओलंपिक खेलों के साथ जुड़ा रहा है। लेकिन करीब सौ साल से भी ज्‍यादा समय के बाद पहली बार 119 खिलाड़ियों का बड़ा दल रियो पहुंचाने में हम सफल हुए हैं।” श्री मोदी ने 2020 में जापान के टोक्यो ओलंपिक में 200 से अधिक भारतीय एथलीटों का दल उतारे जाने का लक्ष्य रखते हुये कहा“ 2020 में टोक्‍यों में ओलंपिक होगा। मैं मेरे देश के नौजवानों का आह्वान करता हूं, हिन्‍दुस्‍तान के 600 से ज्‍यादा जिलों का आह्वान करता हूं कि हर जिला संकल्‍प करे कि अगली बार टोक्‍यो के ओलंपिक में न सिर्फ मेरे राज्‍य का, लेकिन मेरे जिले का भी कोई नुमांइदा टोक्‍यो खेलने पहुंचेगा। इस बार 119 गए हैं तो अगली बार 200 से ज्‍यादा खिलाड़ी ओलंपिक पहुंचे।” प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम में आधे घंटे से भी अधिक समय रूके और अपना जोरदार भाषण दिया तथा देश में ओलंपिक खेलों का माहौल बनाने के लिये देशवासियों से अपील भी की। उन्होंने साथ ही कहा“जिन खेलों में हमारा दूर दूर का भी नाता नहीं है उन खेलों में भी एथलीट तैयार करने का काम अभी से शुरू करना चाहिये। मैं जानता हूं कि भारत के नौजवानों में सामर्थ्‍य, प्रतिभा ,संकल्‍प और सपने हैं।”

श्री मोदी कहा“ इस बार हमें ज्‍यादा समय नहीं मिला क्योंकि हमारी सरकार बने दो वर्ष ही बीते हैं। लेकिन हमने खेल के प्रति लोगों को जागरूक अौर सक्रिय बनाने का एक अभिनव प्रयास किया है और हम पहले की तुलना में काफी बदलाव लाने में सफल हुए हैं। हमने कुछ बदलाव ऐसे किए हैं, जिनसे आपको ध्‍यान में आएगा कि अभी से भारत टोक्‍यो के लिए कैसी तैयारी कर रहा है।” प्रधानमंत्री ने रियो में सबसे बड़े दल उतारे जाने के अलावा एथलीटों को मुहैया कराई गई सुविधाओं के लिये अपने मंत्रालय की पीठ भी थपथपाई। उन्होंने बताया कि न सिर्फ इस बार एथलीटों को 15 दिन पहले रियो भेजा गया है बल्कि उन्हें भारतीय खाना उपलब्ध कराने के लिये विशेष बजट को भी अनुमति दी गई ताकि एथलीट अपने मन पसंद व्यंजन खा सकें। अपनी विशिष्ट शैली के लिये मशहूर देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री ने मीडिया द्वारा की जाने वाली आलोचनाओं का जिक्र भी किया। उन्होने कहा“ जब ओलंपिक समाप्‍त होता है तो मीडिया में खेलों पर लेख लिखे जाते हैं और बहुत आलोचना की जाती है। करी‍ब 15 दिन, महीने भर, बाल नोचने का बड़ा अभियान चलता है। लेकिन महीने के बाद वो सारा विषय भुला दिया जाता है, और फिर जब चार साल के बाद ओलंपिक आता है, तब याद किया जाता है कि पिछली बार क्‍या क्‍या हुआ था।” उन्होंने कहा“ हमने इस बार पिछले ओलंपिक के समय क्‍या क्‍या आलोचनाएं हुई थीं, उसका दो साल पहले अध्‍ययन शुरू किया। सरकार बनने के बाद उन कमियों को दूर करने के लिए एक-एक कदम उठाना प्रारंभ किया और आलोचनाओं को मौके में बदलने का प्रयास किया।” श्री मोदी ने साथ ही बताया कि इस बार एथलीटों को भी अधिकारियों के समान 100 डालर रोजाना भत्ता दिया जाएगा। इसके अलावा एथलीटों को उनकी पंसद के हिसाब से अंतरराष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग भी मुहैया कराई गई है। वहीं ओलंपिक खेलों का बजट भी करीब सवा सौ करोड़ रखा गया है। 

आप विधायक शरद चौहान और छह अन्य गिरफ्तार

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नयी दिल्ली, 31 जुलाई, आम आदमी पार्टी (आप) के नरेला से विधायक शरद चौहान, एक पुलिस अधिकारी और पांच अन्य को पार्टी की एक कार्यकर्ता सोनी की आत्महत्या मामले में गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के संयुक्त आयुक्त रवींद्र यादव ने आज यहां बताया कि आप विधायक के अलावा गिरफ्तार आरोपियों की पहचान वीरेंद्र, संजय, मुख्तियार सिंह, रजनीकांत, मुकेश वर्मा और अमित भारद्वाज के रूप में हुई है। गौरतलब है कि आप कार्यकर्ता सोनी ने 19 जुलाई को नरेला इलाके में जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी। उसने अपनी मौत के लिए पार्टी कार्यकर्ता रमेश भारद्वाज को जिम्मेदार ठहराया था। सोनी ने पहले कहा था कि रमेश भारद्वाज यौन संबंध बनाने की मांग को लेकर उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है। इस मामले के मुख्य आरोपी रमेश भारद्वाज को चार दिन बाद गिरफ्तार कर लिया गया। श्री यादव ने बताया कि सोनी ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से संपर्क किया था और अपनी परेशानी उन्हें बताई थी लेकिन वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें सुलह करने की सलाह दी थी। सोनी की शिकायत के बाद भारद्वाज उसे और परेशान करने लगा था जिसके बाद सोनी ने प्राथमिकी दर्ज कराने का फैसला किया लेकिन भारद्वाज ने मुकेश वर्मा के साथ मिलकर चालाकी से प्राथमिकी में से उत्पीड़न वाले हिस्से को हटवा दिया।

सुषमा की पहल पर सउदी अरब में 10 हजार भारतीयों को मिली राहत

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नयी दिल्ली, 31 जुलाई, विदेशी मंत्री सुषमा स्वराज के अथक प्रयास से सउदी अरब में भारतीय अधिकारी उन 10 हजार देशवासियों तक पहुंचने में सफल रहे जो नौकरी से निकाले जाने के बाद से भूखमरी के शिकार हैं। संकट में फंसे परिवारों को उस समय थोडी राहत मिली जब भारतीय अधिकारियों ने उनतक 16 हजार किलोग्राम खाद्य पदार्थाें काे पहुंचाया। जेद्दा स्थित भारतीय महावाणिज्य दूत ने कई ट्वीट कर यह जानकारी दी और कहा कि भारतीय महावाणिज्य दूतावास और जेद्दा स्थित भारतीय समुदाय ने सुबह पौने तीन बजे खाद्य पदार्थ वितरण का काम पूरा किया है। तेल की कीमतों में कमी आने की वजह से सउदी अरब और कुवैत में निर्माण कार्याें को बंद किये जाने से बड़ी संख्या में भारतीयों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी है और नियोक्ताओं ने उन्हें मजदूरी भी नहीं दी है। इस संबंध में कई ट्वीट मिलने पर श्रीमती स्वराज ने भारतीय महावाणिज्य दूतावास को सक्रिय किया तब जाकर भूखे रह रहे भारतीयों तक खाना पहुंचाया गया और अब उन्हें स्वदेश लाने की तैयारी चल रही है।

पाक सीमा से आतंकियों की घुसपैठ पर सेना ने अंकुश लगाया : पर्रिकर

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जबलपुर 31 जुलाई, रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने कहा कि पाकिस्तान सीमा से आतंकियों की घुसपैठ पर सुरक्षा कर्मियों ने अंकुश लगाया है। घुसपैठ के प्रयास में आतंकी मारे गये या उन्हें पीछे भागना पड़ा। हमारा एक जवान शहीद हुआ तो सैना ने पांच आतंकियों को मारा है। श्री पर्रिकर ने यह बात आज यहां पत्रकारों से चर्चा में कहीं। उन्होंने इस बात सं इंकार किया कि चीन की सेना भारतीय सीमा में घुसपैठ करती है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष अभी तक पाकिस्तान की सीमा से घुसपैठ का प्रयास करने वाले 70 से अधिक आतंकियों को सेना ने मार गिराया है। इस दौरान हमारे 14 सैनिक शहीद हुए है। आतंकियों के खिलाफ हमारा अनुपात 1:5 से अधिक है। पहले यह आकड़ा 1:1.5 था। उन्होने इस बात से इं्रकार किया कि चीनी सेना भारत के सीमा में घुसपैठ करती है। उन्होंने बताया कि भारत-चीन सीमा में कई जगह चर्चा के लिए प्वाइंट बने हुए है। भारत-चीन की सीमा का कोई डिमार्केशन नहीं है, इसके कई एतिहासिक कारण है। जिसके कारण कभी गलती से अपनी सीमा समझकर चीनी सेना आ जाती है, जिन्हें हम रोककर वापस भेज देते है, कभी वह खुद वापस चले जाते है। ऐसी घटना पिछले 20-30 सालों से हो रही है। लेकिन ऐसी घटनाओं में लगभग 40 प्रतिशत की कमी आई है।

मधुबनी : झंझारपुर में फर्जी डॉक्टर का खुलासा

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मधुबनी। जिले के झंझारपुर में एक डॉक्टर द्वारा फर्जी डिग्री का बोर्ड लगाकर पिछले कई सालों से उगाही करने का मामला सामने आया है। डॉक्टर फर्जी एमबीबीएस की डिग्री का बोर्ड लगा रखा था। इस बात का खुलासा तब हुआ जब झंझारपुर के आनंद ठाकुर ने एसडीएम सहित जिले के आलाधिकारियों को डॉ. जागृति के कारनामों के बारे में बताते हुए जांच के लिए लिखित आवेदन दिया।

जब इसकी भनक डॉक्टर को लगी तो वे इलाजरत रोगी को भगवान के भरोसे छोड़ चंपत हो गई। साथ ही वो बोर्ड पर लिखी गई अपने नाम को पेंट करवा दी। इलाजरत रोगी सीताली देवी ने बताया कि, दो दिन से डॉक्टर नहीं आयी है। कम्पाउडर आकर सुई दे जाता है। उन्होंने बताया कि, डॉक्टर ने ऑपरेशन की रकंम 16 हजार रुपया मांगी थी, मगर 10 हजार में बात बन गई।

एसडीएम झंझारपुर के आदेश पर जांच करने पहुंचे अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक डॉक्टर केकेपी मेहता ने बताया कि, पृथम दृष्टया यह फर्जी ही दिखाई पड़ता है। क्योंकि, यह नर्सिंग होम की मापदंड को पूरा नहीं कर रहा है। वहीं, आवेदक ने इस मामले के बाद अपने जान का खतरा बताया है।

तकनीकी विकास कलाम को सच्ची श्रद्धांजलि : मोदी

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नयी दिल्ली, 31 जुलाई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम काे उनकी पुण्यतिथि पर याद करते हुए आज कहा कि उनका नाम आते ही मस्तिष्क में भावी भारत के सामर्थ्य का चित्र उभर आता है और तकनीकी विकास के जरिए ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की जा सकती है। श्री मोदी ने रेडियाे पर प्रसारित अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा “देश और दुनिया ने अब्दुल कलाम साहब को उनकी पहली पुण्यतिथि पर याद किया। इस संबंध में अंकित नाम के एक छात्र ने पूछा कि सरकार अब्दुल कलाम के सपनों को साकार करने के लिए क्या कर रही है? अंकित का सवाल सही है।” उन्होंने कहा कि तकनीकी में आये दिन बदलाव हो रहा है। टेक्नाेलॉजी को पकड़ा नहीं जा सकता। उसे पकड़ने जाएंगे तब तक वह और आगे निकल जाएगी इसलिए पुरानी तकनीक को छोड़कर नयी को पाने के लिए निरंतर शोध और विकास जरूरी है और इसी के लिए सरकार ने कई क़दम उठाए हैं। इस क्रम में एआईएम कार्यक्रम यानी अटल इनोवेशन मिशन तैयार किया गया है और नीति आयोग द्वारा इसे बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे पूरे देश में नया माहौल बनेगा और नये रोज़गार की सम्भावनायें पनपेगी।


भारत की मेजबानी में होगा कबड्डी विश्वकप

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नयी दिल्ली ,31 जुलाई, भारत इस वर्ष के अंत में कबड्डी विश्वकप की मेजबानी करेगा जिसमें विश्व भर की 12 टीमें हिस्सा लेंगी। अंतरराष्ट्रीय कबड्डी महासंघ (आईकेएफ) ने रविवार को इसकी घोषणा करते हुये कहा कि इस वर्ष कबड्डी विश्वकप का आयोजन भारत की मेजबानी में होगा। इस मेगा टूर्नामेंट में मेजबान भारत के अलावा अमेरिका ,कनाडा, इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया,ईरान, पोलैंड , पाकिस्तान, बंगलादेश, कोरिया, जापान और केन्या की टीमें हिस्सा लेंगी। आईकेएफ के अध्यक्ष जनार्दन सिंह गहलोत ने कहा,“ कबड्डी एक प्राचीन खेल है और विश्व भर में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। भारतीय लीग प्रो कबड्डी लीग एक सफल आयोजन साबित हो रहा है और इसमें भारी तादाद में विदेशी खिलाड़ी शिरकत कर रहे हैं। हमें खुशी है कि इस वर्ष भारत की मेजबानी में कबड्डी विश्वकप के आयोजन हो रहा है। यह निश्चित ही उत्साहजनक है।” आईकेएफ के महासचिव और कोरिया कबड्डी के सचिव यिओंग हाक हून ने कहा,“ कबड्डी कोरिया समेत विश्व भर के देशों में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। हम चाहते हैं कि कबड्डी भी खेलों के महाआयोजन ओलंपिक खेलों का हिस्सा बने। कोरिया ने भारत की मेजबानी में होने वाले कबड्डी विश्वकप के लिये पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं।” उल्लेखनीय है कि कबड्डी वर्ष 1990 से एशियाई खेलों का हिस्सा रहा है और तब से अभी तक के सभी स्वर्ण पदक भारत ने ही जीते हैं। स्टार स्पोर्ट्स कबड्डी विश्वकप का आधिकारिक प्रसारक होगा। 

पटना फिर बना प्रो कबड्डी का बादशाह

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हैदराबाद, 31 जुलाई, गत चैंपियन पटना पाइरेट्स अपनी श्रेष्ठता कायम रखते हुए जयपुर पिंक पैंथर्स को रविवार को यहां गाची बावली स्टेडियम में एकतरफा अंदाज में 37-29 से हराकर स्टार स्पोटर्स प्रो कबड्डी लीग के चौथे संस्करण का खिताब जीत लिया। पटना ने इस तरह अपना खिताब बरकरार रखा और उसे एक करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि मिली। प्रो कबड्डी के पहले संस्करण के विजेता जयपुर को दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा और उसके हिस्से में 50 लाख रुपये आए। इससे पहले पुणेरी पल्टंस ने तेलुगु टाइटंस को 40-35 से हराकर तीसरा स्थान हासिल किया। पुणेरी को 30 लाख और तेलुगु को 20 लाख रुपये मिले। खिताबी मुकाबले में पटना और जयपुर के बीच जिस कड़े संघर्ष की उम्मीद की जा रही थी वह पटना की डिफेंस और अटैक में श्रेष्ठता को देखते हुए नहीं मिल पाया। पटना के कप्तान धर्मराज चेरालाथन ने फाइनल्स के पहले कहा था कि जो टीम बेहतर खेलेगी वह जीतेगी और उनकी टीम ने इस बात को साबित कर दिखाया। पटना इस साल के शुरु में जनवरी को तीसरे संस्करण का खिताब जीता था और अब चौथे संस्करण का खिताब जीतकर प्रो कबड्डी में लगातार दो टूर्नामेंट जीतने वाली पहली टीम बन गई। 


खिताबी मुकाबले की शुरुआत से पहले बॉलीवुड स्टार रितिक रोशन ने राष्ट्रगान गाया और मैच में शुरुआती टक्कर के बाद पटना की टीम अपनी पकड़ बनाती चली गई। जयपुर के कप्तान जसवीर सिंह ने अपने शातिराना खेल से पटना के किले में भेद लगाने की भरपूर कोशिश की लेकिन गत चैंपियन टीम के डिफेंस ने उन्हें नाकाम कर दिया। जसवीर ने ही पटना को मैच का आखिरी अंक भी दिया। पहले हॉफ में पांच मिनट शेष रहते पटना ने ऑलऑउट हासिल कर 16-11 की मजबूत बढ़त बना ली। आधे समय तक पटना के पास 19-16 की बढ़त थी। जयपुर के कोच बलवान सिंह लगातार अपने खिलाड़ियों को समझाने की कोशिश करते हुए जबकि टीम के मालिक और बॉलीवुड स्टार अभिषेक बच्चन भी अपनी जगह पर खड़े होकर चिंता में अपनी टीम का प्रदर्शन देखते रहे। दूसरे हॉफ में पटना की बढ़त बढ़ते-बढ़ते 28-22 पहुंच गई। पटना ने दूसरी बार जयपुर को ऑलआउट किया और अपनी बढ़त को 31-23 पहुंचा दिया। इसके बाद तो जयपुर के खिलाड़ियों ने जैसे हथियार ही डाल दिए और पटना ने अपनी पकड़ मजबूत रखते हुए 35-29 के स्कोर पर खिताब एक बार फिर अपने नाम कर लिया। मैच समाप्त होते ही पटना के खिलाड़ियों और समर्थकों ने जश्न मनाना शुरु कर दिया। 


इससे पहले स्टार रेडर दीपक निवास हुड्डा की एक मिनट शेष रहते निर्णायक रेड की बदौलत पुणेरी पल्टन ने तेलुगू टाइटंस को 40-35 से हराकर तीसरा स्थान हासिल कर लिया। तीसरे स्थान के लिये मुकाबला कांटे का रहा। मैच में लगभग एक मिनट शेष रहते तेलुगू टाइटंस ने अपने कप्तान राहुल चौधरी की जबरदस्त रेड से स्कोर 35-36 कर दिया लेकिन दीपक हुड्डा ने जवाबी रेड में तीन खिलाड़ियों को लुढ़काते हुये तीन अंक बनाये और पुणेरी को 39-35 की निर्णायक बढ़त दिला दी। पुणेरी ने 40-35 के स्कोर पर मैच समाप्त किया। तेलुगू टाइटंस का दुर्भाग्य रहा कि वह अपने करिश्माई कप्तान राहुल चौधरी के जबरदस्त प्रदर्शन और घरेलू दर्शकों के अपार समर्थन के बावजूद जीत हासिल नहीं कर सकी। राहुल ने अपने टीम के 35 अंकों में से अकेले 18 अंक जुटाये और अपनी टीम की लगभग तमाम रेड की जिम्मेदारी संभाली। उन्होंने प्रो लीग में 500 अंक भी पूरे कर डाले लेकिन उन्हें अंतत: निराशा ही हाथ लगी। हैदराबाद के स्टाइलिश बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण भी मुकाबले को देखने के लिये मौजूद थे। फिल्म अभिनेता और फॅाइनल में पहुंची जयपुर पिंक पैंथर्स के मालिक अभिषेक बच्चन भी यह मुकाबला देख रहे थे। पुणेरी ने शुरुआती मिनटों में आल आउट कर 10-3 की बढ़त बनायी। आधे समय तक पुणेरी की टीम 17-14 से आगे थी लेकिन तब उसका एक खिलाड़ी बचा था। दूसरा हाफ शुरू होते ही तेलुगू ने आलआउट हासिल किया और सकोर 17-17 से बराबर कर दिया। टाइटंस ने कुछ देर बाद ही दोबारा पुणेरी को आलआउट किया और 27-22 की बढ़त बना ली लेकिन पुणेरी ने वापसी करते हुये छह मिनट शेष रहते 29-29 से स्कोर बराबर कर दिया। पुणेरी ने एक मिनट बाद ही तेलुगू को आलआउट किया और 34-30 से आगे हो गये। मुकाबला अब कांटे का हो चुका था और राहुल की रेड ने स्कोर 35-36 कर दिया था। तेलुगू के खिलाड़ियों ने दीपक हुड्डा को दबोचने की कोशिश में तीन अंक दे डाले जो मैच में निर्णायक साबित हुयेेे। पुणेरी ने पांच अंक के अंतर से 40-35 पर मैच जीत लिया। पुणेरी की तरफ से जीत के हीरो रहे दीपक जिन्होंने 17 अंक बनाये। जिसमें रेड से 16 अंक शमिल हैं। पुणेरी के कप्तान जोगिन्दर नरवाल ने छह अंक बटोरे। 

एनटीपीसी कहलगांव की बंद पड़ी पांचवी इकाई से उत्पादन शुरू

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भागलपुर 31 जुलाई, राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम :एनटीपीसी: की कोयला आधारित कहलगांव बिजली संयंत्र की बंद पड़ी 500 मेगावाट की क्षमता वाली पांचवी इकाई के चालू हो जाने से संयंत्र की क्षमता बढ़कर करीब 2300 मेगावाट हो गयी है। कहलगांव बिजली संयंत्र के समूह महाप्रबंधक राकेश सैमुअल ने आज यहां ..यूनीवार्ता.. से विशेष बातचीत में कहा कि मानूसन के बावजूद मौसूदा समय में 2340 मेगावाट क्षमता वाली इस बिजली संयंत्र के 210 मेगावाट की चार और 500 मेगावाट की तीन इकाइयों के द्वारा विद्युत का उत्पादन निर्बाध रूप से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि तीन सप्ताह पूर्व वार्षिक रखखराब के कारण पांच सौ मेगावाट की एक इकाई को बंद कर दिया गया था जो आज से चालू हो गया है। संयंत्र से उत्पादित बिजली की आपूर्ति निर्धारित कोटे के तहत बिहार समेत देश के उत्तर ,दक्षिणी और पूर्वोत्तर ग्रिडों में की जा रही है। श्री सैमुअल ने बताया कि मानसून के आने से पूर्व संयंत्र के सभी सातों इकाईयों के नियमित परिचालन के लिए ईस्टन कोल फील्ड की राजमहल परियोजना से मिलने वाली कोयले का पर्याप्त भंडारण कर लिया गया है और अभी करीब 28 लाख मीट्रिक टन कोयला यहां मौजूद है । उन्होंने बताया कि पटना के निकट अवस्थित निगम की बाढ़ विद्युत संयंत्र के लिए भी यहां से ईसीएल उत्पादित कोयला की रैक रेलवे के जरिए भेजी जा रही है । एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि इस बिजली संयंत्र की गंभीर समस्या बनी उत्सर्जित राख की आपूर्ति असम ,पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के सीमेंट कारखानों को की जा रही है । उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में समस्या का समाधान हो जायेगा क्योकि इस संयंत्र के राख संग्रहण स्थल के विस्तारीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है । 

समस्तीपुर : अब गंगा जल के गैलन से 30 बोतल शराब बरामद

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समस्तीपुर 31 जुलाई, बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद पुलिस की सख्ती को देखते हुए शराब तस्कर नित्य नये-नये तरीकों से इसकी तस्करी की कोशिश कर रहें है और इसके तहत इस बार गंगा जल की गैलन का इस्तेमाल किया गया है। रेल पुलिस सूत्रों ने आज यहां बताया कि गुप्त सूचना पर समस्तीपुर स्टेशन पर मिथिला एक्सप्रेस ट्रेन में छापेमारी की गयी। इस दौरान गंगा जल के गैलन मे छुपाकर रखे गये रॉयल स्टैग ब्रांड के तीस बोतल विदेशी शराब जप्त किया गया। सूत्रों ने बताया कि बिहार मे शराबबंदी के बाद रेल पुलिस अधीक्षक बी.एन.झा के निर्देश पर समस्तीपुर रेल मंडल मे पुलिस द्वारा विशेष छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है। 

बिहार के 12 जिलों में बाढ़ का तांडव,अब तक 30 लोगों की डूबकर मौत

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पटना 31 जुलाई, उत्तर बिहार की सभी प्रमुख नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में रूक-रूक कर हो रही वर्षा से बिहार के बाढ़ प्रभावित 12 जिलों में स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है वहीं बाढ़ के पानी से अब तक 30 लोगों की डूबकर मौत हो चुकी है । आपदा प्रबंधन विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि जलग्रहण क्षेत्रों में हो रही बारिश से उत्तर बिहार के 12 जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है । उत्तर बिहार के पूर्णियां ,किशनगंज, अररिया, दरभंगा, मधेपुरा, भागलपुर ,कटिहार , सहरसा, सुपौल ,गोपालगंज ,पूर्वी चंपारण और मुजफ्फरपुर जिले के 62 प्रखंड के 2162 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। सूत्रों ने बताया कि दरभंगा जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में आज बाढ़ के पानी में डूब जाने से एक महिला समेत दो लोगों की मौत हो जाने से मरने वालों की संख्या बढ़कर अब 30 हो गयी है । बाढ़ प्रभावित किशनगंज एवं पूर्णियां में सात-सात , सुपौल में आठ , दरभंगा ,कटिहार एवं मधेपुरा में दो-दो और अररिया एवं सहरसा में एक-एक व्यक्ति की अब तक डूबकर कर मौत हुई है । प्रभावित 12 जिलों के 2162 गांव के 27 लाख 50 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं । बाढ़ के कारण इन जिलों में 3.39 हेक्टेयर में लगा फसल नष्ट हुआ है । आपदा प्रबंधन विभाग के सूत्रों ने बताया कि प्रभावित जिलों में उंचे एवं सुरक्षित स्थानों पर 415 राहत कैंप बनाये गये है । राहत कैंपों में 296008 लोग शरण लिये हुए है । प्रभावित लोगों की सुविधा के लिए 112 चिकित्सकों की तैनाती की गयी है । इसी तरह 39 पशु शिविर भी बनाये गये है जहां पशु चिकित्सकों को लगाया गया है । सूत्रों ने बताया कि बाढ़ प्रभावित 12 जिलों में राहत वितरण का काम युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है ।पीड़ित लोगों के बीच चूड़ा ,गुड़ ,दीया सलाई ,मोमवत्ती ,किरासत तेल समेत अन्य आवश्यक उपभोक्ता सामग्री उपलब्ध करायी जा रही है । पीड़ित लोगों को किसी तरह की कठिनाई न हो इसके लिए संबंधित क्षेत्रों में अधिकारियों को प्रतिनियुक्त किया गया है। विभाग के सूत्रों ने बताया कि बाढ़ को देखते हुए सुपौल,गोपालगंज, मुजफ्फरपुर और दरभंगा में राष्ट्रीय आपदा त्वरित बल (एनडीआरएफ) की टीम को भेजा गया है । इसी तरह खगड़िया,सीतामढ़ी ,पूर्णियां ,भागलपुर, मधुबनी, मघेपुरा में राज्य आपदा त्वरित बल (एसडीआरएफ) की तैनाती की गयी है । एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की दो-दो टीम को फिलहाल सुरक्षित रखा गया है ।


आपदा प्रबंधन विभाग के सूत्रों ने बताया कि बाढ़ प्रभावित अररिया एवं मधेपुरा जिले में जहां त्वरित कार्यबल को राहत एवं बचाव कार्य में लगाया गया है वहीं भोजपुर एवं बक्सर जिले से 25-25 सरकारी नौका अररिया भेजा गया है । इसी तरह खगड़िया एवं मुजफ्फरपुर जिले से 25-25 सरकारी नौका पूर्णियां जिले में राहत कार्य के लिए भेजा गया है । साथ ही दरभंगा जिले से एनडीआरएफ के 20 जवानों को किशनगंज के प्रभावित इलाकों में तैनात किया गया है । सूत्रों ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में 590 सरकारी देशी नौका और 429 निजी नौका को लगाया गया है । इसी तरह किशनगंज जिले में बचाव एवं राहत कार्य के लिए दो मोटर वोट के साथ एसडीआरएफ के जवानों की तैनाती की गयी है। इसके अलावा किशनगंज के प्रभावित इलाकों में राहत कार्य में तेजी लाने के उद्देश्य से खगड़िया जिले से चार अतिरिक्त मोटर वोट भेजा गया है । आपदा प्रबंधन विभाग के सूत्रों ने बताया कि एसडीआरएफ की एक टीम को मधुबनी जिले से कटिहार जिले के प्रभावित इलाकों में भेजा गया है । इसी तरह सीतामढ़ी जिले से एसडीआरएफ की टीम को पूर्वी चंपारण जिले के प्रभावित क्षेत्रों में तैनाती की गयी है । केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा ,बागमती, कमला बलान, कोसी , घाघरा और महानंदा नदी लाल निशान से कई स्थानों पर उपर है । गंगा नदी साहेबगंज एवं फरक्का में लाल निशान से क्रमश: 21 एवं 65 सेंटीमीटर उपर है । इसी तरह बागमती नदी बेनिबाद में लाल निशान से 32 सेंटीमीटर उपर है । आयोग के अनुसार घाघरा गंगपुरसिसवन में 10 , कमला बलान झंझारपुर में 14, कोसी बालतारा में 134 तथा महानंदा नदी ढेंगराघाट एवं झाबा में लाल निशान से क्रमश: 77 तथा 48 सेंटीमीटर उपर है । इन नदियों के जलस्तर में कल तक कुछ और स्थानों पर वृद्धि होने की संभावना है । इसी तरह गंडक नदी के मोतिहारी , मुजफ्फरपुर , घाघरा नदी के सीवान ,सारण , बूढ़ी गंडक नदी के समस्तीपुर ,मोतिहारी ,खगड़िया , कोसी नदी सुपौल , महानंदा नदी पूर्णियां और बागमती नदी के दरभंगा में वृद्धि होने की संभावना है । इसबीच मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के पूर्वानुमान में कहा है कि बिहार की सभी नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में हल्की वर्षा होने की संभावना है । 

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