लंदन ,02 अगस्त, रियो ओलंपिक में चंद दिन शेष रहते ब्रिटेन के एक अखबार ने दावा किया है कि रियो में मुक्केबाजी के कुछ मुकाबलों को फिक्स किया जा सकता है लेकिन अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (आईबा) ने भ्रष्टाचार के इन आरोपों को खारिज करते हुये प्रमाण की मांग की है। अखबार ‘द गार्जियन’ ने कई सूत्रों का हवाला देते हुये कहा कि कई सीनियर रेफरी और जजों का एक समूह किसी बड़ी चैंपियनशिप से पहले मिलता है जहां वे तय करते हैं कि किस तरह हाथों और सिर के संकेतों के जरिये विजेता को चुनना है1 द गार्जियन ने अपनी रिपोर्ट में कहा,“ एमेच्योर मुक्केबाजी में सीनियर लोगों ने चेतावनी दी है कि ओलंपिक में मैडल मुकाबलों सहित कुछ मुकाबले फिक्स किये जा सकते हैं। अधिकारी अपनी ताकत का इस्तेमाल कर ड्रा में साठगांठ कर सकते हैं और जज यह तय कर सकते हैं कि कुछ मुक्केबाज जीतें।” अखबार ने इस रिपोर्ट के बाद आईबा के हवाले से कहा,“ हम दोहराते हैं कि जब तक ठोस सबूत सामने न लाये जायें तब तक हम इन आरोपों पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। हमारी भूमिका निष्पक्ष और पारदर्शी टूर्नामेंट सुनिश्चित करने की है ताकि दुनियाभर से करोड़ों प्रशंसक एक शानदार टूर्नामेंट देख सकें जिसमें 13 महान स्वर्ण पदक विजेता उतरेंगे। आईबा का काम खेल नियमों के तहत जजों के फैसले में हस्तक्षेप करना नहीं है।”
गार्जियन की रिपोर्ट में आयरलैंड के जज सीमस कैली का कहना है कि 2011 में दोहा में हुये अरब खेलों में उन्हें संकेतों का इस्तेमाल कर मुकाबले फिक्स करने को कहा गया था और उनके साथी अधिकारी कुछ भी बोलने से डरते हैं। उन्होंने कहा,“ लोग डरते हैं...क्योंकि यदि वह जज हैं तो उन्हें दरकिनार कर दिया जायेगा और उन्हें ओलंपिक या अन्य टूर्नामेंट नहीं मिलेंगे। यदि वे अधिकारी है तो उन्हें डर है कि उनके मुक्केबाजों को निशाना बनाया जायेगा।” एक उच्च पदस्थ सूत्र ने अखबार से कहा कि उसका मानना है कि यह भ्रष्टाचार सीधे आईबा प्रशासन से ही आता है। सूत्र ने कहा कि उन्होंने बड़े टूर्नामेंटों में स्कोर के साथ साठगांठ होते देखी है और उन्हें इस बात की चिंता है कि रियो ओलंपिक में भी ऐसा हो सकता है। इस बीच आईबा की कार्यकारी समिति के सदस्य टेरी स्मिथ ने कहा कि उन्हें इन आरोपों की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा,“ जो आरोप लगा रहे हैं मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वे बतायें कि ऐसा कहां हुआ है। अब जब ओलंपिक सिर पर है तो हम इस तरह की अफवाहें नहीं चाहते हैं।”