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नरसिंह को हरी झंडी,ओलंपिक में ताल ठोकेंगे

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नयी दिल्ली,03 अगस्त, डोपिंग दंगल जीतने वाले पहलवान नरसिंह यादव के रियो ओलंपिक में उतरने को लेकर तकनीकी पेच भी आखिर हट गया है और कुश्ती की वैश्विक संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने नरसिंह को ओलंपिक में उतरने के लिये हरी झंडी दिखा दी है। यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग में नरसिंह को रियो ओलंपिक सहित अंतरराष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिताआें में उतरने की अनुमति प्रदान कर दी है। इसके साथ ही नरसिंह के 74 किग्रा फ्री स्टाइल वर्ग में उतरने का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है। पुरुषों की फ्री स्टाइल कुश्ती 19 अगस्त से शुरू होगी। भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने इस बात की पुष्टि करते हुये बताया कि भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के साथ बातचीत कर नरसिंह को रियो ओलंपिक भेजने पर फैसला कर लिया जाएगा। बृजभूषण ने कहा“ देश नरसिंह से ओलंपिक में पदक जीतने की उम्मीद करता है और भारतीय कुश्ती संघ इस पहलवान की तैयारी से पूरी तरह संतुष्ट है। लेकिन ओलंपिक शुरू होने के चंद दिन पहले जिस प्रकार साजिश के तहत इस पहलवान को डोपिंग के मामले में फर्जी ढंग से फंसाया गया उससे नरसिंह की तैयारी पर असर पड़ा है। फिर भी पहलवान और कुश्ती संघ अब इस संकट से निकलकर लगातार यह कोशिश कर रहा है कि रियो ओलंपिक में कुश्ती को पिछले ओलंपिक से ज्यादा पदक मिलें।”


नरसिंह यादव पर डोप के आरोपों में फंसने के बाद पर अस्थायी प्रतिबंध लगाया गया था लेकिन लंबी चली सुनवाई के बाद सोमवार को राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी(नाडा) ने उन्हें क्लीन चिट दे दी थी। लेकिन नरसिंह के रियो में उतरने को लेकर तकनीकी पेच फंसा हुआ था और उनके ओलंपिक खेलों में भारतीय दल का हिस्सा बनने को लेकर वैश्विक संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग से अनुमति की जरूरत थी। यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने पांच अगस्त से शुरू होने वाले ओलंपिक से दो दिन पहले बुधवार को नरसिंह को इन खेलों में भारतीय दल का हिस्सा बनने के लिये अनुमति दे दी। वैश्विक संस्था से हरी झंडी की जब यह खबर भारतीय कुश्ती संघ और भारतीय ओलंपिक संघ को मिली तो बृजभूषण ने कहा कि 74 किग्रा भार वर्ग में देश का प्रतिनिधित्व नरसिंह करेंगे। कुश्ती महासंघ ने नाडा की क्लीन चिट मिलने के बाद नरसिंह का नाम यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग को भेज दिया था। इससे पहले डोपिंग प्रकरण के दौरान कुश्ती संघ ने विकल्प के तौर पर प्रवीण राणा का नाम विश्व संस्था को भेजा था। लेकिन एक अगस्त को नाडा का फैसला आने के बाद नरसिंह को डोपिंग के आरोप का दोषी नहीं पाया गया। 


इसके बाद भारतीय कुश्ती महासंघ ने विश्व संस्था से 74 किग्रा भार वर्ग में नरसिंह को ओलंपिक में खेलने की अनुमति प्रदान करने का अनुरोध किया था। कुश्ती महासंघ के अनुरोध और नाडा के फैसले की गहन समीक्षा के बाद विश्व संस्था ने नरसिंह को ओलंपिक सहित अन्य अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताआें में हिस्सा लेने की अनुमति प्रदान कर दी। इस खबर के बाद से ही कुश्ती महासंघ और भारतीय पहलवानों में हर्ष का माहौल है। बृजभूषण ने कहा“ हम आज ही आईओए के साथ बातचीत कर नरसिंह को रियो ओलंपिक भेजने पर फैसला कर लेंगे।” हालांकि इस बीच खबर यह भी है कि विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी(वाडा) ने नरसिंह को डोपिंग आरोपों से बरी किये जाने के मामले पर संज्ञान लेते हुये इसकी समीक्षा करने का फैसला किया है। उल्लेखनीय है कि नाडा के महानिदेशक नवीन अग्रवाल ने भी कहा था कि नरसिंह के मामले से जुड़ा कोई भी पक्ष जिसमें वाडा भी शामिल है खेल की सबसे बड़ी अदालत (कैस) में 21 दिनों के भीतर अपील कर सकते हैं। 

धर्मबीर डोप टेस्ट में फेल, नहीं गये रियो

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नयी दिल्ली, 03 अगस्त, ओलंपिक खेलों की 200 मीटर स्पर्धा में 36 वर्षों के अंतराल के बाद क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय एथलीट धर्मबीर सिंह खेलों के शुरू होने से ठीक दो दिन पहले डोपिंग में पकड़े गये हैं और उन्हें रियो डी जेनेरो जाने से फिलहाल रोक दिया गया है। भारत का बाकी एथलेटिक्स दल रियो में खेल गांव पहुंच गया है। भारत के किसी भारतीय धावक ने 200 मीटर दौड़ में 36 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद ओलंपिक खेलों के लिये क्वालीफाई किया लेकिन डोप में पकड़े जाने से उनके ओलंपिक में उतरने को लेकर सवालिया निशान लग गया है। धर्मबीर डोपिंग में पकड़े जाने वाले दूसरे भारतीय एथलीट हैं। इससे पहले शाट पुटर इंद्रजीत सिंह के भी दोनों नमूने फेल हो गये थे। एथलेटिक्स में एक ओर जहां भारतीय दल का बुधवार को रियो डी जेनेरो स्थित खेल गांव में आधिकारिक स्वागत किया गया तो वहीं दूसरी ओर धर्मवीर को रियो जाने से फिलहाल रोक दिया गया है। धर्मवीर को मंगलवार सुबह रियो रवाना होना था लेकिन बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी(नाडा) द्वारा कराये गये डोप टेस्ट में उन्हें पॉजिटिव पाया गया है। पिछले कुछ दिनों से पहलवान नरसिंह यादव के डोप टेस्ट के विवाद के कारण भारतीय उम्मीदों को झटका लगा था। हालांकि बाद में उन्हें क्लीन चिट दे दी गई और अब वह ओलंपिक में उतरेंगे।

युवाओं को ओलंपिक की जानकारी नहीं

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नयी दिल्ली, 03 अगस्त, सरकार जहां युवाओं को ज्यादा से ज्यादा संख्या में खेलों में आगे आने के लिये प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रही है वहीं एक सर्वेक्षण में यह आश्चर्यजनक तथ्य सामने निकलकर आया है कि युवाओं को ओलंपिक में भारतीय अभियान के बारे में बहुत कम जानकारी है। सर्वेक्षण के अनुसार 30 वर्ष से कम उम्र के 40 प्रतिशत लोगों का मानना है कि भारत के पास क्रिकेट में ओलंपिक पदक जीतने का मौका है जबकि क्रिकेट ओलंपिक में शामिल ही नहीं है। सर्वेक्षण में शामिल 48 प्रतिशत लोगों का मानना है कि भारत ने दिल्ली में ओलंपिक खेलों की मेजबानी की है जबकि 30 साल से कम उम्र की 87 प्रतिशत महिलाओं ने फिल्म स्टार और उद्यमी के बजाए कॅरियर के तौर पर ओलंपिक खिलाड़ी बनने की आकांक्षा जताई है। टाटा साॅल्ट ‘नमक के वास्ते’ सर्वे में खुलासा हुआ है कि हर तीन में से एक भारतीय का मानना है कि भारत के पास क्रिकेट में ओलंपिक पदक जीतने का मौका है। इस अभियान के तहत रियो ओलिंपिक से पहले भारतीयों में ओलंपिक की जानकारी मापने के लिए इस राष्ट्रव्यापी सर्वे का आयोजन किया गया था। इस अभियान का उद्देश्य रियो जाने वाले भारतीय ओलंपिक खिलाड़ियों के प्रति चर्चा को बढ़ावा देना और व्यापक जनसमर्थन जुटाना था। सर्वेक्षण में भारतीयों के अपने पसंदीदा खेल क्रिकेट के प्रति आकर्षण का खुलासा हुआ, जिनमें 30 वर्ष से कम आयु वर्ग के करीब 40 प्रतिशत पुरुषों और महिलाओं का मानना था कि भारत के पास क्रिकेट में पदक जीतने का मौका है जबकि सच्चाई यह है कि क्रिकेट ओलंपिक खेलों में शामिल ही नहीं हैं। 


बाॅक्सिंग और कुश्ती में क्रमश: 30 प्रतिशत और 40 प्रतिशत प्रतिभागियों ने पदक जीतने की उम्मीद जताई। इसे हाल में रिलीज़ बाॅलीवुड फिल्म सुल्तान का प्रभाव कहें या इस शानदार खेल के प्रति नया प्रेम कहें, लेकिन कुश्ती का भारतीय महिलाओं पर जबरदस्त प्रभाव देखने को मिला है। तकरीबन 60 प्रतिशत महिलाओं ने कुश्ती को एक ऐसे खेल के तौर पर चुना, जिसमें भारत ओलंपिक पदक हासिल कर सकता है। हालांकि जब कॅरियर विकल्प की आकांक्षा की बात आती है तो यह सर्वेक्षण आश्चर्यजनक रूप से एक अलग तस्वीर पेश करता है। 30 वर्ष से कम आयु वर्ग की 87 फीसदी महिलाएं और 69 फीसदी पुरुषों ने ओलंपिक खिलाड़ी बनने की इच्छा जताई। सर्वेक्षण में एक दिलचस्प बात यह आई कि 48 प्रतिशत लोगों का मानना है कि भारत दिल्ली में ओलंपिक का आयोजन कर चुका है। हालांकि तथ्य यह है कि भारत ने 2010 राष्ट्रमंल खेलों का आयोजन दिल्ली में किया था। 

ब्राजील को नेमार से चाहिये पहला फुटबॉल गोल्ड

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रियो डी जेनेरो, 03 अगस्त,, पांच बार का विश्व चैंपियन ब्राजील अपनी मेजबानी में हो रहे रियो ओलंपिक में पहली बार फुटबॉल का स्वर्ण पदक जीतने के लिये बेताब है और इसके लिये उसकी तमाम उम्मीदें बार्सिलोना के स्टार नेमार पर लगी हैं। ब्राजील की टीम ओलंपिक इतिहास में अभी तक एक भी स्वर्ण पदक नहीं जीत पायी है। दो साल पहले विश्व कप सेमीफाइनल में जर्मनी के हाथों 1-7 से मिली हार के जख्म ब्राजीली फुटबॉल प्रेमियों की रूह पर अब भी ताजा हैं। इसके बाद टीम इस वर्ष जून में कोपा अमेरिका से ग्रुप चरण में ही बाहर हो गई थीं। बार्सिलोना और ब्राजील फुटबॉल महासंघ के बीच हुए करार के तहत नेमार कोपा अमेरिका कप में नहीं खेले ताकि वह ओलंपिक में खेल सकें। ब्राजील के नये कोच रोजेरियो माइकल ने कहा,“ मैं नेमार पर निर्भर रहना चाहता हूं। विश्व का कौन सा कोच उन्हें अपनी टीम में नहीं रखना चाहेगा। वह काफी प्रतिभाशाली है और टीम के सभी खिलाड़ी उनसे बहुत प्यार करते हैं।” नेमार उस टीम का हिस्सा थे जिसे 2012 के लंदन ओलंपिक के फाइनल में मैक्सिको के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। टीम काे ग्रुप ए में रखा गया है जहां उसे ब्रासिलिया में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करनी है। हालांकि नेमार की मैदान पर आक्रामकता उन्हें कई बार मुश्किलों में भी डाल देती है। नेमार को पिछले डेढ़ साल के भीतर खराब व्यवहार के लिये पांच बार रेड कार्ड दिखाया जा चुका है। नेमार रियो के लिये घोषित ब्राजील के फुटबाल टीम में 23 वर्ष से अधिक की उम्र के तीसरे खिलाड़ी हैं। ओलंपिक में एक टीम में 23 साल से अधिक उम्र के एक खिलाड़ी ही रखे जा सकते हैं। 

वैशाली जिले से विज्ञान संकाय का तीसरा टॉपर राहुल गिरफ्तार

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हाजीपुर 03 अगस्त, बिहार में इंटरमीडियेट फर्जीवाड़ा मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने विज्ञान संकाय के तीसरे टॉपर बनाये गये राहुल राज को वैशाली जिले से गिरफ्तार कर लिया है । पुलिस सूत्रों ने आज यहां बताया कि टॉपर फर्जीवाड़ा मामले की जांच कर रही एसआईटी , पटना की एक टीम ने कल देर रात जिले के चांदपुरा आउट पोस्ट क्षेत्र से राहुल को गिरफ्तार कर लिया । राहुल अपने एक रिश्तेदार के यहां छिपा हुआ था । सूत्रों ने बताया कि राहुल मुजफ्फरपुर जिले के साहेबगंज थाना क्षेत्र का निवासी है । गिरफ्तार छात्र को एसआईटी की टीम पटना लेकर चली गयी है । विज्ञान संकाय से एक अन्य टॉपर बनाये गये सौरभ श्रेष्ठ अभी तक भूमिगत है और एसआईटी उसकी गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह छापेमारी कर रही है । फर्जीवाड़ा मामला उजागर होने के बाद बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के कार्यालय में विशेषज्ञों की एक टीम ने सौरभ श्रेष्ठ और राहुल राज का साक्षात्कार लिया था जिसमें उन्होंने संतोषप्रद जवाब नहीं दिया था । इसके बाद परीक्षा समिति ने सौरभ और राहुल के परीक्षा परिणाम को रद्द कर दिया था । 

संस्कृत किसी धर्म एवं जाति विशेष की भाषा नहीं : कुलपति

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दरभंगा 03 अगस्त, देश के प्रतिष्ठित संस्कृत विश्वविद्यालयों में शुमार कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डा0 देवनारायण झा ने संस्कृत की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा है कि संस्कृत किसी धर्म और जाति विशेष की भाषा नहीं है बल्कि यह सभी वर्गो से जुड़ी विद्या है। श्री झा ने आज यहां कहा कि माध्यमिक स्तर तक संस्कृत भाषा की पढ़ाई अनिवार्य किया जाना जरूरी है। मनुष्य के चरित्र एवं सर्वगुण सम्पन्न राष्ट्र के निर्माण के लिए सभी स्तरों पर संस्कृत भाषा की पढ़ाई किया जाना आवश्यक है। संस्कृत के विकास के लिए सभी वर्गो में संस्कृत का पैठ होना जरूरी है। उन्होंने प्रतियोगिता परीक्षाओं में भी संस्कृत को अनिवार्य किये जाने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि तभी चरित्रवान प्रशासक चुनकर आऐंगे। कुलपति ने कहा कि संस्कृत भाषा के प्रति लोगों में घट रहे आकर्षण के कारण ही आज नैतिक आचरण में हास हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासक का चरित्रवान होना आवश्यक है। संस्कृत की उपयोगिता आज भी बरकरार है। इसमें ज्ञान एवं चरित्र निर्माण की शक्ति निहीत है जो सबके लिए उपयोगी है और यही कारण है कि आज विदेशों में भी इसकी मांग है। 


डा0 झा ने कहा कि आज नहीं तो कल सबको संस्कृत पर आना होगा। “बसुधैव कुटुम्बकम” की भावना संस्कृत से ही मिली है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में संस्कृत के साथ कंम्प्यूटर शिक्षा पर ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यालय समेत सात काॅलेजों में ‘‘सर्टिफिकेट कोर्स आॅफ कम्प्यूटर साईंस’’ की पढ़ाई शुरू की गयी है, वहीं दूरस्थ शिक्षा केन्द्र खोलने का प्रस्ताव कुलाधिपति को भेजा गया है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से भी नौकरियों में इस भाषा को वेटेज दिया जाना जरूरी है। कुलपति ने आगामी योजनाओं का खुलासा करते हुए कहा कि राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) से हाल में स्वीकृत 20 करोड़ रूपये से विश्वविद्यालय का सर्वांगीण विकास होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय मुख्यालय में ज्येतिष विज्ञान आधारित प्रयोगशाला ‘‘तारा मंडल’’ का निर्माण किया जाएगा जो प्रदेश का दूसरा एवं उत्तर बिहार का पहला होगा। उन्होंने कहा कि इसके बनने के बाद खगोल विद्याा से जुड़े शोधार्थी ज्योतिष ज्ञान हासिल कर सकेगे। कुलपति ने कहा कि राष्ट्रीय घटक के रूप में संस्कृत के प्रति आकर्षण बढ़ाने के उद्देश्य से आगामी 15 से 21 अगस्त तक विश्वविद्यालय में संस्कृत सप्ताह का आयोजन किया जाएगा। इसके तहत मुख्यालय एवं स्नातकोतर विभागों समेत सभी महाविद्यालयों में भी इसका आयोजन करने के निर्देश दिए गये है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के तहत सम्पूर्ण बिहार राज्य इसका क्षेत्र है लेकिन विवि से जुड़ा हुहा एक भी महिला काॅलेज नहीं है ,इसलिए महिला काॅलेज खोलने का प्रस्ताव भी राज्यपाल सह कुलाधिपति एवं राज्य सकार को भेजा गया है। 

बिहार में बाढ़ का ताडंव जारी , 61 लोगों की मौत

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पटना 03 अगस्त, बिहार में गंगा समेत तीन प्रमुख नदियों के खतरे के निशान से उपर रहने से राज्य के 13 जिलों के 31 लाख लोग बाढ़ की चपेट में आ गये है , वहीं बाढ़ के पानी से अब तक 61 लोगों की डूबकर मौत हो चुकी है । आपदा प्रबंधन विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि नेपाल एवं बिहार के जलग्रहण क्षेत्रों में हो रही व्यापक वर्षा से उत्तर बिहार के 13 जिलों में बाढ़ की स्थिति अभी भी यथावत बनी हुई है । महानंदा , बखरा , कंकई , परमार , कोसी एवं उसकी अन्य सहायक नदियों में आये उफान के कारण राज्य के पूर्णियां ,किशनगंज, अररिया, दरभंगा, मधेपुरा,भागलपुर ,कटिहार , सहरसा, सुपौल ,गोपालगंज ,पूर्वी एवं पश्चिम चंपारण और मुजफ्फरपुर जिले बाढ़ की चपेट में हैं । सूत्रों ने बताया कि बाढ़ प्रभावित पूर्णियां मे 24 , कटिहार में 15 , सुपौल में 08 , किशनगंज में 05 ,मधेपुरा में 04 , गोपालगंज में 03 तथा सहरसा एवं अररिया जिले में 01 -01 व्यक्ति की अब तक डूबकर कर मौत हुई है । इसके साथ ही बाढ़ के पानी में डूबकर मरने वालों की संख्या बढकर अब 61 हो गयी है । बाढ़ के पानी में दो पशुओं की भी डूबकर मौत हुयी है । आपदा प्रबंधन विभाग के सूत्रों ने बताया कि 13 जिलों के 69 प्रखंडों के 2274 गांव के 31 लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं । बाढ़ के कारण इन जिलों में 1.61 हेक्टेयर में लगा फसल नष्ट हुआ है । प्रभावित जिलों में उंचे एवं सुरक्षित स्थानों पर 460 राहत शिविर बनाये गये है । राहत शिविरों में 378257 लोग शरण लिये हुए हैं । प्रभावित लोगों की सुविधा के लिए 175 चिकित्सकों की तैनाती की गयी है । इसी तरह 58 पशु शिविर भी बनाये गये है जहां 24 घंटे पशु चिकित्सकों की तैनाती की गयी है । सूत्रों ने बताया कि बाढ़ प्रभावित 13 जिलों में राहत वितरण का काम युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है। पीड़ित लोगों के बीच चूड़ा ,गुड़ ,दीया सलाई ,मोमवत्ती ,किरासन तेल समेत अन्य आवश्यक उपभोक्ता सामग्री उपलब्ध करायी जा रही है। संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों के निर्देश पर पीड़ित लोगों की मदद के लिये विशेष रूप से अधिकारियों को प्रतिनियुक्त किया गया है। विभाग के सूत्रों ने बताया कि बाढ़ प्रभावित सुपौल,गोपालगंज, मुजफ्फरपुर और दरभंगा जिले में राष्ट्रीय आपदा त्वरित बल (एनडीआरएफ) की टीम को लगाया गया है । इसी तरह खगड़िया,सीतामढ़ी ,पूर्णियां ,भागलपुर, मधुबनी एवं मधेपुरा जिले में राज्य आपदा त्वरित बल (एसडीआरएफ) की तैनाती की गयी है । एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की दो-दो टीम को फिलहाल बिहटा के पटना में सुरक्षित रखा गया है । 


आपदा प्रबंधन विभाग के सूत्रों ने बताया कि बाढ़ प्रभावित अररिया एवं मधेपुरा जिले में जहां त्वरित कार्यबल को राहत एवं बचाव कार्य में लगाया गया है वहीं भोजपुर एवं बक्सर जिले से 25-25 सरकारी नौका अररिया भेजा गया है । इसी तरह खगड़िया एवं मुजफ्फरपुर जिले से 25-25 सरकारी नौका पूर्णियां जिले में राहत कार्य के लिए भेजा गया है । साथ ही दरभंगा जिले से एनडीआरएफ के 20 जवानों को किशनगंज के प्रभावित इलाकों में तैनात किया गया है । सूत्रों ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में 620 सरकारी देशी नौका और 587 निजी नौका को लगाया गया है । इसी तरह किशनगंज जिले में बचाव एवं राहत कार्य के लिए दो मोटर वोट के साथ एसडीआरएफ के जवानों की तैनाती की गयी है। इसके अलावा किशनगंज के प्रभावित इलाकों में राहत कार्य में तेजी लाने के उद्देश्य से खगड़िया जिले से छह अतिरिक्त मोटर वोट भेजा गया है । आपदा प्रबंधन विभाग के सूत्रों ने बताया कि एसडीआरएफ की एक टीम को मधुबनी जिले से कटिहार जिले के प्रभावित इलाकों में भेजा गया है । इसी तरह सीतामढ़ी जिले से एसडीआरएफ की टीम को पूर्वी एवं पश्चिम चंपारण जिले के प्रभावित क्षेत्रों में तैनाती की गयी है । केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा , घाघरा और कोसी नदी खतरे के निशान से कई स्थानों पर उपर है । गंगा नदी कहलगांव , साहेबगंज एवं फरक्का में खतरे के निशान से क्रमश: 17 , 30 एवं 69 सेंटीमीटर उपर है । इसी तरह घाघरा नदी दरौली एवं गंगपुरसिसवन में खतरे के निशान से क्रमश: 13 एवं 26 सेंटीमीटर उपर है । सूत्रों ने बताया कि कोसी नदी बालतारा एवं कुरसेला में क्रमश: 136 एवं 28 सेंटीमीटर उपर है । इन नदियों के जलस्तर में कल तक कुछ और स्थानों पर वृद्धि होने की संभावना है । इन नदियों के अलावा बूढ़ी गंडक के खगड़िया में तथा सोन नदी के भोजपुर के कोइलवर एवं पटना के मनेर में वृद्धि होने की संभावना है । इसबीच मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के पूर्वानुमान में कहा है कि बिहार की सभी नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में हल्की वर्षा होने की संभावना है । 

जीएसटी विधेयक राज्यसभा में पारित

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नयी दिल्ली 03 अगस्त, देश में एक समान वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने वाला एवं भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण माना जा रहा ऐतिहासिक, बहुप्रतीक्ष्रित और बहुचर्चित ‘संविधान (122वां संशोधन) विधेयक 2014 आज राज्यसभा में सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। हालांकि अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस केन्द्रीय जीएसटी और अंतर राज्यीय जीएसटी विधेयको को धन विधेयक के रूप में सदन में पेश नहीं करने की मांग को अस्वीकार कर दिया लेकिन आश्वासन दिया कि वह इन विधेयकों के मसौदा तैयार होने पर उसे अंतिम रूप देने से पहले सभी राजनीतिक दलों से बातचीत करेंगे और इन विधेयकों को संविधान के दायरे में ही पेश किया जायेगा। जीएसटी दर को 18 फीसदी पर सीमित करने के कांग्रेस की मांग पर उन्होंने कहा कि अभी केन्द्रीय उत्पाद शुल्क 12.5 प्रतिशत है और करीब 55 प्रतिशत उत्पादों पर वैट 14.5 प्रतिशत है। इस तरह कुल मिलाकर कर 30 फीसदी से अधिक है। राज्यों के वित्त मंत्रियों के उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने भी कर का बोझ आम लोगों पर कम डालने की वकालत की है और जीएसटी लागू होने पर कर की दरों में कमी आयेगी। लोकसभा से पारित जीएसटी से जुडे इस संविधान संशोधन विधेयक में कुल सात सरकारी संशोधन किये गये हैं। इस विधेयक के विरोध में किसी भी सदस्य ने मतदान नहीं किया और इसे सर्वसम्मति से आवश्यक बहुमत के साथ पारित कर दिया गया। अधिकांश संशोधन कांग्रेस के टी सुब्बारामी रेड्डी के थे जिन्हें सदन ने ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया। इसके अलावा अन्नाद्रमुक के ए नवनीतकृष्णन ने भी कुछ संशोधन दिये थे लेकिन वह मत विभाजन से पहले ही वाकआउट कर गये। विधेयक के पारित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी राजनीतिक दलों को इसके लिए बधाई दी और कहा कि यह देश में सहकारी संघवाद का बेहतरीन उदाहरण साबित होगा। श्री जेटली ने कहा कि जीएसटी से राज्यों को होने वाले संभावित नुकसान की भरपाई केंद्र करेगा। इस विधेयक से राज्यों के राजस्व में वृद्धि होगी। उनके कुल राजस्व में 17 प्रतिशत से लेकर 19 प्रतिशत तक इजाफा होगा। जीएसटी से महंगाई बढने की आशंका का खारिज करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में शामिल उत्पादों में से 60 प्रतिशत वस्तुओं पर कर नहीं है और 32 प्रतिशत पर कर कम हैंं तथा 15 प्रतिशत उत्पादों पर ही मानक कर दर लागू है। सरकार ने लंबे विचार विमर्श के बाद जीएसटी विधेयक पर सहमति बनाने में सफलता प्राप्त की है और वह विवादास्पद एक प्रतिशत अतिरिक्त कर के प्रावधान को हटाने पर राजी हुई है। इसके अलावा सरकार ने जीएसटी से राज्यों को होने वाले संभावित नुकसान की पांच वर्ष तक भरपाई करने का भी प्रावधान किया है। जीएसटी पर पिछले 15 वर्षाें से चर्चा चल रही थी। पिछले दशक में इसको लेकर केलकर समिति गठित की गयी थी तथा वर्ष 2006 में इस पर आम लोगों के सुझाव मांगे गये थे जिसमें इसे वर्ष 2010 में लागू करने की उम्मीद जतायी गयी थी। नवंबर 2009 में इस पर परिचर्चा पत्र जारी किया गया और वर्ष 2011 में बजट पेश किये जाने के बाद जीएसटी से जुडा संविधान संशोधन विधेयक पेश किया गया। 


इसके बाद राज्यों के वित्त मंत्रियों की उच्चाधिकार प्राप्त समिति बनायी गयी और उस समिति ने समय समय पर महत्वपूर्ण सुझाव दिये हैं। इसके साथ ही इस विधेयक को वित्त मंत्रालय से जुडी स्थायी समिति को भेजा गया और समिति ने अगस्त 2013 में अपनी रिपोर्ट दी थी लेकिन वर्ष 2014 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के सत्ता से बाहर होने पर यह विधेयक समाप्त हो गया था। इसके बाद मोदी सरकार ने दिसंबर 2014 में इस विधेयक को अनुमोदित किया जिससे देश के अधिकांश राज्य सहमत थे। वर्ष 2015 में लोकसभा ने इस विधेयक को पारित किया लेकिन राज्यसभा में इसे प्रवर समिति को भेजा गया। सरकार ने इस विधेयक पर सभी बडे दलों के साथ चर्चा की जिनमें क्षेत्रीय दल भी शामिल है। जीएसटी से संबंधित विवादों के निपटान के लिए जीएसटी परिषद सर्वोच्च संगठन होगा और जिन विवादों का निपटान जीएसटी परिषद में नहीं हो सकेगा उसके लिए यह परिषद ही एक तंत्र बनायेगा और वह उस विवाद का समाधान करेगा। जीएसटी परिषद में दो तिहाई वोटिंग अधिकार राज्यों के पास होगे जबकि केन्द्र के पास एक तिहाई अधिकार होगा। किसी विवाद के समाधान के लिए तीन चौथाई वोटिंग की जरूरत होगी। इस विधेयक के संसद से पारित होने के बाद राज्य विधानसभाओं को अनुमोदित करना होगा। इसके बाद केन्द्रीय जीएसटी और अंतरराज्यीय जीएसटी को लेकर केन्द्र सरकार कानून बनायेगी जबकि राज्य जीएसटी को लेकर राज्य कानून बनायेंगे। 


जीएसटी विधेयक पारित होने पर मोदी ने नेताओं को दिया धन्यवाद

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नयी दिल्ली, 03 अगस्त, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में एक समान वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने वाले एवं भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण माने जा रहे ऐतिहासिक संविधान (122वां संशोधन) विधेयक 2014 के आज राज्यसभा में पारित होने पर सभी दलों के नेताओं को बधाई देते हुये कहा कि यह विधेयक सहकारी संघवाद का उत्कृष्ट उदाहरण है। श्री मोदी ने ट्विट कर कहा “ राज्यसभा में जीएसटी विधेयक के पारित होने के ऐतिहासिक अवसर पर पर मैं सभी दलों के नेताओं और सदस्यों को धन्यवाद देता हूं। 21 वीं सदी में भारत को एक अप्रत्यक्ष कर प्रणाली देने के फैसले के लिये हमारे सांसद बधाई के पात्र हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा “हम एक ऐसी प्रणाली विकसित करने के लिए सभी दलों और राज्यों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं जिससे देश के सभी लोगों को लाभ हो और एक जीवंत एवं एकीकृत बाजार को बढावा मिल सके। यह मेक इन इंडिया और निर्यात को बढावा देगा जिससे रोजगार के अवसर बढेंगे और राजस्व में भी वृद्धि होगी। हम एक साथ मिलकर देश को नयी ऊंचाइयों तक ले जाएंगे। 

बिहार विधान मंडल का मॉनसून सत्र अनिश्चित काल के लिये स्थगित

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पटना 04 अगस्त, बिहार विधान मंडल का मॉनसून सत्र आज अनिश्चित काल के लिये स्थगित कर दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने मॉनसून सत्र में सदन के संचालन में सभी सदस्यों के सहयोग के लिये अभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि 29 जुलाई से शुरू हुए मॉनसून सत्र के दौरान कुल पांच बैठके हुयी । बैठक के दौरान कुल 13 विधेयकों को मंजूरी प्रदान की गयी । 



विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि मॉनसून सत्र के दौरान जिन विधेयकों को मंजूरी प्रदान की गयी उनमें उत्पाद एवं मद्य निषेध अधिनियम 2016 ,बिहार लोकायुक्त (संशोधन) विधेयक 2016 ,बिहार विधि निरसन (जो आवश्यक अथवा सुसंगत नहीं रह गये हैं ) विधेयक 2016 , बिहार मूल्यवर्द्धित कर (संशोधन) विधेयक 2016 , बिहार राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2016 , बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन विधेयक 2016, बिहार मोटर वाहन कराधान (संशोधन) विधेयक 2016 , बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय विधेयक 2016 और बिहार कृषि विश्वविद्यालय (निरसन) विधेयक 2016 शामिल है । बाद में अध्यक्ष ने सदन की बैठक को अनिश्चित काल के लिये स्थगित कर दी । 

विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने भी सदन के संचालन के लिये सभी सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस सत्र के दौरान कुल पांच बैठके हुयी । बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित किये जाने के साथ सदस्यों ने जनहित के कई मामलों को भी सदन में उठाया । इसके बाद उन्होंने सदन की बैठक को अनिश्चित काल के लिये स्थगित किये जाने की घोषणा की ।

उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देगी दिल्ली सरकार

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नयी दिल्ली 04 अगस्त, दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज कहा कि दिल्ली में अधिकारियों की नियुक्ति में उप राज्यपाल के पूर्ण शक्ति पर केंद्र की अधिसूचना के संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को दिल्ली सरकार उच्चतम न्यायालय में चुनाैती देगी। श्री सिसोदिया ने पत्रकारों को संबोधित करते हुये कहा “ इस संबंध में हम दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन हम इस फैसले से सहमत नहीं हैं। किसी भी फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील करने का अधिकार हमें संविधान प्रदान करता है।” 

श्री सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली अन्य राज्यों से अलग है और यह केंद्र शासित प्रदेश होने के साथ साथ इसका अपना विधानसभा भी है। उन्होंने कहा कि बिजली वितरण कंपनियों में फैले भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने , अधिकारियों के हस्तांतरण पोस्टिंग में कमीशन प्रणाली की जांच करने के लिए सरकार के पास शक्ति का होना जरुरी है । बिना किसी शक्ति के दिल्ली के लोगों की मांग को कैसे पूरा किया जा सकता है। इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि राजधानी दिल्ली अभी भी केंद्रशासित प्रदेश है और यहां उप राज्यपाल ही प्रशासनिक प्रमुख हैं । दिल्ली सरकार के इस दलील में दम नहीं है कि उपराज्यपाल दिल्ली सरकार के मंत्रिपरिषद की सलाह को मानने के लिये बाध्य हैं। मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायाधीश जयंत नाथ की खंडपीठ ने दिल्ली में अधिकारियों की नियुक्ति में उप राज्यपाल के पूर्ण शक्ति संबंधी केंद्र की ओर से 21 मई 2015 को जारी अधिसूचना के खिलाफ दिल्ली सरकार की ओर से दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया। 

दिल्ली उच्च न्यायालय का फैसला संविधान से जुड़ा निर्णय-जंग

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नयी दिल्ली 04 अगस्त, उपराज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को संविधान की वैधता से जुड़ा मसला बताते हुए कहा है कि इसे उनकी जीत अथवा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के हार के रूप में नहीं देखा जाना चाहिये। श्री जंग ने अधिकारों को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को अहम और एतिहासिक निर्णय बताते हुये कहा कि इसे लेकर एक साल तक बहस चली। यह संविधान की साख का सवाल था और उन्होंने संविधान की भावना तथा वर्षो से चली आ रही परंपरा का निर्वाह करते हुए काम किया। 

उपराज्यपाल ने कहा कि इस फैसले को उनकी जीत या श्री केजरीवाल के हार के रूप में नहीं देखा जाना चाहिये। यह संविधान की वैधता से जुड़ा मसला था। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल निवास में रहकर मैंने संविधान के दायरे में रहकर ही काम किया है और सरकार के काम काज में व्यवधान नहीं डालते हुये गलत चीजों को दुरुस्त करने पर जोर दिया। दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के बाद अब सभी चीजें साफ हो गयीं है। मैं यहां राष्ट्रपति का प्रतिनिधि हॅू और संविधान के दायरे में रहकर काम करना मेरा दायित्व है। 

दिल्ली सरकार के यह कहने पर कि वह बहमुत से चुनी हुई सरकार है और उन्हें काम नहीं करने दिया जा रहा है। श्री जंग ने कहा,“दिल्ली केन्द्र शासित प्रदेश है । यहां सात संसद सदस्य भी चुनकर आये है और निगमों में भी चुनी हुई सरकार है। अधिकारों को लेकर हम अदालत नहीं गये । हमने तो केवल अदालत में कानून पढकर बताया और कहा कि दिल्ली सरकार ने जहां संविधान का उल्लंघन कर काम किया, उसी पर सवाल खड़े किये। 

21 विधायकों के संसदीय सचिव नियुक्त किये जाने के मसले पर पूछे गये सवाल के संबंध में श्री जंग ने कहा कि उनसे इस संबंध में कोई राय नहीं ली गयी और अब यह मामला चुनाव आयोग में है, इसलिए इस संबंध में वह कुछ नहीं कह सकते। दिल्ली सरकार के अधिकारियों के तबादले और नियुक्तियों के बारे में उपराज्यपाल सचिवालय की तरफ से अड़गा लगाये जाने के संबंध में श्री जंग ने कहा कि यह कहना बिलकुल गलत है कि मैंने चपरासियों के तबादलों और नियुक्तियों तक हस्तक्षेप किया । सरकार ने 150 से 200 नियुक्तियों के मामले भेजे जिसमें दानिक्स अफसरों से लेकर ऊपर टाइमस्केल स्तर के अधिकारियों के मसले से जुडे थे। इनमें से केवल चार-पांच को छोडकर किसी पर सवाल खडा नहीं किया गया। उपराज्यपाल निवास की तरफ से सरकार के प्रति एक भी शब्द नहीं कहा गया है। नजीब जंग का अपना कोई अस्तित्व नहीं है। यह उपराज्यपाल का कार्यालय है और उसकी हिफाजत करना उनका कर्त्तव्य है। 

14 विधेयकों के केन्द्र से वापस आने के मसले पर श्री जंग ने कहा कि इस संबंध में पहले भी स्पष्टीकरण दिया जा चुका है और वित्तीय मामलों तथा ऐसे विधेयक जिन्हें लेकर केन्द्र से कोई विरोधाभास है,चार-पांच विधेयक वापस आये है और इसे जून में ही दिल्ली सरकार को भेज दिया गया था लेकिन अभी यह सरकार से वापस नहीं आये हैं। श्री जंग ने कहा,“ मैं यहां राष्ट्रपति का प्रतिनिधि हॅू और हमारे तरफ से कोई पहल नहीं हुई है। दिल्ली की जनता के हितों की रक्षा के लिये संविधान और कानून के दायरे में ही रहकर काम किया है।” 

पाकिस्तान में गृहमंत्री का अपमान हुआ : जयराम

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 यी दिल्ली 04 अगस्त, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने आज कहा कि दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (दक्षेस) की बैठक में हिस्सा लेने गए गृहमंत्री राजनाथ सिंह का पाकिस्तान में अपमान हुआ है और इस पर पाकिस्तान से कड़ी आपत्ति जतायी जानी चाहिए। श्री रमेश ने कहा कि पाकिस्तान में हमारे गृहमंत्री का विरोध हुआ है और यह गलत है। 

पाकिस्तान में गृहमंत्री के साथ हुए व्यवहार को उन्होंने घोर आपत्तिजनक बताया और कहा कि इससे हमारे गृहमंत्री का अपमान हुआ है। उन्होंने कहा कि इस मामले में राजनीति नहीं की जा सकती है। यह देश के गृहमंत्री के अपमान का सवाल है और इस बारे में संसद में विस्तार से जानकारी दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में गृहमंत्री के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं होना चाहिए था। इस बारे में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भारत की आपत्ति भेजी जानी चाहिए और इस स्थिति से देश की जनता को अवगत कराया जाना चाहिए। 

अप्रैल 2017 से जीएसटी लागू करने की तैयारी शुरू

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नयी दिल्ली 04 अगस्त, अप्रत्यक्ष कर की दिशा में देश के सबसे बड़े सुधार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुडे संविधान संशोधन विधेयक के राज्यसभा से पारित होने के साथ ही इसको लागू करने की चुनौतियों के बीच सरकार ने 01 अप्रैल 2017 से इसे क्रियान्वित करने की तैयारी शुरू कर दी है और इसके लिए 60 हजार कर्मचारियों काे प्रशिक्षित किया जायेगा। 


वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस विधेयक के राज्यसभा से पारित किये जाने पर आज यहाँ संवाददाताओं से कहा “देश में अप्रत्यक्ष कर सुधार के दिशा में कल का दिन ऐतिहासिक था जब भारतीय राजनीति की परिपक्वता देखने को मिली। एक दल (अन्नाद्रमुक) को छोड़कर सभी दलों ने सर्वसम्मति से इस विधेयक का समर्थन किया।” 



इस मौके पर राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने जीएसटी को लागू करने के रोडमैप पर एक प्रस्तुती दी जिसमें उन्होंने कहा कि इसे 01 अप्रैल 2017 से लागू करने की तैयारी चल रही है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सबसे पहले सूचना प्रौद्योगिकी इंफ्रास्ट्रक्चर और लीगल फ्रेमवर्क बनाये जा रहें हैं। उन्होंने कहा कि एक महीने के भीतर देश के 16 राज्यों की विधानसभाओं से इस संविधान संशोधन को अनुमोदित कराने की योजना बनायी गई है ताकि उसके बाद जीएसटी परिषद् का गठन हो सके और फिर परिषद् केन्द्रीय जीएसटी, अंतरराज्यीय जीएसटी और राज्य जीएसटी विधेयकों के प्रारूप तैयार करे जिसे शीतकालीन सत्र में संसद में पेश किया जा सके। 

हजयात्रियों का पहला जत्था सऊदी अरब रवाना

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यी दिल्ली 04 अगस्त, सऊदी अरब के मक्का और मदीना की यात्रा के लिए 300 हजयात्रियों का पहला जत्था आज सुबह यहां से रवाना हुआ। अल्पसंख्यक कार्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मुख्तार अब्बास नकवी ने कल रात एक समारोह में हज यात्रियों के पहले जत्थे को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से झंडी दिखाकर रवाना किया । उन्हें ले जा रहे विमान ने सुबह 2.30 बजे उड़ान भरी। 


दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़ और उत्तराखंड से आए लगभग एक लाख 25 हजार हाजी यहां से प्रस्थान करेंगे। इनमें दिल्ली के एक हजार 341, उत्तर प्रदेश के 8 690, हरियाणा के 1045, हिमाचल प्रदेश के 91, चंडीगढ़ के 73, उत्तराखंड और 864 हजयात्री हैं। इस साल कुल एक लाख बीस हज यात्रियों के जत्थे हज समिति के माध्यम से देश के 21 स्थानों से हज यात्रा के लिए जेद्दा रवाना होंगे। इसके अलावा 36 हजार हज तीर्थयात्रियों के दल निजी टूर ऑपरेटरों के माध्यम से जायेंगे। एक लाख बीस हजार हज यात्रियों के जत्थों को हज समिति चार विमानों- एयर इंडिया, सऊदी अरब एयरलाइंस, स्पाइसजेट और नैस एयरलाइंस- द्वारा 21 विभिन्न स्थानों से रवाना करेगी। 

संविधान की मूलभावना से छेड़छाड़ कर रही नीतीश सरकार: पप्‍पू

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पटना 04 अगस्त, जन अधिकार पार्टी (लो) के संरक्षक और सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्‍पू यादव ने बिहार की नीतीश सरकार पर आम आदमी के अधिकारों का हनन करने का आरोप लगाया और कहा कि ऐसा कर सरकार संविधान की मूलभावना के साथ छेड़छाड़ कर रही है। 

श्री यादव ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि नीतीश सरकार शराबबंदी कानून की आड़ में काला कानून राज्‍य की जनता पर थोपना चाहती है। यह सरकार आम आदमी के अधिकारों का हनन कर रही है। नये शराबबंदी कानून में राज्य की पुलिस को असीम अधिकार दिया गया है। इस अधिकार का पुलिस दुरुपयोग करेगी और किसी को भी फंसा कर परेशान कर सकती है। उन्‍होंने केंद्र सरकार से इस काला कानून को लेकर हस्‍तक्षेप करने की मांग की। सांसद ने राज्‍य में दलितों के खिलाफ अत्‍याचार की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि राजधानी पटना में बुधवार को अपने हक के लिए प्रदर्शन कर रहे दलित छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया जिसमें कई छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए। 

इसी तरह खगड़िया में भी दलितों के उत्पीड़न का मामला सामने आया हैं। उन्होंने दोनों मामलों की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो से कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी राज्य में बढ़ते दलित उत्‍पीड़न और शराबबंदी पर काला कानून के खिलाफ छह अगस्‍त को राजभवन मार्च करेगी और 12 अगस्‍त जिला मुख्‍यालय में प्रदर्शन करेगी। 

ढूंढ निकालूंगी टैगोर के चोरी हुए नोबेल पदक को : ममता

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बोलपुर 04 अगस्त, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज कहा यदि अवसर मिले तो जांच कर वह गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के चोरी हुए नोबेल पुरस्कार के पदक को ढूंढ सकती हैं। 


शांतिनिकेतन में विश्व भारती विश्वविद्यालय के लिपिका सभागार में आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में सुश्री बनर्जी ने कहा कि सीबीआई गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के नोबेल पुरस्कार के पदक की चोरी की जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि अवसर मिले तो जांच कर वह गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के चोरी हुए नोबेल पुरस्कार के पदक को ढूंढ सकती हैं। 



गौरतलब है कि सन 2004 में विश्व भारती विश्वविद्यालय के संग्रहालय से गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के नोबेल पुरस्कार पदक को चुरा लिया गया था। बारह साल बाद भी अभी तक पदक के बारे में कुछ भी पता नहीं चल पाया है। 1913 में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर काे उनकी रचना गीतांजलि के लिए नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था। 

दिल्ली की समस्याओं की ओर ध्यान दें केजरीवाल: कांग्रेस

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नयी दिल्ली 04 अगस्त, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने आज कहा कि श्री केजरीवाल को ध्यान केंद्र में जाने की बजाए दिल्ली की समस्याओं को दूर करने पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए। पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री अजय माकन और श्री मीम अफजल ने आज कहा कि श्री केजरीवाल ने अपनी सरकार के 18 महीने केंद्र के साथ अपनी शक्तियों को लेकर अनावश्यक टकराव में बर्बाद कर दिए हैं। श्री माकन ने कहा कि संविधान में केंद्र और दिल्ली के बीच शक्ति के विभाजन का स्पष्ट उल्लेख है। 


दिल्ली में उपराज्यपाल की शक्तियों को लेकर आज उच्च न्यायालय का फैसला आया जिसमें उच्च न्यायालय ने कहा कि उपराज्यपाल नजीब जंग ही दिल्ली के प्रशासनिक प्रमुख हैं। श्री अफजल और श्री माकन ने कहा कि दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है और देश की राजधानी के रूप में इसकी एक विशेष स्थिति है। इसलिए वर्चस्व का श्री केजरीवाल का यह दावा कानूनी रूप से तर्कसंगत नहीं है। 



श्री अफजल ने कहा कि दिल्लीवासी पानी और बिजली की कमी के अलावा स्वच्छता और विकास की कमी जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री केजरीवाल को इसकी कोई चिंता नहीं है। 
श्री माकन ने कहा कि श्री केजरीवाल को अपने पूर्ववर्तियों शीला दीक्षित, मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज का ध्यान रखना चाहिए और विशेष स्थिति प्राप्त करने की उम्मीद छोड़ देनी चाहिए। श्री माकन ने कहा कि श्री केजरीवाल को न्यायालय के फैसले को समझना चाहिए जिसमें न्यायालय ने दिल्ली को एक केन्द्र शासित केंद्र शासित प्रदेश बताया है। 



कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि श्री केजरीवाल को आरोप प्रत्यारोप की बजाए दिल्ली में जल जमाव की समस्या और परिवहन व्यवस्था को दुरुस्त करने पर ध्यान देना चाहिए।

बिहार : दर दर भटकती वृद्ध लीला देवी

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पटना। लोहानीपुर में रहते हैं गौरख साहनी और लीला देवी। दोनों के सहयोग से 4 संतान है। 2 लड़की और 2 लड़के। अपने ही संतान से बुजुर्ग मां-बाप परेशान हैं। संतान के दुव्र्यवहारों से हलकान होकर द्यरेलू मसले को गौरख साहनी और लीला देवी कदम कुआं थाने में ले गये। मंथर गति से कार्य होने से उबकर पति-पत्नी कार्यालय, अनुमंडल, लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी,पटना सदर के समक्ष आवेदन दिये। इनका लो0 शि0 नि0 वाद सं0 528210116061600135/2016 है। अनुमण्डलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी का कार्यालयः अनु0 लो0शि0नि0पदा0,पटना सदर की कुमारी सीमा, अनुमण्डलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी हैं। इनके समक्ष यहां पर परिवादी उपस्थित हुए। लोक प्राधिकार के प्रतिनिधि (श्री भारत प्रसाद,पुलिस अवर निरीक्षक,कदम कुआं थाना) भी उपस्थित हुए।परिवादी द्वारा दाखिल कागजातों एवं लोक प्राधिकार द्वारा दाखिल प्रतिवेदन (ज्ञापांक 1730/दिनांक-04.07.16) का अवलोकन किया एवं दोनों पक्षों को सुना। परिवादानुसार मामला पारिवारिक विवाद एवं मकान विवाद से उत्पन्न मार-पीट एवं झगड़े से संबंधित है। 


लोक प्राधिकार के प्रतिवेदनानुसारः परिवादीनी के पूर्वी लोहानीपुर स्थित मकान में परिविदिनी का बड़ा पुत्र पप्पू साहनी एवं उनकी पुत्रवधू मुन्नी देवी, हमेशा मार-पीट एवं लड़ाई -झगड़ा करते हैं और उनके किरायेदार को धमकी देकर भगा दिये हैं। इसके पूर्व पप्पू साहनी के विरूद्ध 107 द0प्र0स0 की कार्रवाई न्यायालय में चल रही है। जिसमें पप्पू साहनी ने अपने माता-पिता,का भरण-पोषण एवं मर्यादित व्यवहार करने का वादा किये हैं परन्तु उनके द्वारा पुनः माता-पिता को तंग किया जा रहा है एवं किरायादार को तंग कर भगाने की बात प्रकाश में आई है और उनके द्वारा तरह-तरह का धमकी दिया जा रहा है। कदम कुआं थाना में प्राथमिकी दर्जः गौरख साहनी और लीला देवी के संग अत्याचार को दर्शाते आवेदन के आलोक में पुलिस द्वारा पप्पू साहनी के विरूद्ध धारा 116(ं।।।) द0प्र0सं0की कार्रवाई की गयी है जिसका प्राथमिकी सं0 03/2016है। जिससे न्यायालय द्वारा पप्पू साहनी को प्रतिबंधित किया जा सके। उपर्युक्त से यह स्पष्ट होता है कि यह मामला न्यायालय के क्षेत्राधिकार में है। चूंकि मामला न्यायालय की अधिकारिता में हैं अतः वाद इस सझाव के साथ निष्पादित किया जाता है आवेदक सक्षम न्यायालय में अपना पक्ष रख अनुपोष प्राप्त करें। 

सीएम नीतीश कुमार द्वारा 5 जून,2016 से लागू है बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम। गाइड लाइन से अधिकारी इस अधिनियम को क्रियान्वित करते हैं। राज्य,जिला और अनुमंडल स्तर पर लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम का कार्यालय खोल दिया गया है। यहां पर आवेदन लिया जाता है। किसी भी तरह का आवेदन लेकर पावती दे दी जाती है। इसके बाद आवेदन को देखकर पाॅजिटिव और नेगेटिव करार दिया जाता है। दिव्यांग,आर0टी0आई.राइट टू वर्क,न्यायालय,जे0पी0आंदोलनकारी आदि का नेगेटिव करार दिया जाता है। उसे उसी विभाग में लौटा दिया जाता है जहां पर कार्य में रूकावट है।





आलोक कुमार
 पटना।

बिहार : ‘आॅनर किलिंग’ से रामजी राय और सोनी कुमारी की मौत

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  • मोहब्बत करने वालों को 7 लोगों ने ठिकाना लगाया, साढ़े तीन साल के बाद भी 3 बदमाशों की गिरफ्तारी नहीं

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पटना। कहा जाता है कि भगवान द्वारा पति और पत्नी का चयन किया जाता है। अलग-अलग रहने वाले मिलते हैं और दो दिल जुड़ जाते हैं। उसी तर्ज पर रामजी कुमार और सोनी कुमारी मिले। 20 दिसम्बर,2011को पटना में लव मैरेज करते हैं। दोनों के मिलन से सोनी के गर्भ में शिशु भी आ गया था। मगर सोनी के परिवार वालों को लव मैरेज नहीं भाया। इसका परिणाम‘आॅनर किलिंग’के रूप में सामने आया। 8 दिसम्बर,2012 को रामजी कुमार,सोनी कुमार और गर्भ में पलने वाले शिशु की हत्या कर दी गयी। मामला गर्दनीबाग थाने में दर्ज है। न्याय की तलाश में किशुनदेव राय भटक रहे हैं। अनुमण्डलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी का कार्यालय में आकर आवेदन दिये।


इस कांड का संक्षिप्त विवरणः दिनांक 8.6.12 को आवेदक किशुनदेव राय पिता स्व0 शिव प्रसाद राय ग्राम- एतवारपुर,पो0कुरथौल,अंचल-फुलवारीशरीफ,थाना-परसा बाजार,जिला-पटना के लिखित आवेदन के आधार पर गर्दनीबाग थाना कांड संख्या-172/12 दिनांक-8.6.12धारा-354/34भा0द0संहिता कांड दर्ज कर अनुसंधान कार्य किया गया।अनुसंधान के क्रम में इस कांड में नामजद अभियुक्त (1) जयप्रकाश राय,(2)विजय नंदन राय पेसरान स्व0राम सिहासन राय(3)सविता देवी पति विजय नंदन राय सभी घर -काजीचक थाना-कोइलवर जिला आरा को गिरफ्तार किया गया। तीनों नामजद अभियुक्तों ने अलग-अलग अपनी स्वीकारोक्ति बयान में बतलाया कि इनकी बहन सोनी कुमारी अपने मन से रामजी राय के साथ कोर्ट में शादी कर लिया जो कि उनमें मन एवं परिवार के लोगों को बहुत ही खराब लगा तब अपनी प्रतिष्ठा हनन हाने की बात समझकर अपनी बहन एवं रामजी राय की हत्या करने की साजिश रचे तथा सभी नामजद अभियुक्त मिलकर षडयंत्र के तहत सोनी कुमारी एवं रामजी की कर दिये। अपने स्वीकारोक्ति बयान में तीनों ने बतलाया कि हत्या कर उनके मोबाइल दाब तथा बेग को घर के आंगन में गाढ़े है तथा मोटर साइकिल को नेउरा रेलवे स्टेशन के मोटर गैरेज में रख दिये तथा लाश को सोन नदी के किनारे छुपा दिये हैं।उनके बताये अनुसार सभी स्थानों पर छापामारी करने पर सभी समान बरामद किया गया तथा तीनों नामजद अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया। वरीय प्र0पदा0ने अनुसंधान और बयान के आधार पर निर्मित आरोप पत्र को मंजूरी प्रदान कर दिया। इस कांड के सभी नामजद अभियुक्तों एवं बयान के आधार पर धारा 364/302/201/120बी 73 ए भा.द0वि0के अन्तर्गत साक्ष्य है तथा आरोप पत्र पर पूर्णरूपेण सही पाया है। इस कार्ड में गिरफ्तार नामजद अभियुक्त (1)  की स्थिति में आरोप पत्र सं0 193/12 दिनांक 7.9.12 धारा- 364/302/201/120(बी)/34 भा0द0वि0 के अन्तर्गत न्यायिक हिरासत में भेजा गया। इस तिहरे हत्याकांड के 6 साक्षी हैं। किशुनदेव राय,पिता स्व0शिव प्रसाद राय,रामाशीष ठाकुर,पिता पोखन ठाकुर,अमरावती देवी पति रामाशीष ठाकुर,रीता देवी जौजे किशुनदेव राय,दीनानाथ पासवान  और शंकर राय पिता- रघुपति राय हैं।


असहाय निशक्त मूकवधिर सेवा उत्थान समितिः इस समिति के सचिव सुभाष राय ने 20/6/2016 को पत्रांक 104 के माध्यम से महामहिम राज्यपाल महोदय को आवेदन लिखा है। इसका विषय है कि पटना थाना कांड संख्या-172/12 थाना-गर्दनीबाग,जिला-पटना पीड़ित परिवार 10 लाख रूपये मुआवजा एवं फरार अभियुक्त को गिरफ्तारी के संबंध मेें। निवेदन पूर्वक कहना है कि श्री किशुनदेव राय पिता-स्व0शिव प्रसाद राय गा्रम-एतवारपुर, पो0कुरथौल, अंचल-फुलवारीशरीफ,थाना-परसा बाजार ,जिला-पटना श्री किशुनदेव राय बी0पी0एल0परिवार का सदस्य है एवं एक पैर से लगड़ा भी है। जबसे पुत्र एवं पुत्रवधू की हत्या कर बालू में छिपाकर रखे गये थे।पहचानने लायक भी नहीं थी। उसी समय से श्री किशुनदेव राय उदाय दुखी एवं खाने-पीने के लिए मोहताज रहता है। आजतक किसी तरह का कोई सरकारी सहायता या मुआवजा नहीं मिला। दो छोटे-छोटे बच्चे लक्ष्मण कुमार (12साल) और रिंकी कुमारी(7साल) हैं। रहने के लिए छत नहीं,झोपड़ी करकट देकर गाय पालकर पति-पत्नी,बच्चे,गुजर-बसर करने के लिए मजबूर हैं। अतः श्रीमान् से प्रार्थना है कि मुआवजा एवं न्याय दिलवाने की कृपा करें। इसके लिए मैं आपका सदा आभारी रहूूंगा। 

मृत्यु इच्छा की मांग की है जिलाधिकारी सेःकिशुनदेव राय ने डीएम पटना के समक्ष आवेदन दिया है। इसमें पटना कांड संख्या-172/12 थाना- गर्दनीबाग, जिला-पटना अभियुक्त फरार मुन्ना राय,बुद्धन राय और श्याम कुमार की गिरफ्तारी एवं पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा के संबंध में प्रेषित किया है। आगे लिखा है कि मैं एक पैर से विकलांग हूं। मेरा नाम किशुनदेव राय स्व0 शिव प्रसाद राय,घर एतवारपुर, पो0कुरथौल, अंचल- फुलवारीशरीफ, थाना- परसा बाजार,जिला-पटना का निवासी हूं। मुझे आजतक किसी तरह की कोई सरकारी सहायता या मुआवजा नहीं मिली है। जैसे सामाजिक सुरक्षा पेंशन,इंदिरा आवास योजना एवं मुआवजा भी नहीं मिलने से बहुत दुखी एवं खाने-पीने के लिए मोहताज रहता हूं। इस लिए मन में आया कि हम भी किशुनदेव राय (पति)/रीता देवी (पत्नी) दोनों आत्महत्या कर लें। जैसे मेरे पुत्र व पुत्रवधु की हत्या कर बालू में गाड़ दिया गया। मगर आजतक गर्दनीबाग थाना द्वारा अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं कर पायी है। इस लिए मुझे आत्महत्या करने की इजाजत देने की कृपा करें। अतः श्रीमान् से प्रार्थना है कि जल्द से जल्द कार्रवाई करें । न्याय दिलवाने की कृपा की जाये।

कई समस्याओं से जूझने वाले किशुनदेव राय ने सीएम नीतीश कुमार से तिहरे हत्याकांड की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है। किशुनदेव राय के पुत्र रामजी राय और राम सिहासन राय की पुत्री सोनी कुमारी हैं। दोनों के सहयोग से सोनी कुमारी के गर्भ में शिशु पल रहा था। प्रतिष्ठा हनन होने के कारण षडयंत्र रचकर (1) जयप्रकाश राय,(2)विजय नंदन राय, (3)सविता देवी, (4)विजय नंदन राय, (5) मुन्ना राय,(6)बुद्धन राय और (7)श्याम कुमार ने सोनी कुमारी,रामजी राय और गर्भ में पलने वाले शिशु की हत्या कर दी। (1) जयप्रकाश राय,(2)विजय नंदन राय, (3)सविता देवी, और (4)विजय नंदन राय गिरफ्तार कर जेल भेजे गये। एक साल से अधिक समय तक जेल में रहने के बाद जमानत पर बाहर आ गये हैं। शेष मुन्ना राय,बुद्धन राय और श्याम कुमार फरार चल रहे हैं।


आलोक कुमार
पटना।

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