Quantcast
Channel: Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)
Viewing all 74122 articles
Browse latest View live

नोटबंदी के खिलाफ माले ने किया 17 से 21 नवम्बर तक राज्यव्यापी विरोध की घोषणा: कुणाल

$
0
0
  • चट्टी-बाजारों में नुक्कड़ सभाओं के जरिए नोटबंदी के पीछे मोदी सरकार की असली मंशा का किया जाएगा भंडाफोड.
  • कारपोरेट घराने के लिए पैसा जुटाने के लिए किया गया है खेल. दो हजार मूल्य के नोट से कालाधन की जमाखोरी को मिलेगा बढ़ावा.

cpi-ml-protest-note-close-kunal
पटना 16 नवम्बर 2016, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि हमारी पार्टी ने नोटबंदी के पीछे मोदी सरकार की असली मंशा का भंडाफोड़ करने का फैसला किया है. यह नोटबंदी कालाधन वापसी के लिए नहीं, बल्कि इसकी आड़ में कारपोरेट घरानों को पैसा दिलाने के लिए मुद्रा का गंभीर संकट झेल रहे सरकारी बैंकों को नया जीवन प्रदान करने की कोशिश है. कारपोरेट घरानों का सवा लाख करोड़ रुपया का कर्ज पहले ही माफ किया जा चुका है और उनपर करीब 6 लाख करोड़ रुपये अभी और डुबंत कर्ज हैं. लाखों-करोड़ों के कर्ज के कारण आज देश में यह स्थिति पैदा हुई है। कारपोरेटों की संपत्ति जब्त कर पैसा वसूलने की बजाय सरकार जनता की गाढ़ी कमाई पर डाका डाल रही है. सरकार ने 2 हजार मूल्य के नोट छापकर कालाधन की जमाखोरी को और सुगम ही बनाया है. जनता का पैसा जमाकर बैंक कारपोरेट घरानों को उधार दे रहे हैं, न कि यह पैसा आम लोगों से जुड़ी योजनाओं पर खर्च किया जा रहा है. बड़े कारपोरेट घरानों में अनिल अंबानी ( 1 लाख 25 हजार), अनिल अग्रवाल ( 1 लाख 3 हजार), शशि रूइया एंड कंपनी ( 1 लाख 1 हजार), गौतम अदानी ( 96031), मनोज गौर ( 75613), सज्जन ंिजंदल ( 58171), जीएम राव ( 47976), एल मधुसूदन राव ( 47012), वेनु गोपाल धूत ( 45405), जीवीके रेड्डी (33933) करोड़ रुपये निकासी की कतार में पहले से खड़े हैं. निश्चित तौर पर पहले से कर्ज में डूबे बैंको के पास इतना पैसा नहीं है कि वे इन कारपोरेटों को कर्ज दे सकें. इसलिए नोटबंदी के जरिए मोदी सरकार आम लोगों का पैसा बैंकों में जमा करवाकर कारपोरेट घराने के हवाले कर रही है.

उन्होंने आगे कहा कि नोटबंदी का दूसरा पहलू और भयावह है. इसने पहले से महंगाई और अन्य समस्याओं की मार झेल रही आम जनता का जीवन और संकटग्रस्त कर दिया है. लोग सारा कामधाम छोड़कर नोट की लाइन में खड़े हैं, अब तक 25 से ज्यादा लोगों की मौतें हो चुकी हैं. चारो तरफ हाहाकार मचा हुआ है. लोगों का इलाज नहीं हो रहा है, आवश्यक चीजें तक नहीं मिल रही है. यह आर्थिक आपातकाल के समान है. बावजूद, देश के प्रधानमंत्री लगातार ढोंग रच रहे हैं और कह रहे हैं कि 50 दिनों में सबकुछ ठीक हो जाएगा. मोदी सरकार आखिर कितने लोगों की बलि लेगी? हमारी पार्टी ने इस नोटबंदी के तुगलकी फरमान को अविलंब वापस लेने की मांग की है. उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश जी नोटबंदी का स्वागत कर रहे हैं, लेकिन बिहार में भी अबतक 6 लोगों की जान जा चुकी है. ऐसा लगता है कि बिहार सरकार की इसमें कोई भूमिका ही नहीं बनती. बिहार सरकार का यह रुख भी बेहद निंदनीय है और हमारी मांग है कि मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा प्रदान किया जाए. कारपोरेट घराने के पक्ष में की गयी इस नोटबंदी की असलियत को आम जनता के बीच प्रचारित-प्रसारित करने के लिए साप्ताहिक विरोध दिवस के तहत पूरे राज्य में चट्टी बाजारों में नुक्कड़ सभाओं का आयोजन किया जाएगा, मोदी का पुतला दहन किया जाएगा और नोटबंदी के तुगलकी फरमान को वापस करने की मांग की जाएगी.

नाेटबंदी पर कांग्रेस और आप कर रही हैं जनता को भ्रमित : भाजपा

$
0
0
congress-and-aap-confusing-the-public-on-naetbandi-bjp
नयी दिल्ली 16 नवम्बर, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने नोटबंदी के मामले में कांग्रेस पर जनता को भ्रमित करने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि सत्तर साल से भ्रष्टाचार को पनाह देने वाली यह पार्टी कालेधन के खिलाफ कार्रवाई होने पर अब नाहक शोर मचा रही है। पार्टी प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने आज यहां संसद परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में कांग्रेस के साथ ही आम आम आदमी पार्टी पर भी नोटबंदी को राजनीतिक मुद्दा बनाने का अारोप लगाया। उन्होंने कहा कि ये दोनों ही दल भ्रष्टाचार करने वालों के साथ हैं। श्री अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के संकल्प को लेकर सत्ता में आए थे और अब वही काले धन के खिलाफ सरकार की कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं। अपने इस कृत्य से वह जनता के सामने बेनकाब हो गए हैं और लोगों ने उनकी बात सुनना बंद कर दिया है। एक सवाल के जवाब में श्रीमती लेखी ने कहा कि भ्रष्टाचार और कालेधन की सफाई करने के सरकार के कदम से जनता को कुछ परेशानी हुई है लेकिन जब कोई बड़ा कदम उठाया जाता है तो इस तरह की कुछ दिक्कतें होती ही हैं। उन्होंने कहा कि काले धन के खिलाफ इस कार्रवाई से विवाह समारोहों में फिजूलखर्ची और दहेज की समस्या पर भी रोक लगेगी। नोटबंदी का फैसला अचानक लिए जाने के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार एक-एक कदम उठाने के बाद इस फैसले पर पहुंची। पहले जनधन योजना के तहत सभी गरीब लोगों के खाते खुलवाए गए और उनके लिए कई अन्य योजनाएं शुरू की गई। फिर जिन लोगों के पास आय से अधिक सम्पत्ति थी, उनसे उसे जमा कराने को कहा गया अौर इसके लिए उन्हें पर्याप्त समय दिया गया और फिर उसके बाद पांच सौ और एक हजार रुपए के नोट बंद का फैसला किया गया। उन्होंने इस बात से इन्कार किया कि पश्चिम बंगाल की भाजपा इकाई ने नोटबंदी से पहले ही बैंक के खाते में एक करोड़ रुपए जमा कराये थे। उन्होंने पहले ही कुछ लोगों को नोट बंद करने की जानकारी होने की बात को अफवाह बताते हुए कहा कि इसका फैसला नितांत गोपनीय था, इसलिए नोट जमा कराने की बात बिल्कुल बेसिर पैर की है।

मायावती ने नोट बदलने की प्रक्रिया पर उठाए सवाल

$
0
0
mayawati-raised-questions-about-process-of-changeing-notes
नयी दिल्ली 16 नवंबर, बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने आज कहा कि उनकी पार्टी नोट बदलने के निर्णय के खिलाफ नहीं है लेकिन इसे लागू करने की प्रक्रिया का समर्थन नहीं करती है। सुश्री मायावती ने यहां संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि नोट बदलने की प्रक्रिया में आम जनता को भारी परेशानी हो रही है। लोग अपना कामधंधा छोड़कर अपना पैसा बदल वाले के लिए बैंकों सामने लाइन में खडे हैं। लोगों के सामने में रोजी रोटी का संकट खडा हो गया है। बसपा नेता ने कहा कि 500 रुपए और 1000 रुपए के पुराने नोट बदलने के फैसले का बसपा पूरा समर्थन करती है लेकिन इसके लिए आसान प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। उन्होेंने कहा कि सरकार को आम लोगों की परेशानियों का ध्यान रखना चाहिए।

ममता ने स्थिति सामान्य करने में राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की गुहार की

$
0
0
mamta-urges-president-to-intervene-in-making-situation-normal
नयी दिल्ली.16 नवम्बर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने नोटबंदी के कारण आम लोगों को हो रही परेशानियों के मद्देनजर स्थिति सामान्य करने में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से हस्तक्षेप करने की मांग की है। सुश्री बनर्जी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार में शामिल शिवसेना तथा आम आदमी पार्टी और नेशनल कांफ्रेंस के प्रतिनिधियों के साथ आज यहां राष्ट्रपति से मुलाकात करके मोदी सरकार की ओर से लिये गये इस फैसले को अव्यवाहारिक बताते हुए कहा इससे देश में आर्थिक आपात और संवैधानिक संकट पैदा हो गया है । इसलिए वह स्थिति सामान्य करने ,बाजार में पैसा लाने और आम लोगों को सहारा देने के लिए कदम उठाने का निर्देश सरकार को दें। इस मुलाकात के बाद सुश्री बनर्जी ने राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि वह कालेधन के खिलाफ नहीं है लेकिन जिस तरह से यह फैसला एकतरफा और बिना किसी तैयारी के लागू कर दिया गया ,उससे आम लोगों की परेशानी बढ़ गयी है । मुख्यमंत्री ने कहा कि करदाताओं को अपने ही पैसों के लिए घंटों लाइन में लगना पड रहा है। बाजार से सब्जी ,दूध और दवा जैसी जरूरी चीजें गायब हैं। किसान परेशान है। उन्होंने कहा कि अब तक 20 से 30 लोगों की तनाव से मौत हाे चुकी है। लोग भूख से मर रहे हैं ।

सुषमा एम्स में भर्ती:नेताओं ने की शीघ्र स्वस्थ् होने की कामना

$
0
0
sushma-swaraj-admitted-to-aiims-political-leaders-pray-for-early-recovery
नयी दिल्ली.16 नवम्बर, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज गुर्दे की बीमारी के इलाज के लिए एम्स में भर्ती हुई हैं जहां उन्हें डायलिसिस पर रखा गया है, डॉक्टरों के अनुसार श्रीमती स्वराज की तबियत ठीक है हालांकि उनके दोनो गुर्दे काम नहीं कर रहे लिहाजा उनका डायलिसिस किया जा रहा है। अन्य सभी जरुरी जांच भी जारी है। श्रीमती स्वराज ने आज सुबह टिवट् कर यह जानकारी दी की उनके गुर्दे काम नहीं करने की वजह से वह एम्स में भर्ती हुई हैं और उनका डायलिसिस किया जा रहा है। गुर्दों के प्रत्याराेपण के लिए चिकित्सकीय परीक्षण भी किए जा रहे हैं । श्रीमती स्वराज गत मंगलवार को अस्पताल में भर्ती हुई थीं। श्रीमती स्वराज के बारे में यह खबर आते ही विभिन्न दलों के नेताओं और उनके चाहने वालों ने उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। सबसे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और नेशनल कान्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुला ने श्रीमती स्वराज के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। श्री केजरीवाल ने अपने संदेश में कहा ‘ हम ईश्वर से आपके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।.’ श्री अब्दुल्ला ने कहा “ आपके स्वास्थ्य के बारे में जानकर दुख हुआ। मेरे पिताजी भी इसी परेशानी से गुजरे थे इसलिए मैं इस बात को महसूस कर सकता हूं कि परिवार को इससे कितनी तकलीफ होती है। ईश्वर से आपके जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।” कांग्रेस नेता अंबिका सोनी ने श्रीमती स्वराज को एक बड़ी नेता और संसद की सबसे प्रखर वक्ता बताते हुए कहा कि वह उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हैं और उम्मीद करती हैं कि वह जल्दी ठीक होकर वापस अपने काम पर लौटेंगी जिससे सदन को एक बार फिर मंत्रमुग्ध होकर उनका भाषण सुनने का अवसर मिलेगा।’

50 हजार से ज्यादा जमा कराने पर पैन कार्ड लें बैंक

$
0
0
pan-card-must-to-deposit-50-thousand-rupees
मुंबई 16 नवंबर, रिजर्व बैंक ने आज वाणिज्यिक बैंकों से कहा है कि 50 हजार रुपये से ज्यादा जमा कराने पर वे ग्राहक से पैन कार्ड की प्रति लें। केंद्रीय बैंक ने एक अधिसूचना में कहा “अपने बैंक अकाउंट में 50 हजार रुपये से ज्याद जमा कराने वालों के खाते से यदि पैन कार्ड जुड़ा हुआ नहीं है तो उनसे पैन कार्ड की प्रति माँगी जाये।” उसने बताया कि इस प्रावधान के अतिरिक्त अन्य ट्रांजेक्शनों पर भी जिसके लिए बैंक इस बात पर जोर देना चाहें आयकर कानून के तहत पैन कार्ड की अनिवार्यता है।

सरकार चला रही है भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था का अभियान : राजनाथ

$
0
0
government-is-running-campaign-of-corruption-free-system-rajnath
रेवाड़ी (हरियाणा), 16 नवम्बर, गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि सरकार व्यवस्था परिवर्तन के अभियान को आगे बढ़ा रही है, जिसमें भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश न हो। श्री सिंह ने यहां शहीद सम्मान रैली में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने व्यवस्था परिवर्तन का अभियान शुरू किया है, जिसे सरकार आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि देश ने राजनीतिक आजादी तो काफी पहले हासिल कर ली थी लेकिन आर्थिक और सामाजिक आजादी हासिल करना अभी बाकी है। उन्होंने कहा कि भारत को अगले 15 वर्ष में दुनिया को आर्थिक ताकत बनने से कोई नहीं रोक सकता है। श्री सिंह ने नोटबंदी का विरोध करने पर विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए कहा कि राजनीति में शुचिता लाने के साथ ही भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करना जरूरी है। पांच सौ और एक हजार रुपये के नोट बंद करने से महीने भर तक लोगों को तकलीफ हाे सकती है लेकिन इसके दूरगामी परिणाम होंगे। राजनीतिक पार्टियों के चंदा प्राप्त करने में पादर्शिता होनी चाहिए। उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक की चर्चा करते हुए पाकिस्तान पर तीखा प्रहार किया और कहा, “हमारे स्वाभिमान पर कोई चोट पहुंचायेगा तो हम इसका मुहंतोड़ जवाब देंगे और हमारी सेना के जवानों ने ऐसा करके भी दिखा दिया है।” उन्होंने पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि आतंकवाद कायरों का मजबूत हथियार होता है। श्री सिंह ने इस संबंध में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कथन को उद्धृत किया कि दोस्तों को बदला जा सकता है लेकिन पड़ोसियों को नहीं। उन्होंने कहा ,“भारत को कमजाेर करने वाली शक्तियां अपने प्रयास में कभी सफल नहीं होंगी। हमारे शासन में नक्सलवाद और उग्रवाद की घटनाओं में 75 प्रतिशत तक की कमी आई है। ” उन्होंने कहा कि 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी हो जाएगी। श्री सिंह ने कहा कि एक माह के अंदर रेवाड़ी में सेना के जवानों की भर्ती का उप केन्द्र खोला जाएगा और मेवात में त्वरित कार्रवाई बल(आरएएफ) की एक बटालियन की स्थापना की जाएगी। रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने नोटबंदी के फैसले पर प्रधानमंत्री की सराहना करते हुए कहा कि इससे कालाबाजारी खत्म होगी और आम लोगों को लाभ होगा। रैली के संयोजक केंद्रीय योजना एवं शहरी विकास राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने बताया इस रैली का आयोजन स्थल नसीबपुर गांव वह जगह है, जहां स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान राजा राव तुलाराम के नेतृत्व में पांच हजार लोग शहीद हुए थे। उन्होंने कहा कि हरियाणा में प्रत्येक 10 में से एक व्यक्ति सेना में भर्ती है।

राज्यसभा में नोटबंदी पर चर्चा में प्रधानमंत्री की अनुपस्थित चिंताजनक : आजाद

$
0
0
pm-absence-in-rs-during-discussion-on-demonetisation-is-a-matter-of-concern-azad
नयी दिल्ली 16 नवम्बर, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कामरोको प्रस्ताव के बाद नोटबंदी पर शुरू हुई चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अनुपस्थित रहने पर चिंता जताई है और कहा कि कल जब इस मुद्दे पर फिर से चर्चा शुरू होगी तो प्रधानमंत्री को अवश्य ही उपस्थित रहना चाहिए। श्री आजाद ने आज सदन में दिन भर चली चर्चा के बाद शाम को सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित होने से पूर्व यह कहा कि प्रधानमंत्री को आज सदन में चर्चा के दौरान उपस्थित रहनाचाहिए था लेकिन वह अपनी व्यवस्थता के कारण वह भले ही उपस्थति न हो पाये लेकिन जब सदन में कल चर्चा फिर शुरू हो तो उन्हेंअवश्य ही उपस्थति होना चाहिए। समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल ने कहा कि कल प्रश्नकाल के दौरान प्रधानमंत्री से जुडे मंत्रालयों के प्रश्न पूछे जायेंगे इस लिए उन्हें सदन में उपस्थति होकर नोटबंदी पर चर्चा के समय उपस्थित रहना चाहिए। उपसभापति पी जे कुरियन ने सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित करने की घोषणा करते हुए कहा कि नोटबंदी पर चर्चा अभी अधूरी है और कल भोजनावकाश के बाद जारी रहेगी लेकिन सदस्यों का कहना था कि चर्चा कल सुबह 11 बजे से ही हो। इस पर श्री कुरियन ने कहा कि कार्यमंत्रण समिति की आज की बैठक में यही निर्णय हुआ है और कमरोको प्रस्ताव केवल आज तक के लिए ही था इस लिए अगर कोई सदस्य कल दुबारा कामरोको प्रस्ताव लाये और सभापति उसे स्वीकृत करे तभी चर्चा कल सुबह 11 बजे से शुरू हो सकती है।

प्रधानमंत्री की सभी मुद्दों पर राजनीतिक दलों से संसद में सहयोग की अपील

$
0
0
pm-urges-all-political-parties-to-cooperat-on-all-issues-in-parliament
नयी दिल्ली,16 नवम्बर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी राजनीतिक दलों से आज संसद का शीतकालीन सत्र शुरु होने के मौके पर जीएसटी विधेयक सहित तमाम मुद्दों पर बहस में सहयोग की अपील की और कहा कि सरकार हर विषय पर खुल कर चर्चा करने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री ने संसद परिसर में मीडिया के समक्ष अपने वक्तव्य में उम्मीद जतायी कि मौजूदा सत्र में चर्चा के लिए लाए जाने वाले सभी मुद्दों पर राजनीतिक दल सरकार को पूरा सहयोग देंगे। उन्होंने कहा ‘‘सभी विषयों पर चर्चा होगी। दलों की अपनी राजनीतिक सोच के आधार पर भी चर्चा होगी। सामान्‍य नागरिक की अपेक्षा व आवश्‍यकताओं के संदर्भ में चर्चा होगी। सरकार की जो सोच है उस पर भी चर्चा होगी और मुझे लगता है कि बहुत ही अच्‍छी बहस भी सत्र में होगी।’’ श्री मोदी ने उम्मीद जताई कि पिछले बार की तरह ही इस बार भी सभी दलों का बहुत ही अच्‍छा योगदान रहेगा। उन्होंने कहा कि पिछले सत्र में जीएसटी से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक का पारित होना एक बड़ी उपलब्धि थी। इसके कारण देश में एक टैक्‍स व्‍यवस्‍था का जो सपना है, उस दिशा में बड़ा अहम काम सदन ने किया। उन्होंने कहा ‘मैंने उस दिन भी सभी दलों का धन्‍यवाद किया था। देशहित में जब सब दल साथ मिलकर चलते हैं, तो फैसले भी अच्‍छे होते हैं, जल्‍दी होते हैं, परिणाम भी अच्‍छा मिलता है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार की तरफ से जो भी विषय संसद में लाए जाएंगे उन्हें निबटाने के लिए सभी दलों को साथ लेकर आगे बढ़ने का भरपूर प्रयास किया जाएगा। जीएसटी के काम को आगे बढ़ाने के लिए सभी राज्‍य सरकारों के साथ लगातार बैठकें हो रही हैं। सभी दलों के साथ लगातार विचार-विमर्श होता रहा है| उन्होंने कहा ‘सरकार का यह मत रहा है कि हर विषय पर खुल करके चर्चा हो’ इसके लिए हम तैयार हैं। इससे बहुत ही अच्‍छे महत्‍वपूर्ण निर्णय के लिए अनुकूलता बनेगी।

निश्चय यात्रा : नोटबंदी को नीतीश ने फिर दिया समर्थन

$
0
0
nitish-support-note-band
मधुबनी 16 नवम्बर, पांच सौ एवं हजार रूपये के नोट पर रोक लगाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के फैसले का राष्ट्रीय जनता दल (राजद) समेत लगभग सभी विपक्षी दल जहां विरोध कर रहे हैं वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर इस फैसले का समर्थन किया और कहा कि केंद्र सरकार को बेनामी संपत्ति पर भी अतिशीघ्र हमला करना चाहिए। श्री कुमार ने निश्चय यात्रा के क्रम में आज मधुबनी में आयोजित ‘चेतना सभा’ को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रतिबंध से दो नंबर और जाली नोट स्वत: समाप्त होगा और दो नंबरी कारोबार कर कालाधन पैदा करने वालों का कालाधन बर्बाद होगा। मुख्यमंत्री ने कहा , “ वे चाहते हैं कि इससे भी आगे काम होना चाहिए।हम तो चाहते हैं लोगों की जो बेनामी संपत्ति है , इस पर भी जरा नजर रखिए। ये दो नंबर की कमाई के जरिए जो लोग बेनामी संपत्ति अर्जित करते हैं, उस बेनामी संपत्ति पर भी हमला केंद्र सरकार को अतिशीघ्र करना चाहिए। किसान, व्यापारी, मजदूर और शिक्षक समेत सभी अपनी मेहनत की बदौलत कुछ पैसे कमाते हैं, लेकिन दो नंबरी कारोबारी बिना मेहनत किए आनंद का जीवन जीता है। ”

श्री कुमार ने नोटबंदी से आम लोगों को हो रही कठिनाई की ओर इशारा करते हुए कहा कि इसका ठीक ढंग से कारगर हल निकालने की जरूरत है। उन्होंने देश भर में बैंकों, डाकघरों और एटीएम के बाहर लगे कतारों पर कहा कि हम जो भी काम करते हैं उसकी सभी बारीकियों को समझने के बाद उसे अमली जामा पहनाते हैं। उन्होंने अपनी सरकार के सात निश्चय कार्यक्रम के तहत स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, रोजगार के लिए युवाओं को दिए जाने वाले स्वयं सहायता भत्ता और कौशल विकास के लिए कंप्यूटर, अंग्रेजी-हिंदी भाषा में दक्षता के आवेदन करने वालों के लिए जिला स्तर पर बनाए गए निबंधन सह परामर्श केंद्र का उदाहरण देते हुए कहा कि इसके लिए सुविधा संपन्न भवनों का निर्माण किया गया है ताकि यहां आने वाले आवेदनकर्ताओं को कतार में नहीं लगना पड़े और किसी प्रकार का कष्ट नहीं उठाना पड़े। 

मुख्यमंत्री ने शराबबंदी समेत सरकार के अन्य विकास कार्यो की चर्चा करते हुए कहा कि कुछ पार्टियां चुनाव में बहुत वादे कर देती हैं। वादों के संबंध में पूछे जाने पर उनसे जवाब नहीं दिया जाता और यहां तक कह दिया जाता कि यह तो ‘जुमला'था। । उन्होंने तंग कसते हुए कहा कि वे ‘जुमला'वाले नहीं हैं या तो कहेंगे ही नहीं और यदि कहेंगे तो उसको करेंगे। वहीं दूसरी तरफ नीतीश कुमार के बयान से उलट उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नोटबंदी को लेकर नरेन्द्र मोदी पर तंज कसते हुए ट्वीट किया और कहा , “ मोदी जी, जिस दिन भ्रष्ट नौकरशाह एवं नेता कतार में खड़ा होगा, उस दिन लोग मानेंगे कि कुछ कार्रवाई हो रही है। उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा , “कतार में अमीर और नेता खड़े हैं क्या?” एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा , “ यदि कांग्रेस ,समाजवादी पार्टी , बहुजन समाज पार्टी , तृणमूल कांग्रेस , मार्क्सवादी कम्युनिस्पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल जैसी पार्टियां “ भ्रष्ट और चोर” हैं तो आप उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करते। इन पार्टियों पर कार्रवाई करने से आपको किसने रोक रखा है। ” इससे पूर्व तेजस्वी यादव के पिता और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव भी इस मुद्दे पर केन्द्र की तीखी आलोचना कर चुके हैं। 

झारखंड : योजना बजट उपबंध का कुल 42.60 प्रतिशत व्यय

$
0
0
jharkhand map
रांची 16 नवम्बर, झारखंड सरकार के विकास आयुक्त सह योजना-सह-वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित खरे ने आज कहा कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में 15 नवम्बर, 2016 तक योजना मद में 15,790.29 करोड़ रुपये की राशि का व्यय हुआ है, जो योजना बजट उपबंध (37,065.35 करोड़रुपये) का कुल 42.60 प्रतिशत है। श्री खरे ने यहां कहा कि वित्तीय वर्ष 2015-16 में 15 नवम्बर, 2015 तक योजना मद में 12,000.94 करोड़ रुपये की राशि का व्यय हुआ था, जो उस वित्तीय वर्ष के योजना बजट उपबंध (32,136.84 करोड़ रुपये) का कुल 37.34 प्रतिशत था एवं वित्तीय वर्ष 2014-15 में इसी अवधि तक योजना मद में 6,130.44 करोड़ रुपये की राशि का व्यय हुआ था, जो योजना बजट उपबंध (26,754.97 करोड़ रुपये) का कुल 22.91 प्रतिशत था। श्री खरे ने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष 2015-16 में 15 नवम्बर, 2015 तक योजना व्यय 12,000.94 करोड़ रुपये का व्यय हुआ था। जबकिवर्त्तमान वित्तीय वर्ष 2016-17 में 15790.29 करोड़ रुपये है,जो वित्तीय वर्ष में 2015-16 से 3,789.35 करोड़ रुपये अधिक है। पिछले वर्ष की तुलना में यह 24 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने राजस्व संग्रहण की जानकारी देते हुये कहा कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में माह अक्टूबर, 2016 तक कुल 7,640.03 करोड़ रूपये का राजस्व संग्रहण प्रमुख विभागों द्वारा किया गया है, जो कुल राजस्व प्राप्ति का 31.70 प्रतिशत है। 

तेजस्वी का मोदी से सवाल, कतार में अमीर और नेता क्यों नहीं

$
0
0
tejashwi-ask-question-to-pm
पटना 16 नवम्बर, बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नोटबंदी से आम आदमी को सर्वाधिक प्रभावित बताया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक निर्णय ने देश के आम आदमी को कतार में खड़ा दिया है जबकि भ्रष्ट अधिकारी और नेता कहीं नहीं दिखाई पड़ रहे। श्री यादव ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तंज कसते हुए लिखा , “ मोदी जी, जिस दिन भ्रष्ट नौकरशाह एवं नेता कतार में खड़ा होगा, उस दिन लोग मानेंगे कि कुछ कार्रवाई हो रही है। उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा , “कतार में अमीर और नेता खड़े हैं क्या?” उप मुख्यमंत्री ने राजनीतिक दलों में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर प्रधानमंत्री से सवाल किया कि यदि कांग्रेस ,समाजवादी पार्टी , बहुजन समाज पार्टी , तृणमूल कांग्रेस , मार्क्सवादी कम्युनिस्पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल जैसी पार्टियां “ भ्रष्ट और चोर” हैं तो आप उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करते। इन पार्टियों पर कार्रवाई करने से आपको किसने रोक रखा है। ”

नोटबंदी आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला : केजरीवाल

$
0
0
note-close-scam-kejriwal
नयी दिल्ली, 16 नवंबर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नोटबंदी को आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला बताते हुए आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता के साथ धोखा किया है। श्री केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा “नोटबंदी आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला है। अमीर लोगों से पैसे लेकर वह गरीबों को खाली पेट कतारों में खड़े होने के लिए मजबूर कर रहे हैं। मोदीजी ने देश के साथ धोखा किया है।” मुख्यमंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी नोटबंदी को लेकर कल आजादपुर मंडी में आयोजित उनकी जनसभा को संबोधित करेंगी। उन्होंने कहा “मैं नोटबंदी के खिलाफ कल पूर्वाह्न 11 बजे अाजादपुर मंडी में जनसभा को संबोधित करूंगा। ममता बनर्जी भी जनसभा को संबाेधित करेंगी। श्री केजरीवाल ने ज्यादा से ज्यादा लोगों से जनसभा में शामिल होने की अपील की। तृणमूल कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर राष्ट्रपति भवन तक आज मार्च किया जिसमें श्री केजरीवाल शामिल नहीं हुए लेकिन उनकी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने पार्टी का प्रतिनिधित्व किया।

साक्षात्कार : बालीवुड की राह आसान लगीरू सुभा राजपूत

$
0
0
subha-rajput
स्टार प्लस शो ‘इश्कबाज’ में हाल ही में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाली अभिनेत्री सुभा राजपूत अपनी टेलीविजन पारी की शुरुआत तीनों ओबेरॉय भाइयों की इकलौती बहन प्रियंका ओबेरॉय के किरदार के साथ की है। इसके अलावा परसेप्ट पिक्चर की ‘सनशाइन टूर एण्ड ट्रवेल्स प्राइवेट लिमिटेड’ में भी दमदार रोल में है जो 2 सितंबर को रिलीज हो रही है। सुभा राजपूत अपने करियर को लेकर क्या सोचती हैं,उन्होंने प्रेमबाबू शर्मा से बातचीत की,जानते है,उनकी ही जुबानीः

आप किस्मत वाली है कि टीवी शो के साथ फिल्म में काम करने का मौका मिला?
शुक्रिया । बस इसे किस्मत का ही खेल मानती हॅू।

सुनने में आया था कि आपको अन्य किसी मॉडल के कपड़े और हील्स पहन कर अपना ऑडिशन देना पड़ा था ?
आपने सही सुना था । मैं एक और शो के ऑडिशन के लिए गई थी जहां की पोशाक जिम के कपड़े थे। ऑडिशन देने के बाद मैं वहां से जाने वाली थी और परसेप्ट पिक्चर्स वाले अपनी अगली फिल्म सनशाइन टूर एण्ड ट्रवेल प्राइवेट लिमिटेड के लिए ऑडिशन ले रहे थे। मुझे कास्टिंग डायरेक्टर ने देखा और लवलीन के किरदार के ऑडिशन के लिए बुलाया। मैं उसके हिसाब से कपड़े नहीं ले गई थी तो मुझे दूसरी मॉडल के कपड़े और हील्स पहन कर अपना ऑडिशन देना पड़ा। मुझे उस भूमिका के लिए शॉर्टलिस्ट कर लिया गया लेकिन मुझे उस लड़की के लिए बुरा महसूस हो रहा था जिसने मुझे कपड़े दिए थे क्योंकि वह भी उसी किरदार के लिए आई थी। मुझे लगता है टर्निंग प्वाइंट वो था जब शैलेन्द्र सिंह ने खुद मेरा ऑडिशन लिया और मुझे अपनी मर्जी का कोई भी बॉलीवुड संवाद बोलने को कहा। मुझे एसआरके की मोहब्बतें बहुत पसंद है और मैंने, ‘एक लड़की थी दीवानी सी’ वाला संवाद बोला और वह उन्हें बेहद पसंद आया जिससे मुझे यह भूमिका मिली।

अपने किरदार लवलीन के बारे में कुछ बताइए?
लवलीन दिल्ली की कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा है। उसके लिए ग्लैमर और ऊंचे ब्राण्ड ही सब कुछ हैं। वह अंतर्मुखी है लेकिन उसके भीतर एक उन्मुक्त चेहरा भी छिपा हुआ है। वह दुनिया देखना चाहती है लेकिन वह अपनी मां के सामने यह नहीं जाहिर करती जिसकी वह बेहद इज्जत करती है। यह एक ऐसी लड़की की कहानी है जो जिंदगी में नई चीजें करना चाहती है।

इस भूमिका के लिए किस तरह की तैयारियां की?
यह किरदार ‘कभी खुशी कभी गम’ में करीना कपूर के किरदार की तरह है और वह मेरी पसंदीदा फिल्म है। मैंने किरदार को समझने के लिए फिर से इस फिल्म को 20 बार देखा।

ऐसे कलाकारों और शैलेन्द्र सिंह के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
शैलेन्द्र सर ज्ञान का भण्डार हैं। वह स्मार्ट, मजाकिया और बेहद समझदार हैं। उन्होंने हमेशा किरदार को समझने में मेरी मदद की। अब मैं पहले से काफी अधिक आत्मविश्वासी हो गई हूं। वह बेहद जिंदादिल हैं। आप अगर मुझसे पूछें कि मैं 10 साल बाद मैं खुद को कहां देखती हूं तो मैं कहूंगी कि मैं शैलेन्द्र सर की तरह होना चाहती हूं। मैं उनकी बहुत बड़ी प्रशंसक हूं।

फिल्म की शूटिंग भारत के बहुत सारी लोकशन्स पर हुई है। क्या आप असल जिंदगी में भी घूमने की शौकीन हैं?
मैं पूरी दुनिया घूमना चाहती हूं। मैं घूमने की और खाने की बहुत दीवानी हूं।

फिल्म का कोई यादगार पल ?
एक दृश्य था जिसके लिए मुझे नशे में होना था। सनी कौशल ने मुझे जरूरत से अधिक पिला दिया और मैं सचमुच नशे में आ गई। मैं अपनी ऑनस्क्रीन मां के साथ जॉयंट व्हील गई और वहां जाकर बेहोश हो गई। मेरी आंख खुली तो मैं सेण्टर ऑफ सनबर्न गोआ के इमरजेंसी रूम में थी और मेरे मोबाइल पर कास्ट और क््रयू के लोगों के सैकड़ों मिस्ड कॉल पड़े थे। तब मुझे महसूस हुआ कि मैं करीब 2 घंटे से अपनी जगह से दूर हूं और हर कोई मुझे लेकर बेहद परेशान है।

फिल्म में आपको लेकर सिर्फ दो लड़कियां हैं। क्या आपका खास खयाल रखा जाता था?
बिल्कुल नहीं। वहां लड़के बहुत थे और यह एक तरह से लड़कों के गैंग की तरह था। हम बहुत सारी मस्ती, मजाक करते थे और रियलिस्टिक तरीके से शूट करते थे। कई बार तो हमें पता ही नहीं होता था कि कैमरा ऑन है और रोल हो रहा है।

फिल्म में बहुत सारे युवा कलाकार हैं। दूसरे कलाकारों के साथ किस तरह के संबंध थे?
मैं अपनी ऑनस्क्रीन मां दिव्यज्योति शर्मा के काफी करीब थी जो टीवी और फिल्मों की दुनिया का जाना माना नाम हैं। हमारे बीच बहुत अच्छी बनती है और मैं अभी भी उन्हें मॉम कहती हूं। हाल ही में मैंने अपना जन्मदिन भी उनके यहां जाकर मनाया।

क्या सुभा असल जिंदगी में लवलीन की तरह है?
बिल्कुल नहीं। मुझे स्ट्रीट शॉपिंग करना पसंद है। मैं ब्राण्ड्स को लेकर सजग रहने वाली इंसान नहीं हूं। मैं सहज और अरामदायक पहनना पसंद करती हूं। मैं असल जिंदगी में लवलीन के उलट हूं।

ऐसे समय में जहां पटकथा ही मुख्य है, क्या आपको लगता है यह फिल्म अपनी जगह बना पाएगी?
फिल्म की संगीत इसकी जान है। ‘फिर से उड़ चला’ मेरा पसंदीदा गीत है। यह एक रुहानी गीत है। दूसरा मस्त गीत जॉनी कैश का ‘यू आर माई सनशाइन’ है। मुझे पूरा विश्वास है फिल्म के गीत चार्टबस्टर्स होंगे। फिल्म का अच्छा प्रदर्शन दर्शकों के हाथ में है। मेरा मानना है कि हम कलाकारों को अपना काम अच्छे से कर बहुत उम्मीद नहीं लगानी चाहिए क्योंकि अगर दर्शकों को अगर फिल्म से जुड़ाव महसूस हुआ तो यह अच्छा प्रदर्शन करती है। यह हमारी बेहद ईमानदार कोशिश है और यह ऐसी फिल्म है जिससे पहली बार 170 नए कलाकार अपना डेब्यू कर रहे हैं। कलाकार ही नहीं तकनीशियन्स भी। शैलेन्द्र सर ने 170 लोगों को मौका दिया है जो काबिले तारीफ है।

फिल्मों के लिए आपका ड्रीम रोल क्या है?
चार्लीज एंजेल्स जैसा कुछ करना चाहती हूं जहां लड़कियों को लड़कों को पछाड़ने का मौका मिले। मेरा मानना है कि लड़कियां लड़कों से कम नहीं। मैं एक ऐसी भी फिल्म करना चाहती हूं जो महिला को सच्चे अर्थों में दिखाए।

कोई रोल मॉडल जिससे प्रेरणा लेती हों?
नहीं, मैं किसी खास में विश्वास नहीं करती। मैं हर किसी से सीखना चाहती हूं।

अब आगे के प्रोजेक्ट्स में किस तरह की भूमिकाओं की उम्मीद रखती हैं?
जैसा मैंने कहा कोई ऐसा किरदार जो असली महिला को प्रदर्शित करे। मैं रॉमकॉम फिल्मों को लेकर भी सहज हूं लेकिन मुझे खुशी होगी अगर मुझे महिला किरदार आधारित फिल्म मिले।

विशेष : जिन्दगी के गुम हो गये अर्थों की तलाष

$
0
0
lost-life
आज महानगरीय जनजीवन एवं फ्लैट संस्कृृति की चारदीवारी में कैद आदमी जिंदगी का स्वाद ही भूल गया है। वह भूल गया है घर और मकानों के बीच का फर्क। जिन्दगी के मायने तलाशन होंगे, रंगों और ब्रश की छुअन से उकेरने होंगे ऐसे चेहरे, जो याद दिलाते रहें शांति, सौहार्द और पारिवारिक एकता की तस्वीर को। दरवाजे को देनी होगी वो थाप जो आत्मसात कर ले हर इक टकटकी को सुबह के मिलने पर। उगाने होंगे वे पौधे, जिनकी टहनियों से छनती सूरज की रोशनी बदल दे दोपहरी के ताप। याद आ रहा है कि निदा फाजली का वो शेर, जो जीवन के प्रति सच्ची आस्था की बात करता है-‘अपना गम ले के कहीं और न जाया जाए, घर में बिखरी हुई चीजों को सजाया जाए।’

आज जिन्दगी का अर्थ कहीं गुम हो गया है। हमें उसे खोजना होगा। जिन्दगी के गुम हो गये अर्थों को तलाशना होगा, जो मनुष्य को मनुष्य होने की प्रेरणा देता है, जो संवेदनाओं को विस्तार देता है, जिससे जीत ली जाती है बड़ी से बड़ी जंग। हमें चुराने होंगे वे लम्हे, संजोने होंगे वे एहसास, जो कदम-कदम पर जिंदगी के साथ होने की आहट को उमंगों की तरह पिरो दें। रोजमर्रा की सख्त सड़क पर हमें ढूंढ लेना होगा वो मुकाम, जो रचा लेता है, चाय की प्यालियों के साथ कोई खूबसूरत-सी कविता की पंक्ति। दीवारों में बनानी होंगी वे अलमारियां, जो फैज़्ा और गालिब की मौजूदगी से कोने-कोने को जीवंत कर दे। अपने सपनों और अपनी महत्वाकांक्षाओं पर अपनी पकड़ ढ़ीली मत पड़ने दीजिए, उनके हाथ से निकल जाने पर आप जीवित तो रहेंगे किन्तु जीवन नहीं रह जाएगा। थामस एक्किनास ने कहा कि बंदरगाह में खड़ा जलयान सुरक्षित होता है... जलयान वहां खड़े रहने के लिए नहीं बने होते हैं।’

खुद को इसी जिंदगी के बीच देखना तो होगा ही, जिंदगी के सच्चे अर्थों के लिए। जिन्दगी कहीं-न-कहीं गुम हो रही है। आदमी लापरवाही, अस्त-व्यस्तता, तनाव, प्रतिस्पर्धा जैसे बाहरी हंटर या चाबुक को सहता है। दूसरी ओर अनुशासित आदमी तनाव, चिंता, खीज, भय, डिप्रेशन, अपेक्षा जैसे भीतरी दबावों को सहता है। दोनों को ही बाद में सब ठीक करने के लिए समय, शक्ति, प्रयास और आत्मबल चाहिए। किसी ने सही कहा है कि दुनिया को जीतने से पहले हमें स्वयं को जीतना चाहिए। आज के आधुनिक जीवन में सबसे बड़ी समस्या तो मन की उथल-पुथल से पार पाने की है। हम जितना आराम और सुख चाहते हैं आज के प्रचलित तरीकों से उतना ही मन अशांत हो रहा है। मुझे महसूस होता है कि मैं लंबे अर्से से सुकून नहीं पा सका हूं। पर फिर यही सोचता हूं कि सुकून हमें खोजना पड़ता है ना कि हमें हथेली में सजा मिलेगा कि आओं और सुकून का उपभोग करो और चलते बनों। आज की जीवनशैली की सबसे बड़ी समस्या समय का ना होना भी है। कारण रात को देर तक जागना और सुबह देर से उठना और उस पर भी अस्त-व्यस्त जीवनशैली। 

जैन साहित्य का यह सूक्त आधुनिक जीवनशैली एवं आदमी के लिये बहुत महत्वपूर्ण है। जिसमें कहा गया है कि युद्ध में हजारों हजार सैनिकों को जीतने वाले योद्धा की अपेक्षा बड़ा और महान विजेता वह है जो अपने आपको जीत लेता है। हर व्यक्ति दिग्भ्रमित है, किसी के पास यह सोचने और बताने का समय नहीं है कि आखिर उसे कहां जाना है? हर कोई यही अनुभव कर रहा है कि दुनिया तेजी से आगे बढ़ रही है, वह दौड़ रही है, इसलिए बस हमें भी दौड़ना है। आखिर यह दौड़ हमें कहां ले जायेगी? प्रतिस्पर्धा की इस रफ्तार ने आदमी की जीवनशैली को जटिल बना दिया है। उतावलापन, व्यग्रता और अधीरता ने जीवनशैली में अपना स्थान बना लिया है। जिंदगी जो उल्लासपूर्ण होनी चाहिए, वह तनाव से भर गई है। आनंद, उल्लास और सुकून कहीं हवा हो गए हैं। अमरीकी कहावत-हमारी पहचान हमेशा हमारे द्वारा छोड़ी गई उपलब्धियों से होती है।’ 

जिन परिस्थितियों में व्यक्ति जी रहा है, उनसे निकल पाना किसी के लिए भी आज बड़ा कठिन-सा है। अपने व्यापार, अपने कैरियर, अपनी इच्छाओं को एक झटके में त्याग कर एकांतवास में कोई रह सके, यह आज संभव नहीं है और व्यावहारिक भी नहीं है। तथापि अपनी मानसिक शांति और स्वास्थ्य के प्रति आदमी पहले से अधिक जागरुक हो रहा है क्योंकि भौतिकवादी जीवनशैली के दुष्परिणाम वह देख और भुगत चुका है, इसलिए वह अपने व्यस्त जीवन से कुछ समय निकालकर प्रकृति की गोद में या ऐसे किसी स्थान पर बिताना चाहता है, जहां उसे शांति मिल सके। आपको जिंदगी में सुकून चाहिए तो ध्यान और साधना को अपने दैनिक जीवन के साथ जोड़ें। यह आपको सुकून तो देगी ही, जीने का अंदाज ही बदल देगी। 

एलेअनोर रूजवेल्ट ने कहा कि भविष्य उनका है जो अपने सपनों की सुंदरता में यकीन करते हैं।’ प्रत्येक व्यक्ति के मन में सफलता की आकांक्षा होती है। यह गलत भी नहीं है। वह सफल और सार्थक जीवन जीना चाहता है। कोई भी निरर्थक और विफल जीवन जीना पसंद नहीं करता। किन्तु सफल जीवन जीने के लिए कितना प्रयत्न और पुरुषार्थ करना पड़ता है। उसकी यदि तैयारी हो तो सफलता निश्चित मिल सकती है। विश्व के उन लोगों का इतिहास पढ़ो जिन्होंने अपने प्रयत्न से मानव के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश की है। हर युग में ऐसे व्यक्ति हुए हैं। चाहे वह महावीर हो या बुद्ध, विवेकानन्द हो या गांधी, आचार्य तुलसी हो या डाॅ. कलाम। कोई भी समय ऐसे लोगों से वंचित नहीं रहा। उनकी राह आसान नहीं थी। सफलता उन्हें तुरंत नहीं मिली। बहुत परिश्रम किया, तब जाकर मेहनत सफल हुई, एक बदलाव आया। कार्ल बार्ड ने कहा भी है कि हालांकि कोई भी व्यक्ति अतीत में जाकर नई शुरुआत नहीं कर सकता है, लेकिन कोई भी व्यक्ति अभी शुरुआत कर सकता है और एक नया अंत प्राप्त कर सकता है।’

सफलता और सार्थक जीवन जीने के लिए मन का नियंत्रण बहुत जरूरी है। जो व्यक्ति मन पर नियंत्रण करना नहीं जानता, वह सफलता का जीवन जी नहीं सकता। जब नियंत्रण की स्थिति आती है तब जीवन की सफलता और सार्थकता की अनुभूति होने लगती है। व्यक्ति सोचता है-जीवन सफल हो गया, मैं धन्य हो गया। इसीलिये प्लेटो ने कहा कि स्वयं पर विजय प्राप्त कर लेना सबसे श्रेष्ठ और महानतम विजय होती है।’ 




lost-life

(ललित गर्ग)
ई-253, सरस्वती कंुज अपार्टमेंट
25 आई. पी. एक्सटेंशन, पटपड़गंज, दिल्ली-92
फोनः 22727486, 9811051133

सन्दर्भ : बलात्कार करने वाले मर्दों में से किस मर्द ने अधिक मजा दिया?

$
0
0
rape-and-women
इस बात में कोई दो राय नहीं कि पुलिस के बिना वर्तमान समाज में सब कुछ शून्य है। यदि एक घण्टे को भी पुलिस जाप्ता हटा लिया जावे तो मासूम, सभ्य और धार्मिक से दिखने वाले चेहरों की असलियत तुरंत सबके सामने आ सकती है। जब भी दुर्घटना होती है, सामान्यत: पुलिस ही उपचार और जरूरी राहत प्रदान करने में अपनी अग्रणी भूमिका निभाती है। जब भी कहीं हमारे हकों पर बलात चोट चहुंचती है, हम पुलिस की ओर आशाभरी नजरों से देखते हैं। यह भी सच है कि पुलिस पर अनेक प्रकार के प्रकट और अप्रकट प्रशासनिक, राजनीतिक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक दबाव रहते हैं।

इस सब को दरकिनार और नजरअन्दाज करके हर आम—ओ—खास की ओर से पुलिस का बेरोकटोक मजाक उड़ाया जाता है। पुलिस पर घटिया फब्तियां कसी जाती हैं और पुलिस को भ्रष्टाचार का अड्डा बताया जाता है। जबकि कड़वी हकीकत यह है कि पुलिस व्यवस्था के वजूद में होने के कारण ही हम सुरक्षित, संरक्षित और शान्तिमय जीवन जी पा रहे हैं। मगर इस सबके उपरान्त भी पुलिस को यह अधिकार नहीं मिल जाता है कि वह असंवेदनशीलता की पराकाष्टा को पार करके सामूहिक बलात्कार की शिकार एक महिला से सवाल पूछे कि बलात्कार करने वाले मर्दों में से किस मर्द ने अधिक मजा दिया?

केरल तिरुअनंतपुरम से खबर मिली है कि अपने पति के दोस्तों द्वारा रेप का शिकार हुई महिला पर पहले तो पुलिस ने केस वापस लेने का दबाव बनाया। और जांच के दौरान पीड़िता से अवैधानिक सवाल पूछे गए। एक पुलिस अफसर ने पूछा- बलात्कार की घटना के दौरान सबसे ज्यादा खुशी तुम्हें किस शख्स ने दी?

ऐसे पुलिस अफसर सम्पूर्ण पुलिस को कटघरे में खड़ा कर देते हैं और ऐसे लोगों के कारण ही छोटे से बड़े सभी पुलिसकर्मी समाज की नजरों में घृणा के पात्र बन जाते हैं। जबकि वास्तव में कहराई में जाकर देखा जाये तो इसके पीछे मूलत: निम्न तीन कारण होते हैं : -

1. पुलिस सहित तमाम लोक सेवकों द्वारा अपनी पदस्थिति का दुरूपयोग करने की बेजा आदत और इस आदत के विरुद्ध आहत, अपमानित और पीड़ित लोगों का नतमस्तक रहना।
2. हीन यौन मनोग्रंथियों के शिकार लोगों को बिना जांच—पड़ताल के कानून के रखवाले की हैसियत मिल जाना।
3. लोक सेवकों/जनता के नौकरों को अपनी मालिक जनता से किस प्रकार का व्यवहार करना चाहिये? इस बारे में समुचित शिक्षा और प्रशिक्षण का अभाव।
जब तक हम उक्त तीनों बातों सहित सम्बन्धित सभी पहलुओं पर गहराई से चिन्तन नहीं किया जायेगा, केवल आरोपियों को सजा देने भर से इस प्रकार की असंवेदनशीलता, तानाशाही, मनमानी, रुग्ण मानसिकता और अश्लीलता का समाधान सम्भव नहीं।




डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'

आलेख : कर्ण जैसा पुत्र की कामना का पर्व है ‘छठ‘

$
0
0
कुंती जब कुंवारी थीं तब उन्होंने ऋषि दुर्वासा के वरदान का सत्य जानने के लिए सूर्य का आह्वान किया और पुत्र की इच्छा जताई। कुंवारी कुंती को सूर्य ने कर्ण जैसा पराक्रमी और दानवीर पुत्र दिया। तभी से पराक्रमी पुत्र की कामना के लिए सूर्य की आराधना छठ के रुप में किया जाने लगा। शास्त्रों की मानें तो सूर्य को अघ्र्य देने से व्यक्ति के इस जन्म के साथ किसी भी जन्म में किए गए पाप नष्ट हो जाते है। चार दिन वाले इस महापर्व को मन्नतों की छठ भी कहा जाता है। प्रमुखतः यह सूर्य उपासना का महापर्व है। छठ मईया भगवान सूर्य की बहन है। और सच्चे मन से जिस किसी ने भी 36 घंटे के इस निर्जला व्रत को विधि-विधान से कर लिया है, उसके पति और पुत्र पर संकट आ ही नहीं सकती। लंबी उम्र के साथ-साथ सुख-समृद्धि का वरदान देती है छठ मईयां 




chhath-parv
तमाम पर्व-त्योहारों ने अपनी मूल जड़ें खो दी हैं। पर छठ अभी भी अपने मूल स्वरूप में है क्योंकि यह लोक पर्व है। इस पर्व में भगवान भास्कर की पूजा की जाती है। जो पूरी सृष्टि के जीवनदाता हैं। जैसे-जैसे बिहार और पूर्वाचल के लोग बाहर निकले वैसे-वैसे छठ ने विस्तृत फलक पर अपनी जगह बना ली और मुखर हो गया। मूलतः बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में प्रचलित यह पर्व अब तो मॉरीशस और अमरीका में भी जीवंत नजर आता है। यह पर्व सबके बीच सद्भाव उत्पन्न करता है। सूर्य की दृष्टि में सब एक हैं। अमीर हो या गरीब या भूमि पर लेटकर उपासना करने वाले हो या एक सूप चढ़ाने वाले, सभी सूर्य परिवारी हो जाते हैं। सूर्य अपनी रश्मियों का विभाजन नहीं करता। जब कोटि-कोटि हाथ सूर्योपासना में उठते हैं तो पूरी मानवता नदी-तालाब किनारे इकट्ठा हो जाती है। अघ्र्य मतलब विशेष सम्मान। जिससे बढ़कर जीवन में कोई दुसरा नहीं हो। जीवन में सिर्फ दो ही व्यक्तियों को अघ्र्य दिया जाता है पहला भगवान सूर्य और दूसरा विवाह के वक्त जवाई को।  वैसे भी सूर्य, जो हमें प्रत्यक्ष दिखलायी देता है, यही प्राण है क्योंकि इसी में सबको जीवन प्रदान करने वाली चेतना-शक्ति की प्रधानता है। सूर्य ही इकलौता ऐसे देवता है जो सम्पूर्ण जगत की आत्मा है। सृष्टि के प्रत्यक्ष देवता है भगवान सूर्य, जो प्रातःकाल उगते व सायंकाल अस्त होते हुए दिखते है। यह सूर्य किरणजाल से मण्डित एवं प्रकाशमय, तपता हुआ विश्व के समस्त रूपों का केन्द्र है। सभी रंग, रूप और आकृतियां सूर्य से उत्पन्न और प्रकाशित होते हैं। यह सविता ही सबका उत्पत्ति स्थान है और यही सबकी जीवन-ज्योति का मूल स्रोत है। अमीर हो या फिर गरीब, सबका आंचल सूर्य के सामने फैलता है। भक्त और भगवान के बीच कोई नहीं होता। सूर्य उपासना से जातक को तत्काल फल की सिद्धि है। आज ही उपासना करिए और कल ही उसका फल मिल जाता है। तभी तो भगवान सूर्य की उपासना कभी व्यर्थ नहीं जाती। छठ पर उगते व अस्त होते सूर्य को अघ्र्य देने से अक्षय पूण्य की प्राप्ति होती है। जल सूर्य के अधीरक्षक देवता है इसलिए जल में ही खड़े होकर उपासना की जाती है। इस दिन सूरज की किरणों से घाट-घाट पर बिखरता है अमृत। हर अघ्र्य के साथ कटता जाता है दुख-दर्द। पूरी हो जाती है आस्थावानों की सभी कामनाएं। 

chhath-parv
भविष्य पुराण में भी इस व्रत का उल्लेख है- ‘कृत्यशिरोमणो, कार्तिक शुक्ल षष्ठी षष्ठीकाव्रतम’ यानी धौम्य ऋषि ने द्रोपदी को बतलाया कि सुकन्या ने इस व्रत को किया था। द्रोपदी ने भी इस व्रत को किया जिसके फलस्वरूप वह 88 सहस्र ऋषियों का स्वागत कर पति धर्मराज युधिष्ठर की मर्यादा रखती हुई शत्रुओं को समूल नष्ट करके विजय प्राप्त की। कहा यह भी जाता है कि सबसे पहले सूर्य पुत्र कर्ण ने सूर्य देव की पूजा शुरू की। कर्ण भगवान सूर्य का परम भक्त था। वह प्रतिदिन घंटों कमर तक पानी में खड़े होकर सूर्य को अघ्र्य देता था। सूर्य की कृपा से ही वह महान योद्धा बना था। आज भी छठ में अघ्र्य दान की यही पद्धति प्रचलित है। कुछ कथाओं में पांडवों की पत्नी द्रोपदी द्वारा भी सूर्य की पूजा करने का उल्लेख है। वे अपने परिजनों के उत्तम स्वास्थ्य की कामना और लंबी उम्र के लिए नियमित सूर्य पूजा करती थीं। कहा यह भी जाता हैं कि कुंती जब कुंवारी थीं तब उन्होंने ऋषि दुर्वासा के वरदान का सत्य जानने के लिए सूर्य का आह्वान किया और पुत्र की इच्छा जताई। कुंवारी कुंती को सूर्य ने कर्ण जैसा पराक्रमी और दानवीर पुत्र दिया। एक मान्यता ये भी है कि कर्ण की तरह ही पराक्रमी पुत्र के लिए सूर्य की आराधना का नाम है छठ पर्व। भगवान कृष्ण के पौत्र शाम्ब को कुष्ठ हो गया था। इस रोग से मुक्ति के लिए विशेष सूर्योपासना की गई और वह ठीक हो गए। 

कृषक समाज हो या कृषि पर आधारित समाज की संस्कृति में विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा करने वाले। छठ सभी समाज की संपूर्ण मानसिकता का प्रतिनिधित्व करती है। इसीलिए राजनैतिक, सामाजिक और आर्थिक जगत में अनेक तरह के परिवर्तन के वावजूद छठ पर्व मनाने का सिलसिला आज भी जारी है। इस मौके पर व्रती 36 घंटे का निर्जला व्रत करते हैं। व्रत समाप्त होने के बाद ही व्रती अन्न और जल ग्रहण करते हैं। खरना पूजन से ही घर में देवी षष्ठी का आगमन हो जाता है। तभी तो भगवान सूर्य के इस पावन पर्व में शक्ति व ब्रह्मा दोनों की उपासना का फल एक साथ प्राप्त होता है। इसमें रौनक उसी तरह से रहती है मानो बेटी की शादी हो रही हो। काफी उत्साह का माहौल रहता है। गीत गाए जाते हैं। इसमें हर किसी की अपनी आस्था है। छठ के कई दिन पहले से ही देश के विभिन्न हिस्सों में छठ गीतों की गूंज सुनाई देने लगती है। देखा जाय तो कृषक समाज को जब न तो विज्ञान का इतना विकास हुआ था और न ही आधुनिक सुख-सुविधाएं उपलब्ध थी। सूर्य की ऊष्मा और ऊर्जा ही कृषि में हर वह तत्व पहुंचाता था, जो पौध वृद्धि में सहायक होती थी। 

chhath-parv
भारतीय समाज के एक वर्ग ने ऐसे प्रत्यक्ष देवता की पूजा का विधान करने में काफी सोच-समझकर नियम बनाएं। सही अर्थों में पूजक कृषकों ने अपने पुरुषार्थ का प्रदर्शन किया। अपनी श्रमशक्ति से खेतों में वे जो कुछ उपजाते थे उन सबको पहले सूर्य देवता को भेंट के रूप में देते थे। इसी अर्थ में यह पर्व कृषक समाज के पुरुषार्थ के प्रदर्शन के रूप में मनाया जाता है। इस पर्व के मौके पर जो लोक गीत गाये जाते हैं उनमें से कई गीतों के अर्थ कुछ इस प्रकार होते हैं- ‘हे देवता! नेत्रहीनों को दृष्टि दो, कुष्ठ रोगियों को रोगमुक्त कर स्वस्थ बनाओ और उसी तरह से निर्धनों को धन प्रदान करो। यही तुम्हारे रथ को पूरब से पश्चिम की ओर ले जाएंगे।’ गौर करें तो इस गीत में अपने लिए नहीं, बल्कि समाज के पीड़ित और उपेक्षित लोगों के लिए नया जीवन मांगा जा रहा है। एक लोकगीत में तो मांग की गई है, ‘हे देवता! हमें पांच विद्वान पुत्र और दस हल की खेती चाहिए।‘ इससे प्रमाणित होता है कि यह व्रत अत्यंत प्राचीन काल से मनाया जाता रहा है। 

chhath-parv
शक्ति व ब्रह्मा का मिलता है फल 
भगवान सूर्य के इस पावन पर्व में शक्ति व ब्रह्मा दोनों की उपासना का फल एक साथ प्राप्त होता है। छठ पूजा करने का विषेश उद्देश्य भगवान को धन्यवाद देना है, क्योंकि भगवान सूर्य की कृपा से इस धरती पर सभी को सहज जीवन की प्राप्ती होती है एंव साथ ही साथ अपनी इच्छाओं को पूरा करने की शक्ति भी मिलती है। कहते है जिसने छठ की पूजा की उसके घर में सुख, समृद्धि, वैभव, मान-सम्मान, सत्ता सुख से लेकर संतान समेत धन-धान्य से पूर्ण होता है। उसके घर में कभी विपत्ति नहीं फटकती। शायद यही वजह है कि छठ की लोकप्रियता अब बिहार-झारखंड ही नहीं बल्कि धर्म की नगरी काशी समेत पूरे यूपी से होता हुआ मुंबई-दिल्ली क्या पूरे भारत में मनाया जाने लगा है। ऊं एहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजोराशे जगत्पते। अनुकम्पया मां भवत्या गृहाणार्ध्य नमोअस्तुते।। पद्महस्तद्वयंवन्दे सर्वलौकेकभास्कर।। मंत्र पूजन के समय जाप करने से देर हो जाते है हर कष्ट। कहा जाता है कि ब्रह्मा की मानस पुत्री प्रकृति देवी की आराधना कर संतान की रक्षा की कामना की जाती है। कार्तिक मास की सप्तमी और षष्ठी को वेदमाता गायत्री का जन्म हुआ था। उनकी आराधना के लिए शाम को अस्त और सुबह उदय होते सूर्य देव को अघ्र्य देकर सुख समृद्धि की कामना की जाती है। शास्त्र मत से सूर्य के उत्तराभिमुख उपासना से धनसमृद्धि, पूर्वाभिमुख उपासना से उन्नति, दक्षिणाभिमुख उपासना से रोग-शोक का नाश एवं पितरों को शांति तथा पश्चिमाभिमुख उपासना से दुर्भाग्य का अन्त होता है। वैदिक साहित्य में सूर्य को जीवन संरक्षक बताया गया है। ब्रह्मवैवर्त पुराण प्रकृतिखण्ड के अनुसार परब्रह्म ने सृष्टि के लिए योग का अवलम्बन लेकर अपने को दो भागों में विभक्त किया। उनके दक्षिणभाग से पुरूष एवं वामभाग से प्रकृति का आविर्भाव है। पुरूष स्वरूप सूर्य एवं प्रकृति स्वरूप षष्ठीदेवी के इस व्रत में एक साथ पूजन से इसमें ब्रह्म एवं शक्ति दोनों के उपासना का फल प्राप्त हो जाता है। पंचमी को उपवास तथा षष्ठी एवं सप्तमी को सूर्य पूजन से अश्वमेध यज्ञ के फल की प्राप्ति होती है। पृथ्वी पर जो भी तेजस्विता, हलचल, वृद्धि, विकास आदि दिखाई देता है उसका कारण सूर्य ही है। उसी की ऊर्जा को ग्रहण कर पेड़- पौधे अन्न-फल को प्राप्त करते है तथा गौवें दूध देती है और उसी अन्न-दूध आदि से शक्ति अर्जित कर हमारा जीवन व्यापार चलता है। 

पहला दिन 
पहले दिन यानी चतुर्थी को आत्म शुद्धि के लिए भक्त सैंधा नमक, घी से बना हुआ अरवा चावल और कद्दू की सब्जी प्रसाद के रूप में लेते है। इसमें व्रतियाँ पवित्र गंगा में स्नान करने के बाद गंगा जी के जल से ही प्रसाद बनातीं हैं।

दूसरा दिन  
अगले दिन यानी पंचमी को स्नान-ध्यान के साथ उपवास आरंभ होता है। इस दिन ढ़लने के बाद प्रसाद रूपी ‘‘गन्ने के रस में चावल की खीर के साथ दूध, चावल का पीठ्ठा और घी की रोटी’’ बनाई जाती है। भक्त छठी माता की पूजा करने के बाद कुंवारी कन्याओं और ब्राह्मणों को खाना खिलाकर इस खीर को प्रसाद के रुप में लेते हैं। 
तीसरा दिन 
तीसरे दिन यानी षष्ठी के दिन सूर्य की आराधना होती है। ‘‘संध्या अघ्र्य’’ का होता है। इस दिन को छठ का प्रसाद अर्थात ठेकुवा, चावल के लड्डू, साँचा और विभिन्न प्रकार के फल सम्मलित किए जाते हैं। शाम को बाँस की टोकरी में अघ्र्य का सूप सजाया जाता है। स्त्रीयां पवित्र नदी गंगा में खड़े होकर सूर्य भगवान के अस्त होने से पूर्व जल एंव दूध का अघ्र्य दान कर करतीं हैं। तत्पश्चात् छठ माई की पूजा प्रसाद भरे सूप से करतीं है। और नदी में तब तक खड़ी रहतीं हैं जब तक सूर्य पूर्ण रूप से अस्त नहीं हो जाते। इसके बाद भक्त घर आते हैं और फिर पूरी रात जागरण करते है। छठ मईया के गीत गाएं जाते है। 
चैथा दिन 
चैथे दिन यानी सप्तमी को भोर यानी ब्रह्म मूहूर्त में व्रती गंगा, नदी या तालाब किनारे पहुंचकर उगते को सूरज को अघ्र्य यानी दूध अर्पण करते हैं। इस दिन को मां षष्ठी और सूर्य की आराधना के दिन के रूप में भी मनाते हैं। इस दिन अघ्र्य के बाद भक्त अंकुरित चने हाथ में लेकर षष्ठी व्रत की कथा कहते और सुनते हैं। कथा के बाद प्रसाद वितरण किया जाता है और फिर सभी अपने-अपने घर लौट आते हैं। 
सिंदूर लगाना
छठ पूजा का यह अनोखा तरीका बड़ा ही मनमोहक होता है। सभी लोग इसे एक उत्सव की तरह मनाते है। नदी किनारे जैसे मेला सा लग जाता है। स्त्रीयां छठ पूजा के सुहाने गीत गातीं है। गन्ने से बने छोटे-छोटे मंडप बड़े ही सुन्दर लगते है। व्रती अपने पूर्ण श्रृंगार के साथ-साथ अपनी नाक से लेकर पूरी मांग में पीला सिंदूर भरती हैं। सिंदूर लगाने का यह तरीका भी इस व्रत की एक बहुत बड़ी पहचान है।
दो बार होती है छठ पूजा 
यह पर्व वर्ष में दो बार मनाया जाता है। पहली बार चैत्र में और दूसरी बार कार्तिक में। चैत्र शुक्लपक्ष षष्ठी पर मनाए जाने वाले छठ पर्व को चैती छठ व कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी पर मनाए जाने वाले पर्व को कार्तिकी छठ कहा जाता है। इस व्रत को शुरू करने के बाद छठ पर्व को सालों साल तब तक करना होता है, जब तक कि अगली पीढ़ी की किसी विवाहित महिला को इसके लिए तैयार न कर लिया जाए। घर में किसी की मृत्यु हो जाने पर यह पर्व नहीं मनाया जाता है। 
मुहूर्त 
छठ पूजा व्रत आरंभ नहाय खाय 4 नवम्बर, खरना लोहंडा 5 नवम्बर, सांझा अघ्र्य 6 नवम्बर सूर्योदय अघ्र्य 7 नवम्बर को है। छठ पूजा का आरंभ कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से होता है। कार्तिक शुक्ल सप्तमी को इसका समापन होता है। प्रथम दिन कार्तिक शुक्ल चतुर्थी ‘नहाय-खाय’ के रूप में मनाया जाता है। नहाए-खाए के दूसरे दिन कार्तिक शुक्ल पंचमी को खरना किया जाता है। पंचमी को दिनभर खरना का व्रत रखने वाले व्रती शाम के समय गुड़ से बनी खीर, रोटी और फल का सेवन प्रसाद रूप में करते हैं। 
पूजन विधि 
तीन दिनों के इस महापर्व की शुरुआत ‘नहाए खाए’ से होती है। उसके अगले दिन ‘खरना’ होता है और फिर उसके अगले दिन शाम को पहला अघ्र्य दिया जाता है। नहाए खाए के दिन बिना लहसुन-प्याज के शुद्ध घी में चना-घीया (इसे कहीं-कहीं लौकी या कद्दू भी कहा जाता है) डाल कर दाल बनाई जाती है और अरवा चावल के साथ खाया जाता है। खरना के दिन शाम को एक अलग कमरे में मिट्टी के नए चुल्हे पर खीर और पुरी बनती है। कई लोग गुड़ की खीर भी बनाते हैं, जिसे रसियाव कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि खरना के दिन भोजन करते समय व्रतियों की कान में कोई आवाज नहीं पड़नी चाहिए। 
जब औरंगजेब ने की छठ पूजा 
पौराणिक मान्यता यह भी है कि मुगल बादशाह औरंगजेब युद्ध करते हुए औरंगाबाद पहुंचा, जहां सूर्य मंदिर को तोडने लगा तो लोगों ने मंदिर नहीं तोडने की प्रार्थना की। औरंगजेब ने कहा कि अगर मंदिर का द्वार सुबह तक पूर्व से पश्चिम की ओर हो जाएगा तो मंदिर नहीं तोड़ा जाएगा। लोगों ने सूर्य की आराधना की तो मंदिर का दरवाजा पश्चिम की ओर हो गया। औरंगजेब ने मंदिर नहीं तोडने का निर्णय लिया। तब से ही छठ के दिन सूर्य आराधना की जाने लगी।
प्रचलित है छठ गीत 
केलवा जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मेड़राय। काँच ही बाँस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए। सेविले चरन तोहार हे छठी मइया। महिमा तोहर अपार। उगु न सुरुज देव भइलो अरग के बेर। निंदिया के मातल सुरुज अँखियो न खोले हे। चार कोना के पोखरवा, हम करेली छठ बरतिया से उनखे लागी। खबरि जनइबो अदित से सुगा देलें जूठियाय सुगा देलें जूठियाय... ऊ जे मरबो रे सुगवा धनुष से सुगा गिरे मुरझाय...। 
अ‌घ्र्य का फल 
पुष्प, फल से युक्त अ‌घ्र्य देने से स्वर्ग में आनंद मिलता है। जल, दूध, कुश, घी, दही, मधु, लाल कनेर फूल एवं लाल चंदन से युक्त जिसे अष्टांग अ‌घ्र्य कहा गया है। इसे प्रदान करने से दस हजार वर्ष तक सूर्य लोक में विहार करने का सुख मिलता है। अगस्त्य के पुष्प से की गई पूजा से दस लाख गोदान का फल मिलता है। मालती, रक्त कमल, चमेली, पुनांग, चम्पक, अशोक, श्वेत मदार, कचनार, अंधुक, करवीर, कल्ढार, शमी, तगर, केसर तथा कमल पुष्पों के द्वारा सूर्य की उपासना करने पर देदीप्यमान सूर्य विमान से सूर्य लोक प्राप्त होने की बात धर्म शास्त्रों में वर्णित है।
जरासंध ने भी थी छठ पूजा 
मगध सम्राट जरासंध के एक पूर्वज का कुष्ठ रोग दूर करने के लिए शाकलद्वीपीय मग ब्राह्मणों ने सूर्योंपासना की थी। तभी से यहाँ छठ पर सूर्योपासना का प्रचलन प्रारम्भ हुआ। छठ के साथ आनर्त प्रदेश के सूर्यवंशी राजा शर्याति और भार्गव ऋषि च्यवन का भी ऐतिहासिक कथानक जुड़ा है। कहते हैं कि राजा शर्याति की पुत्री सुकन्या ने कार्तिक की षष्ठी को सूर्य की उपासना की तो च्यवन ऋषि के आँखों की ज्योति वापस आ गई। छठ के साथ स्कन्द पूजा की भी परम्परा जुड़ी है। भगवान शिव के तेज से उत्पन्न बालक स्कन्द की छह कृतिकाओं ने स्तनपान करा रक्षा की थी। इसी कारण स्कन्द के छह मुख हैं और उन्हें कार्तिकेय नाम से पुकारा जाने लगा। कार्तिक से सम्बन्ध होने के कारण षष्ठी देवी को स्कन्द की पत्नी देवसेना नाम से भी पूजा जाने लगा। 
कोसी भरने की प्रक्रिया 
स्थान विशेष एवं परिस्थिति के अनुसार कोसी (एक प्रकार का मिट्टी का घडा विशेष जिसमे दीप भी बना होता है) भरने की अलग अलग प्रक्रिया हो सकती है। छठ मे संध्या अघ्र्य देने के पश्चात कोसी भरने की प्रक्रिया कहीं कहीं देखी जाती है जो विशेष कामनाओ की पूर्ति हेतु की जाती है। यह जरूरी नही कि हर छठ व्रती इसे करे। जो महिला (वस्तुतः पुरुष इसे नहीं भर सकते) अपनी विशेष मनोकामना पूर्ति हेतु इसे करने की प्रतिज्ञा करती है वही इसमे भाग लेती है। संध्या अघ्र्य के बाद घर लौट कर या नदी के तट पर रह कर ही कोसी भरी जाती है। 
हरजीव का प्राण है सूर्य
प्रश्नोपनिषद् में सूर्य को जीवधारियों का प्राण कहा गया है। सहस्त्ररश्मिः शतधा वर्तमानः, प्राणः प्रजानामुदयत्येष सूर्यः। यानी सूर्य किरणों में जीवन संरक्षण एवं रोगाणु नाश के अद्भूत गुण विद्यमान है। अथर्ववेद में सूर्य केे जीवनीशक्तिदायक किरणों से आयुष्य रक्षा की अपेक्षा की गयी है। माते प्राण उप दसन्मो अपानोऽपि धायि ते। सूर्यस्त्वाधिपतिर्मृत्योरूदायच्छतु रश्मिभिः।। हमारे शरीर के अन्तःस्त्रावी ग्रन्थियों के स्त्राव रूप हार्मोन्स एवं उनसे सम्बन्धित जीवनी प्रक्रियाओं, जैसे प्रजनन आदि तथा शरीर के प्रभा, कांति वर्ण आदि के विकास में भी सूर्य प्रकाश की सहभागिता आवश्यक है। सूर्य से स्वस्थ रहने की ऊर्जा मिलती है। सूर्य से ही ओजस्विता को ग्रहण कर हमारे क्रिया व्यवहार में शक्ति, साहस एवं उत्साह का सृजन होता है। 
कुष्ठ रोग से मुक्त हुए थे श्री कृष्ण पुत्र साम्ब
भविष्यपुराण मंे इस व्रत के प्रभाव से श्री कृष्ण पुत्र साम्ब के कुष्ठ रोग से मुक्त होने की बात कही गयी है। कहते है भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र साम्ब को गोपियों ने भ्रमवश श्रीकृष्ण मान लिया था। साम्ब ने गोपियों को अपनी पहचान बताने के बजाय गोपियों की लीला में शरीक हुए थे। इसके बाद श्रीकृष्ण ने श्राप दे दिया था, जिसके बाद साम्ब कुष्ठ रोगी हो गए थे। साम्ब ने जब श्रीकृष्ण से मुक्ति के लिए प्रार्थना की, तब उन्हें बारह सूर्यमंदिरों का निर्माण कराने को कहा गया था। ऐसा माना जाता है कि उन्हीं सूर्यमंदिरों में से हड़िया भी एक है। 
पूजन सामाग्री 
जिस डाली में सूर्य को अघ्र्य दिया जाता है उस डाली में पूजा सामग्री धूप, दीप के अतिरिक्त पांच प्रकार के सामयिक फल केला, नींबू, संतरा, नारियल और शरीफा आदि चढ़ाया जाता है। इसके अतिरिक्त मूली, गन्ना, हल्दी, सूरन आदि भी डाली में रखा जाता है। सूर्य भगवान का सबसे प्रमुख व्यंजन पकवान को माना गया है जिसे में डाली में चढ़ाने के लिए बड़ी ही शुद्धता से गेहूं को धोकर सूर्य के प्रकाश में सुखाकर जांत में उसका आटा बनाया जाता है और फिर उसे दूध से गीला कर एक ऐसे सांच में डालकर आकार दिया जाता है जिसपर सूर्य देवता का चित्र बना होता है और फिर उसे शुद्ध घी में तलकर डाली में चढ़ाकर देवता को अघ्र्य दिया जाता है।
महत्व 
यहां व्रत करने वाले व्यक्ति की कल्पनाशक्ति देखिए कि षष्ठी तिथि उच्चारण विपर्यय के कारण छठी बन गई और स्त्रीलिंग होने के कारण उसे सूर्य की जननी के रूप में स्वीकार किया गया और षष्ठी तिथि ‘छठी मइया’ बन गई तथा षष्ठी का दिवस पुल्लिंग होने के कारण ‘छठ व्रत’ बन गया। इस सबके अलावा इस व्रत का जो सबसे महत्वपूर्ण पक्ष है इसका सामाजिक पक्ष। पूरा गांव, शहर या मुहल्ला किसी नदी या तालाब के किनारे इकट्ठा होता है और वहीं सूर्य को अघ्र्य दिया जाता है। यह व्रत अलग-अलग घरों में नहीं मनाया जाता है। इस दिन व्यष्टि समष्टि में विलीन होकर सामाजिक एकता का उद्घोष करती है और संपूर्ण बिहार व उससे लगे उत्तर प्रदेश के सीमा के कुछ जिलों (पूर्वांचल) में यह व्रत इतना महत्वपूर्ण है कि इस व्रत के दौरान बड़े-छोटे, धनी-गरीब और छूत-अछूत तक का भेद मिट जाता है। व्रत का विधान इस ढंग से किया गया है कि आचार्य और पुरोहित से लेकर कपड़े सिलने वाले दरजी और टोकरी बनाने वाले डोम तक की मांग बढ़ जाती है। सभी को उनके काम के आधार पर उचित सम्मान भी प्राप्त होता है। इस दृष्टि से यह पर्व सामाजिक संलिप्तता का भी परिचायक है। 





(सुरेश गांधी)

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 17 नवम्बर)

$
0
0
व्यापारी खपा रहे हे पुराने नोट किसानो मे उंचे दामो पर फसल के बदले देरहे पुराने नोट

पारा / अनिल श्रीवास्तव/ भारत सरकार द्वारा नोट बंदी के अचानक आए निर्णय के बाद हर कोई अपने पुराने हजार पांच सो के नोट खपाने की जुगाड मे हे। जहा गरीब आदमी अपने नोट को बदलवाने के चक्कर मे घण्टो बेंक की लाईनो लग कर अपने देनिक दाना पानी का जुगाड मे हे वही पुुॅजीपति व्यवसाई अपने पास बरसो से पडे बंद हुए नोटो को ठीकाने लगाने की जुगाड मे हे। हर कोई अपने अपने तरीके से पुराने नोटो को खपा रहा हे।वही क्षेत्र का किसान भी अपनी फसलो को लेंकर कम परेशान नही हे। किसान को भी अपनी सोयाबिन मक्का उडदी कपास मुंगफली जेसी पकी हुई घर मे रखी  फसल को बेच कर बाजार की  अपनी समस्त देनदारी चुकता करना हे व नई बुआई कि जाने वाली फसल की बिज दवाई आदी भी खरीद कर लाना हे। पर इस सबमे सबसे बडा सवाल यह हे कि  नोट बंदी के चलते किसान अपने घारो मे रखी फसलो को बेचे तो बेचे कहा ? क्योकि नोट बंदी के बाद किसान को फसल के बेचने पर समय पर पेसा मिल जाएगा इस की क्या गारंटी। हालाकी व्यापारी भी नोट बंदी के इस मोके का फायदा उठाने मे पीछे नही हे। व्यापारीयो ने भी इसका रास्ता निकाल ही लिया हे। सुत्रो के अनुसार बाजार मे बंद नोट बदलवाने का बहुत ही बडे स्तर पर खेल चला रहा हें। जहा किसानो को सो-सो के नोट के बदले अपनी फसल ओने पोने दामो पर बेचना पड रही हे। वही किसानो के लिए व्यापारीयो का खुला आफर भी हे। सुत्र बताते ही कि नगर सहीत जिले भर मे सो-सो के नोट के बदले एक क्विटंल सोयाबिन का भाव 2500 रुपए हे वही पुराने नोट के बदले यह भाव तिन हजार तक हे। वही कुछ किसाने जने बताया कर समिपस्थ जिले के राजगढ नगर मे झाबुआ के मुकाबले फसलो का दाम ढेडा दुगना हे वहा पर सोयाबिन की एक क्विंटल फसल के बदले व्यापारी पुराने नोटो से चार हजार रुपए तक का भुगतान कर रहे हे। साथ ही किसानो को सभी जगह उनके खातो मे ज्यादा पेसा जमा करवाने का प्रलोभन भी दिया जा रहा हे जिससे कि व्यापारीयो की काली कमाई का पेसा किसानो के खातो पहुच कर सफेद हो सके। वही कुछ लोग जिनके पास सो पचास के नोट बहुत मात्र मे घरो मे रखे हे ऐसे लोगो ने नोट बदलने का धंधा ही बना लिया हे। ऐसे धंधे बाज लोग हजार के नोट के बदले आठ सो व पांच से के नोट के बदले चार सो रुपए दे रहे हे वही कही कही से तो पांच सो नोट के बदले तिन सो रुपए देने की भी खबर आ रही हे। गलती से कोई आदमी किसी दुकान पर समान लेने के लिए बंद हुआ पांच सेा का नेाट लेकर पहुच गया तो बदले मे उसे पुरे पेसो का समान लेना पडेगा वह चार सो रुपए की किमत मे। ऐसे मे नोट बंदी के बाद बाजार की पुरी दिशा व दशा बदल चुकी हे। हर कोई उस्तरा लेकर बेठा हे की आए कोई हजामत बनवाने। लेकिन जिनको अपना देनिंदिनी कार्य करना हे वे हर किमत पर ठगने को तेयार बेठेहे कि परिवार का कीसी तरह भरण पोषण हो सकें।

अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह अन्तर्गत जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. झाबुआ मे स्वच्छता अभियान चलाया गया

jhabua news
झाबुआ । 63 वें अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह (दिनांक 14 से 20 नवंबर 2016 तक) अन्तर्गत  दिनांक 17.11.2016 को जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. झाबुआ के पीली कोठी भवन एवं परिसर मे बैंक के अधिकारी एवं कर्मचारीगण द्वारा स्वच्छता अभियान चलाया गया । जिसमें बैंक भवन एवं परिसर मे झाडू लगाकर साफ सफाई की गई । स्वच्छता अभियान मे मुख्य रूप से बैंक के वरिष्ठ महाप्रबंधक श्री विजयसिंह कुर्मी, उपयंत्री श्री एच.ए.के.पाण्डे, शाखा प्रबंधक श्री भगवानसिंह नायक, फील्ड प्रभारी श्री राजेष राठौर, स्थापना प्रभारी श्री मनोज कोठारी, श्री महेन्द्रसिंह जमरा, श्री आषीष शर्मा, महिला कर्मी श्रीमती चिन्ता चैहान सहित कई कर्मचारी उपस्थित थे ।

सीनियर सीटीजन के लिये  मुख्यमंत्री तीर्थदर्षन योजना, अब 65 वर्श से अधिक आयु के दंपति भी ले जासकेगें साथ में एक सहायक

झाबुआ ।  जिला पेंषनर एसोसिएषन के जिला अध्यक्ष़्ा रतनसिंह राठौर एवं  जिला प्रचार सचिव राजेन्द्रकुमार सोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेष के मुख्यमंत्री षिवराजसिंह चैहान की महत्वाकांक्षी तीर्थदर्षन योजना के तहत आगामी 8 दिसम्बर से 13 दिसम्बर तक द्वारिका तीर्थ यात्रा इस जिले के लिये प्रस्तावित की गई है । इच्छूक आवेदक अपने  आवेदन निर्धारित प्रारूप में संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, जनपद पंचायत, नगरीय निकायों में भी प्रस्तुत कर सकते है । प्रदेष सरकार द्वारा यात्रा वृद्ध जनों की सुविधा के लिये संषोधन करते हुए  65 वर्श से अधिक आयु के पति-पत्नी यदि साथ में यात्रा कर रहे है तो उन्हे सहायक साथ ले जाने की पात्रता रहेगी । वही अन्य षर्ते पूर्ववत ही रहेगी । जिले के यात्री मेघनगर रेल्वे स्टेषन से यात्रा में षामील हो सकते है । आवेदन पत्र निषुल्क जिला पेंषनर एसोसिएषन कार्यालय  एकलव्य भवन थांदला गेट  से प्राप्त किये जासकते है ।ं श्री सोनी ने इच्छूक पेंषनरो ं एवं नागरिकों से अनुरोध किया है कि मुख्यमत्री तीर्थदर्षन योजना में यात्रा का लाभ उठावें 

महिला एवं बाल विकास की योजनाओ की समीक्षा व अनुश्रवण हेतु गठित समिति की बैठक 18 नवम्बर को

झाबुआ । महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आई सी,डी,एस, अंतर्गत संचालित योजनाओं की समीक्षा व अनुश्रवण हेतु समिति का गठन किया गया है। गठित समिति की बैठक 18 नवम्बर को प्रातः 10ः30 बजे से कलेक्टर सभाकक्ष में आयोजित की जाएगी। बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की आई सी,डी,एस, योजनांतर्गत संचालित कार्यक्रम की समीक्षा की जाएगी ।

मुख्यमंत्री कन्यादान योजनांतर्गत सामूहिक विवाह आयोजन की तिथियां तय
  
झाबुआ । मध्यप्रदेश शासन द्वारा संचालित मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत जिले में अधिक से अधिक कन्याओं को लाभान्वित किए जाने के लिए तिथिया तय कर कन्याओं के अभिभावको से आवेदन आमंत्रित कर कार्यवाही करने के लिए कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना ने सभी जनपद सीईओ, सी,एम,ओ नगरीय निकाय को सामूहिक विवाह कार्यक्रमो का आयोजन करने के लिए निर्देशित किया है। जिले में जनपद पंचायत राणापुर में 20 दिसम्बर 16 को , जनपद पंचायत मेघनगर में 21 दिसम्बर 16 को , जनपद पंचायत थांदला में 22 दिसम्बर 16 को ,जनपद पंचायत रामा में 23 दिसम्बर 16 को , जनपद पंचायत झाबुआ में 24 दिसम्बर  16 को जनपद पंचायत पेटलावद में 24 दिसम्बर 16 को मुख्यमंत्री कन्यादान योजनांतर्गत सामूहिक विवाह का आयोजन किया जाएगा। आमजन से अनुरोध है कि योजना का लाभ लेने के लिए संबंधित जनपद पंचायत अथवा नगरीय निकाय में आवेदन करे।

मुख्यमंत्री निःशक्त शिक्षा प्रोत्साहन योजनान्तर्गत निःशक्त छात्र-छात्राओं को मोटैट ट्रायसिकल अथवा लेपटाप प्रदान किए जायेगे
  • पात्र हितग्राहियों के आवेदन 30 नवम्बर तक भरे जायेगे

झाबुआ । मध्यप्रदेश शासन सामाजिक न्याय विभाग भोपाल द्वारा निःशक्त छात्र/छात्राओं हेतु मुख्यमंत्री निःशक्त शिक्षा प्रोत्साहन योजना लागू की गई है। उक्त योजना के तहत कक्षा 10 वी तथा स्नातक/पाॅलिटेक्निक में प्रेवश लेने पर निःशक्त विद्यार्थी को लैपटाॅप/मोटैट ट्रायसिकल प्रदान किए जाने का प्रावधान है। योजना के तहत 40 प्रतिशत से अधिक निःशक्तता वाले अस्थि बाधित निःशक्त छात्र/छात्राओं को गत परीक्षा में 60 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त होने तथा अन्य श्रेणी को 50 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर आगामी कक्षा में नियमित विद्यार्थी के रूप में प्रवेश लेने पर लाभान्वित किए जाने का प्रावधान है। योजनान्तर्गत ऐसे निःशक्त छात्र/छात्राओं के आवेदन आवश्यक दस्तावेजो सहित तैयार कर अनुशंसा सहित 30 नवम्बर 2016 तक कार्यालय सामाजिक न्याय विभाग झाबुआ को अनिवार्यतः उपलब्घ कराने के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ने सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग झाबुआ, जिला शिक्षा अधिकारी झाबुआ, प्राचार्य शासकीय/अशासकीय महाविद्यालय झाबुआ को निर्देशित किया है।

3 लाख की आर्थिक सहायता स्वीकृत

झाबुआ । जिले के ग्राम कोकावद तहसील झाबुआ के मृतक करण पिता कोला बिलवाल एवं ग्राम खेडा तहसील झाबुआ के टीहीया पिता कमजी किहोरी एवं मृतक खुशबू पिता कालिया ग्राम नवापाडा तहसील झाबुआ की डूबने से मोैत होने पर उनके वैध वारिसो को आर्थिक अनुदान राषि कलेक्टर झाबुआ द्वारा स्वीकृत की गई। मृतक करण पिता कोला निवासी कोकावद तहसील झाबुआ के वैध वारिस में कोला एवं मृतक टीहीया पिता कमजी के वैध वारिस में उसकी पत्नि श्रीमती मौता ग्राम खेडा तहसील झाबुआ तथा मृतक खुशबू पिता कालिया के वैध वारिस में उसके पिता कालिया ग्राम नवापाडा तहसील झाबुआ को 1-1 लाख रूपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई है। उक्त राषि तत्काल वितरित करने के आदेष कलेक्टर ने दिये है।

अंशदायी पेंशन वाले शासकीय सेवको के सेवानिवृत्ति के 3 माह पूर्व से अंशदान कटौत्रा नहीं किया जाये

झाबुआ । कुछ कोषालय में एनपीएस अभिदाताओं के एनएसडीएल-क्ररा पर दर्ज सेवानिवृत्ति तिथि के उपरांत भी वेतन से कर्मचारी एवं शासकीय अंशदान कटौत्रा किया गया है, जिसके फलस्वरूप संचालनालय द्वारा एससीएफ, एनएसडीएल- क्ररा पर अपलोड हेतु लंबित है। जिन आहरण एवं संवितरण अधिकारियों के द्वारा सेवानिवृत शासकीय सेवकों का कटौत्रा किया गया है एवं वह एनएसडीएल क्ररा पर लंबित प्रदर्शित हो रहा है। ऐसे आहरण एवं संवितरण अधिकारियों को संचालनालय पेंशन, भविष्य निधि एवं बीमा भोपाल द्वारा निर्देशित किया गया है कि वे अपने सेवानिवृत्त शासकीय सेवको की सेवानिवृत्ति तिथि का सत्यापन, सेवा अभिलेख से किया जाकर एनएसडीएल- क्ररा पर तत्काल सुधार की कार्यवाही करे। जिससे संबंधित एससीएफ, एनएसडीएल- क्ररा पर अपलोड की जा सके। किये गए सुधार से संचालनालय पेंशन को ई मेल कपतचमदेपवद/उचण्हवअण्पद पर भी सूचित करें। पीएफआरडीए के निर्देशानुसार एनपीएस अभिदाताओं के सेवानिवृत्ति के 3 माह पूर्व आहरण एवं संवितरण अधिकारी द्वारा संबंधित अभिदाता का कर्मचारी एवं शासकीय अंशदान कटौत्रा बंद किया जाना आवश्यक है। इसलिए कोषालय अधिकारी श्रीमती ममता चंगोड ने अधीनस्थ उप कोषालय एवं समस्त आहरण एवं संवितरण अधिकारियों को निर्देशित किया है कि भविष्य में समयावधि का ध्यान रखे तथा प्रत्येक माह के वेतन देयक में आहरण एवं संवितरण अधिकारी इस आशय का प्रमाण पत्र देवे कि आगामी 3 माह में सेवानिवृत होने वाले किसी भी अंशदायी पेंशन योजना के कर्मचारी की अंशदान कटौत्री की राशि प्रस्तुत वेतन देयक में शामिल नहीं की गई है।

तडवी/पटेल सम्मेलन में हुई कुरीतियों को दूर करने पर बात

jhabua news
झाबुआ । जिले में सामाजिक कुरीतियो जैसे दहेज दापा नशा बाल विवाह अनवाश्यक खर्च डाकन प्रथा, इत्यादि पर रोक लगाने के लिए सामाजिक सोच में बदलाव करने के लिए आज पेटलावद ब्लाक के तडवी/पटेल का सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन में तडवी पटेल एवं सामाजिक कार्यकत्ताओं से समाज में व्याप्त बुराईओं को दूर करने के लिए विचार आमंत्रित किये गये। सम्मेलन में एसडीएम पेटलावद श्री सोलंकी सहित समाजिक कार्यकत्र्ता/तडवी पटेल उपस्थित थे।

जिला स्तर पर 29 नवम्बर को होगा सम्मेलन
समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने के लिये समाज में रहने वाले सामाजिक कार्यकत्र्ता एवं तडवी/पटेल का सहयोग लेने के लिये एवं उनके सुझाव आमंत्रित करने के लिये जिला स्तर पर 29 नवम्बर को तडवी/पटेल सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा।

बलात्कार का अपराध पंजीबद्ध

झाबुआ । फरियादिया ने बतया कि वह अपने मामा की लडकी के साथ स्कूल गयी थी आरोपी अलकेश पिता मालसिंह डामोर एवं मुकेश पिता अमरसिंह चैहान निवासीगण सालरपाडा के मिले व दोनों को बहला-फुसलाकर आरोपी मुकेश के कमरे पर ले जा कर रात भर रखी आरोपी मुकेश व मामा की लडकी दुसरे कमरे में सोये थे व आरोपी अलकेश ने फरि0 के साथ जबरन बलात्कार किया। प्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अपराध क्रं0 738/16 धारा 363,366,376(2)एन भादवि व 3/4 पास्को एक्ट में पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

अपहरण का अपराध पंजीबद्ध

झाबुआ । फरियादी गुलसिंह पिता नगजी वसुनिया, निवासी छापरी ने बताया कि की लडकी उम्र 15 वर्ष को कोई अज्ञात व्यक्ति बहला फुसलाकर भगा कर ले गया। प्रकरण में थाना रायपुरिया में अपराध क्रं0 426/16 धारा 363 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 17 नवम्बर)

$
0
0
पंजीयन विभाग द्वारा पांच सौ, एक हजार के नोट  24 तक स्वीकार किए जाएंगे 

vidisha news
वरिष्ठ जिला पंजीयक श्री पवन कुमार ने बताया कि पंजीयन विभाग में पंजीयन फीस एवं अतिरिक्त स्टाम्प शुल्क, आरआरसी का बकाया शुल्क जमा करने के लिए नवीन मुद्रा के साथ-साथ पूर्व में प्रचलित 500 एवं 1000 के पुराने नोट 24 नवम्बर तक स्वीकार किए जाएंगे। ततसंबंध मंे भारत सरकार के द्वारा अधिसूचना जारी की गई है जिसका अक्षरशः पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश वरिष्ठ पंजीयक के द्वारा अधीनस्थ सभी उप पंजीयकों को दिए गए है। 

जिपं की सामान्य सभा की बैठक 22 को

जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी की अध्यक्षता में जिपं की सामान्य बैठक 22 नवम्बर को आयोजित की गई है यह बैठक जिला पंचायत के सभागार कक्ष में दोपहर 12 बजे से प्रारंभ होगी। जिला पंचायत सीईओ श्री दीपक आर्य ने बताया है कि बैठक में स्वच्छ भारत अभियान, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, शिक्षा विभाग, सर्व शिक्षा अभियान की योजनाओं और ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अंतर्गत चल रहे निर्माण कार्य की समीक्षा की जाएगी। 

नर्सिंग होम में पुराने पांच सौ एवं एक हजार के नोट मान्य होंगे

निजी चिकित्सालयों एवं नर्सिंग होम में इलाज कराने वाले व्यक्तियों के द्वारा भुगतान राशि में यदि पुराने नोट पांच सौ और एक हजार के नोट दिए जाते है तो संबंधित नर्सिंग होम को मान्य करने होंगे। ताकि नए नोटो की अनुपलब्धता में मरीज अपना इलाज कराने से वंचित ना हो सकें। कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने स्वास्थ्य विभाग के संचालक द्वारा ततसंबंध में जारी किए गए निर्देशो का हवाला देते हुए बताया कि प्रायवेट प्रेक्टिशनर और नर्सिंग होम के द्वारा इलाज के दौरान पुराने नोट लेने से यदि मना किया जाता है तो सीधे जिला प्रशासन को अवगत करा सकते है। कलेक्टर की अध्यक्षता में जिले के निजी नर्सिंग होम्स एसोशिएशन के पदाधिकारियों की बैठक आहूत की गई थी जिसमें संबंधितों को इस बात की समझाईंश दी गई है कि वे किसी भी मरीज को उपरोक्त आधार पर उपचार देने से मना ना करें।

समर्थन मूल्य पर धान खरीदी कार्य तीन केन्द्रों पर जारी होगा

जिले में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन का कार्य शुरू हो गया है जोे 15 जनवरी 2017 तक किया जाएगा। धान खरीदी के लिए जिले में तीन केन्द्र क्रमशः विदिशा, खामखेडा और नटेरन में बनाए गए है। शासन द्वारा धान काॅमन एफएक्यू का समर्थन मूल्य 1470 रूपए प्रति क्विंटल घोषित किया गया है। विदिशा जिले मंे मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ को समर्थन मूल्य पर धान खरीदी हेतु नोड्ल एजेन्सी नियुक्त किया गया है। कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने जिले मेें धान खरीदी कार्य सुव्यवस्थित रूप से सम्पादित हो इसके लिए उनके द्वारा नोड्ल अधिकारी नियुक्त किए गए है और उन्हें आवश्यक व्यवस्थाओं के क्रियान्वयन की जबावदेंही सौंपी गई है। खरीदी केन्द्रों की गुणवत्ता के आकस्मिक निरीक्षण हेतु कलेक्टर श्री सुचारी ने अनुविभाग स्तरीय निरीक्षण दल भी गठित किया है। दल के प्रमुख स्थानीय एसडीएम होंगे इसके अलावा छह सदस्य भी शामिल किए गए है। धान उपार्जन के कार्य से सप्ताह में एक दिन सामान्यतः रविवार को साप्ताहिक अवकाश रखा जाएगा। निज मंडियों में रविवार से भिन्न साप्ताहिक अवकाश है वहां पूर्व निर्धारित साप्ताहिक अवकाश के दिन उपार्जन के कार्य हेतु कार्य रहेगा। धान उपार्जन के समस्त खरीदी कार्य का संचालन,पर्यवेक्षण जिला आपूर्ति अधिकारी श्री एमएल मारू के मार्गदर्शन में क्रियान्वित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिले के 127 कृषकों ने धान विक्रय हेतु पंजीयन कराया गया है। धान उपार्जन कार्य संबंधी तकनीकी समस्याओं के निराकरण हेतु मोबाइल टीम का भी गठन किया गया है।

क्रियान्वयन समिति की बैठक 22 को

जिला स्तरीय अल्पसंख्यक 15 सूत्रीय क्रियान्वयन समिति की बैठक 22 नवम्बर को आयोजित की गई है। यह बैठक कलेक्टेªट के सभाकक्ष में प्रातः 11 बजे से शुरू होगी। कलेक्टर श्री अनिल सुचारी की अध्यक्षता में आहूत बैठक में विभिन्न विभागों के द्वारा अल्पसंख्यक वर्ग के उत्थान हेतु क्रियान्वित योजनाओं की वर्ष 2015-16 के लक्ष्य व पूर्ति तथा वर्ष 2016-17 में लक्ष्य पूर्ति की अद्यतन स्थिति तथा अल्पसंख्यकों के स्वरोजगार एवं आर्थिक विकास की स्थिति के अलावा अल्पसंख्यक वर्ग के अधिकारो को संरक्षण सुरक्षा एवं बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के संबंध में चर्चा की जाएगी।

कफ्र्यू में छूट

जिला दण्डाधिकारी श्री अनिल सुचारी ने बताया कि शुक्रवार 18 नवम्बर को कफ्र्यू में प्रातः सात बजे से रात्रि नौ बजे तक छूट दी गई है। ज्ञातव्य हो कि विदिशा जिला मुख्यालय पर विगत दिनों हुए उपद्रव से निर्मित तनाव को देखते हुए जिला मुख्यालय पर कफ्र्यू लगाया गया था।

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 17 नवम्बर)

$
0
0
10 रूपए का सिक्का न लेने वाले व्यापारी एवं दुकानदार होंगे दण्डित


sehore map
कुछ व्यापारियों एवं दुकानदारों द्वारा बिना किसी वैधानिक आधार पर 10 रूपए के सिक्कों को नकली बताकर ग्राहकों से लेने से मना किया जा रहा है। 10 रूपए के सभी सिक्के एवं 1 रूपए से लेकर 100 रूपये तक सभी करेंसी नोट पूरी तरीके से वैध एवं मान्य है। यदि किसी दुकानदार या व्यापारी द्वारा सिक्कों के बारे में गलत अफवाह फैलाई जाती है या 10 रूपए के सिक्कों को लेने से मना किया जाता है, तो उसके विरूद्ध दण्डात्मक वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। सभी को 10 रूपए के सिक्के से लेनदेन करना पडेगा।  आमजन धैर्य से काम लें तथा किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें। 

पंजीयन विभाग में 24 नवम्बर तक एक हजार व 500 रूपये के पुराने नोट स्वीकार

पंजीयन विभाग अंतर्गत पंजीयन एवं मुद्रांक शुल्क के रूप में बकाया राजस्व के आर.आर.सी. प्रकरणों में बकाया राशि जमा करने के लिये 500 रूपये एवं 1000 रूपये के नोट भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार 24 नवम्बर,2016 तक स्वीकार किये जायेंगे। आम नागरिक बकाया राजस्व 500 रूपये एवं 1000 रूपये के नोटों के रूप में 24 नवम्बर,2016 तक जमा कर सकते हैं ।

परिवार नियोजन में साझेदारी, अब होगी पुरूषों की सक्रिय भागीदारी जिम्मेदार निभाओ प्लान बनाओ की थीम पर  पुरूष नसबंदी माह का शुभारम्भ

विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी दो चरणों में पुरूष नसबंदी माह 15 नवम्बर से 13 दिसम्बर 2016 तक मनाया जा रहा है । प्रथम चरण 15 से 27 नवम्बर 2016 तक मनाया जायेगा। इसमें परिवार कल्याण कार्यक्रम में पुरूषों की भागीदारी बढानें एवं पुरूष नसबंदी के लाभ की जानकारी ग्राम स्तर तक स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले द्वारा पहॅूचाई जायेगी एवं ं 28 नवम्बर से 13 दिसम्बर 2016 तक द्वितीय चरण सेवा प्रदायगी चरण के रूप में मनाया जायेगा । 
Viewing all 74122 articles
Browse latest View live




Latest Images