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मेरी जर्नी तो उतार-चढ़ाव के बीच रही : विद्या बालन

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स्वभाव से हंसमुख, विनम्र और स्पष्ट भाषी अभिनेत्री विद्या बालन ने एकता कपूर के टीवी शो हम पांच में जब अभिनय किया तो उनको भी नही पता था कि एक दिन बालीवुड में उनके नाम की डंका बजेगा। फिल्म ‘परिणीता’, ‘लगे रहो मुन्ना भाई’ ‘द डर्टी पिक्चर’, ‘कहानी’ आदि कई फिल्मों से अपने अभिनय का लोहा मनवा चुकीं हैं। ‘लगे रहो मुन्ना भाई’ उनके करियर की टर्निंग पॉइंट थी। जिसके बाद से उन्हें पीछे मुड़कर देखना नहीं पड़ा. उन्होंने अपने उत्कृष्ट परफोर्मेंस के लिए कई अवार्ड जीते। साल 2014 में उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया. यही वजह है कि आज कोई भी निर्माता,निर्देशक उन्हें लेकर एक सफल फिल्म बनाने की कोशिश करता है। वह अपनी कामयाबी से खुश हैं और मानती हैं कि एक अच्छी स्टोरी ही एक सफल फिल्म दे सकती है. ‘कहानी’ फिल्म उनकी सफल फिल्म रही, इसके बाद ‘कहानी 2’ में भी वह फिर एकबार जबरदस्त भूमिका में आ रही हैं। वह क्या सोचती है,अपने फिल्मी करियर के बार में जानते है,उनकी ही जुबानी ।

फिल्म ‘कहानी 2’ को करने की खास वजह क्या है?
ये एक अलग तरह की इमोशनल थ्रिलर फिल्म है। अलग दुनिया, अलग भूमिका, सब अलग है। फिल्म में दुर्गा रानी सिंह के साथ जो होता है वह एकदम अलग है। साढ़े चार साल बाद यह नयी कहानी आई है। इसकी कहानी रोमांचक और मनोरंजक है। इसमें मुझे एक अलग भूमिका करने को मिला जो अच्छी और चुनौतीपूर्ण है।

ये फिल्म एक मां और बेटी की कहानी है, आप इसे कैसे ‘एक्सप्लेन’ करना चाहेंगी?
मेरे हिसाब से एक मां अपनी बेटी के लिए कुछ भी कर सकती है। किसी का कत्ल भी कर सकती है. कुछ ऐसी ही भाव इस फिल्म में है और शायद अधिकतर मां ऐसी ही होती है. दुर्गारानी सिंह भी ऐसी ही महिला है। एक रियल भूमिका निभाने में बहुत अच्छा लगा।

सीक्वल करना कितना मुश्किल होता है? कितना प्रेशर होता है?
हां, मुझे पता है कि लोग पुरानी कहानी से इसकी तुलना करेंगे। मैंने निर्देशक से इस बारें में बात भी की। उन्होंने कहा कि ये फ्रैंचाइजी है। इसमें हर कहानी अलग-अलग होगी। पहली बार फिल्म सुनते ही मैंने निर्देशक से पूछा कि क्या इस फिल्म में पुरानी फिल्म का कुछ भाग होगा? उन्होंने आत्मविश्वास के साथ कहा कि ये एकदम अलग फिल्म है, इसकी तुलना उससे नहीं होगी।

इस फिल्म के लिए आपने कितना होम वर्क किया?
सुजोय और मैं हमेशा फिल्म को और उसके भूमिका को लेकर बात करते रहते हैं, उसमें ही आधी तैयारी हो जाती है, क्योंकि किरदार को समझने में समय लगता है, लेकिन लगातार बात करते रहने से वह आसान होता है। इसमें एक जगह जहां मेरा एक्सीडेंट होता है प्रोस्थेटिक का प्रयोग किया गया है. उसके लिए कई ट्रायल्स हुए। मेकअप पर बहुत ध्यान दिया गया, क्योंकि निर्देशक ‘नो मेकअप लुक’ चाहते थे। जो फिल्म के एक भाग पर अधिक था। दूसरे भाग में प्रोस्थेटिक का प्रयोग हुआ है। वे ड्राई स्किन चाहते थे, क्योंकि दृश्य पहाड़ों पर रहने वाले के थे। जो कलिम्पोंग में शूट हुआ। मेरे मेकअप आर्टिस्ट श्रेयस म्हात्रे ने काफी मेहनत की है। फिर भी सही नहीं हुआ। अंत में निर्देशक ने मोयास्चरायजर लगाने को मना किया। मैंने वही किया और लुक सही आया।

फिल्म का कौन सा भाग अभिनय करने में मुश्किल लगा?
किसी का कान चबाना था। मुझे बहुत बुरा लगा. मुझे डर भी लगा था कि ये सीन एक बार में हो जाये। बार-बार ‘रिटेक’ ना करना पड़े।

आपके हिसाब से फिल्म का प्रमोशन करना कितना जरुरी है?
फिल्म का प्रमोशन करना बहुत जरुरी है। ये आज के कलाकारों के लिए अच्छा मौका है कि वे अपने काम को लोगों तक मीडिया के माध्यम से पंहुचा पाते है। इसे मैं हमेशा नयी-नयी तरीके से करना चाहती हूं. ताकि दर्शकों की रूचि फिल्म के प्रति बढ़े। मुझे अलग-अलग तरीके से प्रमोशन करने में मजा आता है।

अब तक की जर्नी को कैसे देखती है? अपने आप में कितना बदलाव महसूस करती है?
जर्नी तो उतार-चढ़ाव के बीच रही कुछ फिल्में चली कुछ नहीं, पर मैंने कभी हार नहीं मानी, क्योंकि हर दिन एक नया दिन होता है और हर दिन आप कुछ नया कर सकते हैं। मेरे जीवन में बदलाव तो बहुत आया, पहले मैं अकेली थी अब शादी हो चुकी है. सब कुछ बदल चुका है समय के साथ-साथ मैं भी ग्रो हुई हूं।

आप हमेशा कुछ न कुछ सामाजिक कार्य करती हैं, इसकी रूचि कहां से पैदा हुई?
बचपन से ही हमें सिखाया जाता रहा है कि हमें वो सबकुछ मिला, जिसकी जरुरत है। लेकिन इसका कुछ भाग हमें उनको देना चाहिए जिनके पास यह सब नहीं है। मेरी बहन भी अपने बच्चों को शेयर सिखाती है। ये बचपन से ही बच्चों को सिखाना पड़ता है। इससे बच्चों में संवेदनशीलता बढ़ती है। साथ ही इससे आप को खुशी मिलती है और एक इंसान अपने पास कितना रख सकता है। ये सारी चीजे मुझे किसी और के बारें में सोचने पर मजबूर करती है और मैं सामाजिक कार्य की ओर चल पड़ती हूं।

आप तो एक मलयालम कहानी पर आधारित फिल्म भी कर रही थीं ?
जी हाॅ। मैं एक मलयालम बायोपिक लेखक कमलादास पर कर रही हूं। उसी की तैयारी चल राही है। वह एक कंट्रोवर्सियल महिला थी। जिस तरह से वह अपनी जिंदगी जीती थी वह लोगों को अभी भी रुचिकर लगता है। उनपर फिल्म बन रही है और मैं उनको समझना चाहती हूं। इसके अलावा किसी भी भाषा में अच्छी स्क्रिप्ट पर मैं काम करना चाहूंगी। अभी मराठी और बांग्ला दोनों से ऑफर आते हैं, पर कोई बात अभी तक बनी नहीं है।

नोट बंदी : विकास की तरफ बढ़ते भारत के कदम, भ्रष्टाचार को बढ़ावा देगा भारत बंद

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यह बात सौ प्रतिशत सत्य है देश ने विकास के रास्ते पर कदम बढ़ाना प्रारंभ कर दिए हैं। केन्द्र सरकार ने नोट बंदी करके चारों दिशाओं में फैली भ्रष्टाचारी अव्यवस्था पर करारी चोट की है। इससे जहां अवैध रुप से कमाई करने वालों पर तुषारापात हुआ है, वहीं आम जनता के लिए प्रगति के द्वार खुलते हुए दिखाई दे रहे हैं। नोट बंदी से पहले हर विपक्षी राजनीतिक दल के निशाने पर केन्द्र सरकार रही थी, इसके बाद भी विपक्ष ने सत्ता पक्ष को दोषी बताने की हर कार्यवाही की है। विपक्ष ने हमेशा ही कभी कालेधन के मुद्दे पर तो कभी विदेश यात्राओं को लेकर केन्द्र सरकार के मुखिया नरेन्द्र मोदी को आड़े हाथ लिया, लेकिन नोट बंदी के बाद ऐसे आरोप लगाने वालों की बोलती बंद हो गई है। सर्वे संस्थाओं द्वारा किए गए सर्वे में भी यह साफ हो गया है कि नोट बंदी का कदम काले धन पर लगाम लगाने का सबसे सटीक कदम है। इतना ही नहीं देश की जनता ने इस कदम का पूरा समर्थन किया है। विरोध केवल वही लोग कर रहे हैं, जो सरकार के विरोध में हैं। उन्हें तो केवल सरकार के विरोध करने का बहाना चाहिए। जहां तक हमारे देश के विरोधी दलों की बात है तो यह कहना तर्कसंगत होगा कि उन्हें केवल सरकार को घेरने का बहाना चाहिए। पहले वह काले धन लाने के मुद्दे पर सरकार को घेर रहे थे, जब सरकार ने काले धन को बाहर निकालने और उसे रद्दी करने का उपक्रम प्ररंभ किया तो इन्ही राजनीतिक दलों ने फिर से केन्द्र सरकार को कठघरे में खड़ा करने का निरर्थक प्रयास किया है। मेरी समझ में एक बात नहीं आ रही कि विपक्ष आखिर चाहता क्या है। क्या वह देश में ऐसी सरकार चाहता है कि वह विदेशी संकेत पर काम करे, अगर ऐसा है तो यह देश के लिए अत्यंत ही घातक कदम कहा जा सकता है। आज देश की जनता इस बात को भलीभांति समझ रही है कि कौन सा कदम देश के हित में है और कौन सा विरोध में। इसलिए वर्तमान में राजनीतिक दलों को यह भ्रम लगभग छोड़ देना चाहिए कि वह जनता को भ्रमित कर सकते हैं।

विपक्षी राजनीतिक दलों द्वारा सरकार की नोट बंदी के विरोध में बाजार बंद का आह्वान किया है। इस बाजार बंदी के आह्वान का सोशल मीडिया पर देश की की जनता ने कई गम्भीर सवाल उठाए हैं। यहाँ तक कि भारत बन्द के इस अभियान का भारत की जनता ने शत प्रतिशत विरोध ही किया है। हजारों में एक दो समर्थन की पोस्ट केवल राजनेताओं की ही होती है। जब सोशल मीडिया पर भारत बंद का जबरदस्त विरोध किया जा रहा है, तक कांग्रेस सहित अन्य विरोधी दलों को देश की जनता की आवाज पर भी ध्यान देना चाहिए। इन दलों को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि एक समय देश भ्रष्टाचार से बुरी तरह से प्रताड़ित हो चुका है। अब जब सरकार ने कालेधन और भ्रष्टाचार के लिए अभियान चलाया है तो देश की जनता के साथ राजनीतिक दलों को भी इसका समर्थन करना चाहिए। सोशल मीडिया पर नोट बंदी पर जो भी पोस्ट दिखाई दे रही है। उनमें हर कोई भारत बंद का विरोध करता दिखाई दे रहा है, यहां तक कि लोग अपने मित्रों से यह भी कह रहे हैं कि मेरा जो भी मित्र भारत बंद का समर्थन कर रहा है, वह मुझे मित्र सूची से हटा दे, क्योंकि मैं राष्ट्रभक्त होने के कारण भारत बंद का विरोध करता हूँ।

देश के राजनीतिक दलों द्वारा वर्तमान केन्द्र सरकार के बारे में यह प्रश्न हमेशा चर्चा में रहता है कि मोदी सरकार के आने के बाद सामाजिक, आर्थिक और सुरक्षा की दृष्टि से क्या बदलाव हुए हैं। उनके लिए सरकार की नोट बंदी उचित जवाब हो सकता है कि भाजपा और स्वयं नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रवादी नीतियों को घोषित करते हुए जनता का समर्थन प्राप्त किया है। राष्ट्रवाद का आशय यही है कि देश की एकता व अखंडता एवं सुरक्षा के साथ जनता के कल्याण के लिए सरकार का ध्यान केंद्रित रहे। इस संदर्भ में मोदी सरकार  द्वारा की गई पहल की समीक्षा की जा सकती है। देश में अलगाववादी आतंकवादी और देश विरोधी तत्व है, उनके खिलाफ कड़ाई से कार्रवाई की जा रही है। सीमा का अतिक्रमण कर भारत में हिंसा करने वालों का सफाया किया जा रहा है। यही नहीं दुश्मनी करने वाले पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई की गई। इसके साथ ही कश्मीर के अधिकांश अलगाववादी नेता जेल में है। सुरक्षा को सुदृढ़ करने एवं सेना की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए आधुनिक हथियार उपलब्ध कराए जा रहे हैं। 

सीमा पार से होने वाले आतंकवाद को हवा देने का काम करने वाली ताकतों का भंडाफोड़ करने वाली केन्द्र सरकार के अभियान के बाद हमारे देश में ही ऐसे बयान दिए जा रहे हैं कि जैसे वे पाकिस्तान का समर्थन कर रहे हों। भारतीय राजनेताओं के ऐसे बयान निसंदेह आतंकी बनाने के लिए भारतीय युवकों को प्रेरित करते हैं। सरकार द्वारा उनके खिलाफ न केवल कार्रवाई की जा रही है बल्कि उनको मोटी रकम देने वालों को भी रोका जा रहा है। इसका ताजा उदाहरण विवादित इस्लामिक उपदेशक नाइक जो आतंकवादी बनने के लिए मुस्लिम युवकों को प्रेरित करता रहा है। उसके खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज कर उसके एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के खिलाफ कार्रवाई प्रारंभ हो गई है। इस संदर्भ में जानना होगा कि जाकिर नाइक के भाषणों पर मलेशिया, ब्रिटेन और कनाडा में प्रतिबंध है। उसके विदेशी फंडिंग की जांच की जा रही है। उसके बारह ठिकानों पर छापे मारे गए हैं। इसी प्रकार पुराने पांच सौ, एक हजार की नोट बंदी से चाहे लोगों को थोड़ी बहुत असुविधा हुई हो, लेकिन उसके अच्छे परिणाम भी सामने आने लगे हंै। करीब 35 हजार करोड़ का कालाधन बाहर आ चुका है। कश्मीर में सुरक्षा बलों पर होने वाले पथराव पर रोक लगी है। इससे यह जाहिर है कि अलगाववादी या पाकिस्तान एजेंट पांच-पांच सौ देकर युवकों को पथराव के लिए प्रेरित करते थे। यहां तक कि नक्सली आतंकी भी कह रहे है कि नोटबंदी का गरीबों के हित में निर्णय है और वे समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का मन बना रहे है। जनता के लिए कल्याणकारी योजनाएं लागू हुई है। वेतनवृद्धि से हर छोटा-बड़ा सरकारी कर्मचारी लखपति की कतार में खड़ा दिखाई दे रहा है। चारों ओर मोदी-मोदी की गूंज सुनाई देती है। देश में चारों ओर विकास का आलोक दिखाई देता है।




liveaaryaavart dot comसुरेश हिन्दुस्थानी वरिष्ठ पत्रकार
झोकन बाग, झांसी उत्तरप्रदेश
मोबाइल-09455099388
(लेखक सामयिक चिन्तक और राजनीतिक विश्लेषक हैं)

विशेष आलेख : तीन तलाक,समान नागरिक संहिता और मोदी सरकार

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समान नागरिक संहिता (यूनिफार्म सिविल कोड) स्वतंत्र भारत के कुछ सबसे विवादित मुद्दों में से एक रहा है. वर्तमान में केंद्र की सत्ता पर काबिज पार्टी और उसके पितृ संगठन द्वारा इस मुद्दे को लम्बे समय से उठाया जाता रहा है .यूनिफार्म सिविल कोड को लागू कराना उनके हिन्दुतत्व के एजेंडे का एक प्रमुख हिस्सा है. इसीलिए वर्तमान सरकार जब समान नागरिक संहिता की बात कर रही है तो उसकी नियत पर सवाल उठाये जा रहे हैं. दूसरी तरफ मुस्लिम महिलाओं की तरफ से समान नागरिक संहिता नहीं बल्कि एकतरफा तीन तलाक़, हलाला व बहुविवाह के खिलाफ आवाज उठायी जा रही है उनकी मांग है कि इन प्रथाओं पर रोक लगाया जाए और उन्हें भी खुला का हक मिले. एक और पक्ष ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जैसे मुस्लिम संगठनों का है  जो  किसी भी बदलाव को इस्लाम के खिलाफ बता रहे हैं.  

दरअसल मुस्लिम औरतों की सबसे बड़ी समस्या तीन तलाक है. मर्दों के लिए यह बहुत आसन है कि तीन बार तलाक, तलाक, तलाक कह दिया और सब-कुछ खत्म, इसके बाद मर्द तो दूसरी शादी कर लेते हैं लेकिन आत्मनिर्भर ना होने की वजह से महिलाओं का जीवन बहुत चुनौतीपूर्ण हो जाता है. तलाक के बाद उन्हें भरण-पोषण के लिए गुजारा भत्ता नहीं मिलता और अनेकों  मामलों में तो उन्हें मेहर भी वापस नहीं दी जाती है. कई मामलों में तो ईमेल,वाट्सएप,फोन, एसएमएस के माध्यम से या रिश्तेदारों,काजी आदि से कहलवा कर तलाक दे दिया जाता है. इसी तरह से हलाला का चलन भी एक अमानवीय है. दुर्भाग्यपूर्ण कई मुस्लिम तंजीमों और मौलवीयों द्वारा तीन तलाक, हलाला और बहुविवाह का समर्थन किया जाता है.

सुप्रीमकोर्ट पहले भी कह चूका है कि अगर सती प्रथा बंद हो सकती है तो बहुविवाह एवं तीन तलाक जैसी प्रथाओं को बंद क्यों नही किया जा सकता. वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट तलाक या मुस्लिम बहुविवाह के मामलों में महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव के मुद्दे की समीक्षा कर रहा है. दरअसल उत्तराखंड की रहने वाली शायरा बानो सहित कई महिलाओं ने ‘तीन बार तलाक’ को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट यह समीक्षा करने पर राजी हो गया है कि कहीं तीन तलाक, बहुविवाह, निकाह और हलाला जैसे प्रावधानों से कहीं मुस्लिम महिलाओं के मौलिक अधिकारों का हनन तो नहीं हो रहा है. सुप्रीम कोर्ट के पूछने पर केंद्र सरकार ने जवाब दिया था कि ‘वह तीन तलाक का विरोध करती है और इसे जारी रखने देने के पक्ष में नहीं है’. 

लेकिन इसके बाद विधि आयोग ने 16 सवालों की लिस्ट जारी कर ट्रिपल तलाक़ और कॉमन सिविल कोड पर जनता से राय मांगी थी जिसपर विवाद हो गया. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इसे समाज को बांटने वाला और मुसलमानों के संवैधानिक अधिकार पर हमला बताते हुए इसके बायकॉट करने का ऐलान कर दिया. सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने जवाबी हलफनामा में बोर्ड ने कहा कि एक साथ तीन तलाक, बहुविवाह या ऐसे ही अन्य मुद्दों पर किसी तरह का विचार करना शरीयत के खिलाफ है. इनकी वजह से मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों के हनन की बात बेमानी है. इसके उलट, इन सबकी वजह से मुस्लिम महिलाओं के अधिकार और इज्जत की हिफाजत हो रही है. अपने हलफनामे में बोर्ड ने तर्क दिया है कि “पति छुटकारा पाने के लिए पत्नी का कत्ल कर दे, इससे बेहतर है उसे तलाक बोलने का हक दिया जाए.” मर्दों को चार शादी की इजाज़त के बचाव पर बोर्ड का तर्क है कि, “पत्नी के बीमार होने पर या किसी और वजह से पति उसे तलाक दे सकता है. अगर मर्द को दूसरी शादी की इजाज़त हो तो पहली पत्नी तलाक से बच जाती है.” पर्सनल लॉ बोर्ड ने तीन तलाक के मुद्दे पर सरकार से पर जनमत संग्रह करवाने की भी मांग की है. जाहिर है बोर्ड किसी भी बदलाव के खिलाफ है. 

इस मुद्दे पर मुस्लिम समाज भी बंटता हुआ नजर आ रहा है. ज्यादातर मौलाना, उलेमा और धार्मिक संगठन तीन बार बोल कर तलाक देने की प्रथा को जारी रखने के पक्ष में हैं तो दूसरी तरफ महिलाएं और उनके हितों के लिए काम करने वाले संगठन इस प्रथा को पक्षपातपूर्ण करार देते हुए इसके खात्मे के पक्ष में हैं. उनका तर्क है कि इस्लाम में जायज़ कामों में तलाक को सबसे बुरा काम कहा गया है और हिदायत दी गयी है कि जहां तक मुमकिन हो तलाक से बचो और यदि तलाक करना ही हो तो हर सूरत में न्यायपूर्ण ढंग से हो और तलाक में पत्नी के हित और उसके जीवनयापन के इंतजाम को ध्यान में रखा जाए. दरअसल एक झटके में तीन बार 'तलाक, तलाक, तलाक'बोल कर बीवी से छुटकारा हासिल करने का चलन दक्षिण एशिया और मध्य पूर्व एशिया में ही है और यहाँ भी ज्यादातर सुन्नी मुसलमानों के बीच ही इसकी वैधता है. मिस्र पहला देश था जिसने 1929 में तीन तलाक पर रोक लगा दिया था. आज ज्यादातर मुस्लिम देशों जिनमें पाकिस्तान और बांग्लादेश भी शामिल हैं ने अपने यहां सीधे-सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से तीन बार तलाक की प्रथा खत्म कर दी है. जानकार श्रीलंका में तीन तलाक के मुद्दे पर बने कानून को आदर्श बताते हैं. तकरीबन 10 फीसदी मुस्लिम आबादी वाले श्रीलंका में शौहर को तलाक देने के लिए काजी को इसकी सूचना देनी होती है. इसके बाद अगले 30 दिन के भीतर काजी मियां-बीवी के बीच सुलह करवाने की कोशिश करता है. इस समयावधि के बाद अगर सुलह नहीं हो सके तो काजी और दो चश्मदीदों के सामने तलाक हो सकता है. 

हमारे देश में तीन तलाक के मुद्दे पर सभी राजनीतिक दल सुविधा की राजनीति कर रहे हैं और  इस मामले में उनका रुख अपना सियासी नफा-नुकसान देखकर ही तय होता है. वर्तमान में केंद्र में दक्षिणपंथी सरकार है जिसको लेकर अल्पसंख्यकों में आशंका की भावना व्यापत है और इसके किसी भी कदम को लेकर उनमें भरोसा नहीं है. सवाल यह भी उठ रहा है कि जिस समय मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड और भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन जैसे संगठनों का तीन तलाक की रिवायत को खत्म करने का अभियान जोर पकड़ रहा था और इसका असर भी दिखाई पड़ने लगा था ऐसे में सरकार द्वारा विधि आयोग के माध्यम से समान नागरिक संहिता का शगूफा क्यों छोड़ा गया? इससे तो तीन तलाक का अभियान कमजोर हुआ है इससे समाज में धुर्वीकरण होगा मुस्लिम समाज के भीतर से उठी प्रगतिशीलता और बदलाव की आवाजें कमजोर पड़ जायेगीं.


सितम्बर माह में केरल के कोझिकोड में आयोजित बीजेपी की राष्ट्रीय परिषद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण में है जिसमें उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय को याद करते हुआ कहा था कि “दीनदयाल जी का कहना था कि मुसलमानों को न पुरस्कृत करो न ही तिरस्कृत करो बल्कि उनका परिष्कार किया जाए”. यहाँ  “परिष्कार” शब्द पर ध्यान देने की जरूरत है जिसका मतलब होता है “ प्यूरीफाई ” यानी शुद्ध करना. हिंदुत्ववादी खेमे में “परिष्कार” शब्द का विशेष अर्थ है जिसे समझना जरूरी है दरअसल हिंदुत्व के सिद्धांतकार विनायक दामोदर सावरकर  मानते थे कि ‘चूकिं इस्लाम और ईसाईयत का जन्म भारत की धरती पर नहीं हुआ था इसलिए मुसलमान और ईसाइयों की भारत पितृभूमि नहीं हैं, उनके धर्म, संस्कृति और पुराणशास्त्र भी विदेशी हैं इसलिए इनका राष्ट्रीयकरण (शुद्धिकरण) करना जरुरी है.पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने “परिष्कार” शब्द का विचार सावरकर से लिया था जिसका नरेंद्र मोदी उल्लेख कर रहे थे. पिछले दिनों संघ परिवार द्वारा चलाया “घर वापसी अभियान” खासा चर्चित हुआ था. संघ परिवार और भाजपा का मुस्लिम महिलाओं की स्थिति को लेकर चिंता, समान नागरिक संहिता का राग इसी सन्दर्भ में समझा जाना चाहिए.

हर बार जब मुस्लिम समाज के अन्दर से सुधार की मांग उठती है तो शरिया का हवाला देकर इसे दबाने की कोशिश की जाती है. इस मामले में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जैसे संगठन किसी संवाद और बहस के लिए भी तैयार नहीं होते हैं. इसलिए सबसे पहले तो जरूरी है कि तीन तलाक और अन्य कुरीतियों को लेकर समाज में स्वस्थ्य और खुली बहस चले और अन्दर से उठाये गये सवालों को दबाया ना जाए . इसी तरह से अगर समाज की महिलायें पूछ रही हैं कि चार शादी  शादी के तरीकों, बेटियों को  जायदाद में उनका वाजिब हिस्सा देने जैसे मामलों में कुरआन और शरियत का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है, तो इन सवालों को सुना जाना चाहिए और अपने अंदर से ही इसका हल निकालने की कोशिश की जानी चाहिय.   

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जैसे संगटनों को संघ परिवार की राजनीति भी समझनी चाहिए जो चाहते ही है कि आप इसी तरह प्रतिक्रिया दें ताकी माहौल बनाया जा सके .इसलिए बोर्ड को चाहिए की वे आक्रोश दिखाने के बजाये सुधारों के बारे में गंभीरता से सोचे और ऐसा कोई मौका ना दे जिससे संघ परिवार अपनी राजनीति में कामयाब हो सके. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को  दूसरे मुस्लिम देशों में हुए सुधारों का अध्ययन करने की भी जरूरत है .


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जावेद अनीस 
Contact-9424401459
javed4media@gmail.com

सन्दर्भ : जिन्दगी में नया करने की ठाने

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एक अच्छा, सफल एवं सार्थक जीवन के लिये जरूरी है अच्छी आदतें। अच्छी आदतों वालों व्यक्ति सहज ही अच्छे चरित्र वाला व्यक्ति बन जाता है। बुरी आदतों वाला व्यक्ति खुद-ब-खुद बुरे चरित्र का व्यक्ति बन जाता है। अच्छे और बुरे का मापदण्ड यह है कि जो परिणाम में अच्छा या बुरा हो, वही चीज, विचार या व्यक्ति अच्छा या बुरा होते हैं। मेरे या आपके अथवा किसी के भी द्वारा किसी भी चीज, विचार या व्यक्ति को अच्छा या बुरा कहने पर वह अच्छा या बुरा नहीं होता। क्योंकि सबका अपना-अपना नजरिया होता है। इसलिये यजुर्वेद में की गयी अच्छे होने की यह कामना हर व्यक्ति  के लिए काम्य है जिसमें  कहा गया है कि ‘‘देवजन मुझे पवित्र करें, मन से सुसंगत बुद्धि मुझे पवित्र करें, विश्व के सभी प्राणी मुझे पवित्र करें, अग्नि मुझे पवित्र करे।’’हर व्यक्ति अच्छा ही बनना चाहता है, फिर क्या कारण है कि दुनिया में बुराइयां पनप रही है। व्यक्ति हिंसक एवं क्रूर होता जा रहा है। भ्रष्टाचार एवं कालाबाजारी बढ़ती जा रही है। कुरुक्षेत्र के मैदान में हम कौरवों और पाण्डवों के बीच हुए युद्ध का हाल महाभारत में पढ़ते हैं। उसे पढ़कर हमारा मन रोमांचित हो उठता है, किन्तु क्या हम कभी यह भी अनुभव करते हैं कि असली कुरुक्षेत्र का मैदान हमारे अंतर में विद्यमान है। कुरुक्षेत्र की लड़ाई तो कुछ दिनों में समाप्त हो गई थी, लेकिन हमारे भीतर की लड़ाई सतत चलती है, कभी समाप्त नहीं होती।

मानव के अंदर दो प्रकार की मानसिकताएं काम करती हैं। एक सद् दूसरी असद्। दोनों एक-दूसरे के विपरीत हैं। सद् मानसिकता मनुष्य को सन्मार्ग पर चलने को प्रेरित करती है, असद् मानसिकता  उसे कुमार्ग पर चलने को प्रोत्साहित करती है। सद् सोच कहती है, सच्चाई के रास्ते पर चलो, भले ही तुम्हें कितने ही कष्ट क्यों न उठाने पड़ें। असद् सोच कहती है कि वह रास्ता तो कांटों से भरा है। वैसे रास्ते पर चलने पर तुम्हारे पैर लहूलुहान होंगे। मिलेगा क्या? जरा दूसरे रास्ते पर चल कर देखो, कितनी सफलता मिलती है। जब कभी भले और बुरे के बीच निर्णय करने का अवसर आता है तो आपने देखा होगा कि मन में कितना संघर्ष चलता है। उस तर्क-युद्ध में जो जीत जाता है, आदमी उसी के इशारे पर चल पड़ता है। असल में आदमी अपने भीतर के युद्ध से किसी निर्णय की बजाय द्वंद्व कर स्थिति में ही पहुंचता है। इसी कारण हम बहुत बार अपने द्वारा लिए गए निर्णय, संजोए गए सपने और स्वीकृत प्रतिज्ञा से स्खलित हो जाते हैं, क्योंकि हम औरों जैसा बनना और होना चाहते हैं। हम भूल जाते हैं कि औरों जैसा बनने मंे प्रतिस्पर्धा, संघर्ष, दुःख, अशांति व तनाव के सिवाय कुछ नहीं मिलने वाला है। इसीलिए महापुरुष सिर्फ अपने जैसा बनाना चाहते हैं। हजरत मुहम्मद पैगम्बर की यह शिक्षा सतत स्मृति में रखनी चाहिए- ‘‘अच्छा काम करने की मन में आए तो तुम्हें सोचना चाहिए कि तुम्हारी जिंदगी अगले क्षण समाप्त हो सकती है। अतः काम तुरंत शुरू कर दो। इसके विपरीत अगर बुरे कामों का विचार आए तो सोचो कि मैं अभी वर्षों जीने वाला हूं। बाद में कभी भी उस काम को पूरा कर लूंगा।’’ इसलिये जब यह मनुष्य जीवन मिला है तो चलना तो होगा ही है, लेकिन मानवता का तकाजा है कि वह सही रास्ते पर चले। यह तब संभव हो सकता है, जबकि व्यक्ति अपनी वृत्तियों पर अंकुश रखे और मन की चंचलता के वशीभूत न हो।

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अक्सर देखा गया है कि हम विकास की ऊंचाइयों को छूते-छूते पिछड़ जाते हैं, क्योंकि हमारी सोच अंधविश्वासों, अर्थशून्य परम्पराओं, भ्रान्त धारणाओं और सैद्धान्तिक आग्रहों से बंधी होती है।  जबकि सफलता के शिखर पर आरोहण करने वाले कहीं किसी से बंधकर नहीं चलते, क्योंकि बंधा व्यक्तित्व उधारा, अमौलिक और जूठा जीवन जी सकता है किन्तु अपनी जिन्दगी में कभी क्रांतिकारी एवं मौलिक पथ नहीं अपना सकता जबकि महानता का दूसरा नाम मौलिकता है और जीवन जीने का तरीका भी मौलिक होना चाहिए। जैसाकि ग्रोचो माक्र्स ने कहा कि हर सुबह जब मैं अपनी आंखे खोलता हूं तो अपने आप से कहता हूं कि आज मुझमें स्वयं को खुश या उदास रखने का सामथ्र्य है न कि घटनाओं में। मैं इस बात को चुन सकता हूं कि यह क्या होगी। कल तो जा चुका है, कल अभी आया नहीं है। मेरे पास केवल एक दिन है, आज तथा मैं दिन भर प्रसन्न रहूंगा।’ हमारे चिन्तन का विषय है कि जब हम खुली आंखों से सही-सही देख न पाएं तो समझना चाहिए कि यह अंधेरा बाहर नहीं, हमारे भीतर ही कहीं घुसपैठ किये बैठा है और अध्यात्म जगत के अनुभवी एवं दक्ष लोग अपने भीतर देखने का, प्रकाश में होने की शिक्षा देते हैं, वे ऐसी शिक्षा के द्वारा अंधेरों की उम्र कम करते हैं। इसीलिये महात्मा गांधी ने कहा कि ‘आपको मानवता में विश्वास नहीं खोना चाहिए। मानवता एक सागर की तरह है, यदि सागर की कुछ बूंदे खराब हैं तो पूरा सागर गंदा नहीं हो जाता है।’

जीवन के उतार और चढ़ाव का क्रम चलता रहता है,  हृास और विकास जीवन का अभिन्न अंग है, अंधकार और प्रकाश भी जीवन से ही जुड़ा है। इसीलिये प्रार्थना हमेशा प्रकाश की, विकास की और आरोहण की जाती है।  उतार, हृास और अंधकार स्वभाव नहीं, विभाव हैं। ये प्रतीक हैं हमारी वैयक्तिक दुर्बलताओं के, अपाहिज सपनों और संकल्पों के। निराश, निष्क्रिय, निरुद्देश्य जीवनशैली के। स्वीकृत अर्थशून्य आग्रही सोच के। जीवन मूल्यों के प्रति टूटती निष्ठा के। सकारात्मक चिंतन, कर्म और आचरण के अभावों के। मैरी क्यूरी ने कहा कि ‘हममें से जीवन किसी के लिए भी सरल नहीं है। लेकिन इससे क्या? हम में अडिगता होनी चाहिए तथा इससे भी अधिक अपने में विश्वास होना चाहिए। हमें यह विश्वास होना चाहिए कि हम सभी में कुछ-न-कुछ विशेषता है तथा इसे अवश्य ही प्राप्त किया जाना चाहिए।’  हम जिसकी आकांक्षा करते हैं और जिसे पाने के लिए अंतिम सांस तक भटकते हैं, महापुरुष उन्हें बोझ समझकर छोड़ देते हैं। क्योंकि वे जानते हैं कि अति-महत्वाकांक्षा और अनावश्यक संग्रह की लालसा का अंतिम परिणाम दुःख ही होता है। विलियम फ्रेडरिक हाल्से, जूनियर ने कहा कि इस दुनिया में कोई भी महान व्यक्ति नहीं है, केवल महान चुनौतियां ही हैं, जिनका सामान्य व्यक्ति उठ कर सामना करते हैं।”

हम उस समय बहुत बौने बन जाते हैं जब सुख-दुःख के परिणामों का जिम्मेदार ईश्वर को या अन्य किन्हीं निमित्तों को मान बैठते हैं। स्वयं की सुरक्षा में औरों की दोषी ठहराकर कुछ समय के लिए बचा जा सकता है किन्तु सचाई यह है कि हर प्राणी स्वयं सुख-दुःख का कत्र्ता, भोक्ता और संहर्ता है। तभी तो सफल एवं कीर्तिमान स्थापित करने वाले लोग कर्म-क्षेत्र से भागते नहीं, वे पुरुषार्थ और विवेक के हाथों से कर्म की भाग्यलिपि बदलते हैं। हमारा मन बहुत होशियार है। हम जब औरों के बीच अपनी योग्यता से व्यक्तित्व को नयी पहचान नहीं दे सकते, तब हमारा आहत मन दूसरों की बुराइयों को देख खुश होता है ताकि स्वयं की कुरूपताएं उसे सामान्य-सी नजर आएं। सफल व्यक्ति न अपनी गलती को नजरन्दाज करते हैं और न औरों की गलतियों को प्रोत्साहन देते हैं, क्योंकि चिनगारी भले ही छोटी क्यों न हो, आग बन जला सकती है। जिन लोगों ने नया इतिहास रचा है, उन्होंने मन को नियंत्रित करने पर जोर दिया गया है, क्योंकि जब मन काबू में आ जाता है तो बुद्धि स्वतः ही हमारे वश में हो जाती है। तब भले-बुरे के बीच भटकना नहीं पड़ता। निर्मल बुद्धि की आंखों पर से चश्मा उतर जाता है। उसे अच्छा-ही-अच्छा दिखाई देता है। उसके स्पंदनों का प्रभाव सारे वातावरण पर पड़ता है। जिस प्रकार किसी देवालय के भीतर का वातावरण पावन-पवित्र होता है, उसी प्रकार निर्मल बुद्धि से व्यक्ति के चारों ओर पवित्रता फैल जाती है। हमारे सामने भगवान महावीर तथा गांधीजी के दृष्टांत हैं। उनका स्वयं का जीवन महकता था और उनके चारों ओर महक व्याप्त रहती थी। निर्मल बुद्धि प्रकाश की भांति होती है जिसके पास अंधकार फटक नहीं पाता। सेसील एम. स्प्रिंगर ने कहा कि ‘सबसे बड़ी बात है कि स्वयं को चुनौती दें। आप स्वयं पर हैरान होंगे कि आप में इतना बल या सामर्थ्य है, तथा आप इतना कुछ कर सकते हैं।’

मनुष्य के भीतर जो अमृत-घट विद्यमान है, वही आनंद का स्रोत है और वही सफलता की सीढ़ी भी है। वहीं से सच्ची आवाज आती है, उस आवाज को सुनना चाहिए। उस पर से मेल का आवरण हटा कि उसका मुंह अनावृत्त हो जाता है, जिसके फलस्वरूप जीवन दुःख, निराशा एवं अविश्वास से मुक्त होकर सुख, आशा एवं विश्वास से ओतप्रोत हो जाता है और ऐसा ही जीवन नये पद्चिन्ह स्थापित करता है, कीर्तिमान के स्वस्तिक उकेरता है।


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(ललित गर्ग)
ई-253, सरस्वती कंुज अपार्टमेंट
25 आई॰ पी॰ एक्सटेंशन, पटपड़गंज, दिल्ली-92
फोनः 22727486, 9811051133

कामरेड फिदेल कास्त्रों के निधन पर दुख व्यक्त किया

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पटना, 26 नवम्बर। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की बिहार राज्य परिषद ने क्यूबा क्रांति का महान नेता तथा विष्व क्रांतिकारियों के महान प्रेरक कामरेड फिदेल कास्त्रों के निधन पर हार्दिक दुख व्यक्त किया है। आज यहां पार्टी के राज्य कार्यालय से प्रेस को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि फिदेल कास्त्रों ने 1959 में चेग्वेवारा तथा अन्य क्रांतिकारियों के साथ मिलकर क्यूबा क्रांति को संपन्न किया तथा बैटिस्ता शासन को समाप्त करके पहली बार पष्चिमी जगत में क्यूबा में एक समाजवादी राज्य की स्थापना की । फिदेल कास्त्रों ने अमरीकी साम्राज्यवाद के सतत दुष्प्रचारों और हस्तक्षेपों को विफल करते हुए आधुनिक समाजवादी क्यूबा के निर्माण में अपनी ऐतिहासिक भूमिका अदा की। इसकी बदौलत क्यूबा में एक निरक्षरता, भूख एवं रोग मुक्त समाज का निर्माण हो सका। फिदेल कास्त्रों की जान पर खतरे भी आये और अमरीकी साम्राज्यवाद की ओर से लंबे काल तक क्यूबा की आर्थिक नाकेबंदी भी की गई, फिर भी वे समाजवादी क्यूबा के निर्माण एवं प्रगति से नहीं डिगे।कास्त्रों महान माक्र्सवादी चिन्तक और क्रांतिकारी योद्धा थे। वे भारत तथा भारतीय कम्युनिस्ट आंदोलन के सच्चे मित्र थे। उन्होंने निर्गुट आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी और उस आंदोलन को एक नई दिषा दी।उनकी मृत्यु से न सिर्फ क्यूबा को बल्कि संपूर्ण संसार तथा क्रांतिकारी आंदोलन को नुकसान हुआ है। 

मधुबनी : पैक्सो के माध्यम से धान अधिप्राप्ति के लिए बैठक

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मधुबनी, 26 नवम्बर 2016; से मधुबनी जिलें में पैक्सो के माध्यम से धान अधिप्राप्ति प्रारंम्भ कर दी जाएगी। धान साधारण का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1470 एवं धान गे्रड ए का 1510 रूपये प्रति क्ंिवटल निर्धारित किया गया है। इस संबंध में आज समाहरणालय सभा कक्ष में जिला पदाधिकारी, मधुबनी, श्री गिरिवर दयाल सिंह ने सभी अनुमंडल पदाधिकारी, जिला एवं प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी के साथ बैठक की। 

महत्वपूर्ण निदेशः-
डी.सी.ओ. एक व्हा्ट्सएप ग्रुप बनाएॅ जिसमें एस.डी.ओ., सी.ओ., बी.डी.ओ., एस.डी.सी., डी.सी.ओ., डी.एम.एस.एफ.सी. सभी को रखें। डी.सी.ओ. अपने कार्यालय में एक कोषांग गठित करें जो एल.पी.सी. से संबंधित कठिनाइयों को एस.डी.ओ. एवं सी.ओ. की मदद से दूर कराये। सभी बी.सी.ओ. मिलकर 30 नवंम्बर तक जिले में कम से कम बीस हजार किसानों का रजिस्ट्रेशन कराये। 41 पैक्स जिस पर एफ.आई.आर. हुआ था, किंतु जिसने निर्धारित समय-सीमा के अंदर चावल दे दिया था, एस.डी.ओ., एस.डी.पी.ओ. तथा थानाध्यक्ष के साथ बैठक कर एडवांस सी.एम.आर. नहीं लेने के आरोप से मुक्त कर दे। इस बार एक किसान से अधिकतम 150 क्ंिवटल तथा बटाईदार से अधिकतम 50 क्ंिवटल धान की अधिप्राप्ति की जाएगी। एक दिसंबर को ही जिले में कम से कम 5000 मिट्रीक टन धान की अधिप्राप्ति होनी चाहिए। सोमवार को बी.सी.ओ. सभी पैक्स अध्यक्ष के साथ बुधवार को एस.डी.ओ. सभी पैक्स अध्यक्ष के साथ बैठक कर अधिप्राप्ति पूर्व सारी तैयारी सुनिश्चित कर लें।

संविधान दिवस पर शिक्षण सस्थाओ में संविधान के बारे में दी है बच्चो को जानकारी

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महाराजपुर [छतरपुर ]-26 नवम्बर 2016 -स्थानीय शासकीय नेहरू उ ० उ वि ० महाराजपुर में भारत के संविधान दिवस पर सामाजिक समरसता जन जाग्रति अभियान का आयोजन स्कूल प्रांगण में प्राचार्य श्री राजेन्द्र प्रसाद चौरसिया की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।  इस आयोजन के मुख्य अतिथि सामाजिक कार्यकर्ता संपादक श्री संतोष गंगेले नौगांव रहे , इस आयोजन का संचालन शिक्षक श्री देवेंद्र मिश्र ने किया। इस अवसर पर संस्था की अनेक बेटियो और भैया बहनो ने अपने अपने विचार रखे , कन्या पूजन के बाद बच्चो को सम्मानीय किया गया।  संस्था के छात्र /छात्राओ को संबोधित करते हुए श्री संतोष गंगेले ने भारतीय संविधान पर प्रकाश डालते हुए कहा की आज के युवा अपनी भारतीय संस्कृति और संस्कारो को भूल रहे रहे।  देश आजाद होने के भारत को अपने संबिधान के अनुसार कानून के तहत देश चलाने के लिए नया संविधान की आवश्यकता थी जिसका कार्य 26 नवम्बर 1949 को पूरा किया गया तथा संविधान को 26 जनवरी 1950 को देश में लागू किया गया।  हमारे इतिहास के अनुसार संविधान में जो स्थान दिया उसका विवरण इस प्रकारहमको मिलता है। 
महाराजपुर प्राथमिक पाठशाला में श्री शेख हुसैन ,श्रीमती साधना चौरसिया जी का सम्मान कर बच्चो को शिक्षा के महत्व को बताया।  इसके बाद मनकारी हाई स्कूल में डॉ आर पी शुक्ल श्री कृपाल सिंह परिहार श्रीमती मीनू चौरसिया सहित संस्था के बच्चो के बीच स्वच्छ भारत और बेटी बचाओ -बेटी पढ़ाओ अभियान पर विस्तार से विचार रखे।  माध्यमिक शाला ढिगपुरा के संस्था प्रमुख्य श्री के डी अहिरवार  व संस्था की कन्याओ का सम्मान कर विचारो के आदान प्रदान किया गया।  शासकीय हैं स्कूल उर्दमऊ में श्री सलीम बेग ,श्री संतोष तिवारी सहित संस्था के सभी शिक्षको के बीच  भारतीय संविधान दिवस के बारे में बताया की 26 नवम्बर 1949 को पूरा किया गया तथा संविधान को 26 जनवरी 1950 को देश में लागू किया गया साथ  ही जीवन जीने की मूल मन्त्र दिया गए. 

सड़क सुरक्षा की दिशा में होण्डा की पहल

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सड़क सुरक्षा की दिशा कदम बढ़ाते हुए होण्डा मोटरसाइकल एण्ड स्कूटर इण्डिया प्रा.लि. ने इण्डिया इंटरनेशनल टेªड फेयर  में 4000 से अधिक लोगों को सड़क सुरक्षा पर प्रशिक्षण दिया। होण्डा 2 व्हीलर्स ने दिल्ली यातायात पुलिस के सहयोग से नागरिकों को सड़क सुरक्षा के महत्व पर शिक्षित किया। भारत में अपनी शुरूआत से ही होण्डा ‘सड़क सुरक्षा प्रोग्राम’ के माध्यम से लोगों को सुरक्षित राइडिंग के लिए प्रोत्साहित कर रही है। कम्पनी ने अपने पैविलियन में सभी आयुवर्गों के आगंतुकों के लिए विभिन्न सड़क सुरक्षा गतिविधियों का आयोजन किया। होण्डा के सेफ्टी इंस्ट्रक्टर्स ने सफलतापूर्वक 1500 से अधिक व्यस्कों एवं 2500 से अधिक बच्चों को प्रशिक्षित किया। 

5-6 वर्ष के बच्चों को प्राथमिक गतिविधियों जैसे रोल प्ले, इन्टरैक्टिव रोड सेफ्टी डिजिटल गेम्स के माध्यम से सड़क सुरक्षा पर शिक्षित किया गया। इसे बच्चों के लिए यादगार बनाने के लिए विशेष चित्रकला प्रतियोगिता भी आयोजित की गई और विजेताओं को आकर्षक पुरस्कार जीतने का मौका मिला। पैविलियन में फैमिली फोटो बूथ और विशेष डिजिटल सेल्फी ज़ोन भी थे।  9-12 वर्ष के बच्चों को नियन्त्रित वातावरण में सुरक्षित राइडिंग का महत्व समझाने के लिए पैविलियन में होण्डा सीआरएफ 50 टेªनिंग मोटरसाइकलें भी पेश की गईं। होण्डा ने व्यस्क आगंतुकों के लिए भी कई तरह के सड़क सुरक्षा खेलों का आयोजन किया।  राइडिंग ट्रेनरों ने (जो होण्डा के एक्सक्लुज़िव आॅथोराइज़्ड डीलरशिप्स पर भी मौजूद होते हैं) 16 साल से अधिक उम्र के राइडरों को सड़क के 100 सम्भावी खतरों के बारे में शिक्षित किया। इस तरह के वर्चुअल अनुभव सड़क पर यातायात सम्बन्धी खतरों के बारे में लोगों को सतर्क बनाते हैं, उन्हें सम्भावी खतरों एवं समाधानों के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। 

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 27 नवम्बर)

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मुख्यमंत्री श्री चैहान द्वारा नमामि देवि नर्मदे कार्यक्रम से आमजन के जुडने का आव्हान
  • फसल बीमा योजना में सीहोर जिले के किसानों को 400 करोड रूपये की राषि मिलेगी
  • सीहोर जिले के ग्राम नारायणपुर में लोक कल्याण षिविर सम्पन्न 

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सीहोर, 27 नबम्बर,16, मुख्यमंत्री श्री षिवराज सिंह चैहान ने आज बुधनी तहसील के ग्राम नारायणपुर मे आयोजित लोक कल्याण षिविर में आम जनता का आव्हान किया कि आगामी 11 दिसम्बर से आरंभ हो रही नमामि देवि-नर्मदे सेवा यात्रा में पूर्ण उत्साह से भाग लें तथा अन्य लोगों को भी इसमे भाग लेने के लिये पे्ररित करें। उन्होने कहा कि यह सेवा या़त्रा एक पवित्र और महत्वाकांक्षी यात्रा से प्रदेष की जनता की भागीदारी सुनिष्चित की जायेगी। मुख्यमंत्री चैहान श्री चैहान ने कहा कि नमामि देवि नमर्दे सेवा यात्रा एक पवित्र एवं महत्वाकांक्षी यात्रा है। यह जनजन का कार्यक्रम है। इस यात्रा में सभी धर्मगुरूओं, संतो, समाज सेवियों, जनप्रतिनिधियों, सांस्कृतिक संस्थाओं के लोगों को जोडा जा रहा है। उन्होने नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए प्रारंभ की जा रही नर्मदा सेवा यात्रा को दुनिया में सबसे बडा एवं नदी संरक्षण का अनूठा आन्दोलन बनाने का आव्हान किया। श्री चैहान ने कहा कि नर्मदा के दोनों ओर सरकारी एवं निजी भूमि पर व्यापक स्तर पर फलदार पौधें लगाए जाएगें। निजी भूमि पर वृक्षारोपण के लिए तीन वर्षो तक राज्य सरकार निर्धारित दर पर मुआवजा देगी। इसके साथ ही नर्मदा के किनारे खेती में जैविक खाद का उपयोग किया जाएगा। श्री चैहान ने कहा कि नर्मदा के किनारे सभी गांवो में शौचालय बनाए जाएगें तथा नर्मदा में मिलने वाले सीवेज को ट्रीटमेंट के बाद छोडा जाएगा। सभी घाटों पर महिलाओं के लिए  चेंजिंग रूम बनाने के साथ ही डस्टबिन भी रखी जाएगी।मुख्यमंत्री श्री चैहान ने कहा कि फसल बीमा योजना के अन्तर्गत सीहोर जिले के करीब 1 लाख पैतालीस हजार किसानो ं को चार सौ करोड रूपये की राषि स्वीकृत की गई है। यह राषि किसानों के बैक खातों में जमा कराई जा रही हेै। उन्होने कहा कि सरकार प्रदेष के बहुमुखी विकास के लिए कृत संकल्पित है। महिलाओं के आर्थिक सामाजिक विकास के लिए स्वसहायता समूह बनाए जाने पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री श्री चैहान ने कहा कि इन समूहांे को बैक लिंकेज उपलब्ध कराया जायेगा
उन्होंने नारायन पुर गाॅव के सभी घरों को खरंजा से जोडने के निर्देष प्रषासनिक अधिकारीयों को दिए। गांवो के 47 आवासहीन परिवारों को घर बनाकर दिये जाने के लिए भी उन्हांेने कहा। इस अवसर पर प्रदेष के लोक निर्माण मंत्री और सीहोर जिले के प्रभारी मंत्री श्री रामपाल सिंह ने कहा कि प्रदेष में हर क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। श्री सिंह ने आष्वासन दिया कि नारायनपुर के विकास में कोई कमी नही रहने दी जायेगी। कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती संध्या मरेठा अध्यक्ष मार्कफेड श्री रमाकंात भार्गव, अध्यक्ष वेयर हाउसिंग कारपोरेषन, श्री गुरूप्रसाद शर्मा, अध्यक्ष वन विकास निगम,  भोपाल सभांग के आयुक्त     श्री अजातशत्रु श्रीवास्तव सहित बडी संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित थे। इसके पूर्व मुख्यमंत्री श्री चैहान ने 16 करोड रूपये से अधिक लागत के विभिन्न कार्यो का षिलान्यास किया इनमें ग्राम पंचायत डोबी में पंचायत भवन निर्माण, प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना के अंतर्गत नारायनपुर से नादनेर, शाहगंज से सरदार नगर सडक निर्माण, बुधनी रेहटी से खांडाबड मार्ग पर पुल निर्माण शामिल हेै। उन्हांेने ग्राम जवाहर खेडा में 33-11 के. वी. के विधुत सब स्टेषन और शाहगंज में अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास का लोकार्पण भी किया । 

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 27 नवम्बर)

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कुम्भकार समाज विकास परिषद का तहसील स्तरीय सम्मेलन समपन्न
  • समाज अशिक्षा को मिटाने ने लिए संकल्प ले--खेमचन्द प्रजापति 

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पारा--- आज रविवार को झाबुआ तहसील की कुम्भकार समाज विकास परिषद के द्वारा तहसील स्तरीय सम्मेलन का आयोजन नगर के शितलामाता मंदिर परिसर पर किया गया। जिसमे कार्यक्रम के मुख्य अतिथी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष खेमचन्द प्रजापति, विशेष अतिथी मुन्ना प्रसाद प्रजापति व कार्यक्रम के अध्यक्ष शेलेन्द्र चोहान तहसील प्रवक्ता कुंभकार समाज सरदारपुर थे। कार्यक्रम मे उपस्थित समाजजनो को संबांधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा की प्रजापति समाज मे आज करिब 29 जातिया हे जोकि अलग अलग 84 पंच पंचायतो मे बटा हे। जिसको की आज संगठीत होने की जरुरत हे। कुंभकार समाज विकस परिषद सभी को एक जाजम पर लाने का प्रयास कर रही हें जिससे की समाज मे किसी भी प्रकार का भेद भाव नही रहे। कुभंकार समाज के पिछडने का मुख्य कारण हे अशिक्षा । इस अशिक्षा को दुर करने के लिए समाज के लोग अपने बच्चो को मिडिल क्लास तक पढाए उसके बाद अपने बच्चो को विकास परिषद मे देवे परिषद अपने खर्चे से बच्चो को उच्च शिक्षा दिलवायगी व बाद बच्चो की नोकरी लगवाकर उनका विवाह भी निःशुल्क करेगी। इसके लिए परिषद ने सात स्कुलो के लिए मान्यता ली हे जो की शिध्र ही बांग व निसरपुर आदी जगहो पर आरंभ होगी। बढे बच्चो के लिए होस्टल भी शिघ्र ही बनवाया जावेगा। साथ ही अगले सत्र से परिषद द्वारा एक बैंक खेाला जायेगा जिसमे समाज कि विधवा निराश्रीत बेन बेटीयो को ण्क लाख तक को लोन देकर उनको रोजगार दिया जावेगा जो कि पांच वर्षेा मे देय होगा वह भी नब्बे हजार शेष रकम परिषद देवेगी। अगले वर्ष परिषद द्वारा सामुहिक विवाह का आयोजन बडवानी मे किया जावेगा जिसमे एक सो जोडो के विवाह का लक्ष्य रखा गया हे। साथ ही सरकार की जन कल्याण कारी योजनाओ का लाभ भी समाज को दिलवाया जावेगा। इसके लिए सभी समाज जन अशिक्षा को दुर करने का संकल्प ले। इससे पुूर्व कार्यक्रम के अध्यक्ष शेलेन्द्र चोहान व मुन्नाप्रसाद प्रजापति,महेन्द्र प्रजापति,मोहनलाल प्रजापति व समाज के उधोगपति सीए ओमप्रकाश प्रजापत ने भी अपने उदबोधन मे समाज मे शिक्षा के अंधकार को दूर कर समाज को पिछडे पन से दुर कर आगे लाने के समाज के प्रत्येक आदमी को शिक्षित होने पर जोर दिया। इससे पुर्व अतिथयो ने शितलामाता के मंदिर मे पुष्पमाल माता को अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया पश्चात अतिथियो का स्वागत समाज जनो व पदाधिकारीयो ने किया वही समाज के वरिष्ठ जनो का स्वागत राष्ट्रीय अध्यक्ष व अतिथियो द्वारा किया गया। व समाज मे वरिष्ठो द्वारा किए गए उल्लेखनिय कार्यो की प्रसंसा की गई व आगे भी मार्ग दर्शन देने के लिए आग्रह किया। इस अवसर पर  झाबुआ तहसील के अध्यक्ष रामचन्द्र नाथुलाल प्रजापति पारा,उपाध्यक्ष महेश कस्तुरचन्द प्रजापति झाबुआ, सचिव कन्हेयालाल मांगीलाल प्रजापति झाबुआ,कोषाध्यक्ष परमानन्द गोपाल प्रजापत पारा,संगठन मंत्री प्रेमचन्द रामाजी प्रजापति पारा, ग्रामीण स्तर की कार्यकारीणी के अध्यक्ष कन्हेयालाल पुनमचन्द प्रजापति ,उपाध्यक्ष मुलचंद गणपतलाल प्रजापति,सचिव राजमल रामाजी प्रजापति,कोषाध्यक्ष रमणलाल गंगाराम प्रजापति, संगठन मंत्री गंेदालाल नारायणजी प्रजापति । नाथुलाला प्रजापति गोपाल प्रजापति बगदीराम प्रजापति पुनमचंद प्रजापति सहीत कल्याणपुरा, कालीदेवी, उमरकोट, बरमण्डल, राजगढ ,भानगड, जोलना कंवलखेडा व झाबुआ सहीत आसपास के बडी संख्या मे समाज के महिला पुरुष उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन रामचंद प्रजापत ने किया व आभार कन्हेयालाल प्रजापत ने माना।

ग्रीन पार्क कालोनी में विधायक एवं नपा अध्यक्ष ने किया जनसंपर्क
  • नागरिकों की मांग पर तत्काल मुर्हया की कचारा वाहन गाडी
  • प्रकाष एवं अन्य मौलिक सुविधाओं को दिये जाने का दिलाया भरोसा 

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झाबुआ । स्थानीय हरिभाई की बावडी स्थित नैचरल ग्रीन पार्क कालोनी,  के रहवासियों द्वारा कालोनी में सफाई को लेकर कचरा वाहन की मांग  विधायक षांतिलाल बिलवाल एवं नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया से की जाती रही है । कालोनीवासियों की मांग को देखते हुए रविवार को  विधायक षांतिलाल बिलवाल, नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया, भाजपा प्रदेष कार्यसमिति के सदस्य षैलेश दुबे ने नागरिकों की मांगों को गंभीरता से लेते हुए कालोनीवासियों की समस्याओं को लेकर गी्रन पार्क कालोनी का जनसंपर्क किया । इस अवसर पर कालोनीवासियों ने अतिथियों के स्वागत के लिये  छोटा सा कार्यक्रम आयोजित करके  विधायक श्री बिलवाल, नपा अघ्यक्ष धनसिंह बारिया एवं प्रदेष कार्यसमिति के सदस्य षैलेश दुबे को ज्ञापन सौप कर कालोनी की समस्याओं के साथ ही स्वच्छ भारत अभियान के तहत गी्रनमार्क कालोनी में प्रतिदिन नियमत रूप  से कचरा वाहन भेजने की मांग की। इस अवसर पर कालोनी के अनील नायक ने कार्यक्रम का संचालन करते हु अतिथियों का स्वागत किया और कालोनी की विभिन्न समस्याओं मुख्य रूप् से कचरावाहन भेजने के लिये अनुरोध किया । इस अवसर पर प्रदेष कार्यसमिति के सदस्य षैलेश दुबे ने नगपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया एवं विधायक षांतिलाल बिलवाल के प्रयासों से नगर की जीवन दाहिनी नल जल योजना की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि 47 करोड की लागकी इस योजना का कार्य प्रारंभ हो जावेगा तथा आगामी दो वर्श में न सिर्फ नगर वरन आसपास के ग्रामों को भी भरपूर पेयजल सुविधा मिलेा और इस योजना से अगामी 100 बरसों तक आधुनिक तरिके से जिरो बेक्टिरिया जल का प्रदाय हो सके ऐसी व्यवस्था की गई है । श्री दुबे ने विधायक द्वारा अंचल के सतत विकास ा जिक्र करते हुए अभी तक 6-6 करोड कीलागत के 12 से अधिक बैराजों के निर्माण, सडकों के निर्माण, हेंडपंपो के खनन कार्य के अलावा 10 करोड की लागत के नगरपालिका अध्यक्ष एवं विधायक के प्रयास से रामकुल नाले से बस स्टेंड तक के लिंक रोड के निर्माण, कल्याणमार्ग पर 60 लाख की लागत के रोड की स्वीकृति आदि की जानकारी देते हुए ग्रीनपार्क कालोनी की सभी समस्याओं को गंभीरता से निराकृत कराने की बात कहीं ।वही उन्होने विधायक एवं नपा अध्यक्ष के प्रयासों ने  बसस्टेंड से कलेक्टारेट तक जोडने वाले वेकल्पिक मार्ग के निर्माण कार्य की शुरूवात का श्रेय देते हुए जिला कलेक्टर द्वारा उक्त रोड के बारे मे निभाई गई सकारात्मक भूमिका के बारे में बताया। नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह ने भी कालोनीवासियों की मांग को प्राथमिकता देते हुए तत्काल फोन करके कचरा वाहन बुलवाकर पूरी कालोनी की नियमित सफाई कराने की व्यवस्था करके इस मांग को तत्काल पूरा करने से कालोनीवासियों ने हर्श व्यक्त किया । विधायक षांतिलाल बिलवाल ने संबोधित करते हुए नगरपालिका अध्यक्ष को पूरे मार्ग पर प्रकाष व्यवस्था करने तथा कालेज से लेकर कालोनी तक स्ट्रीट लाईट लगाने के लिये प्रस्ताव तैयार कर क्रियान्वित कराने की बात कहीं । उन्होने पीएम श्री मोदी के स्वछता अभियान के तहत कालोनी की नियमित साफ सफाई कराने के लिये नगरपालिका की भूमिका की प्रसंषा की । इस अवसर पर कालोनी के अनील नायक हेमेंन्द्र पाठक, रामनारायण चैरसिंया, अजय जैन, नगर भाजपा महामंत्री राजाठाकुर, नगर मंडल अध्यक्ष बबलू सकलेचा,इरषाद कुर्रेषी,छितूसिंह मेडा, संगीता पलासिया, पियूश सोनी, सहित बडी संख्या में कालोनी वासी एवं पार्टी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे । आभार षैलेन्द्र पंवार ने व्यक्त किया । इस अवसर पर कचरा वाहन को भी कालोनीवासियों की उपस्थिति में रवाना किया गया ।

स्पेषल टाक्स फोर्स के सफाई कर्मियों के साथ किया समरसता भोज
  • विधायक एवं नपा अध्यक्ष ने श्रेश्ठ काम करने वारले सफाई कर्मियों को पुरस्कृत करने की घोशणा की ।

झाबुआ । नगरपालिका में कार्यरत सफाई कर्मियों ने कभी सपने मे भी नही सोचा होगा कि स्वयं विधायक षांतिलाल बिलवाल , नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया एवं भाजपा प्रदेष कार्यसमिति के सदस्य षैलेश दुबे उनके साथ सामाजिक समरता का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए संग में भोजन करेगें वही भी एक होटल में एक साथ बैठ कर । नगरपालिका  ने स्वच्छता अभियान के तहत 30 सफाईकर्मियों की एक विषेश टास्क फोर्स गठित की है जो  नगर में स्वच्छता के काम को एकजूट होकर टीम भावना के साथ ईमानारी से निर्वाह करती है । नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया ने बताया कि दीपावली के अवसर पर 18 अक्तुबर से 20 युवा सफाईकर्मीयों एवं 20 महिला सफाई कर्मियों की 30 व्यक्तियों की एक स्पेष्यल टाक्स फोर्स नगर में हर जगह स्वच्छता एवं साफ सफाई के कार्य को प्राथमिकता से करने के लिये कठित की गई थी । रमेष कटारा दरोगा के नेतृत्व में इस टास्क फोर्स के सदस्यों ने अभी तक नगर में जहां तालाब की सफाई जैसे महत्वपूर्ण कार्य के साथ ही बडे एवं छोटे तालाब से जलकुंभी निकालने जैसे काम को बखुबी निभाया वही नगर के हर वार्ड की बरसों से चाॅक हुई नालियो को भी कडी मेहनत एवं परिश्रम करके साफ किया वही बडे नाले की सफाई जैसे कार्य को भी बखुबी निभाया । रविवार को दादाजी होटल में इन सभी टास्क फोर्स के सफाईकर्मियों के लिये विधायक षांतिलाल बिलवाल, नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया, प्रदेष भाजपा कार्यसमिति के सदस्य षैलेश दुबे, ईरषाद कुर्रेषी नगरमंडल अध्यक्ष बबलू सकलेचा, पूर्व उपाध्यक्ष विजय चैहान, दीप्तिन मकवाना, संजय डाबी, छितूसिंह मेडा, गा्रमीण मंडल अध्यक्ष हरू भूरिया,  कौषलराज सोनी, सईदुल्ला खान पार्शद आदि की उपस्थिति में समरसता भोज के अवसर पर सभी टास्क फोर्स के कर्मचारी अविभूत दिखाई दिये । इस अवसर पर षैलेश दुबे ने बताया कि नगर की स्वच्छता बनाये रख्ने एवं संुदर व स्वच्छ नगर के सपने को साकार करने में इन लोगों की अहम भूमिका रही है। इस आयोजन से निष्चित रूप  से  इन लोगों का आत्म विष्वास बढेगा और ये अपने कार्य को समर्पित भाव से करके नगर की स्वच्छता एवं सुंदरता बनाये रखने में अपनी अहम भूमिका निभायेें । इस अवसर पर नगरपालिका अध्यक्ष ने भी घोशणा की कि इन लोगों की सभी मलभूत जरूरतों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जावेगा तथा अच्छा कार्य करने के कारण ऐसे लोगों को नगरपालिका की ओर से परस्कृत भी किया जावेगा । दरोगा राकेष कटारा ने टाक्स फोर्स के सभी कर्मचारियों का विधायक, एवं नपा अध्यक्ष को परिचय दिया । समरता भोज के बाद आभार प्रदर्षन राकेष कटारा ने करते हुए इसे एक अनुठी परंपरा का सूत्रपात होना बताया ।

26 नवंबर को स्वंयसेवी संगठनों/युवाओं/जन प्रतिनिधियों का सम्मेलन सम्पन्न
  • सामाजिक सद्भाव एवं संगठित नेतृत्व से विकास कार्य किए जा सकते है - प्रदीप पाण्डें प्रदेश उपाध्यक्ष जन अभियान परिषद्
  • सभी छात्र एवं प्रस्फुटन समिति सदस्य लक्ष्य निर्धारित कार्य करे - मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत झाबुआ

झाबुआ । समाज में कई लोग है जो कि अपने - अपने क्षैत्र में मन में सेवा भाव रखकर तेरा तुझको अर्पण की तर्ज पर सामाजिक कार्य कर रहे है। ऐसे कई लोग है जिन्हें सिर्फ समाज के हित कार्यो का जूनून है और वे चाहते है कि इस मातृभूमि का कर्ज इसकी सेवा करके ही उतारा जाए और सच्ची सेवा यही है की समाज में फेली कुरूतियो, अव्यवस्थाओं को सामाजिक सद्भाव एवं संगठित नेतृत्व से कार्य कर दूर करते हुए विकास को गति प्रदान करें। यह बात म.प्र.जन अभियान परिषद् द्वारा आयोजित स्वयंसेवी संगठनों/युवाओं एवं जन प्रतिनिधियों के एक दिवसीय जिला सम्मेलन में परिषद् के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रदीप पाण्डें ने कही। सम्मेलन के शुभारंभ सत्र में विधायक पेटलावद सुश्री निर्मला भूरिया, अनुराग चैधरी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत , तारिणी जौहरी जिला योजना अधिकारी, पर्वत मकवाना काली कल्याणी धाम धार्मिक न्यास ट्रस्ट की उपस्थिति में हुआ । जिसमें सर्वप्रथम माँ भारती के समक्ष द्विप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इसके बाद परिषद् के जिला समन्वयक विरेन्द्रसिंह ठाकुर द्वारा वार्षिक प्रतिवेदन एवं कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। शुभारंभ सत्र में जिला योजना अधिकारी ने शासकीय योजनाओं में छात्रों और समिति सदस्यों की सहभागिता पर प्रशंसा की। वही जिला पंचायत सीईओं ने कहा कि सभी लोग ग्राम में अच्छा कार्य कर रहे है। परन्तु आप एक लक्ष्य निर्धारित कर कार्य करे और उसका स्वंय निर्धारण करे कि कार्य करने के पूर्व स्थिति क्या थी और कार्य करने के बाद हम कितना लक्ष्य प्राप्त कर सके। सभी शासकीय योजनाओं में आपकी सहभागिता हो और भगोरिया पर्व के पहले सभी अपने-अपने ग्राम को खुले में शौच मुक्त करे। वही शिक्षा के क्षैत्र में साक्षर भारत अभियान से जुडकर ग्राम को शिक्षित करें।  इसके बाद उत्कृष्ट कार्य करने वाले छात्र एवं समिति सदस्यों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। सम्मेलन में अलिराजपुर जिला समन्वयक प्रेमसिंह चैहान द्वारा नमामी देवी नर्मदे  सेवा यात्रा एवं स्वैच्छिक संगठनों के प्रबंधन पर जानकारी दी वही यह भी बताया कि 325 लोगो द्वारा झाबुआ में नर्मदा सेवा यात्रा में प्रतिभागी पंजीयन कराया गया है। सम्मेलन में पर्यावरण एवं स्वच्छता पर छात्रों द्वारा नाट्य प्रस्तुति भी दी गई। कार्यक्रम के समापन अवसर पर विधायक थांदला कलसिंह भाबर , भाजपा जिला उपाध्यक्ष दौलत भावसार , जिला परियोजना समन्वयक साक्षर भारत अभियान जगदीश सिसौदिया, जिला समन्वयक अलिराजपुर प्रेमसिंह चैहान उपस्थित रहे। वही परिषद् के ब्लाक समन्वयक , मेंटर्स, एवं उत्कृष्ट कार्य करने वाले छात्रों , समिति सदस्यो , कार्यालयीन स्टाॅफ को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।

आज कांग्रेसजन जनाक्रोश मोर्चा निकालकर राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को सौपेंगे ज्ञापन

झाबुआ । प्रदेश कांग्रेस के निर्देशानुसार नोटबंदी के मामलें में केन्द्र सरकार के कुप्रबंधन के खिलाफ देशभर में कांग्रेस 28 नवंबर को देशभर में जनाक्रोश मोर्चा निकाला जा रहा है। तथा इसी कडी में जिला मुख्यालय पर कांग्रेसजन एकत्रित होंगे एवं एक वृहद जनाक्रोश रैली के रूप में स्थायीय बाबेल चैराहा, आजाद चैक, नेहरू मार्ग, राजवाड़ा, लक्ष्मीबाई मार्ग, रूनवाल बाजार से बस स्टैण्ड  होते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंचेंगी। तथा वहां महामहीम राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सोंपा जाएगा। इस बीच राजवाड़े एवं बस स्टैण्ड पर नुक्कड़ सभा का आयोजन भी किया जाएगा। उपरोक्त  जानकारी देते हुए जिला कांग्रेस कार्यवाहक अध्यक्ष सुश्री कलावती भूरिया, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष हेमचंद्र डामोर, शहर कांग्रेस अध्यक्ष बंटु अग्निहोत्री एवं प्रवक्ता हर्ष भटट ने जानकारी देते हुए बताया कि कांग्रेस पार्टी जाली नोटों एवं कालेधन को उजागर किए जाने के पक्ष में है। कांग्रेस पार्टी केन्द्र सरकार द्वारा लिए गए नोटबंदी का विरोध नहीं कर रही है, परंतु यह निर्णय जिस प्रकार की जल्दबाजी में एवं अव्यावहारिक तरीके से लिया गया है, कांग्रेस पार्टी उस नोटबंदी के तरीके का विरोध करने के लिए जनाक्रोश मोर्चा निकाल कर अपना विरोध प्रकट करेगी। जिला कांग्रेस,अघ्यक्ष निर्मल मेहता सेवा दल संगठक राजेष भटृ, लोकसभा युवा कांग्रेस अध्यक्ष आषीश भूरिया,एनएसयूआई जिलाध्यक्ष विनय भाबोर, महिला प्रदेष सचिव सायरा बानो महिला ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष कालु डोडियार, पूव विधायक जेवियर मेडा, प्रवक्ता आचार्य नाम देव, जिला महामंत्री वीरेन्द्र मोदी, जितेन्द्र अग्निहोत्री, मनीश व्यास, अलीमुद्दीन सैयद,विजय पाण्डे, राजेन्द्र अग्निहौत्री सहित ब्लॉक कांग्रेस, शहर कांग्रेस एवं विभिन्‍न मोर्चा संगठन के पदाधिकारियों ने इस विशाल जनाक्रोश में शामिल होने के लिए नगर एवं गा्रमीण क्षेत्रांे के नागरिकों, व्यापारियों एवं कांग्रेसियों से इस मोर्चे में शामिल होकर मोर्चे को सफल बनाने का आव्हाकन किया है। जिला प्रवक्ता भट्ट ने यह जानकारी दी है कि भारत बंद का आव्हान कांग्रेस ने नही किया है जबकि भाजपा के लोग मनगड़त तरीके से भ्रम फैलाने का कुत्सित प्रयास कर रहे है जिसे जनता भली भांति समझती है। कांग्रेस नोटबंदी के कारण हो रही जन समस्याओं की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने हेतु यह मोर्चा निकाल रही है। उन्होने जिले भर के नागरिकों से केन्द्र सरकार के इस निर्णय के विरोध में जनाक्रोष रैली मे सहभागी होने की अपील की है ।

पत्रकार संघ कार्यालय का लोकार्पण

झाबुआ । जिले के मेघनगर मंे जनसहयोग से निर्मित 5 लाख की लागत से बने पत्रकार भवन का आज लोकार्पण कार्यक्रम होगा । आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि प्रभारी मंत्री एवं राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार सहकारिता , भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुर्नवास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री विष्वास सांरग होंगे । उक्त आयोजन में जिले के वरिष्ठ समाजसेवी सुरेषचंन्द्र जैन , भाजपा जिला अध्यक्ष दौलत भावसार, क्षैत्रीय विधायक कलसिंह भाभर, नगर परिषद् अध्यक्ष श्रीमती ज्योति नटवर बामनिया , उपाध्यक्ष आसमा मेहबुब शेख , मंडल अध्यक्ष मुकेष मेहता विषिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेगें । पत्रकार संघ के अध्यक्ष मोहन संघवी ने बताया की जनसहयोग से निर्मित पत्रकार भवन में पत्रकार साथी अपने समाचार संपादन के साथ ही आम लोगों की समस्याओं को सुनेगें और उन्हें शासन-प्रषासन के सामने रख कर उनके समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगें । आयोजन में पूरे जिले के पत्रकारों को आंमत्रित किया गया है । ये भी रहेगें उपस्थित: कार्यक्रम में जिला पत्रकार संघ के जिलाध्यक्ष संजय भटेवरा, जिला श्रमजीवि पत्रकार संघ के अध्यक्ष कमलेष बंम, जिला प्रेस क्लब के अध्यक्ष मनोज मेहता , पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष शैलेष दुबे, झाबुआ नगर पालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया , झाबुआ विधायक शांतिलाल बिलवाल , सहित जिले एवं अंचल के कई वरिष्ठ पत्रकार कार्यक्रम में विषेष रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज करायेगें ।

यातायात सड़क सुरक्षा सप्ताह मे लगाए पोस्टर व बैनर  

झाबुआ।  यातायात सडक सुरक्षा सप्ताह दिनांक 21.11.2016 से 27.11.2016 के तहत दिनांक 26.11.2016 को यातायात पुलिस विभाग झाबुआ द्वारा शहर के मुख्य स्थानों व चैराहों परर यातायात नियमों का पालन करने संबंधी पोस्टर व बैनर्स लगाये ताकि यातायात के नियमों के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा हो।

बुरी नियत से हाथ पकडा

झाबुआ । फरि0 स्कूल से अपने घर जा रही थीए तब आरोपी सुनील मावीए नि0 बड़ी हिडी ने फरि0 को में तुझे अपनी औरत बनाउंगा कहकर बुरी नीयत से हाथ पकडा। प्रकरण में थाना कालीदेवी में अपराध क्रं0 239/16 धारा 354 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

नदी मे रखी सिंचाई की मोटर चोरी 

झाबुआ । फरि0 जवरसिंह पिता कालु वसुनिया नि0 पत्थरपाडा ने खेत में पानी घुमाने के लिए लाडली नदी के किनारे पानी की मोटर रखी थी, कोई अज्ञात आरोपी चुराकर ले गया। प्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्रं0 432/16 धारा 379 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

जुआ खेलते हुए आरोपी रंगे हाथों गिरफ्तार

झाबुआ । आरोपी जोसफ पिता रामसिंह सिंगाड, नि0 आंबाकुआ को हार जीत का सटटा लिखते रानापुर पुलिस ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरोपी के कब्जे से सटटा अंक पर्ची, लीड पेन व नगदी 300/-रू जप्त कर उसे गिर. किया गया। प्रकरण में थाना रानापुर में अपराध क्रं0 427/16 धारा 4-क जुआ एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

बिहार बंद की तैयारी पूरी, बंद में शामिल होंगे माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य

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  • गांधी मैदान से निकलेगा बंद का मुख्य जुलूस., बैंक व आवश्यक सेवाओं को रखा गया है बंद से मुक्त

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पटना 27 नवम्बर 2016, नोटबंदी के खिलाफ राष्ट्रव्यापी प्रतिवाद के तहत आहूत 28 नवंबर के बिहार बंद की तैयारी पूरी कर ली गयी है.बंद से बैंक और अन्य आवश्यक सेवाओं को मुक्त रखा गया है. माले पोलित ब्यूरो सदस्य काॅ. धीरेन्द्र झा ने कहा कि राजधानी पटना सहित राज्य के अन्य जिला केंद्रों, चट्टी-बाजारों, खेत-खलिहानों, कारखानों, विद्यालयों में बंद के समर्थन में प्रचार, नुक्कड़ सभायें आयोजित की गयीं. कल का बंद असरदार होने वाला है और इसे मिहनतकश जनता के हर हिस्से का समर्थन मिलने वाला है. उधर, राजधानी पटना में आज भी बंद के समर्थन में प्रचार जत्था निकला. राजधानी पटना में मुख्य इलाकों के अलावा चितकोहरा, कंकड़बाग और पटना सिटी में भी बंद के प्रचार की गाड़ी निकली हुई है. भोजपुर, अरवल, जहानाबाद, सिवान, गोपालगंज, दरभंगा, भागलपुर, पूर्णिया, मुजफ्फरपुर आदि जिला केंद्रों व चट्टी बाजारों में नोटबंदी के पीछे कारपोरेट घराने को छूट देने की मोदी की असली मंशा को पर्चा, नुक्कड़ सभा, मोटरसाइकल मार्च आदि के जरिए प्रचारित-प्रसारित किया जा रहा है.

भाकपा-माले राज्य कमिटी सदस्य काॅ. कमलेश शर्मा, सीपीआईएम नेता काॅ. शंकर साह, एसयूसीआई (सी) नेता काॅ. राजकुमार, इनौस नेता मनीष कुमार सिंह, आइसा के नेता संतोष आर्या तथा सीपीआई के अनंत शर्मा नेताओं ने आज पटना शहर में कई जगहों पर नुक्कड़ सभाओं को संबोधित किया. गांधी मैदान स्थित कारगिल चैक, स्टेशन गोलंबर, सचिवालय, पटना यूनिवर्सिटी इलाका आदि जगहों पर नुक्कड़ सभायें आयोजित की गयीं. अपने संबोधन में वक्ताओं ने कहा कि नोटबंदी का सबसे बुरा असर मजदूर वर्ग और मिहनतकश समुदाय पर ही पड़ा है. दिहाड़ी मजदूर, खेत मजदूर, किसान, मछलीउत्पादक, मनरेगा मजदूर, कारखाना वर्कर आदि मिहनतकश समुदाय के पास विनिमय का एक मात्र साधन कैश ही था, लेकिन सरकार ने एक झटके में इस तबके को तबाह कर दिया है. वे बेहद कष्ट और अनकही पीड़ा से गुजर रहे हैं. 

वक्ताओं ने आगे कहा कि किसानों की हालत बद से बदतर कर दी है. यह बुआई का समय है, लेकिन किसानों को न तो खाद मिल रहा है और ही बीज. इसका बेहद नकारात्क असर खेती पर पड़ेगा. सहकारी बैंकों द्वारा कैश ट्रांसफर बेहद देरी से उठाया गया कदम है, जबकि किसानों का सबसे जीवंत संबंध इसी बैंक से होता है. इसलिए सरकार को किसानों के सभी कर्जे तत्काल माफ करने चाहिए और पूंजीपतियों का 11 लाख करोड़़ का बकाया उनकी संपत्ति जब्त कर वसूल की जाए. दीघा विधानसभा के विभिन्न इलाकों में माले की केंदीय कमिटी सदस्य शशि यादव, माले के पटना जिला कमिटी के सदस्य मुर्तजा अली व आइसा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य आकाश कश्यप ने चितकोहरा, अनीसाबाद, खगौल, गर्दनीबाग, सचिवालय आदि क्षेत्रों में नुक्कड़ सभाओं को संबोधित किया. बंद के समर्थन में अपने वक्तव्य में शशि यादव ने कहा कि मोदी सरकार के एक फैसले की वजह से आज सारी महिलायें शक के घेरे में आ गयी हैं. उनका धन काला धन साबिज हो गया है, लेकिन असली काले धन वाले चैन की नींद सो रहे हैं. 

पटना सिटी में नसीम अंसारी, नवीन कुमार, अनय मेहता और शंभूनाथ मेहता ने प्रचार की कमान संभाल रखी है. कंकड़बाग माले राज्य कमिटी सदस्य रणविजय कुमार, पन्नालाल सिंह, अशोक कुमार, तारिक अनवर आदि नेताओं ने बिहार बंद के समर्थन में प्रचार अभियान को संगठित किया.

काॅ. दीपंकर बिहार बंद में होंगे शामिल
बिहार बंद में भाकपा-माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य भी शामिल होंगे. वे बंद में शामिल होने के लिए कल सुबह पटना पहुचेंगे. बंद का मुख्य जुलूस 12 बजे गांधी मैदान से निकलेगा बिहार बंद का मुख्य जुलूस 12 बजे गांधी मैदान (पहले जहां गांधी मूर्ति थी) वहां से निकलेगी.  

पटना सिटी में भाजपा समर्थित उपद्रवियों द्वारा बंद के प्रचार वाहन पर हमला बेहद निंदनीय: माले

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  • नोटबंदी के खिलाफ जनता के आक्रोश से बौखला गये हैं भाजपाई.

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पटना 27 नवम्बर 2016, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने बिहार बंद के समर्थन में भाकपा-माले की प्रचार गाड़ी पर भाजपा समर्थित गुडों द्वारा हमले की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के खिलाफ जनता में गहरा आक्रोश दिख रहा है, लोग बंद के समर्थन में आ रहे हैं, इसलिए भाजपाई ताकतें पूरी तरह से बौखला गयी हैं. प्रचार वाहन जब पटना साहिब के कटरा दीदारगंज मुहल्ले से गुजर रहा था, तब भाजपा समर्थक उपद्रवियों ने प्रचार वाहन पर लगे फैस्टून फाड़ दिए और बंद समर्थकों पर हमले की कोशिश की. उन्होंने बिहार की जनता और पार्टी समर्थकों से अपील की है कि भाजपा व संघ गिरोह द्वारा बिहार बंद के मौके पर उपद्रव पैदा करने की कोशिशों से सावधान रहे. ये ताकतें कल के बंद के दौरान उपद्रव मचाकर अफवाह व भय का माहौल पैदा करने की कोशिश कर सकती हैं.

आइजीआइएमएस के नर्सों की सुरक्षा की गारंटी करे प्रशासन: ऐपवा

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पटना 27 नवम्बर 2016, ऐपवा की राज्य सचिव शशि यादव ने कहा है कि यह बेहद शर्मनाक है कि आईजीआइएमएस जैसे संस्थानों में पढ़ने वाली लड़कियां और नर्से सुरक्षित नहीं है. यदि शहर के महत्वपूर्ण शिक्षण संस्थानों का यह हाल है तो दूर दराज के इलाके मे महिलाओं की वास्तविक स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि आइजीआईएमएस में पिछले कई दिनों से आंदोलनरत छात्राओं से ऐपवा की राज्यस्तरीय टीम ने मुलाकात की. इसमें ऐपवा की बिहार राज्य सचिव शशि यादव, पटना नगर अध्यक्ष मधु व समता राय शामिल थीं. उन्होंने कहा है कि नर्सों ने बताया कि उनके साथ अक्सर अभद्रता की जाती है, लेकिन संस्थान इसे दबा देता है. स्थिति बद से बदतर होते जा रही है. ऐपवा ने मांग की है कि लड़कियों व नर्सों की सुरक्षा की तत्काल गारंटी करते हुए सभी दोषी छात्रों को अविलंब गिरफ्तार किया जाए.

बेगुसराय : विश्वास के बंधन में बंधा है डॉक्टर से मरीज़

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dr. A K N  Singh
प्रद्योत कुमार,बेगूसराय। सदर अस्पताल बेगूसराय में पदस्थापित डॉ ए के सिंह ने अपने सुहृदनगर स्थित क्लिनिक में नागदह निवासी और बेगूसराय रंगमंच के सक्रीय अभिनेता एवं गम्भीर फिल्मों के अदाकार आलोक रंजन को एक अस्वाभाविक बीमारी के बारे में बताया और कहा कि यह बहुत ही रेयर बीमारी है।आज से दस दिनों पहले यह बीमार पड़ा और बेगूसराय के अन्य चिकित्सकों से इलाज़रत रहा सुधार नहीं होने पर दो दिन पहले शाम के लगभग 6 बजे पेट दर्द से बेचैनी की स्थिति में डॉ ए के सिंह के नीजि क्लिनिक पर अपने सहयोगी कलाकारों के द्वारा लाया गया,डॉ सिंह ने अपने चिकित्सीय अनुभव के आधार पर रोगी के लक्षण को देखते ही बता दिया कि पेट के आंतरिक हिस्से में रुकावट की वजह से उक्त परेशानी है तत्काल दवा शुरू कर रोगी के पैथोलॉजिक्ल जांच एवं अल्ट्रासाउंड की सलाह देते हुए भर्ती कर लिया और दूसरे दिन जांच रिपोर्ट आने के बाद चौंकाने वाली बात सामने आयी वो ये कि रोगी के पित्त की थैली में मरा हुवा किरमी(Ascaris) पाया गया इस जगह चिकित्सीय भूल रोगी को पेट में स्टोन या मास बता कर सर्जरी कर परेशानी के साथ-साथ लम्बा ख़र्च में डाल देता लेकिन डॉ ए के सिंह के चिकित्सीय अनुभव ने आलोक को बड़े संकट से बचा लिया।डॉ सिंह ने बताया कि,"Ascariasis एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज सही समय पर ना हो तो पित्त की थैली क्रियाविहीन हो जाती है और रोगी पेट की बीमारी से ग्रसित रहता है जिससे मानसिक विकृति भी रहती है,एक और अहम बात उन्होंने बताई कि अगर किरमी मस्तिष्क पर चला जाए तो इसका निदान दुरूह एवं काफी खर्चीला होता है,ऐसी दोनों ही स्थिति लाखों में एक होता है।"इसीलिए कहा गया है कि डॉक्टर भगवान का दूसरा रूप है।

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आॅल इंडिया ट्रेड यूनियन काँग्रस (एटक) की आम सभा स्थानीय मुक्ताकाष मंच नृत्कला मंदिर में सम्पन्न हुआ। सभा की अध्यक्षता बिहार एटक के महासचिव का॰ चक्रधर प्रसाद सिंह ने की। सभा को एटक के राष्ट्रीय सचिव सह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव का॰ अमरजीत कौर ने संबोधित किया। सभा को संबोधित करते हुए अमरजीत कौर ने कहा कि आजादी के बाद मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी नहीं मिलती। आज केन्द्र की सरकार स्थायी कार्य के लिए ठेका एवं अस्थायी कर्मचारी का नियोजन करती है। चाहें, आषाकर्मी, आंगनबाड़ी, कम्प्यूटर आॅपरेटर, रसोइया, कर्मचारी आदि का सवाल हो, समान काम का समान वेतन नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार 74 सार्वजनिक संस्थानों को बेचने का मन बना चुकी है, जो कोड़ियों के भाव में पूंजीपतियों को बेचने पर आमादा है। असंगठित क्षेत्र के मजदूरों में खेत मजदूरों की बड़ी तादाद है। खेत मजदूर धरती से अनाज पैदा कर पूरे दुनिया को खिलाता है। परंतु उसकी स्थिति काफी दयनीय है, उनके बच्चे की पढ़ाई, स्वास्थ्य, आवास एवं जीवन जीने के लिए अलग से कानून बनाने की जरूरत है, हम मांग करते है कि खेत मजदूरों के लिए केन्द्रिय कानून बनें। निर्माण कार्य करने वाले मजदूर, छोट-छोटे दुकानदार, परिवहन कर्मी आदि के लिए कौन सोचेगा? 

उन्होंने आगे कहा कि देष के गरीब जनता के लिए आज सोचने के लिए ही एटक ने बिहार में 27-29 नवम्बर, 2016 तक पटना में राष्ट्रीय  सामान्य परिषद की बैठक रखा है। बैठक में मजदूरों के वेतन, पेंषन एवं उनके अन्य समस्या पर जैसे कारपोरेट घरानों के हित में चल रही है, गरीबों, को यह सच्चाई जानकार इस पूंजीपति एवं कारपोरेट  परस्त सरकार को धक्के देकर सत्ता से बाहर करने की जरूरत है। मजदूर भाईयों नोट काला या सफेद नहीं होता है बल्कि उसे कैसे कमाया जाता है, मेहनत से या टैक्स चोरी करके कमाया गया है, इस पर निर्भर करता है। आज सरकार की नोटबंदी से आम लोग परेषान है, कालेधन पर कोई आंच नहीं आ रही है। मोदी सरकार खिलाफ बोलने वालों की जुबान बंद करती है। जुबान बंद करना देषद्रोह है। उन्होंने आगे कहा कि 1920 में एटक बना और इस संगठन का देष की आजादी के लिए कुर्बानियांे का इतिहास हैं आज जो केन्द्र की सकरार चला रहे है, नरेन्द्र मोदी की पार्टी बी.जे.पी. की मातृ संगठन आर॰एस॰एस॰ ने देष की आजादी में कोई भूमिका नहीं अदा किया। अंग्रेजों की दलाली करते वाले लोग बेषर्मी के साथ देषभक्ति का पाठर पढ़ाते हैं। 
सभा को एटक के राष्ट्रीय महासचिव पूर्व सांसद गुरूदास दास गुप्ता ने संबोधित करते कहा कि खेत मजदूर, निर्माण मजदूर, स्कीम वर्कर्स तथा दूसरे मजदूरों की बड़ी तादाद यहां उपस्थित है, आज देष की अस्मिता, आजादी खतरे में है, आज नोटबंदी के कारण मजदूरी का पैसा नहीं है, जाने आने के लिए पैसा नहीं, चावल दाल, भोजन खरीदने के लिए पैसा नहीं है । हम कालाधन की लड़ाई में साथ है, परंतु कालेधन के नाम पर जनता की तबाही हम बर्दास्त नहीं करेंगे। बी.एम.एस. को छोड़कर देष के मजदूरों के सवाल पर सभी मजदूर संगठन हमारे साथ है। उन्होंने कहा लड़ाई करके जीना होगा, जीने के लिए लड़ाई करना होगा, हिन्दुस्तान में मजदूरों के हक में लड़ने वाले संगठन का नाम एटक है। आषा आंगनबाड़ी, खेत मजदूर, निर्माण मजदूर, आषाकर्मी आदि का यूनियन बनाकर जुल्म के खिलाफ लड़ना होगा। उन्होंने क्यूबा क्रांति के जनक फिदेल कास्त्रों के 90 वर्षों में कल हुए निधन पर कहा कि फिदेल कास्त्रों अमर हैं, क्यूबा की क्रांतिकारी जनता ने फिदेल की आत्मा बसती है। हिन्दुस्तान को बदलने के लिए जितना भी लम्बा लड़ाई हो हमारी एटक लड़ेगी। फिदेल का रास्ता हमारा रास्ता है, क्यूबा का रास्ता हमारा रास्ता है। उन्होंने आगे कहा कि समाजवाद का रास्ता हमारा रास्ता है। उन्होंने अंत में कहा कि लड़ते-लड़ते आगे बढ़ेंगे और लड़कर भारत को बदलेंगे। 
सभा के बाद 5 बजे एटक के राज्य कार्यालय केदार भवन में झंडोत्तोलन कार्यक्रम हुआ। एटक का झंडोत्तोलन एटक के राष्ट्रीय महासचिव पूर्व सांसद कामरेड गुरूदास दास गुप्ता ने किया। इस अवसर पर झंडा गीत गया गया। झंडोत्तोलन के बाद अवर अभियंता संघ भवन में तीन दिवसीय राष्ट्रीय सामान्य परिषद की बैठक प्रारंभ हुआ।  

बेगूसराय : शराबबंदी को मुहँ चिढाता प्रशासनिक कुव्यवस्था

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प्रद्योत कुमार,बेगूसराय।"मद्य निषेध दिवस"की आवाज़ उस दिन भी आती थी सरकारी गलियारों से जिस दिन बिहार के प्रत्येक गाँव-गलियों में दारु की दुकानें नीतीश सरकार ने खोल रखी थीं,उक्त दिवस को सिर्फ "दिवस"के तौर पर  मनाया जाता है ये एक सरकारी कोरम है जिसे पूरा करना परमकर्तव्यनिष्ठ कार्य है लेकिन नीतीश सरकार के पूर्ण शराबबन्दी कानून पारित होने के बाद इस दिवस का मनाया जाना थोड़ा मायने रखता है।बेगूसराय ज़िला में जिला प्रशासन के द्वारा "मद्य निषेद दिवस "मनाया गया जिसमें शराब सेवन से होने वाले स्वास्थ्य एवं समाज पर प्रतिकूल असर के बारे में नसीहत दी गई।ज़िलाधिकारी बेगूसराय ने कहा कि हम शराब मुक्त समाज का निर्माण तभी कर सकते हैं जब प्रशासन और नागरिकों के बीच एक सामंजस्य स्थापित हो सके एवं आरक्षी अधीक्षक बेगूसराय ने कहा कि शराबबंदी से तमाम तरह के अपराध में कमी आई है।बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ये वक्तव्य ज़ारी करते हुए कहा कि जो शराब नहीं छोड़ सकते है वो बिहार छोड़ दें।बड़ा ही हास्यास्पद बयान है क्योंकि पूर्ण शराब बंदी के बावजूद बिहार की शामें रंगीन हुआ करती हैं;हाँ मूल्य थोड़ा ज्यादा लगता अवश्य है।आप अक्सर अखबारों में पढ़ते होंगे कि शराब की बोतलें यहां वहां,जहां तहां पकड़ाया जेल भेज दिया गया,भई ये छिपा हुआ सच तो सबको पता है कि पुलिस की चांदी हो गई है।प्रशासनिक कार्य की स्थिति ये है कि शराब बंदी घोषणा के साथ सारे अधिकारी सक्रिय थे ब्रेथ  एनालाईज़र लेकर घुमा करते थे,जिलाधिकारी रोज़ निर्देश दिया करते थे,लेकन अभी स्थित ढाक के तीन पात जैसी है।एक बात तो मैं अवश्य कहना चाहूंगा कि जब तक नैतिकवान होकर पुलिस या प्रशासन कार्य नहीं करेगी पूर्ण शराबबंदी संभव नहीं हो पायेगा।वातानुकूलित चैम्बर में बैठ कर बयानबाज़ी या निर्देश देने से शराबबंदी नामुमकिन है।

व्यंग्य : कथित कलाकारों का कच्चापन....!!

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कॉलेज के दिनों में एक बार मेरे शहर में दो राजनैतिक दलों के बीच भीषण हिंसक संघर्ष  हो गया। मारामारी में किसी का सिर फूटा तो किसी के पांव टूटे। अनेक लोग गिरफ्तार हुए। कई पुलिस के डर से शहर छोड़ कर भाग निकले। लोगों में कानून का खौफ कायम करने के लिए पुलिस की सहायता के लिए विशेष बल भी बुला लिए गए । उस जमाने में यह बड़ी बात मानी जाती थी। क्योंकि खाकी से ही लोग खौफ खाते थे। तिस पर यदि विशेष बल के जवान कहीं दिख जाएं तो लोग सहम जाते थे। इस बीच मैं यह जानकार हैरान रह गया कि  जिन दो कारोबारी भाईयों को लेकर शहर में फसाद की उत्पत्ति हुई  थी, वे बबाल - बट्टे से कोसों दूर आस - पास बने अपने - अपने मकानों  में चैन की बंसी बजाते देखे जाते थे। सुबह मार्निंग वॉक तो रात में भोजन के बाद आराम से अपने लॉन में वे चहलकदमी करते नजर थे।यानी जिनके लिए समूचा शहर परेशन था वे खुद सुख -चैन से थे। बड़े होने पर अपने शहर के  कुछ ऐसे कारोबारियों को जाना - समझा जो शेर - बकरी को एक घाट पर पानी पिलाने की कला में दक्ष थे। विभिन्न दलों के नेताओं को अक्सर उनके मकान - दुकान में चाय - पान करते देख हैरत होती थी कि बंदे आखिर हैं किस दल के सम र्थक जो अलग - अलग दलों के नेताओं को साध लेते है। हर किसी को यही लगता है कि यह उसकी पा र्टी का सम र्थक है। वहीं समझ बढ़ने पर देश के नामचीन ऐसे कारोबारियों को समझने का मौका मिला जिनके पीछे तमाम विभिन्न राज्यों के राजनेता ऐसे ही पड़े रहते हैं जैसे शहरों में चंदा मांगने वाले नेता। फर्क सिर्फ इतना है कि शहरों में नेता चंदे के लिए कारोबारियों के पीछे भागते हैं । 

वहीं बड़े कारोबारियों के पीछे बड़े राजनेता उनके प्रदेश में निवेश के लिए कि भैया कुछ निवेश हमारे राज्य में भी करो। बड़ी बेरोजगारी है यहां। छोटे हों या बड़े  कारोबारी हर खेमे को साधने में गजब का संतुलन दिखाते हैं।  देश में जब कभी कलाकारों की राष्ट्रीयता को लेकर विवाद छिड़ता है मुझे  अतीत की ऐसी घटनाएं बरबस ही याद आ जाती है। यानी दुश्मन हमें चाहे जितने जख्म देते रहे। सीमा पर हमारे चाहे जितने जवान शहीद होते रहें, हमारे देश के कुछ कथित कलाकार या यूं कहें कारोबारी इन सब से दूर सुख - चैन की जिंदगी बसर करना चाहते हैं। मानो  देश के हित - अहित से उनका कोई वास्ता ही नहीं।  वे बस इतना  चाहते हैं उनके पेशे - धंधे पर कोई आंच न आए। अपने कुतर्कों को लच्छेदार शब्दों में पिरो कर पेश करना कोई इनसे सीखे। कहते हैं कि मुझसे बड़ा देश भक्त कोई नहीं... लेकिन ...। आखिर यह कैसी देशभक्ति है। यहां अस्तित्व की लड़ाई है और आपको अपनी फिल्म की कमाई की पड़ी है। मशा बस यही कि उनकी फिल्में कमाई करती रहे। प र्दे पर वे चाहे जितने बड़े देशभक्त नजर आते हों लेकिन वास्तविक जिंदगी में वे धंधेबाज  ही बने रहना चाहते हैं। जबकि दुश्मन देश से रिश्ते या कलाकारों के साथ काम करने के मामले में विवाद या तर्क - वितर्क की कोई गुंजाइश ही नहीं रहनी चाहिए। फिल्में बना कर करोड़ों कमाने वाले यदि यह कहें कि प्रधानमंत्री भी तो उस देश में गए थे, तो हमारे वहां जाने पर सवाल क्यों उठ रहा है। प्रश्न है कि क्या देश के शीर्ष पदों पर रहने वालों का किसी देश में जाना और कमाई के लिए  कहीं जाना क्या एक बात है। राष्ट्रहित  पर  व्यक्तिगत फायदों को तरजीह देने वालों के मामले में अपनी तो यही राय है कि देश के मुद्दों पर भी किंतु - परंतु करने वालों को कलाकार नहीं बल्कि कारोबारी समझना चाहिए। उन्हें इसी नजरिए से देखा जाना चाहिए। ऐसे कथित कलाकारों को भी जनता से सम्मान की उम्मीद नहीं करना चाहिए। 


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तारकेश कुमार ओझा, 
खड़गपुर (पशिचम बंगाल) 
संपर्कः 09434453934, 9635221463
लेखक पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में रहते हैं और वरिष्ठ पत्रकार हैं।

पंजाब में जेल पर हमला, केएलएफ सरगना समेत छह कैदी फरार

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नाभा. 27 नवंबर, पंजाब में पटियाला जिले की नाभा हाई सिक्योरिटी जेल पर आज सुबह दो कारों से पुलिस की वर्दी में अज्ञात बदमाशों ने हमला कर दिया जिसके बाद जेल में बंद आतंकवादी संगठन खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के चीफ हरमिंदर सिंह मिंटा समेत छह कुख्यात अपराधी फरार हो गये। इस मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुये  एडीजीपी जे एम के तिवारी  को  निलंबित कर दिया गया है तथा जेल अधीक्षक तथा एक उपाधीक्षक को बर्खास्त कर दिया गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार पांचाें अपराधियों की पहचान अमनप्रीत टोडा, विक्की गोडर, विक्रमजीत बीका, गुरप्रीत और नीटू दयोल की गयी है। गैंगस्टर दो कारों से पुलिस वर्दी में आये थे और अपने एक साथी को फर्जी कैदी बनाकर हथकड़ी पहना रखी थी ताकि किसी को उन पर शक न हो। सभी अपराधी जेल के मुख्य द्वार में घुसे और जेल के सभी कर्मचारियों को हथियारोें के बल पर काबू करके  दूसरे द्वार  को खुलवा कर अपने साथियों तक पहुंच गये। जहां उनके साथी पहले से ही तैयार बैठे थे। सभी बदमाश सौ राउंड हवाई फायर करते हुये साथियों के साथ भाग गये। इस मामले में गृह मंत्री सुखबीर बादल तथा पुलिस महानिदेशक सुरेश अरोडा के बीच आपात बैठक जारी है। इस मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुये  एडीजीपी को  निलंबित कर दिया गया है तथा जेल अधीक्षक तथा एक उपाधीक्षक को बर्खास्त कर दिया गया है। पंजाब तथा उसे लगी पाकिस्तानी सीमा और पड़ोसी राज्यों के आसपास हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। बदमाशों की तलाश में स्वात की टीम को लगाया गया है। सघन तलाशी अभियान जारी है।

अश्विन और जडेजा ने भारत को संभाला

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मोहाली, 27 नवंबर, दुनिया के नंबर एक ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन (नाबाद 57) के शानदार अर्धशतक और उनकी रवींद्र जडेजा (नाबाद 31) के साथ सातवें विकेट के लिए 67 रन की बेशकीमती अविजित साझेदारी की बदौलत भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे क्रिकेट टेस्ट के दूसरे दिन रविवार को खराब स्थिति से उबरते हुए छह विकेट पर 271 रन बना लिए। अश्विन और जडेजा ने भारत को छह विकेट पर 204 रन की नाजुक स्थिति से उबारा और दिन की समाप्ति तक इंग्लैंड के स्कोर के नजदीक पहुंचा दिया। भारत अभी इंग्लैंड के 283 के स्कोर से मात्र 12 रन पीछे हैं और उसके चार विकेट बाकी हैं। भारत के पास सोमवार की सुबह पहली पारी में महत्वपूर्ण बढ़त हासिल करने का मौका रहेगा लेकिन इसके लिए इस जोड़ी को अपनी साझेदारी को मजबूती के साथ आगे बढ़ाना होगा। दोनों अब तक 19.3 ओवर में सातवें विकेट के लिए अविजित 67 रन जोड़ चुके हैं। अश्विन ने 82 गेंदों की पारी में आठ चौके और जडेजा ने 59 गेंदों में तीन चौके और एक छक्का लगाया। दोनों बल्लेबाज जब दिन की समाप्ति के बाद पवेलियन लौट रहे थे तो कप्तान विराट कोहली अपनी जगह खड़े होकर तालियां बजा रहे थे। विराट को यह मालूम था कि उनके दोनों स्पिनरों में कैसे नाजुक समय में ऐसी शानदार साझेदारी की। अश्विन ने एक और अर्द्धशतक बनाया और एक कैलेंडर वर्ष में 500 रन और 50 विकेट का डबल भी पूरा कर लिया। भारतीय पारी में कप्तान विराट ने 62, चेतेश्वर पुजारा ने 51 और आठ साल बाद टीम में लौटे विकेटकीपर पार्थिव पटेल ने 42 रन बनाये। मुरली विजय 12, अजिंक्या रहाणे शून्य और पदार्पण टेस्ट खेल रहे करूण नायर चार रन बनाकर आउट हुए।

संसद: नोटबंदी की भेंट चढ सकता है तीसरा हफ्ता

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नयी दिल्ली 27 नवंबर, संसद के शीतकालीन सत्र में नोटबंदी को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच जारी गतिरोध के कारण सत्र का तीसरा हफ्ता भी इस मुद्दे की भेंट चढ जाने की संभावना है। नोटबंदी पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी की मांग को लेकर अडे विपक्ष के हंगामे के कारण शीतकालीन सत्र के दूसरे हफ्ते में विधायी कामकाज नहीं हो सका । हालांकि प्रधानमंत्री 24 नवंबर को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान मौजूद थे लेकिन भोजनावकाश के बाद उनकी गैर मौजूदगी से विपक्ष फिर भडक गया और हंगामा शुरू हो गया । विपक्ष की मांग थी कि प्रधानमंत्री को नोटबंदी पर पूरी चर्चा के दौरान मौजूद रहना चाहिए । कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने हफ्ते की शुरूआत में संवाददाताओं से कहा था कि प्रधानमंत्री को संसद में आना चाहिए । उनके पास पाेप संगीत कार्यक्रम में शामिल होेने के लिए समय है लेकिन संसद में आने के लिए नहीं है । कांग्रेस नेता जयराम रमेश का कहना था कि नोटबंदी की योजना की घोषणा प्रधानमंत्री ने की है इसलिए उन्हें इस मुद्दे पर पूरी चर्चा के दौरान मौजूद रहना चाहिए । इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमला तेज करने की मुहिम के तहत विपक्ष ने कल जन आक्रोश दिवस मनाने का ऐलान किया है । विपक्ष का कहना है कि इस नीति से देश में आर्थिक आपातकाल और वित्तीय अराजकता की स्थिति पैदा हो गयी है । विभिन्न विपक्षी दलों ने सरकार के इस कदम की मुखालफत करने के लिए विरोध मार्च की योजना बनायी है । कांग्रेस मंडी हाउस से संसद भवन तक जन आक्रोश मार्च करेगी ।
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