Quantcast
Channel: Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)
Viewing all 74285 articles
Browse latest View live

विशेष : कालाधन पर सबसे पहले ‘चाणक्य‘ ने किया था हमला

$
0
0
शिक्षा की बगिया बनारस हिन्दू विश्व विद्यालय में चल रहे राष्ट्रीय सांस्कृतिक समारोह में ‘चाणक्य नाटक‘ का मंचन करने पहुंचे प्रख्यात अभिनेता एवं टीवी धारावाहिक मनोज जोशी ने महिरभूता की सधी हुई पटकथा और समकालीन समृद्ध हिंदी के संवादों से दर्शकों को बार-बार तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। नाटक में निर्देशक व प्रसिद्ध रंगकर्मी मनोज जोशी ने शानदार अभिनय किया। नाटक में व्यंग्यात्मक तरीके से किए गए व्यंग्य ने भी दर्शकों को खूब गुदगुदाया 




manoj-joshi-chanakya-demonetization
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समक्ष ‘चाणक्य नाटक‘ का मंचन कर रहे विश्व विख्यात कलाकार मनोज जोशी के नाटक में जहां सत्ता लोभी राज सत्ता के खिलाफ चाणक्य के नेतृत्व में आम आदमी का विद्रोह देखने को मिला वहीं राज प्रासादों के अंदर के सत्ता षड्यंत्रों का भी बखूबी मंचन किया गया। चाटुकारों से घिरे चंद्रगुप्त मौर्य के बड़े भाई व मगध नरेश हिरण्य गुप्त (धनानंद) की खलनायक वाली भूमिका को भी दर्शकों के खूब तुत्फ उठाया। तो राज सत्ता में राजाओं को षड्यंत्रों में उलझाने वाले विदूषक का अभिनय के जरिए कलाकारों ने अपना लोहा मनवाया। संवादों में जहां चाणक्य के सूक्ति वाक्यों का बखूबी प्रयोग कर दर्शकों को राजनीति, कूटनीति व धर्म नीति की सीख दी गई, वहीं युद्ध नीति के गुण दोषों पर भी पटकथा लेखक ने बखूबी प्रकाश डाला। मगध नरेश की राजसभा में अपमानित चाणक्य की शिखा फैलाकर भारत को एकात्म अखंड बनाकर मगध के सिंहासन पर चंद्रगुप्त को बैठाने की प्रतिज्ञा के दृश्य में मनोज जोशी की सशक्त संवाद अदायगी ने पूरे परिसर को तालियों की गड़गड़ाहट से भर दिया। इस दौरान कलाकार मनोज जोशी ने नाटक के जरिए बताया कि चाणक्य ने आज से 2400 साल पहले ही कालाधन, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, नक्सलवाद पर प्रहार किया था और इसके कूटनीतिक रास्ते भी बताये थे। 

ढ़ाई घंटे के शो में संदेश दिया गया कि कैसे प्राचीन तक्षशिला जो शिक्षा के प्रचार और प्रसार का एक अभिन्न हिस्सा था, उसी तक्षशिला से अब भारत ही क्या पूरी दुनिया में आतंक फैलाया जा रहा है। तब के वाइस चांसलर चाणक्य ने चंद्रगुप्त का कैसे इस्तेमाल किया, पूरे भारत को एकजुट करने के लिए। ‘चाणक्य के मंचन‘ के बाद सीनियर रिपोर्टर सुरेश गांधी से बातचीत के दौरान मनोज जोशी ने कहा, चाणक्य नाटक का मंचन उनके जीवन के लिए एक मिशन है ताकि इस नीति को देशवासी अपनाएं और हर क्षेत्र में उनकी बुलंदियों का परचम फहराएं। चाणक्य ने जिस दूरदर्शिता के साथ नीति की रचना की है, उसकी उनके युग में भी जरूरत थी और आज भी है। श्री जोशी ने हमें वर्षो से चली आ रही आदत बदलनी होगी। जीएसटी से टैक्स में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि चाणक्य ने कभी जातिवादी व्यवस्था को नहीं माना और दास पुत्र को राजा बना दिया। सामान्य घर के व्यक्ति में भी अगर पराक्रम, बुद्धि, विवेक है तो उसे राजा बनना चाहिए। शायद यही वजह है कि आज देश के पीएम सामान्य घर के हैं। सिकंदर-पोरस के बीच युद्ध में रात को हमला करने के सुझाव का जिक्र के दौरान चाणक्य के संवाद का हवाला दिया- ‘कहा, इस समय सर्वाधिक महत्व राष्ट्र धर्म का है। धर्म, राष्ट्र-समाज की उन्नति के लिए होता है। धर्म अगर समाज की उन्नति में बाधक है तो त्याज्य है।’ यह उक्ति आज सर्वाधिक प्रासंगिक है। कहा, राजनीति हो या अन्य कार्य, व्यक्ति यदि सुनीति पर अड़ा रहे तो उसे सफलता जरूर मिलती है। 

अभिनेता मनोज जोशी ने कहा कि रंगमंच मेरी मां है, उसे में कभी नहीं छोड़ सकता। मैं कभी अभिनय के साथ अन्याय नहीं करता, बल्कि उसके रंग में रंग जाता हूं। यही वजह है कि चाणक्य जैसा गंभीर व्यक्ति का भी किरदार निभाता हूं और फिल्मों में कॉमेडियन का भी। वैसे भी कोई रोल ऐसा नहीं जो किया न हो। अधिकांश फिल्म स्टारों के साथ कार्य कर चुके हैं। बताया कि बचपन से ही थियेटर कर रहे हैं। स्कूलों में अभिनय करने का शौक रहा और साथ ही चित्रकारी का भी शौक रहा और उस पर बहुत काम भी किया। मनोज जोशी कहते हैं कि सिकंदर भी झेलम पार कर आया था जिसे शिकस्त मिली थी और उरी में भी आतंकवादी झेलम पार कर घुसे। यानि पूरा शो राष्ट्रवाद और आतंकवाद के खिलाफ होगा। चंद्रगुप्त व धनानंद के बीच के कलह पर बोले गए संवाद, बंधुओं का परस्पर विरोध संपूर्ण वंश का ध्वंस कर देता है, संत से शत्रुता और योद्धा से मित्रता के परिणाम भयंकर होते हैं, किसी सूक्ति वाक्य से कम नहीं थे। चाणक्य नीति में वर्ण भेद है जिसे कर्मानुसार व्यवस्था के रूप में दिया गया है। जातिवाद को बढ़ावा वोट बैंक की राजनीति से मिला है। मनोज ने कहा कि हाल में संसद का पूरा सत्र खराब हुआ। सत्ता और विपक्ष को राष्ट्र के बारे में सोचना चाहिए था। कितने करोड़ रुपये यूं ही बर्बाद हो गये और सत्र का कोई लाभ नहीं मिला। उन्होंने नोटबंदी के निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि यह फैसला आने समय में फायदेमंद होगा। इससे रुपया मजबूत होगा और विकास के लिए पैसे भी मिलेंगे। मनोज जोशी ने नाटकों के प्रति घट रहे रुझान पर कहा कि मै ऐसा नहीं मानता हूं। नाटक से आज भी नए लोग जुड़ रहे हैं लेकिन उन्हें बेहतर गाइडेंस नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि आज तो हिन्दी पढ़ाने के लिए भी ट्यूशन लगाया जाता है। उन्होंने भाषा, कला, संस्कृति को रीढ़ की हड्डी बताया। कहा हमें अपनी भाषा के प्रति गर्व करना होगा, तभी बात बनेगी। चाणक्य नाटक का मंचन बनारस में पहली बार हुआ हैं। यह नाटक की 1001वीं प्रस्तुति है। 1990 में पहली बार गुजराती में इसका मंचन मुम्बई में हुआ था। हिन्दी में 1995-96 से लगातार मंचन चल रहा है। नाटक का मंचन संसद भवन में भी हो चुका है। मनोज जोशी इस नाटक के निर्माता-निर्देशक और अभिनेता हैं। इसे मिहिर हुता ने लिखा है। 





(सुरेश गांधी)

ब्रांड इम्पैक्ट के नए शो ‘सक्सेस स्टोरीज’ को होस्ट करेंगें शेखर सुमन

$
0
0
succes-stories-tv-show
दिल्ली का ब्रांड इम्पेक्ट ब्रांडिंग एजेंसीं का नया शो ‘सक्सेस स्टोरीज जमीन से फलक तक’ सीजन 1 को शेखर सुमन होस्ट कर रहे हैं।  शो चैनल ‘जी बिजनेस’ पर 1 जनवरी से हर रविवार को शुरु होने जा रहा है। इस अवसर पर बोलते हुए ब्रांड इम्पेक्ट के डायरेक्टर श्री अमोल मोंगा का कहना है कि हम फिल्मी हस्तियां, राजनेताओं और क्रिकेटरों के साक्षात्कार और जीवन यात्रा देखकर बड़े हो गए है। इस शो से कुछ ही कहानियों को दिखाने का अनोखा प्रयास है  ‘असाधारण साधारण पुरुषों के लिए जो कोई पत्थर से सभी बाधाओं के खिलाफ लढ़कर गहरी छाप छोड़ते हुए सफलता प्राप्त करते है। इस शो में सप्ताह  की लंबी श्रृंखला है, जिसमें केंद्रिय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी, फिल्म अभिनेता सोनू सूद, हॉलीवुड़ से एक छोटे से शहर का लड़के की यात्रा आकर्षक और प्रेरणादायक है, सहीत 13 व्यक्तियों की अनकही कहानियों का प्रदर्शन करेंगे। कई असाधारण से साधारण पुरुषों की कहानियां भी है, जिसे शेखर सुमन होस्ट करेंगे।

नया शो ‘सक्सेस स्टोरीज जमीन से फलक तक ’ सीजन 1 में प्रतिभाशाली शेखर सुमन 13योग्य व्यक्तियों का साक्षात्कार करेंगे।दिलचस्प बात यह है कि इस शो में शेखर सुमन एक नए अवतार यानी दाढी वाले अवतार में दिखाई देंगे। इस नए अवतार में बदलाव लाने के बारे में शेखर सुमन से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जीवन बहुत ही छोटा सा है और जीवन में हमेशा प्रयोग करने चाहिए और इसी वजह से यह बदलाव किया है। इस टीवी शो का निर्माण ब्रांड इम्पैक्ट और वॉटर इंटरटेनमेंट ने किया है और शो के निर्देशक वरुण मिड्ढा है। 13 हप्ते की लंबी श्रृंखला में असली हीरो कौन है, उनकी कड़ी मेहनत और परिश्रम और दृढ संकल्प के माध्यम से,अपने संबंधित क्षेत्रों में असंभव को हासिल किया है, में से कुछ की सफलता की दास्तां दिखाने का वादा है।यह शो सम्मान और जीवन के सभी क्षेत्रों, जिनमें से कुछ सफल लोगों के जीवन की कहानी, जिनकी प्रेरणादायक और सुखद कहानी है। रियल लाइफ हीरो की सच्ची कहानी है और जिससे जीवन के लिए कुछ सीख मिलेगी और जीवन बेहतर और सुंदर हो जाएगा। यह जानकारी ब्रांड इम्पैक्ट की वाइस प्रेसिडेंट मिस. अंकिता सिंह ने दी।

अपने बर्थडे गोविंदा ने जारी किया फिल्म ‘आ गया हीरो’ का पोस्टर।

$
0
0
aa-gaya-hero-govinda
सदाबहार बॉलीवुड के कॉमेडी किंग गोविंदा 53सावन देखने के बाद अब 54 साल के हो गये। उन्होंने अपना जन्मदिन मनाया। इस मौके पर उनके परिवार सदस्य,दोस्त और फैंस भी उनके साथ मौजूद रहे। अपने डांसिंग स्टेप्स से लोगों को दिवाना बनाने वाले गोविंदा ने अपने जन्मदिन के मौके पर अपने चाहने वालों के लिए एक बड़ा तोहफा पेश किया है। उन्होंने अपनी अपकमिंग फिल्म ‘आ गया हीरो’ का पहला पोस्टर रिलीज कर दिया है।  गोविंदा की यह फिल्म 24 फरवरी 2017 को रिलीज होगी।  


गौरतलब है कि गोविंदा की बॉलीवुड में डेब्यू फिल्म ‘इल्जाम’ थी जो कि साल 1986 मे रिलीज हुई। लेकिन लीड रोल उन्हें उसी साल आई फिल्म ‘तन-बदन’ में मिला। गोविंदा ने साल 2004 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर मुंबई नॉर्थ से लोक सभा का चुनाव लड़ा और जीत हासील की। गोविंदा ने अपने हुनर से हर किसी का दिल जीता है। इस कलाकार को अब तक 12 बार फिल्मफेयर नोमिनेशन मिल चुका है। 12 में से दो बार गोविंदा फिल्मफेयर का खिताब जीतने में कामयाब रहे। फिल्म ‘साजन चले ससुराल’ के लिए उन्हें फिल्मफेयर स्पेशल अवॉर्ड से नवाजा गया था। आपको जानकर हैरानी होगी कि अपनी ज्यादातर फिल्मों में कॉमेडी करने वाले गोविंदा को ‘शिकारी’ फिल्म के लिए फिल्मफेयर और जी सिने अवॉर्ड्स में बेस्ट विलेन के लिए नोमिनेट किया गया था। गोविंदा को ‘ची ची’ के नाम से भी जाना जाता है। अमिताभ बच्चन के साथ आई उनकी फिल्म ‘बड़े मियां छोटे मियां’ के बाद लोग उन्हें छोटे मियां भी कहने लगे थे। गोविंदा अपने बॉलीवुड डेब्यू के बाद से अब तक 120 फिल्में कर चुके हैं। साल 2017 में अनुराग बसु की आने वाली फिल्म ‘जग्गा जासूस’ में गोविंदा भी दिखाई देंगे।

मधुबनी में 10 लाख की भीषण डकैती

$
0
0
madhubani-dakoity
मधुबनी : बिहार के मधुबनी जिले में पुलिस प्रशासन को चौंका देने वाली एक घटना सामने आयी है. जानकारी के मुताबिक आधा दर्जन अपराधियों ने नगर थाने के समीप ही एक स्वर्ण व्यवसायी के घर में डकैती की घटना को अंजाम दिया है. डकैतों ने इस घटना में दस लाख की संपत्ति लूट ली है. जिसमें जेवर और नकदी शामिल है. बताया जा रहा है कि स्वर्ण व्यवसायी का घर बिल्कुल नगर थाना के पास है और छह की संख्या में आये अपराधियों ने आराम से घटना को अंजाम दिया और फरार हो गये.  स्थानीय लोगों के मुताबिक डकैतों ने घुसते ही सबसे पहले स्वर्ण व्यवसायी के कारीगर के हाथ-पैर बांध दिये और शहर के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले इलाके में स्थित व्यवसायी के घर को लूट लिया. वहीं दूसरी ओर चर्चा है कि अपराधियों ने हथियार के बल पर लूटपाट की घटना को अंजाम दिया. कहीं से किसी के जबरन घर में प्रवेश करने के निशान नहीं मिले हैं. पुलिस एक तरफ इस घटना को संदिग्ध नजरों से देख रही है. वहीं दूसरी ओर पीड़ित कारीगर का कहना है कि अपराधियों ने उसे पहले अगवा किया और उसके बाद स्वर्ण व्यवसायी के घर तक ले गये. पुलिस पूरे मामले की छानबीन में जुटी है.

मधुबनी विशेष : तिरहुत सरकार की पहली राजधानी भौड़ागढ़ी

$
0
0
  • (वर्त्तमान में मधुबनी का पुलिस लाइन)

tirut-first-capital-bhaudagadi
भौड़ागढ़ी, तिरहुत सरकार की पहली राजधानी थी और करीब 200 साल (1760तक) तिरहुत   प्रभुत्व का अदभुत केंद्र है । भारत में खंडवाला राजवंश को छोड कर किसी राजवंश के पास यह आधिकारिक जानकारी नहीं है कि उसका पहला डीह कौन सा है। तिरहुत सरकार की पहली राजधानी भौडागढी का इतिहास अब तक अनजाना सा ही है। मुगल बादशाह ने गरीब पंडित महेश ठाकुर के पांडित्य को देखकर तिरहुत का राज 27 मार्च 1556 को दिया था, लेकिन महेश ठाकुर जब तक राज पाट समझते 1559 में उनका निधन हो गया (#1,  म.म. महेश ठाकुर, 1556-1559 )। महेश ठाकुर के निधन के बाद  उनके 5 बेटे में सबसे बडे पुत्र रामचंद्र ठाकुर ने राजा बनने से इंकार कर दिया, तब उनके दुसरे पुत्र गोपाल ठाकुर खंडवाला कुल के दुसरे राजा बने।  उन्होंने करीब 12 वर्षो तक राजा के रूप तिरहुत पर राज किया  (#2, म.म. गोपाल ठाकुर, 1569-1571) । उनके निधन के बाद उनके पुत्र ज्योतिर्विद हेमागंद ठाकुर (ग्रहणमालाकार) ने तीसरे राजा के रूप में राजगद्दी संभाली। लेकिन कर नहीं देने कारण उन्हें प्रताडीत होना पड़ा और उन्होंने बाद में इसके कारण राजगद्दी त्याग दी । इसी समय उन्होंने ग्रहणमाला का निर्माण किया जिसके कारण उन्हें इस इस समस्या से मुक्ति मिली (#3, ज्योतिर्विद हेमागंद ठाकुर, 1571-1572) ।  ज्योतिर्विद हेमागंद ठाकुर के गद्दी छोड़ने के बाद महेश ठाकुर के तीसरे बेटे म.म.अच्युत ठाकुर (वैयाकरणकेसरी) को सिंहासन मिला और वो राजवंश के चौथे शासक बने । लेकिन इन्‍हें भी पुत्र नहीं हुआ और अल्पायु में ही निधन हो गया  (#4, म.म. अच्युत ठाकुर, 1572-1573) । इसके बाद म.म.महेश ठाकुर के चौथे पुत्र परमानन्द ठाकुर(राजर्षि) राजा बने और उन्होंने करीब 10 वर्षो तक राज किया (#5, परमानन्द ठाकुर,1573-1583) । 

राजा परमानन्द ठाकुर के 1583 में निधन के बाद म.म.महेश ठाकुर के 5 बेटे में सबसे छोटे बेटे  म.म.शुभंकर ठाकुर राजकाज संभालने को तैयार हुए। इसी दौरान उन्‍हें डीह बदलने की सलाह मिली,  वो भौडग्राम(ग्राम- राजग्राम, अंचल-पंडौल, जिला- मधुबनी) से भौड़ागढ़ी (वर्तमान में मधुबनी जिला का पुलिस लाइन) आ गये और यहां अपनी नूतन राजधानी  बनवाया । उन्‍होंने राज में लगान को नियमित करना शुरु किया और आसपास के राजवारे सक्रिय होने लगे। म. म. सुभंकर ठाकुर ने करीब  34  तक राज किया, उनका 34 वर्षो का कार्यकाल खंडवाला कुल के किसी भी शासक का दूसरा सबसे बड़ा कार्यकाल कहलाया (#6, म.म.शुभंकर ठाकुर, 1583-1617) । उनके निधन के बाद 7 भाइयों में सबसे बड़े बेटे  म.म. पुरुषोत्तम ठाकुर पिता की जगह राजा बने। 

1623 में पडोसी राज्‍य नेपाल ने तिरहुत पर आक्रमण कर दिया। इस दौरान तिरहुत सरकार पुरुषोत्तम ठाकुर वीरगति को प्राप्‍त हुए। खंडवाला कुल में वो अकेले राजा हैं, जो युद्ध के दौरान मारे गये (#7, म.म.पुरुषोत्तम ठाकुर, 1617-1623) ।  पुरुषोत्‍तम ठाकुर के निधन के बाद उनके अनुज और  म.म.शुभंकर ठाकुर के चौथे बेटे  नारायण ठाकुर  ने आठवें राजा के रूप में गद्दी संभाली । करीब 18 वर्षो का शासनकाल शांतिपूर्ण बिता और  सन् 1641 में उनका निधन हो गया (#8, नारायण ठाकुर, 1623-1641) । उनके बाद  उनके बेटे शत्रुघन प्र. लाला ठाकुर ने राजगद्दी नहीं लिया और तब  म.म.शुभंकर ठाकुर के 7 बेटे  में सबसे छोटे बेटे म.म.सुन्दर ठाकुर ने गद्दी संभाली । करीब 26 वर्षो तक राज करने के बाद 1647 में म.म. सुन्दर ठाकुर  का निधन हो गया (#9, म.म.सुन्दर ठाकुर, 1641-1647)। म.म. सुन्दर ठाकुर के बाद उनके पहले पुत्र  म.म. महिनाथ ठाकुर नें खंडवाला कुल के दसवें  राजा के रूप में  राज किया (#10, म.म.महिनाथ ठाकुर, 1667-1690)।  म.म.महिनाथ ठाकुर के बाद उनके छोटे भाई म.म.नरपति ठाकुर ने राजगद्दी संभाली  (#11, म.म.नरपति ठाकुर, 1690-1701) । 

म.म.नरपति ठाकुर के बाद उनके 6 बेटे में सबसे बड़े बेटे राधव सिंह ने खंडवाला कुल के 12वें    शासक के रूप में गद्दी संभाली।  खंडवाला कुल के  शासक राजा राधव सिंह जब तिरहुत के सिंहासन पर बैठे तो सन् 1701 से 1739 के दौरान राजा  राधव सिंह ने तिरहुत का  न केवल सीमा विस्‍तार किया, बल्कि भौड़ागढ़ी में नए महल और किले का भी निर्माण कराया। वर्तमान महल उसी नींव पर बना है, कहा जाता है कि यह बिहार में जमीन के ऊपर बना सबसे पुराना महल है। इसकी नींव तो 1739 के पूर्व की है, लेकिन पुनरुद्धार के बाद का  इसका वर्तमान स्‍वरूप भी 1880 के आसपास का है। सन्  1939 तक खंडवाला कुल के शासक के रूप में उन्होंने करीब 38 वर्षो तक राज्य संभाला जो खंडवाला राजवंश  के किसी भी  एक शासक का तिरहुत पर सबसे लम्बा  शासनकाल रहा (#12, राजा माधव सिंह, 1701-1739) ।  राजा राधव सिंह के बाद उनके बड़े पुत्र राजा विष्णु सिंह ने करीब 4 वर्षो तक राज किया, उनका निधन सन् 1743 में हो गया (#13, राजा विष्णु सिंह,  1739- 1743)। राजा विष्णु सिंह के मृत्यु के उपरांत उनके छोटे भाई(अनुज) राजा नरेन्द्र सिंह ने गद्दी0 संभाली। मिथिला का भयानक युद्ध जो "कन्दर्पी- घाट, हरिना"के युद्ध के नाम से जाना जाने लगा वो युद्ध  राजा नरेन्द्र सिंह ने ही जीता था । मिथिलेश राजा नरेन्द्र सिंह माँ काली भगवती के भी बहुत बड़े भक्त थे। महान युद्ध के तुरंत बाद ही उन्होंने रणभूमि(ग्राम-हरिना, प्रखंड-झंझारपुर, जिला- मधुबनी) में माँ काली भगवती का भव्य मंदिर बनवाया जिसका नाम "नरेन्द्र विजया काली"है और यह कमला बलान के  बाएं तटबंध पर है । उनके इस महान और भयानक युद्ध के प्रतिक के रूप में कन्दर्पी-घाट, हरिना में बना "मिथिला विजय स्तंभ"आज वहां है । निःसंतान राजा नरेन्द्र सिंह के निधन के बाद उनकी पत्नी महारानी पद्मावती उनके पार्थिव शरीर के साथ सती हो गई ।  राजा नरेन्द्र सिंह और उनकी महारानी पद्मावती का जहाँ निर्वाण हुआ वो सतिस्थान भौड़ागढ़ी के पास स्थित काली मंदिर के बिलकुल पास ही है (#14, राजा नरेन्द्र सिंह, 1743-1760 )। निःसंतान राजा नरेन्द्र सिंह के बाद उनके दत्तक पुत्र राजा प्रताप सिंह ने राजगद्दी संभाली। 

1762 में राजा प्रताप सिंह ने तिरहुत की राजधानी भौड़ागढ़ी से दरभंगा ले आये। वैसे राजा नरेंद्र सिंह ही दरभंगा में सिंहासन ले जाने की मंजूरी दे चुके थे। 15 अगस्त 1947 को खंडवाला राजवंश का भारत के गणतंत्र में विलय हो गया, परन्तु ठीक 200 साल बाद 1 अक्टूबर1962 को खंडवाला राजवंश के आखिरी राजा कामेश्‍वर सिंह का निधन हो गया। भौडागढ़ी में 110 एकड में फैला राज महल के अलावा खंडवा से लायी गयी काली की प्रतिमा है। साथ ही 20वीं शताब्‍दी में यहां एक छोटा सा एयरपोर्ट का भी निर्माण कराया गया था।

पूर्वोत्तर मैथिल सत्यानंद पाठक युवा पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित हुए ललित नारायण झा

$
0
0
maithili-journalist-awarded
गुवाहाटी, : मिथिला सांस्कृतिक समन्वय समिति गुवाहाटी द्वारा प्राग्ज्योति आईटीए सेंटर में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में 'मिथिला मिरर'के संपादक ललित नारायण झा को पूर्वोत्तर मैथिल सत्यानंद पाठक स्मृति युवा पत्रकार सम्मान से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति अर्कनाथ चौधरी, जाने-माने साहित्यकार डॉ. बुद्दीनाथ मिश्र, असमिया साहित्यकार नृपेंद्र नाथ शर्मा एवम् संस्था के अध्यक्ष प्रेमकांत चौधरी सहित अन्य अतिथियों ने ललित नारायण झा को प्रतीक चिन्ह, प्रशस्ति प्रत्र, अंगवस्त्र एवम् नक़द राशी प्रदान कर सम्मानित किया। ज्ञात हो कि सत्यानंद पाठक पूर्वोत्तर के अग्रणी दैनिक पूर्वोदय के संपादक थे जिनका अगस्त 2015 में आकस्मिक निधन हो गया। संस्थान उन्हीं के स्मृति में 2015 से युवा पत्रकार सम्मान किसी मैथिली पत्रकार को देती है। इसबार के सम्मान के लिए चार सदस्यी समिति में डॉ. बुद्दीनाथ मिश्र, डॉ. वीणा झा, लक्ष्मण झा सागर और जयंत कुमार झा ने ललित नारायण झा के नाम को प्रस्तावित कर सर्वसम्मति से पास किया था। ज्ञात हो कि ललित नारायण झा पिछले एक दशक से हिन्दी-अंग्रेजी पत्रकारिता में सक्रिय हैं, तथा 2011 से मैथिली पत्रकारिता में अग्रणी चेहरा बने हुए हैं। ललित नारायण झा के कठिन परिश्रम का ही नतीजा है कि मिथिला मिरर आज लोगों के बीच ख़ासा लोकप्रिय हो रहा है। झा को देश के विभिन्न संस्थाओं द्वारा दर्जनों सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।

पुस्तक समीक्षा : एकात्म मानववाद पर अमल

$
0
0
लब्ध प्रतिष्ठित पत्रकार डा. हिमांशु द्विवेदी की सद्यः प्रकाशित पुस्तक ‘अमल’ एकात्म मानववाद के साकार होते सपनों का सटीक रेखांकन है। आज पूरे देश में जिस बात की सर्वाधिक चर्चा है वह है, पं. दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद के सूत्र को समझने और उसके चिंतन की। सामान्य व्यक्तियों के जीवन में उन्नयन का मार्ग दरअसल एकात्म मानववाद की पहचान है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा एकात्म मानववाद की पृष्ठभूमि में लोक कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन एक बेहतरीन मिसाल है और इसे नजदीक से देखने और परखने की अद्वितीय प्रयास है ‘अमल’।   

पत्रकारिता के सशक्त हस्ताक्षर डा.हिमांशु द्विवेदी ने पं.दीनदयाल उपाध्याय के इस प्रेरक सूत्र को छत्तीसगढ़ सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं के प्रकाश में देखने का यह अनोखा शोध उपस्थित किया है। निरंतर अध्ययनशील और गंभीर विषयों पर लेखनी के लिये मशहूर डा.हिमांशु द्विवेदी जी का यह मानना है कि पं.दीनदयाल जी का व्यक्तित्व जितना सरल था, उनका जीवन उतना ही कठिन था। ठीक उसी प्रकार दीनदयाल जी के विचारों को पढ़ना जितना सरल है, उन्हें समझना उतना ही कठिन है। जीवन का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है, जिसे उन्होंने अपने चिंतन के दायरे में शामिल न किया हो। सामाजिक विषयों से लेकर आर्थिक विषयों तक उन्होंने जितने आयामों के साथ उन्हें विश्लेषित किया है, वह अद्भूत है। यह उनके विचारों की शाश्वतता ही है कि उनके देहावसान के 48 वर्ष बीतने के बाद भी वह अप्रासंगिक नहीं हुए हैं। उनका एकात्म मानववाद भारतीय संस्कृति का वह जयघोष है, जिसकी गुंज कभी समाप्त नहीं होगी। 

एक अध्येता के रुप में यह खोज वास्तव में काफी मायने रखती है कि कोई सरकार एक राष्ट्रसंत के आदर्शों और उसके सिद्धांतों को किस प्रकार से अपनी आधारभूमि बनाकर    राज्य की बुनियाद और उसके विकास का रास्ता तय करती है। पं.दीनदयाल जी का जीवन एक वैचारिक अनुष्ठान का दर्शन है और इसी दर्शन को छत्तीसगढ़ के यशस्वी मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने राज्य की कल्याणकारी योजनाओं के जरिये क्रियान्वित करने का महान कार्य किया है। स्वयं मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने अमल की प्रस्तावना में यह व्यक्त किया है कि एकात्म मानववाद के आदर्शों, सिद्धांतों और लोकजीवन के लिए उनके संकल्पों के प्रति एक समझ उन्हें बचपन में ही मिल गई थी। यही प्रेरणा उन्हें पं.दीनदयाल उपाध्याय के सपनों को पूरा करने में मार्ग प्रशस्त करती रही। लोकदर्शी मुख्यमंत्री के रुप में अपनी पहचान स्थापित करने वाले डा.रमन सिंह के लिये यह कार्य वास्तव में उन्हें जन-जन का चहेता बना देता है, जिसने जनता को भोजन-पोषण, युवाओं को शिक्षण-प्रशिक्षण, हुनर तथा बच्चों, महिलाओं, वनवासियों को उनके अधिकारों और स्वालंबन के साथ जोड़ने में सशक्त कदम रखा हो।

डा.हिमांशु द्विवेदी ने पुस्तक के प्रारंभ में पथ-प्रदर्शक पं.दीनदयाल उपाध्याय का जीवन-परिचय विस्तार से सिलसिलेवार रखा है जिसमें पं.दीनदयाल जी के समग्र भारतीय चिंतन का विवरण मिलता है वहीं उनके एतिहासिक पत्रों यथा- राष्ट्रधर्म प्रकाशन, स्वदेश, पांचजन्य एवं आर्गनाईजर में विभिन्न दायित्वों के संचालन और लेखों की अविरल यात्रा मिलती है। पं.दीनदयाल जी के इस जीवन परिचय में एतिहासिक राजनीतिक घटनाचक्रों के बीच विभिन्न महानतम व्यक्तियों के प्रसंगों का उल्लेख पुस्तक की रोचकता और प्रासंगिकता को द्विगुणित करता है। जीवन परिचय में ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के शब्दों में, पंडित दीनदयालजी का पूरा जीवन समाज सेवा के लिए समर्पित रहा। उनके द्वारा दिया गया मानवीय एकता का मंत्र हम सभी का मार्गदर्शन करता है। यह भी एक संयोग है कि  पं.दीनदयालीजी के जन्म शती के अवसर पर पाठकों को यह पुस्तक पढ़ने का रसास्वादान मिला है। इस पुस्तक का विमोचन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक विशाल समारोह में किया। डा.हिमांशु द्विवेदी ने उन असंख्य लोगों के सामने पं.दीनदयालजी के बहुआयामी व्यक्तित्व को पूरी गंभीरता से पढ़ने और चिन्तन करने के लिये ऐसे समय को चुना है जब राजनैतिक दलों में विचार विहीन सत्ता संवरण का लोभ सिर चढ़ कर बोल रहा है। इन अर्थों में डा.हिमांशु द्विवेदी की यह पड़ताल छत्तीसगढ़ की रमन सरकार की सफलता को एकात्म मानववाद के दर्शन और विचार का पर्याय मानती है। छत्तीसगढ़ के पिछले तेरह वर्षों के विकास योजनाओं का विश्लेषण करते हुये डा.हिमांशु द्विवेदी का इस नतीजे पर पहुंचना एक पत्रकार का सही विमर्श है।

एकात्म मानववाद का सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक चिन्तन भारतीय उप-महाद्वीप के विकास का चिन्तन है। पश्चिम जीवन दर्शन से अलग भारतीय विचार दर्शन को अमल में लाना ही राष्ट्रवाद है। जिन विचारों में विकास के सही सूत्र मिलें वहां ही राष्ट्रवाद के दर्शन होते हैं। इन मायनों में पं.दीनदयालजी के विचार भारतीय दर्शन को समझने का यह सही मौका है जब नई अर्थ-व्यवस्था ने काले धन के जवाब में करवट बदली हो। भौतिकवाद को पीछे छोड़कर मानव और समाज के परस्पर संबंधों की व्याख्या करते हुए संतुलित विकास का मार्ग एकात्म मानववाद के विचार से ही प्रारंभ होता है। डा.हिमांशु द्विवेदी ने अमल में यह महसूस किया है कि पश्चिम की वैचारिक प्रक्रिया में लौकिक जीवन का आधिपत्य है जबकि भारतीय मानव दर्शन में मानव सर्वेसर्वा है। विकृत लौकिकत के कारण पश्चिम का यांत्रिकीकरण और मर्यादाहीन भोगवाद पनपा है। पं. दीनदयालजी असंवेदनशील, मर्यादाहीन आचरण और क्रूर यांत्रिकीकरण के खिलाफ थे, वे जनमानस को पश्चिम के अंधानुकरण के प्रति दुनिया को सतर्क करते हैं। भारतीयता की सशक्त अभिव्यक्ति के शीर्षक से इस खंड में पं.दीनदयालजी के एकात्म मानववाद को प्रस्तुत करने में लेखक सफल रहे हैं।

भूख पर विजय की बेमिसाल योजना, वनवासियों को मिला मालिकाना हक, मुस्कराने लगा किसान, बेहतर शिक्षा-बेहतर भविष्य, त्रासदी को अवसर में बदलता प्रयास, खिलाड़ियों के अब हौंसले बुलन्द, संस्कृति का संरक्षण पर्यटन विस्तार के साथ, स्वास्थ्य सेवाओं की सुधरी सेहत, कुपोषण मुक्ति के लिए मर्मस्पर्शी पहल, अब नहीं रही कोई अबला, विकसित छत्तीसगढ़ अब हमारी पहचान, उर्जा से मिली राज्य के विकास को गति, सौर उर्जा में तलाशा समाधान, तकनीक में दक्ष होता लोक प्रशासन, गढ़े रोजगार सृजन के नए आयाम, साकार हो रहा अपने घर का सपना, इत्यादि शीर्षकों में छत्तीसगढ़ के सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक विकास का विश्लेषणात्मक विवेचन डा.हिमांशु द्विवेदी ने काफी संजीदगी से किया है। इस दृष्टि से छत्तीसगढ़ के सही पुरस्कर्ताओं को ढूंढ निकालने में भी अमल की खोज सराहनीय है।

भोजन के प्राकृतिक अधिकार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने सबसे पहले लक्ष्य बनाया और उस पर विजय पाई और चाउर वाले बाबा कहलाए। दलित-शोषित वर्गों और जरुरतमंदों तक सरकार की योजनाओं को सफलता के साथ क्रियान्वित करना ठोस इच्छाशक्ति की पहचान है। पी.डी.एस. से लोकप्रिय मुख्यमंत्री खाद्य सुरक्षा और पोषण कानून को छत्तीसगढ़ में लागू करने में अग्रणी रहे। पं.दीनदयालजी का यह सपना था कृषकों को उनकी आय का पूरा मूल्य मिले और हर व्यक्ति का पेट भरा हो। छत्तीसगढ़ की जनता आज चावल उत्सव मनाती है। हर गांव में हाट बाजार लगते हैं। उत्सव में राशन कार्ड का वितरण होता है। राज्य के लाखों गरीबों के घर-आंगन में आज खिलखिलाहट है, दरअसल इन उपलब्धियों का ताना-बाना है अमल, जिसे पढ़कर छत्तीसगढ़ की बदली हुई तस्वीर देखने का सुखद अहसास होता है। पं.दीनदयालजी के जीवन दर्शन को चरितार्थ करने का उपक्रम छत्तीसगढ़ सरकार के काम-काज में दिखाई देता है। इस उपक्रम को दर्शाती पुस्तक अमल में योजनाओं का संकलन पठनीय है। 

पं.दीनदयालजी के चिन्तन के अनुरुप ही छत्तीसगढ़ में वनवासियों के कल्याण के लिए व्यापक योजनाओं को लागू किया गया। वनवासी क्षेत्रों में हो रहे विकास कार्य चकित कर देने वाले हैं। वन और वन्य प्राणियों का संरक्षण करते हुये वनवासियों को आज उन्हें उनका खोया सम्मान वापस मिला है। अमल में इसकी चर्चा प्रासंगिक है। छत्तीसगढ़ में किसानों की खुशहाली लौटाने का काम भी पं.दीनदयालजी के रास्तों पर चलते संभव हुआ है। धान का कटोरा कहे जाने वाले राज्य में एक समय किसानों का पलायन बड़े पैमाने पर हुआ। लेकिन छत्तीसगढ़ में आज किसानों की स्थिति में सुधार हुआ है। पलायन की पीड़ा खत्म हुई है। कृषि उपज में वृद्धि हुई है। विपणन और वितरण प्रणाली से किसानों में संतोष का भाव है। कृषि कर्मण पुरस्कार किसानों का उत्साहवर्धन कर रहे हैं। कृषि विकास पर सरकार का ध्यान पूरी तरह से केन्द्रित है। प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए फसल बीमा योजना से किसानों की चिन्ताओं को दूर किया है। इसलिये ही ठीक कहा है अमल में, कि किसानों में मुस्कराहट है।

बिना शिक्षा के समाज संभव नहीं। यदि शिक्षा न हो तो समाज का जन्म ही न हो। अतः शिक्षा के प्रश्न को मूलतः सामाजिक दृष्टिकोण से ही देखना होगा। इस कर्तव्य पालन में भी छत्तीसगढ़ सरकार ने पं.दीनदयालजी के विचार अनुरुप अपना कदम बढ़ाए हैं। नक्सल प्रभावित राज्य में तमाम चुनौतियों के बावजूद शिक्षा को बेहतर बनाने का कार्य भी तेजी से हुआ है। उच्च शिक्षा संस्थानों की बढ़ोतरी के साथ बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओ अभियान राज्य के हर घर का संकल्प हो गया है। गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे लाखों परिवारों के लिए सरस्वती साइकिल योजना आकर्षण का केन्द्र है। शिक्षा गुणवत्ता अभियान ने दंतेवाड़ा जैसे नक्सल क्षेत्रों में एजुकेशन सिटी को जन्म दिया है। अंत्योदय और संतुलित विकास के सपनों को पूरा करने में इससे सहायता मिल रही है। वहीं स्वास्थ्य की दृष्टि से भी कई योजनाओं पर छत्तीसगढ़ सरकार को सफलता मिली है। यह कहना समीचीन होगा कि डा.हिमांशु द्विवेदी की इस महत्वपूर्ण पुस्तक में भोजन एवं पोषण, वनवासी कल्याण, कृषक जगत, शिक्षा और खेलकूद, संस्कृति और पर्यटन, स्वास्थ्य सेवाएं, महिला सशक्तिकरण, अधोसंरचना और उद्योग क्षेत्र, विद्युत उत्पादन, तकनीक और प्रशासन, हर हाथ को काम, आवास व्यवस्था जैसे मूलभूत विषयों को समाहित करके कई संदर्भों में पं.दीनदयालजी को व्याख्यित करने के साथ ही जागरुक और चिन्तनशील छत्तीसगढ़ सरकार का उत्साहवर्धन भी किया है। अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति तक सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की पहुंच और उसका प्रभाव ही पं.दीनदयालजी के सपनों का भारत हो सकता है। इसकी समझ डा.हिमांशु द्विवेदी ने अपनी पुस्तक अमल में दी है। 

‘अमल’ में पं.दीनदयालजी के कालीकट सम्मेलन की भी चर्चा है। इस सम्मेलन में पं.दीनदयालजी ने केन्द्र और प्रांतों से संबंध, कर पद्धति पर पुनर्विचार, आर्थिक स्वाधीनता, मूल्य नीति और कृषि, भारत की सार्वभौम सत्ता का अविभाज्य अंग कश्मीर पर की गई टिप्पणियों को लिया गया है। पुस्तक के आखिरी पन्नों में पं.दीनदयालजी के के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए हैं जिसमें डा.श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने पं.दीनदयालजी को अप्रतिम कर्तृत्वशील कार्यकर्ता के रुप में अपना सानिध्य दिया है। देश के लोकप्रिय राजनेता, चिन्तक और कवि श्री अटल बिहारी बाजपेयी की विनम्र श्रद्धांजलि का भाव कुछ इस तरह से व्यक्त हुआ है – 

नंदा दीप बुझ गया, हमें अपने जीवन-दीप जलाकर अंधकार से लड़ना होगा। 
सुरज छिप गया, हमें तारों की छाया में अपना मार्ग ढूंढना होगा।
‘अमल’ में, पं.दीनदयालजी के जीवन प्रसंगों से जुड़े 14 दुर्लभ छायाचित्रों के साथ छत्तीसगढ़ सरकार के विकास योजनाओं को प्रदर्शित करती कई अन्य छायाचित्रों की श्रृंखला है। पं.दीनदयालजी के विचारपुंज में समाज और राष्ट्र के कल्याण को समझने की दृष्टि से डा.हिमांशु द्विवेदी की पुस्तक ‘अमल’ निश्चय ही विद्यार्थियों, शोधार्थियों, योजनाकारों, पत्रकारों, शिक्षाविदों, स्कूलों एवं विश्वविद्यालयों, राजनितिक कार्यकर्ताओं, विभिन्न प्रांतों की सरकारों, प्रशासनिक अधिकारियों, विचारकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और दर्शनशास्त्रियों के लिए भी काफी उपयोगी सिद्ध होगी।   




समीक्षक – डा.शाहिद अली *
----------------------------
अमल
डा.हिमांशु द्विवेदी
प्रभात प्रकाशन,
4/19, आसफ अली रोड, 
नई दिल्ली - 110002
मूल्य 600 रुपये
---------------------------

अर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के बीच मनाया क्रिसमस

$
0
0
poor-kids-celebrate-christmus
महागुरू नाम से लोकप्रिय गौरव मित्तल द्वारा आयोजित फंडरेज़र कार्यक्रम में आर्थिक रूप से कमजोर 200 बच्चों के बीच मनाया क्रिसमस। इस मौके पर बच्चों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम और चित्रकला एवं नृत्य प्रतियोगिता भी आयोजित हुई । कार्यक्रम अंत में उन्हें कंबल व जरूरत से जुडी चीजों का भी वितरण किया गया। समारोह में ‘कर्मवीर चक्र’ पुरस्कार से भी सम्मानित अदित मित्तल को सीएसआर आॅफिसर के रूप में नामित किया गया है। वे कोरपोरेट जगत के सबसे कम उम्र के सीएसआर अधिकारी हैं। इंदिरापुरम के इण्डिया हैबिटेट सेंटर आयोजित इस कार्यक्रम में आदित्य मित्तल ने गिटार पर परफोर्मेन्स दिया, इसके अलावा अन्य पेशेवरों ने भी लाईव सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए।

सामाजिक संस्था सोल्यूशन्स प्रा लिमिटेड -संचय, लैट्स नरचर ड्रीम्व में पढ़ने वाले बच्चों को भी सहयोग प्रदान करता है और क्रिसमस एवं अन्य त्योहारेां पर तरह तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करता है, उनके लिए महागुरू-गौरव मित्तल ने कहा, ‘‘मैं पहली पीढ़ी का उद्यमी हूं, भगवान हमेशा मेरे साथ रहा है; मुझे जीवन में ज़्यादा संघर्ष का सामना नहीं करना पड़ा। हर किसी को किस्मत से इतना कुछ नहीं मिलता। हालांकि बहुत से ऐसे बच्चे हैं जो कम उम्र में ही अपने माता पिता को खो देते हैं; या कुछ अभिभावकों को वृद्धावस्था में अलग-थलग रहने क लिए छोड़ दिया जाता है, जब उन्हें सबसे ज़्यादा प्यार और सहयोग की ज़रूरत होती है। बचपन से इन नेक कार्यों की तरह अदित का झुकाव देखकर बहुत अच्छा लगता है। ‘मैं और पुत्र अदित और पत्नी स्वाति के सहयोग से देश के लगभग हर सम्भव शहर में एक ओल्ड ऐज होम और एक अनाथालय खोलना चाहते हैं, ताकि इन ज़रूरतमंद बच्चों/ बुजुर्गों की मदद कर सके।। जल्द ही हम एक एनजीओ ‘स्पार्कल’ पेश करने जा रहे हैं जो विभिन्न संगठनों से वित्तपोषण जुटाएगा; अनाथालयों/ वृद्धाश्रमों को आत्मनिर्भर बनने के लिए सहयोग प्रदान करेगा।’’

बिहार : सी.पी.आई. का दो दिवसीय संगठन सम्मेलन संपन्न

$
0
0
  • जनसमस्याओं को लेकर जनता को संघर्ष में झोकने का आह्वान, न्यायपालिका में 50 फीसदी आरक्षण का स्वागत, नोटबंदी, समान शिक्षा, अपराध, भ्रष्टाचार पर कई प्रस्ताव पारित।

cpi logo
पटना, 30 दिसम्बर। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का दो दिवसीय संगठन सम्मेलन संपन हुआ कामरेड श्यामाप्रसाद सभागार, अजय भवन में आयोजित सम्मेलन में जनसमस्याओं को लेकर जनता के बीच जाने व पार्टी को संघर्ष में झोंकने का आह्वान किया गया। सम्मेलन में न्यायपालिका में 50 फीसदी आरक्षण के राज्य सरकार के फैसले का सी.पी.आई. ने स्वागत किया गया। इसके सहित समान स्कूल प्रणाली, भूमि आंदोलन, नोटबंदी के खिलाफ, दलित-महिला -अल्पसंख्यक उत्पीड़न भूमिहीन परिवारों को उजाड़ने के खिलाफ , समान काम के लिए समान वेतन देने पर प्रस्ताव पारित किया गया। 
मौके पर मौजूद सी.पी.आई. के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने कहा कि नोटबंदी की वजह से आम -अवाम की परेषानी बढ़ी है वहीं अंबानी-अडानी-माल्या जैसे पूंजीपति मस्त है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के केन्द्र में आने से दलित महिला-अल्पसंख्यक उत्पीड़न बढ़ा है। उन्होंने मोदी हटाओं देष बचाओं का आह्वान किया। राज्य सचिवमंडल सदस्य चक्रधर प्रसाद सिंह ने राज्य में बढ़ते अपराध एवं भ्रष्टाचार का मसला उठाया । उन्होंने जनस्वास्थ्य एवं राषन-किराषन को समस्याओं को भी उठाया। जिला सचिव रामलाला सिंह ने भूमिहीन परिवारों की स्लम बस्तियों को उजाड़ने पर रोष व्यक्त किया। पर्चाधारियों को जमीन देने एवं भूमि आंदोलन विकसित करने का आह्वान किया। अर्जुन राम, भूषण पाण्डेय एवं कौषल्या देवी की अध्यक्षता में सम्मेलन संपन्न हुआ। सम्मेलन में 75 प्रतिनिधियों ने बहस में हिस्सा लिया। 

सहरसा में भाजपा संरक्षित सामंती भूस्वामियों के गरीब-महादलितों पर हमले के खिलाफ आज सहरसा बंद.

$
0
0
  • जमीनों से गरीबों की बेदखली और सामंती-भूस्वामियों के हमले पर रोक लगाए सरकार.
  • चानो राम के बाद पीएमसीएच में वकील राम की भी मौत, सरकार का रवैया गरीब-दलित विरोधी

cpiml-logo
पटना 30 दिसबंर 2016, सहरसा में भाजपा संरिक्षत सामंती-भूस्वामियों द्वारा गरीब-महादलितों पर कातिलाना हमले के खिलाफ भाकपा-माले ने आज सहरसा बंद करवाया. भाकपा-माले के पोलित ब्यूरो सदस्य अमर और मिथिलांचल के पार्टी प्रभारी व खेग्रामस के राष्ट्रीय महासचिव काॅ. धीरेन्द्र झा ने कहा है कि हमले में चानो राम के बाद पीएमसीएच में अपना इलाज करा रहे वकील राम की भी मौत हो गयी. बिहार सरकार का रवैया पूरी तरह संवेदनहीन बना हुआ है. बिहार सरकार गरीबों-महादलितों को वास-चास की जमीन क्या दिलाएगी, उन्हें न्यूनतम सुरक्षा तक उपलब्ध नहीं करवा पा रही है. उलटे वह सामंतों की हमदर्द बनी बैठी है. विदित है कि सहरसा जिले के सत्तर कटैया प्रखंड के पुरुषोत्तमपुर गांव में गरीब-महादलित बस्ती पर भाजपा समर्थित दबंग सामंती ताकतों ने चमरखला की 1 बीघा जमीन से रविदास जाति के गरीबों को बेदखल कर देने की नीयत से हमला किया, जिसमें अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है. इसके खिलाफ आज भाकपा-माले ने सहरसा बंद का आह्वान किया था.

बंद का नेतृत्व पार्टी की राज्य कमिटी सदस्य काॅ. पंकज सिंह, पार्टी के जिला संयोजक ललन यादव, खेग्रामस नेता विक्की राम, आइसा नेता कृष्णमोहन आदि ने किया. भाकपा-माले ने मृतक के परिजनों को 20 लाख रुपये का मुआवजा, घायलों को 10-10 लाख रुपये और बेहरा थाना के केस 201 के तहत सभी अभियुक्तों की गिरफ्तारी, जिम्मेवार पुलिस अफसरों को निलंबित करने की मांग की है. 

नोटबंदी से मची तबाही के खिलाफ माले की जनअदालत, गरीबों की कमर तोड़ने वाले मोदी इस्तीफा दें.

$
0
0
  • पटना सहित सिवान, आरा, अरवल, जहानाबाद, दरभंगा आदि जगहों पर जनअदालत/जवाब दो मार्च का आयोजन.
  • जनअदालत में निर्माण मजदूर, छात्र, सब्जी विक्रेता, घरेलू महिलाओं, टेंपो चालकों ने सुनाई अपनी व्यथा.
  • कोरस ने ‘अंधेर नगरी रिटन्र्स’ नुक्कड़ नाटक के जरिए नोटबंदी की असलियत उजागर की.
  • पटना विश्वविद्यालय गेट पर आइसा की छात्र अदालत.  

cpi-ml-demand-modi-resignation
पटना 30 दिसबंर 2016, नोटबंदी से मची तबाही के 50 दिन पूरे होने पर आज भाकपा-माले ने राज्यव्यापी कार्यक्रम आयोजित किया. राजधानी पटना के कंकड़बाग में जनअदालत का आयोजन किया गया, तो आरा, सिवान, जहानाबाद आदि जगहों पर ‘जवाब दो’ मार्च आयोजित किया गया. अरवल व दरभंगा में भी जनअदालतों का आयोजन किया गया. पटना विश्वविद्यालय गेट पर आइसा ने छात्र अदालत लगायी. जनअदालतों के माध्यम से माले ने मोदी सरकार से इस्तीफे की भी मांग की है. कंकड़बाग टेंपो स्टैंड पर आयोजित जनअदालत में समाज के विभिन्न हिस्से के लोगों ने अपनी व्यथा रखी. सांस्कृतिक संगठन कोरस की प्रस्तुति ‘अंधेर नगरी रिटन्र्स’ से जनअदालत की शुरूआत हुई. नुक्कड़ नाटक ने नोटबंदी के असली कारणों को सहज अंदाज में जनता के समक्ष पेश किया. इस नुक्कड़ नाटक में मुख्य भूमिका समता राय, प्रशांत, राहुल, युसूफ आदि ने निभाई है.

तत्पश्चात जनअदालत की कार्रवाई की विधिवत शुरूआत हुई. ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि पिछले 50 दिन तबाही, बर्बादी और देश को पीछे धकेलने के दिन रहे हैं. उन्होंने कहा कि नोटबंदी का फैसला गरीबों, खासकर महिलाओं के लिए भारी आपदा साबित हुआ. नोटबंदी से काला धन, जाली नोट और आतंकवाद पर रोक लगने के दावे बिल्कुल झूठे साबित हो चुके हैं. इसने गरीबों की आजीविका के साधन बंद कर दिये हैं, यहां तक कि रोज का दाल-भात भी मुश्किल हो गया है. जो थोड़ी सी निजता और आर्थिक स्वायत्तता महिलाओं को हासिल थी, उसे भी खत्म कर दिया गया. यह पूरी तरह से आम जनता, गरीब-मजदूर, किसान, छोटे व्यवसायियों के खिलाफ और औद्योगिक घराने के हित में उठाया गया कदम है.

cpi-ml-demand-modi-resignation
ऐक्टू के राज्य सचिव व माले राज्य कमिटी सदस्य रणविजय कुमार ने कहा कि नोटबंदी ने मजदूर व मेहनतकश वर्ग और देश की अर्थव्यस्था पर बेहद नकारात्क असर डाला है. आज पूरे देश में शहर से गांव की ओर उल्टा पलायन हो रहा है. रोजगार छीन जाने की वजह से बाहर के प्रदेशों में काम करने वाले मजदूर बड़ी संख्या में बिहार वापस लौट रहे हैं. उनके परिवार के सामने जीवन-मरण का संकट उपस्थित हो गया है. इसकी वजह से मजदूरी दर में भी भारी गिरावट आयी है. न्यूनतम मजदूरी कानून मजाक बन गया है. उधार में काम और काम के अभाव में कम मजदूरी पर काम और यहां तक कि कैश की जगह वस्तु की मजदूरी नई परिघटना बन गयी है. ऐसी विकट परिस्थति उत्पन्न करने के लिए पूरी तरह से मोदी सरकार की सनक भरी नीतियां जिम्मेवार हैं. नोटबंदी के जरिए गरीबों पर जहां एक तरफ हमला किया गया है, वहीं दूसरी ओर पूंजीपतियों के लिए सरकार पैसा जुटाने में लगी है. 

कर्मचारी नेता रामबलि प्रसाद ने कहा कि मोदी ने कहा था कि अगर स्थिति सामान्य नहीं हुई तो देश की जनता उन्हें चैराहे पर जो भी सजा देगी, उसे भुगतने को वह तैयार हैं. अब यह साफ हो चुका है कि मोदी ने जनता से भारी गद्दारी की है और देश की जनता को लंबे समय के लिए बेरोजगारी के भारी संकट में डाल दिया है. देश के अर्थतंत्र को भी भारी नुकसान पहुंचा है. इसलिए हम सबको ‘मोदी हटाओ-रोटी बचाओ’ का नारा बुलंद करना होगा. जनअदालत में ऐपवा नेत्री अनुराधा देवी, सीपीआई नेता सुमंत कुमार, सब्जी विक्रेता सुरेश मेहता, निर्माण मजदूर श्याम सवा, आइसा नेता सुधीर कुमार, बीएन काॅलेज के छात्र प्रशांत व राहुल आदि ने भी अपने वक्तव्य रखे.

सभा का संचालन पार्टी की राज्य कमिटी सदस्य नवीन कुमार ने किया. जबकि मौके पर पटना नगर के सचिव अभ्युदय, पार्टी नेता नसीम अंसारी, मुर्तजा अली व अशोक कुमार, पन्नालाल सहित इलाके के सैकड़ों निर्माण मजदूर, फुटपाथ दुकानदार, टेंपो चालक व आम जनता शामिल थी. आइसा ने आयोजित की छात्र अदालत: वहीं, छात्र संगठन आइसा ने पटना विश्ववि़द्यालय गेट पर छात्र अदालत का आयोजन किया और नोटबंदी के जरिए मोदी सरकार पर देश को पीछे धकेलने का आरोप लगाया. हिरावल के संयोजक संतोष झा ने नोटबंदी पर आधारित कई रचनाओं का गान किया.

भाकपा ने बिहार की न्यायिक सेवाओं में 50 प्रतिशत आरक्षण का स्वागत किया

$
0
0
cpi-welcome-reservation-in-judiciary
पटना, 30 दिसम्बर। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिवमंडल ने बिहार की न्यायिक सेवाओं में 50 प्रतिषत आरक्षण लागू करने के राज्य मंत्रिमंडल के निर्णय का स्वागत करते हुए इसे सामाजिक न्याय की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण कदम बताया है। स्मरणीय है कि राज्य मंत्रिमंडल ने बिहार की न्यायिक सेवाओं के लिए होने वाली नियुक्तियों में 50 प्रतिषत आरक्षण लागू करने का प्रावधान किया है। नई व्यवस्था में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों का आरक्षण पूर्व की भांति क्रमषः 16 प्रतिषत और 1 प्रतिषत बरकरार रहेगा जबकि अतिपिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण सीमा पूर्व के 10 प्रतिषत से बढ़ाकर 21 प्रतिषत कर दी गयी है, साथ ही पिछड़ा वर्ग को भी आरक्षण के दायरे में शामिल करते हुए उसके लिए 12 प्रतिषत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। इस प्रकार बिहार राज्य की न्यायिक सेवा में आरक्षण लागू करने वाला दसवां राज्य बन गया है। 50 प्रतिषत आरक्षण संबंधी नये प्रावधान बिहार उच्चन्यायिक सेवा (संषोधन) नियमावली 2016 और बिहार असैनिक सेवा (न्याय शाखा) भत्र्ती संषोधन नियमावली 2016 में संषोधन करते हुए किया गया है। 
उक्त जानकारी देते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने बताया कि अब तक बिहार में न्यायिक सेवा नियुक्ति प्रक्रिया 1955 और 2005 की नियमावली से संचालित होती रही थी जिसे 2008 में राज्य सरकार ने संषोधित कर पिछड़े और अत्यंत पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण का प्रावधान करते हुए संषोधित किया। परंतु उसे उच्च न्यायालय ने इस आधार पर खारिज कर दिया कि विहित प्रक्रिया के तहत नियमावली संषोधन से पूर्व उससे परामर्ष नहीं किया था। राज्य सरकार ने उसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी जिसपर फैसला देते हुए उच्चतम न्यायालय ने अगस्त 2016 में कहा कि सरकार आरक्षण लागू करने से पूर्व हाई कोर्ट से परामर्ष कर ले। उसी की रोषनी में राज्य सरकार ने इस बार कैबिनेट की मंजूरी से पहले पटना उच्च न्यायालय और बिहार लोक सेवा आयोग से परामर्ष करने के उपरांत राज्य की न्यायिक सेवाओं (लोअर जुडिसियरी) में आरक्षण पर सहमति ले ली। इस प्रकार अब राज्य में अपर जिला न्यायाधीष और मंुसिफ मजिस्ट्रेट के 1075 पदों पर नियुक्ति में नई आरक्षण व्यवस्था लागू होने से सामाजिक न्याय की प्रक्रिया और आगे बढेगी जिसकी बिहारवासियों को लंबे काल से प्रतीक्षा थी । 

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 30 दिसंबर)

$
0
0
आयोग की सिफारिषों से बुजुर्गों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी-वरिष्ठ आयोग अध्यक्ष धर्माधिकारी

vidisha-news
विदिषा-30 दिसम्बर 2016/राज्य वरिष्ठ नागरिक कल्याण आयोग के अध्यक्ष व्हीजी धर्माधिकारी ने श्रीहरि वृद्धाश्रम का निरीक्षण किया। उन्होंने वृद्धाश्रम की सम्पूर्ण संचालन प्रक्रिया और गतिविधियों का बारीकी से अवलोकन किया। उन्होंने वृद्धजनों से बातचीत कर उनकी समस्याओं का निराकरण शीघ्र कराने का विष्वास दिलाया। इस अवसर पर आयोग अध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार वृद्धजनों के लिए अनेक योजनाएं चला रही है, जिनमें माता-पिता भरण-पोषण कानून का कठोरता से पालन सुनिष्चित किया जा रहा है। इस कानून के लिए उन्होंने जिला कमेटी की गतिविधियों की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि निराश्रित वृद्धजनों के पेंषन प्रकरणों का निराकरण कराने हेतु आयोग की नई अनुषंसाएं लागू होने से वृद्धजनों को बड़ी राहत तथा सुविधा मिलेगी। श्रीहरि वृद्धाश्रम के विस्तार हेतु उन्होंने संस्था अध्यक्ष श्रीमती इन्दिरा शर्मा को आष्वस्त करते हुए कहा कि विस्तार योजना शीघ्र क्रियान्वित की जाएगी। इस अवसर पर उन्होंने श्री हरि वृद्धाश्रम की प्रषंसा करते हुए कहा कि पीड़ित मानवता की सेवा में वृद्धाश्रमों का अनुकरणीय योगदान है। श्रीहरि वृद्धाश्रम एक उत्कृष्ट आश्रम है। इस अवसर पर सामाजिक न्याय विभाग के प्रभारी उप संचालक भूपेष गुप्ता सहित स्टाफ के अनेक अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। श्रीहरि वृद्धाश्रम के समन्वयक वेदप्रकाष शर्मा, सचिव केवी भट्ट एवं परामर्षदात्री समिति के सदस्य डाॅ. ओपी चैबे भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। 

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 30 दिसंबर)

$
0
0
लैंगिक अपराधों के लिए प्रशिक्षण शिविर 

sehore-news
लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 अंतर्गत बालक/बालिकाओं को अधिनियम के बारे मे जानकारी देने हेतु जिला षिक्षा एवं प्रषिक्षण संस्थान (डाइट) मे प्रषिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमे जिला महिला सषक्तिकरण अधिकारी श्रीमती रंजिता पटेल, प्राचार्य डाइट श्रीमती रजनी मालवीय एवं डाइट के समस्त षिक्षकों के साथ प्रषिक्षार्थी षिक्षक उपस्थित रहें। पाॅक्सो एक्ट 2012 की जानकारी देने हेतु विभाग द्वारा जिले के समस्त शासकीय विद्यालयों के प्राचार्यों , स्टाफ को अधिनियम की जानकारी दी जा रही है। एवं विद्यालय के बच्चों को जागरूक किये जाने हेतु प्रषिक्षित किया जा रहा है। सर्वप्रथम कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्जवलन कर की गई। इसके पष्चात सभी प्रतिभागीयों को एक्ट संबंधी साहित्य आदि वितरित किये गये।  जिला महिला सषक्तिकरण अधिकारी श्रीमती रंजिता पटेल ने लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के बारे मे जानकारी देते हुए बताया की यह अधिनियम 0 से 18 वर्ष तक की आयु के बालक बालिकाओं को लैेंगिक अपराधों से सुरक्षा प्रदान करता है। बालकों के शरीर के चार भाग (मुह, छाती, टांगो के बीच एवं पिछले हिस्से नितम्ब) पर केवल माता पिता ही छु सकते है एवं डाक्टर भी माता पिता के सामने ही छु सकता है। अन्य कोई छुता है तो वह असुरक्षित स्पर्ष होता है, इसका विरोध करें, अपने माता पिता को बताए। साथ ही चाईल्ड लाईन 1098, महिला हेल्प लाईन 1090, पुलिस डायल 100 आदि के बारे मे भी विस्तार से जानकारी दी। एवं लैंगिक अपराध के प्रकार, सजा व एक्ट के बारे मे विस्तृत जानकारी दी गई एवं पीडित को किस प्रकार से न्याय मिले व शासकीय इकाईया जैसे विषेष किषोर पुलिस इकाई, बाल कल्याण समिति, किषोर न्याय बोर्ड, आदि किस प्रकार से पीडित की सहायता करेंगी आदि के बारे मे भी जानकारिया प्रदान की। कार्यक्रम मे उपस्थित प्रषिक्षणार्थी षिक्षकों द्वारा विषय से संबंधित प्रष्न भी पूछे गये जिनका निराकरण भी किया गया।  

जिला पंचायत के समस्त सदस्यो को मिला कैशलेश लेनदेन का प्रशिक्षण, जिला पंचायत समान्य सभा की बैठक हुई आयोजित 
sehore news
जिला पंचायत सभा कक्ष मे सामान्य सभा की बैठक का आयोजन किया गया जिसमे समस्त सदस्यो को कैशलेश लेनदेन का प्रशिक्षण जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स द्वारा दिया गया। ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओ एवं ग्रामवासियो को कैशलेश लेनदेन के बारे मे जागरूक करने के लिए प्रशिक्षण के दौरान खण्ड स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स तथा जनप्रतिनिधियो के लिए प्रशिक्षण कार्य शाला आयोजित की गई। जिला सूचना अधिकारी राष्ट्रीय सूचना केन्द्र श्री संजय जोशी, परियोजना अधिकारी मनरेगा, श्री अशोक शर्मा एवं भारतीय स्टेट बैक के प्रतिनिधियो ने आधार आधारित भुगतान प्रणाली, नेट बैकिंग, यूनिफाइड पैमेन्ट सिस्टम, ई-बालेट, पीओएस, के माध्यम से कैशलेश लेनदेन का प्रशिक्षण दिया। 14वाॅ वित्त आयोग अंतर्गत प्राप्त राशि से अनुमत कार्यो को कराने के लिए सदस्यो से संबंधित निर्वाचित क्षेत्र मे विकास कार्यो के प्रस्ताव आमांत्रित किये गये। बैठक की अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमति उर्मिला मरेठा ने की उनके साथ उपाध्यक्ष श्री मोहन चेयरमेन एवं सदस्य, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डा. केदार सिंह तथा विभाग प्रमुख बैठक मे उपस्थित रहें।

जिला पंचायत के समस्त सदस्यों को मिला कैशलेश लेन-देन का प्रशिक्षण, समान्य सभा की बैठक संपन्न

sehore news
जिला पंचायत सभा कक्ष मे सामान्य सभा की बैठक का आयोजन किया गया जिसमें समस्त सदस्यो को कैशलेश लेन-देन का प्रशिक्षण जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स द्वारा दिया गया। ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओ एवं ग्रामवासियो को कैशलेश लेनदेन के बारे मे जागरूक करने के लिए प्रशिक्षण के दौरान खण्ड स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स तथा जनप्रतिनिधियो के लिए प्रशिक्षण कार्य शाला आयोजित की गई। जिला सूचना अधिकारी राष्ट्रीय सूचना केन्द्र श्री संजय जोशी, परियोजना अधिकारी मनरेगा, श्री अशोक शर्मा एवं भारतीय स्टेट बैक के प्रतिनिधियों ने आधार आधारित भुगतान प्रणाली, नेट बैकिंग, यूनिफाइड पैमेन्ट सिस्टम, ई-बालेट, पीओएस, के माध्यम से कैशलेश लेनदेन का प्रशिक्षण दिया। 14वाॅ वित्त आयोग अंतर्गत प्राप्त राशि से अनुमत कार्यो को कराने के लिए सदस्यों से संबंधित निर्वाचित क्षेत्र मे विकास कार्यो के प्रस्ताव आमांत्रित किये गये। बैठक की अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती उर्मिला मरेठा ने की तथा उनके साथ उपाध्यक्ष श्री मोहन चेयरमेन एवं सदस्य, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डाॅ. केदार सिंह तथा विभाग प्रमुख बैठक मे उपस्थित थे। 

नये साल में डिजिटल लेन-देन को बनायें आंदोलन : मोदी

$
0
0
create-digital-transactions-in-new-year-movement-modi
नयी दिल्ली 30 दिसम्बर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नये साल में देश की अर्थव्यवस्था को नकदीरहित बनाने के लिए लोगों से डिजिटल लेन-देन को एक आंदोलन में बदलने का आह्वान करते हुए आज कहा कि आधार पर आधारित मोबाइल भुगतान एेप ‘भीम’ इसमें क्रांतिकारी भूमिका निभायेगा। श्री मोदी ने यहां आयोजित डिजिधन मेला में भारत इंटरफेस मनी (भीम) ऐप की शुरुआत करते हुए कहा कि नोटबंदी के बाद देश की जनता ने अपनी बुराई से खुद लड़ने के लिए कष्ट सहा। वह दीमक की तरह फैली बेइमानी की बीमारी रोकने के लिए आगे आयी ताकि ईमानदारी का जीवन जीया जा सके। उन्होंने डिजिटल लेन-देन के लिए‘भीम’ को अपनाने पर बल देते हुए कहा कि पहले अनपढ़ व्यक्ति को अंगूठा छाप कहा जाता था लेकिन अब यही अंगूठा ही आपकी पहचान बनेगा और आने वाले दिनों में सब कारोबार इसी से होगा। यह भीम दुनिया के लिए सबसे बड़ा अजूबा होगा। इसका उपयोग बहुत ही आसान है और कोई भी व्यक्ति इसे डाउनलोड करके इसका प्रयोग कर सकता है।

झारखंड : ललमटिया हादसा , मृतकों की संख्या 11 हुई

$
0
0
11-dead-many-others-missing-in-the-worst-mine-cave-in-accident-after-creation-of-jharkhand
रांची/गोड्डा 30 दिसंबर, झारखंड के गोड्डा जिले में ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड(ईसीएल) की राजमहल परियोजना में ललमटिया के डीप माइन्स क्षेत्र भौणाय में कल रात हुई खदान धंसने से हुई दुर्घटना में मृतकों की संख्या बढ़कर 11 हो गयी है। ईसीएल के आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि दस शव बरामद कर लिये गये हैं। खदान के अंदर सात डंपर और तीन एक्सकवेटर फंसे हुए हैं। राष्ट्रीय आपदा राहत बल और खान सुरक्षा महानिदेशक की टीम घटनास्थल पर पहुंच कर राहत एवं बचाव कार्य चला रही है। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य चलाने का आदेश दिया है। गोड्डा खान दुर्घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड के मुख्यमंत्री से दूरभाष पर राहत कार्य की जानकारी प्राप्त की। दुर्घटना पर प्रधानमंत्री ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए राहत कार्य में हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है। इस बीच मुख्यमंत्री ने प्रत्येक मृतक के परिवारों को दो-दो लाख रूपये और घायलों को पच्चीस-पच्चीस हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। खान सुरक्षा महानिदेशालय के महानिदेशक राहुल गुहा ने दुर्घटना की जांच के लिए इस्टर्न जोन, सितारामपुर के उप महानिदेशक यू साहा के नेतृत्व में पांच सदस्यीय कमिटी गठित की है ।

जैन के ओएसडी के कार्यालय पर सीबीआई का छापा

$
0
0
jain-osd-offices-on-cbi-raids
नयी दिल्ली, 30 दिसम्बर, केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आज दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन के विशेष कार्याधिकारी(ओएसडी) के कार्यालय पर छापा मारा । ब्यूरो ने डाक्टर निकुंज अग्रवाल को ओएसडी नियुक्त करने में कथित अनियमितताओं के कारण कल प्राथमिकी दर्ज की थी और यह छापा उसी सिलसिले में मारा गया है । श्री जैन के खिलाफ दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग के उप सचिव के.एस. मीणा की शिकायत पर यह छापा मारा गया है। इस शिकायत को अब प्राथमिकी में शामिल कर लिया गया है। यमुना पार स्थित चाचा नेहरू बाल चिकत्सालय के निदेशक अनूप मोहटा और डॉ अग्रवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के प्रावधान के तहत कथित आपराधिक षड्यंत्र के अारोप में यह मामला दर्ज किया गया है । दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता बिजेन्द्र गुप्ता का आरोप है कि डॉ अग्रवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के रिश्तेदार हैं। सतर्कता विभाग ने अपनी शिकायत में कहा है कि डॉ अग्रवाल को चाचा नेहरू बाल चिक्तसालय में तदर्थ आधार पर 10 अगस्त 2015 को हड्डी विभाग में सीनियर रेजींडेंट(एसआर) नियुक्त किया गया था। हालांकि इसके लिए कोई प्रस्ताव नहीं किया गया और न ही यह पद उपलब्ध था। अस्प्ताल ने डॉ अग्रवाल को एसआर चयन के मामले में कोई विज्ञापन भी नहीं निकाला था। इस पद के लिये कोई इंटरव्यू भी नहीं हुआ था। डॉ अग्रवाल ने पिछले साल छह अगस्त को हाथ से लिखकर आवेदन किया था। शिकायत में आरोप लगाया है कि बिना किसी प्रक्रिया को पूरा किये उनकी नियुक्ति कर दी गयी । नियुक्ति के कुछ दिन बाद ही डाॅ अग्रवाल को श्री जैन का ओएसडी बना दिया गया जबकि अस्पताल में कार्यरत एसआर को और किसी काम पर नहीं लगाया जा सकता । इस मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केन्द्र सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि वह किसी जांच से डरने वाले नहीं है। ब्यूरो ने कई अज्ञात लोगों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की है और गलत तरीके से नियुक्ति के मामले में कुछ लोगों के खिलाफ भी जल्द ही कार्रवाई कर सकती है ।

चीन ने मसूद अज़हर को आतंकवादी घोषित करने के भारत के प्रयास को फिर रोका

$
0
0
china-blocks-india-s-move-at-un-to-get-masood-azhar-as-designated-terrorist
नयी दिल्ली, 30 दिसंबर, चीन ने पठानकोट हमले के मुख्य सूत्रधार एवं जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर को प्रतिबंधित करने के भारत के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 प्रतिबंध समिति में पुन: वीटो लगा दिया है। संयुक्त राष्ट्र के इस पंद्रह सदस्यीय निकाय में चीन एकमात्र ऐसा देश है जिसने 31 मार्च को भारत के प्रस्ताव पर इस साल के अंत तक की रोक लगा दी थी। भारत ने चीन के निर्णय पर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा है कि चीन का यह कदम हैरानी भरा है क्योंकि चीन स्वयं भी आतंकवाद से पीड़ित है और उसने आतंकवाद के हर रूप में विरोध करने घोषणा की है। उसके इस निर्णय से सुरक्षा परिषद एक बार फिर घोषित आतंकवादी संगठन के सरगना के विरुद्ध कार्रवाई नहीं कर पाया।

सरकार ने आईओए की मान्यता निलंबित की

$
0
0
government-suspends-recognition-of-ioa
नयी दिल्ली ,30 दिसंबर, सरकार ने सुरेश कलमाडी और अभय चौटाला को भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) का आजीवन अध्यक्ष बनाये जाने के विवादास्पद मामले में शुक्रवार को कड़ा कदम उठाते हुये आईओए की मान्यता को तब तक के लिये निलंबित कर दिया जब तक कि आईओए अपना फैसला नहीं बदलता। सरकार ने इस मामले में 28 दिसंबर को आईओए को कारण बताओ नोटिस जारी किया था और आईओए को आज शाम पांच बजे तक इस कारण बताओ नोटिस का जवाब देना था। आईओए ने इस नोटिस का जवाब देने के लिये 15 जनवरी 2017 तक का समय मांगा लेकिन सरकार इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुयी और उसने आईओए की मान्यता को निलंबित कर दिया।

सिंगापुर के साथ दोहरा कराधान बचाव संधि संशोधित

$
0
0
double-taxation-rescue-agreement-with-singapore
नयी दिल्ली 30 दिसंबर, भारत और सिंगापुर ने आज संशोधित दोहरा कराधान बचाव संधि पर हस्ताक्षर किये जिसके तहत सिंगापुर के रास्ते आने वाले निवेश पर भारत में पूँजीगत लाभ पर कर लगेगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस संशोधित संधि पर हस्ताक्षर किये जाने के बाद संवाददाताओं से कहा कि देश का कालाधन सिंगापुर, मॉरिशस और साइप्रस के रास्ते आ रहा था और इन देशों के साथ पूर्व में किये गये दोहरा कराधान बचाव संधि की वजह से उस निवेश पर होने वाले लाभ पर कर नहीं लगता था। मोदी सरकार ने एक वर्ष के भीतर इन तीनों देशों के साथ दशकों पहले हुयी संधिओं को संशोधित कर देश के कालेधन को बाहर भेजकर फिर से निवेश के रूप में वापस लाने के खेल पर रोक लगाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि मॉरिशस के साथ संधि को मई महीने में संशोधित किया गया था जबकि साइप्रस के साथ संधि नवंबर में संशोधित हुयी है। अब सिंगापुर के साथ संधि संशोधित की गयी है। मॉरिशस के साथ संधि को वर्ष 1996 से संशोधित करने की कोशिश की जा रही थी। उन्होंने कहा कि संशोधित संधि के तहत 31 मार्च 2017 तक होने वाले निवेश पर पूँजीगत लाभ कर नहीं लगेगा। लेकिन, 01 अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2019 के दौरान होने वाले पूँजीगत लाभ पर 50 फीसदी कर लगेगा जबकि 01 अप्रैल 2019 से घरेलू दर से पूर्ण पूँजीगत लाभ कर लगेगा। उन्होंने कहा कि कालेधन के विरुद्ध जारी लड़ाई को आगे बढ़ाते हुये इस वर्ष नवंबर में स्विटजरलैंड के साथ सूचनाओं के आदान-प्रदान का करार किया गया है। इसके तहत वर्ष 2018 में स्विटजरलैंड में किसी भी तरह से किये जाने पर निवेश या जमा के बारे में वर्ष 2019 से जानकारी मिलने लगेगी।
Viewing all 74285 articles
Browse latest View live




Latest Images