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अरुणाचल के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री एवं पांच विधायक पार्टी से निलंबित

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ईटानगर 30 दिसम्बर, अरुणाचल प्रदेश में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम के तहत पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल(पीपीए) ने मुख्यमंत्री पेमा खांडू, उपमुख्यमंत्री चावना मीन सहित पांच विधायकों को कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया है। पार्टी सूत्रों ने आज यहां बताया कि कल जारी यह निलंबन आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। निलंबित विधायकों में जाम्बे ताशि, पी डी सोना, सी टी मेइन, जगनू नामचुन और कामलुंग मोस्सांग शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के 44 कांग्रेसी विधायकों में से 43 विधायक गत 16 सितम्बर को पार्टी छोड़कर पीपीए में शामिल हो गये थे। पीपीए में शामिल हुये इन विधायकों में श्री खांडू मुख्यमंत्री और श्री मीन उपमुख्यमंत्री बनाये गये थे। सूत्रों के मुताबिक 36 पीपीए विधायकों की आज यहां बैठक होगी, जिसमें पार्टी के विधायक दल का नया नेता चुना जायेगा।

उर्जित पटेल की क्षमता पर उठाए चिदंबरम ने सवाल

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नयी दिल्ली 30 दिसंबर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर उर्जित पटेल की क्षमता पर सवाल उठाते हुए आज कटाक्ष किया कि उन्हें महज 62 दिन में भारतीय अर्थव्यवस्था की ‘गहरी’ समझ आ गयी। श्री चिदंबरम ने यहां पार्टी मुख्यालय में पार्टी की नियमित ब्रीफिंग के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि पिछले 20 वर्ष के दौरान डॉ सी रंगराजन, डॉ बिमल जालान, डॉ वाई वी रेेड्डी, डॉ डी सुब्बाराव और डॉ रघुराम राजन आरबीआई के गवर्नर रहे हैं और इन सबका कार्यकाल तीन वर्ष से पांच वर्ष का रहा है। ये सभी भारतीय अर्थव्यवस्था के गहरे जानकार माने जाते हैं। नोटबंदी का निर्णय करने पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि रिजर्व बैंक के किसी गवर्नर को भारतीय अर्थव्यवस्था में बदलाव करने के लिए नोटबंदी की जरूरत नहीं पड़ी लेकिन डॉ पटेल ने पद संभालने के 62 दिनों के बाद ही यह फैसला कर लिया। डॉ पटेल ने चार सितंबर 2016 को आरबीआई के गवर्नर का पद संभाला था। नोटबंदी का फैसला आठ नवंबर को लिया गया। श्री चिदंबरम ने दावा किया कि आठ नवंबर को आरबीआई के निदेशक मंडल की सिर्फ 30 मिनट की बैठक में नोटबंदी का फैसला किया गया। उन्हाेंने आशंका व्यक्त की कि इसमें निर्धारत प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। कांग्रेस नेता ने कहा कि आरबीआई की इस बैठक का ब्योरा सार्वजनिक किया जाना चाहिए।

हम ‘चुहिया’ ही पकड़ना चाहते थे : मोदी

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नयी दिल्ली 30 दिसंबर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां नये साल पर डिजिटल भुगतान के लिए देशवासियों को अगूंठे पर आधारित मोबाइल ऐप भारत इंटरफेस फॉर मनी (भीम) का तोहफा दिया वहीं घोटालों के लिए पूववर्ती संप्रग सरकार पर जमकर निशाना भी साधा। श्री मोदी ने आज यहां आयाेजित डिजिधन मेले में इस ऐप का शुभारंभ करने के बाद अपने संबोधन में हर देशवासी से नये साल की शुरूआत से कम से कम पांच डिजिटल लेनदेन करने की अपील की । उन्होंने कहा कि आने वाले दो हफ्तों में डिजिटल लेनदेन के लिए आधार कार्ड पर आधारित ऐप भीम पूरी तरह शुरू हो जाएगा। इसके लिए इंटरनेट की भी जरूरत नहीं होगी । उन्होंने कहा कि नये वर्ष में देशवासियों के लिए यह सर्वोत्तम नजराना होगा 1 उन्होंने कहा कि पहले अगूंठे की छाप अनपढ़ों की पहचान थी लेकिन अब यह अगूंठा ही क्रांति लायेगा । भीम डिजिटल क्रांति लायेगा और परिवार की महासत्ता बनेगा । कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा उन पर लगाये जा रहे निजी भ्रष्टाचार के आरोपों का उल्लेख किये बगैर प्रधानमंत्री ने पूर्ववती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के समय हुए घोटालों पर निशाना साधते हुए कहा कि एक वक्त था जब यह चर्चा होती थी कि काेयले में कितना गया, टू जी में कितना गया लेकिन उनकी सरकार के समय यह चर्चा हो रही है कि बैंकों में कितना धन आ रहा है । नोटबंदी पर पूर्व वित्त मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम का नाम लिये बगैर उनके इस बयान पर कि खोदा पहाड़ निकली चुहिया , श्री मोदी ने चुटकी लेते हुए कहा,“ दरअसल हम चुहिया को ही पकड़ना चाहते थे । यह चुहिया ही सबकुछ चट कर जाती थी । गरीबों का हक मारने वाली चुहिया को ही पकड़ने का काम चल रहा है और यह काम अपनी गति से चल रहा है ।” डिजिटल भुगतान को लेकर संदेह व्यक्त कर रहे लोगों को आड़े हाथों लेते हुए श्री मोदी ने कहा कि निराशावादियों के लिए उनके पास कोई औषधि नहीं है और आशावादियों के लिए हजारों अवसर हैं ।

अखिलेश को निकालने का ‘मुलायम’ ने लिया ‘कठोर’ फैसला

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लखनऊ 30 दिसम्बर, समाजवादी पार्टी (सपा) से मुख्यमंत्री और अपने पुत्र अखिलेश यादव को छह वर्ष के लिए निष्कासित कर ‘मुलायम सिंह यादव’ ने आज भारी मन से ‘कठोर’ निर्णय ले लिया। सपा अध्यक्ष ने महासचिव राम गोपाल यादव को भी छह वर्ष के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। मुख्यमंत्री के सपा से निष्कासन के बाद राज्य में संवैधानिक संकट जैसी स्थिति पैदा होने का खतरा पैदा हो गया है, क्योंकि अखिलेश यादव जिस पार्टी के विधानमण्डल दल के नेता हैं, उसी से निकाल दिये गये हैं। उधर, राज्यपाल राम नाईक ने ‘यूनीवार्ता’ से फोन पर कहा, “मैं स्थिति पर पूरी नजर रख रहा हूं। सपा का अन्दरुनी मामला है। अभी संवैधानिक संकट जैसी स्थिति नहीं पैदा हुई है।” मुख्यमंत्री के सपा से निष्कासन के बाद उनसे मिलने जाने वाले विधायकों और मंत्रियों की संख्या देखते हुए यह कहा जाने लगा है कि पार्टी का अब दो फाड़ होना तय है। दूसरी आेर विधि विशेषज्ञों के अनुसार पार्टी जब तक अखिलेश यादव को विधानमण्डल दल के नेता पद से नहीं हटाती तब तक किसी तरह के संवैधानिक संकट की गुंजाइश नहीं है। राज्य विधानसभा में सपा के विधायकों की संख्या 229 है। बहुमत के लिए सदन के कुल 404 सदस्यों में से 203 का समर्थन जरुरी है। अब सवाल यह भी उठता है कि क्या किसी पार्टी से निष्कासित मुख्यमंत्री उसी पार्टी के विधानमण्डल दल का नेता बने रह सकता है। अखिलेश यादव के कुछ निर्णयों से क्षुब्ध चल रहे सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की मुख्यमंत्री द्वारा उम्मीदवारों की अपनी सूची जारी कर देने से विवाद और बढ गया। पार्टी अध्यक्ष ने इसे अपने अधिकार क्षेत्र में दखल माना और अनुशासनहीनता के आरोप में अखिलेश यादव को छह वर्ष के लिए पार्टी से निकालने का फैसला कर लिया। 

दूसरी ओर, स्थिति पर विचार विमर्श करने के लिए दोनो खेमों ने कल अलग-अलग बैठक बुला ली है। मुलायम सिंह यादव ने घोषित सभी 393 उम्मीदवारों को कल यहां साढे दस बजे बुलाया है जबकि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने सरकारी आवास पर सुबह साढे नौ बजे विधायकों से मिलेंगे। इससे पहले पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव द्वारा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सपा महासचिव को अनुशासनहीनता के आरोप में कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसके तत्काल बाद अखिलेश यादव के खेमे ने एक जनवरी को पूर्वाह्न 11 बजे पार्टी की राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन बुलाया लिया। सपा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को नोटिस देकर यह पूछा था कि विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी उम्मीदवारों की सूची उन्होंने किस अधिकार से जारी की है क्योंकि यह अधिकार पार्टी अध्यक्ष का होता है जबकि प्रो0 राम गोपाल यादव को मीडिया में बयान देने की वजह से कारण बताओ नोटिस थमायी गयी है। टिकट बंटवारे को लेकर यादव परिवार में बढी रार के हल के लिए मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच कई दौर की बैठकेें हुईं। मुलायम सिंह यादव ने प्रो0 राम गोपाल यादव द्वारा बुलाये गये राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन को असंवैधानिक करार देते हुए कार्यकर्ताओं और नेताओं से उसमें नहीं आने की अपील की। 

अपनी स्थापना के बाद से सर्वाधिक संक्रमण काल से गुजर रही सपा के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव प्रो0 राम गोपाल यादव पर काफी नाराज दिखे। उन्होंने राम गोपाल यादव पर अखिलेश यादव के भविष्य को खत्म करने का आरोप तक लगा डाला। उनका कहना था कि राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन अध्यक्ष ही बुला सकता है। भारी मन से अपने बेटे को पार्टी से निष्कासित करने के बाद उन्होंने कहा, “मैंने अखिलेश को सीएम बनाया। दूसरे को सीएम कौन बनाता है। मैंने अपनी कुर्सी दे दी लेकिन राम गोपाल के साथ इसने अपना भविष्य खत्म कर दिया। वह कुछ समझ ही नहीं पा रहा।” उधर, प्रो0 राम गोपाल यादव ने अपने और मुख्यमंत्री के पार्टी से निष्कासन को गलत करार दिया और कहा कि सही तथ्यों के आधार पर कार्रवाई नहीं हुई है। उनका कहना था कि शीर्ष स्तर पर बैठे नेता जब अपना काम सही ढंग से न करें तो आपात स्थिति में प्रतिनिधि सम्मेलन बुलाना ही पड़ता है। मुख्यमंत्री के पार्टी से निष्कासन के बाद अखिलेश यादव के सरकारी आवास पर उनके समर्थकों की भीड़ इकट्ठा हो गयी। निष्कासन के खिलाफ दो समर्थकों ने आत्मदाह करने की भी कोशिश की। सैकड़ों की संख्या में जुटे अखिलेश समर्थकों ने सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कुछ ने मुलायम सिंह यादव को भी नहीं बख्शा। मुलायम सिंह यादव के खिलाफ भी खूब हो हल्ला मचाया। दूसरी ओर, शिवपाल समर्थकों ने कहा कि पार्टी में नेताजी सर्वोपरि हैं उनका निर्णय सभी को मानना ही पड़ेगा। मुलायम सिंह यादव ने कड़े संघर्ष के बाद पार्टी खडी की है। अनुशासनहीनता करने वालों के कार्रवाई होनी ही चाहिए। शिवपाल समर्थक अखिलेश यादव के बजाय राम गोपाल यादव पर ज्यादा नाराज दिखे। उनका कहना था कि प्रो़ राम गोपाल जब-जब लखनऊ आते हैं इस तरह का बखेड़ा खड़ा ही हो जाता है। इस राजनीतिक गहमगहमी को देखते हुए पूरे सूबे में हाई अलर्ट कर दिया गया है। राज्य के पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) दलजीत चौधरी ने कहा कि राजनीतिक हालात को देखते हुए सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को सतर्क रहने के निर्देश दिये गये हैं। किसी भी घटना के आशंका के मद्देनजर राजभवन, मुख्यमंत्री आवास, मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव के आवास के आसपास बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात कर दिये गये। इनमें से कुछ स्थानों पर कमाण्डों भी तैनात देखे गये। 

नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था को गहरा आघात : लालू

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पटना 30 दिसम्बर,  नोटबंदी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव का ट्वीट वार जारी है और इस कड़ी में आज एक बार फिर उन्होंने प्रधानमंत्री पर देश की अर्थव्यवस्था को गहरा आघात लगाने का आरोप लगाया है। श्री यादव ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर अपने ख़ास अंदाज में कहा , “ यदि हमारे शरीर से फेफड़े, किडनी, लीवर से अधिकांश खून निकाल लिया जाये तो क्या हम जिंदा रह सकते हैं ? कुछ ऐसा ही हुआ है हमारी अर्थव्यवस्था का। ”एक अन्य ट्वीट में लालू ने हिंदी और अंग्रेजी मिश्रित भाषा में कहा कि सेंसलेस प्रपंचों से हो रही ‘इंडलेस’ दिक्कतों को दबाने के लिये ‘कैशलेस’ जैसी बेसलेस बात कर रहे हैं, ही शुड बी रियलिस्टिक। उल्लेखनीय है कि आठ नवम्बर की मध्य रात्रि से देश में नोटबंदी की घोषणा के बाद से ही राजद अध्यक्ष ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री और केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के खिलाफ लगातार हमलावर रुख अपना रखा है। इससे पूर्व गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में श्री यादव ने कहा था कि नोटबंदी के 50 दिन बाद भी प्रधानमंत्री का शिगूफा पूरी तरह फेल हो गया है। आम लोगों को परेशानियों से निजात दिलाने के लिये प्रधानमंत्री ने जो मोहलत मांगी थी, वह पूरी हो गयी। प्रधानमंत्री कालाधन वापस लाने की जगह अपना चेहरा बचाने के लिये कई किस्म के प्रपंच कर रहे हैं।

बिहार में मनोरंजन कर में वृद्धि के खिलाफ टीवी केबल ऑपरेटरों ने प्रसारण रखा बंद

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पटना 30 दिसम्बर, बिहार सरकार के मनोरंजन कर में वृद्धि किये जाने के विरोध में आज छह घंटे के लिये टीवी केबल ऑपरेटरों ने राज्यव्यापी प्रसारण बंद रखा । केबल टीवी ऑपरेटर एसोसिएशन के प्रवक्ता ने यहां बताया कि मनोरंजन कर में किये गये वृद्धि के विरोध में आज रात आठ बजे तक केबल का प्रसारण छह घंटे के लिये बंद किया गया है । उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मनोरंजन कर 15 रूपये से बढाकर 50 रूपये कर दिया है और ऐसे में राज्य के 12 हजार केबल ऑपरेटरों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है । इसी को देखते हुए यह कदम उठाना पड़ा है । ऐसोसिएशन के प्रवक्ता ने कहा कि यदि इसके बाद भी सरकार सहानुभूति पूर्वक विचार नहीं करती है तो आठ जनवरी से केबल ऑपरेटर अनिश्चतकालीन हड़ताल पर जाने के लिये मजबूर होंगे । मनोरंजन कर में वृद्धि के कारण टेलीकॉम रेगुलेटरी ऑर्थोरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई )के 130 रूपये के पैकेज में (100चैनल) केबल ऑपरेटर दिखा नहीं पायेंगे । उन्होंने कहा कि बिहार को छोड़कर झारखंड , पश्चिम बंगाल और गुजरात जैसे राज्यों में मनोरंजन कर काफी कम है। केबल ऑपरेटरों के प्रसारण बंद किये जाने से राज्य के दस लाख घरों में टीवी पर कोई भी कार्यक्रम नहीं देखा जा सका गया । प्रसारण बंद होने से घर के लोग न तो मनपसंद धारावाहिक देख पाये और न ही बच्चें अपना मनपसंद कार्टून ही देख सके । 

बिहार में भारी मात्रा में शराब बरामद ,तीन गिरफ्तार

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पटना 30 दिसंबर, बिहार में पूर्ण शराबबंदी को सफल बनाने के लिए चलाये जा रहे विशेष अभियान के तहत पुलिस ने आज राज्य के विभिन्न जिलों से तीन लोगों को गिरफ्तार कर भारी मात्रा में शराब बरामद किया। जमुई से मिली जानकारी के अनुसार जिले के जमुई आदर्श थाना के बोधबन तालाब के निकट संदेह के आधार पर एक पिकअप वैन की तलाशी ली गयी। पुलिस अधीक्षक जयंतकांत ने बताया कि तलाशी के दौरान वैन से 32 बैग में बंद 6400 पाउच देशी शराब बरामद किया गया । बरामद शराब झारखंड निर्मित है । मौके से पुलिस ने वाहन के चालक को गिरफ्तार कर लिया है जिससे पूछताछ की जा रही है। बेगूसराय से यहां प्राप्त समाचार के अनुसार जिले के फुलवरिया थाना क्षेत्र से पुलिस ने आज 150 कार्टन विदेशी शराब बरामद किया है । सूचना मिली थी कि गौरा गांव में ईट भट्ठे पर विदेशी शराब की एक बड़ी खेप रखी हुई है । इसी आधार पर पुलिस ने छापेमारी कर 150 कार्टन विदेशी शराब बरामद किया । छापेमारी की भनक मिलते ही भट्ठा मालिक सुजीत सिंह फरार हो गया । मुजफ्फरपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार मुजफ्फरपुर जिले के मरीचा गांव के निकट एक ट्रक से 155 कार्टन विदेशी शराब के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है । सूचना मिली थी कि मनियारी थाना क्षेत्र के मरीचा गांव के निकट एक ट्रक से भारी मात्रा में विदेशी शराब उतारा जा रहा है जिसके बाद पुलिस ने छापेमारी कर ट्रक पर लदे 155 कार्टन विदेशी शराब के साथ ही मिराजुद्दीन और हृदन राय को गिरफ्तार कर लिया । ट्रक को जब्त कर लिया गया है । वहीं दरभंगा से मिले समाचार के अनुसार जिले के सदर थाना क्षेत्र के खूंटवाड़ा गांव के समीप से पुलिस गश्ती दल ने 49 बोतल नेपाली शराब बरामद किया है। अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (सदर) दिलनवाज अहमद ने बताया कि गश्ती दल को देखते ही तस्कर शराब के भरे थैले को बीच सड़क पर छोड़कर फरार हो गये। तलाशी के दौरान थैले से 49 बोतल नेपाली शराब बरामद की गयी है। 

झारखंड में डिजिधन मेला 01 जनवरी को

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रांची 30 दिसम्बर, केन्द्र सरकार, नीति आयोग और सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सौजन्य से रांची में डिजिधन मेला का आयोजन 01 जनवरी को होगा। मुख्यमंत्री के सचिव सुनील कुमार बर्णवाल ने आज यहां बताया कि इस मेले के उदघाटन के समय मुख्यमंत्री रघुवर दास, केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, कृषि राज्य मंत्री सुदर्शन भगत मौजूद रहेंगे। उन्होंने कहा कि इस मेले के आयोजन का मुख्य उद्देश्य डिजिटल ट्रांजेक्शन को प्रोत्साहित करना है। साथ ही आम जनता को इसका लाभ पहुंचाना है। इस मेले में लकी ग्राहक योजना के अंतर्गत उन ग्राहकों को पुरस्कृत किया जायेगा, जिन्होंने डिजिटल ट्रांजेक्शन का सर्वाधिक उपयोग किया है। श्री बर्णवाल ने बताया कि इसी मेले में डिजिटल व्यापार योजना के तहत उन व्यवसायियों को पुरस्कृत किया जायेगा, जिन्होंने अपने व्यवसाय के क्षेत्र में डिजिटल ट्रांजेक्शन का सर्वाधिक उपयोग किया है। इसी से संबंधित बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती पर 14 अप्रैल को इसका बंपर ड्राॅ भी निकाला जायेगा। भारत सरकार चाहती है कि देश के लोग ज्यादा से ज्यादा डिजिटल ट्रांजेक्शन का उपयोग करें और राज्य सरकार इस मुहिम में बढ़.चढ़कर हिस्सा ले रही है। उन्होंने कहा कि मेले में लकी ग्राहक योजना एवं डिजिधन व्यापार योजना का परिणाम एनपीसीआई द्वारा घोषित किया जायेगा। साथ ही 1000 वीएलई के माध्यम से उपस्थित लोगों को कैशलेस की ट्रेनिंग दी जायेगी। इस मेले में बैंक, फर्टिलाइजर कंपनी, वित्तीय संस्थान एवं टेलीकॉम कंपनियां हिस्सा लेंगी। 

श्री बर्णवाल ने कहा कि राज्य की भौगोलिक स्थिति के अनुसार डिजिटल कनेक्शन को बहाल करना सामान्य काम नहीं। फिर भी राज्य ने डिजिटल ट्रांजेक्शन के क्षेत्र में बेहतर माहौल बनाया है और खुशी इस बात की है डिजिटल ट्रांजेक्शन के क्षेत्र में झारखण्ड ने उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि कैशलेस झारखण्ड मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत के 40 लोगों तथा 10 दुकानदारों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। लेकिन, इस दिशा में झारखण्ड ने लक्ष्य के विपरीत प्रत्येक पंचायत में 651 प्रतिशत अधिक लोगों एवं दुकानदारों को प्रशिक्षित किया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में उपलब्धि के लिहाज से झारखण्ड पूरे देश में अव्वल है। इस तरह पूरे देश में झारखण्ड का योगदान 10 प्रतिशत है। श्री बर्णवाल ने कहा कि झारखण्ड सरकार बैंक, वित्तीय संस्थान और टेलीकॉम ऑपरेटरों के साथ मिलकर कैशलेस मुहिम को आगे बढ़ा रही है। बैंकों को रूपे कार्ड बांटने तथा उसे एक्टिवेट करने को कहा गया है। जिससे सभी जनधन खाताधारक अपने कार्ड के माध्यम से खरीददारी कर सकेंगे। साथ ही बेहतर कनेक्टिविटी के लिए 782 मोबाइल टावर पर वाईफाई लगाने का फैसला लिया गया है। इससे लगभग 2000 गांवों को अच्छी कनेक्टिविटी मिलेगी। 

शराबबंदी लोगों की भलाई सोचकर लागू किया : नीतीश

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लखीसराय 30 दिसम्बर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी को प्रदेशवासियों की भलाई के लिए लागू किया कदम बताया और कहा कि शराबबंदी ने सूबे में नई सामाजिक क्रांति का सूत्रपात किया है। श्री कुमार ने आज यहां निश्चय यात्रा के क्रम लखीसराय में आयोजित चेतना सभा को संबोधित करते हुये कहा , “ शराबबंदी का लाभ लोग देख रहे हैं। पहले जो पति शराब पीकर घर आते थे, वे अब शराब बंद होने के बाद मुस्कुराते हुये घर आते हैं और साथ में जरुरी सामान भी लाते हैं। शराबबंदी लागू होने के बाद आज सब जगह शांति एवं प्रेम का माहौल हैं। अकेले कानून से कोई चीज को पूरी तरह से नियंत्रित नहीं की जा सकती बल्कि इसके लिये जन चेतना आवश्यक है। ” मुख्यमंत्री ने सरकार के सात निश्चय की चर्चा करते हुए कहा कि सात निश्चय को महागठबंधन के साझा कार्यक्रम में शामिल किया गया। सरकार बनने के बाद सात निश्चय के कार्यक्रमों को लागू करने के लिये योजनायें बनायी गयी। सात निश्चय को सरकारी कार्यक्रम के रूप में स्वीकार किया गया। सात निश्चय योजना को किस प्रकार लागू करना है, इस संदर्भ में विभिन्न पहलुओं पर गहन चिन्तन कर विभिन्न योजनाओं का सूत्रण किया गया जिसके बाद इस पर अमल शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि सात निश्चय की सभी योजनायें सार्वभौमिक है। इसमें समाज के किसी तबके, किसी इलाके और किसी भी परिवार को नहीं छोड़ा गया है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चय में से युवाओं के लिये पांच अव्यव हैं। उन्होंने कहा कि 12वीं से आगे पढ़ने वाले इच्छुक युवाओं के लिये स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड योजना लागू की गयी है, जिसमें चार लाख रूपये तक का क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराया जायेगा। जिन युवाओं में आगे पढ़ने की रूचि नहीं है और रोजगार तलाश रहे हैं, ऐसे 20 से 25 साल के युवाओं को रोजगार तलाशने के लिये दो साल तक एक हजार रूपये प्रतिमाह स्वयं सहायता भता दिया जायेगा। श्री कुमार ने कहा कि रोजगार पाने के लिये बहुत जरूरी है कि कम्प्यूटर पर काम करने का ज्ञान हो। साथ ही साथ उन्हें हिन्दी एवं अंग्रेजी बोलना आता हो तथा उनका व्यवहार अच्छा हो। युवाओं के क्षमतावर्द्धन के लिये कुशल युवा कार्यक्रम तैयार किया गया है। इसके तहत युवाओं के क्षमतावर्द्धन के लिये कम्प्यूटर ज्ञान, संवाद कौशल एवं व्यवहार कौशल का प्रशिक्षण दिया जायेगा। कुछ युवा अपने बलबूते पर रोजगार एवं उद्योग लगाना चाहते हैं। ऐसे उद्यमी युवाओं को मदद करने के लिये पांच सौ करोड़ रूपये का कैपिटल वेंचर फंड बनाया गया है। मुख्यमंत्री ने वर्तमान दौर को इंटरनेट का दौर बताया और कहा कि आज इंटरनेट पर सबकुछ आसानी से उपलब्ध है । आज जो किताबें आपके पास नहीं है, आप उन्हें इंटरनेट के माध्यम से डाउनलोड कर सकते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुये सभी सरकारी महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में फरवरी से मुफ्त वाई-फाई की सुविधा दी जायेगी। उन्होंने छात्रों का आह्वान करते हुए कहा कि इस सुविधा का सही उपयोग कीजियेगा, ज्ञान की बातें ही डाउनलोड कीजियेगा। 

श्री कुमार ने कहा कि सरकार के सात निश्चयों में से एक निश्चय था ,महिलाओं को सभी सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण देने का। उन्होंने कहा कि 20 नवम्बर को सरकार बनी और दो माह के अंदर 20 जनवरी 2016 से इस योजना को लागू कर सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दे दिया गया है। उन्होंने शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि शिक्षा के बिना विकास संभव नहीं है। शिक्षा के प्रति आज सूबे में लोगों की मानसिकता बदली है। शिक्षा के बिना कोई आगे नहीं बढ़ सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाकी चार निश्चय हर घर नल का जल, हर घर शौचालय निर्माण, हर घर बिजली लगातार, पक्की गली-नाली योजना का क्रियान्वयन शुरू हो गया है। यदि पीने के लिये शुद्ध पानी उपलब्ध हो तथा खुले में शौच मुक्त हों तो नब्बे प्रतिशत बीमारियां स्वतः दूर हो जायेगी। उन्होंने कहा कि हर गांव के गली का पक्कीकरण और नाली का निर्माण कराया जायेगा। हर घर बिजली का कनेक्शन दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि चार साल के अंदर सरकार हर घर में नल का पानी पहुंचा देगी। उन्होंने लोगों से सात निश्चय की योजनाओं और लोक शिकायत निवारण कानून का फायदा उठाने की अपील की। इससे पूर्व चेतना सभा की शुरूआत शराबबंदी पर आधारित अभियान गीत से हुयी। सभा को जल संसाधन, योजना एवं विकास मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, ग्रामीण विकास, संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार समेत अन्य लोगों ने भी संबोधित किया। 

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 30 दिसंबर)

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विधायक ने पिटोल में 31 करोड 44 लाख के निर्माण कार्यो की दी सौगात
  • बच्चे अपने पालकों के विश्वास पर खरा उतरन का प्रयास करें- शांतिलाल बिलवाल

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झाबुआ ।  विधानसभा क्षेत्र के पिटोल में आज प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान के द्वारा 4 सौगाते एक साथ दी जारही है । और इनकरा भूमि पूजन संपन्न हो रहा है । कांग्रेस सरकार के समय गा्रमीण अंचलों में बच्चों के लिये ज्यादा से ज्यादा 20 सीट के ही छात्रावास बने थे वो भी इन7े गिने जब से प्रदेश में भाजपा की शिवराजसिंह सरकार आई है  समुचे अंचल का तेजी से विकास हो रहा है । पिटोल जैसे क्षेत्र में प8ीआईयू के माध्यम से आदिवासी विभाग के तहत 490 सीट का सर्व सुविधायुक्त कन्या शिक्षा आवासीय परिसर का निर्माण एक सौगात है और आने वाली पीढी के सतत शै क्षणिक विकास मे मील का पत्थर साबित होगा ।आज ही नवीन कन्या उमावि के भवन का 1.43 करोड की लागत से भूमिपूजन के साथ ही 1.27 करोड की लागत से 50 सीटर प्रि मेट्रीक कन्या छात्रावास तथा इतनी रकम से 5. सीटर प्री मेट्रीक बालक छात्रावासभवन का भूमि पूजन हो रहा है और अतिशीघ्र भवन तेयार होकर बच्चों एवं बच्चियों को शिक्षा के क्षेत्र में नया प्रकल्प मिलेगा । पिटोल क्षेत्र को इतनी बडी सौगात सिर्फ भाजपा सरकार के द्वारा ही प्रदान की गई र्है । उक्त विचार विधायक शांतिलाल बिलवाल ने  पिटोल बावडी में आयोजित भूमि पूजन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त की । पिटोल क्षेत्र में 4 भूमि पूजन कार्यक्रम के अवसर पर प्रदेश भाजपा कार्य समिति के सदस्य शैलेष दुबे, जिला  भाजपाध्यक्ष दौलत भावसार, नपा अध्यक्ष धनसिंह बारिया , कल्याणसिंह डामोर, बलवंत मेडा, बबलू सकलेचा, हरू भूरिया, जगदीश बडदवाल, महेन्द्रसिंह, जितेन्द्र सोलंकी, मसूर बिलवाल, तानसिंह सरपंच, अजु मेडा, विक्रम नायक, धुलु गणावा, प्रतीकशाह, जोगडिया भाइ के अलावा सहायक आयुक्त आदिवासी विकास शकुन्तला डामोर, पीआईयू के संभागीय यंत्री श्री मंडलोई के अलावा बडी संख्या मे गा्रमीण्याजन, सरपंच, पंच एवं स्कूली बच्चे एवं स्कूली शिक्षक उपस्थित थे । विधायक श्री बिलवाल ने गेति चलाकर  चारों स्थानों पर कार्यारंभ किया । श्री बिलवाल ने  बच्चों से आव्हान किया कि वे अपने माता पिता जिन्होने पढने के लिये भेजा है उनके विश्वास पर वे खरा उतरे और पढाई करके अपने  परिवार, स्कूल,अंचल एवं जिले का नाम रोशन करें ।श्री बिलवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान की कल्याणकारी योजनाओं की विस्तार से जानकारी भी ददी । प्रदेश भाजपा कार्यसमिति के सदस्य शैलेष दुबे ने इस अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी विकास विभाग ने इस जिले मे कैसे आगे बढे और पढाई करें के लिये योजनाओं का क्रियान्वयन किया है । विधायक शांतिलाल बिलवाल ऐसे पहले विधायक है जिन्होने अपने कार्यकाल में ढेरों एवं करोडो की सौगाते विधानसभा क्षेत्र के विकास के ली दी है ।गत सप्ताह रानापुर के झांझरवा में 28 करोड के आवासीय परिसर की सौगात दी एवं मात्र एक सप्ताह में पिटोल को भी ऐसी ही सौगाते मिली है । उन्होने कहा कि अभी तक विधायक श्री बिलवाल ने 300 करोड से अधिक के विकास कार्य अंचल मे करवाये है । उन्होने ऐसी योजना बनाई जिससे यह विधानसभा क्षेत्र प्रदेश के अग्रणी क्षेत्र मे शुमार हो सकेगा । वे सताज के जीवनस्तर को उंचा उठाने का काम कर रहे है । उन्होने क्षेत्र की कोई भी समस्या हो तो विधायक एवं भाजपा के पदाधिकारियों से बताने का आव्हान किया । श्री बिलवाल ने इस अवसर पर नोटबंदी को लेकर भी अपने  विचार व्यक्त किये । इस अवसर पर जिला भाजपाध्यक्ष दौलत भावसार ने भी संबोधित करते हुए विधायक के भगीरथी प्रयासों की प्रसंशा करते हुए लाडली लक्ष्मीयों के बौद्धिक एवं शैक्षणिक विकास के लिये किये जा रहे कार्यो की प्रसंशा करते हुए शिवराजसिंह सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 52 से अधिक योजनाओं के साथ ही उज्जवला योजना के बारे मे विस्तार से बताया । श्री भावसार ने  कहा कि आदिवासी विकास के लिये शिवराजसरकार पूरी तरह कृत संकल्पित है । इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष हरू भूरिया, कल्याणसिंह डामोर ने भी अपने विचार व्यक्त किये । सहायक आयुक्त आदिवासी विकास शकुंतला डामोर ने अपने प्रेरक उदबोधन में बच्चियों को पढाई के लिये  सतत अग्रसर रहने का आव्हान करते हुए कहा कि उन्हे कम से कम 18 वर्ष तक अपनी पढाई जारी रखना है । उन्होने कानूनी प्रावधान की जानकारी देते हुए कहा कि यदि कोई लडका किसी नाबालिग या 18 वर्ष से कम आयु की लडकी का अपहरण कर लेता है या कोई नाबालिक लडकी किसी लडके साथ चली जाती है तो ऐसेी स्थिति में उस लडके को 10 वर्ष की सजा का प्रावधान किया गया है । इसलिये पढाई के साथ ही अपने मे सुधार करना भी आवश्यक है । पीआईयू के संभागीय यंत्री एनएस मंडलाई ने इस अवसर पर चारों स्थानो ं पर निर्मित किये जाने वाले छात्रावास, शिक्षा परिसर ,उमावि भवन के बारे में विस्तार से तकनीकी जानकारी दी । कार्यक्रम का संचालन महेन्द्रसिंह ठाकुर ने किया तथा आभार जय बैरागी ने माना ।

ग्राम मुलथानिया के सरपंच व समर्थकों ने ग्रहण की भाजपा की सदस्यता

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झाबुआ। भारतीय जनता पार्टी जिलाध्यक्ष दौलत भावसार के नेतृत्व में  मुलथानिया के नवनिर्वाति सरपंच वेसा पति रामा वसुनिया ने अपने साथी पंच व समर्थकों के साथ झाबुआ पहंुचकर विधिवत भाजपा की सदस्यता ग्रहण करते हुए भाजपा में प्रवेष की घोशणा की। इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष ने इनको मुंह मीठा कराते हुए पुश्पमाला से स्वागत कर भाजपा का दुपटटा गाले में डालकर भाजपा प्रवेष की घोशण की। सरपंच के साथ भुरेसिंह किर पूर्व उपसरपंच, जगदीष राणा, मकना राणा, कांतिलाल राणा, रामलाल वसुनिया, मोहन राणा, मडिया राणा, उदेसिंह राणा, राजेन्द्र राणा, मुकेष राणा, मूलचंद्र राणा पंच, सेवक कलजी माफ पंच, कांतिबाई पंच, बाबूडी दिलीपी पंच, रालू मेडा पंच आदि ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। भाजपा में प्रवेष करने वाले सरपंच, पंच व कार्यकर्ताओं को संभागीय संगठन मंत्री जयपालसिंह चावडा ने भी आर्षीवाद देते हुए भाजपा को मजबूत बनाने का आव्हान किया। इस अवसर पर भाजपा जिला उपाध्यक्ष ओ पी राय, जिला मंत्री गोपाल पंवार, आईटी सेल संयोजक नयन टवली, श्रीमती सावित्री मेडा, कार्यालय मंत्री महेन्द्र तिवारी, साबिर मंसूरी, प्रकाष राठौर, मुकेष राणा सहित बडी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे। भाजपा में प्रवेष करने वाले सरपंच पति रामला वसुनिया ने बताया कि हमने सरपंच पद का चुनाव निर्दलीय रूप मे लडा था व भाजपा कार्यकर्ताओं के सहयोग से हम जीते है कांग्रेस से हमारा कोई लेना देना नही है और ना ही कांग्रेस से हम चुनाव लडे है। उक्त जानकारी भाजपा जिला मीडिया प्रभारी अंबरीश भावसार ने दी।

पूर्व मुख्यमंत्री स्व. पटवा को कुकडेष्वर जाकर भाजपा नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

झाबुआ। भारतीय जनता पार्टी जिलाध्यक्ष दौलत भावसार, जिला मंत्री गोपाल पंवार, आईटी सेल जिला संयोजक नयन टवली, मंडल महामंत्री प्रकाष मुलेवा आदि कार्यकर्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री स्व. सुंदरलाल पटवा के गृह ग्राम कुकडेष्वर पहुंचकर उनकी अंतिम यात्रा में षामिल होकर जिला भाजपा की और से भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उक्त जानकारी भाजपा जिला मीडिया प्रभारी अंबरीश भावसार ने दी।

बालिकाओ को रहने के साथ ही शिक्षा भी मिलेगी
  • छात्रावास एवं आवासीय कन्या परिसर का विधायक ने किया भूमिपूजन

झाबुआ । झाबुआ विधायक शांतिलाल बिलवाल द्वारा अंचल के सर्वागीण विकास के तहत किए जा रहें कार्यो के तहत आज 30 दिसम्बर को झाबुआ विकासखण्ड की ग्राम पंचायत पिटोल क्षेत्र में 27 करोड 45 लाख की लागत से बनने वाले कन्या शिक्षा आवासीय परिसर का, 1 करोड 43 लाख की लागत से बनने वाले उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पिटोल का, साथ ही 1 करोड 27 लाख की लागत से बनने वाले बालक एवं बालिका छात्रावास भवन का भूमि पूजन किया गया। भूमिपूजन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक ने कहा कि अंचल में आदिवासी विकास विभाग के माध्यम से निर्माण एजेंसी परियोजना क्रियान्वयन ईकाई द्वारा बनाये जा रहे इस बालिका शिक्षा आवासीय परिसर में 400 छात्राओं के लिये सर्वसुविधा युक्त आवासीय परिसर के साथ ही शिक्षा की व्यवस्था भी रहेगी। यह छात्रावास अंचल में बहुत बडी परियोजना है। इससे ग्रामीण क्षेत्र के बालक बालिकाओं के लिये सर्व सुविधा युक्त आवासीय एवं शैक्षणिक सुविधा एक ही साथ मिल सकेगी। कन्या आवासीय परिसर से कन्या शिक्षा को प्रोत्साहन मिलेगा और क्षेत्र की अधिक से अधिक बालिकाए शिक्षित होकर जिले का नाम रोशन करेगी। भूमिपूजन के अवसर पर सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्रीमती शकुन्तला डामोर, कार्यपालन यंत्री पीआईयू श्री मण्डलोई सहित जनप्रतिनिधि ,विद्यार्थी एवं बडी संख्या में गणमान्यजन उपस्थित थे।

स्टार 99 स्टार 99 हेज डायल कर आधार सीडिंग की पुष्टि कर सकते है
  • राशि लेनदेन के लिए आधार यदि बैक खाते से लिंक है तो किसी भी बैंक से राशि का अंतरण किया जा सकता है
  • पीओएस मशीन से ट्रांजिक्सन का प्रदर्शन किया गया
  • केशलेस लेनदेन किसी सार्वजनिक जगह या सायबर केफे से ना करे

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झाबुआ । कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में आज जनप्रतिनिधियो एवं शासकीय विभागो के शासकीय सेवको को केशलेस लेनदेन के लिए प्रशिक्षण दिया गया । प्रशिक्षण कार्यक्रम में विधायक थांदला श्री कलसिंह भाभर, प्रभारी कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अनुराग चैधरी, एलडीएम श्री अरविंद कुमार सहित जनप्रतिनिध एवं शासकीय सेवक उपस्थित थे । प्रशिक्षण में केशलंेश लेनदेन के तरीके एवं प्रक्रिया बताई गई प्रशिक्षण में बताया गया कि अपने आधार नम्बर की सीडिंग की स्थिति जानने के लिए स्टार 99 स्टार 99 हेज डायल करके निर्देशानुसार कार्यवाही करे । मोबाईल बैंकिंग के लिए अपना मोबाइल नम्बर बैंक में पंजीयन करवाये । युपीआई एप पर अपना पंजीयन कर किसी भी बैंक से केशलेश लेनदेन कर सकतेे है । इसके लिए स्मार्ट फोन की आवश्यकता होगी । जिसके पास स्मार्ट फोन  नही है वह स्टार 99 हेज का उपयोग कर केशलेश लेनदेन कर सकते है । प्रशिक्षण में पीओएस मशीन से ट्रांजिक्सन का प्रदर्शन भी किया गया। प्रशिक्षण मे प्रभारी कलेक्टर श्री अनुराग चैधरी ने कहा कि शासकीय विभागो में केशलेश लेनदेन ही करे छात्रावास / आश्रामो में खरीदी जाने वाली सभी खाद्य सामाग्री / स्टेशनरी इत्यादि का क्रय केशलेश लेनदेन के माध्यम से ही करे । ग्राम पंचायत एवं जनपद पंचायत ग्रामीण विकास विभाग के निर्माण कार्यो एवं अन्य हितग्राही मूलक योजनाओ में केशलेश लेनदेन ही करे । प्रशिक्षण में एलडीएम श्री अरविंद कुमार ने बताया कि केशलेश लेनदेन करते  समय किसी भी व्यक्ति को अपने एटीएम कार्ड नम्बर ,सीवीवी नम्बर,एटीएम पिन नम्बर,ओटीपी नम्बर नही बताये ।

वाहन दुर्घटना मे दो की मोत

झाबुआ । आरोपी बोलेरो क्र.ं जी.जे.06 ई.क्यू. 8455 के चालक ने फरि. तेज गति व लापरवाही पूर्वक अपनी वाहन को चलाकर फरि. मुस्तफा की स्कार पीओ कार को टक्कर मार दी जिससे फरि. के ससुर गफार की मृत्यु हो गई व दो अन्य को चोट आई। प्रकरण में थाना कोतवाली में अपराध क्रं0 817/16, धारा  279, 337,304-ए भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। वही एक अन्य घटना मे आरोपी जी.जे. 01 सी.व्हाय. 4983 ट्राला के चालक ने वाहन को तेज गति व लापरवाही पूर्वक लाया व रोड़ के किनारे खड़े फरि. मुनेश के मामा पानसिंग मचार को टक्कर मार दी जिसमें आई चोटो के कारण पानसिंग की मृत्यु हो गई। प्रकरण में थाना कोतवाली में अपराध क्रं0 818/16, धारा  304-ए भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर किया बदनाम

झाबुआ । आरोपी शुभम पिता सुजानमल राठौर अन्य-1 नि.गण दिलीप गेट झाबुआ ने फरि के नाम की फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर उसमें फरि. की माॅ के मोबाईल नम्बर डाल रखे थे, जिसपे लोगो के फोन आने लगे फरि. के द्वारा फेसबुक आईडी के बारे में पुछने पर अश्लील गालिया देकर जान से मारने की धमकी दी। प्रकरण में थाना कोतवाली में अपराध क्रं. 814/16 धारा 294,507,506,34 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

विशेष : मनुस्मृति का जेएनयू मिशन पूरा, जय भीम के साथ नत्थी कामरेड को अलविदा है।सहमति से तलाक है।

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राम के नाम सौगंध भीम के नाम! बहुजनों को वानरवाहिनी बनाने वाला रामायण पवित्र धर्मग्रंथ है,जिसकी बुनियाद पर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के रामराज्य में मनुस्मृति अनुशासन है।सीता का वनवास,शंबूक हत्या है।
अब संघ परिवार ने बाबासाहेब अंबेडकर को भी ऐप बना दिया है। डिजिटल लेन देन के लिए बनाया भीम ऐप, किया लॉन्च।  न नेट, न फोन आने वाले समय में सिर्फ आपका अंगूठा काफी है। आगे आधार निराधार मार्फत दस दिगंत सत्यानाश है।


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नोटबंदी के बावनवें दिन नोटबंदी के पचास दिन की डेडलाइन पर अभी बेपटरी है भारत की अर्थव्यवस्था।नकदी  के बिना सारा जोर अब डिजिटल कैशलैस वित्तीय प्रबंधन पर है।राजकाज और राजकरण भी नस्ली सफाये का समग्र एजंडा है।एफएम कारपोरेट का दावा है कि हालात अब सामान्य हैं।परदे पर सपनों का सौदागर हैं। बहुजनों को वानरवाहिनी बनाने वाला रामायण पवित्र धर्मग्रंथ है,जिसकी बुनियाद पर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का रामराज्य में मनुस्मृति अनुशासन है। अब संघ परिवार ने बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर को भी ऐप बना दिया है। डिजिटल लेन देन के लिए बनाया भीम ऐप, किया लॉन्च।  न नेट, न फोन आने वाले समय में सिर्फ आपका अंगूठा काफी है। आगे आधार निराधार मार्फत दस दिगंत सत्यानाश है। भीम ऐप हैं और निराधार आधार कैसलैस डिजिटल आधार। नागरिकता, गोपनीयता, निजता, संप्रभुता का बंटाधार। भारत तीसरे विश्वयुद्ध में बाकी विश्व के खिलाफ अमेरिका और इजराइल का पार्टनर और ग्लोबल सिपाहसालार ट्रंप,पुतिन साझेदार। नाटो का प्लान बायोमेट्रीक यूरोप में खारिज,भारत में डिजिटल कैशलैस आधार। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दागी अपराधी की तरह हर कैशलैस लेनदेन पर नागरिक या बहुजन बहुजन अपना फिंगर प्रिंट भीम ऐप से अपराधी माफिया गरोहों और कारपोरेट कंपनियों को,साइबर अपराधियों को हस्तांतरित करते रहें। भीम ऐप डिजिटल क्रांति है।बहुजन राजनीति केसरिया है। राजनीति के तमाम खरबपति अरबपति करोड़पति शिकारी खामोश हैं।सर्वदलीय संसदीय सहमति है।बहुजन भक्तिभाव से गदगद हैं,समरस हिंदुत्व है और पवित्र मंदिरों में प्रवेश महिलाओं का भी अबाध है।समता है।न्याय भी है।संविधान है। कानून का राज भी है।लोकतंत्र के सैन्यतंत्र में सिर्फ नागरिक कबंध दस डिजिट नंबर हैं।कारपोरेट इंडिया नागपुर में शरणागत है।सुनहले दिन आयो रे।छप्पर फाड़ दियो रे।

अब आपका ही अंगूठा आपकी पहचान और आपका बैंक होगा वही आपका अंगूठा। भीम ऐप के लिए आपका अंगूठा ही काफी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ आधार को बुनियादी सेवा लेनदेन के लिए अनिवार्य बनाने की इस अवमानना के लिए जयभीम ऐप लांच किया है पेटीेमप्रधानमंत्री ने।बहुजन समाज का नारा चुराकर संघ परिवार का नारा हैः

बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय...जयभीम ऐप गरीबों का खजाना है।
खजाना मिला है तो सभी अलीबाबा चालीस चोर हैं।

साथ में खूबसूरत गाजर भी कि अब लोग गूगल पर भीम की जानकारी तलाशेंगे। बहुजन अपने बाबासाहेब की जानकारी गुगल से मांगेंगे,जहां सारी जानकारी पर,समूचे सूचना तंत्र पर,मीडिया पर,साहित्य संस्कृति पर,इतिहास भूगोल,मातृभाषा पर  सरकारी संघी नियंत्रण है।बहुजन गुगल में फेसबुक,सोशल नेटवर्क के अलावा कहां हैं?वहां भी दस दिगंत सेसंरशिप है।हर प्रासंगिक पोस्ट ब्लाक या डिलीट या स्पैम है। जाहिर है कि बहुजनों के मसीहा से बाबासाहेब को विष्णु भगवान बनाने की तैयारी है।गौरतलब है कि पेटीएमपीएम कल राष्ट्र को संबोधित करने वाले हैं। राष्ट्र को संदेश देने से पहले बहुजनों को संदेश दे डाला पेटीएमपीएम ने,वही जो संघ परिवार का असल और फौरी मकसद दोनों है। जाहिर है कि बहुजनों की खातिर ही डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए पेटीएमपीएम ने नया मोबाइल ऐप भीम लॉन्च किया है जो बिना इंटरनेट चलेगा। पेटीएमपीएम ने कहा कि सरकार ऐसी टेक्नोलॉजी ला रही है जिसके जरिए बिना इंटरनेट के भी आपका पेमेंट हो सकेगा। गरीब का अंगूठा जो कभी अनपढ़ होने की निशानी था वह डिजिटल पेमेंट की ताकत बन जाएगा।

पेटीएमपीएम ने  डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने वालों को सम्मानित किया। लकी ग्राहक योजना और डिजि-धन व्यापार योजना के तहत 7,229 विजेता भी लकी ड्रॉ के जरिए चुने गए।  पेटीएमपीएम ने  कहा कि टेक्नोलॉजी को लेकर काफी भ्रामक समझ है। वो  टेक्नोलॉजी का नहीं बल्कि गरिबों का खजाना है। पिछली बार 8 नवंबर को जब पेटीएमपीएम ने राष्ट्र को संबोधित किया था तो नोटबंदी का बड़ा फैसला लिया। लिहाजा लोगों को इस बार पेटीएमपीएम से बड़ी उम्मीदें हैं। लोगों को कितना ब्लैकमनी जमा हुआ इसका हिसाब चाहिए। आम आदमी को उम्मीद है कि अपने कल के संबोधन में पीएम विथड्राल लिमिट बढ़ाने कि घोषणा करेंगे। आयकर विभाग ने जिन लोगों पर कार्यवाही की उन पर सरकार कितने दिनो में कार्यवाही करेगी सरकार इसका रोड मैप देगी। इसके साथ ही डिजिटल पेमेंट का रोड मैप भी रखा जाएगा।  केसरिया राजकाज का दावा है कि  भीम ऐप 2017 का देशवासियों के लिए उत्तम से उत्तम नजराना है। पहले से साफ ही था कि चिड़िया की आंख पर ही निशाना है। नोटबंदी के मध्य़ यूपी में नोटों के साथ केसरिया मोटरसाईकिलों और बजरंगी ट्रकों की बरसात के मध्य मायावती की बसपा के खजाने पर छापा।बहुजन समाज को तितर बितर करके यूपी दखल करने का मास्टर प्लान बखूब है।

समाजवादियों के मूसलपर्व में भी किसका हाथ है,यह गउमाता की समझ से परे भी नहीं है।राष्ट्र के नाम संदेश शोक संदेश में चाहे जो हो,नोटबंदी का औचित्य साबित करना मकसद कतई नहीं है।नकितना कालाधन निकला,कितनी नकदी चलन में है,कब बैंकों से एटीएम से पैसा मिलेगा,कोई हिसाब नहीं मिलने वाला है जुमलों के सिवाय।  सारा जोर कैशलैस डिजिटल हंगामे पर है।जिसका फौरी लक्ष्य यूपी दखल है। यह कैशलैस डिजिटल हंगामा विशुध माइंड कंट्रोल तमाशा है।ब्रेनवाश है बहुजनों का,जो कत्लेआम के जश्न के लिए अनिवार्य है।वही फासिज्म का निरंकुश राजकाज है।राजकरण भी वही और वित्तीय प्रबंधन भी वही।अबाध नस्ली सफाया। ।नोटबंदी के खिलाफ विपक्ष की मोर्चाबंदी के खिलाफ छापेमारी अभियान तेज हो रहा है। अन्नाद्रमुक और बसपा के बाद अब दीदी की तृणमूल कांग्रेस निशाने पर है। डिजिमेला जयभीम करतब से पहले कोलकाता में सीबीआई ने टीएमसी  सांसद तापस पाल को गिरफ्तार कर लिया है। गौरतलब है कि माकपा ने 2011 के विधानसभा चुनाव से पहले रोजवैली के गिरफ्तार सर्वेसर्वा गौतम कुंडु के साथ कलिंपोंग और कोलकाता में दीदी,मुकुल राय और उनके सिपाहसालारों की बैठकें होने का आरोप लगाया था। 2011 के बाद 2016 के अंत में सीबीआई एक्शन जबरदस्त है।दीदी का कालाधन भी निकलने वाला है।संदेश राष्ट्र के नाम बदस्तूर यही है। विपक्ष को तितर बितर करने का दशकों से आजमाया रामवाण सीबीआई छापा है।भगदड तो जारी है।राजनीतिक विपक्ष खत्म है। बहुजन भी शिकंजे में फंसे हैं।भीम के नाम सौगंध है। बाकी देश गैस चैंबर या फिर मृत्यु उपत्यका है। तापस पाल की गिरफ्तारी के बाद बिना नाम बताये पत्रकारों से कहा गया है कि गौतम कुंडु के साथ प्रभावशाली कमसकम पंद्रह लोगों की बैठकें होती रही हैं और लाखों की लेनदेन भी बारंबार होती रही हैं।वाम दावे के मुताबिक जीत के वे नोटों से भरे सूटकेसों का अभी अता पता नहीं है।

सीबीआई के मुताबिक उन हाई प्राोफाइल बैठकों में तापस पाल भी मौजूद थे और बाकी लोगों के बारे में वे जानते हैं।इसलिए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है क्योंकि वे सवालों के जवाब संतोषजनक नहीं दे रहे हैं।  संसद में तृणमूल सचेतक सुदीप बंदोपाध्याय को भी सीबीआई ने तलब किया है।सोम मंगल को वे सीबीआई के मुखातिब होंगे।आगे लंबी कतार है। जाहिर है वक्त सनसनी का है।सनसनी में नोटबंदी का किस्सा उसीतरह रफा दफा है जैसे मनुस्मृति का किस्सा, सर्जिकल स्ट्राइक हो गया। सनसनी और धमाकों की रणनीति से नोटबंदी का किस्सा रफा दफा करने की तैयारी है।मगर यूपी जीतने का टार्गेट निशाना बराबर हैं।इसीलिए बाबासाहेब अब संघ परिवार का ऐप हैं। जेएनयू पर हमला भी इसी रणनीति का हिस्सा है।बहुजन छात्रों को अलगाव में डालने का यह जबर्दस्त दिलफरेब खेल है जो कामयाब होता नजर आ रहा है।बहुजन छात्र और कामरेड क्रांतिकारी दोनों एक दूसरे से निजात पाने को बौरा गये लगते हैं और जाहिर है कि तरणहार इकलौता संघ परिवार है।जावड़ेकर धन्य हैं। 

धन्य है बहुजन छात्रों के निलंबन पर कामरेडों की क्रांतिकारी खामोशी भी।
कामरेड इसीतरह बहुजनों को केसरिया कांग्रेस खेमे में हांकते रहे हैं दशकों से।
क्रांति से बहुजनों का यह तलाक सहमति से है।

जाहिर है कि संघ परिवार की बाड़ाबंदी में दाखिले के बाद बहुजनों का जो होना था वही हो रहा है।भूखे शेरों की मांद में चारा बनने के लिए बेताब बहुजनों का यही कर्मफल है।कारपोरेट इंडिया के तंत्र मंत्र यंत्र हिंदुत्व तो पहले से था ही,अब वह तेजी से अंबेडकर मिशन में तब्दील हैं।मिशन के दुकानदार भले वे ही पुराने चेहरे हैं। जाहिर है कि भाजपा और संघ परिवार के साथ साथ कारपोरेट इंडिया के नस्ली सफाये के एजंडा का असली मास्टरकार्ड बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर ही हैं और अब उनका बीज मंत्र भी जयभीम है,फिर अब भीम ऐप है। क्योंकि यूपी और गायपट्टी ही नहीं,बाकी देश की आंखें भी यूपी के नतीजों पर टिकी है।

बहुजनों की आबादी बानब्वे फीसद है।
पचास फीसदी आबादी ओबीसी की और ओबीसी सत्ता में है तो बाकी आम जनता को हांकने के लिए जयभीम जयभीम समां है मुक्तबाजारी कार्निवाल का। यूपी की जीत बहुजन एकता तोड़कर ही मिल सकती है और संघ परिवार इसके लिए कुछ भी करेगा।राम से बने हनुमान पहले से मोर्चाबंद हैं और अब मलाईदार पढ़े लिखे बहुजनों की सेवा व्यापक पैमाने पर समरसता मिशन में ली जा रही है। सोदपुर हाट में एक बुजुर्ग बीएसपी नेता की किराने की दुकान है।आज हाट में गया तो उनने कहा कि यूपी में बहनजी जीत रही हैं।वे जीतती हैं तो बाकी देश में फिर जयभीम जयभीम है।इसपर हमने कहा कि यूपी में नोटों की वर्षा हो रही है और समाजवादी दंगल का फायदा भी संघ परिवार को होना है। उनने बहुत यकीन के साथ कहा कि मुसलमान संघ परिवार को वोट नहीं देंगे और वे इस बार बहनजी के साथ हैं।बहुजनों को यही खुशफहमी है।वे बंटे रहेंगे और उम्मीद करेंगे कि मुसलमान उनके लिए सबकुछ नीला नीला कर दें।मौका पड़ा तो बहुजन मुसलमानों का साथ भी न देंगे। हमने उनसे ऐसा नहीं कहा बल्कि हमने निवेदन किया कि बंगाल में मतुआ और शरणार्थी सारे बहुजन हैं और वे ही सारे के सारे बजरंगी हैं तो आप बंगाल में बैठकर यूपी के बहुजनों के बारे में इतने यकीन के साथ दावा कैसे कर सकते हैं। पहली बार हमने किसी बंगाली सज्जन से सुना,बंगाल के बहुजन बुड़बक हैं और बिहार के बहुजन भी बराबर बुड़बक हैं लेकिन यूपी के बहुजन उतने बुड़बक भी नहीं हैं। फिर मैंने निवेदन किया कि बहन जी तो कई दफा मुख्यमंत्री बन गयीं तो सामाजिक न्याय और समता का क्या हुआ,बाबासाहेब का मिशन का क्या हुआ। उनने जबाव में कहा,कुछ नहीं हुआ लेकिन आरएसएस को हराना अंबेडकर मिशन को बचाने के लिए सबसे ज्यादा जरुरी है। उनने जबाव में कहा,भाजपा ने अगर यूपी जीत ली तो न अंबेडकर मिशन बचेगा और न देश बचेगा। हाट में खड़े यह संवाद सुनते हुए एक अजनबी बुजुर्ग ने कह दिया,दो करोड़ वेतनभोगी पेंशनभोगी हैं तो सिर्फ दो हजार नेता नेत्री हैं।नोटबंदी के बाद जिस तेजी से आम जनता तबाह है,इन दो हजार नेता नेत्रियों के पैरों तले कुचले जाने से पहले जनता अब किसी भी दिन बगावत कर देगी।

हम कुछ जवाब दे पाते,इससे पहले वे निकल गये।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री पेटीएम ने नोटबंदी के 50 दिन पूरे होने के बाद दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में डिजिधन मेला का उद्घाटन किया। इस मेले का उद्घाटन देश में डिजिटल पेमेंट और कैशलेस इंडिया को बढ़ावा देने के लिए किया गया। इस मेले में प्रधानमंत्री  पेटीएम ने भीम ऐप की की घोषणा की। इस भीम ऐप से कमसकम उत्तर भारत में सामाजिक न्याय की बहुजन राजनीति का काम तमाम करना स्वंवर का लक्ष्य है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना बाबासाहेब की वजह से हुआ,जो सर्वविदित सच है।इस सच को आधार बनाकर भारतीय रिजर्वबैंक की हत्या को जायज बता रहे हैं पेटीएमप्रधानमंत्री और बहुजन गदगद है। बहुजनों के लिए मंकी बातें आज लता मंगेशकर के गाये सुपरहिट फिल्मी गानों से भी ज्यादा सुरीली है क्योंकि सारे बोल जयभीम जयभीम है।यानी कि हिंदुतव का ग्लोबल एजंडा अब राम के नाम नहीं,बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के नाम से अंजाम तक पहुंचाने का चाक चौबंद इंतजाम है। गौरतलब है कि भारत के किसी प्रधानमंत्री ने पहलीबार इस तरह राजकाज और वित्तीय प्रबंधन अंबेडकर मिशन और अंबेडकर विचारधारा के मुताबिक चलाने का दावा किया है।पहले ही कहा जा रहा था कि नोटबंदी के लिए बाबासाहेब ने कहा था। 

इस पर आदरणीय आनंद तेलतुंबड़े ने लिखा हैः
कहने की जरूरत नहीं है कि दलितों और आदिवासियों जैसे निचले तबकों के लोगों को इससे सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है और वे भाजपा को इसके लिए कभी माफ नहीं करेंगे. भाजपा ने अपने हनुमानों (अपने दलित नेताओं) के जरिए यह बात फैलाने की कोशिश की है कि नोटबंदी का फैसला असल में बाबासाहेब आंबेडकर की सलाह के मुताबिक लिया गया था. यह एक सफेद झूठ है. लेकिन अगर आंबेडकर ने किसी संदर्भ में ऐसी बात कही भी थी, तो क्या इससे जनता की वास्तविक मुश्किलें खत्म हो सकती हैं या क्या इससे हकीकत बदल जाएगी? बल्कि बेहतर होता कि भाजपा ने आंबेडकर की इस अहम सलाह पर गौर किया होता कि राजनीति में अपने कद से बड़े बना दिए गए नेता लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा होते हैं.

राम के नाम  सौगंध अब भीम के नाम।
जेएनयू मिशन पूरा हो गया,जयभीम के साथ नत्थी कामरेड को अलविदा है। रोहित वेमुला की संस्थागत हत्या के बाद देशभर के छात्रयुवा जैसे जाति धर्म की दीवारें तोड़कर जाति उन्मूलन के मिशन के साथ मनुस्मृति दहन कर रहे थे,उसका मूल मंत्र जयभीम कामरेड है। मीडिया ने नोटबंदी के पचास दिन पूरे होते न होते जेएनयू के बारह बहुजन छात्रों के निलंबन की खबर को ब्लैकआउट करके संघ परिवार के मिशन को कामयाब बनाने में भारी योगदान किया है।

पिछली दफा भी कन्हैया के भूमिहार होने के सवाल पर बवाल खूब मचा था।
इस बार बहुजन छात्रों के निलंबन के खिलाफ सवर्ण कामरेडों की खामोशी का नतीजा यह है कि छात्रों युवाओं के मध्य भी अब जाति धर्म की असंख्य दीवारें इस एक कार्रवाई के तहत बना दी गयी है। गौर करें कि कैशलैस डिजिटल इंडिया के वृंदगान के साथ संघ परिवार की तरफ से  नया साल अब जयभीम जयभीम  है।गोलवलकर सावरकर मुखर्जी का कहीं नाम नहीं है।यह सीधी सी बात बहुजनों की समझ से परे हैं और चाहते हैं नीली क्रांति।
पेटीएम के बाद अब रुपै की महिमा अपरंपार है।गौरतलब है कि बाबासाहेब के नाम कैशलैस डिजिटल लेनदेल का इनामी ड्रा के लिए अनिवार्य शर्त अब रुपै है।

नोटबंदी से पहले भारी पैमाने पर रुपै कार्ड का पिन चुराया गया था।
इस फर्जीवाड़ा का अभीतक कोई सुराग मिला नहीं है।
अब इनाम के लिए रुपै कार्ड की अनिवार्यता साइबर फ्राड का जोखिम उठाने का खुला न्यौता है। पहले डिजिटल लेन देन पर छूट के ऐलान के बाद एफएमकारपोरेट ने साफ किया कि छूट डेबिट कार्ड पर मिलेगा,क्रेडिट कार्ड पर नहीं। अब कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने ‘लकी ग्राहक योजना’ और ‘डिजि धन व्यापार योजना’ लॉन्च की हैं। केंद्र की पुरस्कार योजनाएं 25 दिसंबर से शुरू हैं। ये 14 अप्रैल तक चलेंगी। हर हफ्ते सात हजार ग्राहक और कारोबारियों को पुरस्कार मिलेगा। गौरतलब है कि  50 से 3000 रुपए तक की पेमेंट ही लकी ड्रॉ में शामिल होंगी। 3 हजार से ज्यादा के भुगतान इससे बाहर हैं। गौरतलब है कि  प्राइवेट कार्ड या वॉलेट के भुगतान भी बाहर हैं। अब साफ किया गया है कि रुपै अनिवार्य है और  सिर्फ यूपीआई, यूएसएसडी, आधार बेस्ड पेमेंट व रुपै कार्ड से होने वाला भुगतान ही लकी ड्रॉ में शामिल होगा।  मोबाइल लेनदेन के जिन तरीकों पर सबसे ज्यादा जोर है,वे इस प्रकार हैंः यूपीआई : यूपीआई एनईएफटी या आईएमपीएस ट्रांसफर से अलग है। इसके जरिए किसी भी बैंक खाते से किसी अन्य बैंक खाते में मोबाइल से तुरंत पैसे भेजे जा सकते हैं। यूएसएसडी : साधारण मोबाइल से बैंकिंग के लिए सरकार ने यूएसएसडी बैंकिंग नाम से एक नई सुविधा शुरू की है। यह बैंकिंग सुविधा मोबाइल फ़ोन में *99# डायल करके प्रयोग की जाती है। अंग्रेजी के अलावा हिंदी समेत 10 क्षेत्रीय भाषाओं में बैंकिंग कर सकते हैं। आधार बेस्ड पेमेंट : आपका आधार कार्ड आपके लिए एटीएम की तरह काम करेगा। इसके लिए आधार माइक्रो एटीएम लगाए जाएंगे। इस आधार माइक्रो एटीएम से आप पैसे निकाल सकते हैं। इसके लिए आपके पास बस आधार कार्ड होना चाहिए और कार्ड का नंबर आपके बैंक खाते के साथ जुड़ा होना चाहिए। अब आपको पैसे निकालने या ट्रांसफर करने के लिए पास के किसी आधार माइक्रो एटीएम पर जाना होगा।  डिजि-धन मेला में पहुंचे पीएम अपने विरोधियों पर भी खूब बरसे। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा है कि 2 साल पहले सिर्फ गए की बात होती थी लेकिन अब आने की बात होती है। पहले खबरें होती थीं कितना गया लेकिन अब खबरें है कितना आया। लोगों की पीएम से उम्मीद है कि बेनामी संपत्ति वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, इतनी तकलीफ के बाद अब आने वाले दिनों में क्या टैक्स बेनिफिट मिलेगा पीएम इस पर बताएं। हायर एजुकेशन पर टैक्स बहुत ज्यादा है उसे कम किया जाए।  मोदीजी करंट अकाउंट पर 50 हजार की लिमिट को बढ़ाये। महंगाई पर नियंत्रम किया जाए। सर्विस टैक्स कम हो जीएसटी को जल्दी लागू हो। इनकम टैक्स की लिमिट 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख की जाए।

उधर नोटबंदी के 50 दिन पूरे होने पर आज कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोला। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी पूरी तरह नाकाम रही है और सरकार ने बिना कुछ सोचे समझे इस फैसले को लिया। उन्होंने ये भी कहा कि सिर्फ वक्त ही बताएगा कि जनता सरकार के इस कदम से कितना खुश है।



पलाश विश्वास

नववर्ष में क्या योजना होगी टीवी स्टार की

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वर्ष 2017 का स्वागत! 2016 खत्म होने जा रहा है, और यह एक नये कल के वादों को लेकर आता है- एक नया वर्ष जोकि उम्मीदों, इच्छाओं और बमुश्किल जारी रखे जाने वाले रिजाॅल्यूशन से भरपूर होता है। आइये, नव वर्ष की पूर्व संध्या पर -एंड टीवी शो के विभिन्न मे काम करने कलाकारों की नववर्ष में क्या योजनाएं एवं उनके क्या संकल्प (रिजाॅल्यूशन) है।

ग्रेसी सिंह 
grecy-singhलोकप्रिय धार्मिक शो संतोषी मां में माॅ संतोषी के किरदार को जीवंत करने वाली ग्रेसी सिंह मुन्ना भाई एमबीबीएस में अहम् किरदार के अलावा अनेकों फिल्मों में अपनी प्रतिभा का जलवा दिखा चुकी है,नववर्ष की चर्चा चलने पर उन्होंने बताया कि  ‘नये साल में मैं अपने परिवार और प्रियजनों के साथ समय बिताउंगी। मेरी जिंदगी का अभी एक ही लक्ष्य है, दिल से खुश रहना।‘ 

रुहाना खन्ना 
टीवी शो गंगा में कृष्णा किरदार को निभाने वाले रूहाना खन्ना ने नये साल की पूर्व संध्या के लिए अपनी योजनाओं के बारे में बताया, ‘‘नये वर्ष की पूर्व संध्या के लिए कोई खास योजना नहीं बनाई है, लेकिन यदि मुझे मौका मिला तो मैं शूटिंग से एक-दो दिन की छुट्टी लूंगी। 2017 में मैं एक बदलाव करना चाहती हूं, वह यह कि गंगा के बाद मैं वापस दिल्ली जाऊॅंगी और मेरे कजिन्स एवं दोस्तों के साथ मजे करूंगी। मैं 2017 में एक फिल्म करने की भी उम्मीद करती हूं।‘‘ 

आरती सिंह 
टीवी शो वारिस की अंबा ने बताया ‘‘मेरे लिए एक रिजाॅल्य ूशन है वजन कम करना और फिट बने रहने की कोशिश करना। मैं एक अच्छा इंसान बनना चाहती हूं और दूसरों की मदद करना चाहती हूं। हर साल की तरह मैं इस साल भी माही विज के साथ नये साल का जश्न मनाऊॅंगी।‘‘

अक्षय डोगरा 
टीवी शो वारिस के जगन ने बताया कि‘हम नये साल पर घूमने जा रहे हैं क्योंकि अमूमन हमें भीड ़ से दूर जाना अच्छा लगता है और हम कुछ अलग हटकर स्थान में जाकर नये अनुभव करना चाहते हैं। 2017 में मैं पढने और चिंतन करने पर विचार कर रहा हॅू। 

द वाॅयस के कोच बेनी दयाल
 द वाॅयस के कोच बेनी दयाल का कहना था कि‘नये वर्ष के लिए मेरी योजना संगीत पर अधिक ध्यान केन्द्रित करना है। मेरा संकल्प यही है कि कभी संकल्प नहीं लूंगा।‘‘ देबिना बनर्जी उर्फ संतोषी मां की पलाॅमी देवी ने कहा, ‘‘इस नये साल पर मैं दुबई में छुट्टियां मनाउंगी। मेरा संकल्प कुछ नया सीखना है। मैं शायद अपने गिटार को दोबारा बजाना सीखूंगी।‘‘ 

विशाल वशिष्ठ 
शो गंगा के किरदार सागर का कहना था कि ‘नये वर्ष के लिए मेरी योजना एक शांत एवं सुकूनदायक स्थान में जाकर आराम करना और आने वाले साल के 365 दिनों का सामना करने के लिए तैयार होना है।  मैं नये हुनर सीखने, खुद में सुधार करने की दिशा में अपने प्रयास करूंगा।खासतौर पर मैं फिर से स्कूल जाऊॅंगा।‘

रिताशा राठौड़ उर्फ बे 
सब कुछ मिले। मंै नव वर्ष की संध्या पर अपने परिवार के साथ रहूंगी।‘‘

नववर्ष की राह: शांति की चाह

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peace-way
नया वर्ष है क्या? मुड़कर एक बार अतीत को देख लेने का स्वर्णिम अवसर। क्या खोया, क्या पाया, इस गणित के सवाल का सही जवाब। आने वाले कल की रचनात्मक तस्वीर के रेखांकन का प्रेरक क्षण। क्या बनना, क्या मिटाना, इस अन्वेषणा में संकल्पों की सुरक्षा पंक्तियों का निर्माण। ‘आज’, ‘अभी’, ‘इसी क्षण’ को पूर्णता के साथ जी लेने का जागृत अभ्यास। नये वर्ष की शुरूआत हर बार एक नया सन्देश, नया संबोध, नया सवाल लेकर आती है। इस वर्ष का हमारा भी कोई-न-कोई संकल्प हो और यह संकल्प हो सकता है कि हम स्वयं शांतिपूर्ण जीवन जीये और सभी के लिये शांतिपूर्ण जीवन की कामना करें। ऐसा संकल्प और ऐसा जीवन सचमुच नये वर्ष को सार्थक बना सकते हैं। इसलिये बेंजामिन मेअस ने कहा कि जीवन की त्रासदी इस बात में नहीं है कि आप अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंचते हैं। त्रासदी तो इस बात की है कि आपके पास प्राप्त करने के लिए कोई लक्ष्य नहीं है। आज हर व्यक्ति चाहता है - नया वर्ष मेरे लिये शुभ, शांतिपूर्ण एवं मंगलकारी हो। संसार में छः-सात अरब मनुष्यों में कोई भी मनुष्य ऐसा नहीं होगा जो शांति न चाहता हो। मनुष्य ही क्यों पशु-पक्षी, कीट-पंतगें आदि छोटे-से-छोटा प्राणी भी शांति की चाह में बेचैन रहता है। यह ढ़ाई अक्षर का ऐसा शब्द है जिसे संसार की सभी आत्माएं चाहती हैं। यजुर्वेद में प्रार्थना के स्वर है कि स्वर्ग, अंतरिक्ष और पृथ्वी शांति रूप हो। 

जल, औषधि वनस्पति, विश्व-देव, परब्रह्म और सब संसार शांति का रूप हो। जो स्वयं साक्षात् स्वरूपतः शांति है वह भी मेरे लिए शांति करने वाली हो।’’ यह प्रार्थना तभी सार्थक होगी जब हम संयम, संतोष व्रत को अंगीकार करेंगे, क्योंकि सच्ची शांति भोग में नहीं त्याग में है। मनुष्य सच्चे हृदय से जैसे-जैसे त्याग की ओर अग्रसर होता जाता है वैसे-वैसे शांति उसके निकट आती जाती है। शांति का अमोघ साधन है-संतोष। तृष्णा की बंजर धरा पर शांति के सुमन नहीं खिल सकते हैं। मानव शांति की चाह तो करता है पर सही राह पकड़ना नहीं चाहता है। सही राह को पकड़े बिना मंजिल कैसे मिल सकती है। शांति की राह पकड़े बिना शांति की प्राप्ति कैसे हो सकेगी। महात्मा गांधी ने शांति की चाह इन शब्दों में की है कि मैं उस तरह की शांति नहीं चाहता जो हमें कब्रों में मिलती है। मैं तो उस तरह की शांति चाहता हूं जिसका निवास मनुष्य के हृदय में है। मनुष्य के पास धन है, वैभव है, परिवार है, मकान है, व्यवसाय है, फ्रिज है, कुलर है, कम्प्यूटर है, कार है। जीवन की सुख-सुविधाओं के साधनों में भारी वृद्धि होने के बावजूद आज राष्ट्र अशांत है, घर अशांत है, यहां तक कि मानव स्वयं अशांत है। चारों ओर अशांति, घुटन, संत्रास, तनाव, कुंठा एवं हिंसा का साम्राज्य है। ऐसा क्यों है? धन और वैभव मनुष्य की न्यूनतम आवश्यकता-रोटी, कपड़ा और मकान सुलभ कर सकता है। आज समस्या रोटी, कपड़ा, मकान की नहीं, शांति की है। शांति-शांति का पाठ करने से शांति नहीं आएगी। शांति आकाश मार्ग से धरा पर नहीं उतरेगी। शांति बाजार, फैक्ट्री, मील, कारखानों में बिकने की वस्तु नहीं है। शांति का उत्पादक मनुष्य स्वयं है इसलिए वह नैतिकता, पवित्रता और जीवन मूल्यों को विकसित करे। इसी सन्दर्भ में एच. एम. टोमलिसन ने कहा कि दुनिया वैसी ही है जैसे हम इसके बारे में सोचते हैं। यदि हम अपने विचारों को बदल सकें, तो हम दुनिया को बदल सकते हैं।”

पाश्चात्य विद्वान टेनिसन ने लिखा है कि शांति के अतिरिक्त दूसरा कोई आनंद नहीं है। सचमुच यदि मन व्यथित, उद्वेलित, संत्रस्त, अशांत है तो मखमल, फूलों की सुखशय्या पर शयन करने पर भी नुकीले तीखे कांटे चूभते रहेंगे। जब तक मन स्वस्थ, शांत और समाधिस्थ नहीं होगा तब तक सब तरह से वातानुकूलित कक्ष में भी अशांति का अनुभव होता रहेगा। शांति का संबंध चित्त और मन से है। शांति बाहर की सुख-सुविधा में नहीं, व्यक्ति के भीतर मन में है। मानव को अपने भीतर छिपी अखूट संपदा से परिचित होना होगा। आध्यात्मिक गुरु चिदानंद के अनुसार शांति का सीधा संबंध हमारे हृदय से है सहृदय होकर ही शांति की खोज संभव है। शांतिपूर्ण जीवन के रहस्य को प्रकट करते हुए महान दार्शनिक संत आचार्यश्री महाप्रज्ञ कहते हैं-‘‘यदि हम दूसरे के साथ शांतिपूर्ण रहना चाहते हैं तो हमारी सबसे पहली आवश्यकता होगी-अध्यात्म की चेतना का विकास। ‘हम अकेले हैं’, ‘अकेले आए हैं’-हमारे भीतर यह संस्कार, यह भावना जितनी परिपक्व होगी, हम उतना ही परिवार या समूह के साथ शांतिपूर्ण जीवन जी सकेंगे। समयासार का यह सूत्र शांतिपूर्ण सहवास का भी महत्त्वपूर्ण सूत्र है। अध्यात्म की उपेक्षा कर, धर्म की उपेक्षा कर कोई भी व्यक्ति शांतिपूर्ण जीवन नहीं जी सकता। 

शांति के लिए सबसे बड़ी जरूरत है-मानवीय मूल्यों का विकास। सत्य, अहिंसा, पवित्रता और नैतिकता जैसे शाश्वत मूल्यों को अपनाकर ही हम वास्तविक शांति को प्राप्त कर सकते हैं। हर मनुष्य प्रेम, करुणा, सौहार्द, सहिष्णुता, समता, सहृदयता, सरलता, सजगता, सहानुभूति, शांति, मैत्री जैसे मानवीय गुणों को धारण करे। अपना समय, श्रम और शक्ति इन गुणों के अर्जन में लगाये। ऐसे प्रयत्न वांछित है जो व्यक्ति को शांत, उत्तरदायी व समाजोन्मुखी बना सके। वर्तमान जीवन पद्धति में पारस्परिक दूरी, कथनी और करनी में जो अन्तर पैदा हो गया है उसपर नियंत्रण स्थापित किया जाए। जब तक मनुज जीवन की हंसती-खिलती ऊर्वर वसुन्धरा पर शांति के बीज, स्नेह का सिंचन, अनुशासन की धूप, नैतिकता की पदचाप, मैत्री की हवा, निस्वार्थता का कुशल संरक्षण/संपोषण नहीं देगा तब तक आत्मिक सुख-शांति की खेती नहीं लहराएगी। वारेन बुफेट ने कहा कि कोई आज छाया में इसलिए बैठा हुआ है क्योंकि किसी ने काफी समय पहले एक पौधा लगाया था।”  शांति का शुभारंभ वहीं से होता है जहां से महत्वाकांक्षा का अंत होता है। चाणक्य नीति के अनुसार शांति जैसा तप नहीं है, संतोष से बढ़कर सुख नहीं है, तृष्णा से बढ़कर रोग नहीं है और दया के बढ़कर धर्म नहीं है।’’ इसलिए शांति की स्थापना के लिए संयम की साधना जरूरी है।  शांति सभी धर्माें का हार्द है। इसके लिए हिंदू गीता पढ़ता है, मुसलमान कुरान। बौद्ध धम्मपद पढ़ता है, जैन आगम-शास्त्र। सिक्ख गुरुग्रंथ साहिब पढ़ता है, क्रिश्चियन बाइबिल। नाम, रूप, शब्द, सिद्धांत, शास्त्र, संस्कृति, संस्कार की विभिन्नताओं के बावजूद साध्य सबका एक है-शांति की खोज। नया वर्ष इस खोज को सार्थक आयाम देते हुए हर इंसान को सच्चा इंसान बनाये, यही काम्य है। राबर्ट ब्राउल्ट ने कहा भी है कि छोटी छोटी बातों में आनन्द खोजना चाहिए, क्योंकि एक दिन ऐसा आएगा जब आप पिछले जीवन के बारे में सोचेगें तो यह पाएंगे कि वह कितनी बड़ी बातें थीं।”

शांति केवल शब्द भर नहीं है, यह जीवन का अहम् हिस्सा है। शांति की इच्छा जहां भी, जब भी, जिसके द्वारा भी होगी पवित्र उद्देश्य और आचरण भी साथ होगा। शांति की साधना वह मुकाम है जहां मन, इन्द्रियां और कषाय तपकर एकाग्र और संयमित हो जाते हैं। जिंदगी से जुड़ी समस्याओं और सवालों का समाधान सामने खड़ा दिखता है तब व्यक्ति बदलता है बाहर से भी और भीतर से भी क्योंकि बदलना ही शांति की इच्छा का पहला सोपान है और बदलना या बदलाव ही नववर्ष के संकल्पों की बुनियाद भी है। वर्षों तक मंदिर की सीढ़ियां चढ़ी, घंटों-घंटों हाथ जोड़े, आंखे बंद किए खड़े रहे, प्रवचन सुनें, प्रार्थनाएं कीं, ध्यान और साधना के उपक्रम किए, शास्त्र पढ़े, फिर भी अगर मन शांत न हुआ, चिंतन शांत न हुआ तो समझना चाहिए कि सारा पुरुषार्थ मात्र ढ़ोंग था, सबके बीच स्वयं को श्रेष्ठ साबित करने का बहाना था। नववर्ष कोरा बहाना नहीं, बल्कि दर्पण बने ताकि हम अपनी असलियत को पहचान सकंे, क्योंकि जो स्वयं को जान लेता है, उसे जीवन के किसी भी मोड़ पर जागतिक प्रवंचनाएं ठग नहीं सकती।

शांति हमारी संस्कृति है। संपूर्ण मानवीय संबंधों की व्याख्या है। यह जब भी खंडित होती है, आपसी संबंधों में दरारे पड़ती हैं, वैचारिक संघर्ष पैदा होते हैं। निजी स्वार्थों को प्रमुखतः मिलती है। प्रत्येक व्यक्ति स्वयं को सही और दूसरे को गलत ठहराता है। काॅलटन ने कहा है शांति आत्मा का सान्ध्यकालीन तारा है, जबकि सद्गुण इसका सूर्य है। ये दोनों कभी एक-दूसरे से पृथक नहीं होते हैं। इससे ही आत्मिक सुखानूभूति एवं सच्ची शांति फलित होती है। विकास की समस्त संभावनाओं का राजमार्ग है शांति। शांति ही जीवन का परम लक्ष्य है और इसमें सुख और आनंद का वास है। जरूरी है हम स्वयं के द्वारा स्वयं को देखें, जीवनमूल्यों को जीएं और उनसे जुड़कर शांति के ऐसे परकोटे तैयार करें जो जीवन के साथ-साथ हमारे आत्मिक गुणों को भी जीवंतता प्रदान करें।यही नये वर्ष का सच्चा स्वागत है।     





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(ललित गर्ग)
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उत्तर प्रदेश : यूपी में चुनावी तोहफों की बारिश

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देश का सबसे बड़ा सूबा यूपी में 2017 में विधानसभा चुनाव होने को है। चुनाव से पहले जनता के बीच सत्ता पक्ष लोकलुभावन घोषणाओं के साथ-साथ विकासरुपी योजनाओं की सौंगात दे रही है तो विपक्षी पार्टियां केन्द्र व प्रदेश सरकार की खामियां गिना रही है। इसी कड़ी पीएम नरेन्द्र मोदी ने काशी को 221 करोड़ रुपये वाली योजनाओं का शिलान्यास किया तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लोकभावन बजट पेश करते हुए अखबारनवीसों को लाखों करोड़ के विज्ञापन सिर्फ इसलिए दी है कि चुनाव में उनकी गुंडागर्दी व भ्रष्टाचार की पोल ना खुले 




up-election-and-promisses
बेशक, यूपी में विधानसभा चुनाव ज्यों-ज्यों नजदीक आ रही है केन्द्र व प्रदेश सरकार को चुनाव जीतने की चिंता सताने लगी हैं। नोटबंदी के बाद पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जहां विपक्षियों पर हमला कर उनके एक-एक सवाल का मुंहतोड़ जवाब दिया, वहीं 221 करोड़ वाली कैंसर अस्पताल समेत कई योजनाओं का शिलान्यास कर जनता को बताने की कोशिश किया कि वह अपने वादे के मुताबिक बनारस समेत पूरे यूपी के विकास के लिए संकल्पित हैं। तो वहीं अखिलेश सरकार ने शिलान्यास व लालीपापरुपी घोषणाओं की झड़ी लगा दी है। चुनाव से ठीक पहले पिछड़ी जातियों को गुमराह करने के लिए उन्हें आरक्षण का झुनझुना भी पकड़ा दिया है। इसके लिए अखिलेश सरकार ने 17 अति पिछड़ी जातियों को दलित कोटे में शामिल करने का प्रस्ताव कैबिनेट से पास कर केंद्र के पास भेजा है, तो 23 दिसम्बर को एटा में 52 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की बिजली परियोजनाओं की सौगात देने जा रहे हैं। हो जो भी इन घोषणाओं का असर तो चुनाव परिणाम में दिखेगा, लेकिन जनता अभी से सपा के काले कारनामों व मोदी के नोटबंदी का नफा-नुकसान का गणित समझने में जुट गयी है। 

हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र को इसके पहले भी एक से बढ़कर एक सौगात दी है। उन्होंने बड़ी-बड़ी योजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन आदि किया है। जयापुर व नागेपुर ही नहीं जनपद के सभी गांवों के विकास का खांका खींचा है। सांसद निधि से करोड़ों रुपये खर्च किया है। कैंट समेत जिले के अन्य स्टेशनों पर जन सुविधाओं का विस्तार किया है। बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य पर प्रधानमंत्री का बल रहा है। निर्मल गंगा व पर्यावरण संग दिए दिव्यांगों को उपकरण वितरित किया है। ऊर्जा गंगा भी यहां से बहाई है। जिसमें 17 नवंबर 2014 को जयापुर को गोद लेकर गांव में सभा की। इसी दिन 650 करोड़ की लागत से ट्रेड फैसिलिटेशन सेंटर व शिल्प म्यूजियम का शिलान्यास किया। 30 से 50 करोड़ की लागत से 14 टेक्सटाइल्स सेंटर्स खोलकर वहां बुनियादी सुविधाओं का विकास करने की घोषणा की।1 बंद सहकारी बैंकों को 2375 करोड़ मदद देने की घोषणा की। 18 नवंबर 20141 को गंगा पूजा, अस्सी घाट की सफाई कर स्वच्छता का संदेश दिया। 25 दिसंबर 2014 को एचआरडी मंत्रालय की ओर से पहला इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर टीचर्स एजुकेशन का उद्घाटन किया। बीएचयू कैंपस कनेक्ट (वाई-फाई) का उद्घाटन। पांच सौ करोड़ की महामना राष्ट्रीय शिक्षक एवं शिक्षण मिशन की शुरुआत। डीरेका में आधुनिक तकनीकी से लैस डब्ल्यूडीपी 4डी रेल इंजन को दिखाई हरी झंडी, 213 करोड़ से डीरेका वर्कशाप का शुभारंभ किया। 

18 सितंबर 2015 को पर्सनल सेक्टर का एलान कर 2022 तक देश भर में 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की घोषणा की। 60 हजार करोड़ की इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम की लाचिंग की। 571 करोड़ में चैक व कज्जाकपुरा सब स्टेशन का शिलान्यास किया। 165 करोड़ की लागत से बने बीएचयू ट्रामा सेंटर का लोकार्पण किया। काशी का उपनगर रामनगर के डाकघर में रेल आरक्षण केंद्र का उद्घाटन किया। 629.24 करोड़ में बनारस से बाबतपुर मार्ग के उन्नयन का शिलान्यास किया। 261 करोड़ में बनारस के लिए रिंग रोड का शिलान्यास किया। पूर्वाचल की सड़कों के लिए 11 हजार करोड़ की घोषणा की। 12 दिसंबर 2015 को जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ दौरा क्योटो की तर्ज पर बनारस के विकास की घोषणा की। 22 जनवरी 2016 को 9296 दिव्यांगों को उपकरण दिया। दिव्यांगों के लिए विश्वविद्यालय बनाने की घोषणा की। महामना एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई। 22 फरवरी 2016 को बीएचयू दीक्षांत समारोह में शिरकत कर डीरेका में पैडल रिक्शा वालों को ई-रिक्शा वितरण किया। अस्सी घाट पर ई-बोट की सौगात दी। 24 अक्टूबर 2016 को सिटी गैस परियोजना का शिलान्यास किया। डीरेका विस्तारीकरण योजना का लोकार्पण किया। वाराणसी-इलाहाबाद रेल मार्ग दोहरीकरण का शिलान्यास किया। डुअल इंजन का लोकार्पण किया। सृजित वाराणसी डाक परिक्षेत्र की घोषणा की। बनारस पर आधारित डाक टिकट जारी किया। 400 केवी जीआइएस वाराणसी विद्युत उपकेंद्र का लोकार्पण किया। राजातालाब में पेरिशेबल कारगों सेंटर का शिलान्यास किया। इसके अलावा 22 दिसम्बर 2016 को डीरेका मैदान में बीआरएस हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट का शिलान्यास किया। जो इंस्टीट्यूट पीपीपी माडल की तर्ज पर बनेगी। बीएचयू के सर सुन्दरलाल अस्पताल में एक अलग कैंसर अस्पताल का आधारशिला रखी। इस प्रस्तावित अस्पताल का प्रोजेक्ट मुंबई स्थित टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल के सहयोग से तैयार हुआ है। प्रधानमंत्री ने खुद इस अस्पताल में रूचि दिखायी है। बीएचयू के कैंसर अस्पताल से पूरे उत्तर भारत के कैंसर मरीजों को काफी राहत मिलेगी। यह अस्पताल ढाई साल में बनकर तैयार होगी। कैंसर संस्थान का यह प्रस्ताव 500 करोड़ का है। प्रस्ताव के तहत संस्थान में सर्जिकल आंकोलॉजी, मेडिकल आंकोलॉजी, रेडियोलॉजी की सुविधा होगी। इसमें आवासीय और एकेडमिक परिसर होगा।

इसी तर्ज पर यूपी सरकार ने 17 अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करने के प्रस्ताव को पारित किया हैं। इसमें कहार, कश्यप, केवट, निषाद, बिंद, भर, प्रजापति, राजभर, बाथम, गौर, तुरा, मांझी, मल्लाह, कुम्हार, धीमर, गोडिया और मछुआ आदि जातियां शामिल हैं। हालांकि यह पहली बार नहीं है कि जब इस प्रस्ताव को कैबिनेट से पारित करके केन्द्र के पास भेजा गया हो। साल 2004 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने भी यही प्रस्ताव पारित कराकर केन्द्र के पास भेजा था। इसी तरह मौजूदा अखिलेश यादव सरकार ने भी 22 मार्च 2013 को विधानसभा में यह प्रस्ताव पारित कराकर केन्द्र को प्रेषित किया था। जबकि मायावती ने कहा है कि एसपी सरकार के इस फैसले से इन वर्गो का फायदा नहीं बल्कि नुकसान ही होगा क्योंकि तब वे अपने अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत मिलने वाली आरक्षण की सुविधा से भी वांचित हो जायेंगे। ऐसा माना जाता है कि पिछले लोकसभा चुनाव में इन जातियों की बड़ी आबादी सब मोदी लहर के साथ थे और अगर इन्हें दलितों में शामिल कर लिया गया तो फिर मायावती के लिए भी मुश्किलें बढ़ सकती है। मुलायम सिंह जब यूपी के सीएम थे, तो उन्होंने ये फैसला लिया था, लेकिन तब केंद्र ने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। लेकिन अब अखिलेश ने फिर ये पुराना दांव आजमाया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अब प्रदेशवासियों को रिकार्ड 52 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की बिजली परियोजनाओं की सौगात देने जा रहे हैं। 




(सुरेश गांधी)

आलेख : कैलेण्डर ही नहीं, तकदीर भी बदले

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एक और वर्ष अलविदा हो रहा है और एक नया वर्ष चैखट पर खड़ा है। उम्र का एक वर्ष खोकर नए वर्ष का क्या स्वागत करें? पर सच तो यह है कि वर्ष खोया कहां? हमने तो उसे जीया है और जीकर हर पल को अनुभव में ढाला है। अनुभव से ज्यादा अच्छा साथी और सचाई का सबूत कोई दूसरा नहीं होता। सूर्य उदय होता है और ढल जाता है। शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष आते-जाते रहते हैं। कैलेण्डर बदल जाता है। नए वर्ष की शुरुआत हमें ऐसे चैराहे पर ला खड़ा करती है जहां अतीत और भविष्य हमें साफ-साफ दीखते हैं। अतीत का सुख-दुःख, आरोह-अवरोह, लाभ-हानि, शुभ-अशुभ सभी कुछ कहीं न कहीं ऐसे मील के पत्थर रख जाते हैं कि इंसान यदि भीतर से जगा हुआ हो तो हर घटना, संदर्भ, निर्णय, सोच, शैली हमारे लिए नई सीख, ऊर्जा और प्रेरणा बनती है। लेकिन हम भीतर से जगे हुए कहा है? भ्रष्टाचार एवं कालेधन से निजात पाने के लिये लागू की गयी नोटबंदी के बावजूद हम नये वर्ष के स्वागत में अरबों रुपये उड़ा देंगे। एक बार फिर देश के आम मेहनतकश लोगों के लिए तो आने वाला नया साल हर बार की तरह समस्याओं और चुनौतियों के पहाड़ की तरह खड़ा है। आम मेहनतकशों और गरीबों के दुखों और आँसुओं के सागर में बने अमीरी के टापुओं पर रहने वालों का स्वर्ग तो इस व्यवस्था में पहले से सुरक्षित है, वे तो जश्न मनायेंगे ही। मगर अच्छे दिनों के इन्तजार में साल-दर-साल शोषण-दमन-उत्पीड़न झेलती जा रही देश की आम जनता आखिर किस बात का जश्न मनाये? क्यों जश्न मनाये? मेरा देश महान् के स्थान पर मेरा देश परेशान ही नजर आता है। गलतफहमियां पनपनी नहीं चाहिए, क्योंकि इसी भूमिका पर विरोधी विचार जन्म लेते हैं। गलत धारणाओं को मिटाने के लिए शत्रु को पीठ पीछे नहीं, आमने-सामने रखें।

कार्य की शुरुआत गलत नहीं होनी चाहिए। अन्यथा गलत दिशा में उठा एक कदम ही हमारे लिए अंतहीन भटकाव पैदा कर देगा। यदि हम कार्य की योजना, चिंतन और क्रियान्विति यदि एक साथ नहीं करेंगे तो वहीं के वहीं खड़े रह जायेंगे जहां एक वर्ष पहले खड़े थे। क्या हमने निर्माण की प्रक्रिया में नए पदचिन्ह स्थापित करने का प्रयत्न किया? क्या ऐसा कुछ कर सके कि ‘आज’ की आंख में हमारे कर्तृत्व का कद ऊंचा उठ सका? आज भी लम्बे-चैड़े वादों और तरह-तरह की घोषणाओं के बावजूद देश के लगभग आधे नौजवान बेकारी में धक्के खा रहे हैं या फिर औनी-पौनी कीमत पर अपनी मेहनत और हुनर को बेचने पर मजबूर हैं? महाशक्ति बनने का दावा करने वाले इस देश की औरतें- बालिकाएं आए दिन बलात्कार, व्यभिचार एवं शोषण की शिकार हो रही है। लगभग 50 फीसदी स्त्रियाँ खून की कमी और 46 फीसदी बच्चे कुपोषण के शिकार हैं, भूख और कुपोषण के कारण लगभग 7000 बच्चे रोजाना मौत के मुँह में समा जाते हैं। बजट का 90 फीसदी अप्रत्यक्ष करों द्वारा आम जनता से वसूला जाता है लेकिन आजादी के 70 वर्षों बाद भी स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास, पानी, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं से भी आम जनता वंचित है। प्रान्तीयता, जातीयता और राजनीति के नाम पर लोगों को आपस में लड़ाने का गन्दा खूनी खेल गुजरे साल में नयी नीचताओं तक पहुँच गया? इसलिए जश्न मनाने का नहीं, संकल्पित होने और शपथ लेने का अवसर है कि भविष्य में ऐसा कुछ नहीं करेंगे जो हमारे, उद्देश्यों, उम्मीदों, उमंगों और आदर्शों पर असफलता का प्रश्नचिन्ह लगा दें।

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नया वर्ष हर बार नया संदेश, नया संबोध, नया सवाल लेकर आता है कि बीते वर्ष में हमने क्या खोया, क्या पाया? पर जीवन की भी कैसी विडम्बना! तीन सौ पैंसठ दिनों के बाद भी हम स्वयं से स्वयं को जान नहीं पाये कि उद्देश्य की प्राप्ति में हम कहां खड़े हैं? तब मन कहता है कि दिसम्बर की अंतिम तारीख पर ही यह सवाल क्यों उठे? क्या हर सुबह-शाम का हिसाब नहीं मिलाया जा सकता कि हमने क्या गलत किया और क्या सही किया? उद्देश्य के आईने में प्रतिबिम्बों को साफ-सुथरा रखा जाए तो कभी जीवन में हार नहीं होती। आंख का कोण बदलते ही नजरिया बदलता है, नजरिया बदलते ही व्यवहार बदलता है और व्यवहार ही तय करता है कि आप विजेता बनते हैं या फिर खाली हाथ रहते हैं। इसलिये नया साल जश्न मनाने का नहीं, नजरिया बदलने का अवसर है। आबिद सुरती उम्र के 80वें साल में यदि पानी की बर्बादी को रोकने के लिये संकल्पित हो सकते हंै और इसने लिये वे ठाणे जिले के मीरा रोड के 1666 घरों में जाकर 414 लीक हो रहे नलों को बिना एक पैसे लिए ठीक कर सकते हैं और लगभग 4.14 लाख मीटर पानी को वेस्ट होने से बचा सकते हैं तो हम देश की ऐसी ही अनेक अन्य तरह की बर्बादियों पर अंकुश लगाने के लिये क्यों नहीं आगे आते? सवाल दरअसल जिंदगी में अलग-अलग रूपों में आने वाली समस्याएं हैं, जिन्हें आप किस नजर से देखते हैं, उन्हें कैसे हैंडल करते हैं, इस पर निर्भर करता हैं कि आप चीजों को और घटनाओं को किस नजरिए से देखते हैं। हमारे लोकतंत्र पर पूँजीवादी लोकतंत्र होने का तमगा लगा है और सच्चाई भी यही है कि सारी सरकारें वास्तव में इन्ही देशी-विदेशी लुटेरों की मैनेजिंग कमेटी के रूप में काम करती हैं। चाहे जिस पार्टी की सरकार सत्ता में आ जाये, धन्नासेठों के हितों में कोई आँच नहीं आती। नोटबंदी ने क्या बिगाड़ दिया इन धन्नासेठों और कालाबाजारियों का? सभी चुनावी पार्टियों के चुनाव का खर्च बड़े-बड़े धनकुबेर उठाते हैं। देश के सांसदों पर पाँच साल में लगभग 16 अरब 38 करोड़ रुपये खर्च किये जाते हैं, संसद की एक मिनट की कार्यवाही में ढाई लाख रुपये का खर्च आम जनता अपना पेट काटकर चुकाती है और वहाँ होता क्या है? नोटबंदी के दौरान एक पूरा लोकसभा एवं राज्यसभा का शीतकालीन सत्र बिना किसी कार्रवाही के शोर-शराबे के हवाले हो गया। किसको इसका अहसास है? कौन जिम्मेदार है इस 30 दिनों की बर्बादी के लिये? 

नरेन्द्र मोदी के 10 करोड़ रोजगार देने और ‘मेक इन इंडिया’ जैसे जुमलों के बावजूद सच्चाई यही है कि चपरासी के 368 पदों के लिए 23 लाख से भी ज्यादा नौजवान आवेदन करते हैं जिनमें पीएच.डी. और एमबीए के डिग्रीधारक भी शामिल हैं। एम.ए. और बी.एससी. किये हुए नौजवान लेबर चैक पर अपने आप को बेचते हुए मिल जायेंगे! स्टार्टअप के नाम पर 10 हजार करोड के फण्ड बना देने या ऐसी ही योजनाओं का क्या लाभ जो योजना योजना ही बनी रहती है, उसकी क्रियान्विति नहीं होती। हर मंत्रालय के पास करोड़ों के फण्ड है, जो बिना उपयोग के ही पड़े रह जाते हैं। इसके लिये नीतियां दोषी है या फिर मंत्री नकारे  है। न्याय एवं समतामूलक समाज निर्माण के नारों का क्या? देश के दस प्रतिशत अमीर लोगों ने कुल सम्पत्ति के 76.3 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा किये हुए हंै। उनकी कमाई लगातार बढ़ती जा रही है जिसे उद्योग, शेयर मार्केट, मनोरंजन उद्योग आदि क्षेत्रों में लगाकर मुट्ठीभर लोग बेहिसाब मुनाफा बटोर रहे हैं। एक ओर मुकेश अम्बानी है जिसके 6 लोगों के परिवार के लिए 2700 करोड़ की लागत से बना मकान है और दूसरी ओर पूरे देश में 18 करोड़ लोग झुग्गियों में रहते हैं और 18 करोड़ लोग फुटपाथों पर सोते हैं। देश की ऊपर की तीन फीसदी और नीचे की 40 प्रतिशत आबादी की आमदनी के बीच का अन्तर आज 60 गुना हो चुका है।  सिर्फ सरकारों के बदल जाने से समस्याएं नहीं सिमटती। अराजकता, भ्रष्टाचार और अस्थिरता मिठाने के लिये सक्षम नेतृत्व चाहिए। उसकी नीति और निर्णय में निजता से ज्यादा निष्ठा चाहिए। अन्यथा एक भ्रष्टाचार को मिटाने के नाम पर नये भ्रष्टाचार को जन्म देते रहेंगे, जैसाकि नोटबंदी के दौरान बैंकों का भ्रष्टाचार उभरा है। सिर से पाँव तक सड़ चुकी व्यवस्थाओं को बदलना और चारों ओर लूट-खसोट, अन्धी प्रतिस्पद्र्धा, अपराध, शोषण-दमन-उत्पीड़न, अमानवीयता और भयंकर गैर-बराबरी से निजात दिलाना ही नये वर्ष का वास्तविक संकल्प हो सकता है।

च्युइंगम बेचने के रास्ते से होता हुआ दुनिया का सबसे अमीर आदमी बनने वाला बुफेट अपनी सारी कमाई, सारी पूंजी एक क्षण में दान कर सकता है, तो हमारी राजनीति में अपने स्वार्थों का त्याग कर देश निर्माण करने वाले लोग क्यों नहीं आगे आते? बुफेट के पास जितना काम करने का माद्दा है, उतना ही उसे समाज के लिए दे देने का भी। भूटान का उदाहरण हमारे सामने हैं। वहां के लोग खुशमिजाज माने जाते हैं। आखिर क्यों? क्योंकि वे अपना पैसा हथियार खरीदने पर खर्च नहीं करते, बल्कि एजुकेशन पर इसे खर्च करते हैं। एजुकेशन का मतलब यहां पर डाॅक्टर, इंजीनियर, टीचर बनाने वाली फैक्टरी कतई नहीं है, बल्कि वहां स्कूल से लेकर काॅलेज तक स्टूडेंट्स को मानवीय मूल्यों के बारे में नैतिकता और चरित्र के बारे में पढ़ाया था, और यह भी कि मौत जिंदगी का असल सत्य है और उससे भी बड़ा सत्य यह है कि जीवन के खत्म होने से पहले हम इसे जी लें। ये भी कि हथियारों से कुछ हासिल नहीं होता, कुछ भी नहीं। हम तो अहिंसा, नैतिकता एवं ईमानदारी की केवल बातें करते हैं, इनसे राजनीतिक या व्यक्तिगत लाभ उठाते हैं, कुछ तो शुभ शुरुआत करें। क्यांेकि गणित के सवाल की गलत शुरुआत सही उत्तर नहीं दे पाती। गलत दिशा का चयन सही मंजिल तक नहीं पहुंचाता। दीए की रोशनी साथ हो तो क्या, उसे देखने के लिये भी तो दृष्टि सही चाहिए। वक्त मनुष्य का खामोश पहरुआ है पर वह न स्वयं रुकता है और न किसी को रोकता है। वह खबरदार करता है और दिखाई नहीं देता। इतिहास ने बनने वाले इतिहास के कान में कहा और समाप्त हो गया। नये इतिहास ने इतिहास से सुना और स्वयं इतिहास बन गया। बेशक, हर नया साल इन सम्भावनाओं से भी भरा हुआ होता है कि हम इस तस्वीर को बदल डालने की राह पर आगे बढ़ें। लेकिन अगर हम बस हाथ पर हाथ धरकर ऐसे ही बैठे रहेंगे और अपनी दुर्दशा के लिए कभी इस कभी उस पार्टी को कोसते रहेंगे या उनके बहकावे में आकर एक-दूसरे को अपनी हालत के लिए दोषी मानते रहेंगे तो सबकुछ ऐसे ही चलता रहेगा, जैसे पिछले सात दशकों से चल रहा है। हर घटना स्वयं एक प्रेरणा है। अपेक्षा है जागती आंखों से उसे देखने की और जीवन को नया बदलाव देने की।



(ललित गर्ग)
ई-253, सरस्वती कंुज अपार्टमेंट
25 आई. पी. एक्सटेंशन, पटपड़गंज, दिल्ली-92
फोनः 22727486, 9811051133

विश्व एड्स दिवस : एचआईवी एड्स जांच अभियान

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विश्व एड्स दिवस के मौके पर एएचएफ (एड्सहेल्थ।केयर फाउंडेशन) इंडिया केयर्स विभिन्न् एनजीओ के सहयोग से एचआईवी एड्स जांच अभियान के आयोजन के अलावा नए एचआईवी पॉजिटिव ग्रस्त रोगियों की पहचान कर उन्हें एआरटी सेंटरों से सेवाएं हासिल करने में मदद कर है एड्स हेल्थैकेयर फाउंडेशन (एएचएफ) ने अराउंड द ग्लोनब इन ए डे अभियान की घोषणा की है। इसके तहत एचआईवी और एड्स के संदर्भ में जागरूकता फैलाना है। कंबोडिया, मेक्सिको सिटी और यूनाइटेड स्टेरट्स में फ्री संगीत समारोह और अमेरिका, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, कैरिबियाई, पूर्वी यूरोप और भारत सहित एशिया में जांच कार्यक्रम चलाना इस अभियान में शामिल है। एएचएफ एड्स हेल्थकेयर फाउंडेशन इंडिया केयर्स, के कंट्री प्रोग्राम डायरेक्टओर डॉ वी सैम प्रसाद ने कहा, ‘एचआईवी से संक्रमित होने के संभावित व्यक्तियों की पहुंच हेल्थाकेयर,सूचनाएं और एचआईवी से सुरक्षा के उपायों तक नहीं है। इनमें सुरक्षित सेक्स और महिला या पुरुष कंडोम का इस्तेएमाल कैसे किया जाए, एचआईवी काउंसलिंग और जांच तथा एचआईवी केयर तक पहुंच शामिल हैं। इंडिया केयर्स के ब्रांड एंबेसडर और खुले तौर पर सक्रिय समलैंगिक प्रतिभागी राजपिपला के रॉयल परिवार के प्रिंस मानवेंद्र सिंह गोविल ने कहा, ‘भले ही लोगों की पहुंच एचआईवी काउंसलिंग और जांच तक हो लेकिन वे अपने स्थानीय समुदायों और परिवारों के भय और भेदभाव के कारण इससे बचने की सोच सकते हैं। साथ ही और समलैंगिक होने संबंधी बेवजह का भय, समाज से निष्काचयित होने का जोखिम, कभी-कभार हिंसक रूप ले लेने वाली वजह या अप्रत्यथक्ष आर्थिक परिणामों और अलग-थलग या परित्यिक्तन किए जाने के भय से एचआईवी संबंधी हस्तिक्षेपों को आगे बढ़ने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।’

नत्थू सिंह, प्रोग्राम मैनेजर, ह्यूमाना पीपुल टू पीपुल ने कहा कि भारत में, एचआईवी मुख्यटतरू भारी जाखिम वाले जनसंख्यास समूहों में केंद्रिति है जो कि गैर अति जोखिम वाले समूहों के मुकाबले एचआईवी के संपर्क में ज्याादा रहते हैं। विश्वो एड्स दिवस जो कि पहले कभी विश्वा स्वाबस्थ्यं दिवस था और पहली बार 1988 में मनाया गया था। भारत में शुरुआती अति जोखिम वाले समूह में नसों से नशा लेने वाले (आईडीयू), पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाने वाले पुरष और महिला यौन कर्मी एफएसडब्यूने व) शामिल थीं। विश्व एड्स दिवस 2016 की गतिविधियों के साझेदार नई दिल्लीथ के उत्तंम नगर स्थित एनजीओ एसपीआईडी (सोसाइटी फॉर पार्टिसिपेटरी इंटिग्रेटेड डेवलपमेंट) के मुख्ये पदाधिकारी अवधेश यादव ने एचआईवी एड्स से निपटने के लिए सरकार के प्रयासों में स्थानीय एनजीओ के प्रयासों को दोहराया। एचआईवी प्रोग्राम के तहत स्थापनीय समुदायों की एचआईवी जनसंख्या  की पहचान की जाती है। उन्होंईने कहा कि “ समुदाय आधारित परीक्षण के माध्यतम से एनजीओ नए एचआईवी पॉजिटिव लोगों को सरकार के उपचार कार्यक्रम और राहत के लिए पहचानने और जोड़ने में मदद करते हैं।” हमारे समाज में इस बीमारी को कलंक के रूप में माना जाता है, यही कारण है कि अति जोखिम वाले समूह को उपचार उपलब्धक कराना और भी कठिन है। यदि हम एचआईवी का प्रसार रोकना चाहते हैं, तो इसके लिए हमें इन समूहों में से लोगों की मदद करने के लिए नए रास्तोंर की तलाश करनी होगी। 

एएचएफ ज्योकतिष कम्युननिट केयर सेंटर पनवेल नवी मुंबई की चिकित्सक डॉ. दिव्या मित्तटल ने कहा कि हमें उनके लिए पुनर्वास और सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम सुनिश्चित करना होगा। विश्वा स्वोस्य्ास  दिवस जैसे वैश्विक कार्यक्रम एचआईवी पॉजिटिव लोगों को इस कलंक और भेदभाव का सामना करने में मदद करते हैं। साथ ही समाज के व्यसवहार को बदलने के लिए जागरुकता बढ़ाने में भी मदद देते हैं। एचपीपीआई प्रोग्राम मैनेजर, नई दिल्लीश के पॉप सिंह ने घोषणा की कि दिल्ली  में आयोजन की शुरुआत 10 बजे सुबह आजादपुर मंडी से होगी। जो अतिथि इसमें हिस्साप लेंगे उनमें एपीएमसी (एमएनआई) आजादपुर, दिल्ली सरकार के डिप्टीे सेक्रेटरी श्री सतीश कुमार सिंह, (डीटीओ) बीजेआरबी चेस्टे क्लिनिक जहांगीरपुरी के डॉ बशिष्ठ , अजित यादव और लोकप्रिय पंजाबी गायक कुमार बिटृटू उर्फ केबी शामिल हैं। जनकपुरी से विधायक श्री राजेश ऋषि ने एचआईवीध्एड्स जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाने की सहमति दी है और विकासपुरी के विधायक श्री महेंद्र यादव धन्यएवाद देंगे और सांस्कृीतिक तथा पोस्टदर प्रतिस्प र्धा के विजेताओं को पुरस्कृत करेंगे। इस आयोजन में एलजीबीटीक्यूाआई समुदायों, स्थानीय नेताओं, समुदाय के स्व यंसेवक, स्थानीय स्वापस्य्मे  सुविधा प्रदाताओं, आईसीटीसी काउंसलर्स और टीबी डॉट केंद्र भी इसे सफल बनाने के लिए हिस्साी लेंगे। रैपिड टेस्ट  किट्स के इस्ते,माल के ज रिए  विश्व एड्स दिवस 2016 प्रोग्राम के हिस्सेग के तौर पर एएचएफ ने रैपिड टेस्टद किट्स के इस्तेिमाल के जरिए फ्री एचआईवी जांच की व्य्वस्थाि की है और अगर कोई पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे इलाज के लिए मौजूदा एचआईवी सेवाओं से जोड़ा जाएगा और लगातार इस बात पर नजर रखेगा कि उसे सही इलाज मिले।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उद्यमियों और निर्यातकों को सम्मानित किया।

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हरियाणा सरकार द्वारा आयोजित स्टेट लेवल अवार्ड डिस्ट्रीब्यूशन कार्यक्रम गुरूग्राम, उद्योग विहार स्थित वाणिज्य निकुंज में संपन्न हुआ। यह अवार्ड हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के द्वारा प्रदान किया गया। हरियाणा के मुख्यमंत्री, मनोहर लाल ने उद्यमियों और निर्यातकों से आग्रह किया कि उनकी आवश्यकताओं के अनुसार बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षित करने और उन्हें रोजगार के लिए। राज्य सरकार ने इसके लिए बुनियादी ढांचे को प्रदान करेगा और भी ऐसे युवाओं को प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र देना होगा।  समारोह में एशियन हस्तशिल्प कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर राज कुमार मल्होत्रा सहित अनेक उद्यमियों और निर्यातकों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में अन्य सम्मानित उद्यमियों और निर्यातकों में स्टालवल्ट क्रियेशन,स्टीला इड्रास्टीज,ओरियन्ट क्राफ्ट,ई.के रबड. कंपनी मुख्य थे।  राज कुमार मल्होत्रा पिछलें चार दशक से से एक्सपोर्ट व्यवसाय से जुड़े हुए है और एक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट्स और इंडिया एक्सपोमार्ट के चेयर मैन भी रह चुके है ।

‘मीडिया साक्षरता सम्मेलन’ में पत्रकार सहित अनेक हस्तियां सम्मानित

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‘मीडिया साक्षरता सम्मेलन’ का आयोजन बाल भवन इंटरनेशनल स्कूल, सेक्टर -12, द्वारका में हुआ। सम्मेलन का आयोजन बीबीएस मीडिया क्लब एवं क्रिएटिव्स वल्र्ड मीडिया अकादमी द्वारा किया गया। सम्मेलन का आगाज परम्परागत दीप प्रज्ज्वलन एवं मेजबान स्कूल की उप-प्रधानाचार्या जसप्रीत कौर के उद्घाटन भाषण के साथ शुरू हुआ।  सम्मेलन के संस्थापक एवं निदेशक एसएस डोगरा ने बताया कि ‘पहले सत्र में विभिन्न दस स्कूलों के विद्यार्थियों द्वारा अभिनीत,निर्मित एवं सम्पादित लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया। लघु फिल्म प्रतियोगिता में,  निम्न प्रतिभागी स्कूल एन.के.बगरोडिया पब्लिक स्कूल, सेक्टर-4 ने महिला सुरक्षा विषय पर आधारित लघु फिल्म , द्वारका, आर.डी.राजपाल स्कूल सेक्टर-9 ने “रोड टू स्टेडियम” नामक लघु फिल्म, माउंट कार्मल स्कूल, श्री वेंकटेश्वर इंटरनेशनल स्कूल, सेक्टर-18, डीएवी स्कूल, सेक्टर-6 ने महिला सुरक्षा विषय पर आधारित लघु फिल्म, बसावा इंटरनेशनल स्कूल, सेक्टर-23 ने “वैल्यू ऑफ स्पोर्ट्स” पर आधारित लघु फिल्म, इंडियन हाईटस स्कूल, सेक्टर-23 ने रूरल डेवलपमेंट, बाल भवन इंटरनेशनल स्कूल,   सेक्टर-12 ने “स्वच्छ भारत अभियान पर लघु फिल्म एवं  प्रगति पब्लिक स्कूल, सेक्टर-13 ने निडर नामक फिल्म प्रेषित की थी जिन्हें उक्त प्रथम बाल फिल्म उस्तव में प्रदर्शित किया गया। इसके अलावा फोटो-प्रदर्शनी ही मुख्य आकर्षण का केंद्र बिंदु थे।

दूसरे सत्र में, प्रसिद्ध फिल्म निर्माता,वैज्ञानिक एवं शायर गौहर रजा ने बतौर सम्मेलन के मुख्यातिथि के रूप में सिसिली कोडियान द्वारा लिखित एवं एस. एस. डोगरा द्वारा सम्पादित विश्व के तीस महानतम वैज्ञानिकों की प्रेरक  जीवन यात्रा पर लिखित “एमिनेंट वर्ल्ड साइंटिस्ट्स” पुस्तक का विमोचन किया. इस पुस्तक विमोचन समारोह  के दौरान साहित्य, मीडिया, सिनेमा, रेडियो एवं फिल्मी क्षेत्र की सैंकड़ो हस्तियाँ मौजूद थी. इस मौके पर गौहर रजा प्रमुख समाज सेविका एवं उक्त पुस्तक की लेखिका एवं संपादक एस.एस. डोगरा के अथक प्रयासों की सराहना की.  रजा ने  अपने संबोधन में पुस्तक पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्हें बेहद खुशी है कि इसमें चार भारतीयों को शामिल किया है जो बड़े गर्व का विषय है.  इसी मौके पर उन्होंने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि मेरे मुताबिक यह बेहद उम्दा एवं सफल मीडिया साक्षरता सम्मेलन था जिसमें उन्हें भी करीबी से देखने समझने का सुअवसर प्राप्त हुआ. 

सम्मेलन के दुसरे सत्र में,फिल्म एवं फोटो प्रदर्शिनी का परिणाम जूरी सदस्यों हरविंदर मंक्कर (फिल्म निदेशक एवं लेखक, सुशील भारती (लेखक, लघु फिल्म निर्माता एवं निर्देशक-प्रसारण रेडियो नोएडा और एम.एस. टीवी,फिल्म कलाकार शिवा कुमार, फिल्म निर्माता पल्लवी प्रकाश एवं  अश्विनी त्यागी (फिल्मकार) की आपसी सहमति से मुख्य अतिथि गौहर रजा द्वारा घोषित किया गया. इसमें बाल भवन इंटरनेशनल स्कूल द्वारा निर्मित लाभु फिल्म श्स्वच्छ भारत’ को प्रथम पुरस्कार तथा  श्री वेंकटेश्वर इंटरनेशनल स्कूल, सेक्टर-18  द्वारा महिलाओं की सुरक्षा पर आधारित निमित लघु फिल्म ने दूसरा पुरुस्कार जीता। फोटो प्रदर्शनी में पचास से भी अधिक विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों ने विभिन्न विषयों पर फोटो प्रदर्शित किए. मुखायातिथि, उप्प्रधानाचार्या एवं  जूरी मेम्बेर्स ने उपस्थित गणमान्य अतिथितियों के साथ फोटो पर्दर्शनी का अवलोकन किया।  गौरतलब है कि नैनिका गुप्ता ने मीडिया साक्षरता सम्मेलन की फोटो-प्रदर्शनी में सबसे कम उम्र फोटोग्राफर ने भी अपनी चार फोटो प्रदर्शित किए थे. ग्रामीण जीवन श्रेणी में श्री वेंकटेश्वर स्कूल की वेर्निका गेरो की फोटो, ऐतिहासिक स्मारक श्रेणी में देवांश सवेरना, शहरी जीवन श्रेणी में जे.एम.इंटरनेशनल स्कूल के शेनॉय शेरोन सुधान, प्रकृति श्रेणी में बाल भवन के निशांत शर्मा एवं वन्य जीवन श्रेणी में भी बाल भवन इंटरनेशनल स्कूल की रवलीन कौर को विजेता घोषित किया गया.  इन सभी फिल्मों एवं फोटो प्रदर्शनी के लिए विशेष रूप से मुख्यातिथि गौहर रजा  एवं नियुक्त निर्णयाक मण्डली में शामिल हरविंदर मंक्कर (फिल्मकार, निदेशक एवं लेखक), सुशील भारती (लेखक, फिल्मकार एवं निदेशक-रेडियो नॉएडाध्एमएस टीवी), अश्वनी त्यागी (फिल्मकार), बोलीवुद अभिनेता शिवा कुमार  एवं फिल्म निर्माता पल्लवी प्रकाश ने पुरे समय बच्चों के साथ समय बिताकर प्रथम बाल फिल्म उत्सव, फोटो प्रदर्शनी एवं मीडिया पुरुस्कार समारोह सहित पुरे मीडिया लिटरेसी कॉन्क्लेव की शोभा बढाई।    

मीडिया एक्सीलेंस अवार्ड की शुरुआत एस.एस. डोगरा द्वारा लिखित फेस्टिवल सांग को कॉलेज के बच्चों द्वारा संचालित चाहत बैंड ने लाइव गाकर किया।  मीडिया पुरुस्कार में सबसे पहले मुख्यातिथि गौहर रजा साहेब (प्रसिद्ध फिल्म निर्माता, वैज्ञानिक एवं शायर), कोरियन प्रोफेसर किम यंग डो (फादर ऑफ कोरियन लैंग्वेज इन इंडिया), दिग्गज फिल्म पत्रकार बीबी नागपाल,  प्रख्यात लेखक एवं कवि डॉ अशोक लव  को अपने अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए    लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से संजय मिश्रा- द्वारका परिचय के निदेशक के साथ-साथ बाल भवन इंटरनेशनल स्कूल की जसप्रीत कौर-वाइस प्रिंसिपल द्वारा लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार से बाल भवन इंटरनेशनल स्कूल की उपप्रधानाचार्या जसप्रीत कौर, मीडिया लिटरेसी कॉन्क्लेव के संस्थापक एवं निदेशक एस.एस. डोगरा सहित आई टी हेड द्वारका परिचय के संजय मिश्रा ने सम्मानित किया। मीडिया एक्सीलेंस अवार्ड कड़ी में कोरियाई लेखक कुमकुम, पत्रकार,अशोक निर्भय,धर्मेंद्र पंत, मोहित शुक्ला अनिल बालियान, पत्रकार कुमार गजेंद्र, मनीष शर्मा, पत्रकार,गायिका मधुमिता बिस्वास, नेत्रपाल शर्मा, गायक डॉ. शैलेश सिंह ,अनंत कुमार,मोनोजित सिंह, वैज्ञानिक डॉ अमित कौर पुरी-सीएसआर हेड-एपीजे सत्या विश्वविद्यालय, निफ्ट की निदेशक एवं मिसेस यूनिवर्स 2015 (वेस्ट एशिया) रूबी यादव संगीतकार गोविंद सरस्वती, कवियत्री डॉ. कीर्ति  काले, ज्योतिषी रेखा वोहरा, समाज सेविका नेहा, कवि संजीव शर्मा ,मोहसीन खान,आदेश शर्मा, मीडिया शिक्षाविद डॉ. अलोक सत्संगी, आशुतोष कपूर मीडिया शिक्षाविद, कवियित्री एवं लेखिका डॉ.फराह सिद्दीकी मतीन-डब्लिन-आयरलैंड, रेडियो प्रेसेंटर रंजना यादव, अभिनेता एवं  सामाजिक कार्यकर्ता अनुराग सक्सेना, मुख्य थे।

एयरसेल का असीमित काॅलिंग और असीमित डाटा के प्लान

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नई दिल्लीःएयरसेल ने एक बार फिर पाथ बे्रकिंग प्रोडक्टस आरसी14 तथा आरसी 249 लांच किए। यह उत्पाद बेस्ट वेल्यू प्रपोजिशन के साथ देश में किसी भी नम्बर के लिए अनलिमिटेड काॅल्स प्रदान करते हैं। आरसी 14 ग्राहकों को एक दिन की वैधता के साथ सभी नेटवक्र्स पर अनलिमिटेड लोकल तथा एसटीडी काॅलिंग प्रदान करता है। ग्राहक एयरसेल से एयरसेल (लोकल तथा एसटीडी) तथा एयरसेल से अन्य को (लोकल तथा एसटीडी) अनलिमिटेड काॅल्स कर सकता है तथा निर्बाध जुडा रह सकता है। आरसी 249, 28 दिनों की वैधता अवधि के लिए अनलिमिटेड काॅलिंग तथा अनलिमिटेड डाटा के साथ ग्राहकों के बीच रहा है। ग्राहक सभी नेटवक्र्स पर अनलिमिटेड काॅल्स, तथा अनलिमिटेड 2 जी डाटा का लाभ उठा सकता है। इसके अतिरिक्त 4 जी हैण्डसेट यूजर्स एक्स्ट्रा 1.5 जीबी 2जी डाटा का लाभ हासिल कर सकते हैं। एयरसेल के चीफ मार्केटिंग आफिसर अनुपम वासुदेव ने कहा कि ‘नववर्ष से पूर्व, हमारा प्रयास है कि ग्राहकों अनलिमिटेड काॅलिग और डाटा का लाभ मिले। आरसी14 और आरसी 249 को यूजर्स के वाइड स्पेक्ट्रम के लिए डिजाइन किया गया है जो  फ्री काॅलिग का आनंद उठाने के साथ साथ किफायती मूल्य पर आनलाइन जुडे रह सकें। ‘‘  

छात्रों ने घरेलू हिंसा के खिलाफ निकली मार्च

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महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा के उन्मूलन के लिए ओबेराय इंटरनेशनल स्कूल के छात्रों के साथ-साथ सिद्धान्त मुरारका और आदर्श भीमराजका के नेतृत्व में एक पहल का आयोजन किया गया। बॉलीवुड हस्तियों ेह अनेक हस्तिया भी पहल हिस्सा बनी तथा विद्यार्थी सहित सभी हस्तियों ने लाल जूते पहन कर घरेलू हिंसा को लेकर मार्च में हिस्सा लिया। इस अवसर पर श्वेता खंडूरी, गरिमा पांडे, जीतें लालवानी, श्रीमती. क्वलीन सलूजा, स्पर्श डिडवानिया, प्रत्युष जुनेजा, सानिल  जोशी, आदर्श भीमराजक, आकाश आप्टे को देखा गया। सिद्धान्त मुरारका का कहना है की ‘वास्तव में एक महिला अपने जीवन में कई तरह की तकलीफ और परिस्थियों से गुजरती है और उनकी इस तकलीफ को हम महसूस नहीं कर पाते है जब तक हम खुद उनके जगह पर रहकर महसूस नहीं करते। महिला के जूते में एक मील चलना’ यह पहल है बलात्कार, यौन उत्पीड़न और महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा के सभी रूपों को रोकने के लिए।’
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