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ब्याज दरों में करीब एक प्रतिशत तक की कटौती

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नयी दिल्ली, 01 जनवरी, नोटबंदी के मद्देनजर बैंकों में जमा हुई भारी राशि का लाभ आम लोगों तक पहुंचाने के सरकार के निर्देश के मद्देनजर देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने ब्याज दरों में 0.90 प्रतिशत तक की कटौती करने की घोषणा की है। स्टेट बैंक ने सीमांत लागत ऋण दर (एमसीएलआर) में 0.90 प्रतिशत की कटौती की है। देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक ने 0.70 प्रतिशत और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 0.65 से 0.90 प्रतिशत तक की कटौती की है। स्टेट बैंक की अध्यक्ष अरुंधती भट्टाचार्य ने कहा है कि नोटबंदी के बाद बड़ी संख्या में पूंजी बैंकों में आयी है। 10 दिसम्बर तक 12.40 लाख करोड़ रुपये जमा हुए थे। बैंकों में तरलता बढ़ने के मद्देनजर ब्याज दरों में कमी करने का निर्णय लिया गया है ताकि ऋण उठाव बढ़े और विकास को गति मिल सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा के बाद कल पहली बार राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में बैंकों से आम लोगों को ध्यान में रखकर काम करने के लिए कहा था जिसके बाद बैंकों ने ब्याज दरों में कटौती शुरू की है। गत आठ नवम्बर की मध्य रात्रि से पांच सौ और एक हजार रूपये के नोटों का प्रचलन बंद किये जाने के मद्देनजर बैंकों में करीब 15 लाख करोड़ रुपये जमा हो जाने की उम्मीद की जा रही है।

इस्तांबुल हमले में मारे गये 39 लोगों में दो भारतीय: सुषमा

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नयी दिल्ली 01 जनवरी, तुर्की के नाइट क्लब में नये वर्ष के जश्न के दौरान आज तड़के हुए हमले में मारे गये 39 लोगों में पूर्व सांसद के बेटे समेत दो भारतीय भी शामिल हैं। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज में एक ट्वीट में भारतीयों की मौत की पुष्टि की है । विदेश मंत्री ने ट्वीट में लिखा,“ मेरे पास तुर्की से बुरी खबर है । इस्तांबुल हमले में दो भारतीयों की जानें गयी हैं । भारतीय राजदूत इंस्तांबुल के लिए रवाना हो गये हैं ।” श्रीमती स्वराज ने बताया कि मृतकों में गुजरात से राज्यसभा की पूर्व सांसद खुशी शाह का बेटा आबिस रिजवी भी शामिल है । हमले में मारे गये 21 लोगों की शिनाख्त हो गयी है । इनमें पांच तुर्की के तथा 16 अन्य देशों के हैं ।

मोदी की घोषणाओं से गरीबों को होगा लाभ: राजनाथ

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नयी दिल्ली 01 जनवरी, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणाओं का स्वागत करते हुए आज कहा कि इनसे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और गरीबों, महिलाओं और वंचितों को लाभ होगा। श्री सिंह ने यहां कहा कि प्रधानमंत्री की कल रात की गयी घोषणओं से देश को मजबूती मिलेगी। उन्हाेंने कहा कि गर्भवती महिलाओं के लिए की गयी घोषणा बेहद सराहानीय है। उन्होंने समाज के विभिन्न वर्गों, किसानों और मध्यम वर्ग के लिए कल्याणकारी योजनाओं की घोषणाएं करने के लिए प्रधानमंत्री को बधाई भी दी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री की घोषणाओं से गरीबों, महिलाओं और व्यापारियों को लाभ होगा। श्री नायडू ने श्री मोदी को गरीबों का ‘मसीहा’ करार दिया है। प्रधानमंत्री ने नोटबंदी के तहत बैंकों में जमा हुयी भारी धनराशि के लाभ आम लोगोें विशेषकर गरीबों, किसानों, छोटे व्यापारियों, महिलाआें, वरिष्ठ नागरिकों और मध्य वर्ग तक पहुँचाने के उद्देश्य से कई योजनाओं की घोषणा की है। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घरों के निर्माण तथा खरीफ और रबी की बुवाई के लिए किसानों को कर्ज पर ब्याज में छूट, छोटे कारोबारियों एवं उद्यमियों के लिए क्रेडिट गारंटी बढ़ाने तथा गर्भवती महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष योजनाएं शामिल हैं। उन्होंने बैंकों से इसका इस्तेमाल गरीबों, निम्न मध्यम तथा मध्यम वर्ग के लोगों को केंद्र में रखकर योजनाएं बनाने में मदद करने की अपील की।

आने वाले दिनों में पर्याप्त नकदी उपलब्ध होगी: जेटली

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नयी दिल्ली 01 जनवरी, केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि बैंकों में नकदी पहुंचाने का काम पूरे जाेरों से चल रहा है और आने वाले दिनों में पर्याप्त नकदी उपलब्ध होगी। श्री जेटली ने यहां कहा कि नोटबंदी के दौरान बैंक प्रणाली में भारी मात्रा में धन आया है। इसमें कालाधन भी शामिल है। इससे बैंकों की ऋण देने की क्षमता में इजाफा होगा। उन्होंने कहा कि बाजार में नकदी पहुंचाने का काम पूरे जाेरों से चल रहा है आैर आने वाले दिनों में इसे पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली लागू होने और भारतीय अर्थव्यवस्था के डिजीटलीकरण होने का साल है। यही भारत का भविष्य भी है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुद्रास्फीति की दर नियंत्रण में हैं और आने वाले दिनों में ब्याज दरों में कमी आनी चाहिए। 

पेट्रोल 1.29 रुपये तथा डीजल 97 पैसे महंगा

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नयी दिल्ली 01 दिसंबर, तेल विपणन कंपनियों ने आज आधी रात से पेट्रोल की कीमत 1.29 रुपये तथा डीजल की 97 पैसे प्रति लीटर बढ़ा दी है। इसमें राज्य सरकारों द्वारा लगाया जाने वाला मूल्य वर्द्धित कर (वैट) शामिल नहीं है। बढ़ी हुई कीमतें आज आधी रात से लागू होंगी। वैट समेत राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 68.94 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 70.60 रुपये प्रति लीटर तथा डीजल के दाम 56.68 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 57.82 रुपये प्रति लीटर हो गयी है । पेट्रोल के दाम लगातार तीसरी बार तथा डीजल के दाम लगातार दूसरी बार बढ़ाये गये हैं । पिछली समीक्षा में 17 दिसंबर से वैट छोड़कर पेट्रोल की कीमत में 2.21 रुपये तथा डीजल की 1.79 रुपये बढ़ायी गयी थी। स बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल तथा डीजल की कीमत अगस्त 2014 के बाद के उच्चतम स्तर पर पहुंच गयी हैं। खास बात यह है कि उस समय अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 100 डॉलर प्रति बैरल पर था जबकि अभी इसकी कीमत 55 डॉलर प्रति बैरल के आसपास है। देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल- डीजल की कीमतों तथा डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में बदलाव के अनुरूप घरेलू स्तर पर पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाये गये हैं। 

सपा हुई दो फाड़, गेंद अब चुनाव आयोग के पाले में

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लखनऊ, 01 जनवरी, करीब छह महीने से समाजवादी पार्टी(सपा) में वर्चस्व को लेकर ‘यादव परिवार’ में चल रहे घमासान के बीच आज सपा दो फाड हो गयी। एक खेमे ने लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क में राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पार्टी का अध्यक्ष घोषित कर दिया। उसी खेमे ने शिवपाल सिंह यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया और अमर सिंह को पार्टी से बाहर निकाल दिया। पार्टी अध्यक्ष घोषित होने के थोड़ी देर बाद ही अखिलेश यादव ने नरेश उत्तम पटेल को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। श्री उत्तम राज्य विधान परिषद के सदस्य हैं। राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन में अखिलेश यादव और प्रो0 राम गोपाल यादव ने मुलायम सिंह यादव को पार्टी का मार्गदर्शक घोषित कर दिया। दूसरी ओर, मुलायम सिंह यादव खेमे ने राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन को ही असंवैधानिक घोषित कर दिया। यही नहीं मुलायम सिंह यादव ने आगामी पांच जनवरी को जनेश्वर मिश्र पार्क में ही राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन बुला लिया और प्रो0 रामगोपाल यादव को सपा से छह वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया। रामगोपाल यादव का यह तीसरा निष्कासन है। इन विवादों को देखते हुए संविधान की जानकारी रखने वालों का मानना है कि गेंद अब चुनाव आयोग के पाले में है। मामला नहीं सुलझा और दोनों खेमे अपने-अपने हठ पर कायम रहते हैं तो पार्टी का चुनाव चिन्ह साइकिल जब्त हो सकता है। पार्टी के नाम के उपयोग पर भी रोक लगायी जा सकती है।

मनोज तिवारी ने 31 दिसम्बर की रात झुग्गी बस्ती में गुजारी

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नयी दिल्ली,01 जनवरी, सरकार के नकदी रहित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के प्रयासों के क्रम में दिल्ली भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) अध्यक्ष मनोज तिवारी ने 31 दिसम्बर की रात राजधानी के इंद्रपुरी झुग्गी बस्ती इलाके में गुजार कर वहां के लोगों को नकदी रहित लेन-देन के बारे में बताया । श्री तिवारी ने मोबाइल एप बैंकिंग का इस्तेमाल करने पर जोर दिया और भीम एप के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया । उन्होंंने मातृत्व चिकित्सा सहायता, बुजुर्गों की जमा राशि पर बढ़ी ब्याज दर और आवासीय ऋण पर सब्सिडी की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घोषणा के बारे में भी लोगों को विस्तार से जानकारी दी । उन्होंने लोगों को सरकार की प्रत्येक व्यक्ति को अपना घर देने की योजना के बारे में बताया। श्री तिवारी ने कहा, “अटल इरादा है 2022 तक सबके सर पर छत होगी,यह मोदी वाला वादा है।” श्री तिवारी ने झुग्गी बस्ती में रहने वाले लोगों की समस्याओं की जानकारी ली। उनके साथ करोल बाग जिला भाजपा अध्यक्ष भारत भूषण मदन और पार्षद प्रमोद तंवर भी थे । 

कस्मेंवादे प्यार वफा सब बातें हैं बातों का क्या: शिवपाल

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लखनऊ, 01 जनवरी, समाजवपादी पार्टी(सपा) के ताजे घटनाक्रमों से मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव आज अत्यन्त ही भावुक दिखे। श्री शिवपाल यादव ने एक कार्यक्रम में अपने जमाने की मशहूर फिल्म ‘उपकार’ के गीत, “ कस्में वादे प्यार वफा सब बातें हैं बातों का क्या, रिश्ते नाते प्यार वफा सब बातें हैं बातों का क्या” गाकर अपने दर्द बयां किये। श्री यादव एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे। कार्यक्रम में आर्केस्ट्रा का भी आयोजन था। गायक ने श्री यादव से एक गीत गाने की फरमाइश की। इस पर उन्होंने उपकार फिल्म का यह गाना गाकर अपना दर्द बयां कर दिया। श्री यादव के दो लाइन गाने के बाद गायक ने पूरा गाना गाया।

शिवराज सिंह ने प्रधानमंत्री श्री मोदी की घोषणाओं को बताया परिवर्तनकारी

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भोपाल, 1 जनवरी, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किसान, गरीब, छोटे कारोबारियों, गर्भवती माताओं और वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिये की गई घोषणाओं का स्वागत करते हुए इन्हें परिवर्तनकारी बताया है। श्री चौहान ने प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम दिये संदेश पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने इन वर्गों को राहत देकर संवेदनशीलता और प्रगतिशील सोच का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में घर बनाने के लिये 9 लाख रुपये तक के कर्ज पर ब्याज में 4 प्रतिशत तथा 12 लाख के कर्ज पर 3 प्रतिशत की छूट देने से आवासहीन परिवारों को मदद मिलेगी। छोटे कारोबारियों की क्रेडिट गारंटी एक से बढ़ाकर दो करोड़ करने से सूक्ष्म और लघु उद्योग क्षेत्र में आशातीत विस्तार होगा। उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा लिये गये खरीफ और रबी के कर्ज पर 60 दिन का ब्याज केन्द्र सरकार द्वारा वहन करने का फैसला किसानों के व्यापक हित में है। इसी प्रकार गर्भवती माताओं को 6 हजार रुपये की सहायता राशि देने से उनमें आत्मविश्वास आयेगा। वरिष्ठ नागरिकों द्वारा बैंक डिपॉजिट करने पर 8 प्रतिशत ब्याज देने की घोषणा भविष्योन्मुखी है। उन्होंने कहा कि ये घोषणाएँ देश का कायाकल्प करने के मिशन को आगे बढ़ायेंगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत के नव-निर्माण का संकल्प लिया है। इस संकल्प को राज्य सरकार अन्य राज्यों के सहयोग से सफल बनायेगी। 

मोदी का संबोधन निराशाजनक : केजरीवाल

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नयी दिल्ली 01 जनवरी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन को बेहद निराशाजनक करार देते हुए दावा किया है कि नोटबंदी से एक धेला भी कालाधन नहीं निकला आैर भ्रष्टाचार में भी कोई कमी नहीं आयी। श्री केजरीवाल ने श्री मोदी पर देशवासियों को धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने नोटबंदी से त्रस्त जनता को कोई राहत नहीं दी । मुख्यमंत्री ने ट्वीट में कहा, “ मोदीजी की बातें अब बिल्कुल खोखली लगती हैं । लोगों ने उनकी बातों पर भरोसा करना बंद कर दिया है । अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वह मजाक के पात्र बन गये हैं ।” श्री केजरीवाल ने लिखा,“ मोदीजी ने पूरे देश को धोखा दिया है । एक पैसा भी कालाधन नहीं निकला है । भ्रष्टाचार भी कम नहीं हुआ है । उनकी विश्वसनीयता पूरी तरह समाप्त हो चुकी है । ” उन्होंने कहा,“ देश की जनता ने प्रधानमंत्री के उबाऊ भाषण को इस उम्मीद में संयम के साथ सुना कि वह उसे अपने ही पैसे निकालने की सीमा को समाप्त करने की घोषणा करेंगे । अंत में सबको निराशा हाथ लगी ।” 

क्या कोई खुद को ही लिखता है माननीय ??

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लखनऊ 01 जनवरी, क्या कोई व्यक्ति खुद को माननीय कह कर संबोधित कर सकता है। निश्चय ही इसका जवाब न/न में होगा मगर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा समाजवादी पार्टी(सपा) के राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन से खिन्न सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने पांच जनवरी को राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाने संबंधी आज लिखे एक पत्र में कई जगह खुद को माननीय कह कर संबोधित किया है। दरअसल, सपा में पल पल बदलती तस्वीर के बीच पार्टी महासचिव प्रो रामगोपाल यादव ने आज सुबह 11 बजे जनेश्वर मिश्र पार्क में राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन बुलाया था। सम्मेलन में बडी तादाद में शामिल हुये विधायकों और जनप्रतिनिधियों से प्रो यादव ने हाथ उठवा कर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने संबंधी एक प्रस्ताव पारित कराया। इसके साथ ही प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव को पद से हटाये जाने और महासचिव अमर सिंह के निष्कासन का भी विधिवत एलान किया। इस घटना से क्षुब्ध श्री मुलायम सिंह यादव ने एक बयान जारी कर न/न सिर्फ सम्मेलन को असंवैधानिक करार दिया बल्कि जनेश्वर मिश्र पार्क में ही पांच दिसम्बर को पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन बुला लिया। श्री यादव के स्वहस्ताक्षरित इस बयान में कम से कम तीन जगह माननीय मुलायम सिंह यादव लिखा हुआ है।  श्री यादव के हस्ताक्षर से जारी पत्र में लिखा है “ समाजवादी पार्टी को खडा करने एवं सांप्रदायिक शक्तियों से जान जोखिम में डालकर संघर्ष करने का माननीय मुलायम सिंह यादव का इतिहास रहा है। कुछ लोग अपने कुकृत्यों को छिपाने के लिये और सीबीआई से बचने के लिये तथा भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिये माननीय मुलायम सिंह यादव का लगातार अपमान कर रहे हैं। उन्ही लोगों ने आज का तथाकथित सम्मेलन बुलाने की साजिश की है।” इससे पहले राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आरोप लगाया था कि “ नेताजी (मुलायम) के खिलाफ साजिश हो रही है। मेरे खिलाफ लेटर लिखने के लिए घर से टाइपराइटर मंगाये गये। कुछ लोगों ने मेरे खिलाफ साजिश करके न केवल पार्टी को नुकसान पहुंचाने का काम किया, वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष के सामने भी संकट पैदा किया। नेताजी के खिलाफ साजिश हो तो मेरी जिम्मेदारी बनती है कि मैं ऐसे लोगों के खिलाफ बोलूं।” 

गुरू गोविंद सिंह जी ने भारतीय समाज को नई दिशा दी : कोविंद

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पटना, 01 जनवरी, बिहार के राज्यपाल राम नाथ कोविन्द ने सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह को महान राष्ट्रनायक बताया और कहा कि गुरुजी ने भारतीय समाज को नई दिशा प्रदान की। श्री कोविन्द ने सेवा-समागम संस्था की ओर से श्री गुरू गोविंद सिंह महाराज के ‘350वें प्रकाश-उत्सव’ के मौके पर आयोजित होने वाले सेवा-शिविरों के समेकित उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा , “ गुरुजी ने भारतीय समाज को एक नई दिशा और दृष्टि प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी, फलस्वरूप तत्कालीन समाज में चेतना की एक नई धारा का प्रवाह हुआ, जिसने लोगों के जीवन में सांस्कृतिक जागृति लाकर परस्पर जुड़ाव के रंग भर दिये। ” राज्यपाल ने कहा कि गुरूजी के जीवन-चरित्र में वीरता और धीरता के साथ-साथ, विद्या और विनम्रता के भी दर्शन होते हैं। गुरूजी शस्त्र और शास्त्र-दोनों को पूरी निपुणता के साथ साधने वाले अप्रतिम योद्धा, विद्वान और महान राष्ट्रनायक थे। उन्होंने कहा कि गुरू गोविंद सिंह जी ने जाति-व्यवस्था की अनेकता को मिटाकर समतामूलक समाज के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया था। श्री कोविंद ने राज्य सरकार, केन्द्र सरकार, तख्त श्री हरमंदिर साहिब जी, पटना साहिब की प्रबंधक कमिटी तथा ‘सेवा-समागम’ सहित प्रकाश-उत्सव में सहयोग कर रही सभी संस्थाओं की प्रशंसा की और कहा कि सेवा-सत्कार, सौजन्य और सहयोग बिहारवासियों के रग-रग में बसता है। उन्होंने कहा कि बिहार का सौभाग्य है कि यह गुरू गोविन्द सिंह जी की जन्म-स्थली है। कार्यक्रम को राज्य के पूर्व मंत्री नन्द किशोर यादव, बाबा ज्ञानी इकबाल सिंह, बाबा मोहिन्दर सिंह , डा. अवतार सिंह शास्त्री, अविनाश जायसवाल और डा. एस.ए. कृष्णा ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में लेडी गवर्नर श्रीमती सविता कोविन्द भी उपस्थित थीं। 

बिहार में भारी मात्रा में देशी-विदेशी शराब बरामद , सात गिरफ्तार

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पटना 01 जनवरी, बिहार में शराबबंदी के बाद सतर्क पुलिस ने नववर्ष के मौके पर जश्न मनाने के लिए लाये जा रहे भारी मात्रा में देशी- विदेशी शराब बरामद कर सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया है । नववर्ष के मौके पर विशेष सतर्कता बरत रही पुलिस ने रोहतास , सुपौल , पटना , गोपालगंज और नवादा जिले से भारी मात्रा में शराब बरामद किया है । इसके साथ ही इस धंधे में लगे सात तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया है । रोहतास से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार जिले के मुफ्फसिल थाने की पुलिस ने सूचना के आधार पर राष्ट्रीय उच्च पथ 02 पर कंचनपुर गांव के निकट लाइन होटल पर खड़े एक तेल टैंकर के अंदर छिपा कर रखे गये 289 कॉर्टन विदेशी शराब बरामद किया । छापेमारी के दौरान चालक और उप चालक मौके से फरार हो गया । बरामद शराब झारखंड से लायी गयी थी । पुलिस ने तेल टैंकर को जब्त कर लिया है। इसी तरह नेपाल से लगे सुपौल जिले के रतनपुरा थाना क्षेत्र के समदा गांव स्थित 7 आर.डी.नहर पुल के निकट घेराबंदी कर पुलिस ने आज मोटरसाइकिल सवार दो तस्करों को गिरफ्तार कर लिया । इस दौरान तस्करों के पास से बोरे में बंद 781 बोतल नेपाली शराब बरामद किया गया। पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि गिरफ्तार तस्करों में रतनपुरा थाना क्षेत्र के शिवनगर गांव निवासी विनोद मुखिया और साहेबान गांव निवासी सोने लाल मुखिया शामिल है । पूछताछ में तस्करों ने बताया कि नेपाल से शराब लाकर यहां बेचा करते थे । पटना जिले के मनेर थाना क्षेत्र के महादेव स्थान के निकट एक वाहन से तस्करी के ले जाये जा रहे 230 बोतल विदेशी शराब के साथ दो तस्करों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया । गिरफ्तार तस्करों में जिले के बिहटा निवासी सुशील कुमार सिंह उर्फ छोटेजी और रोहतास जिले का निवासी सोनू कुमार सिंह उर्फ दीपक कुमार सिंह शामिल है । गोपालगंज से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार तड़के पुलिस ने उत्तर प्रदेश से लगे कुचायकोट थाना क्षेत्र के बथनाकुटी गांव के निकट वाहन जांच के दौरान विदेशी शराब लेकर जा रहे दो तस्करों को गिरफ्तार कर लिया । पुलिस ने इनके पास से 127 बोतल अंग्रेजी शराब बरामद किया है । 

पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि गिरफ्तार तस्करों में थावे थाना क्षेत्र के बेदू टोला निवासी मरकूब आलम और जमाल हुसैन शामिल है । ये दोनों उत्तर प्रदेश से मोटरसाइकिल पर शराब लेकर आ रहे थे । पुलिस ने मोटरसाकिल को जब्त कर लिया है । वहीं नवादा जिले के वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के महद्दीपुर गांव में पुलिस ने आज तड़के देशी शराब बनाने के अवैध कारखाने से 60 लीटर देशी शराब , भारी मात्रा में शराब तैयार किये जाने में इस्तेमाल होने वाला महुआ और छोआ के अलावा शराब बनाने का उपकरण बरामद किया । मौके पर से अवैध शराब कारखाना का संचालक सचिन चौधरी को गिरफ्तार कर लिया गया । पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि ग्रामीणों से मिली सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की गयी । बरामद शराब को नष्ट कर दिया गया है। पुलिस संचालक से पूछताछ कर रही है । 

प्रधानमंत्री ने सभी जरूरतमंद वर्गों को नये वर्ष पर राहत की सौगात दी : मोदी

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पटना 01 जनवरी, बिहार भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने समाज के लगभग सभी जरूरतमंद वर्गों को नये वर्ष पर राहत की सौगात देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज बधाई देते हुए कहा कि अब किसानों के कर्ज पर 60 दिनों का व्याज केंद्र सरकार चुकायेगी और वरिष्ठ नागरिकों को 7.50 लाख रुपये तक की सावधि जमा राशि पर 10 साल के लिए 8 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। भाजपा विधान मंडल दल के नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने यहां कहा कि नोटबंदी के बाद गरीबों, किसानों, छोटे कारोबारियों और गर्भवती महिलाओं से लेकर बुजुर्गों तक के लिये उपहारों की घोषणा कर प्रधानमंत्री ने संकेत दिया है कि नये साल का आम बजट जिंदगी को और भी खुशहाल बनायेगा। आवास समस्या हल करने की बड़ी पहल करते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 33 प्रतिशत ज्यादा मकान बनवाने का फैसला किया गया है। श्री मोदी ने कहा कि मकान बनवाने या मरम्मत कराने के लिए 2 से 12 लाख रुपये तक ऋण लेने पर व्याज में 3 से 4 प्रतिशत तक छूट मिलेगी। बैंकों की ऋण देने की क्षमता बढ़ने पर प्रधानमंत्री ने इसका सबसे ज्यादा लाभ नोटबंदी का कष्ट उठाने वाली जनता को देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि समाज के कमजोर वर्ग के लोगों एवं गरीबों को इसका सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 01 जनवरी)

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संगीत  की स्वरलहरियों के साथ हुआ नव वर्ष का स्वागत
  • पत्रकार मित्र मंडल ने किया विक्रम चैहान की संगीत निषा का आयोजन

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झाबुआ । अलविदा होते वर्ष की बिदाई एवं नववर्ष के स्वागत को लेकर जिले भर के कलमकारों,पत्रकारों ने  झाबुआ के राजवाडा चैक में गुजरात के प्रसिद्ध लोक गायक विक्रम चैहान, गुजराती फिल्म की मशहूर अभिनेत्री श्रेया दवे, गुजराती फिल्म की पाश्र्व गायिका  चंदन मेघानी, , अभिनेत्री रीटा परमार एवं बौेनो कलाकार मास्टर झुमरी की टीम ने गुजराती एवं लोक शैली के चर्चित एवं मशहूर गीतों के साथ  नगर सहित पूरे जिले से आये हुए पत्रकारों, कलमकारो, युवाओं, महिलाओं को मध्यरात्री तक  अपनी  संगीत मय कार्यक्रम से बांधें रखा । मां सरस्वती के चित्र पर फादर राॅकी शाह, यशंवत पंवार, विमल मुथा, सत्यनारायण शर्मा, सलीम शैरानी आदि पत्रकारों द्वारा दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण के साथ कार्यक्रम का आगाज किया गया। जहां विक्रम चैहान एवं चंदन मंेघानी ने अपने मशहूर गीतों से युवाओं एवं दर्शकों को प्रफुल्लित कर दिया वही अभिनेत्री श्रेया दवे एवं रीटा परमार ने अपनी नृत्यकला से पूरे वातावरण को प्रफुल्लित कर दिया। ज्ञातव्य है कि गुजरात के निकट होने के कारण इस आदिवासी अंचल में घर घर विक्रम चैहान एवं चंदन मेघानी के एकल एवं युगल गीतों को काफी पसंद किया जाता हेै। गुजराती फिल्मों मे अपना झंडा गाडने वाले विक्रम चैहान एवं अभिनेत्री श्रेया दवे को देखने सुनने के लिये  पूरा राजवाडा चैक खचाखच भर गया । विक्रम चैहान ने मां अम्बे, के अलावा उनके प्रणय गीतों को सुना कर तथा मंच पर  अभिनय प्रस्तुत करकें  मध्यरात्री तक लोगों को बांधे रखा । पत्रकार मित्र मंडल द्वारा आयोजित  स्वागत 2017 कार्यक्रम में विशोष रूप  से प्रदेश भाजपा कार्य समिति के सदस्य शैलेष दुबे, नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया, समाज सेवी लाखनसिंह सोलंकी, नगरपालिका के पार्षदगण, एवं बडी संख्या में जिले भर से आये पत्रकारों के अलावा युवाओं, महिलाओं एवं नगर के गणमान्यजनों से भाग लिया। पत्रकार मित्र मंडल की ओर से पोलिथिन मुक्ति में अहम भूमिका निभाने के लिये संकल्प ग्रुप की श्रीमती भारती सोनी, नगर विकास के लिये  अहम जिम्मवारी एवं भूमिका निभाने वाले नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया, समाजसेवा के क्ष़्ोत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिये लाखनसिंह सोलंकी, एवं नगर के बडा तालाब के शुद्धिकरण एवं जलकुंभी निकालने जेैसे कठिन कार्य को पूरा करने के लिये नपा के स्वच्छता निरीक्षक कमलेश जायसवाल को प्रसस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर जिले भर के कलमकारों ने सम्मानितांे को सम्मान किया। शैेलेष दुबे, अहद खान, सचिन बैरागी, विमल मुथा, अहद खान, राजेन्द्रकुमार सोनी, सत्यनारायण शर्मा, सलीम शैरानी, अली असगर बोहरा, भूपेन्द्र गौड, भूपेन्द्र बरमंडलिया, रहीम शैरानी,  अनील श्रीवास्तव, शैलेन्द्र राठौर, अंतिम ठाकुर, राजू धानक, पवन श्री तलेरा, आदि ने अपने हाथो सम्मानित किया। श्रेया दवे एवं रीटा पमरार के युगल नृत्य की प्रस्तुति से पूरे वातावरण को तालियों की गडगडाहट वातावरण गुजित हो गया। मध्यरात्री को जैसे ही सुईयों ने बारह बजाये आतिशबाजी के साथ नववर्ष का इतकबाल किया गया। पत्रकार मित्र मंडल के आलोक द्विवेदी, महेश राठौर, निकलेशा डामोर एवं हेमेन्द्र पंवार के संयोजन में आयोजित इस कार्यक्रम की नगर में प्रसंशा की गई। संयोजकों ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये जिले भर से पधारे पत्रकारो एवं आगंतुकों को तहेदिल से आभार व्यक्त किया।

प्दमवंशीय मेवाडा राठौर तेली समाज पदाधिकारियो का हुआ शपथ विधि

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झाबुआ। स्थानीय श्री पद्मवंषीय मेवाडा राठौर (तेली) समाज के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों की शपथ विधि एवं समाज के वरिष्ठजनों का सम्मान समारोह का आयोजन श्री नवग्रह शनि मंदिर के पीछे स्थित राठौर धर्मशाला पर किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजकुमार राठौर ( अध्यक्ष राठौर समाज इंदौर), विशेष अतिथि रणछोडलाल राठौर ( अध्यक्ष राठौर समाज रानापुर) एवं मदन राठौर ( अध्यक्ष राठौर समाज पारा ) थे। अध्यक्षता जगदीश रतिचंद राठौर ने की। इस अवसर पर आयोजित समारोह में उपस्थित समाजजनों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि राजकुमार राठौर ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में हमें अपने कुल, समाज और जाती पर गौरव करना चाहिये, क्योकि इससे हमें अपने पूर्वजों की अच्छाईयों का बोध होता है। दुर्भाग्य से कुछ लोग जाती और उपजाति बताने, बोलने और लिखने में हिचकिचाते है, ऐसा नही होना चाहिये। हम अपनी जाती को गर्व के साथ लिखे, बोले और बताये। उन्होने आगे कहा कि हमे यह तो याद रखना ही होगा कि हमारी जडे कहा है और हम किस वंश परपंपरा से आते है। राठौर ने कहा कि शहर में यह पहला अवसर है जब समाज के वरिष्ठजनों का सम्मान किया जा रहा है। यह एक स्वस्थ परंपरा है। जिससे समाज में एकता और पारस्परिक विश्वास बढता है। आयोजक इसके लिए बधाई के पात्र है। इस परंपरा को जारी रखना चाहिये इससे समाज को मजबु ती मिलेगी। नवनिर्वाचित अध्यक्ष कैलाश ने कहा कि वे अपने इस दो वर्षीय कार्यकाल में समाज हर क्षेत्र में उन्नति, प्रगति करे साथ ही अन्य समाजों के मध्य राठौर समाज की खास पहचान बने यह प्रयत्न करेगे। कार्यक्रम के अध्यक्ष जगदीश राठौर ने कहा कि कोई भी समाज तभी उन्नति करता है जब उसका संगठन प्रभावी हो। विगत पांच वर्षो में राठौर समाज में नई स्फूर्ति आई है। हम भी देश के विकास के साथ पूर्ण मनोयोग से सहभागिता कर रहे है। इसमें सफलता मिलेगी। उन्होने वरिष्ठजनों के अभिनंदन की परंपरा को बनाये रखने की बात भी कही। कार्यक्रम को अन्य अतिथियों ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने भगवान शनिदेव के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन कर किया। पश्चात अतिथियों का स्वागत समाजजनों ने किया। समारोह के दौरान मुख्य अतिथि द्वारा नवनिर्वाचित अध्यक्ष कैलाश हेमराज राठौर, उपाध्यक्ष कैलाश कालुजी राठौर, सचिव सुजान शांतिलाल राठौर, सह सचिव तुषार कन्हैयालाल राठौर एवं कोषाघ्यक्ष रणछोड नारायणजी राठौर को समाज की उन्नति एवं प्रगति की शपथ दिलाई। इस अवसर पर स्वागत उदबोधन महेश राठौर ने दिया। कार्यक्रम के दौरान समाज के उभरते कवि तुषार ने एकता पर कविता पडी। संचालन जयेन्द्र बैरागी ने किया। आभार दिनेश राठौर ने माना।

वरिष्ठजनों का किया सम्मान
समारोह में समाज के वरिष्ठजनों में रणछोडलाल रतिचंदजी, शांतिलाल भैराजी, सागरमल बापूजी, दौलत ताराचंदजी, मांगीलाल नानुरामजी, रणछोडलाल लुणाजी, नंदलाल धुलजी, नेमचंद राठौर, मिठुलाल राठौर को अतिथियों ने पुष्पमाला, साल एवं प्रतिक चिन्ह भेटकर सम्मान किया। वही निव्रतमान अध्यक्ष कन्हैयालाल एवं सह सचिव मुकेश राठौर को भी प्रतिक चिन्ह भेटकर सम्मान किया गया। समारोह में मगनलाल राठौर, मदनलाल राठौर, नितेश राठौर, किर्तीश राठौर, मनोज राठौर, कुलदीप राठौर, कमलेश राठौर, अजय राठौर, मोन्टू राठौर, वैभव राठौर, प्रहलाद राठौर का सराहनीय सहयोग प्राप्त हुआ।

मोदी के राष्ट्र के नाम दिये गये भाषण से आम जनता निराश:- भुरिया

नोटबंदी के 50 दिन बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिये गये भाषण में देश की आम जनता को बेहत निराश किया है। राष्ट्र के नाम दिया गया सम्बोधन केवल चुनावी बजट होकर रह गया है। उक्त बात सांसद कांतीलालजी भुरिया एवं प्रवक्ता हर्ष भट्ट ने संयुक्त विज्ञप्ति जारी कर कहा कि देश का मजदूर किसान निम्न और आम मध्यम वर्गीय वर्ग नोटबंदी के बाद पिछले 50 दिनों आर्थिक तंगी को झेल रहा है। तथा अपने दैनिक जरूरतों को पूरा करने की जैसी स्थिती से जुज रहा है। काला धन आंतकवाद, नक्सलवाद आदि के खिलाफ सरकार के नोटबंदी के को देश की जनता ने राष्ट्रवाद के नाम पर स्वीकार किया है। परंतु प्रधानमंत्री द्वारा दिये गये 50 दिन के वादे के बाद भी देश की जनता कत्तारों में खड़ी है। आज देश की जनता यह जानना चाहती है कि नोटबंदी के बाद कितने नकली नोट पकड़े गये। और काला धन जमा करने वालों के खिलाफ क्या करवाही की गयी। श्री भुरिया ने आगे कहा कि देश की जनता यह भी जानना चाहती है कि नोटबंदी से देश को कितना आर्थिक नुकसान हुआ है तथा कितने का कालाधन वापस आया है। नोट बदलने के फेर में राष्ट्रहित के नाम पर मारे गये लगभग लोगों को कितना मुआवाजा दिया गया है। तथा उनके परिवारों के भरण-पोषण की क्या व्यवस्था की गयी।  उन्होंने कहा कि नोटबंदी के नाम पर जिन्हें पकड़ा गया है उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है। श्री भुरियाजी ने यह कहा कि नोटबंदी के नाम पर बैंको में कितना पैसा जमा हुआ है। तथा बैनामी सम्पत्ति तथा कालाधन की हेराफैरी करने वालों के खिलाफ अभी तक क्या कानुन बनाया गया है तथा कालाधन जमा करने वालों के नाम क्यों नहीं उजागर किये गये। श्री भुरियाजी ने नरेन्द्र मोदी जी से मांग की है कि इन सब बातों को लेकर वे संसद में श्वेत पत्र जारी कर सरकार की पारदर्शिता के साथ देश की जनता को हर हाल में इन सवालों का जवाब देवें । राहुल गांधीजी पहले ही दिन के कह रहे है कि नोटबंदी से किसी का फायदा नहीं होगा और 50 दिन के बाद उनकी यह बात सच निकली। अब मोदी आकड़े बताये कि नोटबंदी में क्या निकला। मोदी की नोटबंदी तो खोद पहाड़ निकली चुहिया साबित हुयी। श्री भुरिया जी ने कहा कि मोदी ने अपने भाषण के दौरान गर्भवती महिलाओं को 6 हजार रूपये देने की नई योजना घोषित नहीं की है बल्कि यह तो युपीए सरकार की 4 हजार रूपये देने की योजना का विस्तार मात्र है। श्री भुरिया ने आगे कहा कि मोदी जी अपने राष्ट्र के नाम संदेश में नोटबंदी की असफलता स्वीकार करके यह ऐलान करते कि अब कल से कोई केश प्राप्त करने के लिए कोई बंदीश नहीं रहेगी तथा जनता को जितना पैसा चाहिए वे बैंक अथवा एटीएम से निकाल सकते है। किन्तु ऐसी बात उनकी भाषण में नहीं दिखाई दी। कुला मिलाकर यह देश को गुमराह करने वाला भाषण मात्र रह गया।

रोटरी ग्रामीण सेवा प्रकल्प  क्लब द्वारा ग्राम कल्लीपुरा में दिलाया दहेज दापा का संकल्प 

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झाबुआ। आज ग्राम कल्लीपुरा में रोटरी ग्रामीण सेवा प्रकल्प  के द्वारा समाज में फैली दहेज दापा-एक कुरीति ,को जड़ से खत्म करने हेतु एक विशेष बैठक का आयोजन रखा गया था जिसमे कूप्रथा दहेज दापा को समाज से खत्म करने का ग्रामीणों को संकल्प दिलाया गया। सर्वप्रथम बैठक को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि समाजसेवी यशवंत भंडारी ने कहा कि समाज में फैली कुरीति दहेज दापा को हम सब के सहयोग और गांव गांव,फलिये फलिये में जनसंपर्क कर इसके दुष्परिणाम से ग्रामीणों को अवगत कराकर बड़ी आसानी से खत्म किया जा सकता है। 18 वर्ष से कम आयु में लड़की का विवाह करना कानूनन अपराध है।उन्होंने बताया कि इस नियम का उल्लंघन करने वालो पर अब पास्को एक्ट के तहत मामला,दोनों ही पक्षो के खिलाफ दर्ज होगा।आगे उन्होंने पास्को एक्ट क्या है के बारे में ग्रामीणजनों को विस्तृत में जानकारी दी। हम एक कदम चलने के लिए जैसे ही बढ़ाते है तो अपने आप दूसरा पैर भी उसके पीछे पीछे उठ जाता है, वैसे ही इस कुरुति के खिलाफ उपस्थित लोगो में से जिस किसी ने भी कदम बढ़ाया तो वह किसी भी हाल में निष्फल नहीं जायेगा। आगे इसी कड़ी में कारवाँ बढ़ता चला जायेगा और अंत में इस दहेज दापा का समाज से नामोनिशान मिट जाएगा, इसमें कोई संदेह नहीं है। बैठक को संबोधित करते हुए डॉ नटवरसिंह डोडियार अध्यक्ष रोटरी ग्रामीण सेवा प्रकल्प ने कहा कि आज कल माताओ और बहनों में खून की कमी के काफी मामले सामने आ रहे है। जिसका कारण मेडिकल साइंस की शोध में यह आया  था कि 18 वर्ष की उम्र के पहले लड़की का व्याह कर देना।यही इसी वजह से खून की कमी के मामलो में लगातार इजाफा हो रहा है। गर्भवती महिलाये 90 दिन तक आयरन की गोली नियमित रूप से लेवे जिसे सरकार ने मुफ्त में हर आंगनवाड़ी केंद्रों और शासकीय अस्पतालो में उपलब्ध भी करा रखी है।

लिया संकल्प दहेज दापा हटाने में
उपस्थित ग्रामीणों में बादर भगत, पीमा भाई मेड़ा, जेतिया मेड़ा, नरसिंह मेड़ा, नानसिंह भाभर तड़वी,हुका मेड़ा, पासुबाई, बैरकी बाई ,शुशीला पाला, गली बाई और गवा बाई ने बैठक के दौरान यह संकल्प लिया कि ना दहेज लेंगे ना दहेज देंगे । बैठक में विशिष्ट अतिथी संजय जैन आइसना जिला अध्यक्ष, रोटरी ग्रामीण सेवा प्रकल्प के लक्ष्मण सिंह गामड़,राजेश भूरिया,मेघा परमार और सुरेश भाभोर आदि उपस्थित थे ।

आलेख : नयी सोच से नए जीवन की शुरुआत करें

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हर व्यक्ति शांति, सुख और प्रसन्नता चाहता है और जिन्दगीभर उसी की खोज में लगा रहता है। ऐसी ही चाहत को लेकर एक व्यक्ति एक संत के पास गया और बोला मैंने अनेक स्थानों पर इनको ढूंढा, पर तीनों वस्तुएं कहीं नहीं मिली। आपको अत्यंत शांत, सुखी और प्रसन्न देखकर ही आपके पास आया हूं। संभव है, आप के पास ही वे वस्तुएं उपलब्ध हो जाएं। संत मुस्कराए और एक पुड़िया दी। आगंतुक पुड़िया लेकर चला गया  और अपने घर पहुंच कर उसे खोलकर देखा, उसमें लिखा था- अंतःकरण में विवेक और संतोष का भाव रखने से ही स्थायी सुख, शांति और प्रसन्नता मिलती है।  सुख, शांति और प्रसन्नता के लिये दूसरों के अस्तित्व को स्वीकार करना जरूरी है। जो दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करते हैं, उन्हें सहज ही शांति मिलती है और सुख का अहसास होता है। सफल जीवन के लिए यह गुण होना अनिवार्य है। चाहे बहिर्मुखी हों या अंतर्मुखी, दोनों ही यह हुनर सीख सकते हैं। जो लोग अंतर्मुखी हैं, वे समय के साथ अपना आत्मविश्वास फिर से हासिल कर सकते हैं, वहीं बहिर्मुखी ज्यादा से ज्यादा लोगों का साथ पाकर यह मजबूती हासिल कर सकते हैं। समाज और मनुष्य के विकास के लिए दोनों तरह के लोगों की जरूरत है। हालांकि बहुत से लोग अंतर्मुखी को कमजोर समझ लेते हैं, वहीं बहिर्मुखी को मजबूत शख्सियत वाला। जबकि सच्चाई यह है कि अंतर्मुखी बोलने से पहले उस पर विचार करते हैं, वहीं बहिर्मुखी अकसर कुछ बोल देने के बाद उस पर विचार करते हैं। अगर आप खुद को अंतर्मुखी कहते हैं तो इसका अर्थ यह है कि सोच-समझकर बोलते हैं, अकेले में कुछ क्षण बिताकर खुद को तरोताजा करते हैं। ज्यादा शोर-शराबे वाली गतिविधियों के बजाय शांतिपूर्ण तरीके से होने वाली सामूहिक गतिविधियों या व्यक्तिगत तौर पर किसी से मिलने में आपको ज्यादा मजा आता है, जिसमें संबंधों की प्रगाढ़ता भी होती है। 

सफल और सार्थक जीवन के लिये अंतर्मुखी और बहिर्मुखी मनोवृत्ति के बीच संतुलन जरूरी है। दोनों की ही जीवन में उपयोगिता है और इन्हीं से जीवन परिपूर्ण और महान् बनता है। सूसन केन ने कहा है, ‘अंतर्मुखी होने में कोई बुराई नहीं है। अंतर्मुखी और बहिर्मुखी में फर्क बस इतना है कि इनकी ऊर्जा का स्रोत अलग होता है। आपका संवाद प्रभावी रहे, इसके लिए जरूरी है कि लोगों से बातचीत करते हुए हमेशा अपने विचारों और शब्दों को सही तरीके से रखें। डेनिस सिनोम मानती हैं कि खुद के प्रति जागरूक होना ही जिंदगी को अनोखे ढंग से जीना है। सिर्फ इतना कह कर कि अब मेरे दिल में किसी के प्रति कुछ भी दुर्भाव नहीं है, आप दूसरों को अपना बना लेते हैं। और ऐसा करके आप उन्हें भी मुक्त करते हैं और खुद को भी। यह एक तरह का व्यायाम है, जैसे हम अपने शरीर को ठीक रखने के लिए व्यायाम करते हैं या सैर पर जाते हैं, उसी तरह से दूसरों के प्रति अपनापन का भी नियमित अभ्यास करना होता है। जीनियस लोग खुद को ही सब कुछ मान कर अपने में ही मुग्ध नहीं रहते हैं। जितना संभव हो दूसरों की खूबियों पर नजर दौड़ाएं। अलग-अलग क्षेत्र के उन लोगों को पढ़ें, जो प्रतिभाशाली है। पहली नजर में ऐसा कुछ नजर न आए तो भी कुछ और समय लगाएं। यकीनन आप पायेंगे कि उनमें ऐसा कुछ जरूर है, जिसने उन्हें जीनियस बनाया। दूसरों की प्रतिभा के बारे में लोगों से बात करें। दूसरों के प्रति प्रशंसापूर्ण व विश्वसनीय बनने की भरपूर कोशिश करें। यकीन मानंे, दूसरों के प्रति किया गया यह व्यवहार लौटकर आपके पास से आएगा।

जो स्नेह, अपनापन एवं सौहार्द रखने वाले असल में बड़े होते हैं, जीवन को सफल बना रहे होते हैं।। ऐसे गुणों के कारण ही वे महान कहे जाते हैं। अशांति फैलाने वाले, तेरा-मेरा करने वाले एवं स्वार्थी तो छोटे हैं और छोटे ही रहेंगे। ईष्र्या और द्वेष रखने से हम अपने आप पर बोझ बनाए रखते हैं तथा अप्रसन्नता और दुख को बुलावा देते हैं। जान सलडेस ने जीवन का सत्य उजागर करते हुए कहा है कि निराशावादी हरदम बुराई ही देखता है। आशावादी की नजर अच्छी चीजों पर रहती है। निराशावादी तो अपनी फिक्र में ही कमजोर पड़ जाता है। आशावादी अपनी खुशी में परेशानी दूर कर लेता है। अक्सर हम अपने अहंकार के कारण दुःख और अशांति को आमंत्रित करते है। ‘हम’ शब्द हमें आपस में जोड़ता है जबकि ‘मैं’ दूरियां पैदा करता है। इसलिए ‘मैं’ की जगह ज्यादा से ज्यादा ‘हम’ शब्द का इस्तेमाल करें। आदर्श स्थिति यह है कि दोनों पक्षों की जीत हो। इसका तात्पर्य है कि दोनों पक्षों के लिए कुछ अर्थपूर्ण चीजें सामने आएं। छोटी-छोटी चीजें, जैसे कि ध्यानपूर्वक सुनने, सराहना करने और आभार जताने से ‘हम’ की भावना पुष्ट होती है। डायन सॉयर, जूलिया रॉबर्ट्स, अब्राहम लिंकन, एमा वॉटसन, क्रिस्टीना ऑगिलेरा और बिल गेट्स जैसी शख्सियतें ‘हम’ होने की भावना को लेकर जीये और इसी से वे सफल भी बने और लोकप्रिय भी हैं।

हमारी दुनिया में हर कोई मेरे लिए टीचर जैसा है, इसी सोच से हम करिश्माई शख्सियत बन सकते हैं। महान् बनने और जीवन को सार्थक बनाने के लिये जरूरी है कि हम दूसरों को महत्व दे। अपनी सोच में खुलापन लाएं। लोगों के साथ वैसा ही व्यवहार करें जैसा कि आप अपने लिए दूसरों से अपेक्षा करते हैं। जब आप लोगों की सराहना करते हैं, तो वे भी आपको पसंद करने लगते हैं। अगर लोग आपके साथ अच्छा व्यवहार नहीं कर रहे और उनकी सोच भी नकारात्मक है, लेकिन आपका रवैया सकारात्मक रहता है, तो बहुत मुमकिन है कि धीरे-धीरे उनका व्यवहार आपके लिए सौम्य हो जाए। अगर आप चाहते हैं कि दूसरे आपका हौसला बढ़ाएं तो आप उनका हौसला बढ़ाने से शुरुआत करें। इस तरह की सकारात्मकता से आप दूसरों के करीब जा सकते हैं। लेकिन ऐसा संभव होता नहीं है, क्योंकि हम हर अच्छाई की उम्मीद दूसरों से करते हैं। सभी यही चाहते हैं कि कोई भगतसिंह पडौसी के घर ही पैदा हो। तभी तो स्वेट मार्डेन ने कहा है कि निराशावादी वह है जो हर किसी को अपनी ही तरह से मलिन समझता है और इसीलिए उनसे घृणा करता है।  अपने लिए आप खुद जिम्मेदार हैं। सफल हैं या असफल, खुश हैं या नाखुश। जो करना है, आपको ही करना है। अपने हालात के लिए दूसरों को जिम्मेदार ठहराने का कोई मतलब नहीं होता। हर कोई अपने सुख-दुख, अपने ढंग से जी रहा है। ओशो के अनुसार, ‘यहां कोई भी आपका सपना पूरा करने के लिए नहीं है। हर कोई अपनी तकदीर बनाने में लगा है।

हमारे जीवन की विडम्बना है कि हम अक्सर खुद को ऐसे लोगों से घेरे रखते हैं, जो हमें बुरा एहसास कराते हैं। अपने डर और बेचैनी उन्हें बताते हैं, जिन्हें उनसे मतलब नहीं होता। उन्हीं के पास जाते हैं, जो वैसा ही सोचते हैं, जैसा कि हम। यही वजह है कि जिंदगी में बुरे रिश्तों का चक्र टूटने का नाम नहीं लेता। ‘ बी हैप्पी’ के लेखक रॉबर्ट होल्डेन कहते हैं, ‘हमारा खुद के साथ जो रिश्ता है, वही जीवन में दूसरों के साथ हमारे रिश्ते की नींव रखता है।’यह सच है कि हर दिन के साथ जीवन का एक नया लिफाफा खुलता है, नए अस्तित्व के साथ, नए अर्थ शुरूआत के साथ। हर आंख देखती है इस संसार को अपनी ताजगी भरी नजरों से। हमारी नजरों की यह ताजगी तभी कुछ नया करने में और कुछ विलक्षण करने में सक्षम होती है जब हम अपने नजरिये को व्यापक बनाते है ‘विजनरी’ बनाते हैं। 


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(ललित गर्ग)
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विशेष : डिजिटल हो जाओ।गुलामी दांव पर है तो गुलामगिरि का का होय?

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ओकर तो बावन इंच मोट सीना है।कांधा मोठा मजबूतै होय।अब बटाटा सस्ता हो कि महंगा हो कांदा,उस कांधे पर देश का बोझ है।जनता गउ ह।अर्थव्यवस्था कोल्ही का बैल।सांसद का है ,आप ही बोलो।उसकी लाठी,उसका माडिया।चूंचा किये बिना गुलामगिरि की सोच भइये। जनता बागी हो जाई तो गलामगिरि को बड़का खतरा। आधार का विरोध कोय ना करै जो डिजिटल आधार का फर्जीवाड़ा होवै।सूअरबाड़ा जिंदाबान।गुलामगिरि जिंदाबान।हिंदू राष्ट्र मा हिंदुत्व से आजादी कौन मांगे?




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विरासत में गुलामी मिली है हजारोंहजार बरस की।यही गुलामी आखेर पूंजी है भारत के कैशलैस डिजिटल आम नागरिकों की।हालात लेकिन तेजी से बदलने लगे हैं।मालिकान ने खुदै गुलामी की पूंजी में पलीता लगा दिया है।पण होइहें वहींच जो राम रचि राखा।गुलामी बदस्तूर जारी है।जातपांत मजहब का कारोबार और आम जनता के बीच बंटवारा की सरहदें बदस्तूर सही सलामत है।गुलामगिरि सही सलामत है। इस गुलामी से छुटाकार किसे चाहिए,आजादी से आम जनता को भारी खौफ है।कहीं सचमुचै आजाद हो गयो तो गुलामगिरि का होगा?मनुस्मृति विधान के तहत गुलामी की सीढ़ी पकड़कर रोये हैं कि नया साल लाखो बरीस आवै,चाहे जावै जान भली, गुलामगिरि कबहुं ना जाये।कुलो किस्सा यहींंच है।मजहब यही है।सियासत भी यहींच। बहुजनों में सबसे भारी ओबीसी।देश की आधी आबादी ओबीसी।देश की,सूबों की  सत्ता में ओबीसी।ढोर डंगरों की गिनती हुई रहै हैं,ओबीसी की गिनती कबहुं न होई। मलाईदारों को चुन चुनकर राबड़ी बांटि रहे।आम ओबीसी किस्मत को रोवै हैं।कहत रहे बवाल धमाल मचाइके पुरजोर।कोटाभी फिक्स कर दियो।बलि।मंडल लागू कर दियो।मंडल ना मिलल।घंटा मिलल।मंडल समरस भयो।ओबीसी बजरंगी भाईजान। महात्मा फूले माता साबित्रीबाई का नाम जाप।अंबेडकर नाम जाप।धर्मदीक्षा भी हुई रहै नमो नमो बुद्धाय।गुलामगिरि की आदत ना छूटै।चादर दागी बा।फिर मिलल उ बंपर लाटरी का करोड़पति ख्वाब।वानरसेना को मिलल भीम ऐप।गुलामगिरि सलामत है।

यूपी जीतने को नोटबंदी फेल।पण ओबीसी कुनबे में मूसल पर्व जारी है।कभी महाभारत है तो रामायण कभी,कभी कैकयी का किस्सा।टीवी का फोकस वहींच। जेएनयू के बारह छात्र निलंबित,खबर नइखे।नजीब कहां गइलन,खबर नइखै।जयभीम कामरेड गायब।रोहित वेमुला के तस्वीरो गायब।पलछिन पलछिन नयका नयका तमाशा।जूतम पैजार हुई रहा,पण थप्पड़वा अभी मारिहें कि तबहुं मारिहें।मारिबे जरुर।कबहुं तो मारबो।टीआरपी आसमान चूमै।फोकस वहींच। नोटबंदी पर चर्चा उर्चा अब मंकी बातें।ओकर खूंटूी मा बंधा गउमाता रिजर्वबैंकवा।घर की मुर्गी भारतमाता वंदेमातरम।जब चाहे सर्जिकल स्ट्राइक।माइका लाल होवै जो सिडिशन मुठभेड़ छापे जांच के मुकाबले अंगद बन जाई।जब चाहै तब नियम कायदा कानून बदले देवै।गवर्नर ववर्नर एफएमवा कौन खेती की मूली?कारसेवा जारी बा।राम की सौगंध मंदिर वहींच बनावेक चाहि।जयभीम।गुलामगिरि सलामत।

बेशर्म गुलाम लोग का उखाड़ लीन्हे?
कबंधों का चेहरा नइखै,जान कौन फूकैं?
संसद को बायपास करके सुधार लागू होई रहा।
आधार भी लागू होई गयो सुप्रीम कोर्ट की ऐसी तैसी करके।
सियासत को ऐतराज नाही,जिसको ठेके पर देश है।काहे को सरदर्द?
हम अमेरिका बनै चाहै।ट्रंप ग्लबोल हिंदुत्व का भाग्य विधाता।

वहींच ट्रंपवा आज कहि रहे कंप्यूटर पर कोई भरोसा नइखे।सब हैक होवै रहे।कोई कंप्यूटर सेफ नाही।वे कहि रहे के कूरियर से चिठी भेजेक चाहि।ईमेलवा भी डेंजरस हो गइल।डिजिटल अमेरिका अनसेफ हो गइल।डिजिटल इंडिया शाइनिंग शाइनिंग।रुपै कार्ड से सबसे जियादा फर्जीवाड़े।अबहुं तीन करोड़ किसान के मत्थे रुपै।डिजिटल हो जाओ फिन चाहे थोक खुदकशी कर लो।बाबासाहेब ऐप है।डिजिटल हो जाओ। सियासतबाज तमाम संसद मा खामोश वेतन भत्ता विदेश यात्राम में मशगुल।भौत खूब रहा कि उ संसद को गोली मारकर हिंदू ह्रदय सम्राट रेल बजट के जइसन बजट का भी काम तमामो कर दियो।पढ़े लिखे टैक्स छूट के अलावा बजट न समझें।टैक्स छूट नाही।पण बाकी बजट दिसंबर मा एडवांस होई गयो। शर्म अगर सांसदों को होती तो संसद संविधान की रोज रोज हत्या के बाद इस्तीफा दे रहे होते।शिकन तक ना।फ्री मार्केटवा मा सांसद सभै मस्त मस्त। ओकर तो बावन इंच मोट सीना है।कांधा मोठा मजबूतै होय।अब बटाटा सस्ता हो कि महंगा हो कांदा,उस कांधे पर देश का बोझ है।जनता गउ ह।अर्थव्यवस्था कोल्ही का बैल।सांसद का है ,आप ही बोलो।उसकी लाठी,उसका माडिया।चूंचा किये बिना गुलामगिरि की सोच भइये।जनता बागी हो जाई तो गलामगिरि को बड़का खतरा। आधार का विरोध कोय ना करै जो डिजिटल आधार का फर्जीवाड़ा होवै।सूअरबाड़ा जिंदाबान।गुलामगिरि जिंदाबान।हिंदू राष्ट्र मा हिंदुतव से आजादी कौन मांगे?

युवराज नयका साल का जश्न मानवै रहै।बाकीर क्षत्रप सिपाहसालार सूबों की जंग मा बिजी होवै।बेशी तो रंगबिरंगे छापों से हैरान परेशान खामोश। लखनऊ का दंगल नोटबंदी से सबसे बड़का राहत बा।बाकी देश मा अमंगल,यूपी लखनऊ मा मंगल ही मंगल।अमंगल मंगल।कैश भले  ना मिलल इंडिया डिजिटल बा।अंगूठा छाप दियो तो छप्पर फाड़कै सुनहले दिन बरसै।गुलामगिरि सही सलामत बा।फिर गमछा पहिनो के लुंगी पीन्दे,कि नंगा नाचै बीच बाजार,गुलामी सलामत बा। टीवी शो फिर सास बहू संग्राम है।रियेलिटी शो जब्बर।बिग बास फेल है तो नोटबंदी फेलके जवाब ह ई रियलिटी शो।सबसे बड़ा शो।हजारोंहजार ऐंकर चीखै रहे ब्रेंकिंग न्यूज।बहुजन समाज ब्रेकिंग हो।ओबीसी आपसै मा सर फुटाव्वल मा बिजी।  दशरथ और राम वनवास तो फिर दशरथै को ही वनवास। का ट्विस्ट है स्टोरी मा धकाधक।उ निकार दियो।फिन रातोंरात वापल बुला भी लिया।खुदै निकल गये तो फिर निकार दियो। शकुनी मामा विदेश मा।सौतेली मां कैकई।बहुओं के बीच बाल नोचेंकै दंगल।टीपू और औरंगजेब को बख्शे नहीं ससुरे।गुलामी सलामत बा। बाबासाबहेब अब भीम ऐप हैं जयभीम माइनस कामरेड। सत्ता में साझेदारी खातिर,समता नियाय खातिर दलित मुसलमान वोटों पर दांव लगाये बैठे हैं।समरस नजारा है।फिन घड़ी घड़ी नोटों की वर्षा।केसरिया हुईू गयो सारी मोटर साईकिलें  साइकिलें।ट्रको भयो बजरंगी।बुरबकई की हद है।गुलामगिरि।

रामायण महाभारत या मुगलई किस्सा जो भी हो,बहुजनों में जोर मारकाट मची है और यूपी जीतने का रास्ता बजरंगी ब्रिगेड के लिए साफ करने की अंधी बजरंगी वानर दौड़ है कि कहीं यूपी में ससुरा हिंदुत्व का विजय रथ विकास यात्रा  थम गयो तो हिंदुत्व के नर्क से जिनगी को निजात मिलने की कोई सूरत बन गयी तो प्यारी प्यारी गुलामगिरि दांव पर।फिर अंधेरे के कारोबार का होई।सही सलामत रहे गुलामगिरि।  जाहिर है कि बहुजनों को आजादी न भावै।फिलहालओबासी दंगल भौते भावै।उससे ज्यादा भावै गुलामगिरि कि आजादी से बड़ा डर लागे।रोशनी से भी डरै हो। नयका साल का जश्न बड़जोर रहा।पुरनका बोतलवा मा नयकी शराब परोस दियो वहींच मिनि बजट।वहींच सोशल स्कीम खातिर सरकारी खर्च की संजीवनी।  क्योंकि अर्थव्यवस्था को चूना लगा दियो है।नकदी बिना बाजर ठप बा।विकास दर घटि चली जाये।रुपया धड़ाम।रुपया गायब।छूमंतर।फिर भी बेस्टइवर कारपोरेय वकीलवा दहाड़ रहि हैं कि इंफ्लेशनवा कंट्रोल में है।खेती मानसून की किरपा पर बशर्ते कुछ बोया भी हो।बिजनेस भगवान भरोसे।उद्योगों का बंटाधार।उत्पादन गिरता जाये।बरेली के बाजार मा झूमका गिरल हो डिजिटल हो जाओ।सबको मिल जाई।डाके की सोचो मत।बचा का है जो लूट लिबो।बची गुलामगिरि है।जाको राखे साइयां,खत्म ना होवै।कसर बाकी न रहे,महाजनी सभ्यता में अब डिजिटल अंगूठा छाप हो जाओ। मेहनकशों के हाथ काट दिये।बजरंगी बनियों की थाली में कर्ज परोस दियो। बलि सूद घटि गयो रे।कारोबार काम धंधा चौपट।रोजगार कामधंधे चौपट। नौकरियों की छंटनी।जिनगी चटनी।भुखमरी की नौबत इधर तो उधर मंदी है।इनकम हैइइच नको।जमा पूंजी छिन लियो।बाजार से बेदखली के बाद अबहिं करज बढ़ाने और सूद घटाने का ख्वाबे बेचे बेशर्म सौदागर।गुलामगिरि सलामत चाहे कमामत आ जाये।

सौदागर भी दस दफा सोचे हैं।पुरनका माल नयका कहिकर गाहक फंसाने से पहले दस बार सोचे हैं।ई सौदागर अवतार ह।कल्कि अवतार ह।छप्पन इंच सीना। सीनियर सिटिजनवा को ब्याज दर पहले सो जो था,वहींच है,मियां बीवी का खाता अलगे करके चूरण बांट दियो। खाद्य के अधिकार में महिलाओं को पहिले से छह हजार मिलत रहे और शहरी ग्रामीण विकास परियोजनाओं में घर बनाने के लिए छूट पहिले से जारी है। बैंकवा से ब्याज दरों में कटौती दिवालिया बैंकों के बच निकलने की जुगत है।डिजिटल विजिटल मा टैक्स भी लागू। कैश लिमिट वही 24 हजार।एटीएम खलास। इस पर तुर्रा सब्सिडी की गैस का दाम भी बढ़ा दियो है। पेट्रोल डीजल बिजली भाड़ा किराया फीस सब लगातार बढ़ोतरी पर। अनाज दाल तेल से लेकर मांस मछली दूध शिक्षा चिकित्सा में जो भुगतान करना पड़ै,उस खातिर ना नोट मिलल,ना पचास दिनों की तपस्या के बाद कालाधन कहीं ससुरा निकलता दीख रहा है। सजा भुगतने का संकल्प पानी में है।बार बार वायदा से मुकरना कहानी है। ख्वाबों की फूलझड़ी पुरानी योजनाओं के परवचन में खिलखिलाये दियो। सियासतबाज बल्लियों उछले हैं।सोना उछला,बाजार उछले हैं। आम लोग उन सबसे कहीं जियादो उछलो है।केसरिया केसरिया बोलो। सबसे जियादा ओबीसी बहुजन उछले हैं कि गुलामगिरि सौ टका सही सलामत। सुनहले दिन आये गरयो रे।नया साल मुबारक हो।बदल दो वंदेमातरम,हिंदुत्व का नया नारा हैःडिजिटल होजाओ।गुलामी दांव पर है तो गुलामगिरि का का होय?






(पलाश विश्वास)

नोट पर रोकः अंधेर नगरी, चौपट राजा....

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‘‘अंधेर नगरी चौपट  राजा, टका सेर भाजी, टका सेर खाजा’’ की कहावत नोटबंदी योजना पर सटीक साबित हो रही है जिसके चलते पिछले एक माह से पूरे देश में आर्थिक आपातकाल की स्थिति बनी हुई है। एक माह बाद भी बैंक और एटीएम के बाहर लम्बी लाइनें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। जनधन खातों पर सख्ती और नोट बदलने की प्रक्रिया पर चन्द दिनों बाद रोक लगाने के बावजूद भी कुल 14 लाख करोड़ के 500-1000 के नोटों में से 13 लाख करोड़ की राशि मात्र 27 दिन के भीतर बैंकों में जमा होने से लगता है कि कालाधन के लिये लायी गई योजना ध्वस्त होने के कगार पर पहुंच गई है क्योंकि ना तो कहीं पर बड़ी मात्रा में कालाधन पकड़ा गया है और न ही केन्द्र सरकार के राजस्व में बढ़ोत्तरी हो पायी है। लेकिन देश की अर्थव्यवस्था को 1.28 लाख करोड़ से अधिक का आर्थिक नुकसान हो गया है और मजदूर से लेकर व्यापारी तक त्राहि-त्राहि कर उठा है।

नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री मोदी और उनके भक्त भले ही विपक्षी पार्टियों के नेताओं पर कालाधन होने का आरोप लगा रहे हैं लेकिन सवाल उठता है कि क्या कालाधन विपक्षी नेताओं के पास ही है? क्या भाजपा और उनके समर्थक नेताओं पर कालाधन नहीं है? क्या चुनावों में विपक्षी ही अनाप-शनाप धन खर्च करते हैं? अथवा भाजपा बगैर धन के ही चुनाव लड़ती है। इसकी एक झलक 2014 के लोकसभा चुनावों में देखने को मिली थी जब 60 साल तक देश को लूटने वाली कांगे्रस नरेन्द्र मोदी और भाजपा के प्रचार-प्रसार-वैभव के आगे परास्त हो गई थी। नोटबंदी का असर देश की 125 करोड़ की जनता पर दिखाई दे रहा है। जिसके कारण कहीं मजदूर रोजी-रोटी की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं तो कहीं छोटा दुकानदार ग्राहकों के इंतजार में बैठा है। कहीं आवश्यक कार्यों के लिये पैसा की चाहत में बैंक-एटीएम की लाइन में एक माह बाद भी लगा हुआ है। नोटबंदी से किसी राजनैतिक नेता, उद्योगपति, बिल्डर, माफिया, भ्रष्ट अफसरों का कोई आर्थिक नुकसान हुआ हो अथवा शिकंजा कसा गया हो इसकी अभी तक कोई बड़ी सूचना उपलब्ध नहीं है। लेकिन नई करेंसी के साथ कई भाजपा नेताओं, बैंक अफसरों के पकड़े जाने की खबरें जरूर आ रही हैं।

सवाल उठता है क्या कालाधन के लिये 125 करोड़ की जनता ही जिम्मेदार है जिसे मुशीबत में डाल दिया गया। जहां से एक महीने बाद ‘‘खोदा पहाड़ निकली चुहिया’’ वाली कहावत ही सटीक साबित हो रही है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी हों या फिर स्व. राजीव गांधी कहते थे कि केन्द्र से चला विकास का पैसा आम जनता तक मात्र एक रूपये में 10-15 पैसा तक ही पहुंच पाता है। शेष पैसा अफसर, नेताओं, ठेकेदारों के गठजोड़ के बीच ही बंट जाता है। इसके लिये प्रधानमंत्री मोदी ने क्या सख्त कानून बनाया कि पूरा धन ईमानदारी के साथ जनता तक पहुंचे। कौन नहीं जानता कि सांसद, विधायक निधि धन का किस तरह दुरूपयोग होता है और कैसे विकास योजनाओं को कागजों में संचालित किया जाता है। और घोटालों की जांच में भी किस तरह घोटाले किये जाते हैं। विकास के नाम पर किस तरह लूट होती है इसकी हजारों घटनाऐं देखने को मिलती हैं जिसमें ग्राम पंचायत के विकास के लिये धन आवंटन के बदले खण्ड विकास कार्यालय से लेकर जिला से राज्य मुख्यालय तक कमीशन खोरी का खेल खेला जाता है जो जितना ज्यादा कमीशन देता है उसे उसी अनुसार धन का आवंटन कर दिया जाता है। यही स्थिति क्षेत्र पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम, जिला पंचायत आदि में देखने को मिलती है। जहां धन आवंटन होने के बाद विकास कार्य कागजों में सिमट कर रह जाता है।

अब एक बार फिर नोटबंदी की ओर चलते हैं एक तरफ बैंकों में लम्बी लाइनें लगी हुई हैं तो दूसरी तरफ आम जन जीवन अस्त-व्यस्त हैं पिछले दिनों मुझे ग्रामीण अंचल में जाने का मौका मिला तो बड़े पैमाने पर ईंट-भट्टा मजदूर 500-1000 के नोटों से खरीददारी करते हुए बाजारों में दिखाई दिये जिसमें जब मजदूरों से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि भट्टा मालिकों ने ये ही बड़े नोट दिये हैं जिन्हें बाजार में चलाने में उन्हें भारी परेशानी हो रही है जो दुकानदार नोट ले रहे हैं वह दोगुने-तिगने दामों पर आटा, दाल, चावल, कपड़े आदि दे रहे हैं जिन्हें वह लेने पर मजबूर हैं। क्योंकि उनके पास न तो बैंक अकाउंट है न ही नई करेंसी और न ही छोटे नोट हैं। जब ईंट भट्टा एशोसियेशन के अध्यक्ष सुधीर सिंह फौजदार से पूछा गया कि मजदूरों का शोषण हो रहा है तो उनका कहना था कि भट्टा मालिकों पर न तो नई करेंसी है और न ही छोटे नोट हैं। क्योंकि ईंट बिक्री का भुगतान भी बिल्डरों एवं ग्राहकों द्वारा बड़े पुराने नोटों से हो रहा है और बैंक भुगतान कर नहीं रहीं हैं। जिसका नुकसान मजदूरों के साथ ईंट भट्टा व्यवसाईयों को भी हो रहा है। श्री फौजदार कहते हैं कि करीब 200 ईंट भट्टों पर हर पन्द्रहवें दिन करीब 300 करोड़ का भुगतान होता है जिनके लिये नई करेंसी उपलब्ध कराना असंभव है।

दूसरा मामला रेडीमेड विक्रेता नरेन्द्र अग्रवाल के यहां देखने को मिला जहां वह ग्राहकों से 500-1000 के नोट ले रहे थे। जब उनके पूछा गया कि यह नोट तो बंद हो गये हैं तो उनका कहना था कि ठण्ड एवं शादियों के लिये किया गया स्टाॅक बेकार हो जायेगा। और दुकानदारी भी ठप्प हो जायेगी जिससे उन्हें कई लाख की हानि होगी। इससे बचने के लिये 25 से 50 प्रतिशत का मुनाफा बढ़ाकर सामान बेच रहे है। जो ग्राहक नई करेंसी अथवा छोटे नोट देता है उसे कम मुनाफे पर सामान दे दिया जाता है। इसके अलावा बर्तन विक्रेता गौरव गोयल की दुकान पर व्यापारी पुराना बकाया लेने आया जिसे पुरानी करेंसी देने पर लेने से इंकार कर दिया, जिसपर दुकानदार ने नई करेंसी और छोटे नोट न होने की वजह से भुगतान से इंकार कर दिया जिसपर व्यापारी को पुराने नोट ले जाने पर मजबूर होना पड़ा।

इसके अलावा नोटबंदी का असर किस तरह खौफनाक होता जा रहा है इसके दो नजारे भी देखने को मिले जिसमें छुट्टी लेकर भारतीय स्टेट बैंक शाखा में धन जमा करने पहुंचे सैनिक डिग्म्बर सिंह को पैन कार्ड न होने पर बैंक अधिकारी ने वापिस कर दिया। जब वह पैन कार्ड लेकर बैंक में घुसने लगा तो पुलिस कर्मियों ने उसे पुनः लाइन में लगने के लिये कहा जिसे लेकर सैनिक ने सिपाही अरूण कुमार का सिर फोड़ दिया। जिसके बाद सैनिक को जेल भेज दिया गया। दूसरी घटना इससे चन्द कदम दूर पर हुई जब दुकानदार ने सामान के बदले 500 का पुराना नोट लेने से इंकार किया तो झगड़ा हो गया। जिसमें ग्राहक और उसके परिजनों ने दुकानदार श्याम सुन्दर गुप्ता का सिर फोड़कर चार दांत भी तोड़ दिये। ऐसी अनेक घटनाएं देखने-सुनने को मिल रही हैं। जिसमें कहीं बैंकों में तोड़फोड़ की जा रही है तो कहीं अधिकारियों से गाली-गलौज हो रही है। एक माह से पुलिस-प्रशासन आवश्यक कार्यों को छोड़कर बैंकों की व्यवस्था में लगा हुआ है। लेकिन स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है। मोदी और उनके अंधभक्त नोटबंदी के कितने भी फायदे बताएं और विरोधियों पर कोई कटाक्ष करें लेकिन जमीनी स्तर पर यह योजना पूर्ण रूप से ध्वस्त होती नजर आ रही है जिसका खामियाजा आम जनता के साथ-साथ भाजपा को विधानसभा चुनावों में भुगतना पड़ सकता है। क्योंकि जनता को कहीं भी ना तो भ्रष्टाचार से राहत मिलती दिख रही है और न ही विकास कार्यों में कहीं पारदर्शिता नजर आ रही है। बल्कि अब अधिकारी, कर्मचारियों द्वारा रिश्वत के रूप में नयी करेंसी की मांग की जा रही है। जिसे जुटाने के लिये भी जनता बैंकों की लाइन में लगने पर मजबूर है। यही कारण है कि नोटबंदी पर ‘‘अंधेर नगरी चौपट राजा, टका सेर भाजी टका सेर खाजा’’ की कहावत सटीक साबित है।




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मफतलाल अग्रवाल
(लेखक वरिष्ट पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता हैं।)

राष्ट्र की एकता और अखण्डता के लिए अहिंसा जरूरी: अहीर

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नई दिल्ली, केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री श्री हंसराज गंगाराम अहीर ने राष्ट्र की एकता और अखण्डता के लिए अहिंसा, नैतिकता तथा सामाजिक संवेदनशीलता को जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि कोई भी राष्ट्र चाहे कितनी भी प्रगति क्यों न कर ले वह अहिंसा और नैतिकता के बिना सही मायने में उन्नति नहीं कर सकता। श्री अहीर ने अपने निवास पर सुखी परिवार अभियान के प्रणेता जैन संत गणि राजेन्द्र विजयजी की सन्निधि में आयोजित विचारसंगीति को सम्बोधित करते हुए बोल रहे थे। इस अवसर पर सुखी परिवार फाउंडेशन के राष्ट्रीय संयोजक श्री ललित गर्ग ने श्री अहीर को ‘महावीर की पाट परम्परा’ पुस्तक भेंट करते हुए बताया कि आगामी वर्ष गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद् विजय नित्यानंद सूरीश्वरजी के दीक्षा का स्वर्ण जयंती वर्ष है, इस दीक्षा स्वर्ण जयंती महोत्सव के कार्यक्रम दिल्ली में भव्य रूप में आयोजित होंगे। श्री अहीर ने आचार्य नित्यानंद सूरीश्वरजी के आगामी दिल्ली चातुर्मास एवं दीक्षा महोत्सव का स्वागत करते हुए कहा कि भगवान महावीर ने हमें अहिंसा, अनेकान्त, सहअस्तित्व एवं शांति का संदेश दिया और वर्तमान में उनकी परम्परा के संतजन उन्हीं के सिद्धांतों एवं जीवनशैली को जन-जन में सम्प्रेषित कर रहे हैं। राष्ट्र महावीर के बताए मार्ग पर चलकर ही वास्तविक उन्नति कर सकता है। उन्होंने गुजरात के आदिवासी क्षेत्र में गणि राजेन्द्र विजयजी के नेतृत्व में चल रहे शिक्षा, सेवा एवं जनकल्याण के कार्यक्रमों की सराहना की।  गणि राजेन्द्र विजयजी ने इस अवसर पर कहा कि अहिंसा का सामाजिक जीवन में प्रयोग ही नैतिकता है, जिसमें दूसरों के प्रति संवेदनशीलता का भाव नहीं होता, करुणा की वृत्ति नहीं होती और दूसरों के कष्ट को अनुभव करने का मानस नहीं होता वह समाज और राष्ट्र नैतिक और अहिंसक नहीं हो सकता। उन्होंने आदिवासी उत्थान और उन्नयन की आवश्यकता व्यक्त करते हुए कहा कि हिंसा की समस्या का समाधान संतुलित समाज व्यवस्था से ही हो सकता है। इस अवसर पर श्री राहुल वत्स एवं श्री राजकुमार चैधरी ने अपने विचार व्यक्त किए। 

मेरे मुताबिक यह बेहद उम्दा एवं सफल मीडिया लिटरेसी कॉन्क्लेव था : गौहर रजा

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नई दिल्ली। बीबीएस मीडिया क्लब एवं क्रिएटिव्स वर्ल्ड मीडिया अकादमी के संयुक्त तत्वाधान में  "मीडिया साक्षरता सम्मेलन"का बाल भवन इंटरनेशनल स्कूल, सेक्टर -12, द्वारका में सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। सम्मेलन का आगाज परम्परागत दीप प्रज्ज्वलन एवं मेजबान स्कूल की उप-प्रधानाचार्या जसप्रीत कौर के उद्घाटन भाषण के साथ शुरू हुआ।  इस सम्मेलन के संस्थापक एवं निदेशक एसएस डोगरा ने बताया कि पहले सत्र में विभिन्न दस स्कूलों के विद्यार्थियों द्वारा अभिनीत, निर्मित एवं सम्पादित लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया. लघु फिल्म प्रतियोगिता में,  निम्न प्रतिभागी स्कूल एन.के.बगरोडिया पब्लिक स्कूल, सेक्टर-4 ने महिला सुरक्षा विषय पर आधारित लघु फिल्म , द्वारका, आर.डी.राजपाल स्कूल सेक्टर-9 ने “रोड टू स्टेडियम” नामक लघु फिल्म, माउंट कार्मल स्कूल, श्री वेंकटेश्वर इंटरनेशनल स्कूल, सेक्टर-18, डीएवी स्कूल, सेक्टर-6 ने महिला सुरक्षा विषय पर आधारित लघु फिल्म, बसावा इंटरनेशनल स्कूल, सेक्टर-23 ने “वैल्यू of स्पोर्ट्स” पर आधारित लघु फिल्म, इंडियन हाईटस स्कूल, सेक्टर-23 ने रूरल डेवलपमेंट, बाल भवन इंटरनेशनल स्कूल,    सेक्टर-12 ने “स्वच्छ भारत अभियान पर लघु फिल्म एवं  प्रगति पब्लिक स्कूल, सेक्टर-13 ने निडर नामक फिल्म प्रेषित की थी जिन्हें उक्त प्रथम बाल फिल्म उस्तव में प्रदर्शित किया गया. जबकि इसी दौरान स्थानीय स्कूलों बच्चों की लगभग पचास फोटो की प्रदर्शनी भी लगाई गई. मीडिया साक्षरता सम्मेलन में लघु फिल्म प्रदर्शन के अलावा फोटो-प्रदर्शनी ही मुख्य आकर्षण का केंद्र बिंदु थे। जबकि दूसरे सत्र में, प्रसिद्ध फिल्म निर्माता, वैज्ञानिक एवं शायर गौहर रजा ने बतौर सम्मेलन के मुख्यातिथि के रूप में सिसिली कोडियान द्वारा लिखित एवं एस. एस. डोगरा द्वारा सम्पादित विश्व के तीस महानतम वैज्ञानिकों की प्रेरक  जीवन यात्रा पर लिखित “एमिनेंट वर्ल्ड साइंटिस्ट्स” पुस्तक का विमोचन किया।  इस पुस्तक विमोचन समारोह  के दौरान साहित्य, मीडिया, सिनेमा, रेडियो एवं फ़िल्मी क्षेत्र की सैंकड़ो हस्तियाँ मौजूद थी. इस मौके पर गौहर रजा प्रमुख समाज सेविका एवं उक्त पुस्तक की लेखिका एवं संपादक एस.एस. डोगरा के अथक प्रयासों की सराहना की।  डॉ. रजा ने अपने संबोधन में पुस्तक पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्हें बेहद ख़ुशी है कि इसमें चार भारतीयों को शामिल किया है जो बड़े गर्व का विषय है।  इसी मौके पर उन्होंने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि मेरे मुताबिक यह बेहद उम्दा एवं सफल मीडिया साक्षरता सम्मेलन था जिसमें उन्हें भी करीबी से देखने समझने का सुअवसरप्राप्त  हुआ। सम्मेलन के दुसरे सत्र में,  फिल्म एवं फोटो प्रदर्शिनी का परिणाम जूरी सदस्यों हरविंदर मक्कड (फिल्म निदेशक एवं लेखक, सुशील भारती (लेखक, लघु फिल्म निर्माता एवं निर्देशक-प्रसारण रेडियो नोएडा और एम.एस. टीवी,फिल्म कलाकार शिवा कुमार, फिल्म निर्माता पल्लवी प्रकाश एवं  अश्विनी त्यागी (फ़िल्मकार) की आपसी सहमति से मुख्य अतिथि डॉ. गौहर रजा द्वारा घोषित किया गया. इसमें बाल भवन इंटरनेशनल स्कूल द्वारा निर्मित लघु फिल्म 'स्वच्छ भारत’ को प्रथम पुरस्कार तथा  श्री वेंकटेश्वर इंटरनेशनल स्कूल, सेक्टर-18  द्वारा महिलाओं की सुरक्षा पर आधारित निमित लघु फिल्म ने दूसरा पुरुस्कार जीता। इस अवसर पर आयोजित  फोटो प्रदर्शनी में पचास से भी अधिक विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों ने विभिन्न विषयों पर फोटो प्रदर्शित किए।  मुख्यअतिथि डॉ. गौहर रजा, उपप्रधानाचार्या जसप्रीत कौर एवं  सभी जूरी मेम्बेर्स ने उपस्थित गणमान्य अतिथितियों के साथ फोटो पर्दर्शनी का अवलोकन किया।  गौरतलब है कि नैनिका गुप्ता ने मीडिया साक्षरता सम्मेलन की फोटो-प्रदर्शनी में सबसे कम उम्र फोटोग्राफर ने भी अपनी चार फोटो प्रदर्शित किए थे।  ग्रामीण जीवन श्रेणी में श्री वेंकटेश्वर स्कूल की वेर्निका गेरो की फोटो, ऐतिहासिक स्मारक श्रेणी में देवांश सवेरना, शहरी जीवन श्रेणी में जे.एम.इंटरनेशनल स्कूल के शेनॉय शेरोन सुधान, प्रकृति श्रेणी में बाल भवन के निशांत शर्मा एवं वन्य जीवन श्रेणी में भी बाल भवन इंटरनेशनल स्कूल की रवलीन कौर को विजेता घोषित किया गया। इन सभी फिल्मों एवं फोटो प्रदर्शनी के लिए विशेष रूप से मुख्यातिथि गौहर रजा  एवं नियुक्त निर्णयाक मण्डली में शामिल हरविंदर मंक्कर (फ़िल्मकार, निदेशक एवं लेखक), सुशील भारती (लेखक, फ़िल्मकार एवं निदेशक-रेडियो नॉएडा/एमएस टीवी), अश्वनी त्यागी (फ़िल्मकार), बोलीवुद अभिनेता शिवा कुमार  एवं फिल्म निर्माता पल्लवी प्रकाश ने पुरे समय बच्चों के साथ समय बिताकर प्रथम बाल फिल्म उत्सव, फोटो प्रदर्शनी एवं मीडिया पुरुस्कार समारोह सहित पुरे मीडिया लिटरेसी कॉन्क्लेव की शोभा बढाई। मीडिया एक्सीलेंस अवार्ड की शुरुआत एस.एस. डोगरा द्वारा लिखित फेस्टिवल सांग को कॉलेज के बच्चों द्वारा संचालित चाहत बैंड ने लाइव गाकर किया।  मीडिया पुरुस्कार में सबसे पहले मुख्यअतिथि डॉ. गौहर रजा साहेब (प्रसिद्ध फिल्म निर्माता, वैज्ञानिक एवं शायर), कोरियन प्रोफेसर किम यंग डो (फादर ऑफ़ कोरियन लैंग्वेज़ इन इंडिया), वरीष्ठ फिल्म पत्रकार बीबी नागपाल,  प्रख्यात लेखक एवं कवि डॉ. अशोक लव  को अपने अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से संजय मिश्रा- द्वारका परिचय के निदेशक के साथ-साथ बाल भवन इंटरनेशनल स्कूल की जसप्रीत कौर-वाइस प्रिंसिपल द्वारा लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार से बाल भवन इंटरनेशनल स्कूल की उपप्रधानाचार्या जसप्रीत कौर, मीडिया लिटरेसी कॉन्क्लेव के संस्थापक एवं निदेशक एस.एस. डोगरा सहित आई टी हेड द्वारका परिचय के संजय मिश्रा ने सम्मानित किया। मीडिया एक्सीलेंस अवार्ड कड़ी में  कोरियाई लेखक कुमकुम, वरिष्ठ भाषा में कार्यरत खेल पत्रकार  धर्मेंद्र पंत, वैज्ञानिक डॉ अमित कौर पुरी-सीएसआर हेड-एपीजे सत्या विश्वविद्यालय, निफ्ट की निदेशक एवं मिसेस यूनिवर्स 2015 (वेस्ट एशिया) रूबी यादव, मशहूर  संगीतकार गोविंद सरस्वती, विश्वविख्यात कवियत्री डॉ. कीर्ति  काले, मशहूर ज्योतिषी रेखा वोहरा, समाजसेविका नेहा,अनिल बालियान (वरिष्ठ पत्रकार-आजतक न्यूज चैनल एवं अध्यक्ष द्वारका प्रेस क्लब), कुमार गजेंद्र  (उप मेट्रो एडिटर-पंजाब केसरी समाचारपत्र), लेखक, अभिनेता एवं पत्रकार नेत्रपाल शर्मा (वर्तमान में वरिष्ठ  पत्रकार प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया),  गायक डॉ. शैलेश सिंह (विश्वविख्यात गैर सरकारी संस्था शुलभ में कार्यरत), अनंत कुमार-सामाजिक कार्यकर्ता मोनोजित सिंह असम से युवा पत्रकार, मशहूर गायिका मधुमिता बिस्वास, कवि, समाजसेवी एवं वरिष्ठ पत्रकार अशोक कुमार निर्भय,संजीव शर्मा कला प्रमोटर एवं सामाजिक कार्यकर्ता मोहसीन खान- सामाजिक कार्यकर्ता,आदेश शर्मा फिल्मकार, मोहित शुक्ला संवाददाता चैनल वन, लेखक और खेल पत्रकार मनीष शर्मा, मीडिया शिक्षाविद डॉ. अलोक सत्संगी, आशुतोष कपूर मीडिया शिक्षाविद, कवियित्री एवं लेखिका डॉ.फराह सिद्दीकी मतीन-डब्लिन-आयरलैंड, रेडियो प्रेसेंटर रंजना यादव, अभिनेता एवं  सामाजिक कार्यकर्ता अनुराग सक्सेना, फोटो पत्रकार अनिल नागपाल, प्रमुख समाजसेवी  विवेक हनी एंकर एवं निदेशक जेड मीडिया अख्तर खान, एंकर और गायक निशांत प्रकाश, युवा पत्रकार और लेखक हनी सहगल, फोटोग्राफर और वीडियो एडिटर राहुल झा सहित निम्न नवोदित मीडिया स्टार सिंगर इंजमाम खान, रचनात्मक लेखिका जसमीत कौर(डीपीएस गुड़गांव) बाल कवयित्री एवं मॉडल-सुहानी यादव, गायिका  मैथली ठाकुर, क्रिकेटर  मयंक रावत,  लावण्या (कलाकार एवं खिलाडी) शुभम मित्तल (फिल्मकार), उत्कर्ष उपाध्याय (एनवाईएस- एक्टिव इन सोशल मीडिया, कंटेंट राइटिंग एंड फोटोग्राफी) पाखी गाबा-(रचनात्मक लेखिका-स्प्रिंगडेल्स स्कूल, जयपुर राजस्थान,  निशांत शर्मा (विडियो एडिटिंग-बाल भवन इंटरनेशनल स्कूल), तनिष्क (अभिनय-बाल भवन इंटरनेशनल स्कूल) सृष्टि सौम्या  (पटकथा लेखन - बाल भवन इंटरनेशनल स्कूल), शिविका ( बाल मॉडल-श्रीराम वर्ल्ड स्कूल, द्वारका), अंचित मैगी (गिटार वादक-समरविले स्कूल, नोएडा),वैदेही गोयल (गायिका-समरविले स्कूल, नोएडा), सोनिया मोरी जोसी (सिंगर समरविले स्कूल, नोएडा), ख़ुशी पल्लवी (सिंगर समरविले स्कूल, नोएडा),  पूजा रावत (रंगमंच कलाकार),  प्रेमा झा (रंगमंच कलाकार)  जैसे प्रतिभाशाली स्कूली/कालेज के बच्चों को वी.के. शर्मा (संपादक-न्यूज ग्राउंड पत्रिका पत्र समेत अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे। 
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