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केजरीवाल दिल्ली का स्टेपनी की तरह इस्तेमाल करना बंद करें: योगेन्द्र यादव

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नयी दिल्ली, 14 जनवरी, स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेन्द्र यादव ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हमला करते हुये आज कहा कि वह दिल्ली को स्टेपनी की तरह इस्तेमाल करना बंद करें । दिल्ली नगर निगम के चुनावों की तैयारी में जुटी स्वराज इंडिया के एक महीने भर चलने वाले अभियान “ जवाब दो- हिसाब दो” की जानकारी देने के लिये आयोजित संवाददाता सम्मेलन में श्री यादव ने कहा कि उनका यह अभियान कल से निगम के सभी 272 वार्डों में पहुंचने की शुरुआत करेगा और 12 फरवरी को रामलीला मैदान में इसका समापन होगा । श्री केजरीवाल के पूर्व सहयोगी रहे श्री यादव ने कहा कि इस अभियान का कल से 180 टीमें शुरुआत करेंगी । अभियान के दौरान 10 लाख लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य है। इस दौरान राजधानी के लोगों से उनकी समस्याओं को जानकर तथा सरकार तक पहुंचाया जायेगा । श्री यादव ने कहा कि श्री केजरीवाल को कहीं का भी मुख्यमंत्री बनने का अधिकार है लेकिन वह दिल्ली को स्टेपनी की तरह इस्तेमाल करना बंद करें। उन्होंने कहा कि राजधानी में “ तीन सरकार , तीनों बेकार” हैं। दिल्ली के मात्र 37 प्रतिशत लोगों को यह जानकारी है कि वह किस एमसीडी के तहत आते हैं। मात्र 32 प्रतिशत लोगों को ही अपने वार्ड का पता है। दिल्ली सरकार की लोकप्रियता केंद्र सरकार व एमसीडी के मुकाबले कम हैं । उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के आंदोलन से उपजी आम आदमी पार्टी(आप) इस मुहाने पर अब तक पूरी तरह असफल रही है । दिल्ली के 36 प्रतिशत लोगों का मानना है कि आप के आने के बाद भ्रष्टाचार बढ़ा है। 23 प्रतिशत लोग इसे जस का तस बताते हैं जबकि 25 प्रतिशत का मानना है कि इसमें कमी आयी है। स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनुपम ने कहा कि सफाई और स्वच्छता जैसे आम जनता से जुड़े कई ऐसे गंभीर मुद्दे हैं जो सीधा एमसीडी के कार्य क्षेत्र में आते हैं। उन्होंने कहा कि आगामी एमसीडी चुनावों को मुद्दों का चुनाव बनायेंगे।

अंसारी,माेदी,राजनाथ,राहुल ने मकर संक्रांति एवं बिहू पर लोगों को दी बधाई

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नयी दिल्ली,14 जनवरी, उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ,प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और कई केन्द्रीय मंत्रियों एवं नेताओं ने मकर संक्रांति,पोंगल और माघ बिहू के अवसर पर देशवासियों को बधाई दी है । उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री,गृह मंत्री और श्री गांधी ने इन त्योहारों पर लोगों को बधाई देते हुए सभी के सुखमय जीवन की कामना की है। केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली,कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी और केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी इस अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं देते हुए सभी के सुख और समृद्धि के लिए प्रार्थना की है । डॉ़ अंसारी ने अपने संदेश में कहा ये पवित्र त्योहार फसल कटाई के मौसम से संबंधित हैं और हमारे देश की एकता को रेखांकित करते हैं। उन्होंने कहा,“ मैं मकर संक्रांति और पोंगल के शुभ अवसर पर अपने देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई देता हूं।” उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति ‘उत्तरायण’ का प्रतीक है यानी इस दिन से सूर्य उत्तर की दिशा में गमन करता है। यह त्योहार पूरे देश में विभिन्न नामों से मनाया जाता है । मकर संक्रांति और पोंगल फसल कटाई के मौसम से संबंधित हैं और हमारे देश की एकता को रेखांकित करते हैं । उन्होंने कहा,“ मैं कामना करता हूं कि ये त्योहार सबके जीवन में समृद्धि, शांति और सौहार्द लाएं ।”

संगम में 70 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति पर लगाई आस्था की डुबकी

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इलाहाबाद, 14 जनवरी, तीर्थराज प्रयाग में गंगा, यमुना एवं अदृश्य सरस्वती के संगम तट पर कडाके की ठंड और शीतलहर के बीच 70 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान किया। मेले में कल्पवास करने और संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए संगम की विस्तीर्ण रेती पर बसाया गया तंबुओं का अस्थाई शहर इन दिनों गहमागहमी से भरपूर है । माघ मेले के दूसरे प्रमुख स्नान के लिए कडाके की ठंड और शीतलहरी के बीच तड़के चार बजे से सन्यासियों, दिव्यांगों और कल्पवासियों ने ‘‘हर हर गंगे, ऊं नम: शिवाय, श्री राम जय राम जय जय राम” उच्चारण करते हुए संगम में स्नान शुरू कर किया। भारतीय संस्कृति और आध्यात्म से प्रभावित कई विदेशी श्रद्धालुओं ने भी इस दौरान ‘पुण्य लाभ’ के लिए संगम स्नान करते दिखायी दिये। संगम तट पर तडके श्रद्धालुओं की स्नान करने की गति धीमी थी लेकिन जैसे जैसे धूप में चटखपन बढता गया स्नान करने वालों की भीड घाट पर बढती जा रही है। प्रशासन ने मकर संक्रांति के अवसर पर 65 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान लगाया था, लेकिन आज 70 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया और यह क्रम अभी भी जारी है ।

रिजर्व बैंक की स्वतंत्रता और स्वायत्तता का सम्मान करते हैं : सरकार

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नयी दिल्ली 14 जनवरी, सरकार ने नोटबंदी के मद्देनजर रिजर्व बैंक की स्वतंत्रता और स्वायत्तता में दखल देने और उसकी छवि धूमिल करने के कर्मचारियों के आरोपों को खारिज करते हुये आज कहा कि वह केन्द्रीय बैंक की स्वतंत्रता और स्वायत्तता का सम्मान करती है। वित्त मंत्रालय ने आज यहाँ जारी बयान में कहा कि केन्द्रीय बैंक के कुछ कर्मचारी संघों ने आरबीआई की स्वतंत्रता और स्वायत्तता को चोट पहुँचाने के आरोप लगाये है। मंत्रालय ने साफ-साफ कहा है कि सरकार रिजर्व बैंक की स्वतंत्रता और स्वायत्तता का पूरा सम्मान करती है। उसने कहा कि सरकार और रिजर्व बैंक के बीच जनहित के विभिन्न मामलों में सलाह-मशविरा नियमित प्रक्रिया है और यह कानून सम्मत या परंपरागत व्यवहार है। कानून सम्मत या परंपरागत व्यवहार को रिजर्व बैंक की स्वतंत्रता और स्वायत्तता में हस्तक्षेप के रूप में नहीं देखा जाना चाहिये। यूनाइटेड फोरम ऑफ रिजर्व बैंक आॅफिसर्स एंड इम्पालइज ने शुक्रवार को गवर्नर उर्जित पटेल को पत्र लिखकर कई गंभीर आरोप लगाये थे और कहा था कि नोटबंदी के घटनाक्रमों से कर्मचारी अपमानित महसूस कर रहे हैं। इस संगठन ने करेंसी संयोजन के लिए वित्त मंत्रालय द्वारा रिजर्व बैंक में एक अधिकारी बैठाये जाने का विरोध करते हुये कहा है कि इससे रिजर्व बैंक की स्वायत्तता पर हमला किया गया है।

सेना में स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर रोक की काेई योजना नहीं : रावत

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नयी दिल्ली,14 जनवरी, सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने इस खबर को गलत बताया है कि शिकायतें दर्ज कराने के लिए जवानों के बीच सोशल मीडिया के इस्तेमाल के बढ़ते चलन को देखते हुए सेना में स्मार्टफोन के प्रयोग पर रोक लगाने की तैयारी की जा रही है । श्री रावत ने पूर्व सैनिकों को सम्मानित किए जाने के अवसर पर आज यहां आयोजित एक समारोह में संवाददाताओं के सवाल पर कहा,‘‘ऐसा कुछ नहीं है।’’ सेना में स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर रोक से जुड़ी खबर ऐसे समय प्रकाशित हुई है जब सुरक्षाबलों के जवानों द्वारा उनकी शिकायतों से जुड़े कई वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं जो सरकार तथा सेना के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं । मामले ने इतना तूल पकड़ लिया है कि प्रधानमंत्री कार्यालय को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा है और उसने गृह मंत्रालय से पूरे मामले की रिपोर्ट तलब कर ली है । इन विवादित वीडियो के बीच आज एक नया वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें सेना के एक जवान यज्ञ प्रताप सिंह की पत्नी ने आरोप लगाया है कि उनके पति को प्रताड़ित किया जा रहा है और वह उससे मोबाइल फोन पर संपर्क नहीं कर पा रही हैं। यह वही जवान है जिसने हाल ही में सेना में सेवादारी व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड किया था । जनरल रावत ने सेना के वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में सेवादारी व्यवस्था पर स्पष्टीकरण देते हुए कल कहा था कि यह किस लिए जरूरी है । हालांकि , उन्होंने यह भी कहा था कि यह अनिवार्य नहीं है। उन्होंने सीमा की अग्रिम चौकियों पर तैनात जवानों के पास स्मार्टफोन होने को फायदेमंद भी बताया था और कहा था कि अपने परिजनों का हाल जानने के लिए पहले उन्हें खत पर निर्भर रहना पड़ता था जिसमें सात से पन्द्रह दिन लग जाते थे लेकिन मोबाइल फोन के आने से पूरा परिदृश्य ही बदल गया है ।

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सुरजीत सिंह बरनाला का निधन

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चंडीगढ़ 14 जनवरी, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री एवं तमिलनाडु के पूर्व राज्यपाल सुरजीत सिंह बरनाला का आज यहां पीजीआई अस्पताल में निधन हो गया, वह 91 वर्ष के थे। पूर्व मुख्यमंत्री कुछ कुछ दिनों से बीमार थे। उन्हें हाल ही में यहां अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। श्री बरनाला के परिवार में पत्नी सुरजीत कौर बरनाला, पुत्र जसजीत सिंह बरनाला और गगनजीत सिंह बरनाला हैं। उनके तीसरे पुत्र निलिंदर सिंह बरनाला की वर्ष 1996 में कार दुर्घटना तथा पुत्री अमृत कौर की कैंसर के कारण अक्तूबर 2012 में मौत हो चुकी है। श्री बरनाला अटल बिहारी बाजपेयी सरकार में केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री थे। ।वह तमिलनाडु के राज्यपाल भी रहे।

‘साइकिल’ पर फैसले के बाद होगा सपा-कांग्रेस गठबंधन का एलान

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लखनऊ, 14 जनवरी, समाजवादी पार्टी (सपा) के ‘साइकिल’ चुनाव निशान को लेकर चल रही ऊहापोह के बीच कांग्रेस के साथ पार्टी का चुनाव पूर्व गठबंधन अब फिलहाल कम से कम सोमवार तक के लिए विलंबित नजर आता है। दोनों पार्टियों ने उत्तर प्रदेश राज्य विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन को लेकर खाका तैयार कर लिया है। इसका एलान सपा के चुनाव चिन्ह को लेकर चुनाव आयोग द्वारा अपना फैसला सुनाये जाने के बाद किया जायेगा। उत्तर प्रदेश विधानसभा के इस चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर बनाने के लिए प्रियंका गांधी बाड्रा समूचे सूबे की राजनीति में पहली बार सक्रिय रुप से दिलचस्पी ले रही हैं। सूबे में पार्टी को सत्ता मे लाने के लिए सपा के साथ गठबंधन की जमीन तैयार करने में उनकी अहम भूमिका रही।

दिल्ली समेत देश के विभिन्न हिस्सों में कड़ाके की ठंड

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नयी दिल्ली.14 जनवरी, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत देश के विभिन्न हिस्सों में हाड़ कंपा देने वाली ठंड पड़ रही है और मकर संक्रांति के पावन मौके पर आज उत्तर भारतीय लोगों ने कड़ाके की ठंड के बीच पवित्र डुबकी लगाई। दिल्ली में आज इस सीजन का सबसे कम तापमान 3.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। कोहरे के कारण कम से कम 25 ट्रेनें देरी से चल रही है जबकि छह ट्रेनों का समय बदला गया और अाठ ट्रेनों को रद्द कर दिया गया। अधिकतम तापमान 19.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। लखनऊ से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी के कारण उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों में हाड कंपा देने वाली ठंड पड़ रही है जिस से जनजीवन प्रभावित रहा। मौसम विभाग के अनुसार शीतलहर के कारण प्रदेश में अनेक स्थानों में तापमान सामान्य स्तर से नीचे पहुंच गया है। लखनऊ, इलाहाबाद और वाराणसी मंडलो में पारा सामान्य से काफी नीचे गिर गया जबकि फैजाबाद, गोरखपुर आैर कानपुर मंडलों में भी तापमान में गिरावट दर्ज की गयी । लखनऊ में न्यूनतम तापमान कल 0़ 1 डिग्री सेल्सियस के मुकाबले आज 01़ 6 डिग्री दर्ज किया जो सामान्य से पांच डिग्री कम रहा। ठंड से अगले दो दिनों तक अभी कोई राहत मिलने की उम्मीद नहीं है । विभाग के अनुसार सुलतानपुर में न्यूनमतम तापमान 1़ 4 डिग्री सेल्सियस और गोरखपुर में 02़ 8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से छह-छह डिग्री कम रहा । मेरठ में 3़ 1 डिग्री सेल्सियस, कानपुर में 3़ 7 डिग्री सेल्सियस और चुर्क में 1़ 8 डिग्री सेल्सियस जो सामान्य से सात डिग्री कम रहा । सूबे भर में ठंड और कोहरे की वजह से हाईवे पर वाहन रेंगते हुए चले तो ट्रेनों की रफ्तार पर भी ब्रेक लगा रहा। लंबी दूरी की ट्रेनें आज भी घंटों विलंबित रही। ट्रेनों के लेट आने से यात्रियों को उनके इंतजार में लंच डिनर स्टेशनों पर ही करना पड़ रहा है। जम्मू कश्मीर में बन रहे पश्चिमी विक्षोभ को पारा गिरने का कारण माना जा रहा है।

पटना में नौका दुर्घटना में 21 मरे ,कई लापता

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पटना 14 जनवरी, बिहार की राजधानी पटना के गांधी घाट के सामने गंगा दियारा में मकर संक्रांति के अवसर पर राज्य सरकार की ओर से आयोजित पतंग महोत्सव में शामिल होने के बाद लौट रहे लोगों की नौका एनआइटी घाट के निकट डूब गयी जिसमें 21 लोगों की मौत हो गयी और कई अन्य लापता हैं। पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि दियारा से लौट रही एक नाव देर शाम एनआइटी घाट के पास गंगा नदी में डूब गई । नौका में 60 से 70 लोग सवार थे,जिसमें से कुछ लोग तैरकर बाहर निकल आये जबकि 21 की लोगों की डूबकर माैत हो गयी।

धोनी अब ज्यादा खुलकर बल्लेबाजी कर सकते हैं : विराट

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पुणे ,14 जनवरी, इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज से तीनों प्रारूपों में टीम इंडिया की कप्तानी संभालने जा रहे धाकड़ बल्लेबाज विराट कोहली ने कहा कि पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी अब दबाव मुक्त होकर ज्यादा खुलकर बल्लेबाजी कर सकते हैं। विराट इंग्लैंड के खिलाफ रविवार से शुरु हो रही तीन मैचों की वनडे सीरीज से टेस्ट के बाद अब छोटे फॉर्मेट में भी टीम इंडिया की कप्तानी संभालने जा रहे हैं और इससे पहले उन्होंने धोनी के बारे में अपनी राय जाहिर करते हुये कहा,“ धोनी एक शानदार कप्तान होने के साथ ही उम्दा बल्लेबाज रहे हैं। कप्तानी की जिम्मेदारी हटने के बाद अब वह बल्लेबाजी में ज्यादा ध्यान केन्द्रित कर सकते हैं और खेल का लुत्फ उठाते हुये खुलकर शाट्स खेल सकते हैं।” कप्तान विराट ने कहा,“ धोनी एक बुद्धिमान क्रिकेटर हैं। चाहे बल्लेबाजी करते हुये या टीम का नेतृत्व करते समय, उनके निर्णय बेहद सटीक बैठते थे। मुझे खुशी है कि कप्तानी छोड़ने के बावजूद वह टीम का हिस्सा रहेंगे और हमें उनके अपार अनुभव का लाभ मिलेगा। उनकर टीम में मौजूदगी हम सभी के लिये मनोबल बढ़ाने वाली है।” तीनों प्रारूपों में टीम का नेतृत्व संभालने पर स्टार बल्लेबाज ने कहा,“ मैं बेहद सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मुझे लगता है कि यह मेरे जीवन की सबसे खास उपलब्धि है। मैं तीनों प्रारूपों में कपतानी की नयी जिम्मेदारी मिलने से विशेष महसूस कर रहा हूं और इतना कि जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।”

अजहरुद्दीन के एचसीए अध्यक्ष पद का नामांकन रद्द

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हैदराबाद ,14 जनवरी, टीम इंडिया के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन की हैदराबाद क्रिकेट संघ (एचसीए) का अध्यक्ष बनने की उम्मीदों को उस समय करारा झटका लगा जब एचसीए ने अध्यक्ष पद के लिए उनके नामांकन को रद्द कर दिया। एचसीए ने अजहर के नामांकन को क्यों रद्द किया है इस बात का अभी खुलासा नहीं हुआ है लेकिन उनके नामांकन के बाद से कई सवाल उठने शुरू हो गए थे। अजहर ने अपना नामांकन रद्द होने पर निराशा जताई। उन्होंने कहा,“ मेरा नामांकन रद्द होना दुखद है। मुझे जब उच्च न्यायालय से बरी कर दिया गया है तो फिर नामांकन क्यों रद्द किया यह समझ से बाहर है।” उन्होंने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ कोर्ट जाएंगे। खेल से भ्रष्टाचार मिटाने की अदालती कोशिशों के बीच भ्रष्टाचार के आरोपी रहे अजहर ने क्रिकेट प्रशासन से जुड़ने का फैसला किया था। 17 जनवरी को होने वाले चुनाव को अजहर बनाम अरशद अयूब देखा जा रहा था। अयूब हैदराबाद के पूर्व ऑफ स्पिनर हैं। अजहर के नामांकन रद्द होने के बाद अब उनकी राह आसान हो गई। भारत के पूर्व कप्तान अजहर पर मैच फिक्सिंग के गंभीर आरोप लगे थे। हालांकि सबूतों के अभाव में उन्हें आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने बरी कर दिया था। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में न जाने का फैसला किया था। अजहर ने अपने करियर में 99 टेस्ट मैचों 24 शतक के साथ छह हजार से ज्यादा रन बनाए हैं।

पटेल का शतक, गुजरात पहली बार बना रणजी चैंपियन

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इंदौर , 14 जनवरी, कप्तान पार्थिव पटेल (143) के करियर की सबसे यादगार शतकीय पारी के दम पर गुजरात ने 41 बार के चैंपियन मुंबई को फाइनल में पांचवे और अंतिम दिन शनिवार को पांच विकेट से हराकर पहली बार रणजी चैंपियन बनने का इतिहास रच दिया। गुजरात के सामने 312 रन का लक्ष्य था और कप्तान पटेल ने 196 गेंदों पर 24 चौकों की मदद से 143 रन की मैच विजयी पारी खेली। पटेल जब पांचवें बल्लेबाज के रूप में आउट हुये तो गुजरात का स्कोर 299 पहुंच चुका था और मंजिल करीब थी। गुजरात ने 89.5 ओवर में पांच विकेट पर 313 रन बनाकर ऐतिहासिक जीत अपने नाम की। गुजरात ने इसके साथ ही रणजी ट्राफी के 83 वर्ष के इतिहास में फाइनल में सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल करने का रिकार्ड भी बना दिया। गुजरात ने हैदराबाद का रिकार्ड तोड़ा जिसने 1937-38 में नवानगर के खिलाफ 310 रन का लक्ष्य हासिल किया था। 66 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद गुजरात अपना पहला रणजी फाइनल खेल रहा था। गुजरात इससे पहले 1950-51 में रणजी ट्राफी के फाइनल में पहुंचा था लेकिन तब उसे खिताबी मुकाबले में होल्कर से हार का सामना करना पड़ा था। उसके बाद से गुजरात ने एक लंबा सफर तय करते हुये 66 साल बाद जाकर फाइनल में जगह बनाई और मुंबई का 42 वीं बार खिताब जीतने का सपना तोड़ दिया। मुंबई इससे पहले आखिरी बार वर्ष 1990-91 के फाइनल में हारी थी। पार्थिव पटेल ने गुजरात को चैंपियन बनाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पटेल ने दिसंबर 2015 में अपना पहला लिस्ट ए शतक बनाया था और गुजरात को 50 ओवर की घरेलू चैंपियनशिप विजय हजारे ट्राफी में पहली खिताबी जीत दिलायी थी। उसके एक साल बाद पटेल ने एक और सैकड़ा जड़ा और गुजरात को रणजी चैंपियन बना दिया। पटेल का यह 25 वां प्रथम श्रेणी शतक था जिसके लिये उन्हें मैन आफ द मैच का पुरस्कार मिला। पटेल ने पहली पारी में 90 रन बनाये थे। मनप्रीत जुनेजा ने 54 ,प्रियांक पांचाल ने 34 ,समित गोहेल ने 21 और रुजूल भट्ट ने नाबाद 27 रन बनाकर गुजरात को ऐतिहासिक जीत दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

गुजरात को खिताब के लिये मात्र ड्रा की जरूरत थी क्योंकि उसे पहली पारी के आधार पर 100 रन की बढ़त हासिल थी लेकिन उसके बल्लेबाजों ने मुंबई की चुनौती को स्वीकार करते हुये शानदार अंदाज में बल्लेबाजी करते हुये जीत अपने नाम की। गुजरात के खिलाड़ियों ने जिस तरह दूसरी पारी में लक्ष्य का पीछा किया वह वास्तव में जीत के हकदार थे। कप्तान पटेल ने कप्तानी पारी खेलते हुये अकेले मोर्चा संभालते हुये मुंबई के गेंदबाजों को छकाये रखा। उन्होंने चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुये 196 गेंदों की अपनी मैराथन पारी में 24 चौके जड़े। उन्होंने 89 रन पर तीन विकेट गिर जाने के बाद मनप्रीत के साथ शतकीय साझेदारी निभाई और टीम को जीत की ओर अग्रसर किया। मनप्रीत जब मैदान पर उतरे तो उस समय तक गुजरात के तीन विकेट 89 रन पर गिर चुके थे। गुजरात ने सुबह कल के बिना विकेट पर 47 रन से आगे खेलना शुरु किया। प्रियांक पांचाल ने 34 रन से तथा समित गोहेल ने आठ रन से अपनी पारी को आगे बढ़ाया। गुजरात को जीत के लिये 265 रन की जरूरत थी और उसके सभी 10 विकेट सुरक्षित थे। गुजरात को पहला झटका कल के स्कोर पर ही लग गया जब बलविंदर संधू ने पांचाल को आउट करर दिया। भार्गव मेरई दो रन बनाकर संधू का अगला शिकार बन गये। अभिषेक नायर ने समित (21) को आउट किया। मैदान पर उतरे मनप्रीत ने अपने कप्तान का बखूबी साथ निभाया और दोनों ने चौथे विकेट के लिये 116 रन जोड़कर मैच का रुख गुजरात के पक्ष में मोड़ दिया। जुनेजा अखिल हेरवदकर पर स्वीप मारने की कोशिश में विकेटकीपर आदित्य तारे को कैच थमा बैठे। गुजरात का चौथा विकेट के 205 के स्कोर पर गिरा। 

इस समय एक और विकेट से मैच का नक्शा बदल सकता था लेकिन मुंबई के कप्तान आदित्य तारे ने शार्दुल ठाकुर की गेंद पर रुजूल भटट का कैच टपका दिया। भट्ट ने उस समय एक रन ही बनाया था। तारे ने कैच को सफाई से लपकने से पहले ही जश्न मनाना शुरु कर दिया जिसका मुंबई को भारी नुकसान उठाना पड़ा। पार्थिव और रूजूल भट्ट (नाबाद 27) ने पांचवें विकेट के लिये 94 रन की साझेदारी करते हुये टीम की जीत सुनिश्चित कर दी। पार्थिव टीम के 299 के स्कोर पर पवेलियन लौटे तब जीत की मात्र औपचारिकता बची थी। चिराग गांधी (नाबाद 11) ने रुजूल के साथ मिलकर 89.5 ओवर में टीम को जीत दिला दी और इसी के साथ ही गुजरात ने पहली बार इस प्रतिष्ठित ट्राफी पर कब्जा जमाया। चिराग गांधी ने ठाकुर की गेंद पर लगातार दो चौके जड़कर जैसे ही खिताब गुजरात की झोली में डाला, गुजरात के खिलाड़ियों ने जश्न मनाना शुरु कर दिया। गुजरात के लिये यह वाकई ऐतिहासिक क्षण था। इस तरह गुजरात ने लगातार तीन सत्र में राष्ट्रीय खिताबों का अपना खजाना पूरा कर लिया। मुंबई के लिये बलविंदर संधू ने 24 ओवर में 101 रन देकर दो विकेट, शार्दुल ठाकुर ने 90 रन पर ,नायर ने 31 रन पर तथा हेरवदकर ने 17 रन पर एक-एक विकेट लिया। 

नीतीश-लालू ने मिलकर जनता से किये गये वादों को पूरा करने का भरोसा दिलाया

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पटना 14 जनवरी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ नजदीकियां बढ़ने की लगायी जा रही अटकलों के बीच आज कहा कि उन्हें और राष्ट्रीय जनता दल(राजद)अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को जनादेश का एहसास है और इसलिए वे जनता से किये गये वादों को पूरा करने और मिलकर बिहार को आगे बढ़ाने के लिये प्रयत्न कर रहे हैं । श्री कुमार आज मकर संक्रांति के मौके पर राजद अध्यक्ष के आवास पहुंचे तब श्री यादव ने दही का तिलक लगाकर उनका स्वागत किया । इसपर श्री कुमार ने बाद में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि श्री यादव और श्रीमती राबड़ी देवी के आवास पर परंपरागत ढ़ंग से मकर संक्रांति के अवसर पर विशिष्ट भोज का आयोजन होता है। आज उन्हें इसमें भाग लेने का अवसर मिला, जिसे वह अपना सौभाग्य मानते हैं । उन्होंने कहा कि श्री यादव ने दही का टीका लगाकर उन्हें आशीर्वाद दिया, इसके लिये वह उनका आभार व्यक्त करते हैं । मुख्यमंत्री ने कहा हमलोग मिलकर बिहार को आगे बढ़ाने के लिये प्रयत्न कर रहे हैं। महागठबंधन को जिस प्रकार का जनादेश मिला है, उसका एहसास हम लोगों को है और हम लोगों ने चुनाव से पूर्व जो वादे किये थे, उसे हम मिलकर पूरा करने में लगे हुये हैं । उन्होंने कहा हमलोग दूसरों की तरह नहीं हैं, जो चुनाव में किये गये वादों को भूल जायें । हमलोग किये गये वादे याद रखते हैं और उसी के अनुरूप सारे काम हो रहे हैं। 

श्री कुमार ने कहा कि महागठबंधन ने साझा कार्यक्रम के तहत जो वादे किये थे, उसे पूरा किया जायेगा, यही हम सब लोगों का निश्चय है। उन्होंने मकर संक्रांति के पावन अवसर पर समस्त बिहारवासियों और देशवासियों को शुभकामनायें देते हुये कहा कि आज से ही सूर्य दक्षिणायन सूर्य उत्तरायन की ओर जाता है । सबका जीवन मंगलमय हो, वह इसकी कामना करते हैं । मुख्यमंत्री से पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी और विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह के अलावा महागठबंधन के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं और बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने भोज में दही चूड़ा का आनंद लिया । इस अवसर पर राजद सुप्रीमो श्री यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव और सांसद मीसा भारती भी मौजूद थी। 

जदयू के भोज में भाजपा को निमंत्रण दिये जाने से कांग्रेस नाराज

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पटना 14 जनवरी, बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) की बढ़ रही नजदीकियों की अटकलों के बीच सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की ओर से कल आयोजित दही-चूड़ा भोज में भाजपा को निमंत्रण दिये जाने पर कांग्रेस ने नाराजगी जाहिर की है । कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और राज्य के शिक्षा मंत्री डा0 अशोक चौधरी ने मकर संक्रांति के मौके पर जदयू के भोज में भाजपा को निमंत्रण दिये जाने पर खुलकर नाराजगी जाहिर करते हुए आज यहां कहा कि पिछले दो साल से जदयू की ओर से आयोजित दही-चूड़ा भोज में जब भाजपा को न्यौता नहीं दिया जा रहा था तब आज ऐसी क्या जरूरत हो गयी कि उन्हें भोज में बुलाना पड़ रहा है । उन्होंने कहा कि इसका जवाब तो जदयू ही दे सकता है । डा0 चौधरी से जब यह पूछा गया कि क्या इस भोज में कांग्रेस शामिल होगी तब उन्होंने कहा कि इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं हुआ है । हालांकि उन्होंने कहा कि कल उनका पहले से ही सीवान जाने का कार्यक्रम तय है इसलिये वह कल जदयू के भोज में शामिल नहीं होंगे । मकर संक्रांति के मौके पर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के साथ उनके आवास पर दही-चूड़ा का आनंद ले रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि श्री यादव बिहार और महागठबंधन के सबसे बड़े नेता हैं । वह महागठबंधन के सबसे बड़े घटक दल के भी नेता हैं । उन्होंने श्री यादव को “बड़े दिल” वाला बताया और कहा कि वह पिछले बीस साल से उनके यहां मकर संक्रांति के अवसर पर आयोजित भोज में शामिल होते रहे हैं ।

उधर भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कांग्रेस की नाराजगी के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि कांग्रेस के दबाव में यदि दावत रद्द नहीं हुई तो वह जरूर इसमें शामिल होंगे । उन्होंने कहा कि जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने खुद उन्हें फोन कर सम्मान के साथ भोज के लिये निमंत्रण दिया है । हालांकि कल ही केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी पटना आने वाले हैं और इस कारण वह व्यस्त भी रहेंगे, बावजूद इसके वह अवश्य इस दावत में हिस्सा लेंगे । श्री मोदी ने कहा कि हो सकता है कि कांग्रेस दबाव बनाये तो इस भोज को रद्द भी किया जा सकता है । वैसे इससे पहले भी जदयू ने वर्ष 2010 में भोज का निमंत्रण देकर उसे अंतिम समय में रद्द कर दिया था । उन्होंने कहा कि पिछले दो साल में भाजपा को दही-चूड़ा दावत के लिये क्यों नहीं न्यौता दिया गया और आगे फिर बुलाया जायेगा या नहीं इसका जवाब तो जदयू के नेता ही दे सकते हैं । भाजपा नेता ने एक सवाल के जवाब में कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के आवास पर आयोजित दही-चूड़ा भोज के लिए उन्हें न्यौता मिला था लेकिन श्री यादव ने उन्हें फोन नहीं किया था । इसलिए वह इस दावत में शामिल नहीं हुए । इस बीच भाजपा की सहयोगी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी(रालोसपा) के अध्यक्ष और केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि भाजपा के लोग भूल गये होंगे लेकिन उन्हें याद रखना चाहिए कि जदयू वही पार्टी है जिसने न्यौता देकर सामने से थाली छीन ली थी । उन्होंने कहा कि भाजपा को जदयू से सचेत रहना चाहिए । 

अमौसी हवाई अड्डे पर तकनीकी खराबी, यात्रियों ने किया हंगामा

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लखनऊ,14 जनवरी, रडार में आयी तकीनीकी खराबी की वजह से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित चौधरी चरण सिंह अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विमानों का आवागमन आज शाम ठप हो गया। तकनीकी खराबी के चलते अपराह्न तीन बजे के बाद हवाई अड्डे पर विमानों की लैंडिंग और टेकआफ नहीं हो सका। हालांकि इस तकनीकी खराबी के कारण दो दिनों तक विमानों का आवागमन बाधित रह सकता है, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी। हालांकि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के अधिकारियों ने कहा है कि कानपुर और दिल्ली से इंजीनियरों को इस खामी को दूर करने के लिए बुलाया गया है। भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के विशेषज्ञों से भी स्थिति को सामान्य करने की मांग की गई है। उन्होने उम्मीद जताई हैं कि तकनीकी खराबी को कल सुबह तक दूर कर लिया जायेगा। विमानों का आवागमन बाधित होने से हवाई अड्डे पर मौजूद यात्रियों एवं उनके परिजनों ने हंगामा किया और अधिकारियों पर सही जानकारी नहीं देने का आरोप लगाया। कुछ यात्रियों के विमान सेवा कर्मचारियों से तकरार के बाद अतिरिक्त सुरक्षा बल हवाई अड्डे पर तैनात कर दिया गया। आक्रोशित यात्रियों को शांत करने के लिए न तो भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण का अधिकारी और न ही एयरलाइंस का कोई अधिकारी वहां मौजूद था। 

यात्री किराये की वापसी की मांग कर रहे थे लेकिन एयरलाइंस के कर्मचारियों ने पैसा नहीं है कहते हुए वहां से चले गये। यात्रियों ने अधिकारियों से संबंधित एयरलाइन अधिकारियों से इसका वैकल्पिक परिवहन, भोजन और आवास उपलब्ध कराने की मांग की। एक 35 वर्षीया यात्री सारिका ने रोते हुए बताया कि उसे दिल्ली से न्यूयार्क की कनेक्टिंग उडान पकडनी थी, लेकिन उसके कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि वह क्या करे। कुछ यात्री कल सुबह दिल्ली पहुंचने के लिए हवाई अड्डे से टैक्सी किराये पर लेकर प्रस्थान कर गये। लखनऊ आने वाली कई उड़ानों को अन्य स्थानों पर ले जाया गया। दूसरी ओर कई एयरलाइनों ने सोमवार तक यात्रियों के टिकट रद्द करना शुरू कर दिया है। अमौसी हवाई अड्डे के निदेशक पी के श्रीवास्तव बताया कि तकनीकी खराबी को सुधारने के लिए सभी प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस प्रकार की खराबी बहुत कम ही देखने को मिलती है, इससे जहाज का उडान भरना और उतरना प्रभावित होता है। उन्होंने इस बात का कोई जवाब नहीं दिया कि इस खराबी को कत तक दूर कर लिया जायेगा बकि दूसरे अन्य अधिकारियों का मानना है कि इसके ठीक होने में कम से कम दो दिन लग सकता है। 

समाज के एक बड़े मुद्दे को ध्यान खींचती है,‘हरामखोर’

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फिल्म ‘हरामखोर’ समाज के एक बड़े मुद्दे को ध्यान खींचती है, जो सराहनीय है। लेकिन अफसोस की बात है कि इस ओर सामाजिक जागरुकता या अस्वीकार्यता के बीच विवादित सीन डार्क ह्यूमर या दुस्साहस का अवतार नहीं धर पाते। फिल्म में कई बातें अनकही रह जाती हैं, जिनका जवाब नहीं मिलता।एक डायरेक्टर दर्शकों के लिए कुछ सवाल छोड़ जाए, लेकिन श्लोक शर्मा अपने दर्शकों से कुछ ज्यादा ही अपेक्षा कर बैठे हैं। फिल्म की खामियों की बात करें तो इसका प्रचार.यह कहकर किया गया कि यह फिल्म बाल शोषण पर है। लेकिन फिल्म देखकर लगता है कि फिल्म में बाल शोषण तो हैं लेकिन स्वेच्छा से है और फिल्ममेकर ने उसे मुद्दा बनाकर प्रचार का हथियार बनाया है। फिल्म में मुख्य भूमिका निभायी है नवाजुद्दीन सिद्दकी और श्वेता त्रिपाठी जिसे निर्देशित किया है श्लोक शर्मा ने । फिल्म की खामियों की बात करें तो मुझे इसकी सबसे बड़ी कमी लगती है इसका प्रचार. दरअसल इस फिल्म का प्रचार यह कहकर किया गया कि यह फिल्म बाल शोषण पर है। लेकिन फिल्म देखकर लगता है कि फिल्म में बाल शोषण तो हैं लेकिन स्वेच्छा से है और फिल्ममेकर ने उसे मुद्दा बनाकर प्रचार का हथियार बनाया ग्रामीण पृष्ठभूमि पर आधारित हरामखोर, की कहानी लव ट्राएंगल है। एक स्कूल टीचर है श्याम (नवाजुद्दीन सिद्दीकी), उसे 14 साल की अपनी स्टूडेंट संध्या (श्वेता त्रिपाठी) से प्यार हो जाता है। इस प्रेम कहानी का तीसरा एंगल है कमल (इरफान खान), जो संध्या के साथ ही ट्यूशन पढ़ता है। कमल जो संध्या से प्यार करता है और उसका एक शैतान-चंचल दोस्त मिंटू। दोनों जिगरी दोस्त हैं। मिंटू कमल को संध्या को रिझाने के लिए अजीब-अजीब तरीके बताता रहता है। इसी क्रम में दोनों बालकों को अंदेशा होता है कि श्याम और संध्या के बीच कोई खिचड़ी पक रही है।

जिन लोगों ने ‘हरामखोर’ फिल्म फेस्टिवल्स में देखी है, वह बताते हैं कि कई सीन काटे गए हैं। लेकिन जो भी कारण रहा हो, स्क्रीनप्ले में बहुत कुछ छूटा सा जान पड़ता है। बहरहाल, इस बोल्ड लेकिन अनसुलझी सी फिल्म में जो बात सबसे अधिक अपील करती है वो है कास्टिंग। मुकेश छाबरा ने कास्टिंग के स्तर पर जबरदस्त काम किया है। खासकर श्वेता त्रिपाठी के मामले में जो 31 साल की होकर 14 साल की लड़की का रोल प्ले कर रही हैं। श्वेता त्रिपाठी फिल्म ‘मसान’ में अपनी प्रतिभा का लोहा पहले ही मनवा चुकी हैं और एक बार फिर ‘हरामखोर’ के सहारे उन्होंने साबित कर दिया कि वो एक मंझी हुई कलाकार हैं।नवाज एक अच्छे अभिनेता हैं और यहां भी उनका अभिनय काफी दमदार है। इस फिल्म की जान हैं फिल्म की दो बच्चे यानी मास्टर इरफान और मास्टर मोहम्मद समद, जो फिल्म को मनोरंजक बनाए रखते हैं। अभिनय तो उनका अच्छा है।  संध्या को उसकी मां घर से निकाल देती है और रुखे व्यवहार वाले पिता से ऐसे ही कोई साथ नहीं मिलता। अब टीचर श्याम संध्या को शरण देता है। संध्या श्याम के साथ सेक्सुअल रिलेशन में आती है। उसके गुस्से को भुगतती और समझने की कोशिश करती है। निर्णयों को बदलती है। जबकि श्याम मौकापरस्त है। नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने एक बार फिर साबित किया है कि वो बेहतरीन एक्टर हैं। आज के दौर के सबसे जबरदस्त एक्टर्स की फेहरिस्त में वो टॉप ऑर्डर में हैं। गुस्सा, भावुकता, हंसी जैसे सारे भावों को एक साथ हर बदलते फ्रेम में कैसे सजाया जा सकता है, यह नवाज को बखूबी आता है।

मृतक परिजनों को 20 लाख रुपये का मुआवजा दे सरकार! : माले

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  • गंगा नाव हत्याकांड के लिए राज्य प्रशासन जिम्मेवार, आयोजनों में सरकारी लापरवाही एक बार फिर उजागर: माले
  • आपराधिक लापरवाही के जिम्मेवार पटना व सारण के डीएम पर कड़ी कार्रवाई की जाए.
  • शोक संतप्त परिवारों के प्रति माले ने जताया गहरा शोक, आइसा ने कैंडल मार्च आयोजित कर मृतकों को दी श्रद्धांजलि.

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पटना 15 जनवरी 2016, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि मकर संक्रान्ति के दिन गंगा नदी में नाव के डूबने से कई लोगों की दर्दनाक मौत बेहद दुखद है. उन्होंने कहा कि यह हादसा नहीं हत्याकांड है. जब प्रशासन ने गंगा के उस पार दियर में पतंग महोत्सव का आयोजन किया, तो नावों व गोताखोरों की पर्याप्त व्यवस्था क्यों नहीं की गयी? इस आपराधिक लापरवाही के लिए पटना व सारण की डीएम पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश सरकार प्रकाशोत्सव में व्यवस्था की सफलता पर फूले नहीं समा रहे, लेकिन कल की घटना ने एक बार फिर से साबित कर दिया कि नीतीश कुमार के लिए आम लोगों की जिंदगी का कोई महत्व नहीं है. तकरीबन 30 हजार लोग गंगा के उस पार चले गये, लेकिन उनके आने-जाने की पर्याप्त व्यवस्था बिलकुल नहीं की गयी. जिसकी वजह से यह घटना हुई. लगता है, सरकार ने 2012 में पटना के अदालतघाट छठ हादसा और 2014 के गांधी मैदान हादसा से कुछ भी भी सबक नहीं लिया. ऐसे हरेक मौके पर सरकार की आपदा प्रबंधन की कलई खुल जाती है. सरकार का आपदा प्रबंधन पूरी तरह लचर है.

माले राज्य सचिव ने घटना की जानकारी मिलते ही पीएमसीएच का भी दौरा किया. उन्होंने मृतक परिजनों को 20 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है. भाकपा-माले की पटना जिला कमिटी ने अपनी बैठक में मृतकों को श्रद्धांजलि दी. पटना नगर के सचिव अभ्युदय, रणविजय कुमार, नवीन कुमार, मृर्तजा अली, समता राय आदि माले नेताओं ने एक मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी.  आइसा ने इस दर्दनाक घटना के खिलाफ बुद्धा स्मृति पार्क के पास शाम में 5 बजे कैंडल मार्च का आयोजन किया. जिसमें आइसा के राज्य सचिव शिवप्रकाश रंजन, आइसा राज्य अध्यक्ष मोख्तार, हैदर, राज्य उपाध्यक्ष चंद्रभूषण, कार्यालय सचिव निखिल कुमार, राहुल, विकास, मनोज कुमार, संतोष आर्या, सत्यम, सूर्य प्रकाश, आलोक आदि शामिल हुए. वहां आयोजित सभा को संबोधित करते हुए आइसा नेताओं ने कहा कि इस घटना में मरनेवाले अधिकांश युवा हैं. सरकार उनके लिए अविलंब 20 लाख रुपये का मुआवजा उपलब्ध कराये.

विशेष : भृष्टाचार का युद्ध अब जनता लड़ेगी

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वर्ष 2016 की निकासी के साथ डिमाॅनिटाईजेशन दिनांक 08 नवम्बर के बाद से देश में वातावरण भृष्टाचार से लड़ाई का बन चुका है। इस मुहिम की अगुवाई भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वयं की है तो जाहिर है कि देश की आम जनता और राष्ट्र की सेवा में समर्पित ईमानदार कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी भी कमर कसकर मोदी के साथ हो गये हैं। भृष्टाचार के अप्रत्यक्ष समर्थकों ने आम जनता की परेशानियों व बैंक और ए.टी.एम. की कतारों को अपनी दम लगाकर उजागर किया था, लेकिन लाख परेशानियों के बावजूद भी अन्ततः हर जगह जनता ने डिमाॅनिटाईजेशन एवं मोदी के इस कदम की तारीफ ही की है। भृष्टाचार को जड़ मूल से नष्ट करने के लिये अब भारत की जनता किसी भी स्तर तक परेशान होने का मन बना बैठी है। जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी ने अनेकों बार आतंकवाद के विषय पर ’’बेड टेररिज्म’’ एवं ’’गुड टेररिज्म’’ का अन्तर करना गैरवाजिब माना है और पाकिस्तान पर निशाना साधते हुये कहा था कि टेररिज्म तो सिर्फ टेररिज्म ही होता है। इसमें अच्छा और बुरा का अन्तर नहीं देखा जाना चाहिये। मेरे लिये ’गुड’ और आपके लिये ’बेड’ कहकर इसमें फर्क नहीं कर सकते हैं। इसी प्रकार मैं यह कहूंगा कि ’’गुड करप्शन’’ और ’’बेड करप्शन’’ में भी हम कोई फर्क नहीं कर सकते हैं। भृष्टाचार तो भृष्टाचार ही है। चाहे वह सत्ताधीशों और सत्ताधारी दल से जुड़े लोगों द्वारा किया जाये या सत्ताच्युत नेताओं के द्वारा किया गया हो। 

विषय है कटनी (म.प्र.) से स्थानांतरित पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी ने नोट-बन्दी के बाद से कालाधन जमाकर्ताओं और हवाला कारोबारियों के धर-पकड़ का अभियान कटनी में चलाया था। वह डिमाॅनिटाईजेशन की घोषणंा के बाद एक्सिज बैंक सहित अनेकों बैंकों में 500 करोड़ के हवाला लेनदेन वाले कई फर्जी खातों की जांच कर रहे थे। इस जांच के लिये उन्होंने 4 जनवरी को एस.आई.टी. बनाई थी जिसमें तथाकथित हवाला कारोबारी सरावगी ब्राॅदर्स फरार हैं और अनेकों रसूखदार, सांसद, मन्त्री या उनके परिवार-जन इस आर्थिक अपराध में लिप्त होना कहा गया है। बोगस कम्पनियों के नाम पर रुपया जमा करते हुये, उनके नौकर-चाकरों का सहयोग लेना पाया गया। एक्सिज बैंक के 100 फर्जी खातों की जांच आयकर विभाग भी कर रहा है। कटनी की जनता को यह आशंका हो गई कि इस भृष्टाचार की पकड आने पर जब पुलिस के हाथ रसूखदारों के गिरेबां तक पहुंचने लगे तो पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी का स्थानांतरण कटनी से छिंदवाड़ा कर दिया गया। यद्यपि इसकी जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ई.डी.) से कराने का निर्णय राज्य-सरकार ने लिया है और मुख्यमन्त्री शिवराज सिंह ने घोषणां की है कि गड़बड़ी करने वालों को बख्सा नही जायेगा। परन्तु पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी के ट्रान्सफर से दुखी होकर कटनी की आम जनता ने तो मोर्चा संम्हाल ही लिया था और वहां के पुरुष, महिलायें, छात्र-छात्रायें, व्यापारी, छोटे दुकानदार, सभी का जन-सैलाब कटनी के सुभाष चैक पर एकत्रित होकर गौरव तिवारी के स्थानांतरण को निरस्त करने की मांग करने लगे थे। राज्य शासन और पुलिस प्रशासन के प्रदेश-मुखिया डी.जी. का यह कहना, कि गौरव तिवारी का ट्रान्सफर एक रुटीन प्रक्रिया के तहत है, बात कुछ हजम नहीं होती है। गौरव तिवारी को अभी छः माह पूर्व ही जुलाई 2016 में कटनी के पुलिस अधीक्षक पद पर पदस्थ किया गया था। तब फिर ऐसा क्या कुछ बिगड़ गया था, कि उन्हें वहां से हटा दिया गया ?

 शत्-शत् बार कटनी की जनता का अभिनन्दन है, जिसने भृष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज बुलन्द की, स्वप्रेरणा से बाजार, गलियों, मोहल्लों में दुकानें बन्द कर अपने प्रदर्शन से भृष्टाचार की चूलें हिला दी हैं। वहां के युवक, छात्र-छात्रांयें, छोटे-छोटे बच्चे बड़े बुजुर्ग एवं महिलाओं ने आन्दोलन करते हुये हजारों की संख्या में सुभाष चैक पर एकट्ठे होकर गौरव के स्थानांतरण निरस्त करने और अपराधियों को गिरफ्तार करने की मांग करने लगे थे। प्रधानमन्त्री मोदी के संरक्षण मे अब भृष्टाचार के बिरूद्ध मुहिम छेड़ने का समय आ चुका है कि - बस, बहुत हो गया, अब नहीं सहेंगे, अब नहीं रुकेगें, अब भृष्टाचार के पोषकों को नहीं बख्सेंगे। सवाल गौरव तिवारी के ट्रान्सफर का नही है और न ही विषय यह है कि कौन एस.पी. हटे एवं कौन पदस्थ हो। प्रशंसनीय तो यह है कि आम-जनता ने भृष्टाचार के खिलाफ बिरोध दर्ज कराया है। जनता की मानसिकता यह रही है कि इस अपराध की धर-पकड़ गौरव तिवारी ने की है और वह एक अच्छे पुलिस अधिकारी हैं। जनता को आशंका हो गर्ह कि इसी वजह से ही उनका स्थानांतरण किया गया है। पुलिस आधीक्षक गौरव तिवारी के स्थानान्तरण का परिणाम जो भी हो, परन्तु इतना तो हुआ है कि    प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा भृष्टाचार के बिरुद्ध छेड़े गये आन्दोलन ने अब जनता को जागृत कर दिया है। इस देश की जनता को अब इन्तजार है उस समय का, कि जब भृष्टाचारियों की स्थिति खजेले कुत्तों की तरह होने वाली हो। 

देश के युवाओं को विषम परिस्थितियों मे मंजिल प्राप्त करने की प्रेरणा ऐसे ही प्रसंग से मिलती है कि बनारस के एक छोटे से गांव के निवासी लघु कृषक श्री अरुण तिवारी के पुत्र पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी ने 10वीं तक की पढ़ाई लिखाई अपने गांव में ही की थी। परिवार आर्थिक तंगी में था, किसी हाई प्रोफाईल स्कूल में पढ़ाई करना संभव नहीं था। गौरव ने लखनऊ से इण्टरमीडियेट करने के बाद स्काॅलरशिप की सहायता से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूर्ण की। मन में आई.पी.एस. होने का जज्बा बुलन्द था। अर्थाभाव के कारण गौरव ने टाटा कम्पनी में नौकरी कर ली थी और दो वर्ष तक नौकरी करने के बाद जब थोड़ा बहुत पैसा बचा लिया तो दिल्ली में आई.पी.एस. की कोचिंग ली और फिर पुलिस की सर्वोच्च कठिन परीक्षा में पास होकर देश को एक मजे हुये समर्पित आई.पी.एस. आॅफीसर के रुप में स्वयं को मध्य प्रदेश में प्रस्तुत कर दिया। 

देश की जनता और युवाओं को प्रधानमंत्री मोदी पर भरोसा है। इस कार्य में एक टीम बनाकर काम करने की आवश्यकता है। देश के ऐसे प्रशासनिक पुलिस अधिकारी और ब्यूरोक्रेट्स, जो ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ, देश को समर्पित होकर काम करना चाहते हैं, उनके संगठित होने का वक्त आ गया है। यद्यपि ऐसी कार्य-शैली के आई.पी.एस. व ब्यूरोक्रेट्स संख्या मे बहुत कम हैं और उनमे एक-दूसरे से जुड़ाव व सम्पर्क भी नही है। मै स्वयं इस कार्य मे लगा हूं कि जो देश-भक्त और राष्ट्र को समर्पित कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी हैं, उनकी एक सूची बना कर यथा-स्थान भारत के उच्च सत्ताधीश तक भेजूं, जिससे कि भारत के नव-निर्माण मे उनका सदुपयोग हो सके। आश्चर्य तो यह है कि इनकी संख्या अत्यन्त न्यून है। आई.ए.एस. अथवा आई.पी.एस. अधिकारी अपनी नौकरी के प्रारम्भ काल मे राष्ट्र की सेवा का शपथ लेता है। हम उन शासकीय-अधिकारियों की समस्याओं के सन्दर्भ मे कल्पना कर सकते है जो तहसील और जिला स्तर पर पदस्थ हैं और यदि वे तथा-कथित राजनेताओं की इच्छा-पूर्ति नही करते हैं, तो उनके स्थानान्तरण करा दिये जाते हैं। वस्तुतः राजनीतिक हस्तक्षेप हमेशा बेईमान, निष्क्रिय तथा निजी-स्वार्थ मे लिप्त अधिकारियों के संदर्भ मे ही होना चाहिये। लेकिन नौकरशाही का कौन सा चेहरा आज हमारे सामने है ? अधिकांश राजनेता एवं नौकरशाह आपस मे एक दूसरे के साथ निकटता से जुड़ते हुये उन्होने व्यापारिक सम्बन्ध निर्मित कर लिये हैं। यह कहा जाता है कि प्रजातंत्र मे राजनीति और राजनेता जनता की आवाज के परावर्तन हैं, परन्तु क्या कहीं कोई जनता की आवाज सुनाई पड़ती हैं ? कोई भी राष्ट्र तभी प्रगति करता है जब उसके राजनेता चरित्रवान हों और चरित्रहीनता के कारण ही इसके ठीक विपरीत स्थिति निर्मित होती है।
 




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लेखक- राजेन्द्र तिवारी, 
फोन- 07522-238333, 9425116738
rajendra.rt.tiwari@gmail.com
नोट:- लेखक एक पूर्व शासकीय एवं वरिष्ठ अभिभाषक व राजनीतिक, सामाजिक, प्रशासनिक आध्यात्मिक विषयों 
के समालोचक हैं। 

"टैलेंट के बाप"देगा बॉलीवुड को खरा सोना : कौस्तब सरकार

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कोलकाता : टैलेंट रियलिटी शो को अम्बाजी म्यूजिक प्रोडक्शन द्वारा एक नए फॉर्मेट में लेकर आया जा रहा है जिसको देख ऐसा लगता है की इस बार "टैलेंट के बाप"बॉलीवुड को म्यूजिक, डांसिंग और एक्टिंग तीनो क्षेत्रो में खरा सोना दिया जायेगा. उक्त वाक्य जाने माने म्यूजिक डायरेक्टर कौस्तब सरकार (राणा सरकार) ने मीडिया को बताते हुए कहा. कौस्तब सरकार ने शो के बारे में आगे बात करते हुए कहा की जब आयोजक विनायक भाई लुनिया है तो फिर शो तो छोटा पैकेट बड़ा धमाका मचाएगा ही. मैं विनायक भाई को आज से नही उनके काफी छोटी उम्र से उनके दृढ निश्चय और मेहनत को देखता आ रहा हूँ जिन्होंने आज तक कला को निखारने के लिए निरंतर प्रयासरत है. और मैं हमेशा विनायक भाई के साथ हूँ. कौस्तब सरकार के प्रेम और साथ के लिए विनायक लुनिया ने आभार जताया तो वही शुभ सोनी ने बताया की शो के लिए ऑडिशन 16 राज्यो के 52 शहरो में होगा जिसका शुभारम्भ मध्यप्रदेश के इंदौर में क्रिएटिव फिल्म स्टूडियो में 17 जनवरी को होगा. 

विशेष : तस्वीर को लेकर हंगामा बरपा है, कत्लेआम से बेपरवाह सियासत है

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  • असल मकसद संविधान के बदले मनुस्मृति विधान लागू करने का है! संभव है कि भीम ऐप के बाद शायद नोट पर गांधी को हटाकर मोदी के बजाय बाबासाहेब की तस्वीर लगा दी जाये!

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याद करें कि नोटबंदी की शुरुआत में ही हमने लिखा था कि नोटबंदी का मकसद नोट से गांधी और अशोक चक्र हटाना है। हमारे हिसाब से आता जाता कुछ नहीं है।गांधी की तस्वीर को लेकर जो तीखी प्रतिक्रिया आ रही हैं,जनविरोधी नीतियों के बारे में कोई प्रतिक्रिया सिरे से गायब है। तस्वीर को लेकर हंगामा बरपा है कत्लेआम से बेपरवाह सियासत है बैंक से कैश निकालने पर टैक्स लगाने की योजना नोटबंदी का अगला कैसलैस डिजिटल चरण है जबकि ट्रंप सुनामी से तकनीक का हवा हवाई किला ध्वस्त होने को है।इसके साथ ही तमाम कार्ड खारिज करके आधार पहचान के जरिये लेनदेन लागू करने का तुगलकी फरमान है,जिसपर राजनीति आधार योजना सन्नाटा दोहरा रही है। सीएनबीसी-आवाज़ को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक आधार बेस्ड पेमेंट सिस्टम को लागू करने में आ रही बड़ी अड़चन दूर हो गई है। आधार बेस्ड फिंगर प्रिंट स्कैनर के जरिये पेमेंट लेने वाले व्यापारियों को 0.25-1 फीसदी तक का कमीशन मिलेगा। यूआईडीएआई के मुताबिक आधार बेस्ड ट्रांजैक्शन अपनाने के लिए दुकानदारों को कोई चार्ज नहीं देना पड़ेगा, ना ही उन्हें पीओएस मशीन का खर्च लगेगा।सूत्रों के मुताबिक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईडीएफसी बैंक और इंडसइंड बैंक ने आधार पर आधारित पेमेंट सिस्टम तैयार कर लिया है जबकि आईसीआईसीआई बैंक और पीएनबी समेत 11 और बैंक भी इसकी तैयारी में लगे हैं। आधार सिस्टम के जरिये पेमेंट करने के लिए सिर्फ आधार नंबर और बैंक चुनने की जरूरत होगी।

सरकारी पेमेंट एप्लिकेशन भीम को मिल रहे बढ़िया रिस्पांस से उत्साहित सरकार आधार पे सिस्टम को जल्द से जल्द लागू करना चाहती है। सीएनबीसी-आवाज़ को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक आधार पे सिस्टम को अलग से नहीं बल्कि भीम के प्लेटफॉर्म पर ही इस महीने के आखिर तक लॉन्च किया जाएगा। जब डिजिटल कैशलैस के लिए भीमऐप है तो गांधी को हटाकर अंबेडकर की तस्वीर लगाकर संघ परिवार को बहुजनों का सफाया करने से कौन रोकेगा? बहुजनों को केसरिया फौज बनाने के लिए जैसे कैशलैस डिजिटल इंडिया में भीमऐप लांच किया गया है,वैसे ही बहुत संभव है कि जब गांधी के नाम वोट बैंक या चुनावी समीकरण में कुछ भी बनता बिगड़ता नहीं है तो भीम ऐप के बाद शायद नोट पर गांधी को हटाकर मोदी के बजाय बाबासाहेब की तस्वीर लगा दी जाये। बाबासाहेब के मंदिर भी बन रहे हैं।बाबासाहेब गांधी के बदले नोट पर छप भी जाये तो गांधी और अशोकचक्र से छेड़छाड़ का मतलब भारतीय संविधान के बदले मनुस्मृति विधान लागू करने का आरएसएस का एजंडा ग्लोबल कारपोरट हिंदुत्व का है।राजनीतिक विरासत की इस लड़ाई पर नजर डालें तो नेहरू, इंदिरा की विरासत को दरकिनार करने की कोशिश नजर आती है। मोदी सरकार ने अपनी इस निति के तहत आंबेडकर पर जोरशोर से कार्यक्रम किए। वल्लभ भाई पटेल की याद में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की योजना है। बीजेपी का जेपी की जयंती बड़े पैमाने पर मनाने फैसला है। नेहरू संग्रहालय की काया-पलट करने की योजना है।
बंगाल में भी बहुजनों का केसरिया हिस्सा इस उम्मीद में है कि यूपी जीतने के बाद नोटों से गांधी हट जायेंगे और वहां बाबासाहेब विराजमान होंगे।बहुजनों को गांधी से वैसे ही एलर्जी है जैसे वामपक्ष को अंबेडकर से अलर्जी रही है। 

बंगाल में बहुजनों के दिमाग को दही बनाने के लिए मोहन भागवत पधारे हैं। गांधी के बदले नोट पर अंबेडकर छापने की बात को अबतक हम मजाक समझ रहे थे।यूपी में यह ख्वाब चालू है या नहीं,हम नहीं जानते।मगर हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा नेता अनिल विज के बयान से साफ जाहिर है कि नोट से गांधी की तस्वीर हटने ही वाली है,चाहे नई तस्वीर मोदी की हो या अंबेडकर की। अंबेडकर की तस्वीर लगती है तो बहुजन वोटबैंक का बड़ा हिस्सा एक झटके से केसरिया हो जाने वाला है।संघ सरकार के मंत्री यूं ही कोई शगूफा छोड़ते नहीं है। हर शगूफा का एक मकसद होता है।मोदी की तस्वीर लगे या न लगे,साफ है कि करेंसी से गांधी हटेंगे और उसके बाद अशोकचक्र भी खारिज होगा।फिर हिंदू राष्ट्र के लिए सबसे बड़े सरदर्द भारत के संविधान का हिसाब किताब बराबर किया जाना है।जिसके लिए संघ परिवार ने नोटबंदी का गेमचेंजर चलाया हुआ  है और तुरुप का पत्ता समाजवादी सत्ता विमर्श है। महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने एकदम सही कहा है कि भ्रष्ट नेता गलत कामों में जिस तरह से रुपयों का इस्तेमाल करते हैं उससे तो अच्छा ही है कि अगर नोटों से बापू की तस्वीर हटा दी जाए।उनकी यह टिप्पणी हरियाणा के उन्हीं स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा नेता अनिल विज उस विवादित बयान पर आई है, जिसमें उन्होंने आज कहा है कि जब से महात्मा गांधी की फोटो नोट पर लगी है, तब से नोट की कीमत गिरनी शुरू हो गई। गौरतलब है कि विज ने अपने बयान में कहा कि महात्मा गांधी का नाम खादी से जुड़ने के कारण इसकी दुर्गति हुई। खादी के बाद अब धीरे-धीरे नोटों से भी गांधी जी की तस्वीर हट जाएगी।उन्होंने मोदी को गांधी से बड़ा ब्रांड बताते हुए खादी से हटाने के बाद नोट से बी गांधी को हटाकर मोदी की तस्वीर लगाने की बात भी कह दी है। विज ने कहा है कि खादी के बाद अब धीरे-धीरे नोटों पर से भी गांधी जी की तस्वीर हटाई जाएगी। उन्होंने कहा कि गांधी जी के चलते रूपये की कीमत गिर रही है। साथ ही विज ने कहा कि गांधी के नाम से खादी पेटेंट नहीं है बल्कि खादी के साथ गांधी का नाम जुड़ने से खादी डूब गई है। वहीं उन्होंने कहा है कि खादी के लिए पीएम मोदी ज्यादा बड़े ब्रैंड एंबेसडर हैं।हालांकि उनके बयान से भाजपा ने किनारा कर लिया है और उसे उनका व्यक्तिगत बयान करार दिया। विवाद बढ़ता देख विज ने अपना बयान वापस ले लिया।

मीडिया केमुताबिक खादी ग्रामोद्योग के कैलेंडर में महात्मा गांधी की जगह पीएम मोदी की तस्वीर लगाने पर केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र ने सफाई दी है। कलराज मिश्र ने कहा है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि केलेंडर में पीएम का फोटो कैसे लगी। गांधी की बराबरी कोई नहीं कर सकता। इधर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा है कि मोदी की तस्वीर को लेकर बेकार का विवाद पैदा किया जा रहा है। बीजेपी की सफाई है कि कैलेंडर पर गांधी की तस्वीर 7 बार पहले भी नहीं छपी है। पीएम मोदी ने खादी को बढ़ावा दिया है। पीएम ने खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन का नारा दिया। यूपीए के दौर में खादी की बिक्री में औसतन 5 फीसदी बढ़ी जबकि मोदी सरकार आने के बाद बिक्री 35 फीसदी बढ़ी है। मोदी सरकार गांधी दर्शन को घर-घर पहुंचा रही है। इससे पहले तुषार गांधी ने खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के डायरी-कैलेंडर विवाद के बीच शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “प्रधानमंत्री पॉलीवस्त्रों के प्रतीक हैं जबकि बापू ने अपने बकिंघम पैलेस के दौरे के दौरान खादी पहनी थी न कि 10 लाख रुपये का सूट।” उन्होंने केवीआईसी को बंद करने की मांग करते हुए कहा, “हाथ में चरखा, दिल में नाथूराम। टीवी पर ईंट का जवाब पत्थर से देने में कोई बुराई नहीं है।” तुषार गांधी अपने ट्वीट में बापू की 1931 की ब्रिटेन यात्रा का हवाला दे रहे थे जब उन्होंने ब्रिटेन के सम्राट जॉर्ज पंचम और महारानी मैरी से मुलाकात की थी उन्होंने खादी की धोती और शॉल पहन रखा था।मोदी ने इसकी तुलना में भारत में राष्ट्रपति बराक ओबामा की यात्रा के दौरान विवादास्पद 10 लाख रुपये का सूट पहना था। तुषार ने इससे पहले ट्वीट कर कहा था, “तेरा चरखा ले गया चोर, सुन ले ये पैगाम, मेरी चिट्ठी तेरे नाम। पहले, 200 रुपये के नोट पर बापू की तस्वीर गायब हो गई, अब वह केवीआईसी की डायरी और कैलेंडर से नदारद हैं। उनकी जगह 10 लाख रुपये का सूट पहनने वाले प्यारे प्रधानमंत्री की तस्वीर लगी है।”

गौरतलब है कि केवीआईसी के 2017 के डायरी और कैलेंडर पर गांधी की जगह मोदी की तस्वीर छापे जाने पर सरकार और केवीआईसी को तमाम राजनीतिक दलों की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। हम नोटबंदी के बाद भुखमरी,बेरोजगारी और मंदी के खतरों से आपको लगातार आगाह करते रहे हैं।संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आई.एल.ओ.) ने भी बेरोजगारी बढ़ने का अंदेशा जता दिया है।अर्थव्यवस्था और उत्पादन प्रणाली को हिंदुत्व के ग्लोबल एजंडे और मनुस्मृति संविधान के लिए जिस तरह दांव पर लगाया गया है,रोजगार खोकर भारत की जनता को उसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। 2017-2018 के बीच भारत में बेरोजगारी में मामूली इजाफा हो सकता है और रोजगार सृजन में बाधा आने के संकेत हैं। संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आई.एल.ओ.) ने 2017 में वैश्विक रोजगार एवं सामाजिक दृष्टिकोण पर गुरुवार को अपनी रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के अनुसार रोजगार जरूरतों के कारण आर्थिक विकास पिछड़ता प्रतीत हो रहा है और इसमें पूरे 2017 के दौरान बेरोजगारी बढऩे तथा सामाजिक असमानता की स्थिति के और बिगड़ने की आशंका जताई गई है। वर्ष 2017 और 2018 में भारत में रोजगार सृजन की गतिविधियों के गति पकडऩे की संभावना नहीं है क्योंकि इस दौरान धीरे-धीरे बेरोजगारी बढ़ेगी और प्रतिशत के संदर्भ में इसमें गतिहीनता दिखाई देगी।

भारतीय पेशेवरों को लगेगा झटका
अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की इमिग्रेशन पॉलिसी में बदलाव के संकेत का असर उनका टर्म शुरू होने के पहले दिन से ही दिखने वाला है। इससे सबसे ज्यादा झटका अमरीका में जॉब्स की मंशा रखने वाले भारतीयों को लगेगा। ट्रम्प 20 जनवरी को अमरीका के राष्ट्रपति का पद संभालेंगे। ट्रम्प ने एच1बी वीजा के नियमों को कड़ा करने की पैरवी करने वाले जेफसेसंस को अटॉर्नी जनरल की पोस्ट के लिए चुना है। ट्रम्प के शपथ ग्रहण करने से पहले 2 अमरीकी सांसदों ने एक बिल पेश किया है जिसमें वीजा प्रोग्राम में बदलाव की मांग की है। इस बिल में कुछ ऐसे प्रस्ताव हैं जिनका सीधा असर इंडियन वर्कर्स पर हो सकता है। अमरीकी सांसदों द्वारा पेश किए गए बिल ‘प्रोटैक्ट एंड ग्रो अमरीकन जॉब्स एक्ट’ में एच1बी वीजा के लिए एलिजिबिलिटी में कुछ बदलाव का प्रस्ताव है।

बिल में क्या बदलाव होने हैं
ह्यबिल में एच1बी एप्लीकेशन के लिए मास्टर डिग्री में छूट को हटाने की मांग की गई है। इससे मास्टर या इसी जैसी दूसरी डिग्री होने पर एडीशनल पेपरवर्क से राहत मिलेगी। अमरीका जाने वाले ज्यादातर आई.टी. प्रोफैशनल्स के पास मास्टर डिग्री होती है। ह्य50 इम्प्लाइज से ज्यादा वाली कम्पनियों में अगर 50 प्रतिशत एच1बी या एल1 वीजा वाले हैं तो ऐसी कम्पनियों को ज्यादा हायरिंग से रोका जाए। एच1बी वीजा की मिनिमम सैलरी एक लाख डॉलर सालाना होनी चाहिए। अभी यह 60,000 डॉलर सालाना है। एच1बी वीजा वर्कर के लिए मिनिमम सैलरी 1 लाख डॉलर सालाना करने से अमरीका में कम्पनियां भारतीय आई.टी. प्रोफैशनल्स की हायरिंग कम करेंगी। इनकी जगह वे अमरीकी वर्कर्स को ही तरजीह देंगी।भारतीयों पर पड़ेगा असरह्य85,000 से ज्यादा एच1बी वीजा सालाना जारी करता है अमरीका70 से 75 हजार ऐसे वीजा भारतीय आई.टी. पेशेवरों को मिलते हैंह्य1 लाख डॉलर के सालाना वेतन की अनिवार्यता की विदेशी कर्मियों के लिए।

2017 में बेरोजगारों की संख्या 1.78 करोड़ रहेगी
रिपोर्ट के अनुसार आशंका है कि पिछले साल के 1.77 करोड़ बेरोजगारों की तुलना में 2017 में भारत में बेरोजगारों की संख्या 1.78 करोड़ और उसके अगले साल 1.8 करोड़ हो सकती है। प्रतिशत के संदर्भ में 2017-18 में बेरोजगारी दर 3.4 प्रतिशत बनी रहेगी। वर्ष 2016 में रोजगार सृजन के संदर्भ में भारत का प्रदर्शन थोड़ा अच्छा था।  रिपोर्ट में यह भी स्वीकार किया गया कि 2016 में भारत की 7.6 प्रतिशत की वृद्धि दर ने पिछले साल दक्षिण एशिया के लिए 6.8 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने में मदद की है। रिपोर्ट के अनुसार विनिर्माण विकास ने भारत के हालिया आर्थिक प्रदर्शन को आधार मुहैया कराया है।

वैश्विक श्रम बल में लगातार बढ़ौत्तरी
वैश्विक बेरोजगारी दर और स्तर अल्पकालिक तौर पर उच्च बने रह सकते हैं क्योंकि वैश्विक श्रम बल में लगातार बढ़ौतरी हो रही है। विशेषकर वैश्विक बेरोजगारी दर में 2016 के 5.7 प्रतिशत की तुलना में 2017 में 5.8 प्रतिशत की मामूली बढ़त की संभावना है। आई.एल.ओ. के महानिदेशक गाइ राइडर ने कहा कि इस वक्त हम वैश्विक  अर्थव्यवस्था के कारण उत्पन्न क्षति एवं सामाजिक संकट में सुधार लाने और हर साल श्रम बाजार में आने वाले लाखों नव आगंतुकों के लिए गुणवत्तापूर्ण नौकरियों के निर्माण की दोहरी चुनौती का सामना कर रहे हैं। आई.एल.ओ. के वरिष्ठ अर्थशास्त्री और रिपोर्ट के मुख्य लेखक स्टीवेन टॉबिन ने कहा कि उभरते देशों में हर 2 श्रमिकों में से एक जबकि विकासशील देशों में हर 5 में से 4 श्रमिकों को रोजगार की बेहतर स्थितियों की आवश्यकता है। इसके अलावा विकसित देशों में बेरोजगारी में भी गिरावट आने की संभावना है और यह दर 2016 के 6.3 प्रतिशत से घटकर 6.2 प्रतिशत तक हो जाने की संभावना है।



(पलाश विश्वास)
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