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भारत का शिक्षा बजट बढाना जरूरी: प्रो0 सीएनआर राव

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वाराणसी, 16 जनवरी, भारत रत्न एवं जाने माने वैज्ञानिक सी0 एन0 आर0 राव ने देश का शिक्षा बजट बढ़ाने के साथ ही वैज्ञानिक शोधों पर समुचित ध्यान देने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि सरकार यदि ऐसा करने में सफल हुई तो भारत को विकसित देशों की बराबरी या उससे आगे निकलने में देर नहीं लगेगी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के आज 99वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर सांबोधित करने के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि देश का शिक्षा बजट बढ़ाने से वैज्ञानिक शोधों के लिए प्रयोगशालाओं की समुचित व्यवस्था की गई तो यहां के युवा वैज्ञानिक भारत को अमेरिका, चीन, दक्षिण कोरिया और जापान को भी पीछे छोड़ सकते हैं। जानेमाने वैज्ञानिक प्रो0 राव ने कहा कि भारत में शिक्षा बजट फीसदी 2.5 है, जबिक दक्षिण कोरिया शिक्षा पर आठ फीसदी खर्च करता है। उन्होंने बताया कि चीन में हर साल विज्ञान और तकनीकी पर 22,000 शोध होते हैं, जबिक भारत महज 8000 शोध। उन्होंने वर्तमान परारंभिक शिक्षा व्यवस्था की स्थिति को चिंताजनक बताते हुए कहा कि विद्यालयों में शिक्षक-छात्र अनुपात में काफी अंतर है, जिसे जल्द दूर किया जाना चाहिए। दीक्षांत समारोह में प्रो. राव ने कहा कि विश्वविद्यालय में पुनः आकर उन्हें अत्यधिक खुशी की अनुभुति हो रही है क्योंकि यहीं से 19 वर्ष की आयु में स्नातकोत्तर परीक्षा पास कर उन्होंने अपने उच्च शैक्षणिक जीवन की शुरूआत की थी। उन्होंने कहा कि बीएचयू वास्तविक रूप में एक राष्ट्रीय विश्वविद्यालय है तथा इसका परिसर विश्व के सभी विश्वविद्यालयों में अप्रतिम है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा विश्वविद्यालय है, जहाँ कविता, संगीत, कला, विज्ञान, अभियांत्रिकी आदि सभी विषयों का अध्ययन होता है। इसकी सम्पूर्णता को सदैव बनाये की कामना करते हुए उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के संस्थापक भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय इसे शिक्षण के साथ-साथ शोध और मौलिकता के क्षेत्र में भी अग्रणी केन्द्र बनाना चाहते थे। उन्होंने कहा कि सर्वश्रेष्ठ भारत का निर्माण सर्वश्रेष्ठ संस्थानों से होगा और सर्वश्रेष्ठ संस्थानों का निर्माण सर्वश्रेष्ठ अध्यपकों और सर्वश्रेष्ठ छात्रों से होगा।

श्री राव ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय श्रेष्ठ विचार, उत्कृष्ठ शोध, श्रेष्ठ मौलिक कार्य का केन्द्र है। उन्होंने विद्यार्थियों से कभी भी हताश न होने और समर्पण भाव से कार्य करने को सफलता का मूल मंत्र बताया। उन्होंने उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों को सुखद भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हुए मानवीय मूंल्यों के प्रति सजग रहने की अपील की। बीएचयू के कुलपति प्रो0 गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि प्रो. राव महान शिक्षाविद् और वैज्ञानिक होने के साथ ही इस विश्वविद्यालय के पुरातन छात्र भी है और इस बात का विश्वविद्यालय परिवार को अत्यधिक गर्व है। विश्वविद्यालय परिसर के एम्फीथियेटर में आयोजित समारोह की शुरूआत शोभा यात्रा के पंडाल स्थल पर प्रवेश के साथ हुई। प्रो. त्रिपाठी ने वर्ष 2016 की विभिन्न परीक्षाओं में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पदक प्रदान किये गये। विज्ञान संकाय की कु. शिखा दुबे को स्नातकोत्तर परीक्षा सर्वोच्च अंक प्राप्त करने के लिये चांसलर पदक, स्व. महाराजा विभूतिनारायण सिंह स्वर्ण पदक तथा बी.एच.यू. स्वर्ण पदक प्रदान किये गये। संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के चन्द्र कान्त पाण्डेय को स्नातक में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने के लिये चांसलर पदक, स्व. महाराजा विभूतिनारायण सिंह स्वर्ण पदक तथा बी.एच.यू. स्वर्ण पदकों से सम्मानित किया गया। इनों विद्यार्थियों के अलावा 24 अन्य विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक प्रदान किये गये। दीक्षांत समारोह में कुल 10614 विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों एवं कक्षाओं की उपाधियां प्रदान की गई। इन में तीन डी-लिट, 459 पीएचडी, 31 एमफिल, 4457 स्नात्कोत्तर, 5664 स्नातक की उपाधियां शामिल हैं। 

साइकिल मिलते ही अखिलेश ने पिता मुलायम के पांव छू कर लिया जीत का आशीष

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लखनऊ, 16 जनवरी, उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ समाजवादी पार्टी (सपा) में चले घमासान के बावजूद चुनाव चिह्न ‘साइकिल’ मिलते ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह यादव के आवास पहुंच कर उनका आशीर्वाद लिया, वहीं अखिलेश समर्थकों ने गाजे बाजे और धूम धडाके के संग जश्न मनाया। पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने ‘यूनीवार्ता’ को बताया कि चुनाव आयोग के फैसले के समय अखिलेश मुख्यमंत्री आवास पर थे। फैसला आते ही वह अपने पिता मुलायम सिंह यादव के घर पहुंचे और उनका आशीर्वाद लिया। सूत्रों का दावा है कि दोनो में कुछ पल बातचीत भी हुई लेकिन उसका ब्यौरा नहीं मिल सका। अखिलेश यादव के मुलायम सिंह यादव के घर पहुंचने के थोड़ी देर बाद ही शिवपाल सिंह यादव भी वहीं पहुंच गये, हालांकि शिवपाल सिंह यादव चन्द पल रुकने के बाद वापस अपने घर लौट गये। फैसला आने के तत्काल बाद मुख्यमंत्री आवास, सपा कार्यालय और मुलायम सिंह यादव के घर के पास मीडियाकर्मियों का जमावड़ा लग गया। इसके तत्काल बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, “चुनाव नेताजी के ही नेतृत्व में लड़ा जायेगा। नेताजी का चेहरा समाजवादी पार्टी की पहचान है। नेताजी के नेतृत्व में फिर सरकार बनेगी। सभी कार्यकर्ता संयम बनाये रखें और अपने क्षेत्रों में जाकर चुनाव की तैयारी करें ताकि फिर से सरकार बने।” उधर, चुनाव आयोग का निर्णय आते ही अखिलेश समर्थक जश्न में डूब गये। मुख्यमंत्री आवास के सामने आतिशबाजी शुरु हो गयी। उनके समर्थक सपा के प्रदेश कार्यालय, जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट और मुख्यमंत्री आवास पर एकत्रित होकर अखिलेश यादव के समर्थन में जमकर नारेबाजी की। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पंचायती राज मंत्री राम गोविन्द चौधरी ने इसे सत्य की विजय बताया। श्री चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पार्टी बचायी है। अब उनके नेतृत्व में दोबारा सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि ‘नेताजी’ (मुलायम सिंह यादव) पार्टी के सबसे बड़े नेता थे, नेता हैं और रहेंगे। पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता उन्हें दिल-ओ-जान से मानता है और मानता रहेगा। पार्टी के विक्रमादित्य स्थित कार्यालय के सामने अखिलेश समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा। वे “जय जय जय जय जय अखिलेश, यह जवानी है कुर्बान अखिलेश भइया तेरे नाम” जैसे नारे लगा रहे थे। इनमें ज्यादातर नौजवान ही थे। वे चुनाव आयोग के फैसले से उत्साहित थे। 

इसी बीच, मुलायम सिंह यादव के आवास के सामने मौजूद कुछ लोगों को विवाद के सारे घटनाक्रम को नेताजी द्वारा ‘स्क्रिप्टेड’ भी कहते सुना गया। मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री बेटे अखिलेश यादव से विवाद का मूल कारण पारिवारिक कलह बताया जा रहा था, लेकिन राजनीतिक विवाद 21 जून से बहुचर्चित विधायक मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल (कौएद) के सपा में विलय से शुरु हुआ। विलय का सख्ती से विरोध करते हुए मुख्यमंत्री ने इसके सूत्रधार रहे माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था। आनन-फानन में 25 जून को संसदीय बोर्ड की बैठक बुलायी गयी। बोर्ड ने बलराम यादव का मंत्रिमंडल में बहाली और कौएद का पार्टी में विलय नकार दिया। दो महीने तक मामला ठीक चला। इसी बीच सितम्बर में मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव को हटाकर शिवपाल सिंह यादव को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। इसे अपनी तौहीन समझते हुए मुख्यमंत्री ने उनके सभी महत्वपूर्ण विभाग छीन लिए, लेकिन मुलायम के दबाव में लोक निर्माण विभाग के अलावा सभी विभाग वापस कर दिये, हालांकि इससे पहले शिवपाल सिंह यादव ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, जिसे मुख्यमंत्री ने नामंजूर कर दिया था। इन घटनाक्रमों के बीच मुख्यमंत्री के समर्थक सड़क पर उतर आये थे। वे तीन चार दिन तक यहीं डटे रहे। उनके समर्थकों ने एक दिन तो मुलायम सिंह यादव के घर का भी घेराव किया, हालांकि घेराव करने वाले युवाओं को पार्टी से बाहर निकाल दिया गया था। झगड़े का ‘क्लाइमेक्स’ अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में देखा गया। मुख्यमंत्री ने 23 अक्टूबर को शिवपाल सिंह यादव और उनके तीन समर्थक मंत्रियों नारद राय, ओम प्रकाश सिंह और शादाब फातिमा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया। इसके अगले ही दिन 24 अक्टूबर को मुलायम सिंह यादव की मौजूदगी में पार्टी कार्यालय में चाचा शिवपाल सिंह यादव और भतीजे अखिलेश यादव में धक्का-मुक्की तक हुई। माइक की छीना झपटी की गयी। अखिलेश यादव विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे में अपनी प्रभावी भूमिका चाहते थे, जो पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाये जाने के बाद एक तरह से समाप्त सी हो गयी थी। यह विवाद दिसम्बर के अंतिम सप्ताह में चरम पर पहुंच गया, जब पार्टी से अखिलेश यादव और राम गोपाल यादव को छह वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित करने की घोषणा की गयी। विवाद के दौरान ही राम गोपाल यादव को पहले भी निकाला गया था, लेकिन इटावा में प्रेस कान्फ्रेन्स के दौरान रो पड़ने की वजह से मुलायम सिंह यादव ने उन्हें पुन: पार्टी में शामिल कर लिया। मुख्यमंत्री और रामगोपाल यादव के पार्टी से निष्कासन के दूसरे दिन ही पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खां के हस्तक्षेप से दोनों की पार्टी में वापसी हो गयी। इसके तुरन्त बाद 31 दिसम्बर को राम गोपाल यादव ने एक जनवरी को पार्टी का राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन बुला लिया। सम्मेलन में मुलायम सिंह यादव को हटाकर अखिलेश यादव को पार्टी का अध्यक्ष घोषित कर दिया गया और मुलायम सिंह यादव को पार्टी का मार्गदर्शक बना दिया गया। उसी दिन अखिलेश यादव ने शिवपाल के स्थान पर नरेश उत्तम को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। अखिलेश खेमे ने पार्टी के प्रदेश कार्यालय पर कब्जा भी कर लिया। मुलायम खेमे ने सम्मेलन को असंवैधानिक करार दिया और कहा कि जब सम्मेलन ही पार्टी संविधान के अनुरुप नही है तो पदाधिकारियों के बदलाव को कैसे सही ठहराया जा सकता है। दूसरी ओर, अखिलेश यादव खेमे द्वारा एक जनवरी को पार्टी अध्यक्ष पद से हटाये जाने के बाद मुलायम सिंह यादव अपने अनुज शिवपाल सिंह यादव के साथ कल पार्टी दफ्तर गये थे। उन्होंने कहा था कि जल्द ही सब ठीक हो जाएगा। इन घटनाक्रमों के बीच मामला चुनाव आयोग चला गया। दोनों खेमे अपने को ही असली सपा बताकर साइकिल चुनाव चिन्ह पर दावा ठोंक रहे थे। दोनो पक्षों को सुनने के बाद आयोग ने साइकिल चुनाव चिह्न अखिलेश यादव को आवंटित कर दी। साइकिल चुनाव चिह्न अखिलेश यादव के पक्ष में आ जाने से अब असली समाजवादी पार्टी भी उन्हीं की बतायी जा रही है। 

पार्टी एक, राष्ट्रीय अध्यक्ष दो

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लखनऊ 16 जनवरी, समाजवादी पार्टी(सपा) में अब विवाद इतने चरम पर पहुंच गया है कि पार्टी कार्यालय में मुलामय सिंह यादव और अखिलेश यादव दोनो को राष्ट्रीय अध्यक्ष बताते हुए नेम प्लेट लगा दी गयी है। मुलायम सिंह यादव के नेम प्लेट के ठीक नीचे अखिलेश यादव की नाम पट्टिका लगायी गयी है। अखिलेश की नाम पट्टिका आज ही लगायी गयी है। दोनो नेम प्लेटों पर राष्ट्रीय अध्यक्ष लिखा हुआ है। गौरतलब है कि चुनाव चिह्न के सम्बन्ध में निर्वाचन आयोग का निर्णय आज सम्भावित है। माना जा रहा है कि अखिलेश खेमे ने निर्णय के मद्देनजर ही नाम पट्टिका लगायी है। 

नाव हादसे के दोषी पर होगी कार्रवाई : नीतीश

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पटना 16 जनवरी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि नौका दुर्घटना के हर पहलू की जांच की जाएगी और दोषी को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जायेगा । श्री कुमार ने आज यहां लोक संवाद कार्यक्रम के दौरान संवाददाता सम्मेलन कहा कि उन्हें इस हादसे से गहरा सदमा लगा है, इसके हर पहलू की जांच होगी और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जायेगा। उन्होंने कहा कि दुर्घटना की जांच का जिम्मा आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव श्री प्रत्यय अमृत और वरीय भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी श्री शालीन को जांच का दायित्व दिया गया है । जांच अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश है कि वे किसी का चेहरा या उसके पद को नहीं देखें और निष्पक्षता से हर पहलू की जांच करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तीन स्तर पर चूक होगी तो दुर्घटना को कोई रोक नहीं सकता है । उन्होंने कहा कि पहले से ही तय नियम है कि सूर्यास्त के बाद नदियों में निजी नाव का परिचालन नहीं होगा । ऐसे में पतंग उत्सव में गये लोगों को शाम तक लौटने की नौबत क्यों आयी । इसके साथ ही लोगों के आने-जाने की व्यवस्था के लिए स्टीमर, बोट का क्या प्रबंध था और प्रशासनिक एवं पुलिस स्तर पर क्या उत्तर दायित्व दिया गया था, इन सब पहलुओं पर जांच करने का निर्देश दिया गया है । 

श्री कुमार ने कहा कि इस तरह के आयोजनों के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिड्योर (एस ओ पी) बना हुआ है । इस मामले में इसका पालन हुआ या नहीं इसकी भी जांच हो रही है । उन्होंने कहा कि अब ऐसी जगहों पर बिना मुख्य सचिव की अनुमति लिये बगैर कोई भी विभाग इस प्रकार का आयोजन नहीं करेगा। भविष्य में ऐसी घटना नहीं हो इस संबध में ठोस माप दण्ड बनाया जायेगा । मुख्यमंत्री ने कहा कि काल चक्र पूजा के समापन पर बौद्ध धर्म गुरू दलाईलामा राज्य सरकार और जिला प्रशासन की व्यवस्थाओं की प्रशंसा कर रहे थे। इसमें 92 देशों के 1.75 लाख लोग आये थे लेकिन एक चूक ने इन सभी बातों को पृष्ठभूमि में ढकेल दिया । उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग के विज्ञापन में उनकी तस्वीर लगी है। इस बारे में उन्होंने अपने कार्यालय से पूछा है कि तस्वीर लगाने के संबंध में क्या कोई अनुमति प्राप्त की गयी है ।  श्री कुमार ने 21 जनवरी को नशा मुक्ति के लिए संकल्प प्रदर्शित करने के उद्देश्य से मानव श्रृंखला बनाने के कार्यक्रम को टालने के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आग्रह के बारे में पूछे जाने पर कहा कि यह बिल्कुल सामाजिक अभियान है और यह सरकार प्रायोजित है। उन्होंने कहा कि 21 जनवरी को 12.15 बजे अपराह्न से एक बजे अपराह्न तक मानव श्रृंखला बनेगी जो 11 हजार किलोमीटर से लम्बी होगी। मुख्य सचिव के स्तर से इसका अनुश्रवण किया जा रहा है। शिक्षा विभाग, जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार इस कार्य में लगी हुयी है। इस मानव श्रृंखला में बिहार की करीब दो करोड़ जनता शामिल होगी। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मानव श्रृंखला में जो दल शामिल होंगे उनकों राज्य सरकार की ओर से धन्यवाद। उन्होंने कहा कि यह जबरदस्त कार्यक्रम है और यह एक इतिहास बनेगा एवं सामाजिक बदलाव का प्रतीक भी साबित होगा। उन्होंने कहा कि वे स्वामी विवेकानन्द की उक्ति को बराबर उद्धृत करते हैं कि किसी भी अच्छे काम का पहले मजाक बनाया जाता है, फिर उसका विरोध होता है और फिर बाद में सब साथ आ जाते हैं। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि 21 जनवरी को सब साथ आ जायेंगे और हम शराबबंदी से नशा मुक्ति की ओर पहुंचने में कामयाब होंगे। इससे पूर्व लोक संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी भी मौजूद थे । इस दौरान मुख्यमंत्री ने शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, श्रम संसाधन, कृषि, ग्रामीण विकास, जीविका, पशु एवं मत्स्य संसाधन, कला एवं संस्कृति, खाद्य उपभोक्ता संरक्षण और वन एवं पर्यावरण विभाग के कामकाज में सुधार के लिए चुने हुए 50 लोगों से सुझाव प्राप्त किये । 

नौका हादसे की जांच के लिए सर्वदलीय समिति बनायें नीतीश : सुशील मोदी

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पटना 16 जनवरी, बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया कि नौका हादसे की जांच के लिए अधिकारियों की समिति दोषी अफसरों को बचाने के लिए बनायी गयी है, इसलिए घटना के जिम्मेदार लोगों को दंडित करने के लिए सर्वदलीय जांच समिति का गठन किया जाना चाहिए । श्री मोदी ने आज यहां कहा कि गंगा दियारा में नौका हादसे के 48 घंटे बाद भी राज्य सरकार ने एक भी अधिकारी के खिलाफ न प्राथमिकी दर्ज करायी, न किसी का तबादला किया और न ही किसी को निलंबित किया । उन्होंने कहा कि सरकार ने कार्रवाई का दिखावा करने के लिए बदनसीब नौका के मल्लाह और बंद पड़े मनोरंजन पार्क के संचालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है लेकिन अधिकारियों को छोड़ दिया है । भाजपा नेता ने कहा कि हादसे की जांच के लिए बनायी गयी अधिकारियों की जांच समिति भरोसेमंद नहीं है । यदि सरकार घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित करना चाहती हैं, तो उसे किसी गांधीवादी नेता की अध्यक्षता में सर्वदलीय जांच समिति का गठन करना चाहिए। उन्होंने सवालिये लहजे में कहा कि क्या प्रशासन केवल उन्हीं कार्यक्रमों में मुस्तैदी दिखायेगा, जिनसे मुख्यमंत्री की राष्ट्रीय छवि चमकायी जाती है । श्री मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री बतायें कि इससे पहले पटना के दशहरा उत्सव और छठ पूजा के दौरान हुए हादसों की जांच रिपोर्ट के आधार पर एक भी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई और एसडीआरएफ की टीम को पेट्रोलिंग ड्यूटी के बजाय वीआईपी की खातिरदारी में क्यों लगाया गया था । भाजपा नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री यह भी बतायें कि एनडीआरएफ की टीम को नौका हादसे के दो घंटे बाद क्यों जानकारी दी गई और राज्य की एसडीआरएफ टीम के पास गोताखोर, सर्चलाइट और वॉकी-टॉकी जैसे साधन तक क्यों नहीं थे । उन्होंने कहा कि सरकार इन सवालों का जवाब देने के बजाये हादसे की जिम्मेदारी से बचने के बहाने खोज रही है। 

बिहार के चार रेलवे स्टेशनों पर बनेंगे नम्मा शौचालय

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पटना 16 जनवरी, बिहार में पूर्व मध्य रेलवे के समस्तीपुर मंडल के तहत आने वाले चार प्रमुख स्टेशनों पर पर्यावरण अनुकूल नम्मा शौचालय का निर्माण होगा। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अरविन्द कुमार रजक ने आज यहां बताया कि समस्तीपुर मंडल के चार स्टेशनों पर विशेष प्रकार के पर्यावरण अनुकूल “नम्मा” शौचालय स्थापित करने के लिए सीएसआर के तहत समस्तीपुर मंडल एवं पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के बीच एक समझौता हुआ है । समझौते के तहत सीतामढ़ी (एक यूनिट), जयनगर (एक यूनिट), मधुबनी (एक यूनिट) एवं दरभंगा (तीन यूनिट) स्टेशन पर विशेष टायलेट स्थापित करने का प्रस्ताव है । उन्होंने बताया कि इनके निर्माण के लिए निधि की उपलब्धता पावर ग्रिड द्वारा की जाएगी जबकि निर्माण कार्य रेलवे की देखरेख में होगा। श्री रजक ने बताया कि पर्यावरण अनुकूल इस “नम्मा” शौचालय का डिजाइन इस प्रकार तैयार किया गया है कि यह आसानी से कम से कम समय में लगाया जा सके । साथ ही इसमें प्राकृतिक वायु संचालन बना रहे, सोलर पैनल्स का उपयोग तथा पानी की खपत भी कम होती है । यह शौचालय शहर निवासी विशेषकर शहरों में रहने वाले गरीब वर्ग के लोगों को ध्यान में रखकर विकसित किया गया है । इसकी स्थापना का मूल उद्देश्य खुले में शौचालय करने से रोकना है । इस विशेष प्रकार के शौचालय में सोलर पैनल द्वारा पर्याप्त प्रकाश और मोशन सेंसर लाइटिंग इसकी खास विशेषताएँ है । देश में पहली बार तमिलनाडु में इसे लगाया गया था। 

झारखंड में सरकारी शिक्षक बनेंगे हाईटेक , मिलेगा टैब : रघुवर

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राँची 16 जनवरी, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज कहा कि उनकी सरकार राज्य के छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए वचनबद्ध है। श्री दास ने यहां राज्य स्तरीय गुणवत्ता शिक्षा कार्यक्रम ज्ञानोदय को संबोधित करते हुए कहा , “ हमें आने वाले दो-तीन सालों में झारखंड को शिक्षित प्रदेश बनाना है। सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले लाखों छात्र-छात्राओं को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सभी सरकारी स्कूल के शिक्षकों को अगले वित्तीय वर्ष में टैबलेट दिया जायेगा। साथ ही उन्हें ई-विद्या वाहिनी सॉफ्टवेयर से भी जोड़ा जायेगा। शिक्षकों एवं छात्रों के शैक्षणिक स्तर में सुधार के लिए विभिन्न संस्थाओं के साथ समझौता (एम0ओ0यू) भी किया गया है। ” मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान दौर में तकनीक का स्थान महत्वपूर्ण है। बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने में किसी प्रकार की शिथिलता एवं कोताही नहीं बर्दाश्त की जाएगी। विद्यालयों की आधारभूत संरचना में सुधार किया जा रहा है। साथ ही विद्यालयों में सभी सुविधायें उपलब्ध करायी जा रही है। 

श्री दास ने कहा कि समृद्ध होने के बावजूद भी झारखंड की गोद में गरीबी पल रही है। राज्य से गरीबी को समाप्त करने में शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। सभी अधिकारियों, शिक्षकों की जिम्मेवारी है कि देश के भविष्य और सबसे कीमती संसाधन, बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करें। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि जो लोग बच्चों को शिक्षित करने में लापरवाही करते हैं, वे देश के साथ गद्दारी कर रहे हैं। बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे काम से देश और समाज को बदला जा सकता है। कार्यक्रम में विकास आयुक्त सह अपर मुख्य सचिव (योजना एवं वित्त विभाग) अमित खरे, प्रधान सचिव संजय कुमार, स्कूली शिक्षा सचिव अराधना पटनायक, शिक्षा विभाग के निदेशक समेत बड़ी संख्या में बच्चे भी उपस्थित थे। 

झारखंड में कर्मचारियों के लिए सातवां वेतन मंजूर

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रांची 16 जनवरी, झारखंड सरकार ने सातवें वेतन आयोग को राज्य में लागू करने की मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में आज यहां राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में सातवें वेतन आयोग को लागू करने की स्वीकृति दी गयी। बाद में पत्रकारों से बातचीत में विकास आयुक्त सह योजना सह वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित खरे ने बताया कि सप्तम वेतन आयोग की अनुशंसा के आलोक में केन्द्र ने एक जनवरी 2016 से केन्द्रीय कर्मियों को पुनरीक्षित वेतनमान स्वीकृत किया है। राज्य सरकार अपने सेवीवर्ग को केन्द्रीय सेवाशर्तो के साथ केन्द्रीय वेतनमान एवं अन्य भत्ते केन्द्र सरकार के अनुरूप स्वीकृत करने के लिए सैद्धान्तिक रूप से सहमत है। राज्यकर्मियों को पुनरीक्षित वेतनमान स्वीकृत किये जाने के कारण दिनांक 01.01.2016 से पुनरीक्षित वेतनमान लागू होने की तिथि तक के बकाया वेतनादि का भुगतान दो किश्तों में वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं वित्तीय वर्ष 2018-19 में किया जायेगा। श्री खरे ने बताया कि राज्य कर्मियों को पुनरीक्षित वेतनमान तथा पेंशनभोगी/पारिवारिक पेंशनभोगियों को पुनरीक्षित पेंशन, दिनांक 01.01.2016 के प्रभाव से स्वीकृत किये जाने का निर्णय लिया गया है। राज्य के पेंशनभोगी/पारिवारिक पेंशनभोगियों को न्यूनतम 9000/- रुपये पुनरीक्षित पेंशन स्वीकृत करने का भी निर्णय लिया गया है। 

अच्छे काम की तलाश : मोहनीश बहल

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बॉलीवुड में करीब तीन दशकों तक एक से बढ़कर एक फिल्म देनें के बाद मोहनीश बहल इन दिनों फिल्मों से दूर हैं। ऐसा नहीं है कि मोहनीश फिल्मों में काम नहीं करना चाहते, बल्कि उन्हें बॉलीवुड में फिल्में नहीं मिल रही हैं। लेकिन उनकी मनपंसद का रोल नही मिल रहा है। उन्होंने कहा वो फिल्मों से दूर जाने की कोई योजना नहीं बना रहे। मोहनीश ने फिल्मों के बारे में बात करते हुए कहा कि बॉलीवुड इंडस्ट्री मुझे इससे दूर कर रही है। मुझे कोई अच्छा काम नहीं मिल रहा, जिसमें मैं काम कर सकूं। उन्होंने कहा कि  मैं समझता हूं कि हर अभिनेता का करियर ऊपर-नीचे होता रहता है। आपको बता दें कि मोहनीश ने कई फिल्में सलमान खान के साथ की हैं। हम आपके हैं कौन, हम साथ साथ हैं, मैंने प्यार किया, कहो ना प्यार है, बागी, राजा हिंदुस्तानी जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम किया है। मोहनीश इस समय होशियार..सही वक्त, सही कदम नामक टीवी शो की मेजबानी कर रहे हैं, जो एंडटीवी पर आता है।ं

जून तक खुलेगा मैडम तुसाद संग्रहालय

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सी मोम प्रतिकृतियां बनाने के लिए दुनिया में अपनी अलग पहचान रखने वाला मैडम तुसाद संग्रहालय दिल्ली में खुलने जा रहा। विश्व के 22 देशों में लोकप्रियता की बुलंदिया छूने के बाद भारत में दर्शकों को अपनी जादुई दुनिया से रूबरू कराने के लिए, संग्रहालय इस साल जून तक राजधानी के कनॉट प्लेस में खुलेगा।  मैडम तुसाद संग्रहालय ब्रिटेन की इंटरनेमेंट कंपनी मर्लिन एंटरटेनमेंट का सबसे मशहूर ब्रांड है। भारत में कंपनी का यह 23वां संग्रहालय होगा। कंपनी की भारतीय इकाई के महाप्रबंधक और निदेशक अंशलु जैन ने बताया कि भारत मनोरंजन उद्योग का बड़ा बाजार है। इसे ध्यान में रखते हुए ही कंपनी ने इसे संग्रहालय बनाने के लिए चुना। उन्होंने कहा कि संग्रहालय में लगाई जाने वाली मोम की प्रतिकृतियों में से यहां फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन, लेडी गागा और मैडम तुसाद की प्रतिकृतियां मीडिया के लिए प्रदर्शित की गईं। संग्रहालय में एक समय में करीब 500 दर्शक प्रवेश ले सकेंगे। टिकट की विभिन्न दरें होंगी। कंपनी के विपणन निदेशक मार्सेल क्लूस ने कहा, ‘मैडम तुसाद संग्रहालय का भारत जैसे सांस्कृतिक रूप से समृद्ध देश में लाना वाकई दिलचस्प अनुभव होगा। यह भारत की जनता के लिए मनोरंजन के नए विकल्प लेकर रहा है जो उन्हें अपने सितारों की दुनिया से मिलने का अनुभव कराएगा।’ 

 कड़ी मेहनत और कलाकारी से बनती है प्रतिकृति 
जैन ने बताया कि इन मोम प्रतिकृतियों को जीवंत दिखाने के लिए कड़ी मेहनत और कलाकारी की आवश्यकता पड़ती है। जिस जीवित शख्सियत की मोम प्रतिकृति तैयार की जाती है उसके शरीर का विभिन्न कोणों से करीब डेढ़ सौ से ज्यादा माप ली जाती हैं। और सिर पर असली बाल एक-एक कर लगाए जाते हैं। इसके साथ ही शरीर के स्किन का सही रंग लाने के लिए इन पर रंगों की अनगिनत परतें और शेड्स लगाए जाते हैं। दिल्ली के संग्रहालय में शुरुआती तौर पर इतिहास, खेलकूद, संगीत, फिल्म और टेलीविजन के क्षेत्र की 50 से अधिक प्रभावशाली शख्सियतों की मोम प्रतिकृतियां प्रदर्शित की जाएंगी। इनमें 60 प्रतिशत भारतीय शख्सियतें होंगी 

भारती फाउंडेशन ने की सत्य भारती स्काॅलरशिप की घोषणा

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भारती फाउंडेशन, भारती एंटरप्राइज ने सत्य भारती स्काॅलरशिप स्कीम की घोषणा की है। देश के 6 राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित 254 सत्य भारती स्कूलों में अध्ययन करने वाले जरुरतमंद बच्चों की लगातार शिक्षा को सुनिश्चित करने में सहायता करने के लिए यह स्काॅलरशिप दी जा रही है। भारती फाउंडेशन के वाइस चेयरमैन श्री राकेश भारती मित्तल ने इसकी घोषणा प्रख्यात सांसद और पंजाब के समाज सुधारक श्री सत पाल मित्तल की 25वीं पुण्य तिथि के अवसर पर की। इस पहल के अंतर्गत भारती फाउंडेशन न्यूनतम निर्धारित अंक सीमा के दायरे में आने वाले कक्षा 10 के विद्यार्थियों को स्काॅलरशिप प्रदान करेगा, ताकि वे व्यावसायिक/महाविद्यालयी शिक्षा को पूर्ण कर सकें। इस स्काॅलरशिप स्कीम का विवरण शीघ्र ही सुनिश्चित किया जाएगा।

 स्काॅलरशिप स्कीम की घोषणा करते हुए श्री राकेश भारती मित्तल ने कहा कि, ‘‘भारत में हाइ स्कूल में ड्राॅप आउट दर में वृद्धि और काॅलेज में नामांकन के निम्न स्तर का सबसे बड़ा कारण धन का अभाव है। मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि भारती फाउंडेशन ने सत्य भारती स्कूल के विद्यार्थियों को उनकी काॅलेज की पढ़ाई को जारी रखने में सहायता करने के लिए यह साहसिक निर्णय लिया है। इससे वे अपनी गरीबी के बावजूद भी अपनी पढ़ाई को जारी रख सकेंगे। यह स्काॅलरशिप हमारे स्कूली शिक्षा प्रोग्राम के प्रभाव को और अधिक सशक्तता प्रदान करेगा और हमारे वि़द्यार्थियों के जीवन में स्थायित्वपूर्ण परिवर्तन लाएगा।’’ सत्य भारती स्कूल प्रोग्राम की स्थापना वर्ष 2006 में ग्रामीण भारत में गुणवत्तायुक्त शिक्षा के अभाव को दूर करने के लिए की गयी थी। विशेष रुप से लड़कियों पर केंद्रित इस प्रोग्राम का समग्रतामूलक दृष्टिकोण देश के जरुरतमंद बच्चों एवं युवा लोगों को सशक्तीकृत करने के विजन को समर्थन प्रदान करता है, ताकि वे अपनी क्षमता को महसूस कर सकें।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 16 जनवरी)

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नगर की बेटी गरीमा ने अन्तर्राष्ट्रीय योग स्पर्धा में जीता स्वर्ण पदक, विधायक ने किया स्वागत

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झाबुआ । नगर की बेटी जिसने अन्तर्राष्ट्रीय योग प्रदर्शन में विगत दिनों पांडिचेरी में देश भर के 1000 से अधिक प्रतियोगियों के बीच अपना स्थान बना कर अन्तर्राष्ट्रीय योग उत्सव में  प्रथम स्थान प्राप्त करके शिल्ड एवं गोल्ड मेडल जीत कर देश, प्रदेश एवं झाबुआ जिले का नाम रोशन किया ऐसी विनोद जायसवाल की प्रतिभावान पुत्री कुमारी गरीमा जायसवाल का सोमवार को विधायक शांतिलाल बिलवाल ने पुष्पमालाओं से स्वागत कर बधाईया दी । इस अवसर पर प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी के सदस्य शेैलेष दुबे, नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया, मंडी उपाध्यक्ष बहादूर हटिला,  नगर भाजपा मंडल अध्यक्ष बबलू सकलेचा गा्रमीण मंडल अध्यक्ष हरू भूरिया, पार्षद नंदलाल रेड्डी,सईदुल्ला खान, सुनील ताहेड हरबन डामोर, इरशाद कुर्रेशी सहित बडी संख्या में लोगों ने सुश्री गरीमा जायसवाल का पुष्पमालाओं से स्वागत किया । विधायक शांतिलाल बिलवाल ने कु. गरीमा जायसवाल को बधाईया देते हुए योग के प्रति उनकी तन्मयता एवं निभाई जारही भूमिका की प्रसंशा करते हुए कहा कि यदि लक्ष्य तय कर लिया जावेगा तो सफलतायें कदम चुमती है । उन्होने गरीमा के उत्तरोत्तर प्रगति पथपर अग्रसर होने की शुभेच्छाये व्यक्त की । शैलेष दुबे ने कहा कि कुमारी गरीमा ने न सिर्फ झाबुआ एवं प्रदेश का नाम गौरवान्वित किया है वरन अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया है वे सतत उन्नति पथ पर अग्रसर हो ऐसी शुभकामनायें दी । नपा अध्यक्ष धनसिंह बारिया ने भी कुमारी गरीमा को बधाईया देते हुए यथा संभव मदद दिलानें का भरोसा दिलाया।

विधायक ने कीडनी चिकित्सा हेतु दिये 2 लाख की आर्थिक सहायता 

झाबुआ । क्षेत्रीय विधायक शांतिलाल बिलवाल ने माधोपुरा निवासी सुनिल सक्सेना जो अल्व वेतनभेागी कर्मचारी होकर जिला पंचायत झाबुआ में कार्यरत होकर वर्तमान मेे कीडनी रोग से पीडित होने से इन्हे चोईथराम हास्पीटल  एण्ड रिसर्च सेंटर इन्दौर में चिकित्सा हेतु भेजा गया था जिसमें डाक्टरों ने कीडनी प्रत्यारेापण की सलाह दी जाने से इनकी आर्थिक स्थित एवं उपचार कराने मे समर्थ होने पर  राशि रूपये 2 लाख की आर्थिक चिकित्सकीय सहायता की राशि मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से  स्वीकृत करवाई और संबंधित का उपचार करवाया गया है । मानव सेवा के इस प्रकल्प में विधायक बिलवाल द्वारा दी गई मदद से सुनील सक्सेना की कीडनी का उपचार हो पाया हे । परिवार जनों ने विधायक शांतिलाल बिलवाल की इस सदाशयता की प्रसंशा करते हुए उनके प्रति आत्मीय आभार व्यक्त किया है ।

दंगल/कुष्ती के लिए झाबुआ जिले में पहलवान तैयार

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झाबुआ ।  जिले में वर्षो पुरानी जय बजरंग व्यायाम शाला, षक्ति युवा मंण्डल व जिला कुष्ती संघ झाबुआ के माध्यम से कुष्ती के पूर्व चैम्पियन एवं राष्ट्रीय खिलाडी श्री सुषील वाजपेयी (पहलवान) व समकालीन पहलवान व साथियों द्वारा जिले में संपर्क कर कुष्ती के पहलवान तैयार किये जा रहे है । वर्षो से बंद पडी कुष्ती की परंपरा को पुनः स्थापित करने एवं कुष्ती हेतु युवाओं को प्रेरित कर जिले में पहलवान तैयार करने का कार्य सेवास्वरूप में निःषुल्क रूप से किया जा रहा है , थांदला में आयोजित खेल मेले में 13 जनवरी 2017 को आयोजित दंगल/कुष्ती प्रतियोगिता में 32 पहलवानों द्वारा हिस्सा लिया, जिसमें विभिन्न भारवर्गो में विजेता पहलवान करण चैधरी, अंषुमन तंबोली , उमेष मैडा, निखिल ब्रजवासी, उदयसिंह गरवाल, षिवा भदाले, ब्रजेन्द्र अमलियार, थानसिंह मैडा, जानिसार, जितेष गुर्जर, बिरजू डामोर, सुरेष मैडा, विजेन्द्र गुर्जर, धर्मेन्द्र सिंगाड, कलसिंह भूरिया, जनकसिंह गुर्जर, सुनिल मैडा, आकाष मुणिया, सुनिल डामोर रहे, । कुष्ती में विजेता व उपविजेता पहलवानों को ईनाम स्वरूप 200 ग्राम घी, प्रमाण पत्र व मोमेन्टो से सम्मानित किया गया । कुष्ती के संचालक व निर्णायक कुष्ती के पूर्व चैम्पियन एवं राष्ट्रीय खिलाडी श्री सुषील वाजपेयी (पहलवान) रहे । कुष्ती के कार्यकर्ता गुलाबसिंग, अजय मोर्य, बंटी यादव, प्रकाष ब्रजवासी, को प्रमाण पत्र व मैडल से सम्मिानित किया, उक्त टीम सुषील पहलवान के नेतृत्व में थांदला खेल मेले में निःषुल्क सेवाएॅं देती है । राष्ट्रीय खिलाडी एवं साथी खिलाडियों द्वारा बताया गया कि झाबुआ जिले से सी.एम.कप, खेलो इण्डिया, खेल मेला 2016 में हमारे पहलवानो द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्षन वो भी कुष्ती के गद्दे के अभाव में किया , जिले से 50 पहलवान तैयार हों चुके है, किंतु जिले का दुर्भाग्य है, कि जहा प्रषासन एवं जन प्रतिनिधियों का इस ओर ध्यान नही है झाबुआ जिले में कुष्ती के गद्दे तक नही है । पिछले वर्ष 12 जनवरी 2016 को थांदला खेल मेले में झाबुआ जिले के विधायको के बीच योजना आयोग के उपाध्यक्ष व रतलाम विधायक श्री चेतन्यजी कष्यप ने कहा था कि अरे इस जिले में कुष्ती के गद्दे नही है मैं भिजवाउंगा उक्त कथन को भी एक वर्ष व्यतीत हो गया, । वे स्वयं तो इस वर्ष खेल मेले में आये किंतु कुष्ती के गद्दे नही आये, और हम पहलवानो को मिटटी में ही अभ्यास करवाते है । पहलवानो द्वारा कहा गया इस ओर ध्यान दिया जाये तो हमारे द्वारा जिले के प्रत्येक तहसील व विकासखण्डो से अच्छे खिलाडी/पहलवान तैयार करके दे सकते है, जो जिले व प्रदेष का नाम राष्ट्रीय स्तर पर गौरान्वित कर सकते है । उक्त जानकारी जय बजरंग व्यायाम शाला के चंदर पहलवान एवं राजेष बारिया द्वारा दी गई ।

बोहरा समाज के 52 वें एवं 53 वें धर्मगुरू के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में निकाला भव्य जुलुस

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झाबुआ । हिजरी माहवार के अनुसार रबिउलआखर माह की 20 वीं तारीख को बोहरा समाज के 52 वें धर्मगुरू सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन (रि.अ.) का जन्म दिन होता है वही 53 वें धर्मगुरू सैेयदना अबु जाफरु सादिक आली कदर मुफद्दल सैफुद्दीन साहेब (त.उ.स) की भी सालगिरह साथ मे मनाई जाती है । ज्ञातव्य है कि 53 वें धर्मगुरू सैेयदना अबु जाफरु सादिक आली कदर मुफद्दल सैफुद्दिन साहब (त.उ.स) की सालगिरह वेैसे तो रमजान माह की 23 वीं तारीख को जागरण की रात के साथ मनाई जाती है किन्तु उनके कहे अनुसार 52 वें धर्मगुरू के जन्म दिन के साथ ही 53 वे धर्म गुरू की सालगिरह बोहरा समाज में मनाई जाती है । इसी कडी में स्थानीय दाउदी बोहरा समाज के नुरूद्दीन भाई पिटोलवाला के अनुसार स्थानीय दिलीपक्लब परिसर से दोपहर 3-30 बजे से इज्जी स्काउट बैंड के साथ बोहरा समाज का भव्य एवं अनुशासित जुलस निकाला गया  जो बसस्टेंड होकर थांदला गेट, चन्द्रशर आजाद मार्ग बाबेल चैराहे से लक्ष्मीबाई मार्ग होता हुआ राजवाडा होकर आजाद चैक होता हुआ स्थानीय बोहरा मस्जिद पर समापन हुआ । समाज के नुरूद्दीन भाई बोहरा ने जानकारी देते हुए बताया कि जुुुलुस मे जहां अग्रणी पंक्ति में  बेंड चल रहा था वही समाज के युवा जिंदाबाद जिंदाबाद गीत संगीत के साथ गा रहे थे । इसके पीछे घेडे पर सवार बच्चे चल रहे थे । इनके पीछे कारों का काफिला और इसके बाद समाज की छोटी बालिकायें प्रधानमंत्री नरेन्द्रमोदी के स्वच्छ भारत का संदेश देते हुए हाथों में तख्तिया लिये चल रही थी। इजी स्काउंट बैंड, मुर्तजा भाई स्काउट इज्जी बेंड मार्शल के नेतृत्व में बेंड की कर्णप्रिय धुनो के साथ समाजजनो ने सहभागिता की वही समाज के गणमान्य जनों सहित समाजजनों जिनमें मुल्ला शब्बीरभाई  कमल टाकीज, मुल्ला शब्बीरभाई सिमंेटवाले, जौहरभाई, अब्बासभाई, मुर्तजा भाई, हुसैनीभाई, फकरूद्दीन बगीचावाला, असगरभाई कथीरवाला सहित बडी संख्या में बच्चों ने भागीदारी की । श्री बोहरा ने बताया कि इस साल 53 वें धर्मगुरू सेैयदना साहब सूरत (गुजरात) में अपनी दिव्य उपस्थिति में उक्त जन्मदिवस के आयोजित कार्यक्रम में भाग लेगें । जुलुस मस्जिद पर पहूंचने के बाद वहां मजालिस का कार्यक्रम आयोजित किया गया । नगर में जगह जगह मुख्य चैराहों पर बोहरा समाज के इस जुलुस का नगरवासियों ने पूरजोर उत्साह के साथ स्वागत किया ।

आनंद उत्सव वीडियों एवं फोटो प्रतियोगिता में भाग ले

झाबुआ । जिले में 14 से 21 जनवरी के बीच ग्रामीण क्षेत्रो में आयोजित आनंद उत्सव के रोमांच और आनंद को कैमरे में कैद कर वीडियों या फोटो राज्य आनंद संस्थान को वेबसाइट पर पुरस्कृत के लिए वीडियों फोटों बटन क्लिक कर भेजे। फोटो अथवा वीडियों 19 जनवरी से 30 जनवरी तक ही ूूूण्ंदंदकेंदेजींदउचण्पद  पर अपलोड किये जा सकेगे। वीडियों/फोटो प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार (एक) 15 हजार रूपये, द्वितीय पुरस्कार (दो) 10 हजार रूपये के एवं तृतीय पुरस्कार (तीन) 5 हजार रूपये के रखे गये है। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतिभागी अधिकतम 90 सेकण्ड का वीडियों एवं अधिकतम तीन फोटो ही भेज सकते है।

बुजुर्ग महिला एवं बच्चे सभी ने आनंद उत्सव में की सहभागिता, आनंद उत्सव का जिले में हुआ आगाज

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झाबुआ । जिले में आज 16 जनवरी से आनंद उत्सव का आगाज ग्राम पंचायत स्तर पर किया गया। ग्राम पंचायत स्तर पर आयोजित आनंद उत्सव के दौरान गांव के बुजुर्ग, महिला एवं बच्चों ने उत्साह के साथ भाग लिया। ग्राम स्तर पर स्थानीय खेल कबड्डी, खो-खो, 100 एवं 200 मीटर की दौड, कुर्सी दौड, भजन, गायन, संगीत एवं नृत्य प्रतियोगिताएॅ आयोजित की गई। गाॅव में आनंद उत्सव के समापन के बाद सामूहिक भोज का आयोजन भी किया गया। जिले में शेष ग्राम पंचायतों के कलस्टर मुख्यालय पर 17 जनवरी को आनंद उत्सव का आयोजन किया जाएगा।

महिलाओं में हुई भजन प्रतियोगिता
राणापुर ब्लाक की ग्राम पंचायत रूपाखेडा में आयोजित आनंद उत्सव के दौरान महिलाओं की भजन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। भजन प्रतियोगिता में महिलाओं ने स्थानीय भाषा में भजन गाये और आयोजित आनंद उत्सव के दौरान प्रतियोगिता में बढ-चढ कर हिस्सा लेकर आनंद की अनुभूति की।

पुरूषों के बीच हुआ गायन का मुकाबला
पेटलावद ब्लाक के ग्राम बामनिया एवं दुलाखेडी में पुरूषो के बीच गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। पुरूषो ने एक से बढकर एक भजन गाये और आसपास ने वातावरण को आनंदमय किया।

बच्चों ने कबड्डी खेली एवं लगाई दौड
आनंद उत्सव के दौरान बच्चों ने कबड्डी,खो-खो जैसे स्थानीय खेल खेले। उत्सव के दौरान 100 एवं 200 मी. की दौड के साथ ही कुर्सी दौड का आयोजन किया गया। बच्चों ने उत्साह पूर्वक प्रतियोगिताओं में भाग लिया।

आयुक्त मनरेगा श्री रघुराजन ने जानी जिले में योजना की हकीकत

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झाबुआ । आयुक्त मनरेगा म.प्र.शासन श्री रघुराजन ने आज जिले के रामा ब्लाक की ग्राम पंचायत रोटला, दूधी उमरकोट एवं झाबुआ ब्लाक की ग्राम पंचायत उमरी एवं देवझिरी पण्डा में रोजगार गारंटी योजनांतर्गत चल रहें निर्माण कार्यो की हकीकत जानने के लिए भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान श्री रघुराजन ने गा्रमीणो से भी चर्चा की एवं संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि योजना में निर्माण कार्यो में जितने मजदूरों की संख्या होना चाहिए उससे काफी कम है। निर्माण कार्यो में अधिक से अधिक मजदूर लगाये। भ्रमण के दौरान आयुक्त श्री रघुराजन के साथ प्रभारी कलेक्टर एवं सीईओ जिला पंचायत श्री अनुराग चैधरी, अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती निशिबाला सिंह, ई.ई. आरईएम श्री चैहान, जिला समन्वयक स्वच्छ भारत अभियान श्री सुमन सहित शासकीय सेवक उपस्थित थे।

लूट के प्रया समे एक की मोत

झाबुआ । मृतक सुरेश पिता नारायण राठौर उम्र 40 वर्ष नि. पेटलावद अपने साथियों के साथ वाहन टाटा 407 क्रं. एमपी-13 ई-1234 से मेघनगर हाट बाजार करके वापस पेटलावद जा रहे थे की रास्ते में अज्ञात 04 बदमाशों ने लुट के इरादे से रोड पर पत्थर जमा रखे थे उन पत्थ्रो को मृतक द्वारा हटाने पर आरोपीगणो ने पत्थर मारे  जिससे वाहन चालक द्वारा वाहन को लेकर भागने से मृतक की पिछले टायर में दबने से मृत्यु हो गयी। प्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्रं. 23/17 धारा 393,304 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

सामान लेने गई लडकी का हुआ अपहरण 

झाबुआ । फरि. प्रकाश पिता जालम मकवाना नि. परवलिया की लडकी पायल उम्र 15 वर्ष 06 माह घर से काकनवानी सामान लेने गयी थी जहां आरोपी टिटा पिता हवसिंह डामोर, निवासी बेडावा का मो.सा. लेकर आया व पायल को पत्नि बनाने की नियत से बहला  फुसला कर भगा कर ले गया। प्रकरण में थाना काकनवानी में अपराध क्रं. 14/17 धारा 363 भादवि व 3/4 पास्को एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

राजपथ पर 25 बहादुर बच्चों में से 12 बच्चियां गणतंत्र दिवस की शान बढ़ायेंगी

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नयी दिल्ली 17 जनवरी पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग की तेजस्विता प्रधान और शिवानी गोंद ने सोशल मीडिया के जरिये अंंतरराष्ट्रीय देह व्यापार गिरोह का भंडाफोड करके न सिर्फ अपनी बहादुरी और सूझबूझ का परिचय दिया बल्कि इस गिरोह के सरगना समेत तीन अपराधियों को जेल की सीखचों के पीछे डलवाया है । 

ये बच्चियां उन 25 बहादुर बच्चों में शामिल हैं जिन्हें इस वर्ष राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से नवाजा जाना है । ये बच्चे 26 जनवरी को राजपथ पर गणतंत्र दिवस की झांकी में शामिल होंगे और अपने बहादुर कारनामों से देश का नाम रोशन करेंगे। 

इन 25 बहादुर में बच्चों में इस बार 12 बच्चियां शामिल हैं जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 जनवरी को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित करेंगे । चार को मरणोपरांत इस पुरस्कार से नवाजा जाएगा और ये सभी बच्चियां हैं । बहादुर बच्चों में केरल के सर्वाधिक चार और दिल्ली के तीन बच्चे शामिल हैं जिनमें दो सगे भाई -बहन हैं। इंडियन काउंसिल फार चाइल्ड वेल्फेयर की अध्यक्ष गीता सिद्धार्थ ने आज यहां प्रेस कांफ्रेंस में इन जाबांज बच्चों का परिचय कराते हुए इनके साहसिक कारनामों का बखान किया ।

उच्चतम न्यायालय ने शहाबुद्दीन मामले पर फैसला सुरक्षित रखा

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नयी दिल्ली 17 जनवरी, उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता एवं पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को सीवान जेल से नयी दिल्ली स्थानांतरित करने संबंधी पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन की याचिका पर सुनवाई करते हुए आज फैसला सुरक्षित रख लिया ।

 न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने श्रीमती आशा रंजन की याचिका पर सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला को सुरक्षित रख लिया । श्रीमती रंजन ने कहा कि यदि शहाबुद्दीन को बिहार की जेल में रखा जाता है तो उनके खिलाफ निष्पक्ष सुनवाई नहीं हो सकती । वह गवाहों को धमकायेंगे जिससे वे उसके खिलाफ निष्पक्ष गवाही नहीं दे पायेंगे । शहाबुद्दीन पर करीब 40 आपराधिक मामले चल रहे हैं । उल्लेखनीय है कि हिंदुस्तान अखबार के ब्यूरो चीफ 42 वर्षीय राजदेव रंजन की गत वर्ष मई में सीवान रेलवे स्टेशन क्षेत्र में फल मंडी के पास गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी । बिहार सरकार ने निष्पक्ष जांच के लिए इस मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया था ।

बीएसएफ जवानों को दिये जाने वाले भोजन पर सरकार जवाब दें: उच्च न्यायालय

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 नयी दिल्ली 17 जनवरी, दिल्ली उच्च न्यायालय ने सीमा सुरक्षा बल(बीएसएफ) के जवान तेज बहादुर यादव के सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दर्शायी गयी खाद्य सामग्री की गुणवत्ता को लेकर दायर जनहित याचिका पर गृह मंत्रालय से प्रतिक्रिया मांगी है । जवान यादव ने पिछले सप्ताह सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड किया था जिसमें उसने नियंत्रण रेखा पर जवानों को दी जाने वाले भोजन की गुणवत्ता निम्न स्तरीय होने का आरोप लगाया था । 


यह याचिका केन्द्र सरकार के पूर्व कर्मी पूर्णचंद आर्या ने दायर की है । मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल ने याचिका पर सुनवाई करते हुए जवानों को दिये जाने वाले भोजन की कथित खराब गुणवत्ता पर बीएसएफ, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), सशस्त्र सीमा बल(एसएसबी), केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), असम राइफल्स और भारत तिब्ब्त सीमा पुलिस (आईटीबीपी) से भी इस संबंध में अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है । 

न्यायालय की पीठ ने बीएसएफ को यह आदेश भी दिया है कि उसके सामने संबंधित जांच रिपोर्ट जमा करे और जानकारी दे कि बल ने जवान यादव की तरफ से भोजन की कथित गुणवत्ता को लेकर लगाये गये आरोपों के संबंध में क्या कदम उठाये गये हैं। न्यायालय ने बीएसएफ से इस संबंध में जो भी रिपोर्ट हैं उसे मामले की सुनवाई की अगली तारीख 27 फरवरी को पेश करने को भी कहा है । 

बीएसएफ की तरह से न्यायालय में हाजिर हुए अधिवक्ता गौरांग कंठ ने पीठ को बताया कि बल ने पहले ही घटना के तत्काल बाद जांच करा ली है और अदालत ने उसके बाद यह आदेश दिया है । गौरतलब है कि वीडियो वायरल होने के बाद गृह मंत्रालय ने इस संबंध में रिपोर्ट मांगी थी । याचिकाकर्ता ने यह भी अनुरोध किया है कि जवान यादव के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किये जाने का निर्देश दिया जाये लेकिन पीठ ने इस संबंध में कोई आदेश जारी करने से मना कर दिया । पीठ ने कहा कि वह इस संबंध में आदेश 
नहीं दे सकती ।

संदिग्ध विदेशी कंपनी को सौंपा गया नोट छापने का काम : कांग्रेस

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नयी दिल्ली 17 जनवरी, कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार ने नोट छापने के मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करते हुए उन विदेशी कंपनियों को इनकी छपायी का काम सौंपा जिनके नाम पहले से ही काली सूची में दर्ज हैं।केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओम्मन चांडी तथा कांग्रेस प्रवक्ता मीम अफजल ने आज यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि सरकार ने ब्रिटेन की कंपनी डे ला रू को नोटों की छपाई का काम सौंपा है। पार्टी ने कहा है कि यह संदिग्ध कंपनी है और संसद की सार्वजनिक उपक्रम समिति ने 21 मार्च 2013 को संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में नोट छापने के लिए आउटसोर्सिंग का सहारा लेने पर गहरी आपत्ति दर्ज की थी ।

कांग्रेस प्रवक्ताओं ने कहा कि संसदीय समिति की रिपोर्ट में आउटसोर्सिंग के जरिए नोटों की छपायी के काम को राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करार दिया था । भारतीय जनता पार्टी के सांसद जगदम्बिका पाल की अध्यक्षता वाली समिति ने कहा था कि यदि विदेशी कंपनियों को देश की मुद्रा छापने का काम सौंपा जाता है तो देश के दुश्मन भारत की सुरक्षा को खतरा पहुंचा सकते हैं ।

श्री चांडी तथा श्री अफजल ने कहा कि भारत सरकार ने तीन विदेशी कंपनियों को एक लाख करोड़ रुपए मूल्य के नोट छापने का काम सौंपा है। इन तीन कंपनियों में ब्रिटेन की डे ला रू के अलावा अमेरिका की बैंकनोट कंपनी और जर्मनी की गीसेक एंड रेरिवेंट कंर्सोटम शामिल हैं जिनको भारत सरकार ने नोटों की छपायी का काम सौंपा है। उन्होंने कहा कि इस बारे में जो भी रिपोर्ट मिल रही हैं उनके आधार पर यह तीनों कंपनियां विश्वसनीय हैं। उनका कहना है कि खबरें इस तरह की भी है कि ये तीनों विदेशी कंपनियों देश की सुरक्षा के साथ किसी भी समय समझौता कर सकती हैं और भारतीय मुद्रा आंतकवादियों तथा आर्थिक अपराधियों तक पहुंचा सकती है जिसका देश को बडा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। 

पार्टी ने कहा कि 2011 में डी ला सुरक्षा कसौटियों पर खरी नहीं उतरी थी और वह अनुबंध के निर्देशों का अनुपालन करने में विफल रही थी , जिसके बाद उसे नोटों की छपायी का काम देने से इनकार कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि अपनी खामियों को खुद इस कंपनी ने भी स्वीकार किया था। 

कांग्रेस प्रवक्ताओं ने कहा कि उस समय मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि ब्रिटिश कंपनी डे ला रू के पास 2000 टन छपे हुए नोट बेकार पड़े मिले थे और उसके बाद गृह मंत्रालय ने इस कंपनी को काली सूची में डाल दिया था। उन्होंने कहा कि सारे सबूतों से स्पष्ट है कि जो कंपनी सुरक्षा मानकों पर खरी नहीं उतर रही है भारत सरकार ने उसे अपनी मुद्रा छापने का जिम्मा सौंपा है।

आलेख : बचपन मुस्कुराने से महरूम न हो जाए

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इन दिनों बन रहे समाज में बच्चों की स्कूल जाने की उम्र लगातार घटती जा रही है, बच्चों के खेलने की उम्र को पढ़ाई-लिखाई में झोंका जा रहा है, उन पर तरह-तरह के स्कूली दबाव डाले जा रहे हैं। अभिभावकों की यह एक तरह की अफण्डता है जो स्टेटस सिम्बल के नाम पर बच्चों की कोमलता एवं बालपन को लील रही है, जिसके बड़े घातक परिणाम होने वाले है। इससे परिवार परम्परा भी धुंधली हो रही है। तने के बिना शाखाओं का और शाखाओं के बिना फूल-पत्तों का अस्तित्व कब रहा है? हम उड़ान के लिये चिड़िया के पंख सोने के मण्ड रहे हैं, पर सोच ही नहीं रहे हैं कि यह पर काटने के समान है। कामकाजी महिलाओं की बढ़ती होड़ ने बच्चों के जीवन पर सर्वाधिक दुष्प्रभाव डाला है। एक और घातक स्थिति बन रही है जिसमें हम दुधमुंहे बच्चों से उन्नत कैरियर की अपेक्षा करने लगे हैं। इतना ही नहीं हम अपनी स्वतंत्रता और स्वच्छन्दता के लिये बच्चे को पैदा होते ही स्वतंत्र बना देना चाहते हैं। उसके अधिकारों और कैरियर की बात तो है, मगर उसकी भावनात्मक मजबूती की बात कहीं होती ही नहीं है। हमारे यहां भी पश्चिमी देशों की भांति इस विचार को किसी आदर्श की तरह पेश किया जाने लगा है कि बच्चे का अलग कमरा होना चाहिए, उसे माता-पिता से अलग दूसरे कमरे में सोना चाहिए। मगर क्या सिर्फ महंगे खिलौनों, कपड़ों, सजे-सजाए कमरे और सबसे बड़े स्कूल में पढ़ाने भर से बच्चे का मानसिक और भावनात्मक पोषण और जरूरतें पूरी हो सकती हैं? मां से बच्चे को जो मानसिक संबल एवं भावनात्मक पोषण मिलता रहा है, क्या वह प्ले स्कूलों से संभव है?

दो-तीन वर्ष की उम्र के बच्चों पर लादा जा रहा शिक्षा का बोझ एक ऐसी विकृति को रोपना है जिससे सम्पूर्ण पारिवारिक व्यवस्था के साथ-साथ एक सम्पूर्ण पीढ़ी  लड़खड़ाने वाली है। यह बचपन पर बोझ है, इसका प्रमाण इससे अधिक क्या हो सकता है कि अस्पतालों में आधी से अधिक भीड़ बच्चों की होती है। आंखों पर मोटे-मोटे चश्मे लग जाते हैं। सिरदर्द की शिकायत बढ़ती जा रही है। पढ़ाई को लेकर बच्चे लगातार तनाव में रहते हैं। जितना अधिक दबाव होगा, उतने ही बच्चे और किशोर मानसिक रूप से परेशान और बीमार होंगे, उतना ही अधिक आत्महत्या जैसे विचार आएंगे। इसके लिए ठोस उपाय शीघ्र ही खोजने होंगे। व्यावसायिकता और अति महत्वाकांक्षाओं के जाल में फंसकर हम कहीं नई पीढ़ी को खो न दें। इस नई पीढ़ी को संभालना हमारे लिए अत्यंत आवश्यक है। परिवार के बदलते स्वरूप, माताओं के कामकाजी बन जाने और बढ़ती व्यस्तताओं के बीच अब उनके बच्चों के स्कूल जाने की उम्र पांच साल या इससे ऊपर नहीं रही, बल्कि शहरों-महानगरों में यह घट कर महज तीन साल रह गई है। तीन साल ही नहीं, कुछ मामलों में तो यह और भी कम हो गयी है। विडम्बनापूर्ण तो यह है कि कुछ सालों पहले तक तीन से छह साल तक के बच्चों के लिए प्ले या प्री स्कूल की व्यवस्था प्रचलित हुई थी, जिसमें  इतने छोटे बच्चों की पढ़ाई-लिखाई न होकर उनके खेलने-कूदने एवं मानसिक विकास के लिये उनसे तरह-तरह के उद्यम करवाये जाते थे। लेकिन देखने में आ रहा है कि प्ले एवं प्री स्कूलों के लिये भी बाकायदा पाठ्यक्रम बन गये हैं और इसके बढ़ते दायरे का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले कुछ सालों के भीतर इसने एक बड़े कारोबार का रूप ले लिया है। न केवल भव्य एवं आलीशान प्ले एवं प्री स्कूलें बन गयी है बल्कि उनके पाठ्यक्रम भी आकर्षक एवं खर्चीले बनने लगे हैं। फीस के नाम पर मोटी रकम की वसूली से लेकर बच्चों के साथ बर्ताव तक के मामले में अक्सर कई तरह गड़बड़ियां सामने आती रही हैं। इसके अलावा, कई जगहों पर सिर्फ एक कमरे या किसी बेसमेंट तक में ऐसे स्कूल चलाए जाते हैं। क्या वास्तव में हम बच्चों से उनका बचपन छीन रहे हैं। आधुनिकता और विलासिता की चकाचैंध में बच्चों को कच्ची उम्र से ही अपने अनुसार ढालने की प्रक्रिया और टीवी, मोबाइल, कम्प्यूटर जैसे आधुनिक माध्यमों के प्रभाव के चलते बचपन कहीं गुम होता जा रहा है। हम अपने बच्चों को एक रोबोट जैसा बनाते जा रहे हैं, जिसका रिमोट हमारे हाथ में होता है। कहीं यही कारण तो नहीं हैं कि कच्ची उम्र से ही आत्महत्या करने की भावना जन्म लेने लगी है। ये वह दौर है, जब हर तरह के सर्वे हो रहे हैं, अध्ययन हो रहे हैं, शोध हो रहे हैं, लेकिन कोई शोध इस बचपन के बोझ को कम करने के लिए हो रहा है क्या? क्या ऐसा नहीं लग रहा कि बचपन को हमने बहुराष्ट्रीय कम्पनियों और धन-दौलत के लालची व्यापारियों के हाथों में सौंप दिया है?

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विकास और आधुनिकता के नाम पर हमारे चारों ओर जो घेरा बन गया है, वह एक चक्रव्यूह की तरह हो गया है और हम अभिमन्यु की भांति इसमें प्रवेश तो कर गए हैं, परंतु बाहर निकलने का रास्ता हमारे पास नहीं है। कोई अर्जुन या कृष्ण भी हमारे पास नहीं है, जो हमारा मार्ग प्रशस्त कर सके। यहां मुद्दा हमारी बाल पीढ़ी का है, जो बेहद संवेदनशील है। ऐसे में बचपन के बरक्स अनायास ही जगजीत सिंह की गुनगुनाई गजल बरबस जुबां पर आ जाती है कि... ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो, भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी, मगर मुझको लौटा दो वो बचपन का सावन, वो कागज की कश्ती, वो बारिश का पानी... इसका स्मरण और इसके बोल का आज भी दिल को नम कर जाना दर्शाता है कि बचपन से अनमोल कुछ भी नहीं। पर इस बहुमूल्य बचपन को पढ़ाई का बोझ, असंवेदनशील होते रिश्तें और आज की मशीनीकृत जीवनशैली लीलती जा रही है। इन प्ले स्कूलों पर नियंत्रण या निगरानी के लिए अब तक कोई सरकारी संस्थागत व्यवस्था नहीं है, इसलिए इनके संचालकों की मनमानी की शिकायतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। इसी के मद््देनजर इन्हें नियमन के दायरे में लाने की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। अब देर से सही, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने इन स्कूलों की खातिर बाकायदा दिशा-निर्देश जारी किया है। इसके तहत अब किसी भी प्ले या प्री-स्कूल को चलाने के लिए मान्यता अनिवार्य होगी। इसमें संबंधित प्राधिकार से अनुमति, बीस बच्चों पर एक शिक्षक, देखभाल के लिए सहायक-सहायिका, इमारत में चारदिवारी, रोशनदान, बेहतर बुनियादी सुविधाएं, सुरक्षा-व्यवस्था और सीसीटीवी जैसी शर्तें शामिल हैं। बच्चों को किसी भी तरह का शारीरिक या मानसिक दंड देना अपराध होगा। वहां काम करने वाले सभी कर्मचारियों को न्यूनतम योग्यता और पुलिस जांच की तय प्रक्रिया से गुजरना होगा। इन प्रावधानों के साथ-साथ न्यूनतम उम्र का भी निर्धारण होना अपेक्षित है। इस राष्ट्रीय बहस होनी चाहिए और विशेषज्ञों की एक कमिटी बनाकर उनसे राय ली जानी चाहिए कि प्ले स्कूलों में प्रवेश के लिये उम्र क्या होगी? इन स्कूलों में पाठ्यक्रम की बजाय शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिये खेलकृूद के साथ-साथ अन्य उपक्रम होने चाहिए। आॅस्कर वाइल्ड ने कहा है कि ‘‘मेरे पास बहुत से फूल हैं लेकिन बच्चे सबसे सुंदर फूल हैं। इन बच्चों पर वक्त से पहले चिन्ताएं लादना त्रासदभरी प्रक्रिया है। जिन विकासशील और विकसित राष्ट्रों ने बचपन को अनदेखा किया, वे पछता रहे हंै। वे महसूस कर रहे हैं कि कुछ पाने में बहुत कुछ खो दिया है। हम उन राहों पर चलकर क्यों आत्महंता बन रहे हैं?

खेल के मैदान का मुंह तो महानगरों के बच्चे शायद ही कभी देख पाते हों। महानगर ही क्यों, अब तो यही हाल कमोबेश शहरों और कस्बों का होता जा रहा है। दरअसल, पढ़ाई के बढ़ते उत्तरोत्तर बोझ ने बच्चों को किताबी कीड़ा बना कर रख दिया है। यह बात दीगर है कि इसकी वजह से वे भले इंजीनियर, डॉक्टर, प्रबंधक, प्रशासनिक अधिकारी बन रहे हों, पर इंसान बनने के मूलभूत गुणों से वंचित होते जा रहे हैं। क्योंकि इंसानी संगत का विकल्प टीवी, स्वचालित खिलौने और केवल किताबी ज्ञान ही नहीं हो सकता। छोटे परिवार, स्वार्थमय जीवन, अपने पराये का भेद आज की पीढ़ी कच्ची उम्र में ही सीख जाती है। कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक ओर मानव सभ्यता विकास और उन्नति के शीर्ष पर अपने कदम रख रही है, तो दूसरी ओर हम और हमारी पीढ़ी संवेदनाशून्य, भावशून्य होकर मानवीय मूल्यों व उसकी गरिमा को रसातल में ले जाने पर उतारू हैं। इसकी वजह बहुत हद तक जीवन में विद्यमान प्रतियोगिता और कृत्रिमता है। समय का तकाजा है कि हम उन सभी रास्तों को छोड़ दें जहां बच्चों की शक्तियां बिखरती हैं। बच्चों को संवारना, उपयोगी बनाना और उसे परिवार की मूलधारा में जोड़े रखना एक महत्वपूर्ण उपक्रम है। इसके लिए हमारे प्रबल पुरुषार्थ, साफ नियत और दृढ़ संकल्प की जरूरत है। इसके लिये परिवार के परिवेश को ही सशक्त बनाने की जरूरत है। जिंदगी वह है जो हम बनाते हैं। ऐसा हमेशा हुआ है और हमेशा होगा। इसलिए बच्चों से बचपन में ही अतिश्योक्तिपूर्ण अपेक्षाएं करना, उन पर शिक्षा का बोझ लादना और उनके कोमल मस्तिष्क पर दबाव डालना उचित नहीं है। महान विचारक कोलरिज के यह शब्द-‘पीड़ा भरा होगा यह विश्व बच्चों के बिना और कितना अमानवीय होगा यह वृद्धों के बिना?’ वर्तमान संदर्भ में आधुनिक पारिवारिक जीवनशैली पर यह एक ऐसी टिप्पणी है जिसमें वृद्ध और बच्चों की उपेक्षा को एक अभिशाप के रूप में चित्रित किया गया है।

ऐसा देखा गया है कि शहरों-महानगरों की तेज जीवनशैली से प्रभावित कई माता-पिता जल्दी से जल्दी पढ़ाई शुरू कराने के चक्कर में दो साल की उम्र में ही अपने बच्चे को प्ले या प्री स्कूल में भेजना शुरू कर देते हैं। जबकि इतनी छोटी उम्र के बच्चों के कोमल मन-मस्तिष्क को भावनात्मक संरक्षण और बाल मनोविज्ञान की समझ रखने वाले प्रशिक्षित कर्मी की जरूरत ज्यादा पड़ती है। इसलिए यह तय किया गया है कि प्ले स्कूल तीन साल से छोटे बच्चे को दाखिला नहीं दे सकेंगे। एक और अच्छी बात यह है कि इन स्कूलों के लिए मॉड्यूल और पाठ्य-पुस्तकें तैयार की जा रही हैं, ताकि वहां आने वाले बच्चों को नियमित शिक्षा के ढांचे के तहत आगे की दिशा मिल सके। उम्मीद की जानी चाहिए कि आयोग सिफारिशें देकर खामोश नहीं बैठ जाएगा, बल्कि उन पर अमल का संज्ञान भी लेगा। कैसी विचित्र स्थिति बनती जा रही है, बच्चे का जन्म आज के माता-पिता के सुख-साधन में रोड़ा बनने लगा है। उनकी आजादी में बाधा बनता है, इसलिए वे उसे भार की तरह मानते हैं। उसकी जिम्मेदारी उठाने से भागते हैं, जल्दी से जल्दी स्कूल भेजना चाहते हैं या आया के हवाले कर देना चाहते हैं। सोचिए कि अगर माता-पिता ही बच्चे के बारे में ऐसा सोच रहे हैं, तो बच्चा कितना अकेला होगा? ऐसा बच्चा अपनी जरूरतों के लिए किसके सहारे बड़ा होगा। बड़ा होकर वह कैसा नागरिक बनेगा। मगर वर्तमान और सिर्फ आज में जीने वालों के लिए भविष्य का शायद कोई मायने ही नहीं। जैसे-जैसे समय बीत रहा है, कोरी विकास की बातें हो रही हैं, माता-पिता अपनी-अपनी नौकरियों और करिअर में ज्यादा से ज्यादा व्यस्त होते गए हैं। जितना उनके पास समय कम हुआ है, उसी अनुपात में बचपन पीछे छूटता गया है। हो न हो आज जितनी असंवेदनशीलता हमारे चंहु ओर पसर रही है उसके नेपथ्य में बचपन का असमय समाप्त होना, सामाजिक संरचना का शिथिल होना है। बचपन है तो भविष्य है, बाल मन की इस बोझिल पढाई और उससे मुक्ति की मुहिम जरूरी है, ताकि बच्चा मुस्कुराने से महरूम न हो जायंे।




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(ललित गर्ग)
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सुलतान का एलान... दबंग 3 ईद पर होगी रीलिज

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सलमान खान की दबंग 3 को लेकर अगर कोई सबसे बड़ी चर्चा है तो वो है फिल्म की हीरोइन। फिल्म इसी मास जनवरी से फ्लोर पर जा रही है और सलमान खान की हीरोइन की तलाश जारी है। सलमान खान की दबंग 3 को लेकर आखिरी एलान हो चुका है और चुलबुल पांडे एक बार फिर से ईद  पर दस्तक देंगे। अरबाज खान तेजी से फिल्म की कहानी लिख रहे हैं और फिल्म इसी माह यानि जनवरी से फ्लोर पर चली जाएगी। जबकि सलमान एक अन्य फिल्म खान दनादन शूट भी करने वाले हैं। क्योंकि यह फिल्म भी ईद पर फिल्म को रिलीज होगी, और क्रिस्मस 2017 तक सलमान टाईगर जिंदा है में व्यस्त रहने वाले हैं। सलमान खान ईद पर ट्यूबलाइट और फिर दिसंबर में टाइगर जिंदा है के साथ परदे पर नजर आएंगे। फिलहाल तो सलमान खान ने कोई और प्रोजेक्ट के बारे में खुलकर बात नहीं की है।  हालांकि सलमान का इसके अलावा कई फिल्में, प्रोड्यूस करने का प्लान है, जिनमें से एक में सुशांत सिंह राजपूत और जैकलीन फर्नांडीज फाइनल हैं। वहीं दबंग 3 के लिए हीरोइन की तलाश तेजी से जारी है। जानिए फिल्म से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें -

हीरोइनों का सेलेक्शन
दबंग 3 की कास्टिंग अभी भी फैन्स के लिए सरप्राइज ही बनी हुई है। लेकिन चर्चा है कि ईद का रोमांस सलमान शाहरूख खान की स्टार वाइफ यानि फैन की एक्ट्रेस वलूशा डीसूजा के साथ करने वाले हैं। हालांकि एमी जैक्सन का नाम भी फिल्म से जुड़ रहा है।

सुलतान का एलान...जनवरी 2018 से दबंग 3 और सलमान
सलमान खान की दबंग 3 को लेकर अगर कोई सबसे बड़ी चर्चा है तो वो है फिल्म की हीरोइन। फिल्म जनवरी 2018 से फ्लोर पर जा रही है और सलमान खान की हीरोइन की तलाश जारी है। सलमान खान की दबंग 3 को लेकर आखिरी एलान हो चुका है और चुलबुल पांडे एक बार फिर से ईद 2018 पर दस्तक देंगे। अरबाज खान तेजी से फिल्म की कहानी लिख रहे हैं और फिल्म जनवरी 2018 से फ्लोर पर चली जाएगी। यानि कि सलमान खान दनादन शूट करने वाले हैं। क्योंकि ईद पर फिल्म को रिलीज होना है। और क्रिस्मस 2017 तक सलमान टाईगर जिंदा है में व्यस्त रहने वाले हैं। इसके पहले 2017 में सलमान खान ईद पर ट्यूबलाइट और फिर दिसंबर में टाइगर जिंदा है के साथ परदे पर नजर आएंगे। फिलहाल तो सलमान खान ने कोई और प्रोजेक्ट के बारे में खुलकर बात नहीं की है।

 सलमान खान की ट्यूबलाइट ने तो फ्यूज ही उड़ा दिया!,
हालांकि इसके अलावा उनकी कई फिल्में, प्रोड्यूस करने का प्लान है, जिनमें से एक में सुशांत सिंह राजपूत और जैकलीन फर्नांडीज फाइनल हैं। वहीं दबंग 3 के लिए हीरोइन की तलाश तेजी से जारी है। सलमान इन 10 नई हीरोइनें के काम पर पूरी नजर रख रहे हैं।

जानिए फिल्म से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें -
हीरोइनों का सेलेक्शन
दबंग 3 की कास्टिंग अभी भी फैन्स के लिए सरप्राइज ही बनी हुई है। लेकिन गपशप गली की मानें 2018 में ईद का रोमांस सलमान शाहरूख खान की स्टार वाइफ यानि फैन की एक्ट्रेस वलूशा डीसूजा के साथ करने वाले हैं। हालांकि एमी जैक्सन का नाम भी फिल्म से जुड़ रहा है।

दबंग माइनस 1
दबंग 3, दबंग का सीक्वल ना होकर प्रीक्वल है। यानि कि दबंग के पहले कि कहानी। सीधे शब्दों में चुलबुल पांडे, रॉबिनहुड पांडे कैसे बने इसकी कहानी। इस कहानी को अरबाज ने सलमान के कहने पर 2 बार बदला है।

दबंग 3 की पहली खबर
अगर सूत्रों की मानें तो फिल्म में सलमान खान ने साजिद वाजिद की जगह हिमेश रेशमिया को मौका देने की ठान ली है। गौरतलब है कि साजिद वाजिद दबंग सीरीज की पहचान हैं। तोरे नैना से लेकर मुन्नी तक उन्होंने दबंग का हर गाना पॉपुलर किया है। हालांकि ऐसा ही साथ सलमान और हिमेश का था। हेलो ब्रदर के जमाने से सलमान हिमेश साथ काम कर रहे थे। और अब दबंग 3 में भी हिमेश का म्यूजिक होगा।

नो मुन्नी, नो आईटम
अब अरबाज और मलाइका के बीच चीजें हाल ही में कैसी रही हैं, सब जानते हैं। ऐसे में फिल्म में मलाईका का आईटम नंबर होगा, इस पर काफी संदेह है। हालांकि मलाईका का आईटम, दबंग की जान हमेशा रहा है। ऐसे में दबंग 3 में क्या बदलेगा इसका सबको इंतजार है।

पिछले आईटम से कंट्रोवर्सी
शबाना आजमी ने खुलकर दबंग 2 के आइटम सॉन्ग - फेविकोल से पर प्रहार किया था। शबाना ने कहा कि ऐसे गाने औरत को एक चीज बनाने के पेश करते हैं। गाने में एक जगह करीना कपूर कहती हैं कि मैं तंदूरी मुर्गी हूं और मुझे शराब से गटक जाओ। और यही गाने 6 साल का बच्चा गाता है और ये गलत है। पढ़िए पूरी बात--झख्अगर करीना तंदूरी मुर्गी है तो केवल सलमान ही चखेंगे?,

परिणीति की एंट्री
माना जा रहा था कि अरबाज खान को परिणीति चोपड़ा, फिल्म की लीड के लिए परफेक्ट लग रही हैं और वो जल्द परी को अप्रोच कर सकते हैं। इससे पहले, जब परिणीति के हाथ से सुलतान गई थी तो ये साफ हो गया था कि सलमान उनके साथ काम नहीं करना चाह रहे हैं।

रज्जो नहीं तो सोना नहीं
कहा गया कि सलमान खान और सोनाक्षी सिन्हा के बीच चीजें तब से नहीं ठीक चल रही थीं, जब से सोनाक्षी ने अरबाज खान की फिल्म डॉली की डोली रिजेक्ट कर दी थी। लेकिन सोनाक्षी ने साफ कहा कि अगर दबंग 3 में रज्जो है तो वो रोल मेरा ही रहेगा।

कंफर्म हो गई हीरोइन
अरबाज खान कुछ महीनों पहले ही कंफर्म कर दिया है कि सोनाक्षी सिन्हा दबंग 3 का हिस्सा होंगी और फिल्म 2018 में शुरू की जाएगी। हालांकि अरबाज ने ये भी साफ कर दिया कि फिल्म में एक और हीरोइन होगी और सोनाक्षी का रोल कितना होगा, ये स्क्रिप्ट पर निर्भर करता है। दबंग 3, दबंग का सीक्वल ना होकर प्रीक्वल है। यानि कि दबंग के पहले कि कहानी। सीधे शब्दों में चुलबुल पांडे, रॉबिनहुड पांडे कैसे बने इसकी कहानी। इस कहानी को अरबाज ने सलमान के कहने पर 2 बार बदला है।

काजोल ने किया रिजेक्ट
चर्चा थी कि अरबाज खान ने दबंग 3 में एक रोल के लिए काजोल को अप्रोच किया था और ये रोल था निगेटिव लीड का। काजोल को रोल में दम नहीं लगा और उन्होंने साफ कहा कि सलमान खान के आगे ये रोल फीका लग रहा है और इसलिए उन्होंने फिल्म को कर दिया ना।

नई हीरोइन की टॉपलेस तस्वीरें
सलमान की एक करीबी दोस्त पर्ल राह को लेकर ये अफवाहें उड़ रही हैं कि वो दंबग 3 में उनका भी रोल है। वहीं उनके नाम की हवा तब बनी जब उन्होंने अपनी कुछ टॉपलेस तस्वीरें पोस्ट की। कुछ ही देर में ये तस्वीरें वायरल भी हो गईं। खबरों ने जोर तब पकड़ा जब पर्ल की तरफ से खबरें आईं कि सलमान ने उन्हें डिनर पार्टी में इन्वाइट किया हालांकि सूत्रों की मानें तो उन्हें दबंग 3 के लिए मौका मिल सकता है।

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 17 जनवरी)

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30 जनवरी को मद्य निषेध संकल्प दिवस

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महात्मा गांधी की पुण्य तिथि 30 जनवरी,2017 के अवसर पर मद्य निषेध संकल्प दिवस के रूप में मनाया जाएगा। समाज के सभी वर्गों में बढती हुई मदिरा पान की प्रवृत्ति की रोकथाम के लिए तथा इससे होने वाले दुष्परिणाम से समाज को अवगत कराने के लिए कई आयोजन किए जाएंगे। विद्यालय, महाविद्यालय, नगर पंचायत, जनपद पंचायत और स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा सेमिनार, रैली प्रदर्षन, वाद-विवाद, निबंध, पोस्टर, गीत, नाटक एवं अन्य प्रतियोगिताओं के माध्यम से मद्य निषेध संकल्प दिवस मनाया जाएगा।

भूतपूर्व सैनिकों व सैनिक परिवारों की रैली 22 जनवरी को

जिला सीहोर सहित भोपाल, रायसेन, विदिशा एवं होशंगाबाद जिलों में निवासरत भूतपूर्व सैनिकों तथा सैनिकों की विधवाओं के सम्मान में जिला सैनिक कल्याण कार्यालय भोपाल द्वारा भूतपूर्व सैनिक रैली का आयोजन 22 जनवरी,2017 को प्रातः 9 बजे से ईएमई सेन्टर स्थित जीत स्टेडियम बैरागढ में किया गया है। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल डी.सी.गोयल ने संबंधित जिलों के भूतपूर्व सैनिकों व सैनिकों की विधवाओं से आग्रह किया है कि वे इस रैली में अवश्य उपस्थित हों। रैली स्थल तक पहुंचने के लिए वाहन एवं भोजन की व्यवस्था सैनिक कल्याण कार्यालय द्वारा की गई है। उन्होंने बताया कि रैली आयोजन स्थल पर कैंटीन सामग्री प्रदाय किए जाने की व्यवस्था भी की गई है साथ ही भूतपूर्व सैनिकों के पेंशन संबंधी प्रकरणों के निराकरण तथा चिकित्सा संबंधी मेडीकल केम्प की व्यवस्था भी इस दौरान उपलब्ध रहेगी।

जूनियर मैथ्स ओलिम्पियाड में शामिल हो सकेंगे, 7 वीं व 8 वीं कक्षा के विद्यार्थी

राज्य विज्ञान संस्थान एवं अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय जबलपुर द्वारा हर वर्ष जूनियर मैथ्स ओलिम्पियाड का आयोजन किया जाता है । इस परीक्षा में प्रदेश के सभी शासकीय माध्यमिक शालाओं में नियमित रूप से अध्ययन करने वाले कक्षा 7 एवं 8वीं के विद्यार्थी शामिल हो सकते है। यह परीक्षा पूर्णतः निःशुल्क होती है। यह परीक्षा दो चरणों में आयोजित की जाती है जिसमें प्रथम चरण की परीक्षा 12 फरवरी,2017 को दोपहर एक से तीन बजे के बीच आयोजित होगी तथा द्वितीय चरण की परीक्षा 12 मार्च,201र्7 को एक से तीन बजे के बीच ही आयोजित होगी। यह परीक्षा ओएमआर पद्धति पर आधारित होगी । द्वितीय चरण की परीक्षा का परिणाम 20 मार्च,2017 को घोषित किया जायेगा। यह परीक्षा परिणाम अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय जबलपुर की वेबसाइट ूूू.ेपेमउव.वतह पर देखा जा सकता है। जो विद्यार्थी एसएमएस के माध्यम से परीक्षा परिणाम प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें आवेदन में अपने मोबाइल नंबर की जानकारी भी देना होगी ।

18,19 तथा 20 जनवरी 2017 को होगा प्रतिभा पर्व का आयोजन

शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत प्रांरभिक शिक्षा में गुणवत्ता लाने तथा शालाओं में शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार लाने के उद्देश्य से प्राथमिक तथा माध्यमिक शालाओं मेें प्रतिभापर्व का आयोजन दिनांक 18,19 तथा 20 जनवरी 2017 को किया जा रहा है जिसमें जिले की समस्त प्राथमिक तथा माध्यमिक शालाओं में एक साथ मूल्यांकन होगा। इस मूल्यांकन के दौरान षालाओं में शालेय व्यवस्था तथा कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों का शैक्षणिक मूल्यांकन शाला प्रबंध समिति के सदस्य तथा जिले से नियुक्त सत्यापनकर्ताओं की उपस्थिति में शाला प्रभारी तथा शाला शिक्षकों द्वारा किया जायेगा । जिले में प्राथमिक कक्षाओं के 67052 बच्चे तथा माध्यमिक कक्षाओं के 43595 बच्चे इस मूल्यांकन में सहभागिता करेंगे। जिला परियोजना समन्वय जिला शिक्षा केन्द्र सीहोर ने बताया कि प्रथम व द्वितीय दिवस बच्चों का विषय आधारित मूल्यांकन किया जाएगा। प्रतिभा पर्व अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन के रूप में होगा। प्रतिभा पर्व का तीसरा दिवस बालसभा तथा वार्षिकोत्सव के रूप में आयोजित किया जाएगा। बालसभा का संचालन शाला में गठित बाल-केबिनेट के द्वारा कराया जाएगा। इस दिन जन प्रतिनिधियों व पालकों को आमंत्रित किया जाएगा। पालकों द्वारा बालसभा की गतिविधियों का अवलोकन करने के साथ-साथ कक्षाशिक्षक से बातचीत कर बच्चों के रिजल्ट साझा किए जायेंगे। उपस्थित अभिभावकों के सामने उनकेे बच्चों के सकारात्मक पक्ष को प्रस्तुत किया जाएगा तथा बच्चों के पोर्टफोलियो भी दिखाए जायेंगे। वार्षिकोत्सव आयोजन हेतु 2700 रू0 की राषि षालाओं को जारी की जा रही है। शाला प्रबंधन समिति व षिक्षकों के साथ ग्राम पंचायत/नगरीय निकाय का सहयोग लिया जाएगा। इसके लिए पंचायत कर्मियों यथा- पंचायत सचिव, ग्राम प्रभारी तथा आंगनबाड़ी सुपरवाइजर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, साक्षरता प्रेरक, आशा कार्यकर्ता आदि का सहयोग लिया जायेगा। प्रतिभा पर्व के दिन शाला प्रबंधन समिति सदस्य, सरपंच-पंच/जनप्रतिनिधि भी शाला का अवलोकन करेंगे। प्रतिभा पर्व के तीसरे अंतिम दिवस पर विशेष मध्याह्न भोजन (स्पेषल मिड-डे-मील) उपलब्ध कराया जाएगा। प्रश्नपत्र नवम्बर, 2016 तक के पाठ्यक्रम पर आधारित होंगे। कक्षा 3, 5 तथा 8 के हिन्दी, गणित, पर्यावरण अध्ययन तथा विज्ञान के प्रष्नपत्र 6 सेटों में सेटवार दिये गये हैं।  कक्षा-1 से 4 तथा कक्षा-6, 7 की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन शाला स्तर पर अन्य कक्षाओं (उच्च कक्षा) को पढ़ाने वाले शिक्षक द्वारा किया जाएगा। कक्षा-5 व 8 की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन संकुल केन्द्र स्तर पर क्रमशः मिडिल व हाईस्कूल/हायरसेकण्ड्री शालाओं के शिक्षकों के द्वारा राज्य स्तर से उपलब्ध कराए गए माॅडल उत्तर के आधार पर किया जाएगा। जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र सीहोर ने बताया कि प्रष्नों के माॅडल उत्तर एजुकेशन पोर्टल पर प्रत्येक परीक्षा उपरान्त उसी दिन अपलोड किए जाएंगे। संबंधित जनषिक्षाकेन्द्र्र प्रभारी/जनषिक्षक इसे डाउनलोड कर मूल्यांकनकर्ताओं हार्ड कापी या वाटसएप पर उपलब्ध कराऐंगे।  कक्षा-1 से 8 के षालेय व्यवस्था तथा षैक्षणिक मूल्यांकन का डाटा पोर्टल पर डाला जायेगा।शालावार नामांकित सत्यापनकत्र्ता अधिकारी निर्धारित अवधि में आवंटित तिथि को शाला में उपस्थित होकर प्रधानाध्यापक द्वारा शाला के बारे में भरे षैक्षिक व्यवस्था मूल्यांकन प्रपत्र की जानकारी तथा शिक्षक द्वारा बच्चों की उपलब्धि के संबंध में शैक्षिक मूल्यांकन प्रपत्र-1 व प्रपत्र-2 में भरी गई जानकारी का शाला समय में सत्यापन करेंगे। तृतीय दिवस में बालसभा के दौरान शाला में उपस्थित होकर गतिविधियों का अवलोकन करेंगे। जिले में 295 अधिकारी सत्यापनकर्ता अधिकारी के रूप में लगाये गये हैं।   जिले की 120 सेम्पल षालाओं मंे प्रतिभापर्व मूल्यांकन राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे के अनुरूप किया जा रहा है। जहाॅं षालाओं से अन्य जानकारी भी एकत्रित की जायेगी।  शाला स्तर पर प्रतिभा पर्व की उत्तरपुस्तिकाओं का प्रश्नवार विश्लेषण किया जाएगा। इस विश्लेषण के आधार पर जो गेप निकल कर आ रहे हैं, उन्हें दूर करने की रणनीति बनाई जाएगी। इन गेप्स का रिकार्ड रखा जाए और फरवरी माह तक गेप फिलिंग की जाएगी। उसके बाद वार्षिक मूल्यांकन में सुधार देखा जाएगा और रेण्डमली चैक किया जाएगा। 

डाटा विश्लेषण, सुधारात्मक कार्रवाई व फाॅलोअप
प्रतिभा पर्व संबंधी विभिन्न प्रपत्र, परिणामों का विश्लेषण, रिजल्ट साझा करने, सुधारात्मक प्रयास व फालोअप किया जाएगी। सभी स्तरों पर फालोअप की संख्यात्मक जानकारी प्राप्त कर इसकी नियमित समीक्षा की जाएगी। मूल्यांकन अवधि में किसी भी षिक्षक का किसी भी तरह का अवकाष मान्य नहीं किया जाएगा। शिक्षक की अनुपस्थिति की स्थिति में संबंधित के विरुद्ध अनुषासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। प्रतिभा पर्व के परिणामों के आधार पर बच्चों की कमजोरियों का पता लगाकर सुधार कार्यक्रम शाला स्तर, विकासखण्ड स्तर तथा जिला स्तर पर तैयार किये जायंेगे ताकि जिले की शासकीय शालाओं में गुणवत्तापूर्ण षिक्षा बच्चों को उपलब्ध कराई जा सके। 

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 17 जनवरी)

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आनंद उत्सव का आयोजन जिले में जारी ग्राम हांसुआ के कार्यक्रम में कलेक्टर एवं एसपी शामिल हुए

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आनंद उत्सव का आयोजन जिले में जारी है हर रोज कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। मंगलवार को ग्राम हांसुआ के स्कूल प्रागंण में आयोजित आनंद उत्सव कार्यक्रम में कलेक्टर श्री अनिल सुचारी, पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी, एसडीएम श्री आरपी अहिरवार के अलावा अन्य अधिकारी, कर्मचारी तथा श्री मनोज कपूर समेत अन्य जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, ग्रामीणजन और विद्यार्थीगण मौजूद थे। कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने ग्राम में नेकी की दीवार बनाए जाने पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि जो हमारे पास अतिरिक्त है वह किसी दूसरे के काम आ सकता है। देने की खुशी से हम आनंदित हो सकते है वही जिसे जरूरत है उसे सामान की प्राप्ति होने पर पर वह भी आनंदित हो। भौतिकवादी युग में हम छोटे-छोटे कार्यो से ये स्वंय आनंदित हो और दूसरे को भी आनंदित की अनुभूति हो। ऐसे कार्य करने का उन्होंने आव्हान किया। कलेक्टर श्री सुचारी ने कहा कि आनंद उत्सव के तहत जो खेल-कूद प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही है उसमें हार-जीत का कोई मायने नही रखती है। हम खेलों के माध्यम से कैसे आनंदित हो ही प्रमुखता है। प्रागंण में आयोजित खेल प्रतियोगिता क्रमशः कुर्सी दौड़, कबडडी, रस्साकसी में महिलाओं और छात्राओं ने अपने हाथ आजमाए। वही रंगोली तथा पुरूषों की भजन प्रतियोगिता हुई। जिसे कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक सहित अन्य ने देखा। प्रतियोगिता में शामिल सभी को मैडल और प्रमाण पत्र प्रदाय किए गए। 

जनसुनवाई कार्यक्रम में 120 आवेदनांे का निराकरण

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कलेक्टर श्री अनिल सुचारी के द्वारा मंगलवार को आहूत की गई जनसुनवाई कार्यक्रम में 183 आवेदकों ने अपने आवेदन प्रस्तुत कर व्यक्तिगत और सार्वजनिक समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित कराया। कलेक्टर श्री सुचारी के द्वारा मौके पर 120 आवेदनों का निराकरण किया गया है शेष लंबि आवेदनांे पर समय सीमा में कार्यवाही करने के निर्देश उनके द्वारा संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिए गए है। कलेक्टर न्यायालय कक्ष में हुई जनसुनवाई कार्यक्रम के दौरान आवेदक श्री नरेन्द्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत उनके द्वारा फार्म भरा गया है किन्तु बैंक द्वारा अब तक स्वीकृति नही दी गई है। आवेदक के प्रकरण में लीड़ बैंक के आफीसर को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए। आवेदिका श्रीमती कलाबाई, सावित्रीबाई, रामकलीबाई ने बताया कि उन्हें विगत तीन माह से वृद्वावस्था पेंशन नही मिल रही है। सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारी को कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए। ग्राम कागपुर की आवेदिका श्रीमती गीताबाई ने बताया कि पट्टे की भूमि पर आवास बनाने हेतु आवेदन दिया गया है किन्तु उस पर अभी तक कार्यवाही नही हुई है। जनपद सीईओ ने इस दौरान बताया कि आवेदिका का प्रकरण स्वीकृति हेतु बैंक प्रेषित किया गया है। आवेदक श्री पप्पू अहिरवार ने सीमांकन कराने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया। जिस पर कार्यवाही करने के निर्देश तहसीलदार को दिए गए है। निःशक्त आवेदिका श्रीमती मुन्नीबाई लोधी ने ट्रायसाइकिल की मांग की जिसे अवगत कराया गया कि सामाजिक न्याय कार्यालय को जैसे ही ट्रायसाइकिल उपलब्ध कराई जाती है आवेदिका को वितरित की जाएगी। जनसुनवाई कार्यक्रम के दौरान अपर कलेक्टर श्री एचपी वर्मा, एसडीएम श्री आरपी अहिरवार, डिप्टी कलेक्टर श्री चंद्रप्रताप गोहल समेत विभिन्न विभागोें के जिलाधिकारी मौजूद थे।
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