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भाजपा ने मानव श्रृंखला में बदइंतजामी को लेकर नीतीश सरकार पर साधा निशाना

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पटना 21 जनवरी (वार्ता) बिहार में मानव श्रृंखला के दौरान बदइंतजामी पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए आज कहा कि कार्यक्रम में स्कूली बच्चों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जबरदस्ती की गई, जिससे राज्य भर में 12 से ज्यादा बच्चे बेहोश हुए।  श्री मोदी ने माइक्रो ब्लॉगिंग साईट ट्विटर पर लिखा, “मानव श्रृंखला में स्कूली बच्चों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जबरदस्ती की गई, जिससे राज्य भर में 12 से ज्यादा बच्चे बेहोश हुए। कहीं एम्बुलेंस नहीं था, तो कहीं अस्पताल में लापरवाही बरती गई। दो बच्चे नहर में गिर गए। सरकार जबरदस्ती नहीं करने और सुरक्षा-चिकित्सा का पक्का इंतजाम करने के लिए पटना उच्च न्यायालय में दिये अपने आश्वासन का पालन नहीं कर पायी।” उन्होंने कहा कि रिकाॅर्ड बनाने के नाम पर कई घंटे तक लाखों बच्चों का इस्तेमाल किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण था। जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्‍ट्रीय संरक्षक राजेश रंजन उर्फ पप्‍पू यादव ने शराबबंदी के समर्थन में आयोजित मानव श्रृंखला को नाकामयाब बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम को आम लोगों का समर्थन नहीं मिला और मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की मानव श्रृंखला के माध्यम से चेहरा चमकाने की मुहिम फेल हो गई। उन्‍होंने कहा कि आज के कार्यक्रम में केवल सरकारी कर्मचारी और स्‍कूली बच्‍चे ही शामिल हुए। उन्‍होंने प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि राज्य में शराब तो अब भी मिलती है, वह भी आसानी से। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी की राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष सीमा सक्सेना ने मानव श्रृंखला में भाग लेने जा रहे बच्चों के साथ हुए सड़क हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि मानव श्रृंखला को लेकर हादसों में बच्चों की मौत का दौषी आखिर कौन है। यदि स्कूली बच्चों को मानव श्रृंखला में शामिल किया गया तो स्कूलों को चाहिए था कि वो इनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित करे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। वहीं हिन्दुस्तानी आवामी मोर्चा ने मानव श्रृंखला कार्यक्रम को राज्य सरकार की नौटंकी बताते हुए खुद को पूरे कार्यक्रम से अलग रखा। 

बिहार ने शराबबंदी के खिलाफ रचा इतिहास : नीतीश

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पटना 21 जनवरी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि शराबबंदी और नशामुक्ति के समर्थन में राज्य के तीन करोड़ से अधिक लोगों ने मानव श्रृंखला बनाकर इतिहास रच दिया है। इससे पूरी दुनिया में सशक्त संदेश गया है। श्री कुमार ने यहां मानव श्रृंखला निर्माण के बाद संवाददाताओं से कहा कि यह बिहार के लिए एक ऐतिहासिक अभियान था और इसकी बदौलत बिहार ने नशामुक्त समाज निर्माण के लिए पूरी दुनिया को सशक्त संदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी सरकार ने पिछले वर्ष अप्रैल में पूरे राज्य में शराबबंदी लागू करने की घोषणा की थी और अब मानव श्रृंखला निर्माण में लोगों की अप्रत्याशित भागीदारी ने यह साबित कर दिया है कि वे पूर्ण शराबबंदी के पक्ष में खड़े हैं।” उन्होंने कहा कि किसी भी महान एवं जनकल्याणकारी निर्णय के विरोध में हमेशा कुछ लोग रहते हैं। यदि कुछ अपवादों को छोड़ दिया जाए तो राज्य के लोगों ने आज साबित कर दिया कि वे सरकार के पूर्ण शराबबंदी के फैसले के पक्ष में हैं। 

श्री कुमार ने कहा कि बहुत थोड़े शिक्षित लोगों ने बिहार में लागू पूर्ण शराबबंदी का विरोध किया था और उन्होंने इसे लोगों की स्वतंत्रता का उल्लंघन माना था। लेकिन वे भूल गये कि भारतीय संविधान में यह स्पष्ट लिखा है कि किसी को यह अधिकार नहीं कि वह सरकार पर लोगों को शराब पीने देने की अनुमति प्रदान करने के लिए दबाव डाले। सरकार के पास ऐसे निर्णय लेने का पूर्ण अधिकार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महाअभियान में तीन करोड़ से अधिक लोगों ने स्वेच्छा से भाग लिया और मानव श्रृंखला के दौरान आमलोगों को किसी तरह की दिक्कत का सामना भी नहीं करना पड़ा। इस दौरान एम्बुलेंस, जलापूर्ति के लिए टैंकर एवं आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई करने वाले वाहनों को प्रतिबंधित क्षेत्रों से गुजरने की अनुमति प्रदान की गई। साथ ही सरकार ने पटना उच्च न्यायालय के निर्देशों का भी पालन किया। श्री कुमार ने कहा कि मानव श्रृंखला निर्माण के साथ ही नशामुक्ति के लिए जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से राज्य में अगले दो महीने तक चलने वाला अभियान भी शुरू हो गया है, जिसका समापन 22 मार्च को बिहार दिवस के दिन होगा। राज्य को पूर्ण रूप से नशामुक्त बनाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए नया कानून बनाने की जरूरत नहीं है। पूर्ण नशामुक्ति लागू करने के लिए मौजूदा कानून पर्याप्त है। इस दिशा में लोगों की धारणा मजबूत बनाने के लिए सरकार आगे भी जागरुकता अभियान चलाती रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल कानून के माध्यम से पूर्ण शराबबंदी और नशामुक्ति का लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता। इसके लिए लोगों का समर्थन एवं सहयोग महत्वपूर्ण है। जन समर्थन के बिना सामाजिक बदलाव की परिकल्पना नहीं की जा सकती है और यह आज मानव श्रृंखला निर्माण के दौरान पूरे राज्य में दिखा है। 

श्री कुमार ने पूरे देश में शराबबंदी लागू होने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर कहा कि वह केंद्र सरकार से लगातार देश में शराबबंदी लागू करने की मांग करते रहे हैं। ऐतिहासिक मानव श्रृंखला निर्माण की सफलता से संभवत: केंद्र पर इस उद्देश्य को प्राप्त करने का दबाव पड़ेगा। बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद से अन्य राज्यों के लोग भी इसे लागू करने की मांग करने लगे हैं। मुख्यमंत्री ने मानव श्रृंखला निर्माण के दौरान कुछ बच्चों के बेहोश होने की रिपोर्ट को सिरे से खारिज करते हुये कहा कि स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) के दिन गांधी मैदान में प्रत्येक वर्ष पांच-छह पुलिसकर्मी बेहोश हो जाते हैं। इसलिए महाअभियान के लिए यह एक मामूली बात है। श्री कुमार ने कहा, “मैं वर्ष 2006 से गांधी मैदान में स्वतंत्रता दिवस के दिन राज्य की जनता को संबोधित करता आ रहा हूं और प्रत्येक वर्ष कुछ पुलिसकर्मी बेहोश हो जाते हैं।” 

राष्ट्रपति भवन ने फोटो मामले में चुनाव आयोग को पत्र लिखा

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नयी दिल्ली, 21 जनवरी, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के फोटो का राजनीतिक कारणों से इस्तेमाल किए जाने के मामले में आज राष्ट्रपति भवन ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। राष्ट्रपति की सचिव श्रीमती अमिता पॉल ने मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी को पत्र लिख कर इस मामले में उचित कार्रवाई करने को कहा है। उन्होंने कहा है कि राष्ट्रपति ,पार्टी आधारित राजनीति से उपर हैं और उनके फोटो अथवा उनसे जुड़ी किसी भी सामग्री का इस्तेमाल राजनीतिक कारणों से नहीं किया जाना चाहिए। सभी राजनीतिक दलों को अपने राजनीतिक उद्देश्यों को हासिल करने के लिए राष्ट्रपति के फोटाे या कोई सामग्री का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। गौरतलब है कि लुधियाना जिले में श्री मुखर्जी की फोटो कांग्रेस पार्टी के एक होर्डिंग में अन्य नेताओं के साथ थी। इस मामले को आज इंडियन एक्सप्रेस तथा फायनेन्शियल एक्सप्रेस ने “प्रणव पिक्चर्स ऑन कांग्रेस पोस्टर्स अंडर ई सी स्कैनर” हैडिंग के साथ प्रकाशित किया। किसी भी तरह के कानून के उल्लंघन के लिए लुधियाना उपायुक्त तथा लुधियाना जिला निर्वाचन अधिकारी इस मामले को देख रहे हैं।

आंध्र में हीराखंड एक्सप्रेस दुर्घटना में 36 मरे,50 घायल

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 भुवनेश्वर 22 जनवरी, आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले में कुनेरू रेलवे स्टेशन के पास कल रात जगदलपुर-भुवनेश्वर हीराखंड एक्सप्रेस के नौ डिब्बे पटरी से उतर गये जिसमें 36 लोगों की मौत हो गयी और 50 अन्य घायल हो गये। ताजा जानकारी के अनुसार रेलवे डाक्टरों ने इस बात की पुष्टि की है कि इस हादसे में 36 यात्री मारे गये है। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी राहत एवं बचाव अभियान की निगरानी कर रहे है। 

पूर्वी तट रेलवे वालटियर खंड के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि हादसे में मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है क्योंकि एस-8 और एस-9 डिब्बों में कई लोग फंसे हुए है। ये दोनों डिब्बे बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गये है।राष्ट्रीय आपदा राहत बल, रेलवे सुरक्षा बल और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की टीमाें को राहत एवं बचाव अभियान में लगाया गया हैं। इस बीच रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने हादसे में मारे गये लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की है। उन्होंने हादसे में मारे गये लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये,गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपये और मामूली रूप से घायलों को 25-25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

दरगाह शरीफ पर होगा सर्वधर्म सम्मेलन

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अजमेर 22 जनवरी, राजस्थान के अजमेर में दरगाह शरीफ पर 26 एवं 27 जनवरी को सर्वधर्म एकता समिति की ओर से दो दिवसीय सर्वधर्म सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। 


समिति के अध्यक्ष सैय्यद खुशसर चिश्ती के अनुसार जश्न- ए- गौसिया के मौके पर होने वाले इस सम्मेलन का उद्देश्य प्यार और अख्लाक का संदेश देना है। उन्होंने बताया कि सभी धर्मों के धर्मगुरु, संत-महंत एक ही जाजम पर बैठकर सभी धर्म एक है, सभी एक है यह हर मजहब में उल्लेखित है, पर चर्चा करते हुए देश में मानवता तथा कौमी एकता का संदेश देंगे। 



सम्मेलन 26 जनवरी की रात दस बजे शुरू होगा । देर रात तक चलने वाले कार्यक्रम में मुल्क में अमन चैन एवं खुशहाली की दुआ की जाएगी। 27 को कुल की रस्म के साथ सम्मेलन संपन्न होगा।

गया से 14 बाल मजदूर मुक्त

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गया 22 जनवरी, बिहार में गया जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र से पुलिस ने 14 बाल मजदूरों को मुक्त करा लिया है। 

पुलिस सूत्रों ने आज यहां बताया कि सूचना मिली थी कि कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित एक ठिकाने पर 14 बाल मजदूरों को रखा गया है और उनसे विभिन्न कारखानों में मजदूरी करायी जा रही है। इसी आधार पर पुलिस की टीम ने उक्त ठिकाने पर छापेमारी कर सभी बाल मजदूरों को मुक्त करा लिया। मौके से इस धंधे में शामिल किसी अपराधी को गिरफ्तार नही किया जा सका है। 

सूत्रों ने बताया कि बाल मजदूरी के खिलाफ काम कर रही एक संस्था की पहल पर पुलिस ने 14 बच्चों को मुक्त कराया है।

संघ शुरू से आरक्षण का विरोध करता रहा है : दिग्विजय

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पणजी 22 जनवरी, कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने आरक्षण पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक नेता के बयान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि संघ शुरुआत से ही संविधान और आरक्षण नीति का विरोध करता रहा है। 

श्री सिंह ने कल यहां कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा,“ मैं आरक्षण को लेकर और डॉ. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के बयान को गलत तरीके से पेश करने के संघ के एक बड़े नेता के वक्तव्य की कड़ी आलोचना करता हूं । ” गौरतलब है कि जयपुर साहित्य सम्मेलन में शुक्रवार को संघ के प्रचार प्रभाग के प्रमुख मनमोहन वैद्य ने कहा था कि आरक्षण को हमेशा के लिए जारी नहीं रखा जाना चाहिए ।

विश्वभर की महिलाओं ने ट्रंप के विरोध में किया प्रदर्शन

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वाशिंगटन 22 जनवरी, अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेते ही डोनाल्ड ट्रंप के विरोध में न सिर्फ अमेरिका में बल्कि पूरे यूरोप, अफ्रीका और एशिया के कई शहरों में महिलायें एकजुट होकर प्रदर्शन कर रही हैं। 

श्री ट्रंप के शपथ ग्रहण करने के एक दिन बाद शनिवार को भी प्रदर्शन होते रहे। राजधानी वाशिंगटन डीसी के अलावा श्री ट्रंप के भेदभावपूर्ण बयान के खिलाफ सिडनी, लंदन, बर्लिन, टोक्यो, पेरिस, स्टॉकाहेम और लगभग सभी जगह प्रदर्शन होते रहे। यह प्रदर्शन श्री ट्रंप के शपथ ग्रहण के समय से ही होता रहा। 



बाल्टीमोर की 41 वर्षीय रेस्तरां मालकिन लेक्सी मिलानी ने कहा, “यह महत्वपूर्ण है कि हमारे अधिकारों का सम्मान किया जाये। सभी लोग हमारे अधिकारों के लिए कठिन लड़ाई लड़ रहे हैं और राष्ट्रपति ट्रम्प इसका सम्मान नहीं करते हैं।” 

ओहियो के 68 वर्षीय मनोविज्ञानी जेस्से कार्लोक ने कहा, “जब श्री ट्रंप राष्ट्रपति चुने गये तो मैंने निर्णय लिया कि मुझे उनके खिलाफ सक्रिय होने की जरूरत है। मैं देश को 60 और 70 के दशक में नहीं ले जाने देना चाहते हैं। वाशिंगटन में इस रैली में महिलायें पुरूषों के साथ मिलकर ट्रंप के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रही थीं। रैली के आयोजक ने बताया कि इस रैली में सैकड़ों से हजारों लोग शामिल हुए हैं। 

निएटो और ट्रंप भविष्य में मुलाकात करने पर सहमत

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मैक्सिको सिटी 22 जनवरी, मैक्सिको के राष्ट्रपति एनरिक पेना निएटो ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से आज फोन पर बात की और दोनों नेताओं ने निकट भविष्य में मिलने पर भी सहमति प्रकट की। 


मैक्सिको के राष्ट्रपति कार्यालय के अनुसार पेना निएटो ने श्री ट्रंप से कहा कि उनका देश अपने उत्तर के पड़ोसियों के साथ खुला बातचीत चाहता है और दोनों नेताओं ने आशा प्रकट की दोनों देश मिलकर एक बेहतर परिणाम लेकर आयेंगे। गौरतलब है कि चुनाव प्रचार के दौरान श्री ट्रंप ने मैक्सिको और अमेरिका के बीच दीवार खड़ी करने की बात करते थे जिसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी आलोचना हुई थी।

तिमाही नतीजे तय करेंगे बाजार का रुख

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मुंबई 22 जनवरी, घरेलू शेयर बाजारों में तीन सप्ताह की तेजी के बाद बीते सप्ताह पहली बार गिरावट दर्ज की गयी। आने वाले सप्ताह में सेंसेक्स की छह कंपनियों के साथ कई बड़ी कंपनियों के तिमाही परिणाम जारी हाेने हैं जिनसे बाजार की दिशा तय होगा। बीएसई का सेंसेक्स गत सप्ताह 203.56 अंक की साप्ताहिक गिरावट के साथ 27,034.50 अंक पर तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 51 अंक टूटकर 8,349.35 अंक पर रहा। मझौली तथा छोटी कंपनियों पर भी दबाव रहा। बीएसई का मिडकैप 0.43 प्रतिशत तथा स्मॉलकैप 0.56 प्रतिशत नीचे की साप्ताहिक गिरावट में रहा। अगले सप्ताह गुरुवार को गणतंत्र दिवस के अवकाश के अवसर पर शेयर बाजार बंद रहेंगे। 

सेंसेक्स की कंपनियों में हिंदुस्तान यूनिलिवर, आईटीसी, एचडीएफसी बैंक, मारुति, विप्रो और एलएंडटी के परिणाम जारी होने हैं। इनके अलावा आइडिया, इंफ्राटेल, आईडीबीआई बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, कर्नाटका बैंक, मैसूर बैंक, टीवीएस मोटर, अशोक लेलैंड, आईडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, टीआरएफ और बीईएल के तिमाही परिणाम भी अगले सप्ताह आयेंगे। शेयर बाजार का रुख तय करने में इनका महत्वपूर्ण योगदान होगा। आलोच्य सप्ताह में पाँच कारोबारी दिवसों में से तीन में बाजार में लिवाली तथा दो दिन बिकवाली का जोर रहा। सप्ताह के पहले कारोबारी दिवस पर सोमवार को सेंसेक्स 50.11 अंक चढ़कर 27,288.17 अंक पर बंद हुआ। मंगलवार को सुस्त कारोबार के बीच यह 52.51 अंक फिसल गया लेकिन, बुधवार और गुरुवार को वापसी करते हुये यह क्रमश: 21 अंक तथा 50 अंक की बढ़त में रहा। हालाँकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले शुक्रवार को इसमें 274.10 अंक की बड़ी गिरावट रही और यह 27,034.50 अंक पर बंद हुआ।

मोदी,प्रभु,सोनिया ने ट्रेन हादसे पर दुख जताया

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नयी दिल्ली 22 जनवरी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी,रेल मंत्री सुरेश प्रभु,कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन.चन्द्रबाबू नायडू ने जगदलपुर-भुवनेश्वर एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने के कारण हुए हादसे में मारे गये लोगों की मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया है। श्री मोदी ने कहा, “मेरी समवेदनाएं उन लोगों के साथ जिन्होंने इस हादसे में अपनों को खो दिया। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। यह बहुत ही दुखद घटना है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि रेल मंत्रालय स्थिति पर करीबी नजर बनाये हुए है और त्वरित राहत एवं बचाव अभियान सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है। 

श्री सुरेश प्रभु ने हादसे में मारे गये लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आंध्र प्रदेश में हुई ट्रेन दुर्घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है।श्रीमती गांधी ने अपने शोक संदेश में कहा कि हादसे में कई लोगों के मारे जाने से वह बहुत दुखी है। उन्होंने कहा कि उनकी समवेदनाएं हादसे में मारे गये लोगों के परिवारों के साथ है।

श्री राजनाथ सिंह ने जगदलपुर-भुवनेश्वर हीराकुंड एक्सप्रेस दुर्घटना को लेकर समीक्षा बैठक की है । उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा कि आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले में हुई इस दुर्घटना से वह बहुत दुखी हैं और इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करते हैं। आंध्र प्रदेश में विजयनगरम जिले के काेमार्दा मंडल में कल देर रात जगदलपुर-भुवनेश्वर एक्सप्रेस पटरी से उतर गयी जिसमें कम से कम 36 लोगों की मौत हो गयी और 50 अन्य घायल हो गये । 

रेलवे अधिकारियों ने आज बताया कि यह घटना रात 11 बजकर 15 मिनट पर तब हुई जब ट्रेन जगदलपुर से भुवनेश्वर की तरफ जा रही थी । इस ट्रेन के सात डिब्बे कुनेरू रेलवे स्टेशन के निकट पटरी से उतर गये । रेलवे और जिले के सभी अधिकारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच कर बचाव अभियान शुरू कर दिया है । श्री सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमें घटनास्थल पर पहुंच गई हैं और राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया है । उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ के महानिदेशक घटना पर अपनी नजर बनाए हुए हैं। श्री सिंह ने कहा कि 24 घंटे चलने वाले एनडीआरएफ के कंट्रोल रूम रेल अधिकारियों के साथ बराबर संपर्क में बने हुए हैं। 

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने भी इस ट्रेन दुर्घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले दिनों कानपुर में हुई रेल दुर्घटना में 148 लोगों के मरने के बाद भी रेल विभाग यात्रियों की सुरक्षा की व्यवस्था नहीं कर पाया और फिर यह ट्रेन दुर्घटना हो गयी । उन्होंने इस बात पर खेद भी व्यक्त किया कि इतनी रेल दुर्घटनाओं के बावजूद इसकी जिम्मेदारी न तो रेल मंत्री लेते हैं और न ही उनका विभाग इसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार है । पार्टी पोलित ब्यूरो ने कहा कि कानपुर की घटना को देखते हुए यह उम्मीद व्यक्त की जा रही थी कि रेल मंत्रालय यात्रियों की सुरक्षा का इंतजाम करेगा लेकिन इसी बीच हीराकुंड एक्सप्रेस रेल दुर्घटना हो गयी।

बहादुर बच्चों ने प्रणव से की मुलाकात

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नयी दिल्ली 21 जनवरी, राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार हासिल करने वाले 25 बच्चों ने आज राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से यहां राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की । 

इन 25 बहादुर में बच्चों में 12 बच्चियां शामिल हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 जनवरी को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित करेंगे । चार को मरणोपरांत इस पुरस्कार से नवाजा जाएगा और ये सभी बच्चियां हैं । बहादुर बच्चों में केरल के सर्वाधिक चार और दिल्ली के तीन बच्चे शामिल हैं, जिनमें दो सगे भाई-बहन हैं ।

मधुबनी : पत्रकार पर जानलेवा हमला

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मधुबनी के वरिष्ट पत्रकार और उर्दू दैनिक फारुखी तंजीम के मधुबनी प्रतिनिधि मोहम्मद करीमुल्लाह पर आज सुबह सवेरे करीब 6 बज कर दस मिनट पर जानलेवा हमला हुआ जब वो अखबार को उतरवाने पहुंचे थे. हमले में उनका सर फट गया और चेहरे पर गंभीर चोट आई. हमला करने वाला जान पहचान का ही है और छ: बार जेल जा चुका है, पत्रकार ने बताया कि हर महीने कि  रंगदारी की मांग थी और ना देने के ऐवज में जान से मार देने की धमकी. जानकारी मिली है कि दोनों परिचित हैं और सम्बन्ध में भी आते हैं. रपट दर्ज करा दी गई है और पुलिस अनुसन्धान जारी है !

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 22 जनवरी)

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जिला सहकारी कन्द्रीय बैंक मर्यादित झाबुआ द्वारा केष-लेस वित्तीय संव्यवहार एवं
  • रूपे केसीसी जारी किये जाने संबंधी प्रषिक्षण का आयोजन किया

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झाबुआ । जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित झाबुआ द्वारा रविवार 22 जनवरी को रमण नायक सभागार मे बैंक की शाखाओं एवं संबंद्ध सहकारी संस्थाओं के अधिकारी/कर्मचारी एवं कम्प्युटर आपरेटरो हेतु केष-लेस वित्तीय संव्यवहार एवं रूपे केसीसी जारी किये जाने हेतु डीएमआर तैयार किये जाने संबंधी प्रषिक्षण आयोजित किया गया । कार्यक्रम की शुरूआत जिला सहकारी केन्द्रीय बेैंक के अध्यक्ष श्री गौरसिंह वसुनियाजी, उपाध्यक्ष श्री भूपेन्द्रसिंह राठौर एवं भारचन्द्र भूरिया, उपायुक्त सहकारिता श्री जी.एल.बडोले, वरिष्ठ महाप्रबंधक श्री पी.एन.यादव एवं संचालकगण सर्वश्री संजय श्रीवास, श्रीमती धापू वसुनिया, श्री कर्णसिंह राठौर, श्री गणेष प्रजापत, हेमचन्द्र डामोर, श्री मडू बूचा, श्री राधेष्याम राठौर द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर की गई । इसके पष्चात् बैंक अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं संचालक महानुभावों का पुष्पमालाओं से स्वागत किया गया । बैंक अध्यक्ष श्री वसुनिया द्वारा अपने उद्बोधन कहा कि बैंक की स्थापना वर्ष 1919 मे हुई थी, तब देष आजाद भी नहीं हुआ था तद्समय यह कल्पना भी नहीं थी कि सहकारी बैंक की शाखाएं सुदुर क्षैत्र मे पहुंचकर किसान भाईयों को योजनाओं का लाभ पहुचायेगें । आज बैंक की सभी शाखाओं मे कौर बैकिंग सुविधा उपलब्ध है । आगामी  समय मे बैंक भी डेबिट कार्ड/केडिट कार्ड की शुरूआत करेगी । वर्तमान मे षासन स्तर से विभिन्न योजनाओं के फण्ड की राषि सार्वजनिक बैंको मे जमा की जाती है, जबकि सहकारी बैंक द्वारा शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ किसानो तक पहुंचाया जा रहा है, तद्संबंध मे मान. मुख्यमंत्री महोदय से अनुरोध किया गया है कि शासन स्तर पर प्रदाय किया जा रहा फण्ड सहकारी बैंक को भी प्राप्त हो । बैंक उपाध्यक्ष श्री राठौर द्वारा रूपे केसीसी कार्ड एवं केषलेस प्रषिक्षण को कर्मचारी पूर्ण गंभीरता से प्राप्त कर अपने क्षैत्र के किसान भाईयो को भी प्रषिक्षित करें । उपायुक्त सहकारिता श्री बडोले ने भी कर्मचारियो को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाला समय बैकिंग कार्य के लिये चुनौतीपूर्ण एवं दायित्वपूर्ण है इसलिये प्रषिक्षण को पुरी तमन्यता से ग्रहण करें । बैक के वरिष्ठ महाप्रबंधक श्री पी.एन.यादव द्वारा शासन की विभिन्न योजनाओं पर डालते हुए कर्मचारियो से कहा कि आपको अपने क्षैत्र मे डटकर काम करना है ।  शासन की योजनाओं का लाभ बैंक एवं सहकारी समितियों के माध्यम से हितग्राहियों को पहुंचाना है । कर्मचारियों को पूर्ण गंभीरता एवं सावधानी से कार्य करने की आवष्यकता है एवं वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप अपने को प्रषिक्षित होने की आवष्यकता है । टीसीएस कंपनी के श्री अभिनव आर्य एवं नीतिन जौहरी ने प्रोजेक्टर पर प्रेजेन्टेंषन के माध्यम से रूपे केसीसी कार्ड एवं श्री राजेष राठौर द्वारा केष’-लेस पर कर्मचारियों को प्रषिक्षण दिया गया । कार्यक्रम का सफल संचालन श्री अमित तिवारी रिसोर्स पर्सन नाबार्ड द्वारा किया गया ।

खेल परस्पर भाई चारे को बढावा देते है - विधायक शांतिलाल बिलवाल
  • कंुदनपुर मे विधायक ट्राफी कबड्डी प्रतियोगिता का हुआ शुभारंभ

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झाबुआ । परम्परागत खेलों को जीवन मे काफी महत्व रहता है । खेलो से जहां परस्पर प्रतिस्पर्धा की भावना बलवती होती है वही आपसी सामन्जस्य एवं भाईचारे की भावना के साथ ही लक्ष्य को प्राप्त करने की और प्रेरणा प्राप्त होती है । खेल में हार जीत को भुला कर बेहतर प्रदर्शन करके अपनी प्रतिभा को निखारा जासकता है । खिलाडियों को एक दूसरे के प्रति खेल मैदान में जहां लक्ष्य को हांसील करने मे जुटना होता है वही खेल समाप्ति के बाद आपसी प्रेम को एवं भाईचारे को भी बनाये रखना चाहिये । प्रदेश की शिवराजसिंह सरकार ने खिलाडियों को प्रात्साहित करने के लिये प्रदेश में कई योजनायें बनाई है जिनका लाभ लेकर अपने गा्रम, जिले एवं प्रदेश का नाम रोशन करने के लिये पूरे मनोवेग से प्रयास करना चाहिये ।उक्त उदगार  क्षेत्रीय विधायक शांतिलाल बिलवाल ने रविवार को  उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुंदनपुर में विधायक ट्राफी महिला एवं पुरूष कबड्डी प्रतियोगिता के उदघाटन के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में कहीं । विधायक ट्राफी 2017 के अन्तर्गत  कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन खेल एवं युवा कल्याण विभाग  द्वारा आयोजित किया जाकर इस प्रतियोगिता में 32 टीमों द्वारा भाग लिया जा रहा है । विधायक ट्राफी के शुभारंभ के अवसर विधायक शांतिलाल बिलवाल , भाजपा प्रदेश कार्य समिति के सदस्य शैलेष दुबे, पूर्व जिलाध्यक्ष मनोहर सेठिया, विजय चैहान, सूरसिंह हटिला, हरू भूरिया,  अनसिंह मेडा, शेलेन्द्रसिंह, भानू भूरिया, नरू मचार सरपंच कुंदनपुर, जितेन्द्र पंचाल, जितेन्द्र पंवार टूई, इरशाद कुर्रेशी, मुकेश अजनार सहित बडी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता, गा्रमीणजन एवं खिलाडी उपस्थित थे । स्पर्धा के आयोजन में खेल एवु युवा कल्याण विभाग के खेल अधिकारी मनोज पाठक, नरेश पुरेाहित, लालसिंह अनारे, अमजदखान, चेतन परमार, जगत शर्मा, सलीम नकवी, कालुसिंह भूरिया का सराहनीय सहयोग रहा । आज सोमवार को स्पर्धा का समारोह पूर्वक समापन होगा ।

14 से 21 जनवरी के मध्य प्रस्फुटन ग्रामो में बीएसडल्यू पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों के सहयोग से आनन्द उत्सव अन्तर्गत आयोजित किए गए खेलकूद एवं मनोरजक कार्यक्रम
  • जिला कलेक्टर के मार्गदर्शन में जन अभियान परिषद् की प्रस्फुटन समितिया एवं बीएसडब्लू पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों के सहयोग से आयोजित किए जा रहे खेलकूद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम ।

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झाबुआ । राज्य शासन के आनन्द विभाग द्वारा गठित राज्य आनन्द संस्थान के निर्देशानुसार दिनांक 14 जनवरी से 21 जनवरी 17 के मध्य खेलकूद प्रतियोगिताए, नृत्य, गीत - संगीत, भजन, नाटक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। जिसके अन्तर्गत जिले में जिला कलेक्टर के मार्गदर्शन में 6 विकासखण्डों में जन अभियान परिषद् की प्रस्फुटन समितिया एवं मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम अन्तर्गत संचालित बीएसडब्ल्यू पाठ्यक्रम के छात्रों द्वारा अपने फिल्ड ग्राम में एवं प्रस्फुटन ग्रामों में आनन्द उत्सव अन्तर्गत खेलकूद प्रतियोगिताओं , सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे गीत, नाटक मंचन, भजन कीर्तन, गायन स्पर्धा का आयोजन किया जा रहा है जिसमें सभी आयु वर्ग के महिला , पुरूषो द्वारा भागीदारी की जा रही है। जिले में प्रत्येक तीन पंचायतों का कलस्टर बनाकर पंचायत स्तर तक आनंद उत्सव कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे। मेघनगर विकासखण्ड के चैनपुरा, गोपालपुरा, छोटागुडा, देदला, पंचपिपलिया, बडा घोसलिया, रंभापुर आदि ग्रामों में कबड्डी, खो-खो, रस्सीकूद, चम्मच दौड, साईकिल रेस, 100 मीटर दौड, पतंगबाजी, मांदल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। वही झाबुआ विकासखण्ड के भगोर, गुंदीपाडा, मानपुरा, कल्लीपुरा एवं बाटियाबयडी आदि ग्रामों में चेयर रेस, नृत्य  , रांगोली प्रतियोगिता, मेंहदी प्रतियोगिता, क्रिकेट, खो-खो , कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । इसी क्रम में रामा विकासखण्ड के 5 ग्रामों में वालीवाॅल , खो-खो, नृत्य एवं कबड्डी प्रतियोगिता, थांदला, पेटलावद एवं रानापुर विकासखण्ड के ग्रामों मेें भी बीएसडब्ल्यू पाठ्यक्रम के छात्रों एवं प्रस्फुटन समितियों के सहयोग से प्रस्फुटन ग्रामों तथा छात्रों को आंबटित फिल्ड ग्राम में खेलकूद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। आनंन्द उत्सव कार्यक्रमों में परिषद् के ब्लाक समन्वयक ,बीएसडब्ल्यू पाठ्यक्रम के मेंटर्स , छात्रों एवं प्रस्फुटन समिति सदस्यो का विशेष सहयोग रहा।

 चोरी गई बोलेरो वाहन जप्त- आरोपी गिरफ्तार,  पूर्व वाहन चालक ही आरोपी निकला 

झाबुआ । पुलिस अधीक्षक महेश चंद जैन ने बताया कि दिनांक 7.11.2016 को फरियादी बाबुलाल पिता पूनमचंद भटेवरा, निवासी रानापुर की महेन्द्रा कंपनी की सफेद रंग की बोलेरे क्रमांक एमपी-45-बी.बी. 1255 कृष्णा गार्डन रानापुर से चोरी चले जाने पर दिनांक 22.11.2016 को थाना रानापुर में अपराध क्रमांक 422/16, धारा 379 भादवि का पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना में लिया गया था। वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में तत्का. थाना प्रभारी रानापुर उप निरीक्षक भीमसिंह सिसौदिया द्वारा मुखबिर की सूचना पर उप निरीक्षक शंकर्षण प्रसाद तिवारी, प्र.आर. 270 मंजीत, प्र.आर. 533 अभिजीत एवं आर. 323 दिलीप को राजकोट गुजरात भेजकर स्थानीय पुलिस व फरियादी की निशादेही से प्रकरण में चोरी गई बोलेरो कीमती 5,00,000/- रू. की बरामद कर आरोपी पप्पु पिता मिहिया परमार भील उम्र 22 वर्ष, निवासी सोतिया कालु, जो कि पूर्व में वाहन स्वामी का ड्रायवर रहा है, को गिरफ्तार कर उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। पुलिस अधीक्षक श्री महेश चंद जैन ने उक्त सफलता पर पुलिस टीम को बधाई दी है एवं नगद पुरूस्कार से पुरूस्कृत करने की घोषणा की है।

शोचालय बनाने की बात को लेकर की हत्या 

झाबुआ । आरोपी मोहन पिता नानजी गरवाल व गिरधारी पिता नानजी गरवाल नि.गण तलावपाडा ने शोचालय बनाने की बात को लेकर पुराने विवाद की बात को लेकर फरि. तुलसी मचार के पति रामनारायण पिता वरदाजी मचार उम्र 40 वर्ष नि.तलावपाडा के गले में रस्सी बांधकर खिंचकर हत्या कर दी। प्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्रं. 26/17 धारा 302,34 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

गुजरात लेजाकर किया बलात्कार 
झाबुआ । आरोपी परम पिता नुरा भूरिया व रितरीया पिता भुरा नि. गण रंगपुरा ने पिडीता को, आरोपी परम की औरत बनाने की नीयत से बहला फुसलाकर अमरेली गुजरात ले गये व आरोपी परम ने जान से मारने की धमकी देकर इच्छा के विरूद्ध लगातार खोटा काम करता रहा। प्रकरण में थाना कोतवाली में अपराध क्रं. 42/17 धार 366,376(2)एन,506,34 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

सब्जी लेकर जा रही महिला से किया सामुहीक बलात्कार

झाबुआ । फरियादिया सब्जी लेकर पैदल अपने घर जा रही थी, आरोपी राकेश, मडिया एवं गब्बु सिंगाड, निवासी मकोडिया लाल कलर की मोटर सायकल लेकर आये, आरोपी मडिया व राकेश ने फरियादिया का हाथ पकडकर नाले में ले जाकर बारी-बारी से बलात्कार किया, आरोपी गब्बु पत्थर लेकर खडा रहा, चिल्लाने पर जान से मारने की धमकी दी। प्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्रं. 28/17 धारा 376,376-डी,506 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

नाबालिग का किया अपहरण 

झाबुआ । फरि. बदिया पिता मेथु वाखला नि. कागझर की लडकी रमीला उम्र 16 वर्ष, रूखा पिता मोहन व मंता पिता बजिया तीनों कागझर से झाबुआ जा रही थी, कि आरोपीगण मो.सा. लेकर आये व आरोपी अनिल उर्फ बेलसिंह की औरत बनाने की नीयत से बहला फुसलाकर मो.सा. पर बिठाकर ले गये। प्रकरण में थाना कोतवाली में अपराध क्रं. 43/17 धारा 363 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

गौ वंश प्रति. अधि. का अपराध पंजीबद्ध
झाबुआ । आरोपी नरू काणा नि. भीमफलिया ने क्रुरता पूर्वक 32 केडो को वध के लिए दाहोद गोधरा गुजरात या अन्य जगह ले जाने के लिए एक ही रस्सी से बांध कर क्रुरता पूर्वक इकठ्ठे करना पाया गया। प्रकरण में थाना कोतवाली में अपराध क्रं. 44/17 धारा 4,6/9 गौ वंश प्रति. अधि. व 11 पशु क्रुरता नि. अधि. का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

रामदेव मंदिर मे ताला तोड कर की चोरी, आभुषण छत्र सहीत नगदी लेगए चोर 

झाबुआ । अज्ञात बदमाश रामदेवजी के मंदिर के गेट का ताला तोडकर अंदर घुसे व एक चांदी का मुकुट वजनी 300 ग्राम किमती 10,000/-रू., चांदी के 05 नग छत्र वजन 500 ग्राम कीमती 16,666/-रू., चांदी की 01 कटोरी वजन 100 ग्राम किमती 3,334/-रू. दान पेटी जिसमें नगदी करीब 10,000/-रू. का चुराकर ले गये। प्रकरण में थाना रायपुरिया में अपराध क्रं. 26/17 धारा 457,380 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

कुए से मोटर चोरी करते रंगे हाथ पकडा चोर 

झाबुआ । फरियादी गुमजी पिता तारू डामोर, उम्र 33 वर्ष निवासी झरनीया ने बताया कि आरोपी खेलु पिता कालिया अजनार एवं अन्य 2 निवासी झिरनिया कुएं पर रखी पानी की मोटर चुराकर ले जा रहे थे, आरोपी खुलु को फरियादी व अन्य की मदद से मय पानी की मोटर के पकडा, आरोपी के अन्य साथी भाग गये। प्रकरण में थना कालीदेवी में अप.क्र. 12/17, धारा 379 ताहि का कायम कर विवेचना में लिया गया।

मर्ग के दो प्रकरण दर्ज
झाबुआ । प्रकाश पिता मडिया डामोर उम्र 18 वर्ष नि. सागडीया की बिजली का करंट लगने से मृत्यु हो गयी, बहादुर पिता मुनसिंह डामोर उम्र 50 वर्ष नि. छोटी सजवानी की कुए में गिरने व पानी में डुबने से मृत्यु हो गयी। प्रकरण में थाना रायपुरिया, रानापुर में मर्ग क्रं. 01, 01/17 धारा 174 जाफौ में कायमी की गयी। 

कुए मे गीरने से मोत

झाबुआ । टूटा पिता झुप्पा बिलवाल उम्र 12 वर्ष निवासी आमलीफलिया की कुएं में गिरने से मृत्यु हो गई। प्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में मर्ग क्रं. 05/17 धारा 174 जाफौ का कायम किया गया।

बिहार : नजीब की वापसी के लिए एक दिवसीय धरना

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  • अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रनेता अबुल फरह शाजली के नेतृत्व में नजीब की वापसी को लेकर गर्दनीबाग में एक दिवसीय धरना दिया गया।

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आज दिनांक 22.01.2017 को पटना के गर्दनीबाग में राज्य के तमाम छात्र संगठन के नेताओं धरना में शामिल हुए। धरना स्थल पर सभा को संबोधित करते हुए ए॰आई॰एस॰एफ॰ के बैनर तले छात्रों ने रोषपूर्ण प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान लाइब्रेरी में मौजूद गार्ड ने गेट बन्द कर दिया। आक्रोषित छात्रों ने गेट पर लगे जंजीर को तोड़ कर लाइब्रेरी के अन्दर प्रवेश कर गये। इसी बीज लाइब्रेरी के निदेशक एस॰आर॰ पद्मदेव छात्रों के बीच पहुँचे निदेशक को छात्रों के कोपभाजन का शिकार होना पड़ा। ए॰आई॰एस॰एफ॰ के पटना विश्वविद्यालय अध्यक्ष राकेश प्रसाद कुशवाहा ने कहा कि नजीब 80 दिनों से गायब है पर केन्द्र सरकार ने अभी तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं की। आपको बता दें कि 14 अक्टूबर को जे॰एन॰यू॰ विश्वविद्यालय में ए॰बी॰वी॰पी॰ के गुंडों के साथ नजीब की मारपीट हुई और अगले दिन 15 अक्टूबर की सुबह ही नजीब विश्वविद्यालय के हाॅस्टल से गायब हो गया जिसमें ए॰बी॰वी॰पी॰ के गुंडों ने उसे गायब कर दिया। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय कुलपति ने अभीतक हाॅस्टल के वार्डेन को सस्पेंड नहीं किया है। इससे स्पष्ट जाहिर होता है कि केन्द्र सरकार, कुलपति व ए॰बी॰वी॰पी॰ के गुंडों की मिलीभगत के कारण अभी तक नजीब का कुछ पता नहीं चल सका है। सभा को संबोधित करते छात्रनेता बिर्जुन कुमार भारती ने कहा कि नजीब की वापसी की मांग तथा केन्द्र सरकार ही नजीब के गायब होने का जिम्मवार है। नजीब की वापसी को लेकर राज्य के तमाम जिलों में आंदोलन जारी रहेगा। आज के इस धरना कार्यक्रम में प्रमुख रूप से राजा भैया, अफरोज आलम, आलम भैया, गौतम आनन्द, सुशील उमाराज, चन्दन कुमार, मनीष यादव, सूरज यादव, उमर फारुक, पप्पू सिंह यादव, राज्य सचिव सुशील कुमार, जिला सचिव सुशील उमा राज, पटना वि॰वि॰ अध्यक्ष राकेश प्रसाद, राजीव रंजन, आनन्द कुमार, अनूप कुमार, दीपक कुमार, छोटेलाल पड़ित, पवन कुमार, आदि सैकड़ों छात्र-युवा नेता शामिल थे।

अधिकार रैली की तैयारी आरंभ, नेताओं ने शुरू किया दौरा. पटना जिला की हुई बैठक.

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  • 26 जनवरी को डीका कुमारी के न्याय के सवाल पर सभी गांवों में श्रद्धांजलि सभा. आइसा-इनौस की राज्यस्तरीय टीमें कल से दौरे पर.

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पटना 22 जनवरी 2016, न्याय व अधिकार के लिए भाकपा-माले की आगामी 19 फरवरी की अधिकार रैली की तैयारी आरंभ हो गयी है. वरिष्ठ माले नेताओं ने जिलों का दौरा शुरू कर दिया है. माले राज्य सचिव काॅ. कुणाल व पोलित ब्यूरो सदस्य ने काॅ. स्वदेश भट्टाचार्य ने आज भोजपुर जिला कमिटी की बैठक में हिस्सा लिया और अधिकार रैली के राजनीतिक परिप्रेक्ष्य पर बातचीत की. कल 23 जनवरी को माले राज्य सचिव सिवान की जिला कमिटी की बैठक में हिस्सा लेंगे. इधर पार्टी पोलित ब्यूरा सदस्य काॅ. अमर ने पटना जिला कमिटी बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में हाल के दिनों में दलित-गरीबों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों पर हमले की बाढ़ आ गयी है. अभी हाल में भूमि अधिकार की लड़ाई लड़ते हुए हमारे अररिया जिला सचिव काॅ. सत्यनारायण सिंह यादव व कमलेश्वरी ऋषिदेव की बर्बरता से हत्या कर दी गयी. इसके पहले भी कई कार्यकर्ताओं की बर्बरता से हत्या की गयी. स्कूल के कैंपस में दलित छात्रा के साथ बलात्कार व हत्या हो रही है. इन गंभीर सवालों पर नीतीश सरकार एक शब्द तक नहीं बोल रही. संवेदनहीन नीतीश सरकार ने प्रशासन को शराबबंदी के अपने एकसूत्री अभियान में लगा रखा है. आज जबरदस्ती मानवशृंखला बनायी जा रही है. जबकि हर कोई जानता है कि ये नीतीश कुमार ही थे, जिन्होंने बिहार के गांव-गांव में शराब की दुकानें खुलवाईं. इसी परिस्थ्ति में हम यह अधिकार रैली करने जा रहे हैं.  उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय की जुमलेबाजी के खिलाफ सच्चे सामाजिक न्याय के सवाल पर हम पूरे बिहार में अधिकार आंदोलन चलायेंगे. 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर झंडोत्तोलन के उपरांत प्रत्येक गांव-टोले में जनता के हक-अधिकार के संघर्ष में शहीद साथियों की याद में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की जाएगी. वैशाली की महादलित छात्रा डीका कुमारी से लेकर भूमि संघर्ष में शहीद सभी साथियों को श्रद्धांजलि देते हुए अधिकार अभियान की शुरूआत की जाएगी. 

आइसा-इनौस की राज्यस्तरीय टीमें कल से बिहार दौरे पर
डीका कुमारी की न्याय की मांग पर आइसा-इनौस ने राज्य के सभी राजकीय अंबेदकर छात्रावासों में 23 से 25 जनवरी तक यात्रा करने का फैसला किया है. इसको लेकर तीन टीमें गठित की गयी हैं. इनौस के राज्य सचिव नवीन कुमार व आइसा के बिहार राज्य सचिव काॅ. शिवप्रकाश रंजन मुजफ्फरपुर, वैशाली आदि जिलों के अंबेदकर छात्रावासों का दौरा करेंगे. आइसा राज्य अध्यक्ष मोख्तार व कार्यालय सचिव निखिल कुमार जहानाबाद, गया, अरवल, नवादा आदि जिलों का दौरा करेंगे. वहीं, इनौस के राज्य अध्यक्ष मनोज मंजिल शाहाबाद के इलाके में दौरा करेंगे. आइसा-इनौस नेताओं ने बताया कि नीतीश कुमार द्वारा दलित वर्ग के छात्रों पर लगातार हमले किए जा रहे हैं. आज स्कूल व काॅलेज कत्लगाह बन गये हैं. जिस प्रकार से हैदराबाद में भाजपा-आरएसएस ने रोहित वेमुला की सांस्थानिक हत्या की, आज बिहार में भी महादलित छात्रा की हत्या कर दी जा रही है.

मध्य प्रदेश : 31 जनवरी को होगा पत्रकारों का प्रांतीय सम्मेलन

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  • प्रदेश स्तर के प्रख्यात पत्रकार करेंगे शिरकत, पंचायत मंत्री श्री भार्गव, गृह मंत्री श्री सिंह विशेष रूप से रहेंगे मौजूद 

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सागर। राष्ट्रीय  पत्रकार कल्याण परिषद दिल्ली के बैनर तले संभागीय मुख्यालय में 31 जनवरी दिन मंगलवार को पत्रकारों का प्रांतीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। स्थानीय रवीन्द्र भवन में होेने वाले इस प्रांतीय सम्मेलन में प्रदेश स्तर के प्रख्यात पत्रकार मौजूद रहेंगे, जो पत्रकारिता विषय पर अपने व्याख्यानों से मार्गदर्शन करेंगे। इस सम्मेलन में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव, गृह मंत्री भूपेन्द्र सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। यह जानकारी पत्रकार वार्ता के दौरान राष्ट्रीय  पत्रकार कल्याण परिषद राष्ट्रीय  मंत्री सुनील जैन ने दी। उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कायघर्् करने वाले वरिष्ठ पत्रकारों, प्रबुद्ध जनों, जनप्रतिनिधि और ग्रामीण क्षेत्र की प्रतिभाओं का सम्मान किया जाएगा। इसके अलावा समाज चिंतक, साहित्यकार एवं विभिन्न राजनैतिक दल के प्रतिनिधि भी आयोजन को संबोधित करेंगे।  2 सत्रों में चलने वाले सम्मेलन को लेकर मुख्य अतिथि गृह एवं परिवहन मंत्री भूपेन्द्र सिंह सुबह 10:30 बजे कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। शाम 4 बजे पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव समापन के मुख्य अतिथि होंगे। विशिष्ट अतिथियों में सांसद लक्ष्मीनारायण यादव, राष्ट्रीय  पत्रकार कल्याण परिषद अध्यक्ष जितेन्द्र सक्सेना, पूर्व विधायक सुनील जैन, समाज सेवी मीना पिंपलापुरे, समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर, श्रीमति निधि जैन, विधायक शैलेन्द्र जैन, हरवंश सिंह राठौर, प्रदीप लारिया, महेश राय, पारूल साहू केशरी, हर्ष यादव, महापौर अभय दरे, सपा प्रदेश अध्यक्ष गौरी सिंह यादव, जन न्याय दल राष्टÑीय अध्यक्ष बृज बिहारी चौरसिया, प्रदेश कांग्रेस महासचिव बृजेन्द्र सिंह राठौर, पूर्व विधायक गोविंद सिंह राजपूत, भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष अभिषेक भार्गव, वरिष्ठ पत्रकार दीपक तिवारी, सुदेश तिवारी, वरिष्ठ फोटो ग्राफर संजीव गुप्ता, जिला बार एसोसिएशन अध्यक्ष अंकलेश्वर दुबे, शिवसेना उप राज्य प्रमुख पप्पू तिवारी शामिल होंगे। विशेष आमंत्रित अतिथियों में कमिश्नर डा. मनोहर अगनानी, आईजी सतीश सक्सेना, आईजी सेनानी आईपी कुलश्रेष्ठ, कलेक्टर विकास नरवाल, एसपी सचिन अतुलकर, आयुक्त नगर निगम कौशलेन्द्र विक्रम सिंह भी उपस्थित रहेंगे। सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष पुष्पेन्द्र सक्सेना, संभागीय अध्यक्ष राजेश इटौरिया, जिलाध्यक्ष अनिल तिवारी भी मौजूद रहेंगे।

विशेष : लोकतंत्र के दुर्ग में अनैतिक मूल्यों के छिद्र

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इन दिनों सभी दलों द्वारा विभिन्न जातियों में समीकरण बैठाने की कोशिशें की जा रही हैं। पंजाब में तो धार्मिक स्थान राजनीतिक मंच बने हुए हैं। हर कोई डेरों की तरफ दौड़ रहा है। किसी नेता को अर्जुन के रूप में पेश किया जा रहा है तो किसी को भगवान श्रीकृष्ण। कुछ राजनीतिक दल देने की मुद्रा यानी दाता के रूप में खडे़ हैं तो कुछ लेने  वाले के रूप में। राजनीतिक जोड़-तोड़ के विचित्र खेल चल रहे हैं। जिसके पास जितने अधिक जाति एवं धर्म आधारित वोट हैं वह उतना ही बड़ा शहंशाह बना हुआ है। लोकतांत्रिक कहे जाने वाले मुल्क में लोकतंत्र का जमकर मखौल उड़ाया जा रहा है। चुनावी महाभारत में अभी और कितने ही रंग देखने को मिलेंगे। कुछ राजनीतिक दल यह दलील देते हैं कि जाति और धर्म के आधार पर वोट मांगना गैर कानूनी हो सकता है लेकिन उम्मीदवारों का चयन करना पार्टी का अधिकार है। इस स्थिति में हाल में सर्वोच्च न्यायालय का दिया फैसला लागू कराना चुनाव आयोग के लिए चुनौती है।

सुना है कि एक भिखारी शहर की एक मशहूर सड़क पर रोजाना भीख मांगता था। वहां उस सड़क पर उसका इतना दबदबा था कि वह दूसरे भिखारी को वहां घुसने ही नहीं देता था। कई वर्षों तक यह सिलसिला चलता रहा। एक दिन लोगों ने देखा कि वह भिखारी शहर की उस सड़क पर भीख मांगने नहीं आया। लोगों ने सोचा, क्या हुआ, वह रोजाना यहां आता है, आज क्यों नहीं आया? कुछ लोगों ने बताया कि वह दूसरे इलाके में चला गया। जब उससे दूसरे इलाके में जाने का कारण पूछा गया तो उसने कहा-‘मैंने अपनी बेटी की शादी की थी। यह इलाका मैंने उसको दहेज में दे दिया। इस इलाके में अब मेरा दामाद भीख मांगेगा?’ कितनी विचित्रता है! जिसके पास अपना कुछ भी नहीं है, रोटी भी जो मांगकर खाता है, वह भी पूरे एक क्षेत्र को, एक सड़क को बेटी को दहेज में दे सकता है। यह लोकतंत्र की विडम्बना है। ऐसी विडम्बनाओं से रोज साक्षात्कार होना देश के लिये शर्मनाक है। कब स्वस्थ लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना होगा? आज लोकतंत्र के दुर्ग में जितने छेद हो रहे हैं, अनैतिक मूल्यों के साथ घुसपैठ करने वालों को आसानी से मौका मिल रहा है। हमें मात्र उन छेदों को रोकना है, बंद करना है। यदि ऐसा होता है तो एक ऐसी जागरूकता बढ़ सकती है, जो बदलाव का मौका दे जाए, लोकतंत्र की संस्कृति का परिष्कार कर जाए, नैतिक मूल्यों का कद उठ जाए और आदमी-आदमी को पहचान दे जाए। प्रयत्न अवश्य परिणाम देता है, जरूरत कदम उठाकर चलने की होती है।

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लोकतंत्र में हर व्यक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका है और उसी व्यक्ति के जीवन को सही रास्ते पर चलाने के लिए कुछ माइल स्टोन हैं- अनुशासन, ईमानदारी, समानता और सहिष्णुता। संभवतः इन्हीं मूल्यों की सुरक्षा के लिए भारत के नागरिकों ने स्वतंत्रता की कामना की थी। उन्होंने यह समझ लिया था कि लोकतंत्र के खुले आसमान के नीचे ही एक समृद्ध एवं सुसंस्कृत राष्ट्र का निर्माण संभव है। लेकिन दूषित राजनीति के कारण सत्तर सालों के बाद भी यह संभव नहीं हो पाया, इसके कारणों को खोजना और उसका समाधान करना जरूरी है। हमारी राजनीति की विडम्बना रही है कि वह मानवता से अलग ऐसे लोगों की भीड़ है, जिन्हें अपने गिरेबां में झांकने में कोई दिलचस्पी नहीं है। आज के तथाकथित राजनीतिज्ञ धर्म के नाम पर ढोंग रचते हैं। इसीलिये वे राजनीति के साथ्स वास्तविक धर्म का तालमेल होने ही नहीं देते। उन्हें पता है कि जिस दिन राष्ट्र धर्मप्राण हो गया, उनका अस्तित्व खत्म हो जाएगा। उन्होंने एक शब्द रच लिया ‘धर्मनिरपेक्षता।’ धर्म निरपेक्ष  यानी धर्म से जुदा। आचार्य तुलसी ने अपने समय में अनेक शीर्ष राजनेताओं से इस शब्द पर एतराज करते हुए धर्म निरपेक्ष नहीं पंथ निरपेक्ष करने की वकालत की थी। उनका कहना था कि जो सारे मानवीय गुणों से विमुख हो, उसी को धर्मनिरपेक्ष कहा जाता है। इसी धर्मनिरपेक्षता की आड़ में वे धर्म और राजनीति का ऐसा घालमेल करते आ रहे हैं। इनमें कुछ कोशिशें तो बिना लाग-लपेट के हैं लेकिन कुछ के लिए बहाने गढ़े जाते हैं।

कहना होगा कि हमारा राजनीतिक ढांचा लोकतांत्रिक है और इसमें सत्ता तथा जनता की बराबर की हिस्सेदारी है। यहां आजादी महसूस की जा सकती है। हमारें यहां सकारात्मक बात यह है कि भारत में हमेशा मूल्यों की प्रधानता रही है जिसका जाने-अनजाने संबंध अध्यात्म से रहा है। पहले यही जीवन-मूल्य समाज और व्यक्ति को संचालित करते थे। इसी से पूरा समाज अनुशासित और संयमित रहता था। वे मूल्य आज भी उतने ही खरे हैं। ईमानदारी, सच्चरित्रता, सेवा, साधना, नैतिकता, अस्तेय-आज का भी सच है। भारत की पूजा और इज्जत इसी कारण हो रही है। पश्चिम इसी लिए भारत की ओर भागा आ रहा है। लेकिन हम अपने राजनीतिक स्वार्थों के लिये बड़ी चतुराई से इन मूल्यों को नकार रहे हैं। तब यह भी सवाल कुरेदना होगा कि हमारे मूल्यों का लोप क्यों हो रहा है? इसके लिए जिम्मेदार कौन है? आखिर क्यों मूल्यों के नाम पर कुछ लोग नाक-भौं सिकोड़ने लगते हैं? इसमें उन्हें साम्प्रदायिक भावना कहां से दिखाई पड़ जाती है? इन सवालों पर संवेदनशील होकर सोचने की जरूरत है। यह भी तय करना होगा कि ‘मूल्य-संपदा’ को किस तरह स्थापित किया जाए ताकि हमारा राष्ट्र एक आदर्श लोकतंत्र के रूप में उभर कर सामने आये। बनकर रह सके। राजनीति पर धर्म के नियंत्रण की बात आदर्श स्थिति हैं, लेकिन धर्म और राजनीति का घालमेल सर्वथा अनुचित है। क्योंकि आधारभूत रूप से धर्म और राजनीति दोनों की प्रकृति विपरीत है। दोनों की राहें अलग-अलग हैं लेकिन वोटों के लिए धर्म, जाति का इस्तेमाल लम्बे समय से किया जाता रहा है। विडम्बना यह है कि यह स्थिति अचानक पैदा नहीं हुई बल्कि तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दलों ने बड़े ही योजनाबद्ध ढंग से इसे पैदा किया जो पूरी तरह स्वार्थों पर आधारित है। न विचार, न सिद्धांत केवल सत्ता महान। धर्म और जाति देखकर राजनीतिक दल दलबदलुओं को अपनी पार्टी में प्रवेश दे रहे हैं। सत्ता के लोभ में दलबदल का सिलसिला कई दशकों से लगातार जारी है। पांच राज्यों के चुनावों से पहले दलबदल का स्वर कुछ ज्यादा ही सुनाई दे रहा है। हर राजनीतिक दल दूसरे दलों से कुछ दिन पहले शामिल हुए लोगों को उम्मीदवार बना रहे हैं। जरा सोचिये, ऐसे में कल्याणकारी राज्य की कल्पना कहां की जा सकती है।

ऐसे ही दिग्भ्रमित राजनीतिक दलों के कारण समाज के वे लोग इज्जत हासिल कर रहे हैं जो अपराधी और भ्रष्ट हैं, अखबारों के पन्ने उन्हीं की काली करतूतों की दास्तान से रंगे होते हैं। यह एक नई परम्परा बन गई है कि राजनीतिक दल सिर्फ ‘पाॅजिटिव’ प्रचार पर ही विश्वास नहीं करते, अपितु ‘निगेटिव’ प्रचार भी उन्हें जीवनदायिनी लगता है। इसीलिये पूरी मीडिया उस प्रचार में शामिल हो गई है। समाज में जो लोग अच्छा काम कर रहे हैं या जो देश को नैतिक दृष्टि से समृद्व बना रहे हैं, वे मुश्किल से ही खबर के प्लाॅट की सुर्खी बन पा रहे हैं। यानी मानवता की कोई खबर नहीं, समाज का सबसे भ्रष्ट आदमी और कुख्यात अपराधी अखबारों की शोभा बढ़ाने वाले बन गए हैं और इन स्थितियों को राजनीति का भरपूर प्रोत्साहन मिल रहा है। इस प्रवृत्ति के विरोध में नए सिरे से सोचने-समझने का वक्त आ गया है। चुनाव के परिप्रेक्ष्य में लोकतांत्रिक देश का हर नागरिक अपने दायित्व और कर्तव्य की सीमाएं समझें। विकास की ऊंचाइयों के साथ विवेक की गहराइयां भी सुरक्षित रहें। हमारा अतीत गौरवशाली था तो भविष्य भी रचनात्मक समृद्धि का सूचक बने। बस, वर्तमान को सही शैली में, सही सोच के साथ सब मिल जुलकर जी लें तो विभक्तियां विराम पा जाएंगी और एक उन्नत लोकतांत्रिक राष्ट्र का हमारा सपना आकार ले सकेगा।



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(ललित गर्ग)
ई-253, सरस्वती कंुज अपार्टमेंट
25 आई. पी. एक्सटेंशन, पटपड़गंज, दिल्ली-92
फोनः 22727486, 9811051133

आलेख : छिटपुट आंदोलन से दमन का मौका जैसे भांगड़ का नंदीग्राम दफा रफा!

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बुनियादी बेदखली और बिल्डर प्रोमोटर माफिया सत्ता के बाहुबलि धनतंत्र खिलाफ मुद्दे के बिना आंदोलन से भी बेदखली! भारत में अब तक सत्ता को कारपोरेट मदद मिलती रही है और अब कारपेरोट सरकार है तो बहुत जल्द देश का नेतृत्व भी कारपोरेट होगा।ट्रंप उपनिवेश में विकास के सुनहले दिनों का जलवा है ,बहुत जल्द भारत का प्रधानमंत्री भी कोई अरबपति खरबपति बनेगा। यूपी उत्तराखंड वालों से भी रोजाना यही बात हो रही है कि कैसे यूपी,पंजाब और उत्तराखंड में फासिज्म को शिकस्त देना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

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आज सुबह हमने कर्नल भूपाल चंद्र लाहिड़ी के उपन्यास बक्सा दुआरेर बाघ का पहला हिस्सा अपने ब्लागों पर डाला है,जिसका अनुवाद मैंने किया है,ताकि उनके व्यक्तित्व और कृतित्व के बारे में आपको तनिक अंदाजा हो जाये। बंगाल में और बाकी देश में भी वर्चस्ववादी सत्तावर्ग की कारीगरी से स्वतंत्र अभिव्यक्ति इसतरह कुचल दी जाती है कि  जनप्रतिबद्ध संस्कृतिकर्मियों और सामाजिक राजनैतिक कार्यकर्ताओं का कहीं अता पता नहीं चलता।बहुजनों का भी नहीं। वैज्ञानिक दृष्टि से लैस ब्राह्मणों और सवर्णों की जनप्रतिबद्धता का अंजाम भी मनुस्मृति विधान के तहत अंततः संबूक हत्या है।यही रामराज्य की रघुकुलरीति है।देशभक्ति और राष्ट्रद्रोह के अचूक रामवाण वध मिसाइलें हैं। तंत्रविरोधी मारे जायेंगे,सच है।जाति से ब्राह्मण न हों लेकिन सोच और कर्म से जो ब्राह्मणों से जियादा ब्राह्मण हैं,वे मलाईदार जियादा खतरनाक हैं और उन्हींके दगा देते रहने से मिशन गायब हो रहा है।वे ही अब ट्रंप उपनिवेश के सिपाहसालार झंडेवरदार हैं। जाति से दोस्त  दुश्मन पहचानने का तरीका कारगर होता तो बाबासाहेब जाति उन्मूलन का एजंडा लेकर चल नहीं रहे होते और न तथागत गौतम बुद्ध को वर्णव्यवस्था के ब्राहब्मणधर्म के खिलाफ धम्म प्रवर्तन की जरुरत होती।बाबासाहेब ने तथागत का पंथ इसीालिए चुना है क्योंकि वही हिंदुत्व और हिंदू राष्ट्रवाद के प्रतिरोध का रास्ता है।

हम बार बार यह दोहरा रहे हैं कि हमारे हिसाब से गौतम बुद्ध सबसे बड़े जनप्रतिबद्ध सामाजिक कार्यकर्ता हैं और उन्हींके रास्ते बदलाव अब भी संभव है।मुक्तबाजार में भी। महाश्वेता देवी और नवारुण भट्टाचार्य को दबाने की कम कोशिशें नहीं हुई,लेकिन बाकी भारत में उनकी परिधि विस्तृत हो जाने की वजह से हम उनके बारे में जानते हैं।ताराशंकर के बारे में भी लोग जानते हैं।लेकिन माणिक बंद्योपाध्याय को,उनके बीच महाश्वेता देवी के बीच कई जनप्रतिबद्ध पीढ़ियों को हम नवारुण के सिवाय जानते नहीं है। यह बड़ी राहत की बात है गायपट्टी के नाम से बदनाम भूगोल की आम जनता की भाषा हिंदी में अभी विविधता और बहुलता  का लोकतंत्र भारतीय भाषाओं में सबसे ज्यादा है और देशभर के लोग हिंदी पढ़ समझ लेते हैं।जनपदों का लोक हिंदी में मुखर है अब भी। हमें सामाजिक बदलाव का रास्ता इस बढ़त को बरकरार रखकर ही बनाना होगा। गौरतलब है कि सामाजिक बदलाव आंदोलन की जमीन भी हिंदुत्व चीख की वीभत्सता के बावजूद इसी गायपट्टी में बनी है।जबकि धर्मनिरपेक्ष,उदार और प्रगतिशील भूगोल का हर हिस्सा अब केसरिया है। इसीलिए हम पंजाब,यूपी और उत्तराखंड में संघ परिवार के हिंदुत्व एजंडे के मुकाबले पर इतना ज्यादा जोर दे रहे हैं क्योंकि आखिरकार वही गायपट्टी से होकर ही आजादी का रास्ता बनना है और फासिज्म के राजकाज को शिकस्त वहीं मिलनी है। बाकी देश के जनप्रतिबद्ध लोग हिंदी की इस ताकत को समझें तो वे अपने अपने कैदगाह से रिहा होने के दरवाजे खुद खोल सकते हैं। निजी तौर पर मैं चाहता हूं कि सभी भारतीय भाषाओं का प्रासंगिक सारा का सारा सांस्कृतिक उत्पादन और रचनाकर्म, दस्तावेज, आदि जितनी जल्दी हो हिंदी के मार्फत बहुसंख्य जनता तक पहुंचाने का कोई न कोई बंदोबस्त हम करें।जो अनिवार्य है। जाहिर है कि हमारे पास साधन संसाधन नहीं है,मददगार नहीं हैं।फिरभी इस कार्यभार को हम पूरा करने में यकीन रखते हैं।चूंकि यह अनिवार्य कार्यभार है। कर्नल भूपाल चंद्र लाहिड़ी से पहले आज सुबह ही खड़गपुर से मुंबई जाने के बाद आदरणीय मित्र आनंद तेलतुंबड़े से लंबी बातचीत हुई। कुछ दिनों पहले मशहूर फिल्मकार आनंद पटवर्धन से हमारी लंबी बातचीत हुई है। परसो रात कामरेड शमशुल इस्लाम से भी इसी सिलसिले में  लंबी बातचीत हुई है। इसी बीच विद्याभूषण रावत से हमारी रिकार्डेड बातचीत हुई है।जो जल्द ही सबको उपलब्ध होगी। बाकी देश के लोगों के साथ चर्चा में भी यही मुद्दा फोकस पर है। यूपी उत्तराखंड वालों से भी रोजाना यही बात हो रही है कि कैसे यूपी,पंजाब और उत्तराखंड में फासिज्म को शिकस्त देना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।हमें अफसोस है कि पंजाब से संवाद के हालात अभी बने नहीं हैं और न गोवा और मणिपुर से।क्योंकि हम राजनीति और मीडिया दोनों से बाहर हैं।

कर्नल साहेब अभी जब मैं लिख रहा हूं तो डायलिसिस पर हैं क्योंकि कल सुबह वे असम के लामडिंग जायेंगे और तीन दिनों तक उनकी डायलिसिस नहीं होगी।उन्होंने सुबह बताया था कि मुझे उन्होंने एक मेल भेजा है।वे डायलिसिस के बाद रात को आराम करेंगे।फिर सुबह असम के लामडिंग जायेंगे,जहां नेताजी जयंती पर वे अतिथि हैं।नेताजी पर उनकी शोध पुस्तक है और फासिज्म के मुकाबले वे नेताजी को प्रासंगिक मानते हैं। फोन पर उन्होेंने बताया कि उस मेल का मतलब यही है कि भांगड़ जनविद्रोह दूसरा नंदीग्राम आंदोलन नहीं है।वहां आंदोलन पावर ग्रिड के खिलाफ भी नहीं है जो प्रचारित है।बल्कि सिर्फ  पावर ग्रिड को मुद्दा बनाने से भांगड़ नंदीग्राम बना नहीं है।जहां जमीन और रोजगार,आजीविका से बेदखली का माफिया बाहुबलि तंत्र खास मुद्दा है।जो छूट गया है। सुबह की बातचीत में उन्होंने कहा कि कोलकाता संलग्न इलाकों में जमीन और आजीविका से राजनीतिक माफिया की मेहरबानी के नतीजतन लगातार बेदखल हो रहे सिरे से बेरोजगार और गरीब लोगों का गुस्सा एक मुश्त फट पड़ा है।इस आंदोलन की दशा दिशा को वे भ्रामक बता रहे हैं और उनका कहना है कि विज्ञानविरोधी राजनैतिक आंदोलन आखिरकार जनता को आंदोलन विमुख कर दे रहा है। लिखने बैठा तो अपने इन बाक्स में मेल न पाकर मैंने उन्हें फोन किया तो वे अस्पताल में थे।डायलिसिस पर। कर्नल लाहिड़ी के मुताबिक विश्वविद्यालयों से शुरु होने वाले छात्रों युवाओं का आंदोलन सत्तर के दशक से जमीनी स्तर तक पहुंचते पहुंचते भटकाव,अलगाव और दमन का शिकार हो जाता रहा है,जिससे जनता फिर आंदोलन से अलग हो जाती है। हम सबकी चिंता यही है कि छात्र युवा आंदोलन की एकता बनाये रखने की और विश्वविद्यालयों के दायरे से बाहर उसके बिखराव और दमन रोकने की चिंता।क्योंकि देश में बदलाव की दिशा में सकारात्मक यह छात्र युवा पहल है और आधी आबादी खामोश है।दोहरी लड़ाई पितृसत्ता और मनुस्मृति के खिलाफ है तो दोहरी लड़ाई कारपोरेट तंत्र और ब्राह्मणधर्म के पुनरुत्थान के खिलाफ भी है।जनता की गोलबंदी मिशन है।  कर्नल लाहिड़ी ने कहा कि बिजली के तारों को पर्यावरण विरोधी बताकर विज्ञान विरोधी बातों से आंदोलन की हवा हवाई जमीन तैयार की जा रही है ,जबकि वहां बेदखली निंरतर जारी रहने वाला सिलिसिला है और राजनीतिक माफिया का वर्चस्व सर्वत्र है। बाहुबलि धनतंत्र का लोकतंत्र है।कर्नल साहेब के मुताबिक सही मुद्दों के बिना दिशा भटक रही है और आंदोलनकारियों को सत्ता नक्सली माओवादी बाहरी तत्व बताकर अलगाव में डाल रही है और दमन की पूरी तैयारी है। ऐसा बार बार होता रहा है।
सत्तर के दशक से बार बार। 
शार्टकट आंदोलन और प्रोजेक्टेड आंदोलन से पब्लिसिटी मिल जाती है ,लेकिन आम जनता के हकहकूक की लड़ाई भटक जाती है।मीडिया इसे सत्ता के हक में मोड़ता है। इसके नतीजतन फिर जनता को किसी सही आंदोलन के लिए तैयार करना मुश्किल होता है।कारपोरेट पूंजी प्रायोजित प्रोजक्ट आंदोलनो यह काम पिछले पच्चीस सालों में बखूब किया है।यह बेहद खतरनाक है। फर्जी और दिशाहीन आंदोलनों की वजह से जनांदोलनों से आम जनता का मोहभंग हो गया है।सत्ता वर्ग के दमन का भोगा हुआ रोजमर्रे का यथार्थ उन्हें अपने पांवों पर खड़ा होने की कोई इजाजत नहीं देता।ईमानदार आंदोलनों की गुंजाइश बनती नहीं है।

पटवर्द्धन और तेलतुंबड़े से भी छात्र युवाओं के आंदोलन के बिखराव पर लंबी चौड़ी बातें हुईं।खासकर जेएनयू में जिस तरह बापसा  की बड़ी ताकत के रुप में उभऱने के बाद वाम छात्रों और बहुजन छात्रों के बीच दीवारें यकबयक बनी हैं,उससे हिंदुत्व का एजंडा कामयाब होता नजर आ रहा है।यह भारी विडंबना है।जिससे दोनों पक्ष बेपवाह है। जेएनयू के अनुसूचित और ओबीसी बारह छात्रों के निलंबन के खिलाफ जेेनयू के मशहूर आंदोलनकारियों की खामोशी से मनुसमृति बंदोबस्त मजबूत हुआ है।बाकी विश्वविद्यालयों में इससे मनुस्मृति दहन का सिलसिला थम गया है।जाति उन्मूलन का एजंडा एकबार फिर पीछे छूट गया है।जातियों में बांटकर हिंदुत्व फिर हावी है। इसी तरह हैदराबाद विश्वविद्यालय में भी रोहित वेमुला  के साथी वेमुला की संस्थागत हत्या के बाद साल भर बीतते न बीतते अलग थलग पड़ गये हैं। छात्र युवाओं के मनुस्मृति के विरुद्ध एकताबद्ध मोर्चे को संघ परिवार ने जाति और पहचान की राजनीति से तितर बितर कर दिया है।पूरे देश में यही हो रहा है। इसी सिलसिले में विद्याभूषण रावत के सवाल बेहद प्रासंगिक हैं जो मुलाकात होने पर अमूमन दिलीप मंडल भी पूछते रहते हैं-वाम पक्ष जाति और जाति व्यवस्था के सामाजिक यथार्थ से सिरे से इंकार करते हुए जिस तरह लगातार बहुजन हितों से विश्वासघात किया है,उसके बाद बहुजन उनपर यकीन कैसे कर सकते हैं?  जब तक वाम संगठनों में बहुजन नेतृत्व को मंजूर नहीं किया जाता ,तब तक इस सवाल का हमारे पास कोई जबाव नहीं है।यही वजह है कि संघ परिवार को हैदराबाद विश्वविद्यालय में भी रोहित वेमुला के साथियों को अलग थलग करने का मौका  मिला है। विद्याभूषण से हमारी बातचीत रिकार्ड हैं और हम उसका ब्यौरा यहां देना नहीं चाहते।लेकिन उनके पूछे सवाल हमें अब भी बेहद परेशान कर रहे हैंं। हकीकत की जमीन पर भांगड़ सचमुच नंदीग्राम जनविद्रोह नहीं बन सका। जबकि भांगड की जमीन की हकहकूक की लड़ाई में यादवपुर ,प्रेसीडेंसी ,कोलकाता से लेकर विश्वभारती विश्वविद्यालयों के छात्र भी सड़क पर उतर रहे हैं। हाशिये पर चले गये वामपंथी दल और कांग्रेस भी मैदान में हैं। सत्ता और राजनीति ने आंदोलन को पीछे कर दिया है और ईमानदारप्रतिबद्ध छात्र युवा सामाजिक कार्यकर्ता  माओवादी राष्ट्रद्रोही बान दिये जा रहे हैं।

पूरे देश में किस्सा यही।
बुद्धदेव भट्टाचार्य ने जो गलती की थी,ममता बनर्जी ने आंदोलन को रफा दफा करने में वह गलती नहीं दोहराई।
गोलीकांड के साथ साथ उन्होंने पूरे इलाके से पुलिस हटा ली और तत्काल जनता को आश्वस्त किया कि अगरे वे नहीं चाहते तो पावर ग्रिड वहां नहीं बनेगा। पावर ग्रिड का मुद्दा खत्म हो गया तो मुआवजा बांटते ही आंदोलन भी रफा दफा हो गया।सिर्फ पावर ग्रिड का अवैज्ञानिक विरोध से शुरु आंदोलन में दशकों से कोलकाता महानगर के विस्तार के लिए प्रोमोटर बिल्डर राज की बेदखली अभियान और आजीविका रोजगार संकट को इस आंदोलन में मुद्दा नहीं बनाया जा सका। जबकि इलाके में बच्चा बच्चा कह रहा है कि पुलिस की वर्दी में टीएमसी के बाहुबलियों के गुंडों ने गोली चलायी है,पुलिस ने नहीं।वे बाहुबलि ही सत्ता के आधार हैं। बाहुबलियों के कारपोरेट बंदोबस्त में अंधाधुंध सहरीकरण और औद्योगीकरण और कारपोरेट आंदोलन के दो मुंहा एकाधिकार आक्रमण से देशभर में महानगरों से लेकर जिला शहरों और कस्बों तक के आसपास देहत और जनपदों का,खेत खलिहानों का सफाया है,इसे हम कहीं बुनियादी मुद्दा बना नहीं पा रहे हैं।इसीलिए आंदोलन भी नहीं हैं। हर बार सही आंदोलनकारी अलग थलग दमन का शिकार बन जाते हैं और कारपोरेट राजनीतिक आंदोलनों में सत्ता वर्चस्व और शक्ति परीक्षण का खेल शुरु हो जाता है।फिर दोबारा आंदोलन की नौबत नहीं आती।जनता दहशत में पीछे हट जाती है। मसलन छत्तीसगढ़ में नया रायपुर बनाने के लिए जो सैकड़ों गांव बेदखल कराये गये,उसके खिलाफ आंदोलन हुआ नहीं है।हुआ है तो चला नहीं है।चला है तो फेल है। पनवेल और नई मुंबई में आंदोलन का यही अंजाम कि आंदोलनकारी  नेता अपने अपने प्रोजेक्ट के साथ न जाने कहां चले गये,अता पता नहीं है।किसानों को मुआवजा भी नहीं मिला क्योंकि जिन कंपनियों के लिए जमीन का अधिग्रहण हुआ और जिन्हें मुआवजा देना था,उन कंपनियों ने दूसरी कंपनियों को जमीन हस्तांतरित कर दी। कच्छ और गुजरात में यह खुल्ला खेल फर्रूखाबादी रहा है। दिल्ली और नोएडा,फरीदाबाद,गुड़गांव में तो कहीं कोई प्रतिरोध नही हो सका। सत्ता का नाभिनाल बिल्डर प्रोमोटर सिंडिकेट माफिया से जुड़ा है। धन बल पशुबल का गटजोड़ सत्ता और लोकतंत्र का आधार है,जो भांगड़, कोलकाता और बंगाल में ही नहीं,उत्तराखंड, यूपी, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, मध्यप्रदेश. राजस्थान गुजरात, ओडीशा, महाराष्ट्र, गोवा, हरियाणा, पंजाब, दक्षिण भारत से लेकर पूर्वोत्तर भारत तक हिमालय से लेकर समुंदर तक से बेदखली का सच है,जिसके प्रतिरोध के लिए छिटपुट आंदोलन या विद्रोह काफी नहीं हैं।  
लोकतंत्र धनतंत्र में तब्दील है।

धनतंत्र जो कारपोरेट है
।1928 में मशहूर ब्रिटिश नाटककार जार्ज बार्नार्ड शा ने अपने मशहूर व्यंग्य नाटक दि एप्पल कार्ट में बेहद कायदे से लोकंत्र के जिस प्रतिपक्ष को चिन्हित किया था,वह अब इस वक्त सबसे बड़ी चुनौती है। इस नाटक में और उसकी गंभीर प्रस्तावना में लोकतंत्र और संस्थागत राजतंत्र के मुकाबले में लोकतंत्र को धनतंत्र बताने में शा ने कोई कसर नहीं छोड़ी।जो आज सच है। जिस तरह इलेक्ट्राल कालेज के चुने हुए नुमाइंदों के वोट से सिरे से अराजनैतिक असामाजिक एक कारपोरेट अरबपति के हवाले रातोंरात दुनिया हो गयी,उससे बतौर बहुमत चुनाव पद्धति  के इस लोकतंत्र पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है। भारत में अब तक सत्ता को कारपोरेट मदद मिलती रही है और अब कारपेरोट सरकार है तो बहुत जल्द देश का नेतृत्व भी कारपोरेट होगा। विकास के सुनहले दिनों का जलवा है ,बहुत जल्द भारत का प्रधानमंत्री भी कोई अरबपति खरबपति बनेगा।  नये अमरिकी राष्ट्रपति इतिहास के विरुद्ध नस्ली फासिज्म के ईश्वर बनकर विश्व्यवस्था की कमान थामे हैं,यह अमेरिकी लोकतंत्र के लिए ही नहीं,बल्कि बाकी दुनिया,इंसानियत और कायनात के लिे मुकम्मल कयामती फिजां है। जटिल चुनाव पद्धति के तहत किसी राज्य में ज्यादा मत मिलने पर उसके सारे वोट मिल जाने के प्रावधान के तहत बड़े राज्यों का बहुमत वोट पाकर  पापुलर वोट से अरबपति ट्रंप  पराजित होने के बावजूद अमेरिका के राष्ट्रपति हैं। राष्ट्रपति चुने जाने के बाद शपथग्रहण के वक्त उन्हें सिर्फ चालीस फीसद लोगों का समर्थन है,शपथ ग्रहण खत्म भी नहीं हुआ अमेरिका में उनके चुने जाने के क्षण से जारी विरोध प्रदर्शन का सिलसिला वाशिंगटन और न्यूयार्क जैसे बड़े शहरों के अलावा बाकी देश में ज्वालामुखी की तरह फटने लगा है और इतना भयंकर है यह जनविद्रोह कि वाशिंगटन मार्च करने वाली महिलाओं का संख्या दो लाख से ज्यादा है। भारत में सबसे खतरनाक बात यही है कि लोकतंत्र अब सिरे कारपोरेट हैं और उसका एजंडा नस्ली नरसंहार का हिंदुत्व है तो प्रतिरोध असंभव है और आंदोलन भी नहीं है।




(पलाश विश्वास)

स्व0 प्रमोद कु0 लाल टी 20 क्रिकेट टूर्नामंेट 2017, देवघर व गोड्डा फाइनल में

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अमरेन्द्र सुमन (स्पोटर्स डेस्क) दुमका,  उप राजधानी दुमका के गांधी मैदान में पिछले 15 जनवरी 2017 से प्रारंभ स्व0 प्रमोद कु0 लाल टी 20 क्रिकेट टूर्नामेंट के  दो अलग-अलग सेमी फाइनल मुकाबले में जहाँ एक ओर गोड्डा की टीम ने जमशेदपुर को 4 विकेट से परास्त का फाइनल में अपना स्थान सुनिश्चित कर ली वहीं देवघर ने जामताड़ा को 30 रन से हराकर फाइनल में का स्थान पक्का कर लिया।  पहले मैच में गोड्डा के सूरज तिवारी तथा दूसरे मैच में देवघर के करण त्रिवेदी मैन आफ द मैच रहे। उपरोक्त खिलाड़ियों को वन संरक्षक ए के सिंह व रेडक्रास सोसाइटी के अध्यक्ष अजय कुमार झा (मिक्की) ने सम्मानित किया। पहले सेमी फाइनल मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए जमशेदपुर ने 10. 5 ओवर में मात्र 75 रन बनाए। जमशेदपुर की ओर से पांच खिलाड़ी शून्य पर आउट हुए, जबकि गौरव ने 27 दीपक ने 17 चंदन मुखी ने 16 भानु ने 6 जितेन्द्र ने 2 तथा निखिल ने 1 रन बनाये। गोड्डा की ओर से सूरज तिवारी ने 4, सिन्धु राउत ने 3, अब्दुल ने 2 तथा रिषिकान्त ने 1 विकेट लिया। गोड्डा ने जीत के लिए आवश्यक रन 6 विकेट खोकर आसानी से प्राप्त कर लिया। दूसरे मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए देवघर की टीम ने निर्धारित ओवर में 8 विकेट खोकर 178 रन बनाए। जिसमें राजेन्द्र के 57, करण त्रिवेदी के नाबाद 51 तथा इफ्तिखार के 25 रन का महत्वपूर्ण योगदान रहा। जामताड़ा की ओर से ऐजाज  ने 3, सैयद तथा जगदीष ने 2-2 तथा संजीव सिंह ने 1 विकेट लिया। जवाब में जामताड़ा की टीम अंत तक संघर्ष करती हुयी संजीव सिंह के साहसिक 40 रन की बदौलत 17.4 ओवर में 148 रन बनाकर ही आलआउट हो गई। जामताड़ा की ओर ऐजाज ने 19 कौषल सिंह ने 17 तथा सुनील ने भी 16 रन की पारी खेली। देवघर की ओर गेंदबाजी करते हुए संजू ने 3, विकास झा और करण त्रिवेदी ने 2-2 तथा अमरेन्द्र ने 1 विकेट लिया। 2 खिलाड़ी रन आउट हुए।
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