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न्यायाधीश के खिलाफ महिला वकील की याचिका हाईकोर्ट ने की खारिज

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जबलपुर, 28 जनवरी, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने प्रदेश के धार की एक महिला अधिवक्ता की ओर से दायर तत्कालीन जिला न्यायाधीश पर यौन प्रताड़ना के आरोप संबंधित याचिका पर प्रशासनिक कमेटी की जांच का हवाला देते हुए दखल देने से इंकार करते हुए उसे खारिज कर दिया। हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन व न्यायमूर्ति एचपी सिंह की युगलपीठ ने बुधवार को पारित अपने आदेश में कहा है कि हाईकोर्ट की प्रशासनिक कमेटी ने जांच में आरोपों को असत्य पाया था। युगलपीठ ने ऐसी स्थिति में याचिका में हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए उसे खरिज कर दिया। युगलपीठ ने याचिकाकर्ता महिला अधिवक्ता को यह स्वतंत्रता अवश्य दी है कि वह भारतीय दंड संहिता में मौजूद विकल्पों के तहत कार्यवाही करने के लिए स्वतंत्र है। धार जिले की 42 वर्षीय महिला अधिवक्ता की तरफ से हाईकोर्ट में दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि वर्तमान में उच्च न्यायालय की ग्वालियर पीठ में विजिलेंस अधिकरी के रूप में पदस्थ एके तिवारी जब धार जिला न्यायालय में जिला न्यायाधीश (डीजे) के पद पर पदस्थ थे, तो वह उनके न्यायालय में पैरवी के लिए उपस्थित होती थी। महिला अधिवक्ता ने आरोप लगया है कि डीजे बिना बजह उन्हें न्यायालय में बुलाकर खड़ा रखते थे। महिला वकील ने डीजे पर आपत्तिजनक इशारे करने और वकालत में आगे बढ़ने का हवाला देते हुए अपने बंगले पर बुलाने जैसे गंभीर अारोप भी लगाए थे। वकील का आरोप है कि उन्होंने डीजे की बात अनसुनी की, लेकिन इसके बावजूद भी तत्कालीन डीजे का आपत्तिजनक आचरण जारी रहा, जिससे पीडित होकर उन्होंने चार अप्रैल को उच्च न्यायालय में शिकायत भेजी। शिकायत पर जांच करते हुए इंदौर खण्डपीठ के रजिस्ट्रार विजिलेंस ने 15 सितम्बर को उनके बयान लिये। महिला ने आरोप लगाया है कि उसने पुलिस महानिरीक्षक इंदौर को लिखित शिकायत भेजी थी, इसके बावजूद उनका प्रकरण दर्ज नहीं किया गया। याचिका में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पूर्व में पारित एक आदेश का हवाला देते हुए तत्कालीन डीजे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की राहत चाही गयी थी। 





मूर्ति संरक्षण की मीटिंग सिर्फ चाय-समोसे तक सीमित : पुरातत्वविद् शर्मा

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दंतेवाड़ा, 28 जनवरी। छत्तीसगढ़ के बस्तर में ढोलकल गणेश प्रतिमा के खाई में गिरने से उठे बवाल के बीच जांच के लिए फरसपाल पहुंचे पद्मश्री पुरातत्वविद् अरुण कुमार शर्मा ने आज पुरातत्व महत्व की धरोहरों के संरक्षण को लेकर सरकार को सवालों के कठघरे में खड़ा किया। श्री शर्मा ने दो टूक कहा कि पुरातत्व विभाग और संस्कृति विभाग, दोनों ही हमारी प्राचीन प्रतिमाओं और धरोहरों का संरक्षण नहीं कर पा रहे हैं। इन विभागों की सिर्फ मीटिंग होती हैं और इनमें आने वाले अधिकारी, कर्मचारी और नेता समोसा-कचोरी खाकर औपचारिकता पूर्ण करते हैं। श्री शर्मा ने ये आरोप यहां पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के संचालक आशुतोष मिश्रा के समक्ष लगाए। दोनों घोर माओवाद प्रभावित फरसपाल में ढोलकल गणेश प्रतिमा के खंड-खंड में खाई में पाए जाने के हालातों की जांच के लिए आए हैं। नक्सलियों ने यह प्रतिमा पहाड़ी के शिखर से गिरा दी थी। श्री मिश्रा ने उनके आरोपों पर सफाई देते हुए कहा कि सरकार सभी योजनाओं पर काम करती है, बस उनके क्रियान्वयन में में समय लग जाता है। उन्होंने कहा कि हम छत्तीसगढ़ में पुरातत्व धरोहरों के संरक्षण को लेकर गंभीर हैं। श्री मिश्रा ने कहा कि बस्तर के जंगलों में बिखरी पुरामहत्व की मूर्तियों को संरक्षित करने के लिए बीजापुर और दंतेवाड़ा में जिला स्तरीय म्यूजियम बनाया जाएगा। साथ ही कहा कि प्रत्येक दस गांव के बीच संग्रहालय बनाने की योजना भी है, ताकि गांव के आसपास ही उसे सुरक्षित और संरक्षित रखा जा सके। दोनों ने ढोलकल पहाड़ी से नीचे गिरकर खंड-खंड हुई गणेश प्रतिमा का बारीकी से अवलोकन किया। प्रशासन की अनुमति से थाने में रखी गई खंडित मूर्ति के टुकड़ों को रेत में आपस में जोड़ कर पुरातत्वविद् अरूण शर्मा ने उन्हें प्रतिमा रूप दिया। उन्होंने कहा कि प्रतिमा के 80 प्रतिशत भाग सुरक्षित हैं। इन टुकड़ों को उपचारित कर दोबारों से प्रतिमा तैयार की जा सकती। इस मूर्ति की सुरक्षा गांव वालों को ही करना पड़ेगा। मूर्ति को देखने के बाद ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पहले मूर्ति पर हथौड़े से प्रहार किया गया है। जब प्रतिमा नहीं टूटी तो इसे रॉड या डंडे से फंसाकर पहाड़ी से नीचे गिराया गया। प्रतिमा के 56 टुकड़े हुए हैं। कोई महत्वपूर्ण भाग गायब नहीं हुआ है, जिससे मूर्ति का मूल रूप प्रभावित हो। ग्राम फरसपाल में पांच गांवों से पहुंचे ग्रामीणों ने कहा है कि यह पुरातन प्रतिमाएं उनकी धरोहर हैं। अब ढोलकल प्रतिमा की सुरक्षा और संरक्षण की जिम्मेदारी सामूहिक रूप से की जाएगी। इसमें प्रशासन ने भी ग्रामीणों को सहयोग का आश्वासन दिया। 




नोटबंदी का उद्योगों पर विपरीत प्रभाव पडा : सहगल

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भोपाल, 28 जनवरी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की पोलित ब्यूरो सदस्य एवं पूर्व सांसद सुभाषिणी अली सहगल ने केंद्र सरकार के नोटबंदी निर्णय को पूरी तरह अनुचित बताते हुए आज कहा कि इसकी वजह से उद्योगों पर विपरीत प्रभाव पडा है और नौकरी में लगे अनेक लोगों की छंटनी भी हुयी है। सुश्री सहगल ने यहां संवाददाताओं से चर्चा में कहा कि नोटबंदी का देश के साथ ही मध्यप्रदेश के गांवों, शहरों, उद्योगों और खेती एवं राेजगार पर भी विपरीत प्रभाव पडा है। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को काम नहीं होने की वजह से गांव वापस लौटना पड रहा है। उन्होंने नोटबंदी को सरकारजनित असाधारण राष्ट्रीय आपदा निरूपित करते हुए कहा कि इस वजह से लोगों को होने वाली परेशानियों से निपटने के लिए सरकार को आवश्यक कदम उठाने चाहिए। पूर्व सांसद ने कहा कि केंद्र सरकार को बैंकों से पैसे निकालने संबंधी पाबंदियां तत्काल हटाना चाहिए। किसानों के रिण माफ किए जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बैंक में नोट बदलवाने के लिए लाइन में लगने के दौरान अनेक लोगों की मौत हुयी है और ऐसे लोगों के आश्रिताें को पर्याप्त मुआवजा दिया जाना चाहिए। वामपंथी नेता ने कटनी के बहुचर्चित हवाला कांड के कारण सुर्खियों में आए राज्य के मंत्री संजय पाठक का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्री पाठक के खिलाफ कार्रवाई की बजाए वहां के पुलिस अधीक्षक को ही हटा दिया, जो इस मामले की पूरी ईमानदारी से जांच कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ऐसे मंत्री के खिलाफ कार्रवाई होना चाहिए और यदि मुख्यमंत्री ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो उन्हें अपने पद पर बने रहने का अधिकार नहीं हैं। तीन दिन तक चली माकपा राज्य समिति बैठक में राज्य में वामपंथी एवं अन्य लोकतांत्रिक दलों तथा सामाजिक आंदोलनों को एकजुट कर संघर्ष छेडऩे की योजना बनायी गयी। विभिन्न ज्वलंत मुद्दों को लेकर इन सबसे संपर्क समन्वय करके विधानसभा के आगामी बजट सत्र के दौरान राजधानी में प्रदर्शन की तैयारी वामपंथी दल कर रहे हैं। 




सूचना प्राप्त करने से रोका नहीं जा सकता : के.डी. खान

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इंदौर, 28 जनवरी, मध्यप्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त के.डी. खान ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम लोकतंत्र को मजबूत करने का सबसे बड़ा अस्त्र साबित हो रहा है ,इसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति जिसको लगता है कि उसके अधिकारों का हनन या अतिक्रमण किया गया है या शासकीय सेवा में रहते हुए किसी अधिकारी द्वारा भ्रष्टाचार या गलत कार्यवाही की गई है तो उसकी सूचना प्राप्त कर सकता है। श्री खान ने आज यहां इन्दौर कलेक्ट्रेट में पहली लोक अदालत का शुभारंभ करते हुए कहा कि इन्दौर में इस प्रकार की यह पहली लोक अदालत है। उन्होंने कहा कि किसी भी आरटीआई के अन्तर्गत प्राप्त होने वाले आवेदन पर सूचना उपलब्ध कराने का कार्य लोक सूचना अधिकारी का होता है। यदि वरिष्ठ अधिकारी द्वारा सूचना देने से मना किया जाता है तो उसे नोटशीट पर लेकर उल्लेख किया जाये। जिससे सूचना प्राप्त करने वाले व्यक्ति को समयसीमा के बाद सूचना प्राप्त होने पर संबंधित अधिकारी के विरूद्ध भी कार्यवाही सुनिश्चित हो सके। श्री खान ने कहा कि सूचना के अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरणों को निपटाने के लिये लोक अदालत के साथ-साथ सूचना के अधिकार अधिनियम अन्तर्गत कैम्प, वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से भी प्रकरणों का निराकरण किया जा रहा है। इस अवसर पर सूचना आयुक्त सुखराज सिंह ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम लोकतंत्र के लिये एक अच्छा हथियार है। इस अधिनियम के द्वारा कोई भी व्यक्ति किसी भी विभाग से सूचना प्राप्त कर सकता है। शासकीय अधिकारियों के द्वारा यदि कोई गलत काम किया जा रहा है तो सूचना प्राप्त कर उसके विरूद्ध कार्यवाही व आम जनता को बता सकता है। इसका सही रूप से उपयोग करने पर समाज व प्रदेश के लिये बेहतर परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। सूचना आयुक्त आत्मदीप ने अपने उदबोधन में कहा कि शासन और शासकीय अनुदान से चलने वाले संस्थान इस अधिनियम के माध्यम से जनता के प्रति जवाबदेह बने हुए हैं। इस कानून के माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति अपने हितों की रक्षा कर सकता है और विभाग और शासकीय संस्थानों में हो रही मनमानी से स्वयं को सुरक्षित भी रख सकता है। इस अधिनियम का मूल उद्देश्य सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय है। सूचना आयुक्त हीरालाल त्रिवेदी ने कहा कि मध्यप्रदेश सूचना आयोग 2014 से लगातार नये आयाम स्थापित कर रहा है। इन्दौर संभाग में इसके पूर्व तीन हजार से अधिक प्रकरण लंबित थे और 2014 के बाद दो हजार आठ सौ प्रकरण आये और आयोग के द्वारा पांच हजार आठ सौ प्रकरणों में से चार हजार दो सौ से अधिक प्रकरण निराकृत किये जा चुके हैं। 





श्री त्रिवेदी ने कहा कि इन्दौर संभाग की पहली लोक अदालत में से 1500 प्रकरण में से 910 प्रकरण लोक अदालत में रखे गये हैं, जिनका आज निराकरण किया जायेगा। इन्दौर संभाग के 170 अधिकारियों पर अभी तक 23 लाख रूपये से अधिक का जुर्माना किया गया है और तीन लाख रूपये हितग्राहियों को भी दिलाया गया है। श्री त्रिवेदी ने सुनवाई के दौरान सभी लोक सूचना अधिकारियों को यह निर्देश भी दिये कि उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों को वेबसाइट पर भी उपलब्ध कराया जाये, जिससे सूचना प्राप्त करने वाले व्यक्ति को आरटीआई आवेदन लगाने के पूर्व ही बता दिया जाये कि यह सूचना इस वेबसाइट पर उपलब्ध है जहां से उसे प्राप्त कर सकते हैं। इससे सूचना के अधिकार अधिनियम अन्तर्गत आने वाले आवेदनों में कमी आयेगी और कोई भी व्यक्ति उस वेबसाइट के माध्यम से जानकारी प्राप्त कर सकेगा। 

सभी जिलों में सिंहस्थ ज्योति नदक वितरण समारोह होंगे : शिवराज

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भोपाल, 28 जनवरी, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के सभी जिलों में सिंहस्थ ज्योति पदक का वितरण समारोह पूर्वक किया जाएगा, जिसमें संबंधित जिले के प्रभारी मंत्री और पुलिस मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। श्री चौहान आज यहां पुलिस लाइन में सिंहस्थ ज्योति पदक और रुस्तम जी पुरस्कार वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने बेटियों के मान-सम्मान और गरिमा से जुड़े विषयों को पाठ्यक्रम में भी शामिल किये जाने की जरूरत बताई। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा सिंहस्थ-2016 के आयोजन में सेवा और समर्पण की अदभुत मिसाल कायम की है। पुलिस का व्यवहार, वाणी और दृष्टिकोण अदभुत था। उन्हाेंने कहा कि अच्छे कार्यों का सम्मान जरूरी है। श्री चौहान ने पुलिस के कार्य की कठिन स्थितियों का उल्लेख करते हुए कहा कि उसे जो कार्य सौंपा गया, उसने उसे सफलता से किया है। किसी समय दस्यु समस्या से पीड़ित प्रदेश में आज एक भी सूचीबद्ध गिरोह नहीं है। जेल ब्रेक की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि पुलिस की तत्परता ने बहुत बड़ी अनहोनी को रोक दिया। प्रदेश के मुखिया ने कहा कि माताओं-बहनों के साथ अपराध स्वीकार नहीं है। चिन्हित अपराधों में कड़ी कार्रवाई की जाए। अबोध बालिकाओं के साथ दुराचार करने वाले को फांसी के फंदे पर ही लटकाना चाहिए। इस संबंध में वैधानिक प्रावधानों के संबंध में अध्ययन करवाने और सुझाव प्राप्त करने के लिए कहा। उन्होंने प्रदेश को नशे के कंलक से मुक्त करवाने के लिए संकल्पित होने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि मद्य निषेध वाले राज्यों की व्यवस्थाओं का गंभीरता से अध्ययन करवाया जा रहा है। विगत चार वर्षों में नई शराब की दुकान नहीं खोली गई है। शराब निर्माण की फैक्ट्री भी नहीं लगने दी गई है। नर्मदा तट के किनारों पर शराब की दुकानें नहीं रहेगी। 




मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह को भी सिंहस्थ ज्योति पदक से सम्मानित किया। इस अवसर पर श्री सिंह ने कहा कि पुलिस ने सिंहस्थ के सफल आयोजन द्वारा मध्यप्रदेश का गौरव बढ़ाया है। मध्यप्रदेश पुलिस का कार्य देश में सबसे अच्छा है। पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने स्वागत उदबोधन दिया। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ-2016 के वृहद् आयोजन को सफल बनाने में 25 हजार से अधिक पुलिस के अधिकारी-कर्मचारियों का योगदान है। कार्यक्रम में पुरस्कृत कर्मचारियों के प्रतिनिधि के रूप में अधिकारी-कर्मचारियों को सिंहस्थ ज्योति पदक से सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश पुलिस के प्रथम प्रमुख के.एफ. रुस्तमजी की स्मृति में पुरस्कार स्थापित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में तत्कालीन अपर मुख्य सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक सहित अधिकारियों को पदक से सम्मानित किया। कार्यक्रम में राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता, सहकारिता राज्य मंत्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव बी.पी. सिंह और पूर्व पुलिस महानिदेशक सुरेंद्र सिंह भी मौजूद थे।

भाजपा का वायदा राममंदिर, गोहत्या, तीन तलाक, किसानों की कर्ज़ माफी, अपराध मुक्त समाज

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लखनऊ, 28 जनवरी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिये अपने चुनावी वादों में तीन तलाक, गो हत्या बंदी और राममंदिर के मुद्दों पर हिन्दू और मुसलमानों दोनों समुदायों की भावनाओं को सहलाया और किसानों का पूरा ऋण माफ करके उन्हें भविष्य में शून्य ब्याज पर कर्ज़ दिलाने, मज़दूरों को दो लाख रुपये का बीमा देने, अपराधियों, भ्रष्टाचारियों एवं माफियाराज से मुक्ति दिलाने एवं सुदृढ़ कानून व्यवस्था का वादा किया। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आज पार्टी के चुनावी पत्र “लोक कल्याण संकल्प पत्र -2017” जारी किया। पार्टी के पुराने ‘सबका साथ सबका विकास’ के नारे के अनुरूप तैयार इस दस्तावेज़ में हर तबके गरीब एवं वंचित व्यक्ति के लिये योजनाओं को पिटारा खोल दिया। भाजपा अध्यक्ष ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश के इस विधानसभा चुनाव में भाजपा जातिवाद और परिवार की राजनीति को ‘मृत्युदंड’ देकर ‘पॉलिटिक्स विद परफॉर्मेन्स’ का आगाज़ करेगी और 300 से अधिक सीटें जीत कर अब तक की सबसे मज़बूत सरकार बनायेगी। श्री शाह ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता धोखेबाज़ी और विश्वासघात की राजनीति से मुक्ति पाना चाहती है और भाजपा का संकल्प पत्र इसी दृष्टिकोण से युवाओं, अन्नदाताआें, बहनों एवं माताओं, बुज़ुर्गों के लिये क्या करने की इच्छुक है, इसकी योजना पेश करता है। श्री शाह ने इस मौके पर हिन्दुओं और मुसलमानों दोनों समुदायों की कमज़ोर नस को स्पर्श करते हुए ‘तीन तलाक’ तथा गोहत्या बंदी एवं अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण के लिये उनकी भावनाओं के अनुरूप सक्रियता से आगे बढ़ने का भी वादा किया। उन्होंने ऐलान किया कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के सत्ता में आने पर सरकार ‘संवैधानिक तरीकों से’ राममंदिर निर्माण जल्द से जल्द कराने के लिये प्रयत्नशील रहेगी। श्री शाह ने मुसलमान महिलाआें के लिये संवेदनशील तीन तलाक के मुद्दे को छूते हुए घोषणा की कि भाजपा की सरकार बनने पर मुसलमान महिलाओं की इच्छा जानने के लिये सर्वेक्षण करायेगी और उनकी राय के अनुसार ही उच्चतम न्यायालय में पक्षकार बनकर जायेगी। उन्होंने हिन्दु शब्द का प्रयोग किये बिना कैराना एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लोगों के पलायन और जनसंख्या में बदलाव का मुद्दा भी उठाया और कहा कि राज्य में भाजपा की सरकार बनने पर इस बारे में एक श्वेत पत्र भी लाया जायेगा जिसमें बताया जायेगा कि अब तक कितना और किस प्रकार से पलायन हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि इसे रोकने की जिम्मेदारी जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक पर डाली जायेगी। भाजपा ने लोक कल्याण संकल्प पत्र में बिना नाम लिये ‘गो-हत्या प्रतिबंध’ के एजेंडे को भी शामिल कर लिया। उसमें कृषि विकास के बिन्दुओं में उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने पर सभी अवैध कत्लखानों को बंद करने और सभी यांत्रिक कत्लखानों पर प्रतिबंध लगाने का भी ऐलान किया। उन्होंने दूध व्यवसायी यादव समाज पर भी डोरे डालते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में भगवान कृष्ण के युग के समान घी और दूध की नदियां बहेंगी तथा हर चार जिलों में अमूल की तर्ज पर बड़ी डेयरी स्थापित की जायेगी। पार्टी ने ध्वस्त कानून व्यवस्था को लेकर भी जनता से वादा किया कि भाजपा उत्तर प्रदेश को अराजकता, गुण्डाराज, भ्रष्टाचार और माफियाराज से मुक्ति दिलायेगी। राज्य के 22 करोड़ लोगों को सुरक्षा देगी एवं माताओं-बहनों के सम्मान को बचायेगी। उन्होंने कहा, “ यह संकल्प पत्र घोषणाओं का पिटारा नहीं बल्कि हमारी प्रतिबद्धता का प्रतिबिम्ब है। पिछड़ेपन से ग्रस्त उत्तर प्रदेश को अब घोषणाओं की बजाय संकल्पों की जरूरत है, और हमारा संकल्प पत्र हमारे संकल्पों का ठोस दस्तावेज है। श्री शाह ने कहा कि भाजपा की सरकार जवाबदेही के साथ अपने लक्ष्यों हासिल करने की दिशा करेगी। हमारा लक्ष्य प्रदेश से गुंडाराज और भ्रष्टाचार को समाप्तकर पारदर्शी एवं भयमुक्त प्रदेश बनाना है। उत्तर प्रदेश की सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक संपन्नता, जो पिछले कुछ वर्षों से हाशिये पर है, को सुशासन की नीतियों के माध्यम से पुन: प्रतिष्ठित करना है। संकल्प पत्र में प्रदेश के सभी गरीबों तक बिना जाति और धर्म के भेद-भाव के सरकारी कल्याण योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए ‘गरीब कल्याण कार्ड’ जारी करने तथा इस कार्ड के ज़रिये ₹6 लाख तक का आवास ऋण रियायती दरों पर देने, युवाओं को लैपटॉप देने के साथ एक जीबी का डाटा भी मुफ्त देने, एक टास्क फ़ोर्स का गठन कर भू-माफियाओं की कब्जे से जमीनों को मुक्त कराने, अवैध खनन, भ्रष्टाचार के मामलों में स्पेशल टास्क फ़ोर्स गठित कर कठोर कार्रवाई करने, 70 लाख रोजगार एवं स्व-रोजगार के अवसर पैदा करने, प्रदेश की 90 प्रतिशत नौकरियों को प्रदेश के युवाओं के लिए आरक्षित, 90 दिनों के भीतर सभी रिक्त पदों पर भर्ती, प्रत्येक घर के एक सदस्य को मुफ्त कौशल विकास प्रशिक्षण की व्यवस्था करने, शिक्षा मित्रों की रोज़गार समस्या को 3 महीनों में सुलझाने के वादे प्रमुख हैं। लखनऊ, नोएडा में मेट्रो सेवा का विस्तार, कानपुर,आगरा, इलाहाबाद, गोरखपुर, झांसी और गाजियाबाद में मेट्रो सेवा आरंभ करने की भी बात कही गयी है। इस मौके पर मंंच पर केन्द्रीय मंत्री कलराज मिश्रा, मनोज सिन्हा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पार्टी में उत्तर प्रदेश के प्रभारी ओम प्रकाश माथुर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिनेश शर्मा, सांसद योगी आदित्यनाथ और भाजपा अनुसूचित जाति माेर्चा के अध्यक्ष कौशल किशोर मौजूद थे। जबकि कार्यक्रम केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल, कर्नल राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेन्द्र यादव, अनिल जैन भी मौजूद थे। श्री शाह ने बताया कि विगत एक साल में भाजपा के कार्यकर्ताओं ने एक करोड़ से अधिक लोगों से संपर्क किया और 30 लाख से अधिक लोगों से सुझाव लिये। भाजपा का लोक कल्याण संकल्प पत्र उन्हीं सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है।




चुनाव को सांप्रदायिक रंग देना चाहती है भाजपा : मायावती

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लखनऊ, 28 जनवरी, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के घोषणा पत्र (लोक कल्याण संकल्प पत्र) को गुमराह करने वाला दस्तावेज बताते हुए कहा है कि इसमें स्लाटर हाऊस, तीन तलाक और राम मंदिर को शामिल कर भाजपा ने साबित कर दिया कि वह चुनाव को साम्प्रदायिकता की ओर ले जाना चाहती है। संकल्प पत्र जारी होने के तत्काल बाद सुश्री मायावती ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में भी खूब वायदे किये थे, कहा था कि विदेशों से कालाधन लाकर हर एक के खाते में 15-15 लाख रूपये देने का वायदा किया था। क्या किसी के खाते में एक पैसा गया। भाजपा सिर्फ वायदे करती है। केन्द्र सरकार ने एक चौथाई भी वायदा पूरा नहीं किया है। उन्होंने कहा कि जनता का ध्यान बांटने के लिए भाजपा कभी धर्मिक तो कभी देशभक्ति के मुद्दे उठाकर लोगों को गुमराह करती है। सर्जिकल स्ट्राइक और नोटबंदी के नाम पर नाटक कर जनता को गुमराह करने की कोशिश की। उनका कहना था कि संकल्प पत्र के जरिये भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आज कहा कि उत्तर प्रदेश में उनकी सरकार बनेगी तो यांत्रिक कत्लखाने (स्लाटर हाऊस) बन्द करवाने, तीन तलाक के मुद्दे पर मुस्लिम महिलाओं से सर्वे कराकर उच्चतम न्यायालय में पक्षकार बनने तथा राम मंदिर का मुद्दा उछालकर भाजपा चुनाव को साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश में लग गयी है। संकल्प पत्र में दलितों और पिछडों के लिए कोई खास योजना नहीं बनायी गयी है। जनता भाजपा के बहकावे नहीं आयेगी। यहां की जनता समझदार है। 




भाजपा का घोषणापत्र झूठ का पुलिंदा : समाजवादी पार्टी

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लखनऊ 28 जनवरी, उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ समाजवादी पार्टी (सपा) ने राज्य विधानसभा चुनाव के लिये भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा अाज जारी घोषणापत्र को झूठ का पुलिंदा करार दिया है। सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि भाजपा ने हमेशा की तरह जनता को झूठे सब्जबाग दिखाये है। सपने दिखाकर जनमत पाना और सत्ता मिलने के बाद गैर जिम्मेदार और संवेदनहीन व्यवहार करना भाजपा का पुराना हथियार रहा है। भाजपा ने घोषणापत्र में एक बार फिर मंदिर का मुद्दा उठाकर सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने का काम शुरू कर दिया। उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन तीन तलाक के मुद्दे पर फैसले लेने की बात करना अल्पसंख्यकों के साथ धोखा है। श्री चौधरी ने कहा कि भाजपा के पास उत्तर प्रदेश की जनता के लिये न तो कोई एजेण्डा है और न ही सोच हैं जबकि सूबे के मौजूदा मुख्यमंत्री पिछले पांच वर्षो से सभी क्षेत्रों के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में लगे है। सपा ने अपने घोषणा पत्र में जिस प्रकार सभी को साथ लेकर समग्र विकास की कल्पना की है। उसी रास्ते पर चलकर ही उत्तर प्रदेश विकास एवं सामाजिक सद्भाव को मजबूत कर सकता है। उन्होने कहा कि भाजपा के चरित्र से उत्तर प्रदेश की जनता परिचित है। कई राज्यों में भाजपा की सरकार होने के बाद भी इस प्रकार की किसी घोषणा का पालन नहीं हुआ। भाजपा हमेशा से ही झूठ का कारोबार करती है। किसानों के लिये जिन वायदों की भाजपा के घोषणापत्र में बात की गयी है उसकी बानगी महाराष्ट्र के भाजपा सरकार में भी देखने को नही मिली। विदर्भ में बड़ी संख्या में किसान आत्महत्या कर रहे है। प्रधानमंत्री जो गुजरात के 12 वर्ष मुख्यमंत्री भी थे, उन्होंने गुजरात में विकास कार्य क्यों नहीं किया। 





संकल्प पत्र जारी करने से पहले 30 लाख लोगों की राय ली थी भाजपा ने

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लखनऊ, 28 जनवरी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए लोक कल्याण संकल्प पत्र (घोषणा पत्र) जारी करने से पहले 30 लाख से अधिक लोगों के सुझाव लिये और दो करोड से ज्यादा लोगों से सम्पर्क साधा। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आज यहां संकल्प पत्र जारी करते हुए बताया कि परिवर्तन यात्राओं के जरिये पार्टी ने करोडों लोगों से सम्पर्क किया और उनसे सुझाव लिये। भाजपा ने पांच नवम्बर से 24 दिसम्बर तक राज्य में चार परिवर्तन यात्राएं निकाली थीं। इन यात्राओं ने करीब 16 हजार किलोमीटर की दूरी तय की थी। यह यात्राएं सभी 75 जिलों और 403 विधानसभा क्षेत्रों में गयी थीं। श्री शाह ने कहा कि इन यात्राओं में मिले सुझावों को गंभीरता से लेते हुए पार्टी ने संकल्प पत्र में शामिल किया है।




सात निश्चय कार्यक्रम से बिहार की तस्वीर बदल जाएगी : नीतीश

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नवादा 28 जनवरी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के सर्वांगीण विकास का संकल्प दुहराते हुए आज कहा कि प्रदेश के विकास को केन्द्र में रखकर लिये गये सात निश्चय के पूर्ण होते ही सूबे की तस्वीर बदल जायेगी। श्री कुमार ने आज यहां निश्चय यात्रा के क्रम में जिले के नेमदारगंज पंचायत के सुपौल गांव में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि निश्चय यात्रा का उदेश्य जमीनी सच्चाई से अवगत होना है। नई चीजों को लागू करने में जो कठिनाई आती है उसकी जानकारी यात्रा से मिलती है। उन्होंने कहा कि राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए सात निश्चय कार्यक्रम तय किये गये हैं, जिसका क्रियान्वयन भी प्रारंभ कर दिया गया है। इन निश्चयों के पूरी तरह से लागू होने पर बिहार की तस्वीर बदल जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्धारित सात निश्चय कार्यक्रम के तहत महिलाओं को सरकारी सेवाओं में 35 फीसदी आरक्षण देकर पहला निश्चय को पूरा कर दिया गया है जबकि युवाओं को रोजगार मुहैया कराने और पढ़ाई के लिए कार्यक्रम लागू करने के साथ ही शिक्षण संस्थान खोले जा रहे हैं। सात निश्चत के तहत राज्य में जितने भी संस्थान खोले जाने हैं उसके लिए जमीन उपलब्ध हो गई है। इन निश्चयों में चार ऐसे निश्चय है जो सभी के लिए है। हर घर नल का जल, हर घर में शौचालय, हर घर में बिजली का कनेक्शन और हर घर में पक्की गली और नाली का निर्माण का लक्ष्य है। 





श्री कुमार ने कहा कि शराबबंदी का कानून पहले से था लेकिन उन्होंने पूर्ण शराबबंदी का निर्णय लिया। शराबबंदी के समर्थन में आयोजित मानव श्रृंखला में दो करोड़ लोगों के शामिल होने का अनुमान था लेकिन चार करोड़ लोगों ने भाग लिया। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि शराबबंदी से नशाबंदी तक माहौल ऐसा बनाना है कि पूरा बिहार शराबमुक्त और नशामुक्त हो जाये। पहले शराब से पांच हजार करोड़ रुपये का राजस्व आता था लेकिन उसकी चिंता नही है। सरकार के खजाने में जितना भी आता था लेकिन बिहार के लोग शराब में उससे कहीं अधिक दस हजार करोड़ रुपये खर्च कर देते थे। गुजरात जैसे राज्यों में पहले से शराबबंदी थी। लेकिन, जिन राज्यों में नही थी वहां भी माहौल बनने लगा है। मुख्यमंत्री ने सुपौल को खुले में शौच मुक्त गांव घोषित किया। इस गांव में एक हाई स्कूल खोलने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि पहले हर जिले में एक पॉलिटेक्निक कॉलेज खोलने की योजना थी लेकिन अब एक इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने की योजना है। इस मौके पर ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक पी. के. ठाकुर, जिलाधिकारी मनोज कुमार समेत अनेक लोग उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने नवादा में अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण केन्द्र का भी निरीक्षण किया। 

स्मार्ट कार्यशैली से ही शहर स्मार्ट बनेंगे : रघुवर

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रांची 28 जनवरी, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज कहा कि स्मार्ट तरीके से नई परिकल्पनाओं एवं योजनाओं को मूर्त रूप देकर ही शहरों को स्मार्ट बनाया जा सकता है। श्री दास ने यहां स्वच्छ भारत मिशन तथा स्मार्ट सिटी से संबंधित बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि शहरों को स्मार्ट बनाने के लिए नगर निगम की सेवाओं और सुविधाओं को लोगों तक सहजता से पहुंचना आवश्यक है। मकान का नक्शा मंजूर कराने के लिए आन्ध्रप्रदेश की तर्ज पर ऑटोमेटिक और ऑनलाईन व्यवस्था की जाएगी। इस व्यवस्था के तहत एक निश्चित क्षेत्रफल एवं उंचाई के मकान के नक्शे की जांच मशीन के जरिये हो सकेगी एवं आवेदक को जमा की जाने वाली आवश्यक राशि की सूचना भी प्राप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि नगर निगम द्वारा प्रदत्त सुविधाओं के लिए कमांड कंट्रोल सेन्टर की व्यवस्था पर भी विचार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने ग्रीनफील्ड स्मार्ट सीटी के निर्माण के साथ ही घनी अबादी वाले क्षेत्रों में भी यातायात, सामुदायिक शौचालय, जलापूर्ति की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। जिन मुहल्लों के सभी घरों में जलापूर्ति कार्य पूरा हो गया हो, वहां जल उत्सव मनाया जाये। उन्होंने कहा कि 02 अक्टूबर तक पूरे राज्य के शहरी क्षेत्रों को खुले में शौच से मुक्त करने का लक्ष्य है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए शहरों में निश्चित समयसीमा में मापदंड के अनुसार शौचालय निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा। उन्होंने रेलवे स्टेशन के बाहर तथा रेलवे लाईन के पास घनी आबादी के क्षेत्रों में भी शौचालय का निर्माण तथा चार महत्वपूर्ण स्थलों पर ई-टाॅयलेट को लगाने के के निर्देश दिये। इस अवसर पर नगर विकास मंत्री सी. पी. सिंह, मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, विकास आयुक्त अमित खरे, प्रधान सचिव नगर विकास अरुण कुमार सिंह, नगर आयुक्त प्रशांत कुमार समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।




शराबबंदी से साइकिल -पोशाक योजना में 681करोड़ रूपये की कटौती : मोदी

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पटना 28 जनवरी, बिहार भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने आज कहा कि शराबबंदी के बाद घोर वितीय संकट के कारण राशि वितरण की बात तो दूर राज्य सरकार ने पिछले वर्ष के 1081 करोड़ के बजट की तुलतना में इस वर्ष छात्र- छात्राओं को साईकिल और पोशाक की राशि में 681 करोड़ रूपये की भारी कटौती कर दी है। भाजपा विधान मंडल दल के नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने यहां कहा कि शैक्षणिक एवं वित्तीय वर्ष समाप्ति की ओर है लेकिन करीब 17 लाख छात्र-छात्राओं को वर्ष 2016 में मिलने वाली साइकिल और डेढ़ करोड़ से अधिक छात्र-छात्राओं को पोशाक की राशि अभी तक नहीं मिली है। शराबबंदी के बाद से राज्य सरकार घोर वित्तीय संकट में जूझ रही है । श्री मोदी ने कहा कि वित्तीय संकट के कारण राशि वितरण की बात तो दूर सरकार ने पिछले वर्ष के 1081 करोड़ के बजट की तुलना में इस वर्ष साइकिल और पोशाक की राशि में 681 करोड़ की भारी कटौती कर दी है। चुनावी वर्ष में साइकिल और पोशाक के लिए 75 प्रतिशत उपस्थिति की अनिवार्यता को समाप्त करने वाली सरकार ने पैसे की कमी के कारण इस वर्ष फिर से इसे अनिवार्य कर दिया है ताकि अधिक से अधिक छात्र-छात्राओं को इसके लाभ से वंचित किया जा सके। पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री पोशाक योजना, साइकिल योजना एवं किशोरी स्वास्थ्य योजना की राशि चुनावी वर्ष 2015 के जुलाई-अगस्त में ही दे दी गई थी, जबकि वर्ष 2016 के अप्रैल से शुरू होने वाले शैक्षिक सत्र के लिए जनवरी 2017 तक राशि नहीं दी गई है । उन्होंने कहा कि दो महीने बाद ही सत्र समाप्त हो जायेगा और छात्र-छात्राएं अगली कक्षा में चली जायेंगी। श्री मोदी ने कहा कि भाजपा जब जनता दल यूनाइटेड(जदयू) के साथ सरकार में थी तो साइकिल एवं पोशाक योजना शुरू की गई थी लेकिन अब ये योजनाएं दम तोड़ रही है और धीरे-धीरे बंदी की ओर बढ़ रही है। दलितों एवं पिछड़ों की छात्रवृत्ति को सरकार पहले ही बंद कर चुकी है। पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में पोशाक राशि में 400 करोड़ तथा साइकिल योजना की राशि में 281 करोड़ रूपये की कटौती कर दी गई है। आर्थिक संकट के कारण सरकार की मंशा अधिक से अधिक छात्र-छात्राओं को इन योजनाओं के लाभ से वंचित करने की है। 




बिहार में भारी मात्रा में शराब बरामद, चार तस्कर गिरफ्तार

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पटना 28 जनवरी, बिहार के दरभंगा और सुपौल जिले से पुलिस ने आज भारी मात्रा में शराब बरामद कर चार तस्करों को गिरफ्तार किया है। दरभंगा से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, दरभंगा जिला मे पुलिस ने 210 बोतल विदेशी शराब के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (सदर) दिलनवाज अहमद ने आज यहाँ बताया कि विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के कैदराबाद मुहल्ला से कृष्णा महतो को 150 बोतल विदेशी शराब के साथ गिरफ्तार किया गया है वहीं पतोर सहायक थाना क्षेत्र के होरलपट्टी गाँव से शोभित चौधरी को 60 बोतल विदेशी शराब के साथ गिरफ्तार किया गया है। पहली बार 90 मिलीलीटर का पैक जब्त हुआ है। सुपौल से प्राप्त समाचार के अनुसार, जिले के राघोपुर थाना क्षेत्र से आज सुबह उत्पाद विभाग की टीम ने भारी मात्रा में नेपाली शराब के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार कर लिया। उत्पाद अधीक्षक किशोर कुमार साह ने यहां बताया कि सूचना के आधार पर विभाग की टीम ने धरहारा गांव के एक मकान में छापेमारी कर 430 बोतल नेपाली शराब बरामद किया। उन्होंने बताया कि मौके पर से शराब कारोबारी भूपेन्द्र यादव और उसके पुत्र अशोक कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। श्री साह ने बताया कि पूछताछ में तस्करों ने बताया कि वे नेपाल से शराब लाकर यहां बेचा करते थे। पुलिस ने एक मोटरसाइकिल भी जब्त की है । 




पहले ही हार मान चुकी है विपक्षी पार्टियां : मोदी

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पणजी, 28 जनवरी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि विधानसभा चुनावों के तय कार्यक्रम को लेकर विपक्षी पार्टियों की ओर से चुनाव आयोग पर सवालिया निशान लगाने से स्पष्ट हो गया है कि वे पहले से ही हार के लिए तैयार हैं और इस तरह के बहाने ढूंढ रही हैं। श्री मोदी ने शहर में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा 'इस चुनाव में मैंने एक पार्टी का बयान पढ़ा है, पार्टी कह रही है कि उन्हें इस बात को लेकर बहुत आश्चर्य हुआ है कि पंजाब और गोवा चुनाव की तारीख एक ही दिन चार फरवरी को है और दोंनों में एक ही चरण में मतदान का आयोजन निर्धारित किया गया है। वे कह रहे हैं कि चुनाव आयोग पर प्रधानमंत्री कार्यालय के दवाब के कारण यह हुआ है। इसका अर्थ है वे हार के लिए पूरी तरह तैयार हैं तथा वह इस तरह के बहाने खोज रहे हैं। यदि वे चुनाव हार जाते हैं तो कहेंगे कि चुनाव आयोग ने ऐसी तारीखें तय की थी जिसकी वजह से हम हारें।'प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जैसे लोकतंत्र में चुनाव आयोग जैसी वैधानिक संस्थाओं पर सवालिया निशान लगाना या उनकी आलोचना करने से जनता का एेसी संस्थाओं से विश्वास उठ जाएगा। यह एक लोकतंत्र है और हमें अपनी संस्थाओं के प्रति विश्वास को बढ़ाना है। श्री मोदी ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की तारीफ करते हुए कहा कि वह एक मजबूत रक्षा मंत्री देने के लिए गोवा का धन्यवाद करते हैं। पूरा विश्व सर्जिकल स्ट्राइक पर बहस कर रहा है और लोग अभी भी यह जानने की कोशिश कर रहे हैं यह कैसा हुआ और हमारे जवान वहां किस प्रकार पहुंचे। हालांकि श्री मोदी ने इस बात का जिक्र नहीं किया क्या श्री पर्रिकर की राज्य की राजनीति में संभावित वापसी होगी। गौरतलब है कि मई 2014 में जिस समय मोदी सरकार का गठन हुआ था उस वक्त श्री पर्रिकर गोवा के मुख्यमंत्री थे और उन्हें बाद में मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। अभी हाल ही में केंद्रीय मंत्री और गोवा के प्रभारी नितिन गडकरी ने संकेत दिये थे कि यदि चुनाव के बाद विधायकों की सहमति हो तो केंद्रीय मंत्री को भी मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी कह चुके हैं कि श्री पर्रिकर चाहे जहां भी रहें राज्य की अगली सरकार उन्हीं के नेतृत्वों में होगी। 




सूरजकुंड मेला में दिखेगी झारखण्ड की संस्कृति की झलक

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रांची, 28 जनवरी, हरियाणा के सूरजकुंड में एक से 15 फरवरी के बीच आयोजित मेले में इस बार लोगों को झारखण्ड की संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। इस बार थीम स्टेट झारखंड को बनाया गया है। यह जानकारी यहां झारखंड के पर्यटन मंत्री अमर कुमार बाउरी ने संवाददाता सम्मेलन में दी। उन्होंने बताया कि पिछले 30 वषरें से हर साल हरियाणा सरकार भारत पर्यटन विभाग के सहयोग से हस्तशिल्प और कला संस्कृति का मेला लगाती है। इस मेले में हर साल किसी न किसी राज्य को थीम स्टेट बनाया जाता है। 2017 के सूरजकुंड मेला का थीम स्टेट झारखण्ड को बनाया गया है। उन्होंने कहा कि झारखण्ड के लिए यह ऐतिहासिक मौका है, जब झारखण्ड की कला संस्कृति, यहां के रहन सहन, खान पान को न सिर्फ पूरा देश बल्कि 20 अन्य देश भी जान सकेंगे। बाउरी ने कहा कि झारखंड को पहले सिर्फ खनिज के लिए जाना जाता था लेकिन सूरजकुंड में लघु झारखण्ड को देख कर पर्यटक झारखण्ड को और भी अच्छे से जान सकेंगे। इस मेले में झारखण्ड की प्रसिद्ध कला सोहराय, कोहबर, डोकरा, जादोपटिया को भी प्रदर्शित किया जायेगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने झारखण्ड के ब्रांड एंबेसडर बन कर अपने राज्य के प्रति लोगों के मन में बसी नकारात्मक छवि को बदलने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में सरकार यहां के युवाओं को रोजगार देने का प्रयास कर रही है। विभाग के सचिव राहुल शर्मा ने कहा कि थीम स्टेट झरखण्ड होने के कारण सूरजकुंड में मेले के मुख्य द्वार से लेकर सड़क तक हर जगह झारखण्ड की झलक देखने को मिलेगी। मेला के प्रवेश द्वार को मलुटी मंदिर की तरह तैयार किया गया है जो स्थायी रूप से रहेगा। वहीं अस्थायी गेट इटखोरी, डोकरा आर्ट और रजरप्पा मंदिर की थीम पर बनाया जा रहा है। भगवान बिरसा मुंडा की 18 फुट उंची एक प्रतिमा भी लगायी गयी है। उन्होंने बताया कि पर्यटक झारखण्ड के आदिवासियों के रहने और उनके तौर तरीके को जान सकेंगे। शर्मा ने कहा कि मेले मे भाग लेने के लिए झारखण्ड से करीब 400 कलाकार सूरजकुंड जा रहे है, जिनमें इस साल के पद्मश्री सम्मानित कलाकार मुकुन्द नायक भी अपनी प्रस्तुति देंगे। उन्होंने बताया कि झारखण्ड के 50 हस्तशिल्प कलाकारों की टीम भी मेला में भाग ले रही है। इस मेले का पूरा बजट 2.5 करोड़ रुपया है।





बिना इजाजत अहम फैसले करने पर चुनाव आयोग ने मोदी सरकार की खिंचाई की

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नयी दिल्ली, 28 जनव, चुनाव आयोग ने पिछले दिनों कुछ केंद्रीय मंत्रालयों की ओर से किए गए फैसलों से पहले आयोग की अनुमति नहीं लिए जाने पर नाराजगी जताते हुए केंद्रीय कैबिनेट सचिव पी के सिन्हा को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि आदर्श आचार संहिता पर उसके दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन हो । आयोग ने कहा है कि मंत्रालयों ने आयोग की अनुमति के बगैर कुछ ऐसे फैसले किए जिससे पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों के दौरान सभी पार्टियों को मिलने वाला समान अवसर प्रभावित हो सकता है । आयोग ने खास तौर पर वित्त मंत्रालय, नीति आयोग और रक्षा मंत्रालय का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने आचार संहिता लागू होने की अवधि में भी अहम मामलों को आयोग के पास नहीं भेजा । आचार संहिता चार जनवरी को ही लागू हो गई थी और पांच राज्यों में चुनाव खत्म होने तक प्रभावी रहेगी । सिन्हा को लिखे पत्र में कहा गया, ‘‘आयोग ने गौर किया है कि कुछ मामलों में मंत्रालयों-विभागों ने मामले को आयोग के पास भेजे बगैर ऐसे फैसले किए, जिनमें चुनावी राज्यों में पार्टियों को मिलने वाले समान अवसर को प्रभावित करने की क्षमता है । ऐसे फैसले खासकर नीति आयोग, रक्षा मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ने किए ।’’ आयोग के सूत्रों ने बताया कि 27 जनवरी को सरकार को भेजे गए संदेश की वजह वित्त मंत्रालय का वह फैसला था जिसमें उसने मंजूरी लिए बगैर ही बजट की तारीख तय कर दी, जबकि यह स्पष्ट था कि नयी तारीख के मुताबिक केंद्रीय बजट उस वक्त पेश होगा जब उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, पंजाब और गोवा में चुनाव प्रक्रिया चल रही होगी । उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, पंजाब और गोवा में आयोग की अनुमति के बगैर विशेष ग्राम सभाएं आयोजित करने पर आयोग ने 20 जनवरी को नीति आयोग की खिंचाई की थी और कहा था कि ऐसे कार्यक्रम चुनाव खत्म होने के बाद ही आयोजित किए जाने चाहिए । उसी दिन आयोग ने रक्षा मंत्रालय को उत्तराखंड में संयुक्त कमांडर सम्मेलन के आयोजन की अनुमति दी थी । हालांकि, आयोग ने मंत्रालय को इस शर्त के साथ अनुमति दी थी कि सम्मेलन का उद्घाटन करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम को राज्य में होने वाली रैली से नहीं जोड़ेंगे । कांग्रेस ने आयोग से शिकायत की थी कि भाजपा इस कार्यक्रम का इस्तेमाल पूर्व एवं सेवारत सैनिकों को प्रभावित करने के लिए कर सकती है ताकि पांच राज्यों में होने जा रहे चुनावों में इसका फायदा उठाया जा सके ।




नोटबंदी दिशाहीन प्रक्षेपास्त्र, अमर्त्य सेन, शौरी ने सरकार की आलोचना की

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मुंबई, हैदराबाद, 28 जनवरी, नोबल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने नोटबंदी की कार्रवाई की आज फिर आलोचना करते हुए कहा कि यह एकतरफा तरीके से दागी गयी बिना दिशा की मिसाइल है और इसमें लोकतांत्रिक परम्पराओं का पालन नहीं किया गया। वहीं अरूण शौरी ने भी इसी मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि विदेशों में पड़े कालेधन के लिए लाठियां देश में भांजी जा रही हैं। सेन ने नोटबंदी को ‘निरंकुश कार्रवाई’ बताया जो कि जल्दबाजी में की गई जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री शौरी ने कहा कि लोगों को वास्तव में यह पता ही नहीं कि नोटबंदी से कालेधन पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी या नहीं। सेन ने यहां कहा,‘ समय समय पर हम सरकार द्वारा एकतरफा ढंग से छोड़ी गई मिसाइलों का सामना करते आ रहे हैं। नोटबंदी भी इसी तरह की एक मिसाइल है। लोगों को परेशानी दिक्कतों की रपटें सामने आ रही है लेकिन यह स्पष्ट नहीं कि यह मिसाइल गिरी कहां है।’ पिछली संप्रग सरकार द्वारा भारत रत्न से सम्मानित सेन ने यहां ‘सभी के लिए हेल्थकेयर’ विषय पर एक संगोष्ठी में कम्युनिस्ट चीन तथा भारत जैसे लोकतांत्रिक देशों में फैसले करने की प्रक्रिया  की तुलना करते हुए यह टिप्पणी की।

उन्होंने कहा कि चीन में फैसले लोगों के एक छोटे समूह के दृष्टिकोण पर किए जाते हैं जबकि हमारे यहां लोगों की मांग पर भी फैसले किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे यहां राजनीतिक फैसले ‘लोगों की राय के आधार पर होने चाहिए।’सेन गत 8 नवबंर को 1000, 500 रपये के पुराने नोटों को चलन से निकालने के सरकार के फैसले का पहले भी विरोध कर चुके है। उस समय अर्थव्यवस्था का 80 प्रतिशत से अधिक नकदी इन्हीं दो मूल्य के नोटों के रूप में जनता के पास पड़ी थी। प्रधानमंत्री ने नोटबंदी की घोषणा करते हुए जो लक्ष्य गिनाए थे उनमें कालेधन की अर्थव्यवस्था , जाली नोट और आतंकवाद के वित्तपोषण पर रोक के उद्येश्यों की बात प्रमुखता से कही गयी थी। उधर शौरी ने हैरानी जताई कि यह कदम काला धन पर रोक लगाने में कैसे मदद करेगा, जबकि वह विदेशांे में पड़ा हुआ है।

उन्होंने हैदराबाद साहित्य उत्सव में कहा, ‘‘जिनके पास काला धन है, क्या वह उसे रूपये के रूप में भारत में रखे हुए है? जिनके पास काला धन है, वे इसे विदेशों में रखे हुए हैं। वे कंपनियां खरीदते हैं, वे एस्टेट खरीदते हैं। डेंगू का यह मच्छर स्विटजरलैंड में उड़ रहा है और आप यहां लाठी भांज रहे हैं।’’ शौरी ने दावा किया कि लोग ठीक से नहीं जानते कि नोटबंदी काला धन पर नियंत्रण लगाने में मदद करेगा या नहीं। उन्होंने कहा, ‘‘कोई विचार इसलिए वैध नहीं हो जाता कि लोगों ने इसके लिए वोट डाला है। लोग नहीं जानते। वे नोटबंदी के गुण दोष नहीं जानते। वे नहीं जानते कि यह वास्तव में काला धन के खिलाफ है या इसने वास्तव में अधिक काला धन पैदा किया है।’’




झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 28 जनवरी)

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भाजपा जिला अध्यक्ष पर मंडल थांदला के अध्यक्ष ने जो भी आरोप लगाए है बेबुनियाद और निराधार- जिला महामंत्री थावरसिंह भूरिया।

झाबुआ । भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री एवं थांदला मंडल के प्रभारी श्री थावरसिंह भूरिया ने एक प्रेस नोट जारी कर बताया कि भारतीय जनता पार्टी जिला अध्यक्ष दौलत भावसार पर थांदला मंडल के अध्यक्ष बंटी डामोर ,दिलीप कटारा एंव अन्य लोगों ने जो आदिवासी विरोधी एवं आदिवासी शब्द को लेकर जो आपत्तिजनक आरोप लगाया है वह पूर्ण निाराधार एवं राजनैतिक द्वेषता से परिपूर्ण है मैं इन सब आरोपो का पूरजोर विरोध करता हु। जिला महामंत्री थावरसिंह भूरिया जो मंडल प्रभारी भी है ने कहा कि 25 जनवरी को मंडल की बैठक में मेरे समक्ष किसी प्रकार का कोई निंदा प्रस्ताव नही है न ही मैनें इस प्रकार कोई निंदा प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए है। भूरिया का कहना है कि उस दिन थांदला मंडल की वृहद बैठक थांदला मंडल अध्यक्ष बंटी डामोर द्वारा आहुत की गई थी जिसमें मैं मंडल प्रभारी के नाते वहां बैठक लेने पहुचा था मंडल अध्यक्ष द्वारा नगर पंचायत एवं नगरीय क्षेत्र के किसी भी कार्यकर्ता केा सूचना नही दी गई इस बात पर मैने आपत्ति भी जताई और मैने कहा कि नगर पंचायत के अध्यक्ष एवं पार्षद गण तथा जिले व मंडल के अन्य पदाधिकारीयो केा मंडल अध्यक्ष ने जानबुझ कर सूचना नही दी जिस पर मंडल अध्यक्ष कोई जवाब नही दे पाए। तद् संबंध में मैने पूरा प्रतिवेदन भाजपा जिला अध्यक्ष को जाकर दिया । भाजपा अध्यक्ष द्वारा मुझे बंटी द्वारा जो आरोप लगाए गए है तद्संबंध में चर्चा को रिकार्डिंग भी मैने सुना जिसमें कहीं भी आदिवासी शब्द का उपयोग एवं आपत्तिजनक कोई भी टिप्पणी आदिवासीयों के खिलाफ नही की गई है। जो भी आरोप जिला अध्यक्ष को लगाए जा रहे है वे राजनैतिक द्वेषता एवं राजनैतिक षडयंत्र मात्र है। उक्त जानकारी भाजपा जिला मिडिया प्रभारी द्वारा हमारे प्रतिनिधी को दी गई है।

गणतंत्र दिवस पर हुए रंगारंग कार्यक्रम

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पिटोल । गणतंत्र दिवस पर नए रंग में रंगा दिखाई दिया पिटोल । ग्राम पंचायत द्वारा पहली बार आयोजन को वृहद रूप दिया गया जिसकी ग्रामीणों ने खुब सराहना की। अब तक दोनों राष्ट्रीय पर्व पंचायत भवन के सामने सीमित रूप में मनाये जाते थे किन्तु अबकी बार इसका स्वरूप बडाकर नवीन बन रहे खेल मैदान पर रखा गया जहां मंच सजाया गया, म्यूजिक सिस्टम लगाये गये एवं आगंतुको बैठने के लिये माकुल व्यवस्था की गई । कार्यक्रम में क्षेेत्र का गौरव बढाने वाले छात्र छात्राओं को पंचायत ने सम्मानित भी किया। सभी के लिये स्वल्पाहार की व्यवस्था भी की गई।

12 स्कूलों के बच्चों ने बिखेरे सांस्कृतिक रंग .....
ग्राम पंचायत द्वारा बनाये गये बडे मंच पर स्थानीय 12 स्कुलों के 2 दर्जन से अधिक आकर्षक कार्यक्रम हुवें जिसमें राष्ट्र भक्ति से भरे तरानों पर छात्र छात्राओं ने विभिन्न सांस्कृतिक रंग बिखेरे। कार्यक्रम में किड्स झोन पब्लिक स्कूल, संत आशाराम गुरूकुल, शारदा विद्या मंदिर, संरस्वती ज्ञान मंदिर, ब्लेंसिंग इंगलिश एकेडमी, कन्या प्राथमिक शाला, कन्या आश्रम शाला, बालक प्राथमिक शाला, कन्या माध्यमिक शाला, बालक माध्यमिक विद्यालय, कन्या हायर सेकेण्डरी, बालक हायर सेकेण्डरी स्कुल शामिल थें। क्षेत्र के उभरते सितारे पवन संकुर्णा व गीता बबेरिया नें टायटल सांग पर राष्ट्रिय गीत गाये वही समिपस्थ ग्राम कुुन्दनपुर के शशांक तिवारी के लोक गीतों ने मंच पर बैठे अतिथियों को भी थिरकने पर मजबुर कर दिया।

इन्होने किया संबोधित ...
रंग बिरंगी पोषाखों में विभिन्न स्कूलों से छात्र छात्राऐ प्रभात फेरी में राष्ट्रभक्ति के गगन भेदी नारों के साथ प्रमुख मार्गोें से होते हुवें पंचायत भवन पहूॅचे वहां झंडा वंदन के बाद कार्यक्रम स्थल पर पहूचें जहां अतिथियों नें माॅ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरूआत की। सरचपंच काना गुण्डिया ने पहले ध्वज फहराया। पायल, अंकिता, व आशा द्वारा गाये राष्ट्रगान के बाद स्वागत भाषण देकर सभी को गणतंत्र दिवस की बधाई दी। इस अवसर पर पत्रकार कंुवर निर्भयसिंह, भुपेन्द्र सिंह नायक व हाल ही में पुलिस चैकी पर पदस्थ हुवें उपनिरिक्षक झीरमल सापल्या नें भी संबोधित किया।

इनकी थी खास भूमिका ...
गणतंत्र दिवस के इस कार्यक्रम को वृहद स्वरूप देनें में उपसरपंच दिनेश मेवाड पंच नितेश नागर, रामकृष्ण नागर व पंचायत सचिव सुनिल नायक की महत्वपूर्ण भूमिका थी जिसकी ग्रामीणों ने मुक्त कंठ से सराहना की कहा वर्षो से पिटोल में ऐसे राष्ट्रीय कार्यक्रम की दरकार थी।

क्षैत्र के गौरव छात्रों का सम्मान कर प्रमाण पत्र व ईनाम से नवाजा ......
पिटोल के राजा विनोद अरोडा को दिल्ली में हुई नेशनल किक बाक्सींग में कास्य पदक व रेफर शीप में मिले ईनाम, पिटोल हायरसेकेण्डरी के छात्र अंकित भाभोर को नेशनल लेवल पर किक बाक्सींग में राज्य स्तरीय कबड्डी में पिनेश पिता कमेश व अल्केश भमरू व जिला स्तरीय कबड्डी में धुमसिंह गुण्डिया को अव्वल प्रदर्शन के आधार पर सम्मानित कर प्रशस्ति पत्र भेट किये। कार्यक्रम में उपस्थित ग्रामीण जनों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रस्तुतियां दे रहे बच्चों को खूले हाथ से नगद राशियां देकर उत्साह बढाया। कार्यक्रम में डाॅ. अंतिम बडोले सहित पंचायत के सभी पंच गण राजनेतिक दलों के पदाधिकारियों सहित स्थानीय व्यापारीगण, विद्यालयों के शिक्षकों सहित बडी संख्या में छात्र छात्राऐं ग्रामीण जन व स्थानीय पुलिस बल मोजुद था। संचालन सुधीर चैहान ने किया व आभार दिनेश मेवाड ने माना । कार्यक्रम में मोजुद उपनिरीक्षक झिरमल सापल्या नें पुलिस अधिक्षक की इस मंशा को मंच से व्यक्त करते हुवें उपस्थित सभी विद्यालईन छात्र छात्राओं को अवगत कराया कि वे लडकियों की 18 वर्ष व लडकोें की 21 वर्ष से पहले शादी नहीं करें। साथ ही यातायात के सभी नियमों का पालन करते हुवें कभी भी शराब पीकर वाहन नही चलायें।

संजु की राष्ट्र भक्ति का प्रेम पहूॅचा 11 वें वर्ष में ...
लगातार 11 वर्षो से 15 अगस्त व 26 जनवरी को अपनी हाईवे स्थित चाय नाश्तें की दुकान को तिरंगे के रंग में रंग सभी के लिये निशुल्क चाय नाश्ता उपलब्ध करातें है, घर-घर जाकर निमंत्रण देकर सब को अपने यहां बुलाकर प्रेम से आग्रह पूर्वक नाश्ता करवातें है यहां तक कि एनएच 59 से आने जाने वाले सभी यात्रियांे के लिये भी इनकी यह भावना आमजनों के लिये प्रेरणा का काम कर रही है संजु को ईस काम मंे उनका पूरा हाथ बंटाता है।

अनुसूचित जनजाति सम्‍मेलन में सांसद भूरिया करेंगे शिरकत

झाबुआ ! रविवार को थांदला स्थित नवीन कृषि उपज मंडी प्रांगण में प्रातरू 11 बजे से जिला स्‍तरीय अनुसूचित जातिए जनजाति सम्‍मेलन एवं जनवेदना सम्‍मेलन आयोजित किया जा रहा है। इस सम्‍मेलन में सांसद एवं पूर्व केन्‍द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरियाए मानसिंह डोडिया कॉडिनेटर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी जनवेदना कार्यक्रमए अनुसूचित जाति.जनजाति आयोग के राष्ट्रिय संयोजक एवं मध्‍यप्रदेश के प्रभारी जयदीप कालियाए कांग्रेस अनुसूचित जाति प्रकोष्‍ठ के प्रदेशाध्‍यक्ष सुरेन्‍द्र चौधरीए एवं प्रदेश संयोजक संदीप सेहलोत कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। अनुसूचित जाति के जिलाध्‍यक्ष जितेन्‍द्र धमान एवं जिला कांग्रेस प्रवक्‍ता हर्ष भट्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि उक्‍त बैठक में विशेष रूप से जिला कांग्रेस अध्‍यक्ष निर्मल मेहताए कार्यवाहक अध्‍यक्ष एवं जिला पंचायत अध्‍यक्ष सुश्री कलावती भूरियाए युवा नेता डॉण्विक्रांत भूरियाए पूर्व विधायक वीरसिंह भूरियाए रतनसिंह जी भाबोरए वालसिंह मेडा ए रूपसिंह डामोरए किसान कांग्रेस अध्‍यक्ष नंदलाल मेढए जिला महिला कांग्रेस अध्‍यक्ष कलावती मेडाए लोकसभा युवक कांग्रेस अध्‍यक्ष आशीष भूरियाए एनएसयूआई जिलाध्‍यक्ष विनय भाबोरए ब्‍लॉक कांग्रेस अध्‍यक्ष गेंदाल डामोरए जिला कांग्रेस उपाध्‍यक्ष नगीन शाहए कांग्रेस नेता जसवंत सिंह भबोरए राजेश डामोरए सहित जिला कांग्रेसए ब्‍लॉक कांग्रेस एवं विभिन्‍न मोर्चा संगठन के पदाधिकारीगण विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।

निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर में 212 मरिजों का परीक्षण

jhabua news
पिटोल । जन सेवा संघ झाबुआ एवं पिटोल के ग्रामीण जनों के सहयोग से शनिवार को पिटोल ग्राम पंचायत भवन पर जिला आयुष अधिकारी झाबुआ के डाॅ. कमेश भायल के मार्गदर्शन में निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में कई महिलाओं ने अपने स्त्री रोग के संबंध में परीक्षण करवाये तो कई पुरूषों ने भी अपनी बिमारियों का परीक्षण करवाया। शिविर में स्त्री रोग विशंेषज्ञ डाॅ. मीणा भायल एवं डाॅ. अरविन्द पंवार ने मरिजो का परीक्षण कर परामर्श दिया तथा निःशुल्क दवाईयों का वितरण भी किया। शिविर में सरपंच काना गुण्डिया, सचिव सुनिल नायक, सतिश नागर, सदाशिव नागर, आयुर्वेद चिकित्सरलय के ओमप्रकाश राठोर, तैयबा याश्मीन, शिला सोहनी, गोपाल व रामचन्द्र का सहयोग सराहनीय रहा। शिविर मे सफल आयोजन पर जनसेवा संघ झाबुआ के जे.पी. पुरोहित एवं संवरक्षक एच.के. पाठक ने सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त किया वही शिविर में स्वास्थ्य परीक्षण करवाने आ रहे ग्रामीणजनों की मांग पर शीघ्र ही पिटोल में नैत्र शिविर का आयोजन करवाये जाने की बात कही।

विद्युत मंडल की समाधान योजना की अन्तिम तिथि 31 जनवरी, योजना का लाभ उठाने की अपील की

झाबुआ । पश्चिम क्षेत्र विद्युत मंडल के कार्यपालन यंत्री बृजेश यादव से प्राप्त जानकारी के अनुसार  गा्रमीण क्षेत्रों के बिजली उपभोक्ताओं के लिये समाधान योजनान्तर्गत 31 जनवरी अन्तिम तिथि होकर  इस तिथि तक बकाया बिजली बिल भरने पर बिजली बिल की आधी रकम ही भरना होगी तथा बिजली का आधा बिल एवं सरचार्ज भी माफ होगा । इसलिये उक्त तिथि तक बिजली के बकाया बिलों का गा्रमीण उपभोक्ता भुगतान करके इस सुनहरे मौके का लाभ लेवें । श्री यादव ने यह भी बताया कि  जिले में 65 हजार बिजली उपभोक्ता होकर उन पर 35 करोड की राशि अभी भी बाकी है और उन्हे दस योजना के अन्तर्गत प्रदत्त सुविधा का लाभ उठाने का अन्तिम मौका प्राप्त हो रहा है । श्री यादव ने बताया कि आगामी 11 फरवरी को बिजली विभाग की लोक अदालत का भी आयोजन हो रहा है और 4 फरवरी को प्रिसिटिंग डेट होकर इसमें बिजली चोरेी के प्रकरणों में 25 प्रतिशत की छूट के अलावा व्याज भी नही लगेगा । ऐसे उपभोक्ताओं को75 प्रतिशत राशि ही जमा कराना होगी । उन्होने बताया कि जो प्रकरण कोर्ट मे विचाराधीन है उन्हे उक्त छूट का लाभ नही मिलेगा किन्तु जो करण अभी बने है और कोर्ट में  नही है उन्हे 30 प्रतिशत की छूट का प्रावधान किया गया है । श्री यादव ने इस सुविधा का प्राथमिकता के आधार पर लाभ उठाने की अपील ऐसे उपभोक्ताओं से की है ।

रोजगार संबंधी प्रशिक्षण एवं चयन के लिए टास्क फोर्स गठित

झाबुआ । जिले में विभिन्न विभागों के समन्वय से रोजगार एवं स्वरोजगार के सृजन किये जाने के लिये माननीय श्री विश्वास सारंग, राज्यमंत्री सहकारिता, भोपाल गैस त्रासदी, राहत तथा पुनर्वास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग म.प्र. भोपाल एवं प्रभारी मंत्री जिला झाबुआ द्वारा जिला योजना समिति की बैठक में दिनांक 27 जनवरी को दिये गये निर्देशों के पालन में योजनाओं के क्रियान्वयन एवं समीक्षा के लिये प्रभारी कलेक्टर श्री अनुराग चैधरी ने जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति का गठन किया है समिति की प्रथम बैठक 30 जनवरी को प्रातः 11ः30 बजे कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित की गई है। समिति में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत झाबुआ, अध्यक्ष है। महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र,उप संचालक कृषि झाबुआ, सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग, उप संचालक पंचायत एवं सामाजिक न्याय झाबुआ, उप संचालक पशुपालन झाबुआ, अग्रणीय बैंक प्रबंधक बैंक आॅफ बडौदा, परियोजना संचालक आत्मा झाबुआ, परियोजना अधिकारी शहरी विकास अभिकरण, सहायक संचालक खाद्य प्रसंस्करण एवं उद्यानिकी झाबुआ, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, अंत्यावसायी झाबुआ, सहायक संचालक हथकरघा झाबुआ, प्रबंधक खादी तथा ग्रामोंद्योग झाबुआ, सहायक संचालक पिछडा वर्ग एवं अल्पंख्यक कल्याण, परियोजना समन्वयक मनरेगा, जिला परियोजना समन्वयक एनआरएलएम झाबुआ, प्रबंधक आदिवासी वित्त विकास निगम झाबुआ, प्राचार्य इंजीनियरिंग काॅलेज झाबुआ, प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय झाबुआ, प्राचार्य पोलीटेक्निक महाविद्यालय झाबुआ, प्राचार्य आईटीआई झाबुआ, को सदस्य बनाया गया है एवं जिला रोजगार अधिकारी झाबुआ को समिति में सदस्य/सचिव बनाया गया है। टास्क फोर्स समिति समय-समय पर योजनाओं की समीक्षा कर प्रगति से प्रतिमाह माननीय प्रभारी मंत्रीजी एवं कलेक्टर को प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगे।

लायसेंस नवीनीकरण के लिए आवेदन आमंत्रित

झाबुआ । जिला आबकारी अधिकारी ने बताया कि भांग एवं भांगघोटा दुकानो के अनुज्ञप्तिधारियों के लिए यह सूचना प्रकाशित की जाती है, कि म.प्र. राजपत्र के निर्देशानुसार वर्ष 2016-17 के वार्षिक मूल्य में 10 प्रतिशत की वृद्धि की जाकर राशि रूपये 5820102/- में वर्ष 2017-18 के लिये जिला झाबुआ की भांग की 04 एवं भांगघोटा की 04 दुकानों के कुल 08 दुकानों के लायसेंस का नवीनीकरण किया जायेगा। भांग एवं भांगघोटा दुकानो के लायसेंसी वर्ष 2017-18 के लिये लायसेंस नवीनीकरण कराना चाहतें है, तो 6 फरवरी से 15 फरवरी 2017 तक आवेदन पत्र प्राप्त कर सकते है। तथा समस्त पूर्तियां कर 15 फरवरी को दोपहर 3.00 बजे तक जमा कर सकते है।

जिला विकास समन्वय एवं मूल्याकन समिति की बैठक 29 जनवरी को

झाबुआ । जिला विकास समन्वय एवं मुल्याकन समिति की बैठक सांसद लोकसभा क्षेत्र रतलाम श्री कांतिलाल भूरिया की अध्यक्षता में 29 जनवरी 2017 को प्रातः 10ः30 बजे कलेक्टर कार्यालय सभाकक्ष झाबुआ में आयोजित की गई है। बैठक में संबंधित विभाग प्रमुखो को जानकारी पावर पाईट में तैयार कर फोल्डर सहित बैठक में उपस्थित रहने के लिए प्रभारी कलेक्टर श्री अनुराग चैधरी ने निर्देशित किया है।

रैली निकालकर की गई अपील

झाबुआ । प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी राष्ट्रीय पल्स पोलियों अभियान 29 जनवरी 2017 रविवार को प्रथम चरण क्रियान्वित किया गया है जिसमें आज 28 जनवरी को झाबुआ मुख्यालय पर डाॅ. अरूण कुमार शर्मा सीएमएचओं जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ. राहुल गणावा जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री आर.आर. खन्ना द्वारा पल्स पोलियों रेैली को हरी झंडी दिखाकर इस अभियानको सफल बनाने एवं बच्चों को बूथ पर लाकर दवाई पिलाने के लिये अपील की गई। अभियान के दौरान 0 से 5 वर्ष तक के 192069 लंक्षित बच्चों को ओरल पोलियों की दो बुन्द दवा पिलाई जाना है। एवं इस अभियान की सफलता हेतु प्रथम दिवस बुथ पर पालियों की दवाई पिलाई जावेगी और द्वितीय और तृतीय दिवस को बाकी छुटे बच्चों को घर-घर जाकर पोलियों की दवा पिलाई जावेगी इस कार्यक्रम के अंतर्गत कुल 397 बी टाईप बुथ व 526 सी टाईप बुथ और 42 ट्रजिंट बुथ बनाये गये है जो बस स्टैण्ड मैला बाजार और रेलवे स्टेशन आदि स्थानों पर पोलियों की दवा पिलायेगे और 7 मोबाईल टीमों का गठन किया गया है जो प्रतिदिवस प्रथम दिवस से ही घर-घर और मैला बाजार और अन्य स्थानों पर बच्चो को पोलियों की दवा पिलाएगी एवं सभी बुथों पर कार्यरत 1966 व्हक्सिनेटर्स के कार्य का मूल्यांकन करने के लिये 06 ब्लाकों में 119 सुपरवाइ्रजरों की नियुक्ति की गई है। जो इस अभियान की माॅनिटरिंग करेगे और प्रतिदिन अपने-अपने सेक्टरों की रिर्पोटिंग का कार्य करेगे एवं जिला स्तर पर 6 आब्जर्वर रखे गये है। जो प्रति दिन विकासखण्ड स्तरीय कार्यक्रम की माॅनिटरिंग करेगे। जनता से अपील है कि अपने 0 से 5 वर्ष के बच्चों को 29 जनवरी 2017 को पोलियों बुथ पर पोलियों की दो बूंद अवश्य पिलाये।

मनरेगा योजना में कार्य संतोषप्रद नहीं होने से दो सचिव, एवं दो रोजगार सहायक मुख्यालय तलब

झाबुआ । ग्राम पंचायत आम्बा पिथमपुर के रोजगार सहायक श्री दिनेश मुनसिंह वसुनिया, सचिव श्री वेलसिंह पंचाया एवं ग्राम पंचायत पारा के रोजगार सहायक श्री भरत कुमार एवं सचिव श्री जामसिंह डामोर को ग्राम पंचायत अंतर्गत जाॅबकार्ड धारी परिवारों को रोजगार उपलब्घ नहीं करवाने के कारण प्रभारी कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ने सूचना पत्र जारी कर 1 फरवरी 2017 को प्रातः 10ः30 बजे समक्ष में उपस्थित होकर उत्तर प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया है।

तेल और गैस संरक्षण जन जागरूकता अभियान 15 फरवरी तक

झाबुआ । गेल इंडिया लिमिटेड द्वारा पेट्रोलियम उत्पादों के संरक्षण और कुशल उपयोग के लिए जनता को जागरूक करने के उद्देश्य से पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तत्वाधान में जन जागरूकता अभियान का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य बेहतर स्वास्थ्य और पर्यावरण तथा भावी पीढी के लिए तेल एवं गैस की उपलब्धता को सुरक्षित करना है। इस वर्ष इस अभियान का नाम सक्षम-2017 है तथा यह अभियान संरक्षण क्षमता महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है एवं इसकी थीम है ईंधन संरक्षण की जिम्मेदारी जनगण की भागीदारी‘‘ इस थीम पर आधारित अनेक गतिविधियां भी आयोजित की जा रही है। इस अभियान का लक्ष्य है जनता की संरक्षण क्षमता को बढाने के लिए उनको रास्ता दिखाना है तथा आवश्यकता अनुरूप उसका उपयोग करने तथा इस संबंध में कोई समस्या है तो उसका समाधान करने के लिए उनकी सहायता करना है, जिससे पेट्रोलियम उत्पादों के सरंक्षण और प्रभावी उपयोग को बढावा मिले। साथ ही उनमें यह संदेश भी प्रसारित करना है कि सामूहिक भागीदारी संरक्षण की कुंजी है। यह महोत्सव इस प्रतिज्ञा के साथ आरंभ हुआ कि जीवन के सभी क्षेत्रों में पेट्रोलियम उत्पादों का संरक्षण करने के लिए सतत प्रयास करना है ताकि यह दुर्लभ संसाधन दीर्घ समय तक विद्यमान रहे। पेट्रोलियम उत्पादों के व्यर्थ उपयोग को रोकने के लिए जनता को शिक्षा देना है तथा पर्यावरण सुरक्षा के लिए स्वच्छ ईंधन के उपयोग हेतु उन्हें जागरूक करना। गेल झाबुआ द्वारा जन जागरूकता के लिए अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए। झाबुआ में सभी प्रमुख पेट्रोल पंपो पर संरक्षण संबंधी बैनर प्रदर्शित किए गए। गेल कार्मिको द्वारा मास रैली का आयोजन किया गया जिसमें खाना पकाने के दौरान कैसे ईंधन बचाएं डीजल पंप सिस्टम की क्षमता बढाना तथा टैक्टरों में डीजल की बचत संबंधी पम्फलेट वितरित किए गए। बच्चे जो कल के भविष्य है उनमें जन जागरूकता उत्पन्न करने के लिए केन्द्रीय विद्द्यालय गेल झाबुआ के बच्चो के लिए अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिनमें मास रैली, मानव श्रृखंला बनाना, निबंध प्रतियोगिता पोस्टर प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगिता को शामिल किया गया। केन्द्रीय विद्यालय गेल झाबुआ के बच्चों को उर्जा संबंधी बुकलेट वितरित किए गए। अंडे हैच करने के लिए प्रयुक्त सौर इनक्यूबेटर को के.वी. स्कूल में प्रदर्शित किया गया मैराथन दौड में गेल झाबुआ टाउनशिप के निवासियों ने भी भाग लिया। इस अवसर के दौरान श्री असीम प्रदाद, उप महाप्रबंधक एवं प्रभारी अधिकारी ने टाउनशिप के सभी निवासियों को संबोंधित किया। उन्होंने कहा कि भारत में प्राथमिक उर्जा की कुल खपत आॅयल के समतुल्य का लगभग 700 मिलियम टन है। तेल प्राकृतिक गैस तथा कोयला शामिल करते हुए जीवाश्म ईंधन का हिस्सा इसमें 93 प्रतिशत है। शेष 7 प्रतिशत में हाईड्रोपावर, न्यूक्लियर उर्जा तथा अक्षय स्त्रोत शामिल है। तेल और गैस की कुल खपत 35 प्रतिशत है। तेल और गैस की बढती हुई मांग को पूरा करने के लिए इन उत्पादों के आयात पर हम निर्भर है क्योकि भारत में इनका रिजर्व सीमित मात्रा में है। इस प्रकार यह विवेकपूर्ण हो जाता है कि हम दैनिक गतिविधियों में तेल और गैस उत्पादों का संरक्षण करे। वाहनो के प्रदूषण स्तर की जांच के लिए गेल टाउनशिप में प्रदूषण नियंत्रण शिविर का आयोजन भी किया गया। टाउनशिप के निवासियों द्वारा प्रयोग किए जा रहे एलपीजी गैस स्टोव की सर्विसिंग भी की गई। केन्द्रीय विद्यालय गेल झाबुआ के विद्यार्थियों द्वारा परिवहन के क्षेत्र में तेल संरक्षण के विभिन्न तरीकों के ऊपर एक लघु नाटक भी किया गया। गेल टाउनशिप के निवासियों तथा केन्द्रीय विद्यालय के संकाय सदस्यों ने इस प्रभावी कार्य निष्पादन की सराहना की। अभी जन जागरूकता अभियान के कार्यक्रम 15 फरवरी तक जारी रहेगे।

अवैध शराब का अपराध पंजीबद्ध

झाबुआ । आरोपी राजु के कब्जे से 1080/-रू की शराब जप्त कर गिर. किया गया। प्रकरण में थाना रानापुर में अपराध क्रं. 30/17 धारा 34-ए आबकारी एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

वायर चोरी कर लेजाते पकडाया 

झाबुआ । आरोपी बंटु पिता अमरसिंह डामोर नि. रतलाम हाल झाबुआ ने फरि. गुलाम पिता रमजान शैख नि. झाबुआ के जनरेटर के वायर किमती 1200/-रू. के चुराकर ले जाते आरोपी को पकड़ा। प्रकरण में थाना कोतवाली में अपराध क्रं. 62/17 धारा 379 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।




संवाद : स्टीफेन हाकिंग को राजकुमार झांझरी का पत्र

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'दी गार्जियन'में“This is the most dangerous time for our planet” शीर्षक से प्रकाशित लेख में आपने मानव जाति के अस्तित्व पर मंडरा रहे खतरों पर वाजिब चिंता व्यक्त की है। आपके विचारों से यह सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि आपने यह निश्चित रूप से मान लिया है कि अब धरती को विध्वंस से बचाना लगभग असंभव होता जा रहा है तथा मानव को धरती के विकल्प की तलाश शुरू कर देनी चाहिए। विश्व के महान वैज्ञानिक होने के नाते आपकी यह निराशा समस्त विश्ववासियों के लिए नितांत ही चिंता का विषय है। क्या वाकई दुनिया ध्वंस होने जा रही है? क्या यह दुनिया मनुष्य के निवास योग्य नहीं रहने वाली है? क्या वाकई इस दुनिया में रहने वाले मनुष्यों के भाग्य में सिर्फ अभाव, दुख, दर्द, कष्ट ही बदा है? शायद नहीं। आपने पृथ्वी तथा मानव जाति के भविष्य को लेकर जो दर्दनाक व चिंताजनक स्थिति बयां की है, इसके लिए कोई और नहीं, सिर्फ मानव जाति ही पूरी तरह जिम्मेदार है। सृष्टि की रचना करने वाले ने दुनिया के समस्त प्राणियों में मनुष्य को ही सबसे अधिक नियामतें बख्शी हैं। कोई भी मां अपनी औलाद को किसी भी प्रकार का कष्ट देना नहीं चाहती। इस पृथ्वी पर रहने वाले सभी प्राणी धरती माता की संतान है। सृष्टिकत्र्ता ने इस प्रकार हमारी धरती की रचना की है कि धरती पर रहने वाली उसकी हर संतान सुखी, शांतिपूर्ण तथा निरोगी जीवन यापन कर सके। सृष्टि की रचना इतनी सटीक व सुंदर है कि अगर मनुष्य उसके नियमानुसार चलता तो इस धरती पर उसे न दुख होता, न तकलीफें और कोई आपदा-विपदा ही होतीं। लेकिन लोभी व अहंकारी मनुष्य खुद प्रकृृति के नियमानुसार चलने के बजाय प्रकृृति को ही अपनी इच्छानुसार चलाने की कोशिशें करता आया है। अपने क्षुद्र स्वार्थों के लिए इस सृष्टि को ही ध्वंस करने की कवायद में जुटा हुआ है। उसकी हालत उस मुर्ख सरीखी है, जो उसी टहनी को काट रहा है, जिस पर वह खुद बैठा हुआ है। हमारी धरती हमें जीने के लिए न सिर्फ अन्न, पानी तथा ऑक्सीजन मुहैय्या करवाती है बल्कि वह मनुष्य जीवन को सुंदरतम बनाने के सारे साधन भी प्रदान करती है, जो उसके मन की प्रबल शक्ति तथा सृष्टि के नियमानुसार गृहनिर्माण में निहित हैं। अहंकारी मनुष्य इस धरती पर रहकर भी धरती के नियमों के अनुसार चलने को राजी नहीं, चाहे इसके लिए उसे कितनी ही तकलीफें क्यों न उठानी पड़ रही हो?

मनुष्य जब तक प्रकृृति से सामंजस्य कर चलता था, वह काफी हद तक सुखी व निरोगी जीवन यापन करता था। लेकिन जब से मनुष्य ने जूते-चप्पलें पहनने प्रारंभ किये, तभी से उसका प्रकृृति से संबंध क्रमश: कटता चला गया। नंगे पांव जमीन पर चलने से पृथ्वी की चुम्बक शक्ति पांव के तलुओं के जरिये उसके शरीर के हर अंग को मिलती थी, फलस्वरूप उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी लगभग अजेय होती थी। इसका प्रमाण आपको जैन संतों के रूप में आज भी देखने को मिलता है। आपको शायद पता हो कि जैन संत हमेशा नंगे पांव पैदल ही चलते
हैं। वे 24 घंटों में सिर्फ एक बार आहार तथा एक बार ही जल ग्रहण करते हैं। इसके अलावा वे अगले 24 घंटों में कुछ भी खाते-पीते नहीं। लेकिन वे चूंकि नंगे पांव जमीन पर चलते हैं, इसलिए उनके तन को पांवों के तलुओं के जरिये पृथ्वी की पर्याप्त चुंबक शक्ति प्राप्त होती है, जिसकी वजह से वे काफी हृष्ट-पुष्ट रहते हैं। मानव जाति की यह कितनी बड़ी विडंबना है कि जो सृष्टि मनुष्य को जीवन प्रदान करती है, स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करती है, मनुष्य अनवरत उसी का अंधाधुंध दोहन कर तथा उसके नियमों के विपरीत चलकर अपने पांवों पर खुद कुल्हाड़ी मार रहा है, जिसकी वजह से आज समूचा प्राणी जगत अपने अस्तित्व के खतरे से जूझने के लिए अभिशप्त है। सृष्टि का निर्माण कितना अचूक है, इस बात को हम वृक्ष और मनुष्य के संपर्क से ही समझ सकते हैं। सृष्टि के नियम के अनुसार वृक्ष जहां कार्बन डाई ऑक्साईड ग्रहण कर ऑक्सीजन छोड़ते हैं, वहीं मनुष्य ऑक्सीजन ग्रहण कर कॉर्बन डाई ऑक्साईड छोड़ता है। आप ही सोचिये कि अगर वृक्ष और मनुष्य की सांसों के बीच संपर्क न होता तो क्या लोभी मनुष्य अब तक इस दुनिया में एक भी वृक्ष को जिंदा रहने देता? कतई नहीं। मनुष्य के अहंकार के सबसे प्रमुख प्रमाण हैं मनुष्य द्वारा सृजित ङ्क्षहदु, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध आदि पृथ्वी के हजारों धर्म तथा ज्योतिष शास्त्र। सृष्टि के अवदानों को तुच्छ तथा खुद को सर्वोत्कृृष्ट साबित करने के लिए उसने सृष्टि की अवहेलना तक ही खुद को सीमित न रखकर अपने-अपने धर्म और ईश्वर / अल्ला / गॉड आदि रच लिये और उन्हें ही धरती के सृजन तथा अस्तित्व में आने से लेकर अब तक की सारी नियामतों का कत्र्ता-धत्र्ता बताने लगा। मनुष्य जिस पृथ्वी पर वास करता है और जिससे अन्न, जल, वायु सरीखेजीवन धारण के सारे साधन प्राप्त करता है, उसकी न सिर्फ अवहेलना करता है बल्कि शनि, मंगल, बुध, वृहस्पति आदि ग्रहों में ही अपना भविष्य व सुख, शांति, समृद्धि खोजता है। मनुष्य यह बात भूल गया कि मानव सृजित धर्मों तथा ज्योतिष शास्त्र ने समूची मानव जाति को पंगु बना रखा है। सृष्टि ने मनुष्य के मन में कितनी असीम शक्ति प्रदान की है, उसे भला आपसे बेहतर कौन समझ सकता है क्योंकि आपने कभी न ठीक होने वाले असाध्य रोग से ग्रस्त होने के बावजूद विज्ञान के क्षेत्र में जो चमत्कारी शोध व आविष्कार किये हैं, वे शारीरिक रूप से सक्षम लोगों के लिए भी संभव नहीं हो पाए। प्रकृृति ने आपके मन में जितनी प्रबल शक्ति प्रदान की है, पृथ्वी के हर मनुष्य के मन में भी उतनी ही शक्ति विद्यमान है, लेकिन मनुष्य उस शक्ति को पहचान पाने में असमर्थ है क्योंकि धर्म और ज्योतिष ने उनके मन-मस्तिष्क पर बेडिय़ां डाल रखी हैं।





कार्ल माक्र्स ने कहा था कि धर्म अफीम के नशे की तरह है। अफीम के नशे में धुत्त इंसान को कुछ नहीं दिखता। मनुष्य द्वारा सृजित धर्म कहते हैं कि तुम्हारे हाथ में कुछ भी नहीं है, जो कुछ भी घटित हो चुका है, हो रहा है तथा होने वाला है, वह सब कुछ अल्ला, ईश्वर, गॉड की इच्छा से ही हुआ है, हो रहा है तथा होने वाला है। ज्योतिष शास्त्र भी कहता है कि मनुष्य का जीवन ग्रह-नक्षत्रों की चाल से ही बदलता है। इस प्रकार इन मानव सृजित धर्मों तथा ज्योतिष शास्त्र ने युगों-युगों से समूची मानव जाति को उसकी असीम शक्ति से वंचित कर रखा है। दरअसल मनुष्य के मन पर ही उसका जीवन निर्भर करता है। मनुष्य का मन फोटोस्टेट मशीन की तरह होता है, जिस प्रकार फोटोस्टेट मशीन में जो भी तस्वीर डाली जाती है, वही तस्वीर निकलकर आती है, ठीक उसी तरह मनुष्य मन में जैसे विचार रखता है, उसका जीवन भी वैसा ही हो जाता है। आम तौर पर मनुष्य के मन में अपने भविष्य के प्रति अनिश्चयता से उत्पन्न डर, दूसरों के प्रति हिंसा-ईष्र्या की भावना, दूसरों का हक मारकर अपना पेट भरने की लालसा आदि नकारात्मक भावनाओं की ही बहुलता रहती है और इसी वजह से मनुष्य का जीवन अशांति, अनिश्चयता, डर, बैचेनी आदि से पीडि़त रहता है। अगर मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारों में जाकर पूजा-पाठ, प्रार्थना करने, पशु-पक्षियों की बलि-कुर्बानी देने से ही मनुष्य का जीवन संवर जाता तो आज भारत दुनिया के सबसे सबल, उन्नत, समृद्ध व शांतिपूर्ण राष्ट्रों में गिना जाता क्योंकि दुनिया में सबसे ज्यादा मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारे तथा लगभग 98 लाख 80 हजार संत-बाबा इस देश के चप्पे-चप्पे पर मौजूद हैं। लेकिन फिर भी भारतवर्ष दुनिया के सबसे पिछड़े व गरीब देशों में गिना जाता है। आज भी 19.40 करोड़ भारतीय भूखे पेट सोने को अभिशप्त हैं। विश्व के अति गरीब लोगों में से सर्वाधिक 33 प्रतिशत भारत में रहते  हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारों और शनि, मंगल, बुध सरीखे ग्रह-नक्षत्रों के प्रति अत्यधिक आसक्ति ने भारतीयों के पांवों में बेडिय़ां डाल रखी हैं।

गत 7 दिसंबर को इंडोनेशिया में आये भीषण भूकंप में जान-माल की भारी क्षति के साथ ही 14 मस्जिदें भी ढह गईं। गत 10 दिसंबर को नाईजीरिया में एक चर्च की छत गिर जाने से उसमें प्रार्थना करने के लिए एकत्रित हुए 160 लोगों की अकाल मृत्यु हो गई। भारत का प्रसिद्ध तीर्थस्थान केदारनाथ चार धामों में से एक धाम माना जाता है, जिसकी यात्रा करके हर धर्मपरायण ङ्क्षहदु न सिर्फ खुद को धन्य समझता है, बल्कि उसे ऐसा महसूस होता है मानो उसने ईश्वर का दर्शन पा लिया हो और उसके सारे कष्ट दूर हो गए हों। लेकिन 11 जून 2013 को बादल फटने व ग्लेशियर टूटने के कारण आये जलजले से इस तीर्थस्थान पर प्रकृृति का जो कहर बरपा, उसकी कल्पना करने मात्र से ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। चारों ओर लाशें ही लाशें और मकानों, दुकानों, मंदिरों के भग्नावशेष बिखरे पड़े थे। मानो वह कोई तीर्थस्थान नहीं, विशाल कब्रिस्तान हो। 25 अप्रैल 2015 को नेपाल में भी महाविनाश हुआ। पशुपतिनाथ मंदिर से जुड़े 264 हेक्टेयर क्षेत्र में मौजूद छोटे-बड़े 518 मंदिर लगभग पूरी तरह ध्वस्त हो गए। उपरोक्त घटनाएं क्या यह सवाल पूछने के लिए काफी नहीं है कि दुनिया में कहीं कोई ईश्वर, अल्ला या गॉड होता तो प्रकृृति की क्या मजाल थी कि वह इन मंदिरों-मस्जिदों, गिर्जाघरों-तीर्थस्थानों को इस तरह नेस्तनाबुत कर पाती? इन घटनाओं से प्रमाणित होता है कि प्रकृृति से ऊपर और प्रकृृति से ज्यादा ताकतवर और कोई नहीं है। आपको जानकर अचरज होगा कि मैंने प्रकृृति के नियमों के विपरीत बने कई मंदिरों के ढांचे में प्रकृृति के नियमों के अनुकूल परिवर्तन करवाया है। भारतवर्ष में ऐसे हजारों मंदिर हैं, जिनका निर्माण प्रकृृति के नियमों के अनुसार किया गया है। अगर भगवान होता और प्रकृृति से ज्यादा बड़ा व ताकतवर होता तो भला इन मंदिरों की प्रकृृति के नियमानुसार निर्माण की जरूरत क्यों पड़ती? ऐसे में आप सहज ही अनुमान लगा सकते हैं कि मनुष्य द्वारा सृजित भगवान बड़ा है अथवा हमारी प्रकृृति बड़ी है। आगे आपने लिखा है कि आज हमने ऐसी तकनीक विकसित कर ली है, जिसके सहारे धरती को ही नष्ट कर रहे हैं, लेकिन इस विनाश से बचने के लिए हमने कोई तकनीक विकसित नहीं की है। मनुष्य को यह भ्रम है कि वह इस धरती को नष्ट करने की क्षमता रखता है, जबकि सच्चाई यह है कि धरती खुद समूची मानवता को चंद पलों में धुलिसात करने की क्षमता रखती है। मनुष्य को धरती को बचाने के लिए किसी तकनीक को विकसित करने की ङ्क्षचता छोड़कर मानव जाति को बचाने के लिए सृष्टि की तकनीक की मदद लेनी चाहिए। सृष्टि की रचना इतनी सुंदर है कि अगर मनुष्य उसके नियमानुसार गृहनिर्माण कर उसमें निवास करे तो फिर उसका जीवन सुंदर से सुंदरतम बन सकता है। हमारी धरती का निर्माण जिन तत्वों से हुआ है, अगर मनुष्य उन तत्वों को यथास्थान पर रखकर गृहनिर्माण करें तो उसे न तो किसी प्रकार का तनाव झेलना पड़ेगा, न बीमारियों से जार-जार होना पड़ेगा, न आॢथक तंगी का शिकार होना पड़ेगा और न ही किसी अवांछित समस्या से जूझना पड़ेगा। उदाहरण स्वरूप अगर मनुष्य अपने घर में गलत जगह पर कुंआ, बोरवेल स्थापित करता है तो उसका जीवन अशांति, अभावों, तनावों से ही जर्जर नहीं होता बल्कि दुर्घटना व अकाल मृत्यु का भी शिकार होना पड़ता है। हर वर्ष विश्व में करोड़ों लोग गलत स्थान पर बोङ्क्षरग, कुंए आदि के निर्माण की वजह से दुर्घटना व अकाल मृत्यु के शिकार होते हैं। इसके विपरीत अगर सृष्टि के नियमानुसार ठीक जगह पर कुंआ, बोरवेल स्थापित किया जाता है तो उस घर में वास करने वालों को सुख, शांति, समृद्धि व निरोगी जीवन प्राप्त होता है। सृष्टि के नियमानुसार अगर यथास्थान पर रसोईघर का निर्माण किया जाता है तो जीवन में आॢथक उन्नति, निरोगी काया व पारिवारिक सुकुन प्राप्त होता है। लेकिन अगर गलत स्थान पर किचन का निर्माण किया जाता है तो न सिर्फ परिवार में रोगों की बहुतायत होती है, बल्कि परिवार का दिवाला भी पिट जाता है। इसी प्रकार यथास्थान पर बेडरुम होने से जहां मनुष्य को अच्छी नींद आती है, वहींगलत स्थान पर बेडरुम होने, बीम के नीचे  व गलत दिशा में सिर रखकर सोने से मनुष्य न सिर्फ अनिद्रा, तनाव व रक्तचाप झेलने पर मजबूर होता है, बल्कि अधिक दिनों तक उस स्थान पर सोने पर पागल भी हो जाता है। आज विश्व के करोड़ों लोग गलत दिशा में सिर रखकर सोने, बीम के नीचे अथवा गलत स्थान पर सोने की वजह से न सिर्फ स्थाई रुप से प्रेशर की बीमारी के शिकार हो रहे हैं, बल्कि पागल भी हो रहे हैं। ङ्ख॥ह्र के मुताबिक, दुनियाभर में मानसिक रोग से पीडि़त लोगों की अनुमानित संख्या करीब 45 करोड़ है।  विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 2020 तक अवसाद विश्व में दूसरा सबसे बड़ा रोग होगा। आँकड़ों के अनुसार विश्व की 12 प्रतिशत आबादी मानसिक बीमारियों की शिकार है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर 5 में से 1 महिला और हर 12 में से 1 पुरुष मानसिक व्याधि का शिकार हैं। नेशनल कमीशन ऑन माइक्रोइकॉनामिक्स और हेल्थ के आंकड़े बताते हुए भारत के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने लोकसभा में मई 2016 में जानकारी दी थी कि भारत में करीब 6 करोड़ लोग मानसिक तौर पर बीमार हैं। 

एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में 5 करोड़ लोग मानसिक रूप से बीमार हैं। आपको सूचित करना चाहूंगा कि इनमें से काफी संख्या ऐसे लोगों की है जो या तो घर के दक्षिण-पूर्व के कोने में सोते हैं, या बीम के नीचे सोते या लंबे समय तक बैठते हैं, या फिर उत्तर दिशा की ओर सिर करके सोते हैं। इन सभी कारणों से मनुष्य की दिमागी हालत बिगड़ जाती है और वह मानसिक रुप से सिर्फ बीमार ही नहीं होता, बल्कि काफी लोग पूरी तरह पागल भी हो जाते हैं। काफी संख्या में मुसलमान धर्मावलंबी उत्तर की ओर सिर करके सोते हैं। उत्तर की ओर सिर
करके सोने से मनुष्य की नींद पूरी नहीं होती और वह धीरे-धीरे अनिद्रा रोग का शिकार हो जाता है, जो बाद में क्रमश: मानसिक चिड़चिड़ेपन, स्वभाव में उग्रता, अस्थिरता तथा आखिर में मानसिक अस्वस्थता का शिकार हो जाता है। ये चंद उदाहरण हैं जिनसे पता चलता है कि सृष्टि की अवहेलना करने या सृष्टि के नियमों के विपरीत चलने की मानव जाति को कितनी बड़ी सजा भुगतनी पड़ रही है। मैंने ऊपर जिन बातों का उल्लेख किया है, वे किसी उपन्यास या कहानी का हिस्सा नहीं बल्कि जीवन की सच्चाई है और विगत 20 सालों में मैंने भारत के पूर्वोत्तर के राज्यों के 15,000 परिवारों को सृष्टि के नियमानुसार गृहनिर्माण की नि:शुल्क सलाह देकर पाये अनुभवों के आधार पर लिखी है। भारतवर्ष के पूर्वोत्तर के राज्यों के लोग विगत सैकड़ों सालों से सृष्टि के नियमों के पूरी तरह विपरीत गृह निर्माण करते आये हैं और इसी का परिणाम है कि भारत का समूचा पूर्वोत्तर विगत सैकड़ों सालों से उग्रवाद, अशांति व पिछड़ेपन से जार-जार हो रहा है। विगत 20 सालों में हमने जिन परिवारों को
सृष्टि के नियमानुसार गृहनिर्माण की सलाह दी है, उनमें से जिन परिवारों ने उसका अनुशरण कर गृहनिर्माण किया अथवा अपने गृह के ढांचे में फेरबदल किया है, आज उनकी खोई खुशियां पुन: लौट आई हैं तथा आज वे सुख, शांति, समृद्धि का जीवन यापन कर रहे हैं। मैं समझता हूँ कि विश्व के लोग यदि धर्म व ज्योतिष के चंगुल से निकलकर अपने मन की शक्ति का भरपूर उपयोग करे तथा सृष्टि के नियमानुसार गृह निर्माण करें तो मनुष्य को स्वर्गसुख हासिल करने के लिए अगले जन्म का इंतजार नहीं करना पड़ेगा बल्कि इसी जन्म में, इसी दुनिया में उसे स्वर्ग सुख हासिल हो जायेगा। मुझे तो यहां तक विश्वास है कि अगर दुनिया के लोग अपने घरों में सही जगह पर बोरिंग/कुँआ तथा कीचन बनाना सीख जाये तो फिर दुनिया में कोई भी गरीब नहीं रहेगा। आपने जिस धरती पर खतरनाक दौर की चेतावनी दी है, वही धरती हमारे लिए स्वर्ग सी सुंदर बन सकती है, बस जरूरत है धरती पर रहने वाले मानव समाज के मानव सृजित धर्मों व ग्रह-नक्षत्रों के बजाय धरती के नियमों पर चलने की।


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- राजकुमार झांझरी
सम्पर्क : 094350 10055
वास्तु वैज्ञानिक व अध्यक्ष, रि-बिल्ड नॉर्थ ईस्ट, गुवाहाटी, असम (भारत)

स्वास्थ्य : जीवन-रक्षक टीबी दवाएं सरकार बिना विलम्ब जरूरतमंद लोगों को उपलब्ध कराये

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टीबी का पक्का इलाज सरकारी टीबी कार्यक्रम में नि:शुल्क उपलब्ध है पर यदि दवा प्रतिरोधक टीबी हो जाए, तो इलाज न केवल मुश्किल बल्कि अत्यंत महंगा भी हो सकता है. सरकारी टीबी कार्यक्रम के तहत दवा प्रतिरोधक टीबी का भी इलाज नि:शुल्क उपलब्ध है - पर नवीनतम जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता गंभीर रूप से असंतोषजनक है. दवा प्रतिरोधक टीबी का तात्पर्य यह है कि सबसे प्रभावकारी टीबी दवाएं असर नहीं करतीं. जैसे-जैसे एक-एक कर के दवाओं के प्रति दवा-प्रतिरोधकता होगी वैसे-वैसे जिन दवाओं से उपचार हो सकता है उनकी संख्या भी कम होती जाती है. जाहिर है कि दवा प्रतिरोधक टीबी के रोगियों के इलाज के लिए जीवनरक्षक दवाएं सीमित हैं - इसीलिए यह अत्यंत गंभीर मामला है कि नवीनतम दवाएं इन जरूरतमंद लोगों को बिना विलम्ब उपलब्ध हों जिससे कि इनका सफल इलाज हो सके और जीवन बच सके.





स्वास्थ्य अधिकार कार्यकर्ताओं ने पत्र में क्या लिखा?
भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय को अनेक स्वास्थ्य अधिकार संगठनों ने पत्र लिख कर मांग की कि सरकारी टीबी कार्यक्रम में बिना-विलम्ब नवीनतम टीबी दवाएं शामिल की जाएँ और जरूरतमंद लोगों को यह जीवनरक्षक दवाएं इलाज के लिए उपलब्ध करवाई जाएँ. इस नयी टीबी दवा का नाम है: दिलामानिद (Delamanid).

दिलामानिद दवा पर एक जापानी कंपनी का एकाधिपत्य स्थापित है. इस कंपनी का नाम है: ओत्सुका फार्मास्युटिकल्स कंपनी लिमिटेड (ओत्सुका). इस कंपनी ने इस दवा को, जो दवा-प्रतिरोधक टीबी के रोगियों के लिए जीवनरक्षक हो सकती है, अभी तक भारत में पंजीकृत भी नहीं करवाया है. इसीलिए इस पत्र के जरिये स्वास्थ्य अधिकार कार्यकर्ताओं ने अपील की है कि सरकार ओत्सुका को निर्देशित करे कि वो बिना विलम्ब इस दवा दिलामानिद को भारत में पंजीकृत करे और सरकारी टीबी कार्यक्रम के तहत इसको उपलब्ध करवाया जाए. [सरकारी टीबी कार्यक्रम का औपचारिक नाम है "पुनरीक्षित राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम या Revised National TB Control Programme/ RNTCP"].

एचआईवी पोसिटिव लोगों के दिल्ली नेटवर्क से जुड़े पॉल ल्हुंगडिम ने कहा कि दवा प्रतिरोधक टीबी के साथ जीवित लोग अक्सर प्रभावकारी दवाएं न मिलने के कारण मृत होते हैं. हमारी भारत सरकार से मांग है कि टीबी की नयी दवा दिलामानिद को सरकारी टीबी कार्यक्रम के तहत जरूरतमंद लोगों के इलाज के लिए तुरंत उपलब्ध करवाए. इसके लिए जरुरी है कि यह दवा भारत में पंजीकृत हो और इसके बाद ही सरकारी कार्यक्रम के तहत उपलब्ध करवाई जा सके. यदि ओत्सुका यह दवा भारत के सरकारी टीबी कार्यक्रम में उपलब्ध करवाने में असमर्थ है तब स्वास्थ्य मंत्रालय को जेनेरिक दवा निर्माता ढूंढना चाहिए जिससे कि इन जीवनरक्षक दवाओं का उपयोग सरकारी टीबी कार्यक्रम के तहत हो सके. ऐसा करने से हजारों जीवन बच सकते हैं.

आल इंडिया ड्रग एक्शन नेटवर्क से जुड़े डॉ गोपाल डबाडे का कहना है कि हाल ही में हुए दिल्ली हाई कोर्ट केस से जाहिर है कि दवा-प्रतिरोधक टीबी के साथ जीवित लोगों के लिए जीवनरक्षक दवाएं कितनी बड़ी जन-स्वास्थ्य एवं मानवाधिकार प्राथमिकता है. ओत्सुका और सम्बंधित सरकारी अधिकारियों को एकजुट हो कर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर जरूरतमंद व्यक्ति तक यह जीवनरक्षक दवा पहुँच रही हो और इसके साथ ही दवा-प्रतिरोधकता पर भी प्रभावकारी अंकुश लगे. दवाओं के सही इस्तेमाल न होने पर दवा प्रतिरोधकता उत्पन्न हो सकती है इसलिए डॉ डाबाडे की दवाओं के जिम्मेदारी से सही इस्तेमाल की मांग अत्यंत गंभीर है.

देश के जाने-माने वरिष्ठ अधिवक्ता और लॉयरस कलेक्टिव से जुड़े आनंद ग्रोवर ने कहा कि ओत्सुका फार्मास्युटिकल्स ने अबतक भारतीय बाज़ार में इस दवा को उपलब्ध करवाने की प्रक्रिया भी आरंभ नहीं की है. दिलामानिद दवा के भारत में उपलब्ध न होने से जो लोग दवा प्रतिरोधक टीबी (MDR/ XDR TB) से जूझ रहे हैं उनको अवांछनीय परिणाम झेलने पड़ रहे हैं. सरकार को अब हस्तक्षेप कर ओत्सुका को दवा सरकारी टीबी कार्यक्रम (RNTCP) के तहत उपलब्ध करवाने का निर्देश देना चाहिए.

एम-एस-ऍफ़ (सीमा-रहित चिकित्सकों का समूह) के एक्सेस अभियान से जुड़ी वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकार कार्यकर्ता लीना मेंघाने ने कहा कि पेटेंट इसलिए नहीं दिए जाते जिससे कि कंपनी का एकाधिपत्य स्थापित रहे बल्कि इसलिए पेटेंट दिए जाते हैं जिससे कि दवाएं देश में उपलब्ध हो सके. दिलामानिद को 8 साल पहले इंडिया में पहला पेटेंट मिला था पर इतने वर्ष बाद भी दवा जरूरतमंद लोगों के लिए उपलब्ध नहीं है. जो लोग दवा प्रतिरोधक टीबी से जूझ रहे हैं उनके इलाज के लिए दवाएं सीमित ही हैं और अक्सर उनके लिए दिलामानिद दवा जीवनरक्षक हो सकती है. जीवनरक्षक दवाएं होने के बावजूद जरूरतमंद लोग बिना-इलाज हताश हैं - यह स्थिति अस्वीकारणीय है. 




बाबी रमाकांत, सीएनएस 
(सिटीजन न्यूज़ सर्विस)
(बाबी रमाकांत, विश्व स्वास्थ्य संगठन महानिदेशक द्वारा पुरुस्कृत लेखक और सीएनएस (सिटीजन न्यूज़ सर्विस) के नीति निदेशक हैं)
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