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ट्रंप ने कार्यकारी अटॉर्नी जनरल को बाहर निकाला

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वाशिंगटन 31 जनवरी, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज कार्यकारी अटॉर्नी जनरल सैली येट्स को पद से हटा दिया। येट्स ने न्याय विभाग वकीलों को यह आदेश दिया था कि वे श्री ट्रंप के आव्रजन प्रतिबंधों को लागू ना करे। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता सीन स्पाइसर ने येट्स को पदमुक्त करने की जानकारी देते हुये ट्वीट किया कि येट्स की जगह श्री ट्रंप ने डाना बोनटे को नया कार्यकारी अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया है जो कि वर्जिनिया की अटॉर्नी जनरनल थी। देश के पूर्व राष्ट्रति बराक ओबामा द्वारा नियुक्त की गई येट्स ने कहा कि वह इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं थी कि सात मुस्लिम बहुल देशों के यात्रियों को अमेरिका आने देने पर रोक लगाना कानूनी तरीके से सही है।





ईरान पर प्रतिबंध बढ़ाया जाये : नेतन्याहू

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जेरूसलम,31 जनवरी, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने आज ईरान द्वारा फिर से बैलेस्टिक मिसाइल परीक्षण पर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि अगले माह वाशिंगटन दौरे के दाैरान वह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से ईरान के खिलाफ प्रतिबंध कड़े करने पर विचार करने के लिये कहेंगे । व्हाइट हाऊस की ओर से श्री नेतन्याहु के अमेरिका दौरे की घोषणा हाेने के तुरंत बाद ही उन्होंने ट्वीटर पर कहा,“ईरान ने फिर बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है। यह साफ तौर पर सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का उल्लंघन है। अमेरिकी अधिकारियों ने भी आज इस बात की पुष्टि की थी कि ईरान ने मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है जिसने लगभग 1000 किलाेमीटर की दूरी तय की। नेतन्याहू ने कहा,“मेरी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ हाेने वाली मुलाकात के दौरान मैं ईरान पर प्रतिबंध के बारे में पुनर्विचार करने का आग्रह करूंगा। ईरान की अाक्रमकता का जवाब बिना प्रतिक्रिया दिये ही नहीं दिया जा सकता है।” उल्लेखनीय है कि ओबामा प्रशासन ने ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण को परमाणु समझौते का उल्लंघन नहीं माना था जबकि श्री ट्रंप ने कहा था कि वह तेहरान के मिसाइल कार्यक्रम पर रोक लगायेंगे। ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर रोक लगाने संबंधी संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के मुताबिक ईरान आठ वर्षों तक परमाणु हथियार को ले जाने वाले मिसाइल का परीक्षण नहीं कर सकता। वहीं ईरान ने कहा है कि यह परीक्षण परमाणु हथियारों को ले जाने वाली मिसाइल का नहीं है।




संसद का कामकाज सुचारु रहने की उम्मीद जताई मोदी ने

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नयी दिल्ली 31 जनवरी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भरोसा व्यक्त किया है कि आज से शुरू हुए संसद के बजट के दौरान सार्थक और जनहित में चर्चा होगी। श्री मोदी ने संसद भवन परिसर में बजट सत्र शुरू होने से पहले एक बयान में कहा कि संसद का कामकाज सुचारू रूप से चलाने के लिए पिछले दिनों सभी राजनीतिक दलों के साथ सामूहिक और व्यक्तिगत तौर पर लगातार चर्चा की गयी है। संसद की कार्यवाही सुचारू रुप से चलने की उम्मीद जताते हुए उन्होंने कहा, “ सत्र का सर्वाधिक उपयोग जनहित के लिए हो, सार्थक चर्चा हो, बजट की भी बारीकी से चर्चा हो।” उन्होंने कहा कि पहली बार बजट एक फरवरी को पेश हो रहा है। इससे पहले पहले बजट शाम को पांच बजे प्रस्‍तुत किया जाता था। जब श्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी, तब से सुबह सदन प्रारंभ होते ही बजट पेश करने का सिलसिला शुरू हुआ। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज एक और नयी परंपरा का प्रारंभ हो रहा है। एक तो बजट करीब एक महीने पहले आ रहा है। दूसरा इसके साथ रेल बजट भी जोड़ दिया गया है। सदन में इस पर व्‍यापक चर्चा होगी। इससे होने वाले लाभों पर भी खुलकर चर्चा होगी। उन्होेंने कहा, “ मैं सभी राजनीतिक दलों से, मेरा विश्‍वास है कि वह इस बार सदन को उत्‍तम चर्चा के साथ जनहित के काम को आगे बढ़ाने में उपयोग करेंगे।”




प्रणव ने नोटबंदी को सराहा, समावेशी विकास पर दिया जोर

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नयी दिल्ली 31 जनवरी, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने ‘सबका साथ सबका विकास ’ पर जोर देते हुए गरीबों, दलितों शोषितों और वंचितों के कल्याण को सरकार की नीतियों का प्रमुख केन्द्रबिंदु बताया है और कहा है कि नोटबंदी ने काला धन, भ्रष्टाचार, जाली मुद्रा और आतंकवादियों को ‘फंडिंग’ जैसी बुराइयों को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। श्री मुखर्जी ने बजट सत्र की शुरूआत पर संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपने अभिभाषण में विधान और लोकसभा के चुनाव साथ साथ कराये जाने पर भी जोर दिया और आतंकवाद और नक्सलवाद से लड़ने के सरकार के संकल्प को भी व्यक्त किया। उन्होंने इस संयुक्त सत्र को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि स्वतंत्र भारत में पहली बार बजट सत्र को अपने निर्धारित समय से पहले लाया गया है और आम बजट के साथ रेल बजट को भी पेश किया जा रहा है। उन्होंने देश की महान विभूतियों और महापुरुषों की जयंतियों का स्मरण करते हुए देश की सांस्कृतिक परम्पराओं और मूल्यों को बनाये रखने पर भी जोर दिया।




ई. अहमद राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान गिरे

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नयी दिल्ली 31 जनवरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के अध्यक्ष ई. अहमद आज संसद के दाेनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान अचानक अपनी सीट से गिर पड़े , जिसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया। केरल के वरिष्ठ नेता श्री अहमद को तुरंत एम्बुलेंस से डाक्टरों की देख रेख में राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया । श्री अहमद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में उप विदेशमंत्री रहे हैं। वह फिलहाल केरल से सांसद है।




चालू वित्त वर्ष में विकास दर 7.1 फीसदी रहेगी: आर्थिक सर्वेक्षण

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नयी दिल्ली 31 जनवरी, सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पहले की तुलना में घटकर 7.1 प्रतिशत तथा अगले वित्त वर्ष में इसके 6.75 से सात प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान व्यक्त किया है। पिछले वित्त वर्ष में यह 7.6 प्रतिशत रही थी। वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा संसद में आज पेश वित्त वर्ष 2016-17 के आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि इस वर्ष स्थिर बाजार मूल्य पर जीडीपी की विकास दर 7.1 फीसदी रहेगी। सरकार ने पिछले साल पेश आर्थिक सर्वेक्षण में चालू वित्त वर्ष के लिए विकास दर सात से 7.75 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान व्यक्त किया था। यह आँकड़ा केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के पहले अग्रिम अनुमान पर आधारित है और इसमें चालू वित्त वर्ष के सात-आठ महीनों के प्रदर्शन को आधार बनाया गया है। इस प्रकार इसमें नोटबंदी के प्रभाव को शामिल नहीं किया गया है। आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि नोटबंदी के बाद सरकार द्वारा किये गये उपायों से पर्याप्त मात्रा में नये नोटों के प्रचलन में आने से वित्त वर्ष 2017-18 में विकास सामान्य स्तर पर वापस आ जायेगा। इसलिए, अगले वित्त वर्ष में विकास दर 6.75 से 7.75 प्रतिशत के बीच रहने का पूर्वानुमान है। इसमें स्थिर निवेश में भी गिरावट का अनुमान जताया गया है। इसमें कहा गया है कि 2015-16 में स्थिर निवेश जीडीपी का 29.3 प्रतिशत रहा था जो चालू वित्त वर्ष में घटकर 26.6 प्रतिशत रह जायेगा।




नोटबंदी गरीबों के हित में साहसिक निर्णय : प्रणव

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नयी दिल्ली 31 जनवरी, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने सरकार के नोटबंदी के फैसले को गरीबों के हित में साहसिक निर्णय बताते हुये आज कहा कि यह काला धन, भ्रष्टाचार, जाली मुद्रा और आतंकवादियों के लिए धन की उपलब्धता जैसी बुराइयों को खत्म करने के लिए था। संसद के बजट सत्र के पहले दिन दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुये श्री मुखर्जी ने कहा कि सरकार ने पिछले साल 08 नवम्बर को काला धन, भ्रष्टाचार, जाली मुद्रा और आतंकवादियों के लिए धन की उपलब्धता जैसी बुराइयाँ खत्म करने के लिए 500 और एक हजार रुपये के पुराने नोटों को बंद करने का निर्णय लिया। राष्ट्रपति के अभिभाषण मेंं नोटबंदी का उल्लेख किये जाने पर प्रधानमंत्री समेत सत्ता पक्ष के सदस्यों ने मेजें थपथपा कर स्वागत किया। राष्ट्रपति ने सरकार के काला धन पर अंकुश लगाने के लिए उठाये गये कदमों का जिक्र करते हुये कहा कि नरेन्द्र मोदी मंत्रिमंडल का सबसे पहला निर्णय काले धन पर विशेष जाँच दल गठित करना था। उन्होंने कहा कि सरकार ने सिंगापुर, साइप्रस और माॅरिशस के जरिये देश में आने वाले काला धन और कर चोरी को रोकने के लिये काला धन (अज्ञात विदेशी आय तथा परिसंपत्ति) तथा कर अधिनियम, 2015 को लागू करना और बेनामी संपत्ति लेन-देन ( प्रतिबंध) संशोधन अधिनियम 2016 को पारित किया। उन्होंने कहा कि संधियों के प्रावधानों के दुरुपयोग से कर चोरी तथा देश में काले धन की आवाजाही को राेकने के लिये सिंगापुर, साइप्रस और मॉरिशस के साथ संधियों में संशोधन करने तथा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के लिए काराधान अधिनियम संशोधन पारित करने से काले धन के विरुद्ध एक नीतिगत पहल हुई है। राष्ट्रपति ने कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा देने के लिये सरकार के भारत इंटरफेश फार मनी (भीम) मोबाइल एेप को डाॅ. भीमराव अंबेडकर की गरीबों का आर्थिक सशक्तिकरण की दृष्टि के प्रति श्रद्धाजंलि बताया। उन्होंने कहा कि कुछ ही दिन में यह ऐप देश में भुगतान के लिए सबसे लोकप्रिय मोबाइल ऐप के रूप में स्थापित हो गया। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही आरंभ की जाने वाली बायोमीट्रिक आधार भुगतान प्रणाली भारत में प्रौद्योगिकी क्रांति लायेगी। जनधन आधार मोबाइल के जरिये सब्सिडी के प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण कार्यक्रम के अंतर्गत भ्रष्टाचार रुकने से 36 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है। सरकार की रसोई गैस सब्सिडी के लिए शुरू की गयी पहल योजना विश्व में सबसे बड़ी नकद लाभ अंतरण योजना है और पिछले दो वर्ष में इससे 21 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है। डिजीधन अभियान और दो लाख साझा सेवा केन्द्रों से पाँच लाख से अधिक युवाओं को रोजगार मिलने के साथ ही डिजीटल साक्षरता भी बढ़ी है।




31वां सूरजकुंड मेला एक फरवरी से, खट्टर करेंगे उद्घाटन

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फरीदाबाद. 31 जनवरी, 31वां सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला एक फरवरी से हरियाणा में यहां शुरू होगा जिसका उद्घाटन राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर करेंगे। 


इस मौके पर केंन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुज्जर, भारत में मिस्र के राजदूत हातेम तगेल्डिन , राज्य के पर्यटन मंत्री रामबिलास शर्मा, झारखंड के पर्यटन एवं सांस्कृतिक मंत्री अमर कुमार बौरी, हरियाणा के उद्योग मंत्री विपुल गोयल, पर्यटन विभाग की मुख्य संसदीय सचिव सीमा त्रिखा, हरियाणा पर्यटन निगम के अध्यक्ष जगदीश चोपड़ा, बल्लभगढ़ के विधायक मूल चंद शर्मा तथा अनेक अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहेेंगे। 

केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के सचिव तथा सूरजकुंड मेला प्राधिकरण के अध्यक्ष विनोद जुत्शी ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मेला की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के मेलों के आयोजन से देश की कला एवं शिल्प परम्पराओं की विरासत को पुनर्जीवित करने में मदद की है। 

इस मौके पर हरियाणा पर्यटन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा सूरजकुंड मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष वी.एस.कुंडू. हरियाणा पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक तथा सूरजकुंड मेला प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक समीर पाल सरो भी उपस्थित थे। मेले का इस बार थीम राज्य झारखंड और भागीदार देश मिस्र है। मेेले में श्रीलंका, नेपाल, अफगानिस्तान, थाईलैंड, किर्गिस्तान, लेबनॉन और ट्यूनीशिया देशों के शिल्पकार भी भाग ले रहे हैं। 

मेले के लिये पूरी परिवहन सम्पर्क, वाई-फाई सुविधा, हरियाणा के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों और कॉलेजों की छात्राओं को कार्य दिवसों के दौरान निशुल्क प्रवेश तथा दिव्यांगों , वरिष्ठ नागरिकों , सेवारत सैनिकों तथा युद्ध विधवाओं और उनके आश्रितों को प्रवेश टिकट पर 50 प्रतिशत की छूट, कॉलेज के वैध पहचान पत्र विद्यार्थियों को कार्य दिवसों में प्रवेश टिकटों पर 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। 

उन्होंने बताया कि मेले में सुरक्षा प्रबंध मजबूत करने के लिए नाइट विज़न कैमरों के साथ लगभग 200 सीसीटीवी कैमरे स्थापित किये गये हैं। इसके अलावा पर्याप्त संख्या में सुरक्षा कर्मी तैनात किये गये हैं जिनमें महिला गार्ड भी शामिल हैं।

एच 1 बी वीजा पर अमेरिकी सख्ती को लेकर सरकार जरुरी कार्रवाई करेगी : रुडी

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नयी दिल्ली 31 जनवरी केंद्रीय काैशल विकास मंत्री राजीव प्रताप रुडी ने आज आश्वासन दिया कि भारतीय आई टी कंपनियों पर कुठाराघात करने वाले एच 1 बी वीजा में सख्ती संबंधी अमेरिकी प्रस्ताव से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सरकार अपेक्षित कार्रवाई करेगी । 

श्री रुडी ने यहां संसद भवन परिसर में संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा कि विभिन्न देशों की सरकारें समय -समय पर कानून बनाती रहती हैं । अमेरिकी आईटी कंपनियों को मजबूत करने में भारतीय पेशेवरों का योगदान बहुत ज्यादा है । आई टी क्षेत्र अमेरिका और भारत दोनों की अर्थव्यवस्था के लिए अहम है । श्री रुडी ने कहा कि सरकार एच 1 बी वीजा पर सख्ती बरतने संबंधी अमेरिकी प्रस्ताव से अवगत है और इसके लिए जरुरी कदम उठाया जाएगा । 

उल्लेखनीय है कि अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनावी भाषण में देश के युवकों के लिए रोजगार खत्म होेने की समस्या से निपटने का आश्वासन दिया था । अमेरिकी संसद में इस वीजा को सख्त करने के लिए एक विधेयक पेश किया गया है । 

यूबीआई एक परिकल्पना : सुब्रमणियम

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नयी दिल्ली 31 जनवरी  सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियम् ने आज कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण में सार्वभौमिक न्यूनतम आय (यूबीआई) की परिकल्पना की गयी है और इस पर अभी गंभीरता से विचार-विमर्श करने की जरूरत है। 

आर्थिक सर्वेक्षण के लेखक श्री सुब्रमणियम् ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के इसे संसद में पेश करने के बाद यहाँ संवाददाताओं से कहा कि गरीबी उन्मूलन की दिशा में यह परिकल्पना मील का पत्थर साबित हो सकती है। इसे पायलट के तौर पर पहले कुछ स्थानों पर परीक्षण किये जाने की जरूरत बताते हुये कहा कि इसके परिणाम के बारे में अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता है क्याेंकि यह अभी सिर्फ और सिर्फ परिकल्पना मात्र है। हालाँकि, उन्होंने कहा कि एक गैर-सरकारी संगठन ने मध्य प्रदेश में एक स्थान पर इसका परीक्षण किया है और उसका परिणाम उत्साहजनक है। 

उन्होंने कहा कि जन कल्याण के लिए अभी बहुत से सरकारी कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं और उन कार्यक्रमों के साथ यूबीआई संचालित नहीं हो सकती है क्योंकि अभी जन कल्याण के कार्यक्रम पर सकल घरेलू उत्पाद का चार से पाँच प्रतिशत व्यय हो रहा है। यूबीआई पर भी करीब इतना ही व्यय का अनुमान है। इसलिए सभी कार्यक्रम एक साथ चलना संभव नहीं होगा। इसके लिए अन्य कार्यक्रमों को बंद कर सिर्फ यूबीआई को भी संचालित करना होगा जो फिलहाल वित्तीय रूप से व्यावहारिक नहीं है।

नोटबंदी के साथ ही वैश्विक दबाव में आर्थिक अनुमान तय किया: सुब्रमणियन

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नयी दिल्ली 31 जनवरी, सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने आज कहा कि नोटबंदी के दबाव और वैश्विक स्तर पर हो रहे घटनाक्रमों के मद्देनजर वर्ष 2017-18 में आर्थिक विकास दर 6.75 फीसदी से 7.50 फीसदी के बीच रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है।

आर्थिक सर्वेक्षण के लेखक श्री सुब्रमणियन ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के संसद में इसे पेश करने के बाद यहां संवाददाताओं से चर्चा में कहा कि नोटबंदी का असर अभी बना रहेगा। अगले एक दो महीने में नकदी की स्थिति सामान्य होने की उम्मीद है और उसके बाद अार्थिक गतिविधियों में भी तेजी आयेगी लेकिन वैश्विक स्तर पर हो रहे घटनाक्रम का दबाव भी बना हुआ है। उन्होंने कहा कि तेल की कीमतों में हो रही बढोतरी के साथ ही कुछ देशों के संरक्षणवादी नीतियों का भी असर हो सकता है लेकिन अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद दिख रही है। 

उन्होंने कहा कि यदि वैश्विक विकास में एक फीसदी की बढोतरी होती है तो देश के निर्यात में तीन फीसदी की बढोतरी होती है। इसके लिए वैश्विक स्तर पर सुधार होने पर भारतीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि नोटबंदी का लक्ष्य कालेधन पर हमला करना था। इसका असर अस्थायी है और इससे मकानों की कीमतों में गिरावट आएगी और मध्‍यम वर्ग को किफायती मकान मिलेंगे। 

उन्होंने कहा कि नोटबंदी का जीडीपी वृद्धि दर पर पड़ रहा प्रतिकूल असर अस्‍थायी रहेगा। मार्च 2017 के आखिर या अप्रैल 2017 तक बाजार में नकदी की आपूर्ति के सामान्‍य स्‍तर पर पहुंच जाने की संभावना है। इसके बाद अर्थव्‍यवस्‍था में फिर से सामान्‍य स्थिति बहाल हो जाएगी। नोटबंदी से डिजिटलीकरण में वृद्धि, अपेक्षाकृत ज्‍यादा कर अनुपालन और अचल संपत्ति की कीमतों में कमी शामिल हैं, जिससे कर राजस्‍व के संग्रह और जीडीपी दर दोनों में ही वृद्धि होने की संभावना है।

नये साल की तरह 01 जनवरी से शुरू हो वित्त वर्ष : सुशील

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पटना 31 जनवरी, बिहार के पूर्व वित्त मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने केंद्र सरकार के नोटबंदी के साथ ही आर्थिक सुधार की दिशा में उठाये गये कदमों की सराहना करते हुये केंद्र से अगले नये वित्त वर्ष की शुरुआत 01 अप्रैल के स्थान पर 01 जनवरी से करने की मांग की। 

श्री मोदी ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर करके तंत्र में कालाधन और जाली नोटों के प्रसार को रोकने के लिए साहसिक कदम उठाया है। इसके अलावा आर्थिक सुधार के क्षेत्र में उठाये गये कदम जैसे आजादी के बाद पहली बार साम्राज्यवादी परिपाटी को बदलते हुये 01 फरवरी को बजट पेश करना, रेल बजट को केंद्रीय बजट में समाहित करना, योजना एवं गैर योजना व्यय के वर्गीकरण को समाप्त करने के साथ ही वित्त विधेयक को मई-जून के स्थान पर 31 मार्च से पहले पारित कराना सराहनीय है। 

इस क्रम में सुधारों को गति देने के लिए मैं केंद्र सरकार से आग्रह करता हूं कि वह आगामी नये वित्त वर्ष को 01 अप्रैल की जगह 01 जनवरी से शुरू करने ही भी पहल करे।” भाजपा नेता ने कहा कि पहले फरवरी के अंत में बजट पेश किया जाता था, जो मई-जून में पारित होने के बाद लागू होता था। इससे सरकार विभागों को खर्च करने के लिए राशि मिलने में करीब चार महीने का विलंब होता था लेकिन प्रधानमंत्री की अगुवाई में ब्रिटिशकाल की इस प्रथा को बदलकर कल पहली बार बजट 01 फरवरी को पेश किया जाएगा और इसे 31 मार्च से पहले पारित करा लिया जाएगा। इस पहल से विभागों को व्यय के लिए 01 अप्रैल से राशि उपलब्ध हो जाएगी। इसी तरह आगामी नये वित्त वर्ष के 01 जनवरी से शुरू होने से राशि मिलने की अवधि में और कमी आएगी और विकास कार्य तेजी से हो सकेंगे। श्री मोदी ने कहा कि केंद्र ने 92 वर्षों से रेल बजट को अलग से पेश करने की परिपाटी को भी समाप्त कर दिया है। 

01 फरवरी को पेश होने वाले केंद्रीय बजट में ही रेल बजट भी समाहित होगा। इससे रेलवे के विकास में तेजी जाएगी और अब रेलवे वित्त मंत्रालय को 10 हजार करोड़ रुपये लाभांश देने के लिए बाध्य नहीं होगा। रेल बजट के समाहित करने पर रेलवे की स्वायत्तता समाप्त होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इससे रेलवे की स्वायत्तता समाप्त नहीं होगी और उसकी अलग पहचान भी बनी रहेगी। इसके अलावा रेलवे पहले की ही तरह अतिरिक्त बजटीय समर्थन प्राप्त करने के लिए स्वतंत्र रहेगा।

बाजार को नहीं भाया आर्थिक सर्वेक्षण

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मुम्बई 31 जनवरी, अधिकतर एशियाई बाजारों से मिले कमजोर संकेतों के बीच अार्थिक सर्वेक्षण में सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) विकास दर और औद्योगिक वृद्धि दर घटने के अनुमान तथा एच1बी वीजा को लेकर अमेरिकी ट्रंप सरकार के सख्त रुख के कारण हुई चौतरफा बिकवाली के दबाव में घरेलू शेयर बाजार में आज लगातार दूसरे दिन गिरावट में रही। 

भारत सहित अन्य देशों के नागरिकों के अमेरिका में काम करने के लिए जरूरी एच1बी वीजा नियमों को सख्त करने की दिशा में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा उठाये कदम से सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त गिरावट रही जिससे शुरुआती बढ़त में खुला बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 0.70 फीसदी यानी 193.60 अंक लुढ़ककर 27,655.96 अंक पर बंद हुआ और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज(एनएसई) की निफ्टी 0.85 फीसदी यानी 71.45 अंक फिसलकर 8,600 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे का गोता लगाते हुआ 8,561.30 अंक पर बंद हुआ। 

आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार ने चालू वित्त वर्ष में आर्थिक विकास 7.1 फीसदी और अगले वित्त वर्ष में इसके 6.75 प्रतिशत से लेकर 7.50 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान लगाया है। इसके साथ ही औद्योगिकी वृद्धि दर 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है जो निवेशकों को रास नहीं आये जिससे बीएसई के 20 समूहों में से 19 लाल निशान में बंद हुए। सिर्फ एफएमसीजी में 0.04 फीसदी की तेजी देखी गयी। कारोबार में सबसे अधिक नुकसान आईटी समूह ने उठाया, जो 2.96 फीसदी लुढ़का। इसी तरह टेक समूह में 2.49 प्रतिशत, तेल एवं गैस में 1.64 प्रतिशत और स्वास्थ्य समूह में 1.38 फीसदी की गिरावट रही। अन्य समूह भी गिरावट में रहे। 

कुल 18.36 अंक की बढ़त लेकर 27,867.92 अंक पर खुले सेंसेक्स का यही दिवस का उच्चतम स्तर भी रहा। इसके बाद इसमें लगातार गिरावट रही और यह 27,624.54 अंक के निचले स्तर तक गया। यह कारोबार समाप्ति पर गत दिवस की तुलना में 193.60 अंक लुढ़ककर 27,655.96 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी हालांकि 3.25 अंक की गिरावट के साथ 8,629.45 अंक पर खुला। दिवस के दौरान यह 8,631.75 अंक के उच्चतम तथा 8,552.40 अंक के निचले स्तर को छूता हुआ कारोबार समाप्ति पर 71.45 अंक की गिरावट के साथ 8,561.30 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी की 51 में से 39 कंपनियों में बिकवाली और 11 में लिवाली हुई जबकि एक के भाव अपरिवर्ति रहे। 

 बीएसई का मिडकैप 1.10 प्रतिशत यानी 143.48 अंक की गिरावट के साथ 12,0857.47 अंक पर तथा स्मॉलकैप 1.03 अंक यानी 134.19 अंक लुढ़ककर 12935.66 अंक पर बंद हुआ। बीएसई में कुल 2,945 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ। इनमें 828 हरे निशान में तथा 1,897 लाल निशान में रहीं जबकि 220 के शेयरों के भाव अपरिवर्तित रहे। 

स्वस्थ भारत यात्रा दिल्ली से जयपुर पहुँची।

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जयपुर। स्वस्थ भारत यात्रा आज जयपुर पहुच गई। दिल्ली से शुरू हुई यह यात्रा अपने पहले पड़ाव पर आज शाम जयपुर पहुची। भारत छोड़ो आंदोलन के 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर ‘स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज’ का संदेश लेकर देश भ्रमण पर निकली स्वस्थ भारत यात्रा टीम महात्मा गांधी की पुण्य तिथि पर गांधीजी को राजघाट पर  पुष्पांजलि के साथ ये यात्रा नयी दिल्ली से आरम्भ हुई।  इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार उमेश चतुर्वेदी, कुमार कृष्णन, शशिप्रभा तिवारी, धीप्रज्ञ द्विवेदी, ऐश्वर्या सिंह, संतोष सिंह, विनोद कुमार, विनय कुमार भारती  सहित स्वस्थ भारत अभियान से जुड़े साथी उपस्थित थे। राजघाट पर जीवीएचएसएस कलपेटा, वायनाड केरल से आए नेशनल कैडेट कोर की बालिकाओं को यात्रा टीम के सदस्यों ने ‘स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज’ के संदेश से अवगत कराया।  यात्रा के अगले पड़ाव के बारे में धीप्रज्ञ द्विवेदी ने बताया कि यह यात्रा जयपुर, कोटा भोपाल,  झाबुआ, गांधीनगर, होते हुए फरवरी के दूसरे सप्ताह में मुंबई पहुंचेगी। यात्रा संयोजक ऐश्वर्या सिंह ने बताया कि यह यात्रा देश के चारों दिशाओं में जायेगी और देश को बालिका स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने का काम करेगी। 

नेपाली राजदूत ने दिया स्वस्थ भारत यात्रा को समर्थन
स्वस्थ भारत यात्रा को भारत में नेपाल के राजदूत दीप कुमार ने अपना समर्थन दिया है। इंदिरागांधी राष्ट्रीय कला केंद्र पहुंची यात्रा टीम को उन्होंने अपना आशीर्वाद देते हुए कहा कि यह एक अच्छा प्रयास है। इस अवसर पर इंदिरा गांधी कला केंद्र के सदस्य सचिव डॉ. सचिदानंद जोशी, समाजवादी चिंतक एच.एन.शर्मा ने भी अपना आशीर्वाद दिया। इसके बाद यात्रा दल ने वरिष्ठ गांधीवादी बसंत जी एवं गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के निदेशक दीपांकर श्रीज्ञान से मुलाकात कर यात्रा की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर स्वस्थ भारत ट्रस्ट के चेयरमैन आशुतोष कुमार सिंह ने बताया कि इस यात्रा में गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति, संवाद मीडिया, नेस्टिवा हॉस्पिटल एवं राजकमल प्रकाशन समूह का विशेष सहयोग रहा है। उन्होंने देश भर के युवाओं से इस अभियान में जुड़ने की अपील की।     




विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 31 जनवरी)

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जनसुनवाई कार्यक्रम में 210 आवेदन प्राप्त हुए

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कलेक्टर श्री अनिल सुचारी के द्वारा मंगलवार को आहूत की गई जनसुनवाई कार्यक्रम में 210 आवेदकों ने आवेदन प्रस्तुत कर अपनी व्यक्तिगत और सार्वजनिक समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित कराया। कलेक्टर श्री सुचारी के द्वारा मौके पर 135 आवेदनों का निराकरण किया गया है शेष लंबित आवेदनों पर समय सीमा में कार्यवाही करने के निर्देश उनके द्वारा संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिए गए है। आज सम्पन्न हुई जनसुनवाई कार्यक्रम में अधिकांश आवेदन बीपीएल राशन कार्ड जारी करने के प्राप्त हुए है। संबंधित आवेदकों को कलेक्टर श्री सुचारी ने अवगत कराया कि बीपीएल मापदण्डो की पात्रता का परीक्षण उपरांत बीपीएल सूची में नाम जोड़े जाने की कार्यवाही क्रियान्वित की जाएगी। जनसुनवाई कार्यक्रम में अपर कलेक्टर श्री एचपी वर्मा, डिप्टी कलेक्टर श्री चंद्रप्रताप गोहल, एसडीएम श्री आरपी अहिरवार समेत विभिन्न विभागोेें के अधिकारी मौजूद थे।





सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 31 जनवरी)

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बसंत पंचमी पर बाल विवाह रोकने हेतु जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर टीम का गठन,  सख्ती के साथ रोकेंगे बाल विवाह 

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राज्य शासन की मंशानुसार पूरे प्रदेष में बाल विवाह शून्य हो एवं कोई भी बाल विवाह का प्रकरण सामने ना आए इस हेतु पूरे प्रदेष मे लाडो अभियान 2013 से लागू किया गया जिसके अंतर्गत बाल विवाह रोकने एवं जागरुकता बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है तथा सघन अभियान चलाया जा रहा है। 18 वर्ष से कम उम्र की लडकी एवं 21 वर्ष से कम उम्र के लडके का विवाह बाल विवाह की श्रेणी मे आता है। भारतीय संविधान मे बाल विवाह को दण्डनीय अपराध माना गया है। बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत बाल विवाह कराने वाले माता पिता, भाई बहन, एवं परिवारजन सम्मिलित बाराती, एवं सेवा देने वाले जैसे टेंट हाउस, प्रिन्टर्स, ब्यूटी पार्लर, हलवाई, मेरिज गार्डन, घोड़ी वाले, बैंड बाजे वाले, कैटर्स, धर्मगुरू, पण्डित, समाज के मुखिया, आदि के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जाने के साथ उन्हे जेल भेजने का प्रावधान भी किया गया है।      

बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 अंतर्गत 18 साल से कम उम्र की लडकी और 21 साल से कम उम्र का लडका बच्चा होता है। बच्चे का विवाह कराना अपराध है। बाल विवाह कराने पर व्यक्ति को जमानत नही मिलेंगी। बाल विववाह मे दो वर्ष की सजा एवं एक लाख का जुर्माना है। बाल विवाह होने पर कोई भी व्यक्ति इसकी रिपोर्ट पुलिस, बाल विवाह निषेध अधिकारी, प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट और जिला मजिस्ट्रेट को दे सकता है। 

दुष्परिणाम
जब बच्चांे का विवाह होता है तो उनके शरीर और दिमाग दोनो बहुत कमजोर होते है। लडकिया कम उम्र मे गर्भवती हो जाती है। समय से पूर्व बच्चे पैदा होते है जिससे प्रसव के समय षिषु मृत्यू दर अधिक होती है। कम उम्र मे विवाह से षिक्षा के अधिकारों का हनन होता है। बाल विवाह के कारण बच्चे अनपढ और अकुषल रह जाते है। जिससे उन्हे रोजगार नही मिलता।

दोषियों मे निम्नलिखित शामिल
बाल विवाह में शामिल लडके लडकी के अभिभावक, पादरी, पण्डित मौलवी, दोनों तरफ के रिष्तेदार, समस्त सेवा प्रदाता, सामूहिक विवाह समारोह कराने वाले दोषी मान जाएंगे।  संचालनालय महिला सषक्तिकरण से प्राप्त दिषा निर्देषानुसार आगामी 1 फरवरी 2017 को  बसंत पंचमी पर बाल विवाह रोकने हेतु जिला स्तर एवं विकासखण्ड स्तर पर टीमों का गठन किया गया है। बाल विवाह को रोकने व बाल विवाह की सूचना हेतु जिला मुख्यालय पर कन्ट्रोल रूम बनाया गया। जिसका नंबर 07562-221195 एवं विकासखण्डवार अधिकारीयों/कर्मचारीयों की ड्यूटी लगाई गई है। साथ ही स्थानीय पुलिस थाना, परियोजना कार्यालय, व अन्य किसी भी शासकीय कर्मचारी को सूचना दी जा सकती है। 




पटना : अरवन्दि महिला काॅलेज में छात्राओं का फूटा गुस्सा,

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जोरदार प्रदर्शन, ए.आइ.एस.एफ. के बैनर तले छात्राओं ने प्रचार्या को घेरा, 12वीं की छात्राओं का विषय बदलने से छात्राओं में आक्रोश। राज्य सरकार के निर्देश के.जी. टू पी.जी. छात्राओं एवं एस.सी. एस.टी. को निशुल्क शिक्षा की घोषणा बेअसर। छात्राओं से वसूले गए नामांकन शुल्क वापसी होने तक जारी रहेगा आंदोलन। 




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पटनाः-  आज दिनांक-31 जनवरी 2017 को अरविंद महिला काॅलेज में छात्राओं का जोरदार प्रदर्शन। छात्रा ए.आइ.एस.एफ के बैनर तले किया प्राचार्या का घेराव। घण्टों कार्यालय से बाहर खड़ा रहना पड़ा प्राचार्या को। ज्ञात हो कि 12वीं की छात्राआंे का विषय में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आयी है। जिससे छात्रा काफी आक्रोशित है। जो विषय काॅलेज में पढ़ाई नहीं होती वह विषय जारी किया गया है। हिन्दी के जगह मगही, मनोविज्ञान के जगह समाजशास्त्र, समाजशास्त्र के जगह दर्शन शास्त्र आदि जैसे विषय को दिया गया है। इसकी शिकायत  छात्राएं  काॅलेज प्रशासन से की तो काॅलेज प्रशासन छात्राओं को इंटर काॅन्सिल भेज दिया। छात्राएं इन्टर काॅन्सिल जाकर सचिव अनु कुमार सिन्हा को समस्याओं से अवगत कराई तो सचिव ने कहा कि यह काम काॅलेज प्राचार्या का है। प्राचार्या के लापरवाही से इस तरह की समस्या सामने आयी। इसके लिए प्राचार्या जिम्मेवार है। आज जब छात्राओं ने प्राचार्या का घेराव किया तो उन्होंने कहा कि सभी छात्राएं काॅलेज प्रशासन को आवेदन जमा करा दें। दो दिनों के अंदर समस्या का निदान किया जाएगा।  जब छात्राएं शुल्क वापसी को लेकर अड़ी रही तो प्राचार्या ने कहा कि दूसरे काॅलेजों में लिया जा रहा है। इसलिए हम भी यहां ले रहे हैं। ज्ञात हो कि राज्य सरकार एवं शिक्षा विभाग कद्वारा बिहार के सभी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय में छात्राओं  एवं एस.सी. एस.टी. को के.जी. टू पी.जी. निशुल्क शिक्षा देने की गारंटी की है। जबकि अरविन्द महिला काॅलेज के प्राचार्या द्वारा नामांकन के नाम पर छात्राओं से मोटी रकम उगाही किया जा रहा है। इंटर की छात्राओं से रजिस्ट्रेशन शुल्क के रूप में 2658 रुपया परीक्षा फाॅर्म के लिए 300 वहीं स्नातक की छात्राओं से नामांकन शुल्क के रूप में 1943 रुपया से लेकर 2658 रुपया तक वसूला जा रहा है। 
 
छात्र सभा को संबोधित करते हुए ए.आइ.एस.एफ के राष्ट्रीय महासचिव विश्वजीत कुमार ने कहा कि एक तरफ राज्य सरकार छात्राओं को निशुल्क शिक्षा देने की गारंटी करता है वहीं दूसरी ओर बड़े पैमाने पर पैसा उगाही भी कराता है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभा को सम्बोधित करते हुए ए.आइ.एस.एफ. के राज्य सचिव सुशील कुमार ने कहा कि काॅलेज प्राचार्या के लापरवाही के कारण सैकड़ों छात्राओं का भविष्य अधर में जा रहा है जिसके खिलाफ संगठन चरणबद्ध आंदोलन करेगी। सभा को ए.आइ.एस.एफ. के सहसंयोजिका आरती कुमारी, जिलाध्यक्ष पुष्पेन्द्र प्रणय, जिला सचिव सुशील उमा राज, राशिदा, रंजना आदि ने संबोधित किया। प्रदर्शन में त्रृषु सिन्हा, राखी कुमारी, पूनम, नीलम, सरिता, अंजलि, खुश्बू, संध्या, प्रियंका, स्नेहा, भावना, अदिति, पूनम, प्रीति, शिवानी, सुष्मिता, अंजलि, डौली, कोमल, पूजा, पायल के अलावा सैकड़ों छात्राएं शामिल थीं।




महानगरों में संपत्ति कर बढाने का प्रस्ताव

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नयी दिल्ली 31 जनवरी, सरकार ने महानगरों में बुनियादी ढांचे के विकास तथा जल निकासी, पेय जल, सार्वजनिक परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली आपूर्ति जैसी सुविधाएं बढ़ाने के लिए संपत्ति कर में वृद्धि का प्रस्ताव किया है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा आज संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17 में कहा है कि महानगरीय स्‍तर पर संपत्ति कर का दोहन अतिरिक्‍त राजस्‍व सृजन के लिए किया जा सकता है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि शहरी स्‍थानीय इकाइयाें का मुख्य दायित्‍व शहरों का विकास और सेवा प्रदान करना है , लेकिन ये बड़े बुनियादी ढांचे की कमी,अपर्याप्‍त वित्‍त और खराब प्रशासन की क्षमता से संबंधित बड़ी समस्‍याओं से जूझ रही हैं। प्रत्‍येक महानगर पानी, बिजली आपूर्ति, अपशिष्‍ट प्रबंधन, सार्वजनिक परिवहन,शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य सेवा और प्रदूषण की समस्‍या से संबंधित चुनौतियों का सामना कर कर रहा है। सर्वेक्षण के अनुसार बेहतर सेवा आपूर्ति और संसाधनों, स्‍व राजस्‍व, कर्मचारियों की संख्‍या और प्रति व्‍यक्ति पूंजी व्‍यय के बीच गहरा संबंध है। संपत्ति कर के क्षेत्र में बड़ी संभावना है और महानगर के स्‍तर पर अतिरिक्‍त राजस्‍व सृजन के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि बेंगलुरु पांच प्रतिशत और जयपुर 20 प्रतिशत से अधिक संभावित संपत्ति कर की वसूली नहीं कर रहे हैं।




दिल्ली को तबाही से बचाने के लिए कल से आंदोलन: गोयल

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नयी दिल्ली, 31 जनवरी, केन्द्रीय युवा और खेल मामलो के राज्य मंत्री विजय गोयल ने दिल्ली सरकार पर राष्ट्रीय राजधानी की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए कल से दिल्ली बचाव आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है। श्री गोयल ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राजधानी को छोड़कर पंजाब और गोवा के विधानसभा चुनाव में व्यस्त है। राजधानी में विकास चौतरफा रूका हुआ है, हर तरफ हालत खराब है अौर स्कूलों की स्थिति दयनीय बनी हुई है। सरकार अधिकारों को हासिल करने का दिखावा करते हुए लगातार टकराव के राह पर चली किन्तु जो अधिकार उसके पास हैं उस दिशा में कोई काम नहीं किया । उन्होंने कहा कि श्री केजरीवाल दिल्ली को भगवान के भरोसे छोड़कर अन्य राज्यों में सत्ता हासिल करने के लिए जी जान से लगे हुए है। अगर दिल्ली को बचाया नहीं गया तो राजधानी विनाश के कगार पर पहुंच जायेगी । दिल्ली में प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। राजधानी सलम में तबदील हो चुकी है। नगर निगमों को काम करने से रोकने और उनकी वित्तय स्थिति जर्जर करने के लिए उनके हिस्से का धन नहीं दिया जा रहा है। इसके चलते सफाई कर्मचारियों को कई बार हड़ताल का रूख अपनाना पड़ा । पूर्वी दिल्ली में तो सात बार कर्मचारियों ने हड़ताल की। दिल्ली भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के पूर्व अध्यक्ष श्री गोयल ने कहा कि राजधानी को बचाने के लिए कल एक फरवरी को दिल्ली के मुख्यमंत्री की खाली कुर्सी की झांकी की रैली निकाल कर इसे जंतर मंतर तक ले जाया जायेगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली को बचाने के लिये वह लगातार प्रयासरत रहेंगे ।




पद्मावती के जौहर के ढाई सौ साल बाद जायसी ने लिखा था पद्मावत

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भोपाल, 31 जनवरी, देश भर में चल रहे 'पद्मावती'फिल्म और कुछ इतिहासकारों द्वारा चित्तौड़ की रानी पद्मावती को काल्पनिक बताए जाने संबंधित विवाद के बीच इतिहास के क्षेत्र में देश की एक ख्यातिनाम संस्था का दावा है कि मलिक मुहम्मद जायसी की रचना पद्मावत का लेखन वास्तविक पद्मावती के अस्तित्व के लगभग ढाई सौ साल बाद हुआ था, ऐसे में पद्मावती को काल्पनिक बताया जाना सिरे से बेमानी है। देश में सिर्फ इतिहास के एक एकमात्र पुस्तकालय और अपनी तरह के अनूठे मध्यप्रदेश के मंदसौर के सीतामऊ स्थित नटनागर शोध संस्थान के संचालक डॉ मनोहर सिंह राणावत ने दूरभाष पर 'यूनीवार्ता'को बताया कि देश में राजपूतों का इतिहास सातवीं शताब्दी से शुरू होता है। दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी ने 1303 में चित्तौड़ पर आक्रमण किया था, उस समय वहां पद्मावती के पति राजा रतन सिंह का शासन था। लगभग छह महीने तक उसने चित्तौड़ के दुर्ग को घेरे रखा, जिस दौरान चित्तौड़ की सेना ने उसका प्रतिकार किया, लेकिन खिलजी की विशाल सेना के सामने राजा रतन सिंह की सेना बहुत छोटी थी। डॉ राणावत के मुताबिक लगभग छह महीने बाद जब दुर्ग के भीतर रसद समाप्त होने लगा, तब राजपूत महिलाओं के सामने मुगल शासक के सामने अपना सम्मान और आबरू बचाए रखने का संकट गहराने लगा। अंदर बसीं हजारों राजपूत महिलाओं ने अपने पतियों को बिना परिवार की चिंता किए आक्रांता के आक्रमण का सामना करने की निश्चिंतता देने के लिए सामूहिक जौहर का फैसला किया। उसी समय रानी पद्मावती के जौहर के प्रमाण मिलते हैं, जबकि पद्मावत का लेखन समय 1564 का है, जो उस समय से लगभग ढाई साल बाद का समय है। नटनागर शोध संस्थान के पास इन सभी तथ्यों से जुड़े शिलालेख और वास्तविक प्रमाण उपलब्ध हैं। इतिहास के क्षेत्र में कई किताबें लिख चुके डॉ राणावत ने बताया कि चित्तौड़ के किले में सामूहिक जौहर के तीन बार प्रमाण मिलते हैं, जिनमें से पहला अलाउद्दीन खिलजी के समय का है। इसके बाद वहां बहादुरशाह गुजराती और अकबर के काल में भी जौहर हुए।
इसके पहले आशुतोष गोवारिकर की फिल्म 'जोधा-अकबर'का भी विरोध कर चुके वरिष्ठ इतिहासकार डॉ राणावत ने बताया कि अकबर का विवाह जयपुर की राजकुमारी हल्का बाई से हुआ था, जोधा से नहीं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि फिल्मों में इतिहास को काल्पनिक बताए जाने का दावा करते हुए गलत तरीके से पेश किए जाने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए शासन को कदम उठाने की जरूरत है, नहीं तो देश का समृद्ध इतिहास अगली पीढी के सामने गलत ही पेश होता रहेगा। राजस्थान के उदयपुर में पिछले दिनों हुए एक सम्मेलन का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि जेएनयू की एक रिसर्च स्कॉलर ने सम्मेलन में इंटरनेट से सामग्री निकाल कर पूरा पेपर गलत पेश किया। जब उसका विरोध किया गया, तो उन्हें स्वयं विरोध का सामना करना पड़ा। देश के कई विश्वविद्यालयों में संदर्भ के लिए मान्य नटनागर शोध संस्थान की स्थापना देश के जाने-माने इतिहासकार और राज्यसभा सांसद डॉ रघुबीर सिंह ने 1974 में की थी। डॉ रघुबीर सिंह आजादी के समय राजपूतों की रियासत सीतामऊ के राजा थे। उन्होंने अपनी कोठी को ही पुस्तकालय का रूप दे दिया था। संस्थान की रघुबीर लाइब्रेरी, श्री केशवदास अभिलेखागार और श्री राजसिंह संग्रहालय ऐतिहासिक शोध और अध्ययन के विद्यार्थियों के लिए प्रदेश का सबसे बड़ा संदर्भ स्थान है। संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती की जयपुर में शूटिंग के दौरान पिछले दिनों राजपूतों से जुड़ी करणी सेना ने फिल्म में पद्मावती के चरित्र को अभद्र तौर पर पेश किए जाने के आरोप लगाते हुए भंसाली के साथ मारपीट की थी। उसके बाद से फिल्म की शूटिंग रोक दी गई है। देश भर में इसे लेकर विवाद पैदा हो गया था, इसी बीच इतिहासकार इरफान हबीब ने पद्मावती को एक काल्पनिक चरित्र बताकर विवादों को और हवा दे दी थी।




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