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झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (03 अप्रैल)

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कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया तो रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र के विकास के पर्यायवाची बन चुके है

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झाबुआ---जिला कांग्रेस अध्यक्ष शांतिलाल पडियार , पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुरेशचंद्र जैन , सांसद प्रतिनिधि डाॅ.विका्रंत भूरिया , जिला पंचायत अध्यक्ष सुश्री कलावती भूरिया एवं प्रवक्ता हर्ष भटट संयुक्त विज्ञप्ति जारी कर कहाकि झाबुआ जैसे आदिवासी जनसंख्या बहुल क्षेत्रों में भाजपा के नेता चुनाव के समय ही अपना चैहरा दिखाते है और भोले आदिवासियांे को विकास की गंगा बहाने जैसे सपने दिखा कर गुमराह करने की कोशिश करते है। लेकिन वे नही जानते है कि क्षेत्र का आदिवासी अब उनकी ओर भाजपा की लफाजी को अच्छी तरह समझने लगे है। श्रीपडियार ने कहा कि दिलीपसिंह भूरिया जिन कांतिलाल भूरिया से रतलाम संसदीय क्षेत्र को मुक्त कराकर विकास करने का डायलाग मार रहें है वे कांतिलाल भूरिया तो अब रतलाम संसदीय क्षेत्र के साथ-साथ प्रदेश एवं देश में भी विकास के पर्यायवाची बन चुके है। उन्होने केन्द्रीयमंत्री तथा रतलाम संसदीय क्षेत्र के सांसद रहते हुए अपने संसदीय क्षेत्र के विकास के लिए जो काम किये हैं। वे काम यहां भाजपा के नेताओं को रास नहीं आ रहा है। श्रीपडियार ने कहाकि झाबुआ में भाजपा के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाजपा के तथाकथित नेताओं ने रेल परियोजना को लेकर मतदाताओं को गुमराह करने की कोशिश की। वस्तु स्थिति यह हैकि रेल्वे का कार्य तो सुचारू रूप से चल रहा है तथा केन्द्र सरकार ने इस योजना के तहत राशि भी आवंटित कर दी है रेल्वे का कार्य छोटा उदयपुर से अलीराजपुर तक रेल्वे पटरी बिछाने का काम हो चुका है वहीं दाहोद से कतवारा तक रेल्वे लाईन बीछ चुकी , इसी तरह इन्दौर से सागोर कुटी तक रेल्वे लाईन आ चुकी है।किन्तु भाजपा की सरकार एवं नेतागण इस परियोजना में रोडा अटका कर इस योजना को पूरी नही होने दे रही है। जब तक राज्य सरकार के सहयोग से रेल लाईन के लिए भूमी का अधिगृहण कर रेल निर्माण विभाग को नहीं दी जाती तब तक वहां कार्य कैसे हो सकता है। भाजपा कें नेता अधिकारियांे पर भूमी अधिगृहण न करने का दबाव भी डाल रहें है। उन्हें यह मालूम हैकि यह योजना पूर्ण हो जावे तो यहां के लागों का सर्वांगीण विकास होगा किंतु भाजपा यह नहीं चाहती की इस क्ष़्ोत्र के गरीब आदिवासियों का विकास हो तथा हमेशा के लिए कांग्रेस यहां के विकास की पर्याय बन जाए। भाजपा तो उन व्यापारियों और बीचोलियों की पार्टी है जो प्रदेश के भोले-भाले आदिवासियों व गरीबों को दोनो  हाथों से लुट रहें है। रतलाम संसदीय क्षेत्र भी इससे अछुता नहीं है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया अपने संसदीय क्षेत्र के विकास कार्यक्रमों के माध्यम से आदिवासियो एवं सर्वहारा वर्ग के जीवन स्तर को ऊॅचा उठाने का ईमानदारी से प्रयास किये है। उनकी इस विकासशील कार्यप्रणाली से भाजपा पोषित शोषक तत्वों में घबराहट एवं मायुसी फैली हुई है। भाजपा के लोग नहीं चाहते कि विकास की बात करने और उन पर अमल करने वाले कांतिलाल भूरिया पुनः जीते। भाजपा के नेताओं में घोषणा कर भूल जाने का रोग हो गया है। भाजपा नेताओं की घोषणाएं जंगलों में कहा गुम हो गई किसी को पता नहीं। ऐसी दशा में कांग्रेस पर अंगुली उठाने के पूर्व उन्हें वही अंगुली अपनी ओर उठाने की कोशिश करना चाहिए जिससे भोले-भाले आदिवासी व गरीबों को गुमराह करने के पाप से वे बच सके।

श्री डोशी चुनाव संचालक नियुक्त

झाबूआ--16वे लोकसभा चुनाव 2014 के अंतर्गत रतलाम-झाबुआ 24 कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी कांतिलाल भूरियाजी ने मध्यप्रदेश अनुशासन समिति सदस्य एवं एडव्होकेट श्रीरमेश डोशी को अपना संसदीय क्षेत्र का चुनाव संचालक नियुक्त किया। श्रीरमेश डोशी सन 1972 से लगातार कांग्रेस के विधानसभा चुनाव , लोेकसभा चुनाव व नगरपालिका परिषद आदि चुनावों में चुनाव संचालक के रूप में नियुक्त होते रहें है।उनके इसी अनुभव का लाभ कांगे्रस पार्टी को हमेशा प्राप्त होता रहा है तथा उनके सफलतम चुनाव संचालन के कारण कांग्रेस ने हमेशा अपनी जीत अर्जीत की है। उनकी नियुक्ती पर रतलाम झाबूआ व अलिराजपूर जिले के कांग्रेस कार्यकर्ताओ ने हर्ष व्यक्त किया हे।

नरवरसिंह भूरिया सैकडो साथियों के साथ भाजपा छोड कांग्रेस में आये 
  • सांसद कांतिलाल भूरिया ने किया स्वागत 

झाबुआ--- भारतीय जनता पार्टी अनसूचित जनजाति मोर्चे के जिला उपाध्यक्ष एवं भारतीय जनता पार्टी के गा्रमीण मंडल के प्रभावशाली भाजपा नेता, एवं  निवृत्तमान अतिरिक्त न्यायाधीश  नरवरसिंह भूरिया ने भारतीय जनता पार्टी की आदिवासी विरोधी नीतियों एवं वर्गसंघर्ष उत्पन्न करने वाली नीतियों से नाराज होकर भारतीय जनता पार्टी का दामन छोड कर गुरूवार को क्षेत्रीय सांसद एवं पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कांतिलाल भूरिया के समक्ष अपने सैकडो साथियों के साथ कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली । नरवरसिंह भूरिया ने इस अवसर पर कहा कि कांग्रेस ही एक मात्र ऐसी पार्टी हे जो राहूलगांधी एवं श्रीमती सोनियां गांधी के जनकल्याणकारी कार्यक्रमों के माध्यम से पूरे देश के अनुसूचित जनजाति वर्ग के उत्थान के लिये योजनाओं के माध्यम से कार्य कर रही है । कांतिलाल भूरिया न सिर्फ संसदीय क्षेत्र के सर्वमान्य नेता हे वरन प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर पर उन्होने सर्वहारा वर्ग के लिये आवाज उठा कर उन्हे लाभान्वित करने का कार्य किया है । पिछले तीन दशक से उन्होने झाबुआ-रतलाम क्षेत्र को विकसित करने में कोई मौका नही चुका है । इस अवसर पर सांसद  कांतिलाल भूरिया ने  नरवरसिंह भूरिया का स्वागत करते हुए कहा कि उनके अनुभव का लाभ आदिवासी हितार्थ प्राप्त होगा और आदिवासी वर्ग सहित सभी वर्गो के उत्थान में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण साबित होगी । नरवरसिंह भूरिया द्वारा भाजपा त्याग कर कांग्रेस प्रवेश पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष शांतिलाल पडियार, एडवोकेट रमेश डोसी,जिला पंचायत अध्यक्षा कलावती भूरिया,युवक कांग्रेस लोकसभा क्षेत्र अध्यक्ष आशीष भूरिया,  निर्मला मेहता, जितेन्द्र प्रसाद अग्निहोत्री, वीरेन्द्र मोदी, पूर्व विधायक जेवियर मेडा, जिला सेवादल प्रमुख राजेश भटृट,राजेन्द्र अगर््िनहोत्री, विजय पाण्डे, जिला प्रवक्ता आचार्य नामदेव, हर्ष भटृ आदि ने उनका स्वागत करते हुए  उनहे बधाईया दी है ।उक्त जानकारी जिला प्रवक्ता आचार्य नामदेव ने दी ।

लोकसभा क्षैत्र 24 रतलाम से श्री बाबुसिंह ने नाम निर्देशन पत्र भरा

झाबुआ ----लोकसभा निर्वाचन 2014 के दौरान आज 3 अप्रैल को संसदीय क्षेत्र रतलाम 24 से बहुजन समाज पार्टी से अभ्यर्थी श्री बाबुसिंह पिता श्री भूरजी निवासी ग्राम उमरकोट जिला झाबुआ ने अपना नाम निर्देशन पत्र भरा। अभ्यर्थीयो से नाम निर्देशन पत्र रिटर्निंग अधिकारी संसदीय क्षैत्र रतलाम 24 श्रीमती जयश्री कियावत ने लिये। अभ्यर्थियों से नाम निर्देशन पत्र लेने का कार्य आगामी 5 अप्रैल 2014 तक प्रातः साढे 10 से सायं 3 बजे तक किया जाएगा। लोक सभा निर्वाचन 2014 के लिये निर्वाचन आयोग के अनुसार 7 अप्रैल को नामांकन पत्रों की संवीक्षा की जाएगी। 9 अप्रैल को सायं 3 बजे तक उम्मीदवार अपना नाम वापस ले सकता है। 24 अप्रैल को मतदान होगा और 16 मई को जिले की तीनो विधानसभाओं की मतगणना का कार्य शासकीय पोलिटेकनिक काॅलेज झाबुआ में होगा।

मतदाता जागरूकता के लिये प्रेरक करेगे प्रचार

झाबुआ ---जिले में मतदाता जागरूकता कार्यक्रम के अन्तर्गत मतदाता जागरूकता के लिये आज 3 अप्रैल को रानापुर में सहायक नोडल अधिकारी श्री सिसौदिया ने साक्षर भारत के प्रेरको की बैठक ली एवं उन्हें मतदाता जागरूकता के लिये प्रचार करने के लिये निर्देशित किया। उक्त जानकारी अध्यक्ष  स्वीप प्लान एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री धनराजू एस. प्रदान की।

अवैध शराब जप्त-03 आरोपी गिरफ्तार 

झाबूआ--वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0पी0सिंह ने बताया कि आरोपिया गलबबाई पति मंसु वसुनिया निवासी लालू डूंगरी के कब्जे से 20 लीटर ताडी कीमती 400/- रू0 की, आरोपिया अनिता पति जानू खराड़ी उम्र 25 वर्ष निवासी पिपल्या के कब्जे से 20 लीटर ताडी कीमती 400/- रू0 की, आरोपिया कालीबाई पति मांगिया उम्र 36 वर्ष निवासी बाडकुआ के कब्जे से 20 लीटर ताडी कीमती 400/- रू0 की जप्त की गई। प्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अपराध क्रमांक 220,221,222/14, धारा 34-ए आबकारी एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। इस प्रकार जिला झाबुआ में अवैध शराब का 3 प्रकरण बनाया जाकर 1200/-रू0 की अवैध शराब जप्त की गई एवं 03 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

बलात्कार का 01 अपराध पंजीबद्ध 

झाबूआ--फरियादिया ने बताया कि वह घर पर अकेली थी, उसके माता पिता ग्राम डून्डका मान के कार्यक्रम में गये थे, आरोपी विकास पिता लक्ष्मण निवासी फूलेडी व अनिल पिता हूरसिंह निवासी फूलेडी घर आये, जबरन मो0सा0 पर बिठाकर ग्राम फूलेडी विकास के खेत में बनी टापरी में ले गये, विकास ने उसके साथ रातभर खोटा काम-बलात्कार किया। प्र्रकरण में थाना मेघनगर में अपराध क्र0 64/14, धारा 363,366-क, 376-घ भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

पन्ना (मध्यप्रदेश) की खबर (03 अप्रैल)

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पूरी सावधानी से करें चुनाव खर्च की निगरानी-प्रेक्षक श्री राज

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पन्ना 03 अप्रैल 14/निर्वाचन आयोग द्वारा लोक सभा निर्वाचन के लिए उम्मीदवारों द्वारा किए जा रहे चुनाव खर्च की निगरानी के लिए व्यय पे्रक्षक के रूप में श्री कपिल राज को तैनात किया गया है। प्रेक्षक श्री राज ने जिला पंचायत सभागार में आयोजित बैठक में चुनाव खर्च की निगरानी के लिए की गई व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सभी व्यय निगरानी दल रिटर्निंग आफीसर के सहयोग से पूरी सावधानी से चुनाव खर्च की निगरानी करें। निर्वाचन आयोग द्वारा इस संबंध में दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए निर्धारित प्रपत्र में प्रतिदिन व्यय लेखा तैयार करें। प्रेक्षक ने कहा कि चुनाव खर्च में निगरानी के लिए वीडियो सर्विलेन्स दल, वीडियो निगरानी दल, मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति, सहायक व्यय प्रेक्षक तथा जिला लेखा निगरानी दल तैनात किए गए है। सभी दल आपस में समन्वय के साथ कार्य करते हुए चुनाव खर्च की निगरानी करें। चुनाव खर्च का आंकलन करने में किसी तरह की कठिनाई होने पर तत्काल इसकी सूचना दें। सभा, जुलूस में प्रयोग किए जा रहे वाहनों, लाउड स्पीकर, प्रचार सामग्री तथा अन्य सामग्रियों के लिए जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा दर निर्धारित की गई है। इसी के अनुरूप प्रचार में उपयोग की गई सामग्री की राशि निर्धारित करें। प्रेक्षक श्री राज ने सहायक व्यय प्रेक्षकों से उनके आवंटित विधान सभा क्षेत्रों में चुनाव खर्च की निगरानी के लिए किए गए प्रबंधों की जानकारी ली। बैठक में उप जिला निर्वाचन अधिकारी चन्द्रशेखर बालिम्बे ने बताया कि चुनाव खर्च की निगरानी के लिए तैनात सभी दलों द्वारा प्रतिदिन निर्धारित प्रपत्रों में जानकारी प्रस्तुत की जा रही है। उम्मीदवारों द्वारा की जा रही सभाओं की वीडियो रिकार्डिंग की जा रही है। मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति द्वारा जिला जनसम्पर्क कार्यालय में केबिल चैनल के कार्यक्रम लगातार रिकार्ड किए जा रहे हैं। निर्धारित रजिस्टरों में पेड न्यूज एवं विज्ञापन से संबंधित जानकारी संकलित कर प्रपत्र-12 में प्रतिदिन प्रस्तुत की जा रही हैं। बैठक में सहायक व्यय प्रेक्षक तथा लेखा निगरानी दल के सभी सदस्य उपस्थित रहे।

सोशल मीडिया में प्रचार का खर्च भी जुडेगा, चुनाव खर्च में शामिल होगा सोशल मीडिया का प्रचार

पन्ना 03 अप्रैल 14/लोक सभा चुनाव में उम्मीदवारों द्वारा सोशल मीडिया के सहयोग से चुनाव प्रचार के प्रयास किए जा रहे हैं। इस ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग ने सोशल मीडिया में किए जा रहे चुनाव प्रचार का खर्च उम्मीदवार तथा संबंधित दल के चुनाव खर्च में शामिल करने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में एडीएम तथा उप जिला निर्वाचन अधिकारी चन्द्रशेखर बालिम्बे ने बताया कि प्रत्येक उम्मीदवार को अपने सोशल मीडिया एकाउन्ट की जानकारी देना आवश्यक है। सोशल मीडिया में जारी किए गए संदेशों तथा इन्टरनेट पर जारी प्रचार सामग्री भी प्रत्याशी के चुनाव खर्च में जोडी जाएगी। इन माध्यमों में प्रचार सामग्री जारी करने से पूर्व इनका मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति एमसीएमसी से अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य है। बिना अनुमति के इस तरह के विज्ञापनों तथा प्रचार संदेशों का प्रसारण निर्वाचन आयोग के निर्देशों एवं चुनाव की आदर्श आचरण संहिता का उल्लंघन माना जाएगा। श्री बालिम्बे ने सभी राजनैतिक दलों तथा उम्मीदवारों से निर्वाचन आयोग के निर्देशों का पालन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि सोशल मीडिया में किया जाने वाला चुनाव प्रचार इलैक्ट्रानिक चैनलों के माध्यम से किए जा रहे प्रचार के अनुरूप माना जाएगा। उसमें इलैक्ट्रानिक चैनलों के लिए आयोग द्वारा जारी सभी निर्देश लागू होंगे। 

व्यय लेखा का परीक्षण आज

पन्ना 03 अप्रैल 14/खजुराहो लोक सभा क्षेत्र के सभी उम्मीदवारों के व्यय लेखा का निरीक्षण 4 अप्रैल को पालीटेक्निक काॅलेज में प्रातः 10 बजे से किया जाएगा। इसके बाद 10 अप्रैल तथा 15 अप्रैल को भी पालीटेक्निक काॅलेज में ही 10 बजे से लेखा का परीक्षण किया जाएगा। व्यय पे्रक्षक श्री कपिल राज चुनाव खर्च के पूरे विवरण का परीक्षण करेंगे। उप जिला निर्वाचन अधिकारी चन्द्रशेखर बालिम्बे ने सभी उम्मीदवारों से निर्धारित समय में निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदान व्यय पंजी में चुनाव खर्च का अब तक का विवरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सहायक व्यय पे्रक्षक तथा जिला लेखा निगरानी दल के सदस्यों को भी इस अवसर पर उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं। 

माईक्रो आब्र्जवर पूरी जिम्मेदारी से करंे कार्य-प्रेक्षक 

panna news
पन्ना 03 अप्रैल 14/खजुराहो लोक सभा क्षेत्र में पन्ना जिले की शामिल तीनों विधान सभा क्षेत्रों के लिए चिन्हित 160 संवेदनशील मतदान केन्द्रों में माईक्रो आब्र्जवर तैनात किए गए हैं। इन्हें चुनाव की निगरानी का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण छत्रसाल महाविद्यालय में आयोजित किया गया। माईक्रो आब्र्जवर को निर्देश देते हुए प्रेक्षक श्री गिरीराज सिंह ने कहा कि माईक्रो आब्र्जवर पूरी जिम्मेदारी से अपना कार्य करें। उन्हें निर्वाचन आयोग द्वारा मतदान प्रक्रिया में निगरानी के लिए तैनात किया गया हैै। मतदान दल के सदस्य आयोग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार मतदान सम्पन्न करा रहे हैं अथवा नही इसकी रिपोर्ट आब्र्जवर को करनी है। निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित बिन्दुओं पर निगरानी करके रिपोर्ट केवल चुनाव प्रेक्षक को ही सौंपे। आपको मतदान प्रक्रिया में किसी तरह का हस्ताक्षेप नही करना है केवल पूरी प्रक्रिया की सावधानी से निगरानी करते हुए उसके अनुसार अपनी रिपोर्ट तैयार करना है। रिपोर्ट की जानकारी तथा पीठासीन अधिकारी की डायरी की जानकारी सामान्य होनी चाहिए। इसमें किसी तरह का अन्तर होने पर निर्वाचन आयोग को रिपोर्ट की जाएगी। माईक्रो आब्र्जवर की रिपोर्ट के आधार पर ही मतदान प्रक्रिया तथा पुनः मतदान के संबंध में निर्णय होगा। उन्होंने कहा कि माईक्रो प्रेक्षक माकपोल, मतदान प्रक्रिया तथा मशीनों की सीलिंग की पूरी निगरानी करें। प्रशिक्षण में उप जिला निर्वाचन अधिकारी चन्द्रशेखर बालिम्बे ने कहा कि माईक्रो प्रेक्षक निर्वाचन आयोग के प्रतिनिधि के रूप में मतदान केन्द्र में तैनात किए जा रहे हैं। पूरी मतदान प्रक्रिया को निष्पक्ष रखना उनकी जिम्मेदारी है। मतदान दल से सहयोग करते हुए मतदान प्रक्रिया की पूरी निगरानी करें। निर्धारित प्रपत्रों में अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। माईक्रो आब्र्जवर को प्रोफेसर एच.एस. शर्मा, डाॅ. टी.आर. नायक, प्रो0 एम.आर. दत्ता, डाॅ0 एस.पी. सिंह, ने प्रशिक्षण दिया। प्रशिक्षण के समय कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी आर.के. मिश्रा, एसडीएम पन्ना अशोक ओहरी तथा सभी माईक्रो प्रेक्षक उपस्थित रहे। उन्हें वोटिंग मशीन के संचालन का व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया गया। 

वोटिंग मशीनों का द्वितीय रेण्डमाईजेशन आज

पन्ना 03 अप्रैल 14/जिले के सभी विधान सभा क्षेत्रों में लोक सभा चुनाव के लिए 17 अप्रैल को मतदान इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों से कराया जाएगा। मशीनों का द्वितीय रेण्डमाईजेशन 4 अप्रैल को कलेक्ट्रेट के एनआईसी केन्द्र में शाम 4 बजे किया जाएगा। उप जिला निर्वाचन अधिकारी चन्द्रशेखर बालिम्बे ने सभी मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों तथा सभी उम्मीदवारांे से इस अवसर पर उपस्थित रहने का अनुरोध किया है।              

वोटिंग मशीनों की सीलिंग 9 अप्रैल से 

पन्ना 03 अप्रैल 14/खजुराहो लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए पन्ना जिले की तीनों विधान सभा क्षेत्र गुनौर, पवई एवं पन्ना के मतदान के लिए तैयार की गई इलैक्ट्रानिक वोटिंग मशीनंे दूसरे चरण के रेण्डमाईजेशन के बाद सील की जाएगी। इस संबंध में उप जिला निर्वाचन अधिकारी तथा एडीएम चन्द्रशेखर बालिम्बे ने बताया कि पालीटेक्निक महाविद्यालय पन्ना में 9 अप्रैल को विधान सभा क्षेत्र गुनौर, 10 अप्रैल को विधान सभा क्षेत्र पन्ना तथा 11 अप्रैल को विधान सभा क्षेत्र पवई की मशीनों की सीलिंग की जाएगी। सीलिंग प्रातः 9 बजे से प्रारंभ होगी। सीलिंग कार्य की पूरी जिम्मेदारी ए.के. जैन कार्यपालन यंत्री जल संसाधन को सौंपी गई है। उनकी सहायता के लिए विपिन वर्मा को तैनात किया गया है। मशीनों की सीलिंग का कार्य संबंधित विधान सभा क्षेत्र के रिटर्निंग आफीसर तथा सहायक रिटर्निंग आफीसर की देखरेख में होगा। सीलिंग कार्य के लिए तीनों विधान सभा क्षेत्र में अलग-अलग दल तैनात कर दिए गए हैं। प्रत्येक दल में 14-14 अधिकारी तथा कर्मचारी शामिल किए गए हैं। साथ ही दो रिजर्व दल भी बनाए गए हैं। इस सभी को सीलिंग कार्य का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।                 

फर्शी पत्थर की खदान की लीज निरस्त

पन्ना 03 अप्रैल 14/पन्ना जिले के ग्राम पनारी के खसरा नम्बर 127 रकवा 4.00 हे. क्षेत्र में फर्शी पत्थर का उत्खनि पट्टा अवधि 2 जुलाई 2006 से एक जुलाई 2016 तक के लिए धर्मेन्द्र प्रताप सिंह पिता भानू सिंह निवासी आरामगंज हाउस बेनीसागर मोहल्ला पन्ना के नाम स्वीकृत किया गया था। पट्टेदार के द्वारा वर्ष 2008 से 2013 तक का मृतकर की राशि 5 लाख 95 हजार रूपये जमा नही किए गए एवं मासिक अर्द्धवार्षि, वार्षिक पत्रक प्रस्तुत नही किए तथा खदान में उत्खनन कार्य नही किया जा रहा है जिसके संबंध में नोटिस भी जारी किया गया किन्तु अनुबंध की शर्तो का पालन नही किया गया एवं मृतकर की राशि जमा नही की गई और न ही खदान में उत्खनन कार्य किया जा रहा है। जिला खनिज अधिकारी के.पी. दिनकर ने पट्टेदार धर्मेन्द्र प्रताप सिंह पिता भानू प्रताप सिंह निवासी आरामगंज हाउस बेनीसागर मोहल्ला पन्ना के नाम ग्राम पनारी जिला पन्ना के खसरा नम्बर 127 रकवा 4.00 हे. पर स्वीकृत फर्शी पत्थर खदान को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है। नीलामी राशि की भू-राजस्व की तरह वसूली के आदेश दिए गए हैं। 

मकान भत्ता वसूल करने के निर्देश

पन्ना 03 अप्रैल 14/शासकीय उ.मा.वि. सिमरिया का 9 जनवरी को आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में सहायक ग्रेड-3 राम अवतार वर्मा संस्था के एक कमरे में अस्थाई रूप से निवास कर रहे हैं। प्राचार्य शा.उ.मा.वि. सिमरिया के अनुसार श्री वर्मा संस्था के एक कमरे में अस्थाई रूप से एक जुलाई 2013 से 10 जनवरी 2014 तक निवास करते रहे हैं। इस अवधि में इनके द्वारा मकान भत्ता भी प्राप्त किया गया है।मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती भावना बालिम्बे ने श्री वर्मा द्वारा संस्था के एक कमरे में अस्थाई रूप से निवास करने की अवधि 1 जुलाई 13 से 10 जनवरी 14 तक का मकान भत्ता वसूल करने के निर्देश प्राचार्य शा.उ.मा.वि. सिमरिया को दिए हैं। 

छतरपुर (मध्यप्रदेश) की खबर (03 अप्रैल)

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भाजपा और मोदी देष की जरूरतः गुड्डू सिंह
  • देवपुर तिगेला पर खुला भाजपा का चुनावी कार्यालय

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छतरपुर। चुनाव प्रचार को गति देने के उद्देष्य से भाजपा प्रत्याषी डाॅ. वीरेन्द्र खटीक के चुनावी कार्यालय का गुरूवार को समारोह पूर्वक शुभारंभ हुआ। छतरपुर विधानसभा क्षेत्र के प्रभारी पुष्पेन्द्र प्रताप सिंह गुड्डू ने फीता काटकर चुनाव कार्यालय का उद्घाटन किया व कार्यालय के महत्व पर प्रकाष डाला। इस मौके पर उपस्थित कार्यकर्ताओं एवं जनसमुदाय को संबोधित करते हुए जिला महामंत्री एवं विधानसभा प्रभारी पुष्पेन्द्र प्रताप सिंह गुड्डू ने कहा कि यह इस क्षेत्र का सौभाग्य है कि भाजपा ने यहां से डाॅ. वीरेन्द्र खटीक जैसे ईमानदार व कर्मठ उम्मीदवार को प्रत्याषी बनाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नीतियों से परेषान हो कर जहां पूरा देष बदलाव चाहता है वहीं अब भाजपा और मोदी देष की जरूरत बन गए हैं। उन्होंने कहा कि डाॅ. वीरेन्द्र खटीक ने पिछले 5 सालों में जो काम किए हैं वे किसी से छिपे नहीं है। उन्होंने कार्यकर्ताओें की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि अब सभी लोग काम में जुट जांए, इस कार्यालय के माध्यम से इस क्षेत्र के चुनाव प्रचार की योजनाएं तैयार की जाएंगीं ताकि कार्यकर्ताओं को बार-बार जिला मुख्यालय तक न जाना पड़े। इस मौके पर वरिष्ठ भाजपा नेता सरदार प्यारा सिंह, कैलाष रावत, जयराम चतुर्वेदी, कन्हैया लाल गुप्ता, नगरपालिका अध्यक्ष अर्चना सिंह, मण्डी अध्यक्ष बृजेष राय, मण्डल अध्यक्ष मोहन तिवारी, लक्ष्मन यादव, नाथूराम बिलैया, संतोष पारासर, लाले षिवहरे सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और ग्रामीण उपस्थित थे। 

अर्चना का वार्ड संपर्क अभियान जारी

छतरपुर। भाजपा प्रत्याषी डाॅ. वीरेन्द्र खटीक के समर्थन में नगरपालिका अध्यक्ष अर्चना गुड्डू सिंह का वार्ड संपर्क लगातार जारी है। वे वार्डों में घूम-घूम कर जहां वीरेन्द्र खटीक के लिए वोट मांग रही हैं तो वहीं संगठन में गति लाने और कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का संचार करने के लिए बैठकें भी आयोजित कर रही हैं साथ ही महिलाओं को मेंहदी लगाकर मोदी का संदेष जन-जन तक पहंुंचा रही हैं। गुरूवार को नगरपालिका अध्यक्ष अर्चना गुड्डू सिंह ने पुष्पा चैरसिया, जानकी कुषवाहा, सुराज बुन्देला, मंजू शुक्ला, रामकली बरार, सीता सिंह, स्नेहलता भुर्जी, शकुंतला राजपूत, कस्तूरी एवं बलजीत कौर के साथ वार्ड क्रमांक 2 और 3 का भ्रमण किया तथा घर-घर जाकर वोट मांगे। उन्होंने अपने भ्रमण के दौरान वार्ड क्रमांक 4 में महिलाओें की एक बैठक ली और चुनाव प्रचार में पूरी तन्मयता के साथ जुट जाने की अपील की। उन्होंने कहा कि पूरे देष में नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए लहर चल रही है। मध्यप्रदेष में मुख्यमंत्री षिवराज सिंह द्वारा किए गए जनहितैसी काम और मोदी की लहर का फायदा यहां भी मिलेगा। उन्होंने सभी महिलाओं से चूल्हा चैका छोड़कर प्रचार प्रसार में जुट जाने की अपील की।

टीकमगढ़ (मध्यप्रदेश) की खबर (03 अप्रैल)

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लोकसभा निर्वाचन- 2014...........मतदान हेतु 14 दिन शेष
  • ई.वी.एम. सीलिंग का कार्य सतर्कता से करेंः कलेक्टर
  • ई.वी.एम. सीलिंग का कार्य प्रारंभ

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टीकमगढ़, 3 अप्रैल 2014। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ0 सुदाम खाडे ने निर्देशित किया कि द्वितीय रेंडेमाईजेशन अनुसार मतदान केंद्रवार ई.वी.एम. की सीलिंग का कार्य बहुत सतर्कता से किया जाये। उन्होंने कहा इस कार्य में लापरवाही करने वाले को बख्शा नहीं जायेगा। उल्लेखनीय है कि एक अप्रैल को प्रेक्षक एवं राजनैतिक दलों की उपस्थिति में ई.वी.एम. का मतदान केंद्रवार रेंडेमाईजेशन किया गया था। इस दौरान राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि, निर्वाचन प्रेक्षक श्री अहमद हुसैन, अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री शिवपाल सिंह, सीलिंग कार्य से संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। ज्ञातव्य है कि लोकसभा निर्वाचन 2014 हेतु आज से ई.वी.एम. सीलिंग का कार्य प्रारंभ हो गया है। प्रतिदिन जिले की एक-एक विधानसभा क्षेत्र से संबंधित ई.वी.एम. की सीलिंग कर उन्हें स्ट्राँग रूम में रखा जायेगा । इसी तारतम्य में आज जतारा विधानसभा क्षेत्र के लिये 206 ई.वी.एम., 4 अप्रैल को निवाड़ी विधानसभा क्षेत्र के लिये 201 ई.वी.एम., 5 अप्रैल को पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्र के लिये 211 ई.वी.एम., 6 अप्रैल को टीकमगढ़ विधानसभा क्षेत्र के लिये 218 ई.वी.एम. तथा 7 अप्रैल को खरगापुर विधानसभा क्षेत्र के लिये 240 ई.वी.एम. की सीलिंग का कार्य किया जायेगा। 

निर्वाचन कार्य में लापरवाही करने पर कारण बताओ नोटिस जारी 

टीकमगढ़, 3 अप्रैल 2014। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ0 सुदाम खाडे ने निर्वाचन कार्य में लापरवाही करने वाले दो कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। तदनुसार मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद बल्देवगढ़ श्री रवि मुबेल तथा सहायक वर्ग-दो, जनपद बल्देवगढ़ श्री जयराम मिश्रा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। ज्ञातव्य है कि कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ0 सुदाम खाडे तथा निर्वाचन प्रेक्षक श्री अहमद हुसैन द्वारा एक अप्रैल 2014 को बल्देवगढ़ कार्यालय का निरीक्षण करने पर संबंधित कर्मचारी अनुपस्थित पाये गये थे। यदि संबधितों द्वारा निर्धारित समय सीमा में समाधानकारक उत्तर प्रस्तुत नहीं किया गया तो उनके विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।

आज का तापमान
टीकमगढ़, 3 अप्रैल 2014। अधीक्षक भू-अभिलेख से प्राप्त जानकारी के अनुसार आज जिले का अधिकतम तापमान 34.0 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 22.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। गत वर्ष आज के ही दिन अधिकतम तापमान 35.5 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 21.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। 

निःशक्त मतदाताओं के लिये मतदान केन्द्र सुविधाजनक हों
  • निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन हो, कलेक्टर ने दिये निर्देश 

टीकमगढ़, 3 अप्रैल 2014। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ0 सुदाम खाडे ने बताया कि लोकसभा निर्वाचन-2014 के लिये भारत निर्वाचन आयोग ने निःशक्त मतदाताओं को मतदान के दौरान उपलब्ध कराई जाने वाली सहायता के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके अनुसार मतदान केन्द्रों में जहाँ स्थाई रेम्प की सुविधा उपलब्ध नहीं है, वहाँ अस्थाई रेम्प उपलब्ध करवाए जायें जिससे ऐसे मतदाता जो व्हील चेयर पर चलते हैं उनको मतदान देने में सुविधा उपलब्ध होगी। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि मतदान केन्द्रों पर कर्मिकों को निःशक्त निर्वाचकों को मतदान केन्द्रों में अन्य निर्वाचकों के साथ पंक्ति में प्रतीक्षा करवाने की बजाए प्रवेश के लिये प्राथमिकता दी जाए। डाॅ0 खाडे ने निर्देशित किया कि मतदान कर्मिकों को किसी नेत्रहीन/अशःक्त निर्वाचक को यदि वह चाहे तो उसके द्वारा वोट डालने में सहायता करने के लिये एक सहयोगी की अनुमति प्रदान की जाए। मतदान कर्मिकों के लिये प्रशिक्षण कक्षाओं में उन्हें भिन्नतः सक्षम मतदाताओं की विशेष आवश्यकता, उनके प्रति विनम्र व्यवहार और उनको मतदान केन्द्र पर आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने के लिये संवेदनशील बनना चाहिए। अन्य भिन्न सक्षम मतदाताओं की तरह बोलने व सुनने की दुर्बलता वाले मतदाताओं की भी विशेष देखभाल की जाने की जरूरत है। डाॅ0 खाडे ने बताया है कि मतदान केंद्रों में निःशक्त मतदाताओं को मतदान के दिन आयोग के निर्देशानुसार उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं के लिये श्री अनय द्विवेदी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत टीकमगढ़ को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। श्री द्विवेदी का मोबाइल नं. 8989877700 हैं।

निर्वाचन व्यय लेखा प्रस्तुत नहीं करने पर अभ्यर्थियों को नोटिस 

टीकमगढ़, 3 अप्रैल 2014। अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री शिवपाल सिंह ने बताया है कि लोकसभा निर्वाचन 2014 के दौरान 06 टीकमगढ़ (अजा) संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के तहत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किये गये दिशा निर्देशानुसार अभ्यर्थियों द्वारा प्रचार-प्रसार में किये जाने वाले निर्वाचन व्यय लेखा के निरीक्षण हेतु निर्धारित किये गये दिनांक 2  अप्रैल 2014 तक सात अभ्यर्थियों द्वारा व्यय लेखा जमा नहीं किया गया है। जिन्हें नोटिस जारी किये गये है तथा संबंधितो से अपेक्षा की गई है कि वे निर्धारित दिनांक 6 अप्रैल 2014 को निर्वाचन व्यय लेखा निरीक्षण हेतु प्रस्तुत करें। उन्होंने बताया कि इसी क्रम में भारतीय राष्ट्रीय कांगे्रस के उम्मीदवार डाॅ0 कमलेश वर्मा द्वारा एक लाख 23 हजार 5 सौ 25 रूपये, भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार डा0 वीरेन्द्र कुमार द्वारा 4 लाख 29 हजार 2 सौ 40 रूपये, निर्दलीय उम्मीदवार गिरधारी लाल कोरी द्वारा एक हजार रूपये, निर्दलीय उम्मीदवार भगवानदास वंशकार द्वारा पांच सौ रूपये, निर्दलीय उम्मीदवार चतुर्भुज स्नेही तथा बहुजन समाज पार्टी उम्मीदवार श्री सेवकराम द्वारा शून्य निर्वाचन व्यय विवतरण प्रस्तुत किया गया है।  

तीन शातिर अपराधी जिला बदर घोषित

टीकमगढ़, 3 अप्रैल 2014। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी डाॅ. सुदाम खाडे ने एस0पी0 श्री अमित सिंह की अनुशंसा पर जिले के तीन शातिर अपराधियांे को एक वर्ष के लिये जिला बदर घोषित किया है। तदनुसार खडि़या उर्फ सूरज तनय रामसिंह लोधी निवासी कछौरी थाना पलेरा, सुंदर तनय लोचन यादव निवासी हतेरी थाना मोहनगढ़ तथा राकेश तनय प्रभुदयाल यादव निवासी केशवगढ़ थाना मोहनगढ़ को एक-एक वर्ष के लिये जिला बदर घोषित किया गया है। इन अपराधियों को आदेश जारी होने के दिनांक से एक वर्ष के लिये टीकमगढ़ एवं समीपवर्ती जिलों की राजस्व सीमाओं से बाहर जाने तथा इस दौरान बिना सक्षम अनुमति के इन सीमाओं में वापस न आने के लिये निर्देशित किया गया है।

भारतीय समुदाय के सदस्यों ने अरुण गोयल को फेयरवेल दिया

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farewell news
सिडनी के भारतीय समुदाय के सदस्यों ने शुक्रवार को , 28 मार्च , 2014 सिडनी , अरुण गोयल , और उसकी पत्नी अलका गोयल में भारतीय महावाणिज्य farewelled . लगभग 150 लोगों को घटना के केंद्र में आयोजित समारोह , ग्रांड मैरियन , हैरिस पार्क , न्यू साउथ वेल्स में भाग लिया . सभा माननीय डेविड क्लार्क विधान परिषद के सदस्य ( संसदीय सचिव , एनएसडब्ल्यू सरकार ) , ज्योफ ली ( Parramatta के लिए राज्य मध्य प्रदेश) , माननीय जॉन रॉबर्टसन ( राज्य विपक्ष के नेता ) और लॉर्ड मेयर Clr जॉन Chedid ( Parramatta के मेयर ) शामिल थे.

आयोजन समिति Balvinder रूबी , हैरी वालिया , सुखविंदर राजपूत , डॉ. भारती रेड्डी , श्री अरुमुगम , वेंकट प्रसाद Ragipani , पद्मनाभन Karamil और डॉ. यदु सिंह शामिल थे. डॉ. यदु सिंह और हेमू नेगी का उत्पादन और महावाणिज्य पर एक लघु वीडियो प्रस्तुत किया. डॉ. सिंह ने समारोह का मालिक था , और उनके हस्ताक्षर सहजता , स्वभाव और भड़कीलापन , इस प्रकार मनोरंजक और हर किसी को प्यारी के साथ घटना का आयोजन किया. इलेक्ट्रिक कोरमा बैंड , एक पश्चिमी बैंड बॉलीवुड गीतों के साथ दर्शकों का मनोरंजन .

महावाणिज्य सिडनी में अपने कार्यकाल के दौरान की उपलब्धियों के बारे में बात की थी . अपने भाषण में डॉ. सिंह संघों और वह अपने स्वयं के संकीर्ण समाप्त होता है के लिए काम लगा समुदाय के नेताओं की आलोचना की. एक स्मृति चिन्ह महावाणिज्य को समुदाय की ओर से पेश किया गया.

बिहार : दो दिनों तक गुरपा के जंगल में आदिवासियों का पर्व सरहुल धूमधाम से मनाया

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labour in bihar
फतेहपुर। मजदूरी मशक्कत करने के बाद फुर्सत की संध्या में। गुरपा के घनघोर जंगल में रहने वाले वनवासी घर से आर्कषक परिधान धारण करके निकले। मांदर, नगाड़ा,झाल आदि की धुन में वनवासी खूब झूमे और नाचे-गाए। यह सिलसिला देर रात तक जारी रही। 

पूजा के बाद महिलाओं ने फूल से अपने जूड़े को सजाया तथा नया फल कटहल,महुआ,सहजन आदि का आहार लिया। सिरका मुंडा का कहना है कि यह सरहुल प्रकृति का पर्व है। नये साल के सूचक भी है। प्रकृति को ही भगवान मानने वाले सरना धर्मावलम्बियों के लिए खास दिन है। वैसे तो इसे तमाम आदिवासी धूमधाम से मनाते हैं। इस अवसर पर वनवासी खूब झूमे और मस्ती किए। एकदूजे के साथ थिरकना आनंद प्रदान करता है। विभिन्न तरह के नृत्य किया जाता है। सयाने लोग नृत्य करते हैं तो छोटे बच्चे बैठकर निहारते हैं और खुशी का इजहार करते हैं। उनके द्वारा नृत्य के दौरान लिए गए स्टेप पर नजर रखते हैं ताकि भविष्य में नृत्य करने के लिए तैयार हो सके। 

इन आदिवासियों को गम है कि हमलोग समाज के किनारे रहते हैं। खुद ही आयोजन करते और खुद ही मजा लेते हैं। अगर इसे बड़े पैमाने पर आयोजन किया जाए तो प्रकृति के महत्व और एकदूजे के बीच एकता का महत्व समझा और बुझा जा सकता है। अभी-अभी फतेहपुर प्रखंड में आदिवासी मूल के जी.ओ. शैलेष कच्छप साहब आए हैं। उनसे मिलन नहीं हो सका है। उम्मीद है कि गुरपा जंगल में रहने वाले आदिवासियों के उत्थान करने में पीछे नहीं रहेंगे। उनसे निवेदन करेंगे कि वनाधिकार 2006 के तहत वनभूमि का पर्चा निर्गत करें।

मालूम हो कि गया जिले के नक्सली प्रभावित फतेहपुर प्रखंड में कठौतिया केवाल पंचायत है। जो बिहार और झारखंड राज्य के सीमा पर अवस्थित है। इस पंचायत के अलखोडहा आदिवासी टोला नामक गिद्धनी गांव है।यहीं पर अनुसूचित जनजाति के लोग ठौर जमा लिए हैं। अलखोडहा आदिवासी टोला में ही 9 आदिवासी टोला है। विभिन्न तरह की समस्याओं से दो-दो हाथ होने के बाद सरकार और गैर सरकारी संस्था के सहयोग से आदिवासी टोलों का कायाकल्प होने लगा है। 





आलोक कुमार
बिहार 

आलेख : ‘वैवाहिक बलात्कार’ का कानून कितना प्रासंगिक?

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स्त्रियों का कहना है कि पत्नियों के साथ पुरुषों द्वारा किया जाने वाला बलात्कार, किसी गैर मर्द द्वारा किये जाने वाले बलात्कार से भी कई गुना भयंकर दर्दनाक और असहनीय होता है, क्योंकि किसी गैर-मर्द द्वारा किया जाने वाला बलात्कार तो एक बार किया जाता है और उसके विरुद्ध कानून की शरण भी ली जा सकती है, लेकिन पतियों द्वारा तो हर दिन पत्नियों के साथ बलात्कार किया जाता है, जिसके खिलाफ किसी प्रकार का कोई वैधानिक उपचार भी उपलब्ध नहीं है। यही नहीं ऐसे बलात्कारी पति, अपनी पत्नियों को शारीरिक रूप से भी उत्पीड़ित भी करते रहते हैं। ऐसे में पत्नियां जीवनभर अपने पतियों की गुलामों की भांति जीवन जीने को विवश हो जाती हैं।


marriage-rape-and-law
देश की राजधानी में हुई सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद बलात्कार कानून में बदलाव के लिये सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जे. एस. वर्मा के नेतृत्व में एक कमेटी बनायी गयी, जिसने सिफारिश की, कि वैवाहिक बलात्कार को भारतीय दण्ड संहिता में यौन-अपराध (जिसे बलात्कार की श्रेणी में माना जाये) के रूप में शामिल किया जाए और ऐसे अपराधी पतियों को कड़ी सजा देने का प्रावधान भी किया जाये।

हम सभी जानते हैं कि आयोग और समितियां सरकार को निर्णय लेने में सहायक हो सकने के अलावा और कुछ नहीं कर सकती। इस समिति की सिफारिशों पर भी सरकार और संसद ने विचार किया और उपरोक्त सिफारिश के अलावा करीब-करीब शेष सभी सिफारिशों को स्वीकार करके जल्दबाजी में बलात्कार के खिलाफ एक कड़ा कानून बना दिया। जिसके दुष्परिणाम अर्थात् साइड इफेक्ट भी सामने आने लगे हैं। यद्यपि साइड इफेक्ट के चलते इस कानून को पूरी तरह से नकारा भी नहीं जा सकता, क्योंकि इस देश में और शेष दुनिया में भी कमोबेश हर कानून और हर प्रावधान या परिस्थिति का मनमाफिक उपयोग या दुरुपयोग करने की आदिकाल से परम्परा रही है। जिसके हाथ में ताकत या अवसर है, उसने हमेशा से उसका अपने हितानुसार उपभोग, उपयोग और दुरुपयोग किया है। अब यदि स्त्रियॉं ऐसा कर रही हैं तो कौनसा पहाड़ टूट पड़ा है। 

बात यहीं तक होती तो भी कोई बात नहीं थी, लेकिन इन दिनों स्त्रियों में एक ऐसी विचारधारा बलवती होती जा रही है, जो विवाह को अप्रिय बन्धन, परिवार को कैदखाना और एक ही पुरुष क साथ जिन्दगी बिताने को स्त्री की आजादी पर जबरिया पाबन्दी करार देने के लिये तरह-तरह के तर्क गढ रही हैं। ऐसी विचारधारा की वाहक स्त्रियों की ओर से अब पूर्व न्यायाधीश जे. एस. वर्मा की संसद द्वारा अस्वीकार कर दी गयी उस अनुशंसा को लागू करवाने के लिये हर अवसर पर चर्चा और बहस की जा रही हैं। जिसमें उनकी ओर से मांग की जाती है कि पति द्वारा अपनी बालिग पत्नी की इच्छा या सहमति के बिना किये गये या किये जाने वाले सेक्स को न मात्र बलात्कार का अपराध घोषित किया जाये, बल्कि ऐसे बलात्कारी पति को कठोरतम सजा का प्रावधान भी भारतीय दण्ड संहिता में किया जाये।

ऐसी मांग करने वाली स्त्रियों की मांग है कि पुरुष द्वारा सुनियोजित रूप से स्त्रियों की आजादी को छीनने और स्त्री को उम्रभर के लिये गुलाम बनाये रखने के लिये विवाह रूपी सामाजिक संस्था के बन्धन में बंधी स्त्री के साथ हर रोज, बल्कि जीवनभर पति द्वारा बलात्कार किया जाता है, जो पत्नियों के लिये इतना भयंकर, दर्दनाक और वीभत्स हादसा बन जाता है, जिसके चलते पत्नियां जीवनभर घुट-घुट कर नर्कमय जीवन जीने को विवश हो जाती हैं। उनका मानना है कि अनेक पत्नियां आत्महत्या तक कर लेती हैं। ऐसी विचारधारा की पोषक स्त्रियों का कहना है कि पत्नियों के साथ पुरुषों द्वारा किया जाने वाला बलात्कार, किसी गैर मर्द द्वारा किये जाने वाले बलात्कार से भी कई गुना भयंकर दर्दनाक और असहनीय होता है, क्योंकि किसी गैर-मर्द द्वारा किया जाने वाला बलात्कार तो एक बार किया जाता है और उसके विरुद्ध कानून की शरण भी ली जा सकती है, लेकिन पतियों द्वारा तो हर दिन पत्नियों के साथ बलात्कार किया जाता है, जिसके खिलाफ किसी प्रकार का कोई वैधानिक उपचार भी उपलब्ध नहीं है। यही नहीं ऐसे बलात्कारी पति, अपनी पत्नियों को शारीरिक रूप से भी उत्पीड़ित भी करते रहते हैं। ऐसे में पत्नियां जीवनभर अपने पतियों की गुलामों की भांति जीवन जीने को विवश हो जाती हैं।

अत: स्त्रियों के अधिकारों तथा स्त्री सशक्तिकरण की बात करने वाली स्त्रियों का तर्क है कि ऐसे बलात्कारी पतियों पर केवल इस कारण से रहम करना कि यदि पतियों को बलात्कार का दोषी ठहराया जाने वाला कानून बना दिया गया तो इससे परिवार नामक सामाजिक संस्था के अस्तित्व को ही खतरा उत्पन्न हो जायेगा और हमारे परम्परागत सामाजिक मूल्य नष्ट हो जायेंगे, कहां का न्याय है? क्या परिवार और सामाजिक मूल्यों के बचाने के नाम पर ऐसी बलात्कारित पत्नियों के साथ यह घोर अन्याय नहीं किया जा रहा है? और ऐसे पारिवारिक या सामाजिक मूल्यों को जिन्दा रखने से क्या लाभ जो स्त्री को किसी की पत्नी बनने के बाद इंसान के रूप में ही मान्यता नहीं देते हैं?

ऐसी स्त्रियों का कहना है कि एक पत्नी भी इंसान होती है और वह अपने पति के साथ भी कब सेक्स करना चाहती है या सेक्स नहीं करना चाहती, यह निर्णय करना उसका खुद का ही अधिकार है। क्योंकि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 उसे अपनी देह को अपनी इच्छानुसार जीने की इजाजत देता है। जबकि वर्तमान पारिवारिक संस्था में स्त्री की देह पर पुरुष का स्थायी और अबाध अधिकार है। जिसके चलते एक पत्नी की सहमति, इच्छा और अनुमति के बिना उसके पति द्वारा उसके साथ जीवनभर सेक्स किया जाता है। जबकि ऐसा किया जाना न मात्र संविधान के उक्त प्रावधान का उल्लंघन है, बल्कि ऐसा किया जाना अमानवीय और हिंसक भी है।

ऐसे विचारों पर तर्क-वितर्क चलते रहते हैं। किसी को भी ऐसी स्त्रियों के विचारों से सहमत या असहमत होने का पूर्ण अधिकार है। केवल इस बारे में हॉं या ना कह देने मात्र से समस्या का समाधान या निराकरण नहीं होने वाला। हमें बिना पूर्वाग्रह के इस बारे में विचार करना होगा और जानना होगा कि पति-पत्नी जो एक दूसरे पर जान छिड़कते रहे हैं। एक दूसरे को रक्त सम्बन्धियों से भी अधिक महत्व और सम्मान देते रहे हैं, उस रिश्ते के बारे में कुछ स्त्रियों की ओर से इस प्रकार के तर्क पेश करने की वजह क्या है? जो तर्क पेश किये जा रहे हैं, वे कितने व्यावहारिक हैं और कितने फीसदी मामलों में इस प्रकार के हालात हैं, जहां एक स्त्री अपनी पति के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाने को बलात्कार से भी घृणित मानने को विवश है? मेरा मानना है कि इसके पीछे के कारणों पर बिना पूर्वाग्रह के विचार करने और उनका विश्‍लेषण करने की जरूरत है। जिससे हमें सही और दूरगामी प्रभाव वाले निर्णय लेने में सुगमता रहे।

उपरोक्त के साथ-साथ स्त्रियों के तर्क-वितर्कों को निरस्त करने से पूर्व हम पुरुषों को इस मुद्दे पर न मात्र बिना पूर्वाग्रह के गम्भीरता से विचार करना चाहिये, बल्कि इस बारे में एक स्वस्थ चर्चा को भी प्रेरित करना होगा। क्योंकि यदि आज कुछेक या बहुत कम संख्या में स्त्रियां इस प्रकार से सोचने लगी हैं, तो कल को इनकी संख्या में बढोतरी होना लाजिमी है। जिसे अधिक समय तक बिना विमर्श के दबाया या अनदेखा नहीं किया जा सकेगा। मगर इस विमर्श के साथ कुछ और भी प्रासंगिक सवाल हैं, जिन पर भी विमर्श और चिन्तन किया जाना समीचीन होगा। जैसे-

1-आज घरेलु हिंसा कानूनन अपराध है। इसके बावजूद भी-
(1) घरेलु हिंसा की शिकार कितनी पत्नियां अपने पतियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराती हैं?
(2) कितनी पत्नियां घरेलु हिंसा के प्रकरणों को पुलिस या कोर्ट में ले जाने के तत्काल बाद वापस लेने को विवश हो जाती हैं?
(3) घरेलु हिंसा की शिकार होने पर मुकदमा दर्ज कराने वाली स्त्रियों में से कितनी घरेलु हिंसा को कानून के समक्ष कोर्ट में साबित करके पतियों को सजा दिला पाती हैं?
(4) घरेलु हिंसा प्रकरणों को पुलिस और कोर्ट में ले जाने के बाद कितनी फीसदी स्त्रियॉं कोर्ट के निर्णय के बाद अपने परिवार या विवाह को बचा पाती हैं या कितनी स्त्रियां विवाह को बचा पाने की स्थिति में होती हैं? 
2-आज की तारीख में एक पत्नी के रहते दूसरा विवाह करना अपराध है, मगर विवाहित होते हुए दूसरा विवाह रचाने वाले पति पर मुकदमा तब ही दर्ज हो सकता है या चल सकता है, जबकि उसकी पहली वैध पत्नी खुद ही मुकदमा दायर करे! इस प्रावधान के होते हुए कितनी ऐसी पत्नियां हैं जो-
(1) दूसरा विवाह रचा लेने पर अपने पतियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करवाती हैं? क्या बॉलीवुड अभिनेता धर्मेन्द्र द्वारा हेमा मालिनी से दूसरा विवाह रचाने के बाद उनकी पहली पत्नी ने धर्मेन्द के खिलाफ मुकदमा दायर किया? नहीं। इसी कारण धर्मेन्द्र आज दूसरा विवाह रचाने का अपराधी होते हुए संसद तक की शोभा बढा चुका है! ऐसे और भी अनेकानेक उदाहरण मौजूद हैं
(2) यदि पत्नियां अपने पति के विरुद्ध दूसरा विवाह रचाने का मुकदमा दर्ज नहीं करवाती हैं तो इसके पीछे कोई तो कारण रहे होंगे? इसके साथ-साथ स्त्री आजादी और स्त्री मुक्ति का अभियान चलाने वाली स्त्रियों की ओर से इस कानून में संशोधन करवाने के लिये कोई सक्रिय आन्दोलन क्यों नहीं चलाया गया? जिससे कि कानून में बदलाव लाया जा सके। जिससे पूर्व से विवाहित होते हुए दूसरा विवाह रचाने वाले पुरुष या स्त्रियों के विरुद्ध देश का कोई भी व्यक्ति मुकदमा दायर करने को सक्षम हो!
3. जारकर्म में केवल पुरुष को ही दोषी माना जाता है, बेशक कोई विवाहिता स्त्री अपने इच्छा से और खुद किसी पुरुष को उकसाकर उस पुरुष से यौन-सम्बन्ध स्थापित करे, फिर भी ऐसी पत्नी के पति को ये अधिकार है कि वह अपनी पत्नी की सहमति होते हुए, उसके साथ यौन-सम्बन्ध स्थापित करने वाले पुरुष के खिलाफ कानूनी कार्यवाही कर सकता है। ऐसे मामले में ऐसी विवाहिता स्त्री के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जा सकती है! आखिर क्यों?

4. ऐसे अनेक मामले हैं, जहां पर स्त्रियां भी कम उम्र के लड़कों को या सहकर्मी पुरुषों को शारीरिक सम्बन्ध बनाने के लिये उत्प्रेरित करती या उकसाती देखी जा सकती हैं, लेकिन उनके खिलाफ इस द्भत्य के लिये बलात्कार करने का मामला दर्ज नहीं हो सकता! आखिर क्यों?

5. महिला के साथ बलात्कार की घटना घटित होने पर, महिला अपनी इज्जत लूटने का आरोप लगाते हुए पुरुष के खिलाफ मुकदमा दायर करती है, लेकिन जब लगाया गया आरोप साबित नहीं हो पाता है तो पुरुष की इज्जत लुटने का मामला ऐसी स्त्री के विरुद्ध दायर करने का कोई कानून नहीं है! इसका मतलब क्या ये माना जाये कि इज्जत सिर्फ स्त्रियों के पास होती है, जिसे लूटा या नष्ट किया जा सकता है? पुरुषों की कोई इज्जत होती ही नहीं है? इसलिये उनकी इज्जत को लूटना अपराध नहीं है!

6. यदि मान लिया जाये कि स्त्रियॉं ये कानून बनवाने में सफल हो जाती हैं कि विवाहिता स्त्री की रजामन्दी के बिना उसके साथ, उसके पति द्वारा बनाया गया प्रत्येक सेक्स सम्बन्ध बलात्कार होगा, तो सबसे बड़ा सवाल तो यही होगा कि इस अपराध को साबित कैसे किया जायेगा? क्या पत्नी के कहने मात्र से इसे अपराध मान लिया जायेगा? क्योंकि पति-पत्नी के शयनकक्ष में किसी प्रत्यक्षदर्शी साक्षी के उपलब्ध होने की तो कानून में अपेक्षा नहीं की जा सकती? और यदि केवल पत्नी के कथन को ही अन्तिम सत्य मान लिया जायेगा तो क्या कोई पुरुष किसी स्त्री से विवाह करने की हिम्मत जुटा पायेगा?

7. आजकल ऐसे अनेक मामले कोर्ट के सामने आ रहे हैं, जिनमें आरोप लगाया जाता है कि पति अपनी पत्नी के साथ, पत्नी की इच्छा होने पर सेक्स सम्बन्ध नहीं बनाता है या सेक्स में पत्नी को सन्तुष्ट नहीं कर पाता है तो ऐसी पत्नियां इसे वैवाहिक सम्बन्धों में पति द्वारा अपनी पत्नी के साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार का दर्जा देती हैं और इसी के आधार पर तलाक मांग रही हैं। जिसे देश के अनेक उच्च न्यायालयों द्वारा मान्यता भी दी जा चुकी है! वैवाहिक बलात्कार कानून बनवाने की मांग करने वाली स्त्रियां इस स्थिति को किस प्रकार से परिभाषित करना चाहेंगी?

उपरोक्त के अलावा भी बहुत सारी ऐसी बातें हैं, जिन पर वैवाहिक बलात्कार का कानून बनवाने की मांग पर विचार करने से पहले जानने और समझने की जरूरत है। इस आलेख को विराम देने से पूर्व निम्न कुछ प्रसिद्ध उक्तिओं को पाठकों के समक्ष अवश्य प्रस्तुत करना चाहूंगा :-
  1. प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक वाटसन का कहना था कि पश्‍चिम में दस में नौ तलाक मैथुन सम्बन्धी गड़बड़ी के कारण होते हैं, जिसमें स्त्रियों का सेक्स में रुचि नहीं लेना भी बड़ा कारण होता है।
  2. एक अन्य स्थान पर वाटसन कहते हैं कि स्त्रियॉं विवाह के कुछ समय बाद सेक्स में रुचि लेना बन्द कर देती हैं और अपने पति के आग्रह पर सेक्स को घरेलु कार्यों की भांति फटाफट निपटाने को उतावली रहती हैं।
  3. सेक्स मामलों की विशेषज्ञ लेखिका डॉ. मेरी स्टोप्स लिखती हैं कि स्त्री और पुरुष की काम वासना का वेग एक समान हो ही नहीं सकता। पुरुष कितना ही प्रयास क्यों न कर ले, अपनी पत्नी या प्रेमिका के समीप होने पर वह अपनी वासना पर नियन्त्रण नहीं कर सकता। वह क्षण मात्र में सेक्स करने को आतुर होकर रतिक्रिया करने लगता है, जबकि स्त्रियों को समय लगता है, लेकिन स्त्रियों को इसे पुरुषों की, स्त्रियों के प्रति अनदेखी नहीं समझकर, इसे पुरुष का प्रद्भतिदत्त स्वभाव मानकर सामंजस्य बिठाना सीखना होगा, तब ही दाम्पत्य जीवन सफलता पूर्वक चल सकता है।
  4. डॉ. मेरी स्टोप्स आगे लिखती हैं आमतौर पर स्त्रियॉं सेक्स में अतृप्त रह जाती हैं, सदा से रहती रही हैं। जिसके लिये वे पुरुषों को जिम्मेदार मानती हैं और कुछेक तो अगली बार पुरुष को सेक्स नहीं करने देने की धमकी भी देती हैं। जबकि स्त्रियों को ऐसा करने से पूर्व स्त्री एवं पुरुष की कामवासना के आवेग के ज्वार-भाटे को समझना चाहिये।
  5. महादेवी वर्मा का कथन है कि काव्य और प्रेमी दोनों नारी हृदय की सम्पत्ति हैं। पुरुष नारी पर विजय का भूखा होता है, जबकि नारी पुरुष के समक्ष समर्पण की। पुरुष लूटना चाहता है, जबकि नारी लुट जाना चाहती है।
  6. द मैस्तेरी का कहना है कि नारी की सबसे बड़ी त्रुटी है, पुरुष के अनुरूप बनने की लालसा।
  7. शेक्सपियर-कुमारियां पति के अतिरिक्त कुछ नहीं चाहती और जब उन्हें पति मिल जाता है तो सब कुछ चाहने लगती हैं। यही प्रवृत्ति उनके जीवन की सबसे भयंकर त्रासदी सिद्ध होती है।
  8. बुलबर-विवाह एक ऐसी प्रणय कथा है, जिसमें नायक प्रथम अंक में ही मर जाता है। लेकिन उसे अपनी पत्नी के लिये जिन्दा रहने का नाटक करते रहना पड़ता है। 
  9. अरबी लोकोक्ति-सफल विवाह के लिये एक स्त्री के लिये यह श्रेयस्कर है कि वह उस पुरुष से विवाह करे, जो उसे प्रेम करता हो, बजाय इसके कि वह उस पुरुष से विवाह करे, जिसे वह खुद प्रेम करती हो।
उपरोक्त पंक्तियों पर तो पाठक अपने-अपने विचारानुसार चिन्तन करेंगे ही, लेकिन अन्त में, मैं अपने अनुभव के आधार पर लिखना चाहता हूँ कि-
यदि स्त्रियॉं विवाह के बाद अपने पतियों के प्रति भी वैसा ही शालीन व्यवहार करें, जैसा कि वे अपरचित पुरुषों से करती हैं तो सौ में से निन्यानवें युगलों का दाम्पत्य जीवन सुगन्धित फूलों की बगिया की तरह महकने लगेगा। साथ ही स्त्रियों को हमेशा याद रखना चाहिये कि पुरुष प्रधान सामाजिक ढांचे में कोई भी पुरुष चिड़चिड़ी तथा कर्कशा पत्नी के समीप आने के बजाय उससे दूर भागने में ही भलाई समझता है। जिसके परिणाम कभी भी सुखद नहीं हो सकते। 



---पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’--- 
मोबाइल : 09875066111

आलेख : यानी मोदी को प्रधानमंत्री बना कर रहेंगे मुलायम- आजम ...!!

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भारतीय जनता पार्टी को शून्य से शिखर तक पहुंचाने में लालकृष्ण आडवाणी, अटल विहारी वाजपेयी व उनकी टीम का जितना योगदान रहा, उससे जरा भी कम योगदान लालू प्रसाद  यादव, मुलायम सिंह यादव , आजम खान , बुखारी और उन वामपंथियों का नहीं रहा, जिन्होंने सांप्रदायिकता के नाम पर हठधर्मिता और एकतरफा राग अलापते- अलापते एक वर्ग को सचमुच का सांप्रदायिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। देशवासी आजम खान के राममंदिर आंदोलन से जुड़े नेताओं के बारे में बदजुबानी और कथित तौर पर भारत माता को डायन कहने के प्रसंग को अब भी नहीं भूल पाएं होंगे। हालांकि उनकी यह बदजुबानी सीधे तौर पर राममंदिर आंदोलन को और गति व ताकत ही देती रही। अब उन्हीं मुलायम और आजम के ताजा रुख को देखते हुए कहा जा सकता है कि ये दोनों भाजपा के नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बना कर ही मानेंगे। 

अन्यथा आजम खान मोदी के लिए वैसे अपशब्दों का प्रयोग कतई नहीं करते, जैसा कुछ दिन पहले उन्होंने किया हैै। यादव - मुसलमान  समीकरण के रचियता मुलायम सिंह यादव एक बार फिर गुजरात दंगों के बहाने  जिस तरह मोदी पर हमले कर रहे हैं, उससे वोटों का ध्रुवीकरण तेज होने से कोई नहीं रोक सकेगा। बेशक मोदी को गालियां देने से मुलायम - आजम की जोड़ी को एक वर्ग को कुछ वोट मिल जाए, लेकिन इससे कहीं ज्यादा फायदा भाजपा को ही होगा। क्योंकि एेसे में इसे उस वर्ग को वोट भी मिल सकता है,. जो किसी का स्थायी वोटर नहीं है। बिल्कुल 80- 90 के दशक के दौरान के  राममंदिर आंदोलन की तरह। 

जब मुलायम , आजम, लालू प्रसाद, बुखारी और वामपंथियों समेत उस कथित प्रगतिशील वर्ग ने एेसा माहौैल बनाना शुरू किया , जो नकारात्मक तरीके से ही सही भाजपा के पक्ष में गया। सांप्रदायिकता और धर्मनिरपेक्षता के नाम पर तुष्टिकरण और केवल हिंदुओं को कोसने के चलते वह वर्ग भी भाजपा के पाले में चला गया, जो अमूमन तटस्थ रहता है, और चुनाव के दौरान काफी सोच - विचार के बाद ही वोट करता है। आज माहौल कांग्रेस के खिलाफ हैं, और एेन चुनाव के वक्त यदि मुलायम - आजम की जोड़ी एक बार फिर अपने पुराने तेवर में लौटेगी, तो बेशक इसका बड़ा फायदा उस भाजपा को होगा, जो कुछ हद तक गुटबाजी व देश के कुछ हिस्सों में सांगठनिक कमजोरी की समस्या से जूझ रही है। 




 तारकेश कुमार ओझा, 
खड़गपुर ( पशिचम बंगाल) 
संपर्कः 09434453934 
लेखक दैनिक जागरण से जुड़े हैं।

देश का माहौल बिगाड़ने में लगी हैं कुछ ताकतें : सोनिया

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर प्रहार करते हुए कहा कि कुछ ताकतें देश का माहौल बिगाड़ने में लगी हैं, मगर देश की जनता सच और गलत को जानती है, जिसके चलते ये ताकतें अपने मकसद में कामयाब नहीं होंगी। मध्य प्रदेश के सीधी में कांग्रेस उम्मीदवार के समर्थन में आयोजित जनसभा में गुरुवार को सोनिया गांधी ने भाजपा और कांग्रेस की तुलना करते हुए कहा कि जो ताकतें देश की जनता को भड़काने और बहकाने की कोशिश कर रही हैं, वे कामयाब नहीं होने वाली। वहीं कांग्रेस सभी वर्गो को साथ लेकर चलने वाली पार्टी है। 

सोनिया ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा गरीब और कमजोरों के हितों की लड़ाई लड़ी है और यह आगे भी जारी रहेगी। उनकी स्थिति में बदलाव लाने के लिए कदम उठाए गए हैं। कांग्रेस का लक्ष्य गरीब और कमजोर को खुशहाल बनाना है, कांग्रेस कभी झूठे वादे नहीं करती, पार्टी ने पिछले दो चुनाव में जो वादे किए थे, उन्हें पूरा किया है। वादों को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने योजनाएं बनाई हैं। 

सोनिया ने कहा कि गांव से लोगों का पलायन न हो और उन्हें अपने ही गांव में काम मिलने की गारंटी हो इसके लिए महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) अमल में लाई। भ्रष्टाचार को रोकने और सार्वजनिक करने के लिए सूचना के अधिकार के रूप में आम जनता के हाथ में दिया। कोई भूखा न रहे, इसके लिए खाद्यान्न सुरक्षा कानून बनाया गया है। 

लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस द्वारा जारी किए गए घोषणा पत्र का हवाला देते सोनिया ने कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर हर व्यक्ति को स्वास्थ्य सुविधाएं पाने का अधिकार देने के साथ हर सिर को छत मुहैया कराएगी। उन्होंने मध्य प्रदेश में अर्जुन सिंह के काल में वनोपज पर निर्भर करने वालों के लिए बनाई गई तेंदूपत्ता नीति का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस ने हमेशा ही जनजातीय वर्ग के कल्याण के लिए योजनाएं बनाई हैं। 

सोनिया ने भूमि अधिग्रहण कानून का जिक्र करते हुए कहा कि अब कोई भी किसानों की जमीन जबरिया तरीके से नहीं छीन सकेगा। इसके लिए जरूरी होगा कि ग्रामसभा में प्रस्ताव पारित हो। इसके लिए गांव के लोगों की सहमति जरूरी होगी। इसी तरह गरीब परिवारों के बच्चों को मुफ्त में शिक्षा मिले इसके लिए शिक्षा का अधिकार कानून बनाया गया है।

भाजपा द्वारा कांग्रेस पर भ्रष्टाचार को लेकर लगाए जाने वाले आरोपों का भी सोनिया ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में अफसर से लेकर मंत्री तक भ्रष्टाचार में डूबे हैं, मगर उन्हें यह दिखाई नहीं देता। व्यावसायिक परीक्षा मंडल की परीक्षाओं में भी घोटाला हुआ है।

आप का घोषणापत्र : स्वस्थ बाजार अर्थव्यवस्था का वादा, आतंकवाद नामंजूर

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aap menufesto
आम आदमी पार्टी (आप) ने लोकसभा चुनाव के लिए गुरुवार को जारी अपने घोषणापत्र में पहली बार पार्टी के राष्ट्रीय दृष्टिकोण को सामने रखते हुए कहा है कि वह स्वस्थ बाजार अर्थव्यवस्था का समर्थन करती है और पाकिस्तान पोषित आतंकवाद को नाकाबिले बर्दाश्त मानती है। लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी का घोषणापत्र जारी करते हुए दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भारत आज तीन बड़े खतरों भ्रष्टाचार, सांप्रदायिकता और धुर पूंजीवाद का सामना कर रहा है।

पार्टी की कारोबार हितैषी छवि को सामने रखते हुए केजरीवाल ने कहा कि नवंबर 2012 में गठित 'आप'बाजार अर्थव्यवस्था में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगी और एकाधिकारवादी और प्रतिस्पर्धा विरोधी गतिविधियों पर रोक लगाएगी। केजरीवाल ने 25 पृष्ठों के घोषणापत्र को पढ़ते हुए कहा, "आप की आर्थिक नीतियों में रोजगार सृजन को महत्व दिया जाएगा और इस मोर्चे पर हम ईमानदार कारोबार और उद्यम को प्रोत्साहन देंगे।"

विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) के बारे में आप नेता ने कहा, "हम सैद्धांतिक रूप से एफडीआई के विरोधी नहीं हैं, लेकिन हम क्षेत्रवार इसका विरोध कर रहे हैं।"पहली बार आप विभिन्न मुद्दों पर समग्र चिंतन के साथ सामने आई है। इससे पहले पार्टी एक मात्र एजेंडे भ्रष्टाचार पर काबू पाने पर ही अटकी हुई थी। केजरीवाल ने कहा कि आर्थिक, घरेलू या अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मुद्दों को लेकर आप किसी वैचारिक कट्टरपंथ पर नहीं ठहरी हुई है। 

घोषणापत्र में कहा गया है, "पार्टी न तो वाम न ही दक्षिण का समर्थन करती है और यह सभी अच्छे विचारों चाहे वे पुरानी हों या नई, लेकिन देश के हित में हो, समर्थन करती है।"केजरीवाल ने कहा कि आप 'सीमा पार से आतंकवाद'को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी, लेकिन सभी पड़ोसी मुल्कों के साथ दोस्ताना व्यवहार बनाए रखेगी। पार्टी ने आतंकवादियों के खिलाफ मुकदमे चलाने के लिए समन्वित द्विपक्षीय और बहुपक्षीय प्रयास और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले ढांचे को खत्म करने के लिए विभिन्न स्तरों पर वार्ता का आह्वान किया है।

आप ने चीन की सीमा पर बार-बार अतिक्रमण का प्रतिरोध करने की भारत की क्षमता में वृद्धि करने की वकालत की है। केजरीवाल ने कहा कि आप राजनीति में धर्म की राजनीति करने वालों के साथ सख्ती बरतेगी और दंगों के जिम्मेदार लोगों की पहचान करने के लिए समयबद्ध जांच का आह्वान किया।  आप के नेता ने कहा, "विदेश में पड़े काला धन को वापस लाने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति होनी चाहिए।"

उन्होंने कहा कि खास तौर से चुनाव के दौरान काला धन के प्रवाह पर आयकर के एक प्रावधान को खत्म कर रोक लगाई जा सकती है। यह प्रावधान है कि राजनीतिक दलों को 20,000 रुपये से कम का चंदा देने वालों को अपना विवरण भरने की जरूरत नहीं है। अरविंद ने कहा, "पार्टियों को अपने सभी चंदा देने वालों की जानकारी अपनी वेबसाइट पर देनी होगी भले ही वह चंदा 1 रुपये ही क्यों न हो। चुनाव के दौरान नेताओं के सभी खर्च भी घोषित करने होंगे।"घोषणापत्र में देश की शिक्षा प्रणाली को सुधारने और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के साथ ही साथ राजनीतिक जवाबदेही का वादा किया है।

आईआईटी पेशेवरों के जिम्मे मीसा का चुनावी प्रबंधन

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misa bharti
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती ने बिहार में लोकसभा चुनाव के अपने प्रचार अभियान के प्रबंधन के लिए दो आईआईटी पेशेवरों और चिकित्सकों को काम पर रखा है। भारती के पति आईईटी पेशेवर शैलेश कुमार भी प्रचार अभियान में उनके साए की तरह काम कर रहे हैं। चिकित्सक मीसा पटना की पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से उम्मीदवार हैं।

उन्होंने प्रचार अभियान का प्रबंधन करने और सोशल मीडिया के जरिए मतदाताओं तक पहुंचने के लिए आईआईटी के दो छात्रों पंकज सूदन और परवीन त्यागी को काम पर रखा है। भारती के एक करीबी नेता ने बताया, "दोनों ही भारती को महत्वपूर्ण नुस्खे और अलग-अगल वर्ग के लोगों से मिलने के तरीकों पर सुझाव दे रहे हैं।"सूदन गुड़गांव की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करते हैं जबकि त्यागी दिल्ली में अपनी खुद की कंपनी चलाते हैं। उन दोनों के प्रयासों के कारण पटना में मीसा के फेसबुक पेज को समर्थन मिल रहा है।

मीसा ने लोगों, खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की नब्ज समझने और रणनीति तैयार करने के लिए दो चिकित्सक सहकर्मियों को भी काम पर रखा है। इनमें से एक अप्रवासी भारतीय (एनआरआई) और दूसरा गुजरात का है। जामिल अख्तर न्यूयॉर्क के चिकित्सक हैं जो उनके चुनावी भाषण तैयार करने में सहयोग कर रहे हैं, वहीं आजाद कुमार ग्रामीण मतदाओं को समझने में उनकी मदद कर रहे हैं।

मीसा का मुकाबला वर्तमान सांसद और जनता दल (युनाइटेड) के उम्मीदवार रंजन प्रसाद यादव और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार रामकृपाल यादव से है। गौरलतब है कि लालू प्रसाद द्वारा पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से मीसा को उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद लालू के करीबी सहोयोगी रहे राम कृपाल यादव राजद छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए।

अरविंद केजरीवाल पर रोड शो के दौरान हमला

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arvind kejriwal
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल पर शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक रोड शो के दौरान एक अज्ञात व्यक्ति ने हमला किया। आप समर्थकों ने हमलावर को दबोच लिया और उसकी जमकर पिटाई की। बाद मे हमलावर को निकटवर्ती पुलिस थाने के हवाले कर दिया गया। केजरीवाल ने बाद में कहा कि उनके ऊपर दक्षिणी दिल्ली में उस समय हमला हुआ, जब वह दक्षिणपुरी इलाके में आप के लिए वोट मांग रहे थे। 

केजरीवाल ने अपने समर्थकों से जवाबी हिंसक कार्रवाई न करने की अपील की। उन्होंने कहा, "हम सचाई और ईमानदारी के लिए लड़ रहे हैं.. उन्हें (हमारे आलोचकों) हम पर हमला करने दीजिए। हमें जवाबी हमला नहीं करना चाहिए।"

बिहार में रेलगाड़ी की चपेट में आने से पूर्व विधायक की मौत

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बिहार के गया जिले के पहाड़पुर रेलवे स्टेशन के समीप शुक्रवार को एक रेलगाड़ी की चपेट में आने से पूर्व विधायक काली राम की मौत हो गई। वह 70 वर्ष के थे। गया रेल पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि फतेहपुर के डुमरी के रहने वाले कालीराम सुबह एक रिश्तेदार के घर जा रहे थे कि रेल पटरी पार करते वक्त एक मालगाड़ी आ गई जिसकी चपेट में आने से घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई। इस घटना के बाद गया-धनबाद रेलखंड पर कुछ समय के लिए ट्रेनों का आवागमन बंद रहा। 

70 वर्षीय कालीराम वर्ष 1977 में भारतीय जनसंघ से बोधगया सीट से विधायक चुने गए थे। वर्तमान समय में भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में सक्रिय थे।  उनकी मौत पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक व्यक्त किया है। 

बिहार : प्रथम चरण की 6 सीटों पर शांतिपूर्ण चुनाव चुनौती

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first phase election bihar
बिहार में प्रथम चरण की छह लोकसभा सीटों पर शांतिपूर्ण मतदान कराना न केवल चुनाव आयोग के लिए एक चुनौती होगा, बल्कि पुलिस प्रशासन के लिए भी अग्नि परीक्षा से कम नहीं होगा। हालांकि चुनाव आयोग और पुलिस प्रशासन ने प्रथम चरण में होने वाले सभी नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा के तगड़े प्रबंध का दावा किया है। 

बिहार में प्रथम चरण में सासाराम, काराकाट, औरंगाबाद, गया, नवादा और जमुई संसदीय क्षेत्र में मतदान होना है। बिहार पुलिस मुख्यालय के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि पूरे राज्य के नक्सल प्रभावित इलाकों में पिछले कई दिनों से छापेमारी की जा रही है तथा राज्य की जेलों में भी छापेमारी की गई है। नक्सली चुनौतियों से निपटने के लिए आसमान से जमीन तक सुरक्षा नाकेबंदी की गई है। 

प्रत्येक मतदान केन्द्रों पर शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव को लेकर तैयारी की गई है। इसके लिए सीमावर्ती राज्यों के आला अधिकारियों के साथ कई दौर की बैठकें भी हो चुकी हैं। बिहार के अपर पुलिस महानिदेशक रवीन्द्र कुमार कहते हैं कि सभी मतदान केन्द्रों पर केन्द्रीय सुरक्षा बल के जवानों को तैनात किया जाएगा। इसके लिए 130 कंपनियों को लगाया जाएगा। इसके अलावा पूरे इलाके में दो हेलीकॉप्टर से भी निगरानी की जाएगी। 

चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि नक्सली इलाकों में सेंटर पॉइंट बनाया जाएगा, जहां सभी मतदालकर्मी एकत्र होंगे और फिर वहां से मतदान केन्द्रों पर भेजे जाएंगे। इन छह संसदीय क्षेत्रों में से गया, जमुई और औरंगाबाद को सबसे संवेदनशील माना जाता है। इस कारण इन क्षेत्रों में सुरक्षा के और तगड़े प्रबंध होंगे। इधर, नक्सलियों ने भी राज्य के विभिन्न इलाकों में पोस्टर और बैनरों के जरिए लोगों से चुनाव बहिष्कार करने की अपील की है। नक्सली संगठनों द्वारा एसएमएस के जरिए भी मतदान बहिष्कार करने का अनुरोध लोगों से किया जा रहा है। 

भाजपा के पास गरीबों के लिए कार्ययोजना नहीं : अखिलेश

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akhilesh in nawada
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को यहां कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास केवल उद्योगपतियों के लिए योजना है। उनके पास गरीबों के लिए कोई कार्य योजना नहीं है, यही कारण है कि भाजपा ने अब तक चुनाव के लिए घोषणापत्र भी जारी नहीं किया है। बिहार के नवादा के रजौली में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को इतिहास और भूगोल की जानकारी नहीं है। 

अखिलेश ने कहा कि प्रदेश में गरीबों के उत्थान के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चल रही हैं तथा छात्रों, महिलाओं और बेटियों के लिए भी कई योजनाएं शुरू की गई हैं। ऐसे में देशवासियों को यह तय करना है कि देश में सांप्रदायिक ताकतों की सरकार बनेगी या फिर सामाजिक सद्भाव का पालन करने वालों की। 

उन्होंने कांग्रेस और भाजपा पर इस चुनाव में केवल प्रचार में एक-एक हजार करोड़ रुपये खर्च करने का आरोप लगाया। बिहार सरकार पर भी हमला करते हुए उन्होंने कहा कि यह सरकार केवल लोगों को सपने दिखा रही है, सरजमीं पर कोई काम नहीं हो रहा है। अखिलेश ने कहा कि बिहार प्रारंभ से ही समाजवादियों का गढ़ रहा है। ऐसे में उन्होंने नवादा संसदीय क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार सुरेंद्र राजवंशी के लिए वोट मांगे। 

नक्सलियों ने केजरीवाल से पूछे 10 सवाल

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arvind kejriwal
आम आदमी की समस्याओं और भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेड़ने के कारण सुर्खियों में आई आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार दिल्ली में महज 49 दिन चलने से वहां के मतदाताओं का एक बड़ा वर्ग भले ही मायूस हो गया हो, लेकिन देश के विभिन्न हिस्सों में सक्रिय नक्सलियों को इस नई पार्टी से व्यवस्था परिवर्तन होने की उम्मीद है। नक्सलियों ने आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल से 10 सवाल पूछे हैं। नक्सलियों के सवाल देश में फैले भ्रष्टाचार, आदिवासियों के शोषण, जनांदोलनों के खिलाफ बल प्रयोग, विदेशी पूंजी निवेश और बढ़ते औद्योगिकीकरण से लेकर जम्मू एवं कश्मीर में लागू विशेष सशस्त्र बल कानून को लेकर है।

नक्सलियों ने एक वेबसाइट पर अरविंद केजरीवाल के नाम 10 सवाल जारी किए हैं। इसमें नक्सलियों ने अरविंद से पूछा है कि भ्रष्टाचार इस पूंजीवादी व्यवस्था की नसों में घुस चुका है। इसे रोकने में क्या आपका जन लोकपाल कानून काफी होगा? भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस कार्यक्रम क्या है? क्या बिना आमूलचूल परिवर्तन के इस भ्रष्ट व्यवस्था को बदला जा सकता है? नक्सलियों ने पूछा है कि पहले देश में 60 विदेशी कंपनियां थीं और अब 40 हजार से ज्यादा हो गई हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस इनके सामने लाल कालीन बिछाती हैं। आप क्या करेंगे?

विकास के नाम पर 68 साल में 6 करोड़ से ज्यादा जनता को उजाड़ा जा चुका है, इनमें हर छठा आदिवासी है। जनता को विस्थापित करने वाली कंपनी टाटा, बिड़ला, वेदांता, पोस्को व परमाणु संयंत्रों के बारे में आप की क्या राय है? क्या आप भी बहुराष्ट्रीय कंपनियों और बड़े पूंजीपतियों को खनिज भंडार लूटने की छूट देंगे? क्या विनाशकारी परमाणु संयंत्र लगाने की अनुमति देंगे? क्या विकास के इसी मॉडल को लागू करेंगे?

नक्सलियों ने कहा है कि भारत में शासक वर्ग जनांदोलनों, चाहे व शांतिपूर्ण हो या सशस्त्र, उसका जवाब लाठी और गोली से दे रहा है। क्या आप भी ऐसे ही जनांदोलनों का गला घोटेंगें? नक्सलियों ने पूछा है कि देश के शासकों ने जनता के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) को देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया जा रहा है। इसके खिलाफ पहले से साढ़े तीन लाख तथा अब एक लाख और सशस्त्र बलों को उतारा जा रहा है। क्या आप भी इसी तरह सेना भेजकर आदिवासी जनता को विस्थापित करेंगे और जनांदोलनों को कुचलने का सिलसिला जारी रखेंगे?

नक्सलियों ने यह भी पूछा है कि केंद्र ने खुदरा बाजार में 51 फीसदी से भी ज्यादा प्रत्यक्ष विदेशी पूंजी निवेश (एफडीआई) की छूट दे दी है। आप ने दिल्ली में इसका विरोध किया, क्या देश के बाकी हिस्सों में भी आप ऐसा ही होना सुनिश्चित करेंगे? अब केजरीवाल को इन सवालों के जवाब देने हैं। उन्होंने हालांकि गुरुवार को अपनी पार्टी का घोषणापत्र जारी कर दिया है।

नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ की बस्तर लोकसभा सीट से आप ने शिक्षिका और सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी को चुनाव मैदान में उतारा है। सोनी पर नक्सलियों के मददगार होने का आरोप है। वह जेल भी गईं, लेकिन उन्हें सर्वोच्च न्यायालय से जमानत मिल चुकी है। छत्तीसगढ़ में आप के संयोजक संकेत ठाकुर ने बताया कि सोनी सोरी ने 1,000 रुपये के ज्युडिशियल स्टाम्प पेपर पर अपना अलग से घोषणापत्र जारी किया है और कसम खाई है कि अगर वादे पूरे नहीं कर पाईं तो खुद इस्तीफा दे देंगी।

उम्मीदवारी की घोषणा के समय सोनी के बैंक खाते में मात्र 224 रुपये थे, मगर बाद में अमेरिका और कनाडा से उनके हितैषियों ने दान भेजना शुरू किया। स्थानीय कई एनजीओ ने भी स्वत: सोनी की मदद शुरू कर दी है। केजरीवाल के नाम जारी इन सवालों के साथ ही नक्सलियों ने लोकसभा चुनाव और ओडिशा में विधानसभा चुनाव के बहिष्कार को लेकर भी पोस्टर जारी किए हैं। 

झूठों के सरदार को प्रधानमंत्री न चुनें : सोनिया गांधी

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sonia gandhi in jharkhand
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी नरेंद्र मोदी के खिलाफ अत्यंत तीखा लहजा अपनाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को लोगों से देश के प्रधानमंत्री के रूप में 'झूठों के सरदार'को नहीं चुनने की अपील की। मोदी का नाम लिए बगैर झारखंड में आयोजित एक रैली में सोनिया ने कहा कि कुछ विपक्षी नेता सपने बेच रहे हैं कि 'वे जादू की छड़ी से एक ही दिन में सबकुछ बदल देंगे।'

हजारीबाग जिले के रामगढ़ में उन्होंने कहा, "क्या देश एक ऐसे आदमी को प्रधानमंत्री के रूप में चुनेगा जो झूठों का सरदार है?"अपने भाषण में मोदी का नाम नहीं लेते हुए उन्होंने आगे कहा, "लोकतंत्र में किसी को भी सत्ता हथियाने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए।"सोनिया ने नक्सलियों से भी हिंसा छोड़ समाज की मुख्य धारा में शामिल होने की अपील की।

कोयला खनन श्रमिकों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि श्रमिकों की दशा सुधारने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ही कोयला खानों का राष्ट्रीयकरण किया था। उन्होंने केंद्र की कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार की 10 वर्षो की उपलब्धियां गिनाई।

शक्ति मिल दुष्कर्म मामले में 3 दोषियों को मृत्युदंड

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Death-sentence
मुंबई के वीरान शक्ति मिल परिसर में पिछले अगस्त महीने में एक फोटो पत्रकार के साथ दुष्कर्म करने के मामले में तीन दोषियों के खिलाफ यहां एक अदालत ने शुक्रवार को मृत्युदंड सुनाया। ये तीनों दोषी इसी परिसर में इससे पहले दुष्कर्म के अन्य मामले में भी दोषी ठहराए जा चुके थे और तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। 

विजय जाधव (18), कासिम हाफिज शेख उर्फ कासिम बंगाली (20), और सलीम अंसारी (27) को इसके पहले गुरुवार को एक कॉल सेंटर की कर्मचारी के साथ उसी परिसर में दुष्कर्म करने के लिए दोषी करार दिया गया था। यह घटना पिछले वर्ष 31 जुलाई को घटी थी।

विशेष लोक अभियोजक उज्वल निकम ने कहा कि प्रधान सत्र न्यायाधीश शालिनी फड़सालकर जोशी ने इस मामले में बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाया और 31 जुलाई तथा 22 अगस्त, 2013 को दुष्कर्म की वारदात दोहराने के लिए तीनों दोषियों के खिलाफ मृत्युदंड सुनाया। 

अफगानिस्तान में गोलीबारी, महिला पत्रकार की मौत

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journalist shot deat
यहां शुक्रवार को एक अफगानी पुलिस अधिकारी द्वारा की गई गोलीबारी में एक विदेशी महिला पत्रकार की मौत हो गई और दूसरी घायल बताई गई है। एक सुरक्षा अधिकारी ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ को बताया, "खोस्त प्रांत के तनाय जिले में सुबह करीब 11.45 बजे अफगान नेशनल पुलिस (एएनपी) के एक अधिकारी ने दो महिला पत्रकारों पर गोली चलाई। इस घटना में एक की मौके पर मौत हो गई और दूसरी घायल हो गई।"

अधिकारी ने बताया कि पीड़ित पत्रकार एसोसिएशन प्रेस (एपी) के लिए काम कर रही थीं और जिले में चुनाव संबंधी सामग्री कवर कर रही थीं। हमला जिला राज्यपाल के दफ्तर की इमारत में हुआ। सूत्र ने बताया कि गोलीबारी के बाद हमलावर पुलिस अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया गया और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। यह घटना उस समय हुई है जब शनिवार को इस दक्षिण एशियाई राष्ट्र में राष्ट्रपति और प्रांतीय परिषदों के चुनाव होने हैं।

वाई. लक्ष्मी बने केंद्रीय हिंदी संस्थान के उपाध्यक्ष

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y lakshmi prasad
तेलगू और हिंदी भाषा के प्रख्यात कवि व लेखक प्रोफेसर वाई. लक्ष्मी प्रसाद ने शुक्रवार को केंद्रीय हिंदी संस्थान (सीएचआई) के उपाध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया। सीएचआई केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की शैक्षणिक शाखा है। प्रसाद हैदराबाद से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने हिंदी के प्रसिद्ध कवि अशोक चक्रधर का स्थान लिया है। उनका कहना है कि दक्षिण भारत में हिंदी का कोई विरोध नहीं है, बल्कि कई लोग अब हिंदी में बात करते हैं और हिंदी भाषी लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने हालांकि उत्तर भारत की पाठ्य-पुस्तकों में दक्षिण भारत के बारे में जानकारी की कमी पर चिंता जताई।

उन्होंने यह संकल्प लिया है कि वह उत्तर भारतीय छात्रों को हैदराबाद व मैसूर के केंद्र भेज कर और दक्षिण के छात्रों को आगरा के मुख्यालय आमंत्रित कर उत्तर तथा दक्षिण के बीच की संवादहीनता को दूर करने की कोशिश करेंगे। वहीं, चक्रधर मानते हैं कि हिंदी भाषा को इसके सरलीकरण, फिल्म व मास मीडिया के तहत इसके प्रचार तथा नई तकनीक के साथ जोड़ कर लोकप्रिय बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा, "नई तकनीक के इस्तेमाल और हिंदी के उदार होने की वजह से इसमें चीनी भाषा को भी मात देने की क्षमता है।"

आगरा स्थित सीएचआई की मैसूर, गुवाहाटी और हैदराबाद में शाखाएं हैं। यह केंद्रीय संस्थान है जो भाषागत मानक स्थापित करता है। यहां चीन सहित अन्य देशों के कई छात्र प्रशिक्षण के लिए आते हैं।
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