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बजट की बयार से झूमा शेयर बाजार

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मुम्बई 01 फरवरी, वित्त वर्ष 2017-18 के आम बजट से बनी सकारात्मक धारणा और वाहनों की बिक्री के बेहतर आंकड़ों से ऑटो समूह में आयी जबरदस्त तेजी से बांबे शेयर बाजार (बीएसई) के 30 शेयरों वाले संवेदी सूचकांक - सेंसेक्स 485.68 अंक की छलांग लगाकर 28,141.64 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 8,700 के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 8,716.40 अंक पर दर्ज किया गया। ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजारों में तेजी के समाचार मिले जिससे घरेलू शेयर बाजार को बल मिला। आर्थिक सर्वेक्षण जारी किये जाने के बाद हुई बिकवाली के दबाव से टूटा सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में ही आम बजट के प्रति बनी सकारात्मक धारणा के कारण 13.12 अंकों की बढ़त में 27 ,669 अंक पर खुला। कारोबार के दौरान यह 27,590.10 अंक के निचले स्तर तक गया लेकिन 12 बजे के बाद इसमें तेजी से सुधार हुआ और यह 28,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 28,159.54 अंक के दिवस के उच्चतम स्तर तक पहुंचा। कारोबार समाप्ति पर यह गत दिवस की तुलना में 1.76 प्रतिशत की बढत लेकर 28,141.64 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी का ग्राफ भी सेंसेक्स की तरह ही रहा। शुरुआत में 9.05 अंक की बढ़त लेकर खुला निफ्टी दिवस के दौरान 8,537.50 अंक के निचले स्तर और 8,722.40 अंक के उच्चतम स्तर को छूता हुआ गत दिवस की तुलना में 1.81 फीसदी की तेजी के साथ 8,716.40 अंक पर बंद हुआ।

बजट : प्रधानमंत्री कौशल केन्‍द्रों का देशभर में होगा विस्‍तार

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नयी दिल्ली 01 फरवरी, सरकार ने प्रधानमंत्री कौशल विकास का विस्तार देशभर में करने और चार हजार करोड़ रुपए के आवंटन से आजीविका प्रोत्‍साहन कार्यक्रम ‘संकल्‍प’ शुरू करने की घोषणा की है। केंद्रीय वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने आज संसद में वर्ष 2017-18 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री कौशल केन्‍द्रों का विस्तार 60 जिलों से बढ़ाकर देशभर के 600 से अधिक जिलों में किया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि देशभर में 100 भारतीय अंतर्राष्‍ट्रीय कौशल केन्‍द्र स्‍थापित किए जाएंगे। इन संस्‍थानों में उन्‍नत प्रशिक्षण तथा विदेशी भाषा के पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे। इससे विदेशों में रोजगार की संभावना तलाश रहे युवाओं को लाभ होगा। श्री जेटली ने कहा कि चार हजार करोड़ रुपए की लागत से आजीविका प्रोत्‍साहन कार्यक्रम ‘संकल्‍प’ शुरू किया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत 3.5 करोड़ युवाओं को बाजार की मांग के अनुरूप प्रशिक्षण दिया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत 2017-18 में ऋण देने के लिए 2.44 लाख करोड रुपए का प्रस्‍ताव किया गया है। इसमें दलितों, जनजातियों, पिछड़े वर्गों, अल्‍पसंख्‍यकों और महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होेंने कहा कि दलितों, जनजातियों और महिला उद्यमियों को हरित क्षेत्र उद्यम स्‍थापित करने तथा रोजगार सृजक बनने में सहायता के लिए स्‍टेंडअप इंडिया योजना शुरू की गयी है। इस योजना के जरिए 16,000 से अधिक नए उद्यमी खाद्य प्रसंस्‍करण, परिधान, डायग्‍नो‍स्टिक सेंटर जैसे विविध कार्य करने लगे है।

बजट को निराशाजनक करार दिया बीएमएस ने, होगा विरोध

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नयी दिल्ली 01 फरवरी, भारतीय जनता पार्टी के सहयाेगी श्रमिक संगठन भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने आम बजट 2017-18 को कामगारों, वेतनभोगियों तथा गरीबों के लिए निराशाजनक करार देते हुए कहा है कि यह घाेषित उद्देश्य हासिल करने में सफल नहीं होगा और इसका विरोध किया जाएगा। बीएमएस के महासचिव बृजेश उपाध्याय ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि सभी संबद्ध संगठनों को आम बजट का विरोध करने के निर्देश दिए गये हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को नोटबंदी से बेराेजगार हुए लोगों को मुअावजा देने की व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गरीबी उन्मूलन के लिए “ट्रांसफार्म, एनर्जी और क्लीन इंडिया” का घोषित उद्देश्य वित्त मंत्री अरुण जेटली का आम बजट 2017-18 प्राप्त करने में सफल नहीं होगा। उन्होेंने कहा कि नोटबंदी के कारण सरकार के पास भारी राजस्व संग्रहित हुआ है लेकिन इसके अनुरुप सामाजिक खर्च नहीं बढाया है। नोटबंदी के कारण हुए पलायन पर बजट में कुछ नहीं कहा गया है। हालांकि मनरेगा का आवंटन बढ़ाया गया है लेकिन बेरोजगारी काे देखते हुए यह पर्याप्त नहीं है। आयकर में दी गयी छूट भी मामूली है।

चहल की घातक गेंदबाजी, भारत ने जीती सीरीज

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बेंगलुरु, 01 फरवरी, मैन आफ द मैच लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल (25 रन पर छह विकेट) के करियर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी और प्लेयर आफ द सीरीज तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह (14 रन पर तीन विकेट) की कहर बरपाती गेंदबाजी के दम पर भारत ने बुधवार को तीसरे और निर्णायक ट्वंटी-20 मैच में इंग्लैंड को 75 रन से हराकर तीन मैचों की सीरीज 2-1 से जीत ली। भारत ने सुरेश रैना और महेंद्र सिंह धेानी के अर्धशतकों की बदौलत छह विकेट पर 202 रन का विशाल स्कोर बनाया और फिर अपने गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन की बदौलत इंग्लैंड को 16.3 ओवर में 127 रन पर समेट कर 75 रन से मैच और सीरीज 2-1 से अपने नाम कर लिया। इंग्लैंड ने आखिरी के अपने सात विकेट मात्र आठ रन के अंदर गंवा दिये। चहल ने सैम बिलिंग्स (0), जाे रूट (42), इयोन मोर्गन (40), बेन स्टोक्स (6), मोइन अली (2) और क्रिस जॉर्डन (0) के विकेट झटके। इसके अलावा बुमराह ने जोस बटलर (0), लियाम प्लंकेट (0) और टाइमल मिल्स (0) को आउट किया। भारत ने टेस्ट और वनडे सीरीज भी अपने नाम किया था।

बजट में गांव, गरीब और रेलवे में सुरक्षा पर जोर

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नयी दिल्ली 01 फरवरी, भ्रष्टाचार रोकने के लिए नोटबंदी के विरोध को निराधार बताते हुये मोदी सरकार ने 2017 के आम बजट में गरीबों, किसानों और वेतनभाेगियों को राहत देेते हुये अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए अनके घोषणायें की है और रेलवे को सुरक्षित एवं यात्रा को सुगम बनाने पर जोर दिया गया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा आज मोदी सरकार के संसद में पेश चौथे बजट में ग्रामीण क्षेत्रों , बुनियादी सुविधा और गरीबी उन्मूलन के लिए संसाधनों में रिकार्ड बढोतरी की घोषणा के साथ ही नोटबंदी के असर से जल्दी ही निजात पाने का भरोसा जताया गया है। पहली बार 92 वर्षाें के इतिहास में रेल बजट को आम बजट में समाहित करते हुये श्री जेटली ने रेलवे के लिये एक लाख 31 हजार करोड रूपये का प्रावधान किया जिसमे 55 हजार 900 करोड रूपये सरकार देगी। कम आय वालों को राहत देने के लिए निजी आयकर की दर को आधा करने के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था की रीढ माने जाने वाले छोटे उद्यमियोें काे राहत और मोटी आमदनी वालों पर कर का बोझ बढाया गया है। चुनाव सुधारों की दिशा में अहम कदम उठाते हुये राजनीतिक दलाें को मिलने वाले नकद चंदे को किसी से 20 हजार रुपये से घटाकर केवल दो हजार रुपये कर दिया गया है। भ्रष्टाचार काबू करने की दिशा में एक और कदम बढाते हुये नकद लेनदेन की सीमा तीन लाख रुपये सीमित कर दी गयी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बजट को गांव,गरीब और किसान को समर्पित बताया है वहीं विपक्ष ने इसे दिशाहीन और निराशाजनक बताते हुये अर्थव्यवस्था में सुस्ती लाने वाला बताया है। उद्योग जगत ने बजट का स्वागत करते हुये इसे विकासोन्मुख बताया। बजट घोषणाओं के बाद शेयर बाजाराें ने लंबी छलांग लगायी। सेंसेक्स 486 अंक झूमा और निफ्टी ने 155 अंक की छलांग लगायी। डॉलर के मुकाबले रुपया भी 39 पैसे चढ गया। बजट में कार्पोरेट पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं डाला गया है बल्कि न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) में कुछ राहत दी गयी है। स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माने जाने वाले गुटखा, पान मसाला, बीड़ी और तंबाकू आदि पर शुल्क बढा दिया गया है। स्वच्छ ईंधन के लिए एलपीजी पर सीमा शुल्क ढाई फीसदी कर दिया गया है।

विपक्ष ने बजट को बताया निराशाजनक, सत्ता पक्ष ने कहा विकासोन्मुख

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नयी दिल्ली, 01 फरवरी, विपक्ष ने आम बजट को दिशाहीन, निराशाजनक और गुमराह करने वाला बजट करार देते हुए कहा है कि इससे आम जनता पर बोझ बढ़ेगा तथा अर्थव्यवस्था की हालत और खस्ता हो जाएगी जबकि सत्ता पक्ष ने इसे अर्थव्यवस्था तथा बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने वाला, किसानों को राहत पहुंचाने वाला और चुनाव में काले धन पर रोक लगाने वाला बताया और कहा कि इससे ‘सबका साथ, सबका विकास’ होगा। कांग्रेस, जनता दल (यू), वाम दलों, समाजवादी पार्टी तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि इस बजट ने नोटबंदी की मार झेल रही जनता को राहत दिलाने में कोई मदद नहीं की है बल्कि अप्रत्यक्ष करों का बोझ उस पर और बढ़ गया है। उसने कहा कि यह गुमराह करने वाला बजट है, जो पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों को दृष्टि में रखते हुए तैयार किया गया है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खरगे तथा जनता दल (यू) के शरद यादव सहित कई विपक्षी नेताओं ने बजट की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि इससे आम जनता को कोई राहत नहीं मिलेगी बल्कि उस पर अप्रत्यक्ष करों का बोझ और बढ़ा दिया गया है और इससे अर्थव्यवस्था की हालत बदतर हो जाएगी। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि बजट में ऐसी कोई बात नहीं है जिससे वित्त मंत्री को लगता है कि नोटबंदी का असर अल्पकालिक होगा तथा अर्थव्यवस्था पर इससे कोई असर नहीं पड़ेगा।

AISF का 4 फरवरी को परीक्षा समिति पर प्रदर्शन

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  • अरविन्द महिला काॅलेज में ए॰आई॰एस॰एफ॰ की इकाई गठित, इंटर पंजीयन में सुधार एवं शुल्क वापसी को लेकर प्राचार्या से घंटों बातचीत, चरणबद्ध आन्दोलन की चेतावनी, 4 फरवरी को परीक्षा समिति पर प्रदर्शन।


 4 फरवरी को परीक्षा समिति पर प्रदर्शन
पटना, 02.02.2017 । आज अरविन्द महिला काॅलेज में आॅल इण्डिया स्टूडेण्ट्स फेडरेशन के बैनर तले छात्रा सम्मेलन सम्पन्न हुआ। सम्मेलन में छात्राओं ने इंटर पंजीयन के विषय में गड़बड़ी, पी॰जी॰ तक निःशुल्क शिक्षा के आदेश का पालन नहीं करने, छात्रावास का आवंटन, विभिन्न मदों मंे मनमानी शुल्क वसूली, पेयजल-शौचालय की कमी, पुस्तकालय, काॅमन रूम आदि मसलों पर खुल कर बात की। वहीं इंटर पंजीयन में सुधार नहीं होने पर परीक्षा समिति के उच्चतर माध्यमिक कार्यालय पर प्रदर्शन का ऐलान किया। सम्मेलन पूनम ख़ातून और आलमा ख़ातून की संयुक्त अध्यक्ष मंडली में सम्पन्न हुआ। सम्मेलन में मौजूद ए॰आई॰एस॰एफ॰ के नेताओं ने छात्राओं को आश्वस्त किया कि संगठित एकता के बदौलत हर लड़ाई जीती जा सकती है। सम्मेलन में 45 सदस्यीय ए॰आई॰एस॰एफ॰ की काॅलेज इकाई का गठन किया गया। जिसमें पूनम ख़ातून को अध्यक्ष, आलमा ख़ातून को सचिव, नीतू कुमारी, फ़रहत एवं अंकिता राज को उपाध्यक्ष, खशबू कुमारी, राखी कुमारी एवं रिशु कुमारी को सह सचिव और जया भारती को कोषाध्यक्ष सर्वसम्मति से चुना गया। सम्मेलन के पश्चात् काॅलेज की प्राचार्या उषा सिंह से ए॰आई॰एस॰एफ॰ का प्रतिनिधि मण्डल मिला। प्रतिनिधिमण्डल ने प्राचार्या से कहा कि इंटर पंजीयन में विषयों के अदलाबदली की वजह से कई छात्राओं का भविष्य अधर में चला गया है। राज्य सरकार के पी॰जी॰ तक निःशुल्क शिक्षा के आदेश के बावजूद छात्राओं से पैसा वसूली गलत है। तत्काल पैसा उगाही पर रोक लगे और लिये गये पैसे को लौटाया जाए अन्यथा संगठन को चरणबद्ध आन्दोलन करने को विवश होना पड़ेगा। प्राचार्या श्रीमती ऊषा सिंह ने कहा कि शुक्रवार को पंजीयन में सुधार के लिए छात्राओं के आवेदन परीक्षा समिति को भेजे जायेंगे। वहीं नामांकन तिथि में विस्तार कर सभी छात्राओं के नामांकन लिए जायेंगे। शुल्क वसूली के मसले पर प्राचार्या ने सरकार से पैसा नहीं मिलने पर शुल्क वापसी में असमर्थता जताई। ए॰आई॰एस॰एफ॰ के नेताओं ने सरकार के आदेश का पालन नहीं करने पर आन्दोलन की चेतावनी दी।
वार्ता के दौरान प्रतिनिधिमंडल में शामिल ए॰आई॰एस॰एफ॰ के राज्य सचिव सुशील कुमार ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के सचिव अनुप कुमार सिन्हा से दूरभाष से बातचीत कर इंटर पंजीयन में सुधार करने के लिए कोई रास्ता निकालने एवं इंटर पंजीयन में सुधार का अधिकार काॅलेजों को ही देने की मांग की। परीक्षा समिति के सचिव श्री सिन्हा ने काॅलेजों को सुधार का अधिकार देने से इंकार किया लेकिन पंजीयन में आयी त्रुटियों को दूर करने का भरोसा दिलाया। प्रतिनिधिमंडल में संगठन के जिलाध्यक्ष पुष्पेन्द्र प्रणय, सचिव सुशील उमाराज, सह-सचिव राजीव कुमार, आलमा, पूनम, राखी, खुशबू, सुनीता, अंजलि मौजूद थी। ए॰आई॰एस॰एफ॰ की गठित अरविंद महिला काॅलेज इकाई मेें प्रियंका, उर्मिला, कोमल, मधु, प्रीति, सुनीता, अंजलि, प्रिया, जया, अर्चना, मीनू, खुशबू, गज़्ााला, अपराजिता, सुजाता, नीलम, भावना, कविता, मोहनी, निशा, पूजा, लाजिमा शामिल की गई।

कैशलेस रैली को दिखाई गई हरी झंडी

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दिल्ली। रिमोनेटाइज इंडिया-ए सिटिजंस प्लेज (नागरिक शपथ) अभियान के हिस्से के रूप में एक गो-कैशलेस रैली दिल्ली में आयोजित की गई। यह रैली डिजिटल होने और जरूरतमंद लोगों की बचत के जागरूकता अभियान के तौर पर चलाई गई। रैली के समर्थन में बड़ी संख्या में आम लोगों ने हिस्सा लिया।  हरिनगर आश्रम से शुरू हुई रैली सरोजिनी नगर, वसंत कुंज, वसंत विहार, राजौरी गार्डन होते हुए द्वारका पहुंची। विभिन्न जगहों पर बाइकर्स रूक कर लोगों को कैशलेस होने के लिए प्रोत्साहित कर रहे थे। इस गतिविधि का मुख्य उद्देश्य इस तथ्य के बारे में जागरूकता पैदा करना था। रिमोनेटाइज इंडिया अभियान समय की जरूरत और मांग को देखते हुए और इस आर्थिक क्रांति को सफल बनाने के लिए इस तरह की और रैलियां आयोजित करेगी।

इन्दर-दीपशिखा स्टारर ‘क्रीना’ संपन्न हुआ

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इन्दर व दीपशिखा स्टारर फिल्म ‘क्रीना का मुहूर्त पनवेल ( मुमंई ) स्थित सुर्वे फार्म में संपन्न हुआ। इस मौके पर निर्माता हरविन्द सिंह चैहान ने नारियल फोड़ा, क्रियेटिव डायरेक्टर श्यामल के मिश्रा ने कैमरा स्विच आॅन किया। संगीतकार दिलीप सेन इस अवसर पर मुहूर्त क्लैप दिया और इस मुहूर्त शाॅट को फिल्म के निर्देशक मुकेश कुमार ने निर्देशित किया।  मुहूर्त शाॅट इन्दर कुमार, शाहबाज खान और नवोदित पार्थ चैहान (जो इस फिल्म में टाइटल रोल निभा रहे हैं) पर लिया गया। फिल्म के अन्य कलाकार हैं सुधा चन्द्रन, सुदेश बेरी के अलावा कई अन्य कलाकार महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभा रहे हैं। पार्थ फिल्म्स इन्टरनेशल बैनर तले नवनिर्मित फिल्म ‘क्रीना’ के निर्माता हैं-हरविन्दर चैहान, फिल्म के निर्देशक मुकेश कुमार, क्रियेटिव निर्देशक श्यामल के. मिश्रा, फिल्म के लेखक भूषण सिंह, छायाकार शिवकुमार गौड, नृत्य निर्देशक मुकेश् कत्याल, कला-संजय सोनावने, गीतकार-श्यामल के. मिश्रा और भूषण सिंह। प्रोडक्शन मैनेजर-नरेश ठाकुर और रवीन्द्र बुन्देला। फिल्म के संगीतकार हैं-दिलीप सेन और फिल्म के प्रचारक हैं राजू कारिया। मुहूर्त के  साथ ही चालीस दिन का स्टार्ट टू फिनिश शूटिंग शेड्यूल शुरु हो गया है जो सुर्वे फार्म पनवेल, फिल्म सिटी, गोरेगांव, मुंबई के अलावा कुल्लू मनाली और शिमला भी शूट होगा।

जयपुर की दो बालिकाएं बनीं स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज की गुडविल अम्बेसडर

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जयपुर, जयपुर स्थित किड्स ओरिजिन पब्लिक स्कूल की दो छात्राओं को स्वस्थ भारत (न्यास) ने स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज कैम्पेन का गुडविल अम्बेसडर मनोनीत किया है. इस कैम्पेन को पूरे देश में फ़ैलाने के मकसद से निकली स्वस्थ भारत यात्रा दल ने अपने 2 दिवसीय जयपुर प्रवास के दौरान दिया गर्ग और नीलम शर्मा को गुडविल अम्बेसडर के लिए चुना. इन दोनों बालिकाओं को यह सम्मान स्कूल के वार्षिक उत्सव में दिया जायेगा. बसंतपंचमी के दिन स्वस्थ भारत यात्रा दल ने किड्स ओरिजिन स्कूल की बचियों से स्वास्थ्य चर्चा की. यात्रा दल के सदस्य एवं न्यास के चेरमैन आशुतोष कुमार सिंह ने छात्र-छात्राओं से संवाद करते हुए कहा कि अगर उन्हें आगे बढ़ना है, खूब सफलता प्राप्त करनी है तो स्वस्थ रहना पड़ेगा. इसके लिए जरूरी है की हम साफ सफाई पर ध्यान दें. घर के अंदर ही नहीं बल्कि बाहर की सफाई पर भी ध्यान देना अति आवश्यक है. उन्होंने बालिकाओ एवं बालकों से कहा की वे हरसंभव दातुन से मुँह धोएं. और इसके लिए नीम का पेड़ लगाना जरुरी है. उन्होने बचों को तुलसी एवं नीम के पेड़ के फ़ायदे गिनाये और सभी को पेड़ लगाने का होम वर्क दिया. इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा की सभी बचे अपने माता पिता को जाकर बताएं की बिना चिकित्सकीय सलाह के किसी भी दवा का सेवन न करें. इस दौरान बचो ने श्री आशुतोष से खूब सवाल जवाब किये और अपनी दिनचर्या के बारे में उनको बताया. किसी ने कहा की वह 14 घंटे टीवी देखता है तो किसी ने कहा की वह 9 घंटे तक सोता है. बचो ने अपने पसंदीदा कार्टून के बारे में भी आशुतोष से बात की. श्री आशुतोष ने उन्हें समझाते हुए कहा कि बचो को महात्मा गांधी के बताये रास्ते पर चलना चाहिए. और वे जो भी कार्य करें उसे अनुशाषित तरीके से करें.

संवाद शुरू होने के पूर्व स्कूल के शिक्षक मोहित कुमार ने यात्रा दल का परिचय बालक बालिकाओं से कराया.इस अवसर पर वरिष्ट पत्रकार एवं यात्रा दल के सदस्य कुमार कृष्णन जी, यात्री विनोद कुमार, स्कूल के निदेशक जीतेन्द्र सैनी, प्रेरणा सैनी, रुचिता शर्मा , शकुंतला कुमावत, नितिका रजावत, प्रिय अ रजावत, दीक्षा कुमावत , प्रियंका कंवर, नीतू शर्मा, किरण सैनी, रेणु जाँगिड़ सहित सैकड़ों छात्र छात्राएं उपस्थित थे.


गौरतलब है की स्वस्थ भारत (न्यास) गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के मार्गदर्शन में स्वस्थ भारत यात्रा संचालित कर रहा है. 16 हजार किमी की यह यात्रा पूरे भारत में जायेगी. भारत छोड़ो आंदोलन के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर निकली यह यात्रा स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज का संदेश देते हुए आगे बढ़ रही है. जयपुर से यह यात्रा कोटा होते हुए भोपाल पहुचेगी. यात्री दल से 9891228151, 9811288151 पर संपर्क किया जा सकता है. इस यात्रा को गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति, राजकमल प्रकाशन समूह, नॅस्टिवा अस्पताल, सवाद मीडिया, हेल्प एंड हॉप, स्पंदन, जलधारा, आर्यावर्त, आईडया क्रेकर्स सहित कई संस्थाओं का समर्थन प्राप्त है.

विशेष आलेख : जंकफूड से बीमार हो रहा है समाज

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दुनिया भर में सबसे ज्यादा लोग खानपान की विकृति की वजह से बीमार हो रहे हैं। खानपान की इस विकृति का नाम है जंकफूड और इससे पैदा हुई महामारी का नाम मोटापा है। स्थिति तब और भी ज्यादा गंभीर हो जाती है, जब हमें पता चलता है कि इनमें चैथाई तो बच्चे हैं। दिल्ली के स्कूली बच्चों के भोजन में सतर प्रतिशत जंक फूड है। और इसी जंक फूड से भारतीय महिलाएं मोटापा एवं अन्य घातक बीमारियों की शिकार हो रही है।  भारत में सबसे बड़ा जंक फूड समोसा, चिप्स और गोलगप्पे हैं जो गली-कूचे से लेकर बड़ी-बड़ी दुकानों में मिलते हैं। सरकार का प्लान चिप्स और समोसे पर जंक फूड की लेबलिंग करने का है। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण, ऐसे हर खाद्य पदार्थ को जंक फूड का लेबल देगा जिसमें मानक से ज्यादा नमक, शक्कर या चर्बी होती है। इसके अलावा स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थों से इनकी पहचान अलग की जाएगी। हमारी दृष्टि में प्राधिकरण की यह अच्छी पहल है ये और ऐसे अन्य प्रभावी कदम उठाये जाने की आवश्यकता है। जंकफूड के खिलाफ एक सशक्त आन्दोलन खड़ा किया जाना चाहिए। दिल्ली के स्कूली बच्चों के भोजन में सतर प्रतिशत जंक फूड है। वडा पाव, समोसा, पिज्जा, बर्गर, रोल, चिली, फैंच फ्राइज-ये सब किसे नहीं पसंद? लेकिन इनका हमारे शरीर पर होने वाला घातक परिणाम भी कम नहीं हैं। बच्चों के मामले में तो यह और भी नुकसानदायक इसलिए है कि जंक फूड का ज्यादा इस्तेमाल हमारे दिमाग की क्षमता को कम करता है और अनेक बीमारियों को आमंत्रित करता है। हाल में चूहों पर किए गए रिसर्च से पता चला कि लगातार एक सप्ताह तक फास्ट फूड खाने से उनकी दिमागी क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, किसी व्यक्ति के हर रोज के आहार में ज्यादा से ज्यादा 2-2.5 ग्राम ट्रांसफैट हो सकता है। 30 ग्राम प्राकृतिक चीनी। 20 ग्राम अतिरिक्त चीनी और नमक की मात्रा पांच ग्राम से भी कम। जबकि हमारे देश की स्थिति यह है कि 40 फीसदी से अधिक आबादी रोजाना 10 ग्राम से अधिक नमक का इस्तेमाल अपने भोजन में करती है। नमक के इस्तेमाल से रक्तचाप और अन्य घातक बीमारियांे के खतरे का सीधा संबंध है। विकसित देशों तो इस मामले में जागरूक हो चुके हैं और वे कैंसर, दिल की बीमारियों, डायबीटीज और फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों पर रोकथाम के लिए तत्पर हैं। कारण यह है कि इन मामलों में उन देशों की सरकारों की जिम्मेदारी होने के नाते उन्हें तमाम मरीजों के मेडिकल बिलों का भुगतान करना पड़ता है लेकिन हमारे देश में स्वास्थ्य सुविधाओं की क्या हालत है, यह किसी से नहीं छिपा।


पिज्जा बर्गर से तो लोगों को डरा सकते हैं, समोसे, चिप्स, गोलगप्पे से कैसे डराएंगे? क्योंकि अक्सर जिन चीजों पर नियंत्रण किया जाता है, दबाने की कोशिश की जाती है, वे ज्यादा प्रचलन में आते हैं। दरअसल इसके लिए सरकार को एक समग्र खाद्य नीति बनाने की जरूरत है। इसका मतलब यह नहीं कि प्राधिकरण का यह कदम बेकार है। प्राधिकरण का यह कदम उस समग्र खाद्य नीति की तरफ बढ़ाया हुआ पहला कदम भी हो सकता है। स्कूलों में बच्चों तक स्वास्थ्यवर्धक भोजन ही पहुंचे, इसका स्थायी इंतजाम हो। आधुनिक बीमारियों, दुःख एवं तनाव का बड़ा कारण हमारा खानपान है। कहावत है ‘‘जैसा खाओगे अन्न, वैसा बनेगा मन।’’ भोजन तीन प्रकार का होता है- सात्विक, तामसिक और राजसिक। सात्विक भोजन जहां मन को शुद्ध करता है, वहां तामसिक और राजसिक भोजन मन में एक प्रकार की उत्तेजना पैदा करते हैं, जिससे शरीर की ऊर्जा का अपव्यय होता है। इसलिए आहार-शास्त्र में सात्विक भोजन की सिफारिश की गई है और तामसिक तथा राजसिक भोजन से बचने का आग्रह किया गया है। जंकफूड तो तामसिक भोजन ही है और इसे व्यावसायिक हितों के तहत षडयंत्रपूर्वक देश में प्रचलित किया जाता रहा है। 

हमारे देश में शुद्ध एवं सात्विक आहार की समृद्ध परम्परा एवं प्रचलन रहा है। लेकिन बाजारवाद एवं विदेशी कम्पनियों ने जंकफूड को महिमामंडित करके जनजीवन में प्रतिष्ठापित किया गया है। जबकि हमारे यहां तो तरह-तरह के तनाव एवं बीमारियों को दूर करने के लिए गीता में शुद्ध आहार की बात कही गयी है। अर्थात् हमें सात्विक भोजन करना चाहिए और पूरी निद्रा लेनी चाहिए। जंकफूड़ मनुष्य की वृत्तियों को उत्तेजित करता है और निद्रा का पूरा न होना मन को बेचैन करता है। भोजन का संयम न हो तो शरीर स्वस्थ नहीं रह सकता। भोजन में कम खाने एवं सात्विक खाद्य का महत्व है। कहा गया है कि जितने आदमी भूख से मरते हैं, उससे अधिक ज्यादा खाने एव ंविकृत खानपान से मरते हैं। आहार का संतुलित एवं संयमित होना जरूरी है। वडा पाव, समोशा, पिज्जा,बर्गर, रोल, चैमिन,चिली, फैंच फ्राइ और कोलड्रिंक आदि ने लोगों के शुद्ध एवं स्वास्थ्यवर्द्धक खानपान पर कब्जा कर लिया है। आज लोग पौष्टिक आहार को कम फास्ट फूड या जंक फूड को ज्यादा तवज्जों देने लगे हैं। लेकिन इस जंक फूड से हमारी जिंदगी को कितना नुकसान पहुंच रहा है आपको अंदाजा नहीं है। 

जंक फूड का सेवन इतना नुकसानदेह है कि निरंतर इसके सेवन से शरीर शिथिल होता है, खुद को थका हुआ महसूस करते हैं। आवश्यक पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट की कमी की वजह से फास्ट फूड ऊर्जा के स्तर को कम कर देता है। जंक फूड का लगातार सेवन टीनेजर्स में डिप्रेशन का कारण बनता है। बढती उम्र में बच्चों में कई तरह के बायोलॉजिकल बदलाव आने लगते हैं। जंक फूड जैसे चाऊमिन, पिज्जां, बर्गर, रोल खाना बढ़ते बच्चों के लिए एक समस्या बन रहा है और वे डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं। मैदे और तेल से बने ये जंक फूड पाचन क्रिया को भी प्रभावित करते हैं। इससे कब्ज की समस्या उत्पन्न होती है। इन खानों में फाइबर्स की कमी होने की वजह से भी ये खाद्य पदार्थ पचने में दिक्कत करते हैं। ज्यादा से ज्यादा फास्ट फूड का सेवन करने वाले लोगों में 80 फीसदी दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। इस तरह के आहार में ज्यादा फैट होता है जो कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर में भी योगदान देता है। वसा से भरपूर खाद्य पदार्थ हृदय, रक्त वाहिकाओं, जिगर जैसे कई बीमारियों का कारण हैं। कैफीन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे कॉफी, चाय, कोला और चॉकलेट, सफेद आटा, नमक-ये कुछ ऐसी चीजें है जो तनाव को बढ़ाने में मदद करती है।     

बीमारियों पर नियंत्रण के लिए आवश्यक है कि हमारी इन्द्रियां हमारे काबू में रहें, जिह्वा पर नियंत्रण रहे, मन स्थिर हो, खानपान शुद्ध एवं सात्विक हो और बुद्धि निर्मल हो। तभी हमारे सारे क्लेश, बीमारियां दूर हो सकती हैं और हम स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते हैं।
एक बार आचार्य विनोबा भावे से किसी ने प्रश्न किया, ‘‘मैं बढ़िया मुद्रण करना चाहता हूं। उसके लिए क्या करूं?’’ विनोबा जी ने उत्तर दिया, ‘‘लौकी की सब्जी खाओ और गाय का दूध पीओ।’’ यह उत्तर सुनकर आदमी बड़ी हैरानी में पड़ा। उसने सोचा कि विनोबाजी ने प्रश्न को ठीक से सुना नहीं। उसने अपने प्रश्न को दोहरा कर कहा कि मुझे इसका जवाब दीजिए। विनोबा जी ने कहा, ‘‘मैंने इसी प्रश्न का ही तो जवाब दिया है। लौकी की सब्जी खाओगे तो पेट साफ रहेगा। गाय का दूध पीओगे तो बुद्धि निर्मल होगी। यदि पेट साफ है, और बुद्धि निर्मल है तो जो भी काम करोगे, वह अच्छा होगा।’’

शरीर और मन का संयम बुद्धि को भी संयमित कर देता है। मन काबू में आ जाता है तो बुद्धि स्वतः ही हमारे वश में हो जाती है। उसे तब भले-बुरे के बीच भटकना नहीं पड़ता। निर्मल बुद्धि की आंखों पर से चश्मा उतर जाता है। उसे अच्छा-ही-अच्छा दिखाई देता है। उसके स्पंदनों का प्रभाव सारे वातावरण पर पड़ता है। जिस प्रकार किसी देवालय के भीतर का वातावरण पावन-पवित्र होता है, उसी प्रकार निर्मल बुद्धि से व्यक्ति के चारों ओर पवित्रता फैल जाती है। जिसके फलस्वरूप जीवन बीमारियों से मुक्त होकर स्वस्थता से ओतप्रोत हो जाता है। आज हम भोगवादी सभ्यता में जी रहे हैं। हमारा तन नाना प्रकार की सुविधाएं चाहता है। धन चाहता है, वैभव की आकांक्षा करता है और क्षणिक सुख के पीछे दौड़ता है। इसी तरह मन भी बेकाबू होकर छलांग लगाता है, भांति-भांति की चीजों की ओर ललचाता है। जहां तक बुद्धि का संबंध है, उसका दायरा बहुत सिमट गया है, सिकुड़ गया है। वह असार को देखती है और सार को गौण मान लेती है। निरोगी जीवन के लिए आवश्यक है कि हमारी इन्द्रियां हमारे काबू में रहें, मन स्थिर हो और बुद्धि निर्मल हो। तभी हमारे सारी बीमारियां दूर हो सकती हैं और हम स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते हैं। हर मनुष्य स्वस्थ जीवन की आकांक्षा रखता है। लेकिन विडम्बना है कि लालसा सुख की और जीवन की दिशाएं दुख की, सबसे ज्यादा जिह्वा की लालसा ने भी अनेक बीमारियों का सृजन किया है। इसका कारण बुद्धि भी है, उसका दायरा बहुत सिमट गया है, सिकुड़ गया है। वह असार को देखती है और सार को गौण मान लेती है। जब बुद्धि पर स्वार्थ का चश्मा चढ़ जाता है तो यही स्थिति बन जाती है, वह असलियत को नहीं देख पाती। ऐसी बुद्धि सुख का नहीं, दुख का कारण बनती है, बीमारियों का कारण बनती है। जरूरत जीवन पर मंडरा रहे इस खतरे से सावधान होने की है।               




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(ललित गर्ग)
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सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 02 फरवरी)

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राष्ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस 9 फरवरी को

राष्ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस 9 फरवरी,2017 को मनाया जायेगा, जिसमें 1 से 19 वर्ष तक के स्कूली व अन्य बच्चों को कृमिनाशक दवा के रूप में चबाने वाली अल्बेंडाजॉल की गोली खिलाई जायेगी। 15 फरवरी को छूटे हुए बच्चों हेतु मॉप अप राउंड आयोजित किया जाएगा। इस वर्ष अभियान में अशासकीय शालाओं को भी सम्मिलित किया गया है।


नेशनल लोक अदालत में नगरीय निकायों में लंबित, विभिन्न करों में छूट का प्रावधान

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली द्वारा संपूर्ण देश में आगामी 11 फरवरी को आयोजित वार्षिक नेशनल लोक अदालत के परिप्रेक्ष्य में राज्य शासन के नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा प्रदेश के नगर पालिक निगम, नगर पालिकायें और नगर परिषदों के लंबित विभिन्न करों के प्रकरणों में छूट प्रदाय करने संबंधी निर्देश जारी किये गये है। नगरीय निकाय के प्रकरणों में पक्षकारों को नियमानुसार छूट प्रदाय करें तथा इस छूट के प्रावधान का व्यापक प्रचार-प्रसार करना सुनिश्चित करें।  राज्य शासन के नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा प्रदेश के नगर पालिक निगम, नगर पालिकायें और नगर परिषदों के लंबित विभिन्न करों के प्रकरणों में छूट प्रदाय करने संबंधी प्रावधानों के अंतर्गत संपत्ति कर के ऐसे प्रकरण जिनमें कर और अधिभार की राशि 50 हजार रूपये तक बकाया होने पर मात्र अधिभार में शत-प्रतिशत, संपत्ति कर के ऐसे प्रकरण जिनमें कर और अधिभार की राशि 50 हजार रूपये से अधिक और एक लाख रूपये तक बकाया होने पर मात्र अधिभार में 50 प्रतिशत तथा संपत्ति कर के ऐसे प्रकरण जिनमें कर और अधिभार की राशि एक लाख रूपये से अधिक बकाया होने पर मात्र अधिभार में 25 प्रतिशत तक की छूट दी जायेगी। इसी प्रकार जल कर के ऐसे प्रकरण जिनमें कर और अधिभार की राशि 10 हजार रूपये तक बकाया होने पर शत-प्रतिशत, जल कर के ऐसे प्रकरण जिनमें कर और अधिभार की राशि 10 हजार रूपये से अधिक और 50 हजार रूपये तक बकाया होने पर मात्र अधिभार में 75 प्रतिशत और जल कर के ऐसे प्रकरण जिनमें कर और अधिभार की राशि 50 हजार रूपये से अधिक बकाया होने पर मात्र अधिभार में 50 प्रतिशत की छूट दी जायेगी। यह छूट मात्र एक बार वित्तीय वर्ष 2015-16 तक की बकाया राशि पर ही और मात्र नेशनल लोक अदालत की तिथि 11 फरवरी  के लिये ही दी गई है।

निरामय बीमा व्यय की राशि का क्लेम 30 मार्च तक लिया जा सकेगा

मानसिक, बहुविकलांग जिनको आर्थिक सहायता प्राप्त हो रही है ऐसे मानसिक हितग्राहियों का राष्ट्रीय न्यास की निरामय बीमा योजना के अंतर्गत शासन द्वारा चिकित्सीय बीमा किया गया है। इस संबंध में ऐसे हितग्राही जिनका बीमा हो चुका है वह चिकित्सा पर व्यय होने वाली राशि के भुगतान हेतु दावा 30 मार्च 2017 तक कर सकते है। ऐसे हितग्राहियों - पालकों से अनुरोध किया गया है कि दावा हेतु दावा फार्म सीधे जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र से या राष्ट्रीय न्याय की बेबसाइड www-nationaltrust-gov-in से प्राप्त कर सकते है। हितग्राही 30 मार्च तक दावा करें और शासन की निरामय स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ उठायें। 


नर्मदा जयंती के अवसर पर जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं का हुआ आयोजन

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नर्मदा जयंती के अवसर पर चंद्रशेखर आजाद शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सीहोर मंे जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। भाषण, निबंध, स्वरचित काव्य पाठ, समूह गान एवं नाटक विधाओं की प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमंे जिले की संस्थाओं के प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रमों का आयोजन का उद्देश्य माॅ नर्मदा के प्रति प्रेम एवं जिम्मेदारियों के निर्वहन के साथ नर्मदा सेवा यात्रा का प्रचार प्रसार किया जाना है। प्रतियोगिता कार्यक्रम मंे नर्मदा सेवा यात्रा के जिला स्तरीय नोडल अधिकारी श्री राजेश राय उपस्थित हुऐ। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्या डाॅ. पुष्पा दुबे ने की, विशिष्ट अतिथि के रूप मंे डाॅ. सुधीर त्रिवेदी ने उपस्थित होकर नर्मदा के शास्त्रोंत्व महत्व को रेखांकित किया। कार्यक्रम का संयोजन डाॅ.  मीना सक्सेना तथा संचालन डाॅ. भूपेन्द्र झा ने किया। भाषण, प्रतियोगिता मंे नीलेष तिवारी प्रथम, मनीष तिवारी द्वितीय एवं देवेन्द्र ठाकुर ने तृतीय स्थान अर्जित किया। निंबध प्रतियोगिता मंे प्रथम स्थान पवन पन्सारी, द्वितीय स्थान उमेश पन्सारी एवं तृतीय स्थान मनीष तिवारी ने अर्जित किया। स्वरचित काव्य पाठ मंे प्रथम स्थान शशि दोहरे, द्वितीय स्थान साक्षी दुबे एवं तृतीय स्थान पर नरेन्द्र वर्मा रहे। इन विधाओं मंे प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र के साथ पुरूस्कार राशि क्रमशः प्रथम स्थान के लिये पांच हजार, द्वितीय स्थान के लिये तीन हजार एवं तृतीय स्थान के लिये दो हजार रूपये दी जावेगी। इस अवसर पर डाॅ. राजकुमारी शर्मा, प्रोफेसर रीना धुर्वे, डाॅ. दीपा श्रोती, डाॅ. नयरारूथ कुमार, डाॅ. जया शर्मा एवं डाॅ. देवेन्द्र बडबडे ने निर्णायक की भूमि का निर्वाह किया।  जिला स्तरीय समूह गान प्रतियोगिता सलकनपुर मंे 03 फरवरी,2017 को आयोजित होगी, जिसके लिये जिला स्तरीय प्रतिभागियों का चयन किया गया। जिसमंे प्रथम स्थान नूतन बाल विद्या मंदिर ने प्राप्त किया, द्वितीय स्थान पर दिव्या शुक्ला समूह तथा तृतीय स्थान पर कलावती समूह रहा, जो सलकनपुर मंे निर्णायक प्रतियोगिता मंे भाग लेगा। समूह गान प्रतियोगिता के लिये प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले समूह को पचास हजार, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले समूह को तीस हजार एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले समूह को बीस हजार रूपये पुरूस्कार राशि के साथ प्रमाण पत्र दिया जावेगा। 

चर्च ग्राउण्ड पर आज होगी मैराथन दौड
नर्मदा सेवा यात्रा 2016 के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रमों मंे 03 फरवरी, 2017 को मैराथन दौड का आयोजन चर्च ग्राउण्ड मंे किया गया है। मैराथन दौड के उपरांत चर्च ग्राउण्ड मंे आयोजित कार्यक्रम मंे विजयी प्रतिभागियों को पुरूस्कार वितरण किया जावेगा। 

उधानिकी मंत्री श्री सूर्य  प्रकाष मीणा ने  आष्टा स्थित उधान विभाग की नर्सरी का अवलोकन कर किया पौधारोपण

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आज उधानिकी तथा खाद़य प्रसंस्करण स्वतंत्र प्रभार, मंत्री श्री सूर्यप्रकाष मीणा ने भौपाल से उज्जैन जाते समय कार्यालय उधान विकासखण्ड आष्टा भाग 2 का अवलोकन कर उधानिकी विभाग द्वारा चलाई जा रही समस्त योजनाओं के बारे में सहायक संचालक उधान जिला सीहोर से जानकारी प्राप्त की ,व उधानिकी आधारित फसलों को बडावा देने पर भी जोर दिया जिससे हर वर्ग का कृषक उधानिकी विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ ले सके।श्री मीणा ने अवलोकन के पष्चात पौध रोपण किया इस अवसर पर सहायक संचालक उद़यान श्री एके मिश्रा, एवं विकासखंड अधिकारी श्री ज्ञानसिंह बर्डे.,सुरेंद्र यादव,हरिसिंह,दिनेष आदि उपस्थित थे।

बजट विशेष : मोदी सरकार का “कांग्रेसी” बजट

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2014 में नरेंद्र मोदी बदलाव के नारे के साथ सत्ता में आये थे और जनता को भी उनसे बड़ी उम्मीदें थीं. लेकिन तीन साल पूरे होने को आये हैं और मोदी सरकार कोई नयी लकीर खीचने में नाकाम रही है, मोटे तौर पर वह वह पिछली सरकार के नीतियों का ही अनुसरण करते हुए दिखाई पड़ रही है. हालांकि इसके साथ उनकी यह कोशिश भी है कि पुराने लकीर को पीटने में नयापन दिखाई दे. 2017 के बजट में भी यही फार्मूला अपनाया गया है बजट में कुछ नया नहीं है और अगर इसे जेटली की जगह चिताम्बरम पेश करते तो शायद इसमें शेरो-शायरी के आलावा  कोई खास फर्क नहीं होता. लेकिन जैसा की मोदी सरकार आमतौर पर करने की कोशिश करती हैं 2017-18 के आम बजट को लेकर भी कई चीजें को परम्परा तोड़ते हुए “पहली बार” करने की कोशिश की गयी है, जैसे इस बार बजट को अपने निर्धारित समय से करीब एक महीने पहले ही पेश किया गया है,इसी तरह यह पहला मौका है जब आम बजट में रेल बजट को भी शामिल किया गया है और पहली यह बार ही है जब बजट में सभी मंत्रालयों एवं विभागों को शामिल करते हुए इसे एक समेकित परिणाम बजट के रूप में पेश किया गया है. इस बजट पर “सूट-बूट” और कारपोरेट परस्त सरकार की छवि तोड़ने और पांच राज्यों में होने जा रहे चुनावों की छाप दिखाई पड़ती है, इसके लिए “गाँधी” और “गावं” को मुखौटा बनाया गया है और खुद को गाँधीवादी व किसान हितेषी सरकार के तौर पर पेश करने की कोशिश की गयी है. हालांकि वितमंत्री ने अपने पूरे भाषण में सबसे ज्यदा 102 बार “टैक्स” शब्द का उपयोग किया लेकिन  इस सूची में “गरीब” शब्द चौथे स्थान पर था जिसका उन्होंने 15 बार जिक्र किया है. वितमंत्री ने ने जीएसटी और नोटबंदी को अपने पिछले साल की उपलब्धि के तौर पर पेश किया है, हालांकि नोटबंदी के तथाकथित उपलब्धियों को लेकर उनका आत्मविश्वाश डिगा हुआ नजर आया और ज्यादातर समय वे सफाई पेश करते हुए ही दिखाई पड़े वे  घुमा-फिराकर यही बता पाए कि इससे अर्थवयवस्थाबिगर, क्लीनर और रियल हो जायेगी. इस बार के बजट में   टॉन्सफॉर्म, एनर्जाइज़ और क्लीन इंडिया’ का नया नारा दिया गया है और डिजिटल इंडिया पर भी जोर रहा है.


2017 के बजट का ट्रेक पुराना है, यह पहले खीचे गये लकीर से बाहर नहीं निकल पाती है और 2014 में हुए आम चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी द्वारा किये गये आसमानी वायदों को मुंह चिढ़ाती है. यह बदलाव नहीं यथास्थिति को बनाये रखने का बजट है. इस बार का फोकस रोटी, मकान और डिजिटल भारत पर है. जहाँ एक तरफ महात्मा गांधी की 150वीं जयंती यानी  2019 तक एक करोड़ परिवारों को ग़रीबी से बाहर निकलने, 5 साल में किसानों की आय किसी “जादू” से दोगुना कर देने जैसी घोषणाये हैं वहीँ 'विफलताओं के स्मारक” मनरेगा के बजट को  38,500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 48,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है. 2019 तक 1 करोड़ लोगों को मकान देने का लक्ष्य रखा गया है और और 3 लाख रुपये से ज्यादा के नकद लेन-देन पर रोक लगा दी गई है, मिडिल क्लास के लिए  2.5 लाख से 5 लाख रुपए तक की आय पर लगने वाले  टैक्स 10 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है. रेलवे को लेकर कम घोषणायें है  और इसमें यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक लाख करोड़ के कोष व आईआरसीटीसी के ज़रिए ई-टिकट बुकिंग्स के दौरान सर्विस चार्ज नहीं लगने जैसे ऐलान किये गये हैं. 

इस बजट की खास बात रही कि इसमें कई लक्ष्यों को समयसीमा के साथ जोड़ दिया गया है जैसे  2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य और 1 मई 2018 तक हर गांव में बिजली उपलब्ध कराना, उम्मीद है इससे बजट की जवाबदेहिता बढ़ेगी. राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाले बेनामी चंदे की सीमा को 20 हजार रुपये  से घटाकर दो हजार कर दिया गया है जो कि एक बड़ा फैसला है. लेकिन जो 2,000 रुपये की सीमा बनाये रखे गयी है  उसका भी फायदा उठाया जा सकता है हाँ अगर यह सीमा पूरी तरह से समाप्त कर दी गयी होती तो इसका प्रभाव देखने को मिल सकता था. इस बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र की अनदेखी साफ़ नजर आती है जो कि बजट भाषण के विषय सूची में भी शामिल ही नहीं हैं,  उच्च शिक्षा में  दाखिले के लिए राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी बनाये जाने की घोषणा की गयी है और स्कूली शिक्षा के गिरते स्तर को बेहतर बनाने और सेकेंडरी एजुकेशन को प्रोत्साहित करने की बात कहके पीछा छुड़ा लिया गया है. जाहिर है सावर्जनिक शिक्षा का घाव बहुत गहरा है और ईलाज सतही. मोदी सरकार के पिछले बजटों में समार्ट सिटी और बुलेट ट्रेन का खासा शोर था लेकिन इस बार इन दोनों पर खामोशी बरती गयी है. 

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि "हमारा समाज मुख्यतः टैक्स को न मानने वाला समाज है."उन्होंने बताया कि भारत में केवल  2.7 करोड़ करदाता है. लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि भारत उन मुल्कों में शामिल है जहाँ असमानता की खाई सबसे चौड़ी है इस साल जनवरी में ऑक्सफेम की एक रिपोर्ट आयी थी जिसके मुताबिक भारत की 58 फीसदी संपत्ति पर केवल 1 प्रतिशत लोगों का कब्जा है. आंकड़े गवाह हैं कि भारत की 85 प्रतिशत से ज्यादा आबादी छोटी खेती, खेतिहर मजदूर,असंगठित क्षेत्र में नौकरी या छोटे-मोटे धंधे करने वाली है और इतना नहीं कमाती है यह आबादी आयकर के दायरे में आ सके . हालांकि यह आबादी भी  इनडायरेक्ट टैक्स तो भरपूर देती है, सुबह उठने से लेकर लोग जो खुछ भी खरीदते हैं या सेवा लेते हैं तो उन्हें इसके लिए अच्छा-खासा “कर” या “सेवा कर”तो चुकाते हैं. डायरेक्ट टैक्स के दायरे में करीब दस से बारह प्रतिशत लोग ही आते होंगें जिसे हम मिडिल क्लास कहते हैं. लेकिन यह एक ऐसा वर्ग है जिसमें से ज्यादातर लोग सीमा रेखा के पास ही बने रहते हैं और उनपर नीचे लुढ़कने का खतरा बना रहता है. एक और कारण इस वर्ग का चरित्र भी है जो अपने अखबार का चुनाव भी गिफ्ट मिलने के चक्कर में करता है. सरकारों को भी सोचना चाहिए कि इधर आप सामाजिक सुरक्षा में लगातार कटौती करते जा रहे हैं तो दूसरी तरफ टैक्स को लेकर अपेक्षायें भी बढ़ाते जा रहे हैं यह दोनों एक साथ संभव नहीं है. बजट से पहले पेश किये गये आर्थिक सर्वेक्षण में स्वीकार किया गया है कि नोटबंदी से देश की अर्थ-व्यवस्था को गहरा नुक़सान पहुँचाया है जीडीपी में वृद्धि की पिछले साल की दर 7.6 से घट कर 6.5 प्रतिशत रह सकती है और रोजगार पर भी इसका गहरा असर पड़ा है. लेकिन बजट इस पर खामोश रहा है. 


भाजपा एक दक्षिणपंथी पार्टी है कांग्रेस भी है लेकिन दोनों में  एक फर्क है भाजपा आर्थिक रूप से खुद को उतना दक्षिणपंथी  साबित नहीं कर पायी है जितना की कांग्रेस है, वर्तमान में केंद्र की सत्ता पर काबिज भाजपा का बुनियादी जोर संघ कुनबे के अपने अन्य सदस्यों के साथ मिलकर दक्षिणपंथ के अपने सामजिक-सांस्कृतिक एजेंडे को आगे बढ़ना है. इसलिए हम देखते हैं कि सामजिक-सांस्कृतिक मुद्दों पर तो भाजपा का रास्ता अलग है और अब वे यहाँ बाकियों का अजेंडा तय करने की स्थिति में आ चुके हैं लेकिन आर्थिक मुद्दों पर वे कांग्रेस का अनुसरण ही करते हैं. 2017 का बजट इस कड़ी की एक और मिसाल है. 


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जावेद अनीस 
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पुस्तक अश्वमेधा -एक राजनीतिक थ्रिलर का विमोचन

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नई दिल्ली: अपर्णा सिन्हा और सृष्टि प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक अश्वमेधा  का विमोचन कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में हुआ। इस अवसर पर दिल्ली भाजपा  अध्यक्ष श्री सतीश उपाध्याय, थिएटर क्रिटिक व लेखक दीवान सिंह बजेली, लेखक श्री नीतीश्वर कुमार उपस्थित थे। अश्वमेधा  कहानी है अश्विन जामवाल की जो एक ईमानदार प्रशासनिक अधिकारी के रूप संघर्ष करने के बाद राजनीतिक अखाड़े में उतरता है। अपने सिद्धांतों पर अडिग रहते हुए अश्विन को राजनीति की दुनिया में श्रेष्ठता हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी। राजनीति में आठ वर्ष बिताने के बाद अश्विन भारत के प्रधानमंत्री बन जाता है। अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान एक वैश्विक संकट के कारण वह एक नियंत्रित स्थिति में पहुंच जाता है और धीरे-धीरे वहां दुनिया में ‘सबसे ताकतवर इंसान’ बन जाता है। अश्विन को इस बात का ज्ञान नहीं था कि पिछले 25 वर्षों ‘हेड्स’ नामक एक व्यक्ति है जिसने उसके इर्द-गिर्द सारी घटनाएं बुनी, राजनीति में उनके प्रवेश से लेकर दुनिया भर में उनके नियंत्रण तक। कोई ऐसा था जिसने उसे शक्तिशाली बनाया, लेकिन एक बड़ा मकसद था उसे बर्बाद करना।   पूरी किताब तीन भागों में बंटी है। पहले भाग में है अश्विन जमवाल के प्रधानमंत्री पद तक पहुंच का सफर। दूसरे भाग में है विवरण उन घटनाओं का जिनसे अश्विन दुनिया का सबसे ताकतवर व्यक्ति बन जाता है। भारत की भू राजननीतिक स्थिति इसका मूल केंद्र है। किताब का आखिरी भाग घूमता है शातिर व्यक्ति के खोज के आसपास जिसमें रहस्य तब खुलता है जब अश्विन के पीछे सारी गतिविधियां नियंत्रित करने वाला व्यक्ति उससे गुप्त मुलाकात करने कहानी में उजागर होता है-जो कि होता है उसकी बर्बादी का आमंत्रण। 


सतीश उपाध्याय,  ने कहा कि इस शैली की किताबें लोगों को राजनीति के प्रति जागरूक करती हैं और यह पढ़ने और समझने के लिए काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान युग में अंजान रहना सही विकल्प नहीं है। वहीं दूसरी ओर नीतीश्वर कुमार ने किताब की विषय-वस्तु की प्रशंसा करते हुए कठिनाइयों के बावजूद राजनीति के प्रति अधिक नैतिक दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया। किताब के विषय के बार में दीवान सिंह बजेली न¢ कहा कि विश्व राजानीति के ज्ञान में निपुण ऐसे लेखकों इस तरह के और अधिक रचनाएं प्रस्तुत करने हेतु प्रोत्साहित करना आवश्यक है, क्योंकि आज के सूचनाओं से अटी पड़ी दुनिया में हमारे जीवन को प्रभावित करने वाली बाहरी उत्तेजनाओं के बारे में जागरूक होना अत्यंत आवश्यक है। अपर्णा सिन्हा ने कहा, “मैं अपनी पहली किताब अश्वमेधा के विमोचन पर अत्यंत प्रसन्न हूं। अवमेधा  के कई संस्करण और अर्थ हैं, जहां किसी ने इसकी तुलना सूर्य और इसके तेज से की वहीं दूसरों ने इसे काफी अपमानजनक बताया। चाहे जो भी इसका अर्थ हो इसक मुख्य रूप से मकसद था अन्य राज्यों को चुनौती देना। इसका लक्ष्य था प्रभुत्व स्थापित करनाय ताकि शक्ति का प्रदर्शन कर सके”। अपर्णा ने आगे कहा, “यह काल्पनिक किन्तु संभावनाओं पर आधारित कहानी है। जिसमें ऐतिहासिक,साहित्यिक और विचार धाराएं हो रही घटनाओं का आधार बनीं”। 

नेटवर्क जस्टलाइक न्यूइन ने दिल्लीवेरी के साथ साझेदारी की।

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  • इस कदम का उद्देश्य स्मार्टफोन मरम्मत को तेज, स्मूद और अधिक सुलभ बनाना है



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नई दिल्ली। भारत के प्रमुख स्मार्टफोन की मरम्मत सेवा के नेटवर्क श्रनेजस्पामछमू.पद ने ओमनी चैनल ई-कॉमर्स के संबल क्मसीपअमतल के साथ अपने सहयोग की घोषणा की है। स्मार्टफोन और टैबलेट उपयोगकर्ताओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाले रिपेयर को त्वरित और अधिक सुविधाजनक व सुलभ बनाने के लिए विभिन्न राज्यों और देश के केंद्र शासित प्रदेशों में 6400 पिन कोड में मरम्मत सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना इस कदम का उद्देश्य है। श्रनेजस्पामछमू और क्मसीपअमतल के बीच साझेदारी से उपयोगकर्ता के घर या कार्यालय से मरम्मत के लिए डिवाइस को  मुफ्त से एकत्र किया जा सकेगा। डिवाइस को निकटतम वर्कशॉप में भेजे जाने के बाद इसे मरम्मत कर बिना किस ग्राहकों के प्रयास से इच्छित स्थान पर वापस कर दिया जाएगा। विशेष रूप से यह टियर 2 और टियर 3 शहरों के ग्राहकों के लिए एक नई पहल है, जो अक्सर उनके इलाकों में गुणवत्ता युक्त पार्ट्स और पेशेवर मरम्मत सेवाएं खोजने में असमर्थ होते हैं। साझेदारी पर टिप्पणी करते हुए श्रनेजस्पामछमू.पद के सह-संस्थापक और सीओओ राहुल अग्रवाल ने कहा, ष्श्रनेजस्पामछमू.पद में, हमें विश्वास है कि भारतीय उपभोक्ताओं को सुविधा, गुणवत्ता या कीमत से किसी भी प्रकार का समझौता किए बिना स्मार्टफोन और टैबलेट मरम्मत की सुविधाएं प्राप्त हो सके। हम स्मार्टफोन की मरम्मत का एक स्मार्ट नेटवर्क बनाना चाहते है, जिससे उपयोगकर्ताओं को उनकी दहलीज पर बिक्री के बाद की मरम्मत और रखरखाव सेवाएं प्राप्त हो सके। क्मसीपअमतल के साथ साझेदारी से हमें यही मिलेगा। हमें उम्मीद है कि इस साझेदारी से देश भर में हमारे ग्राहकों के लिए स्मार्टफोन मरम्मत का एक सहज और सुविधाजनक अनुभव बना रहेगा। 


इन दोनों प्लेटफार्मों का उद्देश्य देश भर में उपभोक्ताओं के लिए संपूर्ण समाधान प्रदान करने का एक जैसा लक्ष्य है। ग्राहकों के लिए उत्पाद कि हेरफेर को निजीकृत करने के मिशन के साथ, बाजार कि कमियों को समझने की क्मसीपअमतल की अनूठी समझ श्रनेजस्पामछमू.पद की उद्यमशीलता की संवेदनशीलता के लिए एक अच्छी जोड़ी है। इस सहयोग से, विशेष रूप से टियर 2 और टियर 3 शहरों में वितरण की प्रक्रिया को सरल बनाया जा सकेगा, जो स्मार्टफोन उपयोगकर्ता के स्वामित्व अनुभव में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। आईआईटी और एक्सएलआरआई के पूर्व छात्रों द्वारा 2015 में स्थापित,  तत्कालीन असंगठित स्मार्टफोन और टैबलेट सेवाओं के मरम्मत उद्योग को संगठित करने के लिए प्रतिबद्ध है। ल के साथ हाल ही में की गई भागीदारी देश भर के उपयोगकर्ताओं के लिए मानकीकरण और लागत प्रभावी समाधान प्रदान करने की दिशा में एक अतिरिक्त कदम है।

नोटबंदी के मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस का राज्यसभा से बहिर्गमन

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नयी दिल्ली 02 फरवरी, तृणमूल कांग्रेस ने नोटबंदी के विरोध के मामले में सरकार पर बदले की कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए आज राज्यसभा से बहिगर्मन किया। उपसभापति पी जे कुरियन ने सुबह जरुरी विधायी कामकाज निपटाने के बाद शून्यकाल की कार्यवाही शुरू करने के लिए संबंधित सदस्य का नाम पुकारा तो तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन अपनी सीट पर खडे हो गए और कहा कि नोटबंदी के मुद्दे पर सदन में बहस की गयी है और पूरा विपक्ष इस मामले में एक एकजुट है। नोटबंदी के कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पडा रहा है और लगभग 135 लोगों की मृत्यु भी हुई। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने लोगों की परेशानियों को जोर दार ढंग से उठाया है और सरकार की कडी आलोचना की है जिससे सरकार तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को जेल में बंद कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार राजनीतिक बदले की भावना से काम कर रही है और इसे सहन नहीं किया जाएगा। सरकार को अपने रवैया बदलना चाहिए। उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा की भी मांग की। इस बीच कांग्रेस के आनंद शर्मा ने इस मुद्दे पर बोलना चाहा लेकिन श्री कुरियन ने उन्हें अनुमति नहीं दी। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस सुखेंदू शेखर राय भी बोलने के लिए खडे हो गए लेकिन उन्हें भी अनुमति नहीं दी गयी। इस पर श्री राय बहिर्गमन की घोषणा करते हुए अपनी पार्टी के सभी सदस्यों के साथ सदन से बाहर चले गए। उन्होंने मोदी की तानाशाही नहीं चलेगी की नारे भी लगाए।

अहमद की मौत मामले की जांच हो : रमेश चेन्निथला

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नयी दिल्ली, 02 फरवरी, केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता एवं पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष रमेश चेन्निथला ने केंद्र सरकार पर बजट पेश करने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री ई अहमद के साथ साजिश करने का संदेह जताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आज पूरे मामले की विस्तृत जांच कराने की मांग की है ताकि दोषियों को सजा दिलायी जा सके। श्री चेन्निथल्ला ने आज यहां प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पूर्व विदेश राज्य मंत्री अहमद के निधन के रहस्य से पर्दा हटाने के लिए मामले की समग्र जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि बजट एक दिन टल जाता तो आसमान नहीं गिर जाता। कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि राममनोहर लोहिया अस्पताल प्रशासन ने श्री अहमद के स्वास्थ्य पर कोई बुलेटिन क्यों नहीं जारी किया। उन्होंने पूर्व मंत्री के इलाज में लापरवाही बरते जाने का भी आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें गहन जांच कक्ष से ट्रामा सेंटर में स्थानान्तरित किया गया था लेकिन वहां ड्यूटी पर सिर्फ पीजी छात्र थे। कांग्रेस नेता ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से भी स्पष्टीकरण की मांग की है। उन्होंने बताया कि पूर्व मंत्री को देखने गये कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी काे अस्पताल प्रशासन ने बताया कि इसकी अनुमति के लिए अधिकृत अधिकारी मौजूद नहीं है। दोनों नेताओं को करीब ढाई घंटे तक इंतजार कराया गया। श्री अहमद की डाक्टर बेटी और दामाद को भी पिता से मिलने नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि केरल के कद्दावर नेता श्री अहमद के साथ जिस तरह का अमानवीय बर्ताव किया गया उससे राज्य की जनता आहत है । इस बीच आरएमएल अस्पताल प्रशासन ने कल जारी विज्ञप्ति में कहा था कि श्री अहमद का इलाज विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम ने किया था। उल्लेखनीय है कि श्री अहमद 31 जनवरी को संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान अचेत हो गये थे। उसके बाद उन्हें अारएमएल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डाक्टरों ने बुधवार की तड़के उन्हें मृत घोषित किया था।

क्षेत्रीय और भाषाई अखबारों का हक नहीं मारा जायेगा : नायडू

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नयी दिल्ली 02 फरवरी, सरकार ने आज कहा कि विज्ञापन नीति में पिछले वर्ष किये गये संशोधनों के कारण असल में छप रहे अखबारों पर कोई आंच नहीं आयेगी जबकि नाममात्र के लिए छप रहे अखबारों का पता लगा जायेगा और क्षेत्रीय तथा भाषाई अखबारों को उनका वाजिब हक दिया जायेगा। सूचना और प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने राज्यसभा में पूरक प्रश्नों के जवाब में कहा कि अखबारों को दिये जाने वाले विज्ञापनाें के बारे में एक निश्चित नीति है जो दिशानिर्देशों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि विज्ञापन देने के निश्चित मानक हैं जिनके आधार पर अखबारों का विज्ञापन दिये जाते हैं। अखबारों की प्रतियों की बिक्री संख्या इसका एक मुख्य कारक है। विज्ञापन देने के मामले में निश्चित दिशा निर्देशों का पालन करने में कोई कोताही नहीं बरती जाती। उन्होंने कहा कि देश में ऐसे अखबारों की संख्या काफी है जो नाममात्र के लिए छप रहे हैं। इनका पता लगाने के लिए अखबारों की प्रसार संख्या से जुडी संस्था के साथ बैठक बुलाई गयी है । विभिन्न प्रिंटिंग प्रेस के आर्डरों की भी समीक्षा की जा रही है । जैसे लखनऊ की एक प्रिंटिंग प्रेस से 60 अखबारों के संस्करण छपने की बात कही जा रही है इसकी जांच की जायेगी। उन्होंने कहा कि राजधानी दिल्ली से ही 977 अखबार निकलते हैं , उत्तर प्रदेश से 2324 , राजस्थान से 675 और मध्य प्रदेश से 616 अखबार निकाले जा रहे हैं। श्री नायडू ने स्पष्ट किया कि असल में छपने वाले अखबारों पर किसी तरह की आंच नहीं आयेगी और उन्हें उनके हक के विज्ञापन मिलेंगे। क्षेत्रीय और भाषाई अखबारों को भी विज्ञापन के मामले में उनका हक दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही एक समीक्षा बैठक होने वाली है जिसमें इन अखबारों को तरजीह दिये जाने के बारे में चर ्चा की जायेगी।

आरएसएस के एजेंडे पर चलकर मोदी सरकार आरक्षण खत्म करने की फिराक में : मायावती

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बुलंदशहर 02 फरवरी, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने आरोप लगाया है कि केन्द्र में सत्तारूढ नरेन्द्र मोदी की सरकार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के एजेंडे पर चलकर आरक्षण खत्म करना चाहती है। सुश्री मायावती ने अाज कहा कि बसपा आरएसएस के एजेंडे को कभी सफल नहीं होने देगी। उन्होने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)समान आचार संहिता, तीन तलाक, लव जेहाद, गोरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भय, आतंक का वातावरण बनाने में लगी है । जीटी रोड स्थित भाटगढ़ी में चुनावी रैली को सम्बोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति चौपट है। लूट, हत्या, डकैती, गुंडागर्दी चरम पर है। हर तरफ असुरक्षा का माहौल है। उन्होने आरोप लगाया कि बसपा के शासन काल में जो विकास योजनायें शुरू हुई थीं, सपा सरकार ने उनको पूरा किया और अब इनका श्रेय लेने की कोशिश में है। उन्होंने समाजवादी पाटी (सपा) कांग्रेस का गठबंधन राजनीतिक स्वार्थ के चलते सत्ता पर काबिज होने के उद्देश्य से बना है। कांग्रेस 37 वर्ष तक उत्तर प्रदेश में तथा 54 वर्ष तक केंद्र में सत्ता में रही लेकिन दलित और अल्पसंख्यकों के लिए कुछ नहीं किया। अपनी गलत नीतियों के चलते ही कांग्रेस को सत्ता से बेदखल होना पड़ा।

छात्रों की आत्महत्या के मामलों में कार्रवाई करे सरकार : कुरियन

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नयी दिल्ली 02 फरवरी, कोचिंग सेंटरों में छात्रों की आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त हुये राज्यसभा के उपसभापति पी जे कुरियन ने आज कहा कि सरकार को इन की रोकथाम के लिए उचित कार्रवाई करनी चाहिए, कांग्रेस की विप्लव ठाकुर ने सदन में शून्यकाल के दौरान कोटा के काेचिंग सेंटरों में छात्रों की आत्महत्या का मामला उठाया और कहा कि सरकार को इन घटनाओं को रोकने की दिशा में कदम उठाने चाहिए। उन्होेंने कहा कि कुछ महीनों के भीतर ही 100 से ज्यादा छात्र आत्महत्या कर चुके हैं। सुश्री ठाकुर की इस बात का समर्थन करते हुए श्री कुरियन ने कहा कि यह गंभीर मामला है और छात्रों काे इस स्थिति से बचाने के लिए कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने सत्तापक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि शिक्षामंत्री को जवाब देना चाहिए। हालांकि उस समय संबंधित मंत्री सदन में मौजूद नहीं थे तो उन्होंने सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम. वेंकैया नायडू से जवाब देने काे कहा। इस पर श्री नायडू ने आश्वासन दिया कि छात्रों पर मेरिट में अाने के लिए दबाव बना रहे कोचिंग सेंटरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार छात्रों को कोचिंग सेंटरों के अनाश्वयक दबाव से बचाने के उपाय करेगी और इस मामले को देखेगी। सुश्री ठाकुर ने कहा कि छात्रों पर माता पिता और इन कोचिंग सेंटरों का भारी दबाव होता है जिससे वे अपना स्वाभाविक जीवन भूल जाते हैं। कई छात्र इस दबाव से टूट जाते है और अपना जीवन समाप्त कर लेते हैं। उन्होेंने कहा कि सरकार को कोचिंग सेंटरों के लिए कानून बनाना चाहिए और पूरे मामले की जांच करनी चाहिए।

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