सीएनटी व एसपीटी एक्ट में संशोधन किसी कीमत पर स्वीकार नहीं, आदिवासियों-मूलवासियों के बीच मतभेद पैदा करना भाजपा सरकार की नीति बन चुकी है। 2019 के चुनाव में हठधर्मी रघुवर दास को मिलेगा करारा जवाब। आदिवासी अधिकार विरोधी आदिवासी नेताओं का हो बहिष्कार।
अमरेन्द्र सुमन (दुमका), पूरे भारतवर्ष के जिन-जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार बनी है वहाँ आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों व अल्पसंख्यकों का शोषण जारी है। फूट डालो, शासन करो की नीति पर चलती है यह पार्टी। चाहे हिन्दू-मुस्लिम के बीच फूट डालने की बात हो, आदिवासी-गैर आदिवासी के बीच की बात, अगड़ों-पिछड़ों के बीच की बात या फिर बाहरी-भीतरी के बीच की बात। सत्ता में बने रहने के लिये इस पार्टी से जो भी बन पड़ता है उसे करने से नहीं झिझकती है। उप राजधानी दुमका के गाँधी मैदान में 38 वें झारखण्ड दिवस के अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री व झामुमोें के कार्यकारी अध्यक्ष हेमन्त सोरेन ने कही। संताल परगना के विभिन्न जिलों, गिरिडीह, धनबाद, बोकारो व राँची से परंपरागत वाद्ययंत्रों व हथियारों के साथ हजारों की तादाद में पहुँचे कार्यकर्ताओं व संताल नागरिकों को संबोधित करते हुए हेमन्त सोरेन ने कहा कि सीएनटी व एसपीटी एक्ट आदिवासियों-मूलवासियों की आत्मा है। हम जान दे देगें किन्तु किसी कीमत पर जमीन देने को तैयार नहीं है, चाहे इसके लिये जो भी कीमत चुकानी पड़े। दिशोम गुरु शिबू सोरेन, पूर्व उप मुख्यमंत्री व महेशपुर के विधायक स्टीफन मरांडी, शिकारीपाड़ा विस क्षेत्र के विधायक व झामुमों के वरिष्ठ नेता नलिन सोेरेन, पूर्व स्पीकर सत्यानन्द भोक्ता, राजमहल के एमपी विजय हांसदा, रविन्द्र नाथ महतों, हाजी हुसैन अंसारी, सीता सोरेन, अमित महतों, सुफल मराण्डी, अकिल अख्तर, लोबिन हेम्ब्रम, सुुुफल मरांडी, जोयेस बेसरा, महुआ मांझी, विजय सिंह, सुभाष सिंह की उपस्थिति में झामुमों के युवा नेता हेमन्त सोरेन ने कहा कि पूरे भारतवर्ष के 15 करोड़ आदिवासियों की स्थिति काफी दयनीय है। वे पूरी तरह बेरोजगार हो चुके हैं। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, जैसे राज्यों की सड़कों, बिल्डिंगों व अन्य दिहाड़ी कार्यों में लगे इनके बीच भूखमरी की स्थिति मौजूद है। पीएम नरेन्द्र मोदी के नोटबंदी से लोग पूरी तरह बेरोजगार हो चुके हैं। केन्द्र में मोदी व सूबे में रघुवर सरकार ने अंबानी, अडानी जैसे उद्योगपतियों को पूरी तरह फलने-फूलने का मौका दे दिया है। गली-मुहल्लों तक जियो सीम घुस चुका है। फ्री इंटरनेट की वजह से लोग कर्ज ले-लेकर भी जियो मोबाईल खरीद रहे हैं। और मोबाईल में सिर्फ बीजेपी का प्रचार मिल रहा है। स्कूलों में इन दिनों रामदेव का योगा चलाया जा रहा है।
इसके लिये सरकार 7 से 8 सौ करोड़ रुपये खर्च कर रही है और उनके प्रचार में 5 सौ करोड़ रुपये तक खर्च कर दे रही है किन्तु किसानों के ऋृण के 15 सौ करोड़ रुपये माफ नहीं कर पा रही। रात्रि 11ः40 से प्रारंभ अपने सवा घंटे के भाषण में हेमन्त सोरेन ने कहा रघुवर सरकार के पाप का घड़ा अब भर चुका है। उसे फोड़ना जरुरी है। हमें अब करो या मरो की नीति अपनानी होगी। आदिवासी विरोधी नेताओं को भी अब नहीं छोड़ा जाऐगा। हर जगह उनका बहिष्कार किया जाऐगा। उन्होनें कहा विधायकों का निलंबन सरकार की हठधर्मी नीति को परिभाषित करता है। जिस हठधर्मी से रघुवर सरकार कार्य कर रही है, सूबे की अवाम वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्हें अवश्य पाठ पढ़ाएगी। बहुमत के गुरुर में सरकार किसी की सुन नहीं रही। उन्होनें कहा नोटबंदी की वजह से सैकड़ों लोग मर गए। झारखण्डी अवाम को यह तय करना होगा कि हमें मरना है या फिर रघुवर सरकार को मारना है। उन्होनें कहा पहले रेलवे प्लैटफार्म टिकट का मूल्य 3 रुपये था जिसे बढ़ाकर 10 रुपये कर दिया गया है। श्री सोरेन ने कहा अब तो आरबीआई पर भी अंगुली उठने लगी है। आरबीआई की गिरती साख पर आर बी आई के कर्मचारी हीे पत्र लिखकर गर्वनर को इससे अवगत करा रहे हैं। उन्होनें कहा दाल-रोटी, चावल की कीमत आसमान छू रही है जबकि मोबाईल में इंटरनेट फ्री बांटा जा रहा है। दाल-चावल, तेल फ्री कर के दिखाओ तो जाने। श्री सोरेन ने कहा कि संसद में प्रस्तुत बजट में किसानों के लिये कुछ भी नहीं किया गया है। इस बजट में उद्योगपतियों को पूरी राहत दी गई है। बेरोजगारों का जिक्र तक नहीं किया गया है। सूटबूट वाली मोदी सरकार अब धोती-कुर्ता पर उतर चुकी है। श्री सोरेन ने कहा बीजेपी का रंग अब उतर रहा है, लोग इसकी असलियत से वाकिफ होने लगे हैं। इन भेड़िये को पहचानना जरुरी है। सामाजिक, आर्थिक स्तर पर ऐसे लोग देश को बर्बाद कर रहे हैं। उन्होनें कहा आदिवासी-मूलवासी की जमीन कोई ले नहीं सकता।
इसके लिये व्यापक स्तर पर आंदोलन जारी रहेगा। उन्होनें कहा इसी संताल परगना की धरती पर पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि आदिवासियों-मूलवासियों की जमीन कोई ले नहीं सकता किन्तु उन्हीें के चेले रघुवर दास ने ऐसा कर दिखाया जो पूरे देश के लिये शर्मनाक बन गया। पूर्व उप मुख्यमंत्री व महेशपुर के विधायक स्टीफन मराण्डी ने कहा कि हमारे उपर बहुत बड़ा गाज गिरा है। सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन, स्थानीयता व नियोजन की नीति पूरी तरह झारखण्डियों के विरुद्ध है। लोगों की अस्मिता, संस्कृति व वजूद को बचाए रखने के लिये गुरुजी ने झारखण्ड मुक्ति मोर्चा का निर्माण किया था। सीएनटी व एसपीटी एक्ट में संशोधन हम कभी नहीं स्वीकार कर सकते। संशोधन वापस लिया गया तो फिर आंदोलन स्थगित कर दिया जाऐगा। उन्होनें कहा संगठन में ही वह ताकत है जिसकी बदौलत हम सरकार को झुका सकते हैं। उन्होनें कहा हमारे परंपरागत हथियारों पर सरकार की नजर लग गयी है। जिन चुनौतियों को सरकार ने हमारे उपर थोपा है, उन चुनौतियों का डटकर हमें मुकाबला करना होगा। सालखन मुर्मू पर शब्दवाण चलाते हुए कहा कि दिनाजपुर, मालदा से लोगों को दुमका लाकर सालखन मुर्मू दिखलाना क्या चाहते हैं। उड़ीसा का व्यक्ति संताल परगना आकर लोगों को दिग्भ्रमित करने का काम कर रहा है। मूल रुप से सालखन मुर्मू भाजपा व आरएसएस का एजेंट है। यह व्यक्ति वही करता है जो भाजपा व आरएसएस कहती है। उन्होनें कहा नरेन्द्र मोदी आदिवासियों का इतिहास मिटा रहे हैं। आदिवासियों-मूलवासियों में फूट पैदा की जा रही है। जाति, मजहब, धर्म से उपर उठकर हमें एकजुट होकर आदिवासी विरोधी ताकतों को परास्त करना होगा। रघुवर सरकार हमें हमारी औकात बताना चाहती है। वर्ष 2019 के चुनाव में झारखण्ड की जनता रघुवर दास को उसकी औकात बता देगी।
उन्होनें कहा रघुवर दास जिस नीति के तहत लगातार निर्णय लेते जा रहे, हमनें पिछले 35 वर्षों में ऐसा नहीं देखा। यह बेवकूफी की हद है। राजमहल के सांसद विजय हांसदा, सिल्ली के विधायक अमित महतों, पूर्व मंत्री व पार्टी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के नेता हाजी हुसैन अंसारी, पूर्व स्पीकर सत्यानंद भोक्ता, सुफल मरांडी, लोबिन हेम्ब्रम, संजीव महतों, महुआ मांझी व अन्य ने भी अपने-अपने विचार प्रकट किये। रात्रि 1ः00 बजे के आसपास झामुमों के सुप्रिम नेता व दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने अपना भाषण दिया। इस अवसर पर नगर अध्यक्ष रवि यादव, देवघर, गोड्डा, पाकुड़, साहेबगंज के जिलाध्यक्ष नरसिंह मुर्मू, राजेश मंडल, श्याम यादव, नुरुल इस्लाम, केन्द्रीय सचिव पंकज मिश्रा, पार्टी प्रवक्ता अभिषेक कुमार पिंटू, देवघर, पाकुड़, साहेबगंज के जिला सचिव, जिलाध्यक्ष राँची सुशिला जी इत्यादि मौजूद थे। मंच संचालन की जिम्मेवारी पार्टी के वरिष्ठ नेता व अधिवक्ता विजय सिंह ने निभाई।