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ई अहमद की मौत पर लोकसभा में हंगामा, प्रश्नकाल बाधित

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नयी दिल्ली 06 फरवरी, कांग्रेस तथा केरल के विपक्षी सदस्यों ने इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के सांसद ई अहमद की मौत की जांच कराने की मांग करते हुए आज लोकसभा में हंगामा किया जिसके कारण सदन में प्रश्नकाल नहीं चल सका। 


प्रश्नकाल बाधित रहने के बाद 12 बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस तथा अन्य कई सदस्यों के विभिन्न मुद्दों पर दिए गए स्थगन प्रस्तावों को खारिज कर दिया तो हंगामा कर रहे सदस्य अपनी सीटों पर खड़े होकर अध्यक्ष से अपनी मांगों पर विचार करने का अनुरोध करने लगे। श्रीमती महाजन ने उनके आग्रह को नहीं सुना और भारतीय जनता पार्टी के डॉ महेश शर्मा का नाम पुकारा और राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा शुरू कर दी। इससे नाराज वामदलों, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, जनता दल यू, राष्ट्रीय जनता दल सहित सभी विपक्षी सदस्यों ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में सदन से बहिर्गमन कर दिया। 



इससे पहले सुबह 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेस तथा कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य अपनी सीटों पर खड़े होकर श्री अहमद के निधन से जुड़े मामले को उठाने की मांग करने लगे लेकिन अध्यक्ष ने उनकी नहीं सुनी और प्रश्नकाल शुरू कर दिया। इसी बीच हंगाम कर रहे सदस्य हाथों में तख्तियां लेकर आसन के सामने आ गए और शोर शराबा करने लगे। सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे कुछ कहना चाहते थे लेकिन अध्यक्ष ने उन्हें बोलने की इजाजत नहीं दी। 



अध्यक्ष ने हंगामा कर रहे सदस्यों से शांत रहने का आग्रह करते हुए कहा कि श्री अहमद सदन के वरिष्ठ सदस्य रहे हैं। उनको सदन में श्रद्धांजलि दी गयी और एक दिन के सदन की कार्यवाही उनके सम्मान में स्थगित भी रखी गयी इसलिए इस मामले में हंगामा करना उचित नहीं है। उन्होंने सदस्यों से तख्तियां नहीं दिखाने और हंगाम बंद करके अपनी सीट पर जाने को कहा लेकिन हंगामा कर रहे सदस्यों ने उनकी नहीं सुनी और अध्यक्ष ने पांच मिनट के भीतर ही सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी।

मनरेगा के तहत काम पाने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं: तोमर

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नयी दिल्ली 06 फरवरी, केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने आज राज्यसभा में स्पष्ट किया कि मनरेगा के तहत काम पाने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं बनाया गया है लेकिन मनरेगा को आधार कार्ड से जोड़ने की अंतिम तिथि 31 मार्च निर्धारित की गयी है पर जरूरत पड़ने पर उस तिथि को भी बढ़ाया जा सकता है। 


श्री तोमर ने प्रश्नकाल के दौरान भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी़ राजा के प्रश्न के जवाब में यह बात कही। उन्होनें कहा कि इस वर्ष तीन जनवरी को ग्रामीण विकास मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर यह निर्देश दिया कि मनरेगा के तहत जिस किसी व्यक्ति ने अब तक अपना आधार कार्ड नहीं बनवाया है, उसे 31 मार्च 2017 तक आधार के लिए आवेदन करना होगा लेकिन राज्य सरकार यदि अनुरोध करेगी तो उस तिथि को भी बढ़ाया जाएगा। 



उन्होंने कहा कि मनरेगा में पारदर्शिता लाने के लिए और भुगतान को सुनिश्चित करने के लिए इसे अनिवार्य नहीं बनाया गया है। मनरेगा का बजट इस बार बढ़ाया गया है और 51 लाख एसेट्स को इंटरनेट पर जियोटैग भी किया गया है। 

इसके पहले ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रामकृपाल यादव ने भाजपा के डी़ राजा के पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि अभी तक किसी राज्य ने यह शिकायत नहीं की है कि आधार कार्ड के अभाव में किसी को मनरेगा के तहत काम से वंचित रखा गया है। उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति इस आधार पर काम न पाने की शिकायत करता है तो सरकार कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि मनरेगा के 80 प्रतिशत मजदूरों ने स्वैच्छा से ही आधार कार्ड बना लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार उच्चतम न्यायालय के आदेश का सम्मान करती है और उसने आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं बनाया है।

तृणमूल सांसदों ने एच-1बी वीजा मुद्दे पर संसद के बाहर प्रदर्शन किया

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नयी दिल्ली 06 फरवरी, अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने अमेरिकी प्रशासन के एच-1बी वीजा मामले में निर्णय के मद्देनजर भारतीय आईटी कंपनियों के हित सुरक्षित रखने के लिये आज संसद के बाहर प्रदर्शन किया। पार्टी सांसद स्वागत रॉय और डेरेक ओ ब्रायन ने पार्टी के अन्य सदस्यों मुन मुन सेन,कल्याण बनर्जी और प्रसून बनर्जी के साथ संसद के बाहर महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया। 

इन तख्तियाें पर लिखा था,‘भारतीय आईटी क्षेत्र विश्व में रोजगारों के सृजन एवं इसमें अपना सहयोग देता है।’,‘आईटी पेशेवर आप हमारे गौरव हो और हम आपके साथ हैं।’,‘ भारतीय आईटी कंपनियों के हितों को सुनिश्चित किया जाये।’ कई सदस्यों ने कहा कि फार्चून 500 की सूची में शामिल कंपनियाें में 70-75 प्रतिशत भारतीय काम करते हैं और एच1बी वीजा नियम लागू करने से भारतीय आईटी कंपनियों पर बेहद बुरा असर पड़ेगा। 

स्कूली छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति बंद कर शिक्षक को वेतन का विरोध

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bkmu-oppose-biharपटना, 06 फरवरी। भारतीय खेत मजदूर यूनियन की बिहार राज्य इकाई के अध्यक्ष रामनरेष पाण्डेय, पूर्व विधायक एवं महासचिव जानकी पासवान ने एक बयान जारी कर राज्य सरकार द्वारा स्कूली छात्र-छात्राओं की दी जानेवाली छात्रवृत्ति बंद कर उसकी राषि षिक्षकों के वेतन पर खरचने के निर्णय की तीव्र निन्दा करते हुए कहा कि इससे गरीब परिवार, खासकर अनुसूचित जाति, जनजाति के बच्चे-बच्चियों पर सर्वाधिक बुरा प्रभाव पड़ेगा। सरकार का यह दावा कि चूंकि 12वीं के बाद पढ़ाई जारी रखने वास्ते सभी छात्रों को स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत चार लाख रूपये का ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इसलिए छात्रवृत्ति जारी रखना गैर जरूरी है, सरासर जिम्मेवारी से भागने वाला है क्योंकि जब गरीब, दलित पिछड़े व अति पिछडे़ समूहों के बच्चें छात्रवृत्ति के अभाव में स्कूली षिक्षा-प्राथमिक से बारहवीं तक ही पूरी करने में असमर्थ हो जाएंगे तो स्टुडंेट क्रेडिटकार्ड उनके लिए सपना ही रह जाएगा। फिर छात्रवृत्ति को षिक्षा ऋण के साथ जोड़ना कहाँ की समझदारी है?


स्मरणीय है कि वर्ष 2013 में कक्षा एक से दस तक की छात्राओं और एस.सी, एस-टी-पिछड़े-अतिपिछडे़ छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजना शुरू की गयी जिसकी घोषणा स्वयं मुख्यमंत्री नीतीष कुमार ने स्वाधीनता दिवस के मौके पर 15 अगस्त, 2013 को की थी। 2014 में सामान्य कोटि के डेढ़ लाख रू॰ से कम आमदनी वाले परिवारों के छात्रों के लिए भी इस योजना को विस्तारित कर दिया गया जिसके तहत कक्षा एक से चार तक के छात्रों को प्रतिमाह 50 रू॰, कक्षा 5-6 के बच्चों के लिए 100 रू॰ प्रतिमाह, कक्षा 7 से 10  तक बच्चों को 150 रू॰ प्रतिमाह छात्रवृत्ति की व्यवस्था की गयी थी। अब इसे स्थगित करते हुए उस मद की राषि षिक्षा विभाग को लौटाने का निर्देष अनुसूचित जाति/ जनजाति विभाग और पिछड़ा - अति पिछड़ा कल्याण विभाग को मुख्य सचिव की ओर से दिया गया है। भारतीय खेत मजदूर यूनियन के नेताद्वय ने कहा कि यह कितना हास्यास्पद है कि छात्रवृत्ति और षिक्षा ऋण का घालमेल कर गरीबों के बच्चों से षिक्षा के अवसर छिने जा रहे हैं जो दसवीं तक पहुंचने के बीच में ही ड्राप-आउट हो जाएगा, वह तो षिक्षा ऋण का दावेदार भी नहीं हो सकेगा। दलितों को इससे सर्वाधिक नुकसान होगा क्योंकि उच्च षिक्षा के लिए उन्हें दी जानेवाली छात्रवृत्ति पहले ही समाप्त की जा चुकी है जिसका बड़े पैमाने पर प्रतिरोध भी हुआ, परंतु सरकार ने कान में तेल डालकर उनकी अनसुनी कर दी और एवज में षिक्षा ऋण का ‘नायाब तोहफा’ थम्हा दिया।  सर्व श्री पांडेय और पासवान ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि वे स्कूली षिक्षा से दलित, पिछड़े, अति पिछडे़, के साथ-साथ कमजोर पृष्ठ भूमि के सामान्य कोटि के बच्चे-बच्चियों को वंचित करनेे वाले इस आदेष को वापस कराएं और नौनिहालों के भविष्य को सुरक्षित करें, षिक्षा की रोषनी और उससे जुड़े रोजगार एवं जीवन के अवसरों को उनके लिए सिमटने से रोकें। 

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 06 फरवरी)

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इस माह में होगी जिला विकास समन्वय एवं  निगरानी समिति ’’दिशा’’ की बैठक 

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सांसद श्री आलोक संजर, सहअध्यक्ष  जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (डीडीसीएमसी) ’’दिशा’’ की अध्यक्षता में माह फरवरी,2017 में समिति की बैठक का आयोजन किया गया है। इस सिलसिले में कलेक्टर डा. सुदाम खाडे ने समस्त विकास प्रमुखों को निर्देशित किया है कि वे अपने विभाग से संबंधित जानकारी साफ़ट एवं हार्ड कापी में 7 फरवरी,2017 जिला कार्यालय को भिजवाना सुनिश्चित करें ताकि फोल्डर तैयार कर समिति के सदस्यों को बैठक के एक सप्ताह पूर्व उपलब्ध कराया जा सके! कलेक्टर डा. सुदाम खाडे ने बताया कि बैठक के एजेण्डे में पूर्व बैठक का पालन प्रतिवेदन पर चर्चा के साथ महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण गारंटी योजना, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना, दीनदयाल उपाध्याय योजना (एनआरएलएम ), दीनदयाल उपाध्याय योजना कौशन विकास योजना, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण एवं शहरी, मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम, राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम, पीएमजीएसवाय, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), यूडीएवाय, एएमआरयूटी, एनएलआरएमटी, दीलदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, सर्वशिक्षा अभियान, एकीकृत बाल विकास योजना, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, डिजीटल इण्डिया पब्लिक इंटरनेट एैसेस प्रोग्राम, प्रत्येक ग्राम पंचायत में सामान्य सेवा केन्द्र उपलब्ध कराना एवं टेलीकाॅम रेलवेज, हाइवेज, वाटरवेज, माइन्स आदि जैसे अवसंरचना संबंधी कार्यक्रमो को शामिल किया गया है। 


जिले की समस्त प्राथमिक तथा माध्यमिक शालाओं में  “मिल बाॅचे” मध्यप्रदेश कार्यक्रम का आयोजन 18 फरवरी को  

बच्चों में पढ़ने हेतु प्रोत्साहित करने की दृष्टि से माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान द्वारा एक अभिनव पहल की गई है जिसमें 18 फरवरी, 2017 को मध्यप्रदेष की समस्त प्राथमिक तथा माध्यमिक षालाओं में ‘‘मिल बाॅंचे मध्यप्रदेष’’ कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है जिसका उद्देष्य बच्चों में पाठ्यपुस्तकों के अतिरिक्त अन्य पुस्तकों के पढ़ने एवं समझने की रूचि विकसित करना है तथा षासकीय षालाओं में प्रबुद्धजनों एवं समुदाय की सहभागिता बढ़ाते हुये बच्चों के व्यक्तित्व विकास में सहायता करना है। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री षिवराजसिंह चैहान द्वारा जिले के कलेक्टर डाॅ. सुदाम खाडे तथा पुलिस अधीक्षक श्री मनीष कपूरिया सहित समस्त जिला प्रमुखों सहित 18 फरवरी 2017 को आयोजित ‘‘मिल बाॅंचे मध्यप्रदेष’’  कार्यक्रम में किसी एक षास. प्राथमिक/माध्यमिक षाला में षामिल होकर मध्यप्रदेश में षिक्षा में गुणवत्ता स्तर में सुधार हेतु योगदान की अपील की। साथ ही उन्होंने विडियो कान्फ्रंेस में यह भी बताया कि वे स्वयं तथा म.प्र. मंत्रीमंडल के मंत्रियों सहित सभी विधायकगण भी किसी एक स्कूल में अपने आप को पंजीकृत कराकर उस स्कूल में आयोजित इस कार्यक्रम में उपस्थित होंगे। मुख्यमंत्री द्वारा  निर्देष दिये कि जिले के अधिकारी सघन अभियान चलाकर स्थानीय जनप्रतिनिधिगणों, स्कूल चलें हम के पंजीकृत प्रेरकों, समाज सेवकों, निजी क्षेत्र में कार्यरत पेषेवर व्यक्ति, डाक्टर्स, इंजनियरर्स, वकीलों, पत्रकारों, सेवानिवृत अधिकारी/कर्मचारियों, विभिन्न विभागों में कार्यरत अधिकारी/षासकीय सेवकों, एन0सी0सी0 विद्यार्थी, खिलाड़ी आदि तथा षाला से पढ़े पूर्व छात्र जो किसी ऐसे पद पर हैं जो बच्चों के लिए प्रेरणादायी हों, को आग्रह कर इस कार्यक्रम हेतु किसी एक षासकीय प्राथमिक/माध्यमिक षाला में आॅनलाइन पंजीकृत कराकर षाला में उनकी सहभागिता सुनिष्चित करायें। जिले में 2024 षासकीय प्राथमिक तथा माध्यमिक षालायें संचालित हैं। कलेक्टर तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सहित जिले के कई वरिष्ठ अधिकारी इस कार्यक्रम में किसी एक विद्यालय में षामिल होने हेतु पंजीयन करा चुके हैं। कलेक्टर द्वारा अपील की गई है कि उक्तानुसार इच्छुक व्यक्ति इस हेतु www.schoolchalehum.mp.gov.in पोर्टल पर 10 फरवरी 2017 तक स्वंय पंजीयन कर सकते हैं अथवा निकटस्थ बी.आर.सी. कार्यालय के सहयोग से यह कार्य करवा सकते हैं। यदि किसी षाला में कोई पंजीयन हो चुका है तो इच्छुक व्यक्ति को नई षाला का चयन कराना होगा। जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र सीहोर ने बताया कि षाला में इनकेे द्वारा किस प्रकार की सहभागिता की जायेगी वह इस प्रकार है कि कार्यक्रम में सहभागी द्वारा हिन्दी पाठ्यपुस्तक अथवा षाला पुस्तकालय में उपलब्ध रूचिकर पुस्तकों में से किसी पुस्तक के एक अंष/पाठ का वाचन किया जायेगा। वाचन के उपरान्त कक्षा में उपस्थित बच्चों से रूचिकर प्रष्न, सामूहिक चर्चा, संवाद एवं पढ़ने की कला से परिचित कराया जायेगा। षासकीय सेवकों द्वारा प्रतिभापर्व में मूलभूत दक्षताओं पर आधारित मूल्यांकन अन्तर्गत उपलब्ध जानकारी का सत्यापन भी निर्धारित प्रपत्र पर किया जायेगा। सत्यापन प्रत्येक कक्षा से कम से कम पाॅंच बच्चों की संकलित जानकारी का किया जायेगा। 

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 06 फरवरी)

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डीया और डैक की बैठक आठ को

जिला स्तरीय पर्यावरण संघात निर्धारण प्राधिकरण (डीया) एवं जिला स्तरीय विशेषज्ञ आंकलन समिति (डैक) की बैठक आठ फरवरी को आयोजित की गई है। कलेक्टर श्री अनिल सुचारी की अध्यक्षता में आहूत की गई यह बैठक कलेक्टेªट के सभाकक्ष में प्रातः 9.30 बजे से प्रारंभ होगी। जिला खनिज अधिकारी श्री राजेन्द्र सिंह परमार ने बताया कि गौण खनिज के पर्यावरण स्वीकृति हेतु गठित समिति में 0.5 हेक्टेयर तक की खदानांे के प्रस्ताव समीक्षा कर समिति द्वारा स्वीकृति प्रदाय की जाएगी।  


सामाजिक सरोकार से बाल अपराधों पर नियंत्रण-आयोगाध्यक्ष श्री शर्मा

vidisha news
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डाॅ राघवेन्द्र शर्मा ने विदिशा की जिला पंचायत के सभागार कक्ष में आज हुई कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि बाल अपराधो के नियंत्रण में सामाजिक सरोकार की भावना अतिआवश्यक है। कानून के प्रावधानो के तहत दण्डित किया जा सकता है किन्तु जब तक मानव बच्चों के प्रति संवेदनशील नही होगा तब तक बाल अपराध स्थायी रूप से नही रूक सकते है। आयोग अध्यक्ष श्री शर्मा ने कहा कि बच्चों के प्रति समाज संवेदनशील हो इसकी शुरूआत घर-परिवार से होनी चाहिए। उन्होंने कहानियों एवं घटित घटनाओं को रेखांकित करते हुए कहा कि बच्चों से माॅ-बाप मित्रवर व्यवहार कर उनकी तकलीफो को जाने और बच्चो की जिज्ञासाओं का समाधान करें। इस दौरान उन्होंने बालको की देखरेख और संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों को भी रेखांकित किया। जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी ने कहा कि जिम्मेदारी और जबावदेंही का निर्वहन हम सबकोें करना होगा। ताकि बच्चे सुरक्षित रहे और उनके मानसिक विकास में किसी भी प्रकार का अवरोध उत्पन्न ना हो। उन्होंने कहा कि हर बच्चा शिक्षित हो इसके लिए शासन ने प्रावधान किया है किन्तु अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों मेें अनेक बच्चे स्कूल जाने से रह जाते है। इसके लिए उन्होंने गांव-गांव वार पालकों की बैठक पाक्षिक अवधि में आयोजित कर उन्हें शिक्षा की महत्वता बताई जाए ताकि वे अपने बच्चों को हर रोज स्कूल भेजे। समाज की जागरूकता से बच्चों पर होने वाले अपराधो पर काफी नियंत्रण पाया जा सकता है। कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य है। वे सशक्त होंगे तो युवा पीढ़ी और देश सशक्त होगा। बच्चों को उनका बचपन मिलना चाहिए। उनके अंदर अच्छे विचार, शिक्षा और संस्कार आएं इस कार्य में घर, परिवार और समाज की महत्वपूर्ण भूमिका है। बच्चों के द्वारा बताई जा रही समस्याओं को गंभीरता से अभिभावकगण लें ताकि समस्याओं के कारण वे मानसिक रूप से अस्वस्थ ना हो। कलेक्टर श्री सुचारी ने कहा कि कार्यशाला में बच्चों की देखभाल और उनके लिए कानून के माध्यम से दिए जाने वाले संरक्षण से प्रशिक्षणार्थी भलीभांति अवगत हो। ततसंबंध में किसी भी प्रकार की जिज्ञासा हो तो उसका समाधान अनिवार्य रूप से प्राप्त करेें। पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी ने कहा कि बच्चे जानकारी के अभाव मे भटक जाते है। उन्हें जागृत करने के लिए हम उनके साथ अपना समय व्यतीत करेें और उनकी समस्याओं का समाधान करें। अपराधो को नियंत्रित करने के लिए समाज में जागृति लाना अतिआवश्यक है। जिस प्रकार हम अपने बच्चों से स्नेह रखते है ठीक वैसे ही अन्य बच्चों से रखें। आयोग के पूर्व सदस्य श्री विभांशु जोशी ने किशोर न्याय अधिनियम की पृष्ठ भूमि, भारत का संविधान, एनसीआरसी राष्ट्रीय एवं राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, बच्चों का सर्वोत्तम हित, समेकित बाल संरक्षण योजना, चाईल्ड लाइन इत्यादि के संबंध में कार्यशाला में शामिल प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षित किया। कार्यशाला का संचालन परियोजना अधिकारी श्री संजय सिंह ने किया और आभार बाल कल्याण समिति की जिलाध्यक्ष श्रीमती मंजरी जैन ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में एकीकृत बाल विकास सेवाएं की जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती विनीता कास्बा समेत विभागीय अन्य अधिकारी, कर्मचारी, स्वंयसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे।

स्थानीय अवकाश घोषित

कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने विदिशा जिले के लिए तीन स्थानीय अवकाश घोषित करने के आदेश जारी कर दिए है। डिप्टी कलेक्टर श्री चंद्रप्रताप गोहल ने जारी स्थानीय अवकाश की जानकारी देते हुए बताया कि 17 मार्च शुक्रवार को रंगपंचमी का, 28 सितम्बर गुरूवार दुर्गाष्टमी का तथा 20 अक्टूबर शुक्रवार को दीपावली का दूसरा दिन के लिए सम्पूर्ण जिले में स्थानीय अवकाश घोषित किया गया है। उक्त स्थानीय अवकाश बैंक, कोषालय, उप कोषालय पर लागू नही होगा। 

नगर उदय अभियान का जिला स्तरीय कार्यक्रम आठ को राज्यमंत्री श्री मीणा हितग्राहियों को लाभांवित करेंगे

नगर उदय अभियान का द्वितीय चरण में चिन्हित किए गए हितग्राहियों को हितलाभ वितरण और विकास कार्यो का लोकार्पण एवं शिलान्यास हेतु जिला मुख्यालय पर आठ फरवरी को कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण (स्वतंत्र प्रभार), वन राज्यमंत्री श्री सूर्यप्रकाश मीणा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे।

अन्त्योदय मेलों की तिथियां जारी

विकासखण्ड मुख्यालयों पर आयोजित होेने वाले अन्त्येादय मेलों की तिथियां कलेक्टर श्री अनिल सुचारी के द्वारा जारी की गई है। फरवरी माह की तिथियोें में आयोजित होने वाले अन्त्योदय मेलों की जानकारी इस प्रकार से है। दस फरवरी को जनपद पंचायत कुरवाई में, 17 को जनपद पंचायत ग्यारसपुर में, 18 को सिरोंज में, 20 को बासौदा में और 27 फरवरी को जनपद पंचायत लटेरी में अन्त्येादय मेलों का आयोजन किया गया है। नियत तिथि एवं स्थल पर अन्त्योदय मेला प्रातः साढे दस बजे से आयोजित होंगे। 

टीएल बैठक सम्पन्न

अपर कलेक्टर श्री एचपी वर्मा ने आज लंबित आवेदनों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जन सुनवाई और मुख्यमंत्री हेल्प लाइन के तहत प्राप्त होने वाले आवेदनेां पर संबंधित विभाग त्वरित कार्यवाही करें । इस प्रकार के प्रकरण तीन दिन से अधिक लंबित ना रहें। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर निराकृत होने वाली समस्याओं का निदान पूर्व उल्लेखित अवधि में नही किया जाता है तो संबंधित विभाग के अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। टीएल बैठक में आधार पंजीयन, जाति प्रमाण पत्र, सार्वजनिक वितरण प्रणाली की अद्यतन प्रगति की भी समीक्षा की गई। इसके अलावा बैठक में मुख्यमंत्री हेल्प लाइन, मानव अधिकार आयोग, पीजी सेल, समाधान आॅन लाइन और जन शिकायत निवारण के प्राप्त आवेदनों के साथ-साथ पेपर कंटिग पर अब तक संबंधित विभागों के अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाहियों की बिन्दुवार जानकारियां प्रस्तुत की गई। कलेक्टेªट के सभाकक्ष मंे हुई इस बैठक में डिप्टी कलेक्टर द्वय श्री चंद्र्रप्रताप गोहल, श्री एके मांझी समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

भाकपा-माले केंद्रीय कमिटी सदस्य व ऐपवा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीलता स्वामीनाथन का निधन.

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  • माले राज्य कार्यालय सहित कई स्थानों पर दी गयी श्रद्धांजलि. माले राज्य सचिव ने कहा - एक प्रेरणादायक क्रांतिकारी यात्रा का अंत.

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पटना 6 फरवरी 2017, वरिष्ठ भाकपा (माले) नेता व ऐपवा की सम्मानित राष्ट्रीय अध्यक्ष कामरेड श्रीलता स्वामीनाथन के निधन पर माले राज्य सचिव कुणाल ने गहरा शोक व्यक्त किया है. कल (राजस्थान) में 5 फरवरी की भोर में निधन हो गया. वे 74 वर्ष की थीं. कामरेड श्रीलता को 28 जनवरी की रात में ब्रेन स्ट्रोक हुआ था और उन्हें उदयपुर अस्पताल ले जाया गया था, जहां हृदय गति रुक जाने की वजह से उन्होंने अंतिम सांसें लीं. उन्होंने कहा कि उनकी मौत से एक प्रेरणादायक क्रांतिकारी यात्रा का अंत हो गया. उनकी मौत की खबर मिलते ही पार्टी कार्यालय पर झंडे झुका दिए गए. आज माले राज्य कार्यालय व जिला कार्यालय में उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी. राज्य कार्यालय में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में माले राज्य सचिव कुणाल, केंद्रीय कमिटी सदस्य काॅ. बृजबिहारी पांडेय, काॅ. राजाराम, पटना नगर के सचिव अभ्युदय, प्रदीप कुमार, संतलाल, उमेश सिंह, अनिता सिन्हा, मधु, विभा गुप्ता, सुधीर सुमन, संतोष झा, समता राय आदि लोग उपस्थित थे. वहीं, पटना जिला कार्यालय में पार्टी नेता अमर, गोपाल रविदास आदि शामिल हुए. श्रद्धांजलि सभा में वक्ताओं ने कहा कि कामरेड श्रीलता का जन्म 29 अप्रैल 1944 को चेन्नई में हुआ था. काॅलेज की पढ़ाई खत्म करने के बाद वे दिल्ली आ गईं और उन्होंने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) में प्रवेश लिया. वहां से उत्तीर्ण होकर वे थियेटर की आगे पढ़ाई करने के लिये लंदन गईं. लेकिन 1972 में दिल्ली वापस आने के बाद उनके जीवन में निर्णायक मोड़ आया. वे भाकपा (माले) में शामिल हो गईं और उन्होंने दिल्ली के महरौली इलाके में कृषि-मजदूरों को संगठित करना शुरू किया. उन्होंने दिल्ली के होटल मजदूरों के बीच भी काम किया. इमरजेन्सी के दौरान वे गिरफ्तार हुईं और दस महीनों के लिये तिहाड़ जेल में कैद रहीं. इसके बाद उन्हें चेन्नई भेजकर वहां नजरबंद कर दिया गया. मगर कामरेड श्रीलता के लिये यह एक बार फिर बंदरगाह मजदूरों के बीच ट्रेड यूनियन कार्य में जुड़ जाने का मौका साबित हुआ.


1977 में इमरजेन्सी हटाये जाने के बाद श्रीलता दिल्ली वापस आईं और उन्होंने 1978 में राजस्थान को आधार बनाकर आदिवासियों, महिलाओं एवं विभिन्न मेहनतकश तबकों के लोगों के बीच काम करना शुरू किया, जिनमें ग्रामीण बंधुआ मजदूर और विस्थापित लोग शामिल हैं. इसके अलावा उन्होंने खनन क्षेत्र एवं अन्य विभिन्न उद्योगों के मजदूर बीच ट्रेड यूनियन में भी काम किया. अभिजात पृष्ठभूमि में जन्मी और पली-बढ़ी किसी महिला के लिये ग्रामीण राजस्थान को अपनी मार्क्सवादी सक्रियता का आधार क्षेत्र बना लेना अत्यंत साहसिक फैसला था, जो कामरेड श्रीलता के क्रांतिकारी जोश और राजनीतिक साहस को विशिष्ट रूप से दर्शाता था. जीवन की अंतिम सांस तक वे राजस्थान में गहरे जड़ जमाये बैठी सामंती-पितृसत्तात्मक शक्तियों एवं साम्प्रदायिक-माफिया गठजोड़ के खिलाफ क्रांतिकारी वामपंथी आंदोलन को शक्तिशाली करने तथा प्रगतिशील विचारों एवं मूल्यों का प्रसार करने में लगी रहीं. 1970 के दशक की शुरूआत में भाकपा (माले) को धक्का लगने के बाद कामरेड श्रीलता ने थोड़े समय के लिये कामरेड कानू सान्याल के साथ जुड़कर काम किया, मगर बिहार में आईपीएफ के उत्थान ने उनका ध्यान खींचा और अक्टूबर 1990 में दिल्ली की अत्यंत प्रेरणादायक आईपीएफ रैली के बाद कामरेड श्रीलता अपने पति एवं सहयोद्धा कामरेड महेन्द्र चैधरी एवं सैकड़ों अन्य कामरेडों के साथ भाकपा (माले) में शामिल हो गईं. उन्हें 1990 के दशक के मध्य में अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एशोसियेशन का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया.

भाकपा (माले) के अक्टूबर 1997 में हुए आयोजित वाराणसी महाधिवेशन में उन्हें केन्द्रीय कमेटी का सदस्य चुना गया और इस जिम्मेवारी को वे अप्रैल 2013 में हुए रांची अधिवेशन तक निभाती रहीं, जब स्वास्थ्य सम्बन्धी कारणों से उन्हें इस जिम्मेवारी से मुक्त किया गया. वे आॅल इंडिया सेन्ट्रल काउन्सिल आॅफ ट्रेड यूनियन्स की उपाध्यक्ष भी थीं. कामरेड श्रीलता अत्यधिक प्रतिभाशाली कार्यकर्ता थीं और उनमें विराट सृजनात्मक ऊर्जा भरी हुई थी, उनका उत्साह अनंत था और राजनीतिक इच्छाशक्ति अत्यंत प्रबल थी. वे जीवन की हर प्रतिकूलता के खिलाफ अपने विशिष्ट लचीलेपन और अतिशय विनोदपूर्ण स्वभाव के साथ लड़ीं. जब गिरते स्वास्थ्य की वजह से वे नवम्बर 2016 में आयोजित ऐपवा के राष्ट्रीय सम्मेलन में उपस्थित नहीं हो सकीं तो उन्होंने प्रतिनिधियों के लिये संबोधित एक गीत की रचना की और उसे सम्मेलन में सुनाये जाने के लिये आॅडियो क्लिप की शक्ल में भेज दिया. अपनी व्यापक दायरे की सोच और सक्रियता के चलते कामरेड श्रीलता भाकपा (माले) और प्रगतिशील लोकतांत्रिक विचारों एवं कार्यों में लगी विभिन्न धाराओं के बीच सेतु का काम करती थीं. उनके मन में प्रगतिशील उद्देश्य के लिये लड़ने वाली जनता के तमाम संघर्षों के प्रति बेहद सम्मान था और बिहार एवं झारखंड में भाकपा (माले) के नेतृत्व में चल रहे संघर्षों से वे अत्यधिक आशाएं रखती थीं. जनता के प्रति उनके मन में बेहद गहरी सम्वेदना थी और वे विभिन्न मोर्चों पर काम करने वाले अपने संगी कामरेडों के लिये दिल से सोचती थीं. कामरेड श्रीलता की शानदार विरासत हमें सम्मान, लोकतंत्र और सामाजिक मुक्ति के लिये उत्पीड़ित जनता के संघर्षों को आगे बढ़ाने में हमेशा प्रेरणा देती रहेगी. कामरेड श्रीलता स्वामीनाथन को लाल सलाम!

मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं का ब्योरा दर्ज करे सरकार: सुप्रीम कोर्ट

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नयी दिल्ली, 06 फरवरी, उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को देश के 100 करोड़ से अधिक मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं का विस्तृत ब्योरा दर्ज करने के लिए कहा है, मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह केहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने आज गैर सरकारी संगठन लोकनीति फाउंडेशन की आेर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से सभी माेबाइल फोन धारकों का ब्योरा दर्ज करने को कहा। फाउंडेशन ने मोबाइल फोन धारकों द्वारा सिम लेने के दौरान दी गयी जानकारी की सत्यता सुनिश्चित करने के लिए समुचित तंत्र विकसित करने का अनुरोध किया था ताकि सिम का दुरुपयोग रोका जा सके। न्यायालय ने केेंद्र सरकार को निर्देश दिया कि एक वर्ष के भीतर सभी मोबाइल फोन धारकों का आधार नंबर उनके फोन नंबर के साथ दर्ज करे। पीठ ने कहा, “आपको हमें बताना चाहिए कि मोबाइल धारकों की पहचान तय करने के लिए आप कैसा तंत्र विकसित करने जा रहे हैं।” न्यायालय ने कहा कि अब मोबाइल फोन का इस्तेमाल बैंकिंग के लिए भी किया जा रहा है लिहाजा उपयोगकर्ताओं द्वारा दी गयी जानकारी की सत्यता का पता लगाना महत्वपूर्ण हो गया है। फाउंडेशन ने अपनी याचिका में कहा कि मोबाइल फोन के लिए प्रस्तुत किये गये दस्तावेजों के सत्यापन की कमी से देश को गंभीर खतरा हो सकता है। याचिकाकर्ता ने सत्यापन सुनिश्चित करने के लिए कुछ सुझाव भी दिए। फाउंडेशन ने न्यायालय से दूरसंचार विभाग और दूरसंचार नियामक प्राधिकरण को यह निर्देश देने की गुहार लगायी कि वे सभी मोबाइल फोन धारकों के दस्तावेजों को शत प्रतिशत सत्यापन सुनिश्चित करें ।


आयोग में भर्ती मामले में मालीवाल को जमानत

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नयी दिल्ली, 06 फरवरी, दिल्ली महिला आयाेग की प्रमुख स्वाति मालीवाल को आज आयोग में भर्ती मामले में अदालत से बड़ी राहत मिली । अदालत ने सुश्री मालीवाल की इस मामले में जमानत मंजूर कर ली । तीस हजारी स्थित अदालत के विशेष न्यायाधीश हिमानी मल्होत्रा ने सुश्री मालीवाल की 20 हजार रूपये के निजी मुचलके पर जमानत मंजूर करते हुए मामले की अगली सुनवाई की तिथि छह अप्रैल तय की । दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने अदालत में सुश्री मालीवाल के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था । आरोप पत्र दाखिल होने के बाद अदालत में आयोग की अध्यक्ष को आज पेश होने के लिए जनवरी में समन भेजा गया था । आयोग की पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस नेता बरखा शुक्ला सिंह ने एसीबी में दर्ज शिकायत में आरोप लगाया था कि सुश्री मालीवाल ने आम आदमी पार्टी (आप) के कई लोगों को अहम पदों पर नियुक्त किया । सुश्री सिंह ने शिकायत के साथ 85 लोगों के नाम की एक सूची सौंपी थी जिसमें कहा गया था कि आप पार्टी से जुड़े इन लाेगों को योग्यता पूरी किये बिना ही नौकरी दी गयी । पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग ने इस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए नियुक्त लोगों का वेतन रोकने के आदेश दिये थे। पूर्व उपराज्यपाल के इस आदेश पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने भर्ती किये गये सभी लोगों को आधा वेतन देने के लिए कहा था ।

सुधर रहा था जयललिता का स्वास्थ्य, अचानक हुआ निधन: डॉ. बिले

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चेन्नई , 06 फरवरी, तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता का इलाज करने वाले चिकित्सकों के दल में शामिल लंदन के विख्यात गहन चिकित्सा विशेषज्ञ रिचर्ड बिले ने आज कहा कि खून में संक्रमण के कारण उनके (सुश्री जयललिता के) अंगों ने काम करना बंद कर दिया था, उपचार से सुश्री जयललिता का स्वास्थ्य सुधर रहा था लेकिन अचानक उनका देहांत हो जाना हैरान करने वाला था । सुश्री जयललिता के निधन को लेकर फैली अफवाहों पर विराम लगाने के लिए राज्य सरकार की आेर से यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में डॉ. बिले ने कहा कि सुश्री जयललिता का निधन हैरान कर देने वाला था । उन्होंने बताया कि सुश्री जयललिता के खून में संक्रमण (सेप्सिस) हो गया था जिसके कारण उनके अंगों ने काम करना बंद कर दिया था । डॉ बिले ने बताया कि सेप्सिस बहुत जल्दी फैलता है, कई बार तो कुछ घंटों अथवा दिनों में यह पूरे शरीर में फैल जाता है और इसके कारण मौत भी हो सकती है। संक्रमण से निपटने के लिए मानव शरीर अपनी ही कोशिकाओं और ऊतकों को नष्ट करने लगता है जिससे बुखार, दिल की धड़कन तेज होने, सांस लेने की गति तेज होने और भ्रम में रहने की स्थिति उत्पन्न हो जाती है । उन्होंने बताया कि सेप्सिस और अनियंत्रित मधुमेह के कारण उनकी मौत हुई। डॉ बिले ने कहा,“ उन्हें मधुमेह और संक्रमण की गंभीर समस्या थी जिसके कारण उनके अंगों ने काम करना बंद कर दिया था । उनके स्वास्थ्य में सुधार के शुरूआती संकेत मिले थे आैर उनकी निधन चौंका देने वाला था। सेप्सिस की स्थिति गंभीर हो जाने पर उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था

यूपी में महागठबंधन के लिए बसपा को भी सपा-कांग्रेस के साथ आना चाहिए था : नीतीश

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पटना 06 फरवरी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने उत्तर प्रदेश (यूपी) विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के बीच सिर्फ गठबंधन बनने पर अफसोस जाहिर किया और कहा कि वह चाहते थे कि बिहार की तरह ही उत्तर प्रदेश में भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हार सुनिश्चित करने के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को साथ लेकर महागठबंधन बनता । श्री कुमार ने आज यहां लोक संवाद कार्यक्रम के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में साम्प्रदायिक भाजपा के खिलाफ सभी धर्मनिरपेक्ष दलों को एकजुट कर महागठबंधन बनाये जाने के पक्ष में थी लेकिन अफसोस है कि ऐसा नहीं हुआ । उन्होंने कहा कि यदि बसपा भी सपा-कांग्रेस गठबंधन में शामिल होती तो इसे महागठबंधन कहा जाता । अभी सपा-कांग्रेस के बीच जो चुनावी तालमेल हुआ है वह सिर्फ एक गठबंधन है न कि महागठबंधन जैसा कि बिहार में हुआ था । जदयू नेता ने कहा कि बिहार में विधानसभा चुनाव से पूर्व वर्ष 2015 में जदयू, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस का महागठबंधन बना था । राज्य की जनता ने इस महागठबंधन को स्वीकार किया और भाजपा को करारी हार मिली । उन्होंने कहा कि इस प्रयोग को उत्तरप्रदेश के चुनाव में भी दोहराना चाहिए था ।

सहारा की एम्बी वैली सम्पत्ति जब्त करने के आदेश

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नयी दिल्ली, 06 फरवरी, उच्चतम न्यायालय ने सहारा चिटफंड मामले में सहारा समूह से अपनी ऐसी संपत्तियों की सूची सौंपने के लिए कहा है जिन पर किसी तरह का ऋण नहीं लिया गया है, इसके अलावा न्यायालय ने मुम्बई के निकट समूह के प्रोजेक्ट एम्बी वैली को जब्त करने का आदेश भी दिया है । न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा,न्यायमूर्ति ए.कुमार सीकरी और रंजन गोगोई की पीठ ने सहारा और भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) के वकीलों की दलीलों को सुनने के बाद यह आदेश दिया । शीर्ष अदालत ने कहा कि ये संपत्तियां अदालत की निगरानी में रहेंगी । इस मामले की अगली सुनवाई तक कोई भी इसे जब्त या अन्य कार्रवाई नहीं कर सकता है । मामले की अगली सुनवाई 27 फरवरी को होगी । अदालत ने सहारा समूह से अपनी ऐसी संपत्तियों की सूची भी सौंपने के लिए कहा है जिन संपत्तियों पर किसी तरह का ऋण नहीं लिया गया है । सहारा ने अदालत के समक्ष स्वीकार किया कि उसे 14 हजार करोड़ रुपये की राशि का भुगतान सेबी को करना था। समूह ने अदालत को बताया कि वह 11 हजार करोड़ रुपये दे भी चुका है।

कांग्रेस-सपा गठबंधन आने वाले दिनों में देश की राजनीतिक दिशा तय करेगा :राहुल

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शामली/मथुरा,06 फरवरी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी(सपा) गठबंधन आने वाले दिनों में देश की राजनीति दिशा तय करेगा । श्री गांधी आज यहां वी वी पीजी कालेज मैदान पर कांग्रेस-सपा गठबंधन के प्रत्याशी पंकज मलिक के समर्थन में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के अमीर उद्योगपतियों का एक लाख दस हजार करोड रूपयों को कर्जा माफ कर दिया। इसका लाभ केवल 50 बडे घरानों को मिला। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस-सपा गठबंधन प्रदेश के भविष्य का आईना है । गठबंधन किसान, व्यापारी, युवा, महिलाएं व आम आदमी का है । गठबंधन देश की राजनीतिक दिशा तय करेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसानों के दिलों में फसल बर्वाद होने का अभी भी दर्द है। केन्द्र सरकार मदद के लिये आये नही आयी । उन्होंने प्रदेश के दौरे करने के बाद श्री मोदी से किसानों के कर्ज माफी की बात उठायी थी । प्रधानमंत्री ने किसानों का कर्ज माफ करने की बजाय पचास अमीर घरानों का एक लाख दस हजार करोड रुपया माफ कर दिया।

अन्नाद्रमुक और तमिलनाडु के लोग विपरीत दिशाओं में : चिदंबरम

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चेन्नई,06 फरवरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम(अन्नाद्रमुक) की महासचिव के पार्टी विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद अन्नाद्रमुक और तमिलनाडु के लोग विपरीत दिशाओं में जा रहे हैं। श्री चिदंबरम ने ट्वीट करते हुये आज कहा,“अपना नेता चुनने का अन्ना द्रमुक विधायकों को पूरा अधिकार है।” उन्होंने कहा,“लोगों को यह पूछने का अधिकार है कि क्या नेता मुख्यमंत्री पद के योग्य है।” श्री चिदंबरम ने एक अन्य ट्वीट में कहा,“गौरवशाली अतीत की बात करें तो राज्य के मुख्यमंत्री पद को कामराज और अन्ना ने सुशोभित किया था। अन्ना द्रमुक और तमिलनाडु की जनता अब विपरीत दिशाओं में बढ़ रहें हैं।” गौरतलब है कि कल अन्ना द्रमुक विधायकों की बैठक में पार्टी महासचिव श्रीमति शशिकला को पार्टी विधायक दल का नेता चुना गया था और श्री ओ पी पनीरसेल्वम ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था जिससे श्रीमति शशिकला के मुख्यमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

भाजपा ने चुनाव अायोग से की उ प्र के मुख्य सचिव, डीजीपी की शिकायत

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नयी दिल्ली, 06 फरवरी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आज चुनाव आयोग से मिलकर उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के व्यवहार एवं आचरण को अत्यंत आपत्तिजनक तथा पक्षपातपूर्ण बताते हुए उन्हें तुरंत बदलकर निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं भयमुक्त चुनाव कराने की अपील की । केन्द्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू, निर्मला सीतारमण और मुख़्तार अब्बास नकवी ने यहां निर्वाचन सदन में चुनाव आयोग में इस आशय का एक ज्ञापन सौंपा । आयोग के साथ बैठक के बाद श्री नायडू ने बाहर मौजूद संवाददाताओं से कहा कि सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के दबाव में आकर राज्य की प्रशासनिक मशीनरी अत्यंत पक्षपातपूर्ण ढंग से व्यवहार एवं आचरण कर रही है। सपा के गुण्डाराज में प्रशासनिक अधिकारी अन्य पार्टियों को चुनावी गतिविधियों की अनुमति देने में या तो देरी करते हैं अथवा इन्कार कर रहे हैं । इतना ही नहीं, सपा के कार्यकर्ताओं के दबाव में आकर अनेक स्थानों पर लोगों को चुनाव के पहले पलायन करना पड़ रहा है । श्री नायडू ने कहा कि अनेक जिलों में अधिकारी चार साल से अधिक समय से तैनात हैं और मेरठ, कानपुर, फिरोज़ाबाद समेत कई जिलों में जिलाधिकारियों पर पक्षपातपूर्ण ढंग से काम करने का दबाव डाला जा रहा है । सबको मालूम है कि उन्हें इशारों में समझाया जा रहा है कि अगर सपा दोबारा जीत गयी तो बात नहीं मानने वालों को निशाना बनाकर कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर बड़े पैमाने पर शिकायतें मिलने के बाद भाजपा को आयाेग में आकर शिकायत दर्ज करानी पड़ी है । उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में पार्टियों को समझ में आ गया है कि माहाैल सपा के गुण्डाराज, अराजकता, भ्रष्टाचार, परिवारवाद, अत्याचार के खिलाफ है। लोगों ने सपा के प्रति विश्वास खो दिया है। 2012 में सपा ने चुनाव में जाे वादे किये थे वो निभाये नहीं गये। का कहना है कि सपा ने अपनी साइकिल का हैंडल देश को लूटने वाली कांग्रेस के हाथ में दे दिया है। श्री नायडू ने कहा कि जिस मुलायम सिंह यादव ने कांग्रेस के खिलाफ संघर्ष करके सपा को इस मुकाम पर पहुंचाया, उसी के पुत्र ने उनकी पार्टी को कांग्रेस के हाथों में सौंप दिया है। सपा को अहसास हाे गया है कि बाज़ी उसके हाथ से निकल गयी है। इसीलिये वह चुनाव में हेरफेर कराने की जुगत में है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने एक प्रकार से हार स्वीकार कर ली है और कहा है कि अगर बहुजन समाज पार्टी गठबंधन में शामिल होती तो भाजपा को रोकना संभव होता । केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि निराशा एवं हताशा में सपा ऐसी हरकतों पर उतर आयी है। चुनाव आयोग को तत्काल शीर्ष पदों पर निष्पक्ष अधिकारियों की तैनाती करके बाहर गये लोगों को सुरक्षा की गारंटी देकर वापस आने देना चाहिये। इसके लिये ऐसे क्षेत्रों में केन्द्रीय सुरक्षा बलों का फ्लैग मार्च कराना चाहिये। ताकि उत्तर प्रदेश में भयमुक्त, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव संपन्न हो सकें और राज्य को अराजकता, भ्रष्टाचार, गुण्डाराज से मुक्ति दिलायी जा सके।


ई अहमद मामले की संसदीय समिति करे जाँच : कांग्रेस

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नयी दिल्ली 06 फरवरी, कांग्रेस तथा अन्य कुछ विपक्षी दलों ने आज संसद भवन परिसर में धरना दिया और लोकसभा के वरिष्ठ सांसद ई अहमद के निधन की संसदीय समिति से जाँच कराने की मांग की। लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकाअर्जुन खड्गे ने आरोप लगाया कि श्री अहमद का निधन पहले हो गया था लेकिन सरकार को बजट पेश करना था इसलिए उन्हें जीवनरक्षक उपकरणों पर रखा गया। उन्होंने सरकार को असंवेदनशील बताया और कहा कि उसने 45 साल से ज्यादा समय तक देश की सेवा करने वाले सांसद का सम्मान नहीं किया। यह पूछने पर कि क्या प्रधानमंत्री से इस संबंध में जवाब की मांग करेंगे उन्होंने कहा कि संसद की समिति से ही मामले की जाँच कराने की मांग है। उनका कहना था कि उनके साथ मुस्लिम लीग के सांसदों के साथ ही केरल के अन्य कई सांसद है।

ई अहमद की मौत पर लोकसभा में हंगामा, प्रश्नकाल बाधित

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नयी दिल्ली, 06 फरवरी, कांग्रेस तथा केरल के विपक्षी सदस्यों ने इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के सांसद ई अहमद की मौत की जांच कराने की मांग करते हुए आज लोकसभा में हंगामा किया जिसके कारण सदन में प्रश्नकाल नहीं चल सका। प्रश्नकाल बाधित रहने के बाद 12 बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस तथा अन्य कई सदस्यों के विभिन्न मुद्दों पर दिए गए स्थगन प्रस्तावों को खारिज कर दिया तो हंगामा कर रहे सदस्य अपनी सीटों पर खड़े होकर अध्यक्ष से अपनी मांगों पर विचार करने का अनुरोध करने लगे। श्रीमती महाजन ने उनके आग्रह को नहीं सुना और भारतीय जनता पार्टी के डॉ महेश शर्मा का नाम पुकारा और राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा शुरू कर दी। इससे नाराज वामदलों, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, जनता दल यू, राष्ट्रीय जनता दल सहित सभी विपक्षी सदस्यों ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में सदन से बहिर्गमन कर दिया। इससे पहले सुबह 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेस तथा कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य अपनी सीटों पर खड़े होकर श्री अहमद के निधन से जुड़े मामले को उठाने की मांग करने लगे लेकिन अध्यक्ष ने उनकी नहीं सुनी और प्रश्नकाल शुरू कर दिया। इसी बीच हंगाम कर रहे सदस्य हाथों में तख्तियां लेकर आसन के सामने आ गए और शोर शराबा करने लगे। सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे कुछ कहना चाहते थे लेकिन अध्यक्ष ने उन्हें बोलने की इजाजत नहीं दी। अध्यक्ष ने हंगामा कर रहे सदस्यों से शांत रहने का आग्रह करते हुए कहा कि श्री अहमद सदन के वरिष्ठ सदस्य रहे हैं। उनको सदन में श्रद्धांजलि दी गयी और एक दिन के सदन की कार्यवाही उनके सम्मान में स्थगित भी रखी गयी इसलिए इस मामले में हंगामा करना उचित नहीं है। उन्होंने सदस्यों से तख्तियां नहीं दिखाने और हंगाम बंद करके अपनी सीट पर जाने को कहा लेकिन हंगामा कर रहे सदस्यों ने उनकी नहीं सुनी और अध्यक्ष ने पांच मिनट के भीतर ही सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी।

हमने अपेक्षा से बेहतर प्रदर्शन किया: अमृतराज

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पुणे, 06 फरवरी, भारतीय डेविस कप टीम के गैर खिलाड़ी कप्तान आनंद अमृतराज ने एशिया ओसनिया ग्रुप एक में न्यूजीलैंड के खिलाफ 4-1 की जीत को अपेक्षा से भी बेहतर बताया है। राष्ट्रीय डेविस कप टीम के निर्वतमान कप्तान अमृतराज ने रविवार को भारत को मिली जीत और उसके अगले दौर में पहुंचने पर खुशी जाहिर करते हुये कहा कि वह इससे बेहतर की कल्पना नहीं कर सकते हैं और इस प्रदर्शन से बहुत ही उत्साहित हैं। उन्होेंने कहा“ यह मेरी उम्मीद से भी आगे है। मेरे लिये यह जीत बहुत ही संतोषजनक है। मैं इससे बेहतर की कल्पना नहीं कर सकता। हमने जैसे योजना बनाई थी यह बिल्कुल वैसा ही रहा। हमने एकल पर ही ज्यादा ध्यान लगाने की योजना बनाई थी और हमें लग रहा था कि युगल मैच कुछ चुनौतीपूर्ण साबित होगा। हम तो तीन एकल जीत की उम्मीद कर रहे थे लेकिन हमने चार जीते।” आनंद के मार्गदर्शन में भारत की यह पांचवीं और आखिरी जीत भी है। वह तीन वर्ष के कार्यकाल के बाद अब पद से हट रहे हैं और उनकी जगह अनुभवी खिलाड़ी महेश भूपति डेविस कप टीम के कप्तान की भूमिका संभालेंगे। भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ डेविस कप के ओपनिंग राउंड में अपने सभी चारों एकल मैच जीते जिनमें यूकी भांबरी, रामकुमार रामनाथन ने एकल मैच जीते। लेकिन युगल मे अनुभवी लिएंडर पेस और विष्णु वर्धन की जोड़ी मैच हार गयी। भारत ने 4-1 के अंतर से अगले दौर में प्रवेश किया है जहां उसके सामने उज्बेकिस्तान होगा। 


अमृतराज ने यूकी और रामकुमार की प्रशंसा करते हुये कहा“ यह यूकी का अब तक का बेहतरीन मुकाबला था। उन्होंने देश के सम्मान को ध्यान में रखकर खेला। लेकिन रामकुमार को चुनकर हमने सही फैसला किया। वह बेहतरीन खिलाड़ी हैं। मैं बहुत खुश हूं कि मैंने उन्हें एकल मैच के लिये चुना क्योंकि साकेत मिनेनी एकल के लिये उपलब्ध नहीं थे। मैं रामकुमार के प्रदर्शन से बहुत खुश हूं। उम्मीद है कि वह भविष्य में भारत के लिये और अच्छा खेलेंगे।” उन्होंने अपने बतौर कप्तान कार्यकाल की समाप्ति पर कहा“ मैं खुश हूं कि मेरे मार्गदर्शन में भारत ने आठ में से पांच बार जीत दर्ज की है। हमारी टीम ने दुनिया की 10 बेहतरीन टीमों से अपने मुकाबले जीते हैं। मेरे लिये राष्ट्रीय टीम के साथ अपना कार्यकाल काफी संतोषजनक रहा है। मैं सितंबर 2013 में कप्तान बना और मेरा बोपन्ना, पेस, सोमदेव जैसे खिलाड़ियों के साथ सफर कमाल का रहा है।” अमृतराज की कप्तानी में भारत ने पांच डेविस कप मैच जीते और सर्बिया, चेक गणराज्य और स्पेन से तीन मुकाबले हारे हैं। इस बीच भारत की जीत में हीरो रहे 22 वर्षीय रामकुमार ने कहा“ हमारे लिये परिस्थितियां आसान नहीं थीं और आखिरी दिन एकल मैच में हर अंक के लिये लड़ना पड़ा। लेकिन मुझे टिककर खेलना था और देश के लिये मैंने यह मैच जीता। हालांकि इससे पहले मेरे लिये गेंद पर नियंत्रण बैठाना आसान नहीं था। लेकिन जब मैंने लय हासिल कर ली तो मुझे खेलने में दिक्कत नहीं हुई। साथ ही घरेलू दर्शकों का भी समर्थन मिला।” रामकुमार तथा यूकी ने एकल और उलट एकल के मुकाबले जीते। भांबरी ने अगले दौर में उज्बेकिस्तान के साथ मुकाबले को लेकर कहा कि उनकी टीम इसके लिये ट्रेनिंग करेगी। उन्होंने हालांकि टेनिस संघ(आएटा) पर कुछ कटाक्ष भी किया और कहा“ हम अपनी मेहनत से ही यहां तक पहुंचे हैं और यदि आएटा चाहता है कि भारतीय टेनिस आगे बढ़े तो उन्हें इसके लिये कदम उठाने होंगे।” 

क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में एकसमान डीआरएस

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नयी दिल्ली, 06 फरवरी, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद(आईसीसी) ने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों टेस्ट, वनडे और ट्वंटी 20 में अब एकसमान अंपायर निर्णय समीक्षा प्रणाली(डीआरएस) के उपयोग को अपनी हरी झंडी दे दी है जो अक्टूबर माह से प्रभावी होगा। आईसीसी की दुबई में हुई दो दिवसीय कार्यकारी अधिकारियों की बैठक में इन प्रस्तावों पर चर्चा के बाद इन्हें मंजूरी दे दी गयी है। साथ ही यह पहला मौका होगा जब वेस्टइंडीज में 2018 में होने वाले आईसीसी ट्वंटी 20 महिला विश्वकप टूर्नामेंट में भी डीआरएस का उपयोग किया जाएगा जहां प्रत्येक टीम को एक समीक्षा का मौका दिया जाएगा। गत सप्ताह हुई इस बैठक में इस बात का भी प्रस्ताव रखा गया कि द्विपक्षीय सीरीज में भी आईसीसी ही डीआरएस का खर्चा वहन करेगी जिससे सदस्य बोर्डाें पर वित्तीय बोझ कम होगा। वैश्विक संस्था की मई में होने वाली क्रिकेट समिति की बैठक में इससे जुड़े और विस्तृत प्रस्ताव रखे जाएंगे और फिर जून में लंदन में होने वाली सालाना बैठक में इस पर अंतिम मुहर लगेगी। आईसीसी ने साफ किया है कि जो भी संस्थान डीआरएस तकनीक मुहैया करायेंगे उन्हें पहले मैसाचुसेट्स तकनीक संस्थान(एमआईटी) से पहले इसकी जांच और सहमति हासिल करना भी अनिवार्य होगा और उसके बाद ही मैचों में इसका उपयोग होगा। गत वर्ष डीआरएस में उपयोग की जाने वाली तकनीक हॉकआई, हॉट स्पाट, अल्ट्रा एज, रियल टाइम स्निको की भी एमआईटी में जांच कराई गयी थी। 


डीआरएस का उपयोग अभी बड़े पैमाने पर नहीं होने की वजह इस तकनीक का खर्चीला होना भी है जिसके मद्देनजर अब आईसीसी ने इसका वित्तीय बोझ उठाने का फैसला भी किया है। आईसीसी के मुख्य कार्यकारी डेविड रिचर्डसन ने भी माना कि वैश्विक संस्था के लिये डीआरएस पर अधिक नियंत्रण जरूरी है। द्विपक्षीय सीरीज में आमतौर पर घरेलू प्रसारणकर्ता ही डीआरएस के उपयोग के लिये खर्चा वहन करता है, और कुछ मामलों में घरेलू क्रिकेट बोर्ड भी इस खर्च में अपना कुछ योगदान देता है या पूरा खर्चा वहन करता है। हालांकि सीईसी समिति ने अब यह निर्णय लिया है कि आईसीसी मैच के प्रतिदिन डीआरएस के उपयोग के लिये तय राशि का भुगतान करेगी। वैश्विक संस्था का यह निर्णय मुख्य रूप से डीआरएस के उपयोग को बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है। आईसीसी ने कहा“ कार्यकारी समिति ने डीआरएस तकनीक काे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उपयोग करने के निर्णय पर सहमति जताई है। मई में आईसीसी की क्रिकेट समिति इसके पूर्ण रूप से इस्तेमाल पर चर्चा करेगी और जून 2017 में इसपर अंतिम निर्णय लिया जाएगा जिसके बाद इसी वर्ष अक्टूबर में इसे लागू किया जाएगा।” 

सीईसी ने डीआरएस के उपयोग को लेकर एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है जिसके अनुसार पहली बार ट्वंटी 20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भी पहली बार इस प्रणाली का उपयोग किया जाएगा। वर्ष 2018 में वेस्टइंडीज में होने वाले महिला ट्वंटी 20 विश्वकप में भी पहली बार इस तकनीक का उपयोग होगा। यह इस तकनीक के साथ आईसीसी का इस प्रारूप में पहला टूर्नामेंट होगा। वहीं कई सदस्य देशों के बोर्डों ने भी ट्वंटी 20 अंतरराष्ट्रीय द्विपक्षीय सीरीज में डीआरएस के उपयोग को लेकर आईसीसी से अपील की है। गत माह इंग्लैंड के खिलाफ भारत में तीन ट्वंटी 20 मैचों की सीरीज में भी इस मुद्दे पर चर्चा की गयी थी। नागपुर में जो रूट के पगबाधा निर्णय को लेकर दूसरे मैच के बाद इंग्लैंड ने आईसीसी मैच रेफरी से इस बारे में लिखित शिकायत की थी। इंग्लैंड के कप्तान इयोन मोर्गन ने इस दौरान डीआरएस नहीं होने का हवाला दिया था। सीईसी ने सदस्य बोर्डों के साथ ट्वंटी 20 द्विपक्षीय सीरीज में डीआरएस के उपयोग को लेकर भी बैठक में चर्चा की। हालांकि अभी तक विश्व ट्वंटी 20 के बाद इस प्रारूप में डीआरएस के उपयोग को लेकर कोई विस्तृत चर्चा नहीं हुई है। इस बारे में मई में ही अंतिम निर्णय होने की उम्मीद है। आईसीसी ने साथ ही बताया कि जून में चैंपियंस ट्राफी में भी डीआरएस का उपयोग किया जाएगा। 

भारत से हार के बाद कुक ने छोड़ी कप्तानी

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लंदन, 06 फरवरी, भारत दौरे पर इंग्लैंड क्रिकेट टीम को 0-4 से मिली करारी शिकस्त के बाद अनुभवी टेस्ट कप्तान एलेस्टेयर कुक ने कप्तानी छोड़ दी है, लेकिन वह खिलाड़ी के रूप में खेलना जारी रखेंगे। इंग्लैंड के लिये 59 टेस्टों में कप्तानी करने वाले कुक ने अपने फैसले के बारे में इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड(ईसीबी) के अध्यक्ष कॉलिन ग्रेव्स से रविवार शाम को चर्चा की थी और टेस्ट क्रिकेट खेलना जारी रखने के बारे में इंग्लैंड क्रिकेट के निदेशक एंड्रयू स्ट्रास तथा चयनकर्ताओं को सूचित कर दिया था। कुक ने अगस्त 2012 में इंग्लैंड की कप्तानी संभाली थी और वह इंग्लैंड के सर्वाधिक मैचों में कप्तानी करने वाले कप्तान थे। उनके रिकार्ड में 2013 और 2015 में एशेज सीरीज जीत के अलावा भारत और दक्षिण अफ्रीका में सीरीज जीत शामिल है। उन्होंने 2010 और 2014 के बीच 69 एकदिवसीय मैचों में इंग्लैंड का नेतृत्व किया था जो इंग्लैंड का एक अन्य रिकार्ड है। कुक को हाल में भारत दौरे में पांच टेस्टों की सीरीज में 0-4 से हार का सामना करना पड़ा था। इंग्लिश बोर्ड ने कुक का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। बोर्ड ने बताया है कि अगले टेस्ट कप्तान के लिये निर्धारित प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है जो इंग्लैंड का 80वां टेस्ट कप्तान होगा। इस बात की जोरदार अटकलें हैं कि जो रूट को नया कप्तान बनाया जा सकता है। 


32 वर्षीय कुक ने अपने फैसले की पुष्टि करते हुये कहा“ इंग्लैंड का कप्तान बनना मेरे लिये सबसे बड़ा सम्मान था। मेरे लिये यह गर्व की बात थी कि मैंने पांच वर्षाें तक टेस्ट टीम का नेतृत्व किया। कप्तानी छोड़ना निश्चित रूप से एक मुश्किल फैसला था लेकिन मेरे लिये कप्तानी छोड़ने का यह सही समय है। भारत के खिलाफ सीरीज के बाद मैंने इस बारे में काफी सोचा और इस सप्ताह कॉलिन से बात की और उन्हें अपने इस्तीफे की पेशकश की।” कुक इंग्लैंड के सर्वाधिक मैचों में कप्तानी करने वाले कप्तान रहे। उन्होंने पिछले किसी कप्तान के मुकाबले सर्वाधिक टेस्ट शतक बनाये और वह अब तक 140 टेस्टों में 11057 रन के साथ इंग्लैंड के रिकार्डधारी बल्लेबाज हैं। कप्तानी के अपने पांच सत्रों के दौरान कुक को 2012 में विजडन क्रिकेटर ऑफ द ईयर का पुरस्कार मिला अौर 2013 में वह आईसीसी के वर्ल्ड टेस्ट कप्तान बने। उन्हें 2011 में एमबीई और गत तीन फरवरी को सीबीई का सम्मान बकिंघम पैलेस में मिला। इंग्लैंड के दिग्गज बल्लेबाज ने कहा“ यह निजी रूप से मेरे लिये एक दुखद दिन है। लेकिन मैं उन सभी का धन्यवाद करना चाहता हूं जिनकी मैंने कप्तानी की। मैं सभी कोचों, सपोर्ट स्टाफ, समर्थकों और बार्मी आर्मी का भी धन्यवाद करना चाहता हूं जिन्होंने देश में और देश से बाहर हमेशा मेरा समर्थन किया।” 

कुक ने कहा“ इंग्लैंड के लिये खेलना एक बड़ा सम्मान रहा और मैं टेस्ट खिलाड़ी के रूप में अपना योगदान जारी रखूंगा। मैं जितना संभव हो सकेगा अगले कप्तान और टीम को अपनी मदद दूंगा।” इंग्लैंड क्रिकेट के निदेशक एंड्रयू स्ट्रास ने कुक के योगदान को सराहते हुये कहा“ मैं ईसीबी की तरफ से और व्यक्तिगत रूप से कुक को उनके शानदार योगदान के लिये बधाई देता हूं। हम उनकी प्रतिद्वंद्विता , टीम की नेतृत्व क्षमता और खेल कौशल के आभारी हैं। उन्होंने पांच वर्षाें तक देश का शानदार नेतृत्व किया और उनके रिकार्ड इस बात के गवाह हैं कि उनका खेल कितना बेहतरीन है। दो एशेज जीत के साथ वह देश के महान कप्तानों में शुमार हो गये हैं।” अगले कप्तान के लिये स्ट्रास ने कहा“ हमें कुक के उत्तराधिकारी को चुनने की प्रक्रिया के साथ आगे बढ़ना होगा। कई ऐसे खिलाड़ी जो कुक की जगह संभाल सकते हैं। हमने हालांकि टेस्ट कप्तानी को लेकर अभी किसी के साथ बात नहीं की है। लेकिन अब हम टीम के साथ खुलकर बात करेंगे और टीम के 22 फरवरी को वेस्टइंडीज दौरे पर रवाना होने से पूर्व नये कप्तान की घोषणा कर दी जाएगी।”
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