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ठाकुर और शिर्के के कार्यालय बंद, मीडिया मैनेजर की भी छुट्टी

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मुंबई, 06 फरवरी, सर्वोच्च अदालत की भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(बीसीसीआई) में नियुक्त की गयी प्रशासकों की समिति(सीओए) ने पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के के कार्यालयों को बंद कर दिया है जबकि बीसीसीआई के मीडिया मैनेजर निशांत अरोड़ा की छुट्टी हो गयी है। प्रशासकों की समिति ने अपना प्रभार संभालने के बाद पहला बड़ा कदम उठाते हुये ठाकुर द्वारा नियुक्त किये गये कुछ पुराने पदाधिकारियों को बोर्ड से बेदखल कर दिया है। ठाकुर के दिल्ली और शिर्के के पुणे स्थित कार्यालयों को बंद कर दिया है और इन दोनों जगहों के स्टाफ को भी हटने के लिये कहा गया है। सर्वोच्च अदालत ने प्रशासकों की समिति को बोर्ड के संचालन के लिये नियुक्त किया है जिसमें पूर्व प्रवर्तन एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) विनोद राय, आईडीएफसी के महानिदेशक विक्रम लिमये, पूर्व भारतीय महिला क्रिकेटर डायना इडुलजी और इतिहासकार रामचंद्र गुहा शामिल हैं। समिति की सदस्य डायना ने क्रिकइंफो से कहा“ अब कोई अध्यक्ष नहीं है अौर कोई सचिव नहीं है। यह कार्यालय अब काम भी नहीं कर रहे हैं तो ऐसे कार्यालय में किसी स्टाफ को रखने की क्या जरूरत है। स्टाफ को इन कार्यालयों को छोड़ने के लिये कहा गया है और ये कार्यालय बंद कर दिये गये हैं। यह बात एक फरवरी को दिल्ली में सीओए की बैठक में तय की गयी थी।” इस बीच बीसीसीआई के मीडिया मैनेजर निशांत की छुट्टी हो गयी है। वह दिल्ली कार्यालय का हिस्सा थे। एक मीडिया रिपोर्ट में उनपर बीसीसीआई की खबरें ठाकुर को लीक करने का आरोप लगा था। समझा जाता है कि निशांत को मुंबई स्थित बोर्ड मुख्यालय में काम करने का विकल्प दिया गया था लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया और अपना इस्तीफा सौंप दिया। 


सोमवार को बीसीसीआई की बंगलादेश के खिलाफ हैदराबाद में होने वाले एकमात्र टेस्ट को होने वाले विज्ञप्ति जारी हुई जिसमें चेतेश्वर पुजारा की आॅडियो क्लिप के बारे में बताया गया था। इस विज्ञप्ति में निशांत का नाम नहीं था जबकि चार फरवरी की बीसीसीआई की एक विज्ञप्ति में निशांत का नाम शामिल था। इडुलजी ने कहा“ भारतीय टीम के सपोर्ट स्टाफ के साथ जुड़े निशांत के बारे में कोई भी फैसला बोर्ड के सीईओ राहुल जौहरी करेंगे। निशांत मई 2015 में बीसीसीआई के साथ जुड़े थे और गत वर्ष भारत में हुये ट्वंटी 20 विश्वकप में टूर्नामेंट के मीडिया मैनेजर थे।” गत 30 जनवरी को इस समिति ने बोर्ड में पदभार संभाला था। बीसीसीआई के अधिकारियों की नियुक्ति और कार्यकाल फिलहाल उसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी जौहरी संभाल रहे हैं। सर्वाेच्च अदालत ने दो जनवरी को ठाकुर और शिर्के को उनके पदों से हटा दिया था। उन्हें बीसीसीआई में लोढा समिति की सिफारिशों को लागू करने में बाधा पैदा करने के आरोपों के तहत हटाया गया था। उच्चतम न्यायालय ने इससे पहले अधिकतर उन पदाधिकारियों को पदों से बेदखल किया है जो लोढा समिति की सिफारिशों के मानकों पर खरे नहीं उतरते हैं। 

पटना : टॉप सीड तन्वी और प्रणय की सनसनीखेज हार

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पटना, 06 फरवरी, 81वीं राष्ट्रीय सीनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप में सोमवार को महिला और पुरुष वर्ग के टॉप सीड खिलाड़ियों का विजय रथ थम गया। महिला एकल की टॉप सीड तन्वी लाड को क्वार्टरफाइनल में जहां नौवीं सीड रेशमा कार्तिक ने हरा दिया वहीं दूसरी तरफ पुरुष एकल के टॉप सीड एचएस प्रणय प्री क्वार्टरफाइनल में ही हार कर चैंपियनशिप से बाहर हो गये। बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के तत्वावधान में पाटलीपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्पलैक्स में खेली जा रही चैंपियनशिप में महिला एकल की टॉप सीड तन्वी लाड (पीएसपीबी)को क्वार्टरफाइनल में नौवीं सीड रेशमा कार्तिक ने 22-20, 21-13 से पराजित कर बाहर का रास्ता दिखा दिया। वहीं दूसरी तरफ पुरुष एकल के टॉप सीड एचएस प्रणय (पीएसपीबी) को प्री क्वार्टरफाइनल में 14वीं सीड और जूनियर रैंकिंग में विश्व के नंबर एक खिलाड़ी लक्ष्य सेन (उत्तराखंड) ने 15-21, 21-18, 21-19 से पराजित कर सभी को चौंका दिया। पुरुष एकल में सातवीं सीड डेनियल फरीद (कर्नाटक), पांचवीं सीड प्रतुल जोशी (आईएआई), आठवीं सीड रिया पिल्लै (महाराष्ट्र), 13वीं सीड रसिका राजे (एएआई) भी क्वार्टरफाइनल में पराजित होकर बाहर हो गए। पुरुष युगल के टॉप सीड जोड़ी एल्विन फ्रांसिस और तरुण (केरल व पीएसपीबी) की जोड़ी को नंदा गोपाल और सन्यम शुक्ला (सीएजी और एआई) ने 18-21, 21-14, 21-12 से पराजित कर बाहर का रास्ता दिखाया। युगल मुकाबले की दूसरी सीड महाराष्ट्र के विग्नेश देवालकर और अक्षय देवालकर की जोड़ी रिटायर्ड हर्ट होकर चैंपियनशिप से बाहर हो गई। 


अब तक खेल गये मुकाबलों का स्काेर कार्ड - 
महिला एकल क्वार्टर फाइनल :रेशमा कार्तिक ने तन्वी लाड को 22-20, 21-13, आकर्षि कश्यप ने रिया पिल्लै को 21-9, 21-14, अरुंधति पंतवाने ने स्याली राणे को 21-16, 17-21, 21-17, रितुपर्णा दास ने रसिका राजे को 21-17, 21-18 से हराया। 
पुरुष एकल क्वार्टरफाइनल : लक्ष्य सेन ने डेनियल फरीद को 21-11, 19-21, 21-19, हर्षील दानी ने आदित्य प्रकाश को 21-12, 21-18, सौरभ वर्मा ने सिरील वर्मा को 21-16, 21-13, समीर वर्मा ने प्रतुल जोशी को 21-9, 21-11 से हराया। 
पुरुष एकल प्री क्वार्टरफाइनल : लक्ष्य सेन ने एचएस प्रणय को 15-21, 21-18, 21-19, डेनियल फरीद एस ने राहुल यादव को 17-21, 23-21, 21-11, हर्षील दानी ने मिथुन एम को 21-18, 21-14, आदित्य प्रकाश ने मुनवर मोहम्मद को 21-18, 21-18, सिरील वर्मा ने बोधित जोशी को 21-19, 21-14, सौरभ वर्मा ने कौशल धरमामेर को 21-19, 21-15, प्रतुल जोशी ने अंसल यादव को 21-13, 19-21, 21-18, समीर वर्मा ने हेमनाथ एमजी को 21-9, 21-6 से हराया। 
महिला युगल : महिमा अग्रवाल व मनीषा ने अरुण प्रभुदेसाई व करिश्मा वाडकर को 17-21, 21-15, 21-18, अपर्णा बालन व प्राजक्ता सावंता ने अगना अंटो और स्नेहा संथाली को 24-22, 21-17, एस गौतम व एस घोरपड़े ने अश्विनी भट्ट व मिथुला यूके को 22-24, 21-16, 21-13, सुरुथि केपी और हरिथा एमएच ने वैष्णवी भाले व श्रुति मुंदला को 21-17, 21-15 से हराया।  नंदा गोपाल व संयम शुक्ला और अल्विन फ्रांसिस व तरुण को 18-21, 21-14, 21-12, कृष्णा प्रसाद जी और ध्रुव कपिला ने उत्कर्ष अरोड़ा व गौरव देशवाल को 21-14, 22-20 से हराया। सात्विक साई राज व चिराग शेट्टी ने रुपेश कुमार व सनावे थॉमस को 21-19, 7-7 (रिटायर हर्ट) और बेनेट एंथोनी व अर्जुन कुमार रेड्डी ने विग्नेश देवेलकर और अक्षय देवालकर 21-18, 8-6 (रिटायर हर्ट) को हराया। 

पाकिस्तान ने सांबा सेक्टर में संघर्ष विराम का दो बार उल्लंघन किया

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जम्मू, छह फरवरी, पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू कश्मीर के सांबा सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारत की अग्रिम चौकियों को निशाना बनाकर छोटे हथियारों से गोलीबारी की और मोटार्र बम दागे। पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा इस साल किये गये पहले संघर्ष विराम उल्लंघन में कोई भी घायल नहीं हुआ। बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘सुबह करीब आठ बज कर 45 मिनट पर पाकिस्तानी सैनिकों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सांबा सेक्टर में छोटे हथियारों से गोलीबारी की।’’ उन्होंने बताया कि इसके बाद सुबह करीब नौ बज कर 35 मिनट पर पाकिस्तान की ओर से छोटे हथियारों से फिर से गोलीबारी की गई और 51 एमएम के मोर्टार बम दागे गए। अधिकारी ने बताया, ‘‘हमारे बलों ने भी जवाबी कार्रवाई की। इलाके से किसी के हताहत होने या संपत्ति को नुकसान पहुंचने की खबर नहीं है।’’ गौरतलब है कि सांबा सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के अग्रिम इलाकों में तैनात जवानों पर दो फरवरी को भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने हमला किया था जिसे भारतीय सैनिकों को विफल कर दिया था। आतंकवादी भारतीय क्षेत्र में घुस आये थे और उन्होंने स्वचालित हथियारों से गोलीबारी करते हुये जवानों को निशाना बनाया था। आतंकवादियों ने अंडर बैरल ग्रेनेडों का भी इस्तेमाल किया था। इस हमले का भारतीय सैनिकों ने मुंहतोड़ जवाब दिया था।

उत्तराखंड सहित उत्तर भारत में 5 . 8 तीव्रता का भूकंप

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नयी दिल्ली, छह फरवरी, त्तराखंड में आज रिक्टर पैमाने पर 5 . 8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसे दिल्ली और उत्तर भारत के अन्य भागों में भी महसूस किया गया। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की इकाई राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान ब्यूरो के ऑपरेशन प्रमुख जेएल गौतम ने बताया कि भूकंप का केन्द्र उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जिले में था। उन्होंने बताया, ‘‘भूकंप की गहराई 33 किलोमीटर थी और यह रात 10 बजकर 33 मिनट पर आया।’’ हिमालय क्षेत्र में आने वाला उत्तराखंड अधिक भूकंपीय गतिविधियांे के लिए जाना जाता है। भूकंप के झटके पंजाब, हरियाणा, उनकी संयुक्त राजधानी चंडीगढ में भी महसूस किये गये, जिसके बाद कई लोग अपने घरों से बाहर निकल आए।फिलहाल, जान माल को कोई नुकसान पहुंचने की खबर नहीं है।

प्रदेश में हर गरीब के पास होगा अपना मकान : शिवराज

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रीवा, 06 फरवरी, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां कहा कि प्रदेश में प्रत्येक गरीब परिवार को आवासीय भूमि का पट्टा दिया जायेगा और राज्य शासन की योजना में उनके लिये मकान का निर्माण भी करवाया जाएगा। श्री चौहान जिले के ग्राम ओझापूर्वा में जन-समुदाय को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी बड़े हनुमान त्रिवेणी बाँध प्रयाग इलाहाबाद के अध्यक्ष महन्त नरेन्द्र गिरि श्री महाराज और मुख्यमंत्री की पत्नी साधना सिंह मौजूद थीं। श्री चौहान ने कहा कि यह कार्यक्रम मध्यप्रदेश शासन के आनन्दम विभाग की नीति के अनुसार एक अनुपम उदाहरण है। गुरू महन्त नरेन्द्र गिरि जी महाराज ने अपने निर्धन शिष्य शिवेक मिश्रा को एक शानदार मकान का निर्माण कर प्रदान किया है। उन्होंने कहा मध्यप्रदेश सरकार का प्रयास है कि प्रत्येक व्यक्ति सुख, शांति, समृद्धि और आनन्द के साथ जीवन जियें। उन्होंने कहा कि मन को आनन्द धन और पद से नहीं मिलता है, जिसके पास कुछ नहीं है उसे सम्बल, सहयोग देने उसके सुख के लिये सभी प्रयास करने में ही आनन्द है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने भी आनन्द विभाग का गठन कर इसी दिशा में प्रयास शुरू किये हैं। उन्होंने महन्त नरेन्द्र गिरि जी महाराज को आनन्दम विभाग का प्रमाण-पत्र ससम्मान प्रदान करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश शासन उनका सम्मान और आदर कर रहा है। श्री चौहान ने कहा कि छात्र-छात्राओं को प्राथमिक, माध्यमिक, उच्चतर और उच्च शिक्षा पाने में आने वाली हर बाधा को राज्य सरकार ने दूर किया है। अब किसी भी गरीब परिवार के छात्र को उच्च शिक्षा पाने में फीस की चिन्ता नहीं करनी पड़ रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रत्येक युवा के लिये रोजगार की चिन्ता की है। उन्होंने कहा कि अगले एक वर्ष में साढ़े सात लाख युवाओं को स्व-रोजगार में स्थापित करने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने गाँव की कक्षा 8वीं तक की शाला का कक्षा 10वीं तक उन्नयन करने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में एक स्वास्थ्य केन्द्र प्रारम्भ होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिले में अनेक जगह स्वास्थ्य शिविर लगाये जा रहे हैं ताकि हर पीड़ित व्यक्ति का समुचित इलाज हो सके। उन्होंने कहा कि गम्भीर बीमारियों के इलाज के लिये भी मध्यप्रदेश सरकार मदद देगी। उन्होंने सभी संत-महात्मा और जन-समुदाय का आव्हान किया कि वे नर्मदा सेवा यात्रा में शामिल हों, ताकि नर्मदा नदी के साथ सभी नदियों के जल की स्वच्छता और भरपूर जल को कायम रखा जा सके। महन्त नरेन्द्र गिरि जी महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उज्जैन में सिंहस्थ के दौरान अति उत्तम इंतजाम सुनिश्चित करवाये थे। महंत जी ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रत्येक संत-महात्मा और हर व्यक्ति के हृदय में सदैव निवास करेंगे। उन्होंने आज एक निर्धन व्यक्ति के गृह प्रवेश कार्यक्रम में शामिल होकर प्रत्येक गरीब परिवार के मान को बढ़ाया है। 

छात्र-छात्राओं में देश को विकसित राष्ट्र में बदलने की क्षमता : कोहली

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भोपाल, 06 फरवरी, मध्यप्रदेश के राज्यपाल ओम प्रकाश कोहली ने आज कहा कि छात्र-छात्राएं हमारे देश का भविष्य हैं। उनमें देश में व्याप्त परिस्थितयों और चुनौतियों का सामना करते हुए उसे विकसित देश में बदलने की शक्ति और क्षमता है। उन्होंने कहा कि यह अफसोस की बात है कि देश को आजाद हुए सात दशक हो गये हैं, परन्तु हमारा देश अभी तक विकासशील देशों में ही स्थान प्राप्त कर सका है। श्री कोहली ने यह बात यहां बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कही। इस अवसर पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी, राज्यपाल के प्रमुख सचिव डॉ. एम मोहन राव और विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एम.डी तिवारी उपस्थित थे। राज्यपाल ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी को डीएससी की उपाधि सहित मेधावी छात्र-छात्राओं को पीएचडी और स्नातक एवं स्नात्कोत्तर की उपाधियां प्रदान की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मेक इन इंडिया''अभियान के तहत देश को विकसित देशों में शामिल करने के लिए कई योजनाएं आरंभ की हैं। विश्वविद्यालयों और छात्र-छात्राओं को इन योजनाओं को सफल बनाने तथा इसका लाभ जन-जन तक पहुंचाने के लिए अपनी सक्रिय भागीदारी निभाना चाहिए। तभी हमारा देश विकसित राष्ट्र बन सकेगा। 


श्री कोहली ने कहा कि विश्वविद्यालयों को उच्च शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए ताकि हमारे प्रदेश के विश्वविद्यालय विश्व-स्तर के विश्वविद्यालयों की सूची में अपना स्थान प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में अनुभव किये जा रहे बदलाव को हमें समझना होगा। आज हम वैश्वीकरण के युग में जी रहे हैं, जहां बहुत अधिक प्रतिस्पर्धा है। अत: वैश्विक स्तर पर यदि हमें अपनी पहचान सुनिश्चित करनी है, तो इन प्रतिस्पर्धाओं के अनुरूप हमारे युवाओं को नवाचार एवं सृजनशीलता विकसित करनी होगी। इस दौरान पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि किसी भी देश की प्रगति उस देश की सभ्यता और संस्कृति पर निर्भर रहती है। आज का परिदृश्य बहुत भिन्न है। विश्व के छोटे-छोटे देश विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर हैं। जो देश हमारे साथ आजाद हुए थे वह हम से विकास में बहुत आगे बढ़ गये हैं। उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह चिंता और सोच-विचार करने का विषय है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि आप सभी मिल-जुलकर इस प्रकार के प्रयास करें कि देश को फिर से विश्य गुरू का स्थान प्राप्त हो सके। 

मंदिर के नाम पर वोट मांगने पर आयोग अमित शाह को भेजे जेल: नसीमुद्दीन सिद्दीकी

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हरदोई, 06 फ़रवरी, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह पर पलटवार करते हुए मंदिर के नाम पर वोट मांगने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें जेल भेजने की मांग की है। श्री सिद्दीकी आज जिले के पिहानी कस्बे में गोपामऊ विधानसभा सीट से पार्टी उम्मीदवार मीना वर्मा के पक्ष में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी धमकाने का भाषण देते हैं और अपना ही सीना पीटने लगते हैं। उन्होंने कहा, “कल मैं देख रहा था कभी वह धमकाते हैं कभी सीना पीटने लगते हैं तो कभी भाषण देते देते ताली बजाने लगते हैं। अगर ताली बजाने से काम नहीं चलता है तो मोदी जी रोने लगते हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद वह कई बार रोये हैं।” बसपा महासचिव ने कहा कि चुनावी घोषणा पत्र जारी करते हुए श्री शाह ने कहा कि हम मंदिर बनवाएंगे। श्री शाह जी प्रधानमंत्री से चार कदम आगे निकल गए अब चुनाव आ गया तो मंदिर याद आ गया। पहले अटल बिहारी बाजपेयी जी प्रधानमंत्री थे तब मंदिर की बात नहीं कही, आपकी सरकार यूपी में रही तब मंदिर नहीं बनवाया, पौने तीन साल से नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री है मंदिर की बात नहीं कही। उन्होंने भीड़ से मुखातिब होकर पूछा कि कब तक धोखा दोगे अमित शाह जी। वहीं उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने आदेश दिया कि अगर कोई भी नेता मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर गुरुद्वारा के नाम के अलावा जाति और धर्म के नाम से वोट मांगता है तो अपराधी होंगा। उन्होंने श्री शाह पर आरोप लगाया कि उसके बाद भी वह मंदिर के नाम से वोट मांग रहे हैं। उन्होंने भाजपा अध्यक्ष पर उच्चतम न्यायालय के आदेश की अवमानना का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें गिरफ्तार करके जेल की सलाखों के पीछे भेजने की अपील की। 

नोटबंदी ने तोडी आतंकवाद व नक्सलवाद की कमर : राजनाथ

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फिरोजाबाद 06 फरवरी, केन्द्रीय गृह मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने नोटबंदी से आतंकवादियों और नक्सलवादियों की कमर टूटने तथा देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने का दावा किया है। श्री सिंह ने कहा कि पाकिस्तान में आयोजित सार्क सम्मेलन में आतंकवादियों और उनके सरदारों द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ की गई नारेबाजी का उसी की जमीन पर जाकर मुंहतोड जवाब दिया गया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के ढाई वर्ष के कार्यकाल के दौरान किसी भी मंत्री पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नही लगा है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने आज यहां टूण्डला विधानसभा क्षेत्र के नारखी ब्लाक के असन गांव में पार्टी प्रत्याशी प्रो0 एस पी सिंह बघेल के समर्थन में जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस ने देश में 60 वर्ष से अधिक शासन किया लेकिन देश को दुनिया के सबसे गरीब देशाें की श्रेणी में गिना जाता था। उन्होंने कहा कि यदि केन्द्र में भाजपा सरकार रही तो वर्ष 2022 तक देश दुनिया के सबसे ताकतवर श्रेणी में शामिल होगा।


श्री सिंह ने कहा कि नोटबंदी से आतंकवादियों और नक्सलवादियों की कमर टूटी है। इससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है। इसका असर कुछ समय बाद सामने आयेगा । उन्होंने कांग्रेस-सपा गठबंधन पर चुटकी लेते हुये कहा कि अभी तो दोनों में चुनाव पूर्व सगाई हुई है। इस सगाई से सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव खुश नही हैं। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव ने कहा है कि जिस कांग्रेस का विरोध कर सपा को मेहनत से खडा किया गया उसके साथ गठबंधन कर पार्टी की भावनाओं को आहत किया है। श्री सिंह ने कहा है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी खाट सभायें कर पहले ही अपनी पार्टी की खाट खडी कर चुके है अब चुनाव में उनका क्या हाल होगा समय बतायेगा। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव विकास कार्यों की दुहाई दे रहे है लेकिन आंकडे बताते हैं कि कृषि विकास और सकल घरेलू उत्पादन दरों में निरंतर गिरावट आयी हैं। उन्होंने किसानों से पूछा कि क्या कृषि और धान का समर्थन मूल्य मिल रहा है। खाद आसानी से मिल रही है। क्या किसानों का कर्जा माफ हो गया है। इस पर किसानों ने नही में जवाब दिया। गृह मंत्री ने अटल सरकार के कार्यकाल की याद दिलाते हुये कहा कि आलू के अधिक उत्पादन होने के कारण किसानों की परेशानी को देखते हुये निर्यात की व्यवस्था करायी थी। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा की सरकार बनती है तो फसल का समर्थन मूल्य मिलेगा। फसली कर्जा माफ किया जायेगा तथा नया कर्जा कम ब्याज पर उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार बनने पर छात्राओं को स्नातक तथा छात्रों को इण्टरमीडिएट तक नि:शुल्क शिक्षा उपलब्ध करायी जायेगी। उत्तर प्रदेश का चुनाव देश की दशा और दिशा तय करने वाला साबित होगा। लोकसभा चुनाव में भाजपा को प्रदेश ने 73 सांसद देकर एक नया राजनीतिक इतिहास रचा है। विधानसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में मतदान कर राष्ट्रहित में एक नया इतिहास रचने का काम करें। 

अल्पसंख्यक समुदाय को शक की नजर से देखा जाना भाजपा की करतूत : मायावती

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फर्रूखाबाद 06 फरवरी, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने आज आरोप लगाया कि आतंकवाद के नाम पर देश में अल्पसंख्यक समुदाय को शक की नजर से देखा जाना वास्तव में केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की करतूत है। सुश्री मायावती ने कहा कि यहां भोजपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के कस्बा कमालगंज स्थित रामलीला मैदान में बसपा प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुये कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार अल्पसंख्यकों की समस्याओं की अनदेखी कर रही है और उनके प्रति पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रही है। धार्मिक कट्टरवाद और आतंकवाद के नाम पर मुस्लिम समुदाय को शक की नजर से देखा जाना भाजपा की ही देन है। मुस्लिम पर्सनल ला में भाजपा की दखलदांजी का उनकी पार्टी पुरजोर विरोध करेगी। नोटबंदी से पहले अपने चहतों और पूंजीपतियों का धन ठिकाने लगाये जाने आरोप भाजपा पर मढते हुये बसपा नेता ने कहा कि केन्द्र को बताना चाहिये कि 500 और 1000 रूपये के नोट बंद करने के बाद कितना काला धन वापस आया और कितनों को सजा दी गयी। केन्द्र सरकार ने गलत आर्थिक नीतियों से ध्यान बटाने के लिये नोटबंदी जैसा बेतुका फैसला लिया।


सुश्री मायावती ने कहा कि बिना तैयारी के पुराने नोट बंद किये जाने से देश के 90 प्रतिशत गरीब, मजदूर, किसान, बेरोजगार आज भी उबर नही पाये हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने चहेते पूंजीपतियों एवं धन्ना सेठों में ललित मोदी, विजय माल्या, अडानी, अंबानी को मालामाल बनाया। इसी के बल पर उत्तर प्रदेश में भाजपा सत्ता में आने का स्वप्न देख रही है। उन्होने कहा कि भाजपा के लोग खुद तो शीशे के घर में रहते हैं और दूसरों के घर में पत्थर फेंकते है। श्री मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में वादा किया था कि विदेशों में जमा कालाधन लायेंगे और 100 दिन के अन्दर 15-20 लाख रूपये गरीब, किसान, मजदूर आदि लोगों के खातों में भेंजेंगे। इसके अलावा किसानों के कर्जा माफी के जो वायदे किये थे। वे सभी हवा-हवाई और कोरे जुमले साबित हुये। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न हो रहा है। भाजपा अन्दर ही अन्दर आरक्षण व्यवस्था को प्रभावहीन करने में लगी है। ऐसे में भाजपा को वोट करने का मतलब आरक्षण को खत्म करना होगा। उन्होने दावा किया कि प्रदेश में बसपा की सरकार बनने पर अगणी जाति के गरीब लोंगों को आर्थिक आधार पर आरक्षण की सुविधा मिलेगी। 

सुश्री मायावती ने कहा कि प्रदेश की वर्तमान सपा सरकार भ्रष्ट अपराधी जंगलराज में, अपहरण, लूट, डकैती एवं जमीनों पर कब्जे व महिला उत्पीड़न चरम सीमा पर हुये है। वर्तमान सपा सरकार का कार्यकाल अतिकष्ट दायक है। राजनीतिक स्वार्थ को पूरा करने के लिये मुलायम सिंह यादव ने पुत्र मोह में अपने भाई शिवपाल सिंह यादव को अपमानित किया है। इन्हे जरूर सबक सिखायेंगे। सपा के लोग ही सपा को हराने की कोशिश में लगे है। अल्पसंख्यक समाज के लोग सपा को वोट देते हैं तो उनका वोट भाजपा को पहुॅचकर बेकार चला जायेगा। इसलिये अल्पसंख्यक बसपा को ही वोट दें। बसपा नेता ने कहा कि प्रदेश में बसपा की सरकार आने पर गरीब, मजदूर, किसान के एक लाख रूपये के कर्जे माफ किये जायेंगे। जिनकी जमीनों पर सपा सरकार ने भू-माफियाओं ने कब्जे किये उनसे छुड़वाया जायेगा और जेल भेजे जायेंगे। प्रदेश की जनता को बसपा सरकार आने पर पूरी तरह सुरक्षा और भ्रष्टाचार खत्म करने के लिये प्रभावी कदम उठाये जायेंगे ताकि प्रदेश में हर स्तर पर कानून का राज कायम हो और सभी को सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय का लाभ मिल सके। उन्होने कन्नौज के छिबरामऊ से बसपा प्रत्याशी ताहिर हुसैन सिद्दीकी, तिर्वा से विजय सिंह विद्रोही, कन्नौज से अनुराग सिंह जाटव तथा फर्रूखाबाद जिले के कायमगंज से रामस्वरूप गौतम अमृतपुर से अरूण कुमार उर्फ बंटी फर्रूखाबाद सदर से मो० उमर खां तथा भोजपुर से नितिन सिंह जैमिनी राजपूत के समर्थन में वोट देने की अपील की। 

चुनावी घोषणापत्र के सभी वादों को निभाया : अखिलेश

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सीतापुर 06 फ़रवरी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज दावा किया कि उनकी सरकार ने पिछले विधानसभा चुनाव मे किये गये सभी वादो काे संजीदगी से निभाया है। सिधौली में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए श्री यादव ने कहा “ वर्ष 2012 में हमने अपने घोषणापत्र में जो जो वादे जनता से किये थे। उनमें से लगभग सभी वादों को पूरा किया गया हैे। समाजवादियों ने प्रदेश में तेज़ी से विकास किया है| 52 जिलों को फोर लेन से जोड़ने का काम तेज़ी से चल रहा है| एक्सप्रेस वे का निर्माण हो रहा है| प्रदेश सरकार सभी समुदायों को साथ में लेकर सबका विकास कर रही है| समाजवादी पार्टी (सपा) विकास के प्रदेश में विकास के बूते पर चुनाव लड़ रही है। ” उन्होंने कहा कि सपा-कांग्रेस गठबंधन से इस चुनाव में कम से कम 300 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के लिये कमर कस चुका है। सूबे में एक बार फिर समाजवादी सरकार बनने जा रही है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा “ बताओ क्या अच्छे दिन आये हैं। अच्छे दिन लाने वालों ने सभी को बैंक की कतार में लगा दिया| बैंक की कतारों में लोग मर गये| भाजपा बताए कि कितना काला धन जमा हुआ।” बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बारे में उन्होने कहा, “ जो हाथी खड़े थे वो बैठे नहीं हैं और जो बैठे थे वो खड़े नहीं हैं| बसपा जनता के पैसे से स्मारक बनवाती है, हम मेट्रो बनवाते हैं। विकास के लिए समाजवादी हमेशा प्रतिबद्ध रहे हैं। हमने कन्या विद्या धन, लैपटॉप वितरण और समाजवादी पेंशन के साथ-साथ विकास के तमाम कार्य किये हैं” उन्होंने सपा विधायक मनीष रावत को भारी बहुमत से जिताने की अपील की। अपने बीस मिनट के भाषण में उन्होंने सपा सरकार बनाने के लिए सपा-कांग्रेस गठबंधन को वोट देने की अपील की।

भोजपुरी सिनमा की नयी इबारत लिखेगी मेंहदी लगा के रखना

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पटना 06 फरवरी, सुपरस्टार खेसारी लाल यादव और क्वीन काजल राघवानी की रोमांटिक जोड़ी से सजी फिल्म मेंहदी लगा के रखना के जरिये भोजपुरी सिनेमा के गौरवपूर्ण इतिहास को पुन: लौटाने की कोशिश की गयी है जिसमें सुपरहिट फिल्म ‘पटना से पाकिस्तान’ फेम निर्माता अनंजय रघुराज और संगीतकार से निर्देशक बने रजनीश मिश्रा ने सफलता सुपर सफतला हासिल की। भोजपुरी फिल्मों के इतिहास में एक लंबे अंतराल के बाद मेंहदी लगा के रखना के रूप में पारंपरिक और पारिवारिक भोजपुरी फिल्म प्रदर्शित हुयी है। नदिया के पार ,हम आपके हैं कौन और दिलवाले दुल्हनियां ले जायेंगे जैसी फिल्मों की याद दिलाती मेंहदी लगा के रखना रजनीश मिश्रा की बतौर निर्देशक यह पहली फ़िल्म है लेकिन अपने इस पहले प्रयास में ही उन्होंने बेहतरीन पारिवारिक फिल्म दर्शकों के सामने प्रस्तुत की है । ‘मेंहदी लगा के रखना’ रजनीश मिश्रा के सिनेमाई प्रतिभा का विस्‍तार है। कैसे एक संगीतज्ञ लोक रागों को अपनी लोकप्रिय शैली का वियोजन सिनेमा के मनभावन दृश्‍यों को रचने में किया है, यह इस फिल्‍म में साफ नजर आता है। कैसे लगभग सभी दृश्‍य नवीनता और भोजपुरी अहसासों के साथ शिद्दत से दिल में उतरते हैं और कैसे लगभग सारे कलाकारों का अभिनय अच्‍छी टाइमिंग और ठ‍हराव के साथ बेहतर हो जाता है। खेसारी लाल यादव अपने करियर के सबसे उम्‍दा किरदार में नजर आ रहे हैं। अभिनय के हर शेड में उन्होंने अपने किरदार से सबको प्रभावित किया है कॉमेडी और एक्शन तो खासकर के देखने लायक है । अपने रूमानी अभिनय से दर्शकों का दिल जीतने वाली काजल राघवानी मेंहदी लगा के रखना में नये अंदाज में नजर आयी। फिल्म में उन्होंने संगीत शिक्षिका का किरदार निभाया है जो निश्चित तौर पर दर्शकों को पसंद आयेगी। भोजपुरी इंडस्‍ट्री में खलनायक के रूप में पहचाने जाने वाले अभिनेता अवधेश मिश्रा का अपने सकारात्‍मक किरदार में डूबना एक पिता के आत्मिक भाव को बढ़ाने वाला है। वहीं संजय पांडे के तल्‍ख अंदाज भी सराहनीय हैं। फिल्म में हास्य का अनूठा प्रयोग किया गया । फिल्म मेहँदी लगा के रखना से भोजपुरी फिल्म जगत को एक नई दिशा मिलने की उम्मीद है क्योंकि अब यहां कोई द्विअर्थी गानों को पसंद नहीं करता और आप किसी को जबरदस्ती वैसी चीजें लंबे समय तक नहीं परोस सकते हैं । पिछले कुछ समय से भोजपुरी फिल्मों में से भोजपुरिया महक गायब करके केवल पश्चिमी सभ्यता दिख रही थी जिससे दर्शकों का लगाव भोजपुरी फिल्मों से भटक सा गया था । इन्हीं सभी मुद्दों को लेकर भोजपुरिया समाज को देखते हुए यह फिल्म मेहंदी लगा के रखना निर्माता अनंजय रघुराज ने बनाई है जिसको की दर्शकों का भरपूर प्यार मिल रहा है । फिल्‍म के सारे पहलुओं को गौर करें तो पता चलता है कि भोजुपरी सिनेमा में प्रेम के दृश्‍यों को नए अंदाज में फिल्‍माया गया है। अश्‍लीलता को दरकिनार कर रोमांस की अलग और इनोवेटिव प्रस्‍तुति इस फिल्‍म को और भी खास बनाती है। उम्मीद है कि फिल्म कमाई के मामले में भी नया आयाम स्थापित करेगी । 


फिल्‍म की शुरूआत राजा (खेसारी लाल यादव) के उद्यम से होता है, जो निकम्‍मा और बेरोजगार है। लेकिन हर पिता की तरह राजा के पिताजी रामनारायण (अवधेश मिश्रा) की चाहते हैं कि राजा सुधकर कोई काम काज करे, पर राजा हर काम को इतना उल्टा पलट करता कि नौकरी से निकाल दिया जाता, रामनारायण उसकी इन हरकतों से बहुत परेशान है । एक दिन राजा को एक खूबसूरत लड़की काजल (काजल राघवानी) मिल जाती और पता चलता की वो स्कूल में संगीत टीचर है, काजल के चक्कर राजा स्कूल में चपरासी की नौकरी करने लगता है, रामनारायण राजा के सुधरने और नौकरी करने से बहुत खुश है। कुछ दिनों के बाद पूरा स्कूल स्वच्छ्ता अभियान पर जाता है जहां राजा काजल से अपने प्यार का इज़हार कर देता है, काजल को ये बहुत बुरा लगता और वो राजा को थप्पड़ मार देती है। रामनारायण को पूरी बात पता चलती है और वो राजा का दिल हल्का करने के लिए उसको अपने एक मित्र के घर ले जाते जहां मित्र के बेटी की शादी है, राजा अपने पिता के मित्र के परिवार के सारे लोगो से मिलता है। लेकिन उसके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहता जब वो देखता है कि जिस लड़की की शादी में आया है वो कोई और नहीं बल्कि काजल है, जिसको वो प्यार करता है। इसके बाद राजा वही पे रुकता है, और अपनी ही मेहबूबा की शादी की तैयारी में मदद करता फिर धीरे धीरे राजा की अच्छाईयों से काजल इतना प्रभावित हो जाती है और राजा को प्यार करने लगती है और जिस दिन काजल राजा से अपने प्यार का इज़हार करती है उसके दो दिन बाद ही उसकी बारात आने वाली होती है। मुहब्बत और संस्कारों के भवर में पड़े राजा और काजल क्या फैसला करते इसी का ताना बाना है - मेहंदी लगा के रखना। 
संगीत : फिल्म में गीत संगीत भी उच्च कोटि का है जो की एकबार सुन लेने के बाद स्वतः ही जुबान पर आने लगेगा। यहां भी रजनीश झा का काम कमाल का रहा है । फिल्म में गीत श्याम देहाती आज़ाद सिंह एवं प्यारेलाल यादव का है । वहीं अन्य कलाकार रितु सिंह और आनंद मोहन ने भी अपने अपने किरदारों को बेहद ही संजीदगी से जिया है । फिल्‍म के सारे गाने पहले ही हिट हो चुके हैं। 

प्रतियोगिता परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर ही लगा प्रश्न चिन्ह : सुशील कुमार मोदी

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पटना 06 फरवरी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा ) ने आज कहा कि बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) की परीक्षा में लगातार दूसरी बार प्रश्न पत्र लीक होने से राज्य में प्रतियोगिता परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर ही प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है। भाजपा विधान मंडल दल के नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने यहां कहा कि इंटरमीडिएट की परीक्षा में टॉपर घोटाले के भंडाफोड़ होने और उससे पहले मैट्रिक की परीक्षा में खुलेआम हुई नकल की घटना से बिहार जहां देश में शर्मसार हुआ वहीं अब नौकरी के लिए आयोजित परीक्षाओं पर से भी परीक्षार्थियों का भरोसा समाप्त हो गया है। मकरसंक्रांति के दौरान हुए नौका हादसे की तरह इस मामले को भी जांच के बहाने दबाने की जुगत में लगी राज्य सरकार अविलम्ब परीक्षा रद्द कर दुबारा आयोजित करे ताकि लाखों छात्रों के भविष्य को बचाया जा सके। श्री मोदी ने कहा कि दरअसल महागठबंधन की सरकार में हर स्तर की परीक्षाओं की विश्वसनीयता संकट में पड़ गई है। टॉपर घोटाले एवं कनीय अभियंता भर्ती घोटाले की तरह ही बीएसएससी की परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने के मामले को भी पहले सरकार द्वारा स्वीकार नहीं करना फिर मीडिया में प्रकाशित-प्रसारित खबरों के दबाव में जांच का आदेश देना प्रश्न पत्र लीक कराने के गोरखधंधे में लगे गिरोह को बचाने की कवायद है । उन्होंने कहा कि प्रश्न पत्र लीक करने के मामले में नवादा और पटना जिले के साथ ही अन्य जगहों से 30 से ज्यादा घंधेबाज गिरफ्तार किये जा चुके हैं। भाजपा विधान मंडल दल के नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार बतायें कि 20 दिन से ज्यादा होने के बावजूद मकरसंक्रांति के मौके पर हुए हादसे की जांच रिपोर्ट जो दो दिन में आ सकती थी आज तक क्यों नहीं सार्वजनिक हो सकी है । टॉपर घोटाले को भी राज्य सरकार ने तब तक स्वीकार नहीं किया जब तक मीडिया ने टॉपर छात्रा का इंटरव्यू प्रकाशित कर सच्चाई को उजागर नहीं कर दिया । उन्होंने कहा कि बीएसएससी प्रश्न पत्र लीक मामले को राज्य सरकार जांच के नाम पर टालने के बजाय परीक्षा रद्द कर दुबारा आयोजित करे। 

उच्च शिक्षा में विश्वविद्यालय की भूमिका महत्वपूर्ण : कुलपति

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दरभंगा 06 फरवरी, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति डा0 राज किशोर झा ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विश्वविद्यालय की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए आज कहा कि शैक्षणिक सत्र को नियमित करना एवं ससमय परीक्षा और परीक्षा फल का प्रकाशन और कार्यालयों की कार्य संस्कृति में सुधार उनकी पहली प्राथमिकता होगी। डा. झा ने कुलपति का पदभार ग्रहण करने के बाद यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में मिथिलांचल का अपना अलग महत्व है। विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में उन्हें जो चुनौतिया मिली है जिसका सामना करने के लिए वह पूरी तरह तैयार है। उन्होंने अधिकारियों, शिक्षक एवं छात्रों के बीच परस्पर संबंध की वकालत करते हुए कहा कि पूर्व के कुलपति के समय संवादहीनता की स्थिति थी जो अब नहीं रहेगी। कुलपति ने कहा कि आधुनिक संचार प्रणाली का अधिक से अधिक उपयोग कर छात्रों एवं शिक्षकों को लाभ पहुचाने की दिशा में आज से ही कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों कार्यालयों के भी आधुनिक तकनीकि से लैश कर संचिका के निष्पादन में तेजी लाने की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय मुख्यालय में सूचना प्रौद्योगिकी (आई टी) सेल की स्थापना जल्द की जाएगी। डा0 झा ने कहा कि छात्र मुझसे कभी भी मिल सकते है। उनकी समस्या का निष्पादन समय पर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत शिक्षकों को सेवांत लाभ समय पर मिले इसके लिए भी वे अलग से प्रकोष्ठ का गठन करेंगे। उन्होंने कहा कि आज ही मुझे इस विश्वविद्यालय के एक शिक्षक की सेवानिवृति के कई महिनों के बाद भी पेंशन नहीं मिलने और उनकी मौत की जानकारी मिली है यह अमानवीय कृत है जिसकी जितनी निन्दा की जाए कम है। पत्रकार सम्मेलन से पहले डा0 झा ने अधिकारियों एवं सम्बद्ध 42 महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यो के साथ बैठक कर शैक्षणिक वातावरण का निर्माण करने एवं समय पर वर्ग संचालन कराने का निदेश दिया। 

सरकार राज्य से गरीबी ,बेरोजगारी दूर करने को प्रतिबद्ध : रघुवर

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रांची 06 फरवरी, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि सरकार की बनाई गई नीतियों से ही राज्य की गरीबी एवं बेरोजगारी दूर होगी। श्री दास ने आज यहां ग्लोबल इंवेस्टर समिट मोमेन्टम झारखंड 2017 की तैयारी की समीक्षा करते हुए कहा कि सरकार द्वारा बनाई जा रही नीतियों न केवल राज्य से पलायन रूकेगा बल्कि राज्य के आर्थिक संसाधनों का उपयोग लोगों के समुचित विकास के लिए हो पायेगा। सरकार की नीतियों से निवेशक भी आकर्षित होकर राज्य में निवेश करना चाह रहे हैं। उन्होंने कहा कि विकास तभी होगा जब कृषि के साथ-साथ उद्योग का भी विकास हो और उद्योग में झारखण्ड के संसाधन (रिर्सोसेस) का उपयोग हो। यहां के रिर्सोस पर आधारित वेल्यू एडेड प्लांट स्थापित हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड के पास देश की 40 प्रतिशत खनिज संपदा है। मेहनतकश और योग्य मानव बल हैं। आवश्यकता है, मेक इन झारखण्ड कार्यक्रम को बढ़ावा देने की। इसके लिए केवल सोच बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश-विदेश में झारखंड की छवि बदल रही है। ग्लोबल इंवेस्टर समिट से न केवल राज्य में निवेश आयेगा, बल्कि यहां से लौट कर जानेवाले प्रतिनिधि राज्य की अच्छी छवि भी साथ ले जायेंगे। राज्य की छवि को और बेहतर बनाना सभी का दायित्व है। 


मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से व्यापारियों और उद्योगपतियों के प्रति गलत धारणा नहीं बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि व्यापारी और उद्याेगपति अपनी जमा पूंजी लगातें हैं। लोगों को रोजगार देते हैं। लाभ दिखेगा तभी कोई निवेश करेगा। निवेश से ही राज्य में सड़क एवं बिजली की ग्रीनफील्ड योजनाओं को मूर्त रूप दिया जा सकता है। यह भी स्पष्ट है कि सड़क और बिजली समाज की उन्नत्ति का प्रतीक है। श्री दास ने कहा कि सड़क एवं बिजली के साथ-साथ स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, संचरण लाईन इत्यादि में निवेश की आवश्यकता है। निवेश के लिए उद्यमियों/व्यापारियों के साथ अच्छा व्यवहार करने के साथ उनका सहयोग आवश्यक है। आधारभूत संरचना एवं औद्योगिक विकास से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा। राज्य से पलायन रूकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आलोचना से प्रेरणा मिलती है और चुनौतियों से अवसर। संकीर्ण मानसिकता एवं संकुचित सोच से विकास कार्य/इनोवेटिव कार्य में बाधा उत्पन्न होती है। इस सोच से उबर कर झारखण्ड को एक उन्नत प्रदेश बनाने की दिशा में पूरे मनोयोग से कार्य करना है। बैठक में बताया गया कि 16-17 फरवरी को होनेवाले ग्लोबल इंवेस्टर समिट में चार देश जापान, चेक रिपब्लिक, ट्यूनेसिया एवं मंगोलिया पार्टनर कन्ट्री हैं। इसमें लगभग 2500 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय डेलिगेट्स के शामिल होने का अनुमान है। 

ग्लोबल इंवेस्टर समिट 12-15 केंद्रीय मंत्रियों एवं 40 से ज्यादा इंडस्ट्री लीडर के आने की संभावना है। अमेरिका, रूस, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, चीन, अफगानिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात के इंटरनेशनल बिजनेस डेलिगेशन भी इसमें शामिल होंगे। केंद्रीय मंत्रियों में अरूण जेटली, वेंकैया नायडू, नीतीन गड़करी, एन0 सीतारमण, रविशंकर प्रसाद, जे0पी0 नड्डा, स्मृति ईरानी, जयंत सिन्हा, सुदर्शन भगत समेत अन्य मंत्री शामिल होंगे। बिजनेस डेलिगेशन में प्रमुख रूप से कुमार मंगलम बिड़ला, रतन टाटा, शशि रूईया, प्रशांत रूईया, सुभाष चंद्रा, नवीन जिंदल, सज्जन जिंदल, गौतम अडानी, अनिल अग्रवाल, सतीश पाई, अशीष दूबे, प्रतीक अग्रवाल समेत अन्य उद्योगपति शामिल होंगे। दो दिन के दौरान सेक्टोरल सेमिनार भी आयोजित किये जायेंगे। इसमें 16 फरवरी को शहरी विकास एवं हाउसिंग, आइ0टी0 , इ-गर्वनेंस तथा ऊर्जा विभाग का सेमिनार होगा। समिट के दूसरे दिन 17 फरवरी को कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, पशुपालन, सहकारिता, उद्योग, माइनिंग, टेक्सटाइल, गारमेंट, फूटवियर, उच्च शिक्षा, स्कील डेवलेपमेंट, ऑटोमोबाइल व ऑटो कंपोनेंट और हेल्थकेयर पर सेमिनार होगा। इससे पहले 15 फरवरी को मुख्यमंत्री के द्वारा महत्वपूर्ण लोगों को रात्रि भोज दिया जा रहा है। समारोह के दौरान राजधानी में सुरक्षा और ट्रैफिक की विशेष व्यवस्था किये जायेंगे। शहर का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। 

स्वस्थ भारत यात्रा झाबुआ पहुँची, शहर की तीन बालिकाओं को बनाया गुडविल एम्बेसडर

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झाबुआ, स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज का सन्देश लेकर भारत भ्रमण पर निकली स्वस्थ भारत की टीम ने आज झाबुआ का दौरा किया. झाबुआ प्रवास के दौरान  यात्रा दल ने उत्कृष्ट विद्यालय की तीन बालिकाओं को इस अभियान का गुड विल ऍमबेसडर बनाया. इस अवसर पर बालिकाओं से स्वास्थ्य चर्चा करते हुए स्वस्थ भारत न्यास के  चेयरमैन आशुतोष कुमार सिंह ने कहा की बालिकाओं का स्वस्थ होना और स्वस्थ रहना स्वस्थ समाज की पहली कसौटी हैं. बालिकाओं से बातचीत में  उन्होंने कहा की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए जागरूक होना जरूरी है. इसी जागरूकता को बढ़ाने के लिए हम 16000 किमी की यात्रा पर निकले हैं. इस यात्रा के बारे में आशुतोष कुमार सिंह की टीम ने जिला अधीक्षक महेश चंद जैन से मुलाकात कर यात्रा के बारे में बताया. झाबुवा की बालिकाओं  के बारे में एसपी महोदय ने यात्रा दल को जानकारी दी. उन्होंने बताया की किस तरह वे यहाँ की बालिकाओं को सशक्त करने के लिए काम कर रहे हैं. अभियान दल ने उन्हें आश्वासन दिया की उनके कार्यों को वे पूरे देश में जन जन तक पहुचाएंगे. गौरतलब है की यह यात्रा भारत छोड़ो आंदोलन के 75 वर्ष पूरे होने पर शुरू की गयी है. इस यात्रा को गांधी स्मृति दर्शन समिति, नॅस्टिवा अस्पताल, राजकमल प्रकाशन समूह, संवाद मीडिया सहित तमाम गैर सरकारी संसथाओं का समर्थन एवं सहयोग प्राप्त है. कल यह यात्रा अहमदाबाद जायेगी.


शशिकला को मुख्यमंत्री बनने से रोकने को लेकर याचिका दायर

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नयी दिल्ली, 06 फरवरी, श्रीमती वी के शशिकला को तमिलनाडु की मुख्यमंत्री के लिए शपथ ग्रहण करने से रोकने की मांग को लेकर उच्चतम न्यायालय में आज शाम एक जनहित याचिका दायर की गयी। यह याचिका गैर सरकारी संगठन सत्य पंचायत इयाक्कम के महासचिव चेन्नई निवासी सेंथिल कुमार ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि श्रीमती शशिकला को लेकर एक हफ्ते के अंदर भ्रष्टाचार के मामले में अदालत का फैसला आने वाला है। अत:उनके मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर रोक लगायी जाये। पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री जे जयललिता और श्रीमती शशिकला 19 वर्ष पुराने आय से अधिक संपत्ति के मामले में आरोपी हैं और इसके बारे में ही फैसला आने वाला है। इस याचिका पर कल सुबह सुनवाई होने की संभावना है। श्री कुमार इस याचिका में कल मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने की संभावित कार्यक्रम को रोकने की मांग कर रहे हैं। इसमें दलील दी गयी है कि यदि उन्हें इस मामले में दोषी पाया गया और उन्हें जबरन इस्तीफा देने पर विवश किया गया तो पूरे तमिलनाडु में दंगा भड़क सकता है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि इस मामले में यदि वह दोषी पायी गयी तो अन्नाद्रमुक कार्यकर्ता एक बार फिर प्रदर्शन कर सकते हैं जिससे जनजीवन प्रभावित होगा। उसने कहा कि यह याचिका तमिलनाडु की जनता के हित में और राज्य की शांति व्यवस्था को देखते हुए दायर की गयी है।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 06 फरवरी)

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इंदौर दाहोद रेल्वे लाईन ्रउदघाटन के दस बरस बाद क्या है हालात!

झाबुआ । 8 फरवरी 2008 में झाबुआ की हरिभाई की बावडी मैदान पर तत्कालीन देश के प्रधानमंत्री डां.मनमोहन सिंह ने दाहोद इंदौर रेल्वे लाईन की आधारशिला रखते हुए अपने उदबोधन में कहां था कि तीन सालों मे यह रेल लाईन पूर्ण हो जायेगी और इससे आदिवासी क्षेत्रों की हालत बदलेगी। तब प्रधानमंत्री की इस बात पर क्षेत्र व देश की जनता ने भरोसा किया था और उनमें एक उम्मिद की किरण जागी थी कि आदिवासी क्षेत्रों का रेल लाईन आने से विकास होगा । लेकिन तब से लेकर आज तक दस साल पूरे हो गये लेकिन लाईन डलना तो दूर लाईन का काम शुरू होने को लेकर भी दूर दूर तक कोई उम्मिद नहीं दिखलाई पउ रही है। इस परियोजना को लेकर एक बार फिर तब लोगों को उम्मिद जागी जब देश में सत्ता परिवर्तन हुआ और देश के दूसरे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बार फिर झाबुआ के कालेज मैदान पर क्षेत्र की जनता और देश को भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार दाहोद इंदौर रेल लाईन को शिघ्र पूरा करेगी और इस पर काम चालू करेगी! दाहोद से लगाकर इंदौर तक 200 कि.मी.की दूरी वाली इस परियोजना की प्रारंभीक लागत 678 करोड रूपया थी जोकि वर्तमान में 1632 करोड रूपये हो गई है। हालांकी मोदी सरकार अपने बजट में पिछले दो साल से इस परियोजना के लिये बजट में राशि का प्रावधान कर रही है लेकिन ये राशि उट के मुंह में जीरे के समान है। पिछले बजट में 100 करोड और इस बार के बजट में 140 करोड रूपयों की राशि का प्रावधान किया गया है। रेल्वे सूत्रों की और जिला प्रशासन की माने तो झाबुआ और धार जिले में इस रेल परियोजना को लेकर दस सालों में सिर्फ भूमि अधिग्रहण का कार्य ही पूरा किया जा सका है। अभी भी भूमि अधिग्रहण का मुआवजा राशि का वितरण रेल्वे और जिला प्रशासन के द्वारा नहीं किया जा सका है। जिसके कारण रेल लाईन का कार्य धिमा है। दाहोद इंदौर रेल लाओ महासमिति के महामंत्री दिलीप सिंह वर्मा ने उपरोक्त जानकारी देते हुए केंद्र सरकार से मांग की है कि वो वास्तकि रूप से अगर आदिवासी क्षेत्रों का विकास करना चाहती है तो इस रेल लाईन के कार्य को गति प्रदान करें और इसका कार्य तेजी से प्रारंभ करवाया जावें । रेल लाओ महासमिति ने इसके लिये प्रधानमंत्री और रेल मंत्री को भी पत्र लिखकर स्थिति से अवगत कराया है। रेल्वे के अधिकारीयों ने पिछले दिनों जिला प्रशासन के साथ हुई बैठक में भरोसा दिलाया है कि मार्च तक इस रेल लाईन पर झाबुआ जिले की और से भी कार्य प्रारंभ करने के लिये टैंडर बुलाये जावेगें । देखना होगा की अब कब तक यह रेल लाईन का कार्य प्रारंभ होता है या फिर यह रेल लाईन आदिवासी क्षेत्र के लिये एक दिवा स्वपन बन कर रह जायेगी 


बाल विवाह रोकथाम के लिए कंट्रोल रूम स्थापित

झाबुआ । बाल विवाह रोकथाम अभियान 2017 अन्तर्गत समस्त बाल विकास परियोजना में कन्ट्रोल रूप स्थापित किये गये है। कन्ट्रोल रूम 6 फरवरी से 30 मई तक नियमित प्रातः 9.00 बजे से शाम 6.00 बजे तक खुले रहेगे। कन्ट्रोल रूम में एक कर्मचारी की ड्युटी लगाई गई हेै। जो बाल विवाह से संबंधित जानकारी प्राप्त होने पर परियोजना अधिकारी बाल विकास, विकास खण्ड महिला सशक्तिकरण अधिकारी को सूचित करेगा एवं परियोजना अधिकारी त्वरित कार्यवाही कर महिला सशक्तिकरण कार्यालय को अवगत करावेगे।

यहाॅ करे बाल विवाह की शिकायत
बाल विवाह की रोकथाम के लिए जिला कार्यालय झाबुआ में श्री आर.एस.जमरा जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी को मो.न. 9993109030 एवं 07392-243452 पर एवं परियोजना अधिकारी कार्यालय थांदला में श्री मगनसिंह कनेल परियोजना अधिकारी को मो0न0 9754507325 एवं 07390-283359 पर, परियोजना पेटलावद में श्रीमती जयबाला भालवाडेकर परियोजना अधिकारी प्रभारी को 7566059997 एवं 07391-265865 पर, परियोजना मेघनगर में श्रीमती लीला परमार विकासखण्ड महिला सशक्तिकरण अधिकारी को मो0 न0 9630662451 एवं 07390-284420 पर, परियोजना झाबुआ में श्रीमती मीरा गांडगे परियोजना अधिकारी को मो.न. 9827825981 एवं 07392-245543 पर परियोजना रामा में श्रीमती चन्दू चैेहान विकासखण्ड महिला सशक्तिकरण अधिकारी को 9977008550 एवं 07392-282236 पर, एवं श्रीमती रामली डावर प्रभारी  मो0न0 9752299119 एवं 07392-282236 पर परियोजना राणापुर में श्रीमती कल्पना सिसौदिया विकासखण्ड महिला सशक्तिकरण अधिकारी को 9425943275 एवं 07392-283359 पर सूचित करे एवं बाल विवाह की रोकथाम में सहयोग प्रदान करे।

जिले में रोजगार सृजन के लिए टास्क फोर्स, समिति ने लिये निर्णय

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झाबुआ । जिले में विभिन्न विभागों के समन्वयक से रोजगार एवं स्वरोजगार के सृजन किये जाने के लिए गठित टास्क फोर्स समिति की बैठक आज प्रभारी कलेक्टर एवं मुख्य कार्यालय अधिकारी जिला पंचायत श्री अनुराग चैधरी की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि समिति के सभी सदस्य विभाग 7 दिवस में अपनी पूरी कार्ययोजना बनाकर सोमवार को होने वाली अगली बैठक में लेकर आये। गाॅव में हितग्राहियों का सर्वे कर उनकी स्थिति का वर्तमान स्टेटस की जानकारी एकत्रित करे एवं रोजगार देने के बाद प्रतिवर्ष की उपलब्धि से उसे जोडे। हितग्राही विशेष को फोकस करके काम करे। पशुपालन विभाग कडकनाथ पालन पर फोकस कर हितग्राहियों की मासिक प्रगति को वाच करे। कडकनाथ पालन के लिए हितग्राहियों को प्रेरित करे। मिल्क रूट पर दुधारू गाय पालन एवं दुग्ध उत्पादन को बढाने के लिए कार्यवाही करे। जिस हितग्राही को शासन की योजना में लाभान्वित किया जा रहा है उस हितग्राही को स्वरोजगार पाने के पहले एवं बाद में कितनी मासिक आय होती है इसका विवरण रखे। ऐसे स्वरोजगार को ही प्रोत्साहित करे जिसका बाजार आसानी से उपलब्ध हो। हितग्राही को वस्तु के निर्माण,उत्पाद की ब्रांडिग एवं बाजार में बेचने का प्रशिक्षण दिया जाये। उक्त निर्देश आज प्रभारी कलेक्टर श्री अनुराग चैधरी ने टास्क फोर्स समिति की बैठक में दिये। बैठक में टास्क फोर्स समिति के सदस्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में सभी विभागों को निर्देश दिये गये कि हितग्राही वार परिवार का डाटा एकत्रित करे। इस तरह का स्वरोजगार प्रशिक्षण काॅलेजो के माध्यम से दिया जाये जिससे व्यक्ति परिवार संचालन के लिए आवश्यक आय अर्जित कर पाये। पुलिस एवं सेना में भर्ती के लिए शारीरिक क्षमता परीक्षण एवं लिखित परीक्षा के लिए प्रशिक्षण दिया जाये। काॅलेज में अध्ययनरत बच्चों को लिपिक परीक्षा की तैयारी एवं सिविल सर्विसेस एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी करवाये। हाॅटल रेस्टोरेन्ट में सेवक के रूप में काम कर पाये इसके लिए होटल रेस्टोरेन्ट में काम करने के लिए प्रशिक्षण दिलवाये।

दिव्यागजनों हेतु सामूहिक विवाह हेतु परिचय सम्मेलन 9 फरवरी को

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झाबुआ । सामाजिक न्याय विभाग द्वारा निःशक्तजनो हेतु निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना 2008 तथा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना संचालित है। निःशक्तजनों के विवाह करवाने के लिए दिव्यांगजनों का सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इस हेतु दिव्यांगजन परिचय सम्मेलन सभी विकासखण्डों में एक साथ 9 फरवरी 2017 को आयोजित किया जाएगा। इस हेतु प्रभारी कलेक्टर श्री अनुराग चैधरी ने संबंधित अधिकारियो को निर्देशित किया है कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत प्रत्येक सचिव के माध्यम से 18 से 40 वर्ष आयु वर्ग के अविवाहित दिव्यांगजनों को सम्मेलन में बुलवायेगे, आंगनवाडी कार्यकर्ता/एन.आर.एल.एम इसमें सहयोग करेगे। दिव्यांगजन को सूचित करे कि वे सम्मेलन में समग्र आई.डी., आधार कार्ड, विकलांगता प्रमाण-पत्र, मार्कशीट अथवा अन्य दस्तावेज एवं 02 फूल साईज फोटो साथ लाये। जनपद पंचायत द्वारा एक पंजीयन दल मय आॅपरेटर के लगाया जावेगा, जो उपस्थित प्रत्येक दिव्यांगजनों का पंजीयन कर कम्प्यूटर से पते सहित सूची बनायेगे तथा विवाह हेतु तैयार जोडो के दस्तावेज तैयार करेगे। दिव्यागजनों के सामाजिक पुनर्वास के रूप में आयोजित होने वाले इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम में 18 से 40 वर्ष आयु के योग्य दिव्यांग युवक एवं युवतियां को उक्त आशय की जानकारी हेतु पर्याप्त प्रचार प्रसार की व्यवस्था सुनिश्चित करे। अनुभूति अभियान अंर्गत पंजीबद्ध हितग्राहियों की सूची भी जनपद पंचायत में उपलब्ध है। प्रत्येक हाट बाजारों में कार्यक्रम का बैनर/फ्लेक्स भी तैयार कर लगाए जावें। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग, जन अभियान परिषद तथा एनआरएलएम द्वारा निर्धारित तिथि को संबंधित विकासखण्ड में विवाह योग्य दिव्यांग युवक-युवतियों को उपस्थित कराते हुए आवेदन तैयार करायेगे। कार्यक्रम में सम्मिलित होने वाले जोडो को शासन के मापदण्ड अनुसार योजना का लाभ भी पात्रतानुसार दिया जावेगा, निःशक्त विवाह प्रोत्साहन योजनान्तर्गत निःशक्त जोडो मे से एक के निःशक्त होने पर रूपये 50000/- तथा दोनो के निःशक्त होने पर रूपये 100000/- मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में 22 हजार की सहायता राशि, 3 हजार की घरेलू सामग्री दी जायेगी। अन्र्तजातिय विवाह योजना पति अथवा पत्नि में से कोई भी एक यदि अनुसूचित जाति का हो तो विवाह करने पर 2 लाख का प्रावधान है। मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत राशि रूपये 1 लाख 20 हजार, कपिलधारा कुआ अंतर्गत रूपये 1 लाख 55 हजार एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत स्वरोजगार हेतु लोन 50 हजार न्यूनतम एवं अधिकतम 2 लाख 25 हजार रूपये दिया जाएगा।

अपहरण कर किया बलात्कार 

झाबुआ । फरियादी साधु पिता धुलिया अमलियार, निवासी कोटडा, हाल मुकाम बिचोली थाना इछावर, जिला सिहोर ने बताया कि उसकी लडकी लखमा उम्र 14 वर्ष अपने बाबा के यहां कोटडा आयी थी। वहां से आरोपी सुनिल पिता नानसिंह मछार निवासी नागनखेडी का लखमा को औरत बनाने की नियत से बहला-फुसलाकर अपहरण कर ले गया व बलात्कार किया। प्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अपराध क्र0 77/17 धारा 363,366(ए), 376(2)(एन) भादवि व 5(डब्ल्यू)6 पास्को एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

करंट लगने से मोत

झाबुआ ।  कु. नरमा पिता पारू बारिया, उम्र 19 वर्ष निवासी छोटी नल्दी की करंट लगने से मृत्यु हो गयी। प्ररकण में थाना कोतवाली झाबुआ में अपराध क्रं. 17/17 धारा 174 जाफौ की कायमी की गयी।

छात्रवृत्ति लेने गई लडकी ने वापस नही आई 

झाबुआ ।  फरियादी मानसिंह पिता खुमचंद भूरिया उम्र 35 वर्ष, निवासी नवापाडा भण्डारिया ने बताया कि उसकी लडकी माधुरी उम्र 17 वर्ष छात्रवृत्ति लेने का कहकर झाबुआ गई थी, जिसे अज्ञात व्यक्ति बहला-फुसलाकर अपहरण कर ले गया। प्रकरण में थाना कल्याणपुरा में अपराध क्र0 40/17 धारा 363 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

ताला तोड की सामान सहीत रकम की चोरी 

झाबुआ ।  फरियादि महेन्द्र पिता भुवानसिंह पंवार उम्र 48 वर्ष, निवासी झाबुआ ने बताया कि अज्ञात बदमाश उसके घर का ताला तोडकर अंदर घुसे व एचपी कंपनी का एक गैस सिलेण्डरर, गोदरेज अलमारी में रखे एक जोडी सोने के टाप्स कीमती 10,000/- रू0, प नगदी चुराकर ले गये। प्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अपराध क्र0 75/17 धारा 457,380 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

बोलेरो की टक्कर से मोत

झाबुआ । बोलेरो वाहन क्रमांक एमपी-09-टीए-5413 के चालक ने अपने वाहन को तेज गति से चलाकर कुलीबाई पति ओंकार वसुनिया उम्र 60 वर्ष निवासी मनासिया को टक्कर मार दी, इलाज के दौरान उसकी मृत्यु होगई।

विशेष आलेख : भू डोल , ज़लज़ला , भूकम्प , अर्थ क्वेक

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पहाड़ों में भूकंप से पर्यावरण के बारुदी सुरंगों में धमाका।राजधानियों की सेहत पर कोई असर नहीं।आपदा प्रबंधन सुशुप्त है।



earth-quack
राष्‍ट्रीय भूकंप ब्‍यूरो के अनुसार भूकंप की तीव्रता 5.8 थी। भूकंप का केंद्र उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग के पीपलकोटि को बताया जा रहा है। भूकंप जमीन के 33 किलोमीटर नीचे आया था और 7-10 सेकेंड तक झटके महसूस किए गए. देहरादून और हरिद्वार में अपेक्षाकृत ज्‍यादा तेज झटके महसूस हुए। फिलहाल उत्तराखंड में लोग भूकंप के बाद आने वाले झटकों के खौफ में घर नहीं जा रहे। रुद्रप्रयाग डीएम रंजना के अनुसार, आपदा केंद्र को पूरी तरह से एक्टिव कर दिया गया है। सभी पुलिस थानों और तहसील से जानकारी जुटाई जा रही है। अभी तक कहीं से भी जनहानि की कोई सूचना नहीं है। वहीं अभी तक यह भी साफ नहीं हो सका है कि भूकंप का केंद्र रुद्रप्रयाग है या फिर पीपलकोटी। पीपलकोटी चमोली जिले में आता है और यह रुद्रप्रयाग को पड़ोसी जिला है। डीएम ने बताया कि भूकंप के झटके महसूस करने के बाद हम और सारा स्टाफ क्वार्टरों से बाहर आ गया। भूकंप के तेज झटके दो बार महसूस किए गए। देहरादून, चमोली, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, केदारनाथ और ऋषिकेश समेत उत्तराखंड के कई शहर भूकंप के तेज झटकों से कांप उठे। झटके इतने तेज थे कि लोग नींद से जाग गए। घबराकर लोग निकलकर बाहर आ गए।  उत्तराखंड टुडे के मुताबिक,रुद्रप्रयाग रहा भूकंप रहा केंद्र, हल्द्वानी-देहरादून के लोगों ने बताई आप बीती ।

राजीव नयन बहुगुआ का शब्द चित्र सटीक हैः भू डोल , ज़लज़ला , भूकम्प , अर्थ क्वेक
भूकम्प और भालू अक्सर पुनः लौट कर आते हैं , और ज़्यादा शिद्दत से धावा बोलते हैं । हड़बड़ाना मत । धैर्य रखना । दिवार से तुरन्त अलग हट कर खड़े हों । दरवाज़े की कुण्डी मत लगाना । सीढ़ियों से बाहर भागना , लिफ्ट से नहीं । 
दिनेश ल्वेशाली ने चेतावनी दी हैः
मौसम विभाग,,,
ब्रेकिंग न्यूज़ रात 12.30 पर फिर आ सकते है भूकम्प के झटके सतर्क रहे ।
ज्यादा से ज्यादा लोगो को शेयर करे।

हम रात को खाना खा रहे थे।टीक साढ़े दस बजे थे।दस मिनट के भीतर बसंतीपुर से भाई पद्दोलोचन का फोन आ गया कि उत्तराखंड में भूकंप आ गया है और तराई में मौसम बेहद खराब है।वह हमेशा की तरह अपनी भाभी को खबर दे रहा था।घर में बहूू उम्मीद से हैं तो हम किसी खुशखबरी का इंतजार कर रहे थे।इसके बदले हमें उत्तराखंड और पूरे उत्तर भारत में भूकंप की खबर मिली।भूकंप इलाका होने के बावजूद पहाड़ों में आपदा प्रबंधन का नजारा यह है कि मौसम विभाग भी टीवी चैनलों को ठीक से बता नहीं पा रहा है कि भूकंप का एपीसेंटर ठीक कहां है।रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ दोनों को एपीसेंटर बताया जा रहा है।किसी चैनल में भूकंप का केंद्र सतह से एक किमी नीचे तो किसी दूसरे चैनल में जमीन के अंदर तीस किमी नीचे बताया जा रहा है।पहले रेक्टर स्केल पर 5.3 का भूकंप बताया गया तो बाद में यह 5.8 में बदल गया। संस्थागत विशेषज्ञ दावा कर रहे हैं कि इस पैमाने पर भूकंप से जानमाल के नुकसान का अंदेशा कम है।भूस्खलनों से पहाड़ में जितना नुकसान हो जाता है,भारी वर्षा से जो नुकसान होता है,बाढ़ से जो तबाही मचती है,उसके मद्देनजर उत्तराखंड के पहाड़ों के बारुदी सुरंगों के फटने से गावों और घाटियों का क्या बनना है,हाल के केदार जलसुनामी और नेपाल के महाभूकंप के अनुभव और बचाव राहत अभियान,हवा हवाई मीडिया कवरेज से उसका अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल है।पहाड़ का एक एक इंच जमीन बेदखल है तो भारी पैमाने पर रोजगार की तलाश में पलायन है।जनादेश बनाने से पहले पहाड़ की सेहत पर टंगा पर्दा गिर गया है लेकिन मजहबी सियासत के कारिंदों को इसकी खास परवाह नहीं है और उत्तराखंड केसरिया है। पद्दो ने बताया तराई में आंधी पानी से मौसम बेहद खराब है और तेज भूकंप के झटकों से अफरातफरी मची है।उसने बताया कि भतीजा टुटुल अभी घर लौटा नहीं है लेकिन उसने घर पर फोन से खबर दी है कि चंडीपुर और दिनेशपुर में बिजली गिरने से दो लोगों की मौत हो गयी है।चंडीपुर में पिताजी के मित्र संन्यासी मंडल के बेटे का निधन बिजली गिरने से हो गयी है।संन्यासी मंडल इमरजेंसी के खिलाफ हमारे साथ थे और 1977 के मध्यावधि चुनाव के दौरान उनने हमारी बगावत का समर्थन पिताजी से अपनी मित्रता दांव पर लगाकर किया था।

अभी टीवी और इंटरनेट पर भूकंप से जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।जाहिर है कि तराई में रुद्रपुर और पंतनगर इलाके में इस आपदा से मारे जाने वाले दोनों लोगों की खबर भी अभी रिपोर्ट नहीं हुई है। टीवी के समाचारों में सलन इंडिया टुडे पर  अबभी पिथौरागढ़ के पीपल कोट को भूकंप का एपीसेंटर बताया जा रहा है,जबकि हिंदी चैनलों ने पहले एपीसेंटर पिथौरागढ़ को बताने के बाद में रुद्रप्रयाग को भूकंप का केंद्र बताया है। गौरतलब है कि केदार आपदा के वक्तभी पिथौरागढ़ और नेपाल तक में तबाही मची थी।गांव के गांव और घाटियों का नामोनिशां मिट गया था ।लेकिन तब निकटवर्ती टिहरी जिले की तबाही की खबर भी बहुत बाद में लगी थी।नेपाल के महाभूकंप से हाल मं पूरा उत्तराखंड प्रभावित हो गया था।राजधानी को शायद यह खबर भी नहीं है। भूकंप से पहाड़ का जो बी हाल हो राजधानियों की सेहत पर असर नहीं होना है और न मलाईदार चमड़ी पर कोई आंच आनी है।जलवायू,मौसम और पर्यावरण को ठिकाने लगाने का मुक्तबाजार का स्वर्ग उत्तराखंड है जहां चार धाम की यात्रा के लिए सपर एक्सप्रेसवे अभी बनना है।  भूकंप केंद्र के नाभिनाल से जुड़ा टिहरी जलाशय का आपदा परमाणु बम की आवाज किसी को सुनायी भी नहीं पड़ती है।अंध विशेषज्ञों को खबर भी नहीं है कि ग्लेशियर कहां कहां पिघल रहे हैं और कैसे गंगोत्री रेगिस्तान में तब्दील है।बाकी चुनाव का मौसम है।राजनीति के अलावा पहाडो़ं की सेहत की फिक्र बहुत आसान भी नहीं है। बहरहाल पर्यटन और धर्म के लिहाज से केदारघाटी की आपदा फोकस में थी।जबकि पिथौरागढ़ पहाड़ों में सबसे पिछड़े इलाकों में है।रुद्र प्रयाग के इलाके भी बेहद पिछड़े है और अभी पर्यटन का मौसम नहीं होने से भूकंप से होने वाली तबाही के शिकार ज्यादातर स्थानीय लोगों के होने का अंदेशा है। 1991 के अक्तूबर में जिस रात मैं बरेली से कोलकाता की यात्रा पर था जनसत्ता में नौकरी ज्वाइन करने के लिए,उस रात भी गढ़वाल के उत्तरकाशी में भारी भूकंप आया था।उत्तरकाशी,टिहरी और भागीरथी,अलकनंदा से लेकर टौंस और यमुना घाटियों में हुई भारी तबाही का ब्यौरा तब भी नहीं मिला था।

रुद्रप्रयाग और पिथौरागड़ में बैठे अफसरान के लिए दूर दराज के गांवों और घाटियों के बारे में आधी रात के बारे में जानकारी लेना बेहद मुश्किल है। अफसरान टीवी वालों को वे जान माल के नुकसान की फिलहाल कोई खबर नहीं है,इतना ही बता पा रहे हैं।जाहिर है कि मीडियावाले मौके पर अभी पहुंचे नहीं है।उनका हवाई सर्वेक्षण कल ही शुरु हो पायेगा।राहत और बचाव अभियान कब तक शुरु हो पायेगा,कहना फिलहाल मुश्किल है। फिलहाल खबरों का लब्बोलुआब यही है कि  दिल्ली एनसीआर में देर शाम भूकंप के झटके महसूस किए गए। देहरादून से भी खबर है कि भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप का केंद्र उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में बताया गया है। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.8 मापी गई है। रात 10.35 मिनट पर झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटके काफी देर तक महसूस किए गए. देहरादून में झटकों के बाद लोग सड़कों पर निकल आए. देहरादून से मिली खबरों के मुताबिक लोग कुमाऊं, गढ़वाल की रेंज में झटके महसूस किए गए। पश्चिमी यूपी में भी झटके महसूस किए गए. पंजाब में झटके महसूस किए जाने की खबर है। भूकंप के झटके पंजाब, हरियाणा, उनकी संयुक्त राजधानी चंडीगढ में भी महसूस किये गये, जिसके बाद कई लोग अपने घरों से बाहर निकल आए।फिलहाल, जान माल को कोई नुकसान पहुंचने की खबर नहीं है। खबरों के मुताबिक समूचे हरियाणा और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भूकंप महसूस किया गया। उंची इमारतों में रहने वाले लोग नीचे की ओर दौड़ पड़े। गुरूग्राम, फरीदाबाद, रोहतक, अंबाला, पंचकुला, सोनीपत, पानीपत और करनाल सहित हरियाणा में विभिन्न स्थानों पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। पंजाब में मोहाली, पटियाला, रोपड़, लुधियाना और जलंधर सहित कई स्थानों पर भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।

टिहरी की जाजल घाटी से अरण्य रंजन ने लिखा हैः
अभी अभी भूकंप आया है. काफी तेज़ झटका था और आवाज भी काफी तेज़ हुयी. 
Just came sharp blow. It was very strong.

साहित्यकार उदय प्रकाश ने लिखा हैः
अभी कुछ ही देर पहले भूकंप के झटके हमारे वैशाली के घर पर आये। सिर्फ मैंने महसूस किया और कहा कि भूकंप है।  किसी ने मेरी बात नहीं मानी।  यही तो समस्या है !  अब जब टीवी पर ख़बर चल रही है, तो सब मान रहे हैं। हम उस समय में हैं जब मानवीय सूचनाओं को इलेक्ट्रॉनिक सूचनाओं ने अपदस्थ कर दिया है। 
(गंभीर बात है। हल्की भले लगे।) 

Амит Холия ने लिखा हैः
Worldwide earthquake 6-feb- 2017
35 minutes ago 5.6 magnitude, 14 km depth 
Pīpalkoti, Uttarakhand, India
38 minutes ago 2.0 magnitude, 29 km depth 
Glendora, California, United States
39 minutes ago 2.1 magnitude, 0 km depth 
Angwin, California, United States
about an hour ago 2.0 magnitude, 0 km depth 
Y, Alaska, United States
about an hour ago 2.4 magnitude, 1 km depth 
Healdsburg, California, United States
about 2 hours ago 1.5 magnitude, 12 km depth 
Friday Harbor, Washington, United States
about 2 hours ago 5.0 magnitude, 33 km depth 
Opotiki, Bay of Plenty, New Zealand
about 2 hours ago 1.5 magnitude, 0 km depth 
Southern Yukon Territory, Canada
about 2 hours ago 2.3 magnitude, 0 km depth 
Sutton-Alpine, Alaska, United States
about 2 hours ago 1.7 magnitude, 7 km depth 
Muscoy, California, United States

आलेख : सत्ता केन्द्रित राजनीति और राष्ट्र हित

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वर्तमान में देश में विधानसभा सीटों के हिसाब से सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियां चल रहीं हैं। इसमें चार प्रमुख राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस चुनाव मैदान में दम दिखाने के लिए उतावली दिखाई दे रहे हैं। सभी राजनीतिक दल कमोवेश सत्ता केन्द्रित राजनीति पर ज्यादा ध्यान देते दिखाई दे रहे हैं। वास्तव में यह सत्ता केन्द्रित राजनीति देश का भला कर पाएगी, इसमें कई प्रकार के संदेह जन्मित होते रहे हैं और वर्तमान में भी हो रहे हैं। हमारे देश में जिस प्रकार की राजनीति की जा रही है, उसमें हमेशा अवसरवादिता का ही बोलबाला रहा है। कहीं बेमेल गठबंधन तो कहीं सिद्धांतों से समझौता राजनीति का नियति बन गई है। राजनीति में इस प्रकार का सत्ता केन्द्रित स्वार्थी रवैया निश्चित रुप से देश के लिए घातक कदम माना जा सकता है। उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियां करते समय कांग्रेस ने 27 साल उत्तरप्रदेश बेहाल का नारा दिया था। इस नारे के पीछे कांग्रेस यही कहना चाहती थी कि उत्तरप्रदेश में जब से सपा और बसपा का शासन रहा, तब से प्रदेश बेहाली के मार्ग पर कदम बढ़ा चुका है। प्रदेश की बदहाली के लिए समाजवादी पार्टी को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराने वाली कांग्रेस पार्टी आज उन्हीं के साथ स्वर मिलाती दिख रही है। कांग्रेस का यह गठबंधन अवसरवादिता का सबसे बड़ा उदाहरण माना जा सकता है। जो दल कांग्रेस की निगाह में उत्तरप्रदेश की बदहाली के लिए सबसे बड़ा दोषी था, आज वही दल कांग्रेस के लिए सबसे अच्छा बन गया है। इस प्रकार की राजनीति करना कांग्रेस की पुरानी आदत है। समाजवादी पार्टी से हाथ मिलाने के बाद कांग्रेस की स्थिति में बहुत ज्यादा सुधार होता नजर नहीं आता। क्योंकि लोकतंत्र में ज्यादा सीट जीतने वाले राजनीतिक दल को ही प्रमुखता दी जाती है। और कांग्रेस लगभग एक चौथाई विधानसभा चुनाव में उतरने के लिए राजी हो गई। यह वास्तव में कांग्रेस की बहुत बड़ी हार है। इससे एक बात तो साफ है कि कांग्रेस प्रदेश में सत्ता प्राप्त करने के लिए चुनाव नहीं लड़ रही, बल्कि वह बेहाली के लिए जिम्मेदार समाजवादी पार्टी को सत्ता दिलाने की ही राजनीति कर रही है। सीधे शब्दों में कहा जाए तो प्रदेश को फिर से बदहाली के रास्ते पर ले जाने का ही उपक्रम करते हुए दिखाई दे रही है। अब सवाल यह आता है कि क्या कांग्रेस का यह कदम राष्ट्रीय हितों की अनदेखी नहीं है ? अगर है तो कांग्रेस को ऐसी राजनीति से दूर हो जाना चाहिए। नहीं तो लोकसभा की तरह विधानसभा में भी कांग्रेस अपना जनाधार समाप्त करने की ओर ही जाते हुए दिखाई देगी।


उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनाव में घोषित तौर पर यह कहा जा सकता है कि राष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य पर दो ही प्रमुख राजनीतिक दल चुनाव में भाग ले रहे हैं। उसमें से एक भाजपा है तो दूसरी कांग्रेस है। वर्तमान में भाजपा राष्ट्रीय तौर पर प्रभावी भूमिका में है। दूसरी ओर कांग्रेस अपने अस्तित्व को बचाने की लड़ाई लड़ते हुए दिखाई दे रही है। सिमटती जा रही कांग्रेस को आज क्षेत्रीय दलों का मोहताज बनना पड़ रहा है। पूरे देश की राजनीतिक शक्ति का अध्ययन किया जाए तो वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी ही सबसे बड़ा दल है। चाहे वह लोकसभा में सीटों की संख्या का सवाल हो या फिर विधानसभाओं में। वर्तमान में देश में भाजपा की सरकार सबसे ज्यादा राज्यों में है। लोकसभा चुनाव के बाद हुए राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस को ज्यादा उपलब्धि हासिल नहीं हो सकी। इसलिए कांग्रेस के बारे में आज यह सबसे सटीक बात है कि वह डूबता हुआ जहाज है। समाजवादी पार्टी ने डूबते हुए जहाज की सवारी करने का जो निर्णय लिया है, वह कहीं सपा को भी न ले डूबे। वैसे सपा ने डूबते हुए जहाज की सवारी करके यह भी दर्शाया है कि वह प्रदेश में कमजोर हो चुकी है। उसे सहारे की तलाश थी, कांग्रेस उसके लिए सहारा बनकर आई है। सवाल यह आता है कि जो दल स्वयं के लिए सहारा तलाश रहा हो, वह समाजवादी पार्टी को कितना सहारा दे पाएगा? कहीं ऐसा तो नहीं कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेड के साथ समाजवादी पार्टी भी डूब जाए।

उत्तरप्रदेश में पिछले कुछ समय की राजनीति का अध्ययन किया जाए तो लम्बे समय से सपा, बसपा और फिर सपा, बसपा का ही शासन रहा है। इसमें यह बात भी सही है कि बसपा की मायावती को भाजपा ने मुख्यमंत्री बनाने में सहयोग दिया। जहां तक बहुजन समाज पार्टी की बात है तो लोकसभा चुनाव में बसपा को एक भी सीट नहीं मिली। इस भयानक संत्राश को झेलकर बसपा ने सबक लिया है, और विधानसभा चुनाव में एक बार फिर सोशल इंजीनियरिंग की रणनीति अपनाई है। इसी कारण उन्होंने इस बार मुस्लिम और ब्राह्मण प्रत्याशियों को ज्यादा महत्व दिया है। बहुजन समाज पार्टी की यह रणनीति कहीं न कहीं सत्ता केन्द्रित राजनीति का ही संकेत देती हुई दिखाई देती है। सत्ता प्राप्ति की राजनीति के चलते बसपा आज दलित उत्थान के मार्ग से भटक के केवल मुस्लिम और ब्राम्हण के उत्थान की राह पर चलने लगी है। दलित उत्थान बसपा की राजनीति से बहुत दूर होता जा रहा है। मायावती केवल अपने स्वयं के उत्थान की राजनीति करती दिखाई दे रहीं हैं। इसके विपरीत भारतीय जनता पार्टी ने आज ऐसे समाज के व्यक्ति को प्रधानमंत्री बनाया है जो कभी भी ऐसी कल्पना नहीं कर सकता। ऐसे में दबे कुचले समाज का भाजपा की तरफ झुकाव भी होने लगा है। बसपा आज ब्राम्हण समाज को सत्ता देने की कवायद कर रही है।

आज की सत्ता केंद्रित राजनीति देश के भविष्य की राह में बहुत बड़ा अवरोधक बन रही है, लेकिन देश की वास्तविक सरकार यानी जनता को आज यह बात तय करनी होगी कि देश के उत्थान के लिए कैसी राजनीति की जानी चाहिए। जब हम देश के बारे में अच्छा सोचेंगे तो देश भी प्रगति के मार्ग पर कदम बढ़ाएगा।






सुरेश हिन्दुस्थानी
झांसी (उत्तरप्रदेश)
मोबाइल 09455099388

भारतीय संस्कृति में सर्वाधिक लोकप्रिय हैं गणेश

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ganpati ganesh
गणेश भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग हैं, वे सात्विक देवता हैं और विघ्नहर्ता हैं। वे न केवल भारतीय संस्कृति एवं जीवनशैली के कण-कण में व्याप्त है बल्कि विदेशों में भी घर-कारों-कार्यालयों एवं उत्पाद केन्द्रों में विद्यमान हंै। हर तरफ गणेश ही गणेश छाए हुए है। मनुष्य के दैनिक कार्यों में सफलता, सुख-समृद्धि की कामना, बुद्धि एवं ज्ञान के विकास एवं किसी भी मंगल कार्य को निर्विघ्न सम्पन्न करने हेतु गणेशजी को ही सर्वप्रथम पूजा जाता है, याद किया जाता है। प्रथम देव होने के साथ-साथ उनका व्यक्तित्व बहुआयामी है, लोकनायक का चरित्र हंै। गणेश शिवजी और पार्वती के पुत्र हैं, ऐसे सार्वभौमिक एवं सार्वदैशिक लोकप्रियता वाले देव का जन्मोत्सव भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को सम्पूर्ण दुनिया में उमंग एवं हर्षोल्लास से मनाया जाता है। गणेशोत्सव हिन्दुओं का एक उत्सव है। महाराष्ट्र का गणेशोत्सव विशेष रूप से प्रसिद्ध है। हजारों स्थानों पर भारतीय कला और संस्कृति की भिन्न-भिन्न गणेश-छवियों के दर्शन होते हैं। रात्रि में सर्वत्र रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं। अंतिम दिन बड़ी धूमधाम से गणेश-प्रतिमाओं का विसर्जन नदी तटों, सरोवरों अथवा समुद्र में किया जाता है। दिन-प्रतिदिन गणेश चतुर्थी को अधिक से अधिक भव्यता से मनाने का प्रचलन बढ़ता ही जा रहा है। 


हिन्दुओं में गणेशजी के जन्म के विषय में अलग-अलग कथाएँ प्रचलित हैं। वराह पुराण के अनुसार स्वयं शिव ने पंच तत्त्वों को मिला कर गणेश का निर्माण बहुत तन्मयता से किया। जिससे वे अत्यंत सुन्दर और आकर्षक बने तो देवताओं में खलबली मच गयी, स्थिति को भांप कर शिव ने गणेश के पेट का आकार बढ़ा दिया और सिर को गजानन की आकृति का कर दिया ताकि उनके सौन्दर्य और आकर्षण को कम किया जा सके। शिव पुराण के अनुसार एक बार पार्वती ने अपने उबटन के मैल से एक पुतला बनाया और उसमें जीवन डाल दिया। इसके उपरांत उन्होंने इस जीवधारी पुतले को द्वार पर प्रहरी के रूप में बैठा दिया और उसे आदेश दिया कि वह किसी भी व्यक्ति को अंदर न आने दे। इसके बाद वे स्नान करने लग गई। संयोगवश कुछ ही समय बाद शिव उधर आ निकले। उनसे सर्वथा अपरिचित गणेश ने शिव को भी अंदर जाने से रोक दिया। इस पर शिव अत्यंत क्रोधित हुए और उन्होंने अपने त्रिशूल से गणेश का मस्तक काट दिया। पार्वती ने यह देखा तो वे बहुत दुखी हुईं। तब पार्वती को प्रसन्न करने के लिए शिव ने एक हाथी के बच्चे का सिर गणेश के धड़ से लगाकर उन्हें पुनर्जीवित कर दिया। तभी से गणेश, गजानन कहलाए। लेकिन बालक की आकृति से पार्वती बहुत दुखी हुई तो सभी देवताओं ने उन्हें आशीर्वाद और अतुलनीय उपहार भेंट किए, उन्हें प्रथम देव के रूप में सभी अधिकार प्रदत्त किये। इंद्र ने अंकुश, वरुण ने पाश, ब्रह्मा ने अमरत्व, लक्ष्मी ने ऋद्धि-सिद्धि और सरस्वती ने समस्त विद्याएँ प्रदान कर उन्हें देवताओं में सर्वोपरि बना दिया।

गणेश भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग हैं। प्राचीन काल से हिन्दू समाज कोई भी कार्य निर्विघ्न सम्पन्न करने के लिए उसका प्रारम्भ गणपति की पूजा से ही करता आ रहा है। भारतीय संस्कृति एक ईश्वर की विशाल कल्पना के साथ अनेकानेक देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना से फलती-फूलती रही है। सब देवताओं की पूजा से प्रथम गणपति की पूजा का विधान है। दरअसल गणेश सुख-समृद्धि, वैभव एवं आनंद के अधिष्ठाता हैं। बड़े एवं साधारण सभी प्रकार के लौकिक कार्यों का आरंभ उनके दिव्य स्वरूप का स्मरण करके किया जाता है। व्यापारी अपने बही-खातों पर ‘श्री गणेशाय नमः’ लिख कर नये वर्ष का आरंभ करते हैं। प्रत्येक कार्य का शुभारंभ गणपति पूजन एवं गणेश वंदना से किया जाता है। विवाह का मांगलिक अवसर हो या नए घर का शिलान्यास, मंदिर में मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा का उत्सव हो या जीवन में षोड्स संस्कार का प्रसंग, गणपति का स्मरण सर्वप्रथम किया जाता है। स्कंद पुराण के अनुसार जो भक्ति-पूर्वक गणेश की पूजा-अर्चना करता है, उसके सम्मुख विघ्न कभी नहीं आते। गणपति गणेश अथवा विनायक सभी शब्दों का अर्थ है देवताओं का स्वामी अथवा अग्रणी। भिन्न-भिन्न स्थानों पर गणेशजी के अलग-अलग रूपों का वर्णन है परन्तु सब जगह एक मत से गणेशजी की विघ्नहर्ता शक्ति को स्वीकार किया गया है।

गणेशजी की आकृति विचित्र है, किन्तु इस आकृति के आध्यात्मिक संकेतों के रहस्य को यदि समझने का प्रयास किया जाये तो सनातन लाभ प्राप्त हो सकता है। क्योंकि गणेश अर्थात् शिव पुत्र अर्थात शिवत्व प्राप्त करना होगा अन्यथा क्षेम एवं लाभ की कामना सफल नहीं होगी। गजानन गणेश की व्याख्या करें तो ज्ञात होगा कि ‘गज’ दो व्यंजनों से बना है। ‘ज’ जन्म अथवा उद्गम का प्रतीक है तो ‘ग’ प्रतीक है गति और गंतव्य का। अर्थात् गज शब्द उत्पत्ति और अंत का संकेत देता है-जहाँ से आये हो वहीं जाओगे। जो जन्म है वही मृत्यु भी है। ब्रह्म और जगत के यथार्थ को बनाने वाला ही गजानन गणेश है। गणेशजी की सम्पूर्ण शारीरिक रचना के पीछे भगवान शिव की व्यापक सोच रही है। एक कुशल, न्यायप्रिय एवं सशक्त शासक एवं देव के समस्त गुण उनमें समाहित किये गये हैं। गणेशजी का गज मस्तक हैं अर्थात वह बुद्धि के देवता हैं। वे विवेकशील हैं। उनकी स्मरण शक्ति अत्यन्त कुशाग्र हंै। हाथी की भ्रांति उनकी प्रवृत्ति प्रेरणा का उद्गम स्थान धीर, गंभीर, शांत और स्थिर चेतना में है। हाथी की आंखें अपेक्षाकृत बहुत छोटी होती हैं और उन आँखों के भावों को समझ पाना बहुत कठिन होता है। दरअसल गणेश तत्ववेत्ता के आदर्श रूप हैं। गण के नेता में गुरुता और गंभीरता होनी चाहिए। उनके स्थूल शरीर में वह गुरुता निहित है। उनका विशाल शरीर सदैव सतर्क रहने तथा सभी परिस्थितियों एवं कठिनाइयों का सामना करने के लिए तत्पर रहने की भी प्रेरणा देता है। उनका लंबोदर दूसरों की बातों की गोपनीयता, बुराइयों, कमजोरियों को स्वयं में समाविष्ट कर लेने की शिक्षा देता है तथा सभी प्रकार की निंदा, आलोचना को अपने उदर में रख कर अपने कर्तव्य पथ पर अडिग रहने की प्रेरणा देता है। छोटा मुख कम, तर्कपूर्ण तथा मृदुभाषी होने का द्योतक है। 

 गणेश का व्यक्तित्व रहस्यमय हैं, जिसे पढ़ पाना एवं समझ पाना हर किसी के लिये संभव नहीं है। शासक भी वही सफल होता है जिसके मनोभावों को पढ़ा और समझा न जा सके। इस प्रकार अच्छा शासक वही होता है जो दूसरों के मन को तो अच्छी तरह से पढ़ ले परन्तु उसके मन को कोई न समझ सके। दरअसल वे शौर्य, साहस तथा नेतृत्व के भी प्रतीक हैं। उनके हेरांब रूप में युद्धप्रियता का, विनायक रूप में यक्षों जैसी विकरालता का और विघ्नेश्वर रूप में लोकरंजक एवं परोपकारी स्वरूप का दर्शन होता है। गण का अर्थ है समूह। गणेश समूह के स्वामी हैं इसीलिए उन्हें गणाध्यक्ष, लोकनायक, गणपति आदि नामों से पुकारा जाता है। गज मुख पर कान भी इस बात के प्रतीक हैं कि शासक जनता की बात को सुनने के लिए कान सदैव खुले रखें। यदि शासक जनता की ओर से अपने कान बंद कर लेगा तो वह कभी सफल नहीं हो सकेगा। शासक को हाथी की ही भांति शक्तिशाली एवं स्वाभिमानी होना चाहिए। अपने एवं परिवार के पोषण के लिए शासक को न तो किसी पर निर्भर रहना चाहिए और न ही उसकी आय के स्रोत ज्ञात होने चाहिए। हाथी बिना झुके ही अपनी सूँड की सहायता से सब कुछ उठा कर अपना पोषण कर सकता है। शासक को किसी भी परिस्थिति में दूसरों के सामने झुकना नहीं चाहिए। गणेशजी सात्विक देवता हैं उनके पैर छोटे हैं जो कर्मेन्द्रिय के सूचक और सत्व गुणों के प्रतीक हैं। मूषक गणपति का वाहन है जो चंचलता एवं दूसरों की छिद्रान्वेषण की प्रवृत्ति को नियंत्रित करने का प्रेरक है। दरअसल मूषक अत्यंत छोटा एवं क्षुद्र प्राणी है। इसे अपना वाहन बना कर गणपति ने उसकी गरिमा को बढ़ाया है और यह संदेश दिया है कि गणनायक को तुच्छ से तुच्छ व्यक्ति के प्रति भी स्नेहभाव रखना चाहिए। गणेशजी की चार भुजाएँ चार प्रकार के भक्तों, चार प्रकार की सृष्टि और चार पुरुषार्थों का ज्ञान कराती है। 

गणेशजी को प्रथम लिपिकार माना जाता है उन्होंने ही देवताओं की प्रार्थना पर वेद व्यासजी द्वारा रचित महाभारत को लिपिबद्ध किया था। जैन एवं बौद्ध धर्मों में भी गणेश पूजा का विधान है। गणेश को हिन्दू संस्कृति में आदिदेव भी माना गया है। अनंतकाल से अनेक नामों से गणेश दुख, भय, चिन्ता इत्यादि विघ्न के हरणकर्ता के रूप में पूजित होकर मानवों का संताप हरते रहे हैं। वर्तमान काल में स्वतंत्रता की रक्षा, राष्ट्रीय चेतना, भावनात्मक एकता और अखंडता की रक्षा के लिए गणेशजी की पूजा और गणेश चतुर्थी के पर्व का उत्साहपूर्वक मनाने का अपना विशेष महत्व है। गणेशजी को शुद्ध घी, गुड और गेहूँ के लड्डू- मोदक बहुत प्रिय हैं। ये प्रसन्नता अथवा मुदित चित्त के प्रतीक हंै। ये तीनों चीजें सात्विक एवं स्निग्ध हैं अर्थात उत्तम आहार हैं। सात्विक आहार बुद्धि में स्थिरता लाता है। उनका उदर बहुत लम्बा है।  ऋद्धि-सिद्धि गणेशजी की पत्नियाँ हैं। वे प्रजापति विश्वकर्ता की पुत्रियां हंै। गणेश की पूजा यदि विधिवत की जाए, तो इनकी पतिव्रता पत्नियां ऋद्धि-सिद्धि भी प्रसन्न होकर घर-परिवार में सुख-शांति-समृद्धि और संतान को निर्मल विद्या-बुद्धि देती है। सिद्धि से ‘क्षेम’ और ऋद्धि से ‘लाभ’ नाम के शोभा सम्पन्न दो पुत्र हुए। जहां भगवान गणेश विघ्नहर्ता हैं तो उनकी पत्नियां ऋद्धि-सिद्धि यशस्वी, वैभवशाली व प्रतिष्ठित बनाने वाली होती है। वहीं शुभ-लाभ हर सुख-सौभाग्य देने के साथ उसे स्थायी और सुरक्षित रखते हैं। जन-जन के कल्याण, धर्म के सिद्धान्तों को व्यावहारिक रूप प्रदान करने एवं सुख-समृद्धि-निर्विघ्न शासन व्यवस्था स्थापित करने के कारण मानव-जाति सदा उनकी ऋणी रहेगी। आज के शासनकर्ताओं को गणेश के पदचिन्हों पर चलने की जरूरत है। 




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(ललित गर्ग)
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