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एच1बी वीजा मुद्दे का शीघ्र होगा समाधान : प्रसाद

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नयी दिल्ली 10 फरवरी, अमेरिका में ट्रंप प्रशासन द्वारा एच1बी वीजा नियमों में प्रस्तावित बदलाव से परेशान भारतीय आईटी कंपनियों के मुद्दे को इलेक्ट्राॅनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाया है और शीघ्र ही इसके समाधान की उम्मीद है। 

इलेक्ट्राॅनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज यहाँ संवाददाताओं से कहा कि भारतीय आईटी कंपनियाँ अमेरिका सहित दुनिया के 80 देशों में बेहतरीन सेवायें दे रही हैं। उन देशों के विकास में भी उनका योगदान है। उन्होंने कहा कि दुनिया के 200 शहरों में भारतीय आईटी कंपनियाँ मौजूद हैं और वर्ष 2015-16 में उनका निर्यात 160 अरब डॉलर अर्थात सात लाख करोड़ रुपये रहा है। 

उन्होंने कहा कि भारत की आईटी कंपनियाें ने अमेरिका में चार लाख लोगों को रोजगार के अवसर उवलब्ध कराये हैं और वहाँ की सरकार को 20 अरब डॉलर से अधिक का कर दिया है। अमेरिका की 500 फार्चुन कंपनियों को भारतीय कंपनियाँ सेवायें दे रही हैं। उन्हाेंने कहा कि नासकॉम ने इस मुद्दे पर उनके मंत्रालय से संपर्क किया है। 

उल्लेखनीय है कि इस मुद्दे पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने विदेश सचिव के साथ ही इससे जुड़े अन्य विभागों के सचिवों से भी गुरुवार को मुलाकात की थी। इससे पहले नासकॉम के प्रतिनिधियों ने भी श्रीमती सीतारमण से भेंट कर इस मुद्दे पर चर्चा की थी।

देश में 2020 तक100 गीगावाट सौर ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य:प्रणव

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नयी दिल्ली 10 फरवरी, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने लोगों से सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की अपील करते हुए कहा है कि जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को रोकने तथा तेजी से घट रहे पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों को देखते हुए ही देश में 2020 तक 100 गीगावाट सौर ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है । 


श्री मुखर्जी आज यहां राष्ट्रपति भवन परिसर में शुरू की गई सौर ऊर्जा परियोजना के पहले चरण के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे । इस परियोजना के तहत परिसर क्षेत्र में स्थित सात भवनों की छतों पर सौर ऊर्जा पैनल लगाए जाएंगे जिनके जरिए 670 किलोवाट सौर ऊर्जा पैदा की जाएगी । 



राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि राष्ट्रपति भवन सिर्फ एक आवासीय स्थल भर नहीं है बल्कि अपने आप में एक छोटा शहर है जिसकी बिजली जरुरतें समय के साथ बढ़ती जा रही हैं, ऐसे में सौर ऊर्जा का इस्तेमाल जरुरी हो गया है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा के तेजी से घटते पांरपरिक स्रोत आने वाली पीढ़ियों के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर सकते हैं, ऐसे में स्वच्छ ऊर्जा के तौर पर सौर ऊर्जा का इस्तेमाल जरुरी हो गया है । उन्होंने कहा कि भारत ने पेरिस जलवायु समझौते पर हस्ताक्षर कर यह संकल्प लिया है कि देश में 2030 तक 40 प्रतिशत बिजली गैर जिवाष्म स्रोतों से बनाई जाएगी।

जेएनयू के शिक्षकों ने की प्रणव से हस्तक्षेप की मांग

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नयी दिल्ली 10 फरवरी, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में दाखिला नीति और सीटों की कटौती के मामले को लेकर वहां के शिक्षकों ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप कर समस्या को सुलझाने की मांग की है । 


जेएनयू शिक्षक संघ की अध्यक्ष आयशा किदवई के नेतृत्व में नौ शिक्षकों के शिष्टमंडल ने कल श्री मुखर्जी से यह अपील की । शिष्टमंडल में प्रोफेसर जयंती घोष, प्रो आदित्य मुखर्जी, प्राे गोपाल गुरु, प्रो विष्णु प्रियदत्त, प्रो उदय कुमार, प्रो विक्रम आदित्य चौधरी, प्रो डी के लोबियाल तथा प्रो रामास्वामी शामिल थे । 


जेएनयू की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि विश्वविद्यालय के विजिटर होने के नाते श्री मुखर्जी से यह अपील की गई है क्योंकि दाखिला नीति को बदलना कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन है। विज्ञप्ति के अनुसार जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय कानून 1966 और केंद्रीय शैक्षणिक संस्थान (दाखिला आरक्षण) कानून 2006 के प्रावधानों के अनुसार विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद को ही दाखिले की नीति के बारे में कोई निर्णय लेने का अधिकार है। विश्वविद्यालय के कुलपति इस संबंध में कोई फैसला नहीं ले सकते हैं। इसके अलावा इन नियमों के तहत दाखिले में 
सीटों की कटौती भी नहीं की जा सकती है। 



शिष्टमंडल ने श्री मुखर्जी काे बताया कि जेएनयू के शिक्षक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के 2016 के नियमों को लेकर विचार-विमर्श करने को राजी है लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन उनके साथ इस सबंध में बातचीत करने को राजी नहीं है और वह शिक्षकों को इस बात के लिए बाध्य कर रहा है कि वे यूजीसी के नियमों का पालन करें। 



विज्ञप्ति में कहा गया है कि विश्वविद्यालय में पहले से चली आ रही दाखिला नीति को बरकरार रखने और एमफिल तथा पीएचडी में सीटों की कटौती को रोकने के लिए श्री मुखर्जी अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर इस मामले में हस्तक्षेप करें और विश्वविद्यालय की अकादमीक परिसर की 142वीं बैठक को दोबारा बुलाया जाए जिसमें दाखिले की नीति पर फिर से चर्चा हो । गौरतलब है कि पिछले दिनों विश्वविद्यालय प्रशासन ने पीएचडी तथा एमफिल की सीटों में कमी करने और दाखिला नीति में बदलाव करने की घोषणा की थी जिसका शिक्षक और छात्र विरोध कर रहे हैं ।

सम्प्रति : एक शोक मंतव्य अस्सी करोड़ में बिकी देशी ब्रांड एम्बेसडर के नाम

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  • फासिस्ट रेसिस्ट राजकाज के संरक्षण में बड़ी मछलियां चोटी मछलियों के खाने वाली हैं


बीबीसी की खबर है और दिलोदिमाग लहूलुहान हैः
One of India's most iconic car brands has been sold by Hindustan Motors to the French manufacturer Peugeot for a nominal $12m (£9.6m), officials say. The Ambassador car used to be one of India's most prestigious vehicles beloved by government ministers.

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बीबीसी हिंदी की खबर में इसकी वजह का खुलासा भी हो गया हैः
एक ज़माने में भारत में रुतबे और रसूख का पर्याय मानी जाने वाली एम्बेसडर कार का ब्रांड 80 करोड़ की मामूली कीमत पर बिक गया है. अधिकारियों ने बताया कि हिंदुस्तान मोटर्स ने फ्रांसीसी कंपनी पूजो के साथ ये सौदा किया है. एक वक्त था जब भारत में सरकारी लोगों की ये पसंदीदा कार हुआ करती थी, लेकिन 2014 के बाद से ही इसका उत्पादन बंद कर दिया गया.  खबरों के मुताबिक  कभी नेताओं और नामी-गिरामी लोगों की शाही सवारी रही एंबेसडर कार के ब्रांड को हिंदुस्तान मोटर्स ने बेच दिया है। यूरोप की दिग्गज ऑटो कंपनी प्यूजो ने इसे सिर्फ 80 करोड़ रुपये में खरीदा है। तीन साल पहले 2014 में एंबेसडर कार का प्रोडक्शन रोक दिया गया था। पिछले महीने पीसीए समूह ने भारतीय बाजार में प्रवेश करने के लिए सीके बिड़ला ग्रुप के साथ डील की थी, जिसके तहत शुरुआत में करीब 700 करोड़ रुपये का निवेश किया जाना है। इस रकम से तमिलनाडु में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाया जाएगा। इस प्लांट में हर साल 1 लाख वाहन बनाने की क्षमता होगी।

गौर करें,खबर के मुताबिक 2014 से एम्बेसडर कार का उत्पादन बंद हो गया है।
नोटबंदी के बाद यूपी चुनाव से बजट और राम के नाम, राम की सौगंध और राममंदिर के घटाटोप में अर्थव्यवस्था की सेहत समझने के लिए यह आर्थिक वारदात बेहद गौरतलब है।नोटबंदी की तिमाही में उत्पादन दर और विकास दर में गिरावट हुई है,जिससे झोला छाप बगुला भगत वित्तीय प्रबंधक और पालतू अर्थशास्त्री और मीडिया सिरे से इंकार करते हुए सुनहले दिनों के तिलिस्म में आम लोगों की जिंदगी को जलती हुई कब्रगाह में तब्दील करने का मुक्तबाजारी महोत्सव मना रहे हैं।  गरीबों की गरीबी दूर करने के बहाने राम के नाम फासिज्म का कोरबार की तर्ज पर गरीबी उन्मूलन और भ्रष्टाचार मुक्त भारत की भगवा वैदिकी पेशवाराज मार्का नैतिकता की सुनामी की आड़ में देश और आम जनता की मिल्कियत देश के संसाधन बेचने की पूरी प्रक्रिया एम्बेसडर ब्रांड विदेशी हवाले करने से जगजाहिर है और बीबीसी की खबर में देश की नीलामी की जो तस्वीर चस्पां है,उसे अंध राष्ट्रवादी हिंदुत्व के नजरिये से देश पाना उतना आसान भी नहीं है। बजट पेश करने के बाद सरकार ने जिस तरह से राशन कार्ड के साथ आधार कार्ड को नत्थी कर दिया है और जिसपर राजनीति फिर सिरे से खामोश है,जाहिर है कि पटरी से अर्थव्यवस्था उतर जाने और उत्पादन प्रणाली तहस नहस हो जाने से किसी की सेहत में कोई फर्क नहीं पड़ा है तो आम जनता को एम्बेसडर जैसे ब्रांड के विदेशी हाथों में जाने से कोई तकलीफ होगी नहीं।  गौरतलब है कि इस बीच सरकार ने सेबी के नए चेयरमैन का एलान कर दिया है। वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी अजय त्यागी को पांच साल के लिए सेबी का नया चेयरमैन बनाया है। अजय त्यागी 1 मार्च से मौजूदा सेबी चेयरमैन यू के सिन्हा की जगह लेंगे।सेबी जैसी नियामक संस्था के चेयरमैन पद की काबिलियत अगर संग की वफादारी है तो समझ लीजिये की देश की अर्थव्यवस्था नागपुर के हिंदुत्व के एजंडे के मुताबिक किन लोगों और किन चुनिंदा कंपनियों के हित में है और शेयर बाजार से नत्थी सारी बुनियादी सेवाओं को हासिल करने कैशलैस डिजिटल इंडिया में आम जनाता. कारोबार और इंडियािंकारपोरेशना का क्या हाल होना है। खबरों के मुताबिक अजय त्यागी हिमाचल प्रदेश कैडर के आईएएस अफसर हैं, जो वित्त मंत्रालय के इकोनॉमिक अफेयर्स डिपार्टमेंट में अतिरिक्त सचिव का कार्यभार संभाल रहे हैं। सेबी चीफ के पद की दौड़ में ऊर्जा सचिव पी के पुजारी और आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांता दास भी थे लेकिन त्यागी दोनों को पीछे छोड़कर चेयरमैन बनने में कामयाब रहे। इससे पहले यूके सिन्हा 18 फरवरी 2011 को सेबी के चेयरमैन बने थे, जिन्हें दो बार का सेवा विस्तार दिया गया था। इसी बीच वित्त मंत्री ने कहा है कि  प्रतिभूति बाजारों में बराबर बड़े घटनाक्रम देखने को मिलते रहते हैं और बाजार विनियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) अर्थव्यवस्था की जरूरत और और बाजार के हिसाब से एक पेशेवर संगठन के रूप में अपना विकास कर रहा है। वित्त मंत्री ने सेबी बोर्ड के सदस्यों और अधिकारियों के साथ बैठक में इस साल सल के बजट में बाजार संबंधी पहलों पर विचार विमर्श किया। हर साल बजट के ठीक बाद होने वाली इस परंपरागत बैठक में बजट प्रस्तावों के संदर्भ में पूंजी बाजार नियामक के भविष्य के एजेंडा पर विचार विमर्श किया गया।  फिर मीडिया का यह शगूफाःनोटबंदी के बाद भले ही भारत की आर्थिक ग्रोथ की रफ्तार कुछ धीमी पड़ गई हो, लेकिन आने वाले अगले 5 साल में भारत दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगा। अमेरिका के एक शीर्ष खुफिया थिंक टैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान भारत की आर्थिक ताकत का मुकाबला करने में सक्षम नहीं है, इसलिए वह संतुलन के दिखावे की कोशिश में दूसरे तरीकों की तलाश करेगा। अंतरराष्ट्रीय कन्सल्टेंसी प्राइसवाटर हाउस कूपर्स (पीडब्ल्यूसी) ने भविष्यवाणी की है कि 2040 तक भारत अमेरिका को पछाड़कर दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसकी कीमत हमें कितनी चुकानी है,अपनी जमा पूंजी कमाई पर टैक्स लगने के बावजूद यह सोचने की फुरसत किसी को नहीं है। दूसरी तरफ,नोटबंदी की कड़ी आलोचना करते हुए प्रसिद्ध अमेरिकी अर्थशास्त्री स्टीव एच हांके ने आज कहा कि ऊंचे मूल्य के नोटों पर प्रतिबंध के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था नकदीरहित संकट में है। बाल्टीमोर, मैरीलैंड में जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्री ने ट्वीट किया, 'नोटबंदी हारने वालों के लिए है। नकदी को छोडऩा इसका जवाब नहीं है। भारतीय नकदी अर्थव्यवस्था नकदीरहित संकट में है।'हांके ने इससे पहले कहा था कि शुरुआत से ही नोटबंदी में खामियां रहीं अैर यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यह नहीं जानते कि भारत किस दिशा में जा रहा है। हांके ने कहा था कि भारत के पास मोदी की नोटबंदी के अनुरूप ढलने के लिए जरूरी ढांचा नहीं है। उन्हें इस बात का पता होना चाहिए। पिछले 26 साल से देश बेचने का कारोबार इस अमेरिकी उपनिवेश में राजकाज है और आर्थिक सुधारों के नाम पर आम जनता का और खास तौर पर बहुजनों का कत्लेमाम है।आम जनता को अर्थशास्त्र नहीं आता और न अर्थव्यवस्था में उसकी दिलचस्पी है।

कारपोरेट देशी कंपनियों के मालिकान,शेयर होल्डरों और वित्तीय प्रबंधकों को क्या हो गया है कि वे समझ नहीं पा रहे हैं कि कुछ चुनिंदा कंपनियों को दुनियाभर में अपना साम्राज्य बनाने के लिए राजकोष खुला है।बैंकों से लाखों करोड़ का कर्ज उनके डूबते कारोबार के लिए हैं और इसके अलावा सालाना लाखों का टैक्स माफ है।बाकी सबकी शामत है इस रामराज्य में। हाल ये हैं कि तेल,गैस और पेट्रोलियम,संचार,ऊर्जा और विमान, जहाज, बंदरगाह,सड़क परिवहन, रेल और मेट्रो रेल,बैंकिंग और बीमा,निर्माण और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में चुनिंदा कपनियों को लाखों करोड़ की रियायतें,विदेशों में उनके अरबों का निवेश और एम्बेसडर ब्राड का सौदा सिर्फ अस्सी करोड़ में। विनिवेश और निजीकरण के तहत सरकारी कंपनियां कौड़ियों के मोल बिकते देखने और रेलवे समेत सभी सेक्टरों में थोक पैमाने पर छंटनी का नजारा देखने और क्रांतिकारी ट्रेड यूनियनों के नेताओं की विदेश यात्राएं और पंचायत से लेकर संसद तक जन प्रतिनिधियों के करोड़पति और लखपति बनते देखने को अभ्यस्त आम जनता  को अब भी अपने बैंक खातों में नोटवर्षा की तर्ज पर सुनहले दिनों का बेसब्री से इंतजार है और यूपी चुनाव से पहले गरीबी उन्मूलन के नारे के साथ बेइंतहा सरकारी खर्च कागद पर दिखाने के करतब से अर्थव्यवस्था के जोड़ घटाव करने के मूड में आम जनता नहीं है,जाहिर है। दिवालियापन का आलम यह है कि  कारपोरेट कंपनियों को यह नजर नहीं आ रहा है कि एम्बेसडर जैसे बेशकीमती हिंदुस्तानी ब्रांड को खत्म करने का इंतजाम 2014 में बिजनेस फ्रेंडली हिंदुत्व की सरकार ने कर दिया है तो आगे उद्योग और कारोबार का हाल किसानों मजदूरों से भी बुरा होना है। नोटबंदी के बारे में हम पहले दिन से लिख रहे हैं,चाहे तो हस्तक्षेप पर नोटबंदी में लगे तमाम आलेख नये सिरे से पढ़कर देख लें कि नोटबंदी और डिजिटल कैशलैस इंडिया का मतलब नकदी पर चलने वाला खुदरा कारोबार और हाट बाजार खत्म है,किसानों की दस दिशा तबाही है,बेरोजगारी ,भुखमरी और मंदी है तो यह कारपोरेट एकाधिकार का चाकचौबंद इंतजाम है। बड़ी मछलियां छोटी मछलियां को निगलकर और बड़ी हो जायेंगी।वे और बड़ी हो गयी कंपनियां फासिज्म के राजकाज के सहारे  बड़ी कंपनियों को भी बख्शेंगी नहीं।  कारपोरेट लाबिइंग से कारपोरेट कंपनियों को पिछले छब्बीस साल में जो चूना लगता रहा है,उसका हिसाब जोड़ लें। सरकारी संरक्षण में  तेल और गैस में ओएनजीसी जैसे नवरत्न कंपनी और तमाम सरकारी गैरसरकारी तेल कंपनियों का बंटाधार करके जैसे कारपोरेट एकाधिकार कायम हुआ है,वही किस्सा अब बाकी हिंदुस्तानी कारपोरेट कंपननियों का भोगा हुआ यथार्थ बनकर सामने आने वाला है। एम्बेसडर प्रकरण इस प्रक्रिया की शुरुआत है।वैसे भी कारपोरेट लाबिइंग की वजह से आटो सेक्टर में भारी संकट है।आगे आग दिवालिया बनते जाने की किसकी बारी है,यह सिर्फ नागपुर के मुख्यालय की मर्जी और मिजाज पर निर्भर है। एम्बेसडर को हम बचपन से जान रहे हैं।जब हम नैनीताल में पढ़ रहे थे।पहाड़ों में रेल तो क्या साईकिलें तक दिखती नहीं थी।पहाड़ों में और तराई में तब साठ और सत्तर के दशक में परिवहन का मतलब केएमओ और जीएमओ की बसों,टाटा के ट्रकों के अलावा चार पहिया वाहनों के मामले में एम्बेसडर कारें और जीप हुआ करती थी।जीप और जोंगा तो सिरे से लापता है,लेकिन एम्बेसडर चल रहा था।

हिंदुस्तान मोटर्स का कोलकाता के नजदीक हिंद मोटर काऱखाना संकट में है और 2014 से एम्बेसडर का उत्पादन बंद है तो ब्रांड को विदेशी हाथों में महज अस्सी करोड़ के एवज में सौंपने से पहले बिजनेस फ्रेंडली सरकार के पास बहुत मौके थे एम्बेसडर बचाने के। किंगफिशर और विजय माल्या या विदेशों में अरबों डालर और पौंड नोटबंदी के आपातकाल में भी निवेश करने वाली कंपनियों के हितों का ख्याल जितना है इस फासिज्म के राजकाज को,उसका तनिको हिस्सा अगर एम्बेसडर के लिए खर्च होता। हम जब कुमायूं और गढवाल में पदयात्राें कर रहे थे तब कारों की सवारी का ख्वाब हम जाहिरा तौर पर नहीं देखते थे।लेकिन पेशेवर पत्रकारिता की वजह से 36 सालों में हमने कारों की सवारी खूब की है।मेरठ के दंगों के दौरान मारुति जिप्सी या झारखंड में ट्रेकर की सवारी भी खूब की है।लेकिन आधी रात के बाद दफ्तर से घर लौटना हो या कोयला कदानों में भूमिगत आग से घिरी धंसकती हुई जमीन पर दौड़ने की नौबत हो,एम्बेसडर कार हमारी पहली पसंद रही है जो जितने ड्राइवरों से हमारा ताल्लुकात हुआ है,उनके मुताबिक भारत की सड़कों पर सबसे बेहतरीन कार है। बहरहाल अर्थव्यवस्थी की तबाही,बेरोजगारी और छंटनी के शिकार लोगों के लिए सुनहले दिन हाजिर है क्योंकि सरकार एक तरफ लोगों को नौकरियां दिलवाना चाहती है, तो दूसरी ओर छंटनी के शिकार लोगों को बेहतर मुआवजा मिले, इसकी भी कोशिश कर रही है। इसके लिए सरकार छंटनी से जुड़े कानून में बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है। कानून का ये मसौदा अगर लागू होता है तो इससे करोड़ों कर्मचारियों को फायदा होगा। न रोजगार सृजन की कोई सोच है और न नौकरी की सुरक्षा की कोई गारंटी है।श्रम मंत्रालय छंटनी से जुड़े कानून में संशोधन करने की तैयारी कर रहा है। जानकारी के मुताबिक श्रम मंत्रालय छंटनी की सूरत में कर्मचारियों को मिलने वाले मुआवजे को बढ़ा कर 3 गुना करने का प्रस्ताव भेजेगा।यह इसलिए है कि उत्पादन प्रमाली तहस नहस होने और एकाधिकार कारपोरेट वर्चस्व की वजह से भारी पैमाने पर छंटनी होनी है।यह नजारा खुदरा कारोबार खतम करने वाली ईटेलिंग कंपनियों के रवैये से जाहिर है तो आईटी सेक्र का नाभिनाल तो ट्रंप के एक्जीक्यूटिव आदेशों से जुडा़ है। मसलन दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील बड़ी छंटनी की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक कंपनी अपने 30 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी कर सकती है। धीमी ग्रोथ और नई फंडिंग ना मिलने के कारण कंपनी लागत घटाने को मजबूर है। जिसके चलते करीब 1000 कर्मचारियों को निकाला जा सकता है। इसके अलावा कंपनी की लॉजिस्टिक डिवीजन से करीब 3000 स्थायी और 5000 कॉन्ट्रैक्ट पर रखे गए कर्मचारियों को निकाला जा सकता है। कंपनी ने छंटनी की प्रक्रिया शुरू कर दी है, और इसके लिए दो कंसल्टेंट नियुक्त किए गए हैं। नोटबंदी के फर्जीवाड़े के हक में आंकडे़ भी सामने आ रहे हैं।मसलन नोटबंदी का उद्योगों पर कुछ असर दिसंबर में दिखा था और इसके बाद भी यह सरकार द्वारा आज जारी दो आंकड़ों में दिख रहा है। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) की वृद्घि दर दिसंबर में 0.4 फीसदी रही जबकि नवंबर में इसमें 5.6 फीसदी की तेजी दर्ज की गई थी। इसी तरह कॉरपोरेट कर संग्रह अप्रैल से जनवरी के दौरान महज 2.9 फीसदी बढ़ा जबकि अप्रैल से दिसंबर तक इसमें 4.4 फीसदी की वृद्घि देखी गई थी।

उत्पाद शुल्क संग्रह की वृद्घि भी जनवरी में घटकर 26.3 फीसदी रही जबकि दिसंबर में यह 31.6 फीसदी थी। नोटबंदी के कारण विवेकाधीन खर्चों में कटौती होने से सेवा कर संग्रह में जनवरी के दौरान 9.4 फीसदी की वृद्घि देखी गई जबकि दिसंबर में इसमें 12.4 फीसदी की वृद्घि दर्ज की गई थी। हालांकि यह चकित करने वाला रहा कि नवंबर में शानदार वृद्घि दर्ज करने वाला आईआईपी में जनवरी के दौरान इतनी कमी क्यों रही। आईआईपी में 75.5 फीसदी भारांश वाले विनिर्माण क्षेत्र की वृद्घि दिसंबर में 2 फीसदी रही जबकि जनवरी में यह 5.6 फीसदी बढ़ा था। हालांकि अप्रैल से अक्टूबर में भी आईपीपी में उतनी तेजी नहीं आई थी। ऐसे में केवल विमुद्रीकरण ही आईआईपी में नरमी की वजह नहीं मानी जा सकती। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-जनवरी के दौरान कुल कर संग्रह 12.85 लाख करोड़ रुपये रही है जो इस वर्ष के बजट अनुमान का 76 फीसदी है। इस खबर पर भी गौर करें कर्मचारी कि सरकार सरकारी कंपनियों की सूचीबद्धता में तेजी लाने के लिए नई व्यवस्था की योजना बना रही है। इसका मकसद एक विभाग से दूसरे विभाग के बीच लाल फीताशाही को खत्म करना और कंपनियों को सूचीबद्धता के लिए चिह्नित करने और उन्हें शेयर बाजार में उतरने के बीच का वक्त कम करना है। इस व्यवस्था को अंतिम मंजूरी देने के लिए मंत्रियोंं की अधिकार प्राप्त समिति को सौंपा जा सकता है, जैसा कि रणनीतिक बिक्री के मामले में होता है।  वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2017-18 के अपने बजट भाषण में घोषणा की थी कि केंद्र सरकार सीपीएसई (केंद्र की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों) को शेयर बाजार मेंं समयबद्ध तरीके से सूचीबद्धता के लिए चिह्नित करने के लिए पुनरीक्षित व्यवस्था पेश करेगी। वरिष्ठ सरकारी सूत्रों ने कहा कि इस तरह की व्यवस्था पर अभी काम किया जाना बाकी है। उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रक्रिया में जमीनी काम किए जाने के बाद मंत्रियोंं की अधिकार प्राप्त समिति प्रस्तावित सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी की सूचीबद्धता पर अंतिम फैसला करेगी, जिसमेंं मर्चेंट बैंकर चुना जाना, रोड शो आदि शामिल है। इस तरह मंत्रियों की एक समिति सरकार के सामने एक वैकल्पिक व्यवस्था पेश करेगी, जो पहले से ही रणनीतिक बिक्री के लिए बनी हुई है।  

कैबिनेट से पहली मंजूरी मिलने के बाद पीएसयू (ज्यादातर गैर सूचीबद्ध) का मूल्यांकन, दिलचस्पी लेने वाले खरीदारों की तलाश और कीमतें तक करने का काम किया जाएगा। उसके बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और जिस विभाग का पीएसयू है, उस विभाग के मंत्री मिलकर इस पर अंतिम फैसला करेंगे। यही समूह सूचीबद्धता के लिए पहले घोषित 5 सरकारी सामान्य बीमा कंपनियों, न्यू इंडिया एश्योरेंस, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस, ओरिएंटल इंश्योरेंस, नैशनल इंश्योरेंस और जरल इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन आफ इंडिया की सूचीबद्धता को अंतिम मंजूरी देगा। वरिष्ठ सरकारी सूत्रों ने कहा कि या तो जेटली गडकरी की जोड़ी या कोई मंत्रियोंं के  नए अधिकार प्राप्त समूह को इस मामले की निगरानी व सरकारी कंपनियों की सूचीबद्धता की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।  अभी अगर एंप्लॉयर कर्मचारी को निकलता है तो उसे हर साल के लिए 15 दिन का वेतन मुआवजे के तौर पर देना होता है। मतलब यदि कंपनी में 4 साल काम किया है तो एम्प्लॉयर फिलहाल 2 महीने की तनख्वाह हर्जाने के तौर पर देता है। लेकिन नए प्रस्ताव के तहत यह मुआवजा 6 महीने का हो जाएगा। कैबिनेट की हरी झंडी मिलने के बाद इसे इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड के तहत संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में में पेश किया जा सकता है। संसद से पास होकर अगर यह ड्राफ्ट कानून की शक्ल अख्तियार करता है तो इससे तमाम इंडस्ट्रीज में काम कर रहे करोड़ों लोगों को फायदा पहुंचेगा।




(पलाश विश्वास)

विशेष : मफलर के मौसम में रेनकोट के चर्चे

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मफलर के मौसम में रेनकोट के चर्चे है। कपड़ो का उपयोग उनकी प्रवृति के हिसाब से अब किसी मौसम विशेष तक सीमित नहीं रह गया हैै वो अपनी सीमाए लांघकर हर मौसम में "सर्जिकल- स्ट्राइक"कर अपनी निर्भरता और उपयोगिता का लौहा मनवा रहे है।  यह उल्लेखनीय है की ये लोहा , "लौहपुरुष"के मार्गदर्शक मंडल में होते हुए मनवाया जा रहा है। यहीं तो बदलाव है, अगर देश बदल रहा है तो रहन-सहन भी बदलना ज़रूरी है। अगर "सूट-बूट"की सरकार में भी अगर कपड़ो को महत्व नहीं मिलेगा तो फिर विश्वसनीयता का संकट खड़ा हो जायेगा। इसी विश्वसनीयता को बचाये रखने के लिए सरकार ने  शिक्षा विभाग के "स्मृति-दोष"को ठीक करते हुए उसे कपडा विभाग में स्थानांतरित किया। कपडे तन ही नहीं ढँकते, आजकल वो राजनीती में आये बौद्धिक दिवालियापन को भी ढांप रहे है। बॉलीवुड में एक्सपोज़ करने से प्रसिद्धि और यश मिलता है लेकिन राजनीती में आपको प्रसिद्धि पाने के लिए ढाँपने में महारत हासिल होनी चाहिए । जो राजनेता अपना अज्ञान, घोटाले और परिवारवाद सफलतापूर्वक ढक लेता है वो ही जनता की आँखों पर पट्टी बांधने में सफल हो  पाता है। "रोटी-कपडा-मकान"में से कपडा हमेशा राजनेताओ की प्राथमिकता में रहा है।


वैसे अनुभव करना मुश्किल हो रहा था लेकिन, बयानबाज़ी का स्तर देखकर लगता है कि  मेरा देश बदल रहा है। बदलाव की बयार बड़ी तेज़ी से बढ़ रही है, अगर जल्द ही इसे रोका ना गया तो ये अंधड़ का रूप भी ले सकती है। "सूट-बूट"के पहले "सूटकेस"की सरकार थी , जनता को भी यहीं सब "सूट"करता है। इस सरकार ने खुलेआम "नोटबंदी"की लेकिन  सूटकेस की सरकार नोटों को केवल सूटकेस में बंद करने में विश्वास रखती थी, पारदर्शिता का अभाव था। पारदर्शिता को लेकर यहीं असहजता बाथरूम में भी रेनकोट पहनकर नहाने को मज़बूर करती थी। लेकिन पारदर्शिता के इसी अभाव से वर्षो से बनी ये धारणा भी टूटी की "हमाम में सब नंगे है।"पुरानी सरकार दूरदर्शी थी, इसलिए उसने  "नमामी-गंगे"परियोजना  पर करोडो रुपये खर्च करने के बजाय रेनकोट पहन कर  नहाने का उपाय ढूंढा ताकि ना दाग-कीचड़ लगने का खतरा रहे और ना उन्हें मिटाने के लिए गंगास्नान की ज़रूरत। भारतीय राजनीती की यही खूबी है, ये हर रोज़ नए रंग दिखाती है, नवीन वैचारिक प्रतिमानों की स्थापना कर पुरानी हो चुकी रूढ़िवादी  धारणाओं और वर्जनाओं पर प्रहार कर जनमानस की रूचि राजनीती में हमेशा नए कपड़ो की तरह बनाए रखती है।



--अमित कुमार--

आलेख : पुरुष की गैरजिम्मेदारी और असंवेदनशीलता का नतीजा है अनचाहा गर्भ और असुरक्षित गर्भपात

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गर्भपात और अनचाहे गर्भ पर नेपाल के पहले राष्ट्रीय शोध ने गंभीर सवाल उठाये हैं. नेपाल में गर्भपात पर 2002 से कोई कानूनी रोक नहीं है और पिछले सालों में प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता भी बहुत बढ़ी है. पर इसके बावजूद अनेक महिलाएं (58%) असुरक्षित गर्भपात करवा रही हैं. नेपाल और अन्य 190 देशों ने संयुक्त राष्ट्र 2015 महासभा में सतत विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goals/ SDGs) हासिल करने का वादा किया है जिनमें लिंग-जनित असमानता समाप्त करने और सभी लड़कियों/ महिलाओं तक प्रजनन स्वास्थ्य सेवाएँ पहुचाने के लक्ष्य शामिल हैं. जाहिर है कि यदि सरकारें सही मायने में सतत विकास लक्ष्यों पर खरा उतरने के लिए वचनबद्ध हैं तो स्थिति पुरजोर रूप से बदलनी होगी. न केवल स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध हों बल्कि सभी लोग उन सेवाओं का उपभोग भी कर रहे हों.


यदि पुरुष जिम्मेदार हैं तो अनचाहा गर्भ या गर्भपात क्यों?
यदि पुरुष जिम्मेदारी से परिवार नियोजन करें और सरकार द्वारा मुफ्त वितरित हो रहे कंडोम का सही इस्तेमाल भी करें (या पुरुष नसबंदी करवाएं) तो अनचाहे गर्भ या गर्भपात करवाने जैसी स्थिति ही क्यों बने? आखिर क्या कारण है कि भारत में संभवत: हर शहर में पुरुष नसबंदी करवाने की अनेक स्वास्थ्य केन्द्रों पर सेवा उपलब्ध है और सरकार पुरुष नसबंदी को बढ़ावा देने के लिए सालों से निरंतर प्रचार-प्रसार भी कर रही है पर आंकड़े बताते हैं कि बहुत कम और नगण्य संख्या में पुरुष नसबंदी करवाते हैं और अधिकाँश महिलाओं को ही महिला नसबंदी आपरेशन करवाना पड़ता है. क्या कारण है कि सालों से पुरुष कंडोम का प्रचार हो रहा है और सरकार मुफ्त बाँट रही है पर इनका उपयोग होता नहीं दिखता वर्ना अनचाहे गर्भ या गर्भपात की जरुरत ही नहीं पड़ती. क्या कारण है कि महिला कंडोम का वैसा प्रचार नहीं होता जैसा कि पुरुष कंडोम का प्रचार (या मुफ्त वितरण) होता है?

नेपाल में प्रजनन स्वास्थ्य: प्रगति हुई पर बहुत काम है बाकी
नेपाल में प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं और उनकी उपलब्धता में प्रशंसाजनक विस्तार तो हुआ है पर बहुत ऐसी महिलाएं हैं जो इन सेवाओं से वंचित हैं और अप्रशिक्षित लोगों द्वारा असुरक्षित गर्भपात करवाने पर विवश हैं. नेपाल के सेण्टर फॉर रिसर्च ऑन एनवायरनमेंट हेल्थ एंड पापुलेशन एक्टिविटीज (Center for Research on Environment Health and Population Activities - CREHPA) और अमरीका के गुटमाकर इंस्टिट्यूट (Guttmacher Institute) द्वारा किये हुए इस राष्ट्रीय शोध ने उजागर किया है कि 2014 में नेपाल में 323,000 प्रेरित गर्भपात (induced abortion) हुए. इन प्रेरित गर्भपात (induced abortion) में से मात्र 42% गर्भपात सरकारी मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य केंद्र पर हुए. 58% गर्भपात असुरक्षित होना महिला स्वास्थ्य और जन स्वास्थ्य के लिए बेहद निराशाजनक है.

शोध में यह तथ्य भी सामने आया कि नेपाल में सभी प्रसूतियों में से अनचाहे गर्भ धारण के मामले आधे हैं.
भारत हो या नेपाल, यदि सरकारें सही मायनों में प्रजनन स्वास्थ्य सेवाएँ सभी जरूरतमंद महिलाओं तक पहुचाना चाहती हैं तो यह मौजूदा स्थिति बदलनी होगी. पुरुष नसबंदी का दर महिला नसबंदी से अधिक सुनिश्चित करना होगा. पुरुषों की गैर जिम्मेदारी और असंवेदनशीलता का ही नतीजा है कि महिलाओं को अनचाहे गर्भ और असुरक्षित गर्भपात से गुज़ारना पड़ता है.





बाबी रमाकांत, सीएनएस (सिटीजन न्यूज़ सर्विस)
(बाबी रमाकांत, विश्व स्वास्थ्य संगठन महानिदेशक द्वारा 2008 में पुरुस्कृत सिटीजन न्यूज़ सर्विस (सीएनएस) के नीति निदेशक हैं. ट्विटर: @bobbyramakant)

बढ़ाए गए होल्डिंग टैक्स के विरुद्ध नगर परिषद् क्षेत्रान्तर्गत नागरिकों ने किया विरोध

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  • पूर्व विधायक कमलाकांत प्रसाद सिन्हा की अध्यक्षता में दिन शुक्रवार को पगला बाबा मंदिर परिसर मंें  शहर के नागरिकों की एक अत्यावश्यक बैठक संपन्न हुई

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अमरेन्द्र सुमन (दुमका),सरकार द्वारा नगर पालिका होल्डिंग टैक्स में अप्रत्याशित रुप से वृद्धि के विरोध में पूर्व विधायक कमलाकांत प्रसाद सिन्हा की अध्यक्षता में दिन शुक्रवार को पगला बाबा मंदिर परिसर मंें शहर के नागरिकों की एक अत्यावश्यक बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में नगर परिषद् अध्यक्षा अमिता रक्षित, रामजी साह, पूर्व अध्यक्ष नगरपालिका, दुमका रामेश्वर प्रसाद सिंह, धीरेन दास, सुनील कुमार झा, जुलकर नैन, प्रभात कुमार, मो0 सलीम, राजेन्द्र कुमार, ए0 एन0 मिश्रा, गोपाल चन्द्र यादव, राधेश्याम वर्मा, विजय कुमार सोनी, गया प्रसाद साह, मनोज घोष, पाउल मरांडी, रघुवंश चैबे, जगरनाथ मांझी, सहदेव पंडित, श्यामल कुमार घोष, प्रेमजीत लाल, प्रदीप कुमार दारुका, शिवपूजन सिंह, प्रेम केशरी, बसंत कुमार डे, सुमंगल ओझा इत्यादि उपस्थित थे। इस बैठक मंे कुल 8 प्रस्ताव पारित किये गए। सरकार द्वारा नगर परिषद् क्षेत्रान्तग्रत जहाँ एक ओर आलोचना की गई वहीं सरकार पर यह आरोप लगाया गया कि नगर परिषद् (बोर्ड) के अधिकारों का अतिक्रमण किया गया। वक्ताओं ने कहा कि नगर परिषद् (बोर्ड) को ही होल्डिंग टैक्स में वृद्धि करने का अधिकार प्राप्त है, जो एक सीमा तक निर्धारित है। वक्ताओं ने यह भी कहा कि नगर परिषद् अपने आप में एक स्वायत संस्था है। इसके सदस्य नागरिकों के मतदान के आधार पर ही निर्वाचित होते हैं। संविधान में बोर्ड का निर्णय ही अंतिम होता है। नगर परिषद् के निर्णय को सरकार सुपरसिट कर रही है। इन दिनों एनजीओ के माध्यम से होल्डिंग टैक्स में बढ़ोत्तरी संबंधी आवेदन तय समय सीमा के अन्दर नहीं भरने पर जुर्माना वसूलने की धमकी भी दी जा रही है जो अव्यवहारिक तो है ही, नागरिकों को भयभीत कर सरकार अपना स्वार्थ सेंकना चाहती है। बैठक में निर्णय लिया गया कि जब तक सरकार नगर परिषद् क्षेत्रान्तर्गत नागरिकों के लिये नगर पालिका बढ़ोत्तरी होल्डिंग टैक्स वापस नहीं लेती तब तक सरकार के विरुद्ध आम नागरिकों का असंतोष बढ़ता ही जाऐगा तथा बढ़ाई गए होल्डिंग टैक्स के विरुद्ध आम आदमी आंदोलनरत रहेगंे। होल्डिंग टैक्स में बढ़ोत्तरी के विरुद्ध डीसी दुमका से मिलकर सदस्यगणों के हस्ताक्षरित पत्र को सौंपा जाऐगा इसके लिये पूर्व विधायक कमलाकांत प्रसाद सिन्हा को अधिकृत किया गया है। 


पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्मशताब्दी वर्ष उत्सव’ का समर्पण दिवस
भारतीय जनता पार्टी जिला दुमका द्वारा प्रदेश के निर्देशानुसार 11 फरवरी 2017 दिन शनिवार के पूर्वा0 11 बजे दिन में स्थान अग्रसेन भवन दुमका में ’पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्मशताब्दी वर्ष उत्सव’ का समर्पण दिवस मनाया जायेगा।  कार्यक्रम में कल्याण मंत्री डॉ लूईस मरांडी तथा समर्पण दिवस कार्यक्रम के प्रभारी झारखण्ड सरकार के श्रममंत्री राज पलिवार व पुर्व सांसद अभयकांत प्रसाद मुख्य रूप से उपस्तिथ होंगे। इस कार्यक्रम में दुमका जिला के सभी भाजपा पदाधिकारी, सभी मंच मोर्चा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष, मंडल अध्यक्ष व अन्य कार्यकर्ता गण उपस्तिथ रहेगें। भाजपा दुमका जिलाध्यक्ष निवास मंडल ने अधिक  से अधिक लोगों से कार्यक्रम में भाग लेकर भाजपा की मजबूती बनाने का आहवान किया है। 

सांस्कृतिक वैभव व सामाजिक एकता का परिचायक रहा है हिजला मेला-आयुक्त

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  • परंपरागत तरीके से राजकीय जनजातीय हिजला मेला का हुआ भव्य शुभारंभ

 हिजला मेला परिसर, दुमका से अमरेन्द्र सुमन 


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संताल परगना वीरों की भूमि रही है। सिद्धो, कान्हू, चाँद भैरव, व फूलो, झानों शहादत की यह भूमि सांस्कृतिक वैभव व  समाजिक एकता के लिये सदियों से विख्यात रही है। प्रशासन में आमजनों का सहयोग प्राप्त करने के उद्ेश्य से तत्कालीन अंग्रेज कलक्टर जार्ज एस कर्सस्टेयर ने सवा सौ पूर्व हिजला मेला की शुरुआत की थी। आज मेले के स्वरुप में बहुत सारा परिवर्तन आया है, परन्तु यह मेला आज भी अपने मूल स्वरुप को कायम रख पाने में सफल रहा है। संताल परगना प्रमण्डल के आयुक्त दिनेश चन्द्र मिश्र ने राजकीय जनजातीय हिजला मेला 2017 के उद्घाटन के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथी अपने सम्बोधन में उपरोक्त बातें कही। विभिन्न विभागों द्वारा लगाये गये प्रदर्शनी, पण्डालों के सदर्भ में कहा कि इसमें विविध क्षेत्रों में नित नई होने वाली तकनीकी उन्नति को बेहतरीन ढंग से दर्शााया गया है। प्रदर्शनी पंडालों का अवलोकन कर लाभ उठाने की अपील उन्होनें आम जनता से की। मेले के बेहतर आयोजन हेतु जिला प्रशासन सहित तमाम आयोजन समिति को धन्यवाद दिया। स्वागत सम्बोधन में दुमका के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने मेले की शुभकांमना देते हुए कहा कि अन्य वर्षों की भांति इस वर्ष भी मेले में प्रत्येक दिन विभिन्न प्रकार के खेलकूद के साथ-साथ विभिन्न कला दलों द्वारा प्रस्तुत किये जाने वाले गीत, संगीत, नृत्य, नाट्क आदि के द्वारा दर्शकों के मनोरंजन हेतु व्यापक व्यवस्था की गई। इस वर्ष लगभग 150 कला दलों द्वारा कार्यक्रम प्रस्तुति हेतु आवेदन दिया जाना यह दर्शाता है कि मेले की ख्याति दिनों-दिन बढ़ती ही जा रही है। मेले में प्रतिदिन विभिन्न विषयों पर आयोजित होने वाली परिचर्चा के सदर्भ में उन्होंने कहा कि पूर्व में भी मेले का यही उद्ेश्य था। मेला के उद्घाटन कर्ता तथा कार्यक्रम के अध्यक्ष हिजला ग्राम के ग्राम प्रधान सुनीराम हाँसदा ने मेला घुमने वालो से अपील की कि मेला परिसर में पाॅलिथिन का उपयोग न करें तथा विभिन्न प्रदर्शनी पंडालों का अवलोकन कर कृषि व अन्य क्षेत्रों में हुई तकनीकि प्रगति का लाभ उठावें। दुमका के अनुमंडल अधिकारी संदीप दुबे ने शांति व्यवस्था कायम रखते हुए उत्साह व गरिमा के साथ मेला भ्रमण की अपील की। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों सहित तमाम लोगों के प्रति अपना आभार भी उन्होनें प्रकट किया। इससे पूर्व रामसिंगा, सकवा, मदानभेर एवं अन्य पारम्परिक वाद्ययंत्रों के गगनभेदी स्वरों के बीच अतिथियों का भव्य स्वागत किया गया। मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति में हिजला ग्राम प्रधान द्वारा पारम्परिक उद्घाटन किया गया। एमानुएल सोरेन के नेतृत्त्व में पायका नृत्य के बीच अतिथियों को हिजला मुख्य द्वार तक लाया। अतिथियों ने विभिन्न प्रषासनिक विभागों द्वारा लगाये गये प्रदर्षनी पंडालों का उद्घाटन कर उसका अवलोकन किया तथा उसमें प्रदर्षित की गई वस्तुओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। तत्पष्चात् राजकीय जनजातीय हिजला मेला खेलकूद समिति के क्रीड़ा ध्वज का आरोहन कर तथा तीर चलाकर औपचारिक रुप से खेलकूद कार्यक्रम का भी शुभारम्भ किया गया। उद्घाटन सत्र की समाप्ति के पश्चात् बाहरी कलामंच के सामने मैदान में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति की गई। होली चाईल्ड स्कूल दुमका द्वारा प्रस्तुत नागपुरी नृत्य, संताल परगना महिला महाविद्यालय दुमका द्वारा प्रस्तुत संताली नृत्य, संत तरेसा बालिका उच्च विद्यालय दुमका द्वारा प्रस्तुत जनजातीय नृत्य, एकल्व्य आवासीय बालिका उच्च विद्यालय काठीजोरिया द्वारा प्रस्तुत देषभक्ति गीत पर आधारित नृत्य, अनुसूचित जनजाति आवासीय बालिका विद्यालय कड़हरबिल द्वारा प्रस्तुत असमी नृत्य के अलावा स्मिता आनन्द के मार्गदर्षन में बच्चों द्वारा आत्मरक्षा हेतु प्रस्तुत किया गया ताइक्वांडो का प्रदर्षन देख दर्षक रोमांचित हो उठे। 

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इस अवसर पर आयुक्त संताल परगना प्रमण्डल दिनेष चन्द्र मिश्र, उपायुक्त दुमका राहुल कुमार सिन्हा, पुलिस अधीक्षक मयूर पटेल कन्हैया, अनुमंडल पदाधिकारी संदीप दुबे, सांसद प्रतिनिधि विजय कुमार सिंह, पूर्व सांसद अभय कान्त प्रसाद, जिला परिषद अध्यक्षा जाॅयस बेसरा, नगर परिषद अध्यक्षा अमिता रक्षित, जिला परिसद उपाध्यक्ष असीम मंडल, सुधीर कुमार सिंह, मो0 हनीफ, हिजला के ग्राम प्रधान सुनीराम हाँसदा के अलावा कार्यक्रम को सफल करने में हिजला मेला खेलकूद समिति के उमाषंकर चैबे, बी0वी गुहा, राहुल दास, गोविन्द प्रसाद, मो0 हैदर हुसैन, वैधनाथ टुडू, शैलेन्द्र कुमार सिन्हा, मदन कुमार, वरुण कुमार, षिषिर कुमार घोष, वंदना श्रीवास्तव, विद्यापति झा, दीपक कुमार झा, जय प्रकाष झा जयन्त, रंजन कुमार पाण्डेय, जयराम शर्मा, अरविन्द कुमार साह स्मिता आनन्द, ज्ञान प्रकाष, निर्मल हाँसदा, विनय कुमार सिंह, वंषीधर पंडित, अरविन्द राय, छोटन प्रसाद, प्रशांत कुमार, मो0 हाकिम, कन्हैया लाल दुबे, कलदीप सिंह, विकास कुमार सिंह, सुश्री कविता कुमारी, सुषील हेम्ब्रम, राजेश हेम्ब्रम, राजेन्द्र सिंह, मसीचरण सोरेन, मो0 मोईम अंसारी, सीताराम पुजहर, मो0 मोकिम अंसारी, दुलड़ हांस्दा, आषीष रंजन भारती, सुभेन्द्रु सरकार, एन0के0मरांडी, मुकेश कुमार, अमित कुमार पाठक, मो0 फरीद खान, संजीव कुमार, नीलमुनी मुर्मू, दिनेष प्रसाद वर्मा और कला संस्कृति समिति के डाॅ0 प्रमोदिनी हाँसदा, प्राचार्या, देवघर काॅलेज, दुमका, डा0 सी0एन0 मिश्रा, सिंहासन कुमारी, जीवानन्द यादव, महेन्द्र प्रसाद साह, सुरेन्द्र नारायण यादव, एमानुएल सोरेन, अनिल कुमार मरांडी, अंजुला मुर्मू, सुमिता सिंह, सोनाली चटर्जी, बबलू चटर्जी, कालीचरण देहरी, सुभाष हेम्ब्रम, अशोक सिंह, शिशिर कुमार घोष, प्राचार्य $2 राजकीय कन्या उच्च विद्यालय, सेवास्टिन सोरेन, महोरील मुर्मू, मनोज कुमार घोष, षिवकुमार बास्की, प्राचार्य संताल परगना महाविद्यालय, प्राचार्य संताल परगना महिला महाविद्यालय, प्राचार्य $2 जिला स्कूल, प्राचार्य $2 नेषनल उच्च विद्यालय, प्राचार्य होली चाईल्ड स्कूल, प्राचार्य संत तेरेसा बालिका उच्च विद्यालय,  प्राचार्य सिदो कान्हु उच्च विद्यालय, प्राचार्य संत जोसेफ उच्च विद्यालय, प्राचार्य मध्य विद्यालय गुहियाजोरी, प्राचार्य अनुसूचित जनजाति आवासीय विद्यालय कड़हरबिल, डाॅ0 सुषील मरांडी, पीटर हेम्ब्रम, डाॅ0 एम0 सोरेन, मेरीनीला मरांडी, एलिस प्रभा बास्की, महान हेम्ब्रम, श्रीमती मीना सोरेन, रसका टुडू, रुबी बेसरा, प्राचार्य संत जोसेफ उच्च विद्यालय, प्राचार्य नवोदय विद्यालय हंसडिहा, डाॅ0 धुनी सोरेन, सुनील मुर्मू, उमेष हेम्ब्रम, निवास मंडल, सुभाष सिंह, ईष्वर मरांडी संताल, परगना महाविद्यालय, प्राचार्य $2 राजकीय पिछड़ी जाति आवसीय बालिका विद्यालय, मो0 कजरुल हुसैन, दिलीप तपस्वी, सेलवेस्अर  बेसरा, डा अजय शुक्ला, दानसिल टोप्पो, राजू टुडू, प्रियंका चक्रवर्ती आदि की भूमिका उल्लेखनीय रही। 

मधुबनी (बिहार) की खबर 12 फरवरी

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मधुबनी, 10 फरवरी; आज डी0आर0डी0ए0 सभा कक्ष में इंटरमीडिएट परीक्षा, 2017तथा बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रारंभिक परीक्षा से संबंधित बैठक अपर समाहर्ता, श्री दुर्गानंद झा की अध्यक्षता में हुई।
इंटर परीक्षा 14, फरवरी से 25 फरवरी तक जिले के 63 केंद्र पर होगी जिसमें पच्चास हजार दो सौ नब्बे परीक्षार्थी सम्मिलित होंगे। परीक्षा दो पाली में होगी। पहली पाली 9ः45 पूर्वा से 1ः00 बजे अप0 तथा दुसरी पाली 1ः00 अप0 से 5ः00 बजे अप0 तक होगी। बैठक में अपर समाहर्ता ने सभी केंद्राधीक्षकों को निदेश दिया कि हर हाल में स्व्च्छ एवं कदाचारमुक्त परीक्षा संचालन सुनिश्चित करें। हर वीक्षक को यह प्रमाण-पत्र देना होगा कि उसने सभी 25 परीक्षार्थियों की जांच कर ली है। सभी परीक्षा केंद्र पर सी0सी0टी0वी0 तथा वीडियोग्राफी की वव्यस्था की गई है। सभी केंद्राधीक्षक अपने कंेद्र के पिछले हिस्से की लगातार विडियोग्राफी कराएंगे। कोई भी परीक्षार्थी परीक्षा केंद्र के अंदर मोबाइल अथवा अन्य कोई गजट लेकर प्रवेश नहीं कर पाएं उसकी खास हिदायत दी गई। परीक्षा को कदाचारमुक्त रखने के लिए स्टैटिक दंडाधिकारी के अतिरिक्त गश्ती दंडाधिकारी, जोनल दंडाधिकारी, सुपर जोनल दंडाधिकारी, उड़नदस्ता दल का भी गठन कर किया गया है। नकल करते अथवा कराते यदि कोई व्यक्ति पकड़ा जाता है तो उसके विरूद्ध उचित काश्ती कार्रवाई की जाएगी। सभी अनुमंडल दंडाधिकारी द्वारा परीक्षा कंेद्र के 500 गज की परिधि में पूरी परीक्षा अवधि में घारा 144 के तहत निषेघाज्ञा लागू कर दी गई है। इंटर परीक्षा से संबंधित जिला नियंत्रण कक्ष 06276-222201 पर कार्यरत रहेगा। रविवार,12 फरवरी को मधुबनी के 10 परीक्षा कंेद्र पर बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा का संचाालन किया जाएगा। इंडियन पब्लिक स्कूल, मधुबनी में रोल क्रमांक 269801 से 271800(कुल 2000), आर0के0काॅलेज, मधुबनी में राॅलक्रमांक,271801 से 273300(कुल 1500), वाटसन उच्च विद्यालय, मधुबनी में राॅल क्रमांक 273301 से 273800(कुल 500), सूड़ी उच्च् विद्यालय में राॅल क्रमांक 2738301से 274300(कुल 500) डी0एन0वाई काॅलेज में राॅल क्रमांक 274301से275000(कुल 700), रीजनल सेकेंडरी स्कूल, सप्ता में राॅल क्रमांक 275001 से276000(कुल 1000), जें0एन0काॅलेज, मधुबनी में 208341 से208840(कुल 500) मदरसा इस्लामिया भौआरा मंे 276501 से277000(कुल 500) शिवगंगा बालिका उच्चतर मा0 विद्यालय में 2770001से 277400(कुल 400) महिला महाविद्यालय, मधुबनी में 277401 से 277800(कुल 400) कुल 8000 परीक्षार्थी विभिन्न परीक्षा कंेद्र पर बी0पी0एस0सी0 परीक्षा देंगे। कदाचारमुक्त परीक्षा के लिए सभी केंद्राधीक्षकों को यह निदेश दिया गया कि वे सभी वीक्षक से यह प्रमाण पत्र लें कि किसी वीक्षक का कोई वार्ड उस परीक्षा केंद्र पर परीक्षा नहीं दे रहा है। किसी भी प्रकार का इलेक्ट्राॅनिक गजट, मोबाइल परीक्षार्थी परीक्षा कंेद्र में नहीं ले जा सकते है। परीक्षार्थी व्हाइटनर, ब्लेड, इरेजर भी परीक्षा केंद्र पर नहीं ले जा पाएंगे।                                        


मधुबनी, 07 फरवरी; मधुबनी जिला वासियों की चित्र प्रतीक्षित मांग षीघ्र पूरा होने जा रही है। षिक्षा के क्षेत्र में मधुबनी जिला में एक नया आयाम जुड़ने जा रहा है। जिले में कंेद्रीय विद्यालय खोलने की ओर कदम बढ़ा दिया गया है। जिला पदाधिकारी मधुबनी श्री गिरिवर दयाल सिंह ने बताया कि जिले में केंद्रीय विद्यालय की आवष्यकता को समझते हुए सभी अंचल अधिकारिययों को दस एकड़ उपयुक्त जमीन ढ़ॅॅॅूढ़ने का निदेष दिया गया है। साथ ही साथ जिला पदाधिकारी ने सभी जिलावासियों से अपील की हैं कि इच्छूक दान दाता केद्रिय विद्यालय के लिए दस एकड़ उपयुक्त जमीन खुले दिल से दान करें, उनका नाम विद्यालय के नाम के साथ जोड़ा जाएगा। इस परोपकार के लिए वे पुण्य के भी भागी बनेंगे।

madhubani news
‘डिजिधन अपनाओं, मजबूत भारत बनाओं नारे के साथ, 
मधुबनी,07 फरवरी; भारत सरकार और बिहार सारकार के संयुक्त प्रयास से मधुबनी जिले में डिजिटल जागरूकता लाने, नकद रहित लेन-देन को बढ़ावा देने तथा डिजिटल इंडिया मिषन के कार्य करने के लिए प्रचार वाहन लोगों के बीच जाएगा तथा उन्हें एल0ई0डी0टी0वी0 के माधयम से इस संबंध में जानकारी देगा। आज समाहरणालय परिषर से जिला पदाधिकारी मधुबनी श्री गिरिवर दयाल सिंह ने प्रचार-वाहन को हरी झंडी दिखाकर खाना किया। प्रचार वाहन07 एवं 08 फरवरी को  मधुबनी नगर परिषद क्षेत्र में, 09 फरवरी को जयनगर नगर पंचायत क्षेत्र में, 10 फरवरी को राजनगर प्रखंड के सतघरा में, 11 फरवरी को झंझारपुर नगर पंचायत क्षे़त्र में तथा12 फरवरी घोघरडीहा नगर पंचायत क्षेत्र में भ्रमण करेगा। समाहरणालय परिसर में वाहन के माध्यम से लोगों को बताया गया कि कैसे वे काड्र्रस, यू0पी0आई0,यू0एस0एम0डी0ई-वालेट, आधार आधरित पेमेंट सिस्टम के माध्यम से नकद रहित लेन-देन करसकते है। कागजमुक्त, लाइन मुक्त और तनाव मुक्त लेन-देन के साथ देष से भ्रस्टाचार को भी यह पद्धति भगाएगी। डिजिटल इंडिया मिषन के तहत लोगों के जनधन खाता, आधार संख्या तथा मोबाइल नंबर को जोड़ा जा रहा  है। राष्ट्रीय डिजिटल साक्षरता मिषन के तहत साढ़े तीन करोड़ लोगों को जोड़कर डिजिटल इंडिया प्लेटफाॅर्म तैयार किया जा रहा है। इस प्लेटफाॅर्म से विभिन्न किसान मंडियो को जोड़ा जा रहा हैं। अपने दस्तावेजों को ई-लाॅकर में सुरक्षित रख सकते हैं।  जन्म पंजीकरण, मृत्यु पंजीकरण भूमि दस्तावेज, परीक्षा परिणाम, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, पासपोर्ट, वोटर कार्ड, मनरेगा भुगतान, पानी, विल, विजली बिल, टेलीफोन बिल भुगतान, रेलवे टिकट, बीमा बैंकों से संबंधित सेवाएं डिजिटली ले सकते हैं। 

मधुबनी,07 फरवरी; जिला निर्वाचन पदा0(पंचायत)-साह-जिला पदाधिकारी, मधुबनी श्री गिरिवर दयाल सिंह के निदेषानुसार पंचायत उप-निर्वाचल-2017 के अंतर्गत मत-पत्रों का विखंडन प्रखं डमें ही किया जाएगा तथा तत्रपष्चात सषस्त्र बल एवं दंडाधिकारी की सुरक्षा में प्रखं डमें ही रखा जाएगी। जिला पदाधिकारी ने सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को निदेष दिया है कि तीन दिन के अंदर वज्रहगृह एवं मतगणना स्थल का प्रस्ताव जिला पंचायत राज पदाधिकारी को उपलब्ध करा दें। निदेषानुसार सभी पी0सी0पी0 दिनांक 27 फरवरी, 17 को 8ः0 बजे पूर्वा0 तक संबंधित प्रखं डमें अपना योगदान देंगे तथा वहीं से मतपत्र, मत पेटिका आदि लेकर संबंधित मतदान कंेद्र तक पहुॅचायेगे। पी0सी0सी0पी0 को वाहन प्रखंड विकास पदाधिकारी, उपलब्ध करायेंगे। पुलिस पधीक्षक, मधुबनी आवष्यक संख्या में पुलिस पदाधिकारी तथा पुलिस बल प्रखंड स्तर पर ही उपलब्ध कराएंगे। पंचायत उप-निर्वाचन का मतदान 28 फरवरी, 17 को होना है।

ग्लोबल इन्वेस्टर मीट की धमक से गूंजेगा दुमका : डीसी

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अमरेन्द्र सुमन (दुमका), एक ओर जहाँ 16 व 17 फरवरी को हिजला मेला परिसर में मान्दर की थाप पर थिरकते आदिवासी युवक-युवतियों का उत्साह उफान पर होगा, वहीं झारखण्ड के विकास को ग्लोबल इन्वेस्टर मीट जिसे मोमेन्टम झारखण्ड का नाम दिया गया है के माध्यम से प्रारंभ होने वाले स्टार्टअप प्रोग्राम की  धमक पूरे विश्व में सुनायी पड़ेगी। इस आवाज में दुमका की आवाज भी पूरे लय में होगी। दुमका के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने चेम्बर आॅफ कामर्स, सहकारिता, कृषि, गव्य, पशुपालन, उद्योग इत्यादि विभागों के साथ हुई बैठक में उपरोक्त बातें कही। बाद में पत्रकारों के साथ उपरोक्त की पूरी जानकारी दी गईं  विवरणी से उन्हें अवगत कराया गया। डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने कहा कि दुमका के इन्डोर स्टेडियम में 16-17 फरवरी को होने वाले मोमेन्टम झारखण्ड का सीधा प्रसारण किया जायेगा। जिसमें नगर और ग्रामीण क्षेत्रों के बड़ी संख्या में लोग इसका अवलोकन करेंगे। उपायुक्त ने कहा कि दुमका जिला में सड़क के किनारे सटे वेैसे जमीन जिनपर उद्योग लगाया जा सकता है कि सूची जारी की गई है ताकि निदेषक आसानी से स्थल का चयन कर सके। दुमका में बोस आधारित उद्योग, रेषम, आलू चिप्स, टमाटर साॅस, सब्जियों के उत्पाद आदि के क्षेत्र में व्याप संभावना है। जो उद्योगपति दुमका आयेंगे उन्हें एक सिंगल विन्डो से सारी सुविधाये दी जायेंगी। राहुल कुमार सिन्हा ने कहा कि दुमका की विषिष्ट पहचान ने उन्हें अवगत कराया। यहां का प्राकृतिक वैभव, अद्भुत मौसम, बिजी सड़क, ट्रेन, एयरपोर्ट की सुविधा सब उपलब्ध है। उन्होंने चेम्बर आॅफ काॅमर्स सहित सभी विभागों से इसमें आपी भागीदारी बढ़चढ़ कर निभाने की बात कही। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग चारों ओर होर्डिंग और बैनर लगायेगा तथा झारखण्ड वैशिष्ट्य फिल्म का प्रदर्शन भी किया जायेगा। बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी सुरेन्द्र सिंह, परियोजना निदेषक आत्मा देवेष कुमार सिंह, जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी रवि रंजन, जिला उद्योंग केन्द्र पदाधिकारी एवं चैम्बर आॅफ काॅमर्स के सदस्यगण उपस्थित थे। प्रसिद्ध मयूराक्षी नदी के तट पर प्रतिवर्ष फरवरी महीनें लगने वाला राजकीय जनजातीय हिजला मेला इस वर्ष 10 फरवरी से प्रारम्भ है। मेला को पूरी तरह जनजातीय स्वरुप देने व परंपरागत तरीके से इस मेले के आयोजन के लिये जिला प्रशासन इन दिनों प्रयासरत है। विभिन्न विभागों द्वारा तैयार की जा रही प्रदर्शनी पंडालों, भीतरी व बाहरी कला मंचों, कृषि प्रदर्शनी, खेल मैदान, मेला परिसर में लगाये जाने वाले दुकानों, झूला, इत्यादि के साथ-साथ मेला घूमने वाले दर्शकों की सुविधाओं यथा पेयजल, शौचालय, सुरक्षा व्यवस्था, इत्यादि का मुआयना डीसी दुमका ने दिन बुधवार को किया। उन्होंने उपस्थित पदाधिकारियों को निदेश दिया कि ससमय बेहतर से बेहतर तैयारी की जाय, ताकि मेला घूमने वाले दर्शकों एक अच्छा संदेश अन्यत्र पहुँचाया जा सके। बढ़िया संदेश लेकर अपने-अपने घरों को लौट सकें। मेला घूमने वाले किसी दर्शक को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो इस बात का विशेष ध्यान रखा जाय।  उन्होंने मेले के संवेदक सुशील कुमार को निदेश दिया कि प्रत्येक पंडाल के पास आपात काल से निपटने हेतु सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था सुनिश्चित करें। इस अवसर पर, जिला कृषि पदाधिकारी सुरेन्द्र सिंह, परियोजना निदेशक आत्मा देवेश कुमार सिंह आदि उपस्थित थे। 

बिहार : कुर्जी कब्रिस्थान की चहारदीवारी को ऊंची की जाएगी

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पटना। कुर्जी पल्ली में है कब्रिस्थान। इस कब्रिस्थान की चारदीवारी नीची है। इसका फायदा उठाकर दीवार फांदकर बदमाश आ जाते हैं कब्रिस्थान में। यहाँ पर आकर उत्पात मचाने लगे। कब्रों में लगे क्रूस को तोड़ने लगे। कुर्जी हॉस्पिटल चलाने वाली मृतक सिस्टरों की कब्रों में लगे क्रूस तोड़ने डाले। इतने से संतुष्ट नहीं हुए। एंग्लों इंडियन समुदाय केे झारखंड विधान सभा में मनोनीत विधायक जौर्ज जोसेफ ग्लेनस्टेन के पिता की कब्र में लगे क्रूस तोड़ दिए।  विधायक जी की और से एक और नेक कदम पर वहाँ कुछ नए नेता जो कभी भी वार्ड 22ं के विकाश से कोई मतलब नही रहा पर इस बार की चुनाव लड़ने के लिए वो जनता को बेवकुफ बना रहे है ।टूटे क्रूस की तस्वीर अपलॉड करने पर युवा नेता राजन साह सक्रिय हुए। बीजेपी अल्पसंख्यक विभाग के प्रभारी राजन साह ने फादर जोनसन से गुप्तगू करके लोकल विधायक संजीव चोरसिया के साथ बैठक करवाने में सफल हो गये जाँच करने अधिकारी आए। कॊई १५ लाख रू० लागत से सुरझा मजबूत की जाएगी। सामाजिक कार्यकर्ता शैलेष भी सक्रिय हैं। समाजिक कार्यकर्ता राजन साह के अनुसार पैरिश चर्च की ओर से हम श्री संजीव रंजन कब्रिस्तान चारदीवारी उत्थान के लिए योजना और बिहार का विकास सरकार के विभाग से एक इंजीनियर भेजने के लिए श्री संजीव चैरसिया विधायक दीघा करने के लिए बहुत आभारी हैं। फादर के साथ जोनसन एस जे, शैलेश एंथोनी, रवीन्द्र कुमार। काम जल्द ही शुरू होगा

बिहार : महावीर वात्सल्य अस्पताल में अत्याधुनिक केन्द्रीय आपातकालीन चिकित्सा सेवा की शुरूआत

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पटना। महावीर वात्सल्य अस्पताल परिसर में अत्याधुनिक केन्द्रीय आपातकालीन चिकित्सा सेवा की शुरूआत श्री किशोर कुणाल, सचिव, श्री महावीर मंदिर न्यास समिति, पटना के कर कमलो द्वारा अपराह्न 12ः30 बजे हुई । यह सेवा 24 घंटे उपलब्ध करायी जायेगी जिसके तहत एक विशेष केन्द्रीय वार्ड बनाया गया है जहाँ विशेष रूप से प्रशिक्षित चिकित्सक, नर्स, ओ. टी. सहायक और वार्ड अटेंडेंट कार्यरत रहेंगे और आपातकालीन स्थिति में अस्पताल में आये रोगियों को सर्वप्रथम इस वार्ड में तैनात चिकित्सकों द्वारा प्राथमिक चिकित्सा किये जाने के साथ ही संबंधित विभागों में आवश्यकतानुसार भर्ती किया जायेगा । श्री किशोर कुणाल ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि बड़े लम्बे समय से महावीर वात्सल्य अस्पताल में केन्द्रीय आपातकालीन चिकित्सा सेवा की शुरूआत करने की हमारी साध थी, वह आज पूरी हो गयी है । इस सेवा के शुरूआत होने से त्वरित इलाज की जा सकेगी एवं मरीजों को एकीकृत व्यवस्था का लाभ मिलेगा । खासकर हृदय रोग, गंभीर बच्चों एवं माताओं को उसके शीघ्रताशीघ्र चिकित्सा सुविधाओं का लाभ मिलेगा । श्री किशेर कुणाल ने इस अवसर पर आगे कहा कि उन्हें आज हर्ष हो रहा है कि महावीर वात्सल्य अस्पताल में बच्चों के समुचित चिकित्सा हेतु राज्य के प्रथम पीडियाट्रिक सर्जन और पीडियाट्रिक न्यूरोलाॅजिस्ट सफलापूर्वक कार्य कर रहें हैं जिसके माध्यम से जन्मजात हृदय विकारों से ग्रसित नवजात शिशुओं और बच्चों की जानें बचायी जा रही है । महावीर वात्सल्य अस्पताल के शासी निकाय के अध्यक्ष न्यायमूर्ति उदय सिन्हा ने परोपकार के लिए श्री महावीर मंदिर न्यास समिति द्वारा पाँच अस्पताल स्थापित करने के लिए श्री किशोर कुणाल के प्रयासों की सराहना की । उन्होंने कहा कि इस अस्पताल के खुलने के बाद गरीब मरीजों को भी न्यूनतम राशि में उत्कृष्ठ उपकरणों से सुसज्जित चिकित्सा सुविधाओं का लाभ मिल रहा है ।


ए. एन. एम. नर्सेज टेंनिग इंस्टीच्यूट एवं महावीर पारामेडिकल ट्रेनिंग एवं रिसर्च इंस्टीच्यूट के निदेशक डाॅ. एस. पी. श्रीवास्तव  ने कहा कि इस अस्पताल ने अल्पाविध में ही जनहित के कल्याण एवं अस्पताल द्वारा प्रदान की जानेवाली चिकित्सकीय सेवाओं के कारण पूरे पटना सहित बिहार राज्य में ख्याति अर्जित कर ली है । उन्होंने विशेषकर अस्पताल के शिशु रोग विभाग, हड्डी रोग विभाग एवं पैथोलाॅजी विभाग द्वारा प्रदान की जानेवाली अत्याधुनिक सुविधाओं हेतु अस्पताल को बधाई दी । आरंभ में स्वागत भाषण करते हुए महावीर वात्सल्य अस्पताल के निदेशक प्रसिद्ध हड्डी रोग विशेषज्ञ डाॅ. एस. एस. झा ने कहा कि महावीर हृदय अस्पताल में स्थापित किये गये कैथलैब में अत्याधुनिक मशीनें विश्वस्तरीय हैं । महावीर वात्सल्य अस्पताल में नवजात शिशुओं की समुचित देखरेख के साथ ही भ्पही तपेा चतमहदंदबल बंेमे की संख्या में हो रही उतरोत्तर वृद्धि के लिए स्त्री रोग विभाग के चिकित्सकों द्वारा किये जा रहे सतत प्रयासों की सराहना की । डाॅ. झा ने इस अवसर पर हड्डी रोग विभाग में चिकित्सा हेतु आये मरीजों के माईनर, इंटरमीडियट और मेजर सर्जरी के लिए, आॅपरेशन, दवायें और बिस्तरों के तीन दिनों के खर्च सहित क्रमशः 10 हजार, 20 हजार और 30 हजार के पैकेज के साथ जोड़ प्रत्यारोपण सर्जरी हेतु 40 हजार के पैकेज की घोषणा की । जोड़ प्रत्यारोपण सर्जरी हेतु मरीजों को दवायें और कृत्रिम जोड़ मरीजों को स्वंय खरीदना होगा । समारोह के अंत में महावीर वात्सल्य अस्पताल के अपर निदेशक श्री एम. डब्लू. ए. अंजुम ने धन्यवाद ज्ञापन किया । इस अवसर पर विराट रामायण मंदिर के परियोजना निदेशक श्री आर. बी. पी. यादव, स्त्री रोग विभागाध्यक्ष डाॅ. वीणा मिश्रा, पैथोलाॅजी विभागाध्यक्ष डाॅ. मनोरमा मिश्रा, शिशु रोग विभागाध्यक्ष डाॅ. राकेश सिंह, हृदय रोग विभागाध्यक्ष डाॅ. अशोक कुमार, पीडियाट्रिक हृदय सर्जन मेजर (डाॅ.) प्रभात कुमार, नेत्र रोग विभागाध्यक्ष डाॅ. अभिषेक गोलवारा सहित नगर के अनेक गणमान्य लोगों के अलावे बड़ी संख्या में चिकित्सकगण उपस्थित थे ।

विशेष : नहीं रहे काशी के व्यंगकार पंडित धर्मशील चतुर्वेदी

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गुम हो रही बनारसी मस्ती और सात वार नौ त्योहार सरीखे जीने का मस्तमौला अंदाज पर अपनी रचनाओं के जरिये कभी हास्य तो कभी गम्भीर संदेश देकर लोगों को खूब गुदगुदाया हैं। उनका मानना था कि इस तरह के आयोजनों से हमारी युवा पीढ़ी अपने सरोकारो और थाती को समझें। ढोल नगाड़ों के साथ काशी के डॉ. राजेंद प्रसाद घाट पर हर साल पहली अप्रैल अर्थात मूर्ख दिवस पर महामूर्ख मेले का आयोजन उन्हीें के देखरेख में होता था। उन्होंने अपने हास्य और व्यंग्य के माध्यम से न सिर्फ देश के जन प्रतिनिधियों को आईना दिखाया बल्कि जनता को भी वास्तविक स्थिति से परिचित कराया। हिंदी पत्रकारिता, नाटक और काव्य के क्षेत्र में उनका बहुमूल्य योगदान रहा। इसके अलावा वे लेखक, कवि, निबंधकार, एवं कुशल वक्ता भी थे 



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धर्म एवं आस्था की नगरी काशी के प्रख्यात कवि, साहित्यकार, कानूनविद्, पत्रकार व बनारसी अक्खड़पन के बेमिसाल व्यक्तित्व वाले युगपुरुष पंडित धर्मशील चतुर्वेदी नहीं रहे। शनिवार को श्री चर्तुवेदी जी निधन हो गया। वे पिछले काफी दिनों से अस्वस्थ थे। उनका इलाज बीएचयू में चल रहा था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उनकी उम्र 80 वर्ष थी। उनके निधन से काशी की हर वह आंख ेनम है, जो उनके विचारों व रचनाओं से वाकिफ थे। होली के अवसर पर उनकी हंसी-ठिठोली भरी कविताएं व मुर्खो की बारात में उनका दुल्हा बनना आज भी लोगों के जेहन में है। उनकी कविता ’आइये मन की तरी को मौजे गंगा में बहाए। जानेमन के मन की मौजों में गुरु अब डूब जायें। जनगन का मन तो रुहक है गंगा जैसा मैला। नए भागीरथ की गंगा में आओ चले नहाये’, लोगों के जुबान पर है। का हो ..गुरु उनका ठेका था। वह काशी की संस्कृति ,सभ्यता और परम्परा के निःस्वार्थ वाहक थे। काशी के पौराणिक इतिहास पर न सिर्फ उनकी गहरी पकड़ थी, बल्कि पत्र-पत्रिकाओं में उकेरा भी। डाक्टर राजेन्द्र प्रसाद घाट पर घाट पर महामुर्ख सम्मेलन की शुरुवात कर उन्होंने इसे वैश्विक उचाई पर पहुंचाया। घुमक्कड़ और फक्कड़ स्वभाव के चर्तुवेदी जी ने कई अखबारों में बनारसी मस्ती एवं होली, मकर संक्रांति, बाबा विश्वनाथ की महिमा जैसे कई कालम लिखा, वह आज हिंदी पत्रकारिता के लिए दुर्लभ व विशिष्ट सामग्री है। हिंदी, संस्कृत, समेत कई भाषाओं पर मजबूत पकड़ रखने वाले चतुर्वेदी जी ने धर्म एवं आस्था की नगरी काशी में कई बड़े साहित्यिक कार्यक्रमों की शुरूवात की थी। जो आज वैश्विक स्तर पर विख्यात हो चुके है। सीनियर रिपोर्टर एके लारी ने उन्हें श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुए बताया कि वे न सिर्फ एक अभिभावक की भूमिका रहे, बल्कि काशी की एक संस्कृति एक युगदृष्टा भी रहे। उनकी कविताओं, लेखों एवं रचनाओं की जीवंतता हमेशा प्रेरणा स्त्रोत रहेगी। काशी में इसकी भरपाई अब कोई पूरा नहीं कर पाएगा। उनके साथ बिताये हुए पल अब हमेशा के लिए अमर हो गए। ऐसे कवि, साहित्यकार, कानूनविद्, पत्रकार व बनारसी अक्खड़पन के बेमिसाल व्यक्तित्व को हम अपनी अश्रु पूर्ण श्रद्धांजलि करते है। उनका जाना देश के लिये बहुत बड़ी क्षति है। 

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वे विख्यात लेखक होने के अलावा सफल व्यंगकार व स्तंभकार भी थे। उन्होने काशी के कई पर्वो पर अपनी लेख लिखा है। हास्य कविताएं व कहानियां लिखना भी उनका शौक था। यूं कहिये कि जुनून था। उन्‍होंने वकालत भी की, तो एक मुकाम तक पहुंचायी। कहते है उन्होंने जिस मुकदमें की पैरवी की तो हारे नहीं और अपनी दलीलों से मुअक्कील को इंसाफ दिलाई। खास यह है कि वह न केवल हास्य व्यंग्य लिखते थे, बल्कि तमाम कवि सम्मेलनों में अपनी रचनाओं से लोगों को मंत्रमुग्ध भी कर देते थे। वह अपने मस्तमौला और खाटी बनारसी अंदाज के लिए जाने जाते थे। सबसे बड़ी बात, बुनियादी तौर पर एक अच्छे-सच्चे इंसान भी थे। लोगों की मदद करना उनका फलसफा था। संवेदनशील व्यक्ति के नाते उनमें स्वतन्त्र रूप से देखने-सोचने-समझने की अपार क्षमता थी। स्मरण शक्ति तीव्र थी, ग्रहण क्षमता अद्भुत। उनको काव्य-प्रतिभा अपने पिता से विरासत के रूप में मिली थी। उन्होंने कई संस्थाओं की स्थापना में अपना योगदान दिया। दीन-दुखियों, साहित्यकारों तथा मित्रों की सहायता करना वे अपना कर्तव्य समझते थे। महाशिवरात्रि को मैदागिन से निकलने वाली शिव बारात में भी वह भाग लेते थे। होली के मौके पर दशाश्वमेघ घाट पर उनकी बरसाने से लेकर भोजपुर तक की होली के रंग की भंग की मस्ती न्यूज चैनलों पर भी छायी रहती थी। होली पर निकलने वाली बारात में वह कई सालों तक दुल्हा भी बनते रहे। उनके साथ दुल्हन रणजी ट्राफी खिलाड़ी जावेद अख्तर बन चुके हैं। ऐसे युगदृष्टा तथा गुरु तुल्य की निधन की खबर पाकर पूरी काशी शोक में डूबा है। वह पियरी पर रहते थे। लेखन कला उन्होंने अपने पिता साहित्यकार पं सीताराम चर्तुवेदी से सीखी थी। वह कहते थे लोकजीवन में त्योहार के साथ साहित्यिक सरोकार भी जरूरी है। उन्होंने साहित्यिक संस्था के बैनर तले साहित्यकारों और हास्य व्यंग्य के कवियांे की मौजूदगी में राजनेताआंे और देश के वर्तमान हालत पर भी अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर चुके हैं। 

छोटी पियरी स्थित वेद भवन में आधुनिकता और स्मार्ट सीटी में गुम हो रही बनारसी मस्ती और सात वार नौ त्यौहार सरीखे जीने का मस्तमौला अंदाज पर अपनी रचनाओं के जरिये कभी हास्य तो कभी गम्भीर संदेश देकर लोगों को खूब गुदगुदाया हैं। उनका मानना था कि इस तरह के आयोजनों से हमारी युवा पीढ़ी अपने सरोकारो और थाती को समझें। साहित्यिक अनुष्ठान उलूक महोत्सव में उनकी काव्य सुनने को दर्शक पूरी रात ब्ेठे रहते थे। ढोल नगाड़ों के साथ काशी के डॉ. राजेंद प्रसाद घाट पर हर साल पहली अप्रैल अर्थात मूर्ख दिवस पर महामूर्ख मेले का आयोजन उन्हीें के देखरेख में होता था। इस आयोजन में देश के कई भागों से आये हास्य व्यंग्य कवियों ने मस्त मौला बनारसी अंदाज में व्यंग्य और हास्य की कविताएं प्रस्तुत करते थे। उन्होंने अपने हास्य और व्यंग्य के माध्यम से न सिर्फ देश के जन प्रतिनिधियों को आईना दिखाया बल्कि जनता को भी वास्तविक स्थिति से परिचित कराया। इन आदर्शों-सरोकारों को पत्रकारिता और अखबारी जीवन से कभी अलग नहीं माना। वे उन दुर्लभ साहित्यकारों में से रहे हैं जो सिद्धांत और व्यवहार को अलग-अलग नहीं जीते थे। उनका कार्यकाल युग की सन्धि पर खड़ा है। उन्होंने रीतिकाल की विकृत सामन्ती संस्कृति की पोषक वृत्तियों को छोड़कर स्वस्थ्य परम्परा की भूमि अपनाई और नवीनता के बीज बोए। 

उन्होंने देश की गरीबी, पराधीनता, शासकों के अमानवीय शोषण का चित्रण को ही अपने साहित्य का लक्ष्य बनाया। वह बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। हिंदी पत्रकारिता, नाटक और काव्य के क्षेत्र में उनका बहुमूल्य योगदान रहा। इसके अलावा वे लेखक, कवि, निबंधकार, एवं कुशल वक्ता भी थे। मुह में पान व चेहरे पर मुस्कान हमेशा झलकती थी। जीवन की शुरुवात उन्होने अधिवक्ता के रुप में की और अपनी लोकप्रियता के चलते ही वह दी सेंट्रल बार ऐसोसिएशन बनारस और कमिश्नरी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे। हर बनारसी के उन्हें अपना दोस्त समझता था। वे अपने अनोखे बनारसी मिजाज के कारण भीड में भी अकेले दिखते थे। काशी की गंगा-जमुनी तहजीब के प्रतीक धर्मशील चतुर्वेदी सरीखा व्यक्तित्व का जल्द मिलना काफी मुश्किल है। हर आयुवर्ग के साथ सहोदर सरीखा व्यवहार रखने वाले पं. धर्मशील चतुर्वेदी का ठहाका काफी प्रसिद्ध है। बनारसीपन को पूरी तरह से जीने वाले पंडितजी का मनमौजी स्वभाव हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए पर्याप्त था। वकालत उनकी आजीविका का मुख्य स्त्रोत था। कचहरी में भी वे साथी अधिवक्ताओं में काफी सम्माननीय रहे। शहर की कई कवि और साहित्यिक गोष्ठियां उनकी अनुपस्थिति में अधूरी मालूम पड़ती थी। वे इस क्षेत्र के सशक्त हस्ताक्षर थे। 




(सुरेश गांधी)

बेटियों का स्वस्थ होना स्वस्थ समाज की पहली कसौटी हैः डॉ अचला नागर

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स्वस्थ भारत यात्रा दल का मुंबई में हुआ स्वागत, मुंबई की दो बालिकाएं बनी स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज की गुडविल एंबेसडर, मीरा-भाइंदर एवं मालाड में हुए आयोजन, बॉलीवुड के रचनाकारों से यात्रा दल की हुई मुलाकात,  प्रथम चरण में यात्रा दल ने पूरी की 2700 किमी की यात्रा, दूसरा चरण कन्याकुमारी तक  स्वस्थ भारत यात्रा के प्रथम चरण में 5 राज्यों की 29 बालिकाएं बनी स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज की गुडविल एंबेसडर वरिष्ठ लेखिका अलका अग्रवाल ने स्वस्थ रहने के लिए महिलाओं को आगे आने का किया आह्वान 





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मुंबई., भारत छोड़ो आंदोलन के 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के मार्गदर्शन में स्वस्थ भारत (न्यास) द्वारा शुरू हुई स्वस्थ भारत यात्रा का मुंबईकरों ने जोरदार तरीके से स्वागत किया। यात्रा दल सबसे पहले मीरा-भाइंदर के विवेकानंद किड्स स्कूल पहुंचा, जहां पर बच्चों एवं उनको अभिभावकों के बीच में स्वास्थ्य चर्चा हुई। यहां पर जलधारा एवं बेटी बचाओं बेटी पढाओं की टीम ने यात्रा दल का स्वागत किया। इसके बाद यात्रा दल ने दूसरा कार्यक्रम मुंबई के मालाड (ईस्ट) में किया। इस अवसर पर मुंबई की दो बालाकाओं को स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज का गुडविल एंबेसडर मनोनित किया गया। शरन्या सिगतिया और प्रीति सुमन को इस अभियान का गुडविल एंबेसडर बनाया गया। प्रीति सुमन जहां एक ओर निर्देशन के क्षेत्र में अपना नाम रौशन कर रही हैं वहीं उनकी गायकी के चर्चे भी चहुंओर हैं। शरन्या सिगतिया की उम्र अभी 12 वर्ष ही है लेकिन उन्होंने अपनी कक्षा में बेहतरीन परफॉमेंस दिया है। मालाड में आयोजित इस कार्यक्रम में स्वस्थ भारत (न्यास) के चेयरमैन आशुतोष कुमार सिंह ने कहा कि आज समय आ गया है कि हम अपनी सेहत को लेकर चिंतनशील हों। सेहत की चिंता हम सरकार के भरोसे नहीं छोड़ सकते हैं। सेहत से बड़ा पूंजी कुछ और नहीं है। यात्रा दल के मार्गदर्शक की भूमिका निभा रहे वरिष्ठ पत्रकार प्रसून लतांत जी ने कहा कि महाराष्ट्र एवं गुजरात की धरती पर माताओं एवं बहनों के प्रति समाज ज्यादा संवेदनशील है। उन्होंने निगम का चुनाव लड़ रहीं  संगीता ज्ञानमूर्ति शर्मा से कहा कि आप जीत के बाद स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज के इस संदेश को और व्यवस्थित तरीके से घर-घर ले जाएं. इस अवसर पर मालाड पूर्व के निगम पार्षद ज्ञानमूर्ति शर्मा ने दवाइयों में मची लूट के बारे में लोगों को जागरूक किया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए वरिष्ठ लेखिका अलका अग्रवाल सिगतिया ने कहा कि बेटियों के सम्मान में निकली इस यात्रा का समाज को बहुत लाभ मिलेगा. उन्होंने स्थानीय महिलाओं को सेहत के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए आगे आने को कहा. इतना ही नहीं उन्होंने घरेलु उपचार पद्धति को बढ़ावा दिए जाने पर भी जोर दिया. इस अवसर पर कमलेश शाह,विनोद रोहिल्ला सहित सैकड़ों महिलाएं उपस्थित थीं। महाराष्ट्र में निगम चुनाव के गहमागहमी के बीच में मालाड के स्थानीय लोगों द्वारा आयोजित इस स्वास्थ्य चर्चा के लिए स्वस्थ भारत न्यास के चेयरमैन आशुतोष कुमार सिंह ने उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया।

यात्रा दल को मिला डॉ अचला नागर का आशीर्वाद
स्वस्थ भारत यात्रा दल ने निकाह, बागवान सहित दर्जनों फिल्म लिखने वाली वरिष्ठ लेखिका डॉ अचला नागर से मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने यात्रा के लिए अपनी शुभकामना देते हुए कहा कि बेटियों का स्वास्थ्य बहुत जरूरी है। वर्तमान स्थिति में बेटियों के स्वास्थ्य पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि जबतक बेटियां स्वस्थ नहीं होगी तब तक स्वस्थ देश अथवा समाज की परिकल्पना नहीं की जा सकती है। अपने अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि आज बेटियों के लिए सारे दरवाजे खुले हुए हैं, बस जरूरत है कि वे सार्थक एवं अनुशासित तरीके से आगे बढ़ें। अपनी ताकत को समझें और समाज में अपनी आवाज को बुलंद करें। ‘स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज’ राष्ट्रीय यात्रा की परिकल्पना की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि जबतक बेटियां सेहतमंद नहीं होंगी सेहतमंद समाज का सपना अधूरा ही रहेगा। एक घंटे तक चली बातचीत में यात्रा दल के वरिष्ठ यात्री एवं वरिष्ठ पत्रकार लतांत प्रसून ने उनके फिल्मी करियर को लेकर कई सवाल पूछे, जिसका उन्होंने सहजता से उत्तर दिया।

सरोज सुमन, डॉ. सागर एवं शेखर अस्तित्व से भी हुई मुलाकात
मुंबई प्रवास के दौरान यात्रा दल ने जाने-माने संगीतकार सरोज सुमन, गीतकार शेखर अस्तित्व एवं डॉ. सागर से मुलाकात की। सभी ने स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज की अभियान के लिए यात्रा दल को शुभकामनाएं दी। 

यात्रा के प्रथम चरण में 29 बालिकाएं बनीं स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज की गुडविल एंबेसडर  
2700 किमी की प्रथम चरण की यात्रा में यात्री दल ने स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज अभियान से 29 बालिकाओं को जोड़ा। इन्हें इस अभियान का गुडविल एंबेसडर बनाया गया। हरियाणा में 6, राजस्थान में 4, मध्यप्रदेश में 15, गुजरात में 2 एवं महाराष्ट्र में 2 बालिकाओं को गुडविल एंबेसडर बनाकर सम्मानित किया गया है। गौरतलब है कि स्वस्थ भारत यात्रा ‘भारत छोड़ो आंदोलन के 75 वें वर्षगांठ पर आरंभ किया गया है। नंई दिल्ली में मुख्तार अब्बास नकवी ने इसे हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। इस यात्रा को गांधी स्मृति एंव दर्शन समिति, संवाद मीडिया, राजकमल प्रकाशन समूह, नेस्टिवा अस्पताल, मेडिकेयर अस्पताल, स्पंदन, जलधारा, हेल्प एंड होप, वर्ल्ड टीवी न्यूज़ सहित अन्य कई गैरसरकारी संस्थाओं का समर्थन है। 13 फरवरी को यह यात्रा पुणे होते हुए कन्याकुमारी जायेगी। जहां पर दूसरे चरण की यात्रा समाप्त होगी। 16000 किमी की जनसंदेशात्मक यह यात्रा अप्रैल में समाप्त होगी।

कैलिफोर्निया में तेलंगाना के छात्र की गोली मारकर हत्या

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हैदराबाद.12 फरवरी, अमेरिका के कैलिफोर्निया में शुक्रवार की रात एक अज्ञात बंदूकधारी ने तेलंगाना के एक छात्र की गोली मारकर हत्या कर दी। यहां प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार 27 वर्षीय छात्र वामशी रेड्डी वारंगल जिले का रहने वाला है और उसने सिलीकन वैली यूनिवर्सिटी से अपनी मास्टर्स डिग्री पूरी की है और वह पार्ट टाइम जॉब कर रहा था। बंदूकधारी ने वामशी की कार को रोककर नजदीक से उसे गोली मार दी। वामशी का शव कार के अन्दर मिला। वह बी टेक पूरा करने के बाद वर्ष 2013 में अमेरिका गया था। वामशी की हत्या का समाचार मिलने से उनके शोकाकुल परिवार ने राज्य सरकार से उसका शव भारत लाने में मदद करने का आग्रह किया है।


राहुल के रोड शोे में उमड़ा जनसैलाब

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हरिद्वार, 13 फरवरी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कल दावा किया कि उत्तराखंड में कांग्रेस पुन: सत्ता में आयेगी तथा भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा कसा जायेगा। श्री गांधी ने राज्य में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लगातार रैलियों के जवाब में रुड़की के भगवानपुर से कांग्रेस की प्रत्याशी ममता राकेश के समर्थन में रोड शो की शुरुआत की। रोड शो के दौरान मौजूद जनसमूह को संबोधित करते हुये श्री गांधी ने कहा कि राज्य में पुनः कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद यहां भ्रष्टाचारियों के खिलाफ अभियान छेड़ा जायेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री हरीश रावत से भी भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किये जाने के लिये कहा। इस बीच श्री गांधी की रैली में भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) कायकर्ता भी पहुंच गये और वे मोदी मोदी के नारे लगाने लगे। श्री गांधी ने कहा, “ भाजपा के लोग उनका स्वागत करने आये हेै और मैं उनका भी स्वागत करता हूूं । ” इससे पहले भगवानपुर के चुड़ियाला में श्री गांधी का हेलीकाप्टर उतरा, जहां से उन्होंने हर की पौड़ी तक रोड शो की शुरुआत की। खुली जीप में श्री गांधी के साथ श्री रावत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय एवं क्षेत्रीय उम्मीदवार भी जीप पर सवार है ।रोड शो के मद्देनजर करीब 1500 पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।

पन्नीरसेल्वम खेमा हुआ मजबूत, 11 सांसदों का समर्थन

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चेन्नई 13 फरवरी, तमिलनाडु में जारी राजनीतिक संकट के बीच अखिल भारतीय अन्ना द्रविड मुन्नेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) की महासचिव वीके शशिकला के खिलाफ विद्रोह करने वाले राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री आे पन्नीरसेल्वम के समर्थन में कल पार्टी के छह अौर सांसद आ गये। श्री पन्नीरसेल्वम को समर्थन करने वाले कुल सांसदो की संख्या अब ग्यारह हो गयी है। थेनी से पार्टी के सांसद प्रार्थीवान ने श्री पन्नीरसेल्वम को आज रात अपना समर्थन दिया। सुबह श्री पनीरसेल्वम को समर्थन देने वाले पांच सांसदों में राज्यसभा के डॉ आर लक्ष्मणन के अलावा लोकसभा सांसद जयसिंह त्यागराज नट्टरजी(तूतुकुडी), सेंगुत्तुवन (वेल्लाेर), आर पी मरुथराजा(पेरमबलुर) और एस राजेंद्रन (विल्लुप्पुरम) शामिल हैं। इस पूरे घटनाक्रम के बाद श्री पनीरसेल्वम को समर्थन देने वालों की सांसदाें की संख्या 10 हो गयी है जिनमें दो राज्यसभा सांसद हैं जिससे श्रीमती शशिकला के लिए मुश्किलें बढ़ गयी हैं। इससे पहले कल चार सांसदों तथा तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री मा फोई पंडियाराजन ने श्री पनीरसेल्वम का समर्थन किया था। अन्नाद्रमुक के चार लोकसभा सांसद और एक राज्यसभा सांसद ने श्रीमती शशिकला के खिलाफ बगावत करके आज ओ पनीरसेल्वम से मुलाकात की और उनके प्रति अपना समर्थन जताया है।

भाजपा सरकार बनने पर किसानों के कर्जे होंगे माफ: राजनाथ

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शाहजहांपुर, 13 फरवरी, केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कल कि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार बनने पर किसानों के कर्जे माफ कर दिये जायेंगे तथा बालिकाओ की स्नातक तक की शिक्षा मुफ्त की जायेगी। श्री सिंह ने जिले के निगोही तथा कटरा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था चौपट है, गुंडो और माफियाओं का राज है। किसान बेहाल है। राज्य विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में भाजपा सरकार बनते ही किसानों के कर्जे माफ कर दिये जायेंगे। बालिकाओं की स्नातक तक की शिक्षा मुफ्त कर दी जायेगी। कांग्रेस पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि युवराज ने चुनाव से पहले खटिया सभा करके खाट पकड़ ली और फिर उस सायकिल पर सवारी की जिसे मुलायम सिंह ने पहले ही पंचर कर दिया है। समाजवादी पार्टी (सपा)-कांग्रेस गठबंधन को अवसरवादी करार देते हुए कहा है कि जनता की भलाई करने के बजाय दोनों ही अपने स्वार्थ के लिए एक मंच पर आए हैं। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव कहते हैं कि जिस कांग्रेस का जीवन भर विरोध करते हुए उन्होंने पार्टी की जमीन तैयार की उनके उत्तराधिकारी ने उसी से हाथ मिला लिया। नोटबंदी को उन्होंने राष्ट्रहित में लिया गया फैसला बताते हुए कहा कि इस फैसले को राजनीतिक लाभ के लिए नहीं बल्कि राष्ट्रहित और आने वाली पीढियों की भलाई के लिए लागू किया गया था। पन्द्रह साल में भारत विश्व की आर्थिक महाशक्ति बनेगा। भ्रष्टाचार को खत्म करके ही दम लिया जाएगा।

भाजपा की सरकार बनने पर भ्रष्ट लोगों पर कार्रवाई होगी: मोदी

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देेहरादून/श्रीनगर, 13 फरवरी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल कांग्रेस और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत पर तीखा हमला करते हुए कहा कि राज्य भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनने पर भ्रष्टाचार तथा लूट-खसोट में शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। श्री मोदी ने राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान सभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस ने उत्तराखंड आंदोलनकारियों पर गोली चलाने वाली समाजवादी पार्टी (सपा)से गठबन्धन करके यहां के लोगों के घावों पर तेजाब छिड़कने का काम किया है। उन्होंने श्री रावत का नाम लिए बगैर उन्हें भ्रष्टतम मुख्यमंत्री और उत्तराखंड विरोधी ठहराने की कोशिश की। उन्होंने विधानसभा चुनाव में भाजपा के सत्ता में आने का दावा किया और कांग्रेस को चेतावनी देते हुए कहा कि उसे उत्तराखंड में भ्रष्टाचार और लूट-खसोट की एक-एक पाई का हिसाब देना हेागा। भाजपा के सत्ता में आने पर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्यवाई की जाएगी और कानून अपना काम करेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा ‘सबका साथ सबका विकास’ के एजेंडे पर काम करना चााहती है। 

उ.कोरिया के खिलाफ प्रशांत सहयोगी दलों को मजबूत करेगा अमेरिका

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वाशिंगटन, 13 फरवरी, उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण किये जाने से बौखलाये अमेरिका ने कहा है कि वह उ.कोरिया के खिलाफ प्रशांत सहयोगी दलों को और सुदृढ़ और मजबूत करेगा। ह्वाइट हाउस के एक अधिकारी स्टीफन मिलर ने कल संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि संदेश यही है कि हम उत्तर कोरियाई शासन से हाल के वर्षों में उपजी शुत्रुता पूर्ण कार्रवाई को रोकने के लिए अपनी रणनीति के हिस्से के रूप में प्रशांत क्षेत्र में अपने महत्वपूर्ण गठजोड़ को सुदृढ़ और मजबूत करने के लिये आगे बढ़ेंगे। उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी के बावजूद उत्तर कोरिया ने कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्वी तट पर कल एक बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था। हालांकि इसके बाद अमेरिका ने कहा था कि उत्तर कोरिया के मध्यम दूरी तक मार करने की क्षमता वाले इस मिसाइल के परीक्षण से उत्तरी अमेरिका को कोई खतरा नहीं है।

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