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मोदी जीत के नायक, 2019 में भी होंगे विजयी : अमित शाह

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नयी दिल्ली 12 मार्च, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में तीन चौथाई बहुमत से जिताने तथा गोवा एवं मणिपुर में पार्टी को अच्छा जन समर्थन दिलाने का नायक बताते हुए आज कहा कि जनता से जिस प्रकार से जन समर्थन मिल रहा है उससे उन्हें विश्वास है कि पार्टी 2019 के आम चुनाव में बडे बहुमत से विजयी होगी। श्री शाह ने पार्टी मुख्यालय में चुनाव वाले पांच राज्यों की जनता को धन्यवाद देने के लिए तथा श्री मोदी को सम्मानित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री देश की आजादी के बाद सर्वाधिक लोकप्रिय नेता बन कर उभरे हैं। जनता ने उनके नेतृत्व में जो विश्वास व्यक्त किया है भाजपा उस पर खरी उतरेगी। उन्होंने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में जो विजय यात्रा शुरू हुयी है वह उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक जायेगी । गरीबों के दिल में प्रधानमंत्री के लिए जो जगह बनी है यही भाजपा की पूंजी है । उन्होंने कहा कि अभी चुनाव होने में दो साल का वक्त है और इस दौरान सरकार को और कार्य करने का अवसर मिलेगा।


जनता के पवित्र आदेश को पूरा करेगी भाजपा: मोदी

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नयी दिल्ली, 12 मार्च, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड बहुमत दिलाने वाले मतदाताओं को आज विश्वास दिलाया कि पार्टी की सरकारें उनकी आशा और आकांक्षाओं पर खरा उतरेगी और सवा सौ करोड़ देशवासियों को लेकर नए भारत के निर्माण की दिशा में आगे बढगी। श्री मोदी ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में मिली ऐतिहासिक जीत पर यहां पार्टी मुख्यालय में उनके सम्मान में आयोजित समारोह में कहा कि पार्टी को ‘अकल्पनीय मतदान’ के बाद यह अकल्पनीय भारी विजय मिली है और वह इसे नए हिंदुस्तान की नयी नींव रखे जाने के रूप में देखते हैं। उन्होंने कहा ‘यह जीत भाजपा के लिए एक ‘पवित्र आदेश’ है और हम आदेश को पूरा करेंगे।’ प्रधानमंत्री ने इस मौके पर गरीब और मध्यम वर्ग की सराहना की और कहा कि उनके साथ मिलने से देश काे नयी ऊंचाइयों पर ले जा सकता है। पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को इस जीत से किसी तरह का अहंकार नहीं पालने की नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि सत्ता सेवा करने करने का अवसर होती है और वे अधिक नम्र बनकर लोगों की सेवा करें। उन्होंने कहा, “प्रकृति प्रेरणा देती है। बड़े से बड़ा पेड भी फल लगने पर झुक जाता है। भाजपा का सबसे ज्यादा झुकने और अधिक नम्र बनने का जिम्मा बनता है।”

मणिपुर में भाजपा ने एनपीपी,एलजेपी के समर्थन का दावा किया

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इंफाल,12 मार्च, मणिपुर की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इकाई ने नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के चार विधायकों और तृणमूल कांग्रेस के एकमात्र विधायक के समर्थन का दावा किया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता राममाधव ने इन पांचों विधायकों के साथ आज एक होटल में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भाजपा के पास सरकार बनाने का अब अच्छा मौका हैं। वहीं नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के चार विधायकों ने भी भाजपा को समर्थन देने का वादा किया है। इस तरह भाजपा के पास अब 30 विधायकों का समर्थन हो जायेगा। इसके बावजूद भी भाजपा को सरकार बनाने के लिये अभी एक और विधायक का समर्थन जुटाना है। इस बीच कांग्रेस विधायक वार्इ सुरचंद्रन ने आज भाजपा पर जिरिबाम से एकमात्र निर्दलीय विधायक असुदुद्दीन को तुलीहाल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से अगवा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि विधायक ने कांग्रेस को समर्थन देने को लेकर आश्वस्त किया था और वह मंत्री मोहम्मद नासीर के साथ हवाई मार्ग से इंफाल आये थे। उन्होंने कहा कि केंद्रीय ओद्यौगिक सुरक्षा बल(सीआइएसएफ) के जवानों ने श्री असुद्दीन को हवाई अड्डे पर रोक लिया और उन्हें किसी अज्ञात जगह पर ले गये।

होली के बाद भाजपा विधायक दल के नेताओं का होगा चयन

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नयी दिल्ली,12 मार्च, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संसदीय बोर्ड ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को चार राज्यों के विधायक दल के नेता के चयन के लिए अधिकृत किया है। होली के बाद इस प्रक्रिया को पूरा किया जायेगा। भाजपा संसदीय बोर्ड की आज देर शाम यहां हुई बैठक में श्री शाह को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में विधायक दल की बैठक के बाद पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर नेताओं के चयन के लिए अधिकृत किया गया है। पार्टी ने इन राज्यों में विधायक दल की बैठकों के लिए अलग-अलग नेताओं को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। संसदीय बोर्ड के सचिव जे.पी.नड्डा ने संवाददाता सम्मेलन में बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि श्री शाह पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ विचार-विमर्श करके इन राज्यों में पार्टी के विधायक दल के नेता के नाम का निर्णय करेंगे।

जीडीपी पर नोटबंदी का असर समाप्त, महंगाई बढ़ने की आशंका : आरबीआई

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मुंबई, 11 मार्च, भारतीय रिजर्व बैंक ने नोटबंदी के बाद महंगाई बढ़ने की आशंका जताते हुए डिजिटल भुगतान को ‘‘सुरक्षित’’ बनाए जाने की आवश्यकता पर आज बल दिया। इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने कहा है कि अर्थव्यवस्था पर नोटबंदी का जो अस्थायी प्रतिकूल असर था वह ‘‘काफी हद तक’’ कमजोर पड़ चुका है। रिजर्व बैंक के एक पत्र में ‘नोटबंदी के व्यापक आर्थिक प्रभाव’ पर एक प्रारंभिक आकलन रिपोर्ट का हवाला देते हुये कहा गया है कि 1,000 और 500 रपये के नोटों को बंद किये जाने के साथ ही 15.6 लाख करोड़ रपए मूल्य के नोट चलन से बाहर हो गये। लेकिन अभी उस करेंसी का सटीक अनुमान नहीं लगाया जा सका है जो पुराने नोटों के रूप में बैंकिंग प्रणाली में लौटी है क्योंकि इसकी गणना और मिलान प्रक्रिया अभी जारी है। पत्र में कहा गया है कि नोटबंदी का अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रांे पर असर पड़ा है। हालांकि, इसके साथ ही कंेद्रीय बैंक ने कहा कि इसका प्रतिकूल असर कुछ समय के लिए ही था, जो नवंबर-दिसंबर में महसूस किया गया। रिजर्व बैंक ने कहा कि नोटबंदी का असर फरवरी के मध्य से कम होना शुरू हो गया। बैंकिंग प्रणाली में नई करंेसी आने के साथ नोटबंदी का असर अब कम होना शुरू हो गया है। कंेद्रीय बैंक ने अपने आकलन में कहा कि नोटबंदी के बाद डिजिटल भुगतान में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, लेकिन अब भी इसका आधार काफी छोटा है। रिजर्व बैंक ने कहा है, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि डिजिटल भुगतान स्वीकार करने के लिये प्रयास तेज किये जाने चाहिये। यह भी उतना ही अहम है कि डिजिटल भुगतान को सुरक्षित और बेहतर बनाया जाये।’’ केन्द्रीय बैंक की आकलन रिपोर्ट में कहा गया है कि डिजिअल भुगतान के सुरक्षा उपायों की लगातार समीक्षा होनी चाहिये और इसमें सुधार होना चाहिये। देश में साक्षरता के निम्न स्तर को देखते हुये डिजिटल भुगतान को मजबूत और विश्वासपरक बनाया जाना चाहिये।

कच्चातिवु उत्सव में एक भी भारतीय श्रद्धालू नहीं : लंका नौसेना

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कोलंबो, 12 मार्च, श्रीलंकाई नौसेना द्वारा कथित तौर पर एक भारतीय मछुआरे की हत्या के बाद दोनों देशों के बीच तनाव का असर श्रीलंका के कच्चातिवु द्वीप के एक प्रसिद्ध चर्च में होने वाले वाषिर्क उत्सव में भी नजर आया जिसमें एक भी भारतीय श्रद्धालू शामिल नहीं हुआ। कल शुरू हुआ दो दिवसीय यह उत्सव नौसेना के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि नये सेंट एंथनी चर्च की इमारत का निर्माण उसने पूरा किया था। श्रीलंकाई नौसेना के कमांडर वाइए एडमिरल रविंद्र विजयगुणरत्ने ने कहा कि कोई भारतीय श्रद्धालू मौजूद नहीं था। विजयगुणरत्ने ने कहा, ‘‘यह हाल में एक भारतीय मछुआरे की हत्या की वजह से है जिसके बारे में वो नौसेना पर गोली चलाने का आरोप लगाते हैं। फायरिंग के लिए नौसेना जिम्मेदार नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि नौसेना सिर्फ श्रीलंकाई समुद्री क्षेत्र में शिकार करने वाली नौकाओं को पकड़ती है उनपर कभी गोली नहीं चलाती। विजयगुणरत्ने ने कहा, ‘‘वो नौसेना कमांडर की इजाजत के बिना गोली नहीं चला सकते और मैंने गोली चलाने के आदेश नहीं दिये थे।’’ उन्होंने कहा कि नौसेना इस मामले की जांच कर रही है।

सबको साथ लेकर नये हिन्दुस्तान के निर्माण में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे : मोदी

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नयी दिल्ली, 13 मार्च, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि लोकतंत्र में सरकार बहुमत से बनती है लेकिन चलती है सर्वमत से और इसलिए भाजपा सरकार बिना कोई भेदभाव किये, सबको साथ लेकर नये हिन्दुस्तान के निर्माण में कोई कसर नहीं छोड़ेगी । भाजपा मुख्यालय पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं इन पांच राज्यों विशेष तौर पर उत्तर प्रदेश का चुनाव परिणाम नये भारत की नींव के रूप में देखता हूं। नया भारत 65 प्रतिशत युवाओं के सपनों का भारत है, यह नया इंडिया अभूतपूर्व रूप से जागरूक महिलाओं के सपनों का नया भारत है । यह एक ऐसा नया भारत है जो कुछ पाने की बजाए कुछ करने और अवसर का उपयोग करने की इच्छा रखता है । उत्तरप्रदेश समेत विभिन्न राज्यों में लोगों से किये वादे पूरा करने का आश्वासन देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में सरकार बहुमत से बनती है लेकिन चलती है सर्वमत से । इसलिए भाजपा की सरकार उनकी भी है जिन्होंने वोट दिया और उनकी भी है जो सामने खड़े थे । सरकार को भेदभाव करने का हक नहीं होता है । भाजपा इसे कभी स्वीकार भी नहीं करती है। वोट दिया, नहीं दिया.. ये बातें चुनाव नतीजों तक ठीक है लेकिन उसके बाद नहीं ।


मोदी ने कहा कि सरकार सबकी होती है, सबके लिए होती है और सभी को साथ लेकर चलने के लिए होती है। ‘‘ हमें जितना अवसर मिला है, उसे न्यू इंडिया बनाने के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।’’ उन्होंने कहा कि हम सभी लोगों को साथ लेकर 2022 तक न्यू इंडिया बनाने के संकल्प लेकर बढ़ रहे हैं। मैं चुनाव :2019 के लोकसभा चुनाव: के हिसाब से नहीं चलता हूं । मेरे दिमाग में सवा सौ करोड़ लोगों का कल्याण है। और इसलिए 2022 तक देश के सपनों को साकार करने के लिए, विकास के आंदोलन में सभी लोगों को जोड़ने के संकल्प के साथ आगे बढ़ने को प्रत्यनशील हैं। उन्होंने कहा कि भावनात्मक मुद्दों के अलग हटकर विकास चुनाव में कठिन मुद्दा होता है। विकास का मुद्दा चुनाव में बहुत मुश्किल मुद्दा होता है। सब राजनीतिक दल इस विकास के मुद्दे को आगे लेकर चलने में कतराते हैं। और कभी इसे लेकर चले भी तो इसे सरसरी तौर पर इसका जिक्र किया । इस बार चुनाव में भावनात्मक मुद्दा नहीं होने के बावजूद इतने बड़े पैमाने पर मतदान होना और इतनी बड़ी जीत में मुझे नये हिन्दुस्तान के दर्शन हुए हैं। 

राज्यपाल ने पर्रिकर को मुख्यमंत्री नियुक्त किया,15 दिन में बहुमत साबित करने को कहा

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पणजी,12 मार्च, गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने आज देर रात रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को राज्य का मुख्यमंत्री नियुक्त कर दिया। राज्यपाल के सचिव रूपेश कुमार ठाकुर द्वारा जारी एक पत्र के अनुसार राज्यपाल ने गोवा में भाजपा विधायक दल के नेता श्री पर्रिकर को राज्य का मुख्यमंत्री नियुक्त किया। श्री पर्रिकर ने भाजपा के 13,महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी) के तीन विधायकों, गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के तीन विधायकों तथा दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ राज्यपाल से मुलाकात करके सरकार बनाने का दावा पेश किया था। पत्र में कहा गया है कि राज्यपाल ने श्री पर्रिकर को शपथ लेने के 15 दिन के भीतर विधानसभा के सत्र में बहुमत साबित करने के लिये कहा है। इससे पूर्व केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने एक संवाददाता सम्मेलन मे कहा था कि मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने से पहले श्री पर्रिकर रक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा दे देंगे। 


मणिपुर में सरकार बनाने के लिए जोड़तोड़ शुरू

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इम्फाल, 12 मार्च, मणिपुर में सरकार के गठन के लिए कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच जोड़तोड़ की राजनीति शुरू हो गया है। 28 सीटें हासिल कर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर सामने आई है जबकि 21 सीटों के साथ भाजपा दूसरे नंबर पर है। कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए केवल तीन और विधायकों के समर्थन की जरूरत है। पार्टी की ओर से तृणमूल कांग्रेस के एक और एक निर्दलीय विधायक से समर्थन लेने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस ने हालांकि नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के साथ तालमेल करने से इंकार किया है लेकिन पार्टी की ओर से चार विधायकों वाले नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को पटाने के प्रयास किये जा रहे हैं। यदि कांग्रेस को एनपीपी का समर्थन मिल जाता है तो यह आराम से सरकार बना लेगी। दूसरी आेर भाजपा, एनपीएफ और एनपीपी के साथ-साथ लोक जनशक्ति पार्टी के एकमात्र विधायक से समर्थन लेने का प्रयास कर रही है। तीनों पार्टियां केंद्र में भाजपा का समर्थन करती हैं लेकिन एनपीपी और एलजेपी ने अभी तक किसी निर्णय का एलान नहीं किया है। कांग्रेस और भाजपा के नेता सरकार बनाने की रणनीति में जुटे हुए हैं। मुख्यमंत्री ओ इबोबी सिंह लगातार चौथी बार सत्ता पर काबिज होने के प्रयास में जुटे हुए हैं। दूसरी तरफ केंद्र में सत्ता पर काबिज भाजपा भी राज्य की सत्ता हासिल करने के लिए जोर लगा रही है। हालांकि चार-चार विधायकों के साथ एनपीएफ और एनपीपी का सरकार के गठन में अहम भूमिका होगी क्योंकि सत्ता की कुंजी इन्हीं पार्टियों के पास है। 

बिहार : पुलिसकर्मी ने स्वर्ण व्यवसायी के कर्मचारी से लूटे 8.80 लाख रूपये

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मोतिहारी 12 मार्च, बिहार में उस समय रक्षक ही भक्षक बन गया जब पूर्वी चंपारण जिला मुख्यालय मोतिहारी में आज सुबह मीनाबाजार चौक पर ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने एक स्वर्ण व्यवसायी के प्रबंधक से आठ लाख 80 हजार रूपये लूट लिये । पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र राणा ने यहां इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि इस कांड में एक जमादार तथा चार सशस्त्र पुलिसकर्मी शामिल हैं जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में जमादार धनंजय सिंह तथा चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है । श्री राणा ने बताया कि स्वर्ण व्यवसायी मनोज कुमार का प्रबंधक छोटन झा रूपये लेकर सोने की खरीदारी करने कल पटना गया था । पटना में दुकान बंद रहने के कारण वह रात में ही बस से लौटा तथा बलुआ चौक पर उतरकर रिक्शा से हेनरी बाजार स्थित अपने घर जा रहा था । इसी दौरान मीना बाजार में ड्यूटी पर तैनात जमादार और चार पुलिसकर्मियों ने श्री झा को तलाशी के नाम पर रोक लिया और उनसे रूपये लूट लिए । पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इसके बाद पुलिसकर्मियों ने श्री झा को अपनी गाड़ी पर बैठाकर ले गये और जानपुल चौक के पास उतार दिया । इसके बाद पीड़ित ने इसकी जानकारी उन्हें और पुलिस उपाधीक्षक को दी । उन्होंने बताया कि मामले की तुरंत जांच की गयी और जांच के क्रम में आरोप सही पाया जाने पर पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया। 

सीवान और नालंदा में भारी मात्रा में विदेशी शराब बरामद, एक गिरफ्तार

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पटना 12 मार्च, बिहार में सीवान और नालंदा जिले से पुलिस ने भारी मात्रा में शराब बरामद करने के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया है । पुलिस सूत्रों ने बताया कि सीवान जिले के गुठनी थाना क्षेत्र के सिरकला गांव के निकट से पुलिस ने आज 25 कार्टन विदेशी शराब के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया । सूचना के आधार पर सिरकला गांव के निकट वाहनों में तलाशी ली जा रही थी। इस दौरान एक कार से 25 कार्टन विदेशी शराब बरामद की गयी । सूत्रों ने बताया कि बरामद शराब गोआ निर्मित है। इस सिलसिले में कार सवार सतेन्द्र गिरी को गिरफ्तार किया गया है जिससे पूछताछ की जा रही है। नालंदा से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार जिले के लहेरी थाना क्षेत्र के न्यू नालंदा कालोनी से पुलिस ने विदेशी शराब की 34 बोतलें और इसी जिले के सोरसराय थाना के हबिबपुरा गांव से भी एक लावारिस बैग में रखी गयी विदेशी शराब की 20 बोतलें बरामद हुई । 

चुनाव परिणाम के बाद नोटबंदी पर महागठबंधन में मतभेद फिर सामने आया

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पटना 12 अप्रैल, बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के घटक दलों के बीच “ नोटबंदी ” को लेकर मतभेद उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद एक बार फिर उभरकर सामने आ गया है । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कल रात ट्वीट कर उत्तरप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विरोधी दलों की करारी हार की एक प्रमुख वजह “ नोटबंदी ” का कड़ा विरोध बताया । उन्होंने कहा है कि नोटबंदी का इतना कड़ा विरोध करने की आवश्यकता नहीं थी । इस फैसले से गरीब लोगों के मन में संतोष का भाव उत्पन्न हुआ था । गरीबों को लग रहा था कि इससे अमीर लोगों को चोट पहुंची है लेकिन कई पार्टियों ने इस तथ्य को नजरअंदाज कर दिया । “ नोटबंदी ” पर श्री कुमार की इस प्रतिक्रिया से महागठबंधन में शामिल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के बीच एक बार फिर वाकयुद्ध शुरू हो गया है । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रेमचन्द्र मिश्रा ने मुख्यमंत्री की राय पर आज यहां प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी पार्टी श्री कुमार के इस विचार से सहमत नहीं है कि भाजपा विरोधी दलों की हार की एक प्रमुख वजह “नोटबंदी” का कड़ा विरोध भी है। उन्होंने कहा कि यदि पांच राज्यों के चुनाव में नोटबंदी बड़ा मुद्दा था और जनता इस फैसले से खुश थी तो भाजपा को पंजाब और गोवा का चुनाव भी जीतना चाहिए था । श्री मिश्रा ने कहा कि उत्तरप्रदेश और उतराखंड में भाजपा की जीत के अन्य कारण हो सकते हैं, नोटबंदी नहीं । उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी अभी भी अपनी इस बात पर कायम है कि नोटबंदी का फैसला राजनीतिक लाभ के उद्देश्य से लिया गया था जिसके कारण आम लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा और अर्थव्यवस्था पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ा । 


महागठबंधन में सबसे बड़े घटक दल राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा0 रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि श्री कुमार ने नोटबंदी के मुद्दे पर केंद्र सरकार की सराहना कर उत्तरप्रदेश के मतदाताओं में भ्रम पैदा कर दिया । इसके बाद वह चुनाव प्रचार के लिए भी वहां नहीं गये जिससे भाजपा को ही मदद मिली । उन्होंने कहा कि जब सभी धर्मनिरपेक्ष दल नोटबंदी का विरोध कर रहे थे तब जदयू के लोग चुप बैठे थे । यह उत्तरप्रदेश में साम्प्रदायिक भाजपा से मुकाबला कर रहे धर्मनिरपेक्ष दलों के हित में नहीं था । जदयू के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव के.सी. त्यागी ने कहा कि देश में लोगों का मिजाज नोटबंदी के पक्ष में था इसलिए उनकी पार्टी ने इसका समर्थन किया। उन्होंने कहा कि गरीब जनता ने इस तथ्य को मानकर नोटबंदी को स्वीकार किया कि यह कार्रवाई कालाधन के खिलाफ है । इससे आम लोगों में संतोष का भाव उत्पन्न हुआ । उधर भाजपा के वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के गरीबों की उम्मीद और उनके मसीहा हैं । नोटबंदी के फैसले से हर जाति-धर्म के गरीब लोगों में प्रधानमंत्री के प्रति विश्वास बढ़ा है । यह पांच राज्यों के चुनाव परिणाम से स्पष्ट भी हो गया है । उन्होंने कहा कि जो लोग नोटबंदी का विरोध कर रहे थे उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए । 

जदयू ने रघुवंश को राजद से निष्कासित करने की मांग की

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पटना 12 मार्च, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगातार हमला कर रहे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह पर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने तेवर कड़े करते हुए आज राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव से श्री सिंह को तुरंत पार्टी से निष्कासित करने की मांग की । जदयू के प्रदेश प्रवक्ता संजय सिंह ने आज यहां कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ श्री सिंह बार-बार बयान दे रहे हैं जो बर्दाश्त के बाहर है। उनके बयानों से ऐसा लगता है जैसे वह महागठबंधन की बजाए विपक्ष के नेता हों। उन्होंने श्री लालू प्रसाद यादव से सीधा सवाल पूछा कि आखिर राजद कब तक श्री सिंह से जदयू को गाली सुनवाएगा। श्री सिंह ने कहा कि गठबंधन का एक धर्म होता है लेकिन श्री सिंह इसे लगातार तोड़ते आ रहे हैं । पानी अब सिर के ऊपर से गुजर रहा है । उन्होंने कहा कि जदयू अब किसी भी परिस्थिति में श्री सिंह जैसे असंतुलित नेता को बर्दाश्त नहीं करेगा । श्री सिंह को तुरंत राजद से निष्कासित किया जाये । इस बीच विधानसभा में जदयू के उप नेता श्याम रजक ने भी राजद को चेतावनी देते हुए कहा कि राजद अपने बड़बोले नेताओं पर लगाम लगाए । उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश के चुनाव नतीजे से राजद को सीख लेनी चाहिए। श्री सिंह जैसे नेताओं का राजद ने परित्याग नहीं किया तो बिहार में भी उत्तरप्रदेश जैसा ही हाल होगा। 

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 12 मार्च

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सांसद भूरिया सहित कांग्रेस नेताओं ने की झाबुआ भगोरिया मे शिरकत

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झाबुआ । प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी कांग्रेसजनों ने आज भगोरिया पर्व बड़े उत्‍साह और उमंग से मनाया। आज सवेर से ही जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय पर कांग्रेस‍ समर्थित जनप्रतिनिधि, सरपंच, पंच एवं तडवी एवं कांग्रेस कार्यकर्ता एवं नगर के गणमान्‍य उपस्थिति हुए तथा बडी संख्‍या में ढोल एवं मांदल की थाप पर कार्यालय परिसर में जमकर नाचे तथा भगोरिया उत्‍साह के साथ मनाया। जिला कांग्रेस कमेटी के नेतृत्‍व में अतिथियों, जनप्रतिनिधियों एवं कांग्रेस समर्थित सरपंच, पंच एवं तडवी को सांफा बांधकर सम्‍मानित किया गया। इस अवसर पर सांसद कांतिलाल भूरिया, जिला कांग्रेस अध्‍यक्ष निर्मल मेहता, कार्यवाहक अध्‍यक्ष सुश्री कलावती भूरिया, युवा नेता डॉ.विक्रांत भूरिया एवं ब्‍लॉक कांग्रेस अध्‍यक्ष हेमचंद्र डामोर के नेतृत्‍व में ढोल एवं मांदल के साथ नाचते-गाते जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय से स्‍थानीय थांदला गेट होते हुए रेली के रूप में बस स्‍टैण्‍ड पहुंचे। रैली में हजारों की संख्‍या में कांग्रेसजन नाचते-गाते झुमते हुए हाथों में कांग्रेस पार्टी का झंडा थामे चल रहे थे। पूरा ही वातावरण कांग्रेसमय हो गया था। इस अवसर पर भूरिया जी एवं अन्‍य कांग्रेस पदाधिकारियों ने ढोल एवं मांदल बजाया तथा भगोरिया की मस्‍ती में रम गए। श्री भूरिया ने इस अवसर पर सभी को भगोरिया, होली, रंगपंचमी एवं शीतला सप्‍तमी की बधाई देते हुए इस पर्व को शांति एवं भाईचारे से उत्‍साह पूर्वक मनाने की अपील की। इस अवसर पर जिला पंचायत उपाध्‍यक्ष चंद्रवीरसिंह राठौर, कांग्रेस नेता प्रकाश रांका, पूर्व विधायक जेवियर मेडा, वरिष्‍ठ कांग्रेस नेता मानसिंह मेडा, रूपसिंह डामोर, नाथुभाई ठेकेदार, प्रवक्‍ता हर्ष भट्ट, आचार्य नामदेव, कांग्रेस नेता राजेन्‍द्र अग्निहोत्री, विजय पांडे, जितेन्‍द्रप्रसाद अग्निहोत्री, शहर कांग्रेस अध्‍यक्ष बंटु अग्निहोत्री, कार्यवाहक अध्‍यक्ष गौरव सक्सेना, लोकसभा युवक कांग्रेस अध्‍यक्ष आशीष भूरिया, एनएसयूआई जिलाध्‍यक्ष विनय भाबोर, कांग्रेस नेत्री शायरा बानो, शीला मकवाना, मालू डोडियार, बेबी बारिया, मनुबेन डोडियार, सरपंच कान्‍हा गुंडिया, वरसिंह डामोर, जामसिंह मंडोड, तोलिया भूरिया, बाबलु वाखला, शंकर भूरिया, माना डामोर, हुरा सिंगार, निहाल भाई सरपंच, जवसिंह बारिया, हेमचंद्र डामोर, बापू डामोर, छगन भाई सरपंच, धनराज बारिया, खीमा भाबोर, हु‍रसिंह अजनारिया, अनसिंह भाबोर, खुमाननिनामा, भूरजी अमलीयार विजय भाबोर, अविनाश डोडियार, वरूण मकवाना, धुमा डामोर, वसीम सैयद, बबलु कटारा, गोपाल शर्मा, राजेश डामोर प्रशांत बामनिया, ऋषी डोडियार, सहित बडी संखया में सरपंच, पंच, तडवी एवं कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे।


रेलवे सुरक्षा समिति का हुवा गठन , सुरक्षा समिति पुलिस की सहायक -श्री मती भदोरिया  

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झाबुआ । मेघनगर शासकीय रेलवें पुलिस इकाई इंदौर की अनुशंसा पर उप पुलिस अधीक्षक ध्रुवसिंह चैहान के निर्देश पर मेघनगर झोन के रेलवें थाना प्रभारी सुरेशजी बलराज  ने रेलवें सुरक्षा समिति का गठन किया है। मेघनगर के होटल पलाश में जिला उप कप्तान रचना भदौरिया, पेटलावद एस.डी.ओ.पी. आर. आर. अवास्या, थांदला थाना प्रभारी एस. एस. बघेल, मेघनगर थाना प्रभारी के. एल. डाँगी, कल्याणपुरा थाना प्रभारी कौशल्या चैहान, रेलवें थाना प्रभारी सुरेश बलराज के मुख्य आतिथ्य में आयोजित कार्यक्रम में पूरे जिले के चयनित सदस्यों को शामिल किया गया।  इस अवसर पर सर्वप्रथम मुख्य अतिथि तथा विशेष अतिथि द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर इस कार्यक्रम की शुरुआत की गयी !  तथा मुख्य अतिथियो का पुष्प माला से स्वागत किया गया समारोह में रेलवें थाना प्रभारी सुरेश बलराज  ने बताया कि सभी स्थानों पर पुलिस बल का आभाव रहता ही है और कम बल होने से वे जनता की समस्त समस्याओं का निवारण चाहकर भी नही कर पाते है। रेलवें सुरक्षा समिति के द्वारा पुलिस को अतिरिक्त सहायता मिल जाती है और वे जनता की सुविधाओं को बेहतर कर सकते है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में झोन के 10 स्टेशनों में से तीन मेघनगर, थांदला रोड़ व बामनिया का चयन कर वहाँ पर सुरक्षा समिति के माध्यम से वहाँ की जनता की समस्याओं का निराकरण करना है। साथ ही उन्होंने बताया कि ये वो महत्वपूर्ण स्टेशनों में भी शुमार है जो न केवल झाबुआ जिला मुख्यालय को जोड़ते है अपितु राजस्थान और गुजरात की सीमाओं से भी लगे हुए है। वनांचल में चोरी, लूट और अन्य आपराधिक गतिविधियां भी रतलाम-दाहोद के मध्य अधिक होती है, ऐसे में रेलवें सुरक्षा समिति के सदस्य अपनी सक्रियता से रेलवें पुलिस का सहयोग कर बढ़ते अपराधों पर अंकुश लगा सकते है। इस अवसर पर जिला उप कप्तान रचना भदौरिया ने कहा कि सभी रेलवें सुरक्षा समिति के सदस्य एक पुलिस जवान की तरह ही होते है, इसलिए उन्हें हर संभव जनता से संवाद कर उनके उचित निराकरण के लिए उनकी समस्याओं से रेलवें पुलिस बोर्ड को अवगत कराना चाहिए रेलवें समिति सदस्यों की ओर से थांदला संचालक मंडल में शामिल पवन नाहर ने बताया कि थांदला रोड़ व मेघनगर के मध्य चोरी, पॉकेट मारी तो मुख्य समस्या है ही, पर वाहन पार्किंग का ना होना भी एक बड़ी समस्या है अतः एक पार्किंग स्थल बनना चाहिए और टेम्पो वालो की अव्यवहारिकता और मनमानी के प्रयास भी होने चाहिये साथ ही समिति के सदस्यों की बात अधिकारी यदि गंभीरता से लेगा तो सभी सदस्य पुरे समर्पण से रेलवें पुलिस की हर संभव मदद करेगा। कार्यक्रम के दौरान रेलवें सुरक्षा समिति के अध्यक्ष के लिए राकेश खेमसरा, सचिव के लिए सुनील डाबी  एवं उपाध्यक्ष के लिये अंकुर पोरवाल के नाम का एलान रेलवें थाना प्रभारी सुरेश  बलराज ने किया। इस अवसर अतिथियो द्वारा अध्यक्ष राकेश खेमसरा ,उपाध्यक्ष अंकुर पोरवाल ,सचिव सुनील डाबी सहित समस्त समिति सदस्यों को कार्ड वितरित उन्हें बधाई दी  इस अवसर पर मेघनगर रेलवे  समिति के सदस्य   अनूप भंडारी , चेतन कटारिया ,नीरज श्री वास्तव , पवन नाहर ,मनोज उपाध्याय ,अमित अरोड़ा ,समकित तलेरा बामनिया के  अजय जैन ,सोहन भाई परमार  सहित कई समिति सदस्य तथा पुलिस स्टाफ ,पत्रकार ,गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन समिति सदस्य अंकित पोरवाल ने व आभार सचिव सुनील डाबी  ने माना। 

अवध में होय रहा फाग जोगीरा- जेैसे भजनों एवं फाग-गीतों के साथ
  • महिला योग समिति की सदस्याओं ने मनाया फागोत्सव

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झाबुआ । रामचन्द्रजी ढोलक बजावै, लक्ष्मण बजावै मजीरा। अवध में होय रहा फाग जोगीरा। रामजी हाथे कनक पिचकारी, लक्ष्मण हाथे अबीरा,अवध मे होय रहा फाग जोगीरा । जैसे धार्मिक भजनों के साथ स्थानीय बहादूर सागर तालाब तट स्थित श्री बडे हनुमान मंदिर मे बिराजित भगवान श्रीराम के प्राचीन मंदिर में महिला योग समिति की महिलाओं द्वारा शनिवार की संध्या को संगीत मय फागोत्सव एवं रंग गुलाल,अबीर एवं गुलाब के फुलो की पंखूडियों से भगवान के साथ जम कर होली खेली एवं धार्मिक भजनों एवं फाग गीतो की करीब एक घण्टे तक प्रस्तुति दी । इस अवसर पर सुश्री रूखमणीवर्मा, ज्योंति जोशी, मधु जोशी, शिवकुमारी सोनी, यामीनी शुक्ला, जरीना अंसारी, सोनल कटकानी, हीना जोशी, भावना जेन, साधना वास्केल, सुनिता राठौर, मंजु पीठवा, प्रभा सिसौदिया, शर्मिला कोठारी, भारती पीठवा, निष्ठ कटकानी, सांची, नियति जोशी, साक्षी शुक्ला, अदीति शुक्ला आदि ने हारमोनियम के साथ मधुर भजनों एवं फाग भक्ति गीतों की प्रस्तुति दी । इस अवसर पर भगवान श्री राम एवं हनुमानजी की विधि विधान से मंत्रोच्चार के साथ पण्डित शरद शुक्ला ने महिला योग समिति की सदस्याओं से पूजन संपन्न करवाया । फागोत्सव के अवसर पर भगवान को नैवेद्य अर्पण करके सभी को मिठाईयों का वितरण किया गया । महा मंगल आरती के बाद रात्री 8 बजे फागोत्सव का कार्यक्रम संपन्न हुआ ।

काकनवानी,रायपुरिया,ढोलियावाड एवं झाबुआ मे सांस्कृतिक पर्व भगौरिया मे दिखे संस्कृति के विभिन्न रंग

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झाबुआ । सात दिनों तक मनाया जाने वाला सांस्कृतिक पर्व भगौरिया मे अंतिम दिन झाबुआ काकनवानी,रायपुरिया,ढोलियावाड के भगौरिया हाट में उमंग व उत्साह चरम पर दिखाया दिया। नये-नये परिधानों व परंपरागत वेशभूषा के साथ आधुनिक वस्त्र व पारंपरिक गहने, रंग-बिरंगे चश्मा धारण किये हुए युवक-युवतियों ने भगोरिया में ख्ूाब आनंद लिया। झूलो पर झूलने के साथ ही पान कुल्फी, बर्फ के गोले, आईसक्रीम एवं शर्बत का जायका लिया।

आधुनिक एवं परंपरागत वेशभूषा का संगम मिला हाट मे
आज भगौरिया उत्सव के अंतिम दिन झाबुआ के भगौरिया हाट में उमंग व उत्साह चरम पर दिखाया दिया। नये-नये परिधानों व परंपरागत वेशभूषा के साथ आधुनिक वस्त्र व पारंपरिक गहने, रंग-बिरंगे चश्मे धारण किये हुए युवक-युवतियों ने भगौेरिया में ख्ूाब आनंद लिया। हाट मे आधुनिक एवं परंपरागत वेशभूषा का संगम दिखाई दिया। जहाॅ एक ओर युवक-युवतियों ने परंपरागत वेशभूषा एवं गहने धारण किये हुए थे,वही युवक-युवतियों ने आधुनिक परिधान सलवार सूट,साडी,लान्छा,जिंस टी सर्ट, रंग-बिरंगे चश्मे इत्यादि पहनकर पारंपरिक भगौरिया उत्सव उमंग व उत्साह के साथ मनाया। भगोरिया मेले में आये लोगो ने अपने रिश्तेदारो को झूले पर झूलाया, पान, मिठाई कुल्फी, भजिये आईस्क्रीम खिलाकर सत्कार किया एवं अभिवादन कर उत्सव की बधाई दी।

दिल्ली से आई मीडिया टीम ने देखी जिले की संस्कृति
सांस्कृतिक पर्व भगौरिया मे अंतिम दिन झाबुआ के भगोरिया मेले में दिल्ली से आई मीडिया टीम ने जिले की संस्कृति को देखा एवं उत्सव का आनंद लिया। युवक-युवतियों के नये-नये परिधानों व परंपरागत वेशभूषा को देखा। ढोल-मांदल के साथ थिरकते हुए युवक-युवतियों के परंपरागत डांस का आनंद लिया। भगौरिया उत्सव मे आये ग्रामीणो के सत्कार एवं अभिवादन के तरीके की प्रशंसा की। मीडिया टीम मे प्रीती त्रिपाठी,लखन रघुवंशी ,सर्वेश,कोशवेन्द्र ने भगौरिया उत्सव  को देखा।

प्रदर्शनी व नुक्कड नाटक के माध्यम से दी गई शासन की योजनाओं की जानकारी
भगौरिया उत्सव में उत्सव का आनंद लेने आये ग्रामीणो को नुक्कड नाटक के माध्यम से स्वच्छ भारत मिशन, बाल विवाह रोकने, दहेज दापा रोकने, कन्यादान योजना की जानकारी दी गई एवं भगौरिया उत्सव स्थल पर जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रदर्शनी लगाकर लाडली लक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना, प्रधान मंत्री आवास योजना, मनरेगा योजना, कृषि संबंधी योजनाओं की जानकारी दी गई। शासन की महत्वपूर्ण योजनाओ से संबधित प्रचार सामाग्री भी मंेले में आये ग्रामीणो को वितरित की गई।

झूले चकरी एवं कुल्फी के ठेले पर उमडी भीड
भगोरिया मेले में झूले, चकरी, एवं कुल्फी के ठेले आदि विशेष आकर्षण का केन्द्र थे। इन स्थानों पर सुबह से ही भीड थी हर कोई झुलने के लिए लाईन में अपनी बारी का इंतजार कर रहा था। झुले में झुलने का उत्साह जबरजस्त देखने को मिला। बच्चों सहित युवक-युवतियांे ने हंसी ठिठोली के साथ झुलने का आंनद लिया  ढोल-मांदल के साथ थिरकते हुए युवक-युवतियों ने ढोल पर नाच कर कुर्राटी के साथ भगौरिया उत्सव का आनंद लिया।

बलात्कार का अपराध पंजीबद्ध
  
झाबुआ ।  फरियादिया ने बतया कि वह शैाच करने के लिए माही नहर के पास जा रही थी आरोपी जितेन्द्र पिता भीमा चारेल नि. ठिकरिया आया व बहला फुसलाकर औरत बनाने के नियत से बस में बैठाकर ग्राम कंकराज ले गया वहां पत्नी बनाकर रखा व कई बार खोटा काम (बलात्कार) किया। प्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्र0 127/17 धारा 376-2 एन, 363,366,344 भादवि व 5/6 पास्को एक्ट में पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। 

भगोरिया देखने गई लडकी घर नही लोटी
       
झाबुआ ।फरि.रमेश पिता बाबु गणावा नि. मोद की लड़की कुं. मनीषा उम्र 17 वर्ष घर से ग्राम मोद का भगोरिया देखने गयी थी जिसको आरोपी जांबु पिता फांगु बिलवाल नि. खेड़ी का बहला‘फुसलाकर भगाकर ले गया। प्रकरण में थाना कोतवाली मे अपराध क्रं. 175/17, धारा 363 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

डकैती की योजना बनाते आरोपी गिरफ्तार
               
झाबुआ । आरोपी रणछोड़ पिता सकरिया उम्र 25 वर्ष व अन्य-06 नि.गण रूनखेडा, मुखबीर की सूचना पर आरोपीगणों को डकैती की योजना बनाकर घटना करने के लिए नेगडी पुल के निचे भगोर में हथियार से लेश होकर एक साथ होकर बैठे थे घटना स्थल से एक आरोपी रणछोड़ को गिरफतार किया गया व कब्जे से एक तलवार, एक छुरा, एक सब्बल, एक हथौडी व बीयर की खाली बोतले जप्त किया गया।  प्रकरण में थाना कल्याणपुरा में अपराध क्रं. 73/17 धारा 399, 402 भादवि व 25,27 का आम्र्स एक्ट का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

निर्माणाधिन मकान की छत से गीरने पर मजदुर की मोत
 
झाबुआ ।  आरोपी पुस्कार शर्मा ठेकेदार नि. झाबुआ ने मकान निर्माण का कार्य लापरवाही पूर्वक कराया गया तथा मजदुरो की सुरक्षा की कोई उचित उपाय नहीं किये गये इस कारण अन्ना उर्फ अनसिंह पिता तेरसिंह उम्र 35 साल नि. चारोलीपाड़ा की छत से गिरने से मृत्यु हो गयी। प्रकरण में थाना कोतवाली में अपराध क्रं. 178/17 धारा 304-ए भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
  
नदी मे करंट लगने मोत

झाबुआ । लक्ष्मण पिता धूमसिंह सिंगाड उम्र 35 वर्ष नि. उमरिया वैजंतरी की पानी की मोटर निकालने के लिये सोपन नदी में कूदा था करंट लगने से मृत्यु हो गयी। थाना कोतवाली में मर्ग क्रं. 24/17 धारा 174 जाफौ की कायमी की गयी।

माधोसिंह में ओरव्रिज, चीनी मिल होगा चालू: भास्कर

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  • दबंगई व ठेकेदारी में अनियमितता करने वालों की खैर नहीं 

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वाराणसी (सुरेश गांधी )।भदोही के औराई विधानसभा में भाजपा से दीनानाथ भास्कर की प्रचंड जीत पर सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता ढोल और ताशों की धुन पर खूब थिरके। कार्यकर्ताओं ने आपस में एक दूसरे को लड्डू खिलाया और गले मिलकर जीत की मुबारकबाद दी। इस जीत के लिए श्री भास्कर ने क्षेत्र की जनता व कार्यकर्ताओं की जीत बताते हुए कहा कि उनके क्षेत्र में रंगदारी, गुंडागर्दी, दबंगई किसी भी दशा में नहीं दी जायेगी। कानून-व्यवस्था सुचारु रहे इसके लिए प्रशासन पर दबाव बनाया जायेगा। श्री भास्कर ने कहा कि सालों से बंद पड़ी चीनी मिल को चालू कराना, गन्ना किसानों व मिल कर्मचारियों के बकाया भुगतान कराना तथा औराई-माधोसिंह रेलवे क्रासिंुग पर ओवरव्रिज का निर्माण कराना उनकी प्राथमिकता होगी। जहां तक पार्टी में दलितों को जोड़ने का सवाल है वह पार्टी के दिशा-निर्देश दलितों का विकास करते रहेंगे। दलित समाज के विकास में ही सर्वसमाज का विकास निहित हैं। अपने सैकड़ों समर्थकों से मुखातिब होते हुए श्री भास्कर ने कहा कि इस क्षेत्र की जनता के वह ऋणी हैं। यहां के लोगों ने जो प्यार, स्नेह व भरोसा जताया है उससे अपना कर्जदार बना दिया है। इस कर्ज का मैं पाई-पाई विकास के जरिए पूरा करुंगा। गरीब-अमीर सबके साथ खड़े रहकर उनका भरपूर सहयोग करुंगा। उन्होंने हमारा हर एक क्षण और काम क्षेत्र के लोगों के कल्याण और भलाई के लिए है। यह विकास और सुशासन के लिए बीजेपी की ऐतिहासिक जीत है। पार्टी ने अगर उन्हें बड़ी जिम्मेदारी यानी मंत्री बनाया तो उसका निवर्हन पूरी जिम्मेदारी से करुंगा।  



विशेष : चुनावी चक्कलस पर भारी मिडियाई बतरस

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चुनाव आयोग की कृपा से पाँच राज्यो के चुनाव निर्धारित समय सीमा और निर्धारित व्यय सीमा में समाप्त हो चुके है और इसी के साथ लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व के एक और सीजन का समापन हुआ। ये पर्व, बड़ा कर्व (Curve) लिए हुए होता है। लोकतंत्र का ये सीजन, आमजन के लिए बड़ा ही पशोपेश और परेशानी भरा होता है क्योंकि सबकुछ जानने वाली पब्लिक पहले ही इतना परेशान और कन्फ्यूज़ रहती है और उस पर दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र हर पाँच साल बाद अपना नेता और सरकार चुनने की ज़िम्मेदारी उस पर थोप देता है। जनता ये सोच कर दुखी है की गैस पर सब्सिडी छोड़े या ना छोड़े और नेता आपसे गुहार लगा रहा होता है की इस चुनाव में आप उसका दामन ना छोड़े, आप हिसाब लगा रहे है कि महीने में अपने बैंक खाते से कितनी बार फ्री में पैसा निकाल सकते है और नेता आपके टीवी, लैपटॉप और मोबाइल में घुसकर फ्री बिजली- पानी का वादा कर रहा होता है। आप चिंतन कर रहे है होते है की पेट्रोल/डीज़ल का भाव आधी रात से बढ़ तो नहीं जाएगा इसलिए आधा लीटर ज़्यादा भरवा ले क्या और चुनावी विश्लेषक आपको समझा रहे होते है की इस चुनाव में आपको हाथी की सवारी करनी चाहिए या फिर साईकल की। पहले ही इतनी सारी परेशानियो से घिरा भारत का मतदाता चुनाव में किसकी नैया पार लगाएगा ये उसका विवेक तय करे उसके पहले ही मिडीया उसके लिए अपने सर्वे और ओपिनियन पोल से यह तय कर देता है की ऊंट किस करवट बैठगा और मतदाता अपने ड्रॉइंग रूम में बैठा ये “रेडीमेड -ओपिनियन”अपने “अंडरयूज़्ड विवेक” को परोस सकता है। अब विवेक के ऊपर निर्भर करता है कि वो इसे ग्रहण करे या फिर मिड-डे मिल की भांति इसका पोस्टमार्टम करे।



“चुनावी- चक्कलस”, “मिडियाई-बतरस” के बिना अधूरी है। मिडिया, लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है और लोकतंत्र का ढांचा मज़बूत बनाए रखने के लिए आवश्यक है की ये बाकि तीन स्तम्भो को पूरी ताकत से पकडे रखे ताकि सभी कह सके, “सही पकड़े है”। लोकतंत्र की छत को मज़बूती से टिकाए रखने के लिए और उसे फांसीवाद की सीलन और तानाशाही की लीकेज से बचाए रखने के लिए लोकतंत्र का  ये “चौथा पाया” हर मुद्दे का “तिया-पांचा” करने का लाइसेंस लिए बैठा है। इस लाइसेस को अच्छे से “फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन” द्वारा लेमीनेट करके रखा जाता है ताकि लोकतंत्र के बाकि तीन स्तम्भो (व्यस्थापिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका) के साथ होने वाले “गेट-टूगेदर”  मीटिंगों में ज़रूरत पड़ने पर इसे रेड कार्ड/येलो कार्ड की तरह दिखा कर हमेशा रेफरी की भूमिका ली जा सके। चुनावो की घोषणा होते ही सारे पत्रकार और एंकर्स इतने जोश से भर जाते है मानो चुनाव आयोग ने चुनाव की अधिसूचना जारी करते समय प्रेस कांफ्रेंस में मिडिया को ऑडियो-वीडियो बाईट के साथ साथ “रिवाइटल” की बाईट भी दे दी हो और ये बाईट मिलते ही  जोशीले एंकर्स की बॉडी लैंग्वेज ऐसी हो जाती है मानो अगर दर्शको ने उन्हे नोटिस नहीं किया तो वो काली की हुई स्क्रीन तोड़ कर कहीं दर्शको को ही बाईट (Bite) ना कर ले। मिडिया में “नोटिस” ना होने की टीस सब पर भारी पड़ती है।

चुनावी अधिसूचना जारी होते ही पार्टिया, नेता और कार्यकर्ता “व्यस्त” और मिडिया-हाउसेस, पत्रकार और एंकर्स “अस्त-व्यस्त” हो जाते है। चूना लगाने वाले राजनैतिक दल,मिडिया को अपने विरोधियो की “सुपारी” देते है ताकि व्यस्त नेता ,अस्त-व्यस्त पत्रकार  के साथ मिलकर कई उगते सूर्य अस्त कर सके । ये न केवल “सबका साथ-सबका विकास”का अप्रितम उदाहरण है बल्कि “ग्लोबल वार्मिंग” के खिलाफ लड़ने की एक सार्थक पहल भी है। मीडिया पर आए दिन चुनावो में पेड सर्वे/ओपिनियन पोल दिखाने के आरोप भी लगते रहते है। मेरी राय में (जो  कि मायने नहीं रखती है) ये आरोप मिथ्या और दुर्भावना से प्रेरित है क्योंकि अगर ऐसे सर्वे और पोल दिखाकर मिडिया किसी के पक्ष में हवा बना रहा तो साथ-साथ ही वो किसी पक्ष की हवा टाइट भी कर रहा होता है । ऐसे “बैलेंसिंग एक्ट” ही तो पत्रकारिता की निष्पक्षता की नींव को मज़बूत करते है। जैसे अगर राजनीती कीचड है तो उसे साफ़ करने के लिए उसमे उतरना ज़रूरी है वैसे ही किसी भी मुद्दे के पक्ष-विपक्ष को गहराई से समझने के लिए पत्रकार का पक्षकार बनना ज़रूरी है। सूचना की आपाधापी के इस युग में अगर मिडिया “न्यूज़” के साथ-साथ “व्यूज” नहीं दिखाएगा तो नंगा होकर भी टीआरपी की हवस में पिछड़ जाएगा।

चुनावी विश्लेषण करते समय समय कुछ न्यूज़ चैनल तो इतने लोगो का पैनल बिठा लेते है मानो चुनावी विश्लेषण के लिए नहीं बल्कि होली-दीवाली स्नेह मिलन समारोह के लिए लोगो को बुलाया हो। अपनी पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रहे प्रवक्ताओ को बोलते हुए सुनकर लगता है कि आजकल प्रवक्ता होने के लिए अच्छा वक्ता होने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। चुनावी चर्चा में भाग ले कर चुनावी गणित का गुणा-भाग करने वाले एक्सपर्ट्स की निष्पक्ष छवि पर उनकी विचारधारा का दाग ना लगे इसलिए उनके नाम के आगे स्वतंत्र राजनैतिक विचारक या विश्लेषक की तख्ती टांग दी जाती है और इस तमगे की पहुँच, न्यूज़ रूम के वाई-फाई नेटवर्क जितनी ही होती है। “आपको (जनता) को आगे रखने” के लिए” सबसे तेज़” होना ही काफी नहीं है बल्कि इसके लिए क्रांतिकारी चैनल बनते हुए,हर खबर पर सबसे पहले अधिकृत या अनाधिकृत तौर पर कब्ज़ा करना भी ज़रूरी हो जाता है और जब बात चुनावो की हो तो ये क्रांति ओबी कार (वैन) में बैठकर “हाहाकार” का स्वरूप धारण कर लेती है।

चुनावी सर्वे ,ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल के लिए चैनल्स जो सैंपल साइज़ लेते है उससे ज़्यादा तो डॉक्टर्स ब्लड या यूरिन टेस्ट के लिए सैंपल ले लेते है। हर चैनल अपने सर्वे और पोल को मेक इन इंडिया के उत्पाद की तरह उसे विपणनियता की कसौटी पर कसकर बेचता है। एंकर चीख चीख कर पूरे “बल” और “डेसिबल” के साथ केवल  आंकड़े ही नहीं बोलता बल्कि मानो पूरे चैनल के सेनापति की तरह विरोधियो पर धावा भी बोलता है। शायद इसी तरह से इनका “काम बोलता है”। एंकर तो एसी न्यूज़ रूम में बैठकर एक्सपर्ट्स के साथ अपने एजेंडा और प्रोपगेंडा को पूर्वाग्रहों के साथ जोतकर हांकता रहता है लेकिन किसी सुदूर चुनावी इलाके में उसी एजेंडे और प्रोपगेंडे का “मानसपुत्र” उर्फ़ चैनल का सवांददाता सुबह- सुबह मतदाता के बिना ब्रश किये हुए मुँह में अपने माइक के साथ साथ अपने शब्द भी घुसेडेने की कोशिश करता है । विचित्र स्थिति उत्पन्न होती है जब मतदाता का मुँह और सवांददाता का दिमाग एक साथ बदबू छोड़ते है। यहाँ ये स्पष्ट करना ज़रूरी हो जाता है “पहले मतदान-फिर जलपान” नियम का पालन करने के चक्कर में ज़्यादातर मतदाता बिना ब्रश किये ही मतदान केंद्र पहुँच जाते है।

कई बार पूरे स्टूडियो को अपनी आवाज़ से सर पर उठा देने वाले एंकर की आवाज़ का संपर्क फोन पर अपने संवाददाता से ही नहीं हो पाता है। फिर एंकर निराश होकर स्टूडियो में बैठे एक्सपर्ट से सवाल पूछता है कि” आपको क्या लगता है, इस बार फलाने जी को अपने क्षेत्र की जनता के संपर्क में ना रहने का नुकसान होगा?” उधर अपने स्टूडियो से आवाज़ कैप्चर ना कर पाने से निराश सवांददाता,बूथ कैप्चर होने की खबर अपने स्टूडियो में समय से नहीं दे पाता है। सर्वे, ओपिनियन/एग्जिट पोल से निपटने या यू कहे कि इनको निपटाने के बाद आने वाले चुनाव परिणाम राजनैतिक दलो की तरह चैनल्स की भी अग्निपरीक्षा होते है क्योंकि उन्हें अपने सेट किये हुए एजेंडे और नैरेटिव को डिफेंड करने के लिए  पक्ष-विपक्ष में दोनों तरह की स्टोरी तैयार करनी पड़ती है। चुनाव परिणाम  आने के बाद भी “टाइम” ठीक चले इसलिए “ओवरटाइम” करना पड़ता है। काउंटिंग के दिन किसी भी सीट का रुझान या परिणाम आप किसी भी चैनल पर देखे वो आप सबसे पहले और सबसे तेज़ देख रहे होते है। चाहे चुनाव आयोग द्वारा रुझानों और परिणामों की घोषणा हो या फिर मौसम विभाग द्वारा कोई तूफान/सुनामी आने की चेतावनी, एंकर्स का उत्साह और इंतज़ार एक सा बना रहता है। इंतज़ार और उत्साह देखकर लगता है कि अगर रुझान/परिणाम आने में थोड़ी भी देरी हो जाए तो चैनल वाले इनको लाने के लिए अपनी ऑफिस की पिकअप वैन भेज दे। चुनाव समाप्त होने के बाद हारी हुई पार्टिया EVM में गड़बड़ी का आरोप लगाती है लेकिन कोई भी पार्टी मीडिया रिपोर्टिंग या एजेंडे में गड़बड़ी या पक्षपात का आरोप  कभी नहीं लगाती है। यही बात अपने आप में लोकतंत्र के सबसे बड़े महापर्व “चुनाव”में लोकतंत्र के चौथे खंभे “मिडिया के महत्वपूर्ण योगदान की गवाही देता है।






liveaaryaavart dot com---अमित कुमार---

होली विशेष : अनोखी है काशी की होली

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होली यानी रंग-राग, आनंद-उमंग और प्रेम-हर्षोल्लास का सामाजिक उत्सव। होली के रंग जीव को सरस बनाते है, तो इस मौके के गीत-गवनई और हंसी-ठिठोली उत्साह के रंग भरते है। देश के अलग-अलग हिस्सों में होली के अलग-अलग रुप है। लेकिन मोक्ष की नगरी काशी की होली अन्य जगहों से इतर बिलकुल अद्भूत, अकल्पनीय व बेमिसाल है। यही वजह है कि फाल्गुन शुक्ल-एकादशी के दिन काशी में भगवान विश्वनाथ का विशेष श्रृंगार किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव माता पार्वती से विवाह के बाद पहली बार काशी आये थे। इस एकादशी का नाम आमलकी (आंवला) एकादशी भी है। इस दिन से वाराणसी में रंग खेलने का सिलसिला आरंभ हो जाता है जो लगातार 6 दिन तक चलता है





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भारत उत्सवों-पर्वों का देश है। शायद ही कोई महीना ऐसा बीतता है जो पर्वों-त्योहारों के उल्लास से भरा न हो। भारत की उत्सवधर्मिता जहां जीने की प्रेरणा देती है, जीवन का उत्साह जगाती है, वहीं बुराइयों पर अद्धाहयों की, असत्य पर सत्य की ओर अधर्म पर धर्म की विजय की संदेश देती है। साथ ही इससे जाति-पंथ से उपर उठ कर सामाजिक समरसता की भावना बलवती होती है। होलिकात्सव भी ऐसा ही त्योहार है जो समाज जीवन को उमंगों से भर देता है। होली के रंगों में सराबोर जन सारे भेद-भाव भूल कर प्रेम रंग में रंग जाते हैं। जीवन का सारा कलुष, ईष्या-द्वेष, शत्रु-भाव भस्म हो जाता है होली की अग्नि में। उस आग में से निकलता है, कंचन की तरह दमकता और भक्ति, प्रेम सेवा के रस में पगा जीवन। न जाने कब से साल-दर-साल यही क्रम चल रहा है। लेकिन तीनों लोकों में न्यारी भगवान भोलेनाथ की नगरी में होली खेलने का अंदाज बिल्कुल निराला है। दरअसल, फाल्गुन की एकादशी को यहां बाबा विश्वनाथ की पालकी निकलती है और लोग उनके साथ रंगों का त्योहर मनाते है। ऐसी मान्यता है कि बाबा उस दिन पार्वती का गौना कराकर दरबार लौटते है। दुसरे दिन शंकर अपने औघड़ रुप में श्मशान घाट पर जलती चिताओं के बीच चिता-भस्म की होली खेलते है। डमरुओं की गूंज और हर-हर महादेव के जयकारे व अक्खड़, अल्हड़भांग, पान और ठंडाई की जुगलबंदी के साथ अल्हड़ मस्ती और हुल्लड़बाजी के बीच एक-दुसरे को मणिकर्णिका घाट का भस्म लगाते है, तो यह दृश्य देखने लायक होता है। धारणा यह है कि भगवान भोलेनाथ तारक का मंत्र देकर सबकों को तारते है। लोगों की आस्था है कि मशाननाथ रंगभरी एकादशी के एक दिन बाद खुद भक्तों के साथ होली खेलते है। तभी तो यहां की चिताएं कभी नहीं बुझतीं। मृत्यु के बाद जो भी मणिकर्णिका घाट पर दाह संस्कार के लिए आते हैं, बाबा उन्हें मुक्ति देते हैं। यही नहीं, इस दिन बाबा उनके साथ होली भी खेलते हैं। कहा यहां तक जाता है कि काशी नगरी में प्राण छोड़ने वाला व्यक्ति शिवत्व को प्राप्त होता है। श्रृष्टि के तीनों गुण सत, रज और तम इसी नगरी में समाहित हैं। बाबा विश्वनाथ की नगरी में यह फाल्गुनी बयार भारतीय संस्कृति का दीदार कराती है। संकरी गलियों से होली की सुरीली धुन या चैक-चैराहों के होली मिलन समारोह बेजोड़ हैं। 

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भक्तों संग बाबा विश्वनाथ खेलते है होली 
वैसे भी देवभूमि काशी को देवो के देव महादेव यानी बाबा विश्वनाथ ने स्वयं सांस्कारिक मानव कल्याण के लिए ब्रह्मा की सृष्टि से बिल्कुल अलग बसाया। कहते है श्रृष्टि के तीनों गुण सत, रज और तम इसी नगरी में समाहित है। तभी तो यहां यमराज का दंडविधान नहीं, बल्कि बाबा विश्वनाथ के ही अंश बाबा कालभैरव का दंडविधान चलता है। और यहां धार्मिक संस्कारों का पालन करने वाला हर प्राणी मृत्युपरांत मोक्ष को प्राप्त करता है। इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है कि महादेव न सिर्फ अपने पूरे कुनबे के साथ काशी में वास किया बल्कि हर उत्सवों में यहां के लोगों के साथ महादेव ने बराबर की हिस्सेदारी की। खासकर उनके द्वारा फाल्गुन में भक्तों संग खेली गयी होली की परंपरा आज भी जीवंत करने की न सिर्फ कोशिश बल्कि काशी के लोगों द्वारा डमरुओं की गूंज और हर हर महादेव के नारों के बीच एक-दूसरे को भस्म लगाने परंपरा हैं। यहां होली की छटा देखते ही बनती है। 

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चिता की होली 
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, महाश्मशान ही वो स्थान है, जहां कई वर्षों की तपस्या के बाद महादेव ने भगवान विष्णु को संसार के संचालन का वरदान दिया था। काशी के मणिकर्णिका घाट पर शिव ने मोक्ष प्रदान करने की प्रतिज्ञा ली थी। काशी दुनिया की एक मात्र ऐसी नगरी है जहां मनुष्य की मृत्यु को भी मंगल माना जाता है। मृत्यु को लोग उत्सव की तरह मनाते है। मय्यत को ढोल नगाडो के साथ श्मशान तक पहुंचाते है। मान्यता है कि रंगभरी एकादशी एकादशी के दिन माता पार्वती का गौना कराने बाद देवगण एवं भक्तों के साथ बाबा होली खेलते हैं। लेकिन भूत-प्रेत, पिशाच आदि जीव-जंतु उनके साथ नहीं खेल पाते हैं। इसीलिए अगले दिन बाबा मणिकर्णिका तीर्थ पर स्नान करने आते हैं और अपने गणों के साथ चीता भस्म से होली खेलते हैं। नेग में काशीवासियों को होली और हुड़दंग की अनुमति दे जाते हैं। कहते है साल में एक बार होलिका दहन होता है, लेकिन महाकाल स्वरूप भगवान भोलेनाथ की रोज होली होती है। काशी के मणिकर्णिका घाट सहित प्रत्येक श्मशान घाट पर होने वाला नरमेध यज्ञ रूप होलिका दहन ही उनका अप्रतिम विलास है। 

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दुल्हा बनते है भोलेनाथ 
रंगभरी एकादशी के दिन बाबा विश्वनाथ के दरबार से शुरु होने वाली होली का यह सिलसिला बुढ़वा मंगल तक चलता है। जिस वक्त काशी के मुकीमगंज से बैंड-बाजे के साथ औघड़दानी बाबा की बारात निकलती है, नियत स्थान पर पहुंचकर महिलाएं परंपरागत ढंग से दूल्हे का परछन करती हैं। मंडप सजता है, जिसमें दुल्हन आती है, फिर शुरू होती है वर-वधू के बीच बहस और दुल्हन के शादी से इंकार करने पर बारात रात में लौट जाती है। जोगीरा सारा .. रा .. रा .. रा .. रा ... की हुंकार बनारस की होली का अलग अंदाज दरसाता है। 

पर्यटको को भाती है अड़भंगी रुप 
भावों से ही प्रसन्न हो जाने वाले औघड़दानी की इस लीला को हर साल पूरी की जाती है। इस रस्म की उमंग घंटों देसी-विदेशी पर्यटकों को लुभाती है। अबीर गुलाल से भी चटख चिता भस्म की फाग के बीच वाद्य यंत्रों व ध्वनि विस्तारकों पर गूंजते भजन माहौल में एक अलग ही छटा बिखेरती है। जिससे इस घड़ी मौजूद हर प्राणी भगवान शिव के रंग में रंग जाता है। इस अलौकिक बृहंगम दृष्य को अपनी नजरों में कैद करने के लिए गंगा घाटों पर देश-विदेश के हजारों-लाखों सैलानी जुटते हैं। 

रंगीन होता मिजाज 
यहां की खास मटका फोड़ होली और हुरियारों के ऊर्जामय लोकगीत हर किसी को अपने रंग में ढाल लेते हैं। फाग के रंग और सुबह-ए-बनारस का प्रगाढ़ रिश्ता यहां की विविधताओं का अहसास कराता है। गुझिया, मालपुए, जलेबी और विविध मिठाइयों, नमकीनों की खुशबू के बीच रसभरी अक्खड़ मिजाजी और किसी को रंगे बिना नहीं छोड़ने वाली बनारस की होली नायाब है। जोगीरा की पुकार पर आसपास के हुरियारे वाह-वाही लगाए बिना नहीं रह सकते और यही विशेषता अल्हड़ मस्ती दर्शाती है। इसके अलावा रंग बरसे भींगे चुनर वाली, रंग बरसे. और होली खेले रघुबीरा अवध में होली खेले रघुबीरा जैसे गीतों की धुनें भी भांग और ठंडाई से सराबोर पूरे बनारस ही झूमा देती हैं। गंगा घाटों पर मस्ती का यह आलम रहता है कि विदेशी पर्यटक भी अपने को नहीं रोक पाते और रंगों में सराबोर हो ठुमके लगाते हैं। 

भांग और ठंडाई 
भांग और ठंडाई के बिना बनारसी होली की कल्पना भी नहीं कर सकते। यहां भांग को शिवजी का प्रसाद मानते हैं, जिसका रंग जमाने में अहम रोल होता है। होली पर यहां भांग का खास इंतजाम करते हैं। तमाम वेरायटीज की ठंडाई घोटी जाती है, जिनमें केसर, पिस्ता, बादाम, मघई पान, गुलाब, चमेली, भांग की ठंडाई काफी प्रसिद्ध है। कई जगह ठंडाई के साथ भांग के पकौडे बतौर स्नैक्स इस्तेमाल करते हैं, जो लाजवाब होते हैं। भांग और ठंडाई की मिठास और ढोल-नगाड़ों की थाप पर जब काशी वासी मस्त होकर गाते हैं, तो उनके आसपास का मौजूद कोई भी शख्स शामिल हुए बिना नहीं रह सकता। 

विधवाएं भी खेलती है होली 
बनारस में सदियों पुरानी परंपरा को बदलने और एकांकी जीवन व्यतीत कर रहीं विधवाओं को समाज की मुख्यधारा में लाने की दिशा में पिछले साल से अनोखी पहल की गयी। इनके बेरंग जीवन में रंगों का निखार दिखा। उम्र की दीवार को ढहाती सफेद साड़ी में लिपटी इन महिलाओं के चेहरे के भाव बता रहे थे कि यह अवसर अरसे बाद मिला है जिसे वह जीभर कर के जीना चाहती हैं। वृद्ध-विधवाएं एक-दूसरे पर अबीर-गुलाल की बरसात करती है। होली की गीतों पर थिरकती ये निराश्रित महिलाएं देर तक फूलों की बरसात करती है। ‘हरे कृष्ण गोविंद हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा’ जैसे भक्ति बोल आश्रय सदन में देर तक गूंजते हैं। 

काशी के गीत-संगीत 
मां खेलैं मसाने में होरी, 
दिगंबर खेलैं मसाने में होरी, 
भूत पिशाच बटोरी, 
दिगंबर खेलैं लखि सुन्दर फागुनी छटा की, 
मन से रंग गुलाल हटा के ये, 
चिता भस्म भरि झोरी, 
दिगंबर खेलैं, नाचत गावत डमरू धारी, 
छोड़ें सर्प गरल पिचकारी, 
पीटैं प्रेत थपोरी, दिगंबर खेलैं मसाने में होरी।। 
भूतनाथ की मंगल होरी, 
देखि सिहायें बिरज की छोरीय, 
धन-धन नाथ अघोरी, 
दिगंबर खेलैं मसाने में होरी।। 
रंगों का धार्मिक महत्व 

प्रकृति में हर कहीं बिखरें हैं रंग। ये रंग ही हैं जो हमारी पृथ्वी के साथ हमारी जिंदगी को भी रंगीन बना देते हैं। दरअसल, रंग मनुष्य की आंखों के वर्णक्रम से मिलने पर छाया संबंधी गतिविधियों से उत्पन्न होते हैं। वैसे, इंद्रधनुष के सात रंगों को ही रंगों का जनक माना जाता है। ये सात रंग क्रमशः लाल, नारंगी, पीला, हरा, आसमानी, नीला तथा बैंगनी हैं। रंगों की उत्पत्ति का मुख्य स्त्रोत सूर्य है। सूर्य के प्रकाश में विभिन्न रंग मौजूद हैं। जिनके कारण ही इंद्रधनुष का जन्म होता है। रंगों के विज्ञान को समझकर ही हमारे ऋषि-मुनियों ने धर्म में रंगों का समावेश किया है। पूजा के स्थान पर रंगोली बनाना रंगों के मनोविज्ञान को भी प्रदर्शित करता है। कुंकुम, हल्दी, अबीर, गुलाल, मेंहदी के रूप में पांच रंग हर पूजा में शामिल हैं। धर्म ध्वजाओं के रंग, तिलक के रंग, भगवान के वस्त्रों के रंग भी विशिष्ठ रखे जाते हैं। ताकि धर्म-कर्म के समय हम उन रंगों से प्रेरित हो सकें और हमारे अंदर उन रंगों के गुण आ सकें।

रंगों का आध्यात्मिक महत्त्व 
आध्यात्मिक क्षेत्र में रंगों को सर्वाधिक महत्त्व का वर्णन ‘थियोसोफिकल सोसायटी‘ ने दिया है। सोसायटी के अनुसार, मानव शरीर के अतिरिक्त एक सूक्ष्म शरीर भी होता है, जो चारों तरफ अण्डाकृति चमकीले धुंध से घिरा रहता है। आध्यात्मिक दृष्टि से उत्पन्न होने से इस अण्डाकृति में विभिन्न रंग दृष्टिगोचर होते हैं, जिनके आधार पर किसी शरीर के विषय में विभिन्न प्रकार की जानकारी मिल सकती है।

वास्तु में महत्त्व  
शुभ रंग भाग्योदय कारक होते हैं और अशुभ रंग भाग्य में कमी करते हैं। विभिन्न रंगों को वास्तु के विभिन्न तत्त्वों का प्रतीक माना जाता है। नीला रंग जल का, भूरा पृथ्वी का और लाल अग्नि का प्रतीक है।

गुलाल लगाना
आज्ञाचक्र (मस्तिष्क) पर गुलाल लगाना, पिंड बीज के शिव को शक्ति तत्व का योग देने का प्रतीक है। गुलाल से आने वाली तरंगे, रंगों के रूप में आती हैं जो शरीर की सात्विक तरंगों के रूप में कार्य करने की क्षमता बढ़ाती है। मस्तिष्क से ग्रहण होने वाला शक्तिरूपी चैतन्य संपूर्ण देह में संक्रमित होता है। इससे वायुमंडल में भ्रमण करने वाली चैतन्य तरंगें ग्रहण करने की क्षमता बढ़ जाती है। इस विधि द्वारा जीव चैतन्य के स्तर पर अधिक संस्कारक्षम बनता है।

होली में नारियल डालना 
नारियल के माध्यम से वायुमंडल के कष्टदायक स्पंदनों को खींचकर, उसके बाद उसे होली की अग्नि में डाला जाता है। इस कारण नारियल में संक्रमित हुए कष्टदायक स्पंदन होली की तेजोमय शक्ति की सहायता से नष्ट होते हैं और वायुमंडल की शुद्धि होती है। त्रेतायुग के प्रारंभ में श्रीविष्णु ने धूलिवंदन (रंगों से होली खेलना) किया। इसका अर्थ है कि उस युग में श्री विष्णु ने अगल-अलग तेजमय रंगों से अवतार कार्य का आरंभ किया। 

धूलिवंदन यानि धुलेंडी
होली के दूसरे दिन अर्थात धूलिवंदन के दिन कई स्थानों पर एक-दूसरे के शरीर पर गुलाल डालकर रंग खेला जाता है। होली के दिन प्रदीप्त हुई अग्नि से वायुमंडल के रज-तम कणों का विघटन होता है। इस दिन हर तरफ आनंद होता है। इस दिन रंगों से खेली जाने वाली होली से आपसी वैमनस्यता, आपसी मतभेद दूर होते हैं और खुशियां, आपसी सद्भाव का आगाज होता है।

पवित्र अग्नि की पूजा
होली के अग्नि को पवित्र माना जाता है। यह धर्म रूपी अग्नि है। लोग इस अग्नि से अपने घर का चूल्हा प्रज्वलित करते हैं ताकि परिवार में सुख समृद्धि बनी रहे। इसकी अग्नि में नया उत्पन्न अन्न सेंका जाता है और उसे प्रसाद स्वरूप ग्रहण किया जाता है। इस दिन स्त्रियां दूध-जल, कुंकुम, अक्षत, पुष्प से होलिका की पूजा करती हैं और यह प्रार्थना करती हैं कि जिस तरह भगवान ने विपत्तियों से प्रल्हाद की रक्षा की उसी तरह उनके परिवार की भी रक्षा करें।

कैसे हुई होली मनाने की शुरुआत?
होली का त्योहार देश के सबसे पुराने त्योहारों में से एक है। आर्यों में इस पर्व का प्रचलन था। अधिकतर यह पूर्वी भारत में ही मनाया जाता था। पुराने ग्रंथों जैमिनी के पूर्व मीमांसा-सूत्र और कथा गाह्य-सूत्र, नारद पुराण और भविष्य पुराण में मिलता है। इसका प्रारंभिक नाम होलाका बताया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसे दो दिन मनाते हैं। पहले दिन होलिका जलायी जाती है। दूसरे दिन, जिसे धुरड्डी, धुलेंडी, धुरखेल या धूलिवंदन कहा जाता है, लोग एक-दूसरे पर रंग, अबीर-गुलाल वगैरह फेंकते हैं। ढोल बजा कर गीत गाये जाते हैं। 

विदेशों में भी मनाते है होली 
दुनिया में कई जगह इससे मिलते-जुलते पर्व मनाये जाते हैं। थाइलैंड में भी सौंगक्रान नाम के पर्व में वृद्धजन इत्र मिश्रित जल डाल कर महिलाओं, बच्चों और युवाओं को आशीर्वाद देते हैं। जर्मनी में इस्टर के दिन घास का पुतला जलाया जाता है और लोग एक-दूसरे पर रंग डालते हैं। हंगरी का इस्टर होली के अनुरूप ही है। अफ्रीका में ओमेना वोंगा के नाम से होली जैसा पर्व मनाया जाता है। पोलैंड में आर्सिना पर्व पर लोग एक-दूसरे पर रंग और गुलाल मलते हैं। अमेरिका में मेडफो नामक पर्व में लोग गोबर और कीचड़ से गोले बना कर एक-दूसरे पर फेंकते हैं। चेक और स्लोवाकिया में बोलिया कोनेन्से त्योहार पर युवक-युवतियां एक दूसरे पर पानी व इत्र डालते हैं। हॉलैंड का कार्निवल होली-की मस्ती से भरपूर है। बेल्जियम की होली भारत जैसी होती है. इटली में रेडिका त्योहार में चैराहों पर लकड़ियों के ढेर जलाये जाते हैं और एक-दूसरे को गुलाल लगाते हैं. रोम में सेंटरनेविया और यूनान में मेपोल ऐसे ही पर्व हैं। स्पेन के ला टोमाटिना में लोग एक-दूसरे को टमाटर मार कर होली खेलते हैं. लाओस में यह पर्व नववर्ष की खुशी के रूप में मनाया जाता है। लोग एक-दूसरे पर पानी डालते हैं। म्यांमार में इसे जल पर्व के नाम से जाना जाता है। जापान, दक्षिण कोरिया और वियतनाम में एक-दूसरे को मिट्टी से रंगने का त्योहार मनाया जाता है। 




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(सुरेश गांधी)

प्रणव, अंसारी, मोदी ने देशवासियों को दी होली की बधाई

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नयी दिल्ली, 13 मार्च, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज राष्ट्र की खुशहाली और समृद्धि की कामना करते हुए देशवासियों को होली की शुभकानाएं दी। श्री मुखर्जी ने ट्वीट कर देशवासियों को होली की शुभकामनायें दी। उन्होंने कहा 'मैं कामना करता हूं कि रंगों का यह त्योहार देश की विविध रंगों की संस्कृति में एकता का इंद्रधनुष कायम करे। आओ हम खुशहाली फैलाएं और जरूरतमंदों तथा दलितों के साथ अपनी खुशी साझा करें। मैं कामना करता हूं कि इस अनूठे त्योहार से सभी लोगों के बीच आपसी भाईचारा और सद्भाव सुदृढ़ हो।” उन्होंने कहा 'मैं आशा करता हूं कि इस साल की होली देश में शांति और समृद्धि के एक नए चरण की शुरुआत हो।'श्री अंसारी ने कहा कि रंगों का त्योहार होली बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। उन्होंने कहा 'मैं इस अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं देता हूं और राष्ट्र की खुशहाली और समृद्धि की कामना करता हूं।'उन्होने कहा कि देशभर में पारंपरिक हर्षोल्‍लास के साथ मनाये जाने वाले रंगों के त्‍योहार होली से गर्मी के मौसम की शुरूआत होती है और इस अवसर पर बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्‍सव मनाया जाता है। मैं कामना करता हूं कि यह त्‍योहार हमारे जीवन में शांति, सद्भाव, समृद्धि और खुशहाली लायें। श्री मोदी ने कहा 'होली के पावन पर्व की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। यह त्यौहार आपके जीवन में खुशी और उत्साह लाये।'

बचत खातों से निकासी सीमा समाप्त

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नयी दिल्ली 13 मार्च, बचत खातों से निकासी की साप्ताहिक सीमा आज से समाप्त हो गयी। इसके साथ ही अब बैंक खातों से निकासी के संदर्भ में नोटबंदी से पहले की स्थिति बहाल हो गयी है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 08 फरवरी को चालू वित्त वर्ष की अंतिम द्विमासिक समीक्षा पेश करते हुये इसकी घोषणा की थी। उस समय बचत खातों से निकासी की साप्ताहिक अधिकतम सीमा 24 हजार रुपये थी जिसे 20 फरवरी से 50 हजार रुपये किया गया था। चालू खातों, ओवरड्राफ्ट और कैश क्रेडिट खातों से निकासी की सीमा 30 जनवरी को ही समाप्त कर दी गयी थी। साथ ही 01 फरवरी से एटीएम से निकासी की सीमा भी समाप्त कर दी गयी थी, लेकिन बचत खातों पर साप्ताहिक निकासी की सीमा बरकरार रहने से ऐसे खाताधारकों के लिए एक प्रकार से एटीएम से पैसे निकालने पर भी सीमा जारी थी। नोटबंदी के बाद आरबीआई ने पर्याप्त मात्रा में नये नोट बैंकों तथा एटीएम में पहुँचने से पहले नकद निकासी की सीमा तय कर दी थी। आधिकारिक रूप से सीमायें समाप्त किये जाने के बावजूद बैंकों को अपनी ओर से एटीएम से पैसे निकालने की सीमा तय करने का अधिकार दिया गया है। देश के विभिन्न राज्यों से मिली जानकारी के अनुसार, कई स्थानों पर कुछ बैंकों के एटीएम से अब भी एक बार में दो हजार रुपये से ज्यादा नहीं निकल रहे हैं। हर बैंक ने अपने हिसाब से अलग-अलग सीमा तय कर रखी है। कुछ बैंकों ने सॉफ्टवेयर में ऐसे बदलाव भी किये हैं कि एटीएम दूसरे बैंकों के डेबिट कार्ड रीड ही नहीं कर रहे और इस प्रकार वे सिर्फ अपने ग्राहकों को ही पैसे दे रहे हैं। नि:शुल्क ट्रांजेक्शनों की सीमा तय होने से लोगों के लिए दो-दो हजार रुपये करके जरूरत के लिए पैसे निकालने में दिक्कत आ रही है।

गोवा,मणिपुर में सत्ता पाने के भाजपा के प्रयासों की उमर ने की आलोचना

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नयी दिल्ली,13 मार्च, पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने गोवा और मणिपुर में ‘दल-बदल’ करवाकर सत्ता पाने का प्रयास करने के लिए भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) की आलोचना की है। श्री अब्दुल्ला ने हालांकि यह भी कहा कि सबसे बड़े दल को सरकार बनाने का मौका न देना कोई पहली बार नहीं हुआ है। उन्होंने ट्वीट किया,“ यह क्रिकेट नहीं है!!! आप अपनी पार्टी को दूसराें से अलग तरह का दल नहीं कह सकते। आप दल बदल करवाकर सत्ता पाने का प्रयास कर रहे हैं। #शर्मनाक।” एक अन्य ट्वीट में श्री अब्दुल्ला ने कहा,“ यह स्वत: नहीं हुआ है। वर्ष 2002 में नेशनल कांफ्रेंस सबसे बड़ा दल था लेकिन राज्यपाल ने कांग्रेस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी को सरकार के गठन के लिए बुलाया था क्योंकि वह इन दोनों दलों की संख्या के हिसाब से सरकार बनाने के प्रति संतुष्ट थे।” गौरतलब है कि श्री अब्दुल्ला ने 11 मार्च को घोषित उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजों में भाजपा को मिली व्यापक सफलता को देखते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कद का कोई और नेता इस समय विपक्ष में नहीं है जिसकी पूरे देश में स्वीकार्यता हो। उन्होंने कहा था वर्ष 2019 में श्री मोदी और भाजपा से मुकाबले के लिए देश में कोई और नेता नहीं है। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने श्री अब्दुल्ला के इस बयान की आलोचना की थी।

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