बिहार के दो पूर्व मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता गिरिराज सिंह और रामाधार सिंह शुक्रवार से बिहार विधानसभा के पार्क में अनशन पर बैठ गए हैं। उनका कहना है कि उनके ऊपर लगे आरोप की संचिकाएं सार्वजनिक की जाएं या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सार्वजनिक रूप से माफी मांगें। आमरण अनशन पर बैठे पूर्व पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि अगर उनके ऊपर आरोप साबित हुआ तो वे सार्वजनिक रूप से संन्यास ले लेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री को चुनौती देते हुए कहा कि उनके आरोप वाली संचिकाएं सार्वजनिक की जाएं या मुख्यमंत्री सार्वजनिक रूप से माफी मांगें। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो वे यहीं प्राण त्याग देंगे।
इधर, पूर्व सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह ने कहा कि फसल बीमा योजना के मौसम केन्द्र से संबंधित 100 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के जो आरोप लगाए गए हैं, उसकी अधिसूचना 13 जून को निकाली गई थी और भाजपा के सभी मंत्रियों को 16 जून को बर्खास्त कर दिया गया। ऐसे में पिछले आठ महीने से सहकारिता मंत्रालय मुख्यमंत्री के पास है।
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को बिहार विधानसभा में जनता दल (युनाइटेड) के विधायक मंजीत सिंह ने फसल बीमा योजना से जुड़े एक प्रश्न में आरोप लगाया था कि 15 किलोमीटर के दायरे के हिसाब से बीमा कंपनियों को फसल क्षति का आकलन के लिए मौसम आधारित संयंत्र लगाने थे। परंतु बीमा कंपनियों के सांठगांठ कर भाजपा के तत्कालीन सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह और गिरिराज सिंह ने 100 करोड़ का घोटाला कर दिया और पर्याप्त संख्या में संयंत्र नहीं लगे। उन्होंने सरकार से पूरे मामले की निगरानी विभाग से जांच की मांग की। इस प्रश्न के बाद भाजपा ने विधानसभा में जमकर हंगामा किया था।