इंडियन जस्टिस पार्टी के नेता उदितराज भाजपा में शामिल हो गए हैं। ऐसा सुनने में आ रहा है कि लोक जनशक्ति पार्टी ने भाजपा में शामिल होने का फैसला कर लिया है। जल्द ही दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की औपचारिक घोषणा कर दी जाएगी।
माना जा रहा है कि अगले एक-दो दिन में रामविलास पासवान से दोस्ती पर कोई औपचारिक घोषणा हो सकती है। बिहार में उपेंद्र कुशवाहा को जोड़ने के बाद भाजपा लोजपा को भी साथ लाकर चुनावी समीकरण दुरुस्त करना चाहती है। बताते हैं कि खुद पासवान पर पार्टी के अंदर से बहुत दबाव है।
लोजपा के कई नेताओं का मानना है कि पिछले वर्षों में पार्टी को उस वोट बैंक का लाभ नहीं मिला, जिसके लिए नीति बनाई गई थी। अब जब प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को एसआइटी ने बरी कर दिया है, तो भाजपा के बहिष्कार का कोई कारण नहीं है। सूरजभान सिंह ने खुलकर भाजपा से गठजोड़ की पैरवी कर दी है। पासवान के कई अन्य नजदीकी भी यही चाहते हैं। दरअसल, कांग्रेस-राजद-लोजपा गठजोड़ को लेकर भी कोई ठोस बात नहीं हो पाई है। ऐसे में एक रास्ता अपनाना जरूरी है।
लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान ने अभी किसी गठजोड़ से इनकार किया, लेकिन साथ ही कहा कि पार्टी के अंदर कई विचार हैं। उम्मीद है कि लोजपा संसदीय बोर्ड की बैठक मंगलवार को होगी। ध्यान रहे कि बिहार में भाजपा पहले ही मोदी का ओबीसी कार्ड खेल रही है। अगर पासवान भी साथ आए तो राजग बड़े वोटबैंक का दावा कर सकती है। गठजोड़ की पुष्टि तो भाजपा के नेता भी नहीं कर रहे हैं, लेकिन पटना में सुशील मोदी ने सीबीआई के मुद्दे पर पासवान का बचाव शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि पासवान को उलझाने की कोशिश हो रही है। हालांकि, औपचारिक घोषणा से पहले कई सीटों पर सहमति बनाना कठिन होगा। दूसरी तरफ पासवान के दलित मोर्चे में रह चुके उदितराज सोमवार को भाजपा में शामिल हुए। माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें उत्तर प्रदेश में किसी सीट से चुनाव भी लड़ा सकती है। अगर उदितराज और पासवान राजग में जुटे तो इसी के सहारे उत्तर प्रदेश में बसपा वोटबैंक को तोड़ने की कोशिश भी होगी।