वाशिंगटन,07 दिसंबर, अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने के लिए इंटरनेट के इस्तेमाल को आतंकवाद का एक नया तरीका बताते हुए कहा कि आतंकवादी योजना बनाने वाले दुनिया में चाहे कहीं भी हो अमेरिकी सेना उन्हें ढ़ूंढ निकालेगी। श्री ओबामा ने कैलिफोर्निया के सैन बर्नाडिनों शहर में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के बाद कल शाम देश के नाम संदेश में इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि इससे यह स्पष्ट है कि इस्लामिक स्टेट के आतंकवादी लोगों की सोच को प्रभावित करने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहें हैं और यह आतंकवाद का एक नया तरीका है। उन्होंने आतंकवाद के सफाए के लिए के लिए रणनीतिक उपायों का जिक्र करते हुए कहा कि आतंकवादी याेजनांए बनाने वाले चाहे कहीं भी हो अमेरिकी सैनिक उन्हें ढ़ूढ निकालेंगे हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट कहा कि अमेरिका सीरिया अथवा ईराक में लंबे और खर्चीले युद्ध में शामिल नहीं होगा। श्री ओबामा ने आतंकवाद को समाप्त करने के लिए उन्हें तकनीकी स्तर पर मात देने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा,“ मैं कानून लागू कराने वाले अधिकारियों तथा हाई टेक कंपनियों से अनुरोध करता हूं कि वह एेसी तकनीकें विकसित करें , जिससे अपराध को बढ़ावा देने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले आतंकवादी किसी भी तरह बच न सकें।
श्री ओबामा ने कहा कि देश को आतंकवाद से खतरा है लेकिन उस पर काबू पा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बात पर नजर रखनी जरूरी है कि किस वक्त सोशल मीडिया का इस्तेमाल विचारों के आदान प्रदान से बढ़ कर कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ाने के लिए किया जाने लगा। इसके साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने घातक हथियारों की खरीद फरोख्त के नियमों को सख्त बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया है। उन्होंने कहा ,“ हम ये कर सकते हैं और हमें करना भी चाहिए इससे उन्हें लोगों को मारना मुश्किल होगा।” इसी के साथ ही उन्होंने लोगों को बेवजह भयभीत नहीं होने की भी सलाह दी। ” उन्होंने कहा,“ हम एक दूसरे के खिलाफ लड़ कर आतंकवाद के खिलाफ की लड़ाई को अमेरिका और इस्लाम के बीच का युद्ध नहीं बना सकते।” श्री ओबामा ने होमलैंड सिक्योरिटी आैर विदेश मंत्रालय से ‘के-1 फियान्से’वीजा की भी समीक्षा करने के लिए कहा है। यह वीजा विदेशी नागरिकों को अमेरिकी नागरिकों से विवाह के लिए देश में आने की अनुमति देता है। कैलिफोर्निया में आतंकवादी घटना को अंजाम देने वाली महिला तशफीन मलिक(29) पाकिस्तान से सऊदी अरब गई थी और इसके बाद वह अमेरिकी नागरिक सैयद रिजवान फारुक से विवाह के लिए इसी वीजा पर अमेरिका आई थी। इस आतंकवादी हमले में 14 लोग मारे गए थे और बडी संख्या में लोग घायल हो गए थे।