दिल्ली के शकूरबस्ती इलाके में झुग्गी ढहाने के दौरान सामने आई बच्ची की मौत की खबर रहस्य बनती जा रही है. रेलवे के डीआरएम अरुण अरोड़ा ने कहा कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई दोपहर 12 बजे शुरू हुई और शाम छह बजे खत्म हो गई. जबकि बच्ची की मौत 10 बजे के आसपास हो चुकी थी. इन दोनों घटनाओं का कोई संबंध नहीं है. शनिवार को रेलवे ने अतिक्रमण बताते हुए 500 झुग्गियां ढहा दी थी, जहां लोग बीते 20-25 साल से रह रहे थे.
दिल्ली पुलिस ने कहा है की सामान शिफ्ट करते वक्त एक पोटली बच्ची के उपर गिर गई. जब घरवालों ने देखा तो उसे अस्पताल ले गए, लेकिन रास्ते में उसकी मौत हो गई. पुलिस फिलहाल कोई केस दर्ज नहीं कर रही है. वहीं, बच्ची की नानी ने बदिल्ली के शकूरबस्ती इलाके में झुग्गी ढहाने के दौरान सामने आई बच्ची की मौत की खबर रहस्य बनती जा रही है. रेलवे के डीआरएम अरुण अरोड़ा ने कहा कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई दोपहर 12 बजे शुरू हुई और शाम छह बजे खत्म हो गई. जबकि बच्ची की मौत 10 बजे के आसपास हो चुकी थी. इन दोनों घटनाओं का कोई संबंध नहीं है. शनिवार को रेलवे ने अतिक्रमण बताते हुए 500 झुग्गियां ढहा दी थी, जहां लोग बीते 20-25 साल से रह रहे थे.
दिल्ली पुलिस ने कहा है की सामान शिफ्ट करते वक्त एक पोटली बच्ची के उपर गिर गई. जब घरवालों ने देखा तो उसे अस्पताल ले गए, लेकिन रास्ते में उसकी मौत हो गई. पुलिस फिलहाल कोई केस दर्ज नहीं कर रही है. वहीं, बच्ची की नानी ने बताया कि जिस वक्त सामान हटाने को कहा गया तब उसकी सांसें चल रही थी. बच्ची छह महीने की थी. अरोड़ा के मताबिक बस्तीवालों को 15 मार्च को नोटिस दिया गया था कि 30 सितंबर तक जगह खाली कर दें, पर उन्होंने ऐसा नहीं किया. 12 दिसंबर को की गई कार्रवाई के लिए पुलिस ने साथ देने की पुष्टि की थी और कार्रवाई दोपहर 12 बजे के बाद की गई. कार्रवाई शाम तक पूरी हो गई थी, इसके बाद कुछ नहीं किया गया. हालांकि बस्तीवालों का कहना है कि उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला.
केजरीवाल ने शनिवार शाम ही बस्ती का दौरा किया और बस्तीवालों से बातचीत के बाद दो एसडीएम सस्पेंड कर दिए. बस्ती से लौटकर ट्वीट भी किया और कहा कि बस्ती ढहाने वालों को भगवान कभी माफ नहीं करेगा. रविवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन बस्ती पहुंचे. उन्होंने कहा कि सरकार इन लोगों के रहने के लिए अस्थायी इंतजाम कर रही है. कांग्रेस नेता अजय माकन भी बस्ती गए और लोगों से मुलाकात की. माकन ने सवाल उठाया कि कार्रवाई 12 घंटे तक चली, केजरीवाल ने दखल क्यों नहीं दिया. उधर, केजरीवाल ने अधिकारियों के साथ बैठक भी की.
आप की पूर्व सदस्य शाजिया इल्मी ने बच्ची की मौत पर अफसोस जताते हुए कहा कि केजरीवाल को आरोप मढ़ने की आदत हो गई है. बच्ची की मौत पहले ही हो चुकी थी और वह रेलवे पर आरोप मढ़ रहे हैं. एसएडीम को सस्पेंड करने से पहले उन्हें जांच करानी चाहिए थी.
अरोड़ा के मताबिक बस्तीवालों को 15 मार्च को नोटिस दिया गया था कि 30 सितंबर तक जगह खाली कर दें, पर उन्होंने ऐसा नहीं किया. 12 दिसंबर को की गई कार्रवाई के लिए पुलिस ने साथ देने की पुष्टि की थी और कार्रवाई दोपहर 12 बजे के बाद की गई. कार्रवाई शाम तक पूरी हो गई थी, इसके बाद कुछ नहीं किया गया. हालांकि बस्तीवालों का कहना है कि उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला.
केजरीवाल ने शनिवार शाम ही बस्ती का दौरा किया और बस्तीवालों से बातचीत के बाद दो एसडीएम सस्पेंड कर दिए. बस्ती से लौटकर ट्वीट भी किया और कहा कि बस्ती ढहाने वालों को भगवान कभी माफ नहीं करेगा. रविवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन बस्ती पहुंचे. उन्होंने कहा कि सरकार इन लोगों के रहने के लिए अस्थायी इंतजाम कर रही है. कांग्रेस नेता अजय माकन भी बस्ती गए और लोगों से मुलाकात की. माकन ने सवाल उठाया कि कार्रवाई 12 घंटे तक चली, केजरीवाल ने दखल क्यों नहीं दिया. उधर, केजरीवाल ने अधिकारियों के साथ बैठक भी की.
आप की पूर्व सदस्य शाजिया इल्मी ने बच्ची की मौत पर अफसोस जताते हुए कहा कि केजरीवाल को आरोप मढ़ने की आदत हो गई है. बच्ची की मौत पहले ही हो चुकी थी और वह रेलवे पर आरोप मढ़ रहे हैं. एसएडीम को सस्पेंड करने से पहले उन्हें जांच करानी चाहिए थी.