पटना 18 दिसम्बर, भारतीय जनता पार्टी :भाजपा: के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आज आरोप लगाया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं से पूर्ण शराबबंदी का वादा कर उनके वोट तो हासिल कर लिए लेकिन सत्ता संभालने के महीने भर के भीतर ही उनकी सरकार वादे से पलटने लगी है। श्री मोदी ने यहां कहा कि मुख्यमंत्री एक तरफ बार-बार कह रहे हैं कि पहली अप्रैल 2016 से बिहार में पूर्ण मद्यनिषेध लागू हो जाएगा, दूसरी तरफ बिहार राज्य बिवरीज कारपोरेशन विदेशी शराब का खुदरा व्यापार भी अपने हाथ में लेने की तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि उत्पाद विभाग संकेत दे रहा है कि शराबबंदी पूर्ण नहीं, बल्कि आंशिक होगी। पूर्ण प्रतिबंध सिर्फ देसी शराब पर होगा, लेकिन विदेशी शराब शहरी क्षेत्र की सरकारी दुकानों से खरीदी जा सकेगी। भाजपा नेता ने कहा कि शराब लाबी के दबाव में सरकार उत्पाद नीति को ऐसी बोतल में रखने जा रही है, जिसके ढक्कन के सुराखों से शराब टपकती रहेगी। इसका हस्र भी पान मसाला और गुटखा पर लगे दिखावटी प्रतिबंध जैसा ही होगा । उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बतायें कि उन्होंने क्या महिलाओं से आंशिक शराबबंदी का वादा किया था । जब शहर और गांव करीब आ रहे हैं तब क्या विदेशी शराब को गांव पहुंचने से रोका जा सकता है और जिन्हें शराब की लत लग चुकी है क्या वे शहर से किसी भी दाम पर शराब नहीं मंगाएंगे ।
श्री मोदी ने कहा कि श्री नीतीश कुमार ने सात निश्चयों को लागू करने की घोषणा की थी। शराबबंदी के निश्चय से उनके यू.टर्न की शुरूआत हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का काम उद्योग, व्यापार करना या दुकान खोलना नहीं है लेकिन बिवरीज निगम राज्य के सभी शहरी क्षेत्र में विदेशी शराब की खुदरा दुकानें खोलने जा रहा है। निगम ने गोदाम, दुकान, वाहन, सीसीटीवी कैमरे, फर्नीचर, नोट गिनने-जांचने की मशीन और सशस्त्र सुरक्षा गार्ड तक हासिल करने के लिए छह अलग-अलग निविदाएं आमंत्रित की हैं। भाजपा नेता ने कहा कि यदि सरकार पूर्ण शराबबंदी लागू करना चाहती है तो बिवरीज निगम नई उत्पाद नीति को कैबिनेट की स्वीकृति मिले बिना विदेशी शराब की खुदरा दुकानें क्यों खोलना चाहता है । उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा था कि पूर्ण मद्यनिषेध पर कोई भ्रम नहीं है । इसका अर्थ है कि हर तरह की शराब के उत्पादन, विपणन और उपभोग पर राज्य में रोक लगेगी । श्री मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री जहां इस तरह की बात कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ सत्तारूढ़ दल के नेता और राज्य सरकार के अधिकारी इसके विपरीत बातें कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे साफ लग रहा है कि सरकार शराब लाबी के दबाव में झुक गयी है ।