भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिल्ली स्थित कार्यालय के बाहर बुधवार को हंगामा करने के आरोप में पुलिस ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी (आप) के 14 सदस्यों को गिरफ्तार किया और तुरंत ही जमानत पर छोड़ भी दिया। पार्टी ने पुलिस पर पक्षपात कर आरोप लगाया। पुलिस ने गुरुवार को कहा कि वह आप के दो प्रमुख नेताओं की तलाश कर रही है। इधर, आप ने पुलिस पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है। आप के नेता आशुतोष को थाने लाया गया। इससे पहले पुलिस ने घोषणा की थी कि बुधवार के प्रदर्शन में हिस्सा लेने के कारण पुलिस को उनकी और उनकी सहयोगी शाजिया इल्मी की तलाश है।
महानगर दंडाधिकारी आकाश जैन ने आप के 14 सदस्यों को जमानत दे दी। दंडाधिकार ने आरोपी नेताओं के खिलाफ अन्य किसी भी आपराधिक मामले के लंबित होने का खुलासा करने में जांच अधिकारी के विफल रहने को देखते हुए जमानत दे दी। अदालत ने कहा, "मामले के तथ्यों, अपराध की प्रकृति और आरोपियों की ओर से दिए गए वचन को ध्यान में लेते हुए 14 लोगों की जमानत अर्जी मंजूर की जाती है।"
सभी 14 आप नेताओं में से हर एक को 15000 का निजी मुचलका और उतनी राशि की अमानत भरने और जांच में जरूरी होने पर सहयोग करने व सबूतों के साथ छेड़खानी नहीं करने की हिदायत दी गई है। आप के नेताओं की ओर से पेश वकीलों प्रशांत भूषण और सोमनाथ भारती ने अदालत से सभी आरोपियों की स्वच्छ छवि को देखते हुए जमानत देने का आग्रह किया। भूषण ने अदालत से कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं के पत्थर और कुर्सियां फेके जाने तक प्रदर्शन शांतिपूर्ण चल रहा था। पथराव और कुर्सियां फेंके जाने से आप के कई कार्यकर्ता घायल हो गए जिनमें से कुछ गंभीर रूप से जख्मी हुए। पुलिस ने जमानत का विरोध किया।
एक पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि एक प्रोफेसर सहित आप के उन 14 सदस्यों को हिरासत में लिया गया है, जो बुधवार शाम भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ हुई झड़प में शामिल थे। आप के नेता और कार्यकर्ता बुधवार को पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल को गुजरात में कुछ देर तक थाने में बिठाकर रखे जाने की प्रतिक्रिया स्वरूप भाजपा के दिल्ली मुख्यालय के बाहर हंगामा और प्रदर्शन कर रहे थे, जिसको लेकर आप और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई थी।
बुधवार को प्रदर्शन में आशुतोष और इल्मी दोनों नेता शामिल थे। भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा कार्यालय के भीतर से पत्थर और कुर्सियां फेंके जाने के बाद प्रदर्शन हिंसक हो गया था। समर्थकों के बीच झड़प हो जाने के बाद पुलिस को प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार का इस्तेमाल करना पड़ा। एक दो आप कार्यकर्ता बौछार को रोकने के लिए पुलिस की जलतोप पर चढ़ गए। आप के कई कार्यकर्ता प्रदर्शन में घायल हो गए। पुलिस ने आप के दो प्रमुख पत्रकार नेताओं और प्रोफेसर आनंद कुमार सहित पार्टी के कुछ विधायकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।
पुलिस ने कहा कि दो पार्टियों के बीच झड़प होने के बाद 33 लोगों को गिरफ्तार किया गया। उन पर गैर कानूनी रूप से जमा होने, हिंसा करने, सरकारी कर्मचारियों पर हमले और गैर-कानूनी गतिविधियों के लिए मामले दर्ज किए गए। हालांकि गिरफ्तार किए गए लोगों में से कुछ को गुरुवार सुबह छोड़ दिया गया। आशुतोष ने ट्विटर पर लिखा कि दिल्ली पुलिस पक्षपाती है, क्योंकि उसने किसी भी भाजपा कार्यकर्ता को गिरफ्तार नहीं किया और केवल आप कार्यकर्ताओं को ही निशाना बनाया। उन्होंने पुलिस द्वारा प्रोफेसर आनंद कुमार को गिरफ्तार किए जाने पर हैरानी जताई।
सर्वोच्च न्यायालय में वकील आप के वरिष्ठ नेता प्रशांत भूषण ने कहा, "ऐसा लगता है, जैसे पुलिस और भाजपा मिलकर आप को खत्म ही कर देना चाहते हैं।"इधर, चार दिवसीय दौरे पर गुजरात गए आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं से शांति बनाए रखने और हिंसा न करने की अपील की है। गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के गुजरात के विकास के दावे का निरीक्षण करने गए केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा, "हम सच्चाई के रास्ते पर चल रहे हैं। हमें इस तरह की घटनाओं के लिए तैयार रहना होगा। मैं अपने कार्यकर्ताओं से आग्रह करता हूं कि किसी भी स्थिति में वे हिंसा से दूर रहें।"केजरीवाल ने बुधवार की घटना के लिए कार्यकर्ताओं की तरफ से क्षमा भी मांगी थी।