मलेशिया की वायुसेना ने गुरुवार की सुबह एक लड़कू विमान भेजकर आठ घंटे तक सुबंग, पेनाग, फुकेट और अंडमान सागर के चारों तरफ के क्षेत्र में सघन तलाशी अभियान चलाया, लेकिन मलेशिया एअरलाइंस के शनिवार से लापता विमान का कहीं कोई सुराग हाथ नहीं लगा। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, सुबह 5 बजे सी 130 ओरियन ट्रांसपोर्ट विमान सुबंग ने वायुसेना अड्डे से अंडमान सागर के लिए उड़ान भरा। इस उड़ान के दौरान सुबंग ने पेनाग और फुकेट का भी जायजा लिया। अभियान के पायलट ने कहा कि कहीं कुछ भी नहीं पाया गया।
मलेशिया के कार्यवाहक परिवहन मंत्री हिशमुद्दीन तुन हुसैन ने गुरुवार को ट्विटर खाते पर बताया है कि मलेशियाई सागरीय प्रवर्तन एजेंसी (एमएमईए) ने भी एक विमान दक्षिण चीन सागर में भेजा है, जहां चीनी उपग्रह ने कथित रूप से तैरती वस्तुओं के चित्र लिए थे। हुसैन ने कहा, "एमएमईए के बमबार्डर को चीनी उपग्रह द्वारा पाए गए मलबे की जांच करने के लिए भेज दिया गया है।"
बताया गया था कि उपग्रह के चित्रों में तीन तैरती हुई संदिग्ध वस्तुएं पाई गईं जिसमें से एक अनुमानत: 22 से 24 मीटर आकार का होगा। वियतनाम के परिवहन मंत्री फाम क्यू तिएयू ने कहा कि वियतनाम ने भी गुरुवार को विमान और पोत रवाना किया लेकिन चीन के उपग्रह को जहां संदिग्ध चीजें तैरती दिखाई दी थीं वहां कुछ भी नजर नहीं आया।
मलेशिया का विमान एमएच 370 शनिवार को कुआलालंपुर से 239 सवारों को लेकर रवाना हुआ था। एक घंटे के बाद बोइंग 777-200ईआर रहस्यमय ढंग से गायब हो गया। माना जा रहा है कि विमान वियतनाम तट के समीप दक्षिण चीन सागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया होगा।
यह विमान कुआलालंपुर से आधी रात बाद 12:41 बजे रवाना हुआ था और उसे बीजिंग में सुबह 6:30 बजे उतरना था। विमान में चालक दल के 12 सदस्य और 227 यात्री थे जिनमें पांच भारतीय, 154 चीनी, 38 मलेशियाई व अन्य देशों के नागरिक सवार थे। विमान का संपर्क 1:40 बजे टूट गया और उस समय वह वियतनाम के हो ची मिन्ह वायु नियंत्रण की सीमा में था।