पटना। दीघा-खगौल लाइन के 132 केवी के भूमिगत केबल का फॉल्ट मिल गया है। यह नवनिर्मित पाटलिपुत्र स्टेशन के अंतिम छोर के निकट है। इसको लेकर पावर ग्रिड कारपोरेशन ,बिहार पावर ट्रांसमिशन कम्पनी आदि के अभियंता बैचेन हो गए हैं। वहीं बिजली उपभोक्ता परेशान और हलकान हो गए हैं। रोटेशन बिजली आपूर्ति करने से बात नहीं बन पा रही है। इसके आलोक में पेसू के द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था करने की संभावना है। बहरहाल केबल फॉल्ट दुरूस्त करने के लिए अभियंताओं की टीम पहुंच गयी है। लगभग डेरा जमाकर रातदिन एक करके फॉल्ट दुरूस्त करने में जुट गए हैं। बातचीत के क्रम में जानकारी मिली है कि हरहाल में शुक्रवार तक केबल को जोड़ दिया जाएगा। यह प्रयास किया जा रहा है कि संभवतः उसी दिन से बिजली आपूर्ति सामान्य कर दी जाए। इस बीच भूमिगत केबल को नुकसान पहुंचाने वाले अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ निकटवर्ती थाने में एफआईआर दर्ज कर दिया गया है।
इसके पहले रूपसपुर थानान्तर्गत चुल्हाईचक के निकट केबल फॉल्ट हुआ था। जिसे अभी तक ठीक नहीं किया जा सका है। किसी तरह से केबल फॉल्ट न हो और उसे रोकने के लिए यंत्र भी उपलब्ध करा दिया गया था। इसके बाद नक्शा भी दिया गया। रोड मैप देते समय बताया गया कि पांच से छह फीट केबुल इधर-उधर हो सकता है। यह भी बताया गया कि जमीन से 6 फीट के अंदर केबल डाला गया है। केबल को बालू, मिट्टी और ईंट डालकर सुरक्षित कर दिया गया था। 7 किलोमीटर पर जंक्शन बनाया गया । 42 किलोमीटर लम्बी केबल बिछाने के लिए 6 जगहों पर जंक्शन बनाया गया हैर्। इंट से जुड़ाई करके जंक्शन बनाया गया है। उसके ऊपर ढलाई की गयी है। इस जंक्शन से होकर जमीन तक आने वाले केबल को नुकसान पहुंचाया गया है। दो केबल क्षगिगस्त हो गया है। इस समय गैम्मन इंडिया के द्वारा सड़क निर्माण किया जा रहा है। बेलगाम जेसीबी मशीन चलाने वाले चालक का कुकृत्य का परिणाम है। जो केबल को क्षतिगस्त करके पटनावासियों को जीना मुहाल कर दिया। मालूम हुआ है कि उस समय जंक्शन के पास गार्ड साहब उपस्थित थे। उनके दिए गए इशारे को चालक नजरांदाज कर दिया।
जो इस समय केबल क्षतिग्रस्त हुआ है। उसे 30 फीट तक काटकर हटा दिया गया है। एक यंत्र से जानकारी ली जा रही है कि क्षतिग्रस्त होने के बाद केबुल के अंदर कार्बन का प्रसार कितनी दूरी तक हो गयी है। पता चलने के बाद केबुल को काटकर बदल दिया जाएगा। केबल को जोड़ने के लिए साफ-सुथरा स्थान चाहिए। फिर 10 घंटा तक केबल हो गर्म करना है। स्थान ड्रस्ट फ्री होनी चाहिए।
जानकारी देने वाले अंत में कहते हैं कि जेसीबी चालक भाग्यशाली रहे जो 132 केवी के भूमिगत केबल को क्षतिग्रस्त करके भी बच गए। ऐसा करने के 4 घंटे के बाद जोरदार विस्फोट हुआ। कोई नुकसान नहीं हुआ। मगर केबल को क्षतिग्रस्त कर गया।
आलोक कुमार
बिहार