प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राजनीति पर बोलने के लिए हमेशा संसद पटल को प्राथमिकता दी है, लेकिन पिछले पांच सालों में संसद ने उन्हें बोलने का समुचित मौका नहीं दिया है। यह बात यहां शुक्रवार को प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार पंकज पचौरी ने कही। पचौरी ने कहा, "पिछले दो साल में समाचार चैनलों ने 25 फीसदी राजनीतिक विषयक सामग्री प्रसारित की है। इसके अलावा करीब 10 फीसदी मनोरंजन और इतना ही खेल को जगह दिया गया है। लेकिन ये ऐसे विषय हैं, जिस पर प्रधानमंत्री ने अधिक नहीं बोला है।"
पचौरी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "राजनीतिक पर बोलने के लिए उन्होंने सदन पटल को अधिक प्राथमिकता दी है, लेकिन पिछले पांच सालों में संसद ने उन्हें बोलने का पर्याप्त मौका नहीं दिया है।"उन्होंने कहा, "ऐसा नहीं है कि प्रधानमंत्री किसी विषय पर बोलते नहीं हैं, लेकिन मीडिया में सामग्री की विविधता के कारण उनका संदेश मजबूती के साथ नहीं आ पाता है, जितनी मजबूती से इसे रखा जाना चाहिए, लेकिन अपने देश में मीडिया स्वतंत्र है।"
उन्होंने साथ ही कहा कि विकास संबंधी जिन विषयों पर प्रधानमंत्री ने बोला है, उनकी चर्चा टेलीविजन चैनल में कम और प्रिंट मीडिया में अधिक हुई है।