द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के राज्यसभा सदस्य टी.एम. सेल्वागणपति ने शुक्रवार को संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। सेल्वागणपति को धोखाधड़ी के एक मामले में दोषी ठहराया गया है और उन्हें दो वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। यहां से लगभग 310 किलोमीटर दूर धरमपुरी में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि कानून का सम्मान करने वाले एक व्यक्ति के रूप में उन्होंने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक अदालत द्वारा गुरुवार को दोषी ठहराए जाने और सजा सुनाए जाने के बाद राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। सेल्वागणपति ने कहा कि राजनीति में उनके लिए यह परीक्षा की घड़ी है।
सीबीआई की अदालत ने उनके साथ ही चार अन्य व्यक्तियों को भी दो वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है, जिसमें दो सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी शामिल हैं। अदालत ने इन सभी पर अलग-अलग 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। मामला उस समय का है जब सेल्वागणपति राज्य की एआईएडीएमके सरकार 1991-1996 में ग्रामीण विकास और स्थानीय प्रशासन मंत्री थे।
सीबीआई के अनुसार, सेल्वागणपति, आईएएस अधिकारी जे.टी. आचार्युलू और एम. सत्यमूर्ति और तीन अन्य -एम. कृष्णमूर्ति, ए. अरोकियाराज और टी. भारती- ने केंद्र और राज्य सरकारों के साथ 1995-1996 के बीच धोखाधड़ी की, जिसके कारण सरकारी खजाने को 23 लाख रुपये का नुकसान हुआ।