सर्वोच्च न्यायालय ने 'तहलका'पत्रिका के संस्थापक तरुण तेजपाल की जमानत याचिका पर सोमवार को गोवा सरकार को नोटिस जारी किया। तेजपाल गोवा में अपनी एक कनिष्ठ महिला सहकर्मी के कथित यौन उत्पीड़न मामले में पिछले वर्ष 30 नवंबर से ही जेल में हैं। प्रधान न्यायाधीश पी. सतशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ ने वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे की अपील पर नोटिस जारी किया। साल्वे ने तेजपाल को अंतरिम जमानत देने की अपील की और आश्वस्त किया कि वह निचली अदालत की अनुमति के बिना गोवा नहीं छोड़ेंगे। नोटस का जवाब चार हफ्तों के भीतर मांगा गया है।
तेजपाल पर आरोप है कि उन्होंने पत्रिका की ओर से गोवा के ग्रैंड हयात होटल में आयोजित वार्षिक समारोह के दौरान एक कनिष्ठ महिला सहकर्मी का सात और आठ नवंबर को यौन उत्पीड़न किया। इस घटना की शिकायत मिलने पर गोवा पुलिस ने तेजपाल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था और दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा अग्रिम जमानत नहीं दिए जाने के बाद 30 नवंबर को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
बंबई उच्च न्यायालय की गोवा पीठ 14 मार्च और फिर 10 अप्रैल को तेजपाल की जमानत याचिका खारिज कर चुकी है। उनके खिलाफ एक आरोपपत्र भी दाखिल किया गया है। 18 फरवरी को दाखिल आरोपपत्र में तेजपाल पर एक कनिष्ठ महिला सहकर्मी के साथ दुष्कर्म, यौन उत्पीड़न तथा शील-हरण का आरोप लगाया गया है।