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छ0ग0 के अपराधिक केष वाले 15 विधायकों के विरूद्ध हाई कोर्ट में लगा जनहित याचिका।

  • भारत के संविधान का अनुच्छेद 227 व दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 483 पर अपराधिक विधायकों के मामलों को अधीक्षण करने के लिए हाई कोर्ट से मांग की गयी है।


छ0ग0। चिरमिरी निवासी आरटीआई कार्यकत्र्ता राजकुमार मिश्रा ने छ0ग0 हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका लगाकर मांग किया है कि छ0ग0 में 90 विधायकों में से 15 विधायकों के खिलाफ अपराधिक मामले विभिन्न अदालतों में वर्षों से लंबित है इस कारण भारत के संविधान का अनुच्छेद 227 व दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 483 पर इन अपराधिक प्रकरण के विधायकों के मामलों को अधीक्षण करने के लिए हाई कोर्ट से मांग की गयी है। छ0ग0 हाई कोर्ट ने इस जनहित याचिका का निराकरण इस आधार पर किया कि सर्वोच्य न्यायालय के 10.03.2014 के निर्णय में उल्लेख किया गया है कि जनप्रतिनिधियों के विरूद्ध लंबित अपराधिक मामलों का निपटारा एक वर्ष के भीतर किया जाय।

आरटीआई कार्यकत्र्ता ने अपने जनहित याचिका में लेख किया है कि वर्ष 2013 में छ0ग0 में विधान सभा का चुनाव संपन्न हुआ है। इस चुनाव में 90 विधान सभा सीट के लिए 90 विधायक चुने गये है। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के 49, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 39, बहुजन समाजवादी पार्टी का 1 व निर्दलीय 1 प्रत्यासी चुनाव जीते है। हमारे चुनाव पद्धति के अनुसार उक्त प्रत्यासी जीत कर उस क्षेत्र का विधायक हो जाते है और उस क्षेत्र के जनता का विधान सभा में प्रतिनिधित्व करते है। इन विधायक/जनप्रतिनिधियों के द्वारा किये गये निर्णय से उनके क्षेत्र की जनता प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होती है।

छ0ग0 इलेक्षन वाॅच व एसोषिएषन फार डेमोक्रेटिक रिफाॅम्र्स, छ0ग0 राज्य के वर्तमान विधान सभा के सभी विधायकों का चुनाव आयोग को अपना नामांकन भरते समय प्रस्तुत किये गये षपथ पत्र का विष्लेषण किया गया है उन्होनें अपने विष्लेषण में पाया है कि कुल 90 विधायकों में से 15 अर्थात करीब 17 प्रतिषत विधायकों के विरूद्ध कोई ना कोई अपराधिक प्रकरण विभिन्न न्यायालयों में लंबित है। इन 15 विधायकों में से 8 के विरूद्ध गंभीर अपराधिक प्रकरण जैसे हत्या या अपहरण का प्रकरण विभिन्न न्यायालयों में लंबित है। छ0ग0 इलेक्षन वाॅच, के द्वारा आगे किये गये अपने विष्लेषण में पाया गया है कि भारतीय जनता पार्टी के 49 विधायकों में से 6 विधायक अर्थात करीब 12 प्रतिषत व भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 39 विधायकों में से 9 विधायक अर्थात करीब 23 प्रतिषत विधयकों के विरूद्ध अपराधिक मामले विभिन्न न्यायालयों में लंबित है। छ0ग0 इलेक्षन वाॅच, के द्वारा आगे किये गये अपने विष्लेषण में पाया गया है कि भारतीय जनता पार्टी के 6 विधायकों में से 2 व भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 9 विधायकों में से 6 के विरूद्ध गंभीर अपराधिक प्रकरण है। इसके अतिरिक्त भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के श्री अमित एष्वर्य जोगी विधायक मरवाही व भारतीय जनता पार्टी के श्री महेष कुमार गागड़ा विधायक बिजापुर विधान सभा के दो विधायकों के विरूद्ध हत्या का अपराध दर्ज है तथा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के श्री अमित एष्वर्य जोगी विधायक मरवाही व भारतीय जनता पार्टी के श्री विद्या रतन भसीन विधायक वैषाली नगर के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत् प्रकरण पंजीबध है।

श्री जयसिंह अग्रवाल वर्तमान में कोरबा विधान सभा, जिला-कोरबा के भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विधायक है। उनके विरूद्ध कुल 8 अपराधिक मामले लंबित है। श्री अमित एष्र्वय जोगी वर्तमान में मरवाही विधान सभा, जिला-बिलासपुर के भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विधायक उनके विरूद्ध कुल 14 अपराधिक मामले लंबित है। श्री संतोष उपाध्याय वर्तमान में राजिम विधान सभा, जिला-गरियाबंद के भारतीय जनता पार्टीके विधायक है। उनके विरूद्ध कुल 1 अपराधिक मामला लंबित है। श्री वृहस्पत सिंह वर्तमान में रामानुजगंज विधान सभा, जिला-बलरामपुर के भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विधायक है। उनके विरूद्ध कुल 4 अपराधिक मामले लंबित है। श्री सियाराम कौषिक वर्तमान में बिल्हा विधान सभा, जिला-बिलासपुर के भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विधायक है। उनके विरूद्ध कुल 3 अपराधिक मामले लंबित है। श्री भूपेष बधेल वर्तमान में पाटन विधान सभा, जिला-दुर्ग के भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विधायक है। उनके विरूद्ध कुल 2 अपराधिक मामले लंबित है। श्री भईया राम सिन्हा वर्तमान में संजारी बालोट विधान सभा, जिला-बालोट के भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विधायक है। उनके विरूद्ध कुल 2 अपराधिक मामले लंबित है। श्री महेष कुमार गागड़ा वर्तमान में बीजापुर विधान सभा, जिला-बीजापुर के भारतीय जनता पार्टी के विधायक है। उनके विरूद्ध कुल 1 अपराधिक मामला लंबित है। श्री श्रीचंद सूनदरानी वर्तमान में रायपुर सीटी उत्तर विधान सभा, जिला-रायपुर के भारतीय जनता पार्टी के विधायक है। उनके विरूद्ध कुल 3 अपराधिक मामला लंबित है। श्री धनेंद्र साहु वर्तमान में अभनपुर विधान सभा, जिला-रायपुर के भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विधायक उनके विरूद्ध कुल 2 अपराधिक मामले लंबित है। श्री सत्यनारायण षर्मा वर्तमान में रायपुर ग्रामिण विधान सभा, जिला-रायपुर के भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विधायक उनके विरूद्ध कुल 1 अपराधिक मामला लंबित है। श्री षिवरतन षर्मा वर्तमान में बलौदा बाजार विधान सभा, जिला-भाटापारा के भारतीय जनता पार्टी के विधायक है। उनके विरूद्ध कुल 1 अपराधिक मामला लंबित है। श्री विद्या रतन भसीन वर्तमान में वैषाली नगर विधान सभा, जिला-दूर्ग के भारतीय जनता पार्टी के विधायक उनके विरूद्ध कुल 1 अपराधिक मामला लंबित है। श्री गिरवर जंधेल वर्तमान में खैरागढ़ विधान सभा, जिला-राजनांदगांव के भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विधायक है। उनके विरूद्ध कुल 1 अपराधिक मामला लंबित है। श्री देवजी भाई पटेल वर्तमान में धरसीवां विधान सभा, जिला-रायपुर के भारतीय जनता पार्टी के विधायक उनके विरूद्ध कुल 1 अपराधिक मामला लंबित है।

दिनांक 11.12.2013 को छ0ग0 इलेक्षन वाॅच के द्वारा छ0ग0 के मुख्यमंत्री श्री रमन सिंह के नाम से उपरोक्त विधायकों के उक्त विष्लेषण के साथ आवेदन किया गया था। हमारे देष की आर्दष संवैधानिक संस्थाए पारदर्षी और अपराधी विहिन राजनीति की आषा करता है। इस संबंध में समय-समय पर ये आर्दष संवैधानिक संस्थाएं समुचित आदेष/निर्देष जारी करती रहीं हैं। इसके विपरीत विभिन्न राजनैतिक दल अपने-अपने पार्टीयों से अपराधिक पृष्टभूमि के प्रत्यासी विभिन्न चुनावों में उतारते हैं। वर्तमान विधान सभा में विजयी कुछ प्रत्यासियोें के विरूद्ध हत्या, अपहरण, अपराधिक धमकी, षासकीय कार्यो में अवरोध डालना और महिलांओं के विरूद्ध अपराध जैसे अपराध दर्ज है। चुनाव जीत कर ये विधायक विधान सभा मंे पहुंचे है। अपने राजनैतिक पहुंच और पैरवी से अपने विरूद्ध उक्त अपराधिक मामलों को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से प्रभावित कर सकते है अथवा प्रकरण के विचारण में अनावष्यक बिलंब कर सकते है। न्यायहित में उन्हें एैसा करने से रोका जाना चाहिए।

भारत का संविधान का अनुच्छेद 227  में कहा गया है कि सभी न्यायालयों के अधीक्षण की उच्च न्यायालय की षक्ति है। व भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा न्यायिक मजिस्टेªटों के न्यायालयों पर अधीक्षण का निरंतर प्रयोग करने का उच्च न्यायालय का कर्तव्य बताया गया है। इन तथ्यों के आधार पर आरटीआई कार्यकत्र्ता राजकुमार मिश्रा ने जनहित याचिका प्रस्तुत किया। इस जनहित याचिका की सूनवायी छ0ग0 हाई कोर्ट न्यायमूर्ति सुनिल कुमार सिन्हा व न्यायमूर्ति इंदर सिंह उवबेजा के न्यायालय में हुई। हाई कोर्ट ने इस जनहित याचिका का निपटारा सर्वोच्य न्यायालय के हालिया निर्णय में दिये दिषा निर्देषों के आधार पर किया है।

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