एक दशक तक 7, रेस कोर्स रोड पता वाले मकान में रहने के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनकी पत्नी गुरशरण कौर अब 3, मोतीलाल नेहरू मार्ग में जाने की तैयारी में हैं। यह बंगला भी हालांकि उनके पुराने आवास से कोई बहुत ज्यादा दूर नहीं है। हरियाली से घिरा यह बंगला करीब तीन एकड़ में पसरा है। सामने और पिछवाड़े विस्तृत लॉन हैं। यह बंगला कभी शीला दीक्षित का आवास हुआ करता था, जब वह दिल्ली की मुख्यमंत्री थीं। दिल्ली विधानसभा चुनाव में पराजित होने के बाद शीला को यह बंगला खाली करना पड़ा था। इसी बंगले में पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिंह राव भी 1996 में पद से हटने के बाद से दिसंबर 2004 में निधन होने तक रहे थे।
बंगले की मरम्मत में आवास के इर्दगिर्द सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है। प्रवेशद्वार पर एक नई सुरक्षा चौकी बनवाई गई है। चाहरदीवारी की ऊंचाई बढ़ाई गई है और उस पर बारबंदी की गई है। पूर्व प्रधानमंत्री हो जाने पर भी मनमोहन सिंह और उनके परिवार को विशेष सुरक्षा दस्ता (एसपीजी) की सुरक्षा मिलती रहेगी। प्रवेशद्वार पर एक बड़ा सा लोहे का दरवाजा लगाया गया है। इसके अलावा मुख्यद्वार से सटे सुरक्षा केबिन का भी नवीकरण कराया गया है।
बाग-बगीचे को भी नया रूप दिया जा रहा है। गमलों के पौधे बदल दिए गए हैं और लॉन के घास को करीने से काटने में माली व्यस्त हैं। इन सबके बीच सुरक्षा केबिन की दीवारों पर रंग-रोगन करने वाले मजदूरों को हालांकि यह नहीं पता है कि यहां रहने आने वाला शख्स कौन है। लेकिन वे पूरे आत्मविश्वास के साथ यह जरूर कहते हैं कि इसमें कोई 'वीआईपी'रहने आएगा।