बिहार में जीतन राम मांझी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद ही जनता दल (युनाइटेड) में उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस विवाद को लेकर हालांकि जद (यू) के बड़े नेता लगातार प्रयास कर रहे हैं, परंतु यह थमने के बजाए धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले संजय कुमार सिंह ने भी बुधवार को प्रवक्ता पद से इस्तीवफा देकर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद जद (यू) में नाराज लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। मंत्रिमंडल विस्तार में अन्य दलों से आए नेताओं को तरजीह देने से नाराज संजय ने पार्टी प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को सौंप दिया है। इस बीच सूत्रों का मानना है कि वे पार्टी भी छोड़ सकते हैं।
इधर, जद (यू) के प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे चुके विधान पार्षद नीरज कुमार बुधवार को पटना पहुंचे। पटना पहुंचने के बाद उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि अभी भी वे अपने स्टैंड पर कायम हैं। उन्होंने कहा 'ऐसे लोगों को जिन्हें जनता ने नकार दिया है वैसे लोगों को पहले विधान पार्षद बनाया गया और फिर मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया। यह उन कार्यकर्ताओं के लिए अपमान है जिन्होंने इस पार्टी को सींचने का काम किया है।'
उन्होंने तत्काल ऐसे लोगों को पार्टी से बाहर करने की मांग करते हुए कहा कि उनके नेता नीतीश कुमार हैं जिन्होंने राजनीति में एक आदर्श प्रस्तुत किया है। इस बीच जद (यू) के सूत्रों के मुताबिक जद (यू) के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने नीरज से फोन पर बात की है परंतु वे अपने स्टैंड पर बने हुए हैं। इधर, नीरज के आवास पर जद (यू) के विक्षुब्ध नेताओं की बैठक हो रही है।
इस बीच विधायक ज्ञानेन्द्र सिंह ज्ञानु के तेवर भी ठंडे पहीं पड़े हैं। ज्ञानु ने अनुशासन समिति के अध्यक्ष के नाते पथ निर्माण मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, राष्ट्रीय महासचिव आऱ सी़ पी़ सिंह और विधान पार्षद ललन सर्राफ और संजय कुमार सिंह का बर्खास्त करने की सिफारिश की है। उन्होंने दावा किया है कि पार्टी से नाराज 16 विधायक उनके साथ हैं। इधर, राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और विधायक अजीत कुमार भी मंत्रिमंडल विस्तार से नाराज हैं।
इस बीच प्रदेश जद (यू) के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि कहीं कोई बवंडर नहीं मचा है। एक परिवार में तो कभी नाराजगी हो जाती है, पार्टी तो बहुत बड़ी है। कुछ लोग नाराज हैं, जिन्हें मना लिया जाएगा।'उल्लेखनीय है कि सोमवार को मांझी सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए 14 नए मंत्रियों को शपथ दिलाई गई थी।