एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज ने 2005 के मोनाक वर्ल्ड एथलेटिक्स के फाइनल में सिल्वर मेडल जीता था, लेकिन अब वो बन गई हैं भारत की ओर से वर्ल्ड एथलेटिक्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट. उनके सिल्वर मेडल को गोल्ड मेडल में प्रमोट कर दिया गया है.
अंजू 2005 में मोनाको वर्ल्ड एथलेटिक्स फाइनल में दूसरे स्थान पर रही थीं लेकिन इंटरनेशनल एथलेटिक्स महासंघ (आईएएएफ) ने रूस की तातयाना कोतोवा के डोपिंग में पकड़े जाने के कारण अब अंजू को गोल्ड मेडल दे दिया है. अंजू ने कहा, 'मुझे एएफआई (भारतीय एथलेटिक्स महासंघ) ने बताया कि मोनाको वर्ल्ड एथलेटिक्स फाइनल्स के लिए मुझे गोल्ड मेडल मिलेगा. मैं वास्तव में खुश हूं और इंतजार का फल मीठा होता है यह साबित हो गया.'उन्होंने कहा, 'रूस की लंबी कूद की चोटी की महिला एथलीटों को लेकर मुझे हमेशा संदेह रहा और मैं जानती थी कि वे डोप में फंस सकती हैं.'
रूस की कोतोवा को पिछले साल डोपिंग में पकड़ा गया था. हेलसिंकी में 2005 में हुई वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में लिए गए उनके नमूनों में प्रतिबंधित पदार्थ पाए गए. इंटरनेशनल ओलंपिक समिति के प्रतिबंधित दवा सेवन करने वाले खिलाडि़यों को पकड़ने के लिए एथेंस ओलंपिक 2004 से लेकर 8 साल पुराने नमूनों का फिर से परीक्षण करने के फैसले के तहत आईएएएफ ने भी 2005 वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के नमूनों का फिर से परीक्षण किया.
मोनाको वर्ल्ड एथलेटिक्स फाइनल्स (9 से 10 सितंबर 2005) में उस समय के शीर्ष आठ एथलीटों ने हिस्सा लिया था. यह प्रतियोगिता हेलंसिकी में हुई 2005 वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप (6 से 14 अगस्त) के कुछ दिन बाद आयोजित की गई और इसलिए कोतोवा का बाद की प्रतियोगिता में हासिल किया गया परिणाम रेकॉर्ड बुक से हटा दिया गया. भारतीय एथलेटिक्स महासंघ को अभी आईएएएफ से आधिकारिक सूचना नहीं मिली है हालांकि आईएएएफ की वेबसाइट पर विश्व एथलेटिक्स फाइनल 2005 के परिणामों को अपडेट कर दिया गया है. अंजू ने तब 6. 75 मीटर छलांग लगाई थी और उनके नाम पर गोल्ड मेडल दर्ज कर दिया गया है. एएफआई अध्यक्ष आदिलि सुमरिवाला ने कहा कि आईएएएफ से जल्द ही आधिकारिक सूचना मिलने की उम्मीद है. उन्होंने कहा, 'आईएएएफ वेबसाइट ने अंजू को गोल्ड मेडल विजेता बता दिया है. हमें अभी आईएएएफ से आधिकारिक सूचना नहीं मिली है. हमें एक या दो दिन में आधिकारिक दस्तावेज मिलने की उम्मीद है. सुमरिवाला ने कहा, 'अंजू अब एकमात्र भारतीय ट्रैक एंड फील्ड एथलीट हैं जिन्होंने वर्ल्ड प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता.'अंजू 2005 हेलंसिकी वर्ल्ड चैंपियनशिप में पांचवें स्थान पर रही थीं और कोतोवा (जो दूसरे स्थान पर रही थी) के अयोग्य घोषित हो जाने के बाद वह चौथे स्थान पर काबिज हो गई हैं.
उन्होंने कहा कि वह 2004 एथेंस ओलंपिक के परिणामों में भी इसी तरह के बदलाव की उम्मीद कर रही हैं. रूस की तीन एथलीट तातयाना लेबेडेवा, इरिना सिमागिना और कोतोवा एथेंस में पहले तीन स्थान पर रही थीं, जबकि ऑस्ट्रेलिया की ब्रोनविन थाम्पसन चौथे और अंजू पांचवें स्थान पर रही थीं. अंजू ने कहा, 'सिमागिना को 2006 में डोप परीक्षण में पॉजिटिव पाया गया था और बाद में रूसी महासंघ ने उन्हें निलंबित कर दिया था. मुझे उम्मीद है कि अगर उनके नमूनों का फिर से परीक्षण किया जाता है तो फिर मुझे एथेंस ओलंपिक में पदक मिल सकता है.'