- शिक्षा व छात्रों के ज्वलंत सवालों को लेकर लगातार लड़ा है एआईएसएफ, पुलिस दमन से न छात्रों का आंदोलन दवा है न दवेगा, 8 जनवरी 2014 की धटना बिहार पुलिस की नृशंस कार्रवाई, तमाम छात्रों, संगठनों एवं आमजन से संगठन ने किया बंद को सफल बनाने का आह्वान
पटना, 15 जनवरी 2014। 8 जनवरी 2014 को एआईएसएफ द्वारा बिहार विधान सभा धेराव के दौरान बिहार पुलिस द्वारा छात्रों की पिटाई एवं जेल भेजे जाने की कार्रवाई अमानविय एवं अपराधिक है। बिहार की पुलिस और सरकार अपने दमन के बल से समझती है कि अपने दमन के बल से छात्रों की आवाज को दबा देगी। लेकिन एआईएसएफ का आंदोलन न दबा है न दबेगा। 1942, 1955,1965,1974 का ऐतिहासिक आंदोलन इसके ज्वलंत गवाह हैं। उक्त बातें आज संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए संगठन के राष्ट्रीय महासचिव विष्वजीत कुमार ने कही।
8 जनवरी का आंदोलन प्रयाप्त संख्या में षिक्षकों-कर्मचारियों की नियुक्ति, लोकतांत्रिक ढ़ग से छात्र संघ चुनाव, निजी विष्वविद्यालय कानून के खिलाफ, छात्राओं की सुरक्षा, व्यवसायिक पाठ्यक्रमों की मान्यता, समान स्कूल प्रणाली, टीईटी-एसटीईटी उर्तीण अभ्यर्थियों की अविलंब नियुक्ति सहित 27 मांगों को लेकर आयोजित था। आंदोलन पर पुलिस ने बर्बरता की तमाम हदों को पार कर मांगों को दबाना चाहती थी। ज्ञात हो कि उस दिन संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष, राज्य अध्यक्ष, राज्य सचिव सहित पांच दर्जन से अधिक छात्र नेता घायल हुए और 36 छात्र नेताओं को जेलों में डाल दिया गया था। इन 36 छात्रों में 4 स्कूली बच्चें भी षामिल है। संगठन ने ऐसी विभक्स कार्रवाई के खिलाफ कक्षा बहिष्कार, रेल-रोड जाम आंदोलनों सहित राष्ट्रव्यापी प्रतिरोध दिवस आयोजित किया। लेकिन अबतक बिहार सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके खिलाफ दिनांक 18 जनवरी को आंदोलन पर दमन के खिलाफ एवं छात्रों को न्याय हेतु बिहार बंद का निर्णय लिया है। 16 जनवरी एवं 17 जनवरी को बंद को सफल बनाने के लिए प्रचार अभियान एवं नुक्कड़ सभाओं का आयोजन किया जायेगा। 17 जनवरी को पटना विष्वविद्यालय गेट के पास से षाम में मषाल जुलूस निकाला जायेगा।
उन्होनों आगे कहा कि अबतक के आंदोलनों में विभिन्न छात्र संगठनों की भागिदारी एवं एकजुटता ने दमनकारी सरकार के खिलाफ एक मजबुत प्रतिरोध प्रस्तुत किया है। एआईएसएफ ऐसे तमाम संगठनों को धन्यवाद प्रेशित करती है और 18 जनवरी की बंदी की सफलता का आह्वान करती है। साथ ही जेल में बंद छात्र नेताओं की मुकम्मल इलाज कराने की मांग करती है। संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रीय परिशद सदस्य निषा कुमारी, राज्य कार्यकारिणी सदस्य प्रिंस कुमार, पटना जिला सचिव आकाष गौरव, जिला अध्यक्ष अभिशेक आनंद ेाामिल थे।