मोदी सरकार और सदानंद गौड़ा के पहले रेल बजट को विपक्ष ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जहां इसे अमीरों वाला और केवल अहमदाबाद का बजट बताया, तो अपने चुटीले तर्कों के लिए मशहूर लालू प्रसाद यादव ने प्रस्तावित पीपीपी मॉडल पर चुटकी ली। लालू प्रसाद यादव ने कहा, 'ये पीपी पीपी... हम कई बार सुन चुके हैं। कौन आएगा यहां पैसा लगाने? बजट बिल्कुल अव्यावहारिक है।'बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा, 'रेल मंत्री कह रहे हैं कि रेलवे घाटे में है। ऐसे में प्रस्तावित आधुनिकीकरण के लिए पैसा कहां से आएगा?'
कांग्रेस ने भी मोदी सरकार के पहले रेल बजट पर जमकर निशाना साधा है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि यह बजट काफी कठोर है और इसमें कई राज्यों का ख्याल नहीं रखा गया। लोकसभा में कांग्रेस के नेता और पूर्व रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, बजट केवल अहमदाबाद के लिए है। खड़गे ने मुंबई-अहमदाबाद सेक्टर में बुलेट ट्रेन शुरू करने की सरकार की योजना और मेट्रो शहरों और विकास केंद्रों को रेल नेटवर्क से जोड़ने के लिए हाई स्पीड रेल के हीरक चतुर्भुज नेटवर्क की योजना का उपहास उड़ाया। उन्होंने कहा, 'सरकार ने परियोजना के लिए 100 करोड़ रुपए मुहैया कराए हैं। इस धनराशि से मात्र चार से पांच किलोमीटर रेल लाइन का निर्माण हो सकता है।'
खड़गे ने कहा, 'यह योजना केवल योजना ही रहेगी। कई घोषणाएं हुई हैं लेकिन वे घोषणाएं ही रहेंगी। यह सार्वजनिक निजी साझेदारी (पीपीपी) और एफडीआई बजट है, रेलवे बजट नहीं। इस बजट में गरीबों के लिए कुछ भी नहीं है।'खड़गे ने कहा, यह बजट अमीरों के अनुरूप है। बजट में कुछ भी नया नहीं है। उसमैं कोई भी नयी योजना, कोई नयी परियोजना या कोई नई रेल लाइन नहीं है।
पूर्व रेल मंत्री ने कहा कि उन्होंने स्वयं ही स्वीकार किया है यह प्लान हॉलिडे है। जब वे कुछ भी नया नहीं दे रहे हैं तो उसके बारे में बात करने का क्या मतलब है। सरकार की लोगों के प्रति एक सामाजिक जिम्मेदारी है और यदि जोर केवल वाणिज्यिक व्यवहार्यता पर होगा तो जनकल्याण का क्या होगा जिसके बारे में सरकार अक्सर बात करती है? तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने रेल बजट पर कहा, 'क्या किसी ने ऐसा अपमान और उपेक्षा देखी है। केंद्र सरकार द्वारा बंगाल को पूरी तरह से उपेक्षित रखा गया है।'