उड्डयन नियामक ने सोमवार को किफायती विमानन कंपनी स्पाइसजेट को निर्देश दिया कि वह मुंबई-दिल्ली उड़ान सेवा के यात्रियों को पैसे वापस करे, जिसमें पिछले महीने पांच घंटे की देरी हुई थी। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने 16 जून की उड़ान संख्या एसजी-419 का संज्ञान लिया, जिससे 172 यात्री मुंबई और दिल्ली के बीच यात्रा करने वाले थे। तकनीकी कारणों से विमान चार घंटे से अधिक समय तक उड़ान नहीं भर पाया। आखिरकार साढ़े चार घंटे के बाद किसी दूसरे विमान से उस उड़ान का संचालन किया गया।
नियामक द्वारा की गई जांच में यह भी पता चला कि विमानन कंपनी ने तब भी यात्रियों को खान-पान सामग्री बेची, जब विमान हवाईअड्डे पर ही खड़ा था। डीजीसीए ने कहा कि यह नियम के विरुद्ध था। विमानन कंपनी को देरी या उड़ान रद्द होने की स्थिति में पेयजल और खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना होता है।
कंपनी ने हालांकि अपना बचाव करते हुए कहा है कि उसने देरी की स्थिति में उद्योग की आम प्रथा का पालन किया है। कंपनी ने कहा, "अधिकांश विमानन कंपनियों की तरह स्पाइसजेट ऐसी स्थिति में देरी के दौरान जमीन पर खाद्य पदार्थो की आपूर्ति करती है और हम डीजीसीए को जल्द ही अपना जवाब भेजेंगे।"कंपनी ने कहा, "हमें गंभीर इंजीनियरिंग मुद्दे पर डीजीसीए से कोई पत्र नहीं मिला है।"