गोवा के उपमुख्यमंत्री फ्रांसिस डिसूजा ने आज अपने इस बयान के लिए खेद जताया कि वह एक ईसाई हिंदू हैं। इस टिप्पणी के लिए कैथलिक समुदाय ने उनकी निंदा की थी। डिसूजा ने संवाददाताओं से कहा, अगर मैंने किसी की भावनाओं को आहत किया है तो मैं माफी चाहता हूं। मुझे जो लगता था, मैंने कहा। आपके मुताबिक मेरा विचार गलत हो सकता है, लेकिन मेरे हिसाब से मैं सही हूं।
पिछले हफ्ते गोवा के मंत्री दीपक धवलीकर ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत हिंदू राष्ट्र बनेगा। उसके बाद डिसूजा ने यह कहकर बात और बढ़ा दी कि भारत पहले से हिंदू राष्ट्र है और हमेशा बना रहेगा। उन्होंने कहा था, भारत हिंदू राष्ट्र है। भारत हिंदुस्तान है। हिंदुस्तान में मुझ समेत सभी भारतीय हिंदू हैं। मैं ईसाई हिंदू हूं।
डिसूजा ने हिंदू शब्द का जिक्र करते हुए कहा था कि इस शब्द से उनका आशय धर्म से नहीं है। उन्होंने कहा, हिंदू मेरी संस्कृति है। ईसाई मेरा धर्म है। जब मैं हिंदू कहता हूं तो इसका मतलब संस्कृति है, धर्म नहीं। डिसूजा ने कहा था कि हिंदू धर्म 5000 साल पुराना है जबकि मेरा धर्म 2000 साल पुराना है।
गोवा के ईसाई समुदाय ने उपमुख्यमंत्री के बयान की निंदा की थी। पादरी फादर इरेमिटो रेबेलो ने कल कहा था, वह (डिसूजा) खुद को हिंदू-ईसाई कैसे बता सकते हैं वह खुद को भारतीय ईसाई कह सकते हैं। राकांपा की प्रदेश इकाई के प्रवक्ता ट्रोजानो डिमेलो ने पिछले हफ्ते मांग की थी कि चर्च को डिसूजा के बयान के लिए उनका बहिष्कार करना चाहिए।