राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष ममता शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि आयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति सेवानिवृत्त न्यायाधीश की नहीं, बल्कि किसी राजनीतिक व्यक्ति की होनी चाहिए। ममता शर्मा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, "मैं सरकार की उस सिफारिश से सहमत नहीं हूं, जिसमें उसने अध्यक्ष पद पर कानून की पृष्ठभूमि वाले किसी व्यक्ति की ही नियुक्ति की बात की है। इस पद पर किसी ऐसे व्यक्ति को बैठाना चाहिए, जिसने महिलाओं के लिए जमीनी स्तर पर काम किया हो। यहां तक कि एक गैर राजनीतिक व्यक्ति भी एनसीडब्ल्यू का अध्यक्ष हो सकता है।"
उल्लेखनीय है कि महिला व बाल विकास मंत्रालय ने एनसीडब्ल्यू के अध्यक्ष पद पर सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश की नियुक्ति का प्रस्ताव किया है। शर्मा ने हालांकि इस बात पर सहमति जताई कि आयोग के दो सदस्य कानून की पृष्ठभूमि से हों, ताकि आयोग को सुचारु रूप से काम करने में सहूलियत हो। तीन साल की सेवा के बाद शुक्रवार को शर्मा का कार्यकाल समाप्त हो गया। लेकिन उन्हें लगता है कि आयोग के अध्यक्ष का कार्यकाल पांच साल का होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि दिसंबर 2012 में दिल्ली में हुआ सामूहिक दुष्कर्म का मामला उनके लिए बेहद चुनौती पूर्ण था। वह कहती हैं, "ज्यादा कार्यक्रम चलाने के लिए आयोग को अधिक धन की जरूरत है।"जुवेनाइल कानून में संशोधन से ममता शर्मा ने सहमति जताई।