दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को राहत देते हुए नेशनल हेराल्ड मामले में न्यायालय में पेश होने से संबंधित एक आदेश पर बुधवार को 13 अगस्त तक के लिए रोक लगा दी। न्यायमूर्ति वी. पी. वैश ने निचली अदालत के आदेश को 13 अगस्त तक के लिए निलंबित कर दिया। अदालत उस रोज कांग्रेस नेताओं की ओर से निचली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए दायर की गई अर्जियों पर दलील सुनेगी।
सोनिया गांधी की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने निचली अदालत की कार्यवाही निरस्त करने की मांग की। उन्होंने कहा, "दंडाधिकारी का हर बिंदु पर हर फैसला चूक से परिपूर्ण है।"उन्होंने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह कार्यवाही उस पक्ष के खिलाफ शुरू हुई है जो उस अखबार को जिंदा करने का प्रयास कर रही है जिसका 80 वर्षो से कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़ाव रहा है। अदालतों को इस मामले की परीक्षा करते समय बेहद सावधानी बरतनी चाहिए।"
सिब्बल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सुब्रमण्यम स्वामी के उस दावे को खारिज किया जिसमें स्वामी ने कहा है कि यंग इंडियन लिमिटेड (वाईआईएल) के बड़े अंशधारक होने के नाते सोनिया गांधी और राहुल गांधी को एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के अधिग्रहण से लाभ हुआ। उन्होंने स्पष्ट किया कि वाईआईएल धारा 25 के तहत कंपनी है जो प्रकृति में एक सोसायटी है और इसके अंशधारकों को न तो कोई लाभांश मिलता है और न ही वेतन या अन्य लाभ।
राहुल गांधी के लिए पेश अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि वाईआईएल के अंधधारकों की एजेएल की संपत्तियों पर कोई मालिकाना नहीं है। उन्होंने कहा कि एजेएल की सभी संपत्ति आज भी प्रकाशन की है न कि उसके 762 अंशधारकों की। कांग्रेस नेताओं के वकील ने कहा, "एजेएल की दिल्ली, मुंबई, पटना और पंचकुला स्थित संपत्ति सरकारी लीज के तहत है। केवल लखनऊ की संपत्ति ही एक खराती नेत्र अस्पताल के पास दीर्घावधि लीज के तहत है। अनुबंध के अनुसार इन संपत्तियों का खास तौर से बेचे जाने पर प्रतिबंध है।"
सिंघवी ने यह भी उल्लेख किया कि स्वामी ने यह सूचना छिपा ली कि चुनाव आयोग ने उनकी इसी तरह की शिकायत को नवंबर 2013 में ठुकरा दिया था। उन्होंने तब आयोग से एक निजी कंपनी को डूबने वाला कर्ज देने के कारण कांग्रेस का पंजीयन रद्द करने की मांग की थी।
दोनों गांधी के अलावा कांग्रेस के कोषाध्यक्ष मोती लाल वोरा, गांधी परिवार के करीबी सुमन दुबे और आस्कर फर्नांडीज ने भी निचली अदालत की कार्यवाही निरस्त करने की मांग की है। स्वामी की शिकायत पर 26 जून को निचली अदालत ने कांग्रेस के नेताओं को समन जारी कर 7 अगस्त को हाजिर होने का निर्देश दिया था। स्वामी ने अपनी अर्जी में सभी पर एजेएल के अधिग्रहण में धोखाधड़ी का आरोप लगाया। एजेएल को नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन शुरू करने के लिए गठित फर्म वाईआईएल ने अधिगृहीत किया था। वाईआईएल में सोनिया और राहुल दोनों के 38-38 प्रतिशत शेयर हैं।