- सरकार के इस निर्णय से आयोजको में आक्रोश
धर्म की नगरी काशी में होने वाला व्यास महोत्सव अब प्रयाग में होगा। यूपी सरकार के मुखिया अखिलेश सिंह यादव ने इसकी घोषणा कर दी है। सरकार के इस निर्णय से काशीवासियों में जबरदस्त आक्रोश है। आयोजकों ने कहा, इस निर्णय के खिलाफ आंदोलन होगा। आयोजकों ने सरकार के इस निर्णय को खिसियान बिल्ली खंबा नोचई वाली बात बताते हुए कहा कि अखिलेश ने यह निर्णय तब लिया है जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वाराणसी को संस्कृति का महत्वपूर्ण केंद्र बनाना चाहते हैं। यहां के घाटों से लेकर पर्यटन तक को विकसित करने की उनकी योजना है। आगामी 20 अबस्त को काशी में मिनी पीएमओं हाउस का भी लांचिंग होने वाला है। आरोप है कि केंद्र में सरकार बदलने के बाद राज्य सरकार ने आयोजन स्थल बदलने का निर्णय किया है। इसके लिए गत वर्ष सम्पूर्णानंद विश्वविद्यालय प्रशासन से हुए विवाद को कारण बताया जाना बेबुनियाद है। वर्ष 2013 में संस्कृत विश्वविद्यालय प्रशासन से महोत्सव आयोजन स्थल के किराए को लेकर मामूली कहासुनी के बाद इसे बीएचयू में कराया गया था।
काशीवासियों का कहना है कि व्यास जयंती पर प्रतिवर्ष राज्य सरकार के उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान की ओर से व्यास महोत्सव कराया जाता है। वर्ष 2007 से लगातार यह आयोजन काशी में होता आ रहा है लेकिन इस वर्ष का महोत्सव दिसंबर में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में कराने की तैयारियां चल रही हैं। तकरीबन 15 लाख से भी अधिक धनराशि खर्च होने वाले इस आयोजन कार्यक्रम में वेद.पुराणों पर गोष्ठियां, सांस्कृतिक कार्यक्रम व प्रतियोगिताएं होती हैं। इस आयोजन में देश के मशहूर व इंटरनेशनल हस्तियां व संस्कृत विद्वान शामिल होते हैं। हालांकि इस मामले पर उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष सुहैल कहना हैं कि काशी की तरह प्रयाग भी देश का महत्वपूर्ण सांस्कृतिक केंद्र है। इसलिए स्थल बदले जोन को लेकर आपत्ति नहीं की जाना चाहिए।
(सुरेश गांधी)