अब होगी उत्तराखंड भाजपा की पूरी ओवरहालिंग, कोश्यारी और निशंक पर दांव खेलेगा केन्द्रीय नेतृत्व
- दूसरे पांत के नेता हरीश रावत से लड़ने में अक्षम
देहरादून,8 अगस्त (राजेन्द्र जोशी)।उत्तराखंड भाजपा की सेकेंड लाइन के कमजोर प्रदर्शन से नाखुश पार्टी हाईकमान एक बार फिर प्रथम पंक्ति के नेताओं की ओर देखने लगा है। अगर बहुत कुछ उलट फेर नहीं हुआ तो शीघ्र ही प्रदेश भाजपा संगठन की ओवरहालिंग कर दी जाएगी। ऊपर से नीचे तक सभी बदल दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री हरीश रावत से दो-दो हाथ करने के लिए कोश्यारी या निशंक को प्रदेश के पटल पर लाया जाएगा। यह सारी कवायद मिशन 2017 के विधानसभा चुनाव को केन्द्र में रखकर की जा रही है। हालिया दो चुनावों में पार्टी को मिली शिकस्त के बाद प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत और नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट की परफार्मेंस का नए सिरे से आंकलन शुरू हो गया है। पंचायत चुनाव में उत्तरकाशी, पौड़ी समेत कुछ अन्य जिलों में उम्मीदवारों के ‘चयन’ और लचर चुनावी रणनीति ने कई सवाल खड़े कर दिए है। पौड़ी में सुमन कोटनाला और उत्तरकाशी में यशोदा राणा की उपेक्षा भाजपा को भारी पड़ गयी। पार्टी नेतृत्व को लगने लगा है कि मौजूदा प्रदेश नेतृत्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के कद के आगे बौना साबित हो रहा है। कई मुद्दों पर बड़े नेता सरकार की घेराबंदी नहीं कर पा रहे है। दोनों चुनावों में इन नेताओं की रही सही पोल भी खुल गयी। और जनता ने भाजपा को ही कडुवी दवा चखा दी। हालांकि, भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व त्रिवेन्द्र रावत, धन सिंह रावत और प्रकाश पंत के नाम पर भी सोच विचार कर रहा है। भाजपा की द्वितीय पंक्ति के यह तीनों नेता सभी को साथ लेकर चल पाएंगे इसमे भी संशय बना हुआ है। साथ ही यह बात सामने आ रही है कि ये तीनों नेता भी हरीश रावत और किशोर उपाध्याय के राजनीतिक कौशल से पार भी नहीं पा पाएंगे! हालांकि, भाजपा नेतृत्व ने बड़े नेताओं को लोकसभा का टिकट देकर प्रदेश में दृूसरी और तीसरी पांत के नेताओं को आगे बढ़ाने की सार्थक पहल की थी। लेकिन ये नेता फिलवक्त अमित शाह की कसौटी पर खरे नहीं उतरे है। अब तो नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट को चुनाव जीत गए मुख्यमंत्री हरीश रावत से विधानसभा के अंदर भी निपटना होगा। मुख्यमंत्री अब दोगुने जोश के साथ अपनी सरकार को बचाते नजर आएंगे। वैसे भी अंदरूनी राजनीति के चलते कई बार अजय भटट् को सदन के अंदर अपने ही विधायकों से जूझना पड़ जाता है। बहरहाल, 9 अगस्त की दिल्ली में हो रही भाजपा राष्ट्रीय कार्यपरिषद के बाद उत्तराखंड के मुद्दे पर गंभीर चर्चा होने की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक कोश्यारी और निशंक ही मुख्यमंत्री हरीश रावत की काट के तौर पर देखे जा रहे हैं। दोनों नेता संगठन क्षमता में काफी दक्ष भी माने जाते हैं। उधर, बी सी खंडूड़ी की बढ़ती उम्र को देखते हुए उन्हें किसी आयोग और बोर्ड की कुर्सी पर बैठाया जा सकता है। हालांकि, तीरथ सिंह रावत के विकल्प के तौर पर धन सिंह रावत के लिए पार्टी व संघ के कुछ बड़े नेता भी जोर लगाए हुए है।
प्रभारी मंत्री के 162 किमी दूर बैठक बुलाने पर आपत्ति, जनता की गाढ़ी कमाई को लूटाने का आरोप
- जनमार्चा ने सीएम से मांगा जबाब
देहरादून/पिथौरागढ 8 अगस्त(निस)। उत्तराखण्ड जनमोर्चा ने जिले के प्रभारी मंत्री दिनेश अग्रवाल द्वारा बनबसा में जिला योजना की बैठक बुलाने पर कड़ी प्रतिक्रिया की।कहा कि सीएम हरीश रावत कड़े फैसले के नाम पर जनता को इस बीच डरा रहे हैं। वहीं रावत सरकार के मंत्री पिथौरागढ से 162 किमी दूर बनबसा में बैठक कर सरकारी धन की बरबादी कर रहे है। जनमोर्चा के संयोजक जगत मर्तोलिया ने सीएम को पत्र भेजकर कहा कि एक ओर सीएम जनता को कड़े फैसलों की बात कहकर राज्य की आर्थिक हालात ठीक नहीं होने का संदेश दे रहे है। वहीं प्रभारी मंत्री ने जिले में होने वाली बैठक को बनबसा बुलाकर सरकारी धन को फिजूल खर्च करने का संदेश दे दिया है। उन्होंने कहा कि अच्छी सरकार के नाम पर तीन उपचुनाव जीतने वाली सरकार के मंत्री जिले में आना ही नहीं चाहते है। प्रभारी मंत्री रहते हुए दिनेश अग्रवाल हमेशा हैलीकाप्टर से ही यहां आते रहे है। मुख्यमंत्री की विधानसभा का वीआईपी जिला होने के बाद भी आखिर सरकार के मंत्री यहां आने से क्यों कतरा रहे है। इसका जबाब सीएम को देना होगा। उन्होंने कहा कि कड़े फैसले की आड़ में कर ़बढ़त्तरी और सब्सीडी कम करने की तैयारी की जा रही है। लेकिन मंत्रियों के इस तरह की गलत खर्चे की आदतों पर अंकुश नहीं लगाया जा रहा हैं। मर्तोलिया ने कहा कि पहली बार जिला योजना की बैठक जिले से बाहर हो रही है। इस बैठक में भाग लेने के लिए जिले के अधिकारी आज ही चले गये। जिस कारण अपने कार्यो से जिला मुख्यालय पहुॅचे जनता और जनप्रतिनिधियों को निराश होना पड़ा। बैठक बनबसा होने के कारण अफसरों के आने जाने और डीए में हजारों रुपये का अतिक्ति खर्च होगा। प्रभारी मंत्री के जिले में आने से जनता और जनप्रतिनिधियों को सरकार तक अपनी बात पहुॅचाने का मौका मिलता है। काग्रेस सरकार जनता से डरकर यह मौका भी छीन रही है। उन्होंने सीएम से प्रभारी मंत्री के इस हठधर्मिता का जबाब जनता को देने की मांग की।
डीएवी पीजी काॅलेज देहरादून में छात्रों का प्रदर्शन
देहरादून, 8 जुलाई,(निस)। शुक्रवार को डीएवी पीजी काॅलेज में सभी छात्र संगठनों एबीवीपी, आर्यन, साकेत ग्रुप, एसएफआई ने एक होकर काॅलेज के प्राचार्य देवन्द्र भसीन केे इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। छात्रों का कहना है कि काॅलेज प्राचार्य द्वारा काॅलेज मेें भ्रष्टाचार व्याप्त है और काॅलेज की बिल्डिंग की हालात जर्जर हो चुकी है। प्रदर्शन में सभी छात्र नेताओं ने संगठन के छात्रों के साथ मिलकर काॅलेज गेट से लेकर प्राचार्य के आॅफिस तथा काॅलेज प्रांगण में प्राचार्य के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। छात्रों ने बताया कि काॅलेज में पीने के पानी से लेकर कक्षाओं तक का बुरा हाल है। पानी की टंकी को सालों से साफ नहीं कराया गया जिससे छात्रों को दूषित पानी पीना पड़ रहा है। काॅलेज की बिल्डिंग की हालत तो बेहद ही खराब है तथा कक्षाओं मंे फर्नीचर टूटा पड़ा है। अभी एक सप्ताह पहले की ही बात है कक्षा में प्लास्टर गिरा और वहां मौजूद शिक्षक घायल होते बचा। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि काॅलेज में पढ़ रहे छात्रों का जीवन सुरक्षित नहीं है। प्राचार्य के खिलाफ मामला कोर्ट में दर्ज है और जल्द ही सुनवाई होने की संभावना है।
देहरादून बार एसोसिएशन हड़ताल
देहरादून, 8 जुलाई,(निस)। देहरादून बार एसोसिएशन ने तीन मुद्दांे को लेकर शुक्रवार से हड़ताल शुरू कर दी, बार एसोसिएशन ने मांग की कि सब-रजिस्ट्रार आॅफिस में आॅनलाइन रजिस्ट्ररी की जो नई व्यवस्था आरम्भ की गई है उसे बंद किया जाए तथा सब-रजिस्ट्रार आॅफिस में रजिस्ट्रीयों को सुबह 8 से रात 9 बजे तक कार्य करने के खिलाफ व न्यायिक अधिकारी की असंतोषजनक कार्यशैली के विरोध में कार्य बहिष्कार रहा। एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव शर्मा उर्फ बन्टू ने बताया कि 11 अगस्त से हड़ताल रहेगी और 12,13 अगस्त को जिला न्यायालय प्रांगण मेें प्रदर्शन किया जाएगा। एडवोकेट राजीव शर्मा ने हड़ताल के मुद्दो को लेकर कहा कि आॅनलाइन रजिस्ट्ररी की प्रक्रिया से जनता को समस्याओं का सामना करना पड़ेगा और कई सार्थक कार्य संभव नहीं हो पाएगें। उन्होने कहा इससे रजिस्ट्रार आॅफिस रात 9 बजे तक खुलेगा तो आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने ये भी बताया कि न्यायिक अधिकारी, बार एसोसिएशन के साथ सामंजस्य नहीं बना पा रहे हैं जो न्याय संगत नही है। इस दौरान एसोसिएशन ने न्यायलय से संबधी सभी कार्य बंद रखे। वहीं बीती बुधवार को ऋषिकेश बार एसोसिएशन ने भी आॅनलाइन रजिस्ट्ररी के मुद्दे पर कार्य बहिष्कार कर उप निबंधक कार्यालय पर तालाबंदी रखी। ऋषिकेश बार एसोसिएशन के सचिव राकेश सिंह मियां ने कहा कि शासन के इस निर्णय का बार एसोसिएशन कड़ा विरोध करता है। इसके विरोध में दो दिन का कार्य बहिष्कार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निर्णय वापस नहीं लिया गया तो अधिवक्ता आंदोलन को बाध्य होंगे।