थकान के बाद शरीर को तरोताजा करने के लिए हम भारतीयों की पहली पसंद चाय है. लेकिन एक ताजा अध्ययन के मुताबिक चाय पीना हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है. ग्रीनपीस नामक पर्यावरणीय गैर सरकारी संस्था के मुताबिक भारत में बेची जाने वाले प्रमुख ब्रांड की चाय में कथित रूप से हानिकारक कीटनाशकों के अवशेष मौजूद होते हैं.
संस्था की ओर से एक साल तक कराए गए ताजा अध्ययन में कहा गया है कि चाय में जिन खतरनाक कीटनाशकों की मौजूदगी दर्ज की गई है, उनमें डीडीटी जैसा खतरनाक जहरीला तत्व भी शामिल है. ग्रीनपीस की वरिष्ठ प्रचारक नेहा सहगल ने कहा, 'हमने पिछले एक साल में भारत के कई शहरों में बेची जाने वाली चाय की पत्तियों की गुणवत्ता के लिए अध्ययन किया. हमारे अध्ययन में बड़े ब्रांड की चाय में कीटनाशकों के अव्यव सामने आए.'
नेहा ने बताया कि उनकी संस्था ने चाय के कुल 49 नमूनों का अध्ययन किया, जिसमें 34 में कीटनाशकों के अवशेष पाए गए. इनमें से 29 (लगभग 59 फीसदी) में 10 से भी ज्यादा अलग-अलग तरह के कीटनाशकों का मिश्रण पाया गया. इन 29 नमूनों में कम से कम एक कीटनाशक के अवशेष की उपस्थिति, यूरोपीय संघ द्वारा निर्धारित अधिकतम सीमा से भी ज्यादा है.
अध्ययन के लिए दिल्ली, कोलकाता, बेंगलुरु और मुंबई जैसे शहरों के दुकानदारों से जून 2013 से मई 2014 के बीच सैंपल इक्ट्ठा किए गए. सहगल ने कहा कि इन नमूनों में से 67 फीसदी में डीडीटी की उपस्थिति भी पाई गई है. दूसरी ओर, भारतीय चाय बोर्ड ने ग्रीनपीस की ताजा रिपोर्ट को सिरे से खारिज किया है. चाय बोर्ड ने कहा है कि भारत की चाय की पत्ती पूरी तरह सुरक्षित है और उसे कड़े परीक्षणों से गुजारने के बाद ही बेचा जाता है. भारतीय चाय कंपनियां भारतीय चाय बोर्ड के नेतृत्व में काम करती हैं.