सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को एक जनहित याचिका के तहत नोटिस जारी किया, जिसमें देश भर में सिगरेट और दूसरे तंबाकू उत्पादों के उत्पादन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है। सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर. एम लोढ़ा के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा कि यह फैसला विधायिका के हाथ में है।
याचिकाकर्ता फिल्मकार सुनील राजपाल के वकील आदित्य अग्रवाल ने न्यायालय को बताया कि धूम्रपान से संबंधित बीमारियों के उपचार का खर्चा 30,000 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष है, जो तंबाकू उद्योग को प्रतिबंधित नहीं करने के लिए राजस्व अर्जन के तर्को को बेतुका साबित करता है। सर्वोच्च न्यायायल ने जनहित याचिका पर केंद्र सरकार, सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी किया है।