पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख इमरान खान ने गुरुवार को लाहौर से सरकार विरोधी रैली शुरू की। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी और राजनीतिज्ञ खान ने रैली निकालने से पहले अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा उनका संघर्ष नए पाकिस्तान के लिए है, क्योंकि यहां कोई कानून ही नहीं हैं। लाहौर से रैली निकाल चुके प्रदर्शनकारी 370 किलोमीटर की यात्रा कर राजधानी इस्लामाबाद पहुंचेंगे और सरकार के विरोध में धरना देंगे।
खान ने कहा कि हम तब तक अपना विरोध प्रदर्शन बंद नहीं करेंगे, जब तक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ इस्तीफा नहीं दे देते। उन्होंने दावा किया कि शरीफ ने पिछले साल के आम चुनाव में हेराफेरी कर सरकार बनाई है, हालांकि सरकार ने उनके इस दावे का खंडन किया। शरीफ ने इस्तीफे की मांग को खारिज करते हुए इमरान खान पर उनकी सरकार को कमजोर बनाने का आरोप लगाया।
पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर में सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर अर्धसैनिक बल के जवानों और पुलिस को तैनात किया गया है। खान ने लाहौर में जमान पार्क इलाके में स्थित अपने आवास से रैली निकाली। पुलिस ने हालांकि उनकी रैली में कोई हस्तक्षेप नहीं किया। खान ने अपने घर की छत पर से अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, "हम फिरौन के चंगुल से पाकिस्तान को आजाद कराएंगे। पाकिस्तान के इतिहास में आज का दिन एक निर्णायक दिन है।"
इसके बाद खान पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ ट्रक पर सवार होकर रैली के लिए निकले। उन्होंने इस रैली को 'आजादी मार्च'नाम दिया है। पाकिस्तान के 68वें स्वतंत्रता दिवस पर रैली शुरू करने वाले खान ने कहा, "मेरे लिए नहीं लेकिन पाकिस्तान के लिए इस्लामाबाद में एकत्र हों।"पाकिस्तान आवामी लीग (पीएटी)के प्रमुख और धर्मगुरु ताहिर-उल-कादरी ने भी खान के समर्थन में 'परिवर्तन रैली'का ऐलान किया।
लाहौर प्रशासन ने अब तक हालांकि कादरी को रैली निकालने की अनुमति नहीं दी है और उनकी रैली को नाकाम करने के लिए पुलिस को उनके सचिवालय की घेराबंदी कर रखी है। सरकार के खिलाफ कादरी के कठोर भाषणों के बाद से सरकार ने उनके खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। सरकार ने उन पर लोगों के बीच हिंसा भड़काने का भी आरोप लगाया है।
राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने गुरुवार को आगाह करते हुए कहा कि इस समय जब देश आतंकवाद की समस्या से जूझ रहा है और सुरक्षा बल उत्तरी वजीरिस्तान के कबायली क्षेत्रों में सैन्य अभियान में जुटे हैं, ऐसे समय में यह राजनीतिक दुस्साहस उचित नहीं है। लाहौर में एक न्यायालय ने इससे पहले खान और कादरी को असंवैधानिक रैलिया निकालने से मना कर दिया था।