Quantcast
Channel: Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)
Viewing all articles
Browse latest Browse all 78528

योजना आयोग की जगह लेगी नई संस्था : नरेंद्र मोदी

$
0
0

narendra modi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि 64 साल पुराने योजना आयोग ने अपनी उपयोगिता खो दी है, इसलिए इसके स्थान पर जल्द नए संस्थान का गठन किया जाएगा। देश के 68वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, "बहुत जल्द हम एक नए संस्थान का गठन करेंगे, जो योजना आयोग की जगह काम करेगा।" मोदी की यह योजना एक अंतर्राष्ट्रीय समिति की सिफारिश के अनुरूप है, जिसकी स्थापना खुद योजना आयोग ने ही की थी। माना जा रहा है कि नई संस्था एक थिंक टैंक होगी।

मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए योजना आयोग के सामने आर्थिक मदद के लिए दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने कहा कि संघीय ढांचे की महत्ता बढ़ रही है और इस संस्था को इस वास्तविकता पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, "यह एक अच्छा कदम है। हमें इसे मजबूत करना होगा। योजना आयोग के गठन के बाद से जमाना काफी बदल चुका है।"उद्योग जगत ने मोदी की इस घोषणा का स्वागत किया है।

भारतीय उद्योग परिसंघ ने कहा, "नए भारत का निर्माण करने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी, संसाधन का अधिकतम दोहन और राज्यों को अधिक शक्ति दिए जाने के साथ रचनात्मक सोच की जरूरत है।"कांग्रेस पार्टी ने हालांकि इस घोषणा की आलोचना की। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा, "यह शक्ति को किसी एक व्यक्ति के हाथ में केंद्रित करने की कोशिश लगती है।"भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने योजना आयोग के अंतर्गत पंचवर्षीय योजना की शुरुआत की थी। 

भारत सरकार के प्रस्ताव के तहत 15 मार्च 1950 को गठित आयोग ने 1951 से पंचवर्षीय योजना की शुरुआत की थी।  मौजूदा समय में 2012-17 समयावधि के लिए 12वीं पंचवर्षीय योजना प्रभावी है। नेहरू इसके पहले अध्यक्ष और गुलजारी लाल नंदा उपाध्यक्ष थे। वी.टी.कृष्णामचारी, चिंतामन देशमुख, जी.एल.मेहता और आर.के.पाटिल इसके सदस्य थे।  अधिकारियों के अनुसार, मोदी के मन में आयोग के लिए कभी ज्यादा सम्मान नहीं रहा और वह इसे नियंत्रित अर्थव्यवस्था का अवशेष मानते हैं, जो भारत ने सोवियत काल का अनुकरण कर अपनाया है।

खुद योजना आयोग द्वारा संयुक्त राष्ट्र के पूर्व सहायक महासचिव और स्टैनफोर्ड शिक्षित अजय छिबर की अध्यक्षता में गठित स्वतंत्र मूल्यांकन कार्यालय ने आयोग को गैर जरूरी बताया है। इस कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, "यह साफ है कि अपने मौजूदा रूप और कार्यप्रणाली में योजना आयोग देश के विकास में बाधक है, सहयोगी नहीं है।"इस रिपोर्ट ने काफी विवाद पैदा किया था। 

इसके मुताबिक, "इतने व्यापक संस्था में सुधार आसान नहीं। इसके लिए इसे किसी अन्य संस्था के रूप में बदलने की जरूरत है, जो राज्यों को सुधार संबंधी सलाह दे सके।"संयोगवश यह रिपोर्ट मोदी के शपथ ग्रहण करने के तीन दिन बाद 29 मई को पेश की गई थी।

Viewing all articles
Browse latest Browse all 78528

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>