नरेंद्र मोदी ने शनिवार को स्वदेशी तकनीक से निर्मित देश के सबसे बड़े युद्धपोत 'आईएनएस कोलकाता'को नौसेना को समर्पित करते हुए कहा कि यह रक्षा क्षेत्र में भारत की स्वदेशी क्षमता का प्रतीक है। यहां नौसेना के अड्डे पर आयोजित समारोह में मोदी ने कहा, "पूरी तरह से भारत में निर्मित आईएनएस कोलकाता रक्षा क्षेत्र में हमारी आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। यह देश की तकनीकी क्षमता का बेहतरीन उदाहरण है और यह विश्व को मजबूत संदेश भेजेगा।" इस अवसर पर रक्षा मंत्री अरुण जेटली, महाराष्ट्र के राज्यपाल के. शंकरनायाणन, मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और नौसेना के प्रमुख एडमिरल आर.के.धोवन भी मौजूद थे।
मोदी ने कहा, "हम न सिर्फ युद्धपोत नौसेना को समर्पित कर रहे हैं, बल्कि पूरी दुनिया के सामने भारत की तकनीकी क्षमता और रक्षा योग्यता को पेश कर रहे हैं।"मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा निर्मित 6,800 टन वजनी कोलकाता श्रेणी के इस नौसेना के ध्वंसक पोत की डिजाइन भारतीय नौसेना के डिजाइन ब्यूरो ने तैयार की है। 15,000 किलोमीटर दूरी तक अभियान जारी रखने में सक्षम आईएनएस कोलकाता को पिछले महीने नौसेना को सौंपा गया था।
मोदी ने इसे भारत और जनता के लिए ऐतिहासिक दिन करार देते हुए कहा कि यह नौसेना की क्षमता को मजबूती देगा और इस युद्धपोत के कारण कोई भी देश भारत को चुनौती देने का दुस्साहस नहीं करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने स्वनिर्मित रक्षा तकनीक को मजबूती देने के लिए बड़े कदम उठाए हैं और हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना भारतीयों का सपना रहा है। उन्होंने कहा कि अब भारत के पास विश्व को रक्षा तकनीक निर्यात करने की क्षमता मौजूद है, जो देश के लिए गर्व की बात है। उन्होंने आईएनएस कोलाकाता के निर्माण में शामिल रहे भारतीय डिजायनरों, इंजीनियरों, तकनीशियनों और रणनीतिकारों की प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री ने हालांकि, यह भी स्पष्ट किया कि भारत युद्ध नहीं चाहता। उन्होंने कहा, "लेकिन हमें सतर्क, तैयार रहना है। आईएनएस कोलकाता देश की जनता की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा।"मोदी ने महाराष्ट्र के योद्धा छत्रपति शिवाजी के योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने व्यापार और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए समुद्र की सुरक्षा के महत्व को समझा था।
इस युद्धपोत में अत्याधुनिक हथियार प्रणालियां लगाई गई हैं, जिसमें पनडुब्बी रोधी प्रौद्योगिकी शामिल है। एमडीएल द्वारा निर्मित यह सबसे बड़ा स्टील्थ ध्वंसक है। यह दिल्ली श्रेणी (आईएनएस दिल्ली, आईएनएस मैसूर और आईएनएस मुंबई) के पोतों का एक उन्नत संस्करण, लेकिन अधिक विविधता वाला है। यह पोत भारतीय समुद्री युद्धक क्षमता को काफी मजबूती प्रदान करेगा।पोत में लगाए गए अधिकांश हथियार और सेंसर घरेलू तकनीक से निर्मित हैं।
इसमें सतह से सतह पर मार करने वाली अत्याधुनिक ब्रह्मोस मिसाइलें, रॉकेट लांचर, टॉरपीडो ट्यूब लांचर, सोनार हुमसा, ईडब्ल्यूएस एलोरा और एके-360 बंदूकें शामिल हैं। महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट 15-अल्फा के तहत निर्मित इस पोत का नामकरण पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के नाम पर किया गया है, जो पूर्वी भारत का सबसे बड़ा महानगर है।