विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के कार्याध्यक्ष डॉ. प्रवीण तोगड़िया ने रविवार को कहा कि राम मंदिर के निर्माण का संकल्प शीघ्र ही पूरा होगा। उन्होंने कहा कि विहिप देश में कन्याओं और युवाओं के लिए 5,000 से अधिक छात्रावास बनाएगी और करोड़ों निर्धन हिन्दुओं को नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवा दिलाने का तंत्र विकसित किया जाएगा। यहां षडमुखानन्द सभागार में आयोजित विहिप के स्वर्ण जयंती महोत्सव में तोगड़िया ने विहिप के लक्ष्यों को परिभाषित करते हुए कहा कि राम मंदिर के निर्माण का संकल्प शीघ्र ही पूरा होगा तथा गौहत्या व धर्मान्तरण के विरोध में केन्द्रीय कानून बनवाने का प्रयास किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि भारत में और भारत के बाहर हर हिन्दू अपने आप को सुरक्षित महसूस करे, यह सुनिश्चित करना विश्व हिन्दू परिषद का दायित्व है। उन्होंने कहा कि विहिप भारत के हर गांव और शहरों के हर वार्ड में अपनी इकाई की स्थापना करेगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं के स्वावलम्बन के लिए हर जिले में सेल्फ हेल्प ग्रुप विकसित किए जाएंगे। एक लाख से अधिक एकल विद्यालयों के माध्यम से वनवासी व वंचित वर्ग को साक्षर किया जाएगा।
तोगड़िया ने कहा कि गौ आधारित कृषि का विकास किया जाएगा और गोचर धरती की रक्षा कर उन्हंे भूमाफियाओं से मुक्त कराया जाएगा। देश में ऐसी परिस्थितियों का निर्माण किया जाएगा कि भारत गौहत्या के पाप से मुक्त हो जाए। धर्मान्तरण के विरोध में समाज को जाग्रत किया जाएगा और धर्मान्तरण मुक्त भारत का निर्माण किया जाएगा।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने हिन्दू समाज का आह्वान करते हुए कहा कि आज आवश्यकता है कि हिन्दू समाज को स्वयं के जीवनमूल्यों को पहचानना चाहिए और उनके अनुकूल आचरण करना चाहिए। एक अच्छा, पक्का व सच्चा हिन्दू ही समरस, सर्वागसुन्दर व शक्तिसम्पन्न समाज का निर्माण कर सकता है।
स्वर्ण जयंती वर्ष आयोजन समिति के अध्यक्ष, धर्मस्थल कर्नाटक के धर्माधिकारी मा. वीरेन्द्र हेगड़े ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि आज सेवा ही ईश्वर की सबसे बड़ी आराधना है। सेवा के माध्यम से ही समाज में आत्मीयता निर्माण कर समरसता निर्माण किया जा सकता है। विश्व हिन्दू परिषद अपने सेवाकार्यों के माध्यम से समाज में जो परिवर्तन ला रही है वह प्रशंसनीय है।
आयोजन समिति के उपाध्यक्ष माधवन नायर (इसरो के पूर्व अध्यक्ष) ने अपने भाषण में कहा कि पिछड़े हुए हिन्दू समाज के उत्थान के लिए आधुनिक विज्ञान व तकनीकि का प्रयोग करना चाहिए। समस्त पिछड़े वर्ग की शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वच्छ जल की उपलब्धता का लक्ष्य आधुनिक तकनीकों के आधार पर ही संभव है जिसके लिए वे अपनी सेवाएं उपलब्ध करा सकते हैं।