धर्मगुरु और पाकिस्तान अवामी तहरीक (पीएटी) प्रमुख ताहिर-उल-कादरी ने सोमवार को संसद के निचले सदन के सदस्यों को सदन छोड़ने के लिए 48 घंटे का वक्त दिया है। यह समय सीमा ऐसे समय में दी गई है, जब कहा जा रहा है कि इमरान खान के नेतृत्वा वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ और सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के बीच तीसरे दौैर की वार्ता सफल रही है। डॉन आनलाइन ने कादरी के हवाले से कहा, "मैंने नेशनल एसेंबसी के सदस्यों को तय समय सीमा में सदन छोड़ने को कहा है।"
वहीं, पाकिस्तान सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को सरकार के खिलाफ धरना दे रहे दोनों दलों को कांस्टिट्यूशन एवेन्यू को 24 घंटों के अंदर खाली करने को कहा है। दोनों द¶ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। डान ऑनलाइन की रपट के मुताबिक, मुख्य न्यायाधीश नसीरूल मुल्क की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने महान्यायवादी और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) और पाकिस्तान अवामी तहरीक (पीएटी) के अधिवक्ताओं से उस जगह को मंगलवार तक खाली करने को कहा। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि कांस्टिट्यूशन एवेन्यू के रास्ते से ही मंगलवार को न्यायाधीश आएंगे।
उल्लेखनीय है कि बीते 19 अगस्त से संसद भवन और सर्वोच्च न्याया¶य की इमारत के बाहर प्रदर्शनकारी धरने पर बैठे हैं, जिसके कारण सर्वोच्च न्यायालय, प्रधानमंत्री कार्यालय और सचिवालय कर्मियों को आने-जाने में परेशानी हो रही है। अदालत ने यह फैसला सर्वोच्च न्यायालय बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष मुर्तजा और न्यायालय के अन्य कर्मियों की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया।
उधर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्र्टी के प्रमुख इमरान खान ने कहा है कि वह अपनी उस मांग के साथ किसी तरह का समझौता नहीं करेंगे, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को 30 दिनों के लिए पद छोड़ने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि गेंद अब सरकार के पाले में है। पाकिस्तानी दैनिक 'द नेशन'के अनुसार इस्लामाबाद के डी-चौक पर धरने पर बैठे इमरान ने कहा, "मेरी पूर्व की मांग पर यह अंतिम समझौता है। किसी को भी इससे ज्यादा की अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए और अब बारी सरकार की है।"
पीटीआई प्रमुख ने शुरुआत में कहा था कि वह प्रधानमंत्री के इस्तीफे और नए सिरे से संसदीय चुनाव की अपनी मांग वापस नहीं लेंगे, लेकिन पीटीआई के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी द्वारा सुझाए गए उपाय पर वह सहमत हो गए। कुरैशी ने कहा कि पीटीआई पिछले साल के आम चुनाव में हुई धांधली की गवाह है, लेकिन उन्होंने अभी मुंह नहीं खोला है। शरीफ के इस्तीफा देने के बाद ही वे इस बारे में खुलासा करेंगे।
खान ने कहा है कि उनका आंदोलन जुल्फिकार अली भुट्टो के आंदोलन से भी बड़ा है, क्योंकि भुट्टो के आंदोलन में सिर्फ मध्य वर्ग ही शामिल हुआ था। उन्होंने कहा, "इस बार समाज का हर वर्ग मेरे साथ खड़ा है।"पीटीआई प्रमुख इमरान खान और पाकिस्तान अवामी तहरीक (पीएटी) के प्रमुख ताहिर उल-कादरी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के इस्तीफे की मांग को लेकर सरकार विरोधी रैली और प्रदर्शन शुरू होने के बाद से सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच राजनीतिक गतिरोध जारी है।